WBBSE Class 9 Hindi Solutions सहायक पाठ Chapter 11 सरदार वल्लभ भाई पटेल

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WBBSE Class 9 Hindi Solutions सहायक पाठ Chapter 11 Question Answer – सरदार वल्लभ भाई पटेल

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न – 1 : संकलित पाठ के आधार पर सरदार वल्लभ भाई पटेल का संक्षिप्त परिचय दें।
प्रश्न – 2 : सरदार वल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व तथा कृतित्व का परिचय दें ।
प्रश्न – 3 : पटेल भारतीय एकता के संस्थापक थे – पठित पाठ के आधार पर लिखें ।
प्रश्न – 4 : सरदार को उनके जिन गुणों के आधार पर उन्हें ‘लौह पुरुष’ कहा गया – उनकी विवेचना करें ।
प्रश्न – 5 : एक गुहमंत्री के तौर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की उपलब्धियों का वर्णन करें।
प्रश्न – 6 : सरदार पटेल का जीवन हमें आधुनिक भारत के महान निर्माताओं के आत्मत्याग की याद दिलाता है – विवेचना करें ।
प्रश्न – 7 : सरदार पटेल के रूप में हमारे पास एक साहसी क्रांतिकारी, विद्वान राजनेता और आदर्श प्रशासक था-अपने विचार लिखें ।
उत्तर :
संयम, सादगी, सहिष्णुता, सत्यवादी तथा दृढ़ता के प्रतीक सरदार का जन्म 31 अक्टूबर, सन् 1875 को गुजरात में हुआ था । 22 वर्ष की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा पास कर वकालत के पेशे में आ गए। सन् 1908 में विलायत की अंतरिम परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास कर बैरिस्टर बन गए। फौजदारी वकालत में उन्होंने खूब यश कमाया।

जनसेवा तथा त्याग-भावना के कारण ही पटेल अहमदाबाद नगरपालिका के चेयरमैन चुने गए । बोरसद सत्याग्रह, नागपुर का झण्डा सत्याग्रह, बारडोली ताल्लुका सत्याग्रह तथा गुजरात की बाढ़ के समय पटेल ने जो अपना योगदान दिया वह हमेशा याद रखा जाएगा ।

सरदार पटेल उद्देश्य के प्रति स्थिर लक्ष्य, संगठन कार्य में अप्रतिम तथा अपने आदर्शों के प्रति अटल थे । उनके चट्टानी व्यक्तित्व से प्रभावित होकर लोगों ने उन्हे ‘लौह पुरुष’ कहा । उनकी तुलना महान राजनीतिज मैकियावेली तथा बिस्मार्क से की जाती है।

सितंबर, 1946 में जब नेहरु जी की अस्थायी सरकार बनी तो सरदार पटेल को गृहमंत्री नियुक्त किया गया । गृहमंत्री के तौर पर उन्होंने देशवासियों से कहा कि यदि हम अपने देश को प्रथम वर्ग की शक्ति बनाना चाहत हैं तो हमें कुछ अधिक करने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें अपने मतभेदों को भुलाकर देश में पूर्ण संगठन और एकता लानी होगी । जब देश में राज्यों के एकीकरण करने की बात आई तो इस समस्या को पटेल ने बिना खून-खराबी के बड़ी खूबी से हल किया।

देशी राज्यों में राजकोट, जूनागढ़, बहावलपुर, बड़ौदा, कश्मीर, हैदराबाद को भारतीय महासंघ में सम्मिलित करने में सरदार को कई पेचीदगियों का सामना करना पड़ा फिर भी उन्होंने इसे हल किया।

निष्कर्ष तौर पर यह कहा जा सकता है कि महात्मा गाँधी ने कांग्रेस में प्राणों का संचार किया तो नेहरु ने उस कल्पना और दृष्टिकोण को विस्तृत आयाम दिया । डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद से उसको आचरण मिला था और सरोजिनी नायडू ने कांग्रेस को आभार प्रदान की थी लेकिन इसके साथ ही जो शक्ति और सम्पूर्णता कांग्रेस को प्राप्त हुई वह सरदार पटेल की कार्यक्षमता का ही परिणाम था 1 15 दिसंबर, 1950 को प्रातःकाल 9 बजकर 37 मिनट पर 76 वर्ष की आयु में इस महापुरुष का निधन हो गया लेकिन उनकी राष्ष्र के प्रति की गई सेवाओं का भारतीय जन-मानस पर अमिट प्रभाव है ।

WBBSE Class 9 Hindi सरदार वल्लभ भाई पटेल Summary

WBBSE Class 9 Hindi Solutions सहायक पाठ Chapter 11 सरदार वल्लभ भाई पटेल 1

शब्दार्थ

पृष्ठ सं० – 64

  • पूर्व = पहले ।
  • अनुकूल = अनुसार ।
  • राय = विचार, सलाह ।
  • परे = अलग ।
  • सर्वोपरि = सबसे ऊपर ।
  • स्पष्टवादिता = स्पष्ट बोलने की आदत ।
  • दूरदर्शिता = भविष्य को देखने की गुण ।
  • शेष = बाकी ।
  • दक्षता = कुशलता।
  • चातुर्य = चतुरता ।
  • सबल = मजबूत ।
  • परिवर्तित = बदलना ।
  • एकीकरण = एक करने का प्रयास ।
  • प्रांतों = राज्यों।

पृष्ठ सं० – 65

  • कम्भा, रेड्डी, लिंगायत, वोकलीगर, कायस्थ, राजपूत = जातियों के नाम हैं।
  • नितांत = बिल्कुल।
  • गौण = एकदम साधारण ।
  • निजी = व्यक्तिगत ।
  • दूषित = गंदा ।
  • दैनिक = रोज निकलने वाला समाचार-पत्र ।
  • संगठन-क्षमता = लोगों को एकत्र करने की क्षमता।

पृष्ठ सं० – 66

  • अंश = भाग, हिस्सा ।
  • प्रण = संकल्प ।
  • चहुँमुखी = चारों ओर से ।
  • गबन = घपला ।
  • अपव्यय = गलत तरीके से खर्च करना’ ।
  • उजागर = प्रकट ।
  • मूल = मुख्य ।
  • उत्थान = विकास ।
  • संपदा = धन ।
  • अपनत्व = अपनापन ।

पृष्ठ सं० – 67

  • नैतिक आचरण = व्यक्तिगत व्यवहार ।
  • अंतराल = अंतर, दूरी ।
  • आंतरिक = भीतरी ।
  • अनंत = जिसका अंत न हो ।
  • सर्वोपरिसत्ता = ईश्वर ।
  • गहनतम = अत्यंत गहरा ।
  • प्रकृति = स्वभाव ।
  • सुचारु = अच्छे तरीके से ।

पृष्ठ सं० – 68

  • परे = अलग ।
  • कार्यान्वित = कार्य रूप देना, कार्य करना ।
  • दंभी = घमंडी, अहंकारी ।
  • पूर्वाग्रह = पहले की बातों के प्रति आग्रह ।
  • अटूट = नहीं टूटने वाला ।
  • प्रबल = शक्तिशाली ।
  • सराहना = प्रशंसा।
  • पदचिह्न = पैरों के चिह्न।
  • धूमिल = गंदा ।
  • परास्त = पराजित ।
  • कामियों = कमी ।
  • निराकरण = हल, समाधान ।
  • आकांक्षाओं = इच्छाओं ।
  • आशंका = भय से भरा संदेह ।

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