Students should regularly practice West Bengal Board Class 9 Hindi Book Solutions सहायक पाठ Chapter 4 राजा राममोहन राय to reinforce their learning.
WBBSE Class 9 Hindi Solutions सहायक पाठ Chapter 4 Question Answer – राजा राममोहन राय
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न – 1 : समाज सुधारक के रूप में राजा राममोहन राय का परिचय दें ।
प्रश्न – 2 : राजा राममोहन राय आधुनिक भारत का पुनर्जागरण का सूत्रपात करनेवाले थे – विवेचना करें।
प्रश्न – 3 : राजा राममोहन राय के धर्म संबंधी विचारों को लिखें ।
प्रश्न – 4 : राजा राममोहन राय आधुनिक भारत के प्रणेता थे – पठित पाठ के आधार पर लिखें।
प्रश्न – 5 : राजा राममोहन राय मानव मात्र की समानता चाहते थे – संकलित पाठ के आधार पर लिखें ।
प्रश्न – 6 : संकलित पाठ के आधार पर राजा राममोहन राय के आदर्शों को लिखें ।
प्रश्न – 7 : सहायक पाठ में संकलित ‘राजा राममोहन राय’ का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर :
अंध विश्वास और अनेक कुरीतियों से ग्रस्त भारतीय जनजीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जानेवाले राजा राममोहन राय भारतीय विभूतियों में से एक थे । वे प्रतिक्रिया तथा प्रगति के मध्य-बिन्दु थे। भारतीय पुनर्जागरण के प्रभात तारा थे ।
राजा राममोहन राय अनेक भाषा के ज्ञाता होने के कारण विभिन्न धर्म ग्रंथों का अध्ययन किया था। अध्ययन के बाद वे इस निष्कर्ष पर पहुँचे थे कि सभी धर्मों में एकेश्वरवाद का ही प्रचलन है। ईश्वर एक है, सर्वोपरि है, संसार का रचयिता है जिसका वर्णन अनेक रूपों में मिलता है । सबका सार तत्व एक है । यदि हम उस सर्वोपरि सत्य के स्वरूप को जान पाएँ तोधर्म के नाम पर कोई विवाद ही नहीं रह जाएगा । इसी दृष्टिकोण को अपनाकर हम उस परमेश्वर को अच्छी तरह समझ पाएँगे ।
समाज सुधारक के रूप में राजा राममोहन राय विशेष रूप से याद किए जाते हैं। उन्होंने सती-प्रथा, बाल-विवाह, जाति-प्रथा, अस्पृश्यता जैसे रोगों से ग्रसित और विकृत भारतीय समाज में नवचेतना का संचार किया । राष्ट्रीय एकता व अखंडता के लिए वे एक समर्पित कर्मवीर थे । ऊँच-नीच तथा छुआख्यूत की भावना को भी उन्होंने मानवता का महान शत्रु बताया । स्वयं उनके ही शब्दों में – ”जाति-भेद, जिससे हिन्दू समाज अनेक जाति-उपजाति में बँट गया है – हमारी गुलामी का प्रमुख कारण रहा है । एकता के अभाव में ही हम दासता की जंजीर में जकड़े रहे ।
राजा राममोहन राय भारत की आज़ादी के लिए हिन्दू-मुस्लिम एकता को बहुत ही आवश्यक मानते थे । रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने उनके बारे में सही कहा था –
“उनके हृदय में हिन्दू, मुस्लिम, इसाई आदि सबके लिए जगह थी । वस्तुतः उनकी आत्मा भारत की आत्मा थी ।”
राजा राममोहन राय समाज सुधारक के साथ ही एक महान शिक्षाशास्वी भी थे । वे भारत के विकास के लिए पाश्चात्य शिक्षा और अंग्रेजी शिक्षा को आवश्यक मानते थे । सन् 1885 ई० में उन्होंने कलकत्ता में हिन्दू कॉलेज की भी स्थापना की । ऐसे सर्वतोन्मुखी प्रतिभाशाली महापुरुष का देहांत 27 दिसंबर सन् 1883 को ब्रिस्टल में तब हुआ, जब वे इंग्लैण्ड में भारतवासियों के कल्याण-कार्य में लगे हुए थे ।
अति लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
आधुनिक भारतीय पुर्नजागरण का सूत्रपात करने वाले कौन थे ?
उत्तर :
राजा राममोहन राय।
प्रश्न 2.
राजा राममोहन राय किसमें विश्वास रखते थे ?
उत्तर :
मानवीय स्वतंत्रता में ।
प्रश्न 3.
भारत ने किसे अपना पवित्र ग्रंथ माना ?
उत्तर :
उपनिषदों को ।
प्रश्न 4.
राजा राममोहन राय ने किन धर्मग्रंथों का अध्ययन किया ?
उत्तर :
हिन्दू, इस्लाम और ईसाई धर्मग्रंथों का।
प्रश्न 5.
भारत किन विवादों में फंस गया ?
उत्तर :
कर्मकांड तथा खंडन-मंडन के विवादों में ।
प्रश्न 6.
हम अपने छोटे-छोटे मतभेदों को कैसे भुला सकते हैं ?
उत्तर :
विश्व प्रेम तथा सत्यप्रेम को अपना कर ।
प्रश्न 7.
राजा राममोहन राय के अनुसार सच्चा धार्मिक कौन है ?
उत्तर :
जो व्यक्ति अपने को परमात्मा का अंश मानता है।
प्रश्न 8.
राजा राममोहन राय के अनुसार समानता का मूल सिद्धांत क्या है ?
उत्तर :
मानव-मात्र की समानता।
प्रश्न 9.
प्राचीन काल में नारियों को कौन-से अधिकार मिले हुए थे ?
उत्तर :
जो अधिकार पुरुषों के थे।
प्रश्न 10.
राजा राममोहन राय हमें कौन-से महान आदर्श देना चाहते थे ?
उत्तर :
सत्य का धर्म, सामाजिक समानता, तथा मानव-मात्र की एकता का महान आदर्श।
प्रश्न 11.
विश्व का निर्माण या परिवर्तन किन व्यक्तियों के द्वारा होता है ?
उत्तर :
जो विश्व का सबसे अधिक विरोध करते हैं।
प्रश्न 12.
हमें किन बातों को तिलांजलि देने में प्रत्येक व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए ?
उत्तर :
जो हमारे अंतःकरण की पूर्णता में बाधक है।
प्रश्न 13.
मानव की गरिमा को कौन कम करता है ?
उत्तर :
अंधविश्वास, कुरीतियाँ तथा सामाजिक बुराइयाँ।
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
राजा राममोहन राय ने किन धर्मग्रंथों का अध्ययन किया तथा उन्होंने क्या पाय्या ?
उत्तर :
राजा राममोहन राय ने हिंदू, इस्लाम तथा ईसाई धर्मग्रंथों का अध्ययन किया। अध्ययन के बाद उन्होंने यह पाया कि ईश्वर में आस्था ही सभी धर्मो का सार है। सारे धर्म ये बताते है कि ईश्वर एक है, सर्वोपरि हैं।
प्रश्न 2.
राजा राममोहन राय किस स्वतंत्रता में विश्वास करते थे ?
उत्तर :
राजा राममोहन राय मानवीय स्वतंत्रता में विश्वास करते थे । उन्होंने कहा कि जो देश अपने-आप को सत्य कहता है उसे भी मानव-मात्र की स्वतंत्रता तथा समानता में विश्वास करना चाहिए। मानवता प्रेम के नाते उन्होंने भारत की स्वतंग्रता के लिए फांस तथा बिटेन के विधायकों से जो अपील की थी – उसे सब जानते हैं। उनका यह मानना था कि यदि हम अपने देश की बुराइयों को मिटाना चाहते हैं तो हमें प्रतिबंधों को हटाना होगा।
प्रश्न 3.
राजा राममोहन राय के महान आदर्श क्या थे ?
उत्तर :
सत्य का धर्म, सामाजिक समानता तथा मानव-मात्र की एकता राजा राममोहन राय के महान आदर्श थे। लेकिन दु:ख की बात है कि हम आज भी इन आदर्शों से बहुत दूर हैं। वे जिन आदर्शों के लिए जीवन-भर संघर्ष करते रहे, वे अब तक प्राप्त नहीं हो सके हैं।
प्रश्न 4.
राजा राममोहन राय का सम्पूर्ण जीवन किन कार्यों में बीता ?
उत्तर :
राजा राममोहन राय अपने पूरे जीवन भर समानता, व्यक्ति-स्वतंत्रता तथा मानव-प्रेम के लिए संघर्ष करते रहे। इतना ही नहीं उन्होंने भारतीय समाज में फैले अंधविश्वासों, कुरीतियों, बुराइयों, जातिवाद तथा अधिनायकवाद के विरुद्ध संघर्ष किया।
WBBSE Class 9 Hindi राजा राममोहन राय Summary
शब्दार्थ
पृष्ठ सं० – 21
- प्रणेता = निर्माणकर्ता ।
- सूत्रपात = आरंभ ।
- पुनर्जागरण = फिर से जागना ।
- पुनस्थ्थापना = फिर से स्थापना ।
- समन्वय = तालमेल ।
- तार्किक = तर्क की ।
- असंगत = बेमेल ।
- निर्ममता = बिना ममता के।
- कुरीतियों = बुरी प्रथाएँ।
- गरिमा = सम्मान
- लोचन = आँख।
- मानस = मनुष्य ।
- खंडन = गलत साबित करना ।
- मंडन = सही साबित करना।
- सार = मूल तत्व ।
- अपूर्ण = जो पूरा नहीं है ।
- मौन = चुपचाप।
- आराधना = उपासना, पूजन ।
पृष्ठ सं० – 22
- गूढ़ = गहरा ।
- प्रकृति = स्वभाव ।
- गंवा = बिता ।
- प्रतिबंध = रोक ।
- सदियाँ = सैकड़ों वर्ष ।
- पराधीनता = गुलामी।
- निष्ठा = विश्वास ।
पृष्ठ सं० – 23
- हामी = समर्थक ।
- संगत = उचित ।
- कार्यान्वित = कार्य पूरा करना ।
- यातनाएँ = कष्ट ।