Students should regularly practice West Bengal Board Class 9 Hindi Book Solutions Chapter 3 संस्कृति है क्या? to reinforce their learning.
WBBSE Class 9 Hindi Solutions Chapter 3 Question Answer – संस्कृति है क्या?
ससंदर्भ आलोचनात्मक व्याख्या
प्रश्न 1.
संस्कृति ऐसी चीज है, जिसे लक्षणों से तो हम जान सकते हैं, किन्तु उसकी परिभाषा नहीं दे सकते।
– लेखक का नाम लिखें। पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
लेखक का नाम रामधारी सिंह ‘दिनकर’ है।
दिनकर के अनुसार संस्कृति हमारे लक्षणों से प्रकट होती है। लेकिन उसकी कोई निश्चित परिभाषा नहीं दी जा सकती। एक कहावत भी है, ‘संस्कृति हमारे अंदर का गुण है, लेकिन सभ्यता वह चीज है, जो हमारे पास है।’ संस्कृति हमारे प्रत्येक के व्यवहार से प्रकट होती है और सभ्यता की पहचान हमारी सुख-सुविधा की चीजों से प्रकट होती है।
प्रश्न 2. हर सुसभ्य आदमी सुसंस्कृत ही होता है, ऐसा नहीं कहा जा सकता।
प्रश्न 3.
यह भी नहीं कहा जा सकता कि हर सुसंस्कृत आदमी सभ्य ही होता है।
– ससंदर्भ पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति दिनकर के सांस्कृतिक निबंध ‘संस्कृति है क्या’ निबंध से ली गई है।
दिनकर के अनुसार सुसभ्य और सुसंस्कृत होना दो अलग बातें हैं। हर सुसभ्य आदमी सुसंस्कृत नहीं हो सकता और हर सुसंस्कृत आदमी सुसभ्य नहीं हो सकता। उदाहरण के लिए सुसभ्य आदमी भी तबीयत से नंगा हो सकता है और सुसंस्कृत व्यक्ति भी सुख-सुविधा की चीजों के अभाव में सभ्य नहीं दिख सकता है।
प्रश्न 4.
उसे सुसंस्कृत समझने में कोई उज्र नहीं होना चाहिए।
– रचनाकार कौन हैं ? पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
रचनाकार रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।
प्रस्तुत पंक्ति में छोटानागपुर के आदिवासियों के बारे में कहा गया है। उनके पास सभ्यता के बड़े-बड़े उपकरण या साधन नहीं हैं । इसलिए उन्हें पूर्ण रूप से सभ्य की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। लेकिन उनमें मानवीय गुणों जैसे दयामाया, सच्चाई और सदाचार आदि की कमी नहीं है। इसलिए उन्हें सुसंस्कृत मान लेने में कोई परेशानी नहीं है।
प्रश्न 5. ये लक्षण आज की यूरोपीय परिभाषा के अनुसार सभ्यता के लक्षण नहीं माने जाते हैं।
प्रश्न 6. वे जाति की संस्कृति का निर्माण करते थे।
प्रश्न 7.
सभ्यता और संस्कृति में एक मौलिक भेद है।
– ‘वे’ से किसकी ओर संकेत किया गया है ? पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
‘वे’ से हमारे ॠषिगण संकेतित हैं।
प्रचीन भारत में ऋषि-मुनि जंगलों में सदाधारपूर्ण एवं सादा जीवन व्यतीत करते थे। फूस की झोपड़ियों में रहना, प्रकृति एवं उसके समस्त प्राणियों से प्यार करना, अपना सारा कार्य स्वयं करना, मिट्टी के बरतनों में खाना बनाना, प्ततों में खाना तथा शिक्षा दान करते हुए राष्ट्र की उन्नति के बारे में सोचना ही उनकी जिंदगी थी। रहन-सहन के आधार पर उन्हें यूरोपीय परिभाषा के अनुसार सभ्य नहीं कह सकते। लेकिन, वे संस्कृति के निर्माणकर्त्ता चे।
प्रश्न 8.
उसकी संस्कृति भी उतनी ही ऊँची समझी जाती है।
– पाठ का नाम लिखें। यहाँ किसकी संस्कृति के बारे में कहा गया है ?
उत्तर :
पाठ का नाम ‘संस्कृति है क्या ?’ है।
यहाँ उन लोगों की संस्कृति के बारे में कहा गया है, जो लोग दुर्गुणों के गुलाम न रहकर उन्हें ही अपना गुलाम बनाना चाहते हैं। लोभ, मोह, ईर्ष्या, राग, द्वेष, काम, वासना आदि पर मनुष्य की जो जाति जितनी ही विजयी होती है, उसकी संस्कृति उतनी ही श्रेष्ठ समझी जाती है।
प्रश्न 9.
संस्कृति, सभ्यता की अपेक्षा महीन चीज होती है।
– ससंदर्भ आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति दिनकर के निबंध ‘संस्कृति है क्या ?’ से ली गई है।
सभ्यता के साधन, सुख-सुविधा के साधन होते हैं। इसलिए उन्हें देखा जा सकता है। संस्कृति व्यक्ति के अंदर निहित होती है। इसलिए उसे देखा नहीं जा सकता है। संस्कृति, सभ्यता के अंदर उसी तरह छिपी रहती है, जैसे फूलों में सुगंध। फूल, सभ्यता का प्रतीक है, उसे देखा जा सकता है। सुगंध, संस्कृति का प्रतीक है, उसे अनुभव से ही जान सकते हैं।
प्रश्न 10.
‘अपस्टार्ट’ को लोग बुरा समझते हैं।
– प्रस्तुत पंक्ति किस पाठ की है ? पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति ‘संस्कृति है क्या ?’ पाठ से ली गई है।
जो लोग अचानक पैसे वाले हो जाते हैं अथवा किसी को ऊँचा पद प्राप्त हो जाता है, तो उसे चिढ़ाने के लिए अंग्रेजी शब्द ‘अपस्टार्ट’ का प्रयोग किया जाता है। इस शब्द के मूल में यह भाव छिपा है, कि अघानक पद या पैसा प्राप्त हो जाने से कोई व्यक्ति उसके अनुरूप व्यवहार नहीं प्राप्त कर सकता है। इसमें समय लगता है।
प्रश्न 11. हम जो कुछ करते हैं उसमें हमारी संस्कृति की झलक होती है।
प्रश्न 12.
जिसका जैसा संस्कार है, उसका वैसा ही पुनर्जन्म भी होता है।
– ससंदर्भ आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति दिनकर के निबंध ‘संस्कृति है क्या ?’ से ली गई है।
सारे भारतीय धर्म पुनर्जन्म में विश्वास करते है। ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति अपने अच्छे या बुरे कर्मों का फल भोगने के लिए मनुष्य में जन्म लेता है। गीता में श्रीकृष्ण से लेकर बुद्ध और महावीर ने इस बात को स्वीकारा है। किसी के अच्छे संस्कार को देख कर या प्रतिभा को देख कर लोग उसका संबंध पूर्व जन्म से जोड़ते हैं। पूर्व जन्म का संस्कार जन्मजन्मांतरों तक चलता रहता है।
प्रश्न 13.आदान-प्रदान की प्रक्रिया संस्कृति की जान है।
प्रश्न 14. संस्कृति का स्वभाव है कि वह आदान-प्रदान से बढ़ती है।
प्रश्न 15. जो जाति केवल देना ही जानती है, लेना कुछ नहीं, उसकी संस्कृति का एक न एक दिन दिवाला निकल जाता है।
प्रश्न 16. कूपमंडूकता और दुनिया से रूठकर अलग बैठने का भाव संस्कृति को ले डूबता है।
प्रश्न 17.पहले एक भाषा में ‘शेली’ और ‘कीट्स’ पैदा होते हैं तब दूसरी भाषा में रवींद्र उत्पन्न होते हैं।
प्रश्न 18. सांस्कृतिक संपर्क का प्रभाव दर्शन और विचार पर भी पड़ता है।
प्रश्न 19.
एक देश में जो धर्म खड़ा होता है, वह दूसरे देशों में धर्मों को भी बहुत-कुछ बदल देता है।
– ससंदर्भ आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
उपर्युक्त पंक्ति ‘संस्कृति है क्या ?’ निबंध से ली गई है।
संस्कृति के साथ सबसे बड़ी बात यह है कि इसका विकास एकांगी नहीं होता है। संसार की जितनी भी विकसित संस्कृतियाँ हैं, उन्होंने दूसरी संस्कृतियों से बहुत कुछ लिया है। जिस प्रकार किसी व्यक्ति की संगति का अन्छा या वुरा असर पड़ता है, ठीक वैसे ही एक संस्कृति से दूसरी संस्कृति प्रभावित होती है । यह बात केवल आचार-विचार या पहनावेओढ़ावे में ही नहीं है। संस्कृति साहित्य को भी प्रभावित करती है।
उदाहरण के लिए भारत के कवि गुरू कहे जाने वाले रवांद्रनाथ ठाकुर का साहित्य अंग्रेजी के ‘शेली’ और ‘कीट्स’ से प्रभावित है। ईसा मसीह के सिद्धांत भी बुद्ध से प्रभावित है। अगर भारत का संपर्क यूरोप से नहीं हुआ होता, तो भारत में नवजागरण नहीं हुआ होता। और न ही राजा राममोहन राय, दयानंद सरस्वती, रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद जैसे विचारक या समाज-सुधारक पैदा हुए होते। इस प्रकार निष्कर्ष के तौर पर हम यह कह सकते हैं कि परस्पर आदान-प्रदान की प्रकिया ही संस्कृति के प्राण हैं।
प्रश्न 20.
भारत देश और भारतीय जाति इस दृष्टि से संसार में सबसे महान है।
– रचना एवं रचनाकार का नाम लिखें। पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
रचना का नाम ‘संस्कृति है क्या ?’ है और इसके रघनाकार रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।
भारतीय संस्कृति तथा सभ्यता ने अनेक सभ्यता एवं संस्कृति को प्रहण किया है। कला, साहित्य, संस्कृति तथा विज्ञान का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, जिसमें दूसरी संस्कृति की झलक नहीं मिलती हो।
इसका सष्ट रूप से प्रभावहमें वास्तु-कला एवं संगोत-कला पर दिखाई देता है। येप्रभाव भारतीय संस्कृति में इस प्रकार घुलमिल गए हैं, कि उन्हें अलग करके देख पाना संभव नहीं है। इसलिए भारत और भारतीय जाति इस दृष्टि से संसार में सबसे महान हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न – 1 : ‘संस्कृति है क्या ?’ पाठ का सारोश अपने शब्दों में लिखें।
प्रश्न – 2 : संस्कृति है क्या ?’ पाठ का मूल भाव लिखें।
प्रश्न – 3 : ‘संस्कृति है क्या $?’ निबंध के माध्यम से ‘दिनकर’ में हमें क्या संदेश देना चाहा है ?
प्रश्न – 4 : संस्कृति है क्या ? पाठ में व्यक्त ‘दिनकर’ के विचारों पेर प्रकाश डालें।
प्रश्न – 5 : ‘संस्कृति है क्या ?’ पाठ के उद्देश्य पर प्रकाश उालें।
उत्तर : ‘संस्कृति है क्या ?’ दिनकर का सांस्कृतिक निबंध है, जिसमें उन्होंने संस्कृति, सभ्यता, इसके उपकरण तथा दोनों का एक-दूसरे पर प्रभाव की चर्चा करते हुए यह संदेश देना चाहा है कि विभिन्न संस्कृतियों के मेल से ही बनी संस्कृति का स्थान सबसे ऊँचा होता है।
दिनकर के अनुसार संस्कृति को परिभाषा में नहीं बाँधा जा सकता, वह केवल लक्षणों से प्रकट होती है। हमारे खानेपीने, रहन-सहन, सोच-विचार यहाँ तक कि हमारे रोने-हँसने तक से हमारी संस्कृति प्रकट होती है। जिन चीजों का हम दैनिक जीवन में व्यवहार या निर्माण करते हैं उनसे हमारी सभ्यता प्रकट होती है जैसे – सड़क से लेकर हवाई जहाज तक निर्माण या फिर चाहे वह घर का ही निर्माण क्यों न हो। दिनकर का ऐसा कहना है कि हर सुसभ्य आदमी सुसंस्कृत हो यह जरूरी नहीं क्योंकि सुसंस्कृत व्यक्ति भी तबीयत से नंगा हो सकता है।
यूरोपीय परिभाषा के अनुसार हम छोटानागपुर के आदिवासियों को सभ्य नहीं कह सकते क्योंकि सभ्यता के बड़े-बड़े उपकरण उनके पास नहीं हैं। फिर भी उनमें दया-माया, सदाचार, परोपकार तथा सदाधार जैसे गुण हैं इसलिए इन्हें सुसंसकृत माना जा सकता है।
प्रावीन काल के हमारे ऋषि भी महलों में नहीं, फूस की झोपड़ियों में रहते थे, मिद्टी के बर्तनों में भोजन पकाते तथा पत्तों पर खाना खाते थे; वे जंगलों के जीवों से प्यार करते तथा अपने सारे कार्य स्वयं ही किया करते थे। इन्हीं गुणों के कारण वे न केवल सुसंस्कृत थे बल्कि संस्कृति का निर्माण करने वाले थे।
दिनकर ने संस्कृति और प्रकृति में भी अंतर स्पष्ट किया है तथा यह कहा है कि क्रोध मनुष्य की प्रकृति तथा लोभ में पड़ना उसका स्वभाव है। बहुत सारे दुर्गुण प्रकृतिदत्त हैं और जो इनपर विजय प्राप्त कर लेते हैं उनकी संस्कृति भी उतनी ही ऊँची मानी जाती है।
सभ्यता की अपेक्षा संस्कृति अधिक टिकाऊ होती है क्योंकि सभ्यता की साप्मगियाँ तो तुरंत नष्ट हो सकती हैंलेकिन संस्कृति नहीं। संस्कृति का निर्माण भी अचानक नहीं हो जाता है बल्कि उसके निर्माण में सैकड़ों वर्ष लगते हैं।
संस्कृति के बारे में दिनकर ने जो सबसे महत्वपूर्ण बात कही- वह यह है कि संस्कृति का विकास आदान-प्रदान से होता है। जो जाति या देश अपने-आपको दूसरी संस्कृतियों से काटकर रखती है एक न एक दिन उसका पतन हो जाता है। संस्कृति का विकास एक दूसरे के संपर्क से होता है। उदाहरण के लिए यदि हमारा सपर्क, यूरोप से नहीं होता तो भारत में नवजागरण नहीं आता और न ही राजा राममोहन राय, दयानन्द सरस्वती, रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद तथा गाँधी जैसे समाज सुधारक पैदा होते।
दिनकर ने इस निबंध के माध्यम से हमें यह संदेश देना चाहा है कि भारत देश तथा भारतीय जाति इस दृष्टि से संसार में सबसे महान है क्योकि यहाँ की संस्कृति में अनेक संस्कृतियों का मिश्रण है।
अंत में इस निबंध के उद्देश्य को दिनकर के शब्दों में ही व्यक्त कर सकते हैं –
“‘उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम, देश में जहाँ जो हिन्दू बसते हैं, उनकी संस्कृति एक है एवं भारत की प्रत्येक क्षेत्रीय विशेषता हमारी इसी सामासिक संस्कृति की विशेषता है। तब हिन्दू और मुसलमान हैं जो देखने में अब भी दो लगते हैं, किन्तु उनके बीच भी सांस्कृतिक एकता विद्यमान है, जो उनकी भिन्नता को कम करती है। दुर्भाग्य की बात है कि हम इस एकता को पूर्ण रूप से समझने में असमर्थ रहे हैं।”
प्रश्न 6 : संस्किति है क्या ? निब्ध के आध्थार पर संस्किति आर सम्या सें अंदर स्पष्ट करें
प्रश्न-7 : दिनकर के विचार के अनुसार संस्कृति और सभ्यता में क्या अंतर है?
प्रश्न – 8 : पतित पाठ के आघार पर सस्कृति तथा सध्यता में अंतर लिखें।
उत्तर :
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने ‘संस्कृति है क्या?’ निबंध में संस्कृति और सभ्यता पर विचार करते हुए इन दोनो के बीच अंतर स्पष्ट किया है। साधारणतः लोग संस्कृति और सभ्यता को एक-दूसरे का पर्याय मान लेते हैं लेकिन वास्तव में दोनों में बहुत ही सूक्ष्म अंतर है।
दिनकर के अनुसार संस्कृति वह गुण है जो हममें व्याप्त है लेकिन सभ्यता वह चीज है जो हमारे पास है।
संस्कृति की पहचान लक्षणों से होती है जबकि सभ्यता की पहचान सुख-सुविधा तथा ठाट-बाट के साधनों से होती है। इस दृष्टि से छोटानागपुर के आदिवासी पूर्ण रूप से सभ्य नहीं कहे जा सकते क्योंकि सभ्यता के बड़े-बड़े उपकरण उनके पास नहीं है।
सभ्यता के भीतर संस्कृति उसी तरह छिपी रहती है जैसे दूध में मक्खन या फूल में सुगंध।
सभ्यता के निर्माण तथा नष्ट होने में संस्कृति की अपेक्षा काफी समय लगता है। संस्कृति को आसानी से नष्ट नहीं किया जा सकता।
आदिकालीन साहित्यकार, चित्रकार, मूर्तिकार आदि हमारी संस्कृति के रचनेवाले हैं। संस्कृति तथा सभ्यता दोनों का ही विकास परस्पर आदान-प्रदान से होता है। संसार का कोई भी राष्ट्र या जाति यह दावा नहीं कर सकती कि वह दूसरे की संस्कृति-सभ्यता से प्रभावित नहीं है।
प्रत्येक देश या जाति सभ्यता के उपकरण के मामले में दूसरों का कितना ही नकल कर ले लेकिन सभी अपनी संस्कृति को, परंपरा को यथावत बनाएं रखना चाहते हैं क्योंकि –
वह न तो हिंदू है, न मुस्लिम है,
न द्रविड़ है, न आर्य है,
न परंपरा का हर प्रहरी
पुरी का शंकराचार्य है।
अति लघूत्तरीय/लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
संस्कृति क्या है ?
उत्तर :
संस्कृति ऐसी चीज है जिसे लक्षणों से तो जान सकते हैं लेकिन उसकी परिभाषा नहीं दी जा सकती।
प्रश्न 2.
अंग्रेजी में संस्कृति के बारे में क्या कहावत है ?
उत्तर :
अंग्रेजी में संस्कृति के बारे में यह कहा गया है कि संस्कृति वह गुण है जो हममें व्याप्त है।
प्रश्न 3.
अंग्रेजी में सभ्यता के बारे में क्या कहावत है ?
उत्तर :
अंग्मेजी में सभ्यता के बारे में कहावत है कि सभ्यता वह चीज़ है जो हमारे पास है।
प्रश्न 4.
ऐसा क्यों नहीं कहा जा सकता कि हर सुसंस्कृत आदमी सभ्य ही होता है ?
उत्तर :
ऐसा इसलिए नहीं कहा जा सकता क्योंकि सभ्यता की पहचान सुख-सुविधा और ठाठ-बाट है।
प्रश्न 5.
छोटानागपुर की आदिवासी जनता पूर्ण रूप से सभ्य क्यों नहीं कही जा सकती ?
उत्तर :
छोटानागपुर की आदिवासी जनता को पूर्ण रूप से सभ्य इसलिए नहीं कहा जा सकता क्योंकि उनके पास सभ्यता के बड़े-बड़े उपकरण नहीं हैं।
प्रश्न 6.
छोटानागपुर के आदिवासियों में कौन कौन-से गुण हैं ?
उत्तर :
छोटानागपुर के आदिवासियों में दया-माया, सच्चाई और सदाचार के गुण हैं।
प्रश्न 7.
प्राचीन भारत के ऋषियों का रहन-सहन कैसा था ?
उत्तर : प्राघीन भारत के ऋषि फूस की झोपड़ियों में रहते थे, वह जंगलों के जीवों से दोस्ती तथा प्यार करने में हिचकिचाते नहीं थे, मिट्टी के बर्त्तनों में रसोई पकाते तथा पत्तों पर खाना खाते थे।
प्रश्न 8.
हमारी भारतीय संस्कृति का निर्माण करनेवाले कौन थे ?
उत्तर :
हमारी भारतीय संस्कृति का निर्माण करनेवाले जंगलों में सादा तथा सदाचारपूर्ण जीवन बिताने वाले ॠषिगण थे।
प्रश्न 9.
संस्कृति और सभ्यता के बारे में साधारण नियम क्या है ?
उत्तर :
सस्कृति और सभ्यता के बारे में साधारण नियम यह है कि दोनों का विकास एक साथ होता है और दोनों ही एक-दूसरे से प्रभावित होते हैं।
प्रश्न 10.
घर बनाना स्थूल रूप से किसका कार्य होता है ?
उत्तर :
घर बनाना स्थूल रूप से सभ्यता का कार्य होता है।
प्रश्न 11.
मनुष्य की प्रकृति, स्वभाव तथा प्रकृतिदत्त गुण क्या हैं ?
उत्तर :
गुस्सा करना मनुष्य की प्रकृति, लोभ में पड़ना उसका स्वभाव तथा ईर्ष्या, मोह, राग, द्वेष तथा कामवासना आदि उसके प्रकृतिदत्त गुण हैं।
प्रश्न 12.
आदमी और जानवर में कब कोई भेद नहीं रह जाएगा ?
उत्तर :
जब प्रकृतिदत्त गुणों जैसे ईर्ष्या, मोह, राग, द्वेष, काम-वासना आदि पर नियंत्रण न रखा जाये तो आदमी और जानवर में कोई भेद्न नहीं रह जाएगा।
प्रश्न 13.
मनुष्य की कोशिश क्या होती है ?
उत्तर :
मनुष्य की कोशिश यह होती है कि वह कोध के वश में नहीं रहे कोध ही उसके वश में रहे।
प्रश्न 14.
किसकी संस्कृति ऊँची समझी जाती है ?
उत्तर :
जिस जाति का व्यक्ति अपने दुर्गुणों पर जितना ही ज्यादा विजयी होता है उसकी संस्कृति उतनी ही ऊँची समझी जाती है।
प्रश्न 15.
सभ्यता संस्कृति के भीतर किस रूप में रहती है ?
उत्तर :
सभ्यता के भीतर संस्कृति वैसे ही रहती है जैसे दूध में मक्खन या फूल में सुगंध।
प्रश्न 16.
सभ्यता और संस्कृति में से ज्यादा कौन टिकाऊ है और क्यों ?
उत्तर :
सभ्यता और संस्कृति में से ज्यादा टिकाऊ संस्कृति है क्योंकि सभ्यता की सामत्रियाँ नष्ट हो सकती हैं लेकिन संस्कृति नहीं।
प्रश्न 17.
‘अपस्टार्ट’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया जाता है ?
उत्तर :
जो व्यक्ति अचानक धनी हो जाता है या उसे कोई ऊँचा पद प्राप्त हो जाता है उसके लिए ‘अपस्टार्ट’ शब्द का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 18.
संस्कृति की झलक किसमें दिखाई पड़ती है ?
उत्तर :
खाने-पीने, रहन-सहन, सोचने-समझने, पहनने-ओढ़ने, घूमने-फिरने आदि जो कुछ भी हम करते हैं उसमें हमारी संस्कृति की झलक दिखाई पड़ती है।
प्रश्न 19.
असल में संस्कृति क्या है ?
उत्तर :
असल में संस्कृति जिंदगी जीने का तरीका है जिसकी छाप सदियों से जमा होकर समाज में छायी रहती है।
प्रश्न 20.
संस्कृति हमारा पीछा कब तक करती है ?
उत्तर :
संस्कृति हमारा पीछा जन्म-जन्मांतर तक करती है।
प्रश्न 21.
अपने यहाँ संस्कार के बारे में कौन-सा एक साधारण कहावत है ?
उत्तर :
अपने यहाँ साधारण कहावत है कि जिसका जैसा संस्कार है, उसका वैसा ही पुनर्जन्म भी होता है।
प्रश्न 22.
हमारी संस्कृति का प्रभाव कब तक चलता रहता है ?
उत्तर :
हमारी संस्कृति का प्रभाव हमारी आत्मा के साथ जन्म-जन्मांतर तक चलता रहता है।
प्रश्न 23.
हमारी संस्कृति के रचयिता कौन हैं ?
उत्तर :
जो आदिकाल से हमारे लिए काव्य और दर्शन की रचना करते आए हैं, चित्र और मूर्ति बनाते आए हैं वे ही हमारी संस्कृति के रचयिता हैं।
प्रश्न 24.
संस्कृति का क्या स्वभाव है ?
उत्तर :
संस्कृति का स्वभाव है कि वह आदान-प्रदान से बढ़ती है।
प्रश्न 25.
कौन-सा भाव संस्कृति को ले डूबता है ?
उत्तर :
कूपमंडूकता तथा दुनिया से रूठकर अलग बैठने का भाव संस्कृति को ले डूबता है।
प्रश्न 26.
‘शेली’ तथा ‘कीट्स’ कौन हैं ?
उत्तर :
शेली तथा कीट्स दोनों ही अंग्रेजी भाषा के विश्वप्यसिद्ध कवि हैं।
प्रश्न 27.
उर्दूभाषा तथा मुगल-कलम की चित्रकारी भारत को किसकी देन है ?
उत्तर :
उद्दूभाषा तथा मुगल-कलम की चित्रकारी दोनों ही मुसलमानों की देन हैं।
प्रश्न 28.
अगर यूरोप से भारत का संपर्क नहीं हुआ होता तो क्या होता ?
उत्तर :
अगर यूरोप से भारत का संपर्क नहीं होता तो राममोहन राय, दयानंद सरस्वती, रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद तथा गाँधी जैसे सुधारकों का जन्म नहीं हुआ होता।
प्रश्न 29.
दो जातियों के परस्पर मिलने से क्या होता है ?
उत्तर :
दो जातियों के परसर मिलने से जिंदगी की एक नयी धारा फूटती है जिसका प्रभाव दोनों जातियों पर पड़ता है।
प्रश्न 30.
सांस्कृतिक संपर्क का प्रभाव हमारे रहन-सहन तथा कला के अलावे किस पर पड़ता है ?
उत्तर :
सांस्कृतिक संपर्क का प्रभाव हमारे रहन-सहन तथा कला के अलावे दर्शन और विचार पर भी पड़ता है।
प्रश्न 31.
सांस्कृतिक दृष्टि से कौन-सा देश या जाति अधिक शक्तिशाली माना जाता है ?
उत्तर :
जिस देश या जाति में अंधिक से अधिक सांस्कृतिक सम्मिश्रण तथा सामंजस्य हो वह अधिक शक्तिशाली माना जाता है।
प्रश्न 32.
ऐसा क्यों नहीं कहा जा सकता कि हर सुसभ्य आदमी सुसंस्कृत ही होता है
उत्तर :
सुसभ्य आदमी भी तबीयत से मनचला तथा नंगा हो सकता है, इसलिए हर सुसभ्य आदमी को सुसंस्कृत नहीं कहा जा सकता।
प्रश्न 33.
कौन-से लक्षण यूरोपीय परिभाषा के अनुसार सभ्यता के लक्षण नहीं माने जा सकते ?
उत्तर :
हमारे खषियों के रहन-सहन के लक्षणों को यूरोपीय परिभाषा के अनुसार सभ्यता के लक्षण नहीं माने जा सकते।
प्रश्न 34.
घर का नक्शा पसंद करने के पीछे कौन-सी रूचि काम करती है ?
उत्तर :
घर का नवशा पसंद करने के पीछे हमारी सांस्कृतिक रूचि काम करती है।
प्रश्न 35.
कौन-से प्रभाव का क्रम निरंतर चलता ही रहता है ?
उत्तर :
सभ्यता का प्रभाव संस्कृति पर तथा संस्कृति का प्रभाव सभ्यता पर पड़ने का क्रम निरंतर चलता ही रहता है।
प्रश्न 36.
संस्कृति के निर्माण में कितना समय लगता है ?
उत्तर :
संस्कृति के निर्माण में सैकड़ों वर्षों का समय लगता है।
प्रश्न 37.
हमारे पुस्तकालय, संग्रहालय, नाटकशाला, सिनेमागृह आदि किसके उपकरण हैं?
उत्तर :
हमारे पुस्तकालय, संग्रहालय, नाटकशाला तथा सिनेमागृह आदि हमारी संस्कृति के उपकरण हैं।
प्रश्न 38.
संसार का कोई भी देश क्या दावा नहीं कर सकता ?
उत्तर :
संसार का कोई भी देश यह दावा नहीं कर सकता कि उसपर किसी अन्य देश की संस्कृति का प्रभाव नहीं पड़ा है।
प्रश्न 39.
भारत की विचारधारा पर विज्ञान का प्रभाव किसके कारण पड़ा ?
उत्तर :
यूरोप से संपर्क के कारण भारत की विचारधारा पर विज्ञान का प्रभाव पड़ा।
प्रश्न 40.
संस्कृति की जान किसे कहा गया है ?
उत्तर :
आदान-प्रदान की प्रक्रिया को संस्कृति की जान कहा गया है।
प्रश्न 41.
भारत देश तथा भारतीय संस्कृति किस दृष्टि से संसार में सबसे महान है ?
उत्तर :
भारत की सामासिक संस्कृति में अधिक से अधिक जातियों की संस्कृतियाँ पची हुई हैं, इसलिए भारत तथा भारतीय संस्कृति इस दृष्टि से संसार में सबसे महान है।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
‘दिनकर’ किस कवि का उपनाम है?
(क) बालकृष्ण शर्मा का
(ख) रामनरेश त्रिपाठी का
(ग) रामधारी सिंह का
(घ) जयशंकर प्रसाद का
उत्तर :
(ग) रामधारी सिंह का।
प्रश्न 2.
दिनकर का जन्म कब हुआ था?
(क) 23 दिसम्बर, 1908 को
(ख) 23 जनवरी, 1908 को
(ग) 23 फरवरी, 1908 को
(घ) 23 जुलाई, 1908 को
उत्तर :
(क) 23 दिसम्बर, 1908 को ।
प्रश्न 3.
दिनकर कैसे कवि के रूप में अधिक प्रतिष्ठित हैं?
(क) रीतिबद्ध कवि
(ख) भक्त कवि
(ग) युग-चारण कवि
(घ) चारण-कवि
उत्तर :
(ग) युग-चारण कवि।
प्रश्न 4.
‘कुरूक्षेत्र’ के रचनाकार कौन हैं?
(क) पंत
(ख) नागार्जुन
(ग) गुप्तजी
(घ) दिनकर
उत्तर :
(घ) दिनकर।
प्रश्न 5.
‘कुरूक्षेत्र’ काव्य की पृष्ठभूमि क्या है?
(क) राम वन गमन
(ख) महाभारत
(ग) प्रथम विश्वयुद्ध
(घ) द्वितीय विश्वयुद्ध
उत्तर :
(घ) द्वितीय विश्वयुद्ध।
प्रश्न 6.
दिनकर ने महाभारत के कर्ण के चरित्र पर आधारित कौन-सा काव्य लिखा?
(क) कुरूक्षेत्र
(ख) रश्मिरथी
(ग) रेणुका
(घ) हुँकार
उत्तर :
(ख) रश्मिरथी।
प्रश्न 7.
दिनकर का कामाध्यात्म संबंधी महाकाव्य कौन-सा है?
(क) रशिमरथी
(ख) उर्वशी
(ग) नील कुसुम
(घ) रेणुका
उत्तर :
(ख) उर्वशी।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से कौन-सा काव्य दिनकर का नहीं है?
(क) रेणुका
(ख) हुँकार
(ग) कुकुरमुत्ता
(घ) द्वन्द्वगीत
उत्तर :
(ग) कुकुरमुत्ता।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से कौन-सा काव्य दिनकर का नहीं है?
(क) रसवंती
(ख) सामधेनी
(ग) कुरूक्षेत्र
(घ) नीरजा
उत्तर :
(घ) नीरजा।
प्रश्न 10.
‘मिट्टी की ओर’ के रचनाकार कौन हैं?
(क) कुँवर नारायण
(ख) धर्मवीर भारती
(ग) दिनकर
(घ) अज्ञेय
उत्तर :
(ग) दिनकर।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित में से कौन-सा काव्य दिनकर का नहीं है?
(क) बापू
(ख) गीतर्व
(ग) धूप और धुआं
(घ) रश्मिरथी
उत्तर :
(ख) गीतपर्व।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से कौन-सा काव्य दिनकर का नहीं है ?
(क) नील कुसुम
(ख) नये सुभाषित
(ग) नीलांबरा
(घ) परशुराम की प्रतीक्षा
उत्तर :
(ग) नीलांबरा।
प्रश्न 13.
निम्न में से कौन-सा काव्य दिनकर का नहीं है ?
(क) हारे को हरिनाम
(ख) संचयिता
(ग) परिक्रमा
(घ) रश्मिलोक
उत्तर :
(ग) परिक्रमा।
प्रश्न 14.
‘अर्द्धनारीश्वर’ के रचनाकार कौन हैं?
(क) पंत
(ख) दिनकर
(ग) शमशेर
(घ) अज्षेय
उत्तर :
(ख) दिनकर।
प्रश्न 15.
‘भारतीय संस्कृति के चार अध्याय’ किसकी रचना है?
(क) दिनकर की
(ख) मुक्तिवोध की
(ग) निराला की
(घ) पंत की
उत्तर :
(क) दिनकर की ।
प्रश्न 16.
‘शुद्ध कविता की खोज’ के लेखक कौन हैं?
(क) धूमिल
(ख) दिनकर
(ग) रामदरश मित्र
(घ) नरेश मेहता
उत्तर :
(ख) दिनकर।
प्रश्न 17.
‘रेती के फूल’ और ‘उजली आग’ के रचियता कौन हैं?
(क) दिनकर
(ख) रघुवीर सहाय
(ग) अज्ञेय
(घ) निराला
उत्चर :
(क) दिनकर।
प्रश्न 18.
‘हे राम’ के रचनाकार कौन हैं?
(क) महात्मा गाँधी
(ख) सर्वेश्वर
(ग) अज़ेय
(घ) दिनकर
उत्तर :
(घ) दिनकर।
प्रश्न 19.
निम्न में से कौन-सी रचना दिनकर की नहीं है?
(क) सप्तपर्णा
(ख) लोकदेव नेहरू
(ग) प्रसाद, पंत् और मैथिली शरण गुप्त
(घ) काव्य की भूमिका
उत्तर :
(क) सप्तपर्णा।
प्रश्न 20.
दिनकर की ‘संस्कृति के चार अध्याय’ किस विधा की रचना है?
(क) संस्मरण
(ख) संस्कृति का इतिहास
(ग) रेखाचित्र
(घ) एकांकी
उत्तर :
(ख) संस्कृति का इतिहास ।
प्रश्न 21.
दिनकर का ‘अर्द्धनारीश्वर’ किस विधा की रचना है?
(क) निबंध
(ख) उपन्यास
(ग) नाटक
(घ) कहानी
उत्तर :
(क) निबंध।
प्रश्न 22.
‘उर्वशी’ प्रबंध-काव्य के रचियता कौन हैं?
(क) प्रसाद
(ख) पंत
(ग) दिनकर
(घ) महादेवी वर्मा
उत्तर :
(ग) दिनकर।
प्रश्न 23.
कामाध्यात्म की भावभूमि पर आधारित ग्रंध है –
(क) कामायनी
(ख) उर्वशी
(ग) एकलव्य
(घ) आकाशगंगा
उत्तर :
(ख) उर्वशी।
प्रश्न 24.
‘प्रसाद, पंत और मैथिलीशरण’ के लेखक हैं –
(क) दिनकर
(ख) अझेय
(ग) नगेंद्र
(घ) यशपाल
उत्तर :
(क) दिनकर।
प्रश्न 25.
‘लोकदेव नेहरू’ के रचयिता हैं?
(क) प्रसाद
(ख) दिनकर
(ग) अमृतराय
(घ) प्रेमचंद
उत्तर :
(ख) दिनकर।
प्रश्न 26.
दिनकर की रचना में किन शब्दों की बहुलता है?
(क) तत्सम्
(ख) तद्भव
(ग) देशज
(घ) विदेशज
उत्तर :
(क) तत्सम्।
प्रश्न 27.
दिनकर ने भारत-पाकिस्तान के युद्ध की पृष्ठभूमि पर किस काव्य की रचना की?
(क) उजली आग
(ख) परशुराम की प्रतीक्षा
(ग) हारे को हरिनाम
(घ) कुरूक्षेत्र
उत्तर :
(ख) परशुराम की प्रतीक्षा
प्रश्न 28.
महाभारत की कथा पर आधारित दिनकर का कौन-सा काव्य है?
(क) रश्मिरथी
(ख) हुँकार
(ग) कुरूक्षेत्र
(घ) है राम
उत्तर :
(ग) कुरूक्षेत्र।
प्रश्न 29.
सांस्कृतिक संपर्क का प्रभाव दर्शन और विचार के अलावे पड़ता है ?
(क) पोशाक पर
(ख) सड़क पर
(ग) हवाई जहाज पर
(घ) मोटर बनाने पर
उत्तर :
(क) पोशाक पर ।
प्रश्न 30.
क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो।
उसको क्या जो दंतहीन, विघहीन, विनीत, सरल हो ।। — किसके द्वारा रचित है?
(क) प्रसाद
(ख) पंत
(ग) माखनलाल चतुर्वेदी
(घ) दिनकर
उत्तर :
(घ) दिनकर।
प्रश्न 31.
भारतीय संस्कृति पर आधारित दिनकर का कौन-सा ग्रंध है ?
(क) लोकदेव नेहरू
(ख) अर्द्धनारीश्वर
(ग) भारतीय संस्कृति के चार अध्याय
(घ) रेती के फूल
उत्तर :
(ग) भारतीय संस्कृति के चार अध्याय।
प्रश्न 32.
दिनकर का देहांत कब हुआ?
(क) 24 अप्रैल 1974
(ख) 25 अप्रेल 1975
(ग) 25 अप्रैल 1976
(घ) 25 अप्पैल 1977
उत्तर :
(क) 24 अप्रैल 1974 ।
प्रश्न 33.
दिनकर की साहित्यिक सेवाओं के लिए किस विश्वविद्यालय ने उन्हें डी. लिट. की मानद उपाधि दी?
(क) दिल्ली विश्वविद्यालय
(ख) विश्व भारती
(ग) भागलपुर विश्वविद्यालय
(घ) काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
उत्तर :
(ग) भागलपुर विश्वविद्यालय।
प्रश्न 34.
निम्नलिखित में से दिनकर की अंतिम काव्य-रचना कौन-सी है?
(क) प्रणभंग
(ख) सीपी और शंख
(ग) हारे को हरिनाम
(घ) दिल्ली
उत्तर :
(ग) हारे को हरिनाम।
प्रश्न 35.
संस्कृति क्या है ?
(क) अच्छे गुण
(ख) सभ्यता के सामान
(ग) अच्छी पोशान
(घ) अच्छी मकान
उत्तर :
(क) अच्छे गुण।
प्रश्न 36.
तबीयत से नंगा होना किसके खिलाफ है ?
(क) सभ्यता के
(ख) संस्कृति के
(ग) कानून के
(घ) सभ्य के
उत्तर :
(ख) संस्कृति के।
प्रश्न 37.
सभ्यता की पहचान है ?
(क) सुख-सुविधा
(ख) दुःख-सुख
(ग) सच-झूठ
(घ) लिखना-पढ़ना
उत्तर :
(क) सुख-सुविधा ।
प्रश्न 38.
उसे सुसंस्कृत समझाने में कोई उज्ञ (हर्ज) नहीं होना चाहिए – ‘उसे’ से कौन संकेतित है?
(क) लेखक
(ख) आदिवासी
(ग) नगरवासी
(घ) ग्रामवासी
उत्तर :
(ख) आदिवासी।
प्रश्न 39.
प्राचीन भारत में ॠषिगण रहते थे ?
(क) महलों में
(ख) कोठे पर
(ग) जंगलों में
(घ) गाँवों में
उत्तर :
(ग) जंगलों में।
प्रश्न 40.
ॠषिगणण किसका निर्माण करते थे ?
(क) झोपडियों का
(ख) संस्कृति का
(ग) तीर-धनुष का
(घ) बर्त्तनों का
उत्तर :
(ख) संस्कृति का।
प्रश्न 41.
सभ्यता और संस्कृति की प्रगति होती है –
(क) एक साथ
(ख) अलग-अलग
(ग) आगे-पीछे
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) एक साथ ।
प्रश्न 42.
हम घर का निर्माण करते हैं –
(क) सभ्यता की प्रेरणा से
(ख) संस्कृति की प्रेरणा से
(ग) इंजीनियर की प्रेरणा से
(घ) माता-पिता की प्रेरणा से
उत्तर :
(ख) संस्कृति की प्रेरणा से।
प्रश्न 43.
गुस्सा करना मानव की
(क) घृणा
(ख) प्रकृति
(ग) लोभ
(घ) ईर्ष्या
उत्तर :
(ख) प्रकृति ।
प्रश्न 44.
मनुष्य कोशिश करता है कि –
(क) गुस्सा के वश में रहे
(ख) गुस्सा उसके वश में रहे
(ग) लोभ के वश में रहे
(घ) द्वेष के वश में रहे
उत्तर :
(ख) गुस्सा उसके वश में रहे ।
प्रश्न 45.
संस्कृति सभ्यता की अपेक्षा –
(क) मोटी है
(ख) लंबी है
(ग) महीन है
(घ) खुरदुरी है
उत्तर :
(ग) महीन है ।
प्रश्न 46.
सभ्यता की अपेक्षा कौन अधिक टिकाऊ है ?
(क) लोभ
(ख) ईष्ष्या
(ग) संस्कृति
(घ) गुस्सा
उत्तर :
(ग) संस्कृति ।
प्रश्न 47.
किसका विनाश आसानी से नहीं किया जा सकता ?
(क) कोध का
(ख) लोभ का
(ग) मोह का
(घ) संस्कृति का
उत्तर :
(घ) संस्कृति का।
प्रश्न 48.
अचानक धनी बन गए व्यक्ति के लिए अंग्रेजी में कौन-सा शब्द है ?
(क) रिच
(ख) जेन्टल
(ग) अपस्टार्ट
(घ) डाउन स्टार्ट
उत्तर :
(ग) अपस्टार्ट ।
प्रश्न 49.
किसकी संस्कृति तुरंत नहीं सीखी जा सकती ?
(क) धनी तथा ऊँचे ओहदे वाले की
(ख) धनी की
(ग) ऊँचे ओहदे वाले की
(घ) इनमें से किसी की नहीं
उत्तर :
(क) धनी तथा ऊँचे ओहदे वाले की।
प्रश्न 50.
निम्न में से हमारी संस्कृति की झलक किसमें होती है ?
(क) पूजा-पाठ
(ख) भजन-कीर्तन
(ग) पढ़ना-लिखना
(घ) पहनने-ओढ़ने
उत्तर :
(घ) पहनने-ओढ़ने।
प्रश्न 51.
निम्नलिखित में से कौन हमारी संस्कृति का उपकरण नहीं है ?
(क) पुस्तकालय
(ख) संप्रहालय
(ग) हवाईअड्डा
(घ) नाटकशाला
उत्तर :
(ग) हवाईअड्डा।
प्रश्न 52.
संस्कृति का स्वभाव है कि वह –
(क) कूपमंडूकता से बढ़ती है
(ख) आदान-प्रदान से बढ़ती है
(ग) बात करने से
(घ) हाथ मिलाने से
उत्तर :
(ख) आदान-प्रदान से बढ़ती है ।
प्रश्न 53.
कौन-सा भाव संस्कृति को ले डूबता है ?
(क) दुनिया से रूठकर अलग बैठना
(ख) नाटक करना
(ग) संम्रहालयों को देखना
(घ) सिनेमागृह जाना
उत्तर :
(क) दुनिया से रूठकर अलग बैठना।
प्रश्न 54.
‘शेली’ किस भाषा के कवि हैं ?
(क) हिन्दी
(ख) अंग्रेजी
(ग) चीनी
(घ) जापानी
उत्तर :
(ख) अंग्रेजी।
प्रश्न 55.
‘कीदस’ किस भाषा के कवि हैं ?
(क) अंगेजी
(ख) जर्मन
(ग) फ्रेंच
(घ) चीनी
उत्तर :
(क) अंग्रेजी ।
प्रश्न 56.
रवीन्द्रनार्थ ठाकुर किस भाषा के कवि हैं ?
(क) हिन्दी
(ख) संस्कृत
(ग) बंग्ला
(घ) अंग्रेजी
उत्तर :
(ग) बंग्ला ।
प्रश्न 57.
अगर मुसलमान इस देश में नहीं आए होते तो –
(क) भारत आज़ाद नहीं होता
(ख) उर्दू भाषा का जन्म नहीं होता
(ग) लोग गरीब रह जाते
(घ) संगीत लुप्त हो जाता
उत्तर :
(ख) उर्दू भाषा का जन्म नहीं होता।
प्रश्न 58.
भारतीय जाति संसार में सबसे महान है क्योंकि –
(क) यहाँ की संस्कृति में अनेक जातियों की संस्कृतियाँ पची हैं
(ख) यह सबसे अलग-थलग है
(ग) ये अच्छी जाति है
(घ) संसार की अकेली जाति है
उत्तर :
(क) यहाँ की संस्कृति में अनेक जातियों की संस्कृतियाँ पची हैं।
प्रश्न 59.
एक जाति का रिवाज दूसरी जाति का बन जाता है ?
(क) बोझ
(ख) ताकत
(ग) रिवाज
(घ) झगड़े का कारण
उत्तर :
(ग) रिवाज।
प्रश्न 60.
कौन-सी प्रक्रिया संस्कृति की जान है ?
(क) बात-चीत की प्रक्रिया
(ख) अकेले रहने की प्रकिया
(ग) कूपमंड्कुता
(घ) आदान-प्रदान की प्रक्रिया
उत्तर :
(घ) आदान-प्रक्रिया की प्रकिया।
प्रश्न 61.
संस्कृति की रचना में समय लगता है ?
(क) पचास वर्ष
(ख) सौ वर्ष
(ग) सैकड़ों वर्ष
(घ) लाखों वर्ष
उत्तर :
(ग) सैकड़ों वर्ष ।
प्रश्न 62.
कौन-सी संस्कृति ऊँची समझी जाती है ?
(क) जो दुर्गुणों पर विजयी होती है
(ख) जो लोभ का गुलाम होती है
(ग) जो कामवासना के अधीन है
(घ) जो गुस्से के वश में हो
उत्तर :
(क) जो दुर्गुणों पर विजयी होती है।
प्रश्न 63.
गुस्सा करना मनुष्य की है ?
(क) आदत
(ख) प्रकृति
(ग) स्वभाव
(घ) प्रकृतिदत्त गुण
उत्तर :
(ख) प्रकृति ।
प्रश्न 64.
मनुष्य कोशिश करता है कि –
(क) वह लोभ-मोह के वश में रहे
(ख) कामवासना के अधीन रहे
(ग) गुस्सा उसके वश में रहे
(घ) वह गुस्से के वश में रहे
उत्तर :
(ग) गुस्सा उसके वश में रहे।
प्रश्न 65.
निम्नलिखित में से कौन संस्कृति का अंग है?
(क) संगीत
(ख) कड़क
(ग) पोशाक
(घ) अच्छा भोजन
उत्तर :
(क) संगीत ।
प्रश्न 66.
जीवन जीने की कला है ?
(क) संस्कृति
(ख) सभ्यता
(ग) स्वभाव
(घ) प्रकृतिदत्त गुण
उत्तर :
(क) संस्कृति ।
प्रश्न 67.
संस्कृति को हम निम्न से किसकी मदद से जान सकते हैं ?
(क) सभ्यता
(ख) स्वभाव
(ग) लक्षणों
(घ) प्रकृति
उत्तर :
(ग) लक्षणों ।
प्रश्न 68.
संस्कृति की क्या नहीं दी जा सकती ?
(क) परिभाषा
(ख) लक्षण
(ग) जानकरी
(घ) भेद
उत्तर :
(क) परिभाषा।
प्रश्न 69.
लोभ में पड़ना किसका स्वभाव है ?
(क) क्रषियों का
(ख) मनुष्य का
(ग) सुसभ्य का
(घ) सुसंस्कृत का
उत्तर :
(ख) म्नुष्य का।
प्रश्न 70.
असल में संस्कृति जिंदगी क्या है ?
(क) तरीका
(ख) छल
(ग) लोभ
(घ) कामवासना
उत्तर :
(क) तरीका।
प्रश्न 71.
जिंदगो की नई धारा किससे फूट निकलती है ?
(क) संस्कृति से
(ख) सभ्यता से
(ग) दो जातियों के , लने से
(घ) दो लोगों के मिलने से
उत्तर :
(ग) दो जातिधो के मिलने से ।
प्रश्न 72.
प्राचीन भारत में वषिगणों की जिंदगी का हिस्सा इनमें से नहीं था ?
(क) पत्तों में खाना
(ख) महलों में रहना
(ग) हिचाकिचाहट नहीं दिखाना
(घ) झोषड़ी में वास करना
उत्तर :
(ख) महलों में रहना।
प्रश्न 73.
निम्नलिखित में से कौन प्रकृति का आवेग नहीं है ?
(क) ईष्य्या
(ख) मोह
(ग) राग
(घ) महलो में रहना
उत्तर :
(घ) महलों में रहना।
प्रश्न 74.
निम्नलिखित में से कौन हमारा पीछा जन्म-जन्मांतर तक करती है ?
(क) संस्कार
(ख) संस्कृति
(ग) सभ्य
(घ) सभ्यता
उत्तर :
(ख) संस्कृति ।
प्रश्न 75.
जिसका जैसा संस्कार है उसका वैसा ही –
(क) स्वभाव होता है
(ख) व्यवहार होता है
(ग) पुनर्जन्म होता है
(घ) विचार होता है
उत्तर :
(ग) पुनर्जन्म होता है।
प्रश्न 76.
संस्कार या संस्कृति असल में शरीर का नहीं बल्कि –
(क) पुनर्जन्म का गुण है
(ख) आत्मा का गुण है
(ग) परमात्मा का गुण है
(घ) रूप का गुण है
उत्तर :
(ख) आत्मा का गुण है।
प्रश्न 77.
हमारी संस्कृति का प्रभाव हमारी आत्मा के साथ कब तक चलता रहता है ?
(क) सौ वर्षो तक
(ख) पाँच वर्षों तक
(ग) जन्म-जन्मांतर तक
(घ) केवल इसी जन्म तक
उत्तर :
(ग) जन्म-जन्मांतर तक ।
प्रश्न 78.
निम्नलिखित में से कौन हमारी संस्कृति का अंश नहीं है ?
(क) त्योहार मनाना
(ख) कपड़े पहनना
(ग) दोस्ती-दुश्मनी का सुलूक करना
(घ) महलों में रहना
उत्तर :
(घ) महलों में रहना।
पाठ्याधारित व्याकरण :
WBBSE Class 9 Hindi संस्कृति है क्या? Summary
लेखक परिचय
हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि, चिंतक, आलोचक, सफल प्रभावी वक्ता एवं लेखक श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म सन् 1908 में मुंगेर (बेगूसराय) जिले के सिमरिया घाट नामक गाँव में हुआ था। सन् 1932 में इन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बी. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद इन्होंने जीविका के लिए रजिस्ट्रारी और अध्यापन का कार्य भी किया।
कई वर्षो तक ये मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज में हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष-पद को सुशोभित करते रहे। आगे चलकर ये भागलपुर विश्वविद्यालय के उप-कुलपति पद पर भी रहे। स्वतंत्र भारत में राधाकृष्णन तथा नेहरू की छत्रछाया में ये पार्लियामेंट के सदस्य रहे। इसके साथ ही ये हिन्दी उत्थान और प्रचार-कार्य में भारत सरकार को हार्दिक सहयोग देते रहे।
दिनकर की रचनाओं का विवरण इस प्रकार हैं –
काव्य-संग्रह : रेणुका, रसवंती, द्वन्द्वगीत, धूप-छाँह, सामधेनी, बापू, इतिहास के आँसू, चक्रवाल, ‘नील-कुसुम’।प्रमुख काव्य : कुरूक्षेत्र, रश्मिरथी, उर्वशी, हुंकार, परशुराम की प्रतीक्षा, चक्रव्यूह, आत्मजयी, वाजश्रवा के बहाने।
आलोचना : मिट्टी की ओर।
संस्कृति का इतिहास : संस्कृति के चार अध्याय ।
पृष्ठ सं० – 46
- लक्षणों = गुणों।
- अंशों = भागों।
- भिन्न = अलग।
- व्याप्त = मौजूद, वर्तमान ।
- अर्जित = प्राप्त ।
पृष्ठ सं० – 47
- विनय = नम्रता।
- सदाचार = अच्छा अचारण।
- उपकरण = साधन, वस्तु।
- उज = हर्ज।
- वास करना = रहना।
- हिचकिचाहट = शर्म, लज्जा।
- प्रभाव = असर ।
- स्थूल रूप = मोटे तौर ।
- निरंतर = लगातार ।
- राग = प्रेम।
- द्वेष = जलन।
- कामवासना = प्रकृतिदत्त = प्रकृति के द्वारा दिया गया।
पृष्ठ सं० – 49
- सुलूक = व्यवहार।
- आदान-प्रदान = लेन-देन।
- दिवाला = । जलाशय = तालाब।
- कूपमंडूकता = कुएँ का मेढक बने रहना, अपनी दुनिया को ही पूरी दुनिया समझ लेना।
- अद्भुत = आश्चर्यजनक।
- उत्स = स्रोत।
- सुधारक = सुधार करने वाले।
पृष्ठ सं० – 50
- रिवाज = रीति, नियम।
- जज्ब = आत्मसात करना, पचाना।
- समन्वय = सामंजस्य, ताल-मेल।