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WBBSE Class 9 Hindi व्याकरण सर्वनाम
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर :-
प्रश्न 1.
सर्वनाम की परिभाषा सोदाहरण लिखें।
उत्तरः
‘सर्वनाम’-सर्व + नाम से मिलकर बना है जिसका अर्थ है सब या सबके नाम। अर्थात् कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो सब संज्ञाओं (नामों) के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
परिभाषा :- संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- मैं, तू, वह, आप आदि। सर्वनाम सब प्रकार के नामों, अर्थात् संज्ञाओं के स्थान पर उनके प्रतिनिधि के रूप में आते हैं। जैसे -तरुण सो गया था, इसलिखह विद्यालय नहीं जा सका। इस वाक्य में ‘वह’ शब्द का प्रयोग तरूण संज्ञा के स्थान पर हुआ है, इसलिए ‘वह’ सर्वनाम है।
प्रश्न 2.
सर्वनामों के प्रयोग क्यों और कहाँ किए जाते हैं ?
उत्तरः
सर्वनामों का प्रयोग सुन्दरता, सरलता तथा संक्षिप्तता के लिए किया जाता है। सर्वनाम के अभाव में वाक्य में बार-बार संज्ञाओं (नामों) के प्रयोग से भाषा अटपटी लगती है जैसे-
‘विनय ने विनय की माताजी से कहा कि विनय पिताजी के साथ आगरा नहीं जा सकेगा।’
सर्वनाम के प्रयोग से यह वाक्य इस प्रकार भी बन सकता है-
विनय ने अपनी माताजी से कहा कि वह पिताजी के साथ आगरा नहीं जा सकेगा।’
सर्वनाम सभी संज्ञाओं के नाम हैं। ये किसी भी संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त किए जा सकते हैं, इसलिए प्रत्येक भाषा में इनकी संख्या सीमित होती है।
सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर होता है। इसलिए संज्ञा के समान ही कारक के कारण इनमें विकार या परिवर्तन होता है। जैसे – हमने, हमको, हमसे, मैने, मुझको, मुझसे। इसे भी संज्ञा की तरह एकवचन या बहुवचन में प्रयुक्त कर सकते हैं। विशेषण के आधार पर सर्वनाम का रूप परिवर्तित हो जाता है, जैसे- मेरा परिवार, तुम्हारा घर, उसकी कलम, मेरी किताब, तुम्हारी कक्षा, मेरा स्कूल आदि। संज्ञा की तरह सर्वनाम के साथ संबोधन का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 3.
सर्वनाम के भेदों का नामोल्लेख करें।
उत्तरः
सर्वनाम के छ: भेद हैं –
- पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun)
- निश्चयवाचक सर्वनाम (Demonstrative Pronoun)
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)
- प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)
- संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
- निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)
प्रश्न 4.
हिन्दी में सर्वनाम कितने हैं ?
उत्तरः
हिन्दी में सर्वनाम पन्द्रह हैं – मैं, हम, तू, तुम, आप, वह, ये, वह, वे, सो, जो, कौन, क्या, इस, उस। पर वैयाकरण केवल ग्यारह मानते हैं – मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या।
प्रश्न 5.
पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं ?
उत्तरः
पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun) :- किसी भी वार्ता के प्रसंग में तीन प्रकार के पुरुष (व्यक्ति) आते हैं-
- वक्ता (बोलने वाला) (First Person)
- श्रोता (सुनने वाला) (Second Person)
- अन्य (जिसके बारे में कहा जाता है) (Third Person)
कहने वाले, लिखने वाले, सुनने वाले, पढ़ने वाले या किसी तीसरे (अन्य) व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होने वाले सर्वनामों को पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
सामान्यत: पुरुषवाचक (नर तथा नारी) के लिए प्रयुक्त होने के कारण ये पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।इस संदूक को उठाकर देखो वह कितना भारी है।
प्रश्न 6.
पुरुषवाचक सर्वनाम के अंगों (भेदों) का उल्लेख करें।
उत्तरः
पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं-
(क) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम (First Person) :- बोलने वाला या लिखने वाला (वक्ता अथवा लेखक) या अपने से संबंध रखने वालों के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग करता है, वे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे-मैं, मेरा, हम, हमारा, हमें, मुझको, हमको, मैंने, हमने, मुझे आदि।
(ख) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम (Second Person) :- वक्ता अथवा लेखक सुनने अथवा पढ़ने वाले के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग करता है, उन्हें मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-तू, तुम, तेरा, तुम्हारा, आपने, आपको, तुझको, तुमको, तुझे, तुम्हें आदि।
(ग) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम (Third Person) :- वक्ता या लेखक अपने आप सुनने-पढ़ने वालों के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग करता है, उन्हें अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-वे, वह, उसे, उनका, उन्हें आदि।
-हिन्दी में ‘आप’ का प्रयोग निजवाचक के रूप में (स्वयं के लिए) अथवा आदरार्थक मध्यम पुरुष के लिए होता है। जैसे-
आइए, आप भोजन कीजिए।
आदरार्थक अन्य पुरुष हेतु प्रयोग देखिए –
‘अटल जी सच्चे स्वतंत्रता सेनानी हैं। आपका जन्म 25 दिसम्बर, सन् 1925 ई० को हुआ।’ यह ‘आप’ का विशिष्ट प्रयोग है।
‘तू’ सर्वनाम का प्रयोग समीपता, आत्मीयता, प्यार तथा दुलार प्रकट करने हेतु करते है, कभी-कभी निरादर अथवा हीनता दिखाने के लिए भी तू का प्रयोग किया जाता है-
- हे प्रभु। तेरी कृपा कब होगी ?
- अरे नालायक ! तू अब तक कहाँ था ?
- माँ! तू क्या कर रही है ?
प्रश्न 7.
निश्चयवाचक सर्वनाम की परिभाषा सोदाहरण लिखें।
उत्तरः
निश्चयवाचक सर्वनाम (Demonstrative Pronoun) :- जिन सर्वनामों से किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना आदि का निश्चित बोध होता है, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
निश्चयवाचक सर्वनामों से दूर या समीप के पदार्थों अथवा व्यक्तियों का निश्चयात्मक बोध होता है। यथा-यह, वह। निकट की वस्तुओं के लिए-यह, ये।
दूर की वस्तुओं के लिए-वह, वे।
उदाहरणार्थ :
तुम्हारा घर यह नहीं, वह है।
विश्वास नहीं हो तो, यह तुम ही पढ़ लो।
इस कलम को देखो, यह कितनी उपयोगी है।
प्रश्न 8.
अनिश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं ?
उत्तरः
अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun) :- जिन सर्वनामों से किसी निश्चित पदार्थ अथवा व्यक्ति का ज्ञान नहीं होता, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। यथा-कोई, किसी, कुछ आदि।
किसी अनिश्चित वस्तु, घटना, व्यापार के लिए अनिश्चयवाचक सर्वनाम प्रयुक्त किए जाते हैं। प्राणियों के लिए कोई’, ‘किसी’ सर्वनाम का प्रयोग करते हैं तथा पदार्थों के लिए ‘कुछ’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
स्कूल में कुछ खा लेना।
संभवत: कोई आया है।
हम किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
प्रश्न 9.
प्रश्नवाचक सर्वनाम की परिभाषा सोदाहरण लिखें।
उत्तरः
प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun) :-जिन सर्वनामों से किसी व्यक्ति अथवा पदार्थ के विषय में प्रश्न का बोध हो, उन्हे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-कौन, क्या, किसे, किसने, कब आदि। प्राणिवाचक संज्ञाओं के लिए कौन, किसे, किसने, का प्रयोग करते हैं तथा अर्पाणिवाचक संज्ञाओं के लिए क्या का प्रयोग होता है। जैसे-
तुम विद्यालय कब जाओगे ?
आज तुम्हें क्या चाहिए ?
कल तुम किससे बात कर रही थीं ?
ऊपर छत पर कौन दौड़ रहा है ?
यह पुस्तक तुम्हें किसने दी ?
प्रश्न 10.
संबंधवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं ?
उत्तरः
संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun) :- जिस सर्वनाम से व्यक्ति, वस्तु या घटना आदि का किसी अन्य व्यक्ति, वस्तु या घटना से संबंध ज्ञात हो, उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जिन सर्वनाम शब्दों से दो अलग-अलग बातों का संबंध प्रकट होता है अथवा जो प्रधान वाक्य से आश्रित वाक्यों का संबंध जोड़ते हैं, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-जो-सो, जिसे-उसे, जिसे-वही, वह-जो, जिसकीउसकी, तेते-जेती, जैसी-वैसी, जिसने-उसने आदि संबंधवाचक सर्वनाम हैं। इनका प्रयोग युग्म-रूप में होता है। जैसे-
जिसकी लाठी, उसकी भैंस।
जैसा करोगे, वैसा भरोगे।
जिसने बच्चे को डूबने से बचाया है, उसे इनाम मिलेगा।
तेते पाँव पसारिए, जेती लाँबी सौर।
जैसी करनी, वैसी भरनी।
प्रश्न 11.
निजवाचक सर्वनाम की सोदाहरण परिभाषा लिखें। (माध्यमिक परीक्षा – 2010)
उत्तरः
निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun) :- जो सर्वनाम शब्द निज के लिए (स्वयं अपने लिए) प्रयुक्त होता है , उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-आप, अपने-आप, स्वयं, खुद, निज, स्वतः आदि।
हमें अपना काम स्वयं करना चाहिए।
हमें अपना काम अपने आप करना चाहिए।
हमें अपना काम खुद करना चाहिए।
कवि ने स्वयं कविता सुनाई।
आप स्वयं चलकर देख लें।
हम खुद ही तुम्हारा ध्यान रखते हैं।
निजवाचक सर्वनाम वस्तुत: पुरुषवाचक सर्वनाम का ही एक भेद है, कितु कुछ विद्वान इसे अलग मानते हैं। सर्वनाम के उपर्युक्त भेद-विवेचन से यह स्पष्ट हो जाता है कि इनकी संख्या बहुत कम है। यदि रूपान्तरों को छोड़ दें तो इनकी गणना इस प्रकार होगी।
- पुरुषवाचक सर्वनाम-मैं, तू, वह, आप।
- निश्चयवाचक सर्वनाम-यह, वह।
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम-कोई, कुछ।
- प्रश्नवाचक सर्वनाम-क्या, कौन।
- संबंधवाचक सर्वनाम-जो, सो (वह), जैसा-वैसा।
प्रश्न 12.
संरचना की दृष्टि से सर्वनाम के कितने भेद हैं ? विवेचना करें।
उत्तरः
संरचना की दृष्टि से सर्वनाम के दो भेद हैं – (क) सामान्य सर्वनाम और (ख) संयुक्त सर्वनाम।
(क) सामान्य सर्वनाम :- सामान्य सर्वनामों के अर्थ की दृष्टि से निम्नलिखित भेद हैं –
- पुरुषवाचक – मैं, हम, तू, तुम, आप, वह, वे, यह, ये।
- निर्देशवाचक – वह, वे, यह, ये, ऐसा, वैसा, इतना, उतना।
- प्रश्नवाचक – कौन, क्या, कैसा, कौन-सा, कितना।
- स्वामित्ववाचक – मेरा, तेरा, हमारा, तुम्हारा, अपना।
- निजवाचक – आप, स्वयं।
- सम्बन्धवाचक – जो, जैसा, जितना।
- निश्चयवाचक – आप, स्वयं, खुद, हर, प्रति, सब, सारा, समूचा, आदि।
- अनिश्चयवाचक – कोई, कुछ, कई, अनेक, चंद, बाज आदि।
(ख) संयुक्त सर्वनाम – जिन सर्वनामों की रचना दो या दो से अधिक शब्दों से होती है, उन्हें संयुक्त सर्वनाम कहते हैं। जैसे-
- जो कोई, हर कोई, सब कोई, और कोई, जो कुछ, सब कुछ, और कुछ, कुछ और आदि।
- कोई एक, कोई भी, एक कोई, कुछ भी, कुछ एक आदि।
- कोई न कोई, कुछ न कुछ।
- कुछ-कुछ, कोई-कोई।
- प्रत्येक, हर एक।
प्रश्न 13.
संरचना की दृष्टि को छोड़कर सर्वनाम के अन्य भेदों को लिखें।
उत्तरः
संरचना की दृष्टि को छोड़कर सर्वनाम के कुछ अन्य भेद निम्नांकित हैं –
- साकल्पवाचक सर्वनाम :- जिस सर्वनाम में समूह या साकल्प का बोध होता है, उसे साकल्पवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे – सब कुछ, सकल आदि।
- यौगिक सर्वनाम :- मूल सर्वनाम में प्रत्यय जोड़कर बनाये गए सर्वनाम यौगिक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे ऐसा, वैसा, कैसा, जैसा, तैसा आदि।
- संयुक्त सर्वनाम :- जो सर्वनाम एक से अधिक सर्वनामों (शब्दों) के योग से बनते हैं, उन्हें संयुक्त सर्वनाम कहते हैं। जैसे-कोई एक, जोई सोई, सब कोई इत्यादि।
- परस्परताबोधक सर्वनाम – वे सर्वनाम जो परस्परता या आपसी मेल का बोध कराते है, उन्हें परस्परताबोधक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-आपस आदि।
प्रश्न 14.
‘मैं’ सर्वनाम का प्रयोग किन-किन अवस्थाओं में होता है ?
उत्तरः
मैं’ का प्रयोग (वक्ता के लिए)
1. मैं’ का प्रयोग ‘उत्तम पुरुष’, एकवचन, पुल्लिंग और स्रीलिंग दोनों में होता है :- पुल्लिंग – मैं जाता हूँ। स्वीलिंग – मैं जाती हूँ।
2. कभी-कभी अभिमान या प्रभुता को दिखाने के लिए भी मैं का प्रयोग होता है। जैसे – मैं तुम्हारा दर्प चूर्ण करूँगा।
प्रश्न 15.
‘हम’ सर्वनाम के प्रयोग की अवस्थाओं को लिखें।
उत्तरः
हम का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से बहुवचन में करना चाहिए और किया भी जाता है। आजकल इसका प्रयोग अधिकतर एकवचन अर्थात् ‘मैं के रूप में भी किया जाने लगा है। जैसे :-
- अधिकार और प्रभुता दिखाने के लिए – हम आज्ञा देते हैं कि उसे उपस्थित किया जाये।
- लेखक और सम्पादक अपने लिए ‘हम’ का प्रयोग करते हैं। जैसे – हम यहाँ कब तक रहेंगे? हमें जाना चाहिए।
- ‘हम’ का प्रयोग ‘मैं’ के अर्थ में कहनेवाले का संकेत है। जैसे-आपके मित्र और स्वागत करें हम ?
- ‘हम’ का प्रयोग वक्ता या उसके समेत अन्य लोगों के समूह के लिए होता है। जैसे-हम यहाँ अधिक देर तक नहीं ठहर सकते।
प्रश्न 16.
‘तू’ सर्वनाम का प्रयोग किन-किन अवस्थाओं में होता है ?
उत्तरः
तू’ का प्रयोग एकवचन, मध्यम पुरुष में उस व्यक्ति के लिए किया जाता है, जिसे सम्बोधित करके कुछ कहा जाता है। इस सर्वनाम का प्रयोग देवी-देवता, ईश्वर, घनिष्ठ मित्रादि और छोटे बच्चे या अपने से छोटे के लिए किया जाता है। जैसे-
(क) अरे दुष्ट ! यहाँ तू क्या करता है ?
(ख) लगता है, तू पागल हो गया है।
(ग) तू कितना निर्दयी है।
(घ) तू तो जहरीला साँप निकला।
कभी-कभी कोध दिखाते समय तू का प्रयोग दूसरे की अक्षमता और असमर्थता के लिए किया जाता है। जैसे तूने अपने को क्या समझ रखा है ?
प्रश्न 17.
‘तुम’ सर्वनाम का प्रयोग किन अवस्थाओं में होता है ?
उत्तरः
तुम’ का प्रयोग मध्यम पुरुष, बहुवचन में अधिक होता है। वह ‘संबोधन’ के रूप में आता है। इसका प्रयोग एक या एक से अधिक व्यक्तियों, दोस्तों, रिश्तेदारों, साथियों तथा अपने बराबर या अपने से छोटे लोगों के लिए किया जाता है। जैसे-
(क) तुम’ लेखक हो।
(ख) कादिर ‘तुम’ यहाँ बैठो।
(ग) ‘तुम’ क्यों रो रहे हो ?
(घ) क्या ‘तुम’ यह उठा सकते हो ?
प्रश्न 18.
‘आप’ सर्वनाम के प्रयोग के नियमों को लिखें।
उत्तरः
‘आप’ का प्रयोग मध्यम पुरुष में आदरसूचक संबोधन के लिए किया जाता है। इसके साथ अन्यपुरुष की क्रिया आती है। जैसे-
(क) ‘आप’ जा सकते हैं।
(ख) ‘आप’ चेष्टा करेंगे तो कार्य सिद्ध हो जायेगा।
(ग) आप मेरे भाई हैं।
(घ) ‘निराला जी’ महान् कवि थे। ‘आप’ ने कई उपन्यास भी लिखे हैं।
अधिक आदर दिखाने के लिए ‘आप’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
(क) आप कब पधारे ?
(ख) इसके संबंध में ‘आप’ क्या कहते हैं ?
निजवाचक सर्वनाम के रूप में ‘आप’ का प्रयोग होता है। जैसे-
मैं यह काम आप ही कर लूँगा।
प्रश्न 19.
‘वह’ सर्वनाम का प्रयोग किन अवस्थाओं में होता है ?
उत्तरः
वह’ सर्वनाम का प्रयोग अनुपस्थित या दूर के व्यक्तियों को इंगित करने के लिए बहुवचन, अन्य पुरुष में किया जाता है। जैसे-कुछ क्षण उपरान्त वह यहाँ आ पहुँचा।
‘वह’ का प्रयोग बहुवचन में भी होता है। जैसे-
(क) ‘वह’ भला आदमी है।
(ख) ‘वह’ कवि है।
‘वह’ का विशेषण रूप में भी प्रयोग होता है। जैसे – वह’ पुस्तक फट गई।
प्रश्न 20.
‘क्या’ प्रश्नवाचक सर्वनाम के प्रयोग से संम्बन्धित नियमों को लिखें।
उत्तरः
- ‘क्या प्रश्नवाचक सर्वनाम अप्राणिवाचक वस्तुओं और जन्तुओं आदि को इंगित करने के लिए प्रयोग में आता है। जैसे – वह क्या है ? वह एक मकान है।
- विशेषण के रूप में ‘क्या’ का प्रयोग होता है। जैसे – यह ‘क्या’ आदमी है ?
- कभी-कभी ‘क्या’ का प्रयोग समुच्चयबोधक के रूप में होता है। जैसे-क्या’ आज, ‘क्या कल, वह अवश्य सुनेंगे।
- किया-विशेषण के रूप में ‘क्या’ का प्रयोग होता है। जैसे – क्या’ अजीब प्रश्न है।
- नकारात्मक की तीव्रता दिखाने के लिए क्या’ का प्रयोग होता है। जैसे-मैंने ‘क्या’ किया है ?
प्रश्न 21.
कोई’ प्रश्नवाचक सर्वनाम के प्रयोग से सम्बन्धित नियमों को लिखें।
उत्तरः
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम ‘कोई’ किसी अपरिचित व्यक्ति को इंगित करता है। जैसे – पानी में कोई’ तैर रहा है।
- ‘कोई’ के साथ ‘सब’ जोड़ देने से ‘सब लोग’ के अर्थ में प्रयुक्त होता हैं। जैसे- सब कोई इस घटना को जान गए हैं।
- ‘कोई’ के साथ हर’ शब्द को जोड़ देने से प्रत्येक’ के अर्थ में प्रयोग होता है। जैसे-हर कोई यह काम नहीं कर सकता।
- ‘कोई’ के साथ एक’ जोड़ देने से अनिश्चयता का बोध होता है। जैसे – कोई एक सज्जन लग रहा था।
- ‘कोई’ के साथ ‘और या ‘दूसरा’ शब्द जोड़ने से उसका अर्थ कोई अन्य’ होता है। जैसे – यदि कोई और होता तो मै बात न करता।
कुछ अन्य उदाहरण :-
- कोई न कोई आपका सहायक होगा।
- वहाँ कोई न कोई आप से मिलेगा।
- विशेषण के रूप में ‘कोई’ का प्रयोग – ‘कोई’ लड़का जा रहा है।
- समुच्चयबोधक के रूप में कोईं का प्रयोग – कोई गाता है कोई हैसता है।
- निश्चय बताने के लिए कोई’ का प्रयोग – कोई न कोई सहायता करेगा ही।
प्रश्न 22.
कुछ’ सर्वनाम के प्रयोग से संबंधित नियमों को लिखें।
उत्तरः
- कुछ का प्रयोग अनिश्चयवाचक सर्वनाम के रूप में तथा समुदाय के रूप में किया जाता है। जैसे – कुछ आए और गए।
- किसी अपरिचित वस्तु के लिए ‘कुछ’ का प्रयोग होता है। जैसे-दाल में कुछ है। उसे कुछ दीजिए।
- विशेषण के रूप में कुछ’ का प्रयोग होता है। जैसे – कुछ लड़के खेल रहे हैं। कुछ तरकारी खरीद लाओ।
- क्रिया-विशेषण के रूप में कुछ’ का प्रयोग होता है। जैसे – कुछ अच्छी बातें कहो।
- समुच्चयबोधक के रूप में ‘कुछ’ का प्रयोग होता है। जैसे – कुछ तुम करो कुछ हम करें।
प्रश्न 23.
‘जो’ सर्वनाम का प्रयोग किन अवस्थाओं में होता है ?
उत्तरः
‘जो’ के साथ ‘सो’ प्रायः प्रयोग में आता है। जैसे – तुम जो करोगे सो पाओगे।
कभी-कभी जो’ का प्रयोग एक वाक्य के लिए किया जाता है। जैसे-आपने उसकी बात न मानी ‘जो’ अच्छी बात नहीं है।
कभी-कभी जो’ के साथ कुछ या कोई का प्रयोग होता है। जैसे-
(क) ‘जो’ कुछ मैं कहूँ ध्यान से सुनिए।
(ख) जो कोई यह कर सकता है।
कभी-कभी वाक्य में ‘जो’ लुप्त रहता है, पर ‘सो’ आता है। जैसे – तुम चाहो सो करो।
जो’ के साथ ‘सो के स्थान पर वही’ का प्रयोग होता है। जैसे-जो’ भी अच्छा कार्य करेगा, ‘वही’ प्रशंसा पायेगा।
समुच्चयबोधक के रूप में जो’ का प्रयोग होता है। जैसे – जो’ कहेंगे तो कर दूँगा।
प्रश्न 24.
‘कौन’ सर्वनाम के प्रयोग से संबंधित नियमों को लिखें।
उत्तरः
1. कौन का प्रयोग प्राय: व्यक्ति को सूचित करने के लिए किया जाता है। यह निश्चित व्यक्ति के लिए प्रयोग में आता है। जैसे –
(क) ‘कौन’ आ रहा है ?
(ख) वहाँ ‘कौन’ सोया है ?
2. अनेक एक-सी वस्तुओं में से किसी एक को इंगित करने के लिए ‘कौन’ का प्रयोग होता है। जैसे-
(क) यह ‘कौन’ – सी पुस्तक है ?
(ख) आज ‘कौन’ सी तारीख है ?
3. ‘कौन’ का प्रयोग विशेषण के रूप में होता है। जैसे तुमने कौन’ पाप किया है ?
4. ‘कौन’ का प्रयोग क्रियाविशेषण के रूप में होता है। जैसे – यह ‘कौन’ बड़ी गायिका है ?
5. विस्मयादिबोधक के रूप में ‘कौन’ का प्रयोग होता है। जैसे – कौन’ ! कौन’ ! शंकर ?
6. समुच्चयबोध के रूप में ‘कौन का प्रयोग होता है। जैसे – ‘कौन’ सोया कौन जागा ?
7. सम्मान दिखाने के लिए भी ‘कौन’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे – वहाँ ‘कौन’ खड़े हैं ?
8. निरादर दिखाने के लिए भी ‘कौन’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
(क) वहाँ ‘कौन’ खड़ा है ?
(ख) तुम कौन’ होते हो ?
9. संख्या की अधिकता को व्यक्त करने के लिए कौन’ की आवृत्ति (दो बार) की जाती है। जैसे – वहाँ कौनकौन आ रहे हैं ?
प्रश्न 25.
‘ये’ सर्वनाम के प्रयोग से संबंधित नियमों को लिखें।
उत्तरः
- ये’ का प्रयोग बहुवचन में निश्चयवाचक सर्वनाम के रूप में होता है। जैसे – ये हमारे भाई हैं।
- ‘ये’ का प्रयोग सम्मान दिखाने के लिए, एक व्यक्ति को संबोधित करने के लिए किया जाता है। जैसे – इनसे मिलिए, ‘ये’ हमारे मित्र हैं।
- ‘ये’ का प्रयोग बहुवचन में विशेषण के रूप में होता है। जैसे – ‘ये’ बच्चे शैतान हो गए हैं।
विशेष :- ‘ये’ का प्रयोग यह’ की तरह होता है। ‘ये’ बहुवचन में आता है।
प्रश्न 26.
‘यह’ सर्वनाम के प्रयोग से संबंधित अवस्थाओं के बारे में लिखें।
उत्तरः
- यह’ का प्रयोग निकट के व्यक्ति को सम्बोधित करने के लिए एकवचन, अन्य पुरुष में होता है। जैसे ‘यह’ मुझे अच्छी तरह जानता है।
- ‘यह’ का प्रयोग सम्मान दिखाने के लिए, एक व्यक्ति को सूचित करने के लिए ‘बहुवचन’ में किया जाता है। जैसे – ‘यह’ वर्षो से यहाँ रह रहे हैं।
- विशेषण के रूप में ‘यह’ का प्रयोग एकवचन में होता है। जैसे – यह लड़का रोता ही रहता है।
- निश्चयवाचक सर्वनाम के रूप में ‘यह’ का प्रयोग एकवचन में होता है। जैसे – यह कितना सुहावना है।
- कियाविशेषण के रूप में ‘यह’ का प्रयोग होता है। जैसे – लो, ‘यह’ मैं चला।
प्रश्न 27.
‘वे’ सर्वनाम का प्रयोग किन अवस्थाओं में होता है ?
उत्तरः
वे का प्रयोग निम्नलिखित अवस्थाओं में होता है। जैसे-
1. बहुवचन के रूप में प्रयोग –
(क) ‘वे’ आ गए।
(ख) वे तुम्हारे कौन लगते हैं ?
2. सम्मान दिखाने हेतु किसी व्यक्ति के लिए भी ‘वे’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
(क) वे’ धनी व्यक्ति हैं।
(ख) गुरुदेव महान् साहित्यकार थे। ‘वे’ अच्छे चित्रकार भी थे।
3. ‘वे’ का प्रयोग निश्चयवाचक सर्वनाम के रूप में बहुवचन में होता है। जैसे-
(क) वे खेल रहे हैं।
(ख) ‘वे’ आप को कैसे जानते हैं ?
4. ‘वे’ का प्रयोग बहुवचन में विशेषण के रूप में होता है। जैसे-
वे शोर मचा रहे हैं।
प्रश्न 28.
सर्वनाम में कितने वचन और कितने कारक होते हैं ?
उत्तरः
सर्वनाम में दो वचन और सात कारक (संबोधन कारक को छोड़कर) होते हैं।
प्रश्न 29.
उत्तम पुरुष ‘मैं’ की कारक-रचना सातों कारकों एवं दोनों वचनों में करें।
उत्तरः
उत्तम पुरुष (First Person) मैंग
प्रश्न 30.
मध्यम पुरुष ‘आप’ की कारक-रचना दोनों वचनों तथा सातों कारकों में करें।
उत्तरः
मध्यम पुरुष (Second Person) ‘आप’
प्रश्न 31.
मध्यम पुरुष ‘तू’ की कारक-रचना सातों कारकों तथा दोनों वचनों में करें।
उत्तरः
मध्यम पुरुष (Second Person) ‘तू’
प्रश्न 32.
सम्बन्धवाचक ‘जो’ की कारक-रचना दोनों वचनों तथा सातों कारकों में करें।
उत्तरः
सम्बन्धवाचक (Relative) ‘जो’
प्रश्न 33.
प्रश्नवाचक ‘कौन’ की कारक-रचना दोनों वचनों तथा सातों कारकों में करें।
उत्तरः
प्रश्नवाचक (Interrogative) ‘कौन’
प्रश्न 34.
अनिश्चयवाचक ‘कोई’ की कारक-रचना दोनों वचनों तथा सातों कारकों में करें।
उत्तरः
अनिश्चयवाचक (Indefinite) ‘कोई’
प्रश्न 35.
अन्यपुरुष ‘वह’ की कारक-रचना दोनों वचनों तथा सातों कारकों में करें।
उत्तरः
अन्य पुरुष (Third Person) ‘वह’
विशेष :- यह’ का रूप ‘वह’ की ही तरह चलता है। ‘यह’ का ‘इस’ एकवचन में और बहुवचन में ये’ का ‘इन’ हो जाता है।
प्रश्न 36.
आदरसूचक ‘आप’ की कारक-रचना दोनों वचनों तथा सातों कारकों में करें।
उत्तरः
आदर सूचक “आप’
(‘आप’ सर्वनाम के बहुवचन रूप एकवचन के समान ही रहते हैं।)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर :-
प्रश्न 1.
सर्वनाम किसे कहते हैं ? इसके भेदों की परिभाषा उदाहरण सहित लिखें।
उत्तरः
संज्ञा के बदले जिन शब्दों का प्रयोग होता है, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। जैसे-वह, उसे, उसने, मैं, मेरा, मेरे, वे, हम, हमलोग आदि।
सर्वनाम के छः भेद हैं :-
- पुरुषवाचक (Personal Pronoun)
- निजवाचक (Reflexive Pronoun)
- निश्चयवाचक (Definite Pronoun)
- अनिश्चयवाचक (Indefinite Pronoun)
- सम्बन्धवाचक (Relative Pronoun)
- प्रश्नवाचक (Intterogative Pronoun)
पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun) :-जिस सर्वनाम शब्द से बोलनेवाले, सुननेवाले और जिसके विषय में कहा जाय उसका बोध हो, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे –
- मैं जाता हूं (बोलने वाला)
- तुम जाते हो (सुननेवाला) और
- वह जाता है (जिसके विषय में कहा गया है)।
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं – (क) उत्तम पुरुष (First Person), (ख) मध्यम पुरुष (Second Person) और (ग) अन्य पुरुष (Third Person)।
(क) उत्तम पुरुष (First Person) :- जिस सर्वनाम से बोलने वाले का बोध होता है, उसे उत्तम पुरुष कहते हैं। जैसे-मैं, हम। मैं जाता हूँ। मैं – एकवचन में और हम बहुवचन में आता है।
(ख) मध्यम पुरुष (Second Person) :- जिस सर्वनाम शब्द से सुनने वाले का बोध होता है, उसे मध्यम पुरुष कहते हैं। जैसे तू, तुम, आप। तू जाता है। तुम जाते हो। आप जाते हैं। आप का प्रयोग आदर या सम्मान दिखाने के लिए किया जाता है।
(ग) अन्य पुरुष (Third Person) :- जिस सर्वनाम शब्द से जिसके विषय में कहा जाय, उसका बोध हो, उसे अन्य पुरुष कहते हैं। जैसे – वह’, वे, यह’, ये। वह जाता है। वे जाते हैं। यह आता है। ये आते हैं। इसमें वह’ और ‘यह’ एक वचन में तथा ‘वे’ और ‘ये’ बहुवचन में आते हैं।
निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun) :- जो सर्वनाम कर्त्ता के साथ अपनापन या निजत्व बताता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे – आप, निज, अपना। आप ही चला जाऊँगा। यह निज का मकान है। तुम अपना समाचार सुनाओ। यहाँ आप, निज और अपना निजवाचक सर्वनाम हैं।
निश्चयवाचक सर्वनाम (Definite Pronoun) :- जिस सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु आदि का बोध होता है, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।जैसे- वह, यह। यह सभ्य लड़का है। वह तेज दौड़ता है। यहाँ वह’ और ‘यह’ दोनों निश्चय का बोध कराते हैं। ‘यह’ का प्रयोग निकटतम के लिए और वह का प्रयोग दूर के लिए होता है।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun) :- जिस सर्वनाम शब्द से किसी अनिश्चित वस्तु का बोध होता है, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- कोई, कुछ। कोई आ रहा है। वह कुछ ला रहा है। यहाँ ‘कोई’ और कुछ अनिश्चयवाचक सर्वनाम हैं।
सम्बन्धवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun) :- जिस सर्वनाम से किसी संज्ञा का सम्बन्ध जाना जाता है, उसे सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-जो, सो। जो पढ़ेगा सो उत्तीर्ण होगा। जो करोगे सो पाओगे। जों और ‘सो’ सम्बन्धवाचक सर्वनाम हैं।
प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun) :- जिस सर्वनाम से प्रश्न का बोध होता है, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-कौन, क्या। कौन आया था ? क्या लाया है ? यहाँ ‘कौन’ और ‘क्या’ प्रश्नवाचक हैं।
प्रश्न 2.
सर्वनाम की रूप-रचना से संबंधित नियम कौन-कौन से हैं ? सोदाहरण समझाएँ।
उत्तरः
सर्वनाम की रूप-रचना से संबंधित नियम निम्नलिखित हैं :-
सर्वनाम की विभक्तियाँ शब्दों से मिलाकर लिखी जाती हैं। यथा-मैने, मुझसे, मुझको, उसने, हमको, उस पर, हम पर, हमने आदि।
संज्ञा की भौति सर्वनाम लिंग के अनुसार परिवर्तित नहीं होते। सर्वनाम वाले वाक्यों में लिंग का पता किया के रूप से लगता है। यथा-
बालक खेल रहा था, वह गिर गया।
बालिका खेल रही थी, वह गिर गई।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम ‘कुछ’ (एकवचन) परिमाण तथा संख्या दोनो का बोध कराता है। जैसे-
आपके खेत में इतना अनाज पैदा हुआ है, कुछ हमारे घर भेज देना। (परिमाणवाची)
आपके पास व्याकरण की इतनी पुस्तकें हैं, कुछ मुझे दे दीजिए।
‘तुम’ सर्वनाम के बहुवचन के रूप में ‘तुम सब’ का प्रचलन हो गया है।
राम ! तुम यहाँ बैठो। (संख्यावाचक)
अरे बच्चों ! तुम सब यहाँ बैठो।
आदरार्थक संज्ञा शब्दों के लिए सर्वनाम भी आदरार्थक बहुवचन में प्रयुक्त होते हैं। जैसे-
सुषमा जी सभा में आई तो थीं, पर वे बोली नहीं।
मेरी माताजी पूजा करने गई है, वे आती ही होंगी।
जहाँ ‘मैं’ की जगह ‘हम’ का प्रयोग होने लगा है, वहाँ हम लोग’ अथवा ‘हम सब’ का प्रयोग प्रचलन में आ गया है। यथा-
हम लोग मैच देखने जा रहे हैं।
हम सब तुम्हारे घर खाना खाने आ रहे हैं।
‘मैं, हमम’ और तुम’ के साथ ‘का’, के, की’ की जगह रा’, रे, ‘री’ प्रयुक्त होते हैं। जैसे-मेरा, मेरे, मेरी, तुम्हारा, तुम्हारे, तुम्हारी, हमारा, हमारे, हमारी।
अधिकार अथवा अभिमान प्रकट करने के लिए आजकल ‘तू’ के स्थान पर हम’ का प्रयोग किया जाने लगा है, यद्यपि व्याकरण की दृष्टि से यह अशुद्ध है।
अध्यापक के नाते हमारा भी कुछ अधिकार है।
मुझ, हम, तुझ, इस, इन, उस, उन, किस, किन में निश्यचयार्थी ई’ (ही) के योग से मुझी, हमीं, तुझी, तुम्हीं, इसी, इन्हीं, उसी, उन्हीं, किसी, किन्हीं आदि निश्चयार्थी रूप बनते हैं।
‘कोई’ और ‘कुछ’ का बहुवचन ‘किन्हीं तथा ‘कुछ’ होता है। ‘कोई’ और ‘किन्हीं’ का प्रयोग सजीव प्राणियों के लिए होता है और कुछ का प्रयोग निर्जीव प्राणियों के लिए होता है। कीड़े-मकोड़े आदि के लिएकुछ का प्रयोग होता है।
क्या’ का रूप सदैव एक-सा रहता है। जैसे –
- क्या पढ़ रहे हो ?
- क्या खा रही थीं वे सब ?
- तुम क्या बोलोगे ?
सर्वनाम का रूप परिवर्तन केवल दो कारणों से होता है-वचन और संबंध कारक।
सर्वनाम शब्दों का संबोधन रूप नहीं बनता है, क्योंकि सर्वनाम शब्द द्वारा किसी को पुकारा नहीं जाता। सर्वनाम में दो वचन और सात कारक होते हैं।
प्रश्न 3.
सर्वनामों के पुनरुक्ति रूप से आप क्या समझते हैं। उदाहरण देते हुए समझाएँ।
सर्वनामों के पुनरुक्ति रूप :- कुछ सर्वनाम शब्द पुनरुक्ति रूप में प्रयोग किए जाते हैं। इसमें एक ही शब्द को पुन: दोहराया जाता है। ऐसे प्रयोगों से अर्थ में विशिष्टता आ जाती है।
अपना-अपना :- अपना-अपना सामान उठाओ और चलते बनो।
आप-आप :- घरवाले आप-आप खाए जा रहे थे, बारातियों को पूछने वाला कोई नहीं था।
कहाँ-कहाँ : श्री राम ने सीता जी को कहाँ-कहाँ नहीं खोजा ?
कुछ-कुछ : मैं बुढ़ापे में कुछ-कुछ भूलने लगा हूँ।
किस-किस : किस-किस को कविता याद है ?
कौन-कौन : कौन-कौन गृह-कार्य करके लाया है ?
जो-जो : जो-जो नकल करेगा वह फेल कर दिया जाएगा।
कोई-कोई : कोई-कोई बच्चा बिना बात के रो रहा था।
क्या-क्या : मेरे भाग्य में और क्या-क्या लिखा है ?
कुछ सर्वनाम संयुक्त रूप में प्रयुक्त होते हैं। जैसे –
कुछ-न-कुछ : ठहरो, कुछ-न-कुछ व्यवस्था कर दी जाएगी।
कोई-न-कोई : सुबह कोई-न-कोई गाड़ी तो अवश्य दिल्ली जाती होगी।
जो-कोई : जो कोई बोलेगा, वही पिटेगा।
जो-कुछ : लुटेरों को जो-कुछ मिला, लेकर भाग गए।
कहीं-कोई : आजकल बिना सिफारिश के कहीं-कोई नहीं पूछता।