Students should regularly practice West Bengal Board Class 9 Hindi Book Solutions सहायक पाठ Chapter 5 आचार्य जगदीश चंद्र बोस to reinforce their learning.
WBBSE Class 9 Hindi Solutions सहायक पाठ Chapter 5 Question Answer – आचार्य जगदीश चंद्र बोस
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न – 1 : आचार्य जगदीश चंद्र बोस के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर प्रकाश डालें।
प्रश्न – 2 : ‘आचार्य जगदीश चन्द्र बोस को विज्ञान की देन’ पर एक संक्षिप्त निबंध लिखें।
प्रश्न – 3 : प्राकृतिक विज्ञान के शोध के प्रणेता के तौर पर आचार्य जगदीश चंद्र बोस का मूल्यांकन करें।
प्रश्न – 4 : आचार्य जगदीश चन्द्र बोस वैज्ञानिक होने के साथ-साथ धार्मिक तथा आस्तिक भी थेपठित पाठ के आधार पर लिखें।
प्रश्न – 5 : आचार्य जगदीश चन्द्र बोस में विज्ञान, कला और धर्म का संतुलित सामंज्यस था – पठित पाठ के आधार पर लिखें ।
प्रश्न – 6 : आचार्य जगदीश चन्द्र बोस ने अपने शोध कार्यों के द्वारा भारतीय ॠषियों की गहन अंतर्दृष्टि की वैज्ञानिक व्याख्या और सत्यता प्रदान की – संकलित पाठ के आधार पर लिखें।
उत्तर :
आचार्य जगदीश चन्द्र बोस का जन्म सन् 1854 ई० में बंगाल के मैमनसिंह जिले के फरीद्युर गाँव में हुआ था। आचार्य बोस अद्भूत प्रतिभा के धनी थे। वे वेदों तथा क्रषियों की गहन अंतर्दृष्टि से विशेष प्रभावित थे जिसमें प्रकृति को सजीव मानकर उनकी विशद व्याख्या की गई है। संस्कृत कवियों ने भी लाजवंती तथा सूयंमूखी फूलों के माध्यम से उनकी संवेदनशोलता का वर्णन किया है।
हमारे ॠषियों की इन्हीं आंतरिक विवेकशीलता को आचार्य बोस ने अपने वर्णन किया है। हमारे ॠषियों की इन्हीं आंतरिक विवेकशीलता को आचार्य बोस ने अपने शोधकार्यों के द्वारा सत्यता प्रदान की। उन्होंने यहि सिद्ध किया कि पौधों तथा पशुओं के भावावेग समान होते है। इस सच्चाई को उन्होंने अपने द्वारा निर्मित जटिल यंत्रों से सिद्ध करके दिखाया।
आचार्य बोस ने प्रकृति को विज्ञान से श्रेष्ठतर बताया क्योकि उनका कहना था – रासायनिक, विद्युतीय और इलेक्टिक क्रियाएँ वह नहीं कर सकती जो गेहूँ के बीज का एक दाना वसन्त में अंकुरित होकर कर देता है।
आचार्य बोस ने अपने वैज्ञानिक शोधों के दौरान यह अनुभव किया कि मनुष्य प्रकृति के बारे में कितना कम जानता है तथा ज्ञान की अपेक्षा अज्ञान कितना विस्तृत है। उन्होने यह स्वीकार किया कि धार्मिक संत के लिए प्रकृति निष्ठा का विषय है जो स्वयसिद्ध हो जाता है लेकिन वैज्ञानिक उसे प्रयोगों द्वारा सिद्ध करने की कोशिश करते हैं।
जगदीश चन्द्र बोस के वैज्ञानिक शोधों का उद्देश्य मानवता का कल्याण, ईश्वर की गरिमा को बनाए रखना, विश्व को समृद्ध करना तथा स्थायी विश्वबंधुत्व था। पौधों में जीवन-विषय पर उनके शोध का मूल आधार भारतीय ॠषियों द्वारा निरूपित ये सत्य थे –
- भारतीय ॠषि विश्व को सकल रूप में देखते हैं तथा उनके अनुसार पिण्ड और श्रहाण्ड एक-दूसरे के बिम्बप्रतिबिम्ब है।
- विश्व का विस्तार निस्प्राण नहीं बल्कि प्राणवान है।
- प्रकृति में कहीं व्यतिरेक नहीं है।
इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि आचार्य जगदीशघन्द्र बोस धार्मिक होने के साथ-साथ आस्तिक भी थे। उनके व्यक्तित्व में विज्ञान, कला तथा धर्म का अद्भुत सामंज्यस था।
अति लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
वेद कितने हैं ?
उत्तर :
चार।
प्रश्न 2.
वेदों के नाम लिखें ।
उत्तर :
ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद।
प्रश्न 3.
‘वेदों का वेद’ किसे कहा गया है ?
उत्तर :
‘पुराण’ को ।
प्रश्न 4.
भारत में पुनर्जागृति कब आई ?
उत्तर :
उन्नीसवीं शताब्दी में ।
प्रश्न 5.
भारत की प्रगति के लिए वैज्ञानिक ज्ञान के महत्व पर किसने बल दिया ?
उत्तर :
डॉ० महेन्द्रलाल सरकार ने।
प्रश्न 6.
‘भारतीय संघ’ की स्थापना किसने की ?
उत्तर :
डॉ० महेन्द्रलाल सरकार ने
प्रश्न 7.
भारतीय ॠषि विश्व को किस रूप में देखते हैं ?
उत्तर :
पूर्ण रूप में ।
प्रश्न 8.
भारतीय ऋषि के अनुसार पिण्ड और व्रह्वाण्ड क्या हैं ?
उत्तर :
एक-दूसरे के बिंब-पतिबिंब।
प्रश्न 9.
‘स्वाह रात्रो पत्र-संकोच:’ – का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
रात में पत्तियों में संकुचन होता है ।
प्रश्न 10.
उदयन के पौधे में किसके समान गतिविधियाँ दिखायी दी ?
उत्तर :
मानव के समान ।
प्रश्न 11.
हमांर :ग्रि्षियों की अंतः प्रज्ञा को किसने वैज्ञानिक सत्यता प्रदान की ?
उत्तर :
जगदीश द्र बोस ने ।
प्रश्न 12.
विज्ञान अर्भी तक किसकी व्याख्या नहीं कर पाया है ?
उत्तर :
जैविक विकास और उसके पुनरूत्थान की व्याख्या ।
प्रश्न 13.
किसने यह प्रमाणित कि पौधों में भी जीवन है ?
उत्तर :
जगदीश चन्द्र बोस ने।
प्रश्न 14.
‘मैन ऑन दिज नेचर’ के लेखक कौन हैं ?
उत्तर :
सर चार्ल्स शेरिंगटन ।
प्रश्न 15.
अरस्तू ने दो हजार वर्ष क्या पूछा था ?
उत्तर :
मस्तिष्क का शरीर से क्या संबंध है ?
प्रश्न 16.
सध्चा विज्ञान उसके प्रणेता को क्या बना देता है ?
उत्तर :
विनाम्म।
प्रश्न 17.
चार्ल्स डारविन के शोध-प्रबंध का नाम क्या है ?
उत्तर :
‘द डिसेंट ऑंक मैन’ ।
प्रश्न 18.
किसकी नींव पर हम बेहतर भविष्य बना सकते हैं ?
उत्तर :
अतीत की नींव पर ।
प्रश्न 19.
वैज्ञानिकों की जीवन्त आत्मा किसका प्रतिबिंब हैं ?
उत्तर :
देवी रहस्य का।
प्रश्न 20.
जगदीश चन्द्र बोस की महत्वाकांक्षा क्या थी ?
उत्तर :
हम लोग खोज और शोध-कार्य जारी रखें।
प्रश्न 21.
सच्चा विज्ञान उसके प्रणेता को क्या अनुभव करा देता है ?
उत्तर :
वास्तव में वह (मणेता) कितना कम जानता है और अझान बहुत विस्तृत है ।
प्रश्न 22.
जगदीश चन्द्र बोस की रुचि किस सुमेल में थी ?
उत्तर :
व्रहाण्ड की निरतरता तथा सुमेल में ।
प्रश्न 23.
जैन तथा वैशेघिक लेखक गुणारल और शंकर मिश्र ने पौधों के किन गुणों की चर्चा की है ?
उत्तर :
पौधों में अंतर्निह्नित चेतना है और वे सुख-दु ख अनुभव करते हैं।
प्रश्न 24.
संस्कृत कवियों ने किस फूल की चर्चा की है ?
उत्तर :
सूर्यमुखी।
प्रश्न 25.
किस उपनिषद में ज्ञान-विज्ञान के विषयों का उल्लेख है ?
उत्तर :
छान्दोग्य उपनिषद् में ।
प्रश्न 26.
भारतीयों की गहन रुचि किन नियमों को जानने में रही है ?
उत्तर :
उन नियमों मे जो बह्नाण्ड के विविध पक्षों को शासित करते हैं।
प्रश्न 27.
जगदीश चन्द्र बोस किस शोध के प्रणेता थे ?
उत्तर :
प्राकृतिक विज्ञान के ।
प्रश्न 28.
जर्मनी के प्रो० हीबरलैण्ड किस विषय के वैज्ञानिक थे ?
उत्तर :
वनस्पति विज्ञान के ।
प्रश्न 29.
‘न्याय-बिन्दु टीका’ के रचनाकार कौन हैं ?
उत्तर :
धर्मोत्तर ।
प्रश्न 30.
‘मिमोसा पुदिका’ को अन्य किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर :
लाजवन्ती या हुई-मुई।
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
विज्ञान के विकास में भारत का एक लम्बा और सतत् इतिहास रहा है – कैसे ?
उत्तर :
प्राचीन भारत के उपलब्य ग्रथों से यह पता चलता है कि विज्ञान के विकास में भारत का एक लंबा और सतत् इतिहास रहा है । उदाहरण के लिए, हमारे चारों वेदों, छान्दोग्य उपनिषद्, महाकाव्यों तथा पुराणों में ज्ञान-विज्ञान के विषयों का उल्लेख किया गया है।
प्रश्न 2.
भारत की वैज्ञानिक प्रगति में डॉ० महेन्द्रलाल सरकार के योगदान की चर्चा करें ।
उत्तर :
19 वीं सदी में डॉ॰ महेन्दलाल सरकार ने भारत की प्रर्गति के लिए वैज्ञानिक ज्ञान के महत्व पर जोर दिया। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने ‘भारतीय संघ’ की स्थापना की। प्रो० सी० वी० रमन तथा के० एस० कृष्ण जैसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों ने उस समय इस संघ में कार्य किया।
प्रश्न 3.
जगदीश चन्द्र बोस ने भारतीय कषियों की किन बातों की वैज्ञानिक व्याख्या की तथा उन्हें सत्यता प्रदान की ?
उत्तर :
जगदीश चन्द्र बोस ने भारतीय ॠषियों की जिन बातों की वैज्ञानिक व्याख्या करते हुए उन्हें सत्यता प्रदान की, वे निम्नांकित हैं –
- पिण्ड और बह्ाणण्ड एक दूसरे के बिम्ब-प्रतिबिम्ब हैं।
- सम्पूर्ण विश्व तथा बहाण्ड प्राणवान है।
- प्रकृति में कहीं अवरोध नही है।
- पौंधों में भी जीवन है तथा वे भी सुख-दुःख अनुभव करते हैं।
प्रश्न 4.
जगदीश चन्द्र बोस ने पौधे की जीवंतता को समझाने के लिए किसका उदाहरण दिया ?
उत्तर :
जगदीश चन्द्र बोस ने पौधै की जीवंतता को समझाने के लिए पत्वर के टुकड़े तथा आम की गुठली का उदाहरण दिया। पत्थर का टुकड़ा वर्षो तक यूँ ही पड़ा रहेगा लेकिन गुठली के लिए परिस्थितिया अनुकूल होने पर वह एक बड़े वृक्ष में बदल सकती हैं।
प्रश्न 5.
अतीत के बारे में जगदीश चन्द्र बोस ने क्या कहा ?
उत्तर :
अतीत के बारे में बताते हुए जगदीश चन्द्र बोस ने कहा कि अतीत को तो हम वापस नहीं ला सुके लेकिन उसकी नींव पर एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते है । अगर हम प्रयत्ल करें तो अपने वर्तमान को अच्छे भविष्य में बदल सकते हैं।
प्रश्न 6.
भारतीबों की रुचि किन नियमों को जानने में रही है ?
उत्तर :
भारतौयों की रुचि उन नियमों को जानने में रही है जो पूरे बह्नाण्ड को शासित करते हैं, उसे एक नियम में बाँधकर रखते हैं। इसका पता हमारे प्राचीन ग्रंथों से भी मिलता है। यही कारण है कि विज्ञान के विकास में भारत का एक लम्बा और सतत इतिहास रहा है ।
प्रश्न 7.
विज्ञान आज तक किसकी व्याख्या नहीं कर पाया है ?
उत्तर :
विज्ञान आज तक जैविक विकास तथा उसके पुनरुत्यान की व्याख्या नहीं कर पाया है । उदाहरण के लिए रासायनिक, विद्युतीय और इलेक्ट्रानिक क्रियाएँ वह नहीं कर सकती जो गेहूँ के बीज का एक दाना वसंत में अंकुरित होकर कर देता है।
WBBSE Class 9 Hindi आचार्य जगदीश चंद्र बोस Summary
शब्दार्थ
पृष्ठ सं० – 24
- दक्षता = कुशलता।
- कायल = प्रभावित।
- वेदी = धर्म के काम के लिए प्रयोग में लाया जानेवाला चबूतरा।
- उत्साहजन्य = उत्साह से जन्मा हुआ।
- शोध = खोज।
- ख्याति = प्रसिद्धि।
- सतत = लगातार ।
- पितरों = पूर्वजों।
पृष्ठ सं० – 25
- खगोल-विद्या = भूगोल ।
- सघन = बहुत अधिक।
- सुषुप्त = सोया हुआ।
- पिपासा = प्यासा।
- प्रणेता = जनक, प्रारंभ करनेवाले।
- पादप = पौधा।
- बिम्ब = छाया।
- प्रतिबिम्ब = प्रतिच्छाया।
- चराचर = हमेशा।
- संचरण-व्यतिरेक = बाधा।
पृष्ठ सं० – 26
- अन्तर्निहित = अंदर में निहित/विद्यमान ।
- मन्द = धीमी।
- अंतः प्रज्ञा = अंदर का विवेक ।
- सत्यता = सच्चाई।
- आघात = चोट।
- प्रहारों = चोरों।
- स्नायुतंत्र = इंद्रियाँ।
- अवयवों = अंगों।
- वनस्पति = पौधे।
- आवेग = आवेश/उत्तेजना।
- नितांत = बिल्कुल।
- भावावेग = भाव का आवेग।
- तथ्य = सच्चाई।
- दर्शाने = दिखाने।
- वक्र = टेढ़ा।
- सुमेल = अच्छा मेल।
- गुटिका = टुकड़ा।
- गुठली = बीज (आम के अंदर का कड़ा भाग)
पृष्ठ सं० – 27
- कालान्तर = समय का अंतर।
- अज्ञात = अनजाना।
- पुनरूत्पादन = फिर से उत्पादन।
- जीवेतर = जीव से भिन्न।
- उत्कर्ष = विकास ।
- संचरित = फैलते।
पृष्ठ सं० – 28
- ज्ञात = मालूम।
- चयन = चुनना।
- उर्जा = शक्ति।
- अपरिवर्तनीय = परिवर्तन न होने वाला।
- अनसुलझे = जिसे सुलझाया नहीं जा सका।
- हल = सिद्ध।
- अविराम = बिना आराम किए।
- पोषित = पोसा गया, पाला गया।
- अतीत = बीता हुआ समय।
- सृजन = रचना।
- भागीदार = हिस्सेदार, सहायक।