Detailed explanations in West Bengal Board Class 7 History Book Solutions Chapter 7 जीवन यात्रा और संस्कृति सल्तनत और मुगल काल offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 7 History Chapter 7 Question Answer – जीवन यात्रा और संस्कृति सल्तनत और मुगल काल
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
चैतन्य का जन्म कब हुआ था?
उत्तर :
सन् 1485 ई० में।
प्रश्न 2.
दीन-ए-ईलाही धर्म को किसने चलाया था?
उत्तर :
सम्राट अकबर ने।
प्रश्न 3.
कुआत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण किसने करवाया था?
उत्तर :
कुतुबुद्दीन ऐबक ने।
प्रश्न 4.
गुलबर्ग दुर्ग का निर्माण कब हुआ था?
उत्तर :
सन् 1318 ई० में।
प्रश्न 5.
गोल गुम्बद को किसने बनवाया था?
उत्तर :
मुहम्मद आदिल शाह ने।
प्रश्न 6.
फिरोज मीनार कब बनी?
उत्तर :
सन् 1488 ई० में।
प्रश्न 7.
गौड़ की सबसे बड़ी मस्जिद कौन हैं?
उत्तर :
सोना मस्जिद।
प्रश्न 8.
अमीर खुसरो का जन्म कब हुआ?
उत्तर :
सन् 1252 ई०में।
प्रश्न 9.
तुजुक-इ-जहाँगीर किसने लिखा?
उत्तर :
जहाँगीर ने।
प्रश्न 10.
किताब-अल-हिन्द कब लिखा गया?
उत्तर :
सन् 1035 ई० में ।
प्रश्न 11.
बाबर की आत्मजीवनी का नाम लिखो।
उत्तर :
तुजुक-इ-बाबरी।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARK
प्रश्न 1.
सल्तनत और मुगल काल में भारत में कौन-कौन फल, सब्जी एवं खाद्य पदार्थों की सबसे अधिक खेती होती थी?
उत्तर :
सल्तनत और मुगल काल में भारत में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जी एवं अनेक पदार्थो की खेती होती थी। इनमें मुख्य निम्न थे :-
फल-आम, जामुन, खजुर, अंगूर आदि।
सब्जी – बैगन, परवल, भिंडी, आलू आदि।
प्रश्न 2.
सिलसिला किसे कहा जाता है चिश्ती सूफी का जीवन-यापन कैसा था?
उत्तर :
सूफी साधकों के समूह को सिलसिला चिश्ती कहा जाता था। सूफी का जीवन-बहुत ही सादगी भरा होता था। ये लोग किसी भी मनुष्य की पहचान उसके आचरण से करते थे न कि उसके धर्म अथवा अर्थ से।
प्रश्न 3.
मध्य युग के भारत में भक्ति साधक कौन थे?
उत्तर :
मध्य थुग के भारत में भक्ति साधक रामानन्द, कबीर, गुरु नानक एवं श्री चैतन्य आदि थे।
प्रश्न 4.
दीन-ए-इलाही शपथ ग्रहण कार्यक्रम कैसा था?
उत्तर :
(क) व्यक्ति को अपने जीवन में सम्पत्ति, धर्म व सम्मान विसर्जन की शपथ लेनी होती थी।
(ख) बादशाह के पैरो में झुक कर प्रणाम करना होता था।
(ग) बादशाह उनको एक नयी पगड़ी देता था।
(घ) बादशाह सूर्य का एक पदक और एक पगड़ी के सामने लगाने के लिए बादशाह द्वारा बनाया हुआ एक छोटी सी फोटो होती थी।
प्रश्न 5.
स्थापत्य के रूप में अलाई दरवाजा का क्या महत्व है?
उत्तर :
अलाई दरवाजा का महत्व :
(क) यह काले पत्थर से बना होता था।
(ख) उस समय उसकी दीवार पर सुलतान की प्रशंसा लिखी रहती थी।
(ग) यह कुतुबमीनार के क्षेत्र में बनाया जाता था।
प्रश्न 6.
कालि ग्राफी और मिनियेचर से क्या समझते हो?
उत्तर :
समाट अकबर के शासन काल में पुस्तकों के अलंकरण को कालिग्राफी कहा जाता था। इसके बहुत सारे उदाहरण मिलते हैं। जैसे – तुतीनामा, रोजनामा इत्यादि।
पुस्तकों के प्रत्येक पृष्ठ को सूक्ष्म हस्तलिपि और चित्र देकर सजाया जाता था। आकार और आयतन में छोटे इन चित्रों को मिनियेचर कहा जाता था।
प्रश्न 7.
शिवायन क्या है? इससे बंगाल के किसानों के बारे में क्या परिचय मिलता है?
उत्तर :
भगवान शिव को लेकर लिखा गया साहित्य शिवायन कहा जाता है। पुराणों में शिव को लेकर जो कहानी है उसके साथ शिव दुर्गा के पारिवारिक जीवन की कथा को मिलाकर शिवायन काव्य लिखा गया है।
प्रश्न 8.
बहुलोली मुद्रा क्या था?
उत्तर :
बहुलोली मुद्रा सुल्तान बहलोल लोदी के समय चालू हुआ एक प्रकार की मुद्रा थी जिसे देकर दस मन खाद्य पदार्थ, पाँच किलो तेल और दस गज मोटे कपड़े खरीदा जा सकता था।
प्रश्न 9.
मुगल बादशाही में साधारण लोगों का घर कैसा होता था?
उत्तर : साधारण गरीब जनता के बस्तियों का घर बहुत ही सामान्य होता था। उस समय के लोग अपना घर पेड़ की तना, पत्ता आदि चीजों से बनाते थे। छण्पर लगाने के लिए पुआल का उपयोग करते थे।
प्रश्न 10.
कुश्ती पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर :
मुगल काल में खेल-कूदों में कुश्ती सर्वाधिक लोकप्रिय खेल था। साधारण लोग ही नहीं, बल्कि साधु-संत संन्यासी भी कुश्ती के सम्बन्ध में अत्यधिक उत्साही थे।
प्रश्न 11.
भक्तिवाद की विशेषता बताओ।
उत्तर :
भक्तिवाद की निम्न दो विशेषताएँ थी :
(क) भक्त का अपने भगवान के प्रति पूरी तरह से समर्पित होना।
(ख) ईश्वर की प्राप्ति हेतु ज्ञान और योग परित्याग करके भक्त की भक्ति को महत्व दिया।
यही विशेषता ही दक्षिण भारत व उत्तर भारत में भक्तिवाद के मूल वादों के रूप में परिणत हुई।
प्रश्न 12.
गुरुनानक जी का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर :
गुरुनानक जी मध्ययुग के भक्ति काल के साधकों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण थे। किसी भी तरह का भेदभाव किये बिना वे सभी लोगों को अपना बना लिये थे। उनके समय ही लंगरखाना आरम्भ हुआ था। वहाँ पर विभिन्न धर्म और सम्प्रदाय के लोग एक ही साथ बैठकर भोजन करते थे। उनके धर्म ग्रन्थ का नाम गुरु ग्रन्थ साहिब है। यह ग्रन्थ गुरुमुखी लिपि में लिखी हुई है।
प्रश्न 13.
कबीर का संक्षिप्त परिचय लिखिए।
उत्तर :
कबीर का लालन-पालन वाराणसी के मुस्लिम जुलाहा परिवार में हुआ था। वे भक्तिकाल के एक विश्व विख्यात साधक थे। कुछ लोग कबीर को रामानन्द का शिष्य मानते थे। उनके लिए सभी धर्म एक और सभी साई आदि एक ही ईश्वर के विभिन्न नाम हैं। कबीर का मानना था कि अपनी भक्ति द्वारा ईश्वर को ढूँढ सकते हैं। उसके लिए मन्दिर – मस्जिद में जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
प्रश्न 14.
सूफीवाद क्या है?
उत्तर :
अपने मतानुसार भगवान को बुलाने की इच्छा हिन्दू धर्म के मानने वाले और बौद्ध सहजयान के मध्य ही सीमित नहीं था। ईसा के दशवीं एवं ग्यारहवीं शताब्दी से ही विभिन्न धार्मिक नियम-कानून के बाहर असंख्य मुसलमान ईश्वर को अपनी इच्छानुसार आराधना करने का रास्ता ढूँढ रहे थे। सूफी संतों ने उन्हें यह रास्ता दिखाया। यही सूफीवाद है।
प्रश्न 15.
सूफी का क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
सूफी शब्द सूफ से आया है। सूफ का अर्थ अरबी में पशमेर का तैयार किया हुआ एक टुकड़ा होता है।
प्रश्न 16.
अनुचित्र किसे कहते हैं?
उत्तर :
पुस्तकों के प्रत्येक पृष्ठ को सूक्ष्म हस्तलिपि और चित्र देकर सजाया जाता था। आकार और आयतन में ये चित्र छोटे होते थे अतः इन चित्रों को अनुचित्र कहा जाता था।
प्रश्न 17.
नाथ साहित्य के बारे में क्या जानते हो?
उत्तर :
नाथ योगी नाम का एक धर्म बंगाल में चलता था। उनके देवता शिव थे। इस नाथ योगियों के धर्म-कर्म, आचरण एवं व्यवस्था को लेकर भी उस समय साहित्य लिखा गया। इस साहित्य को नाथ साहित्य कहा गया। इस रचना में सन्यासी जीवन यापन करने पर जोर दिया गया।
विस्तृत उत्तर वालें प्रश्न (Detailed Answer Questions) : 5 MARK
प्रश्न 1.
मध्य युग में भारत में साधारण लोगों का जीवन-यापन कैसा था?
उत्तर :
मध्य युग में भारत में साधारण लोगों का जीवन-यापन बहुत ही साधारण था। ग्राम का घर मिट्टी टाली का बना होता था। वे लोग धान, तिल, मूंग आदि की खेती करते थे। वे लोग आनन्द करने के दृष्टिकोण से नाच-गान आदि किया करते थे।
प्रश्न 2.
बंगाल में वैष्णव आन्दोलन का क्या परिणाम निकला?
उत्तर :
परिणाम :-
(क) जाति भेद भाव बहुत कम हुआ।
(ख) उस समय वैष्णव धर्माधारित संगीत की रचना इुई।
(ग) नाम कीर्तन, नगर कीर्तन आदि की रचना हुई।
प्रश्न 3.
बादशाह अकबर के धर्म दीन-ए-इलाही के सम्बन्ध में एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर :
सन् 1570 ई० में बादशाह अकबर प्राय: सभी के सामने नमाज पढ़ना और दूसरे इस्लामी आचरण का पालन बन्द करवा दिया और इसके बदले उन्होंने अपनी पसन्द के अनुसार कुछ प्रथाओं का पालन शुरू किया। एक समय उन्होंने दिन में चार बार सभी के सामने पूर्व दिशा में मुँह करके सूर्य को प्रणाम करना एवं सूर्य नाम का जाप करना शुरू कर दिया। फतेहपुर सीकरी में वे पहले इस्लाम धर्म को लेकर उलेमाओं के साथ आलोचना करते थे। अन्त में इन्हीं सब आलोचना के आधार पर उन्होंने दीन-ए-इलाही नामक एक नये मतादर्श का आरम्भ किया।
प्रश्न 4.
मध्य युग के बंगाल में स्थापत्य परम्परा की मूल विशेषता क्या थी?
उत्तर :
मध्ययुग के बंगाल में स्थापत्य कला का महत्व जैसे इमारत बनाने में ईंटों का प्रयोग बंगाल की स्थापत्य परम्परा की एक विशेषता है। घर और अधिकांश मन्दिरों का आकार ढालदार ढांचे के आधार पर बनाया जाता था। इसके पीछे यह कारण था कि यद्व वर्षा होगी तो जल वहाँ रुक नहीं पायेगा।
प्रश्न 5.
भक्तिवाद की उत्पत्ति का क्या कारण था?
उत्तर :
ईसा की आठवीं शताब्दी के लगभग में उत्तर भारत में हर्षवर्धन के पतन के बाद कुछ राजपूत राजा शक्तिशाली हो गये क्योंकि उनको ब्राह्मणों, पुरोहितों का समर्थन मिला उस समय राजपूतों और ब्राह्मणों में समझौता हुआ था जिसके परिणामस्वरूप ही उत्तर भारत में ब्राह्मण धर्म के अलावा किसी और धर्म की स्थापना नहीं हो पायी। लेकिन उस समय देश के विभिन्न प्रान्तों में कुछ-कुछ लोग भक्ति को लेकर परीक्षण-निरीक्षण के कार्य में लगे हुए थे। दक्षिण भारत के अलावा उत्तर भारत में भी भक्तिवाद का प्रचार-प्रसार होने लगा।
प्रश्न 6.
भक्तिवाद का किस प्रकार प्रचार-प्रसार हुआ?
उत्तर :
भक्तिवाद के अनुयायी अत्यधिक राजनीति पर बल देते हुए पूरी तरह से लोगों को समझाते थे। वे अवैवाहिक जीवन यापन करने लगे क्योंकि इनमें न तो लोगों के आदेश का महत्व था और न ही अच्छी तरह से रहने का मापदग्राही। ऐसी स्थिति में आसान एवं सरल भाषा में अपने ईश्वर के प्रति निःसन्देह भाव को धारण कर साधु ज्ञापित किया। तेरहवीं एवं चौदहवीं शताब्दी में दक्षिण से भक्ति की धारणा पश्चिम भारत से होते हुए क्रमशः उत्तर एवं पूरब भारत में प्रसारित हुआ। ईसा के तेरहवीं शताब्दी से लेकर पन्द्रहवीं शताब्दी तक नामदेव, कबीर आदि ने भक्ति काल का (प्रसार-प्रचार) किया।
प्रश्न 7.
चैतन्य की वैष्णव भक्ति के प्रचार-प्रसार का एक परिकल्पित संरचना प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
(क) चैतन्य के नेतृत्व में नवद्वीप में जो वैष्णव समूह संगठित हुए थे उनमें जातिगत विचार नहीं था।
(ख) चैतन्य ने घर-घर जाकर नृत्य गीत का व्यवहार व्यवस्था करवाई और उसके साथ ही विशाल शोभायात्रा निकाल कर नगर कीर्तन की भी व्यवस्था किया।
(ग) चैतन्य ने स्वयं उच्च वर्ण के ब्राह्मण होने के बावजूद विभिन्न भेदों के लोगों और तथाकथित निम्न जाति के लोगों के साथ व्यक्तिगत सम्पर्क तैयार किये थे।
(घ) नवद्वीप के काजी को जो कीर्तन विरोधी थे उन्हें भी तर्क में चैतन्य ने पराजित किया।
(ङ) भक्ति साधक सभी साधारण लोगों की भाषा अर्थात जन भाषा में प्रचार किया करते थे।
प्रश्न 8.
मुगल चित्र कला की उन्नति में मुगल बादशाह की भूमिका क्या थी?
उत्तर :
मुगल चित्र कला की उन्नति में मुगल बादशाह की भूमिका महत्वपूर्ण थी। पुस्तकों में चित्र बनाने का एवं सजाने की प्रथा सम्राट बाबर के समय से ही थी। इस क्रम में हुमायूँ बहुत ही आगे था। ईरान और अफगानिस्तान में रहते समय उन्होंने आबदुस समाद और मीर सईद अली का कार्य देखा था। इन कारीगारों को लेकर दिल्ली में एक मुगल कारखाना खोला था। उस कारखाने की पुस्तकों को अपूर्व सुन्दर हस्त लेखनी और अलंकार द्वारा सजाया जाता था। यह पूरी तरह से अकबर के समय पूरा हुआ। इसके कई उदाहरण हैं, जैसे – रोजनामा, नलदमयंती एवं जाफरनामा इत्यादि।
प्रश्न 9.
मध्य युग के भारत में किस तरह फारसी भाषा का प्रयोग और लोकप्रियता बढ़ी उसका विश्लेषण करें।
उत्तर :
मध्य-युग के भारत में फारसी भाषा की व्यापक लोकप्रियता थी। उस समय इतिहास लेखन के क्षेत्र में फारसी अत्यधिक पसंदीदा भाषा बन गयी थी। मध्य युग की अनेक रचना को मूल संस्कृत से फारसी में अनुवाद किया गया। मुगल काल में फारसी कियाकलाप और लोकप्रियता काफी बढ़ गयी थी। अकबर तुर्की और फारसी दोनों भाषा के विद्वान थे। यह समझना गलत होगा कि फारसी भाषा केवल मुस्लिम समाज में ही सीमाबद्ध थी, दूसरे लोग भी इस भाषा के जानकार एवं आग्रही थे।
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (Fill in the blanks) : (1 Mark)
1. ______ व्यवहार करके बंगाल में सुल्तान एवं मुगल काल में साधारण लोगों का घर बनाया जाता था।
उत्तर : टाली एवं ईंट
2. कबीर की दो पंक्ति की कविताओं को कहा जाता है ______ ।
उत्तर : दोहा
3. सूफी गुरु को ______ याद करते थे।
उत्तर : पीर
4. ______ श्री कृष्ण और गिरधारी की उपासक थी।
उत्तर : मीराबाई
5. ______ चैतन्य आन्दोलन का प्राण केन्द्र था ।
उत्तर : नवद्वीप
6. दीन-ए-इलाही की विशेषता मुगल सग्राट एवं रसके कुलीन वर्ग के मध्य ______ का सम्पर्क था।
उत्तर : गुरु शिष्य
7. सफेद पत्यर पर रत्ल बैठाकर हस्तकला करने वाले को ______ कहा जाता है।
उत्तर : पवित्र दरवाजा
8. महाभारत के फारसी अनुवाद का नाम ______ था।
उत्तर : रोजनामा
9. ______ सिरिन कलम नाम से परिचित थे।
उत्तर : आवदुस सामाद
10. जौनपुरी राग को ______ तैयार करवाया।
उत्तर : हुसैन शाह शरकी ने
11. श्री कृष्ण विजय काव्य के लेखक का नाम था।
उत्तर : मालाधार बसु
12. परसी चक्र का प्रयोग ______ के लिए किया जाता था।
उत्तर : जल निकालने
13. गंगा की समतल भूमि से ______ उत्पन्न फसला में से की मांग सबसे अधिक थी।
उत्तर : आम
14. कृषि को आधार बनाकर गाँव में______ उद्योग चलता था।
उत्तर : कुटीर
15. हिन्दू और मुस्लिम समाज में ______ और ______ का प्रचलन जोरों पर था।
उत्तर : घूंघट प्रथा, पर्दा प्रथा
16. मुगल सम्राट अत्यन्त ______ शे।
उत्तर : धनी
17. मध्य कालीन युग में भारत में जीवन निर्वाह का एक महत्वपूर्ण माध्यम ______ था।
उत्तर : भक्ति
18. सन् 1570 के दशक में ______ अकबर प्राय: सभी के सामने नमाज पढ़ना और दूसरे इस्लामी आचरण का पालन बन्द करवा दिए।
उत्तर : बादशाह
19. तराई के द्वितीय युद्ध में विजय के जाद कुतुबुद्दीन ऐबक ने ______ नामक मस्जिद बनाने का काम आरम्भ करवाया।
उत्तर : कुआत-उल-इस्लाम
20. सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के शासन काल में ______ बनवाया गया।
उत्तर : आलाई दरवाजा
21. सम्राट बाबर ______ के शौकीन थे।
उत्तर : बगीचे
22. सल्तनत और मुगल काल में भारत के विभिन्न प्रदेशों में ______ का विकास हुआ था।
उत्तर : स्थापत्य कला
निम्नलिखित कथनों के साथ दिये गये कौन-सी व्याख्या आपको सही प्रतीत हो रही है।
(क) कथन : नदी के किनारे उद्योग स्थापित किये गए।
व्याख्या -1. नदी के किनारे उद्योग लगाने से कर नहीं लगता था।
व्याख्या – 2. उस समय के सभी लोग नदी के किनारे रहते थे।
व्याख्या – 3. कच्चे माल का आयात एवं तैयार किये गये माल के निर्यात में सुविधा थी।
उत्तर :
व्याख्या – 3. कच्चे माल का आयात एवं तैयार किये गये माल के निर्यात में सुविधा थी।
(ख) कथन : चैतन्य ने बंगला भाषा को ही भक्ति प्रचार के माध्यम के रूप में स्वीकार किया था।
व्याख्या – 1. वे सिर्फ बंग्ला भाषा ही जानते थे।
व्याख्या – 2. उस समय बंगाल के साधारण लोगों की भाषा बंगला ही था।
व्याख्या – 3. भक्ति विषयक सभी पुस्तक बंगला भाषा में लिखी गयी थी।
उत्तर :
व्याख्या – 2. उस समय बंगाल के साधारण लोगों की भाषा बंगला ही था।
(ग) कथन : चिश्ती सूफी राजनीति में योगदान नहीं करते थे।
व्याख्या – 1. उनका मानना था कि अगर राजनीति में प्रवेश किया तो ईश्वर साधना संभव नहीं हो पायेगी।
व्याख्या – 2. वे राजनीति समझते नहीं थे।
व्याख्या – 3. वे मानवतावादी थे।
उत्तर :
व्याख्या – 1. उनका मानना था कि अगर राजनीति में प्रवेश किये तो ईश्वर साधना संभव नहीं हो पायेगा।
(घ) कथन : अकबर ने दीन-ए-इलाही धर्म चलाए।
व्याख्या – 1. वे बौद्ध धर्म के अनुरागी थे।
व्याख्या – 2. वे अनुगामी समूह तैयार करना चाहते थे।
व्याख्या – 3. वे युद्ध करना छोड़ दिये थे।
उत्तर :
व्याख्या – 2. वे अनुगामी समूह तैयार करना चाहते थे।
(ङ) कथन : मुगल सम्राट दुर्ग बनाने के प्रति आग्रही थे।
व्याख्या – 1. दुर्ग बनाने का खर्च कम था।
व्याख्या – 2. दुर्ग बनाना प्रासाद बनाने से भी सहज था।
व्याख्या – 3. दुर्ग बनाने से सम्राज्य सुरक्षित रहता था।
उत्तर :
व्याख्या : 2. दुर्ग बनाना प्रासाद बनाने से भी सहज था।
(च) कथन : जहाँगीर के शासन काल में यूरोपीय चित्र का प्रभाव मुगल चित्रकला पर भी पड़ा।
व्याख्या – 1. उस समय यूरोपीय चित्रों का मुगल दरबार में आना आरंभ हुआ।
व्याख्या – 2. मुगल कलाकार सभी यूरोपीय थे।
व्याख्या – 3. सभी भारतीय कलाकार उस समय यूरोप से चित्र बनाना सीख कर आये थे।
उत्तर :
व्याख्या – 1. उस समय यूरोपीय चित्रों का मुगल दरबार में आना आरंभ हुआ।
(छ) कथन – मध्य युग के मणिपुरी नृत्य में राधा कृष्ण प्रधान चरित्र थे।
व्याख्या – 1. भारत में नृत्य देवी देवता राधाकृष्ण थे।
व्याख्या – 2. उस समय वैष्णव धर्म का मणिपुरी में विस्तार हुआ था।
व्याख्या – 3. चैतन्य देव मणिपुरी में ही थे।
उत्तर :
व्याख्या : 2 . उस समय वैष्णव धर्म का मणिपुरी में विस्तार हुआ था।
(ज) कथन : भारत में प्राचीन काल में साल पत्ते के ऊपर लिखा जाता था।
व्याख्या – 1, उस समय कागज का प्रयोग नहीं होता था।
व्याख्या – 2. उस समय भारत में कागज की कीमत ज्यादा थी।
व्याख्या – 3. उस समय भारतीय लोग कागज के ऊपर लिखने वाली स्याही का आविष्कार नहीं कर पाये थे।
उत्तर :
व्याख्या : 1. उस समय कागज का प्रयोग नहीं होता था।
पाठ सारांश :
सल्तनत और मुगल काल में भारत के विभिन्न प्रदेशों में स्थापत्य कला का विकास हुआ था। प्रादेशिक कलाओं में गुजरात, बंगाल और दक्षिण भारत की स्थापत्य कला प्रसिद्ध है।
समाट अकबर के शासन काल में पुस्तकों की अलकरण कला के बहुत सारे उदाहरण मिलते हैं। सुल्तान फिरोजशाह तुगलक के शासन में शास्त्रीय संगीत की चर्चा जारी थी।
भक्ति धर्म का बंगला साहित्य पर गहरा प्रभाव पड़ा। श्री चैतन्य व दूसरे बैष्णव भक्तिवाद को लेकर बहुत सारा साहित्य लिखा गया।