Students should regularly practice West Bengal Board Class 9 Hindi Book Solutions सहायक पाठ Chapter 9 लाला लाजपत राय to reinforce their learning.
WBBSE Class 9 Hindi Solutions सहायक पाठ Chapter 9 Question Answer – लाला लाजपत राय
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न – 1 : “लाला लाजपत राय जैसे व्यक्ति तब तक नहीं मर सकते जब तक भारतीय आकाश में सूर्य चमक रहा है” – संकलित पाठ के आधार पर लिखें ।
प्रश्न – 2 : लाला लाजपत राय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालें ।
प्रश्न – 3 : लाला लाजपत राय को उनकी किन विशेषताओं के आधार पर ‘पंजाब केसरी’ नाम से जाना जाता है – लिखें ।
प्रश्न – 4 : संकलित पाठ के आधार पर लाला लाजपत राय का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करें ।
उत्तर :
पंजाब की उर्वर भूमि, जुझारु एवं कर्मठ व्यक्तित्व को जन्म देती रही है । इसी प्रांत के लुधियाना जिले के घुड़ी गाँव में 28 जनवरी, 1865 को एक बालक का जन्म हुआ जो आगे चलकर पंजाब केसरी लाला लाजपत राय्र के नाम से प्रसिद्ध हुआ । इनके पिता श्री राधाशरण अग्रवाल शिक्षक थे तथा माँ गुलाब देवी भी विदुषी महिला थी । लाहौर से कानून की पढ़ाई पूरी कर ये हिसार की जिला अदालत में वकालत का काम करने लगे ।
आगे चलकर ये आर्य समाजी बनकर शिक्षा, धर्म, मानव-सेवा और साहित्य सभी क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी तथा वकालत छोड़कर स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े। उन्होंने ‘भारत सुधा’ तथा ‘पंजाबी’ पत्र के माध्यम से भी लोगों को जगाने का प्रयास किया । उनके क्रांतिकारी व्यक्तित्व एवं स्वाधीनता-संग्राम में उनकी सक्रियता देखकर अंग्रेजी सरकार सतर्क हुई तथा इन्हें भारत से निर्वासित कर माण्डले जेल भेज दिया गया । उनपर विद्रोह भड़काने तथा अंग्रेजी राज मिटाने का आरोप भी लगाया गया। उनके निर्बासन की खबर पूरे देश में फैल गई तथा चारों ओर से अंग्रेजी सरकार पर दबाब बढ़ने लगा । परिणाम यह हुआ कि 11 नवंबर, 1907 को 6 महीने के भीतर ही उन्हें मुक्त कर लाहौर पहुँचाया गया । इसी एक घटना से उनकी लोकप्रियता का अदांजा लगाया जा सकता है।
लाला लाजपत राय महान मानवतावादी थे । वे दलितों, पीड़ितों, अनाथों, विधवाओं, असहायों के सच्चे सेवक थे। अछूतों की दुर्दशा के प्रति कट्टर हिन्दूवादियों का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से 1912-13 में उन्होंने काशी, प्रयाग, बरेली तथा मुरादाबाद की यात्रा की तथा अपने ओजस्वी भाषणों द्वारा हिन्दुओं से इस कलंक को मिटाने की भी अपील की थी । सन् 1913 ई० में गुरुकुल कांगड़ी में उनकी अध्यक्षता में एक अछूत सम्मेलन भी हुआ था । उन्होंने अकाल, महामारी एवं भूकम्प पीड़ितों की भी तन-मन-धन से सेवा की । उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा, देश-भाषा तथा देश की सभ्यता पर विशेष जोर दिया ।
भारत में शासन-सुधार कैसा हो ? इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए बिटिश सरकार ने साइमन कमीशन को भारत भेजा । इसके सभी सदस्यों के अंग्रेज होने के कारण भारतीय ने इसका उटकर विरोध किया। 30 अक्टूबर, 1928 को इसके लाहौर पहुँचने पर, लाला लाजपत राय ने विरोध करनेवाले जुलूस का नेतृत्व किया।
पंजाब केसरी के ‘साइमन कमीशन वापस जाओ’ के नारे से आकाश गूंज उठा । क्रूर अंग्रेज सैनिक एवं निष्ठुर पुलिस प्रमुख साण्डर्स ने देशभक्तों की आवाज को दबाने का पूरा प्रयास किया और भारत माँ के इस वीर सपूत को लाठियों से लहूलुहान कर दिया। “मेरे शरीर पर पड़ी हर एक लाठी की चोट बिटिश सरकार के कफ़न में कील साबित होगी” का सिंहनाद करता हुआ भारतमाता का यह सपूत 17 नवंबर, 1928 को भारत माँ की गोद में सदा-सदा के लिए सो गया ।
इस देशभक्त के बारे में राष्ट्रपिता गाँधी ने जो कहा था वे शत-प्रतिशत सही थे –
“‘उन्हें पंजाब केसरी की उपाधि यों ही नहीं मिली थी । जब तक भारतीय क्षितिज में सूर्य चमकता रहेगा, तबतक देशवासी उन्हें विस्मृत नहीं कर सकते ।”
WBBSE Class 9 Hindi लाला लाजपत राय Summary
शब्दार्थ
पृष्ठ सं० – 42
- केसरी = सिंह ।
- निर्वासन = निकाल देना, देशानकाला ।
- ख्याति = प्रसिद्धि ।
- अर्जित = पाना ।
- पीड़ित = दु:खी ।
- कटृरता = कठोरता ।
- दासता = गुलामी ।
- अस्त्र = हथियार ।
- कृतज्ज = किए गए उपकार को माननेवाला ।
पृष्ठ सं० – 43
- पारित = पास, स्वीकृत ।
- अतिनाटकीयता = बहुत ज्यादा अभिनय (over acting) ।
- अतिसंवेदन नीीलता = बहुत
- अधिक भावुक होना ।
- शतकों = सैकड़ों वर्षों ।
- पैगम्बर = देवदूत ।
- स्वप्नद्रष्ट = स्वप्न देखनेवाला ।
- दूरदर्शी = दूर तक
- देखने वाले, भविष्यद्रष्टा ।
- संगीन = तलवार ।
- यातना = दु:ख ।
पृष्ठ सं० – 44
- धैर्य = साहस ।
- भरसक = शक्ति- भर ।
- प्रमाणों = सबूतों ।
- सबक = शिक्षा ।
- जोखिम = खतरा ।
- शहादत = बलिदान।