WBBSE Class 9 Hindi Solutions सहायक पाठ Chapter 13 मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

Students should regularly practice West Bengal Board Class 9 Hindi Book Solutions सहायक पाठ Chapter 13 मौलाना अबुल कलाम आज़ाद to reinforce their learning.

WBBSE Class 9 Hindi Solutions सहायक पाठ Chapter 13 Question Answer – मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न – 1 : संकलित पाठ के आधार पर मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के व्यक्तित्व की विशेषताओं का उल्लेख करें ।
प्रश्न – 2 : मौलाना आज़ाद के अनुसार हमें अपनी स्वतंत्रता का उपयोग कैसे करना चाहिए – पठित पाठ के आधार पर लिखें ।
प्रश्न – 3 : मौलाना आज़ाद के व्यक्तित्व की उन विशेषताओं को लिखें, जिन्हें हमें अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है ।
प्रशश्न – 4 : महान व्यक्तित्व, भव्य उपस्थिति, अदम्य साहस और भय-मुक्त आचरण का व्यक्ति किसे कहा गया है ? उनकी विशेषताओं का उल्लेख करें ।
उत्तर :
मौलाना अबुल कलाम का व्यक्तित्व साहस, ईमानदारी, निडरता तथा स्वंतत्रता-प्रेमी का व्यक्तित्व था। सन् 1920 में कांग्रेस में शामिल होने से पहले ये क्रांतिकारी थे । अपने अनेनानेक गुणों के कारण इन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया । यह एक ऐसा पद था जिसे उन्होंने अनेक वर्षों तक कठिन परिस्थितियों में भी संभाले रखा।

मौलाना आजाद यद्यपि मुसलमान थे फिर भी हिन्दू, मुसलमान, सिख एवं ईसाई में उनके लिए कोई भेद-भाव नहीं था। राष्ट्रीय भावना उनके जीवन की प्रेरणा-शक्ति थी। वे राष्ट्रीय एकता तथा सामुदायिक सद्भावना के प्रतीक थे । इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यदि किसी ने उनका व्यक्तिगत अपमान किया तो उसे वे आसानी से भुला सकते थे लेकिन राष्ट्रीय अपमान को नहीं । उन्होंने हमेशा सच्चाई तथा ईमानदारी का साथ दिया।

आज़ादी मिलने के बाद मौलाना ने सबसे पहले इस बात पर जोर दिया कि इस आज़ादी का उपयोग सामाजिक कल्याण में, देश से बीमारी गंदगी तथा निरक्षरता दूर करने में किया जाय । वे स्वयं खुले दिल-दिमाग के थे तथा चाहते थे कि आज़ाद भारत भी जातिगत, भाषागत, प्रांतगत तथा बोलीगत संकीर्ण पूर्वाग्रहों से मुक्त हो। संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि राष्ट्रीय एकता के आदर्शों, प्रशासन में ईमानदारी तथा आर्थिक प्रगति के लिए ही उनका प्रत्येक कदम था।

किताबें मौलाना आज़ाद की हर समय की साथी थीं। उन्होंने कुरान पर एक प्रसिद्ध रचना की। इसके अलावे उन्होंने पूर्वी तथा पाश्चात्य दर्शनशास्त्र की भूमिका पर भी एक किताब लिखी जो अपने-आप में अन्यतम है। इस पुस्तक में ब्रह्यांड की तुलना एक ऐसी प्राचीन पांडुलिपि से कि गई है जिसका पहला और अंतिम पृष्ठ कहीं खो गया हो ।

मौलाना आज़ाद की सबसे बड़ी सीख जो हमें आज भी याद रखने की जरूरत है – वह यह है कि देश में आज भी विभाजित करने वाली शक्तियाँ प्रभावी हैं । यदि हम राष्ट्रीय एकता के बारे में सोचते हैं तो हमें उन शक्तियों से सावधान रहने की जरूरत है । दूसरी जो उनकी सीख है कि कोई व्यक्ति तब तक सच्चा नेता नहीं हो सकता जब तक वह अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करके अपनी लोकप्रियता को जोखिम में नहीं डालता । सच तो यही है कि जो सब को प्रसन्न करना चाहते हैं वे अंत तक किसी को भी प्रसन्न नहीं कर पाते ।

WBBSE Class 9 Hindi मौलाना अबुल कलाम आज़ाद Summary

WBBSE Class 9 Hindi Solutions सहायक पाठ Chapter 13 मौलाना अबुल कलाम आज़ाद 2

शब्दार्थ

पृष्ठ सं० – 72

  • निडर = नहीं डरने वाला ।
  • दायित्व = कर्म ।
  • जोखिम = खतरे ।
  • कमियों = कमी ।
  • पराधीन = गुलाम।
  • सद्भावना = अच्छी भावना ।
  • भेद-भाव = अंतर ।

पृष्ठ सं० – 73

  • भाषागत = भाषा से जुड़ी ।
  • प्रांतगत = प्रांत या राज्य से जुड़ी ।
  • सुविदित = अच्छी तरह जानी हुई।
  • तथापि = फिर भी ।
  • टस से मस न होना = अड्गि रहना, अपनी बात पर बने रहना ।
  • समुचित = पूरी।
  • अवहेलना = न मानना ।
  • आघात = चोट ।
  • हामी = पक्षधर, पक्ष लेने वाले ।
  • समीचीन = समय के अनुकूल ।
  • सबक = पाठ, शिक्षा, सीख ।

पृष्ठ सं० – 74

  • पांडुलिपि = लिखावट ।
  • भय-मुक्त = डर से मुक्त ।

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