WBBSE Class 8 History Solutions Chapter 7 भारत के राष्ट्रीय आंदोलन का आदर्श और परिवर्तन

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WBBSE Class 8 History Chapter 7 Question Answer – भारत के राष्ट्रीय आंदोलन का आदर्श और परिवर्तन

संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARK

प्रश्न 1.
भारत में महात्मा गाँधी का आन्दोलन दक्षिण अफ्रीका के आन्दोलन से कैसे प्रभावित हुआ ?
उत्तर :
भारत में चल रहे आन्दोलन को नेतृत्व देने से पहले गांधी दक्षिण अफ्रीका में वर्ण विरोधी आन्दोलन कर चुके थे। उसी आन्दोलन से धीरे-धीरे गांधीवादी सत्याग्रह की धारणा तैयार हुई थी। दक्षिण-अफ्रीका में गांधीजी नेविभिन्न धर्म भाषा अंचलों के लोगों को साथ लेकर लड़ाई किया था। उस आन्दोलन के व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार ने गांधी को विख्यात कर दिया। उस समय भारत के राजनैतिक नेता मूलत: एक-एक अंचल के नेता हुआ करते थे।

प्रश्न 2.
गाँधीजी के सत्याग्रह आदर्श की मूल भावना क्या थी ?
उत्तर :
गाँधीजी के सत्याग्रह आदर्श की मूल भावना सरकार द्वारा किसानों पर बढ़ाया गया राजस्व के खिलाफ था। गुजरात के खेड़ा जिले में गांधीवादी सत्याग्रह आन्दोलन शुरू हुआ था। वहाँ राजस्व की बढ़ी हुई आय के विरूद्ध किसानों की एकजुटता तैयार हुई थी। मगर राजस्व में नाममात्र की छूट दी गई थी। फलस्वरूप खेड़ा जिले का आन्दोलन विशेष सफल नहीं हो पाया था। इसके बाद गांधी ने अहमदाबाद के मिल मालिकों और श्रमिकों के बीच हो रही लड़ाई में हस्तक्षेप किया था। मगर रॉलेट कानून लागू करने को केन्द्र में रखकर गांधी ने अखिल भारतीय स्तर पर आन्दोलन की परिकल्पना की।

प्रश्न 3.
स्वराज पंथियों के आन्दोलन की मुख्य माँगें क्या-क्या थी?
उत्तर :
कांग्रेस के बीच से ही चित्तरंजन दास और मोतीलाल नेहरू आदि प्रमुख नेताओं ने गांधी के रास्ते से बाहर निकल आने की बात की थी। उनका मानना था कि सरकारी कानून व्यवस्था का बॉयकट न करके उसे मानना ही उचित है। अन्यथा सरकारी नीति और काम में बाधा उत्पन्न होगी। दूसरी तरफ गांधी पंथी पुराने रास्ते पर ही चलने में उत्साही दिख रहे थे। फलस्वरूप 1922 ई० के अन्त में चित्तरंजन दास और मोतीलाल नेहरू ने मिलकर ‘कांग्रेस- खिलाफतस्वराज दल’ तैयार किया। यह दल कांग्रेस के बीच ही एक अलग दल के रूप में काम करता रहा। मगर कुछ नीतियों में अलग होकर भी गांधी के परामर्श पर दोनों दल कांग्रेस के साथ ही रह गए थे।

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प्रश्न 4.
किसे, क्यों ‘सीमान्त गांधी’ कहा जाता है?
अथवा
कौन सीमान्त गाँधी के नाम से परिचित हुए ?
अथवा
किसे ‘सीमान्त गाँधी’ कहा जाता था और क्यों ?
उत्तर :
खान अब्दुल गफ्फार खान को सीमान्त गाँधी कहा जाता था । खान अब्दुल गफ्फार खान ने भारत के उत्तर पश्चिम सीमा प्रान्त के कबायली जन-जातियों को संगठित किया। इनके स्वंयसेवक खुदाई खिदमतगार या लाल कुर्ता दल कहलाते थे । इन लड़ाकू जातियों को गाँधी जी के मार्ग पर ले चलने और उनसे शान्तिपूर्ण आन्दोलन करवाने के कारण खान अब्दुल गफ्फार खान को सीमान्त गाँधी कहा जाता था ।

प्रश्न 5.
भारत छोड़ो आन्दोलन में मातंगिनी हाजरा की भूमिका क्या थी? अथवा, मातंगिनी हाजरा की क्या भूमिका थी?
उत्तर :
मांतगिनी हाजरा उन वीरांगनाओं में से थी जिन्होंने प्राणोत्सर्ग कर दिया इनका जन्म सन् 1870 ई० में मिदनापुर के होगला ग्राम में हुआ था। उन्होंने सन् 1930 ई० में कानून भंग आन्दोलन में भाग लिया था। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें छह माह के लिए नजरबंद कर दिया था। उन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन में अहम भूमिका निभाई थी।

प्रश्न 6.
‘स्वशासन’ आंदोलन क्यों शुरू हुआ?
उत्तर :
प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों को कई वादे किए किन्तु युद्ध खत्म हो जाने पर कोई भी वादा पूरा न हो सका । ऐसी स्थिति में भारत में ‘स्वशासन’ आंदोलन हुआ।

प्रश्न 7.
गांधीवादी सत्याग्रह की धारणा किस प्रकार तैयार हुई?
उत्तर :
गांधी के द्वारा परिचालित संगठन में नए सोच की छाप दिखलाई दी। कुछ आर्दशपूर्ण भावनाएँ गाँधी के आन्दोलन में थी। इसलिए भारत आने से पहले वह दक्षिण अफ्रीका में वर्ण विरोधी आंदोलन कर चुके थे। उसी आंदोलन में धीरे-धीरे सत्याग्रह की धारणा तैयार हुई थी।

प्रश्न 8.
गांधी से सत्याग्रह और अहिंसा का पारस्परिक संबंध कैसे थे?
उत्तर :
गांधी का मानना था कि सत्य की खोज स्वयं ही जीवन का परम लक्ष्य है। सत्य के प्रति आग्रह अथवा सत्य के प्रति निष्ठा राजनीतिक आन्दोलन की प्रतिरोध करने वाले के गाँधी कटु आलोचक थे।

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प्रश्न 9.
मोहऩदास करमचंद गांधी लोगों के लिए अपना आदमी कैसे बन गए?
उत्तर :
गांधी अत्यंत सरल जीवन जीते थे। उन्होंने अपने व्यक्तित्व को एक साँचे में ढाल लिया था। वह अतयंत सरल बातों में बात करते थे। उनकी सरल जीवन और घुटनों के ऊपर तक अति साधारण कपड़ा उन्हें लोगों के अपना आदमी बना दिया।

प्रश्न 10.
गाँधी ने असहयोग आंदोलन क्यो स्थागित कर दिया।
उत्तर :
गांधी तीन आंदोलन कर चुके थे। जिसमें अहिंसात्मक आंदोलन के कानून तोड़ो आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन कर युके थे। असहयोग आदोलन के पहले खिलाफत आंदोलन चला जिसमें हिन्दू और मुसलमानों ने जमकर हिस्सा लिया। सन् 1921 ई० में अहिंसात्मक असहयोग आंदोलन चालू किया। स्कूल, कालेज के छात्र, छात्राओं इस आंदोलन से जुड़ गए। वकील कोर्ट छोड़कर आंदोलन में शरीक होने लगे। सब ब्रिटिश सरकार के विदेशी वस्तु को जला रहे थे। आंदोलन का रूप उग्र देखकर गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन को स्थागित कर दिया।

प्रश्न 11.
खिलाफत आंदोलन क्यों शुरू किया गया?
उत्तर :
प्रथम विश्व युद्ध में बिटेन ने तुरस्क के विरुद्ध युद्ध घोषणा की थी। इसके चलते भारतीय मुसलमान ने इसकी तीब्र आलोचना की थी। सन् 1918 ई० में तुरस्क को गद्दी से हटा दिया गया। मुस्लिम लीग के कुछ नेता के खलिफा की मर्यादा और सम्मान की पुर्नस्थापना के लिए खिलाफत आंदोलन शुरू किया गया।

प्रश्न 12.
कांग्रेस-खिलाफत- ‘स्वराज दल’ की स्थापना कैसे हुई?
उत्तर :
चित्तरंजन दास और मोतीलाल नेहरू ने गांधी के रास्ते से बाहर निकल कर आने की बात कही उनका मत था कि सरकारी कानून व्यवस्था का बहिष्कार न करके उसे मानना चाहिए। इसी कारण सन् 1922 ई० में दोनों ने मिलकर ‘कांग्रेस खिलाफत-स्वराज्य’ दल बनाया।

प्रश्न 13.
‘साइमन कमीशन’ का विरोध क्यों हुआ?
उत्तर :
सन् 1927 ई० में औपनिवेशिक सरकार ने भारतीयों की दिए जाने वाले संवैधानिक अधिकार पर नजर रखने के लिए एक कमीशन का गठन किया। लेकिन सर जॉन साइमन के नेतृत्व में इस गठन में किसी भारतीय को नहीं रखा गया। सारे राजनीतिक दल ने इसका विरोध किया। जगह-जगह काले झण्डे, देशव्यापी हड़ताल हुआ सब लोगों ने ‘साइमन गो बेक’ का नारा दिया।

प्रश्न 14.
दिल्ली समझौता क्या था?
उत्तर :
दिल्ली समझौता 4 मार्च सन् 1931 ई० में हुआ। यह समझौता महात्मा गाँधी और लार्ड इरिवन के बीच हुआ। इस समझौते में तय हुआ कि बिटिश अहिंसक सत्याग्रहियों को छोड़ देंगे और साथ-साथ बिटिश वस्तुओं का बहिष्कार नहीं किया जा सकता।

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प्रश्न 15.
अवज्ञा आंदोलन में किस तरह की दमन नीति का प्रयोग किया गया?
उत्तर :
सन् 1930 ई०, 6 अप्रैल को गांधी ने गुजरात से डाण्डी मार्च करके उपनिवेशक शासन का विरोध किया। उसके बाद अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ। इस आंदोलन की दबाने के लिए दमन नीति का सहारा लिया गया। समाचारपत्रों पर विधि-विधान लागू कर दिया गया। फिर बाद में लार्ड इरविन और गांधी के बीच बैठक हुई तो अवज्ञा आंदोलन थोड़े दिन के लिए रूक गया।

प्रश्न 16.
महात्मा गाँधी के आंदोलन में एकजुट होने के पीछे क्या अफवाह थी ?
उत्तर :
गाँधी को सब अपना आदमी मानते थे। सब लोगों को उनके प्रति बहुत बड़ी आस्था थी। यही कारण है कि उनके आन्दोलन में एकजुट होने में अफवाह का बहुत बड़ा हाथ था। गाँधी को कोई साधु मानता था तो कोई किसान भगवान मानते थे। गाँधी जमींदारी प्रथा खत्म कर देंगे। बंगाल के उपजाति के लोग मानते थे कि उनका नाम लेने से ब्रिटिश की गोली भी उनको नहीं छू पायेगी। हर एक भारतीय उन्हें अलग-अलग रूप में देखते थे।

प्रश्न 17.
विनय-बादल-दिनेश कौन थे?
उत्तर :
विनय-बादल-दिनेश देश के सच्चे सिपाही थे। उन्होंने सर्वप्रथम उग्रपंथी धारा को माना। बिना डरे उन्होंने रायटर्स बिल्डिंग में घुस कर कारा विभाग के इंस्पेक्टर जनरल सिम्पसन सहित दो लोगों की हत्या कर दी। लम्बे समंय से लड़ाई चलने की वजह से बादल ने विष खाकर जान दे दी। विनय का घायल अवस्था के कुछ दिन बाद मृत्यु हो गई। किन्तु दिनेश को फाँसी दे दी गई।

प्रश्न 18.
भगत सिंह के बारे में क्या जानते हो बताओ?
उत्तर :
भगत सिंह ने सर्वप्रथम हिन्दुस्तान रिपब्लिकन पार्टी की सदस्यता ली। उसके बाद स्वयं उसने नौजवान भारत सभा संगठन तैयार किया। 8 अप्रैल सन् 1929 ई० में केन्द्रीय विधानसभा में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने बम फेंका और अपनी गिरफ्तारी दी। इस षड्यंत्र के लिए दोनों को फाँसी की सजा सुनाई। दोनों इनकलाब जिन्दाबाद का नारा देते हुए फाँसी पर लटक गए।

प्रश्न 19.
चौरीचौरा कांड क्या है ?
उत्तर :
गांधी जी द्वारा चलाए गए असहयोग आन्दोलन के दौरान, 5 फरवरी, 1922 ई० को गोरखपुर के चौरी चौरा नामक स्थान पर कांग्रेस एवं खिलाफत के जुलूस पर पुलिस ने गोली चला दी । इस घटना से क्रुद्ध होकर आन्दोलनकारियों ने चौरीचौरा थाने को घेरकर उसमें आग लगा दी । इसमें 22 पुलिस कर्मी जिन्दा जल गए। इस घटना से आहत होकर गाँधीजी ने 22 फरवरी, 1922 को असहयोग आन्दोलन वापस ले लिया ।

प्रश्न 20.
स्वराज पार्टी का गठन क्यों हुआ था ?
उत्तर :
जब गांधीजी ने 22 फरवरी, सन् 1922 ई० में असहयोग आन्दोलन स्थगित किया तो कांग्रेस में बिखराव और विघटन आरम्भ हो गया । सन् 1922 ई० में कांग्रेस का अधिवेशन गया में हुआ तो परिवर्तनवादियों और अपरिर्तनवादियों में विभेद हो गया । कौसिल में प्रवेश के प्रश्न पर मतदान में परिवर्तनवादी पराजित हो गए। अतः चित्तरंजन दास ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने मोतीलाल नेहरू के साथ मिलकर जनवरी, सन् 1923 ई० में स्वराज पार्टी की स्थापना की । इसके अध्यक्ष देशबन्धु चित्तरंजन दास और सचिव मोतीलाल नेहरू बने ।

प्रश्न 21.
लखनऊ समझौता कब और किसके बीच हुआ था ? इसका मुख्य प्रभाव क्या था?
उत्तर :
लखनऊ समझौता सन् 1916 ई० में उदारपंथी तथा उग्रपंथी काँग्रेस सदस्यों तथा मुस्लिम लीग के प्रतिनिधियों के बीच हुआ था। लखनऊ समझोते से ही गाँधीजी ने असहयोग आन्दोलन को खिलाफत आन्दोलन से जोड़ा था। इससे हिन्दू-मुस्लिम एकता सुदृढ़ हुई।

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प्रश्न 22.
खिलाफत आन्दोलन एवं असहयोग आंदोलन को गाँधीजी क्यों जोड़ने लगे ? उनके द्वारा चरखा चलाने का क्या संकेत था ?
उत्तर :
खिलाफत आन्दोलन तथा असहयोग आन्दोलन के नेता एक दूसरे का सहयोग करने लगे थे । इसके परिणामस्वरूप कांग्रेस और मुस्लिम लीग में समझौता हुआ तथा अपनी मौग स्वीकार कराने के लिए दोनों मिलजुल कर कार्य करने लगे, इससे अंग्रेजी शासन घबड़ा उठी।
गाँधीजी के चरखा चलाने का संकेत स्वदेशी कपड़े का उपयोग करना और विदेशी कपड़ों का वहिष्कार करना था।

प्रश्न 23.
फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना कैसे हुई?
उत्तर :
सन् 1838 ई० में हरिपुर कांग्रेस में गाँधी मनोनीत पट्टाभीसीतारम्मैया को हराकर सुभाष चन्द्र बोस चुने गए। इस कारण गाँधी एक उनके अनुगामियों के साथ नवीन नेतृत्वकारियों की तिक्तता चरम पर पहुँच गई। यह सब देखने के बाद अगले साल सुभाष चंद्र बोस ने नयी पार्टी बनाई जिसका नाम हुआ था ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’।

प्रश्न 24.
गाँधीजी और सुभाष चन्द्र बोस के बीच किस कारण अंर्तरोध हुआ?
उत्तर :
चित्तरंजन दास की मृत्यु हो जाने के बाद सुभाष चन्द्र बोस स्वयं के दायित्व में पूर्ण स्वराज के पक्ष में वक्तव्य देना पड़ता था। ब्विटिश सरकार द्वारा प्रस्तावित युक्तराष्ट्रिय शासन व्यवस्था को उन्होंने अस्वीकार कर दिया। इस विषय को ही केन्द्र में रखकर 1928 ई० में कोलकाता अधिवेशन के दौरान गाँधीजी के साथ सुभाषचंद्र बोस का एक अन्तर्वर्रोध शुरू हो गया।

प्रश्न 25.
रानी की झाँसी वाहिनी का वर्णन करो।
उत्तर :
आजाद हिन्द फौज की रानी की झाँसी वाहिनी भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में नारियों के योगदान का उदाहरण है। आजाद हिन्द फौज में महिला सैनिकों को शामिल करने के प्रति अग्रसर हुए। रानी लक्ष्मीबाई के नाम से इस वाहिनी का नामकरण हुआ ‘रानी झाँसी वाहिनी।”

प्रश्न 26.
भारत का प्रथम विश्व युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर :
ब्रिटिश सरकार की बात मानकर नरम पंथियों ने ब्रिटिश शासक का साथ दिया। बहुत से भारतीय सैनिकों ने प्रथम में अपने प्राण त्याग दिए। इसी कारण रक्षा क्षेत्र का खर्च काफी बढ़ गया। सन्1918-1919 ई० के बीच हुए भयानक अकाल के कारण वस्तु का दामों में बढ़त देखी गई। जिसके कारण गम्भीर दुर्दशा का सामना करना पड़ा। भयानक अकाल के कारण व्यापक स्तर पर फैले संक्रमण रोग से अनेक लोगों की मृत्यु हो गई।

प्रश्न 27.
असहयोग आंदोलन को क्यों रोकना पड़ा?
उत्तर :
असहयोग आन्दोलन हर जगह असहिष्णुपूर्ण नहीं था। गाँधी जनता को साथ नहीं रख पाये थे। धीरे-धीरे पुलिस और जनता के बीच संघर्ष शुरू हो गया। लोगों ने थाने के दरवाजे को बाहर से बंद करके आग लगा दिया। यह देखकर गाँधी ने असहयोग आन्दोलन स्थगित कर दिया था।

प्रश्न 28.
प्रथम विश्वयुद्ध के कारण भारत पर हुए आर्थिक असर की संक्षिप्त चर्चा करें।
उत्तर :
प्रथम विश्धयुद्ध में बहुत से भारतीय सैनिक ने अपने प्राण गवाए। रक्षा क्षेत्र का खर्च काफी बढ़ गया था। इसके परिणामस्वरूप जरुरी चीजों की कीमत भी काफी बढ़ गई थी। उस दौरान फसलों की पैदावार भी कम हो गई थी।19181919 ई० के बीच हुए भयानक अकाल के कारण व्यापक स्तर पर फैल गए संक्रमण रोग से लाखो लोगों की मृत्यु हुई थी। भारत में मजदूर आन्दोलन पहले की तुलना में काफी मजबूती से आगे बढ़ा। आर्थिक संकट ने समाजिक जीवन में विश्रृंखला की सृष्टि की। ब्रिटिश शासन के विरुद्ध भारतीयों का मोहभंग हुआ था।

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प्रश्न 29.
अहिंसा असहयोग आंदोलन को गाँधी ने क्यों बंद कर दिया? इस अपना विचार प्रकट करो।
उत्तर :
असहयोग आन्दोलन के चलते भारत में कपड़े का आयात बहुत कम हो गया था। साथ ही साथ विद्यालय और स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। साथ ही साथ मजदूर वर्ग ने भी इस आन्दोलन में अहम भूमिका निभाई। पूरा भारत इस आन्दोलन में शामिल नहीं हुआ लेकिन अलग-अलम प्रान्तों में अलग अलग तरीकों से आन्होलन चलाई जा रही थी।

लेकिन धीरे – धीरे यह आन्दोलन हिंसा का रूप ले रहा था। विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार के साथ-साथ वस्तुआं का जलाया जा रहा था। गाँधी ने इस आन्दोलन बंद कर दिया। इसका कुछ नेताओं ने भी गाँधी का विरोध किया किन्तु गाँधी ने कठोर कदम उठाया क्योंकि ब्रिटिश सरकार दमन की नीति अपना रही थी। लाखो लोग मारे जाते फिर आजादी प्राप्त करना और भी कठिन हो जाता।

प्रश्न 30.
गाँधी ने अपने किताब ‘स्वराज’ नामक किस प्रकार का विचार प्रकट किया है?
उत्तर :
सन् 1909 ई० में गाँधी ने ‘स्वराज’ नामक किताब लिखी। इसमें उन्होंने स्वराज संबंधी सामाजिक आदर्शो का विश्लेषण किया था। उनका कहना था कि खाली उपनिवेशक शासन ही नहीं आधुनिक उद्योग भी भारत के दुश्मन हैं। उनका कहना था कि उपनिवेशिक शासन को हटा देने से कुछ नहीं होगा। हम तब तक आजाद नहीं होंगे जब तक उनके द्वारा बनाया हुआ समाज को हम हटा नहीं देते। गाँधी बहुत ही सरल जीवन जीते थे। उनका मानना था कि किसान की तरह सबको अपना जीवन जीना चाहिए।
गांधी अधुनिक युग को उतना महत्व नहीं देते थे। उनकी सोच केवल आजादी नहीं उसके साथ आत्मा और मन की आजादी भी थी।

प्रश्न 31.
जलियाँवाला बाग में ब्रिटिश सरकार ने किस तरह का अत्याचार किया?
उत्तर :
सन् 1919 ई० में एस.ए. टी रालेट के नेतृत्व में दो बिल पास हुए जिसके दोनों बिलों में क्रांतिकारी दमनात्मक आन्दोलन को रोकने के लिए अधिक दमात्मक क्षमता देने की बात कही। गाँधी ने इसका विरोध किया। उन्हें जेल जाना पड़ा। इसी बिल के सहारे ब्रिटिश ने जलियाँवाला बाग में खून की होली खेली। 13 अप्रैल सन् 1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग काफी संख्या में लोग निरख प्रतिवाद कर रहे थे। उधर ब्रिटिश सरकार के सैन्यवाहिनी के कमाण्डर माइकल ओ डायर ने मोर्चा सम्भाला। जलियाँवाला बाग से निकलने के लिए एक ही रास्ता था। उस रास्ते को रोककर प्रतिवाद कर रहे लोगों पर लगातार गोलीबारी की गई। असंख्य लोग मारे गए। इस घटना के बाद रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने इस बर्बर हत्याकाण्ड के विरोध में ‘सर’ की उपाधि का त्याग कर दिया।

विस्तृत उत्तर वालें प्रश्न (Detailed Answer Questions) : 5 MARK

प्रश्न 1.
गांधी के सत्याग्रह के आदर्श की व्याख्या करो। इन आदर्शों के साथ कांग्रेस की शुरूआती नरम पंथियों के आदर्श की तुलनात्मक चर्चा करो।
उत्तर :
गांधी के सत्याग्रह और ‘अहिंसा’ के आदर्श का पारस्परिक संबंध है। इन दोनों को एक साथ ‘अहिंसा सत्याग्रह’ भी कहा जाता है। गांधी का मानना था कि सत्य की खोज ही जीवन का परम लक्ष्य है। फलस्वरूप सत्य के प्रति आग्रह अथवा सत्य के प्रति निष्ठा राजनीतिक प्रतिवाद प्रतिरोध प्रदर्शन करने वालों के गांधी कटु आलोचक थे। गांधी के आन्दोलन का चरित्र एक प्रकार से मानवधर्मी था। अधिकांश लोगों को आन्दोलन में शामिल करना ही अहिंसा सत्याग्रह की सफलता थी.। लेकिन इसके साथ ही गाँधी मानते थे कि अहिंसा और सत्याग्रह के आदर्श को आमजनों को कठोर रूप से पालन करना ही होगा।
राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रारंभिक नेता (सन्-1885-सन् 1905 ई。) उदारवादी आंदोलन के विश्वासी थे। वे अनुनय-विनय की नीति के द्वारा सरकार के पास भिक्षावृत्ति की राजनीति के विश्वासी थे। इस नीति में विश्वासी कांग्रेसी नेताओं को नरमपंथी के नाम से जाना जाता है।
राष्ट्रीय कांग्रेस के दो नरमपंथी नेताओं का नाम – दादा भाई नैरोजी तथा सुरेन्द्रनाथ बनर्जी था।

नरमपंथी नेताओं के कार्यों का मूल्यांकन :

  1. कांग्रेस की स्थापना के प्रारंभ के नेता उच्चवित्त सम्रदाय का प्रतिनिधित्व करते थे। फलस्व्रूप इनका आंदोलन कभी भी साधारंण लोगों में नहीं पहुँच पाया।
  2. नरमपंथी नेतागण आवेदन-निवेदन की नीति में विश्वास करते थे। किन्तु उनके क्रियाकलाप का कोई फल नहीं मिला। ब्रिटिश सरकार की अमानवीय मनोभावना भी इसकी व्यर्थता का कारण था।
  3. नरमपंथियों के अनुनय-विनय की नीति एक भिक्षावृति के समान था।
  4. उनके बीच गुटबंदी तथा व्यक्ति केन्द्रिकता ने कांग्रेस को दुर्बल बना दिया।

WBBSE Class 8 History Solutions Chapter 7 भारत के राष्ट्रीय आंदोलन का आदर्श और परिवर्तन

प्रश्न 2.
अहिंसा असहयोग आन्दोलन की क्या विशेषताएँ थी? इस आन्दोलन को रद्द कर देने के सिद्धान्त पर गांधी के साथ क्या तुम एक मत हो? तुम अपने विचारों के पक्ष में तर्क रखो।
उत्तर :
असहयोग आंदोलन : 1 अप्रैल 1920 ई。 को गाँधीजी ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध असहयोग आंदोलन शुरु किया। सरकारी पदवी का त्याग, सरकारी स्कूल, कॉलेज, ऑंफिस, अदालत सभी का वहिष्कार करने का आह्नान उन्होंने भारतवासियों से किया। इनके नेतृत्व में यह आन्दोलन पूरे भारतवर्ष में ब्रिटिश विरोधी जन आंदोलन में परिणत हो गया। किन्तु ‘चौरीचौरा”‘ के हिंसक कार्यकलाप के करण इन्होंने इस आंदोलन को वापस ले लिया।

अहिंसा असहयोग आन्दोलन की विशेषताएँ –

  1. असहयोग आंदोलन के फलस्वरूप भारत में कपड़े के आयात का प्रतिशत बहुत कम हो गया था।
  2. मजदूर और किसानों ने इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
  3. इस असहयोग आंदोलन ने उन लोगों को भी साथ ला दिया जो पहले कभी काँग्रेस द्वारा परिचालित आंदोलन में साथ नहीं दिया था।

असहयोग आंदोलन को असफल आंदोलन नहीं कहा जा सकता, यद्यपि असहयोग आन्दोलन अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर सका फिर भी यह भारत का प्रथम जन आन्दोलन था जिसमें देश की जनता का प्रत्येक वर्ग सम्मिलित हुआ। अब किसी को जेल का भय नहीं था 1 जेल तो उनके लिए तीर्थस्थान बन गई थी। जनशक्ति के महत्त्व को समझकर अब कांग्रेस ने भी संवैधानिक तरीकों को छोड़कर जन आन्दोलन के तरीकों को अपनाया। सरकार ने भी अपनी नीतियों में परिवर्तन किया। वह समझ गयी कि अब शक्ति के बल पर भारत में शासन नहीं किया जा सकता है । इस आन्दोलन के द्वारा लोगों में राष्ट्र प्रेम की भावना बढ़ी और लोग राष्ट्र को सर्वोपरि मानने लगे।

प्रश्न 3.
कानून अवज्ञा आन्दोलन में आम लोगों की हिस्सेदारी का चरित्र क्या था? सूर्य सेन और भगत सिंह का संग्राम क्या गांधी की नीतियों का सहगामी था?
उत्तर :
अहिंसात्मक आन्दोलन के बाद कुछ सालों तक कोई नया आन्दोलन तैयार करने की स्थिति नहीं बन पा रही थी। गांधी स्वयं भी कई सालों तक जेल में रहे। जेल से निकलकर फिर वे अपना मन आदर्श सत्याग्रही तैयार करने में लगाते रहे। दूसरी तरफ कांग्रेस संगठन के बीच भी नया विवाद उठ खड़ा हुआ था। कांग्रेस के बीच स्वराज पंथी नामक एक नया दल तैयार हो गया था।

कांग्रेस के बीच से ही चित्तरंजन दास और मोतीलाल नेहरू आदि प्रमुख नेताओं ने गांधी के रास्ते से बाहर निकल आने की बात की थी। उनका मानना था कि सरकारी कानून व्यवस्था का बॉयकाट न करके उसे मानना ही उचित है। अन्यथा सरकारी नीति और काम में बाधा उत्पन्न होगी। दूसरी तरफ गांधी पंथी पुराने रास्ते पर ही चलने में उत्साही दिख रहे थे। फलस्वरूप 1922 ई० के अन्त में चित्तरंजन दास और मोतीलाल नेहरू ने मिलकर ‘कांग्रेस-खिलाफत-स्वराज दल’ तैयार किया। यह दल कांग्रेस के बीच ही एक अलग दल के रूप में काम करता रहा। मगर कुछ नीतियों में अलग होकर भी गांधी के परामर्श पर दोनों दल कांग्रेस के साथ ही रह गए थे।

सूर्य सेन : 1930 ई० में चट्टग्राम (चटगाँव) में सूर्य सेन के नेतृत्व में क्रान्तिकारियों का उत्थान हुआ था। तय हुआ कि एक साथ ही चटगाँव, मैमनसिंह और बारिशाल में आक्रमण करना होगा। इसी योजना के अन्तर्गत सूर्य सेन के नेतृत्व में 1930 ई० के 18 अप्रैल को चटगाँव अस्त्रागार लूटा गया। अस्त्रागार लूंटने के बाद 22 अप्रैल को क्रान्तिकारियों ने जलालाबाद पहाड़ो पर आश्रय लिया। वहीं पर ब्रिटिश सेना के साथ क्रान्तिकारियों की लड़ाई हुई। इस लड़ाई में क्रान्तिकारियों के पक्ष से 11 लोग मारे गये। इसके बाद गुरिल्ला कायदे से युद्ध करने का फैसला लेकर क्रान्तिकारी जलालाबाद से चारों तरफ फैल गये।
भगत सिंह : ब्रिटिश पुलिस के हाथों मारे गये लाला लाजपत राय का बदला लेने के लिए भगत सिंह ने लाहौर पुलिस सुपरिन्टेन्डेन्ट सान्डर्स की हत्या की।

8 अप्रैल 1929 ई० को केन्द्रीय विधान सभा में भगत सिंह एवं बटुकेश्चर दत्त ने बम फेंका और स्वेच्छा से अपनी गिरफ्तारी दी । उस घटना में क्रान्तिकारी राजगुरू और और सुखदेव सहित बहुतों को पकड़ा गया। ब्रिटिश सरकार ने इसी मामले में 1929 में लाहौर षड्यंत्र मुकदमा शुरु किया। 1931 ई० में इस मुकदमे के फैसले में भगत सिंह, बटुके शर दत्त, सुखदेव और राजगुरु को फाँसी की सजा सुनाई गई। ‘इन्कलाब जिन्दाबाद’ शब्द को भगत सिंह और उनके सहयोगियों ने लोकप्रिय बना दिया। 1942 ई० में भारत छोड़ो आन्दोलन के समय गांधी ने जिस अहिंसा सत्याग्रह की बात की थी वह आदर्श हमेशा नहीं टिका रहा। गांधी ने स्वयं करेंगे या मरेंगे की आवाज लगाकर इस आन्दोलन का मिजाज ही बदल दिया।

WBBSE Class 8 History Solutions Chapter 7 भारत के राष्ट्रीय आंदोलन का आदर्श और परिवर्तन

प्रश्न 4.
राष्ट्रीय राजनीति में सुभाषचन्द्र बोस के उत्थान की पृष्ठभूमि का विश्लेषण करो। सुभाषचन्द्र की राजनीतिक चिन्तन धारा किस-किस विषय से प्रभावित थी, अपने शब्दों में बताओ।
उत्तर :
नेताजी का जन्म 23 जनवरी सन् 1897 ई० को कटक में हुआ । ये अत्यन्त प्रतिभा सम्पन्न विद्यार्थी थे। इनके मन में देश-प्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी थी । ये जन्मजात देशभक्त थे । आई०सी०एस० की परीक्षा पास कर जब ये इंग्लैण्ड से भारत आये तो ये सर्वप्रथम देशबन्धु चितरंजन दास के सम्पर्क में आये और इसके बाद इन्होंने राजनीति में प्रवेश किया । कुछ दिनों तक ये कलकत्ता में मेयर के पद पर रहे फिर कांग्रेस में शामिल हो गये और एक कर्मठ नेता के रूप में तत्परता के साथ भारत माता की सेवा कांग्रेस के माध्यम से करने लगे ।

कांग्रेस की सेवा तथा फारवर्ड ब्लाक की स्थापना :- गांधीजी अपने समय के कांग्रेस के सबसे बड़े नेता थे। सुभाष चन्द्र बोस भी भारतीय जनता के हृदय के सम्राट थे, पर दोनों के देश के सम्बन्ध में आर्थिक, राजनीतिक विचारों में साम्य नहीं था। सुभाष चन्द्र बोस को स्वराज्य पार्टी के कार्यक्रमों को देखकर एवं समझ कर राजनीतिक परिपक्वता आयी । गांधीजी ने जब सविनय अवज्ञा आन्दोलन वापस ले लिया तो नेताजी ने उसका विरोध किया। सुभाष चन्द्र बोस के विचार साम्यवादी थे। सुभाष चन्द्र बोस पूरे देश में जागरण लाकर पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना चाहते थे । गांधीजी ने असहयोग आन्दोलन वापस लिया तो सुभाष चन्द्र बोस ने इसे राष्ट्रीय भूल कहा। कांग्रेस के सन् 1929 ई० के लाहौर अधिवेशन से एक वर्ष पहले जवाहरलाल और सुभाष बाबू ने ‘Independent league’ की स्थापना की और लाहौर अधिवेशन में जवाहर लाल ने कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में पूर्ण स्वराज्य की माँग की। सुभाष चन्द्र बोस ने बहिष्कार, हड़ताल और वैकल्पिक सरकार के गठन की माँग रखी जिसे गांधीजी के विरोध के कारण कांगेस द्वारा समर्थन नहीं मिला।

सन् 1938 ई० में सुभाष चन्द्र बोस हरिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये। अपने अध्यक्ष काल में सुभाष चन्द्र बोस ने कांग्रेस में रहते हुएं साम्यवाषी और बामपंथी ताकतों को एक साथ मिलाया एवं पूरे देश में बिटिश विरोधी एवं साम्राज्यवादी ताकत के विरोध में जनमत तैयार किया। अत: सन् 1939 ई० के त्रिपुरी कांग्रेस की अध्यक्ष पद के लिए खड़े हुए तो पट्टाभि सीतारमैया गांधीजी के समर्थन से अध्यक्ष पद के लिए खड़े हुए। इस पर गाँधीजी के साथ उनका विरोध हुआ और वे कांग्रेस को छोड़ कर फारवर्ड ब्लॉक दल की स्थापना किये।

प्रश्न 5.
भारत छोड़ो आन्दोलन क्या गांधी के अहिंसा सत्याग्रह के आदर्श को मानकर चला था ? नौविद्रोह को स्वाधीनता संग्राम में योगदान को तुम किस तरह व्याख्या करोगे।
उत्तर :
1942 ई० में भारत छोड़ो आन्दोलन के समय गांधी ने जिस अहिंसा सत्याग्रह की बात की थी वह आदर्श हमेशा नहीं टिका रहा। गांधी ने स्वयं करेंगे या मरेंगे की आवाज लगाकर इस आन्दोलन का मिजाज ही बदल दिया। ब्रिटिश शासकों के प्रति उनका यह विचार था कि ब्रिटिश भारत छोड़कर चले जाएँ, उसके बाद जो भी परिस्थिति होगी उसका दायित्व गांधी स्वर्य लेंगे। इससे ही भारत छोड़ो आन्दोलन में भी विभिन्न प्रान्तों के लोगों ने हिस्सा लिया था। इसी साल अगस्त में ब्रिटिश सरकार ने आन्दोलन के प्रधान-प्रधान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। उस समय नेतृत्वहीन हो पड़े इस आन्दोलन को साधारण लोगों ने ही भारत के विभिन्न प्रान्तों में स्वतः स्कूर्त ढंग से आगे बढ़ाया। वस्तुतः नेताहीन आन्दोलन इतनी दूर तक आगे बढ़ेगा। इसे कांग्रेस के अगुवा भी नहीं सोच सके थे।

1946 ई० में 18 से 23 फरवरी तक बम्बई में नौ-विद्रोह ने उपनिवेशक ब्रिटिश सरकार की नींद उड़ा दी थी। भोजन का घटिया स्तर और वर्ण-वैषम्य जैसे अपमान के विरूद्ध 18 फरवरी को ‘तलवार’ जहाज के सैनिकों (Rating) ने अवरोध किया। उनकी माँग थी अच्छा भोजन और समान वेतन। इसके साथ ही वे आजाद हिन्द फौज एवं दूसरे राज बान्दियों की मुक्ति की मांग भी कर रहे थे। सारे राजनीतिक दलों का पताका उनलोगों ने जहाज के मुस्तूल पर फहरा दिया।

मगर ब्रिटिश प्रशासन ने भयकर दमन नीति अपनाते हुए नौ-विद्रोह को रोकने की चेष्टा की। इसके फलस्वरूप हड़ताल और प्रतिवाद जल्द ही संघर्ष का रूप ले लिया। नौ-विद्रोह के समर्थन में भारत के विभिन्न.हिस्सों में छात्र युवा एवं आम लोग सड़कों पर उतरे। जबकि कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग ने नौ-विद्रोहियों से अपना समर्थन वापंस ले लिया। यहाँ तक कि महात्मा गांधी ने भी इस विद्रोह का विरोध किया था। आजाद हिन्द फौज की तरह नौ-विद्रोहियों ने भी ब्रिटिश शासन के खिलाफ संगठित हुए थे। फलस्वरूप उन्हें भी एक जैसा सम्मान मिलना चाहिए था।

प्रश्न 6.
भारतीय राजनीतिक जीवन पर द्वितीय विश्वयुद्ध के प्रभाव का वर्णन करो।
उत्तर :
द्वितीय विश्व युद्ध प्रथम विश्व युद्ध से ज्यादा घातक था। उस समय ब्रिटिश सरकार काँग्रेस से बिना विचार-विमर्श किए भारत को युद्ध में शामिल कर लिया। यह देखखर कांग्रेसी मंत्रिमंडलों ने इस्तीफा की राय बना ली। भारत को राजी करने के लिए ब्रिटिश ने काँग्रेस को राजी करना चाहा किन्तु कांग्रेस ने समर्थन के बंदले पूर्ण स्वतंत्रता की माँग की। उधर ब्रिटिश सरकार के सन् 1940 ई० 8 अगस्त में भारत के औपनिवेशिकं स्वायतता घोषणा की निन्दा की और गाँधी ने पुन: सविनय अवज्ञा की बात कही। गाँधी व्यक्तिगत सत्याग्रह के लिए राजी हुए। सबसे पहले बिनोवा भावे ने सत्याग्रह की शुरुआत की। सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू आदि ने अपनी गिरफ्तारी भी दी। लेकिन इसका कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया।

फिर संघर्ष को तेज करने के लिए ‘भारत छोड़ो’ का नारा दिया गया। इस आन्दोलन में भारत में एक लहर दौड़ गई। लोगों ने असंख्य रेलवे स्टेशन, पुलिस थाना को जला डाला। इसके साथ रेल लाइन उखाड़ दिया और तार काट दिया। लेकिन यह आन्दोलन ब्रिटिश सरकार ने दबा दिया।

सन् 1946 ई० 19 फरवरी को ब्रिटिश सरकार को चिन्ता में डाल दिया। भारतीय नौ सेना के विद्रोह से सरकार समझ गई कि उन्हें भारत छोड़ना ही पड़ेगा। किन्तु मिशन पाकिस्तान की माँग की उपेक्षा कर संयुक्त भारत की व्यवस्था की तथा भारत के लिए संविधान निर्माण करने की बात स्वीकार की लेकिन ऐसी स्थिति में दो राष्ट्र का निर्माण कर डाला। भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 ई० के आधार पर भारत और पाकिस्तान दो राष्ट्रों का निर्माण कर.दिया गया।

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प्रश्न 7.
किस प्रकार स्वराज बल की स्थापना हुई और गाँधी और सुभाषचन्द्र बोस के बीच अंर्तविरोघ क्यों शुरू हो गया ?
उत्तर :
सुभाषचन्द्र बोस ने राजनीति में अपना कदम गाँधी के बाद रखा। वह पूर्ण स्वराज्य के पक्ष में थे। सुभाषचन्द्र जब राजनीति में प्रवेश किये तब वह गाँधी के आदर्श पर पूर्ण विध्धास रखते थे। बीसवीं सदी में सुभाषचन्द्र की मुलाकात देशबन्धु के साथ हुई। सुभाष के असहयोग आन्दोलन के चलते उन्हें जेल जाना पड़ा। एक ही जेल में रहने के कारण सुभाष और चित्तरंजन की मुलाकात हुई। इसी मुलाकात के कारण चित्तरंजन और मोतीलाल नेहरू के स्वराज दल सचिव सुभाषचन्द्र थे। सन् 1924 ई० में इस स्वराज बल को कोलकाता कार्पेरिशन से जीत हुई थी। इसी वक्त कार्पोरेशन के सहयोग से बहुत से अवैतनिक विद्यालय स्थापित हुए।
गाँधी और सुभाष चंद्र बोस में मतभेद देखने को मिला। सुभाषचन्द्र बोस के दायित्व में पूर्ण स्वराज के पक्ष में वक्तव्य देना पड़ता था। उधर ब्विटिश सरकार द्वारा प्रस्तावित युक्तराष्ट्रीय शासन व्यवस्था को उन्होंने अस्वीकार कर दिया। इसी कारण से दोनों में मतभेद के कारण अन्तरविरोध शुरू हो गया।

प्रश्न 8.
भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में नारियों का क्या योगदान था?
उत्तर :
भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में नारियों का बहुत बड़ा योगदान है। इसका बहुतबड़ा उदाहरण है आजाद हिन्द फौज में रानी झाँसी का सुभाषचन्द्र बोस सेवा के काम्में महिलाओं की हिस्सेदारी की बात भी सोची थी। सन्स857 ई० के विद्रोह में प्रमुख सेनावाहिनी के नाम से इस वाहिनीका नामकरण हुआ। रानी झाँसी वाहिनी। करीब 1500 महिलाओं ने इस वाहिनी में अपना योगदान दिया। झाँसी की रानी की हिम्मत का सभी ने लोहा माना। भारतीय नारियों की आत्ममर्यादा और स्वावलम्बन की धारणा को प्रतिष्ठित करने में रानी झाँसी वाहिनी ने प्रेरणा का काम किया था।

प्रश्न 9.
प्रथम विश्व युद्ध के बाद किस तरह का प्रभाव भारत पर पड़ा?
उत्तर :
प्रथम विश्व युद्ध अगस्त 1914 ई०से लेकर 1918 ई० तक रही। भारत ब्रिटिश सरकार के अधीन था। इस कारण इसं युद्ध के कारण भारत की सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक स्थिति पर अधिक प्रभाव पड़ा। युद्ध में काफी व्यय (खर्च) होने से भारत की आर्थिक स्थिति डगमगा गई। अधिक कर। सैनिकों की मृत्यु, महँगाई की स्थितियों पर जनजीवन पर भयानक प्रभाव डाला। समस्त भारत में 12 लाख सैनिक थे जिसमें लगभग 10 % सैनिक युद्ध में मारे गए। इस युद्ध के कारण सेना से बहुत से लोगों को बाहर निकाल दिया गया। इसके कारण उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ा।
युद्ध के खर्च को पूरा करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने कर की कीमत बढ़ा दी। चाहे वह भूमि हो, या अन्य तरह के कर हों। अधिकांश लोगों को (Income Tax) के दायरे में लाया गया।
खाने से लेकर हर वस्तु महँगी हो गई। सबसे ज्यादा किसानों को दुःख झेलना पड़ा था। इस युद्ध का प्रभाव हर भारतीयों पर पड़ा और देश की आर्थिक दशा को और नष्ट कर दिया गया।

प्रश्न 10.
सूर्य सेन के बारे में बताएँ।
उत्तर :
सन् 1930 ई० में चट्टग्राम में सूर्य सेन के नेतृत्व में कान्तिकारियो का उत्थान हुआ था। सूर्य सेन की देखरेख में सन् 1930 ई० 18 अप्रैल को अस्त्रागार लूटा गया। अस्त्रागार लूटने के बाद क्रान्तिकारियों ने पहाड़ों पर आश्रय लेने की सोची। क्योंकि घटना होने के बाद उनकी धरपकड़ तेज हो गई थी। उसी समय ब्रिटिश सरकार ने पहाड़ पर धावा बोल दिया था। पहले से बिना सूझ-बुझ के कारण 11 क्रांन्तिकारियों की मृत्यु हो गई।

इसी कारण क्रान्तिकारी जलालाबाद के चारों तरफ फैल गए। सूर्य सेन के साथ गणेश घोष, अनन्त सिंह आदि थे उन सबो ने अपनी वीरता दिखाई और अपना लोहा मनवाया।
परन्तु सूर्य सेन इस घटना के बाद ज्यादा दिन बच कर नहीं रह सके। सन् 12 जनवरी 1934 में उनको ब्रिटिश सरकार ने फॉसी दे दी।

प्रश्न 11.
गाँधी गोलमेल की बैठक में क्यों निराश हो गए ?
उत्तर :
सन् 1931 ई० 4 मार्च की गाँधी और ब्रिटिश लॉर्ड इरिविन के बीच समझौता हुआ। उस समझौता को दिल्ली समझौता कहते हैं। इस समझौते में यह दोनों जन ने यह तय किया की ब्रिटिश सरकार अंहिसक सत्याप्रहियों को मुक्त कर देगी उनपर कोई कार्यवाही नहीं होगी और उसके साथ साथ ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार नहीं किया जा सकेगा। और दमनात्मक कानून भंग कर दिया जाएगा। इसी के साथ कांग्रेस भी अवज्ञा आंदोलन समाप्त कर देगी। गांधी की बैठक में हिस्सा लेना होगा जो लन्दन में होना है।

पहली बैठक में दोनों तरफ से रूप रेखा तैयार की गई। और रजामंदी भी हो गई। परन्तु दूसरी बैठक जो की लन्दन में होने वाली थी जहाँ गांधी जी गए थे वहा गोलमेज ने सारी बातों की मानने से इनकार कर दिया जो रूप रेखा बनाई गई थी उसे नहीं माना।
फलस्वरूप गांधी को घोर निराशा हुई इसी के कारण संविनय अविज्ञा आंदोलन तैयार किया गया और उसकी शुरुआत हो गई।

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प्रश्न 12.
सुभाष चन्द्र बोस के छात्र जीवन पर प्रकाश डालो।
उत्तर :
सुभाष चन्द्र जी बचपन से ही होनहार थे। उन्होंने प्रेसीडेन्सी कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए क्योंकि उनको और उनके सहपाठियों को निकाल दिया गया था। उन्होंने और उनके दोस्ते ने मिलकर इतिहास के प्राध्यापक ई० एफ० बेटन का विरोध किया था। इसी कारण उन्होंने अपनी बी० ए० क़ी पढ़ाई स्काटिश-चर्च कॉलेज में की। उन्होंने कभी भी किसी कार्य को अनदेखा नहीं किया उन्होंने चार माह तक कोलकता विश्वविद्यालय में टेरिटोरियल आर्मी की शाखा में योगदान दिया। इसी के कारण उन्हें सैन्य प्रशिक्षण और साधारण जीवन की अवधारणा समझ में आ गई।
उन्हें देश के बाहर का भी ज्ञान प्राप्त हुआ। सन् 1919 ई० में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। वहाँ के छात्र छात्राओं का स्वतंत्र मनोभाव और तर्क वितर्क करने की इच्छा ने सुभाष की बेहद मुगध कर दिया। उन्होंने आई०सी० एक की परीक्षा में चतुर्थ स्थान प्राप्त किया था।
उनका पूरा जीवन ही हर एक लिए मार्ग दर्शन है। उनकी हर बाते स्पष्ट और हर कार्य ठोस होती थी।

प्रश्न 13.
जलियाँवाला बाग हत्याकांड का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड:- रालेट ऐक्ट के विरोध में 13 अप्रैल, 1919 ई० को जलियाँवाला बाग में एक सभा का आयोजन किया गया था जिसे भंग करने के लिए सरकार ने गोली चलवाकार नृशंस हत्याकाण्ड में बदल दिया। इस हत्याकाण्ड का रूपकार जनरल डायर था। इसमें 1000 लोग मारे गये । जब इस काण्ड की भर्त्सना पूरी दुनिया में हुई तो अंग्रेजी सरकार ने लॉर्ड हण्टर की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की। इस समिति की रिपोर्ट निष्पक्ष नहीं थी, फिर भी जनरल डायर को दोषी ठहराया गया था।
जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के प्रभाव निम्नलिखित हैं :-

  1. जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर गहरा प्रभाव पड़ा।
  2. गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी ‘सर की उपाधि लौटा दी।
  3. हण्टर की रिपोर्ट से भारतीयों का अंग्रेजों की न्यायप्रियता से विश्चास समाप्त हो गया।

अतः स्वतंत्रता की लड़ाई में किसान, मजदूर, छात्र और महिलाओं का भी योगदान मिला और स्वतंत्रता की लहर ने जन-संग्राम का रूप धारण कर लिया।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (Multiple Choice Question & Answer) : (1 Mark)

प्रश्न 1.
मोहन दास करमचंद गाँघी के नेतृत्व में कौन-सा आन्दोलन हुआ था?
(a) जल आंदोलन
(b) समाज आंदोलन
(c) जन आंदोलन
(d) भारत आंदोलन
उत्तर :
(c) जन आंदोलन।

प्रश्न 2.
पहला विश्वयुद्ध कब हुआ ?
(a) सन् 1915 – 1950 ई० में
(b) सन् 1914 – 1919 ई० में
(c) सन् 1915 – 1916 ई० में
(d) सन् 1917-1918 ई० में
उत्तर :
(b) 1914 – 1919 ई० में।

प्रश्न 3.
फसलों की कम पैदावार के कारण भारत में अकाल कब पड़ा?
(a) सन् 1918 – 1919 ई० में
(b) सन् 1919 – 1920 ई० में
(c) सन् 1921 – 1925 ई० में
(d) सन् 1926-1928 ई० में
उत्तर :
(a) सन् 1918 – 1919 ई० में।

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प्रश्न 4.
हिंद स्वराज नामक पुस्तक किसने लिखी ?
(a) ब्रिटिश ने
(b) गाँधी ने
(c) चेम्स फोर्ड ने
(d) रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने
उत्तर :
(b) गाँधी ने।

प्रश्न 5.
गांधी दक्षिण अफ्रीका से कब लौटे?
(a) सन् 1951 ई० में
(b) सन् 1915 ई० में
(c) सन् 1919 ई० में
(d) सन् 1920 ई० में
उत्तर :
(b) सन् 1915 ई० में।

प्रश्न 6.
किस प्रांत में रालेट सत्याग्रह के विरुद्ध ब्रिटिश सरकार ने दमनात्मक नीति अख्तियार कर ली?
(a) पंजाब
(b) कोलकाता
(c) दिल्ली
(d) मुम्बई
उत्तर :
(a) पंजाब।

प्रश्न 7.
किसने ‘सर’ की उपाधि त्याग दी?
(a) रंवीन्द्रनाथ ठाकुर ने
(b) गांधी ने
(c) खुदीराम बोस ने
(d) सुल्तान ने
उत्तर :
(a) रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने।

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प्रश्न 8.
सन् 1921 ई० में कौन-सा आन्दोलन का आह्नान किया गया?
(a) असहयोग आंदोलन
(b) समझोता आंदोलन
(c) मुक्ती आंदोलन –
(d) भारत छोड़ो आंदोलन
उत्तर :
(a) असहयोग आंदोलन।

प्रश्न 9.
तुरस्क के सुलतान को गद्दी से कब हटा दिया गयां?
(a) सन् 1917 ई० में
(b) सन् 1918 ई० में
(c) सन् 1920 ई० में
(d) सन् 1925 ई० में
उत्तर :
(b) सन् 1918 ई० में।

प्रश्न 10.
खिलाफत कमेटी का गठन कब हुआ?
(a) 3 मार्च, सन् 1919 ई० में
(b) 3 मार्च, सन् 1920 ई० में
(c) 3 मार्च सन् 1911 ई० में
(c) 3 मार्च सन् 1911 ई० में
उत्तर :
(a) 3 मार्च, 1919 ई० में।

प्रश्न 11.
चित्तरंजन दास की मृत्य कब हुई?
(a) 1925 ई० में
(b) 1952 ई० में
(c) 1917 ई० में
(d) 1971 ई० में
उत्तर :
(b) 1952 ई० में।

प्रश्न 12.
गांधी ने कब पूर्ण स्वराज की मांग की?
(a) सन् 1929 ई० में
(b) सन् 1930 ई० में
(c) सन् 1911 ई० में
(d) सन् 1992 ई० में
उत्तर :
(a) सन् 1929 ई० में।

प्रश्न 13.
किसके संगठन का नाम खुदाई खिदमतगार था?
(a) अब्दुल गफ्फार खान
(b) अब्दुल रैयात
(c) अब्दुल वशीम
(d) अब्दुल अकरम
उत्तर :
(a) अब्दुल गफ्फार खान।

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प्रश्न 14.
किसके नेतृत्व में सिलेट, मैमन सिंह आदि अंचलों में आंदोलन संगठित हुआ ?
(a) मौलाना अव्दुल गफारार खान
(b) अब्दुल रैयात
(c) अब्दुल खान
(d) मौलाना अकरम
उत्तर :
(a) मौलाना अब्दुल गफ्फार खान।

प्रश्न 15.
दिल्ली समझौता कब हुआ था?
(a) 4 मार्चस्त् 931 ई में
(b) 5 जन्वरीस्न 931 ई० में
(c) 3 मार्चस्न् 1932 ई में
(d) 2 मार्चसन्1923ई में
उत्तर :
(a) 4 मार्च सन् 1931 ई० में।

प्रश्न 16.
सविनय अवज्ञा आंदोलन कब शुरू हुआ?
(a) सन् 1923 ई० में
(b) सन् 1932 ई० में
(c) सन् 1936 ई० में
(d) सन् 1938 ई० में
उत्तर :
(b) सन् 1932 ई० में।.

प्रश्न 17.
सन् 1930 ई० के 18 अप्रैल को चटगाँव में क्या लुटा गया था?
(a) अस्तागार
(b) रुपये पैसे
(c) खजाना
(d) सोना, चाँदी
उत्तर :
(a) अस्त्रागार

प्रश्न 18.
हिन्दू रिपब्लिकन पार्टी की सदस्यता किसने ली ?
(a) भगत सिंह ने
(b) खुदीराम बोस ने
(c) मैमन सिंह ने
(d) गाँधी ने
उत्तर :
(a) भगत सिंह ने।

प्रश्न 19.
रायटर्स बिल्डिंग पर हमला कब हुआ?
(a) 8 दिसम्बर सन् 1930 ई० में
(b) 1 दिसम्बर सन् 1925 ई० में
(c) 12 दिसम्बर सन् 1938 ई० में
(d) 13 दिसम्बर सन् 1939 ई० में
उत्तर :
(a) 8 दिसम्बर सन् 1930 ई० में।

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प्रश्न 20.
किन्हें 12 जनवरी 1934 ई० की फाँसी दी गई थी।
(a) सूर्यसेन
(b) भगत सिंह
(c) बटुकेश्वर दत्त
(d) असफाक उल्लाह
उत्तर :
(a) सूर्यसेन।

रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (Fill in the blanks) : (1 Mark)

1. ________ ब्रिटिश विरोधी आंदोलन के प्रधान नेतृत्वकर्ता बने। (मोहनदास करमचंद गाँधी / सुभाषचंद्र बोस)
उत्तर : मोहनदास करमचंद गाँधी।

2. गाँधी द्वारा परिचालित संगठन में नए सोच और ________ की छाप पड़ी। (परिकल्पना / भविष्य)
उत्तर : परिकल्पना।

3. भारत में आंदोलन करने के पहले गाँधी जो दक्षिण अफ्रीका में ________ कर चुके थे। (वर्ण विरोधी आंदोलन / कर्ण आंदोलन)
उत्तर : वर्ण विरोधी आंदोलन।

4. ________ में गाँधी ने विभिन्न धर्म भाषा अंचलों के लोगों को साथ लेकर लड़ाई की। (दक्षिण अफ्रीका / दिल्ली)
उत्तर : दक्षिण अफ्रीका।

5. ब्रिटिश सरकार का साथ ________ ने दिया। (नरमपंथीयों / गरमपंथी)
उत्तर : नरमपंथियों।

6. भारतीय ________ ने प्रथम विश्वयुद्ध में जान गंवा दिया। (सैनिकों/ आंदोलनकारी)
उत्तर : सैंनिकों।

7. गांधी के. ________ और ________ के आदर्श का पारस्परिक संबंध है। (अहिंसा, सत्याग्रह / सच्चाई, निष्ठा)
उत्तर : सत्याग्रह, अहिंसा।

8. सत्य की खोज ही जीवन का परम ________ है। (लक्ष्य/ जररूत)
उत्तर : लक्ष्य।

9. गांधी ने ________ नामक पुस्तक लिखी थी। (हिन्द-स्वराज / भारत)
उत्तर : हिन्द-स्वराज।

10. ________ स्वराज साधना का प्रधान अंग है। (चरखा कातना / दूसरा आदमी)
उत्तर : चरखा कातना।

11. मोहनदास करम चंद गांधी ________ बन गए। (अपना आदमी / दूसरा आदमी)
उत्तर : अपना आदमी।

12. ________ में गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे। (1915 ई० में/ 1951 ई०में)
उत्तर : सन् 1915 ई० में ।

13. ________ के चम्पारण में नील की खेती होती थी। (बिहार / मद्रास)
उत्तर : बिहार।

14. गुजरात के ________ जिले में गांधीवादी सत्याग्रह आंदोलन चालू किया। (खेड़ा / मेड़ा)
उत्तर : खेड़ा।

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15. ________ ई० की शुरुआत तक भी अखिल भारतीय राजनीति में गांधी की भूमिका स्पष्ट नहीं थी। (1919 / 1921)
उत्तर : सन् 1919 ई०

16. ________ ई० में एस. ए. टी. रॉलेट ने दो बिल कानून सभा में पेश किया।(सन् 1919/सन् 1921)
उत्तर : सन् 1919 ई० में

17. ________ को आम हड़ताल के कारण राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू हो गया। (6 अप्रैल, सन् 1919 ई० में/ 9 अप्रैल, सन् 1919 ई० में)
उत्तर : 6 अप्रेल सन् 1919 ई० में ।

18. ________ की अमृतसर के जलियॉवाला बाग घटना हुई थी। (13 अप्रैल सन् 1919 ई० में / 31 अप्रेल सन् 1919 ई० में )
उत्तर : 13 अप्रैल सन् 1919 ई० में ।

19. ________ में ब्रिटिश सरकार ने दमानात्मक नीति अपना ली थी। (पंजाब / बिहार)
उत्तर : पंजाब।

20. ________ की उपाधि रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने लौटा दी थी। (‘सर’ / साहेब)
उत्तर : ‘सर’।

21. ________ ई० के जनवरी के महीने में अहिंसात्मक असहयोग आन्दोलन का आह्वान किया गया । (1921/1912)
उत्तर : सन् 1921 ई० में

22. ________ आंदोलन को गांधी ने स्थगित कर दिया। (असहयोग / फारसी)
उत्तर : असहयोग।

23. ________ के समय ग्रेट ब्रिटेन ने तुरस्क के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की। (प्रथम विश्व युद्ध / तीसरा विश्व युद्ध)
उत्तर : प्रथम विश्व युद्ध।

24. सन् ________ ई० में तुरस्क के सुल्तान को गद्दी से हटा दिया गया। (1918/1981)
उत्तर : 1918 ई० में

25. ________ ई० में खिलाफत कमेटी का गठन हुआ। ( मार्च 1919 / मार्च 1920 ई० में)
उत्तर : मार्च 1919 ई० में

26. ________ खिलाफत कमेटी के महत्चपूर्ण नेता थे। (महात्मा गांधी / नेता जी)
उत्तर : महात्मा गांधी।

27. कांग्रेस के बीच ________ नामक नया दल तैयार हो गया था। (स्वराज पंथी / अजाद पंथी)
उत्तर : स्वराज पंथी।

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28. ________ ई० में चित्तरंजन दास की मृत्यु ही गई। (1925/1952 ई० में)
उत्तर : सन् 1925 ई० में।

29. सन् 1922 ई० में ________ की स्थापना हुई। (कांग्रेस-खिलाफत-स्वराज-दल / खिलाफदल)
उत्तर : कांग्रेस-खिलाफत-स्वराज-दल।

30. ________ की कमेटी में कोई भारतीय सदस्य नहीं था। (सर जॉन साइमन/ सर ब्रदर)
उत्तर : सर जॉन साइमन।

31. ________ ई० में गाँधी के नेतृत्व में कंग्रेस ने पूर्ण स्वराज अर्जन करने की घोषणा की(1929/1992ई० में)
उत्तर : सन् 1929 ई० में।

32. ________ ई० में गाँधी ने गुजरात में दांडी मार्च करके नमक कानून भंग किया। (6 अप्रैल $1930 / 10$ अप्रैल 1930 ई० में)
उत्तर : 6 अप्रैल 1930 ई० में

33. ________ अहिंसा गांधी वादी संग्रामी थे। (पठान / मुसलमान)
उत्तर : पठान।

34. ________ पठानों के संगठन का नाम था (खुदाई-खिद्मतगार / खुदाई-बरकत)
उत्तर : खुदाई-खिद्मतगार।

35. ________ ई० को दिल्ली समझौता हुआ। (4 मार्च 1931 / 3 मार्च 1913 ई० में)
उत्तर : 4 मार्च सन् 1931 ई० में।

36. ________ की बैठक में गांधी हताश किये गए। (गोलमेज / गोलपल)
उत्तर : गोलमेज।

37. सन् 1930 ई० में चटग्राम में ________ के नेतृत्व में क्रांन्तिकारियों ने अस्त्रागार लूटा था। (सूर्य सेन / राम सेन)
उत्तर : सूर्य सेन।

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38. 22 अप्रैल 1930 ई० को ________ ने जलालाबाद पहाड़ों पर आश्रय लिया। (क्रांन्तिकारियों / ब्रिटिश सैनिक)
उत्तर : कांन्तिकारियों।

39. सन् ________ ई० में काकोरी षड्यंत्र मुकदमा चलाया गया। (1925/1952)
उत्तर : सन् 1925 ई० में

40. ________ ई० में लाहौर षड्यंत्र मुकदमा शुरू हुआ। (1929 / 1992)
उत्तर : सन् 1929 ई० में

सही एवं गलत का निर्णय करो : True or False (1 mark)

1. 18 अगस्त 1995 ई० में ताईहोकु हवाई अड्ड़ पर विमान दुर्घटना हुई।
उत्तर : (गलत)

2. ब्रिटिश सरकार ने गाँधी जी को देशद्रोही कहकर दोषारोपण किया।
उत्तर : (गलत)

3. आजाद हिंद फौज का पहला बटालियनरंगून से भारत अभियान किया।
उत्तर : (सही)

4. सन् 1939 ई० में सुभाषचन्द्र ने पूरे भारत में आंदोलन को संगठितकरने का मन बना लिया ।
उत्तर : (सही)

5. सन् 1938 ई० में सुभाषचन्द्र बोस हरिपुर काँग्रेस के सभापति बने।
उत्तर : (सही)

6. सन् 1930 ई० के दशक में मजदूरों ने आन्दोलन में कम हिस्सा लिया।
उत्तर : (सही)

7. सन् 1938 ई० में इटली राष्ट्राध्यक्ष वेनितो मुसोलिनी के साथ सुभाष की मुलाकात हुई।
उत्तर : (गलत)

8. चित्तरंजन दास की मृत्यु सन् 1928 ई० में हुई।
उत्तर : (गलत)

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9. सन् 1924 ई० को स्वराज दल की जीत मिली कोलकाता कारपोरेशन में।
उत्तर : (गलत)

10.8 अप्रैल 1929 ई० में केन्द्रीय विधान सभा में बम फेंका गया।
उत्तर : (सही)

11. 18 अप्रैल 1930 ई० में चटगाव अस्त्रागार लूटा गया।
उत्तर : (सही)

12. दिल्ली समझौता 4 मार्च 1931 ई० में हुआ।
उत्तर : (सही)

13. गाँधी को सामने रखकर अवज्ञा आंदोलन किया गया।
उत्तर : (सही)

14. गोलमेज बैठक में गांधी की निराशा हुई।
उत्तर : (सही)

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15. सन् 1929 ई० में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज अर्जन की घोषणा की।
उत्तर : (सही)

नीचे दी गयी कथनों के साथ नीचे की कौन-सी व्याख्या सटीक बैठती है खोजकर लिखो :

(क) कथन : गाँधी पाश्चात्य आदर्श के विरोधी थे।
व्याख्या 1 : गाँधी पुरातनपंधी मनुष्य थे।
व्याख्या 2 : गाँधी का मानना था कि पाश्चात्य आदर्श भारत के सहज स्वराज प्राप्त करने में बाधक था।
व्याख्या 3 : गाँधीजी चाहते थे कि भारत के सारे लोग सरल जीवन यापन करें।
उत्तर :
व्याख्या 3 : गाँधीजी चाहते थे कि भारत के सारे लोग सरल जीवन यापन करें।

(ख) कथन : 1919 ई० में रॉलेट कानून तैयार किया गया था।
व्याख्या 1 : भारतीय राजनीति में गाँधी का प्रभाव कम करने के लिए।
व्याख्या 2 : ब्रिटिश विरोधी सोच और क्रांतिकारी आंदोलन को कम करने के लिए।
व्याख्या 3 : भारतीयों को साविधानिक सुविधा और अवसर प्रदान करने लिए।
उत्तर :
व्याख्या 2 : ब्रिटिश विरोधी सोच और क्रांतिकारी आंदोलन को कम करने के लिए।

(ग) कथन : गाँधी ने खिलाफत आन्दोलन का समर्थन किया था।
व्याख्या 1 : भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में मुसलमानों के समर्थन और सहयोगिता प्राप्त करने के लिए।
व्याख्या 2 : तुरस्क के सुल्तान के प्रति सहानुभूति दर्शाने के लिए।
व्याख्या 3 : मुस्लिम समाज की उन्नति की माँग जोरदार करने के लिए।
उत्तर :
व्याख्या 2 : तुरस्क के सुल्तान के प्रति सहानुभूति दर्शाने के लिए।

(घ) कथन : भारतीयों ने साइमन कमीशन का त्याग किया था।
व्याख्या 1 : भारतीय सर जॉन साइमन को पसन्द नहीं करते थे।
व्याख्या 2 : सर जॉन साइमन भारतीयों के विरोधी थे।
व्याख्या 3 : साइमन कमीशन में कोई भी भारतीय प्रतिनिधि नहीं था।
उत्तर :
व्याख्या 3 : साइमन कमीशन में कोई भी भारतीय प्रतिनिधि नहीं था।

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(ङ) कथन : सुभाषचन्द्र बोस ने आजाद हिन्द फौज का दायित्व लिया।
व्याख्या 1 : रासबिहारी बसु का अनुरोध रखने के लिए।
व्याख्या 2 : आजाद हिन्द फौज की मदद से ब्रिटिश अधिकृत भारतीय भूखण्ड पर आकमण करने के लिए।
व्याख्या 3 : जापान सरकार की मदद करने के लिए।
उत्तर :
व्याख्या 1 : रासबिहारी बसु का अनुरोध रखने के लिए।

(च) कथन : गुजरात के खेड़ा जिले में गाँधीवादी सत्याग्रह आन्दोलन शुरु हुआ था।
व्याख्या 1 : नील की खेती के विरूद्ध।
व्याख्या 2 : राजस्व वृद्धि के विरूद्ध।
व्याख्या 3 : विदेशी वस्त्र के विरूद्ध।
उत्तर :
व्याख्या 2 : राजस्व वृद्धि के विरूद्ध।

(छ) कथन : चौरिचौरा कांड में लोगों ने हिंसा की।
व्याख्या 1 : अंग्रेज अधिकारियों को जला दिया।
व्याख्या 2 : अंग्रेज व्यापारियों को जला दिया।
व्याख्या 3 : पुलिस वालों को जला दिया।
उत्तर :
व्याख्या 3 : पुलिस वालों को जला दिया।

(ज) कथन : चितरंजन दास एवं मोतीलाल नेहरू ने ‘काँग्रेस खिलाफत-स्वराज दल’ तैयार किया।
व्याख्या 1 : सरकारी कानून का बॉयकाट न करने के लिए।
व्याख्या 2 : सरकारी कानून के खिलाफ।
व्याख्या 3 : गांधी के विरोध में।
उत्तर :
व्याख्या 1 : सरकारी कानून का बॉयकाट न करने के लिए।

सही मिलान करो Match the following : (1 Mark)

प्रश्न 1.

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) बिहार का चंपारण (a) चितरंजन दास
(ii) स्वराज दल (b) अलिन्द युद्ध
(iii) विनय-बादल-दिनेश (c) लाहौर षड्यंत्र मामला
(iv) भगत सिंह (d) कृषक आंदोलन
(v) पट्टाभिसीतारमैया (e) हरिपुर कांग्रेस

उत्तर :

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) बिहार का चंपारण (d) कृषक आंदोलन
(ii) स्वराज दल (a) चितरंजन दास
(iii) विनय-बादल-दिनेश (b) अलिन्द युद्ध
(iv) भगत सिंह (c) लाहौर षड्यंत्र मामला
(v) पट्टाभिसीतारमैया (e) हरिपुर कांग्रेस

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प्रश्न 2.

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) 19 मार्च 1944 ई० में (a) आजाद हिंद फौज में सुभाष चन्द्र बोस प्रमुख बने
(ii) 25 अगस्त 1943 ई० में (b) कांग्रेस में मतभेद् तैयार
(iii) सन् 1930 ई० में (c) कानून अवज्ञा आंदोलन वापस
(iv) सन् 1933 ई० में (d) चित्तरंजन दास की मृत्यु
(v) सन् 1925 ई० में (e) भारतीय जमीन पर पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया

उत्तर :

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) 19 मार्च 1944 ई० में (e) भारतीय जमीन पर पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया
(ii) 25 अगस्त 1943 ई० में (a) आजाद हिंद फौज में सुभाष चन्द्र बोस प्रमुख बने
(iii) सन् 1930 ई० में (b) कांग्रेस में मतभेद् तैयार
(iv) सन् 1933 ई० में (c) कानून अवज्ञा आंदोलन वापस
(v) सन् 1925 ई० में (d) चित्तरंजन दास की मृत्यु

प्रश्न 3.

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) सन् 1928 ई० में (a) भारत छोड़ो आंदोलन चरम सीमा पर था
(ii) सन् 1942 ई० में (b) सुभाष का केम्ब्रिज में दाखिला
(iii) सन् 1920 ई० में (c) चटगाँव अस्तागार लूटा गया
(iv) सन् 1919 ई० में (d) आई० सी०एस एक परीक्षा सुभाष का चतुर्थ स्थान
(v) सन् 1925 ई० 18 अप्रैल (e) गाँधी और सुभाष में अंतर विरोध

उत्तर :

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) सन् 1928 ई० में (e) गाँधी और सुभाष में अंतर विरोध
(ii) सन् 1942 ई० में (a) भारत छोड़ो आंदोलन चरम सीमा पर था
(iii) सन् 1920 ई० में (d) आई० सी०एस एक परीक्षा सुभाष का चतुर्थ स्थान
(iv) सन् 1919 ई० में (b) सुभाष का केम्ब्रिज में दाखिला
(v) सन् 1925 ई० 18 अप्रैल (c) चटगाँव अस्तागार लूटा गया

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प्रश्न 4.

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) हिन्द स्वराज (a) मोहनदास करमचंद गाँधी
(ii) अपना आदमी (b) पुस्तक
(iii) सन् 1915 ई० (c) रॉलेट एक्ट
(iv) 13 अप्रैल 1919 ई० (d) गाँधी जी का भारत आना
(v) 1919 ई० (e) जलियाँवाला बाग की घटना

उत्तर :

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) हिन्द स्वराज (b) पुस्तक
(ii) अपना आदमी (a) मोहनदास करमचंद गाँधी
(iii) सन् 1915 ई० (d) गाँधी जी का भारत आना
(iv) 13 अप्रैल 1919 ई० (e) जलियाँवाला बाग की घटना
(v) 1919 ई० (c) रॉलेट एक्ट

प्रश्न 5.

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) चौरी-चौरा कांड (a) सन् 1919 ई०
(ii) तुरस्क सुल्तान (b) सन् 1921 ई०
(iii) असहयोग आंदोलन (c) खलीफा
(iv) खिलाफत कमेटी (d) फरवरी सन् 1922 ई०

उत्तर :

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) चौरी-चौरा कांड (d) फरवरी सन् 1922 ई०
(ii) तुरस्क सुल्तान (c) खलीफा
(iii) असहयोग आंदोलन (b) सन् 1921 ई०
(iv) खिलाफत कमेटी (a) सन् 1919 ई०

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प्रश्न 6.

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) डाण्डी मार्च (a) लाल कुर्ता वाहिनी
(ii) अब्दुल गफ्फार खान (b) नमक कानून भंग
(iii) खुदाई-खिदमतगार (c) गाँधी-इरविन समझौता
(iv) दिल्ली समझौता (d) सीमान्त गाँधी
(v) बिहार का चम्पारण (e) कृषक आंदोलन

उत्तर :

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) डाण्डी मार्च (b) नमक कानून भंग
(ii) अब्दुल गफ्फार खान (d) सीमान्त गाँधी
(iii) खुदाई-खिदमतगार (a) लाल कुर्ता वाहिनी
(iv) दिल्ली समझौता (c) गाँधी-इरविन समझौता
(v) बिहार का चम्पारण (e) कृषक आंदोलन

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प्रश्न 7.

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) गाँधी और लार्ड इरविन (a) अवज्ञा आंदोलन
(ii) संन् 1933 ई० में (b) खुदाई खिदमतगार
(iii) मजदूरों का योगदान कम (c) पूर्ण स्वराज आंदोलन
(iv) लाल कुर्ता वाहिनी (d) सन् 1930 ई०
(v) सन् 1929 ई० (e) दिल्ली समझौता

उत्तर :

‘क’ स्तंभ ‘ख’ स्तंभ
(i) गाँधी और लार्ड इरविन (e) दिल्ली समझौता
(ii) संन् 1933 ई० में (a) अवज्ञा आंदोलन
(iii) मजदूरों का योगदान कम (d) सन् 1930 ई०
(iv) लाल कुर्ता वाहिनी (b) खुदाई खिदमतगार
(v) सन् 1929 ई० (c) पूर्ण स्वराज आंदोलन

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