Students should regularly practice West Bengal Board Class 9 Hindi Book Solutions Chapter 8 गिरगिट to reinforce their learning.
WBBSE Class 9 Hindi Solutions Chapter 8 Question Answer – गिरगिट
ससंदर्भ आलोचनात्मक व्याख्या
प्रश्न 1.
मालूम पड़ता है कि कुछ झगड़ा-फसाद है !
– ससंदर्भ पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति अंतोन चेखव की कहानी ‘गिरगिट’ से ली गई है।
दारोगा ओचुमेलोव सड़क पर सिपाही येल्दीरिन के साथ जा रहा था। लकड़ी के एक टाल के पास उसे लोगों की भीड़ दिखाई देती है। दुकानदार भी अपनी-अपनी गरदन निकाले उसी ओर देख रहे हैं। यह देखकर सिपाही येल्दीरिन दारोगा से कहता है कि वहाँ कोई झगड़ा-फसाद है इसीलिए लोगों की भीड़ लगी है।
प्रश्न 2.
तुझे मैं सस्ते न छोडूँगा।
प्रश्न 3.
उसकी उँगली भी जीत का झंडा लगती है।
– ससंदर्भ आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति अंतोन चेखव की कहानी ‘गिरगिट’ से ली गई है।
बढ़ई खुकिन की उँगली को एक कुत्ते ने काट खाया है। उसकी उँगली लहुलूहान है। वह अपनी उँगली को ऊपर की ओर किए हुए है तथा उसके चेहरे से ही यह भाव झलक रहा है कि जिस कुत्ते ने उसे काटा है खुकिन उसे और उसके मालिक को यूँ ही सस्ते में नहीं छोड़ने वाला है। वह दोनों से बदला लेगा तथा अपने नुकसान की भरपाई भी करवा कर रहेगा।
प्रश्न 4.
मुझे हरजाना दिलवा दीजिए।
– वक्ता और श्रोता का नाम लिखें। पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
वक्ता बढ़ई खुकिन है तथा श्रोता दारोगा ओचुमेलोव है।
खुकिन दारोगा से यह निवेदन करता है कि वह रोज कमाने-खाने वाला कामकाजी है। उंगली घायल हो जाने के कारण वह शायद एक हफ्ते तक काम नहीं कर पाएगा। इसीलिए वे उसे कुत्ते के मालिक से एक हफ्ते तक की मजदूरी बतौर हरजाने के दिलवा दें।
प्रश्न 5.
मैं इस बात को यहीं नहीं छोड़ँगा।
अथवा
प्रश्न 6.
ऐसा जुरमाना ठोकूँगा कि दिमाग ठीक हो जाएगा बदमाश का।
वक्ता कौन है ? वक्ता का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
वक्ता दारोगा ओचुमेलोव है।
जब खुकिन दारोगा ओचुमेलोव से कुत्ते के मालिक से हरजाना दिलवाने की बात करता है तो दारोगा भी उसका पूरापूरा समर्थन करता है। वह खुकिन को यह भरोसा दिलाता है कि वह इस बात को यहीं नहीं खत्म करेगा। कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को वह भारी जुर्माना करेगा ताकि वह भविष्य में अपने कुत्ते को खुला रखना भूल जाएगा।
प्रश्न 7.
तुम्हारे जैसे बदमाशों की तो मैं नस-नस पहचानता हूँ।
– वक्ता और श्रोता कौन हैं। वक्ता के कथन का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
वक्ता दारोगा ओचुमेलोव तथा श्रोता बढ़ई खुकिन है।
जब भीड़ में से कोई यह कहता है कि खुकिन को काटने वाला कुत्ता जनरल झिगालोव का है तो दारोगा का राग ही बदल जाता है। वह खुकिन को कहता है कि शायद किसी कील से तुम्हारी उँगली घायल हो गई होगी और इसका दोष वह कुत्ते तथा उसके मालिक के सिर पर मढ़कर उससे हर्जाना वसूल करना चाहता है। दारोगा कहता है कि वह खुकिन जैसे बदमाशों की नस-नस से वाकिफ है तथा उसकी चालाकी नहीं चलने देगा।
प्रश्न 8.
अबे ! काने ! झूठ क्यों बोलता है ?
– यह कौन, किससे और क्यों कह रहा है ?
उत्तर :
यह बढ़ई खुकिन सिपाही येल्दीरिन से कहता है।
सिपाही येल्दीरिन जब खुकिन की शिकायत करते हुए कहता है कि इसने कुत्ते के मुँह पर जलती हुई सिगरेट लगाई थी जिससे कुत्ते ने इसे काट खाया। बस इसी बात पर खुकिन भड़क जाता है और वह कहता है कि सिपाही ने घटना को अपनी आँखों से नहीं देखा – वह तो झूठी कहानी बना रहा है।
प्रश्न 9.
बन्द करो बकवास।
अथवा
प्रश्न 10.
अब हम सब बराबर हैं, खुद मेरा भाई पुलिस है…..।
– वक्ता कौन है ? वह ऐसा क्यों कहता है ?
उत्तर :
वक्ता बढ़ई खुकिन है।
खुकिन सिपाही के चुगली करने पर उसे डाँटता है तथा उसे कानून का हवाला देते हुए कहता है कि साम्यवाद में कानून के सामने कोई छोटा-बड़ा नहीं है, सब बराबर हैं। फिर उसका भाई भी पुलिस में है इसलिए वह उसे कानून नहीं पढ़ाए और अपना बकवास बन्द करे। अगर वह घ्रूठा है तो मामले को अदालत में ले जाए, वहीं दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
प्रश्न 11.
देखो न ! बिल्कुल मरियल खारिश्ती है।
– पंक्ति किस रचना से ली गई है ? बहाँ किसके बारे में कहा जा रहा है ?
उत्तर :
पंक्ति अंतोन चेखव की कहानी ‘गिरािट’ से ली गई है।
जब भीड़ में से कोई यह कहता है कि काटने वाला कुत्ता जनरल झिगालोव का नहीं है तो दारोगा भी उसकी बात का समर्थन करता है। वह कहता है कि ऐसा मरियल कुत्ता तो जनरल साहब का हो ही नहीं सकता। उनके पास तो एक से एक कीमती कुत्ते हैं। भला वे ऐसा मरियल कुत्ता क्यों पालेंगे। जो इस कुत्ते को जनरल झिगालोव का बता रहा है उसका दिमाग खराब है।
प्रश्न 12.
कह देना कि इसे सड़क पर देखकर मैने वापस भिजवाया है।
– वक्ता और श्रोता कौन हैं ? पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
वक्ता दारोगा ओचुमेलोव तथा श्रोता सिपाही येल्दीरिन हैं ।
भीड़ में से जब कोई यह कहता है कि कुत्ता निश्चित तौर पर जनरल साहब का है तो दारोगा येल्दीरिन से कुत्ते को जनरल साहब के यहाँ पहुँचा देने को कहता है। साथ ही वह यह हिदायत देना भी नहीं भूलता है कि वह जनरल से यह जरूर कह दे कि कुत्ते को दारोगा ओचुमेलोव ने ही सड़क पर देखकर उनके पास भिजवाया है। ऐसा कहकर वह जनरल साहच को खुश करना चाहता है।
प्रश्न 13.
सारा कुसूर तेरा ही है।
– वक्ता तथा श्रोता का नाम लिखें। पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
वक्ता दारोगा ओचुमेलोव तथा श्रोता खुकिन बढ़ई है।
जब भीड़ में से कोई यह कहता है कि खुकिन को काटने वाला कुत्ता जनरल साहब का है तो दारोगा सारा दोष खुकिन पर डाल देता है। दारोगा कहता है कि कुत्ते का कोई दोष नहीं है। यदि खुकिन ने कुत्ते के मुँह में सिगरेट नहीं घुसेड़ा होता तो कुत्ता भी खुकिन को नहीं काटता। सारा दोष खुकिन का है न कि कुत्ते का।
प्रश्न 14.
कह दिया न आवारा है तो बस आवारा ही है।
– वक्ता कौन है ? वह किसके बारे में ऐसा कह रहा है और क्यों ?
उत्तर :
वक्ता दारोगा ओचुमेलोव है ।
जब जनरल साहब का बावर्वी यह कहता है कि कुत्ता जनरल साहब का नहीं है तो एक बार फिर दारोगा खुकिन का पक्ष लेता है। वह कुत्ते को आवारा बताता है। वह कहता है कि इस कुत्ते के बारे में बातें करना समय बर्बादद करना है। अच्छा तो यही है कि इसे मार डालना चाहिए ताकि काम ही खत्म हो जाए।
प्रश्न 15.
बड़ी खुशी की बात है।
– वक्ता कौन है ? उसके लिए कौन-सी बात खुशी की है ?
उत्तर :
वक्ता दारोगा ओचुमेलोव है।
जब दारोगा को जनरल साहब के बावर्ची प्रोखोर से यह पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब के भाई ब्लादीमिर इवानिय का है तो वह कहता है कि यह बड़ी खुशी की बात है। इतना ही नहीं वह कुत्ते की तारीफ भी करता है कि बड़ा अच्छा कुत्ता है। वह प्रखोर के साथ कुत्ते को भेज देता है।
प्रश्न 16.
मैं तुझे ठीक कर दूँगा।
– वक्ता और श्रोता कौन हैं ? पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
वक्ता दारोगा ओचुमेलोव तथा श्रोता बढ़ई खुकिन हैं।
दारोगा जब यह जान जाता है कि कुत्ता जनरल साहब के भाई ब्लादीमिर इवानिच का है तो वह गिरगिट की तरह रंग बदल लेता है। वह कुत्ते की तारीफ करता है और सारा दोष खुकिन पर डाल देता है। इतना ही नहीं वह खुकिन को ही सारे फसाद की जड़ बताते हुए उसे सबक सिखाने की भी धमकी दे डालता है। उसका ऐसा कहना एक सरकारी कर्मचारी के दोहरे चरित्र की पोल खोल देता है कि उसकी नज़रों में एक आम आदमी से ज्यादा अहमियत सरकारी आफिसर के कुत्ते की है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न – 1 :
एक कहानीकार के रूप में चेखव का साहित्यिक परिचय दें ।
प्रश्न – 2 : रूसी समाज के यथार्थवादी कहानीकार के रूप में चेखव का मूल्यांकन करें।
उत्तर :
अंतोन चेखव मूल रूप से कहानीकार थे और उन्होने अधिकांशतः कहानियाँ ही लिखी हैं। अगर चेखव की सभी कहानियों को दृष्टि में रखकर देखें, तो हम ऐसा कह सकते हैं कि चेखव की सब कहानियाँ मिलकर इसान की पूरी जिंदगी पर एक उदास सोच व्यक्त करती हैं। उनकी कहानियों में 19 वीं शताब्दी के रूसी समाज की भयावह झलक मिल जाती है । उस समय रूसी समाज की हालत क्या थी और स्वयं चेखव किस माहौल में रहते थे, इसकी जानकारी चेखव की इस टिपणी से ही मिल जाती है –
“मेरे यहाँ कोई पीकदान नहीं है । मेरे मेहमान भी मेरी तरह कालीन पर थूकते हैं । रसोईघर काफी गंदा और भद्दा है, बिस्तर और आल्मारियों के खानों में मकड़ी की जालें हैं, धूल हैं । फुटपाथ पर पीलेभूरे रंग का पत्ता फैला हुआ……गंदी सड़क के कोने पर लगा कूड़े का ढेर, बेकार की चीजों से बके दरवाजे, गलत अक्षरों में लिखे हुए साइनबोर्ड या फिर फटे कपड़े पहने हुए भिखारी आदि से मेरी सौंदर्यदृष्टि पर कोई फर्क नहीं पड़ता ।”
चेखव की रचनाओं की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उसमें काल को चित्रित करने की अद्भुत क्षमता है, इसीलिए डेढ़ सौ साल से अधिक बीत जाने के बाद भी उनकी कहानियाँ, आज भी उतनी ही जीवंत प्रासंगिक और ताजी हैं । संभवत: आने वाली शताब्दी में भी ये उतनी ही प्रासंगिक रहेंगी।
चेखव, भारत क्या, विश्व के किसी भी मुल्क के लिए एक सार्थक लेखक हैं। यह संयोग ही है कि आज जो भारत में सामाजिक यथार्थ की स्थितियाँ हैं, करीब-करीब वैसी ही परिस्थितियाँ जारशाही के सोवियत रूस में थी। 19वीं शताब्दी के आखिरी वर्षों में जिस प्रकार की छटपटाहट सोवियत रूस के नागरिकों में थी – वैसी ही छटपटाहट आज भारत में भी है । अतः भारत को सिर्फ मैक्सम गोर्की की ही जरूरत नहीं है, बल्कि पहले चेखव की जरूरत है, जो हमें हमारे ‘अपनेपन’ से, अपनी जरूरत से हमें परिचित करा सके।
चेखव की एक अन्य विशेषता जो मुझे प्रभावित करती है, वह यह है कि उनके कई पात्र और परिस्थितियाँ भारतीय परिवेश से मेल खाती हैं । उदाहरण के लिए ‘डार्लिग’ की नायिका हो या ‘दु:ख’ का गाड़ीवान या ‘गिरगिट’ का कास्टेबल, ये सारे पात्र हमारे यहाँ भी आसानी से मिल जाएँगें। अधिकांश आलोचकों ने चेखव की कहानियों को अवसाद से ग्रस्त बताया है । लेकिन सच्चाई यह है कि उनकी कहानियाँ, निराशावादी नहीं हैं, हम उन्हें आशावाद के निकट का मान सकते हैं।
प्रश्न – 3 : अंतोन चेखव की कहानी ‘गिरगिट’ का सारांश लिखें ।
प्रश्न – 4 : ‘गिरमिट’ कहानी के माध्यम से चेखव ने क्या संदेश देना चाहा है ? लिखें ।
प्रश्न – 5 : ‘गिरगिट’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार करें ।
प्रश्न – 6 : ‘गिरगिट’ कहानी में उन्नीसवीं सदी के रुसी समाज का यथार्थ चित्रण किया गया है समीक्षा करें ।
प्रश्न – 7 : चेखव की कहानी ‘गिरगिट’ का मूल भाव अपने शब्दों में लिखें ।
प्रश्न – 8 : चेखव की कहानी ‘गिरगिट’ के उद्देश्य को स्पष्ट करें ।
प्रश्न – 9 : चेखव की संकलित कहानी का शीर्षक ‘गिरगिट’ क्यों है ? स्पष्ट करें ।
प्रश्न – 10 : यथार्थवादी कहानी के तौर पर चेखव की कहानी ‘गिरगिट’ की समीक्षा करें।
उत्तर :
चेखब की मौत एक पुरानी बात हो चुकी है । मगर आज भी किसी दारोगा, सिपाही, क्लर्क और अप्सर जैसे समाज के चलते-फिरते मध्यमवर्गीय चरित्र सहसा चेखव की कहानियों की याद दिलाते हैं।
‘गिरगिट’ कहानी की शुरूआत कुछ यूँ होती हैं – दारोगा ओचुमेलोव एक सिपाही के साथ बाजार से गुज़र रहा है तभी उसे एक जगह कुछ भीड़ दिखाई देती है । नजदीक जाकर देखने पर पता चलता है कि खूकिन नामक एक कामगार की ऊँगली में किसी कुत्ते ने काट लिया है । उसकी ऊँगली लहुलुहान है ।
वह किसी भी हाल में उस कुत्ते को नहीं छोड़ना चाहता है जब तक उसे हरजाना न मिल जाए – “मैं कामकाजी आदमी ठहरा…. और फिर हमारा काम भी बड़ा पेचीदा है । एक हफ्ते तक शायद मेरी यह ऊंगली काम के लायक न हो पाएगी । मुझे हरजाना दिलवा दीजिए । और, हुजूर, यह तो कानून में भी कहीं नहीं लिखा है कि ये मुए जानवर काटते रहें और हम चुपचाप बरदाश्त करते रहें…”।
दारोगा ओचुमेलोव भी उसकी बातों का समर्थन करते हुए कहता है – ‘”यों कुत्ते को छुट्टा छोड़ने के मजा चखा दूँगा । जो लोग कानून के मुताबिक नहीं चलते, उनके साथ सखीी से पेश आना पड़ेगा. पता लगाओ कि यह कुत्ता है किसका, और रिपोर्ट तैयार करो । कुत्ते को फौरन मरवा दो ।”
ओचुमेलोव को यह पता चलता है कि शायद यह कुत्ता जनरल साहब का है । तभी जनरल साहब का बाबर्ची प्रोखोर उधर आता है । उससे पता चलता है कि यह कुत्ता जनरल साहब का नहीं लेकिन उनके भाई ब्लादीमिर इबानिच का है। बस यह सुनते ही दारोगा ओचुमेलोव गिरगिट की तरह रंग बदल लेता है। अभी तक वह कुत्ते के मालिक की खबर लेने, कुत्ते को मरवा देने की बात कर रहा था लेकिन अब वह उलटी बातें करने लगता है – “तो यह उनका कुत्ता है ? बड़ी खुशी की बात है। इसे ले जाओ….कुत्ता अच्छा और कितना तेज है….हा-हा-हा ….कितना बठिया पिल्ला है.
प्रोखोर अपने साथ कुत्त को लेकर चला जाता है । भीड़ ओचुमेलोव के रंग बदलने तथा खूकिन की बेबसी का हँसकर मजाक उड़ाने लगती है लेकिन दारोगा पर इस बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और वह अपने रास्ते चल देता है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि चेखव की कहानी में हमें बहुत ही धीमी और अफसोस-भरी शिकायत-सी मिलती है – उस समाज और संस्कृति के लिए जो हर छोटे, साधारण मनुष्य को इतना अधूरा, बेबस और तृषित छोड़ जाती है। वह समाज पर टिपणी नहीं करते, लेकिन उनकी कहानियों का उद्देश्य उन्नीसवीं शताब्दी के रूसी समाज में होने वाली हर मानवीय यंत्रणा की एक भयावह झलक का संदेश देना है ।
कहानी का शीर्षक ‘गिरगिट’ भी अपने-आप में बिल्कुल उपयुक्त है क्योंकि गिरगिट जिसतह ह परिस्थिति के अनुसार अपना रंग बदल लेता है उसी तरह इस कहानी का पात्र दारोगा ओचुमेलोव भी रंग बदलता है । कहानी सरकारी तंत्र के व्यवहार को हमारे सामने खोलकर रख देती है।
अति लघूत्तरीय/लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
‘गिरगिट’ कहानी के दुरोगा का नाम क्या है ?
उत्तर :
ओचुमेलोव ।
प्रश्न 2.
‘गिरगिट’ कहानी में लकड़ी की टाल किस व्यापारी की है ?
उत्तर :
व्यापारी पिचूगिन की ।
प्रश्न 3.
कुत्ते का पीछा करनेवाले व्यक्ति का नाम क्या है ?
उत्तर :
खुकिन।
प्रश्न 4.
खुकिन क्या है ?
उत्तर :
बढ़ई ।
प्रश्न 5.
खुकिन किससे मिलने जा रहा था और क्यों ?
उन्तर :
खुकिन अपने मित्र मित्री मित्रिच से मिलने जा रहा था क्योंकि उससे उसे लकड़ी के बारे में कुछ काम था।
प्रश्न 6.
कुत्ते ने खुकिन को कहाँ काटा था ?
उत्तर :
उसके हाथ की उँगली में।
प्रश्न 7.
खुकिन भीड़ को क्या दिखला रहा था ?
उत्तर :
खुकिन भीड़ को अपने दाहिने हाथ की लहूलुहान ऊंगली को दिखा रहा था ।
प्रश्न 8.
खुकिन के चेहरे पर क्या साफ लिखा-सा मालूम हो रहा था ?
उत्तर :
‘तुझे मैं सस्ते न छोडूँगा’ ।
प्रश्न 9.
दारोगा ओचुमेलोव ने भीड़ में खुकिन से क्या पूछा ?
उत्तर :
दारोगा ओचुमेलोव ने भीड़ के बीच खुकिन से यह पूछ्छा, ‘ तुम उंगली क्यों ऊपर उठाये हो ? कौन चिल्ला रहा था ?’
प्रश्न 10.
दारोगा ओचुमेलोव के साथ कौन था ? उसके हाथों में क्या था ?
उत्तर :
दारोगा ओचुमेलोव के साथ लाल बालो वाला एक सिपाही था । उसके हाथों में एक टोकरी थी जो जब्त की गई झड़बेरियों से ऊपर तक भरी हुई थी।
प्रश्न 11.
दारोगा ओचुमेलोव के कानों में सहसा क्या आवाज आती है ?
उत्तर :
दारोगा ओचुमेलोव के कानों में सहसा यह आवाज आयी – “अच्छा, तो तू काटेगा ? शैतान कहीं का ! पकड़ लो छोकरे । जाने न पाए । अब तो काटना मना है।”
प्रश्न 12.
खुकिन ने कुत्ते के काटने के बारे में ओचुमेलोव को क्या बताया ?
उत्तर :
खुकिन ने कुत्ते के काटने के बारे में ओचुमेलोव को यह बताया कि वह चुपचाप अपने रास्ते जा रहा था। उसे अपने मित्र मित्री मित्रिच से लकड़ी के बारे में कुछ काम था तभी एकाएक उस कमबख्ञ कुत्ते ने मेरी उंगली में काट लिया।
प्रश्न 13.
खुकिन ने हरजाने दिलाने के बारे में ओचुमेलोव से क्या कहा ?
उत्तर :
खुकिन ने हरजाने दिलाने के बारे में ओचुमेलोव से यह कहा कि वह कामकाजी आदमी है । उंगली के घायल हो जाने से वह शायद एक सप्ताह तक काम न कर पाएगा । इसलिये उसे हरजाना दिलवा दें।
प्रश्न 14.
खुकिन ने कुत्ते के काटने के बारे में दारोगा ओचुमेलोव को कानून के बारे में क्या हवाला दिया ।
उत्तर :
खकिन ने कुत्ते के काटने से हुए नुकसान के बारे में दारोगा ओचुमेलोव को कानून का हवाला देते हुए कहा कि यह तो कानून मे कहीं नहीं लिखा है कि ये मुए जानवर काटते रहें तथा हम बर्दाश्त करते रहे ।
प्रश्न 15.
जब खुकिन ‘कुत्ते के काटने की शिकायत ओचुमेलोव से की तो उसने क्या प्रतिक्रिया वक्त की ?
उत्तर :
जब खुकिन ने कुत्ते के काटने की शिकायत औचुमेलोव से की तो उसने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ” मैं इस बात को यहीं नहीं छोड्रूगा । यों कुत्ते को छुट्टा छोड़ने के मजा चखा दूँगा। जो लोग कानून के मुताबिक नहीं चलते, उनके साथ अब सख्ती से पेश आना पड़ेगा ! ऐसा जुरमाना ठोकूँगा कि दिमाग ठीक हो जायेगा बदमाश का।”
प्रश्न 16.
सिपाही ने दारोगा को खुकिन को कुत्ते द्वारा काट खाने के बारे में क्या बताया ?
उत्तर :
सियाही ने दारोगा को खुकिन को कुत्ते द्वारा काट खाने के बारे में यह बताया कि खुकिन ने कुत्ते के मुँह पर जलती हुई सिगरेट लगा दी इसीलिए कुत्ते ने उसे काट खाया।
प्रश्न 17.
‘अबे ! काने ! झूठ क्यों बोलता है ? – पाठ का नाम लिखें। वक्ता और श्रोता कौन हैं ?
उत्तर :
पाठ का नाम ‘गिरगिट’ है। वक्ता खुकिन तथा श्रोता सिपाही है।
प्रश्न 18.
ओछा आदमी है यह हुजूर – कौन किसे और क्यों ओछा कह रहा है ?
उत्तर :
खुकिन सिपाही को ओछा कह रहा है क्योंकि उसने दारोगा ओचुमेलोव से खुकिन की झूठी शिकायत की है।
प्रश्न 19.
और सरकार तो खुद समझदार हैं – कौन, किसे सरकार कह रहा है ?
उत्तर :
खुकिन दारोगा ओचुमेलोव को सरकार कह रहा है।
प्रश्न 20.
कुत्ते के बारे में सिपाही क्या कहता है ?
उत्तर :
कुत्ते के बारे में सिपाही यह कहता है कि यह कुत्ता जनरल साहब का नहीं है, उनके पास तो सभी कुत्ते शिकारी पोंटर है।
प्रश्न 21.
दारोगा उस कुत्ते का जनरल का न होने के पीछे क्या तर्क देता है ?
उत्तर :
दारोगा उस कुत्ते का जनरल का कुत्ता न होने के पीछे यह तर्क देता है कि जनरल साहव के सभी कुत्ते अच्छी नस्ल के हैं। उनके पास एक से एक कीमती कुत्ता है। भला जनरल साहब ऐसा मरियल कुत्ता क्यों रखेंगे।
प्रश्न 22.
जनरल साहब के भाई का क्या नाम है ?
उत्तर :
ब्लादीमिर इवानिच ।
प्रश्न 23.
जनरल साहब की दिलचस्पी किस जाति के कुत्तों में नहीं है ?
उत्तर :
मेहाउंड जाति के कुत्तों में।
प्रश्न 24.
जब दारोगा ओचुमेलोव को कुत्ते के बारे में कोई यह बताता है कि यह जनरल साहब का है तो उसकी क्या प्रतिक्रिया होती है ?
उत्तर :
जब दारोगा ओचुमेलोव को प्ता चलता है कि यह कुत्ता जनरल साहब का है तो उसके सुर ही बदल जाते हैं। वह कहता है – “कह देना कि इसे सड़क पर देखकर मैने वापस भिजवाया है ….. और हइसे सड़क पर न निकलने दिया करें…. मालूम नहीं कितना कीमती कुत्ता हो और अगर हर बदमाश इसके मुंह में सिगरेट घुसेड़ता रहा, तो कुत्ता तबाह हो जाएगा।”
प्रश्न 25.
क्या जानकर दारोगा ओचुमेलोव का चेहरा आहलाद से चमक उठता है ?
उत्तर :
जब दारोगा ओचुमेलोव को यह पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब के भाई ब्लादीमिर इवानिच का है तो उसका चेहरा आहलाद से चमक डठता है।
प्रश्न 26.
भीड़ खुकिन पर क्यों हँसती है ?
उत्तर :
दारोगा ओचुमेलोव ने खुकिन को बुरी तरह से बेवकूफ बनाया। इतना ही नहीं, कुत्ते के काटने के लिए उसने खुकिन को ही जिम्पेदार ठहरा दिया। इन्हीं कारणों से भीड़ खुकिन पर हैस रही थी।
प्रश्न 27.
शैतान गुस्से में है – ‘शैतान’ किसे कहा गया है ?
उत्तर :
शैतान जनरल साहब के भाई साहब के कुत्ते को कहा गया है।
प्रश्न 28.
कौन अपने साथ कुत्ते को लेकर टाल से जाता है ?
उत्तर :
प्रखोर अपने साथ कुत्ते को लेकर टाल से जाता है।
प्रश्न 29.
जनरल साहब के भाई का कुत्ता होने का पता चलने पर दारोगा ओचुमेलोव क्या कहता है?
उत्तर :
जब दारोगा ओचुमेलोव को यह पता चलता है कि विवादित कुत्ता जनरल साहब के भाई का है तो वह कहता है – “तो यह उनका कुत्ता है ? बड़ी खुशी की बात है। इसे ले जाओ … कुत्ता अच्छा और कितना तेज है. … उसकी ऊँगली पर झपट पड़ा ! हा. . हा … हा….”
प्रश्न 30.
‘गिरगिट’ कहानी में कहाँ की व्यवस्था का वर्णन किया गया है ?
उत्तर :
‘गिरगिट’ कहानी में रूसी – व्यवस्था का वर्णन किया गया है ।
प्रश्न 31.
‘गिरगिट’ कहानी के सिपाही का नाम क्या है ?
उत्तर :
येल्दीरिन।
प्रश्न 32.
जनरल साहब का नाम क्या है ?
उत्तर :
जनरल झ्विगालोव।
प्रश्न 33.
और तू हाथ नीचा कर, गधा कहीं का – ‘गधा’ किसे कहा गया है?
उत्तर :
‘गधा’ खुकिन को कहा गया है।
प्रश्न 34.
प्रोखोर कौन है ?
उत्तर :
प्रोखोर जनरल साहब का बावर्ची है।
प्रश्न 35.
ब्लादीमिर इवानिच कौन है ?
उत्तर :
जनरल साहब के बड़े भाई।
प्रश्न 36.
खुद मेरा भाई पुलिस में है – यह कौन कहता है ?
उत्तर :
यह खुकिन कहता है।
प्रश्न 37.
मित्री मित्रिच कौन है ?
उत्तर :
मित्री मित्रिच खुकिन का मित्र है।
प्रश्न 38.
मैं इस बात को यहीं नहीं छोड्रूँगा – वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता पुलिस का दारोगा ओचुमेलोव है।
प्रश्न 39.
मालूम पड़ता है कि कुछ झगड़ा-फसाद है – वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता सिपाही येल्दोरिन है।
प्रश्न 40.
मैं चुपचाप अपनी राह जा रहा था – यह कौन, किससे कहता है ?
उत्तर :
यह खुकिन दारोगा ओचुमेलोव से कहता है।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
‘गिरगिट’ कहानी के लेखक हैं ?
(क) चेखव
(ख) मोपांसा
(ग) लू शुज
(घ) गोरी
उत्तर :
(क) चेखव।
प्रश्न 2.
‘गिरगिट’ कहानी के दारोगा का नाम क्या है ?
(क) खुकिन
(ख) ओचुमेलाव
(ग) मित्रिय
(घ) येल्दीरिन
उत्तर :
(ख) ओचुमेलोव।
प्रश्न 3.
‘गिरगिट’ कहानी में कुत्ता किसे काटता है ?
(क) येल्दीरिन
(ख) ओचुमेलोव
(ग) खुकिन
(घ) पिचूगिन
उत्तर :
(ग) खुकिन ।
प्रश्न 4.
खुकिन का मित्र निम्न में से कौन है ?
(क) मित्री मित्रिच
(ख) येल्दीरिन
(ग) ओचुमेलोव
(घ) प्रोखोर
उत्तर :
(क) मित्री मित्रिच ।
प्रश्न 5.
खुकिन पेशे से क्या है ?
(क) पुलिस
(ख) बढ़ई
(ग) लुहार
(घ) जनरल
उत्तर :
(ख) बढ़ई।
प्रश्न 6.
लकड़ी का टाल किस व्यक्ति का है ?
(क) मित्री मित्रिच
(ख) येल्दीरिन
(ग) पिचूरिगन
(घ) इनमें से किसी का नहीं
उत्तर :
(ग) पिचूरिगन
प्रश्न 7.
‘गिरगिट’ कहानी में सिपाही का नाम क्या है ?
(क) खुकिन
(ख) येल्दीरिन
(ग) प्रोखोर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) येल्दीरिन।
प्रश्न 8.
जनरल साहब के बावर्ची का नाम क्या है ?
(क) येल्दीरिन
(ख) खुकिन
(ग) प्रोखोर
(घ) पिचूूगिन
उत्तर :
(ग) प्रोखोर।
प्रश्न 9.
‘गिरगिट’ कहानी के जनरल का नाम क्या है ?
(क) प्रोखोर
(ख) येल्दीरिन
(ग) झिगालोव
(घ) मित्रिच
उत्तर :
(ग) झिगालोव।
प्रश्न 10.
जनरल झिगालोव के भाई का नाम क्या है ?
(क) प्रोखोर
(ख) येल्दीरिन
(ग) मित्रिय
(घ) ब्लादीमिर
उत्तर :
(घ) ब्लादीमिर।
प्रश्न 11.
अबे ! काने ! झूठ क्यों बोलता है ? – वक्ता कौन है ?
(क) झ्रिगालोव
(ख) खुकिन
(ग) प्रोखोर
(घ) येल्दीरिन
उत्तर :
(ख) खुकिन।
प्रश्न 12.
खुकिन ‘काने’ कहकर किसे संबोधित करता है ?
(क) मित्रिच को
(ख) पिचूयिन को
(ग) येल्दीरिन को
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) येल्दीरिन को।
प्रश्न 13.
‘गिरगिट’ कहानी में कुत्ता किसका है ?
(क) खुकिन का
(ख) जनरल का
(ग) प्रोखोर का
(घ) जनरल के भाई का
उत्तर :
(घ) जनरल के भाई का।
प्रश्न 14.
अब तो काटना मना है – पंक्ति किस पाठ की है ?
(क) पर्यावरण-संरक्षण
(ख) गिरगिट
(ग) भोलाराम का जीव
(घ) बहू की विदा
उत्तर :
(ख) गिरागिट।
प्रश्न 15.
मुझे हरजाना दिलवा दीजिए – वक्ता कौन है ?
(क) भोलाराम की पत्नी
(ख) जामिद्
(ग) खुकिन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) खुकिन।
प्रश्न 16.
फिर हमारा काम भी बड़ा पेचीदा है – वक्ता कौन है ?
(क) काजी
(ख) जामिद
(ग) येल्दीरिन
(घ) खुकिन
उत्तर :
(घ) खुकिन।
प्रश्न 17.
मैं चुपचाप अपनी राह जा रहा था – वक्ता कौन है ?
(क) जामिद्
(ख) भोलाराम
(ग) खुकिन
(घ) काजी
उत्तर :
(ग) खुकिन।
प्रश्न 18.
मैं इस बात को यहीं नहीं छोडूँगा – वक्ता कौन है ?
(क) यमराज
(ख) बड़े साहब
(ग) नारद
(घ) ओचुमेलोव
उत्तर :
(घ) ओचुमेलोव।
प्रश्न 19.
और रिपोर्ट तैयार करो – वक्ता कौन है ?
(क) नारद
(ख) बड़े साहब
(ग) ओचुमेलोव
(घ) येल्दीरिन
उत्तर :
(ग) ओचुमेलोव
प्रश्न 20.
तुप्हारे जैसे बदमाशों की तो मैं नस-नस पहचानता हूँ – वक्ता कौन है ?
(क) चित्रगुप्त
(ख) ओचुमेलोब
(ग) नारद
(घ) जनरल साहब
उत्तर :
(ख) ओचुमेलोव।
प्रश्न 21.
अब हम सब बराबर हैं – वक्ता कौन है ?
(क) खुकिन
(ख) जोवनलाल
(ग) प्रमोद
(घ) इनमें से कौन नहीं
उत्तर :
(क) खुकिन।
प्रश्न 22.
मालूम पड़ता है कि बारिश होगी – वक्ता कौन है ?
(क) प्रमोद
(ख) लेखक
(ग) खुकिन
(घ) ओचुमेलोव
उत्तर :
(घ) ओचुमेलोव।
प्रश्न 23.
सारा कुसूर तेरा ही है – वक्ता कौन हैं ?
(क) धर्मराज
(ख) नारद
(ग) जीवनलाल
(घ) ओचुमेलोव
उत्तर :
(घ) ओचुमेलोव।
प्रश्न 24.
कह दिया न आवारा है – पंक्ति किस पाठ से उद्धुत है ?
(क) भोलाराम का जीव
(ख) गिरािट
(ग) वापसी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) गिरगिट।
प्रश्न 25.
कह दिया न आवारा है – वक्ता कौन है ?
(क) भोलाराम की पत्नी
(ख) यमदूत
(ग) जीवनलाल
(घ) ओचुमेलोव
उत्तर :
(घ) ओचुमेलोव।
प्रश्न 26.
ऐसे काम नहीं चलेगा – वक्ता कौन है ?
(क) चपरासी
(ख) नारद
(ग) जीवनलाल
(घ) ओचुमेलोव
उत्तर :
(घ) ओचुमेलोव।
प्रश्न 27.
इनलोगों को मज़ा चखाना चाहिए – वक्ता कौन है ?
(क) ओचुमेलोव
(ख) नारद
(ग) धर्मराज
(घ) प्रमोद
उत्तर :
(क) ओचुमेलोव।
प्रश्न 28.
बड़ी खुशी की बात है – वक्ता कौन है ?
(क) धर्मराज
(ख) चित्रगुप्त
(ग) भोलाराम का जीव
(घ) ओचुमेलोव
उत्तर :
(घ) ओचुमेलोव।
प्रश्न 29.
मैं तुझे ठीक कर दूँगा – वक्ता कौन है ?
(क) दारोगा
(ख) नारद
(ग) सिपाही
(घ) येल्दीरिन
उत्तर :
(क) दारोगा।
प्रश्न 30.
‘गिरगिट’ कहानी मे निम्न में से किसका जिक्र है ?
(क) जोहान्सबर्ग
(ख) पीटर्सबर्ग
(ग) गुलमर्ग
(घ) यनपुरी
उत्तर :
(क) जोहान्सबर्ग।
प्रश्न 31.
‘गिरगिट’ कहानी का कुत्ता किस जाति का है ?
(क) बुलडॉग
(ख) प्रेहाउंड
(ग) अल्रोशियन
(घ) झबरा
उत्तर :
(ख) प्रेहाउंड ।
प्रश्न 32.
हवा चल रही है – पंक्ति किस पाठ की है ?
(क) जंगल का दर्द
(ख) पर्यावरण-संरक्षण
(ग) निरयिट
(घ) बहू की विदा
उत्तर :
(ग) गिरागिट।
प्रश्न 33.
‘अंकल वान्या’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) चेखव
(ख) गोर्की
(ग) ताल्स्तोय
(घ) कैफ़ी आज़मी
उत्तर :
(क) चेखव।
प्रश्न 34.
‘दुःख’ कहानी के लेखक कौन हैं ?
(क) गोरी
(ख) चेखव
(ग) ताल्स्तोय
(घ) मोपांसा
उत्तर :
(ख) चेखव।
प्रश्न 35.
‘निर्वासित’ कहानी के रचनाकार कौन हैं ?
(क) मोपासा
(ख) चेखव
(ग) ताल्स्तोय
(घ) गोर्की
उत्तर :
(ख) चेखव।
प्रश्न 36.
‘कलाकृति’ किसकी रचना है ?
(क) चेखव
(ख) मोंपासा
(ग) शुकदेव प्रसाद
(घ) उषा प्रियंवदा
उत्तर :
(क) चेखव।
प्रश्न 37.
‘प्रतिशोधी’ के लेखक कौन हैं ?
(क) उषा प्रियंवदा
(ख) ताल्स्तोय
(ग) चेखव
(घ) गोर्की
उत्तर :
(ग) चेखव।
प्रश्न 38.
‘तिलचट्टा’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) गोर्की
(ख) प्रेमचंद
(ग) हरिशंकर परसाई
(घ) चेखव
उत्तर :
(घ) चेखव।
प्रश्न 39.
‘कुत्ते से एक आदमी की बातचीत’ – किसकी रचना है ?
(क) अरूण कमल की
(ख) चेखव की
(ग) प्रेमचंद की
(घ) हरिशंकर परसाई की
उत्तर :
(ख) चेखव की।
प्रश्न 40.
‘विस्मय बोधक चिह्न’ कहानी किसकी है ?
(क) चेखव की
(ख) प्रेमचंद की
(ग) धर्मवीर भारती की
(घ) गोर्की की
उत्तर :
(क) चेखव की।
प्रश्न 41.
‘ठिठोली’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) उषा प्रियंवदा
(ख) प्रेमचंद
(ग) चेखव
(घ) महादेवी वर्मा
उत्तर :
(ग) चेखव।
प्रश्न 42.
‘शर्त’ किसकी रचना है ?
(क) चेखव की
(ख) गोर्की की
(ग) प्रेमचंद की
(घ) कैफ़ी आज़मी की
उत्तर :
(क) चेखव की।
प्रश्न 43.
‘छोटा-सा मजाक’ कहानी के रचनाकार कौन हैं ?
(क) गोरी
(ख) प्रेमचंद
(ग) मोपासा
(घ) चेखव
उत्तर :
(घ) चेखव।
प्रश्न 44.
‘मंसूबा’ कहानी के लेखक कौन हैं ?
(क) मोंपासा
(ख) हरिशंकर परसाई
(ग) चेख्बव
(घ) प्रेमचंद
उत्तर :
(ग) चेखव।
प्रश्न 45.
‘दुष्ट बालक’ किसकी रचना है ?
(क) चेखव की
(ख) मोपासा की
(ग) परसाई की
(घ) प्रेमचंद की
उत्तर :
(क) चेखव की।
प्रश्न 46.
चेखव का जन्म कब हुआ था ?
(क) 17 जनवरी 1860
(ख) 15 जनवरी 1862
(ग) 20 फरवरी 1860
(घ) 17 फरवरी 1860
उत्तर :
(क) 17 जनवरी 1860
प्रश्न 47.
चेखव का पूरा नाम क्या था ?
(क) मैविसम चेखव
(ख) अंतोन पान्लोविच चेखव
(ग) अंतोन चेखव
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) अंतोन पाव्लोविच चेखव।
प्रश्न 48.
चेखव का जन्म किस नगर में हुआ था ?
(क) तागनरोग
(ख) मास्को
(ग) पीटर्सबर्ग
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) तागनरोग।
प्रश्न 49.
निम्न में से कौन-सा नाटक चेखव का नहीं है ?
(क) अंकल वान्या
(ख) तीन बहनें
(ग) बहू की विदा
(घ) सीगाल
उत्तर :
(ग) बहू की विदा।
प्रश्न 50.
निम्न में से कौन-सी रचना चेखव की नहीं है ?
(क) नदी प्यासी थी
(ख) चेरी का बगीचा
(ग) सीगाल
(घ) तीन बहनें
उत्तर :
(क) नदी प्यासी थी।
WBBSE Class 9 Hindi गिरगिट Summary
लेखक परिचय
अंतोन पाव्लोविच चेखव का जन्म 17 जनवरी सन् 1860 में रूस के तागनरोग शहर में हुआ था। पिता बंधुआ मजदूर थे । उन्होंने मालिक की पूरी कीमत चुका कर स्वतंत्रता खरीदी और दुकान शुरू की । बचपन पिता के अनुशासनी अत्याचारों में बीता । लेखन के आधार पर ही डॉक्टरी की पढ़ाई की ।
सन् 1898 में चेखव पूरे परिवार के साथ याल्ता चले आए । याल्ता में चेखव ने कई प्रसिद्ध कहानियाँ लिखी जिनमें ‘इन द ग्रेवयार्ड’, ‘द लेडी विद द डॉग’, ‘द ब्ााइड’ और नाटक ‘द थी सिस्टर्स’ और ‘द चेरी ऑचर्ड’ आदि उल्लेखनीय हैं ।
1 मई (प्राचीन), 1904 को अंतोन पाव्लोविच मास्को चले गए । वहाँ से वे वापस नहीं आ पाए। मास्को में वे बीमार पड़ गए और फिर बिस्तर के ही होकर रह गए । डॉक्टरों की सलाह पर जून में वे अपनी पत्नी के साथ बादेनवाइलर के जर्मन स्वास्थ्य-सदन चले गए । वहीं से 2 जुलाई 1904 को उनके मरने की दुःखद और पूर्णतया अप्रत्याशित खबर मिली ।
चेखव की प्रमुख कहानियाँ :- ‘द लेडी विद द डॉग’, ‘द ब्बाइड’, ‘माइंडस इन फर्मेट’, ‘ए हैप्पी मैन’, ‘इन पैशन वीक’, ‘इन द ग्रेवयार्ड’, ‘ए मिसफार्चून’, ‘ए मिस्ट्री’, ‘ओवरडूइंग इट’, ‘स्ट्रांग इम्पेशन्स’, ‘ए ट्रांसग्रेशन’, ‘द कुक वेडिंग’, ‘हश’, ‘इन ट्रबल’, ‘ऐन इनक्वायरी’, ‘एक्सेलेंट पीपल’, ‘द ओल्ड हाउस’, ‘बूट्स’, ‘ए स्टोरी विदाउट एन इंड’, ‘श्रोव ट्यूजडे’, ‘ए क्लासिकल स्टूडेंट’, ‘ए पिंक स्टाकिंग’, ‘एक्सपेंसिव लेसन्स’, ‘द बर्ड मार्केट’, ‘ए पिकुलियर मेन’, ‘बैड वेदर’, ‘ए कंट्री कॉटेज’, ‘द कोरस गर्ल’, ‘द इक्जामिनिंग मजिस्ट्रेट’, ‘द डेथ ऑफ ए गवर्मेंट क्लर्क’, ‘वार्ड न सिक्स’, ‘रेड फ्लॉवर’, ‘द फिट’, ‘हू वाज टू ब्लेम’, ‘एडिफेंसलेस क्रीचर’, ‘नर्वस’, ‘ए जोक’, ‘ग्रास हूपर’, ‘डार्लिंग’ ।
प्रसिद्ध नाटक :- ‘फ्योदोर इवानोविच’, ‘हानेल्स’, ‘सीगल’, ‘थी सिस्टर्स’, ‘द चेरी आर्चड’, ‘अंकल वान्या’ ।
शब्दार्थ
पृष्ठ सं० – 82
- ओवरकोट = घुटने के नीचे तक का कोट ।
- जब्त= लेना ।
- झड़बेरी = जंगली बेर ।
- खामोशी = चुप्पी ।
- जबड़ा = खुला मुँह।
पृष्ठ सं० – 83
- किकियाने = कुत्ते की दर्द भरी आवाज।
- टाल = लकड़ी की दुकान।
- वास्कट = छोटा कोट।
- नदारद = गायब।
- लपकता = भागता।
- लहूलुहान = खून से लथपथ।
- कामकाजी = काम, मजदूरी करने वाला ।
- पेचीदा = उलझा।
- हरजाना = क्षतिपूर्ति।
- दूभर = मुश्किल।
- मजा चखाना = सबक सिखाना।
पृष्ठ सं० – 84
- मुताबिक = अनुसार ।
- सख्ती = कड़ाई ।
- जुरमाना = आर्थिक दंड ।
- ढोर = जानवर ।
- छुट्टा = खुला।
- लहीम-सहीम = लंबा-तगड़ा।
- कील = काँटी।
- सिर मढ़ना = आरोप लगाना।
- नस-नस पहचानना = अच्छी तरह जानना।
- ओछा = नीच।
पृष्ठ सं० – 85
- नस्ल = जाति।
- मरियल = मरा हुआ सा।
- खारिश्ती = आवारा।
- मुमकिन = संभव।
- तबाह = बर्बाद।
- कुसूर = गलती।
- ग्रेबउंड = कुत्ते की जाति।
- आवारा कुत्ता = जिसका कोई मालिक न हो।
पृष्ठ सं० – 86
- आहलाद = खुशी।