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WBBSE Class 9 History Chapter 6 Question Answer – द्वितीय विश्वयुद्ध एवं उसके बाद
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
प्रजातंत्र के सिद्धान्त के समर्थक कौन-से देश थे ?
उत्तर :
ब्निटेन, फ्रांस तथा अमेरिका।
प्रश्न 2.
रोम-बर्लिन-टोक्यो धुरी कब बनी थी।
उत्तर :
रोम-बर्लिन-टोक्यिो धुरी 1937 ई. में बनी थी।
प्रश्न 3.
इंग्लैण्ड और फ्रांस ने कब जर्मनी के विरूद्ध युद्ध की घोषणा की ?
उत्तर :
3 सितम्बर 1939 ई० को इंग्लैण्ड और फ्रांस ने जर्मनी के विरूद्ध युद्ध की घोषणा की थी।
प्रश्न 4.
वर्साय संधि के बाद जर्मनी में किस गणतंत्र की स्थापना हुई थी ?
उत्तर :
अधिनायकतंत्र की स्थापना हुई थी।
प्रश्न 5.
कहाँ, किसके द्वारा एवं कब एटम बम गिराया गया ?
उत्तर :
जापान के शहर हिरोशिमा पर अमेरिका द्वारा 6 अगस्त 1945 ई. को एवं नागासाकी पर 9 अगस्त 1945 ई. को एटम बम गिराया गया।
प्रश्न 6.
वर्साय की संधि कब हुई ?
उत्तर :
वर्साय की संधि जून 1919 ई. में हुई।
प्रश्न 7.
मुसोलिनी ने जनतंत्र और अधिनायकवाद के बीच होने वाले संघर्ष के विषय क्या कहा था ?
उत्तर :
मुसोलिनी ने यह घोषणा की कि यदि इटली की शासन सत्ता हमारे हाथों में नहीं आई, तो हम रोम पर आक्रमण कर देंगे। इससे 1922 ई० में संवैधानिक गतिरोध उत्पत्न हो गया।
प्रश्न 8.
द्वितीय विश्वयुद्ध का अंत कब हुआ ?
उत्तर :
द्वितीय विश्वयुद्ध का अंत 14 अगस्त 1945 ई. को हुआ।
प्रश्न 9.
जापान ने किस दिन पर्ल हार्बर पर आक्रमण किया था ?
उत्तर :
जापान ने 7 दिसम्बर 1941 ई. को पर्ल हार्बर पर आक्रमण किया था।
प्रश्न 10.
फासीवाद की उत्पत्ति किस देश में हुई थी?
उत्तर :
इटली में ।
प्रश्न 11.
हिटलर ने पोलैण्ड पर कब आक्रमण किया ?
उत्तर :
हिटलर ने 1 सितम्बर, 1939 ई. को पोलैण्ड पर आक्रमण किया।
प्रश्न 12.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किस तंत्र की विजय हुई?
उत्तर :
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जनतंत्र की विजय हुई।
प्रश्न 13.
प्रथम विश्व युद्ध में किस तंत्र को लोगों ने नकारा था?
उत्तर :
प्रथम विश्व युद्ध में लोगों ने राजतंत्र को नकारा था।
प्रश्न 14.
द्वितीय विश्व युद्ध से किस युग का सूत्रपात हुआ ?
उत्तर :
इस विश्वयुद्ध के पश्चात् समाज दो प्रमुख विचारधाराओं में विभाजित हो गया – साम्यवादी विचारधारा तथा लोकतंत्रीय विचारधारा का युग।
प्रश्न 15.
एकतंत्र के सिद्धान्त का समर्थन किन देशों ने किया था?
उत्तर :
इटली, जापान, जर्मनी इत्यादि।
प्रश्न 16.
हिटलर कौन था?
उत्तर :
जर्मनी का तानाशाह शासक था ।
प्रश्न 17.
द्वितीय विश्व युद्ध किनके-किनके बीच हुआ था?
उत्तर :
धुरी राष्ट्रों और मित्र राष्ट्रों के बीच ।
प्रश्न 18.
जर्मनी ने हालैण्ड पर कब आक्रमण किया?
उत्तर :
10 मई 1940 ई० को ।
प्रश्न 19.
सोवियत संघ में मजदूरों और कृषकों द्वारा स्थापित शासन को किस नाम से जाना गया?
उत्तर :
साम्यवादी शासन ।
प्रश्न 20.
Phony war किसे कहा जाता है?
उत्तर :
सूचनाओं द्वारा लड़े गये युद्ध को फोन वार कहा जाता है ।
प्रश्न 21.
फ्रांस ने जर्मनी के सामने कब आत्म समर्पण किया?
उत्तर :
14 जून, 1940 को ।
प्रश्न 22.
जर्मनी ने कब और किसके संमक्ष आत्म समर्पण किया?
उत्तर :
7 मई 1948 को मिस्र राष्ट्रों के समाने ।
प्रश्न 23.
लेनिनग्राद का युद्ध किनके मध्य लड़ा गया?
उत्तर :
जार शाही सेना और मजदूरों के बीच लड़ा गया ।
प्रश्न 24.
रूस पर जर्मनों ने कब आक्रमण किया?
उत्तर :
22 जून, 1941 ई० को ।
प्रश्न 25.
परमाणु बम का प्रयोग सर्वप्रथम कब हुआ था?
उत्तर :
6 अगस्त 1945 ई० को अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा नगर पर किया गया था ।
प्रश्न 26.
नाटो का पूरा नाम क्या है?
उत्तर :
नार्थ अंलांटिक ट्रिटी अर्गेनाइजेसन ।
प्रश्न 27.
सीटो का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर :
दक्षिण-पूर्व एशिया संधि संगठन।
प्रश्न 28.
द्वितीय विश्व युद्ध की तत्कालीन घटना क्या थी?
उत्तर :
पोलेण्ड पर जर्मनी का आक्रमण था ।
प्रश्न 29.
जर्मनी ने कब रूस पर आक्रमण किया था?
उत्तर :
1941 ई० में ।
प्रश्न 30.
जापान ने अमेरिका पर कब आक्रमण किया था?
उत्तर :
1941 ई० में ।
प्रश्न 31.
द्वितीय विश्व युद्ध कब से कब तक चला?
उत्तर :
1939 से 1945 ई० तक चला।
प्रश्न 32.
उग्र राष्ट्रवाद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
जो देश अपने को श्रेष्ठ तथा अन्य राष्ट्रों को हीन समझते है और उनके प्रति घृणा व नफरत की भावना रखते है उसे उग्र राष्ट्रवाद कहते है ।
प्रश्न 33.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किस नये युद्ध का पारम्भ हुआ?
उत्तर :
द्वितीय विश्व गुद्ध के बाद शीत युद्ध का प्रारम्भ हुआ।
प्रश्न 34.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी कितने भागों में बाँटा था?
उत्तर :
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी दो भागों में बाँटा था – (क) पूर्वी जर्मनी, (ख) पश्चिमी जर्मनी।
प्रश्न 35.
द्वितीय विश्व युद्ध को रोकने में कौन संघ असफल रहा?
उत्तर :
द्वितीय विश्व युद्ध को रोकने में राष्ट्रसंघ असफल रहा।
प्रश्न 36.
किस घटना को लेकर अमेरिका द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल हुआ ?
उत्तर :
जापान की सामरिक वाहिनी द्वारा 7 दिसम्बर 1941 ई० को अमरिकी नौ-अड्डा पर्ल हार्बर नष्ट किये जाने पर अमेरिका 8 दिसम्बर को जापान के विरुद्ध युद्ध की घोषणा करते हुए द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल हुआ।
प्रश्न 37.
नाजी पार्टी के जन्मदाता कौन थे?
उत्तर :
हिटलर था।
प्रश्न 38.
फासीवाद विचार के जन्मदाता कौन थे?
उत्तर :
मुसोलिनी था ।
प्रश्न 39.
तुष्टिकरण की नीति किन देशों ने अपनाई थी?
उत्तर :
इंग्लैण्ड, फ्रांस ने ।
प्रश्न 40.
कौन-सा दिन डिन्डे या मुक्ति दिवस के रूप में परिचित है ?
उत्तर :
6, जून 1944 ई. को डिन्डे या मुक्ति दिवस के रूप में जाना जाता है।
प्रश्न 41.
कब और किन देशों ने रूस-जर्मनी ने अनाक्रमण समझौते पर हस्ताक्षर किये ?
उत्तर :
30 अगस्त, 1939 ई० को रूस के विदेश मंत्री मलोटोव एवं जर्मन विदेशमंत्री रिवेनट्राप ने रूस-जर्मनी अनाक्रमण समझौते पर हस्ताक्षर किये।
प्रश्न 42.
‘लिवेन्सराऊम’ क्या है ?
उत्तर :
जापान ने अपनी अतिरिक्त जनसंख्या के रहने के लिये द्वितीय विश्वयुद्ध के पहले जो व्यवस्था की थी उसे ‘लिवेन्सराऊम’ के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 43.
अमेरिका ने किस परिस्थिति में ‘देखते ही गोली’ मारने का आदेश दिया ?
उत्तर :
द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मन पनडुब्यो द्वारा अमेरिकी जहाजों को बार-बार नष्ट किये जाने से क्षुख्ध अमेरिका ने जर्मन पनडुब्बी एवं जहाजों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया।
प्रश्न 44.
कब और किनके बीच ग्रैंड एलायंस समझौता हुआ ?
उत्तर :
1942 ई. में अमेरिका, सोवियत रूस, फ्रांस एवं इंगलैण्ड के बीच ग्रैंड एलायंस समझौता हुआ।
प्रश्न 45.
हिलटर के कुछ गुप्तचरों के नाम लिखो।
उत्तर :
हिटलर के कुछ गुप्तचरों के नाम हैं- डॉॉ० गोएबोल्स, हिमलर, गोएरिंग, रोमेल आदि।
प्रश्न 46.
स्टालिनग्राड के युद्ध में रूस एवं जर्मन सेनापति कौन-कौन थे ?
उत्तर :
स्टालिनग्राड के युद्ध में रूस के सेनापति मार्शल झुकोव एवं जर्मन सेनापति वान पाउलास थे।
प्रश्न 47.
अमेरिका किस कानून के तहत द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी के विरुद्ध रूस को सैनिक मदद दी ?
उत्तर :
अमेरिका ने ‘लैण्ड-लीज’ कानून द्वारा द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी के विरुद्ध रूस को सैनिक सहायता दी।
प्रश्न 48.
जर्मनी किस रास्ते से रूस पर आक्रमण आरंभ किया ?
उत्तर :
जर्मनी उत्तर में लेनिनग्राड, बीच में मास्को एवं दक्षिण में स्टालिनग्राड के रास्तों से रूस पर आक्रमण आरभ किया।
प्रश्न 49.
द्वितीय विश्वयुद्ध में कौन दो देश मित्र देशों के साथ शामिल हुए ?
उत्तर :
द्वितीय विश्वयुद्ध में रूस एवं अमेरिका मित्र देशों के साथ शामिल हुए।
प्रश्न 50.
‘माजिनो लाइन’ क्या है ?
उत्तर :
द्वितीय विश्वयुद्ध के पहले स्विट्जरलैण्ड से बेल्जियम तक फ्रांस ने जो सुरक्षा घेरा बनाया था उसे ‘माजिनो लाइन’ कहा जाता था।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type) : 2 MARKS
प्रश्न 1.
पेरिस संधि से इटली क्यों निराश था ?
उत्तर :
पेरिस संधि से इटली निराश हुआ कारण इटली मित्र राष्ट्रों की ओर से लड़ा था, परन्तु उसे संधियों से कोई लाभ नहीं हुआ। आन्तरिक समस्याओं एवं राजनीतिक निरशा के कारण इटलीवासियों में असन्तोष बढ़ा। इटली सरकार ने असन्तोष का दमन करना चाहा, परन्तु उसे सफलता नहीं मिली।
प्रश्न 2.
मित्र-राष्ट्र से क्या समझते हो ?
उत्तर :
मित्र राष्ट्र शक्ति का तात्पर्य उन राष्ट्रों से है जिन्होंने रोम-बर्लिन-टोक्यो धुरी शक्ति के विरुद्ध परस्पर संगठित शक्ति की रचना की। इन राष्ट्रों में ब्रिटेन, फ्रांस और सोवियत यूनियन थे। मित्र राष्ट्र शक्ति को आशंका थी कि जर्मनी, जापान और इटली में किसी एक, दो या तीन की संयुक्त शक्ति द्वारा उन पर संकट पैदा किया जा सकता है, अत: अपने संकट का सामना करने के लिये वे परस्पर संगठित होकर कार्य करेंगे।
प्रश्न 3.
तुष्टीकरण की नीति को परिभाषित करें।
उत्तर :
बिटेन की इटली के प्रति तुष्टीकरण की नीति का भी एक स्वार्थपूर्ण उद्देश्य था। ब्रिटेन अपने विश्वव्यापी सामाज्य और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुरक्षा के लिए भूमध्य सागर के क्षेत्र और सुदूर-पूर्व को खतरों से बचाये रखना चाहता था।
प्रश्न 4.
द्वितीय विश्व युद्ध का प्रारम्भ कब और क्यों हुआ?
उत्तर :
जर्मनी द्वारा 1 सितंबर, 1939 को पोलैंड पर आक्रमण के दो दिन बाद ब्रिटेन और फ्राँस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। इस घटना ने द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत कर दी।
प्रश्न 5.
जर्मनी ने नार्वे पर कब अधिकार किया ?
उत्तर :
9 अप्रैल, 1940 को जर्मनी ने नार्वे पर अधिकार किया।
प्रश्न 6.
वांशिगटन सम्मेलन में किन देशों ने भाग लिया था ?
उत्तर :
वांशिगटन सम्मेलन में पाँच राष्ट्रों अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान तथा इटली ने भाग लिया था।
प्रश्न 7.
शीत युद्ध से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका व सोवियत रूस में शीत युद्ध आरम्भ हुआ था।
प्रश्न 8.
धुवी शक्ति में कौन-कौन से देश थे?
उत्तर :
जर्मनी, इटली, जापान, आस्ट्रिया एवं स्पेन देश थे।
प्रश्न 9.
मित्र शक्ति संगठन में कौन-कौन से देश थे?
उत्तर :
इंग्लैण्ड, फ्रांस, अमेरिका, रूस सहित 24 देश थे ।
प्रश्न 10.
वर्साय की संधि किसके-किसके बीच और कब हुई थी?
उत्तर :
वर्साय की संधि 1919 ई० में मित्र देशों और जर्मनी के बीच हुई थी ।
प्रश्न 11.
द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका ने जापान के किन शहरों पर बम गिराये थे।
उत्तर :
हिरोशिमा और नागासाकी।
प्रश्न 12.
रोम-बर्लिन-टोकियो संधि में कौन-कौन से देश शामिल थे?
उत्तर :
जर्मनी, इटली, जापान देश शामिल थे।
प्रश्न 13.
हिटलर की आत्मकथा का क्या नाम था?
उत्तर :
मेरा संघर्ष (मीन कैम्फ)।
प्रश्न 14.
पर्ल हार्बर पर हमले का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर :
इस हमले से संयुक्त राज्य अमरीका का संपूर्ण बेड़ा, फोर्ड द्वीप स्थित नौसैनिक वायुकेंद्र एवं बंदरगाह बुरी तरह नष्ट हो गया था तथा ढाई हजार सैनिक मारे गए थे। एक हजार से अधिक घायल हुंए एवं लगभग एक हजार लापता हो गए।
प्रश्न 15.
जापान पर अमेरिका द्वारा गिराए गए अणु बम के क्या परिणाम हुए?
उत्तर :
जापान के दो नगर हिरोशिमा और नागासाकी पूरी तरहह तबाह हो गए। डेढ़ लाख से अधिक लोगों की पल भर में जान चली गई और जो बच गए वो अपंगता के शिकार हो गए। जापान को आत्मसमर्षण करना पड़ा ।
प्रश्न 16.
द्वितीय विश्वयुद्ध में लगभग कितने लोग मारे गए और कितनी मुद्रा की हानि हुई?
उत्तर :
पाँच करोड़ से अधिक लोग मारे गये तथा 11,000 खरब डालर हानि हुई ।
प्रश्न 17.
फासीवाद तथा नाजीवाद के प्रमुख उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर :
फासीवाद के प्रमुख उद्देश्य : राज्य की शक्ति एवं सत्ता में वृद्धि करना, व्यक्तिगत सम्पत्ति की सुरक्षा, साम्यवाद का विरोध, देश में कानून व्यवस्था स्थापित करना।
नाजीवाद के प्रमुख उद्देश्य : नाजीवाद राज्य के हितों की सर्वोच्चता में विश्वास करता था। नाजी दल जर्मन साम्राज्य का विस्तार करना चाहता था और विशाल जर्मनी का निर्माण करना चाहता था। नाज़ीदल यहूदियों को जर्मनी से बाहर निकाल देना चाहता था।
प्रश्न 18.
केन्द्रीय शक्तियाँ क्या हैं ?
उत्तर :
25 नवम्बर 1936 ई. को जापान और जर्मनी के बीच सोवियत रूस के विरुद्ध कमिन्टर्न विरोधी संधि हुई। उसके कुछ ही समय बाद 6 नवम्बर 1936 ई. को इटली भी उनके साथ शामिल हो गया। इस प्रकार जापात, जर्मनी और इटली को मिलाकर रोम-बर्लिन-टोक्यो धुरी का निर्माण हुआ जिसे केन्द्रीय शक्ति कहते हैं। तीनों ही धुरी राष्ट्र इस बात पर संकल्पबद्ध थे कि किसी चौथे देश द्वारा आक्रमण करने पर तीनों देश मिलकर उसका विरोध करेंगे और एक-दूसरे की मदद करेंगे।
प्रश्न 19.
जापान द्वारा पर्ल हार्बर पर आक्रमण क्यों किया गया था ?
उत्तर :
प्रथम विश्वयुद्ध के अंत में जापान को वर्साय की संधि में चीन के कुछ क्षेत्रों पर अधिकार मिल गया था। उसकी साम्राज्यवादी लिप्सा बढ़ती गयी और उसने 1931 ई० में मंचूरिया पर अधिकार कर लिया। 1936 ई. में उसंने हिटलर के साथ साम्यवाद विरोधी संधि की। वह रोम-बर्लिन-टोक्यो धुरी का सदस्य बन गया। 1937 ई. में उसने चीन के प्रसिद्ध बंदरगाहों पर अधिकार कर लिया। उसने शीघ्र ही फ्रेंच इण्डोचीन के सैनिक और नाविक अड्डे जीत लिये। उसी समय अमेरिका ने उसे प्रशांत महासागर की शांति भंग न करने की चेतावनी दी। उन दिनों द्वितीय विश्वयुद्ध चल रहा था। अमेरिका युद्ध में उलझना नहीं चाहता था। अत: जापान ने 7 दिसम्बर 1941 ई. को प्रशांत महासागर स्थित हवाई द्वीप समूह के पर्ल हार्बर पर हमला कर दिया जिसमें काफी अमेरिकी सैनिक और सैन्य सामग्री नष्ट हुई।
प्रश्न 20.
द्वितीय विश्व युद्ध में इटली के आत्मसमर्पण पर दो वाक्यों में अपना विचार दें ?
उत्तर :
इटली युद्ध में अंग्रेज-अमेरिकी सेना से पराजित हुआ। मित्र सेना ने इटली के सिसिली पर अधिकार कर लिया। 3 सितम्बर 1943 को इटली ने मित्र शक्तियों के सम्मुख समर्पण कर दिया।
प्रश्न 21.
जर्मनी ने द्वितीय विश्वयुद्ध में आत्म समर्पण क्यों किया ?
उत्तर :
1917 ई० में जर्मनी ने इंग्लैण्ड की घेराबन्दी कर दी और प्रत्येक जहाज को अपना निशाना बनाया। इस अभियान का अमेरिका ने विरोष किया। 1918 ई० में जर्मनी ने विजय प्राप्त करने के लिए पूरी शक्ति लगा दी लेकिन अमेरिका के युद्ध में शामिल होने से मित्रराष्ट्रों की स्थिति अत्यन्त शक्तिशाली हो गई थी। जर्मनी की स्थिति इतनी दुर्बल हो गयी थी कि वह युद्ध चलाने की स्थिति में नहीं था। अत: 11 नवम्बर को उसने आत्मसमर्पण कर दिया।
प्रश्न 22.
जापान ने किस प्रकार आत्मसमर्पण किया था ?
उत्तर :
अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 ई. को हिरोशिमा पर एटम बम गिराया जिससे उस शहर के असंख्य लोग मारे गये और 90 % इमारतें नष्ट हो गयीं। 9 अगस्त को अमेरिका ने दूसरा एटम बम नागासाकी शहर पर गिराकर उसे भी ध्वस्त कर दिया। भयभीत जापान ने 10 अगस्त को आत्मसमर्पण कर दिया।
प्रश्न 23.
द्वितीय विश्ष युद्ध के बाद कुछ नये देशों का उदय हुआ था उनके नाम लिखें।
उत्तर :
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत, पाकिस्तान, बर्मा, श्रीलंका, हिन्द चीन, हिन्देशिया, मिस्र, लीबिया, द्यूनिसिया, कांगो आदि बहुत से राष्ट्रों ने स्वतंत्रता की श्वास ली परिणाम स्वरूप एशिया व अफ्रीका में नवजागरण हुआ।
प्रश्न 24.
प्रथम विश्व युद्ध का तत्कालिन कारण क्या था ?
उत्तर :
प्रथम विश्व युद्ध का तत्कालिन कारण आस्ट्रिया के राजकुमार फर्डिनेड का साराजेवों के आंतकवादियों द्वारा हत्या करना था ।
प्रश्न 25.
‘मेरा संघर्ष’ पुस्तक किसने और कहाँ लिखा था ?
उत्तर :
‘मेरा संघर्ष’ पुस्तक हिटलर ने मीन कैम्फ जेल में लिखा था।
प्रश्न 26.
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद प्रजातन्त्र की असफलता के क्या कारण थे ?
उत्तर :
प्रथम विश्वयुद्ध कें बाद प्रजातंत्र की असफलता के मुख्य कारण थे –
- साम्राज्यवादी लिप्सा
- उपनिवेशवादी नीति
- राष्ट्रवादी नीति।
प्रश्न 27.
हिटलर के नेतुत्व में जर्मनी में नाजीवाद के उदय का वर्णन करो।
उत्तर :
नाजीवाद (Nazism) शब्द हिटलर द्वारा 1921 में स्थापित पार्टी नेशनू सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी के संक्षिप्त रूप नाजी से निकला है। नाजीवाद फासीवाद का ही जर्मन रूप था। वह मूल इतालवी फासीवाद से अधिक अनिष्टकर था। एडोल्फ हिटलर के नेतृत्व में नाजियों ने आधुनिक युग की सबसे बर्बर तानाशाही स्थापित की।
प्रश्न 28.
लेनिनग्राद का युद्ध किनके मध्य लड़ा गया ?
उत्तर :
जून 1941 में जर्मनी की सेना ने लेनिनग्राड पर भयंकर आक्रमण किया। रूस ने सेना के साथ कठोर मुकाबला किया।
प्रश्न 29.
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद यूरोप के कुछ तानाशाहों के नाम लिखो।
उत्तर :
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में क्षमता दखल करने वाले कुछ तानाशाहों के नाम हैं- इटली का मुसोलिनी, जर्मनी का हिटलर, स्पेन का जनरल फ्रैंकों आदि।
प्रश्न 30.
मुसोलिनी की विदेश नीति का मुख्य लक्ष्य / उद्देश्य क्या था ?
उत्तर :
इटली के तानाशाह शासक मुसोलिनी की विदेश नीति का मुख्य लक्ष्य / उद्देश्य था-
- अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में युद्ध एवं आक्रमण की नीति के जरिये तानाशाही को सुरक्षित रखना,
- युद्ध के प्रति आकर्षण को जारी रखकर बेरोजगार युवकों को विभिन्न सामरिक कार्यों में नियुक्ति द्वारा रोजगार में वृद्धि
- अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में इटली की मर्यादा में वृद्धि।
प्रश्न 31.
पेरिस के शान्ति समझौते (1919 ई.) में इटली की किन जगहों से वंचित किया गया, जिसकी इटली मांग कर रहा था ?
उत्तर :
लंदन के गुप्त समझौते के अनुसार (1915 ई.) इटली को रोड्स द्वीप एवं डडिकानिज द्वीप समूह मिलना था किन्तु प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पेरिस शान्ति सम्मेलन (1919 ई.) में इटली को वह नहीं मिला।
प्रश्न 32.
कब और किनके बीच लुसान की संधि हुई थी ? इस संधि द्वारा इटली को कौन-कौन जगह मिली ?
उत्तर :
1923 ई. में इटली एवं ग्रीस के बीच लुसान की संधि हुई। इस संधि द्वारा ग्रीस से इटली को रोड्स द्वीप एवं डडिकानिज द्वीपसमूह मिला।
प्रश्न 33.
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद किन देशों में जनसंख्या वृद्धि की समस्या उत्पन्न हुई एवं किन देशों में नहीं ?
उत्तर :
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जनसंख्या वृद्धि से प्रभावित राष्ट्र जर्मनी, जापान एवं इटली थे। दूसरी ओर इंगलैण्ड, अमेरिका, रूस और फ्रांस के पास इतनी अधिक भूमि थी कि वे अपनी जनसंख्या से अधिक लोगों को अश्रय देने एवं उनका भरण-पोषण करने में समर्थ थे।
प्रश्न 34.
अधिनायकतांत्रिक राज्य एवं लोकतांत्रिक राज्य से क्या समझते हो ?
उत्तर :
अधिनायकतांत्रिक राज्य में शासन सत्ता किसी व्यक्ति विशेष के हाथों में सीमित हो जाती है।
जनतांत्रिक राज्य में शासन सत्ता प्रजा के हाथों में रहती है तथा जन प्रतिनिधि शासन संचालित करते हैं।
प्रश्न 35.
द्वितीय विश्वयुद्ध में अधिनायकतांत्रिक एवं जनतांत्रिक देशों के नाम बताओ जिन्होंने एक-दूसरे के विरुद्ध युद्ध किया था ?
उत्तर :
द्वितीय विश्वयुद्ध मुख्यतः लोकतांत्रिक एवं अधिनायकतांत्रिक शक्तियों के बीच हुआ। लोकतांत्रिक शक्तियों में मुख्यत: ब्रिटेन, फ्रांस एवं अमेरिका जैसे देश थे एवं अधिनायकतांत्रिक शक्तियों में जर्मनी, इटली एवं जापान थे।
प्रश्न 36.
जापान ने राष्ट्रसंघ को क्यों छोड़ दिया ?
उत्तर :
जापान ने विभिन्न धातुओं के स्रोत मंचुरिया को 1931 ई० में अपने अधीन कर लिया था। उसने उसका नाम मंचुकुओं कर दिया और वहाँ चिंग वंश के अंतिम उत्तराधिकारी को प्रशासक नियुक्त कर दिया। चीन ने इसके विरुद्ध राष्ट्रसंघ से अपील की। राष्ट्रसंघ ने जापान को आक्रामक देश घोषित कर उसकी जाँच के लिये लिटन आयोग की नियुक्ति की। इसी कारण जापान ने राष्ट्रसंघ से अपना संबंध विच्छेद कर लिया।
प्रश्न 37.
स्पेन की क्रांति की व्याख्या कीजिए।
उत्तर :
सन् 1936 में जेनरल फ्रैंको ने स्पेन के गणतंत्र के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। इटली और जर्मनी ने फ्रैंको की मदद की। मुसोलिनी ने लगभग डेढ़ लाख सैनिक फ्रैंको की मदद के लिये भेजा, बिटेन और फ्रांस मूक दर्शक बने रहे। फ्रैंको ने स्पेन पर तानाशाही शासन स्थापित करने में सहज ही सफलता हासिल कर ली।
प्रश्न 38.
हिटलर ने राष्ट्रसंघ से अलग होने का निर्णय क्यों लिया ?
उत्तर :
सन् 1933 के निरस्त्रीकरण सम्मेलन में हिटलर ने कहा था कि वर्साय की संधि में जर्मनी की सैनिक शक्ति को कम करने का फैसला लिया जाना अनुचित है अथवा अन्य राष्ट्र भी अपनी-अपनी सैनिक शक्ति तथा अस्त्र-शस्त्र कम करे। हिंटलर के इस प्रस्ताव को नहीं माना गया। अत: हिटलर सम्मेलन छोड़कर बाहर चला गया। उसने 14 अक्टूबर 1933 ई. को राष्ट्रसंघ की सदस्यता भी छोड़ दी।
प्रश्न 39.
म्यूनिख की संधि क्या थी ?
उत्तर :
चेकोस्लोवाकिया के सुदेतन लैण्ड में जर्मनी की आबादी अधिक संख्या में थी। वहाँ के जर्मन लोगों ने विद्रोह कर दिया। जर्मनी ने उनकी रक्षा के लिये युद्ध की तैयारी की। जर्मनी के आक्रामक मनोभाव को देखकर इंगलैण्ड और फ्रांस ने मुसोलिनी की मध्यस्थता में सन् 1938 में जर्मनी के साथ म्यूनिख की संधि की।
प्रश्न 40.
अन्स्लूस क्या था ?
उत्तर :
ऑस्ट्रिया का जर्मनी में विलय होना ही ‘अन्स्लूस’ कहलाया। ओंस्ट्रिया में रहनेवाले जर्मन उस अंचल को जर्मनी के साथ मिलाने का आन्दोलन कर रहे थे। ओंस्ट्रिया का प्रधानमंत्री शुसनिंग इसके लिये तैयार नहीं था। फलतः मार्च 1938 ई. में हिटलर ने सैनिक आक्रमण कर ऑस्ट्रिया को जर्मन साम्राज्य का अंग बना लिया।
प्रश्न 41.
फासिज्म से क्या समझते हो ?
उत्तर :
फासिज्म तानाशाही की वह विचारधारा है जिसके अंतर्गत प्रशासन राष्ट्र की स्वार्थ नीति के आधार पर अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में साम्राज्यवाद की स्थापना और विस्तार करता है। एक व्यक्ति अर्थात अधिनायक स्वेच्छाचार एवं निरकुशता की नीति अपनाकर गणतंत्र का विरोध करता है तथा. अपने राष्ट्र के सर्वागीण विकास में रुचि लेता है। यह एक प्रकार की तानाशाही प्रवृत्ति का द्योतक है। वेनिटो मुसोलिनी ने इटली के शासन की बागडोर अपने हाथों में ली और फासिज्म की स्थापना की। मुसोलिनी को फासिज्म का जन्मदाता माना जाता है।
प्रश्न 42.
ब्लिज क्रिज का अर्थ क्या है ?
उत्तर :
ब्लिज क्रिज का अर्थ है तात्कालिक युद्ध प्रणाली। इसमें आक्रमणकारी इतनी शीघ्रता तथा इतने वेग से आक्रमण कर शत्रु पक्ष के ठिकानों को नष्ट करने लगता है कि आक्रमित देश को अपनी सुरक्षा का अवसर ही प्राप्त नहीं होता।
प्रश्न 43.
इंगलैण्ड की चेम्बरलिन सरकार ने त्यागपत्र क्यों दिया ?
उत्तर :
हिटलर द्वारा डेनमार्क तथा नार्वे को जीत लेने पर इंगलैण्ड सरकार की बदनामी हुई और चेम्बरलीन सरकार को त्याग पत्र देना पड़ा।
प्रश्न 44.
सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन का ऐतिहासिक महत्व क्या था ?
उत्तर :
सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन अप्रैल-जून 1945 ई. में हुआ। इसका उद्देश्य विश्व शान्ति एवं सुरक्षा के संदर्भ में अक्टूबर 1943 ई. में हुए मास्को सम्मेलन में तथा बाद के कुछ अन्य सम्मेलनों में लिये गये निर्णयों को अंतिम रूप देना था। इस सम्मेलन से ही संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना हुई जिसके सदस्य के रूष में 51 राष्ट्रों ने हस्ताक्षर किये।
प्रश्न 45.
यूरोप में द्वितीय विश्वयुद्ध का अंत कब और कैसे हुआ ?
उत्तर :
22 अप्रैल 1945 ई. को रूस द्वारा बर्लिन पर हमला कर दिया गया तथा 2 मई को बर्लिन का पतन हो गया। हिटलर ने आत्महत्या कर ली। 7 मई को संधि पर हस्ताक्षर हुए। 8 मई को यूरोप में युद्ध बंद हो गया।
प्रश्न 46.
रूस ने फिनलैण्ड पर आक्रमण क्यों किया ?
उत्तर :
सोवियत रूस लेनिनग्राड की सुरक्षा के लिये फिनलैण्ड में सैनिक अड्डा बनाना चाहता थां। फिनलैण्ड के साथ वार्ता में रूस ने अन्य मांगों के साथ हाँगो बन्दरगाह को पट्टे पर मांगा। फिनलैण्ड ने अन्य माँगें मान ली किन्तु हाँगों की मांग नहीं मानी। रूस ने उस मांग पर ही फिनलैण्ड पर आक्रमण कर दिया। राष्ट्रसंघ ने फिनलैण्ड की अपील पर रूस को राष्ट्रसंघ से निकाल दिया। फिर भी 12 मार्च 1939 को फिनलैण्ड को आत्मसमर्पण करना पड़ा। रूस ने फिनलैण्ड में सैनिक अड्डा बना लिया।
प्रश्न 47.
1919-1931 तक यूरोप में किनके बीच संघर्ष चला और उसका परिणिम किसके पक्ष में गया ?
उत्तर :
18 सितम्बर, 1931 ई० – जापान ने मंचूरिया पर आक्रमण किया और कब्जा भी कर लिया।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 4 MARKS
प्रश्न 1.
धुरी राष्ट्रों की पराजय एवं परिणाम का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर :
संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और ब्रिटिश कॉमनवेल्य की संयुक्त शक्ति के सामने धुरी राष्ट्रों की शक्ति क्षीण पड़ती जा रही थी। अप्रैल, 1945 तक इटली पर मित्रराष्ट्रों के सैनिको का कब्जा हो चुका था। जून, 1944 में नोरमेंडी पर आग्ला-अमेरिकन आक्रमण हुआ। इस युद्ध ने फ्रांस, बेल्जियम और हालैण्ड को जर्मन नियंत्रण से मुक्त कर दिया। आग्ल-अमेरिकन सेना ने कोलोन पर अंधिकार करने के लिए राइन को पार किया। पूर्व में रूसी सेना ने न केवल जर्मन सेना को पूर्वी यूरोप से निकाल बाहर किया, बल्कि यह पोलैंड होते हुए बर्लिन में प्रवेश कर गई। जर्मनी ने मई; 1945 में आत्मसमर्पण किया।
प्रश्न 2.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अन्तर्राष्ट्रीय भावना के विकास का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर :
द्वितीय विश्वयुद्ध के विनाशकारी परिणामों ने विभिन्न देशों की आँखें खोल दी थीं । उन्होंने यह भी अनुभव किया कि समस्याओं का समाधान युद्ध के माध्यम से नहीं हो सकता। इसी प्रकार की भावनाओं का उदय प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् भी हुआ था तथा पारस्परिक सहयोग की भावना को कार्यरूप में परिणित करने के लिए राष्ट्र-संघ की स्थापना की गयी थी, किन्तु विभिन्न देशों के स्वार्थी दृष्टिकोणों के कारण यह संस्था असफल हो गयी और द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारम्भ हो गया।
प्रश्न 3.
द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि में अधिनायकवाद बनाम लोकतंत्र के संघर्ष का वर्णन करें।
उत्तर :
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पराजित राष्ट्रों और नवनिर्मित राज्यों में लोकतंत्रीय शासन व्यवस्थाएँ स्थापित की गई और आशा प्रकट की गई कि वे व्यवस्थाएँ स्थायी बन सकेंगी। किन्तु वैसा न हो सका। जर्मनी में वाइमर गणतंत्र की स्थापना की गई। वाइमर गणतंत्र पर वर्साय की संधि मान लेने का आरोष लगाया गया। नात्सी दल की स्थापना हुई जिसने वर्साय की संधि भंग कर जर्मनी की खोई हुई प्रतिष्ठा को पुन: पाने का प्रयास किया। हिटलर जिसने विश्व को विश्वास दिलाया कि वह शांति की स्थापना का इच्छुक है, शीघ्र ही आक्रमणकारी बन गया। उसने संधि की शर्तों का उल्लंघन कर पुन: शस्त्रीकरण करने की नीति अपनाई। सन् 1938 में उसने अस्ट्रिया का अधिग्रहण किया तथा चेकोस्लोवाका का अंग-भंग किया। दूसरे विश्वयुद्ध की यह प्रमुख भूमिका थी। महायुद्ध के पश्चात् इटली में भी तानाशाही का उदय हुआ। मुसोलिनी ने अपनी अधिनायकवादी सत्ता स्थापित की और वर्साय संधि का विरोध किया। उसने अबिसीनिया पर आक्रमण कर अपनी साम्राज्यवादी भावना प्रदर्शित की। राष्ट्रसंघ ने इटली को आक्रामक घोषित कर उसके विरुद्ध कई आर्थिक प्रतिबंध लगाये, किन्तु प्रतिबंधों को कठोरतापूर्वक लागू नहीं किया गया। इस घटना ने राष्ट्रसंघ की कमजोरी स्पष्ट कर दी।
प्रश्न 4.
वैज्ञानिक खोजों एवं तकनीकी के विकास से युद्ध की रणनीति में किस प्रकार बदलाव आया ?
उत्तर :
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद वैज्ञानिक खोजों में प्रगति होनी शुरू हो गई। कुछ वैश्रानिक आविष्कार तो मानव सभ्यता के लिए लाभदायक रहे। संक्रामक रोगों से बचने के लिए नये उपाय खोजे गए। अमेरिका ने पेनिसिलिन का उत्पादन बड़ी मात्रा में शुरू किया। रक्त से प्लाज्मा निकालने की विधि खोजी गई। इसी तरह युद्ध के लिए बमवर्षक विमानों, जेट इंजन और रॉकेट का निर्माण हुआ तथा रडार का भी विकास किया गया। सबसे बड़ी खोज थी एटम बम का निर्माण, जिसका उपयोग अमेरिका ने जापान के विरुद्ध किया। युद्ध की समाप्ति के बाद आणविक हथियारों के निर्माण की दौड़ शुरू हो गई है। जो कहीं न कहीं फिर विश्वयुद्ध के खतरे को जन्म दे रहा है।
प्रश्न 5.
समकालीन इतिहास पर द्वितीय विश्च युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर :
1944 ई॰ में इटली ने मित्र राष्ट्रों से पराजित होकर आत्म समर्पण कर दिया तथा मुसोलिनी को मार डाला गया। इधर स्टालिनग्राद के युद्ध में जर्मनी को परास्त कर रूसी सेना आगे बढ़ी और बर्लिन (जर्मनी) तक पहुँच गई। जर्मनी ने आत्मसमर्पण कर दिया। अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर एटम बन गिराकर उसे पूर्णतः नष्ट कर दिया। इसमें लाखों लोग मारे गये। सितम्बर 1945 ई० जामान के आत्म समर्पण के पश्चात द्वितीय विश्व युद्ध का अन्त हो गया।
प्रश्न 6.
युद्ध के विनाशकारी प्रभाव तथा गुणात्मक एवं संख्यात्मक बदलावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
द्वितीय विश्वयुद्ध इतिहास का सबसे विनाशकारी युद्ध था। फासीवादियों ने यूरोप के एक बड़े भाग को एक बहुत बड़ा कबिस्तान और दासों का शिविर बना रखा था। जर्मनी द्वारा आधिपत्य में लिए गए देशों की जनता के श्रम का उपयोग किया जाता था और इसके लिए अत्यंत भयानक श्रम-शिविर खोले गए थे। फासीवादियों; खासकर जर्मन नाज़ियों ने जिस तरह की यंत्रणाओं और दरिंदगी का सहारा लिया वह इतिहास में अभूतपूर्व था। ऐसी दरिन्दगी के अनेक उदाहरण तब सामने आए जब जर्मनी युद्ध में हार चुका था, जब सामूहिक हत्याओं के स्थानों का पता चला। द्वितीय विश्वयुद्ध में पाँच करोड़ से अधिक लोग मृत्यु के घाट उतार दिए गए। इसमें लगभग 2.2 करोड़ सैनिक और 2.8 करोड़ से अधिक नागरिक शामिल थे।
लगभग 1.2 करोड़ लोग यंत्रणा-शिविरों में या फासीवादियों के आतंक के कारण मारे गए। मानवीय हानि के अलावा अनेक देशों के आर्थिक और भौतिक संसाधन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए। अनुमान है कि यह लागत 13 खरब 84 अरब 90 करोड़ डॉलर थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सबसे भयानक था – परमाणु बम। इस बम के विकास की परियोजना तब आरंभ हुई जब अनेक वैज्ञानिकों ने अमेरिकी सरकार से सम्पर्क इस शंका से ग्रस्त हो कर किया कि नाज़ी जर्मनी परमाणु बम का विकास कर रहा था। उन्हें भय था कि अगर नाज़ियों ने इस बम का विकास कर लिया तो वो इसका डर दिखाकर पूरी दुनिया को गुलाम बना लेंगे। परमाणु बम का पहला परीक्षण जुलाई 1945 में किया गया। जर्मन तब तक आत्मससर्पण कर चुका था।
प्रश्न 7.
अमेरिका और प्रारम्भिक द्वितीय विश्व युद्ध की नीति का वर्णन करें।
उत्तर :
संयुक्त राज्य अमेरिका 1920 से 1939 ई० तक दो नीतियों पर काम कर रहा था – (i) पृथकतावादी नीति को पुनः लागू करना, (ii) अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट द्वारा पृथक्तावाद से अन्तर्राष्ट्रीयवाद की ओर बढ़ना।
पृथकतावाद अपनाते हुए भी अमेरिका ने नि:शस्त्रीकरण क्षतिपूर्ति और युद्ध ऋणों से सम्बन्धित समस्याओं में भी रुचि प्रदर्शित की। वॉशिंगटन सम्मेलन (1921-22) अमेरिका के तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें पाँच राष्ट्रों (अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान व इटली) ने नौ-सैनिक संधि पर हस्ताक्षर किये।
4 मार्च 1933 को फ्रेंकलिन डिलानों रूजवेल्ट अमेरिका का राष्ट्रपति बना। उसके साथ ही अमेरिका की विदेश नीति पृथकतावाद से बदलकर अन्तर्राष्ट्रीयतावाद की ओर अग्रसर होने लगी। इस पर अमेरिका के पृथकतावादियों ने राष्ट्रपपि का विरोध किया। फिर भी पृथकतावादियों को विजय नहीं मिली। 1 सितम्बर, 1939 में यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ। रूजवेल्ट की सहानुभूति मित्र राष्ट्रों के साथ थी। प्रारम्भ में रूजवेल्ट मित्र राष्ट्रों को विशेष सहायता न पहुँचा सकां। परन्तु जब 7 दिसम्बर, 1941 को जापान ने अमेरिका के पर्लहार्बर पर आक्रमण कर उसको जबर्दस्त क्षति पहुँचाई तो अमेरिका ने मित्र राष्ट्रों का पक्ष लेकर द्वितीय विश्वयुद्ध में प्रवेश किया।
प्रश्न 8.
द्वितीय विश्वयुद्ध के प्रमुख कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर :
द्वितीय विश्वयुद्ध के प्रमुख कारणों में निम्न घटनाएँ उल्लेखनीय हैं –
- वर्साय संधि की अपमानजनक शर्तें।
- जर्मनी, इटली और स्पेन में तानाशाही की स्थापना।
- जापान की साम्राज्यवादी भावना।
- आंग्ल-क्रेंच तुष्टीकरण नीति की असफलता।
- प्रतिद्वन्द्वी सैनिक गुटों का उदय।
- निरस्त्रीकरण के प्रयासों की असफलता।
- आक्रामक राष्ट्रवाद का उदय।
- सामूहिक सुरक्षा पद्धति पर राष्ट्रसंघ की विफलता आदि।
प्रश्न 9.
फासीवाद एवं गणतंत्रवाद के आदर्शों के बीच के अंतरों को लिखिए।
उत्तर :
फासीवादी सरकार में एक निश्चित वर्ग के लोगों को दूसरे वर्ग के लोगों से बेहतर समझा जाता है। प्रजातंत्र में सभी लोग सरकार की नजरों में बराबर होते हैं। फासीवाद का वर्णन प्रजातंत्र या स्वतंत्रता के विरुद्ध किया जाता है। यदि कहीं पर सरकार की अधिनायकता होती है, तो उसको फासीवादी कहा जाता है। इस प्रकार की सरकार में साधारण लोगों को दबाया जाता है अर्थात् उनकी आवाज ही नहीं सुनी जाती है। इसमें लोगों के अधिकार एवं स्वतंत्रता सीमित होते है। फासीवादी राज्य को सर्वोपरि एवं परम मानते हैं। राज्य के हाथों में सारी क्षमता होती है।
इसमें राज्य के विरुद्ध कोई नहीं जा सकता है। इसमें सैनिक शासन, अधिनायकवाद; निरकुशता का बोलबाला तथा समाज में हस्तक्षेप शामिल है। प्रजातांत्रिक सरकार का गठन लोगों के वोट के आधार पर होता है। लोग अपने प्रतिनिधियों को सरकार चलाने के लिए चुनकर भेजते हैं। इस प्रकार की सरकार लोगों की जरूरतों को मानती है। सभी नागरिक उसकी उसकी नजर में समान होते हैं। लोगों को बोलने का अधिकार, निवास करने का अधिकार आदि सरकार द्वारा पूर्णरूप से उनको प्रदान किए जाते है। सरकार लोगों के लिए काम करती है। प्रजातांत्रिक सरकार – प्रतिनिधित्वमूलक स्वतंत्र तथा संवैधानिक होती है। इसमें प्रत्येक प्रकार की सरकारों का मूलमंत्र गणतंत्र होता है।
प्रश्न 10.
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान युद्ध अस्त्रों के प्रौद्योगिकी में हुए परिवर्तन एवं परिणामों का उल्लेख करें।
उत्तर :
संयुक्त राज्य अमेरिका के एक वायुयान बी-29 ने 6 अगस्त, 1945 के दिन हिरोशिमा पर अणुबम डाला। अणुबम के विस्फोट से हिरोशिमा की नब्बे प्रतिशत इमारतें नष्ट हो गई एवं लगभग 80,000 मनुष्य मारे गये। इस महासंहार के साथ ही परमाणु युग का सूत्रपात हुआ। परमाणु युग के साथ मानव सभ्यता पर विनाश की काली घटा छा गई। 1949 तक संयुक्त राज्य अमेरिका अणु शक्ति के क्षेत्र में अकेला था, परन्तु 22 सितम्बर, 1949 को सोवियत रूस ने अणुबम के विस्फोट द्वारा अमेरिका का एकाधिपत्य समाप्त कर दिया। अमेरिका की चिन्ता बढ़ी अतः 1951 की जनवरी में राष्ट्रपति ट्रमैन द्वारा अणु शक्ति आयोग को अणु बम बनाने के लिए कहा गया। इसके दो वर्ष बाद प्रशान्त महासागर में अणु बम का विस्फोट हुआ। सोवियत रूस ने भी इस विस्फोट के कुछ समय बाद अणु बम का विस्फोट किया। इस प्रकार विश्व की दो महान् शक्तियाँ आणविक बम और शस्त्रास्त्र बनाने में जुट गई।
प्रश्न 11.
वर्साय की संधि की त्रुटियों को बतायें।
उत्तर :
जून 1919 ई० की वर्साय की संधि शांति-सम्मेलन की सबसे विवादास्पद, महत्वपूर्ण और लंबी संधि थी। यह जर्मनी के साथ की गई थी। वर्साय की संधि ने जर्मनी पर कुछ आर्थिक प्रतिबंध भी लगा दिये। जर्मनी को युद्ध से होने वाली क्षति की पूर्ति के लिए हरजाना देने के लिए बाध्य किया गया। मित्र राष्ट्रों के सैनिक और व्यापारिक जहाजों की क्षति के लिए जर्मनी को 1,600 टन भार वाले जहाज मित्र राष्ट्रों को देने पड़े। चीन, मिस, मोरक्को आदि देशों में जर्मनी के व्यापारिक अधिकार ले लिए गये। जर्मनी की नदियों, नहरों तथा बंदरगाहों को अंतर्राष्ट्रीय उपयोग के लिए मुक्त कर दिया गया।
प्रश्न 12.
नाजी पार्टी के उदय का कारण लिखें।
उत्तर :
नाजी पार्टी का संस्थापक एडोल्फ हिटलर प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मन सेना का एक सैनिक था, लगभग पाँच वर्षो तक जहाँ-जहाँ भटकने के बाद हिटलर वर्कर्स पार्टी का सदस्य बन गया। शीघ्र ही वह अपनी प्रतिभा के कारण वर्कर्स पार्टी पर हावी हो गया और उसने उस पार्टी का नाम बदल कर ‘राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी” अथवा ‘नाजी पार्टी’ ‘रखा। हिटलर ने अपनी पार्टी की कुछ विशेष माँगों को जनता के सामने रखा और उनका प्रचार किया। उग्र राष्ट्रीयता हिटलर की नस-नस में भरी हुई थी। धीरे-धीरे लोग उसके समर्थक बनने लगे और नाजी पार्टी की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई तथा एक दिन हिटलर जर्मनी का चाँसलर (तानाशाह) बन गया और नाजी पाटी सत्ता में आ गई।
प्रश्न 13.
द्वितीय विश्रयुद्ध के पहले औपनिवेशिक प्रतिद्वन्द्विता का संक्षिप्त इतिहास लिखें।
उत्तर :
औपनिवेशिक प्रतिद्वन्द्विता और अन्य राष्ट्रों की साम्राज्यवादी लिप्सा द्वितीय विश्व युद्ध का प्रमुख कारण था। इटली और जापान मित्र राष्ट्र संघ के पक्ष में थे, परन्तु उनको अधिक उपनिवेश नहीं मिले। इससे वे असंतुष्ट हो गए। 1920 ई० में इंग्लैण्ड, फ्रांस, अमेरिका, बेल्जियम और हालैण्ड ने सभी उपनिवेशों को आपस में बाँट लिया। जर्मनी, इटली और जापान के साम्राज्य विस्तार के लिए कोई जगह खाली नहीं बचा। अत: उन्होंने अपने साम्राज्य के विस्तार के लिए शांति की स्थिति को भंग कर अन्य राष्ट्रों पर आक्रमण किया जिससे युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई।
प्रश्न 14.
राष्ट्र संघ की असफलता का कारण बतायें।
उत्तर :
राष्ट्रसंघ का मूल उद्देश्य विश्व में शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना था, किन्तु राष्ट्रसंघ की स्थापना के बाद ही कुछ ऐसी स्थितियाँ जड़ पकड़ने लगी जिनमें राष्ट्रों के निजी स्वार्थ प्रबल हो उठे तथा सारी व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो उठी। जापान ने साम्राज्यवादी भावना से भर कर निजी स्वार्थ की पूर्ति हेतु मंचूरिया पर अधिकार कर राष्ट्रसंघ के अस्तित्व को पहला झटका दिया। विश्व-शांति के लिए संकल्पबद्ध राष्ट्रसंघ की असफलता तथा असमर्थता स्पष्ट हो गई। इटली द्वारा अबिसीनिया पर अधिकार की घटना ने स्थिति को अधिक गंभीर बना दिया क्योंकि तब राष्ट्रसंघ की दुर्बलता अधिक बढ़ गई। जर्मनी की साम्राज्य विस्तार नीति ने तो समूहिक सुरक्षा भावना को मानों सदा में लिए दफना दिया। इटली, जर्मनी और जापान को राष्ट्रसंघ नियंत्रित नहीं कर पाया। फलस्वरूप द्वितीय विश्वयुद्ध की संभावना दिन पर दिन बढ़ती गई।
प्रश्न 15.
द्वितीय विश्व युद्ध में लोकतंत्र की विजय कैसे हुई ?
उत्तर :
जिस प्रकार प्रथम महायुद्ध के परिणामस्वरूप राजतंत्र को लोगों ने नकार दिया; उसी तरह द्वितीय विश्व युद्ध का परिणाम यह हुआ कि अधिनायकतंत्र का अन्त हो गया। जर्मनी, इटली, जापान में प्रजातंत्र की मजबूत स्थिति स्थापित हुई। मित्र राष्ट्र प्रजातंत्र के लिए लड़ रहे थे। इसके विनाश को देखकर अधिनायकवाद से घृणा करने लग गये। आज भी अधिकतर देशों का रुझान प्रजातंत्र की तरफ ही है।
प्रश्न 16.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी का विभाजन हुआ, उसका संक्षिप्त इतिहास लिखें।
उत्तर :
द्वितीय विश्व युद्ध का एक प्रमुख परिणाम यह निकला कि जर्मनी दो भागों में बाँट दिया गया। अमेरिका, बिटेन व फ्रांस ने अपने द्वारा अधिकृत जर्मनी के तीनों पश्चिमी क्षेत्रों का एकीकरण करके 21 सितम्बर, 1949 को ‘ जर्मनी के संघीय गणतंत्र” (Federal Republic Germany) को जन्म दिया। इसे हम पश्चिमी जर्मनी कहते है। यहाँ पूँजीवादी अर्थव्यवस्था थी। 7 अक्टूबर, 1949 को जर्मनी के रूसी क्षेत्र में ‘ जर्मन प्रजातंत्रात्मक गण्राजाज्य” (German Democratic Republic) अथवा पूर्वी जर्मनी की स्थापना हुई एवं यह साम्यवादी विचारधारा वाला देश बना। जर्मनी को बर्लिन की दीवार बनाकर इसका विभाजन किया गया।
प्रश्न 17.
शीत युद्ध से आप क्या जानते हैं ?
उत्तर :
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका व सोवियत रूस में शीत युद्ध प्रारम्भ हुआ। बारूद के गोले-गोलियों से लड़े जाने वाले युद्ध के स्थान पर कागज के गोले, अखबारों, रेडियो व दूरदर्शन एवं भाषणों में एक दूसरे पर आरोप व प्रत्यारोप द्वारा नई तरह की लड़ाई शुरू हुई। इतिहास में इसे शीत युद्ध कहा गया। विरोधी राष्ट्रों के बीच कूटनीतिक सम्बन्ध बने रहते हैं किन्तु पारस्परिक व्यवहार शब्रुतापूर्ण होती है । उदाहरण के तौर पर वर्तमान में भारत व पाकिस्तान के बीच यह बात देखने को मिलती है।
प्रश्न 18.
फासीवाद आक्रमण ने कैसे द्वितीय विश्रयुद्ध को आवश्यक बना दिया ?
उत्तर :
इटली और जर्मनी के तानाशाहों ने स्पेन के गृह युद्ध में जनरल फ्रैंको की सहायता की। फ्रैंको ने सेन में अधिनायकतंत्र की स्थापना की। इन सभी तानाशाहों ने विश्व के देशों को युद्ध की ज्वाला में झोक दिया।
पेरिस के शान्ति सम्मेलन की समाप्ति पर विश्व की महाशक्तियों ने यह आसक्ति व्यक्त की थी कि भविष्य में पुरानी बुटियों को दुहराया नहीं जाएगा और विश्व शान्ति भंग नहीं होगी, किन्तु ये सभी आशाएँ मिथ्या सिद्ध हुई । प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जो घंटनाचक्र चला, वह विश्व को दूसरे महायुद्ध की ओर ले गया। फ्रांस द्वारा जर्मनी से क्षतिपूर्ति वसूलने की कठोर नीति, विश्वघाती आर्थिक मंदी, जापान की साप्राज्यवादी नीति, मुसोलिनी की साम्माज्यवादी लिप्सा और जर्मनी के हिटलर की तानाशाही मनोवृत्ति आदि ने सन् 1919 में स्थापित अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था को घातक आघात पहुँचाया, इंग्लैण्ड की तुष्टीकरण नीति ने भी आक्रामक शक्तियों को बढ़ावा दिया।
फलस्वरूप अन्तर्राष्ट्रीय स्थिति क्रमशः युद्ध की दिशा में बढ़ गई और सन् 1936 के बाद द्वितीय विश्वयुद्ध के बादल मँडराने लगे। 1 सितम्बर, 1939 ई० को महायुद्ध का विस्फोट हो गया। प्रथम विश्वयुद्ध के 20 वर्ष बाद जर्मनी द्वारा पोलैण्ड पर आक्रमण से द्वितीय विश्वयुद्ध का आरम्भ हो गया-।
प्रश्न 19.
राष्ट्र संघ की व्यर्थता ने कैसे द्वितीय विश्वयुद्ध को आवश्यक बना दिया ?
उत्तर :
विश्व सुरक्षा के विकास के निमित्त स्थापित राष्ट्रसंघ में कई वैधानिक दोष थे। प्रत्येक राष्ट्र राष्ट्रसंघ का प्रयोग अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए करना चाहता था। राष्ट्रसंघ जापान, इटली और जर्मनी के आक्रामक कार्यवाही को न रोक सका और न ही यह नि:शस्त्रीकरण की दिशा में कोई ठोस कार्य कर सका । राष्ट्रसंघ पर से राष्ट्रों का विश्वास उठने लगा और यह संस्था मृत प्राय हो गयी।
प्रश्न 20.
द्वितीय विश्व-युद्ध की प्रमुख घटनाओं का वर्णन करो।
उत्तर :
औपनिवेशिक साम्राज्यों का आर्थिक कुप्रभाव ब्रिटेन एवं फ्रांस पर इतना हुआ कि बिटेन एवं फ्रांस को एशिया एवं अफ्रीका के कई उपनिवेशों को स्वतंत्र करना पड़ा। बिटेन की शक्ति पूर्व की अपेक्षा कम हो गयी तब विश्व के अन्य देशों में नेतृत्व प्रदान करने की प्रतिस्पर्द्धा बढ़ी। इस क्रम में संयुक्त राज्य अमेरिका तथा साम्यवादी रूस में विश्व नेतृत्व की महात्वाकांक्षा ने घर कर लिया। धीरे-धीरे विश्व का राजनीतिक नेतृत्व इन्हीं दोनों के हाथों में चला गया। इस विश्व युद्ध में पराजय के बाद जर्मनी, जापान और इटली की शक्ति समाप्त हो गयी। इस प्रकार अब अमेरिका एवं रूस ही विश्व के दो शक्तिशाली राष्ट्र बन गये जिनमें एक अर्थात् रूस साम्यवाद का संरक्षक बना तथा दूसरा अमेरिका पूँजीवादी लोकतंत्र का।
प्रश्न 21.
बताएं कि किस प्रकार द्वितीय विश्वयुद्ध वास्तव में एक विश्वयुद्ध था ?
उत्तर :
1941 ई० की महत्वपूर्ण घटनाओं जर्मनी का सोवियत रूस पर आक्रमण, पर्ल-हार्बर पर जापानी आक्रमण और संयुक्त राज्य अमेरिका के युद्ध में प्रवेश ने युद्ध को वास्तविक अर्थों में एक विश्वयुद्ध बना दिया। जिस दिन पर्ल-हार्बर पर आक्रमण किया गया उसी दिन शंघाई, हांग-कांग, मलाया और सिंगापुर पर भी बम वर्षा की गई। अब युद्ध यूरोप और अफ्रीका तक ही सीमित नहीं रहा अपितु, एशिया, अमेरिका और प्रशान्त महासागर में भी फैल गया। दूसरी ओर धुरी राष्ट्रों के मित्र उनके पक्ष में युद्ध के मैदान में उतर आए। इस प्रकार युद्ध की लपटें सम्पूर्ण विश्व में फैल गई और युद्ध करने वाले स्पष्ट: दो पक्षों में विभक्त हो गए। इसी समय बिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ ने फासीवादी शक्तियों का सफलतापूर्वक विरोध करने के लिए एक गठबन्धन स्थापित किया जिसे चर्चिल ने ‘महान गठबंधन’ का नाम दिया।
प्रश्न 22.
उग्र राष्ट्रवाद् बनाम अन्तर्राष्ट्रीयवाद की व्याख्या करें।
उत्तर :
उग्र राष्ट्रवाद, विशेष रूप से आर्थिक राष्ट्रवाद, द्वितीय विश्वयुद्ध का एक आधारभूत कारण था। विशेषकर, 1929 ई० के बाद राष्ट्र की शक्ति एवं गौरव की वृद्धि अधिकांश देशों का लक्ष्य बन गया। मुसोलिनी ने ‘राष्ट्र की महानता की कल्पना’ प्रस्तुत करके इटली में उग्र राष्ट्रवाद का जन्म दिया। इसी प्रकार हिटलर ने ‘सर्वश्रेष्ठ प्रजाति’ की भावना को राष्ट्र की महानता का आधार बनाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की भावना का राजनीतिक क्षेत्र में इतना विकास नहीं हुआ, जितना कि अराजनीतिक क्षेत्र में। राजनीतिक क्षेत्र में विश्व के अधिकतर देश दो विरोधी गुटों में बंट गये। अराजनीतिक क्षेत्र में संसार की महाशक्तियों में सहयोग दिखलाई दिया। खाद्याभाव, अविकसित देशों का विकास, बीमारियाँ रोकना आदि समस्याओं को सुलझाने में संसार के सभी देशों ने एक दूसरे का साथ दिया। अराजनीतिक क्षेत्र में अन्तरांट्ट्रीय सहयोग का नई दिशाओं में विकास हुआ।
प्रश्न 23.
जनसंख्या वृद्धि किस प्रकार द्वितीय विश्वयुद्ध के लिये उत्तरदायी थी ?
उत्तर :
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद में होनेवाली संधियों द्वारा भूमि अथवा उपनिवेशों का जो बँटवारा हुआ था, वह किसी निश्चित तर्क संगत आधार पर नहीं हुआ था। इसके फलस्वरूप जर्मनी, जापान और इटली की बढ़ती हुई जनसंख्या हेतु निवास योग्य स्थान नहीं मिल पा रहा था। दूसरी ओर इंगलैण्ड, अमेरिका, रूस और फ्रांस के पास इतनी अधिक भूमि नहीं थी कि वे अपनी जनसंख्या से अधिक लोगों को आश्रय देने और उनका भरण-पोषण करने में समर्थ हों। सन् 1830 से 1930 ई. के बीच इटली के एक करोड़ लोग अपना घर-द्वार छोड़ कनाडा, लैटिन अमेरिका और नई दुनिया में जा बसे।
इसी बीच 20 लाख जर्मन निवासी अमेरिका में जा बसे। कई यूरोपवासियों को अमेरिका में बसने नहीं दिया गया अत: वे ब्रिटेन शासित राज्यों तथा लैटिन अमेरिका में बस गये। किन्तु ब्रिटिश राज्यों में एशिया और अफ्रीका वासियों को प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस भेदभाव से जापान अत्यधिक क्रोधित हो उठा तथा भावी राजनीति में जापान ने जर्मनी तथा इटली के साथ संयुक्त धुरी शक्ति के गठन में सहयोग दिया। ब्रिटेन, फ्रांस, रूस आदि के विरुद्ध द्वितीय विश्वयुद्ध में प्रमुख विरोधी धुरी शक्ति (Axis Power) के सहयोगी जापान ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।
प्रश्न 24.
इंगलैण्ड की तुष्टीकरण की नीति की व्याख्या करो।
उत्तर :
प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् पेरिस की शांति संधियों की व्यवस्था बनाये रखने का दायित्व मुख्यतः फ्रांस और ब्रिटेन पर आ गया था। वर्साय की संधि के पश्चात् क्षतिपूर्ति, सामूहिक सुरक्षा तथा निरस्त्रीकरण आदि के सम्बन्ध में दोनों राष्ट्रों के अन्तर्विरोध बढ़ गये थे। फ्रांस, जर्मनी के विरुद्ध कठोर नीति अपनाने का पक्षधर था किन्तु ब्रिटेन जर्मनी से पूर्ण सहनुभूति रखता था। ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और इटली तीनों के प्रति तुष्टीकरण की नीति का पालन कर रहा था।
बिंटेन अपने व्यापार की वृद्धि के लिये जर्मनी का औद्योगिक पुनर्निर्माण आवश्यक समझता था, क्योंकि जर्मनी में बिटेन की वस्तुओं की अच्छी खपत थी। बिटेन का यह भी उद्देश्य था कि जर्मनी को रूसी साम्यवाद के खिलाफ रखे, अत: वह जर्मनी के पुन: शस्त्रीकरण में भी सहयोग दे रहा था।
बिटेन की इटली के प्रति तुष्टीकरण की नीति का भी एक स्वार्थपूर्ण उद्देश्य था। बिटेन अपने विश्वव्यापी साम्राज्य और अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की सुरक्षा के लिये भूमध्य सागर के क्षेत्र और सुदूर पूर्व को खतरों से बचाये रखना चाहता था। पूर्वी एशिया में जहाजी बेड़े के सुरक्षित आवाजाही हेतु इटली की मित्रता और भूमध्यसागर के क्षेत्र में शांति आवश्यक थी।
सन् 1938 में जब जर्मनी ने ऑस्ट्रिया का अतिक्रमण किया तब इंगलैण्ड और फ्रांस ने स्वार्थवश विरोध नहीं किया। ब्रिटेन की तुष्टीकरण नीति की विफलता एक दिन पूर्णतः स्पष्ट हो गयी।