WBBSE Class 8 History Solutions Chapter 4 औपनिवेशिक अर्थनीति का स्वरूप

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WBBSE Class 8 History Chapter 4 Question Answer – औपनिवेशिक अर्थनीति का स्वरूप

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK

प्रश्न 1.
‘सूर्यास्त नियम’ किसे कहते हैं?
अथवा
सूर्यास्त कानून क्या था?
उत्तर :
जमीन्दार के पास जमीन का अधिकार था किन्तु सही मायने में उनका मालिक कम्पनी वाले थे। सही समय पर राजस्व नहीं जमा देने पर वह जमीन कम्पनी की हो जाती थी।

प्रश्न 2.
कृषि के वाणिज्यिकीकरण से क्या समझते हो ?
उत्तर :
औपनिवेशिक शासनाधीन भारतीय अर्थव्यवस्था का एक ओर कृषि का वाणिज्यिकीकरण पक्ष था। अर्थात् वाणिज्य के काम में लगने वाली फसलों के प्रति कृषकों पर विशेष दबाव पड़ा था। जैसे चाय, नील, पटसन, कपास की खेती पर सरकार विशेष बल दे रही थी।

प्रश्न 3.
दक्षिणात्य हंगामा क्यों हुआ था?
उत्तर :
खेती के वाणिज्यिकीकरण के नकारात्मक प्रभाव के कारण दक्षिणात्य हंगामा हुआ था।

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प्रश्न 4.
सम्पदा का बहिर्गमन किसे कहते है?
उत्तर :
देश की संपदा को विदेश में भेजने को ही ‘संपदा का बहिर्गमन’ कहा जाता है।

प्रश्न 5.
अवशिल्पायन से क्या समझते हो?
उत्तर :
भारतीय शिल्पों के लुप्त होने की प्रक्रिया को अवशिल्पायन कहा गया।

प्रश्न 6.
कम्पनी ने राजस्व अदायगी के लिए क्या किया?
उत्तर :
कम्पनी को काफी विचार-विमर्श करना पड़ा था क्योंकि बंगाल भयकर अकाल की परिस्थिति में था। इसी कारण वारेन हेस्टिंग्स ने राजस्व अदायगी के लिए इजारेदारी व्यवस्था चालू की।

प्रश्न 7.
किस प्रकार प्रशासनिक ढाँचे को बदला गया?
उत्तर :
लार्ड कार्नवालिस प्रशासनिक ढाँचे की कमजोरी को समझ गए थे। कम्पनी को हर तरह से नुकसान देखने को मिल रहा था। इसलिए इजारेदारी व्यवस्था के साथ हर तरह के सुधार व्यवस्था का प्रयास किया गया।

प्रश्न 8.
राजस्व अदायगी में क्या-क्या दिक्कतें आने लगी?
उत्तर :
कम्पनी ने पूरा हिसाब कर लिया था कि कितनी अदायगी वह प्राप्त करेगी, साथ ही साथ अपने कर्मचारियों को भी बतला दिया था किन्तु वह उतना अदायगी नहीं कर पाते थे जितना होना चाहिए। कम्पनी को आशा थी कि जमींदार अपने लाभ के लिए कर को बढ़ा देंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

प्रश्न 9.
स्थायी बन्दोवस्त से किसका फायदा हुआ?
उत्तर :
कम्पनी ने चिरस्थायी बन्दोवस्त प्रक्रिया लागू की किन्तु इसका अधिक लाभ जमीन्दारों को मिला तथा कृषक और हीन होते चले गए।

प्रश्न 10.
स्थायी बन्दोवस्त लागू होने के बाद कृषकों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर :
कम्पनी द्वारा बनाया हुआ कोई भी नियम स्वार्थ से भरा हुआ था। ऐसी ही दशा स्थायी बन्दोवस्त में भी देखने को मिली। यह लागू होने पर कृषको की अवस्था पहले से और खराब हो गई। उन्हें खाने के लिए मोहताज होना पड़ा।

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प्रश्न 11.
किस शासन काल में ग्राम महाजन की विशेष भूमिका थी?
उत्तर :
औपनिवेशिक शासन काल में ग्राम महाजन की विशेष भूमिका पायी जाती है। इस शासनकाल में कृषक महाजन से ऊँचे दर पर रुपये लेते थे और महाजन उन्हें अपने जाल में फँसा लेते थे।

प्रश्न 12.
नील की खेती के लिए कम्पनी ने क्या कदम उठाया?
उत्तर :
भारत के पूर्वी हिस्से में नील की खेती की जाती थी। सन् 1788 ई० में कम्पनी ने दस नीलकर किसानों को नील की खेती के लिए अग्रिम रुपये दिये थे । भारत में नील की खेती इंग्लैण्ड के कारखानों के कपड़ों की रंगाई के लिए करवाई जाती थी।

प्रश्न 13.
कृषक समाज में किस प्रकार भेदभाव आ गया था?
उत्तर :
कृषकों के वाणिज्यिकीकरण के फलस्वरूप भारतीय समाज में भेद भाव उत्पन्न हो गया। इधर कृषि के आधुनिकीकरण और बाजार की खपत के अनुसार कृषक फसल उत्पादन से जुड़े हुए थे। इसी कारण कृषक समाज में भेदभाव उत्पन्न हो गया था।

प्रश्न 14.
भारत में रेलपथ का मार्ग निर्माण करने में कितने रुपये खर्च हुए?
उत्तर :
रेलपथ बनाने केलिए 160 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे।

प्रश्न 15.
खेती की वाणिज्यिकीकरण करने पर भारत पर क्या प्रभाव पड़ा
उत्तर :
खेती की वाणिज्यिकीकरण होने पर भारत पर खासा बुरा असर पड़ा क्योंकि देर से ही किसानों ने अपना आपा खोकर विद्रोह की भाषा अपना ली थी।

प्रश्न 16.
कपास की खेती क्यों बढ़ा दी गई थी?
उत्तर :
द्वितींय भाग में अमेरिका के गृह युद्ध के कारण कपास की माँग बढ़ गयी थी।

प्रश्न 17.
किस कारण दक्षिणात्य में कपास करने वाले किसानों ने विद्रोह किया?
उत्तर :
पहले दक्षिण में कपास की खेती बढ़ा दी गई परन्तु अमेरिका का गृह युद्ध रुक जाने के बाद कपास की माँग कम हो गई और दाम भी घट गए। पहले तो सूखे की मार और राजस्व का अतिरिक्त भार उसके साथ-साथ साहूकार किसान को ॠण देने के बदले उनकी फसल पर अंधिकार जताते थे। इसी कारण किसानों ने विद्रोह किया।

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प्रश्न 18.
द्वारका गंगोपाध्या ने क्या लिखा था?
उत्तर :
द्वारका गंगोपाध्याय ने ‘संजीवनी’ कूली काहिनी निबन्ध पत्रिका लिखे।

प्रश्न 19.
संजीवनी पत्रिका में क्या प्रकाशित हुआ?
उत्तर :
मजदूरों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ संजीवनी पत्रिका प्रकाशित हुआ था।

प्रश्न 20.
कूली काहिनी क्या है?
उत्तर :
यह एक धारावाहिक निबंध है जो रामकुमार विदारण लिख रहे थे।

प्रश्न 21.
Tenancy Act क्या था?
उत्तर :
किसानों को जमींदारों के अत्याचार से बचाने के लिए इस Tenancy Act को लाया गया था।

प्रश्न 22.
Agricultrist Rite & Act क्या है?
उत्तर :
दक्षिणात्य कृषक विद्रोह होने के बाद यह Act लाया गया था ताकि किसानों पर ॠण का कम बोझ पड़े।

प्रश्न 23.
किस प्रकार देशी शिल्प का नाश हुआ?
उत्तर :
जब सन् 1813 ई० में ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने भारत के बाजार पर अपना एकाधिकार कर लिया तब बाहरी वस्तुएँ भारत में आने लगीं जिसके कारण देशी शिल्प का नाश हुआ।

प्रश्न 24.
कच्चे माल में सबसे प्रमुख क्या था?
उत्तर :
‘सूत’ कच्चे माल में सबसे प्रमुख था।

प्रश्न 25.
19 वीं शताब्दी के दूसरे चरण में भारत में विपन्नता की क्या स्थिति थी ?
उत्तर :
19 वीं शताब्दी में (द्वितीय भाग) उपमहादेश के विभिन्न भागों में दुर्भिक्ष से अनेक लोगों की मौत हुई थी, लाखों लोग मारे गये थे। प्राय: 4 करोड़ भारतवासी आधा पेट खाकर रहते थे।

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प्रश्न 26.
भारत में टेलीग्राफ व्यवस्था स्थापित करने के पीछे उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर :
भारत में टेलीग्राफ व्यवस्था के पीछे औपनिवेशिक राष्ट्र का राजनीतिक स्वार्थ छिपा था। उपमहादेश के विभिन्न प्रान्तों से जरूरी संवाद और तथ्य अति शीघ्र शासन केन्द्र में पहुँचाना जरुरी था। इस काम में टेलीग्राफ ही सबसे अधिक सहायक और निर्भर योग्य था।

प्रश्न 27.
भारत में पहला पटसन का कारखाना कहाँ स्थापित किया गया ?
उत्तर :
हुगली के रिसड़ा में पहला पटसन का कारखाना स्थापित किया गया।

प्रश्न 28.
रंगून पराजय कब हुई थी ?
उत्तर :
अफ्रैल 1852 ई० में।

प्रश्न 29.
क्रिटिश साप्राज्य का रत्ल किसे कहा जाता था?
उत्तर :
भारत को।

प्रश्न 30.
जो रक्षक है वही भक्षक है किसने कहा ?
उत्तर :
अक्षयकुमार दत्त ने।

प्रश्न 31.
नील की खपत क्यों कम हो गई।
उत्तर :
रासायनिक पद्धति से नील तैयार करने के कारण।

प्रश्न 32.
चाय बगीचा का शिल्प कहाँ उन्नत था?
उत्तर :
आसाम, बंगाल, दक्षिण भारत और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी अंचलो में।

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प्रश्न 33.
1905 ई० में सिंचाई के लिए ब्रिटिश सरकार ने कितने रुपये खर्च किए थे ?
उत्तर :
50 करोड़ रुपये।

प्रश्न 34.
द्वारकानाथ गंगोपाध्याय कौन थे ?
उत्तर :
ब्रह्म नेता।

प्रश्न 35.
कूली कहानी के लेखक कौन थे ?
उत्तर :
रामकुमार विदारण।

प्रश्न 36.
Tenancy Act कब बना ?
उत्तर :
सन् 1885 ई० में।

प्रश्न 37.
भारतीय शिल्प के नष्ट होने का प्रभाव किस पर पड़ा ?
उत्तर :
कृषि पर।

प्रश्न 38.
जन जातियों ने रेलपथ निर्माण का विरोध क्यों किया ?
उत्तर :
उनकी जमीन, मकान छीन जाने के कारण।

प्रश्न 39.
रेलपथ भ्रमण वर्णन में- निबंध के लेखक कौन थे ?
उत्तर :
महानन्द चक्रवर्ती।

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प्रश्न 40.
हस्त-उद्योग का सर्वनाश किस कारण हुआ?
उत्तर :
रेलमार्ग के फैलाव के कारण हस्त-उद्योग का सर्वनाश हो गया।

प्रश्न 41.
भारत में हस्तशिल्प कहाँ-कहाँ होते थे?
उत्तर :
मुर्शिदाबाद, ढाका और सूरत में।

प्रश्न 42.
ब्रिटेन में किस जगह से सूती कपड़ों को भारत में बेचा जाता था?
उत्तर :
लंकाशायर में 85 प्रतिशत सूती कपड़े भारत में बेचा जाता था।

प्रश्न 43.
भारतीय रेल के विकास के लिए इस्पात और लोहा कहाँ से लाया जाता था?
उत्तर :
17 प्रतिशत लोहा और इस्पात ब्रिटेन से आता था।

प्रश्न 44.
ब्रिटिश साम्राज्य के लिए महत्वपूर्ण ‘रत्ल’ कौन था?
उत्तर :
भारत।

प्रश्न 45.
भारत में किस जगह सबसे पहले सूती कपड़े का कारखाना बना?
उत्तर :
बम्बई में 1853 ई० में सबसे पहले सूती कपड़े का कारखाना बना।

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प्रश्न 46.
किसके शासनकाल में रेलपथ योजना को लिया गया?
उत्तर :
लार्ड डलहौसी।

प्रश्न 47.
किस साल भारत में मील जोड़कर टेलीग्राफ व्यवस्था चालू हुई?
उत्तर :
1851 ई० में।

प्रश्न 48.
सम्पदा का बहिर्गमन क्या था?
उत्तर :
भारत की सम्पदा की कई तरह से ब्रिटेन में स्थान्तारित किया जाता था। इस प्रकार से देश की सम्मदा को विदेश में भेजने को ही सम्पदा का बहिर्गमन कहते है ।

प्रश्न 49.
भारत में आर्थिक नीति क्या-क्या थी ?
उत्तर :
सम्पदा का निर्माण, अवशिल्पायन, देशी जनगन का दारिद्रय।

प्रश्न 50.
किस समय भारत से $2-3$ करोड़ की स्टलिंग मूल्य की सम्पत्ति ब्रिटेन भेजी।
उत्तर :
सन् 1840 ई० में।

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प्रश्न 51.
किस समय 2 करोड़ से ज्यादा मनुष्य दुर्भिक्ष की चपेट में मारे गये?
उत्तर :
1854 ई० से 1901 ई० तक।

प्रश्न 52.
राष्ट्रीय आन्दोलन में कौन-सा विषय पहले उठा?
उत्तर :
राष्ट्रीयतावादी का।

प्रश्न 53.
बर्मा की राजधानी क्या है?
उत्तर :
रंगून।

प्रश्न 54.
भारत और ब्रिटेन के बीच कब टेलीग्राफ सम्पर्क हुआ?
उत्तर :
1870 ई० में भारत और बिटेन के बीच टेलीग्राफ सम्पर्क हुआ।

विस्तृत उत्तर वालें प्रश्न (Detailed Answer Questions) : 5 MARK

प्रश्न 1.
बंगाल कृषक समाज के ऊपर चिरस्थायी बन्दोवस्त का क्या प्रभाव पड़ा था?
उत्तर :
चिरस्थायी बन्दोवस्त के फलस्वरूप ज़ीन्दारों की समृद्धि बढ़ी परंतु कृषकों की अवस्था हीन ही बनी रही। कृषक जमीन्दारों की कृषा पर निर्भर हो गये थे। प्राक् औपनिवेशिक समय में कृषकों की अपनी जमीन का अधिकार था किन्तु चिरस्थायी बन्दोबस्त में कृषक के अधिकार खारिज हो गये थे। ऊँचे भाग का राजस्व अदा करने के लिये कृषकों के ऊपर अतिरिक्त कर का बोझ लाद दिया जाता था। इसके सिवाय कई गैर कानूनी कर कृषको को देने पड़ते थे। साथ ही कर न दे पाने की स्थिति में जमींदार को उनको जमीन से बेदखल कर देने का भी अग्रिकार था। चारों ओर से दबाव के कारण कृषकों की दशा दीन से दीन होती चली जा रही थी।

ऊँचे दर का राजस्व कृषकों से वसूल करना जमींदारों के लिये एक समस्या हो उठी थी। साथ ही प्राकृतिक विपदा के समय वे किसी प्रकार का कर नहीं दे पाते थे। अत: राजस्व न देने के कारण जमींदार की जमीन नीलाम की जाती थी। वास्तव में चिरस्थायी बन्दोबस्त द्वारा कम्पनी की पकड़ भारतीय समाज और अर्थनीति पर सुदृढ़ हुई थी।

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प्रश्न 2.
रैयतदारी और महलवारी बन्दोबस्त की तुलना आलोचनात्मक दृष्टि से करें।
उत्तर :
कृषक या रैयत को ही उस जमीन का मालिक के रूप में मान लेने से उन्हें जमीन्दार के अत्याचार से भी बचाया जा सकता था। रैयतदारी की शर्त थी कि ठीक समय पर रैयत को भूमि का कर (राजस्व) जमा देना होगा। इस बन्दोवस्त को चिरस्थायी नहीं किया गया। निश्चित समय पर किसानों से राजस्व वसूला जाता था। इस रैयतदारी बन्दोवस्त के फलस्वरूप कृषक स्थानीय जमीन्दार के बदले औपनिवेशिक राष्ट्र के अधीन हो गये।

देखा जाय तो कृषक को कोई मालिकाना नहीं मिला। किसान असल में औपनिवेशिक शासक के किराये वाले किसान की जमीन पर खेती का अधिकार पाया था। उन्हें पता था कि राजस्व न देने पर उसे जमीन से बेदखल कर उसकी जमीन दूसरे किसान को दे दी जायेगी। औपनिवेशिक प्रथा ने समझा दिया था कि रैयत को प्रदत्त भूमि राजस्व कर नहीं खजाना है।

रैयतदारी बन्दोवस्त-रैयत या कृषक के साथ किया गया। तब महलवारी बन्दोवस्त-सीधे ग्राम सम्पदाय के साथ किया गया बन्दोवस्त। इन क्षेत्रों में ही काफी फेरबदल किया गया। शुरु में ब्रिटिश कम्पनी शासन में भूमि राजस्व का मूल उद्देश्य था जितना अधिक हो सके राजस्व जमा करना। इससे अधिक दबाव पड़ा था कृषक समाज पर। इस दबाव के कारण ही अकाल और दारिद्रय आये। यह भी देखा गया जहाँ के अंचल पर स्थायी बन्दोबस्त नहीं था, वहाँ के किसानों को अधिक समस्या का सामना करना पड़ा था।

प्रश्न 3.
कृषि के वाणिज्यिकीकरण के साथ कृषक असन्तोष और विद्रोह का सीधा सम्पर्क क्या था? इस सन्दर्भ में ‘दक्षिणात्य हंगामा’ को आप किस रूप में लोगे?
अथवा
कृषि के वाणिज्यिकीकरण के साथ असंतोष और विद्रोह का सीधा संपर्क क्या था?
उत्तर :
कृषि करने वाले किसान का अवस्था बहुत ही खराब था जब वाणज्यिकीकरण आयां तब कृषक समाज में भेद भाव खुलकर देखा गया। मूलधन की व्यवस्था के साथ साथ बाजार की खपत के अनुसार फसल उत्पादन विषय दोनो जुड़े हुए थे। जो जितना मूलधन लगाता उसे उतना ही लाभ प्राप्त होता पर कृषक की उन्नति न के बराबर थी। उनके पेट की भूख और दर्द को कोई समझ नहीं पाता था।

इस खेतों के वाणज्यिकीकरण के कारण कई बुरे प्रभाव को देखा गया। जगह-जगह किसान विद्रोह हुआ। उन्नीसवीं सदी में कपास की खेती की मांग हुई और दक्षिण में खेती बढ़ा दी गई। उसके साथ राजस्व का अधिक भार भी किसान पर पड़ा थाइस कारण से महाजनों ने खूब लाभ कमाएं। और साहूकारों के ॠण न देने पर किसान की फसल पर उनका अधिकार हो जाता था।

दक्षिणात्य में कृषक विद्रोह के फलस्वरूप 1879 ई० में Agriculturists Relief Act (कृषकों की सुविधा के लिये कानून) प्रशासन की ओर से जारी किया गया। इस कानून का उद्देश्य था किसानों के ऊपर से ऋण का बोझ कम करना। इसी तरह बंगाल के किसानों को जमीन्दार के अत्याचार से बचाने के लिये प्रशासनिक कदम उठाये गये। उनमें 1885 ई० के Tenancy Act अन्यनतम है। इस एक्ट के अनुसार अस्थायी रैयतदार को दखली स्वत्व दिया गया। उसमें स्पष्ट कहा गया कि अदालत के आदेश के सिवाय कोई भी किसान को जमीन से बेदखल नहीं किया जा सकेगा। खजाना बढ़ाने पर जमीन्दार को उसका कारण बतलाने को कहा गया। लेकिन दक्षिणात्य और बंगाल में बहुसंख्यक किसानों, श्रमिकों और बटाईदारों के हितों की ओर औपनिवेशिक प्रशासन की विशेष नजर नहीं थी।

प्रश्न 4.
बंगाल के वस्त्र शिल्प के साथ कम्पनी की राजनीति का किस रूप में सम्बन्ध था? भारतीयों ने देशी बैंक और बीमा कम्पनी क्यों खोली ?
उत्तर :
1757 ई० में प्लासी के युद्ध के समय तक ईस्ट इण्डिया कम्पनी एक व्यापारिक संस्था थी। कीमती धातु, कई प्रकार के द्रव्य, वस्तु लेकर भारत आते और यहाँ से मसाले, कपड़े ब्रिटेन में भेजते।

बिटेन के वस्त्र उत्पादक कम्पनी के इस निर्यात से खुश नहीं थे। वे ब्रिटेन की सरकार पर दबाव डाल रहे थे, जिससे ब्रिटेन में भारतीय वस्तु बेचना बन्द हो सके। इसी कारण 1720 में नियम बनाकर सूती वस्त्रों पर रोक लगा दी गयी। साथ ही आयातित दूसरे कपड़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया गया। इतने प्रतिबन्धों के बावजूद अठारहवीं शताब्दी में यूरोप के बाजार में भारतीय कपड़ों की मांग थी। अठारहवीं शताब्दी के बीचों-बीच इग्लैण्ड में वस्त्र शिल्प में नये प्रयोग करके उत्पादन बढ़ाया जाने लगा तथा उसका मान भी अच्छा कर दिया गया। दूसरी ओर अठारहवीं सदी में प्लासी के युद्ध के बाद भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के हाथों भारत का वाणिज्य-व्यवसाय आ गया।

बंगाल का राजस्व खर्च कर कम्पनी भारतीय वस्तुओं का आयात करती थी। साथ ही राजनैतिक क्षमता का दुरुपयोग कर देशी वाणिज्य की शुल्क नीति भी ब्रिटिश कम्पनी ने निर्धारित करना शुरू किया । बंगाल के तांतियों को सस्ते में या कम्पनी के बँधे दर में माल बेचने का आदेश दिया जाता तथा उन्हें मजबूर किया जाता था। इससे ताँत शिल्प घटने लगा। कई ताँती सामान्य मजदूरी पर काम करने को विवश हो जाते थे। भारतीय तथा अन्य प्रतिद्वन्द्वी विदेशी व्यापारियों को कम्पनी ने भारत के बाजार से हटवा दिया था।

भारत और उसके आस-पास के देशों में द्रव्य विक्रय का बाजार भी था। साथ ही औपनिवेशिक सरकार का भी पूर्ण सहयोग उन्हें प्राप्त था। भारतीय उद्योगपतियों को यह सहयोग नहीं मिला था। केवल सूती कपड़े के शिल्प उद्योग में कई भारतीय निवेशकारी थे। बैंक से उधार लेना अथवा बैंक से व्याज के दर पर भी भारतीयों के संग विषमता बरती जाती थी। धीरे-धीरे भारतीय व्यवसायियों ने देशी बैंक और बीमा कम्पनी खोलने का प्रयास किया।

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प्रश्न 5.
भारत में कम्पनी शासन विस्तार के परिप्रेक्ष्य में टेलीग्राफ व्यवस्था के विकास का तुलनात्मक आलोचना प्रस्तुत करें।
अथवा
भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी शासन विस्तार व्यवस्था में टेलीग्राफ ने क्या भूमिका निभाई?
उत्तर :
उन्नीसवीं शताब्दी में रेलपथ विकास के साथ टेलीग्राफ की व्यवस्था पर बहुत ज्यादा जोर दिया गया। रेलपथ का जहाँ निर्माण होता गया वहीं टेलीग्राफ का निर्माण होता गया। स्टेशनों के बीच टेलीग्राफ की व्यवस्था का प्रयोजन था। “टेलीग्राफ की व्यवस्था के पीछे राजनीतिक स्वार्थ छिपा हुआ था। उपमहादेश में सामान शीघ्र आ जा सके इसके साथ जो जरूरी वस्तु हो वह भी जल्द भेजा जा सके। अंग्रेजों ने बर्मा युद्ध के समय बर्मा की राजधानी रंगून के पराजय की खबर लार्ड डलहौसी ने टेलीग्राफ के माध्यम से पाई। दूर जगहों पर होने वाले विद्रोह की खबर भी टेलीग्राफ के जरिए आसानी से प्राप्त होती थी।

इस व्यवस्था के कारण यूरोपीयों ने भारतीय व्यवसायियों को अपनी ओर लुभाया। इसके साथ-साथ शिक्षित वर्ग इसका लाभ उठाने लगे।

प्रश्न 6.
बंगाल में कृषक समाज की परिस्थिति किस प्रकार दयनीय हो गई?
उत्तर :
बंगाल में कृषक की दशा दिनों दिन खराब होती जा रही थी। पहले तो जमीन्दरी और महाजन का प्रकोप था। लेकिन नए नियम जो ब्रिटिश सरकार के द्वारा लाया गया वह और भी भयानक और बेकार थी। चिरस्थायी बन्दोबस्त होने के बाद कृषक और कंगाल होते गए और जमींदारों का हो जाता था। कृषक जो खेती करके फसल उपजाते थे वह जमींदार के ऊपर निर्भर कर रहे थे। चिरस्थायी बन्दोबस्त के पहले कृषक को अपनी जमीन पर अधिकार था। परन्तु चिरस्थायी लागू होने के बाद वह भी अधिकार उनसे छीन लिया गया। कृषकों को सही समय पर कर देने पड़ता था। यदि वह नहीं दे पाया तो उसे जमीन से बेदखल कर दिया जाता था। साथ ही उन्हें कई प्रकार के गैर कानूनी कर भी देने पड़ते थे। इसी कारण कृषक की अवस्था धीरे- धीरे दयनीय होती चली गई।

प्रश्न 7.
महलवारी व्यवस्था क्यों चालू की गई?
उत्तर :
महल यानी कई ग्रामों का समूह। इसे चालू करने का एक कारण था भूमि राजस्व अदायगी करना। सर्वप्रथम यह व्यवस्था उत्तर और पश्चिम इलाके में दी गई। इस अदायगी में सरकार महल के जमींदार या प्रधान के साथ समझौता करता था। इस समझौते में सारे गाँव को ले लिया जाता था।

परन्तु कृषक की हालत में कोई सुधार न हो पाया। राजस्व का दर बहुत ऊँचा था। कृषक राजस्व का भार कम करने के लिए ऊँचे दर पर उधार लेते थे। उधार न चुकाने पर उन पर अत्याचार किया जाता था। कृषक समाज महाजन के हाथ की कठपुतली थे। वह बेईमानी करके उनसे रुपये माँगते थे, नहीं देने पर कृषक को बहुत तरह के अत्याचार सहना पड़ता था।

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प्रश्न 8.
ब्रिटिश की नीति का प्रभाव भारत समाज पर किस प्रकार पड़ा?
उत्तर :
ब्रिटिश का एकमात्र लक्ष्य था राजस्व वृद्धि करना। उत्रीसवीं शताब्दी में देखा गया कि तीन प्रकार के राजस्व बन्दोबस्त लाए गए। लेकिन इन तीनों ने ही भारतीय समाज के लोगों पर दुखद प्रभाव डाला। ब्रिटिश सरकार ने अनेक प्रकार की नीति फेर-बदल की किन्तु वह भी सिर्फ अपने लाभ के लिए। भारतीयों की दशा दीनों-दीन बर्बाद होती जा रही थी। सबसे खराब दशा कृषक की थी जिन्होंने अत्याचार पर अत्याचार सहा। पहले कम्पनी, फिर जमींदार, महाजन और अपनी तकदीर का। जहाँ एक और चिरस्थायी में जमींदार का बोलबाला था वहीं दूसरी ओर कृष्क को ज्यादा कर देना पड़ता था। सबसे ज्यादा बंगाल के कृषक की अवस्था खराब थी। ब्रिटिश सरकार की अलग-अलग नीति किसी भारतीयों के भलाई के लिए नहीं थी। वह सिर्फ अपना स्वार्थ देखते थे। भारतीय समाज पर कृषक की नीति के प्रभाव का बहुत खराब असर डाला।

प्रश्न 9.
किसान विद्रोह किस प्रकार हो उठा?
उत्तर :
किसान पहले से ही बेहाल थे। परन्तु उन्नीसवीं शताब्दी के द्वितीय भाग में उनका संयम टूट चला और वह विद्रोह कर बैठे। अमेरिका में गृह युद्ध चल रहा था। इसी कारण कपास की माँग बढ़ गई जिसके कारण दक्षिण में कपास की खेती बढ़ा दी गई। इसके कुछ दिन बाद युद्ध रुक गया। इस कारण से रूई के दाम गिर गए। जिससे राजस्व का अतिरिक्त भार किसानों पर पड़ा और जिसके फलस्वरूप किसानों की हालत पहले के अपेक्षा और खराब हो गई। साहूकार भी ऋण देने के बदले किसान के फसल पर अधिकार जमाते थे। इसी कारण दक्षिण में कपास की खेती करने वाले किसान विद्रोही हो उठे।

प्रश्न 10.
लार्ड कार्नवालिस के बारे में कुछ बताए।
उत्तर :
लार्ड कार्नवालिस सन् 1784 ई० में आए उनको लाने का मूल कारण था कि राजंस्व संबंधी सुधार करना। क्योंकि उनके आने के पहले तक राजस्व सुधार पर कोई अंतर नहीं आया था। लार्ड कार्नवालिस ने जब अपने हाथों में बागडोर लिया तो पूरी राजस्व छाया चरमराई हुई थी। और वे इस कमजोरी को जल्द समझ गए थे।

कम्पनी को हर तरफ से घाटा हो रहा था इसी के तहत सन् 1793 ई० में राजस्व आदयगी की चिरस्थायी बन्दोबस्त चालू की गई। जमीन्दारी से कितना राजस्व प्राप्त होगा इसका लेखा जोखा कर लिया गया था।

लार्ड कार्नवालिस बंगाल में जमीन्दारों की उन्नति चाहते थे, उनकी धारणा थी की जमीन्दार की राहत और मुनाफा दें तो वह कृषि की उन्नति के लिए धन का निवेश करेंगे। उन्होंने जमीन्दारों की खुश रखने के लिए अनेक कार्य किया किन्तु किसान पर बोझ देते गये। उनकी कार्यकाल में जमीन्दार जितने खुश थे उसके उल्टे किसान लाचार और बेबस।

उन्होंने कम्पनी के घाटों के कम करने के लिए अनेक प्रयास किया उसका कुछ लाभ भी कम्पनी को मिला किन्तु किसान की दु:खी जीवन और दु:खी हो गया उनकी सुघबुध लेने वाला कोई नहीं था।

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प्रश्न 11.
सूर्यास्त कानून क्या था उस कानून से किसको लाभ मिला था।
उत्तर :
सूर्यास्त कानून का लाभ सिर्फ कम्पनी को ही मिलता था। जमीन्दारों को केवल अपनी जमीन पर हक था। लेकिन यह हक सिर्फ कहने भर का था। क्योंकि सही समय, तारीख: पर अगर जमीन्दार सारा राजस्व नहीं देते थे तो उनका जमीन पर उनका हक नहीं रहता था वह जमीन कम्पनी की हो जाती थी। कम्पनी उस जमीन को ऊचे दाम पर ब्रिकी कर देती थी।

इसलिए सूर्यास्त कानून सिर्फ एक देखने का कानून था जिसमें जमीन्दार को हक था लेकिन उन पर और जमीन पर कम्पनी का हक था जो जब चाहे जमीन को बेच सकते थे या अपने पास वापस रख सकते थे। एक बार जो जमीन कम्पनी ने ले ली वह पुन: उस जमीन्दार के पास नहीं जाती थी।

इस धोखेबाज कानून के चलते जगह-जगह कम्पनी अपनी पैठ जमा रही थी और धीरे-धीरे पूरे भारत में कम्पनी का एक तरफा अधिकार हो गया था।

प्रश्न 12.
औपनिवेशक शासनकाल में ग्राम महाजन की क्या विशेषता थी।
उत्तर :
ग्राम महाजन का उनका एक ही स्वार्थ था कि किसान को लूटना और उनके जमीन पर कब्जा कर लेना। लेकिन समस्या के समय किसान उनसे ही पैसे लेते थे और ऊचें ब्याज देते थे। किसान भोले थे और अनपढ़ होने के कारण महाजन उनको उनके ही हिसाब में फसा देते थे और पैसे लेते थे। किसान भी उनके बताएहुए हिसाब को मान लेते थे और उनकी ऊचें ब्याज देते थे। जो किसान उनके रुपया नहीं देता तो उस किसान की वह जमीन पर अपना अधिकार कर लेते थे।

कम्पनी नए कानून बनाकर महाजन के जमीन पर अधिकार कर लेती वहीं दूसरी तरफ महाजन किसानों की जमीन पर अधिकार करने के लिए तैयार थे। दोनों किसानों को लूट रहे थे। वही एक तरफ किसान महाजन से रुपये लेकर जमीन्दार को देता ताकि उसकी जमीन बच जाए वहीं दूसरी तरफ महाजन चाहता की वह किसानों की जमीन कैसे हड़पे ताकि उसके पास अधिक जमीन हो सकें।
किसानों को दोनों समुदाय लूट रहे थे और वह बेबस और लाचार होकर लूटत्र चला जा रहा था।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (Multiple Choice Question & Answer) : (1 Mark)

प्रश्न 1.
कब बंगाल में भयंकर दुर्भिक्ष मन्वन्तर हुआ था?
(a) सन् 1969-1970 ई० में
(b) सन् 1970-1972 ई० में
(c) सन् 1973-1974 ई० में
(d) सन् 1974-1975 ई० में
उत्तर :
(a) सन् 1969-1970 ई० में।

प्रश्न 2.
इजारेदारी व्यवस्था किसने चालू की?
(a) वारेन हेस्टिंग्स ने
(b) लार्ड कार्नवालिस ने
(c) हेस्टिंग्स ने
(c) लार्ड रिपन ने
उत्तर :
(a) वारेन हेस्टिंग्स ने।

प्रश्न 3.
बंगाल में राजस्व अदायगी की व्यवस्था कब शुरू हुई थी?
(a) सन् 1764 में
(b) सन् 1793 में
(c) सन्. 1724 में
(d) सन् 1742 में
उत्तर :
(b) सन् 1793 में।

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प्रश्न 4.
जमीन का हक किसके पास था?
(a) किसान
(b) जमीन्दारों
(c) अंग्रेजों
(d) बटाईदारों
उत्तर :
(b) जमीन्दारों।

प्रश्न 5.
कम्पनी ने कब दस नीलकर किसानों को नील की खेती के लिए रुपये दिए?
(a) सन् 1764 ई० में
(b) सन् 1788 ई० में
(c) सन् 1792 ई० में
(d) सन् 175 ई० में
उत्तर :
(b) सन् 1788 ई० में।

प्रश्न 6.
कब नीलकरों को जमीन खरीदने का अधिकार नहीं था?
(a) सन् 1829 ई० में
(b) सन् 1862 ई० में
(c) सन् 1859 ई० में
(d) सन् 1872 ई० में
उत्तर :
(a) सन् 1829 ई० में।

प्रश्न 7.
नील विद्रोह कहाँ हुआ था?
(a) बंगाल में
(b) बिहार में
(c) ओड़िसा में
(d) पंजाब में
उत्तर :
(a) बंगाल में।

प्रश्न 8.
‘कूली काहिनी’ निबंध किसने लिखी थी ?
(a) द्वारकानाथ
(b) मनोहर
(c) रामकुमार विदारण
(d) अवनीन्द्रनाथ
उत्तर :
(c) रामकुमार विदारण ।

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प्रश्न 9.
1815 ई० में कौन-सा विद्रोह हुआ था?
(a) दक्षिणात्य हंगामा
(b) दासों का हंगामा
(c) मजदूरों का हंगामा
(d) किसानों का हंगामा
उत्तर :
(a) दक्षिणात्य हंगामा ।

प्रश्न 10.
ब्रह्म नेता द्वारकानाथ गंगोपाध्याय ने किसके पक्ष में आवाज उठाई?
(a) चाय बागान
(b) किसान
(c) नील की खेती
(d) अफीम की खेती
उत्तर :
(a) चाय बागान।

प्रश्न 11.
सम्पदा बर्हिगमन के कारण क्या बढ़ं गयी ?
(a) दरिद्रता
(b) अमीरी
(c) बंटवारा
(d) निरक्षरता
उत्तर :
(a) दरिद्रता।

प्रश्न 12.
कितने करोड़ भारतवासी आधा पेट खाकर रहते हैं ?
(a) 4 करोड़
(b) 1 करोड़
(c) 3 करोड़
(d) 2 करोड़
उत्तर :
(a) 4 करोड़।

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प्रश्न 13.
किस आंदोलन में राष्ट्रीयतावादी भारत की दरिद्रता को लेकर आवाज उठाये गये थे ?
(a) राष्ट्रीय आंदोलन
(b) स्वदेशी आंदोलन
(c) भारत आंदोलन
(d) किसान आंदोलन
उत्तर :
(a) राष्ट्रीय आंदोलन।

प्रश्न 14.
2-3 करोड़ स्टलिंग मूल्य कहाँ भेजी जाती थी ?
(a) ब्रिटेन
(b) दिल्ली
(c) पटना
(d) पुर्तगाल
उत्तर :
(a) बिटेन।

प्रश्न 15.
भारत में आर्थिक नीति के कितन विषय थे ?
(a) चार
(b) दो
(c) तीन
(d) पाँच
उत्तर :
(c) तीन।

प्रश्न 16.
कब ब्रिटिश की रक्षा हुई ?
(a) सन् 1845 ई० में
(b) सन् 1854 ई० में
(c) सन् 1857 ई० में
(d) सन् 1847 ई० में
उत्तर :
(c) सन् 1857 ई०।

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प्रश्न 17.
52 हजार 900 मील टेलीग्राफ कब जुड़े ?
(a) उन्नीसवी सदी में
(b) बीसवीं सदी में
(c) अठारहवीं सदी में
(d) इसमें से कभी नहीं
उत्तर :
(a) उन्नीसवीं सदी में।

प्रश्न 18.
किसने रेलपथ निर्माण का विरोध किया ?
(a) मजदूर वर्ग
(b) किसान वर्ग
(c) जंगल में रहने वाले लोग
(d) पहाड़ पर रहने वाले लोग
उत्तर :
(a) मजदूर वर्ग।

प्रश्न 19.
ब्रिटिश के किस जगह पर सूती कपड़ा बनता था ?
(a) लंकाशायर
(b) फैक्टरी में
(c) घरों में
(d) बस्तियों में.
उत्तर :
(a) लंकाशायर।

रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (Fill in the blanks) : (1 Mark)

1. चिरस्थायी व्यवस्था _______ ने चालू की थी। (हेस्टिंग्स/कार्नवालिस/डलहौसी)।
उत्तर : कार्नवालिस

2. महलवारी व्यवस्था _______ चालू हुई थी। (बंगाल में /उत्तर भारत में/ दक्षिण भारत में)।

उत्तर : उत्तर भारत में

3. दादन का अर्थ _______ है। (अग्रिम धन/मौसम/बेगार श्रम)।
उत्तर : अग्रिम धन

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4. औपनिवेशिक भारत में पहले पटसन कारखाना _______ में चालू हुआ थ्रा। (रिसड़ा/कलकत्ता/बम्बई)
उत्तर : रिसड़ा

5. देश की संपदा देश से बाहर जाने को _______ कहते हैं। (संपदा का बहिर्गमन/अवशिल्पायन/ वर्गादारी व्यवस्था)
उत्तर : संपदा का बहिर्गमन

6. _______ ई० में मई से सितम्बर महीने तक के विद्रोह को ब्रिटिश ने दक्षिणात्य हंगामा कहा था। (1815 ई० / 1820 ई०)
उत्तर : सन् 1815 ।

7. रेल पथ बनाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने _______ करोड़ रुपये खर्च किए। 100 करोड़ / 130 करोड़)
उत्तर : 160 करोड़।

8. संजीवनी पत्रिका के सम्पादक _______ थे। (द्वारकानाथ गंगोपाध्याय/ राम कुमार विदारण)
उत्तर : द्वारकानाथ गंगोपाध्याय।

9. रामकुमार विदारण ने _______ लिखी। (कूली काहिनी / कूली मवानी)
उत्तर : कूली काहिनी।

10. _______ शताब्दी में चाय बगीचा शिल्प उद्योग था। (उन्नीसवीं /बीसवी)
उत्तर : उत्नीसवीं।

11. सन् 1829 ई० में _______ को जमीन खरीदने का अधिकार नहीं था। (नीलकरों /नीलबल)
उत्तर : नीलकरों।

12. _______ ई० में कम्पनी ने दस नीलकर किसानों के लिए रुपये दिये। (1788 ई०/1708ई०)
उत्तर : सन् 1788 ।

13. औपनिवेशिक शासन काल में _______ को विशेष महत्व मिलता था। (ग्राम महाजन/ ग्राम राम)
उत्तर : ग्राम महाजन।

14. _______ में भी कृषक को राहत नहीं थी। (महलवारी बन्दोवस्त / राजस्व वसूली)
उत्तर : महलवारी बन्दोवस्त।

15. जो रक्षक थे वही _______ भी थे। (भक्षक / दुश्मन)
उत्तर : भक्षक।

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16. सन् 1769-70 ई० में बंगाल में भयंकर _______ हुआ था। (बाढ/अकाल/भूकंप)।
उत्तर : अकाल

17. बंगाल में राजस्व अदायगी की चिर व्यवस्था _______ चालू की गई। (सन् 1792 ई० में/ सन् 1793 ई० में /सन्(1794 ई० में)।
उत्तर : 1793 ई० में

18. रैयतदारी बंदोबस्त भारत के _______ क्षेत्र में थी। (दक्षिण और दक्षिण पश्चिम/उत्तर/उत्तर और पूर्व)।
उत्तर : दक्षिण और दक्षिण पश्चिम

19. महल यानी कई ग्रामों _______ की। (दशा/स्थिति/समष्टि)।
उत्तर : समष्टि

20. नील की खेती भारत के क्षेत्र में होती _______ थी। (उत्तरी/पश्चिमी/पूर्वी)।
उत्तर : पूर्वी

21. नील विद्रोह _______ हुआ। (पंजाब में/बम्बई में/बंगाल में)।
उत्तर : बंगाल में

22. भारत में औपनिवेशिक शासन का अन्यतम प्रतीक _______ था। (रेल व्यवस्था/सड़क व्यवस्था/ जल व्यवस्था)।
उत्तर : रेल व्यवस्था

23. भारत में टेलीग्राफ व्यवस्था शुरु _______ हुई (सन्|850 ई० में/ सन्|्र51 ई० में/ सन् 1852 ई० में)।
उत्तर : सन् 1851 ई० में

24. वर्मा की राजधानी _______ है। (रंगून/कलकत्ता/मद्रास)।
उत्तर : रंगून

25. भारत और व्रिटेन के बीच टेलीग्राफ संपर्क का विकास _______ हुआ। (सन् 1871 ई० में/सन् 1870 ई० में/1872 ई० में)।
उत्तर : सन् 1870 ई० में

26. _______ बंगाल की उन्नति चाहते थे। (लार्ड कार्नवालिस / लार्ड केरी)
उत्तर : लार्ड कार्नवालिस।

27. _______ के लिए चिरस्थायी बन्दोबस्त समस्या का एक पक्ष था। (जमींदारी/किसान)
उत्तर : जमींदारी।

28. _______ ई० में स्थायी व्यवस्था चालू हुई। (सन्1793/सन् 1798)
उत्तर : सन् 1793 ।

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29. _______ ई० में लार्ड कार्नवालिस ने राजस्व संबंधी प्रशासन में सुधार लाने की चेष्टा की। (1784ई० / सन् 1748ई०)
उत्तर : सन् 1784 ।

सही एवं गलत का निर्णय करो : True or False (1 mark)

1. 1794 ई० में चिरस्थायी बंदोवस्त चालू हुआ।
उत्तर : (गलत)

2. नील विद्रोह मद्रास में हुआ था।
उत्तर : (गलत)

3. दक्षिणात्य में कपास की खेती के साथ अमेरिका के गृहयुद्ध का विषय जुड़ा था।
उत्तर : (सही)

4. रेलपथ के माध्यम से देशी माल भारत के बाजार में छा गये थे।
उत्तर : (गलत)

5. कंपनी शासन को ध्यान में रखकर टेलीग्राफ व्यवस्था बनाई गई थी।
उत्तर : (गलत)

6. बंगाल में भयंकर दुर्भिक्ष मन्वन्तर नहीं हुआ।
उत्तर : (गलत)

7. 1784 ई० में लार्ड कार्नवालिस राजस्व संबंधी नियम नहीं चाहते थे।
उत्तर : (गलत)

8. बंगाल में सन् 1793 ई० में राजस्व अदायगी स्थायी व्यवस्था चालू हुई।
उत्तर : (सही)

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9. कम्पनी ने सन् 1793 ई० में स्थायी बंदोवस्त किया था।
उत्तर : (सही)

10. लार्ड कार्नवालिस बंगाल की उन्नति चाहते थे।
उत्तर : (सही)

11. जमीन्दारो के लिए स्थायी व्यवस्था मुसीबत बन गई।
उत्तर : (सही)

12. कर नहीं जमा करने पर जमीन का अधिकार कम्पनी ले सकती थी।
उत्तर : (सही)

13. ग्राम महाजन का विशेष महत्व था औपनिवेशिक शासन काल में।
उत्तर : (सही)

14. लार्ड कार्नवालिस बंगाल के जमींदारों की उन्नति चाहते थे।
उत्तर : (सही)

15. रैयतदारी बदोवस्त के फलस्वरूप कृषक स्थानीय जमींदार के अधीन हो गये।
उत्तर : (गलत)

16. महलवारी से ग्राम संपर्कित अर्थव्यवस्था समझ में आता है।
उत्तर : (सही)

17. नील की खेती कपड़ों की रंगाई के लिए करवायी जाती थी।
उत्तर : (सही)

18. ऋण के बोझ तले दबे किसान ‘दासों’ में बदल गये थे।
उत्तर : (सही)

19. रेलपथ आरम्भ करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने 100 करोड़ रुपये खर्च किये।
उत्तर : (गलत)

20. उनीसवीं सदी के द्वितीय भाग में अमेरिका में गृहयुद्ध हुआ।
उत्तर : (सही)

21. सन् 1815 ई० में दक्षिणात्य हंगामा नहीं हुआ था।
उत्तर : (गलत)

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22. सन् 1720 ई० में नियम बनाकर सूती वस्त्रों के आयात पर रोक लगा दी गई।
उत्तर : (सही)

23. रेल पथ के बराबर ही टेलीग्राफ की लाइन तैयार नहीं की गई थी।
उत्तर : (गलत)

24. दुर्भिक्ष की स्थिति बार-बार घटती थी।
उत्तर : (सही)

25. सन् 1788 ई० में नील की खेती बंद्ध गो ग।
उत्तर : (गलत)

26. नीलकर सन् 1829 ई० में जमीन खरीद सकते थे।
उत्तर : (गलत)

27. नील की खेती दवाई बनाने के काम में भी आती थी।
उत्तर : (गलत)

28. रासायनिक पद्धति से नील तैयार किया जाने लगा था।
उत्तर : (सही)

29. नील विद्रोह आसाम में हुआ था।
उत्तर : (गलत)

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30. सन् 1960 ई० में रेलपथ निर्माण हो रहा था।
उत्तर : (गलत)

31. रेलवे के लिए ब्रिटिश सरकार ने 160 करोड़ रुपये खर्च किए।
उत्तर : (सही)

32. साहूकार किसान के ॠण के बदले फसल पर अधिकार जमाते थे।
उत्तर : (सही)

33. कूली काहिनी नाटक है।
उत्तर : (गलत)

34. सन् 1815 ई० के विद्रोह को ब्रिटिश ने दक्षिणात्य हंगामा का नाम दिया।
उत्तर : (सही)

सही मिलान करो Match the following : (1 Mark)

प्रश्न 1.

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) वारेन हेस्टिंग्स (क) प्रशासन में सुधार
(b) सन् 1784 ई० (ख) सन् 1969-70 ई०
(c) सन् 1793 ई० (ग) रेशम और कपास के निर्यात
(d) दुर्भिक्ष मन्वन्तर (घ) स्थायी व्यवस्था लागू हुई
(e) श्वेती पर संकट (ङ) इजारेदारी व्यवस्था चालू की

उत्तर :

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) वारेन हेस्टिंग्स (ङ) इजारेदारी व्यवस्था चालू की
(b) सन् 1784 ई० (क) प्रशासन में सुधार
(c) सन् 1793 ई० (घ) स्थायी व्यवस्था लागू हुई
(d) दुर्भिक्ष मन्वन्तर (ख) सन् 1969-70 ई०
(e) श्वेती पर संकट (ग) रेशम और कपास के निर्यात

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प्रश्न 2.

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) स्थायी बन्दोवस्त (क) रैयतदारी बन्दोवस्त के प्रवर्तक
(b) महलवारी (ख) वही भक्षक
(c) थामसमानसे (ग) औपनिवेशिक शासन काल
(d) जो रक्षक (घ) ग्रामों की समिष्ट
(e) ग्राम महाजन की भूमिका (ङ) जमीन्दारों की समृद्धि

उत्तर :

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) स्थायी बन्दोवस्त (ङ) जमीन्दारों की समृद्धि
(b) महलवारी (घ) ग्रामों की समिष्ट
(c) थामसमानसे (क) रैयतदारी बन्दोवस्त के प्रवर्तक
(d) जो रक्षक (ख) वही भक्षक
(e) ग्राम महाजन की भूमिका (ग) औपनिवेशिक शासन काल

प्रश्न 3.

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) चाय, नील (क) नील की खेती के लिए अग्रिम रुपये
(b) सन् 1788 ई० (ख) वाणिज्य फसलें
(c) सन् 1829 ई० (ग) कपड़ों को रंगीन करने के लिए
(d) नील की खेती (घ) बंगाल
(e) नील विद्रोह (ङ) जमीन खरीदने का अधिकार नहीं था

उत्तर :

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) चाय, नील (ख) वाणिज्य फसलें
(b) सन् 1788 ई० (क) नील की खेती के लिए अग्रिम रुपये
(c) सन् 1829 ई० (ङ) जमीन खरीदने का अधिकार नहीं था
(d) नील की खेती (ग) कपड़ों को रंगीन करने के लिए
(e) नील विद्रोह (घ) बंगाल

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प्रश्न 4.

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) उन्नीसवीं सदी का दूसरा भाग (क) किसान दासों में बदल गए
(b) मध्य प्रदेश (ख) सन् 1815 ई०
(c) सन् 1905 ई० (ग) संजीवनी ‘कूली काहिनी’
(d) दक्षिणात्य हंगामा (घ) रेल पथ बना
(e) रामकुमार विदारण (ङ) चाय बगीचा शिल्प उन्नत

उत्तर :

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) उन्नीसवीं सदी का दूसरा भाग (ङ) चाय बगीचा शिल्प उन्नत
(b) मध्य प्रदेश (क) किसान दासों में बदल गए
(c) सन् 1905 ई० (घ) रेल पथ बना
(d) दक्षिणात्य हंगामा (ख) सन् 1815 ई०
(e) रामकुमार विदारण (ग) संजीवनी ‘कूली काहिनी’

प्रश्न 5.

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) सन् 1879 ई० में (क) Tenancy Act
(b) सन् 1885 ई० में (ख) दक्षिणात्य में कृषक विद्रोह
(c) सन् 1757 ई० में (ग) प्लासी का युद्ध
(d) सन् 1720 ई० में (घ) भारतीय वस्त्र शिल्प का पतन
(e) सन् 1813 ई० में (ङ) सूती वस्त्रों पर रोक

उत्तर :

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) सन् 1879 ई० में (ख) दक्षिणात्य में कृषक विद्रोह
(b) सन् 1885 ई० में (क) Tenancy Act
(c) सन् 1757 ई० में (ग) प्लासी का युद्ध
(d) सन् 1720 ई० में (ङ) सूती वस्त्रों पर रोक
(e) सन् 1813 ई० में (घ) भारतीय वस्त्र शिल्प का पतन

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प्रश्न 6.

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) कच्चे माल में (क) बम्बई में पहला सूती कपड़े का उद्योग
(b) भारतीय द्रव्य (ख) 7 करोड़ पाउण्ड खर्च हुए।
(c) सन् 1813 ई० में (ग) 200 स्लीपर लगते थे
(d) सन् 1857 ई० में (घ) रेल पथ योजना लया गया
(e) ब्रिटिश साम्राज्य का महत्वपूर्ण रत्न (ङ) सूत्ती, कपड़े, पटसन शिल्प आये।

उत्तर :

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) कच्चे माल में (ङ) सूत्ती, कपड़े, पटसन शिल्प आये।
(b) भारतीय द्रव्य (घ) रेल पथ योजना लया गया
(c) सन् 1813 ई० में (क) बम्बई में पहला सूती कपड़े का उद्योग
(d) सन् 1857 ई० में (ग) 200 स्लीपर लगते थे
(e) ब्रिटिश साम्राज्य का महत्वपूर्ण रत्न (ख) 7 करोड़ पाउण्ड खर्च हुए।

प्रश्न 7.

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) सन् 1850 ई० में (क) बम्बई में पहला सूती कपड़े का उद्योग
(b) सन् 1853 ई० में (ख) 7 करोड़ पाउण्ड खर्च हुए।
(c) सन् 1853 ई० में (ग) 200 स्लीपर लगते थे
(d) सन् 1869 ई० तक (घ) रेल पथ योजना लया गया
(e) सन् 1760 ई० तक (ङ) सूत्ती, कपड़े, पटसन शिल्प आये।

उत्तर :

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) सन् 1850 ई० में (ङ) सूत्ती, कपड़े, पटसन शिल्प आये।
(b) सन् 1853 ई० में (क) बम्बई में पहला सूती कपड़े का उद्योग
(c) सन् 1853 ई० में (घ) रेल पथ योजना लया गया
(d) सन् 1869 ई० तक (ख) 7 करोड़ पाउण्ड खर्च हुए।
(e) सन् 1760 ई० तक (ग) 200 स्लीपर लगते थे

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प्रश्न 8.

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) सन् 1851 ई० में (क) 46 टेलीग्राफ केन्द्र तैयार
(b) सन् 1856 के अंत तक (ख) सन् 1854 ई० से 1901 तक
(c) सन् 1870 ई० में (ग) बिटेन भेज दी जाती थी
(d) 2 करोड़ 89 लाख दुर्भिक्ष (घ) टेलीग्राफ व्यवस्था चालू हुई
(e) भारतीय सम्पत्ति लूटकर (ङ) भारत और ब्रिटेन टेलीग्राफ सम्पर्क हुआ

उत्तर :

‘क’ स्तम्भ ‘ख’ स्तम्भ
(a) सन् 1851 ई० में (घ) टेलीग्राफ व्यवस्था चालू हुई
(b) सन् 1856 के अंत तक (क) 46 टेलीग्राफ केन्द्र तैयार
(c) सन् 1870 ई० में (ङ) भारत और ब्रिटेन टेलीग्राफ सम्पर्क हुआ
(d) 2 करोड़ 89 लाख दुर्भिक्ष (ख) सन् 1854 ई० से 1901 तक
(e) भारतीय सम्पत्ति लूटकर (ग) बिटेन भेज दी जाती थी

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