Students should regularly practice West Bengal Board Class 8 Hindi Book Solutions सहायक पाठ Chapter 1 नया रास्ता to reinforce their learning.
WBBSE Class 8 Hindi Solutions सहायक पाठ Chapter 1 Question Answer – नया रास्ता
अभ्यास प्रश्न एवं उत्तर :
प्रश्न 1.
आनेवाले मेहमान को विशेष महत्व क्यों दिया जा रहा है?
उत्तर :
आनेवाले मेहमान मेरठ वालों को मीनू का फोटो पसंद आ गया है। इसलिए वे मीनू को देखने तथा रिश्ता निश्धित करने के लिए आ रहे हैं। पहले भी कई लड़कों ने देखा पर शादी करने से इनकार कर दिया। इस परिवार में मीनू को पसंद किया है। मीनू के परिवार को विश्चास है कि अब मीनू का रिश्ता पक्का हो जाएगा। इसलिए मेहमान का विशेष महत्व दिया जा रहा है। उनके स्वागत के लिए हर प्रकार की तैयारीयाँ की जा रही हैं।
प्रश्न 2.
आनेवाले मेहमान से परिवार के लोगों को क्या उम्मीद है?
उत्तर :
आनेवाले मेहमान से परिवार के लोगों को यह उम्मीद है कि इस बार मीनू का रिश्ता पक्का हो जाएगा । निश्चित रुप से मीनू को वे लोग पसंद कर लेगें।
प्रश्न 3.
लेखिका मीनू को दृढ़ता और साहस की मूर्ति क्यों कहा है?
उत्तर :
मीनू योग्य तथा होनहार युवती थी। कई लड़कों ने छोटे कद तथा साँवले रंग के कारण रिश्ते से इनकार कर दिया था। पर इससे मीनू हतप्रभ तथा निराश न हुई उसने साहस से काम लिया। उसने नया रास्ता चुना। विवाह का सपना देखना ही छोड़ दिया। वह अपनी जिन्दगी का एक क्षण भी व्यर्थ नहीं होने देना चाहती थी। उसने वकील बनकर अपने पैरों पर खड़ी होने का निश्धय किया। रुढ़िवादी समाज की संकीर्ण विचार धारा को नकारते हुए उसने स्वयं अपना भविष्य निर्धारित किया। इसी कारण लेखिका ने उसे दृढ्ता एवं साहस की मूर्ति कहा है।
प्रश्न 4.
विवाह के अलावा मीनू के जीवन का लक्ष्य क्या था?
उत्तर :
विवाह के अलावा मीनू के जीवन का लक्ष्य था वकील बनकर अपने पैरों पर खड़ा होना। उसके मन में लगन थी कुछ बनने की कुछ कर दिखाने की। अपने पाँव पर खड़े होकर वह इतना पैसा कमा लेना चाहती थी कि जिससे समाज में सिर ऊँचा करके रह सके।
प्रश्न 5.
मीनू समाज के झूठे आवरण को हटाकर एक सत्य दिखाना चाहती है -स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
मीनू आधुनिक प्रबुद्ध विचारों की दृढ़ व साहसी युवती है। समाज में व्याप्त रूढ़ियों, अंध विध्रासों, सड़ी गली परंपराओं को वह नकार देती है। दकियानूसी समाज की मान्यता रही है कि लड़कियों का कार्य क्षेत्र घर की चारदीवारी के भीतर है। उनकी मान्यता है कि माता-पिता की इच्छानुसार विवाह कर लड़कियाँ घर के भीतर गृह कार्य संपन्न करे। मीनू इस झूठे आवरण हटा कर सत्य का रास्ता दिखाना चाहती है। वह चाहती है कि पुरुषों की तरह लड़कियाँ भी अपनी प्रगति और विकास का मार्ग चुन सकती हैं। अपने दृढ़ आत्मबल से मीनू वकालत प्रथम श्रेणी में पास कर सफल वकील बनकर समाज को जीवन की सच्चाई दिखा देती है।
प्रश्न 6.
धनीमल और मायाराम कौन हैं? उनके बीच क्या बातचीत हो रही है?
उत्तर :
धनीमल शहर के एक धनी और सम्पन्न व्यक्ति थे। मायाराम अमित के पिता थे जो मीनू को देखने और रिश्ता तय करने के लिए मीनू के घर जा चुके थे। धनीमल अपनी बेटी सरिता का रिश्ता लेकर मायाराम के घर आए थे। यहाँ धनीमल और मायाराम के बीच अमित और सरिता के रिश्ते के विषय में बातचीत हो रही है। मायाराम ने कहा कि हुम एक लड़की देखकर आए हैं, सब को लड़की पसंद आ गई है। एक बड़े घर की लड़की लेकर वे बेटे को बेच डालना नहीं चाहते । धनीमल शादी में पाँच लाख रुपये लगाने के लिए कहा। धनीमल जी रुपये का लोभ देकर सरिता की शादी के लिए प्रयास कर रहे थे। वे चाहते हैं कि बेटी सरिता का विवाह मायाराम के बेटे अमित संग संपन्न हो जाए।
प्रश्न 7.
अमित और सरिता किस विषय में बात कर रहे थे?
उत्तर :
अमित और सरिता को एकान्त में बातें करने का अवसर दिया गया। अमित ने सरिता से उसकी रुचि के बारे में पूछा। सरिंता ने जवाब दिया कि पेंटिग व कार ड्राइविंग में उसकी विशेष रुि है। फिर अमित ने घर के काम काज के विषय में पूछा तो सरिता ने स्पष्ट बतला दिया कि उसे घर के काम नहीं आतें। घर में चार-चार नौकर हैं। अत: उसे काम करने की न जररत ही है न घर के काम में उसकी रुचि ही है। उसने यह भी कहा कि पिता जी शादी के बाद उसके साथ एक नौकर घर का काम करने के लिए भेज देंगे।
प्रश्न 8.
“मुझे पेंटिग व कार ड्राइविंग में विशेष रुचि है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
यह कथन शहर के अमीर व्यक्ति धनीमल की बेटी सरिता का है। अमित ने सरिता से उसकी रुचि और पसंद के बारे पूछा तो धनी बाप की बेटी सरिता ने अमीरों की बेटियों की भौंत स्सष्ट कह दिया कि उसकी रुचि पेंटिग में तथा कार ड्राइविंग में है। इस कथन से सप्ट हो जाता है कि सरिता का जीवन विलासिता पूर्ण वातावरण में बीत रहा है। घर में उसे सुख और आराम की सभी सुविधाएँ थीं। गृह काम-काज से उसे कोई मतलब नहीं था।
प्रश्न 9.
अमीत की स्मृतियों में डूब जाने पर मीनू उदास क्यों हो जाती है?
उत्तर :
मीनू को अपनी जिन्दगी के कुछ क्षण याद आ गए। पहले भी कई लड़कों ने उसे देखा था, पर किसी ने कद की छोटी व किसी ने साँवली बताते हुए शादी करने से इनकार कर दिया था। हर बार उसके मीठे सपने चूर हो जाते थे। यह अतीत की याद उसके लिए पीड़ादायक हो जाती थी। इसी कारण अतीत की स्मृतियों में डूब जाने पर वह उदास हो जाती थी।
प्रश्न 10.
‘कई लड़के उसे नापसंद कर चुके थे’ -स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
मौंनू छोटे कद की तथा साँवले रंग की लड़की थी। कई रिश्ते उसकी शादी के लिए आए पर उसके कद तथा रंग के कारण अस्वीकार कर दिए। यद्वापि वह कुरुप नहीं थी, पर अधिक सुंदर भी नहीं थी इसलिए कई लड़के उसे पसद न किए।
प्रश्न 11.
मीनू अपनी सहेलियों के साथ कहाँ जा रही है?
उत्तर :
मीनू अपनी सहेलियों के साथ होस्टल के बाहर चाय-समोसे खाने जा रही है।
प्रश्न 12.
नवयुवक कौन है?
उत्तर :
नवयुवक अमित है जो मेरठ से विवाह के निमित्त्र उसे देखने आया था, पर माता-पिता के दबाव से वह शादी न कर सका। यद्यापि वह मीनू को पसंद कर चुका था।
प्रश्न 13.
मीनू उस नवयुवक को देखकर क्यों चौंक गई?
उत्तर :
निलिमा के विवाह के अवसर पर मीनू के गीत की प्रशंसा उस नवयुवक ने की थी। मीनू ने जैसे ही उसकी ओर देखा तो वह चौंक गई, क्योंक वह नवयुवक वही अमित था जो उसे देखने मेरठ से आया था। स्वयं वह मीनू को पसंद कर लिया था, पर माता-पिता के सामने उसकी एक न चली।
प्रश्न 14.
मीनू अपनी प्रशंसा सुनकर खुश क्यों नहीं हुई?
उत्तर :
अपनी प्रशंसा सुनने के बाद भी मीनू अपने दिल में बिलकुल खुश न हुई, बल्कि उसका हृदय पीड़ा से आकुण्ठ हो उठा। क्यों कि जिस नवयुवक अमित ने उसकी प्रशंसा की थी, जिसने उसे देखने के बाद उसका दिल तोड़ा था।
प्रश्न 15.
हमारे समाज में लड़के के विवाह की अपेक्षा लड़की के विवाह को आज इतना महत्व क्यों दिया जाता है?
उत्तर :
हमारे समाज में लड़की के विवाह को अधिक महत्व दिया जाता है। लड़को का विवाह माता-पिता के लिए कठिन मालूम पड़ता है। समाज में दहेज प्रथा अभिशाप बन गई है। लड़की सयानी हो जाती है, विवाह में और अधिक कठिनाई होती है। बिना पर्याप्त दहेज के योग्य शादी मिलते नहीं। लड़की के विवाह में देर ही जाने से समाज में लोग ऊँगली उठाने लगते हैं। लड़की की शादी होने पर माँ-बाप चिन्ता मुक्त हो जाते है। क्वाँरा लड़का घर में रह सकता है, पर क्वाँरी लड़की घर में बेठे तो समाज नाना प्रकार से लाँछन लगाता है।
प्रश्न 16.
नीलिमा कौन है? वह मीनू को राय क्यों दे रही है?
उत्तर :
नीलिमा मीनू की सबसे प्रिय सहेली है। नीलिमा चाहती है कि मीनू की शादी उसके भाई अशोक से हो जाए। अशोक मीनू को बहुत पसंद करता है। सदा उसकी प्रशंसा करता है। नीलिमा मीनू से कहने लगी अशोक भैया तेरे बहुत दिवाने हैं। तू तैयार हो जा तेरी शादी अशोक भइया से करा दूँगी। नीलिमा मीनू को शादी के लिए तैयार कर लेना चाहती है, परंतु मीनू के हठ के आगे उसकी एक न चली।
प्रश्न 17.
शादी के नाम से मीनू उदास क्यों हो जाती है?
उत्तर :
मीनू का रुप रंग साधारण था। उसे बहुत सुंदर नहीं कह सकते। उसकी शादी के लिए कई रिश्ते आए पर लड़के शादी करने से इनकार कर दिए। बार-बार रिश्ते टूटने से मीनू अत्यंत दुखी व उदस हो जाती मेरठ वालों को उसका फोटो पसंद आ गया। इसलिए मीनू और उसके परिवार को विश्वास हो गया कि यह रिश्ता निध्धित हो जाएगा। पर धन के लोभ में अमित के माता-पिता ने इस रिश्ते को अस्वीकार कर दिया। इससे रिश्ते के इनकार के कारण मीनू का दिल बिलकुल टूट गया। अब शादी के नाम से मीनू उदास हो जाती है।
प्रश्न 18.
नीलिमा उसकी (मीनू) शादी के लिए इतनी उत्साहित क्यों है?
उत्तर :
नीलिमा अपनी प्रियतम सहेली मीनू की शादी जल्दी हो जाए, यह दिल से चाहती थी। कई लड़को के इनकार कर देने से मीनू उदास तथा दुखी थी, नीलिमा उसकी इस उदासी को दूर करना चाहती थी। नीलिमा का भाई अशोक दिल से मीनू को पसंद करता था और चाहता था कि मीनू संग उसकी शादी हो जाए। इसलिए मीनू को शादी के लिए तैयार कर अपने भाई अशोक संग उसका विवाह संपन्न करा देना चाहती है। इसीलिए वह मीनू की शादी के लिए इतनी उत्साहित है।
प्रश्न 19.
वर्षो के प्यार दुलार के बाद लड़की को बिद्धुड़ना क्यों पड़ता है ?
अथवा
प्रश्न 20.
‘बेटी पराया धन होती है’ का अर्थ स्प्ट्ट कीजिए।
उत्तर :
प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में बेटी को पराया धन माना जाता है। कालिदास ने भी कहा है ‘अर्थो हि कन्या परकीय एव’ अर्थात् कन्या पराया धन है। माता-पिता भी लड़की के सयानी होते ही उसका विवाह कर जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते है। माता-पिता अपनी पुत्री को लाड़-य्यार करते हैं, उसका पालन-पोषण करते हैं, पर उस प्यार-दुलार के बाद लड़की को विछ्छुड़ना पड़ता है। पुरुष प्रधान समाज में घर का उत्तराधिकारी लड़का होता है। लड़की विवाह के अनंतर पराये घर की संपत्ति बन जाती है, वही घर उसका अपना हो जाता है। यह एक सामाजिक व्यवस्था तथा परंपरा है। पति तथा सास-ससुर की सेवा करना उसका धर्म हो जाता है। हर लड़की भी इस तथ्य को समझती है कि एक दिन उसे अपने माता-पिता का घर छोड़कर अन्यत्र पति के घर जाना ही है।
प्रश्न 21.
दीपक कौन है? वक्ता का उससे क्या संबंध है?
उत्तर :
दीपक मायाराम की पत्नी का भतीजा है। अमित की माँ वक्ता है । उसका दीपक से संबंध है कि वह उनके भाई का लड़का है।
प्रश्न 22.
शादी में जाने के लिए वे इतने उत्साहित क्यों हैं?
उत्तर :
मायाराम की पल्नी को अपने भाई के पास गए हुए कई वर्ष हो गए थे। इसलिए उन्होंने सोचा कि इस बार वे शादी में जाएँगी, और कुछ दिनों के लिए वहाँ रुकेंगी। इसीलिए वे शादी में जाने-के लिए इतनी उत्साहित हैं।
प्रश्न 23.
अमित मीनू के आने पर क्यों खुश हो गया?
उत्तर :
अमित ने जब पहली बार मीनू को देखा था तो समझा कि यह मीनू ही मेरे अरमानों की मंजिल है। वह सब प्रकार से मीनू को पसंद कर लिया। पर माता-पिता के दबाव के आगे उसकी एक न चली। मीनू की पीड़ा को वह समझ गया कि निराश हो कर मीनू ने वकालत पढ़कर अपने पैरों पर खड़ा होने का निश्थय कर लिया है। दिल दूट जाने से मीनू उससे घृणा करने लगी थी। जब उसे पता चला कि असताल में अक्सीडेंट से पीड़ित था अमित ने उसे याद किया है। अब मीनू के हूदय के कोने में अमीत के लिए कुछ सेह भाव उत्पन्न हो गया था। इसलिए अमित से मिलने अंसताल पहुँच गई। मीनू को देख कर अमित के उदास मुरझाये चेहरे पर प्रसन्रता झलक पड़ी। इस प्रकार अमित खुश हो गया।
प्रश्न 24.
वक्ता के वकालत पास करने से उन्हें विशेष खुशी क्यों हो रही है?
उत्तर :
वक्ता मीनू के वकालत पास करने से अमित को विशेष खुशी हो रही थी, क्योंकि मीनू ने वकालत पढ़ने व अपने पाँव पर खड़े होने का फैसला कर लिया था। इसीलिए उसने अभी तक उससे कुछ नहीं कहा। आज जब वकालत पूरी कर चुकी है तब कुछ कहने का समय आया।
प्रश्न 25.
समाज में स्त्री और पुरुष में इतना भेद क्यों है?
उत्तर :
हमारा समाज परंपरावादी समाज़ है। पुरुष प्रधान समाज परंपरा से पुरुष का अधिक महत्व देता रहा है। पुरुष ही घर का मालिक और समस्त सामाजिक क्रिया कलाप का कर्ता होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात रही कि पुरुष ही अर्थोपार्जन करता रहा है इसीलिए उसका वर्चस्व बना रहा। सभी बस परुष की अश्रित बन कर रह गई। उसका कार्य क्षेत्र घर के भीतर रहा है शिक्षा, नौकरी, व्यापार आदि क्रिया कलाप पुरुषों के अधीन रहा नारी का कार्य क्षेत्र चारदीवारी के भीतर रहा। अर्थ तंत्र पर उसका अधिकार न रहा। बेटी को पराया धन माना जाता है। वह कभी स्वाधीन न रही। पर आज कल यह व्यवस्था खतम हो चुकी है। अब स्त्री-पुरुष में भेद भाव नहीं बल्कि बराबर का दर्जा है। नारियाँ अब शिक्षा, नौकरी, व्यवसाय सब में कंधे से कंधा मिलाकर पुरुष के साथ काम कर रही है।
प्रश्न 26.
लड़की के जीवन में इतनी कठिनाइयाँ क्यों आती हैं?
उत्तर :
पुरुष प्रधान समाज में लड़कियों का कार्यक्षेत्र घर की सीमा के भीतर रहा है। उनका कार्य घर के भीतर का काम करना संतान उत्पन्न करना रहा है। अर्थतंत्र पर उनका कोई अधिकार नहीं था। हमेशा पुरुष का अनुगामी बनकर रहना पड़ता था। पढ़ाई-लिखाई, नौकरी, व्यवसाय आदि पर पुरुषों का एकाधिपत्य था तथा बेटियाँ पराया धन समझी जाती थी। उनका विवाह कर विदा कर माता-पिता संतुष्ट हो जाते थे। इसीलिए लड़की के जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं। हर काम में उन्हे पुरुष का ही मुँह देखना पड़ता था। पर स्थिति बदल गई है। अब उच्च शिक्षा प्राप्त कर उच्च पदों पर आसीन होकर स्त्रियाँ समाज का महत्वपूर्ण अंग बन चुकी है।
प्रश्न 27.
सामाजिक बंधन से क्या मीनू मुक्त हो सकी?
उत्तर :
निश्चित रुप से मीनू सामाजिक बंधन से मुक्त हो सकी। वकालत की प्रेक्टिश शुरू कर मीनू अर्थोपार्जन कर सशक्त बन गई। अब वह समाज का मुँहताज नहीं। समाज के झूठे आवरण को हटाकर वह सत्य और वास्तविकता का मार्ग स्वीकार की। किसी पर न रही। विवाह जैसा पवित्र संस्कार अब उसकी इच्छा पर आधारित हो गया। सक्षम होकर वह नया रास्ता दिखाने में समर्थ बन गई।
प्रश्न 28.
‘विशेष ख्याति’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
विशेष ख्याति से तात्पर्य है मीनू की बड़ी सफलता। प्रसिद्ध वकील बनकर मीनू आत्मविश्वास व लगन से विशेष ख्याति प्राप्त कर ली। जिस नारी को अबला कहा जाता रहा, जो सदा पुरुष की अनुगामिनी बनकर रहने को बाध्य हो जाती रही, वह नारी मीनू चतुर्दिक प्रशंसा तथा सम्मान का पात्र बनी।
प्रश्न 29.
उपन्यास के आधार पर मीनू का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर :
मीनू ‘नया रास्ता’ उपन्यास में सर्वाधिक सशक्त, प्रभावशाली, आदर्श नारी पात्र है। वह समाज में व्याप्त रूढ़ियों, सड़ीगली परंपराओं दकियानूसी विचारों को नहीं स्वीकारती। समाज ने सदा उसका तिरस्कार किया, उसके दिल को ठेस पहुँचाया, पर मीनू ने किसी की परवाह न की, साहस और आत्मबल को न खोई। अपना रास्ता स्वयं बनाया, अपने भाग्य का निर्माण स्वयं किया। अपनी दृढ़ता, साहस लगन तथा धैर्य से अपनी महत्वाकांक्षा को पूर्ण सफलता प्राप्त की। मीनू प्रगतिशील विचारों की प्रबुद्ध आधुनिक नारी है। उसके चरित्र की रुपरेखा इस प्रकार द्रस्टण्य है-
सुशिक्षित प्रबुद्ध नारी – मीनू मध्यम श्रेणी के परिवार की प्रबुद्ध नारी है। दकियानूसी विचारों और अंध विश्वासों को नहीं स्वीकारती। वह उच्चशिक्षा प्राप्त नारी है। वकालत की परीक्षा सदा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। उच्च शक्षा प्राप्त करने के बाद भी उसमें अभिमान की भावना बिलकुल नहीं थी।
व्यवहार कुशल- मीनू व्यवहार में अत्यंत कुशल थी। अपने माता-पिता तथा भाई के प्रति सदा सरल सौम्य व्यवहार करती थी। अपने आचरण तथा बातचीत से कभी भी माता-पिता को ठेस नहीं लगने देती। वह एक आदर्श सहेली थी। उसकी सौम्य व्यवहार ही था कि नीलिमा सदा उसके हित के लिए प्रस्तुत थी। हास्टेल में माया से भी उसका प्रीतिपूर्ण व्यवहार था।
धैर्य और साहस की मूर्ति – मीनू के रुप रंग तथा आकार के कारण कितने लड़कों ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया। पर मीनू कभी अपना धैर्य और साहस नहीं छोड़ती। सदा दृढ़ बनी रहती है। सच तो यह है कि इन्हीं परिस्थितियों ने मीनू को दृढ़ साहसी बना दिया। उसके वकालत पढ़ने, प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने तथा एक सफल वकील बनने में अद्भुत साहस और जोश था।
भावुकता एवं संवेदनशीलता – मीनू अत्यंत भावुक तथा संवेदनशील नारी थी। उसकी छोटी बहन आशा का विवाह हो गया सहेली नीलिया का विवाह ही नहीं पुत्र भी उत्पन्न हो गया, पर मीनू क्वाँरी ही बनी रही। उसके दिल में भावना कितनी प्रबल रही हो गी। पिता की बीमारी की खबर सुनते ही वह सब कुछ छोड़कर पिताजी को देखने चली गई। नीलिमा को तीव्र ज्वर था। उस समय मीनू नीलिमा के घर जाकर उसकी सेवा की, अपने हाथ से दवाई पिलाई। शादी से इनकार के बाद मीनू अमित से घृणा करती थी, पर अमित के एक्सीडेंट की खबर सुनकर वह उसे देखने अस्पताल पहुँच गई। अमित के नेत्रों में आँसू देखकर मीनू का दिल भी भर आया। वह भावविभोर हो उठी। अमित के प्रति उसके हुदय में प्यार व दया की भावना उमड़ पड़ी।
देश प्रेम की भावना – मीनू के हदय में अपने देश के प्रति लगाव था। वह चाहती थी कि पढ़ लिखकर नवयुवक देश की उन्नति में योगदान दें। नीलिमा ने बतलाया कि उसकै भाई अशोक पढ़ने के लिए अमेरिका गए है, वहाँ जाने पर लोग वही बस जाते है। मीनू ने अपना भाव व्यक्त किया कि भारत सरकार हमारी पढ़ाई पर कितना पैसा खर्च करती है पर वे पैसे के लोभ से विदेश में जा बसें, यह बिलकुल उचित नहीं। यदि बुद्धिजीवी विदेशों में बस जाएँगे तो देश की उन्नति किस प्रकार संभव हो सकेगी।
कर्मठ तथा महत्वाकांक्षी – मीनू कर्त्तव्यपरायण परिश्रम शील तथा दृढ़ निश्धयवाली स्वाभिमानी नारी थी। अपने परिश्रमी स्वभाव के कारण वह प्रत्येक परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। विपरीत परिस्थितियों में भी वह हार नहीं मानती। कभी निराश नहीं होती। विवाह का रिश्ता टूट जाने पर उसके मनोबल में नूतन निखार आ गया। वह एक प्रसिद्ध वकील बनना चाहती थी। अपने इस दृढ़ निश्धय को उसने पूर्ण रूप दे दिया। आत्मविश्षास व लगन से वह प्रसिद्ध वकील बनकर विशेष ख्याति प्राप्त कर ली। निश्चित रुप सें दृढ़ता और साहस की मूर्ति मीनू का चरित्र व जीवन आधुनिक युग की युवतियों के आदर्श स्वरूप है।
प्रश्न 30.
अमित का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर :
अमित ‘नया रास्ता’ उपन्यास में प्रसिद्ध पुरुष पात्र है। संपूर्ण उपन्यास में उसका महत्वपूर्ण स्थान है। आदि से अन्त तक अमित कथा में प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से प्रभावशाली बना हुआ है। अमित पवित्र दिल का स्वाभिमानी युवक है। वह एक आदर्श पुत्र, आदर्श मित्र तथा सच्चा नि:-स्वार्थ प्रेमी है। यद्धपि अपने संकोची स्वभाव तथा माता-पिता के प्रति प्रेम और सद्भाव के कारण वह अपने दिल की भावना को दृढ़ता से व्यक्त न कर सका, माता-पिता का खुलकर विरोध न कर सका, पर वह अपने सच्ची प्रेम भावना फर सदा दृढ़ बना रहा। अमित के चरित्र की संक्षिप्त रूप-रेखा इस प्रकार है-
माता-पिता के प्रति आदर – अमित के हद्य में अपने माता-पिता के प्रति आदर सम्मान का भाव है। उसकी सबसे बड़ा इच्छा थी कि उसे ऐसी पत्नी मिले जो उसके माता-पिता के साथ ठीक से रह सके। उनका आदर सत्कार कर सके। मीनू ने संयुक्त परिवार में माता-पिता व बहन के साथ रहना स्वीकार कर लिया। इससे अमित को बड़ी प्रसन्नता हुई। वह नहीं चाहता कि कोई धनी बाप की लड़की माता-पिता से अलग रहे। इसीलिए वह सरिता को मन से स्वीकार न कर सका। यद्यपि माता-पिता का विरोध न कर सका।
निश्चल पवित्र स्वभाव – अमित पवित्र स्वभाव का निश्छल नवयुवक था। उसने प्रथम दृष्टि में ही मीनू को देखकर उसके भोले चेहरे के प्रति समर्पित हो गया। मीनू के प्रति उसका सच्चा प्यार आजीवन बना रहा। सरिता संग रिश्ता न होने पर वह प्रसन्न हो उठा। पर मीनू की स्नेह के प्रति सच्चे प्रेम के कारण शादी के लिए तैयार न हुआ। विवाह किया तो अन्त में मीनू के ही संग।
आदर्श चरित्र एवं समर्पण की भावना – अमित दृढ़ व्यक्तित्व का नवयुवक था। वह मीनू के प्रति समर्पित था। उसने संकोचवश सरिता संग रिश्ते का विरोध नहीं किया तथा माता-पिता के सामेने अपना दृढ़ निश्धय न बता सका। अपनी इसी भूल का प्रायाध्चित करने के लिए वह कहीं विवाह के लिए तैयार न हुआ। अस्पताल में मीनू के सामने उसने अपने दिल का सच्चा उद्गार अपनी सारी संवेदना प्रकट कर दी। मीनू के अलावा वह कहीं अन्यत्र विवाह के लिए राजी न रहा। पिता से उसने स्पष्ट कह दिया जहाँ तक मेरी पसंद की बात है मुझे तो सरिता बिल्कुल पसंद नहीं है।
अमित पढ़ा लिखा चरित्रवान नवयुवक था। अपने सिद्धान्त तथा दृढ़निश्चय के प्रति सदा तत्पर बना रहा।