Students should regularly practice West Bengal Board Class 9 Hindi Book Solutions Chapter 7 पर्यावरण संरक्षण to reinforce their learning.
WBBSE Class 9 Hindi Solutions Chapter 7 Question Answer – पर्यावरण संरक्षण
ससंदर्भ आलोचनात्मक व्याख्या
प्रश्न 1.
वास्तव में पर्यावरण बड़ा व्यापक शब्द है ।
– पाठ तथा लेखक का नाम लिखें । पंक्ति का आशय स्पप्ट करें ।
उत्तर :
पाठ का नाम ‘पर्यावरण-संरक्षण’ और लेखक का नाम शुकंतेव प्रसाद है
साधारणत: हम पर्यावरण का अर्थ अपने आसपास के वातावरण से लेते हैं । लंकिन इसका अर्थ यहीं नक सांन नहीं है । पर्यावरण का अर्थ इस पृथ्वी की उस प्राकृतिक व्यवस्था से है, जिसमें सजीव जन्म लेते है, बढ़ते-पनपते है और अपने स्वाभाविक गुणों का विकास करते हैं।
प्रश्न 2.
पर्यावरण की बिगड़ती दशा आज समूचे सभ्य संसार के लिए चर्चा का विषय है ।
– प्रस्तुत पंक्ति किस पाठ से ली गई है । पंक्ति में निहित भाव स्पष्ट करें ।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति ‘पर्यावरण-संरक्षण’ पाठ से ली गई है ।
पहले पर्यावरण के बारे में प्रत्येक देश अपने स्तर से सोच रहा था । आगे चलकर यह अनुभव किया गया कि बदलते हुए पर्यावरण के लिए कोई एक राष्ट्र उत्तरदायी नहीं है । सबसे अधिक उत्तरदायी वे देश है, जो उद्योगों में सबसे आगे हैं । इसका असर उन देशों पर भी पड़ रहा है, जो विकासशील हैं। इसलिए पर्यावरण की बिगड़ती दशा, आज हर देश के लिए चर्चा का विषय है।
प्रश्न 3.
भंडार सीमित हैं और कुछ वर्षों में समाप्त हो जाएँगे ।
– पाठ का नाम लिखें । यहाँ किसके भंडार के बारे में क्या कहा जा रहा है ?
उत्तर :
पाठ का नाम पर्यावरण-संरक्षण है ।
यहाँ फॉसिल (जीवाश्म) ईंधन के बारे में यह कहा जा रहा है, कि इनके भंडार सीमित हैं। यदि इन्हें हम यूँ ही अपव्यय करते रहे, तो एक दिन सारे संसार में ऊर्जा का संकट पैदा हो जाएगा। हालॉंकि, फॉसिल ईधन का विकल्प ढूँढने की पूरी कोशिश हो रही है । लेकिन अभी इस ऊर्जा का कोई विकल्प नहीं ढूँढ़ा जा सका है, जो इतनी अधिक मात्रा में उपलब्ध हो सके।
प्रश्न 4.
दोषी हम हैं और इसी नाते परिणाम भी हमें ही भुगतना होगा ।
– लेखक कौन हैं ? किस दोष का परिणाम हमें भुगतना पड़ेगा ?
उत्तर :
लँखक श्री शुकदेव प्रसाद हैं।
सृष्टि के प्रारंभ से ही जितनी भी सभ्यताएं हुई, सब में प्रकृति का काफी दोहन हुआ है। प्राधीन सभ्यना आं न एक स्थान के प्राकृतिक उपादान के समाप्त हो जाने पर लोग स्थान बदल लेते थे । उस सभय भी पर्यावरण-प्रदूषण के कारण जलप्रलय तथा महामारी की घटनाएँ घटी और कई सभ्यताएँ नष्ट हो गई । आज फिर हम उसी गलती को दुहरा रहे हैं, तो इसका परिणाम भी हमें ही भुगतना पड़ेगा।
प्रश्न 5.
मानव सभ्य हो या बर्बर, प्रकृति की संतान हैं उसका स्वामी नहीं ।
अथवा
प्रश्न 6.
हम प्रकृति की संतान हैं, स्वामी नहीं ।
– पाठ तथा लेखक का नाम लिखें । पंक्ति का आशय स्पष्ट करें ।
उत्तर :
पाठ का नाम ‘पर्यावरण-संरक्षण’ तथा लेखक का नाम श्री शुकदेव प्रसाद है ।
हमने अपने लाभ के लिए केवल प्रकृति से लिया । उसके संरक्षण की बात कभी सोची नहीं । हमारे मन में हमेशा यह बात रही कि प्रकृति पर हमारा अधिकार है । हमें याद रखना चाहिए कि प्रकृति के सामने हमारी शक्ति कुछ भी नहीं है। यदि हमें प्रकृति से लाभ लेना है, तो हमें प्रकृति के नियम के अनुसार ही बलना होगा, वरना प्रकृति हमें नष्ट कर देगी। हमें कह याद रखना चाहिए कि हम प्रकृति की संतान हैं, स्वामी नहीं।
प्रश्न 7.
हमने उसे मात्र भोग्बा समझा, उस पर अपना प्रभुत्व जमाना चाहा ।
अशवा
प्रश्न 8.
यही हमने भूल की ।
– पाठ का नाम लिखें । पंक्ति में लेखक क्या कहना चाहते हैं ?
उत्तर :
पाठ का नाम ‘पर्यांवरण-संरक्षण’ है ।
प्रकृति के बारे में हमारी भावना सकुचित थी । हमने यह सोचा, कि वह केवल हमारे भोग के लिए बनी है । उसके संरक्षण की बात हमने कभी सोची ही नहीं । हमने सोचा कि प्रकृति हमेशा अपना वैभव हम पर लुटाती रहेगी। इसी भ्रम के कारण हमने प्रकृति को सही तरीके से नहीं समझा और अव उसका दुष्पभाव हमारे सामने है। यदि हमें प्रकृति पर प्रभुत्व जमाना है, तो हमें प्रकृति के नियमो को भी समझना होगा, उसका अनुसरण करना होगा।
प्रश्न 9.
वह जहाँ से भी गुजरा है, वहीं भूमि मरुस्थल हो गई है ।
अथवा
प्रश्न 10.
इस कथन में कुछ अतिशयोक्ति हो सकती है, लेकिन यह बेबुनियाद नहीं है ।
– ससंद्र्भ-पंक्ति का आशय स्पष्ट करें ।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यावरण-संरक्षण’ से लिया गया है।
किसी पर्यावरण-चिंतक ने मानव इतिहास के बारे में कहा है कि मनुष्य पृथ्वी के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँच गया है लेकिन वह जहाँ-जहाँ से गुजरा है उसने वहाँ की भूमि को मरस्थल बना दिया। बात कुछ बढ़ा-चढ़ा कर कही गई मालूम होती है लेकिन इसमें सच्चाई है । यदि ऐसा नहीं हुआ होता तो अनेक सभ्यताओं का पतन नहीं होता। प्रत्येक सभ्यता के पतन के पीछे असंतुलित पर्यावरण ही प्रमुख कारण रहा है ।
प्रश्न 11.
उर्जा हमारे जीवन का पर्याय है ।
– पाठ और लेखक का नाम लिखें । उर्जा को हमारे जीवन का पर्याय क्यों कहा गया है ?
उत्तर :
पाठ का नाम ‘पर्यावरण-संरक्षण’ है तथा इसके लेखक शुकदेव प्रसाद हैं।
आज के दौर में हम ऊर्जा के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं कर सकते । हमारे आवागमन, स्वास्थ्य, इंटरनेट, टी. वी. शिक्षा सबके साथ किनी न किसी रूप में उर्जा जुड़ी है । यदि हम जीवन से उर्जा को निकाल दें तो हमारी हालत आदि मानव से भी बुरी हो जाएगी। आदि मानव के जीवन का संबल तो वन था लेकिन हमारे पास वह भी नहीं है ।
प्रश्न 12.
पूर्वकाल की सभ्यताओं के साथ बात उल्टी थी ।
– लेखक का नाम लिखें । पूर्वकाल की सभ्यताओं के साथ कौन-सी बात उल्टी थी ?
उत्तर :
लेखक शुकदेव प्रसाद हैं ।
प्राचीन सभ्यता में लोग पर्यावरण को देवता के समान पूजते थे । वृक्षों, पर्वतों, नदियों आदि के पूजन की परपरा वहीं से चली है । वे प्रकृति का सम्मान करना जानते थे लेकिन आज हम पर्यावरण का सम्मान करना भूल गए हैं। हम उपभोक्तावादी संस्कृति को महत्व देते हैं लेकिन प्राचीन सभ्यता के साथ यह बात उल्टी थी ।
प्रश्न 13.
भ्रम परेशानी का कारण बन गया ।
– पंक्ति के लेखक कौन हैं ? कौन-सा भ्रम परेशानी का कारण बन गया ?
उत्तर :
पंक्ति के लेखक शुकदेव प्रसाद हैं।
मनुष्य की पर्यावरण-संबंधी परेशानी तब शुरु हुई जब उसने यह भ्रम पाल लिया कि उसका प्रकृति पर स्थायी अधिकार है । उसने प्रकृति के नियमों के बारे में बिना जाने-समझे ही अपने-आपको मालिक समझ लिया ।
प्रश्न 14.
थोड़ी सी मुद्ठीभर विकसित राष्ट्रों ने अपने स्वार्थ साधने के लिए सारी दुनिया के लिए संकट उत्पन्न कर दिया है।
– ससंदर्भ आशय स्पष्ट करें ।
उत्तर:
म्स्तुत पंक्ति शुकदेव प्रसाद के चितनपरक निबंध ‘पर्यावरण-संरक्षण’ से ली गई है ।
जो सामाज्यवादी तथा पूँजीवादी देश हैं, उनमें उद्योगों की होड़ लगी है । उद्योग तथा व्यापार के द्वारा उन्होंने पूरी दुनिया पर अपना शासन करना चाहा। इस होड़ में वे पर्यावरण की बात भूल गए और अब उसी का परिणाम पूरी दुनिया को भुगतना पड़ रहा है।
प्रश्न 15.
किसी एक की कुचेष्टा दूसरे के लिए कष्ट का कारण कभी भी बन सकती है ।
– इस पंक्ति के लेखक कौन हैं ? यहाँ किस कुचेष्टा के बारे में कहा गया है ?
उत्तर :
इस पंक्ति के लेखक शुकदेव प्रसाद हैं।
आज देशों की समृद्धि का मापदंड उद्योग बन चुका है। इस दौड़ में आगे निकलने के क्रम में ऐसे राप्रों ने पर्यावरणसंबंधी नियम को ताक पर रख दिया । उन्हीं की इस कुघेशस से दूसरे देश भी प्रभावित हो रहे हैं जो उद्योगों की दौड़ में नहीं हैं । सच ही है कि जब पड़ोस में आग लगेगी तो हम भी उससे सुरक्षित नहीं रह पाएँगे।
प्रश्न 16.
वस्तुत: आज उद्योग हमारी समृद्धि के मापदंड बन गए हैं।
– पाठ और लेखक का नाम लिखें । पंक्ति का भाव स्पप्प करें ।
उत्तर :
पाठ का नाम ‘पर्यावरण-संरक्षण’ है । इसके लेखक शुकदेव प्रसाद हैं।
औद्योगिक क्रांति से उद्योगों की जो दौड़ शुरू हुई, वह आज भी रुकने का नाम नहीं ले रही है। उद्योग-धंधे ही आज किसी भी राष्ट्र की समृद्धि के मापदंड बन गए हैं। यदि हमने अपनी इस मानसिकता को नहीं बदला तो इसके भयंकर परिणाम भुगतने के लिए हमें तैयार रहना होगा ।
प्रश्न 17.
असंतुलन में कमी आए, फिलहाल ऐसा नहीं लगता ।
– पाठ का नाम लिखें । यहाँ किस असंतुलन की बात कही जा रही है ?
उत्तर :
पाठ का नाम ‘पर्यावरण-संरक्षण’ है।
लेखक का ऐसा अनुमान है कि औद्योगीकरण की प्रवृत्ति पर कोई रोक नहीं लगा रहा है बल्कि यह दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है । जबतक उपभोगवादी वियारधारा को हम नहीं बदलेंगे और प्रत्येक राष्टृ अपनी इस जिम्मेवारी को गंभीरतापूर्वक नहीं निभाएगा तब तक पर्यावरण में असतुलन बना ही रहेगा और हाल-फिलहाल इस पर्यावरण-असंतुलन में कमी आने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं दिखाई देती।
प्रश्न 18.
इस बेतहाशा वृद्धि का प्रभाव हमारे सामाजिक मूल्यों पर पड़े बिना नहीं रहेगा ।
– पंक्ति के लेखक कौन हैं ? पंक्ति का भाव स्पष्ट करें ।
उत्तर :
पंक्ति के लेखक शुकदेव प्रसाद हैं।
पर्यावरण के बिगड़ने का एक प्रमुख कारण संसार की जनसंख्या का दिन-पतिदिन बढ़ते ही जाना है । सन् 1830 तक पूरी दुनिया की जितनी आवादी थी आज उतनी आबादी केवल भारत की है। इसी से हम जनसंख्या-वृद्धि का अंदाजा लगा सकते हैं । अगर दुनिया की जनसंख्या ऐसे ही बढ़ती रही तो वह दिन दूर नहीं जब इसका प्रभाव हमारे सामाजिक मूल्यों को भी प्रभाषित करेगा ।
प्रश्न 19.
आश्चर्य नहीं कि आने वाले 2-3 दशकों के बाद बच्चे अत्यंत कम सुनने की क्षमता वाले हों अथवा बहरे ही पैदा हों ।
– पाठ का नाम लिखें । पंक्ति का भाव स्पष्ट करें ।
उत्तर :
पाठ का नाम ‘पर्यावरण-संरक्षण’ है ।
जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है उसी अनुपात में कल-कारखाने, मोटरगाड़ियाँ आदि भी बढ़ रहे हैं। इनके कारण पर्यावरण में शोर भी बढ़ता जा रहा है । यदि इस ध्वान-प्रदूषण पर रोक नहीं लगाया गया तो इतना निश्चित है कि आनेवाले दो-तीन दशकों के बाद जो बच्चे पैदा होंगे, उनके सुनने की क्षमता कम होगी । यह भी असंभव नहीं कि वे बहरे ही पैदा हों।
प्रश्न 20.
इस अभिशाप से हम मुक्त भी हो सकेंगे, यह कहना असंभव है ।
– इसके लेखक का नाम लिखें । यहाँ किस अभिशाप के बारे में कहा गया है ?
उत्तर :
लेखक शुकदेव प्रसाद हैं।
जब औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई थी तो लोगों ने इसे बहुत बड़ा वरदान माना था। लेकिन ये उद्योग ही आज हमारे लिए अभिशाप बन गये हैं। जीवन का, पर्यावरण का कोई भी क्षेत्र पदूषण से मुक्त नहीं है । ये प्रदूषण हवा में घुले ज़हर की तरह हैं जिसका शिकार चाहे-अनचाहे सबको होना पड़ रहा है । इस अभिशाप से मुक्ति पाने की भी कोई उम्मीद नज़र नहीं आती ।
प्रश्न 21.
ये सारी परिस्थितियाँ प्रदूषणजन्य हैं ।
– ससंदर्भ्भ कथन का आशय स्पष्ट करें ।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यावरण-संरक्षण’ से ली गयी है।
स्वीडेन के प्राणी विज्ञानी कारकुरी लिंड्टल अपने शोध के द्वारा इस सच्चाई को हमारे सामने रखा है कि इस धरती की 30 से अधिक प्राणियों की जातियाँ तथा उपजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं। इतना ही नहीं हरेक वर्ष कहीं न कहीं प्राणी की किसी एक जाति का लोप हो रहा है । यह विपरीत परिस्थिति पर्यावरण-प्रदूषण के कारण हो पैदा हुई है।
प्रश्न 22.
जरूरत है प्रदूषण-रहित टेक्नालॉजी की ।
अथवा
प्रश्न 23.
उद्योगों का विकल्प भला क्या होगा ?
– ससंदर्भ कथन का मूल भाव प्रकट करें।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यावरण-संरक्षण’ से ली गयी है ।
आज की सभ्यता उद्योगों तथा टेक्नालॉजी के कारण दूसरे ग्रह तक पहुँच गई है । ऐसे में पींछे मुड़कर देखना हमारे लिए संभव नहीं है । इन उद्योगों का कोई विकल्प भौ हमारे सामने नही है । ऐसे में बस एक ही विकल्प हमारे सामने बच जाता है कि हम उन टेकनोलॉजी को विकसित करें जिससे प्रदूषण न हो ।
प्रश्न 24.
वन हमारे रक्षक हैं ।
– पाठ और लेखक का नाम लिखें । वन किस प्रकार हमारे रक्षक हैं ।
उत्तर :
पाठ ‘पर्यावरण-संरक्षण’ है । इसके लेखक शुकदेव प्रसाद हैं।
सृष्टि के प्रारंभ से लेकर आजतक वनों ने हमारी रक्षा की है । आदि मानव का जीवन तो वनो से ही शुरु हुआ। इतना ही नहीं, आज भी जो आदिम जातियाँ हैं वे जगलों में निवास करती हैं । उनके जीवन की सारी आवश्यकताएँ वनों से ही पूरी होती हैं। आधुनिक सभ्यता के विकसित होने में भी वनो का महत्वपूर्ण योगदान है। वनो से हमें ईधन, फल, फूल, औषधियाँ, लकड़ियाँ आदि बहुत कुछ प्राप्त होते हैं । इसलिए अगर हम यह कहें कि वन हमारे रक्षक हैं तो अतिशयोक्ति न होगी ।
प्रश्न 25.
ऐसे आंदोलन बहुत उपयोगी हैं ।
– पाठ का नाम लिखें । कैसे आंदोलन हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं ?
उत्तर :
पाठ का नाम ‘पर्यावरण-संरक्षण’ है।
उत्तर भारत में वनों को काटने से बचाने के लिए सुंदरलाल बहुगुणा ने लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया कि अगर कोई वृक्ष काटने आए तो वे पेड़ों से चिपक जाएं । उनका यह नुस्खा काफी कारगर साबित हुआ । यह आंदोलन ही ‘चिपको आंदोलन’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। अगर हमें अपने पर्यावरण की रक्षा करनी है तो ऐसे आंदोलन हमारे लिए काफी उपयोगी हो सकते हैं ।
प्रश्न 26.
पर्यावरण सुरक्षा के लिए विश्व-नीति जरूरी है ।
– पाठ और लेखक का नाम लिखें । पर्यावरण-सुरक्षा के लिए विश्व-नीति क्यों आवश्यक है ?
उत्तर :
पाठ का नाम ‘पर्यावरण-संरक्षण’ है तथा इसके लेखक शुकदेव प्रसाद हैं।
आज की बिगड़ते पर्यावरण के लिए यह आवश्यक है कि इसके लिए विश्व स्तर पर नौति बनाएँ जायं। अगर ऐसा नहीं होगा तो एक राष्प की कुचेश्रा का फल दूसरे देश को भोगना पड़ेगा । खैर, इस दिशा में पहल की जा रही है तथा आई सी यू. एन के माध्यम से विश्व-नीति का निर्माण किया जा रहा है तथा सारे देशों को इसके लिए सहमत किया जा रहा है कि वे इन नीतियो का पालन करें ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न – 1 : ‘पर्यावरण-संरक्षण’ निबंध का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
प्रश्न – 2: ‘पर्यावरण-संरक्षण’ निबंध का मूल भाव लिखें।
प्रश्न – 3 : ‘पर्यावरण-संरक्षण’ निबंध के माध्यम से लेखक के विचारों पर प्रकाश डालें।
प्रश्न – 4 : ‘पर्यावरण-संरक्षण’ निबंध के उद्देश्य पर विचार करें।
प्रश्न – 5: ‘पर्यावरण केवल विकासशील राष्ट्रों की ही नहीं, समूचे विश्व की समस्या है’ – ‘पर्यावरणसंरक्षण’ निबंध के आधार पर विचार व्यक्त करें।
प्रश्न – 6 : ‘हम प्रकृति की संतान हैं, स्वामी नहीं – ‘पर्यावरण-संरक्षण’ निबंध के आधार पर स्पष्ट करें।
प्रश्न – 7: ‘मानव सभ्य हो या बर्बर, प्रकृति की संतान है, उसका स्वामी नहीं’- के आधार पर ‘पर्यावरण-संरक्षण’ निबंध की समीक्षा करें।
प्रश्न – 8: ‘पर्यावरण-संरक्षण’ निबंध में वर्णित पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर विचार करते हुए उससे बचाव के उपायों पर भी प्रकाश डालें।
प्रश्न – 9: ‘पर्यावरण-संरक्षण’ निबंध के आधार पर पर्यावरण पर औद्योगीकरण के दुष्रभावों का वर्णन करें।
उत्तर :
हमारे चारों ओर का वातावरण, जिसमें हम, अन्य जीवधारी तथा प्राकृतिक उपादान (नदी, पहाड़, जंगल आदि) के मिलने से ही हमारे पर्यावरण का निर्माण हुआ है। हाल के वर्षों में विकासशील राष्ट्रों के बीच औद्योगीकरण की होड़ होने के कारण हमारे प्राकृतिक भंडार (लकड़ी, तेल, प्राकृतिक गैस आदि) भी कुछ वर्षो में समाप्त हो जाएंगे। इस तरह ईधनों के अपव्यय से हमारे सामने दो समस्याएँ पैदा हो जाएगी –
(क) उर्जा की कमी तथा
(ख) वातावरण में कार्बन डाइ-आक्साइड की वृद्धि।
वनों के अंधाधुंध कटाई से भी पहले की अपेक्षा भू-क्षरण तथा भू-स्खलन काफी बढ़ गया है। जिन स्थानो में पहले लोग वर्षा के लिए तरसते थे – वहाँ आज बाढ़ का प्रकोप हो रहा है। इन सबके लिए हम ही दोषी हैं क्योंकि हम यह भूल गए कि-
‘हम प्रकृति की संतान हैं, स्वामी नहीं।’
मानव ने पर्यावरण को कितना नुकसान पहुँचाया है इसका अंदाजा इसी वाक्य से लगाया जा सकता है कि-
“सभ्य मानव पृथ्वी के एक छोर से चलकर दूसरे छोर तक पहुँच गया है और वह जहाँ से भी गुजरा है, वहीं भूमि मरूस्थल हो गई है।”
हमारे पूर्वज प्रकृति को देवी के रूप में पूजते थे लेकिन आज की सभ्यता केवल उपभोग में विश्वास करती है।
लगातार बढ़ते उद्योग तथा बढ़ती जनसंख्या ने हमारे पर्यांवरण को बहुत नुकसान पहुँचाया है। अगर यही हाल रहा, शोर बढ़ता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब बच्चे बहुत ही कम सुननेवाले पैदा होंगे या फिर बहरें भी हो सकते हैं।
बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण के कारण वायुमंडल के ओजोन को भी नुकसान पहुंचा है तथा इससे त्वचा कैसर होने का खतरा बढ़ रहा है। लेखक ने इस पर्यावरण-प्रदूषण से बचाव के लिए कुछ उपाय भी सुझाए हैं-
(क) वन-काटने पर रोक लगाने तथा नए पेड़ लगाने से भू-क्षरण तथा भू-स्खलन रोका जा सकता है।
(ख) फैक्ट्रियों तथा प्रयोगशालाओं के आसपास वृक्ष लगाने से शोर प्रदूषण कम हो सकता है।
(ग) ‘चिपको आंदोलन’ जैसे आंदोलनों को बढ़ावा दें।
(घ) पर्यावरण की सुरक्षा के लिए विश्व-नीति बनाए जायं।
धीरे – धीरे सारे राष्ट्र इस समस्या को गंभीरता से ले रहे हैं तथा संयुक्त राष्ट्रसंघ की मदद से प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ स्थापित किया गया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के ही ‘मानव पर्यावरण का कांफेंस’ के द्वारा सारे राष्ट्रों ने पर्यावरण संबंधी कानून बनाए हैं। पर्यावरण की संरक्षण के लिए स्वीडन, कनाडा, जापान तथा अन्य बहुत से राष्ट्रों में पर्यावरण संबंधी नई-नई संस्थाएँ भी बनाई गई हैं।
अति लघूत्तरीय/लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
पर्यावरण किसकी समस्या है ?
उत्तर :
पर्यावरण समूचे विश्व की समस्या है।
प्रश्न 2.
पर्यावरण किसे कहते हैं ?
उत्तर :
पर्यावरण का तात्पर्य उस वातावरण से है जिसमें सजीव जन्म लेते, बढ़ते-पनपते तथा अपने स्वाभाविक गुणों का विकास करते हैं।
प्रश्न 3.
विकासशील देशों के बीच आज किसकी होड़ है ?
उत्तर :
औद्योगीकरण की।
प्रश्न 4.
किस चीज के भंडार सीमित हैं ?
उत्तर :
प्राकृतिक तेल तथा गैस के भंडार सीमित है।
प्रश्न 5.
प्राकृतिक ईंधनों का विकास हमारे लिए कितने प्रकार से घातक है ?
उत्तर :
दो प्रकार से –
(क) उर्जा की कमी
(ख) पर्यावरण में कार्बन डाइ आक्साइड की वृद्धिं।
प्रश्न 6.
वनों की अंधायुंध कटाई क्यों की जा रही है ?
उत्तर :
कोयला बनाने, खेती तथा बस्तियों, शहरों का विस्तार करने के लिए वनों की अंधायुंध कटाई की जा रही है।
प्रश्न 7.
वन-विनाश से पहाड़ी क्षेत्रों में क्या दुष्पभाव होता है ?
उत्तर :
वन-विनाश से पहाड़ी क्षेतों में भू-क्षारण तथा भू-स्खलन होता है। इसके साथ ही मैदानी इलाकों में बाढ़ का तांडव होता है।
प्रश्न 8.
मनुप्य तथा प्रकृति के बीच क्या संबंध है ?
उत्तर :
मनुष्य प्रकृति की संतान है तथा वह हमारा पालन-पोषण तथा रक्षा करती है।
प्रश्न 9.
‘स्माल इज ब्यूटीफुल’ किसकी रचना है ?
उत्तर :
प्रो. शूमाखर की।
प्रश्न 10.
‘टाप स्वाएल एंड सिविलाइजेशन’ किसकी कृति है ?
उत्तर :
टाम डेल तथा वर्नन गिल कार्टन की।
प्रश्न 11.
“मानव सभ्य हो या बर्बर, प्रकृति की संतान है, उसका स्वामी नहीं” – यह किसका कथन है ?
उत्तर :
टाम डेल तथा वर्नन गिल कार्टन का।
प्रश्न 12.
किसी ने क्या कहकर इतिहास की संक्षिप्त रूपरेखा बनाई है ?
उत्तर :
“सभ्य मानव पृथ्वी के एक छोर से चलकर दूसरे छोर तक पहुँच गया है और वह जहाँ से भी गुजरा है, वहीं भूमि मरूस्थल हो गई है।”
प्रश्न 13.
हमारे जीवन का पर्बाय क्या है ?
उत्तर :
ऊर्जा ही हमारे जीवन का पर्याय है।
प्रश्न 14.
औद्योगिक विकास का मूलाधार क्या है ?
उत्तर :
औद्योगिक विकास का मूलाधार ऊर्जा है।
प्रश्न 15.
पूर्वकाल की सभ्यता प्रकृति के दर्शन किस रूप में करती थी ?
उत्तर :
पूर्वकाल की सभ्यता प्रकृति के दर्शन देवी के रूप में करती थी।
प्रश्न 16.
आधुनिक सभ्यता किस संस्कृति की कायल है ?
उत्तर :
उपभोगवादी संस्कृति की कायल है।
प्रश्न 17.
किसकी कुचेष्टा दूसरे के लिए कभी भी कष्ट का कारण बन सकती है ?
उत्तर :
किसी भो राष्ट्र के द्वारा पर्यावरण के बारे में उठाया गया गलत कदम दूसरे के लिए कष्ट का कारण बन सकती है।
प्रश्न 18.
आज हमारी समृद्धि के मापदंड क्या हैं ?
उत्तर :
उद्योग ही आज हमारी समृद्धि के मापदंड हैं।
प्रश्न 19.
एक अमेरिकी नागरिक एक भारतीय की तुलना में कितनी अधिक उर्जा खर्च करता है ?
उत्तर :
एक अमेरिको नागरिक एक भारतीय की तुलना में चालीस गुना उर्जा अधिक खर्च करता है।
प्रश्न 20.
पर्यावरण में गैसीय असंतुलन के लिए कौन जिम्मेवार है ?
उत्तर :
औद्योगिक संस्कृति ही पर्यावरण में गैसौय असंतुलन के लिए जिम्मेवार है।
प्रश्न 21.
सन् 1830 तक दुनिया की आबादी कितनी थी ?
उत्तरी :
सन् 1830 तक दुनिया की आबादी केवल एक अरब थी।
प्रश्न 22.
आने वाले दो-तीन दशकों के बाद कैसे बच्चे पैदा होंगे ?
उत्तर :
आने वाले दो-तीन दशकों के बाद ऐसे बच्चे पैदा होंगे जिनके सुनने की क्षमता अत्यंत कम या नहीं होगी।
प्रश्न 23.
किसने हमारे जीवन मे जहर घोल दिया है ?
उत्तर :
उद्योगों ने वायु, जल और हमारे रोजमर्रों के जीवन में जहर घोल दिया है।
प्रश्न 24.
बिगड़े हुए पर्यावरण से मनुष्यों के अलावा और कौन आंतकित है ?
उत्तर :
बिगड़े हुए पर्यावरण से मनुष्यों के अलावे वे जीवधारी भी आतंकित हैं, जिनकी सहन शक्ति हमसे कम है।
प्रश्न 25.
किसी प्रजाति के जीवों के विलुप्त होने के पीछे मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर :
पर्यावरण-प्रदूषण ही किसी प्रजाति के जीवों के विलुप्त होने के पीछे मुख्य कारण है।
प्रश्न 26.
हमारे वातावरण में किस गैस की मात्रा बढ़ रही है?
उत्तर :
कार्बन डाइ आक्साइड की मात्रा।
प्रश्न 27.
‘ओजोन’ या ‘ओजोन परत’ क्या है ?
उत्तर :
ओजोन गैस हमारे वातावरण में कुछ ऊँचाई पर एक परत है, जो सूर्य की पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करती है।
प्रश्न28.
अगर ओजोन न हो तो उसका क्या असर होगा ?
उत्तर :
औजोन न होने से सभी प्राणधारी धूप ताप्रता(Sunbum) और त्वाचा-कैसंस से पीड़ित हो जाते।
प्रश्न 29.
पर्यावरण-प्रदूषण से कैसे बचाव किया जा सकता है ?
उत्तर :
उद्योगों मे प्रदूषण-रहित टेक्नालाजी को अपनाने से पर्यावरण-प्रदूषण से बचाव किया जा सकता है।
प्रश्न 30.
फैक्टरियों तथा प्रयोगशालाओं के आस-पास वृक्ष लगाने की सलाह क्यों दी जाती है ?
उत्तर :
ध्वनि-प्रदूपण को रोकने के लिए फैक्टरियों तथा प्रयोगशालाओ के आस-पास वृक्ष लगाने की सलाह दी जाती है।
प्रश्न 31.
‘चिपको आंदोलन’ के प्रणेता कौन हैं ?
उत्तर :
श्री सुंरलाल बहुगुणा ‘चिपको आंदोलन’ के प्रणेता हैं।
प्रश्न 32.
न्यूजीलैंड से कौन भारत में चिपको आंदोलनकारियों को बधाई देने आए ?
उत्तर :
डॉॅ रिचर्ड संट बर्वे बेकर ।
प्रश्न 33.
न्यूजीलैंड के डॉ. रिचर्ड सेंट बर्वे बेकर को किस नाम से जाना-जाता है ?
उत्तर :
वृक्ष-मानव (मैन आफ दि ट्रीज्ञ)।
प्रश्न 34.
‘वृक्ष-मानव’ तथा ‘हरित धरती के बच्चे’ संस्था के संस्थापक कौन हैं ?
उत्तर :
डॉ. रिचर्ड सेंट बर्वें बेकर।
प्रश्न 35.
पर्यावरण सुरक्षा के लिए क्या बनाना जरूरी है ?
उत्तर :
विश्व-पर्यावरण-नीति।
प्रश्न 36.
प्रकृति के संरक्षण का अंतर्राष्ट्रीय संघ (ICUN) कब और कहाँ स्थापित किया गया ?
उत्तर :
सन् 1948 में फ्रांस के फौतेनब्ला नगर में।
प्रश्न 37.
”मानव पर्यावरण कांफ्रेंस’ कब और कहाँ आयोजित किया गया ?
उत्तर :
सन् 1972 में स्टाकहोम में।
प्रश्न 38.
सभी राष्ट्रों ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए क्या किए हैं ?
उत्तर :
पर्यावरण संबंधी कानून बनाए हैं।
प्रश्न 39.
पर्यावरण की सुरक्षा के लिए किन-किन देशों में संस्थाएँ बनाई गई हैं ?
उत्तर :
स्वीडन, कनाडा, जापान, भारत आदि देशों में।
प्रश्न 40.
किसकी बिगड़ती दशा आज समूचे सभ्य संसार के लिए चर्चा का विषय है ?
उत्तर :
पर्यावरण की बिगड़ती दशा आज समूचे सभ्य संसार के लिए चर्चा का विषय है।
प्रश्न 41.
आज दुनिया किस संकट के दौर से गुजर रही है ?
उत्तर :
उर्जा संकट के दौर से ।
प्रश्न 42.
आज सारी दुनिया में किसके नए स्तोत खोजे जा रहे हैं ?
उत्तर :
उर्जा के नए सोत।
प्रश्न 43.
जंगल के पेड़-पौधे कार्बन डाई आक्साइड का उपयोग किसमें करते हैं ?
उत्तर :
अपना खाद्य बनाने में।
प्रश्न 44.
पर्यावरण के प्रति हमने क्या भूल की ?
उत्तर :
पर्यांवरण के प्रति हमने बड़ी भूल यह की कि उसे मात्र भोग्य समझा, उसपर अपना प्रभुत्व जमाना चाहा।
प्रश्न 45.
मानव और प्रकृति के बीच उत्पन्न खाई का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर :
मानव और प्रकृति के बीच उत्पन्न खाई का मुख्य कारण यह है कि मानव ने प्रकृति का स्वामी बनना चाहा।
प्रश्न 46.
पर्यावरण पर प्रभुत्व बनाए रखने के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर :
पर्यावरण पर प्रभुत्व बनाए रखने के लिए प्राकृतिक नियमों के अनुसार चलना आवश्यक है।
प्रश्न 47.
सभ्यता का पतन कैसे होता है ?
उत्तर :
जब कोई सभ्यता पर्यावरण को तेजी से बिगाड़ती है तो उसका पतन होने लगता है।
प्रश्न 48.
प्राचीन प्रदेशों की सभ्यताओं के पतन का मुख्य कारण क्या रहा है ?
उत्तर :
जितनी भी सभ्यताएँ जो प्राचीन प्रदेशों की थी उसके लुप्त होने का प्रमुख कारण पर्यावरण का असंतुलन रहा है।
प्रश्न 49.
कौन-सा भ्रम हमारे लिए परेशानी का कारण बन गया ?
उत्तर :
यह भ्रम कि प्राकृतिक संसाधनों का हम जैसे चाहें- प्रयोग कर सकते हैं – हमारी परेशानी का कारण बन गया।
प्रश्न 50.
मानव का इस पृथ्वी पर प्रादुर्भाव (आगमान) कब हुआ था ?
उत्तर :
करीब 20-30 लाख वर्ष पूर्व मानव का इस पृथ्वी पर प्रादुर्भाव हुआ था।
प्रश्न 51.
यदि वातावरण में कार्बन-डाइ-आक्साइड की मात्रा बढ़ती रही तो उसका परिणाम क्या होगा?
उत्तर :
यदि वातारवरण में कार्बन-डाइ-आक्साइड की मात्रा बढ़ती रही तो तापमान में 5° तक की वृद्धि हो सकती है तथा ग्लेशियर के पिघलने से जल-प्लावन हो सकता है।
प्रश्न 52.
ओजोन परत किस चीज से हमारी रक्षा करती है ?
उत्तर :
ओजोन परत सूर्य की पराबैगनी किरणों से हमारी रक्षा करती है।
प्रश्न 53.
पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कौन-से कदम उठाए जा सकते हैं ?
उत्तर :
पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वृक्षापरोपण को सामाजिक वानिकी का महत्वपूर्ण अंग मानना चाहिए तथा वनरोपण को राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम के रूप में अपनाया जाना चाहिए।
प्रश्न 54.
पर्यावरण-संरक्षण के लिए किस प्रकार के आंदोलन बहुत उपयोगी हैं ?
उत्तर :
पर्यावरण-संरक्षण के लिए ‘चिपको आंदोलन’ जैसे आंदोलन बहुत उपयोगी हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
पर्यावरण किसकी समस्या है ?
(कं) अपने देश की
(ख) विकासशील राष्ट्रों की
(ग) समूचे विश्व की
(घ) इनमें से किसी की नहीं
उत्तर :
(ग) समूचे विश्व की।
प्रश्न 2.
पर्यावरण का अर्थ है ?
(क) आस-पास
(ख) हमारे चारों और का वातावरण
(ग) पहाड़ का वातावरण
(घ) घर का वातावरण
उत्तर :
(ख) हमारे चारों ओर का वातावरण।
प्रश्न 3.
पर्यावरण की बिगड़ती दशा किसके लिए चर्चा का विषय है ?
(क) लोगों के लिए
(ख) सरकारी कार्यालयों के लिए
(ग) विकासशील देश के लिए
(घ) समूचे विश्व के लिए
उत्तर :
(घ) समेचे विश्व के लिए।
प्रश्न 4.
फॉसिल ईधनों के विनाश से होता है ?
(क) ऑक्सीजन की वृद्धि
(ख) फसल की बर्बादी
(ग) कार्बन-डाइ-आक्साइड की वृद्धि
(घ) बाढ़ का प्रकोप
उत्तर :
(ग) कार्बन-डाइ-आक्साइड की वृद्धि।
प्रश्न 5.
विकासशील देशों के बीच किसकी होड़ है ?
(क) औद्योगीकरण की
(ख) हधियारों की
(ग) उर्जा खपत करने की
(घ) फैशन की
उत्तर :
(क) औद्योगीकरण की।
प्रश्न 6.
फॉसिल ईंधनों से किसकी कमी होगी ?
(क) पानी की
(ख) वायु की
(ग) उर्जा की
(घ) खाने की
उत्तर :
(ग) उर्जा की।
प्रश्न 7.
वन-विनाश से पहाड़ी क्षेत्रों में होता है ?
(क) भू-क्षरण
(ख) भूकंप
(ग) तूफान
(घ) गर्मी
उत्तर :
(क) भू-क्षरण
प्रश्न 8.
कोयला बनाने के लिए किसका विनाश किया जा रहा है ?
(क) खानों का
(ख) पहाड़ों का
(ग) वनों का
(घ) फसलों का
उत्तर :
(ग) वनों का।
प्रश्न 9.
मैदानी क्षेत्रों में प्रति वर्ष बाढ़ आने के मूल में है ?
(क) वन-विनाश
(ख) धन-विनाश
(ग) उद्योगों का विकास
(घ) उर्जा की खपत
उत्तर :
(क) वन-विनाश।
प्रश्न 10.
पहाड़ी क्षेत्रों में भू-स्खलन का मुख्य कारण है –
(क) वर्षा
(ख) गर्मी
(ग) सदीं
(घ) वन-विनाश
उत्तर :
(घ) वन-विनाश।
प्रश्न 11.
वास्तव में हम किसकी संतान हैं ?
(क) माँ-बाप
(ख) राष्ट्र
(ग) प्रकृति
(घ) ईश्वर
उस्तर :
(ग) प्रकृति।
प्रश्न 12.
हमारी पोषक-रक्षक कौन हैं ?
(क) पुलिस
(ख) सरकार
(ग) माता-पिता
(घ) प्रकृति
उत्तर :
(घ) प्रकृति।
प्रश्न 13.
‘स्माल इज ब्यूटीफुल’ किसकी कृति है ?
(क) टाम डेल
(ख) प्रो. शूमाखर
(ग) वर्नन गिल कार्टन
(घ) शुकदेव प्रसाद
उत्तर :
(ख) प्रो. शूमाखर।
प्रश्न 14.
मानव सभ्य हो या बर्बर, प्रकृति की संतान है, न कि उसका –
(क) स्वामी
(ख) उद्योगपति
(ग) विनाशक
(घ) उपभोक्ता
उत्तर :
(क) स्वामी।
प्रश्न 15.
सभ्यता के पतन का मुख्य कारण है –
(क) वैज्ञानिक प्रगति
(ख) पर्यावरण प्रदूषण
(ग) बाढ़
(घ) नैतिक पतन
उत्तर :
(ख) पर्यावरणण-प्रदूषण।
प्रश्न 16.
भूमि को मरूभूमि में बदलने वाला है –
(क) वन्य पशु
(ख) रेत
(ग) सथ्य मानव
(घ) वनमानुष
उत्तर :
(ग) सभ्य मानव ।
प्रश्न 17.
हमारे जीवन का पर्याय है –
(क) दवा
(ख) आक्सीजन
(ग) उर्जा
(घ) उद्योग
उत्तर :
(ग) उर्जा।
प्रश्न 18.
पूर्वकाल की सभ्यता प्रकृति को मानती थी –
(क) खजाना
(ख) संसाधन
(ग) धरोहर
(घ) देवी-स्वरूप
उत्तर :
(घ) देवी-स्वरूप।
प्रश्न 19.
टेक्नालॉजी से उद्भूत सभ्यता कायल है –
(क) फैशन की
(ख) रुपये की
(ग) उपभोग की
(घ) बचत की
उत्तर :
(ग) उपभोग की ।
प्रश्न 20.
आज उद्योग मापदंड बन गए हैं –
(क) समृद्धि के
(ख) फैशन के
(ग) पर्यावरण के
(घ) आधुनिकता के
उत्तर :
(क) समृद्धि के।
प्रश्न 21.
संयुक्त राज्य अमेरिका की जनसंख्या संपूर्ण विश्व की केवल है –
(क) 6 प्रतिशत
(ख) 7 प्रतिशत
(ग) 8 प्रतिशत
(घ) 9 प्रतिशत
उत्तर :
(ख) 7 प्रतिशत।
प्रश्न 22.
संयुक्त राज्य अमेरिका समस्त उर्जा का कितना प्रतिशत उपयोग करता है?
(क) 30%
(ख) 32 %
(ग) 34 %
(घ) 36 %
उत्तर :
(ख) 32 %
प्रश्न 23.
भारत संपूर्ण ऊर्जा का कितना प्रतिशत इस्तेमाल करता है ?
(क) 1%
(ख) 2 %
(ग) 3%
(घ) 4%
उत्तर :
(क) 1%
प्रश्न 24.
मानव का . दुर्भाव इस धरती पर कब हुआ था ?
(क) 5-10 लाख वर्ष प्र्व
(ख) 10-20 लाख वर्ष पूर्व
(ग) 20-30 लाख वर्ष पूर्व
(घ) 35-40 लख वर्षपूर्व
उत्तर :
(ग) 20-30 लाख वर्ष पूर्व।
प्रश्न 25.
सन् 1830 तक दुनिया की कुल आबादी कितनी थी?
(क) एक अरब
(ख) दो अरब
(ग) तीन अरब
(घ) चार अरब
उत्तर :
(क) एक अरब।
प्रश्न 26.
आने वाले समय में मनुष्य की कौन-सी शक्ति कमजोर होगी ?
(क) प्रजनन-शाक्ति
(ख) पाचन-शक्ति
(ग) श्रवण-शक्ति
(घ) शारीरिक शक्ति
उत्तर :
(ग) श्रवण-शक्ति।
प्रश्न 27.
उद्योगों ने हमारे रोजमर्रा के जीवन में क्या घोल दिया है?
(क) जहर
(ख) रंग
(ग) चीनी
(घ) नमक
उत्तर :
(क) जहर।
प्रश्न 28.
इस थरती की कितनी जातियाँ तथा उपजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं ?
(क) 10 से अधिक
(ख) 20 से अधिक
(ग) 30 से अधिक
(घ) 40 से अधिक
उत्तर :
(ग) 30 से अधिक।
प्रश्न 29.
वातावरण में किसकी मात्रा बढ़ रही है ?
(क) ऑक्सीजन की
(ख) कार्बन-डाइ-ऑक्साइड की
(ग) कार्यन-मोनो-ऑक्साइड की
(घ) नाइट्रोजन की
उत्तर :
(ख) कार्बन-डाइ-ऑक्साइड की।
प्रश्न 30.
जीवधारियों के विलुप्तीकरण का सीधा संबंध किससे है ?
(क) वन से
(ख) शहर से
(ग) पर्यावरण से
(घ) शोर से
उत्तर :
(ग) पर्यावरण से।
प्रश्न 31.
प्राण-वायु किसे कहा गया है ?
(क) ऑवसीजन को
(ख) कार्बन-डाइ-आक्साइड को
(ग) कार्बन-मोनो- ऑक्साइड को
(घ) नाइट्रोजन को
उत्तर :
(क) ऑक्सीजन को।
प्रश्न 32.
ताप बढ़ने से निम्नलिखित में से क्या नहीं हो सकता हैं ?
(क) रेगिस्तान का बनना
(ख) ग्लेशियर का पिघलना
(ग) जलप्लावन होना
(घ) महंगाई का बढ़ना
उत्तर :
(घ) महगाई का बढ़ना।
प्रश्न 33.
ओजोन वास्तव में क्या हैं ?
(क) O2
(ख) H2
(ग) N
(घ) O3
उत्तर :
(घ) O3
प्रश्न 34.
ओजोन के अभाव में कौन-सी बीमारी होती है ?
(क) त्वचा कैंसर
(ख) मलेरिया
(ग) टायफाइड
(घ) टी. बी.
उत्तर :
(क) त्वचा कैसर ।
प्रश्न 35.
आज उद्योगों को किसकी जरूरत है ?
(क) वायु-प्रदूष्पण की
(ख) ध्वनि प्रदूषण की
(ग) प्रदूपण रहित टेक्नोलॉजी की
(घ) प्रदूषण सहित टेक्नालॉजी की
उत्तर :
(ग) प्रदूषण रहित टेक्नोलॉजी की।
प्रश्न 36.
वन हमारे हैं –
(क) रक्षक
(ख) भक्षक
(ग) जन्मदाता
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) रक्षक।
प्रश्न 37.
वनों से क्या रूकता है ?
(क) भू-क्षरण
(ख) महंगाई
(ग) युद्ध
(घ) शांति
उत्तर :
(क) भू-क्षरण।
प्रश्न 38.
‘चिपको आंदोलन’ के प्रणेता है –
(क) नरेन्द्र मोंदी
(ख) सुंदरलाल बहुगुणा
(ग) अमिताभ बच्चन
(घ) अरविंद केजरीवाल
उत्तर :
(ख) सुंदरलाल बहुगुणा।
प्रश्न 39.
‘मैन आफ द ट्रीज’ के नाम से जाना जाता है –
(क) शेक्सीपयर को
(ख) डॉ० रिचर्ड सेंट बर्वे बेकर को
(ग) बराक औबामा को
(घ) डॉ० भीमराव अम्बेडकर को
उत्तर :
(ख) डॉ॰ रिचर्ड सेंट बवैवें बेकर को।
प्रश्न 40.
‘हरित धरती के बच्चे’ के संस्थापक हैं ?
(क) शेक्सपियर
(ख) डॉ० रिचर्ड सेट बर्वे बेकर
(ग) बराक ओबामा
(घ) डॉ० भीमराव अम्बेडकर
उत्तर :
(ख) डॉ॰ रिचर्ड सेंट बवें बेकर।
प्रश्न 41.
कर्मयोगी बाबा के नाम से कौन जाने जाते हैं ?
(क) शेक्सीपयर
(ख) डॉ० रिचर्ड सेंट बर्वे बेकर
(ग) बराक ओबामा
(घ) डॉ० भीमराव अम्बेडकर
उत्तर :
(ख) डॉ० रिचर्ड सेंट बर्वे बेकर ।
प्रश्न 42.
‘वृक्ष मानव’ नाम संस्था की स्थापना कब की गई ?
(क) 1920 में
(ख) 1921 में
(ग) 1922 में
(घ) 1923 में
उत्तर :
(ग) 1922 में।
प्रश्न 43.
पर्यावरण सुरक्षा के लिए क्या जरूरी है ?
(क) विश्व-व्यापार
(ख) विश्व-शांति
(ग) विश्व-युद्ध
(घ) विश्व-नीति
उत्तर :
(घ) विश्व-नीति।
प्रश्न 44.
ICUN की स्थापना कब की गई ?
(क) 1948 में
(ख) 1950 में
(ग) 1952 में
(घ) 1954 में
उत्तर :
(क) 1948 में।
प्रश्न 45.
ICUN की स्थापना कहाँ की गई ?
(क) भारत के अहमदाबाद में
(ख) जापान के टोकिया में
(ग) फ्रास के फौतेनल्ला में
(घ) नेपाल के काठमांड में
उत्तर :
(ग) फ्रांस के फौतेनब्ला में।
प्रश्न 46.
जीव मंडल कांफ्रेंस कब और कहाँ आयोजित हुआ था ?
(क) 1965 में अमेरिका में
(ख) 1968 में पेरिस में
(ग) 1970 में कोरिया में
(घ) 1972 में आस्ट्रेलिया में
उत्तर :
(ख) 1968 में पेरिस में ।
प्रश्न 47.
सारे राष्ट्रों ने किससे संबंधित कानून बनाया है?
(क) धन संबंधी
(ख) साहित्य संबंधी
(ग) जल संबंधी
(घ) पर्यावरण संबंधी
उत्तर :
(घ) पर्यावरण संबंधी।
प्रश्न 48.
सन् 1971 में कहाँ की सरकार ने प्रकृति और पर्यावरण की सुरक्षा का मंत्रालय खोला ?
(क) कनाडा
(ख) फ्रांस
(ग) स्वीडेन
(घ) जापान
उत्तर :
(ख) फ्रांस ।
प्रश्न 49.
पर्यावरण की सुरक्षा पर किस देश की सरकार ने श्वेत-पत्र जारी किया ?
(क) हॉलैंड
(ख) पोलैंड
(ग) इंग्लैंड
(घ) स्वीदजरलैंड
उत्तर :
(क) हॉलैंड ।
प्रश्न 50.
पर्यावरण-संरक्षण किस कोटि का निबंध है ?
(क) साहित्यिक
(ख) चिंतन परक
(ग) राजनीतिक
(घ) सांस्कृतिक
उत्तर :
(ख) चिंतन परक।
टिप्पणियाँ
1. पर्यावरण :- प्रस्तुत शब्द शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यावरण-संरक्षण’ से लिया गया है। समधारण अर्थ में पर्यावरण का अर्थ है – हमारे चारों ओर का वातावरण । इसमें पेड़-पौधे, नदी-नाले, पर्वत, वायुमंडल, कल-कारखाने सब कुछ चले आते हैं । पेड़-पौधे हमारे पर्यावरण के सबसे बड़े संरक्षक हैं।
2. भू-क्षरण/भू-स्खलन :- प्रस्तुत शब्द शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यांवरण-संरक्षण’ से लिया गया है। वनों को अंधाधुंध काटने से आज भू-क्षरण तथा भू-स्वलन की समस्या पैदा हो गयी है। पेड़ की जड़ें मिट्टी को कसकर पकड़कर रखती है तथा उन्हें वर्षा, बाढ़ आदि में बहने से रोकती है । वृक्षों के कट जाने से ही भू- क्षरण तथा भूस्खलन जैसी समस्याएँ पैदा हो गयी हैं।
3. जनसंख्या वृद्धि :- प्रस्तुत शब्द शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यावरण-संरक्षण’ से लिया गया है।
जनसंख्या-वृद्धि हमारे पर्यावरण-प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है । जनसंख्या के लगातार बढ़ने से कलकारखाने, उद्योग, आवागमन के साधन भी बढ़ते जा रहे हैं । इनसे प्रदूषण की मात्रा बढ़ी है । जनसंख्या वृद्धि का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सन् 1830 तक पूरी दुनिया की जो आबादी थी उससे अधिक आबादी आज केवल भारत की है ।
4. ओजोन :- प्रस्तुत शब्द शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यावरण-संरक्षण’ से लिया गया है।
हमारे वायुमंडल में सबसे ऊपर ओजोन (O2) की एक परत है जो सूर्य की पराबेंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है । यदि ओजोन नहीं होता तो धरती पर रहनेवाले प्राणी सन-बर्न तथा स्किन-कैंसर से पीड़ित हो जाते । पर्यावरण के बिगड़ने से ओजोन की परत में भी छिद्र हो गया है तथा इसका दुष्पभाव भी दिखने लगा है ।
5. उर्जा-संकट :- प्रस्तुत शब्द शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यावरण-संरक्षण’ से लिया गया है ।
उर्जा-संकट आज की सबसे ज्वलंत समस्या है । हमारे फॉसिल ईंधन की मात्रा सीमित है तथा इसका खर्च असीमित होता जा रहा है । कुछ वर्षो के बाद जब उर्जा का यह सोत समाप्त हो जाएगा तो पूरी मानव-सभ्यता के लिए संकट पैदा हो जाएगा । विकल्प के तौर पर किसी उर्जा की खोज नहीं की जा सकी है जो इसका स्थान ले सके।
6. चिपको-आंदोलन/सुंदरलाल बहुगुणा :- प्रस्तुत शब्द शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यावरणसंरक्षण’ से लिया गया है ।
‘चिपको आंदोलन’ के प्रणेता श्री सुंदरलाल बहुगुणा हैं । उन्होंने अपना सारा जीवन वन-संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया है । चिपको आंदोलन की सफलता का श्रेय उत्तर भारत के हिमालय की तलहटी में बसनेवाली महिलाओं को विशेष रूप से जाता है । भारत सरकार ने पर्यावरण की रक्षा के लिए श्री बहुगुणा को पद्यश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है ।
7. मानव पर्यावरण कांफ्रेंस :- प्रस्तुत शब्द शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यावरण-संरक्षण’ से लिया गया है ।
‘मानव पर्यावरण-कांफेंस’ सन् 1972 में स्टाकहोम में आयोजित किया गया । इसमें दुनिया भर के राष्ट्रों के राजनीतिजों ने भाग लिया । इस कांफेंस में सबने इस बात की आवश्यकता महसूस की कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व-स्तर पर प्रयास किया जाना चाहिए तथा इसके लिए विश्व-नीति भी बनाई जानी चाहिए।
8. डॉ० रिचर्ड सेंट बर्वे बेकर (मैन आफ दि ट्रीज) :- प्रस्तुत शब्द शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यावरण-संरक्षण’ से लिया गया है। न्यूजीलैण्ड के डॉ० रिचर्ड बर्वे बेकर पर्यावरण के संरक्षण के लिए आदोलन चलाने वालों में से हैं। पर्यांवरण की रक्षा के लिए उन्होंने ‘वृक्ष-मानव’ तथा ‘हरित धरती के बच्चे’ जैसी संस्थाओं की स्थापना की है ।
9. वृक्ष-मानव/हरित धरती के बच्चे :- प्रस्तुत शब्द शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यावरण-संरक्षण’ से लिया गया है ।
‘वृक्ष मानव’/’हरित धरती के बच्चे’ के संस्थापक डॉ० रिचर्ड सेंट बर्वे बेकर हैं, जो न्यूजीलैण्ड के हैं । इन संस्थाओं का कार्य पर्यावरण-संरक्षण करना है। डॉ० रिचर्ड के इस कार्य से लोग इतने प्रभावित हैं कि उन्हें ‘मैन आफ दि ट्रीज’ (वृक्ष-मानव) नाम से पुकारते हैं।
10. जीवमंडल कांफ्रेंस :- प्रस्तुत शब्द शुकदेव प्रसाद के चिंतनपरक निबंध ‘पर्यांवरण-संरक्षण’ से लिया गया है। संयुक्त राष्ट्संघ तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन आदि के सहयोग से सन 1968 में पेरिस में ‘जीवमंडल कांफ्रेस’ आयोजित किया गया था । इस कांफेंस के बाद से ही सभी राष्ट्रों में विश्व-पर्यावरण के बारे में चेतना जगी।
पाठ्याधारित व्याकरण
WBBSE Class 9 Hindi पर्यावरण संरक्षण Summary
लेखक परिचय
श्री शुकदेव प्रसाद जाने-माने पर्यावरणविद् हैं। यों तो अंग्रेजी में पर्यावरण संबंधी लेखन से जुड़े हुए बहुत सारे लेखक हैं, मगर हिंदी में इस विषय पर लिखनेवाले लेखकों की कमी ही नजर आती है। श्री शुकदेव प्रसादजी इस कमी कों पूरा करनवाले लेखक हैं। प्रदूषण जैसे विश्वव्यापी जटिल खतरे के कारण एवं इसके निवारण के उपाय को ये इतने सरल एवं सुबोध ढंग से प्रकट करते हैं कि पाठकगण इससे व्यावहारिक रूप से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते। ‘पर्यावरण-संरक्षण’ शीर्षक चिंतनपरक निबंध के माध्यम से इन्होंने मानव-सभ्यता के वक्कास-क्रम के संदर्भ में प्रदूषण के कारणों पर ही प्रभावी ढंग से प्रकाश नहीं डाला है, बल्कि इससे बचने के असरदार उपाय भी सुझाए हैं ।
शब्दार्थ
पृष्ठ सं० – 75
- पर्यावरण = हमारे चारों ओर का वातावरण।
- विकासशील = विकास करने वाला।
- विश्व = दुनिया।
- संपूर्ण = पूरा।
- जोवधारी = सजीव।
- व्यापक = बड़ा, विस्तृत।
- तात्पर्य = आशय।
- प्रवृत्तियों = गुणों।
- संघटकों = वस्तुओं।
- भरसक = शक्तिभर ।
- चेष्टा = कोशिश।
- दखलंदाजी = हस्तक्षेप, बीच में दखल देना।
- होड़ = प्रतियोगिता।
- अपव्यय = व्यर्थ खर्च।
- भाँपण = भयंकर।
- फॉसिल = जीवाश्म।
- घातक = नुकसानदेह।
- अंधाधुंध = आँखें बंद करके।
- भू-क्षरण = मिट्टी का बहना !
- भू. स्खलन = मिट्टी-पत्थर आदि का टूटकर बिखरना।
- दोहन = शोषण, दुहना।
- पोषक = पालने वाला ।
- रक्षक = रक्षा करनेवाला।
- प्रभुत्व = अधिकार ।
- लालसा = इच्छा।
पृष्ठ सं० – 76
- बर्बर = कठोर ।
- कतिपय = कुछ।
- उल्लंघन = अवहेलना।
- मरूस्थल = रेगिस्तान।
- प्रगामी = आगे चलने वाली।
- अतिशयोक्ति = बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना।
- बेबुनियाद = बिना आधार के ।
- मूलाधार = मुख्य आधार।
- भरपाई = पूरा करना ।
- दुष्मभावों = बुरे प्रभावों।
- उद्भूत = निकली ।
- साधने = पूरा करना ।
- कुचेष्टा = बुरी चेष्टा, प्रयास ।
- मापदंड = मापने का साधन।
पृष्ठ सं० – 77
- व्यय = खर्च ।
- छिन्न-भिन्न = तितर-बितर ।
- आबादी = जनसंख्या।
पृष्ठ सं० – 78
- श्रवण- शक्ति = सुनने की शक्ति
- वय = उम्र।
- मुक्त = आजाद।
- भूमंडल = धरती ।
- प्रदूषणजन्य = प्रदूषण से जन्मा हुआ।
- अनावश्यक = जो आवश्यक नहीं है।
- जल-प्लावन = बाढ़।
- दोषमुक्त = स्वच्छ।
- क्षति = नुकसान।
पृष्ठ सं० – 79
- कोरी = खाली ।
- कमोवेश = कम या अधिक ।
- जेहाद = क्रांति।
- अनुकरणीय = अनुकरण करने योग्य।
- अभिनंदन = स्वागत ।
- आजीवन = जीवन भर ।
- विशेषजों = किसी विषय की विशेष जानकारी रखनेवाले।
- बहुलता = अधिकता।
- संबल = सहयोग।
पृष्ठ सं० – 80
- प्रयास = कोशिश।
- उक्त = उस ।
- सिफारिशें = सलाह।
- मंजूर = स्वीकार ।
- निष्कर्षो = परिणामों
- गुनगंउन = फिर से गठन।