Detailed explanations in West Bengal Board Class 8 Science Book Solutions Chapter 8 मानव खाद्य और खाद्य उत्पादन संरचना offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 8 Science Chapter 8 Question Answer – मानव खाद्य और खाद्य उत्पादन
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
विज्ञान के किस शाखा में खाद उत्पादन का कार्य देखा जाता है?
उत्तर :
कृषि विज्ञान।
प्रश्न 2.
डण्ठल जाति के फसलों के नाम लिखो।
उत्तर :
धान, गेहूँ।
प्रश्न 3.
बागवानी फसलों के नाम लिखें।
उत्तर :
चाय, कॉफी।
प्रश्न 4.
दाल प्रजाति के फसलों का उल्लेख करो।
उत्तर :
चना, मटर, सोयाबिन।
प्रश्न 5.
NPK क्या है?
उत्तर :
नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाशियम युक्त खाद
प्रश्न 6.
मुख्य खाद्य उपादान है।
उत्तर :
C, H, O, N, P, K. mg, S
प्रश्न 7.
गौण खाद उपादान है।
उत्तर :
Fe, Mn, Cu, B, Mu,Zn,Cl.
प्रश्न 8.
जमीन की अम्लीयता बढ़ने पर क्या मिलाया जाता है?
उत्तर :
केल्शियम हाइड्रोक्साइड (Ca(OH)2)
प्रश्न 9.
कृषि में प्रयुक्त होने वाले कुछ यंत्रों के नाम लिखो।
उत्तर :
हल, फावड़ा, कल्टीवेटर।
प्रश्न 10.
धान के कितने प्रकार हैं?
उत्तर :
आयुस, अमन, बोरो।
प्रश्न 11.
भारत का प्रमुख खाद्यांत्र क्या है?
उत्तर :
धान, गेहूँ।
प्रश्न 12.
पश्चिम बंगाल का मुख्य खाद्य है।
उत्तर :
चावल, मछली।
प्रश्न 13.
कुछ पेस्टों के नाम लिखो।
उत्तर :
वूहा, दीमक।
प्रश्न 14.
पश्चिम बंगाल में किन जिलों में आम की खेती होती है?
उत्तर :
मालदा, नदिया, मुर्शिदाबाद।
प्रश्न 15.
हरि चाय में कौन सी विटामिन पायी जाती है?
उत्तर :
विटामिन- K
प्रश्न 16.
काली चाय में कौन सा विटामिन मिलता है?
उत्तर :
विटामिन B कॉम्पलेक्स, फोबिक अम्ल।
प्रश्न 17.
दो अजैव खाद के नाम लिखो।
उत्तर :
अमोनियम सल्फेट (NH2)2SO4 यूरिया NH2 CoNH2
प्रश्न 18.
आम के प्रमुख प्रजातियों के नाम लिखो।
उत्तर :
हिमसागर, लंगरा, गुलाबखास, दसहरी, अप्रपाली आदि।
प्रश्न 19.
पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र में किसकी खेती होती है?
उत्तर :
चाय की।
प्रश्न 20.
कुछ प्रमुख चाय उत्पादक देशों के नाम लिखो।
उत्तर :
चीन, भारत, केन्या, श्रीलका, तुर्की।
प्रश्न 21.
अंडे देने वाली मुर्गी का नाम लिखो।
उत्तर :
लेगहार्ष।
प्रश्न 22.
BHC का पूरा नाम क्या है?
उत्तर :
बेंजिन हकेसाक्लोराइड।
प्रश्न 23.
मधुमक्खी का वैज्ञानिक नाम क्या है?
उत्तर :
एपिस इण्डिका।
प्रश्न 24.
नए नन-सीटर मुर्गी का उदाहरण है।
उत्तर :
लेगहार्न ।
प्रश्न 25.
कुछ ‘कोर्पस’ का उदाहरण है।
उत्तर :
रोहू, कतला, बाटा।.
प्रश्न 26.
मछली में कौन-कौन सा विटामिन पाया जाता है?
उत्तर :
A, C, D तथा B कॉम्पलेक्स ।
प्रश्न 27.
दो पोल्ट्री पक्षी के नाम लिखो।
उत्तर :
हंस, मुर्गी।
प्रश्न 28.
DDT का पूरा नाम क्या है?
उत्तर :
डाइक्लोरो डाइफेनाइल ट्रेट्राक्लोरोइथेन।
प्रश्न 29.
खरीफ फसल के उदाहरण दें।
उत्तर :
धान, मक्का, कपास।
प्रश्न 30.
किस मशीन के द्वारा फसल के दाने को अलग किया जाता है?
उत्तर :
कम्बाइन।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS
प्रश्न 1.
फसल किसे कहते हैं?
उत्तर :
मनुष्यों एवं उनके पशुओं को पालन-पोषण के लिए खाद्य आपूर्ति हेतु खाद्यान्नों को फसल कहते है, जैसे-गेहूँ, धान, जो, मक्का, दलहन।
प्रश्न 2.
कृषि विज्ञान किसे कहते हैं?
उत्तर :
विज्ञान की जिस शाखा में कृषि संबंधी विषय जैसे बेहतर फसल उत्पादन, गुणवत्ता का विकास, फसलों को कीट-पतंग-से बचाने के उपाय का अध्ययन किया जाता है उसे कृषि विज्ञान कहते हैं।
प्रश्न 3.
खरीफ फसल से क्या समझते हो ?
उत्तर : खरीफ फसलों को बुआई जून-जुलाई में किया जाता है तथा कटाई का काम सितम्बर-अक्टूबर में किया जाता है। यह फसल दक्षिण-पश्चिम मानसून पर निर्भर करता है। इसमें धान, मक्का, कपास, सोयाबिन की खेती होती
प्रश्न 4.
रबी फसल क्या है?
उत्तर :
इस फसल को अक्टूबर-नवम्बर में बोया जाता है तथा कटाई का समय मार्च-अप्रैल है। रबी फसल मानसून पर निर्भर करता है। इसमें गेहूँ, चना, मटर, तेलहन आदि शामिल हैं।
प्रश्न 5.
सीटर तथा नन-सीटर मुर्गी किसे कहते हैं?
उत्तर :
सीटर मुर्गी : वे मुर्गी जो अपने अंडे को सेती है उन्हें सीटर मुर्गी कहते हैं। जैसे – बर्मा, कोंचीन
नन-सीटर मुर्गी : वे मुर्गी जो अपने अंडों को नहीं सेती हैं उन्हें नन-सीटर मुर्गी कहते हैं। जैसे – लंगहार्न।
प्रश्न 6.
कार्प किसे कहते हैं?
उत्तर :
मीठे जल में रहने वाली मछलियाँ जिनमें हड्ड़ी रहती है पर त्रिकोणात्मक सिर पर कोई ‘स्केल्स’ नहीं होता है। इसके शरीर में अतिरिक्त स्वसन अंग, दाँत, जबड़ा तथा शरीर में पटका होता है, उन्हें कार्प कहते हैं।
प्रश्न 7.
मेजर कार्प, माइनर कार्प तथा बाहरी कार्प में क्या अन्तर है?
उत्तर :
मेजर कार्प | माइनर कार्प | बाहरी कार्प |
i) आकार बड़ा होता है। | i) आकार छोटा होता है। | i) इनका आकार बड़ा होता है। |
ii) जल्दी से बढ़ती है। | ii) धीरे-धीरे बढ़ती है। | ii) भारतीय जलवायु में ढल कर बढ़ती है। |
iii) इसका आर्थिक महत्व है। जैसे :- रोहू, कतला |
iii) इनका कोई अधिक आर्थिक महत्व नहीं है। जैसे – बाता, पूंटी |
iii) इनका आर्थिक महत्व है। जैसे – ग्रास कार्ष, सिल्वर कार्ष |
प्रश्न 8.
चाय में कौन सा पौष्टिक गुण है ?
उत्तर :
- कैफिन के कारण शरीर को उत्तेजित करता है।
- चाय में विटामिन बी, टेनिन होता है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
- पैनटोथेनिक अम्ल, कैफिन तथा थियोफिलिम तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है।
- काली चाय में विटामिन बी-काम्पलेस, फौलिक अम्ल होता है।
- विटामिन K हरी चाय में होता है जो अतिरिक्त हेमरेज से बचाता है।
प्रश्न 9.
मधु का पोष्टिक गुण क्या है ?
उत्तर :
- इसमें ग्लूकोज तथा फ्रूक्टोज होता है।
- इसमें एमिनो अम्ल होता है।
- इसमें Na, K, Ca,Fe, Mg,P जैसे खनिज पाये जाते हैं।
- इसमें विटामिन A, B काम्पलेक्स, विटामिन C मिलता है।
प्रश्न 10.
चावल का पौष्टिक गुण क्या है?
उत्तर :
- चावल में 79.1% कार्बोहाइड्रेट मिलता है।
- चावल में 6% प्रोटीन तथा 0.4% आवश्यक खनिज रहते हैं।
- इसमें विटामिन B काम्पलेक्स होता है।
प्रश्न 11.
पेस्ट क्या है?
उत्तर :
ऐसे जीव जो आर्थिक रूप से हानि पहुँचाते हैं, उन्हें पेस्ट कहते हैं। जैसे – चूहा, दीमक, पतंगा आदि।
प्रश्न 12.
अजैविक खाद किसे कहते हैं?
उत्तर :
अजैविक खाद एक प्रकार का रासायनिक पदार्थ होता है जो पौधों की वृद्धि में सहायक होते हैं, जैसे यूरिया, अमोनियम सल्फेटे।
प्रश्न 13.
जैविक खाद का क्या उपयोग है?
उत्तर :
- यह मिट्टी की जल धारण क्षमता को बढ़ाता है।
- यह लाभकारी जीवाणुओं की संख्या बढ़ाता है।
- मिट्टी की रचना को ठीक करता है।
प्रश्न 14.
आम में कौन सा पौष्टिक गुण मौजूद है ?
उत्तर :
- आम में वसा, प्रोटीन तथा खनिज मिलता है।
- आम में विटामिन A,B कम्पलेक्स तथा C अधिक मात्रा में मिलता है।
- आम में जल, रेशा तथा फाइटोकेमिकल्स पाये जाते हैं।
प्रश्न 15.
कृषि विज्ञान में क्या पढ़ाया जाता है?
उत्तर :
- मिट्टी प्रबंधन
- फसल उत्पादन
- फल, सब्जी, फूल तथा सजावट के कार्य में आने वाले उद्भिजों की खेती
- पशुपालन आदि।
प्रश्न 16.
कृषि कार्य के अंतगर्त कौन-कौन से कार्य होते हैं?
उत्तर :
- मिट्टी को कृषि योग्य बनाना
- खाद का उपयोग
- फसल उत्पादन
- बीज बोना
- सिंचाई
- फसल काटना
- हानिकारक कीट-पतंगों से फसल की सुरक्षा
- फसल का संचयन आदि।
प्रश्न 17.
मछली उत्पादन के आधार पर मछली पालन को कितने भांगों में बाँटा गया है?
उत्तर :
मछली पालन को दो भागों में बांटा गया है।
- संग्रह आधारित
- पालन आधारित।
प्रश्न 18.
मधुमक्खी के जीवन चक्र का वर्णन करो।
उत्तर :
मधुमक्खी के जीवन चक्र को चार भांगों में बाँटा गया है :- अंडा, लार्वा, फ्यूपा तथा व्यस्क। रानी मक्खी नर मक्खी के साथ निशेचित होकर अंडे देती है, अंडे बढ़कर लार्वा तथा लार्वा से व्यूपा बनता है और व्यूपा पूर्णांग व्यस्क मधुमक्खी के रूप में बदल जाता है।
प्रश्न 19.
मछली का पौष्टिक गुण क्या है?
उत्तर :
- मछली से हमें प्रोटीन, एनीमो अम्ल तथा लिपिज मिलता है।
- मछली में Ca, P. Na, K,mg, S खनिज मिलता है।
- विटामिन A, C, D, B काम्पलेक्स मिलता है।
प्रश्न 20.
जैविक खाद अजैविक खाद से क्यों बेहतर होते हैं?
उत्तर :
- जैविक खाद में जल-धारण क्षमता अधिक होती है।
- मिट्टी में उपस्थित जीवाणु की संख्या वृद्धि में सहायक होता है।
- मिट्टी की प्रकृति में जैविक खाद सहायक होते हैं।
प्रश्न 21.
क्रयलर मुर्गी किसे कहते हैं?
उत्तर :
ब्रयलर मुर्गी वर्णसंकर मुर्गी है, इनका पालन मांस के लिए होता है। कार्निस्स जाति के नर मुर्गी के साथ सफेद मादा प्लाईमाउ जाति के मुर्गी के मिलन से संकर जाति की मुर्गी तैयार होती है। ब्रयलर मुर्गी तेजी से बढ़ती है।5-7 सप्ताह में बेचने लायक हो जाती है। व्यावसायिंक दृष्टिकोण से यह काफी लाभदायक है।
प्रश्न 22.
NPK से क्या समझते हो? NPK जनित खाद का उदाहरण दो।
उत्तर :
पौधों की वृद्धि के लिए 14 मौलिक उपादानों की आवश्यकता होती है। इसमें तीन खनिज उपादान अधिक आवश्यक है । वे हैं – नाइट्रोजन (N), फास्फोस (P), पोटाशियम (K) । NPK जनित खाद का उदाहरण है।
N – जनित खाद :- अमोनियम सल्फेट, यूरिया
P – जनित खाद :- सुपर फास्फेट, ट्रिपल फास्फेट
K – जनित खाद :- पोटाशियम सल्फेट
प्रश्न 23.
आर्थिक उपयोगिता के आधार पर मुर्गी प्रजाति का वर्णन करो तथा प्रत्येक का उदाहरण दो।
उत्तर :
- अंडा देनेवाली मुर्गी – यह वर्ष में 150-200 अंडा देती है, जैसे :- लेंगहार्न, जिनेको
- मांस उत्पादन मुर्गी : ये वर्ष भर में अधिक परिमाण में मांस देती है। मांस उत्पादन के लिए इनका पालन किया जाता है। जैसे :- चिटगांग, बर्मा, कोचीन।
- उभय गुण संपन्न प्रजाति : इनका पालन मांस तथा अंडे दोनो के लिए होता है। जैसे:- रोड आइलैंड, प्लाज्माउथ रॉक, न्यू हैम्पसायर
प्रश्न 24.
मांस तथा अंडा का पौष्टिक गुण क्या है?
उत्तर :
- ये प्रोटीन के सोत हैं।
- मांस में हानिकारक तत्व कम होते हैं।
- अंडे में एमिनो अम्ल, Fe, P, Ca, K खनिज मिलता है।
- इनमें विटामिन A, B काम्मलेक्स, D तथा B मिलता है।
प्रश्न 25.
श्रमिक मधुमक्खी के कार्य का उल्लेख करो।
उत्तर :
श्रमिक मधुमक्खी के निम्नलिखित कार्य है :-
- छत्ता तैयार करना
- रानी तथा नर मक्खी की सेवा करना
- बच्चे का पालन करना।
- छत्ते की रखवारी करना।
- फूलों से पराग तथा मकरन्द रस गहण करना।
- मधु तथा मोम बनाना।
प्रश्न 26.
अजैविक खादों का प्रयोग जैविक खादों से अधिक होने से क्या होता है?
उत्तर :
अजैविक खादों से फसल की उपज ज्यादा होती है लेकिन अजैविक खादों के ज्यादा प्रयोग से मिट्टी की अम्लीयता बढ़ जाती है। ये लाभकारी बैक्टीरिया के कार्य में बाधा डालती है। अमोनिया सल्फेट के अधिक प्रयोग से मिट्टी की अम्लीयता बढ़ जाती है।
उसी प्रकार सोडियम नाइट्रेट के उपयोग से मिट्टी की क्षारीयता बढ़ जाती है, पौधों को बढ़ने के लिए अम्ल क्षार का संतुलन आवश्यक है। इसके अलावा अजैविक खाद पानी के साथ बहकर नदी अथवा तालाब में चले जाते हैं जिससे जल प्रदूषण होता है। इसलिए जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने के लिए अजैविक खादों के बदले जैविक खादों का उपयोग बढ़ जाता है।
प्रश्न 27.
अत्यधिक कीटनाशक के प्रयोग से क्या होता है?
उत्तर :
कीटनाशक का प्रयोग पौधों में लगने वाली कीट, पतंग को मारने में होता है। इनका उपयोग करते समय सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
इनसे होने वाली हानियाँ हैं :-
- नाइट्रोजन उर्वरक अधिक मात्रा में प्रयोग से पौधों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
- पेस्टनाशकों के प्रयोग से पेस्टों की संख्या में तीव्र गिरावट आयी है, जो परिस्थिति की के लिए अच्छा नहीं है।
- कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से पालतू जानवर पर इसका प्रभाव दिखता है। खाद्य, श्रृखला के माध्यम से ये कीटनाशक दूसरे जीवों में चले जाते हैं।
विस्तृत उत्तर वाले प्रश्न (Descriptive Type) : 5 MARKS
प्रश्न 1.
कृषि कार्य में आने वाले कुछ उपकरणों का उल्लेख करो :-
उत्तर :
कृषि कार्य में निम्नलिखित उपकरण काम में लाये जाते हैं :-
हल : हल का उपयोग लंबे समय से कृषि कार्य में होता आया है। हल का काम खेत को जोतने के लिए, खाद मिलाने तथा खर-पतवार को हटाने के लिए होता है। वर्तमान में लकड़ी के बने हल की जगह लोहे का हल प्रयोग में लाया जा रहा है।
कुदाल : कुदाल का उपयोग जमीन से लताओं को निकालने तथा मिट्टी को मुलायम करने में होता है।
कल्टीवेटर : वर्तमान में ट्रेक्टर का उपयोग खेती की जमीन को जोतने में हो रहा है। ट्रेक्टर के पीछे दाँत जैसे हथियार कल्टीवेटर कहलाता है। इससे कम समय में अधिक जमीन जोती जाती है। इसके बाद काठ अथवा लोहे से बना हेंगा समतावादी (Leveller) की सहायता से जमीन को समान किया जाता है, इससे हवा के कारण मिट्टी का क्षय कम होता है, मिट्टी मुलायम होने से खाद अधिक तरह पौधों के जड़ों में चली जाती है।
प्रश्न 2.
धान की खेती के लिए आवश्यक विधियों का वर्णन करो।
उत्तर :
(i) जमीन की तैयारी : आऊस धान और किसी-किसी क्षेत्र के नीची जमीन में अमन धान की खेती के समय बीज तल का व्यवहार न करके जमीन में सीधे बीज बोये जाते हैं। रबी की फसल काट लेने के बाद दो-एक बार जोती हुई जमीन को छोड़ दिया जाता है। इस कारण खर-पतवार नष्ट होते हैं और जमीन सूखती है।
(ii) कादे वाली जमीन तैयार करना : कादा बीज तल से धान के शिशु पौधे को रोपने के लिए भींगी या कादा वाली जमीन तैयार की जाती है। रबी फसल को तरह ही जमीन को जोतकर छोड़ दिया जाता है। उस समय 5 सें०मी० के समान गहरा जल 2-4 दिनों तक खेत में रोककर जल द्वारा कई बार जोतने पर मिट्टी कादे में बदल जाती है।
(iii) बीज बोना : आऊस धान के बीज पौधे सीधे खेत में बोये जाते हैं। मिट्टी के नरम रहते ही हाथ से बीज छीटटकर या खेत को जोतते समय हल के पीछे बनी व्यारियों में हाथ से बीज डालकर या बीज बोने के यंत्र की सहायता से बीज योया जाता है। सुबह में बीज तल से चारा पौधों को सावधानी से निकाल लिया जाता है।2-3 से॰मी० जल की गहराई में कतारों में चारा पौधे को रोपा जाता है।
(iv) खाद का प्रयोग : जमीन की ऊर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए कार्वनिक तथा आकर्बनिक दोनों प्रकार के खाद का व्यवहार होता है।
(v) निराई या साफ-सफाई : धान के खेत की निराई समय-समय पर करनी पड़ती है जिससे खर-पतवारें सहज ही नष्ट हो जाते हैं। इससे जमीन मुलायम रहता है और पौधे को शीघ्र बढ़ने में मदद मिलता है।
(v) जल से सिंचाई : रोपे गये आऊस, अमन तथा बोरो धान के लिए बढ़ते समय और परिवर्तित काल में पौधे के जड़ के पास 30 मिली० से 50 मिली ली० तक गहरा जल आवश्यक है। खरीफ में सिंचाई की आवश्यता पड़ती है। अनियमित वर्षा में खरीफ से पूर्व तथा बोरो धान में नियमित सिंचाई की आवश्यकता होता है।
प्रश्न 3.
आम की बागवानी के लिए जमीन की तैयारी कैसे की जाती है? इसका वर्णन करें।
उत्तर :
खेत की तैयारी : सूर्य के प्रकाश मिले तथा जमीन ऊँची होनी चाहिए जिससे पेड़ की जड़ों में पानी रहें। जमीन को जोतने के बाद समतल किया जाता है। इसके बाद जूट की बीज बोय जाते हैं। $5-6$ सप्ताह के बाद जूट के पौधें को जमीन में मिला दिया जाता है, जिससे हरितवाद तैयार की जाती है।
चारा पौधे लगाना : कलम करने के कई महीने बाद चारा पौधे को लगाया जाता है। मानसून के समय पौधा लगाना अच्छा होता है। पौधों को समान दूरी पर लगाया जाता है। गोबर खाद, सुपर फास्फेट तथा राख को मिलाकर जमीन में डाला जाता है। पौधों के लिए बनाये गये गनुों को मिश्रण से भर दिया जाता है। इसके बाद पौधों को सीधा खड़ा कर गाड़ द्या जाता है।
खाद का प्रयोग : प्रत्येक वर्ष निश्चित मात्रा में खाद का प्रयोग करना चाहिए। नाइट्रोजन की जरूरत प्रारंभ में पौधे के बढ़ने के लिए आवश्यक होता है, इसलिए अमोनियम सल्फेट तथा यूरिया का प्रयोग किया जाता है।
सिंचाई : चारा पौधे को दो हप्ते में 1 बार 6 माह तक सिंचाई करनी पड़ती है ।
प्रश्न 4.
आम के खेती के लिए फल-संग्रह, फलन तथा संरक्षण विधियों का उल्लेख करो।
उत्तर :
- फल संगह : फूल से फल पकने में प्रायः 4-5 महीने का समय लगता है। दिसम्बर जनवरी में बगाल में बौर आने लगते हैं, पूरी तौर पर पकने से पहले आम को तोड़ लेना चाहिए अन्यथा पक्षी नष्ट कर देते हैं।
- फलन : कलम किये गए आम के पौधों में एक वर्ष के बाद ही फूल लगने लगता है। 5 वर्ष से पहले फल तोड़ना उचित नहीं होता है। पौधे की आयु बढ़ने से फलो का परिमाण भी बढ़ता है।
- फल संरक्षण : उन्नत किस्म के आमो को हरे अवस्था में तोड़कर अच्छी तरह पैकिंग कर हिम घर में रखना उचित होता है।
प्रश्न 5.
धान के बीज का चुनाव, बीज का शोधन, बीज तल की प्रकृति तथा चारा पौधे का वर्णन करें।
उत्तर :
(i) बीज का चुनाव : नमक युक्त जल के गाढ़े घोल में बीज को डालने पर जो बीज नीचे पेंदी में बैठ जाते है उन्हीं बीजों को स्वच्छ जल से धोकर सूखा लिया जाता है।
(ii) बीज का शोधन : शोधन दो प्रकार के होते है, यथा
- शुष्क शोधन एवं
- सिक्त शोधन
शुष्क शोधन : इस पद्धति का प्रयोग सीधे बोने के लिए या सूखे जमीन में बोने के लिए होता है। बीज को बचाने के लिए रासायनिक खादों का पाउडर व्यवहार होता है।
सिक्त शोधन : भीगे जमीन में बीज बोने के लिए इस पद्धति का प्रयोग होता है। इस पद्धति में पहले बीजों को रासायनिक घोल में डुबाया जाता है जिससे जीवाणु नष्ट हो जाते है। इसके बाद बीज को गर्म पानी से शोधन किया जाता है।
(iii) बीज तल की प्रस्तुति तथा पौधे की तैयारी :
शुष्क बीज तल : यह उन क्षेत्रों में होता है जहाँ अच्छी बारिस होती है, जमीन को हल से जोता जाता है। जैविक तथा अजैविक खाद का उचित मात्रा में प्रयोग होता है। शिशु पौधा 12 से 15 सें० मी० होने के तथा 5-6 पत्तियाँ होने पर रोपने लायक होती है।
कादायुक्त बीज तल : निर्वाचित जमीन में जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है, मिट्टी के नरम होते ही इसे जोता जाता है, अतः कुछ दिनों के लिए मिट्टी कादे में बदल जाती है। अंकुरित बीजों को बीज तल में बोया जाता है, बीज तल को सुखाने तथा जल सिंचाई करने से शिशु पौधे के जोड़ों में वृद्धि होती है। आवश्यकतानुसार कीटनाशक औषधि तथा खाद दिया जाता है।
प्रश्न 6.
चाय की खेती कैसे की जाती है? वर्णन करें।
उत्तर :
(i) खेत की तैयारी : चाय के खेत में उगने वालों उद्भिजों को निकालकर जमीन साफ कर दिया जाता है, अन्यथा उद्भिजों द्वारा चाय के पौधे को संक्रमण हो सकता है। 45 से॰मी॰गहराई तक जमीन जोता है, इसके बाद गआटेमाला घास, सिट्रोनेला घास, कोटालेरिया घासों की खेती की जाती है। कार्बनिक खाद याNPK खाद का प्रयोग किया जाता है। इनकी उपस्थिति मिट्टी में रहने वाले बहुत से रोग सृष्टिकारी जीवाणुओ को मार डालने में मददगार होता है।
(ii) चारा पौधे को रोपना : रोपने के एक सप्ताह पहले गहरा गठ्ठा खोदा जाता है। जमीन के ऊपरी स्तर तक 12 18 महीने के चारा पौधे रोपे जाते हैं। शिशु पौधे के चारों ओर भींगे खर-पतवार रखे जाते हैं।
(iii) छाया की व्यवस्था : चाय के पौधों को छाया की आवश्यकता होती है। छाया में पेड़ सूर्य के विकिरण से ऊर्जा लेते हैं। इससे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया गर्मी में छोती है। छाया देनेवाले पेड़ों की पत्तियाँ जमीन पर गिरकर जैविक पदार्थो की मात्रा को बढ़ाते हैं।
(iv) खर-पतवार को नष्ट करना : खर पतवार को नाश करने के लिए डाइपूरन, 2-4-D का प्रयोग किया जाता है।
(v) खाद का प्रयोग : चाय पत्ती एक प्रधान फसल है। नाइट्रोनयुक्त खाद के प्रयोग से उत्पादन बढ़ता है। यूरिया, अमोनिया सल्फेट या कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट का प्रयोग जमीन में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाने में होता है।
(vi) सिचाई : फौव्वारा द्वारा उत्तर-पूर्व भारत में जल सिंचाई की जाती है।
vii) फसल काटना : आगे के मुकुलित भाग, गाँठों के बीज का और उसके ठीक नीचे का भाग 2 या 3 पत्तियों सहित चाय के पौधे की नई शाखा तोड़ी जाती है। इस कार्य पर चाय का उत्पादन तथा चाय का गुण निर्भर करता है। व्यवसायिक चाय के पौधे से वर्ष में 35-40 बार पत्ते तोड़े जाते है। एक बार में पौधे से 10-15 ग्राम पत्ते तोड़े जाते हैं।
(viii) चाय की तैबारी : चाय के पौधे से तोड़ा गया पत्ता चाय बनाने के लिए उपर्युक्त नहीं होता। अतः इसे तोड़ने के बाद नाना प्रकार के पद्धतियों के अवलंबन से ही चाय की पत्ती से चाय तैयार की जाती है।
प्रश्न 7.
मछली पालने के विभिन्न चरण तथा उनके तरीकों का वर्णन करें।
उत्तर :
(i) अंडे के पोने का संग्रह : जून-जुलाई के महीने में रोह, कतला, मृगेल की मादा मछलियाँ कम गहरे जल में डिम्बाणु छोड़ती है और नर मछलियाँ शुकाणु छोड़ते हैं। दोनों के मिलन से अंडे का पोना तैयार होता है। किसान जाल की सहायता से पोना और निषिक्त अंडे इकट्ठा कर लेते है, निषिक्त अंडों से पोना तैयार होती है।
कृत्रिम पद्धति : कृत्रिम पद्धति में विभिन्न प्रजाति का पोना बड़ी आसानी से तैयार किया जाता है और तैयार अंडों के पोने का संग्रह विशेष विधि से किया जाता है। निम्नलिखित इसके दो चरण होते हैं :
- एक पद्धति में एक सबल मादा मछली के लिए दो नर मछली ली जाती है। मछलियों के सिर में पिदुइटरी अंधि होती है। मछली के पिड्डुइरी ग्रंथि का नमूना चुनी गई मछलियों में इंजेक्शन से पहुँचाया जाता है, नर तथा मादा दोनों को कितनी बार इंजेक्शन दिया जाना चाहिए इसका भी नियम है।
- दूसरी पद्धति में पिटुइटरी ग्रंथि में इंजेक्शन के कारण मादा मछली डिम्ब तथा नर मछली शुकाणु निकालते हैं, दोनों के मिलन से पोना तैयार होता है।
(ii) अंडे के पोना से नर मछली : प्रकृत्ति से प्राप्त मछलियों को किसानो द्वारा संप्रह किये गये अंडे से अंडा का पोना तैयार करने के लिए एक तलाब में उसे रखा जाता है। इन पौनों को बारी-बारी कई तालाबों में प्रतिपालन करके पूर्णाग मछली तैयार होती है। अंडे का पोन → प्रसव तालाब → धोनी पोना पालक तालाब → चारा पोना → संच्ची तालाब → पूर्णांग मछली मछली पालन दो प्रकार के होते हैं :-
मिश्रित मछली पालन : देशी मछलियों में रोहू, कतला, मृगेल ये तालाब के विभिन्न स्तरों में रहती हैं और भोजन संप्रह करती है। कतला तथा सिल्वर कार्प उपरी स्तर से, रोहू और प्रास कार्प बीज वाले स्तर से तथा मृगेल मछली निचले स्तर से भोजन संग्रह करती है। इस कारण इनके बीच भोजन के लिए कोई प्रतिस्पर्षा नहीं रहती है जिससे ये मछालयाँ तेजी से बढ़ती हैं।
कई बार देशी तथा बाहर से लाई गयी प्रजातियों का पालन एक साथ की जाती है। इस प्रकार की गई मछलियो का एक साथ पालन मिश्रित पालन कहलाती है। देशी तथा बाहर से लायी गई कार्प की एक साथ खेती गहन मिश्र खेती या पोली की चर कहलाती है।
गंदे जल में मछली पालन : घर, मकान, नगरपालिका के वर्ज्य पदार्थ मिले काले रंग के जल को गंदा जल कहते हैं। इसमें मलमूत्र मिले होते हैं। विभिन्न प्रकार के जैविक तथा अजैविक पदार्थ मिले होते है जो खाद का काम करते हैं। इसमें मछलियों के भोजन फाइटोप्लेक्टन का पर्याप्त मात्रा में निर्माण होता है।
इसके साथ जूप्लेक्टॉन और कई कीड़ेपकौड़े भी तैयार होते हैं। यहाँ ध्यान देना आवश्यक है कि अपरिशोधित गंदे जल मछलियों के लिए हानिकारक होते हैं। पूर्व कोलकाता के भेड़यों के गंदे जल में मछली पालन का केन्द्र है। विभिन्न नालों का गंदा जल भेड़ी में जाता है जहाँ मछलियों का पालन होता है।
प्रश्न 9.
क्षतिकारक कीट-पतंगों से फसल को कैसे बचाया जाता है?
उत्तर :
चूहे तथा कीट फ़ल को खा जाते हैं अथवा नष्ट कर देते हैं। अतः ये फसल को ध्वंस करते हैं। टिड्डे दल बनाकर उड़कर आते हैं। ईख, गेहूँ जैसे उद्भिजों के पत्तों को खाकर उन्हें क्षति पहुँचाते हैं। कुछ टिड्डे तने को खाते हैं। दीमक पौधे के जड़ों को खाते हैं। बैक्टीरिया, कवक, छत्रक, उद्भिजों में विभिन्न प्रकार के रोग निर्मित कर उत्पादन को घटा देते हैं।
फसल को नष्ट करने वाले प्राणियों का दमन दो प्रकार
- रासायनिक विधि
- जैविक विधि से होता है।
रासायनिक विधि : DDT, BHC एवं मैलीकियोन पतंगों को नष्ट करते हैं। सलफर तथा ताँबे के लवण छत्रक के दमन में सहायक होते हैं। जिंक फास्फेट तथा ओयरफेरिन चूहा प्रजाति को दमन करते हैं।
रासायनिक पद्धति द्वारा क्षतिकारक प्राणियों की मृत्यु से समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है।
- क्षतिकारक प्राणी निर्दिष्ट रासायनिक पदार्थ के विरुद्ध एन्टीबॉडी बना लेते हैं।
- रासायनिक पदार्थ पानी से मिलकर उसे प्रदूषित करते हैं।
- रासायनिक पदार्थ से कई बार मधुमक्खियाँ मर जाती हैं।
जैविक विधि : इस पद्धति में जीवों द्वारा जीवों को नियंत्रित किया जाता है। पशु-पक्षी और परजीवी द्वारा ध्वसंकारी जीवों के नियंत्रण का प्रयास किया जाता है। कई प्रकार के मकड़े, भीमरूल और कई पक्षियाँ फसल के शत्रुओं को पकड़ कर खा जाते हैं। इसके अलावा छत्रक, प्रोटोजीवा बैक्टीरिया और वायरस के शत्रुओं पर परजीवी के रूप में रहकर जीवों की संख्या को नियंत्रित करते हैं।
प्रश्न 10.
मुर्गी पालन के विभिन्न पद्धतियों का वर्णन करें ।
उत्तर :
मुर्गी पालन की दो विधियाँ प्रचलित हैं :-
डिपलीटर पद्धति : इस पद्धित में मुर्गी पालन के लिए घर में प्रकाश एवं हवा युक्त होना चाहिए। घर के फर्श को चूना तथा ब्लिचिंग पाउडर के द्वारा जीवाणु मुक्त करना चाहिए। इसके बाद फर्श पर कूड़ा-कर्कट बिछाया जाता है।
बिचाली, सूखे पत्ते, धान, कपास, के बीज और मक्का, आम का छिलका डालकर मुर्गी के सोने के लिए बिस्तर तैयार किया जाता है। इसके उपर 10-15 सें० मी० मोटा नया लीटर तैयार किया जाता है। मुर्गियों का रहना आरंभ होने पर एवं इस लीटर में मुर्गियों के मलबे अच्छी तरह मिल जाने पर पुराने लीटर पर 5 से॰मी॰ मोटा लीटर बिछाया जाता है। इससे 20 से॰मी॰ मोटी परत बन जाती है।
डिप लीटर घर के दीवाल के बाहर भोजन और जल इस प्रकार रखा जाता है कि मुर्गियाँ घर के भीतर से ही छड़ों की सुराग से सिर निकाल कर भोजन और जल ग्रहण कर लेती हैं। इस विधि में अंडे सेने के लिए अलग घर बना होता है जहाँ मुर्गियाँ आकर अंडे देती हैं।
बैट्री पिंजरे पद्धिति : व्यावसायिक स्तर पर इस पद्धिति से मुर्गी पालन किया जाता है। प्रत्येक मुर्गी के लिए अलग-अलग पिंजरा बना होता है। ये पिंजरे ऐसे होते हैं कि मुर्गियाँ आराम से बैठ सकें। पिंजरे एक कतार में बने होते हैं। पिजरे का पिछला तल ऊँचा तथा अगला तल ढालू होता है जिससे मुर्गियों के अंडा देने पर खुद ही बाहर आ जाता है। पिंजरे के बाहर भोजन तथा जल के प्रात्र बने होते हैं, पिंजरे के नीचे मल संग्रह का बर्तन होता है। बैटरी पिंजरे में मुर्गी हिल-डुल नहीं सकती। अत: उनकी शक्ति कम खर्च होती है, जो खाती है उसका अधिकांश भाग शरीर गठन तथा अंडा तैयार होने में लगता है।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (Multiple Choice Question & Answer) : (1 Mark)
प्रश्न 1.
पालतू पक्षी नहीं है –
(a) कबूतर
(b) तोता
(c) हंस
(d) कौवा
उत्तर :
(d) कौवा।
प्रश्न 2.
मधुमक्खी के छत्ते में कितनी रानी मक्खियाँ होती हैं?
(a) 2
(b) 1
(c) 4
(d) 5
उत्तर :
(b) 1
प्रश्न 3.
नर मधुमक्खी का कार्य है –
(a) बच्चों का पालन करना
(b) मधु संग्रह करना
(c) केवल प्रजनन करना
(d) केवल अंडे देना
उत्तर :
(c) केवल प्रजनन करना।
प्रश्न 4.
अमोनियम सल्फेट क्या है?
(a) खाद
(b) पेस्टीसाइड
(c) कीटनाशक
(d) कोई नहीं
उत्तर :
(a) खाद।
प्रश्न 5.
तेल के बीज धारण करने वाली फसलें हैं –
(a) गेहूँ
(b) आलू, अदरख
(c) सरसो, सूर्यमुखी
(d) कपास
उत्तर :
(c) सरसो, सूर्यमुखी।
प्रश्न 6.
BHC क्या है?
(a) कीटनाशक
(b) वर्ज्य पदार्थ
(c) द्रव
(d) खाद्य
उत्तर :
(a) कीटनाशक।
प्रश्न 7.
DDT एक प्रकार का है –
(a) पेस्टीसाइड
(b) इन्सेक्टिसाइड
(c) जैव खाद
(d) अजैव खाद
उत्तर :
(b) इन्सेक्टिसाइड।
प्रश्न 8.
एपिकल्चर का अर्थ है –
(a) रेशम कीटपालन
(b) मधुमक्खी पालन
(c) मछली पालन
(d) मक्खी पालन
उत्तर :
(b) मधुमक्खी पालन।
प्रश्न 9.
डंठल प्रजाति का फलस है –
(a) चना, मटर
(b) धान, गेहूँ
(c) गोलमिर्च, अदरख्र
(d) कोई नहीं
उत्तर :
(a) चना, मटर
प्रश्न 10.
कंदमूल प्रजाति की फसलें हैं –
(a) धान, गेहूँ
(b) आलू, अदरख
(c) चना, मटर
(d) कपास, जूट
उत्तर :
(b) आलू, अदरख।
प्रश्न 11.
अंडा उत्पादनकारी मुर्गी को कहते हैं –
(a) टेबिल ब्रेड
(b) सीटर ब्रिड
(c) लेइंग ब्रेड
(d) नन सीटर ब्रेड
उत्तर :
(c) लेइंग बेड।
प्रश्न 12.
एक सामाजिक कीट है –
(a) तिलचटा
(b) रेशमकीट
(c) मवखी
(d) मधुमक्खी
उत्तर :
(d) मंधुमक्खी।
प्रश्न 13.
रबी फसल काटा जाता है –
(a) अक्ट्बर-नवम्बर में
(b) जून-जुलाई में
(c) मार्च-अप्रैल में
(d) जनवरी-फरवरी में
उत्तर :
(c) मार्च-अप्रैल में।
प्रश्न 14.
जया जयन्ति आदि प्रजाति के धान पकने में कितना समय लगता है?
(a) 45-115 दिन
(b) 116-135 दिन
(c) 140-150 दिन
(d) 200 दिन
उत्तर :
(b) 116-135 दिन।
प्रश्न 15.
चावल में प्रोटीन की मात्रा है –
(a) 6%
(b) 4%
(c) 20%
(d) 79%
उत्तर :
(a) 6%
प्रश्न 16.
खरीफ फसल की खेती शुरू होती है –
(a) फरवरी-मार्च में
(b) अभैल-मई में
(c) जून-जुलाई में
(d) सितम्बर-अक्टूबर में
उत्तर :
(c) जून-जुलाई में।
प्रश्न 17.
पश्चिम बंगाल में धान की अधिक खेती होती है-
(a) आऊस की
(a) बोरो की
(c) पोलीफेनटा की
(d) अमन की
उत्तर :
(d) अमन की।
प्रश्न 18.
पृथ्वी पर चाय के कुल उत्पादन का प्राय: 25% चाय उत्पादन होता है –
(a) ऊलंग चाय
(b) पीली चाय
(c) काली चाय
(d) नीली चाय
उत्तर :
(c) काली चाय।
प्रश्न 19.
फल-फूल उत्पादन को एक साथ क्या कहते हैं?
(a) पिसीकल्चर
(b) हॉर्टीकल्चर
(c) एपीकल्चर
(d) कोई नहीं
उत्तर :
(b) हॉर्टीकल्चर।
प्रश्न 20.
ऐसा फसल जिससे शक्कर बनता है –
(a) आलू
(b) गन्ना
(c) तुलसी
(d) चाय
उत्तर :
(b) गन्ना।
प्रश्न 21.
भारत में सबसे अधिक चाय उत्पादन करने वाला राज्य है –
(a) पश्चिम बंगाल
(b) असम
(c) कर्नाटक
(d) तामिलनाडु
उत्तर :
(b) असम।
प्रश्न 22.
धान के नयी किस्म में अधिक VIT A पाया जाता है –
(a) बोरो में
(b) गोल्डेन में
(c) अमन में
(d) आयुस में
उत्तर :
(b) गोल्डेन में।
प्रश्न 23.
‘टी’ शब्द्द कहाँ से आया है?
(a) टेय
(b) टी
(c) पेय
(d) हेय
उत्तर :
(A) टेय।
प्रश्न 24.
कार्प क्या है?
(a) मीठे जल की मछली
(b) समुद्री जल की मछली
(c) दोनों
(d) कोई नहीं
उत्तर :
(a) मीठे जल की मछली।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill in the blanks) : (1 Mark)
1. जो जीव फसल, मनुष्य की संपत्ति को नुकशान पहुँचाते हैं उन्हें ________ कहते हैं।
उत्तर : पेस्ट।
2. खरीफ फसल की खेती ________के आरंभ में होता है।
उत्तर : वर्षा ऋतु।
3. फलों का राजा ________को कहते हैं।
उत्तर : आम।
4. गोबर एक ________खाद है ।
उत्तर : जैविक।
5. अजैव खाद का उदाहरण________ है।
उत्तर : अमोनियम सल्फेट।
6. अधिक रासायनिक खाद के प्रयोग से जमीन की शक्ति घट जाती है।
उत्तर : उर्वरा।
7. ________चाय में प्रचुर विटामिन-बी कोम्पलेक्स तथा फौलिक अम्ल मिलता है।
उत्तर : काली।
8. अंडा को सेने वाली मुर्गी ________तथा ________है।
उत्तर : ब्रह्मा, कोचिन।
9. जिन पक्षियों को आर्थिक लाभ के लिए पाला जाता है उन्हें ________कहते हैं।
उत्तर : पोल्ट्री बर्ड।
10. जिन तलाबों में मछली के अंडों को पाला जाता है उन्हें ________कहते हैं।
उत्तर : हेचरी।
11. लांगहार्ष मुर्गी वर्ष भर में ________अंडे देती है ।
उत्तर : 150-200
12. रबी फसलें ________में काट लिया जाता है।
उत्तर : मार्च-अप्रेल।
13. चाय में उपस्थित ________रक्त में कोलेस्टराल की मात्रा को कम करता है।
उत्तर : पोली फेनल।
14. चावल में ________कार्बोहाइट्रेट होता है।
उत्तर : 79.1%
15. पौधों के शरीर में ________जल होता है।
उत्तर : 90%
16. समुद्र तल से ________मी० की ऊँचाई पर पेड़ अच्छी तरह उगते हैं।
उत्तर : 1500
17. ________तथा ________ मिलकर स्पोर बनाते हैं।
उत्तर : सुक्राणु तथा अंडा।
18. ________तथा________ ग्वाहरी कॉप है।
उत्तर : ग्रासकॉप, सिल्वरकॉप
19. मधुमक्खी से हम ________ तथा ________ प्राप्त करते हैं।
उत्तर : मधु, वैकस।
सही मिलान करो :
प्रश्न 1.
A | B |
i) एपिकल्चर | a) फल-फूल उत्पादन |
ii) पिसिकल्चर | b) फसल उत्पादन |
iii) एग्रीकल्चर | c) मछली पालन |
iv) हार्टीकल्चर | d) मधुमक्खी पालन |
उत्तर :
A | B |
i) एपिकल्चर | d) मधुमक्खी पालन |
ii) पिसिकल्चर | c) मछली पालन |
iii) एग्रीकल्चर | b) फसल उत्पादन |
iv) हार्टीकल्चर | a) फल-फूल उत्पादन |
प्रश्न 2.
A | B |
i) दाल प्रजाति फसल | a) धान, गेहूँ |
ii) रेशा प्रजाति फसल | b) तुलसी |
iii) औषंधीय फसल | c) चना, मटर |
iv) डण्ठल प्रजाति फसल | d) कपास, जूट |
उत्तर :
A | B |
i) दाल प्रजाति फसल | c) चना, मटर |
ii) रेशा प्रजाति फसल | d) कपास, जूट |
iii) औषंधीय फसल | b) तुलसी |
iv) डण्ठल प्रजाति फसल | a) धान, गेहूँ |
प्रश्न 3.
A | B |
i) ब्रायलर | a) संकर मुर्गी |
ii) लंगहार्ष | b) अण्डा उत्पादनकारी मुर्गी |
iii) टी टांग कोचीन | c) अंडा और मांस उत्पादन मुर्गी |
iv) रोड आइलैण्ड | d) मांस उत्पादनकारी |
उत्तर :
A | B |
i) ब्रायलर | a) संकर मुर्गी |
ii) लंगहार्ष | b) अण्डा उत्पादनकारी मुर्गी |
iii) टी टांग कोचीन | d) मांस उत्पादनकारी |
iv) रोड आइलैण्ड | c) अंडा और मांस उत्पादन मुर्गी |
प्रश्न 4.
A | B |
i) मसाले वाले फसल | a) ईख |
ii) वागवानी वाले फसल | b) अदरख |
iii) कंद-मूल जाति के फसल | c) चाय, काफी |
iv) शक्कर उत्पन्न करने वाला फसल | d) दाल चीनी |
उत्तर :
A | B |
i) मसाले वाले फसल | d) दाल चीनी |
ii) वागवानी वाले फसल | c) चाय, काफी |
iii) कंद-मूल जाति के फसल | b) अदरख |
iv) शक्कर उत्पन्न करने वाला फसल | a) ईख |
प्रश्न 5.
A | B |
i) पार्थेनियम | a) खर-पतवार |
ii) फिब्लोरम | b) खर-पतवार नाशक |
iii) राइजोवियम | c) रासायनिक खाद |
iv) अमोनियम सल्फेट | d) सहजीवी बैक्ट्रीरिया |
उत्तर :
A | B |
i) पार्थेनियम | a) खर-पतवार |
ii) फिब्लोरम | b) खर-पतवार नाशक |
iii) राइजोवियम | c) रासायनिक खाद |
iv) अमोनियम सल्फेट | d) सहजीवी बैक्ट्रीरिया |
प्रश्न 6.
A | B |
i) 2-4-D | a) रासायनिक |
ii) एलड्रिन | b) खर-पतवार नाशक |
iii) DDT | c) बायोसाइड |
iv) यूरिया | d) पेष्टीसाइड |
उत्तर :
A | B |
i) 2-4-D | b) खर-पतवार नाशक |
ii) एलड्रिन | c) बायोसाइड |
iii) DDT | d) पेष्टीसाइड |
iv) यूरिया | a) रासायनिक |