Students should regularly practice West Bengal Board Class 8 Hindi Book Solutions Chapter 7 शाप मुक्ति to reinforce their learning.
WBBSE Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 Question Answer – शाप मुक्ति
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
प्रश्न 1.
शाप मुक्ति किस विद्या की रचना है?
(क) क्रविता
(ख) कहानी
(ग) निबंध
(घ) नाटक
उत्तर :
(ख) कहानी
प्रश्न 2.
डॉ० प्रभात के बचपन का क्या नाम था?
(क) चिंदू
(ख) बब्बू
(ग) मंदू
(घ) ढब्बू
उत्तर :
(ग) मंटू
प्रश्न 3.
डॉ० प्रभात किसके डॉक्टर थे?
(क) दाँतो के
(ख) हदय के
(ग) आँखों के
(घ) हड्डी के
उत्तर :
(ग) आँखों के
प्रश्न 4.
डॉ प्रभात के पास बब्दू किसका इलाज करने आया था?
(क) अपनी नानी का
(ख) अपनी दादी का
(ग) अपनी माँ का
(घ) अपनी बहन का
उत्तर :
(ख) अपनी दादी का
प्रश्न 5.
दादी किसके समझाने पर इलाज कराने को तैयार हो गई?
(क) बब्बू
(ख) डॉ० प्रभात
(ग) मंटू
(घ) परिवार जन
उत्तर :
(ख) डॉ० प्रभात।
प्रश्न 6.
शाप-मुक्ति किसकी रचना है ?
(क) डॉं० रमेश उपाध्याय
(ख) रमेशचंद्र शाह
(ग) रामचंद्र शुक्ल
(घ) रामचंद्र तिवारी
उत्तर :
(क) डॉ० रमेश उपाध्याय
प्रश्न 7.
डॉ० रमेश उपाध्याय का जन्म कब हुआ था ?
(क) 1 मार्च, 1942 ई०
(ख) 1 अप्रैल, 1942 ई०
(ग) 1 मई, 1942 ई०
(घ) 1 जून, 1942 ई०
उत्तर :
(क) 1 मार्च, 1942 ई०
प्रश्न 8.
मंदू के पिता पेशे से क्या थे ?
(क) डॉक्टर
(ख) वकील
(ग) इंजीनियर
(घ) शिक्षक
उत्तर :
(ख) वकील
प्रश्न 9.
मंटू ने पिल्लों की आँखों में क्या डाला ?
(क) गाय का दूध
(ख) सरसों का तेल
(ग) आक का दूध
(घ) तालाब का पानी
उत्तर :
(ग) आक का दूध
प्रश्न 10.
मंदू ने कितने पिल्लों की आँखों को खराब किया ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार
उत्तर :
(ग) तीन
प्रश्न 12.
मंटू और बब्बू में क्या संबंध था ?
(क) भाई
(ख) मित्र
(ग) रिश्तेदार
(घ) अजनबी
उत्तर :
(ख) मित्र
प्रश्न 13.
आक के दूध से होनेवाले नुकसान की जानकारी मंदू को किसने दी ?
(क) शिक्षक ने
(ख) दादी ने
(ग) डॉक्टर ने
(घ) मंटू को खुद पता था
उत्तर :
(क) शिक्षक ने
प्रश्न 14.
बड़ा होकरें मंटू क्या बना ?
(क) नेत्र चिकित्सक
(ख) इन्जीनीयर
(ग) पुलीस
(घ) लेखक
उत्तर :
(क) नेत्र चिकित्सक
प्रश्न 15.
कौन डॉ० प्रभात से इलाज करवाने से इन्कार कर दिया।
(क) डॉ० रमेश
(ख) दादी
(ग) पड़ोसी
(घ) बब्बू
उत्तर :
(ख) दादी
प्रश्न 16.
डॉ० प्रभात ने अपने गलती के लिए किससे माफी माँगी ?
(क) बब्यू
(ख) चिंदू
(ग) दादी
(घ) लेखक
उत्तर :
(ग) दादी
लघुउत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1.
डॉ० प्रभात के पास दादी क्यों गई?
उत्तर :
दादी आँखों का इलाज कराने के लिए डॉ० प्रभात के पास गई।
प्रश्न 2.
डॉ० प्रभात किस प्रकार के डॉक्टर थे?
उत्तर :
डॉ॰ प्रभात दिल्ली के प्रसिद्ध नेत्र-चिकित्सक थे। दूर-दूर से लोग उनके पास अपनी आँखों का इलाज कराने आते थे। वे देश के माने हुए डॉक्टर थे।
प्रश्न 3.
डॉ० प्रभात कहाँ के रहने वाले थे?
उत्तर :
डा० प्रभात इलाहाबाद के रहने वाले थे।
प्रश्न 4.
मंदू कौन था?
उत्तर :
डॉ० प्रभात का ही बचपन का नाम मंदू था।
प्रश्न 5.
दादी डॉक्टर के पास क्यों नहीं जाना चाहती थी?
उत्तर :
डॉक्टर अपने बचपन में तीन पिल्लों की आँखों फोड़ दी थी। दादी को यह घटना याद थी। उस समय दादी उन्हें शाप भी दी थी। बचपन की इसी घटना को लेकर दादी उनके पास नहीं जाना चाहती थी।
प्रश्न 6.
डॉ० रमेश उपाध्याय का जन्म कहाँ हुआ था ?
उत्तर :
डॉ० रमेश उपाध्याय का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिला के बढ़ारी बैस गाँव में हुआ था।
प्रश्न 7.
आक के दूध का क्या अवगुण है ?
उत्तर :
यदि आक का दूध आँखों में पड़ जाय तो आँखें अंधी हो जायेंगी।
प्रश्न 8.
दादी ने मंटू को क्या शाप दिया था ?
उत्तर :
जिस तरह मंदू ने पिल्लों की आँखें फोड़ी थी, उसी तरह मंदू की आँखें भी फूट जाय। यही शाप दादी ने मंदू को दिया था।
प्रश्न 9.
पिल्लों की मौत कैसे हुई ?
उत्तर :
मंदू द्वारा पिल्लों की आँखों में आक का दूध डालने के कारण उनकी मौत हो गई।
प्रश्न 10.
बब्नू ने एक पिल्ले को बचाने के लिए क्या प्रयास किया ?
उत्तर :
बब्बू ने एक पिल्ले को बचाने के लिए उसे पाल लिया और उसके आँखों का इलाज भी करवाया।
प्रश्न 11.
तीसरा पिल्ला कैसे मरा ?
उत्तर :
तीसरा पिल्ला सड़क पर किसी गाड़ी के नीचे आकर मारा गया।
प्रश्न 12.
मंटू ने अपने अपराध का प्रायश्चित कैसे किया ?
उत्तर :
मंदू ने निश्चय किया कि वह आँख का डॉक्टर बनेगा और लोगों की आँखों को फिर से रोशन कर अपने अपराध का प्रायश्चित करेगा।
प्रश्न 13.
अंत में दादी ने मंदू को क्या आशीर्वाद दिया ?
उत्तर :
अंत में दादी ने मंदू को दीर्घायु होने और उसकी आँखों की ज्योति के हमेशा बने रहने का आशीर्वाद दिया।
बोधमूलक प्रश्न :
प्रश्न 1.
बब्बू ने मंदू के पापा का भेद क्यों खोल दिया?
उत्तर :
बब्बू ने पहले बात छिपाकर मित्र मंदू को बचाने की कोशिश की। दो पिल्ले तो मर गए तीसरे जीवित पिले को बचाना मंदू के कुकृत्य का भेद बता देने, और उसे पिटाई से बचाने से ज्यादा जरूरी था। इसलिए रोते हुए बब्बू ने भेद खोल दिया।
प्रश्न 2.
डॉ० प्रभात ने बचपन में किए पाप का प्रायश्चित किस प्रकार किया?
उत्तर :
डॉ॰ प्रभात नेत्र चिकित्सक बनकर हजारों लोगों को उनकी खोई हुई नेत्र-ज्योति ल्रौटाकर पाप का प्रायशचित कर लिया।
प्रश्न 3.
शाप मुक्ति कहानी का सारांश लिखिए।
उत्तर :
इस प्रश्न का उत्तर पाठ का सारांश में देखिए।
प्रश्न 4.
‘शाप मुक्ति’ कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर :
प्रस्तुत कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीव जन्तुओं के प्रति हमें सद्भाव रखना चाहिए। यदि कोई अपराध अनजान या जानबूझ में हो गया है तो अपने शुभ चिन्तकों से पूछकर प्रायश्चित कर लेना चाहिए। प्रायश्चित कर लेना, अपने पाप का अपराध के लिए अपनी गलती स्वीकार कर लेना सर्वथा उचित है। डॉ॰ प्रभात ने अपने बचपन की अबोध अवस्था में जो पाप कर्म किया था उसका प्रायश्चित उन्होंने नेत्र चिकित्सक बनकर हजारों लोगों की आँखों को ज्योति देकर कर लिया।
प्रश्न 5.
‘चेहरा किसी दुखदाई स्पृति में काला-सा हो गया’ किसका चेहरा दुखदाई स्मृति में काला हो गया था? वह दुखदाई स्मृति क्या है?
उत्तर :
डॉ॰ प्रभात का चेहरा किसी दुखदाई स्मृति में काला-सा हो गया। वह दुखदाई स्मृति डॉ॰ प्रभात का बचपन में अबोध अवस्था में किया गया पाप था उन्होंने एक कुतिया के तीन पिल्लों की आँखों में आक का दूध डाल कर उन्हें अंधा बना दिया था।
व्याख्या मूलक प्रश्न :
1. निर्देशानुसार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
‘जीते रहो, मेरे लाल! तुम्हारी आँखों की ज्योति हमेशा बनी रहे।’
(क) यह गद्यांश किस पाठ का है और इसके लेखक कौन हैं?
(ख) इस पंक्ति का वक्ता कौन हैं? वक्ता ने ऐसा कब और क्यों कहा ?
(ग) इस कथन के अनुसार स्पष्ट कीजिए कि प्रायश्चित कर लेने से व्यक्ति निष्पाप हो जाता है?
उत्तर :
(क) यह गद्यांश ‘शाप मुक्ति’ पाठ से उदधृत है। इस पाठ के लेखक डॉ० रमेश उपाध्याय हैं।
(ख) इस पंक्ति की वक्ता दादी है। डॉ० प्रभात दादी के घर आकर दादी को तसल्ली देने लगे। बचपन में दादी के द्वारा दिए गए शाप की याद दिला कर बोले कि उन्हें उस घटना से बचपन की अबोध अवस्था में किए गए पाप का बोध हुआ और तभी उन्होंने निश्चय कर लिया कि उन्हें जीवन में नेत्र चिकित्सक बनना है। डॉ० प्रभात की बातों से प्रभावित होकर दादी ने उन्हें आशीर्वाद् देते हुए यह कहा।
(ग) सचमुच प्रायश्चित कर लेने से व्यक्ति निष्पाप हो जाता है। बचपन मे अज्ञान की स्थिति में इस प्रभात ने पिल्लों की आँखें फोड़कर अपराध किया था। उन्हें इस अपराध का स्वयं ज्ञान हुआ। उन्होंने नेत्र चिकित्सक बनकर न जाने कितने लोगों की आँखों की ज्योति दीं। उनके पाप बोध पश्चाताप तथा नेत्र चिकित्सक बनकर अनेक आँखों को ज्योति देने से वे निष्पाप हो गये। स्वयं दादी ने अपने शाप को आशीर्वाद में बदल दिया। इस प्रकार डॉ० प्रभात निष्पाप हो गए।
भाषा बोध :
1. ‘बचपन’ में बच शब्द में ‘पन’ प्रत्यय लगाकर भाववाचक संज्ञा बनाई गई है। इसी प्रकार नीचे दिए गए शब्दों में ‘पन’ प्रत्यय लगाकर भाववाचक संज्ञा बनाइए।
(क) लड़ाका + पन = लड़कपन।
(ख) अजनवी + पन = अजनवीपन।
(ग) अन्धा + पन = अन्धापन।
(घ) अपना + पन = अपनापन।
2. निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए-
पढ़ना – पढ़ाना
चलना – चलाना
रंगना – रंगाना
लिखना – लिखाना
पढ़वाना
चलवाना
रंगवाना
लिखवाना
3. किसी वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध क्रिया के साथ स्पष्ट होता है, उसे कारक कहते हैं-
(क) डॉ० प्रभात ने कोई उत्तर न दिया। कर्त्ता कारक
(ख) दादी के लिए दवाई का पर्ची लिखी। संप्यदान कारक
(ग) बाजार से दवा मँगवा लेना। अपादान कारक
(घ) दूध पिल्लों के आँखों में डाल रहा था। अधिकरण कारक
(ङ) सब लोगों ने मंदू को बुरा भला कहा। कर्म कारक
4. निम्नलिखित समोच्चारित भिन्नार्थक शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
- दिन – आज का दिन बहुत अच्छा है।
- दीन – दीन जनों पर दिया दिखाना चाहिए।
- कहा – मैं ने कुछ नहीं कहा।
- कहाँ – तुम कहाँ रहते हो।
- दादी – दादी माँ कहानी सुनाती है।
- दीदी – हर भाई अपनी दीदी का सम्मान करता है।
- बांग – बाग में बहुत पेड़ हैं।
- बाघ – बाघ एक हिंसक जानवर है।
- कल – मैं कल घर जाऊँगा।
- काल – सदा काल बीतता रहता है।
- बाहर – घर के बाहर बच्चे खेल रहे हैं।
- बहार – इस ऋतु में बाटिका में बहार आ गई है।
- भला – सब का भला हो।
- भाला – भाला एक अस्त्र है।
- धुल – उसका चेहरा धुल गया।
- धूल – धूल में मत खेलो।
- सुन – मैं सब कुछ सुन रहा हूँ।
- सुन्न – उसके अंग सुन्न हो गए हैं।
WBBSE Class 8 Hindi शाप मुक्ति Summary
लेखक-परिचय :
डॉ० रमेश उपाध्याय का सन् 1942 ई० में उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद के बढ़ारी बैस गाँव में हुआ था। डॉ० उपाध्याय आधुनिक युग के महत्वपूर्ण कहानीकार हैं। इनकी कहानियों में भारतीय संस्कृति तथा समाज का यथार्थ चित्रण मिलता है। अपनी पैनी दृष्टि से उन्होंने रूढ़ियों तथा अंधविश्वासों की तह तक पहुँच कर उनका पर्दाफाश किया है। इन्होने पन्द्रह कहानी संग्रह, पाँच उपन्यास, तीन-नाटक तथा अनेक आलोचनात्मक पुस्तकों की रचना की। साहित्य और संस्कृति की त्रैमासिक पत्रिका ‘कथन’ के वे संस्थापक सम्पादक रहे। वे अनेक पुरस्कार तथा सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। वर्तमान में वे स्वतंत्र लेखन कार्य में संलग्न है।
सारंश :
प्रस्तुत कहानी में लेखक ने अबोध अवस्था में एक बालक द्वारा हुए अपराध और उसके प्रायश्चित की मार्मिक अभिव्यक्ति की है। एक दिन लेखक अपनी बूढ़ी दादी की आँखों का इलाज कराने दिल्ली के प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ॰ प्रभात के पास गया। कुछछ बातचीत के बाद डॉक्टर हँसते हुए दादी से बात करते हुए दादी की आँखों की जाँच की।
लेखक को डॉ० प्रभात की हँसी तथा उनका चेहरा कुछ परिचित सा जान पड़ा। लेखक के पूछने पर डॉक्टर साहब ने अपने को इलाहाबाद का बतलाया। लेखक भी इलाहाबाद का ही था। इलाहाबाद का पता पूछने पर दादी ने घर का पता बतला दिया। डॉंक्टर ने तुरंत पहचान कर लेखक के बचपन के नाम बब्बू को याद कर पूछा कि वह बब्बू हैं। लेखक ने अपने बाल सखा मंदू को पहचान लिया।
डॉक्टर ने पुराने मित्र से मिलकर प्रसन्नता व्यक्त की। दादी ने बतलाया कि इलाहाबाद में हमारे पड़ोस में एक वकील साहब रहते थे। इसी मंदू नाम का उनका लड़का बड़ा बदमाश था। सहसा डॉ॰ प्रभात बहुत गंभीर हो गए। दादी के लिए दवाई का पर्चा लिखते हुए फिर कभी बातें करने का इरादा व्यक्त किया। फिर उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह आँखों का ऑपरेशन होगा। ईश्वर की कृपा से आँखें ठीक हो जाएँगी।
बाहर आते ही दादी यह जान गई यही वकील का बेटा मंदू है, जिसने आक के पौधे का दूध डाल कर कुतिया के तीनों पिल्लों की आँखें फोड़ दी थी। दादी ने निश्चय किया कि अब इस दुष्ट से अपनी आँखें नहीं फुड़वाऊँगी। दवा लेना भी जिद्द करके नामंजूर कर दी। लेखक के समझाने पर भी दादी उस डॉक्टर से इलाज कराने को तैयार न हुई।
दादी के द्वारा याद दिलाए जाने पर लेखक के मन में वह दुखद स्मृति ताजी हो गई। इलाहाबाद में लेखक के पड़ोसी वकील साहब की कोठी के पीछे बाग की मेड़ पर आक के बहुत से पौधे उगे हुए थे। प्रक दिन स्कूल के अध्यापक ने लेखक को आक के पत्ते तोड़ते देखकर बतलाया कि इसका सफेद दूध यदि आँखों में चला जाए तो आदमी अंधा हो जाता है। इसकी सच्चाई जानने के लिए मंदू ने कुतिया के तीन पिल्लों की आँखों में आक के पौधे का दूध डाल दिया। लेखक ने इस बेवकूफी के लिए उसे झिड़का और कहा कि ये पिल्ले अब अंधे हो जाएँगे। तीनों पिल्ले अंधे हो गए।
मंदू को भी एहसास हो गया कि प्रयोग के रूप में उसने बड़ा पाप कर डाला। मंदू ने गिड़गिड़ाकर लेखक से कहा कि वह किसी को न बताए। दो पिल्ले तो मर गये, तीसरे को बचाने की इच्छा से लेखक ने सारी बात बताकर तीसरे पिल्ले को बचाने के लिए उसका इलाज कराने की जिद्द पकड़ ली। सब लोगों ने मंदू को बुरा-भला कहा। वकील साहब ने उसकी पिटाई भी की। तीसरे पिल्ले को लेखक ने पाल लिया। लेखक और उसकी दादी ने पिल्ले की बड़ी सेवा की। एक दिन वह सड़क पर किसी वाहन से कुचल कर मर गया आज वही मंटू इतनाबड़ा नेत्र चिकित्सक बन गया। दादी को पैंतीस साल की पुरानी घटना अब भी याद थी। प्रभात को भी वह घटना याद थी।
लेखक ने दादी को समझाया कि डॉ० प्रभात ने हजारों की नेत्र ज्योति लौटाई। अत: उनका बचपन का अबोध अवस्था में किया गया पाप अब धुल गया होगा। पर दादी टस से मस न हुई। उनसे अपना इलाज न कराने की जिद्द न छोड़ी। डॉ० प्रभात यह सुनकर बोले कि मैं आकर दादी को समझाऊँगा। डॉ० प्रभात हमारे घर आकर दादी से कहने लगे। दादी माँ, बचपन के पाप को मैं नहीं भूला हूँ। आप ने जो शाप दिया था कि ‘तुम्हारी भी आँख फूटेगी।’
वह भी नहीं भूला हूँ। आप के इस शाप से मुझे पाप का बोध हुआ। मैंने नेत्र-चिकित्सक बनने का फैसला कर लिया। अपनी आँख फूटने के पहले मैं बहुत सी आँखों को रोशनी दूँगा, उसमें दो आँखें आप की भी होंगी। डॉ० प्रभात की बातों में ऐसा जादू था कि सब की आँखों में आँसू आ गये। दादी भाव विद्धल होकर उन्हें हृदय से लगा लिया और आशीर्वाद दिया कि मेरे लाल तुम्हारों आँखों की ज्योति सदा बनी रहे।’ फिर लेखक से कहने लगी कि अपने बाल सखा की खातिरदारी करो। अच्छी सी मिठाई लाओ और मेरी आँखों के लिए जो दवाई लिखी थी वह भी खरीद लाना।
शब्दार्थ :
- अबोध – अनजान, अज्ञान
- दुबारा – पुन: एक बार
- आक – मदार
- तकलीफ – कष्ट
- अचरज-आश्चर्य
- लुप्त – गायब
- भाव – विचार, अभिप्राय
- परिवर्तन – बदलाव
- मासूम – कोमल, भोला
- बाल सखा -बचपन का मित्र
- उपकरण – सामग्री, सामान, यंत्र
- असर – प्रभाव
- स्मृति – याद
- नेत्र चिकित्सक – आँखों का डॉक्टर
- ज्योति – रोशनी
- अकसर – प्राय:
- कुकृत्य – बुरा कार्य
- एहसास – समझ
- जिज्ञासा – जानने की इच्छा
- प्रयास – कोशिश
- वाहन – सवारी
- पिल्ला – कुत्ते का बच्चा
- प्रायश्चित – जिस कृत्य को करने से पाप से छुटकारा मिल जाए।