Students should regularly practice West Bengal Board Class 8 Hindi Book Solutions Poem 7 नई नारी to reinforce their learning.
WBBSE Class 8 Hindi Solutions Poem 7 Question Answer – नई नारी
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
प्रश्न 1.
नई नारी किस चाल से चलती है?
(क) तामसी
(ख) सादगी
(ग) राजसी
(घ) निर्भीक
उत्तर :
(ख) सादगी भरी
प्रश्न 2.
‘नई नारी’ कविता के रचयिता है?
(क) सुब्रह्मण्य स्वामी
(ख) राधाकृष्ण भारती
(ग) सुबह्मण्य भारती
(घ) केशवदास
उत्तर :
(ग) सुब्रह्मण्य भारती।
प्रश्न 3.
नई नारी किससे गौरवान्वित है?
(क) शृंगार की दीप्ति से
(ख) विद्या की दीप्ति से
(ग) धन की दीप्ति से
(घ) शक्ति की दीप्ति से।
उत्तर :
(ख) विद्या की दीप्ति से
प्रश्न 4.
नई नारी को कहाँ भटकना स्वीकार नहीं है?
(क) मिथ्या परंपराओं में
(ख) अज्ञान के अंधेरे में
(ग) सुख-सुविधाओं के संसार में
(घ) अंधविश्वास के बंधन में
उत्तर :
(ख) अज्ञान के अंधेरे में।
प्रश्न 5.
नारी अपने व्यवहार से किससे प्रशंसा प्राप्त कर लेगी ?
(क) कवि से
(ख) पुरूषों से
(ग) समाज से
(घ) देवता से
उत्तर :
(ख) पुरूषों से
प्रश्न 6.
नई नारी कविता के रचनाकार कौन हैं ?
(क) निराला
(ख) गोपाल दास
(ग) सी० सुब्रह्मण्य भारती
(घ) बाजपेयी
उत्तर :
(ग) सी० सुब्रह्मण्य भारती
प्रश्न 7.
हिकारत का अर्थ है –
(क) घृणा
(ख) झूठ
(ग) प्रथा
(घ) अंधविश्वास
उत्तर :
(क) घृणा
प्रश्न 8.
आज की नारी कैसी अनुभूति कर रही है ?
(क) गौरव की
(ख) चकाचौंध
(ग) विलासिला
(घ) विकास
उत्तर :
(क) गौरव की
प्रश्न 9.
कैसे विहीन जीवन को आज की नारी हिकारत से नामंजूर कर देती है ?
(क) सुःख
(ख) संस्कृति
(ग) विद्या
(घ) दु:ख
उत्तर :
(ख) संस्कृति
प्रश्न 10.
कवि के अनुसार कौन सभी अंधविश्वासों को तोड़ फेंकेंगी ?
(क) आज की नारी
(ख) कविं
(ग) भारती जी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) आज की नारी
प्रश्न 11.
नई नारी ने किसका अध्ययन कर ज्ञान प्राप्त किया हैं ?
(क) विचारों का
(ख) संस्कृति का.
(ग) शास्त्रों का
(घ) आचरण का
उत्तर :
(ग) शास्त्रों का
प्रश्न 12.
सी० सुब्रह्यण्य भारती मूलतः किस भाषा के रचनाकार हैं ?
(क) हिन्दी
(ख) अंग्रजी
(ग) बंगला
(घ) तमिल
उत्तर :
(घ) तमिल
प्रश्न 13.
नई नारी किस चीज को तोड़ फेकेंगी ?
(क) परंपरा,
(ख) विश्वास
(ग) संस्कृति
(घ) अंधविश्वास
उत्तर :
(घ) अंधविश्वास
प्रश्न 14.
सुक्रह्यण्य भारती को अन्य किस नाम से जाना जाता है ?
(क) महाकवि कालिदास
(ख) महाकवि भरतियार
(ग) महाकवि तुलसीदास
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) महाकवि भरतियार
लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1.
नई नारी को क्या स्वीकार नहीं है?
उत्तर :
नई नारी को अज्ञान, अशिक्षा के गहरे अंधकार में भटक जाना स्वीकार नहीं है।
प्रश्न 2.
नई नारी किसका अध्ययन करेंगी?
उत्तर :
नई नारी अनेकानेक शास्त्रों का अध्ययन करेंगी।
प्रश्न 3.
कवि किनको तोड़ने और हटाने की कामना करता है ?
उत्तर :
कवि पुरानी गलत परंपराओं को हटाने और सभी अंधविश्वासों को तोड़ने की कामना करता है।
प्रश्न 4.
नई नारी निर्भीक क्यों है?
उत्तर :
नई नारी अपनी शिक्षा, स्थिर बुद्धि, विचार के कारण निर्भीक है।
प्रश्न 5.
आधुनिक युग में स्त्रियाँ कौन-सा स्थान प्राप्त कर ली हैं ?
उत्तरः
आधुनिक युग में स्तियाँ उच्च शिक्षा प्राप्त कर उसके प्रकाश से समाज तथा देश में गैरवपूर्ण स्थान प्राप्त कर ली हैं।
प्रश्न 6.
सुक्रह्मण्य भारती का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर :
सुबह्हण्य भारती का जन्म 11 दिसंबर 1882 ई० को तिरुनेवेली जिला (तमिलनाडूर) के एट्टयपुरम गाँव में हुआ था।
प्रश्न 7.
नई नारी कविता का हिन्दी अनुवाद किसने किया है ?
उत्तर :
नई नारी कविता का हिन्दी अनुवाद प्रभाकर द्विवेदी ने किया है।
प्रश्न 8.
नई नारी किसका ध्यान रखेंगी ?
उत्तर :
नई नारी हर प्रकार के मानव गतिविधि का ध्यान रखेंगी।
प्रश्न 9.
नई नारी किसको देवतुल्य बनाना चाहती हैं ?
उत्तर :
नई नारी सभी मनुष्यों को देवतुल्य बनाना चाहती हैं।
प्रश्न 10.
आज की नारी किस ओर अग्रसर हो रही है ?
उत्तर :
आज की नारी विकास के विभिन्न क्षेत्रों की ओर अग्रसर हो रही है।
प्रश्न 11.
कवि के अनुसार आज की नारी कैसी है ?
उत्तर :
कवि के अनुसार आज की नारी शिक्षित, ज्ञानी, और अध्ययनशील है।
बोध मूलक प्रश्न :
प्रश्न 1.
कवि सुब्रह्यण्य भारती ने नई नारी में किन-किन गुणीं की कल्पना की है?
उत्तर :
नई नारी विद्या की आभा से सम्मानित होती है। वह दृढ़ चित्त वृत्ति वाली वर्तमान जीवन की चकाचौंध से अप्रभावित, अज्ञान से मुक्त होगी। वह सभ्य संस्कृति के जीवन स्वीकार करेगी। शास्त्रों का अध्ययन कर जीवन को सुखद बना देगी। पुरानी गलत परंपराओं, अंधविश्वासों को तोड़ देगी। मानव के आचरण व्यवहार पर ध्यान रखेगी। कवि ने इन्हीं गुणों की कल्पना की है।
प्रश्न 2.
‘वे कभी चकाचौंघ में राह नहीं भूल सकती’ – इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
नई नारी अपनी विद्या, ज्ञान के प्रभाव से स्थिर विचार वाली होगी और जीवन की रंगीनियों में पड़कर अपना सही मार्ग नहीं भूलेंगी। कभी भी गलत आचरण, व्यवहार को नहीं अपनाएँगी। वह सदा सच्चे राह पर ही चलना पसंद करती है। अपने आचरण व्यवहार को सदा मर्यादित बनाए रखेंगी।
प्रश्न 3.
नई नारी के विकास का मार्ग में कौन-सी बाधाएँ हैं और वह कैसे दूर कर सकते है?
उत्तर :
नई नारी के मार्ग में अशिक्षा, पुरानी गलत परंपराएँ अंधविश्वास आदि बाधाएँ है नारी उसे अपनी शिक्षा, ज्ञान, दृढ़ चित्त वृत्ति, सादगी, अपने शास्त्र अध्ययन से दूर कर सकती हैं।
व्याख्या मूलक प्रश्न :
प्रश्न :
देश एवं समाज के सर्वांगीण विकास के लिए नारी का शिक्षित और प्रगतिशील होना आवश्यक है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
आधुनिक युग में नारी सुश्शिक्षित होकर आगे बढ़ रही और हैं विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर हो रही है। यह देश और समाज के लिए शुभ और कल्याणकारी है। यह निर्विवाद सत्य है कि नारी के उत्थान तथा योग़दान के बिना किसी भी देश या समाज की सच्ची प्रर्गति नहीं हो सकती। जैसे एक पहिये से रथ की गति आगे नहीं बढ़ती वैसे ही नारी के बिना समाज का प्रगति का रथ आये नहीं बढ़ सकता।
आज नारियाँ सुशिक्षित होकर विद्या-ज्ञान की चमक से गौरवान्वित हो रही हैं। पढ़ी-लिखी प्रबुद्ध नारियाँ दृढ़ चित्तवृत्ति वाली होती हैं। वातावरण की चकाचौंध में वे कभी सन्मार्ग से नहीं भटक सकती। ज्ञान की कांति से वे सदा जगमगाती रहती है। कभी अज्ञान के अंधकार में भटक नहीं सकतीं। अपना सच्चा रास्ता कभी भूल नहीं सकतीं। वे अपनी संस्कृति, सभ्यता, चाल, व्यवहार, नम्रता को कभी छोड़ नहीं सकती असंस्कृत जीवन को घृणा पूर्वक अस्वीकार कर देती हैं।
शिक्षित विदुषी, नारियाँ ही सभी शास्तों का अध्ययन कर सकती हैं। अपने व्यवहार तथा सद्जान और विवेक से जीवन को सुख-सुविधाओं से संपन्न बना देती है। वे नारियाँ युगों से व्याप्त अंध-विश्वासों अनुपयोगी दकियानूसी विचारों को त्यागकर समाज-घर को वातावरण को दिव्य तथा सुखद बनाएँगी। घर में नवनिता आधुनिकता लाएँगी। । पत्येक मानव की गतिविधियों को जाँच परख कर सभी में दैवी गुणों का संचार कर सभी को देवता के समान दिव्य एवं लोकहितकारी बना देगी। अत: आधुनिक युग में प्रबुद्ध नारी समाज को नई दिशा, नई गति दे सकती है।
भाषा बोध :
1. ‘ना’ उपसर्ग जोड़कर शब्द बनाइए-
नामंजूर, नालायक, नापाक, नापसंद, नाकाबिल, नाखुश, नाबालिग।
2. निम्नलिखित समोच्चरित भिन्नार्थक शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
- नारी – नारी आज विद्या के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।
- नाड़ी – वैद्य नाड़ी देखकर रोग का निदान करते हैं।
- विद्या- विद्या सबसे बड़ा धन है।
- विधा – सदा सही विधा पर अमल करना चाहिए।
- घन – आकाश में घन छाये हुए हैं।
- धन – जीवन में धन का महत्व है।
- शास्त्र – आज की नारी शास्त्र अध्ययन करती है।
- शस्त्र – शस्त्र से शुत्र नहीं, मित्र बनाना चाहिए।
- देव – शिव महान देव है।
- देह – देह रक्षा करना सब का कर्त्तव्य है।
WBBSE Class 8 Hindi नई नारी Summary
कवि परिचय :
सुब्रह्मण्य ज़ी का जन्म सन् 1882 ई. में तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जनपद के एट्टयपुरम में हुआ था। तमिल पुनर्जागरण में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन्होंने अनेक पत्रिकाओं का संपादन तथा प्रकाशन किया। पांचाली, शपथम, कन्नन पाटदु (कृष्णगीत) और कुचिल पाट्दु (कोयल गीत) इनकी तीन महत्वपूर्ण कविताएँ हैं। देश प्रेम तथा भारत महिमा पर भी इन्होंने अच्छे गीतों की रचना की। सन् 1921 ई० में इनका देहावसान हो गया।
1. और वह गौरवान्वित है अपनी विद्या की दीप्ति से।
ऐसी स्त्रियाँ स्थिरमति वाली होती हैं और
वे कभी चकाचौंध में राह नहीं भूल सकतीं।
अज्ञान के घने अंधकार में
भटक जाना उन्हें कतई स्वीकार नहीं।
शब्दार्थ :
गौरवान्वित = सम्मानित।
चकाचौंध = तिलमिलाहट, तीव्र प्रकाश के कारण आखों का झँपना।
दीप्ति = चमक, प्रकाश।
घन = घना, अधिक।
स्थिरमति = दृढ़ बुद्धि विचार।
कतई = पक्का, बिलकुल।
सन्दर्भ – प्रस्तुत अवतण ‘नई नारी’ कविता से उद्धृत है। इसके रचनाकार सी० सुबह्मण्य है।
प्रसंग – प्रस्तुत कविता में कवि ने आधुनिक प्रर्गतिशील, प्रबुद्ध नारी के जीवन के विविध क्षेत्रों में अग्रसर होने की ओर ध्यान केन्द्रित किया है।
व्याख्या – आधुनिक युग में स्त्रियाँ उच्च शिक्षा प्राप्त कर उसके प्रकाश से समाज तथा देश में गौरव पूर्ण स्थान प्राप्त कर ली हैं, और सम्मानित भी हुई हैं। ऐसी सुशिक्षित स्त्रियाँ दृढ़ बुद्धि-विचार वाली होती हैं। वे जीवन की रंगीनियों में पड़कर कभी अपना सच्चा रास्ता नहीं भूलतीं। सदा सन्मार्ग पर ही अग्रसर होती है। अज्ञान के सघन अंधकार में कभी भी भटक नहीं सकती। पथ भ्रष्ट होना, गलत रास्ते पर बढ़ना उन्हें बिल्कुल स्वीकार नहीं है।
2. संस्कृति विहीन जीवन को
वे हिकारत से नामंजूर कर देती है।
वे अनेकानेक शास्त्रों का अध्ययन करेंगी।
जीवन में और भी सुखों-सुविधाओं को लाएँगी।
युगों पुरानी मिथ्या परंपराओं को वे हटाएँगी,
और सभी अंधविश्वासों को तोड़ फेंकेंगी,
हर मानव गतिविधि का वे ध्यान रखेंगी
ताकि सभी देव तुल्य बन सकें।
वे पुरुषों की प्रशंसा को जीत लेंगी।
शब्दार्थ : संस्कृति = संस्कार, मानसिक विकास सभ्यता। मिथ्या = झूठ, असत्य। हिकारत = घृणा, उपेक्षा। परंपरा $=$ प्रथा, परिपाटी। अंधविश्वास $=$ विचार रहित विश्वास। गति विधि = आचरण व्यवहार आदि के रंग ढंग। तुल्य = समान। नामंजूर = अस्वीकार।
व्याख्या – प्रस्तुत अवतरण में कवि ने स्पष्ट किया है कि प्रबुद्ध शिक्षित नारी अपने व्यवहार से पुरुषों की प्रशंसा प्राप्त कर लेंगी। शिक्षित नारी संस्कार रहित, असम्भ्य जीवन की उपेक्षा करते हुए उसे अस्वीकार कर देती है। वह असभ्य, संस्कृति रहित जीवन को स्वीकार नहीं कर सकती। आधुनिक युग की नारी अनेक शास्त्रों का अध्ययन करेगी। जीवन को तमाम सुख सुविधाओं से.सम्पन्न कर देगी। पुरानी जीर्ण शीर्ण झूठी प्रथाओं को दूर कर देगी। अंधविश्वासों तथा रूढ़ियों को समाप्त कर देंगी। समाज के प्रत्येक व्यवहार, आचरण के रंग ढंग और नियम तरीके पर अपनी पैनी नजर रखेंगी। उसका लक्ष्य होगा कि सभी देवता के समान निष्याप पवित्र तथा सर्वहितकारी बने। इस प्रकार अपने व्यवहार, आचरण, कर्त्तव्य से आधुनिक युग की शिक्षितनारी पुरुष समाज की प्रशंसा जीत सकेंगी।
इस प्रकार कवि ने स्सष्ट किया है कि आज उच्च शिक्षा प्राप्त कर नारी पुरानी दकियानूसी परंपराओं को खत्म कर समाज को एक नई दिशा देगी। समाज का कायाकल्प कर डालेगी। आज नारी विकास के विभिन्न क्षेत्रों में अग्रसर हो रही है।