Detailed explanations in West Bengal Board Class 8 Geography Book Solutions Chapter 4 चापवलय और वायु प्रवाह offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 8 Geography Chapter 4 Question Answer – चापवलय और वायु प्रवाह
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
कितनी डिग्री अक्षांश को अश्व अक्षांश कहते हैं?
उत्तर :
30° – 35° अक्षांश
प्रश्न 2.
ड्रोलड्रम्स किस वायु भार की पेटी में स्थित है ?
उत्तर:
भूमध्य रेखीय निम्न वायु भार की पेटी में ।
प्रश्न 3.
कर्क एवं मकर रेखीय अंचल में किस प्रकार के वायु चाप वलय पाया जाता है?
उत्तर :
उच्च वायु चाप अक्षांश ।
प्रश्न 4.
प्राचीन काल में किस अक्षांश से गुजरने वाली जहाजों की गति अवरूद्ध हो जाती थी ?
उत्तर :
अश्व अक्षांश या घोड़ों का अक्षांश (Horse Latitude)।
प्रश्न 5.
हमारी पृथ्वी पर वायु भार की कितनी पेटियाँ हैं ?
उत्तर :
सात ।
प्रश्न 6.
ध्रुवीय प्रदेशों में किस प्रकार का वायुभार होता है ?
उत्तर :
उच्च वायुभार ।
प्रश्न7.
सन् 1835 ई० में किस वैज्ञानिक ने विक्षेपकारी बल की पहचान की ?
उत्तर :
जी० जी० कोरियोलिस ने ।
प्रश्न 8.
पृथ्वी पर कौन – सी स्थाई वायु ठंडी होती है ?
उत्तर:
ध्रुवीय वायु ।
प्रश्न 9.
पश्चिम बंगाल में गर्मी के दिनों में प्रायः आने वाले तूफान को क्या कहते हैं?
उत्तर :
काल वैशाखी ।
प्रश्न 10.
सहारा मरूस्थल और भूमध्य सागरीय अंचल में कौन अधिक समृद्धशाली है?
उत्तर :
भूमध्य सागरीय प्रदेश
प्रश्न 11.
कैसी वायु से तटीय भागों में वर्षा होती है?
उत्तर :
समुद्र से आने वाली मानसून वायु से।
प्रश्न 12.
सुबह के समय समुद्र या नदी में बहने वाली पालयुक्त नाव किस वायु की सहायता से गतिमान होता है ?
उत्तर:
स्थलीय पवन
प्रश्न 13.
शाम के समय समुद्र के किनारे बैठने पर किस ओर से आने वाली वायु अधिक ठंडी होती है?
उत्तर :
समुद्री वायु ।
प्रश्न 14.
पूर्वी वायु का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर :
व्यापारिक हवाएँ।
प्रश्न 15.
शीतकालीन मौसमी वायु से वर्षा क्यों नहीं होती है ?
उत्तर :
ये स्थल की ओर से चलती हैं।
प्रश्न 16.
उत्तरी अमेरिका के रॉकी पर्वत के पूर्वी ढाल से होकर बहने वाली हवा को क्या कहते हैं ?
उत्तर :
चिनूक |
प्रश्न 17.
हारमाटोन और बोरा कैसी वायु है ?
उत्तर:
ठंडी एवं शुष्क ।
प्रश्न 18.
वायु की दिशा बताने वाली यंत्र का नाम बताओ ।
उत्तर :
विंडवेन ।
प्रश्न 19.
सिरस्को किस प्राकर की वायु है?
उत्तर :
उष्ण,
शुष्क एवं धूल से भरी हुई ।
प्रश्न 20.
तुषार भक्षक किस वायु को कहा जाता है ?
उत्तर :
चिनूक को ।
प्रश्न 21.
फन किस पर्वत के ऊपरी ढाल से बहती है ?
उत्तर :
आल्पस पर्वत ।
प्रश्न 22.
डाक्टर वायु किस हवा को कहते हैं ?
उत्तर :
हारमाटोन को ।
प्रश्न 23
1999 ई० में उड़ीसा में आने वाले तूफान का नाम क्या था ?
उत्तर :
सुपर साइक्लोन ।
प्रश्न 24.
किस यंत्र से वायुभार मापते हैं ?
उत्तर :
बैरोमीटर से ।
प्रश्न 25.
किस अंचल में जल भाग का विस्तार अधिक है?
उत्तर :
भूमध्यरखेयी अंचल में ।
प्रश्न 26.
किस वायु का घनत्व अधिक रहता है ?
उत्तर :
शुष्क एवं ठंडी वायु का ।
प्रश्न 27.
25°- 30° उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांशो को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर :
अश्व अक्षांश के नाम से।
प्रश्न 28.
कोरियोलिस बल की उत्पत्ति पृथ्वी की किस गति के कारण होती है?
उत्तर :
आवर्तन या घूर्णन गति के कारण ।
प्रश्न 29.
उत्तरी गोलार्द्ध में व्यापारिक वायु किस नाम से जानी जाती है ?
र-पूर्व व्यापारिक वायु ।
उत्तर :
प्रश्न 30.
दक्षिणी गोलार्द्ध में व्यापारिक का वेग कितना रहता है?
उत्तर :
11 से 30 कि० मी० प्रति घण्टा |
प्रश्न 31.
ध्रुवीय वायु कहाँ प्रवाहित होती है ?
उत्तर :
दोनों ध्रुवीय क्षेत्रों से वृत्तीय निम्न वायुदाब पेटी की ओर ।
प्रश्न 32.
वायु की उष्णता का प्रधान स्रोत कौन है?
उत्तर :
सूर्य ।
प्रश्न 33.
दक्षिणी गोलार्द्ध में किन हवाओं को गरजनेवाली चालीसा क्रोधोन्मत्त पचासा एवं चित्कार वाली साठा कहा जाता है।
उत्तर :
पछुआ हवाओं को ।
प्रश्न 34.
किस वायु के प्रभाव से ठंडे प्रदेशों की ठंड कुछ कम हो जाती है ?
उत्तर :
पछुआ वायु के प्रभाव से ।
प्रश्न 35.
किस वायु के कारण ध्रुव वृत्तीय अंचलों में तुषारापात होता है ?
उत्तर :
ध्रुवीय वायु के कारण।
प्रश्न 36.
स्थलीय वायु कब प्रवाहित होती है ?
उत्तर :
रात के समय।
प्रश्न 37.
किस स्थानीय वायु के प्रभाव से उत्तरी अमेरिका में बर्फ पिघलने की सृष्टि होती है।
उत्तर :
चिनूक के प्रभाव से
प्रश्न 38.
किस उष्ण एवं शुष्क वायु के प्रभाव से मध्य यूरोप में दावानल की सृष्टि होती है ।
उत्तर :
फॉन के प्रभाव से !
प्रश्न 39.
किन चक्रवातों से प्रभावित अंचलों में बहुत देर तक रिमझिम वर्षा होती है ?
उत्तर :
शीतोष्ण चक्रवातों से प्रभावित अंचलों में ।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS
प्रश्न 1.
वायु मण्डल क्या है?
उत्तर :-
वायुमण्डल (Atmosphere) :- पृथ्वी के चारों ओर रंगहीन, गंधहीन एवं स्वादहीन गैसों का एक आवरण है जिसे वायुमण्डल कहते हैं
प्रश्न2.
वायुदाब किसे कहते हैं ?
उत्तर :
पृथ्वी की आकर्षण शक्ति के कारण प्रत्येक भौतिक पदार्थ में भार पाया जाता है। वायु भी एक भौतिक पदार्थ अतः इसमें भार या दबाव का होना स्वाभाविक है। वायु में अपना वजन है, इस वजन से वायु पृथ्वी पर दबाव बनाती है । इस दाब या चाप को वायुदाब कहते हैं।
प्रश्न 3.
भूमध्य रेखायी निम्न वायुभार की पेटी का शांत या डोलड्रम्स किसे कहते हैं? ..
उत्तर :
सूर्य की किरणों के लम्बवत पड़ने के कारण यहाँ वर्ष भर अधिक गर्मी पड़ती है जिससे निम्न वायुभार पाया जाता है। धरातल पर समानांतराल पर वायु प्रवाहित नहीं होती। इस कारण यहां वायु प्रवाह का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। वायु शांत रूप से गतिशील रहती है। अत: यह एक शांत पेटी है जिसे शांत मण्डल या डोलड्रम्स (Doldrums) कहते हैं।
प्रश्न 4.
अश्व अक्षांश (Horse Latitude) किसे कहते हैं?
उत्तर :
अश्व अक्षांश (Horse Latitude) – प्राचीन काल में मकर एवं कर्क रेखीय प्रदेशों में हल्के पालदार जहाज वायु के अधिक दबाव के कारण डगमगाने लगते थे। शीत भण्डारण की व्यवस्था न होने के कारण उस समय के जहाज के नाविक भोजन के लिए अपने साथ घोड़े लाते थे ताकि आवश्यकतनुसार उन्हें मारकर भोजन के लिए उनके ताजे मांस प्रयोग किया जा सके। इन पेटियों में पहुंच कर नाविकों को जहाजों का भार कमकरने के लिए कभी-कभी अपने घोड़ों को पानी में फेंक देना पड़ता था। इसी से इन पेटियों को अश्व अक्षांश कहते हैं।
प्रश्न 5.
वायु प्रवाह किसे कहते हैं ?
उत्तर :
धरातल के समानान्तर चलने वाली हवा या पवन (Wind) कहते हैं। हवाओं के चलने का सबसे प्रमुख कारण. तापक्रम एवं वायु भार में अन्तर का मिलना है। जिस प्रकार जल सदा ऊँचे भाग से निम्न भाग की ओर बहता है, उसी प्रकार हवाएँ भी सदा उच्च वायुभार क्षेत्र से निम्न वायुभार क्षेत्र की ओर प्रवाहित होती है। उच्च वायु भार और निम्न वायुभार के मध्य अंतर अधिक होने से वायु प्रवाह की गति बढ़ जाती है। पुनः चाप कम होने से एवं अंतर कम हो जाने से वायु की गति धीमी हो जाती है। लेकिन जब वायु चापों के मध्य अंतर नहीं होता तब मौसम शांत रहता है।
प्रश्न 5.
कोरियोलिस बल से तुम क्या समझते हो ?
उत्तर :
पृथ्वी की आवर्तन या घूर्णन गति के कारण पृथ्वी के ऊपर स्थित किसी भी स्वच्छंद, गतिशील वस्तु के ऊपर एक प्रकार का बल प्रभाव डालता है जिससे वस्तुओं की दिशा परिवर्तित हो जाती है। इस दिशा परिवर्तनकारी बल को कोरीयोलिस (Coerieolies Force) बल कहते हैं।
प्रश्न 6.
फेरल का नियम क्या है ?
उत्तर :
फेरल का नियम (Ferrel’s Law) – फेरल ने सन् 1855 ई० में एक नियम बनाया जिसे उन्हीं के नाम पर फेरल का नियम (Ferrel’s Law) कहते हैं । ” इस नियम के अनुसार धरातल पर स्वतंत्र रू से चलने वाली सभी गतिशील वस्तुएँ जैसे हवाएँ एवं धाराएँ पृथ्वी की दैनिक गति के प्रभाव से उत्तरी गोलार्द्ध में अपने से दाहिनी ओर तथआ दक्षिणी गोलार्द्ध में अपने से बायीं ओर मुड़ जाता है। ”
प्रश्न 7.
बाइज बैलेट का सिद्धान्त क्या है?
उत्तर :
बाइज़ बैलेट का नियम (Byse Balat’s Law) – डच मौसम विज्ञानी बाइज बैलेट ने सन् 1857 ई० में फेरल के नियम के आधार पर ही यह नियम निकाला। “यदि हम आती हुई हवा की ओर पीठ करके खड़े हो जाएँ तो और यदि हम उत्तरी गोलार्द्ध में हैं तो हमारी दाहिनी ओर उच्च वायुभार तथा बाईं ओर निम्न वायु भार होगा। इसके विपरीत यदि हम दक्षिणी गोलार्द्ध में हैं तो हमारी दाहिनी ओर निम्न वायुभार तथा वायीं ओर उच्च भार होगा । ”
प्रश्न 8.
स्थायी वायु किसे कहते हैं?
उत्तर :
स्थायी वायु (Permanent Winds) – स्थायी प्रभाव न पड़ने पर जो हवाएं उच्च वायु भार की पेटियों से निम्न वायु भार की पेटियों की ओर वर्ष भर स्थायी रूप से चला करती है उन्हें स्थायी हवाएँ कहते हैं।
प्रश्न 9.
गरजने वाली चालिसा किसे कहते हैं?
उत्तर :
दक्षिणी गोलार्द्ध में 40° से 60° अक्षांश के बीच स्थल खण्डों के अभाव के कारण ये हवाएँ अत्यन्त तीव्र गति से तथा आवाज करती हुई चलती है । अत: इस भाग की पछुआ हवाओं को गरजने वाली चालिसा (Roaring Fifties) या चीखने वाली साठी (Screaching Sixties) कहते हैं ।
प्रश्न 10.
सामयिक पवनों से तुम क्या समझते हो ?
उत्तर :
सामयिक पवनें (Periodical Winds) – वर्ष भर एक निश्चित दिशा में बहकर जो हवाएं दिन के विभिन्न अवसरों अथवा वर्ष की विभिन्न ऋतुओं, भिन्न-भिन्न दिशाओं में बहती है उन्हें सामयिक पवन कहते हैं।
प्रश्न 11.
समुद्री वायु क्या है ?
उत्तर :
संध्या के समय समुद्र के किनारे की ओर से आने वाली हवा सुहावनी लगती है। क्योंकि हवाएँ समुद्र के उच्च वायुभार के क्षेत्र से निम्न वायुभार स्थल की ओर चलने लगती है इसे जलीय या समुद्री समीर (Sea Breeze) कहते हैं ।
प्रश्न 12.
स्थलीय वायु किसे कहते हैं ?
उत्तर :
रात में स्थल भाग शीघ्र ही ठण्डा हो जाता है जबकि समुद्री भाग गर्म बना रहता है। अतः स्थल पर उच्च व समुद्र पर निम्न वायुभार का क्षेत्र स्थापित हो जाता है। अतः स्थल से हवाएँ समुद्र की ओर चलने लगती है। इसे स्थलीय समीर (Land Breeze) कहते हैं । अर्द्ध रात्रि में इस वायु की गति बढ़ जाती है।
प्रश्न 13.
एनाबैटिक वायु किसे कहते हैं ?
उत्तर :
एनाबैटिक वायु (Anabatic Winds) – दिन के समय सूर्य के ताप के कारण पर्वतीय शिखरों की कठोर चट्टानें शीघ्रता से ताप ग्रहण करती है एवं शीघ्रता से ताप छोड़ती भी है। दिन में पर्वत शिखर शीघ्र गर्म हो जाता है। अतः उनके ऊपर की वायु भी गर्म होकर फैलती है तथा हल्की होकर ऊपर उठ जाती है। जिससे वहाँ का वायु भार अपेक्षाकृत ठंडी होती है। जिससे घाटी में उच्च वायुभार हो जाता है। फलस्वरूप वायुघाटी से पर्वत शिखर की ओर चलने लगता है। इन्हें घाटी पवन या Anabatic Winds कहते हैं ।
प्रश्न 14.
कैटाबैटिक वायु किसे कहते हैं ?
उत्तर :
कैटाबेटिक वायु (Catabatic Winds) – रात्रि के समय तीव्र विकिरण के कारण पर्वत शिखर शीघ्र ठण्डे हो जाते हैं। अत: उनके ऊपर की वायु ठण्डी होकर सिकुड़ती है तथा भारी होकर शिखरों पर जमा होने लगती है। इसके विपरीत घाटी की वायु भी गर्म रहती है। जिससे वहाँ वायुभार कम रहता है। अतः पृथ्वी के आकर्षण के प्रभाव के कारण पर्वत शिखरों से-वायु घाटियों की ओर उतरने लगते हैं। उन्हें पर्वतीय गुरुत्व पवन (Gravity Winds) या (Catabatic Winds) कहते हैं।
प्रश्न 15.
आकस्मिक वायु क्या है ?
उत्तर :
भू-पृष्ठ पर किसी छोटे क्षेत्र में अचानक वायुचापों के बीच अंतर होने से अनियमित रूप से प्रवाहित होने वाली वायु या हवा को आकस्मिक वायु कहते हैं।
प्रश्न 16.
चक्रवात किसे कहते हैं ?
उत्तर –
चक्रवात (Cyclone) – चक्रवात वृत्ताकार या अण्डाकार समवायुभार रेखाओं की एक ऐसी व्यवस्था है जिसके बीच किसी कारण से तापक्रम बढ़ जाने से निम्न वायु भार का केन्द्र स्थापित हो जाता है तथा बाहर क्रमश: वायुभार अधिक होता है। अत: बाहर के उच्च वायु भार के क्षेत्रों से हवाएं निम्न वायुभार के केन्द्र की ओर चलने लगती है जिससे वहाँ हवा का एक चक्र बन जाती है। जिसकी दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में अघड़ीवत (Anti Clockwise) तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ीवत (Clockwise) होती है। केन्द्र में पहुँचकर वायु गर्म होकर फैलने लगती है तथा हल्की होकर ऊपर उठ जाती है, जिसे चक्रवात या आंधी कहते हैं ।
प्रश्न 17.
प्रति-चक्रवात (Anti-Cyclone) किसे कहते हैं ?
उत्तर :
प्रति चक्रवात (Anti Cyclone) – यह वृत्ताकार एवं अण्डाकार समभार रेखाओं की ऐसी व्यवस्था होती है जिसके केन्द्र में किसी कारण से तापक्रम घट जाने के कारण वायुभार उच्च हो जाती है एवं उसके बाहर वायुभार घटता जाता है। अत: हवाएँ केन्द्र के उच्च वायुभार क्षेत्र से बाहर चारों ओर चलने लगती है जिससे वहां हवाओं का एक चक्र बन जाता है। इसके घुमने की दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ीवत (Clockwise) तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में अघड़ीवत (Anti clockwise) होती है।
केन्द्र में उच्च वायुभार होने के कारण हवाएँ ऊपर से नीचे उतरती रहती है जिससे वे क्रमश: गर्म होती जाती है। यही कारण है कि प्रति चक्रवात में वर्षा नहीं होती तथा मौसम सुहावना तथा आकाश निर्मल बना रहता है।
प्रश्न 18.
ध्रुवीय क्षेत्र किसे कहते हैं ?.
उत्तर :
दोनों गोलार्द्धां में 80°- 90° अक्षांश रेखा के मध्यवर्ती ध्रुवीय प्रदेशों में वायुदाव वलयों की सृष्टि होती है। ये दोनों ध्रुवीय प्रदेश लगभग सम्पूर्ण वर्ष बर्फ से ढके होते हैं। इसी कारण यहाँ तापक्रम हिमांक से नीचे चला जाता है। इसी से यहां की वायु अत्यधिक ठंडी एवं भारी होती है।
प्रश्न 19.
पूर्वी या व्यापारिक हवाएँ किसे कहते हैं ?
उत्तर :
ये हवाएँ दोनों गोलार्द्ध में उपोष्ण उच्च वायुभार की पेटियाँ (25° से 35°) अक्षांशों से भूमध्य रेखीय निम्नवायु भार की पेटी (5° उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांश) की ओर चला करती हैं। इसे पूर्वी या व्यापारिक हवाएँ कहते हैं ।
प्रश्न 20.
पछुआ वायु किसे कहते हैं ?
उत्तर :
ये हवाएँ दोनों गोलाद्ध में उपोष्ण एवं उच्च वायुभार की पेटी (25° से 35° अक्षांशों) उपध्रुवीय निम्न वायुभार की पेटियों (55° से 65° अक्षांशों) की ओर चला करती हैं। पश्चिम की ओर से आने के कारण इसे पश्चिमी वायु कहते हैं। ये हवाएँ कुछ तीव्र गति से चलती हैं।
प्रश्न 21.
ध्रुवीय वायु क्या है?
उत्तर :
ये हवाएँ दोनों गोलाद्ध में उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुवीय वायुभार की पेटियों से उप ध्रुवीय उच्च वायुभार की पेटियों से उप ध्रुवीय निम्न वायु भार की पेटियों (55° से 65° अक्षांशों) की ओर चला करती है। ये हवाएँ मन्द गति से चला करती हैं तथा अत्यन्त ठंडी होती है। इनके सम्पर्क में आने वाले प्रदेशों का तापमान हिमांक तक गिर जाता है।
प्रश्न 22.
‘शीत या वर्षा’ – किस ऋतु में वायु दबाव कम होता है तथा क्यों?
उत्तर :
वर्षा ऋतु में वायु दबाव कम रहता है, क्योंकि इस ऋतु में वायु में जलवाष्प की मात्रा अधिक रहने के कारण यही हल्की होती है।
प्रश्न 23.
डोलड्रम क्या है ?
उत्तर :
भूमध्यरेखीय अंचल में अत्यधिक तापक्रम के कारण वायु गर्म होकर फैलती है तथा ऊपर उठती है। यहाँ वायु धरातल के समानान्तर क्षैतिज रूप में नहीं प्रवाहित होती, जिससे वातावरण शान्त रहता है। इस शांत वातावरण के कारण प्राचीन काल में इस अंचल में गुजरने वाले जलयानों के संचालन में व्यवधान उत्पन्न होता था, इसीलिए नाविकों ने उस अंचल को डोलड्रम (Doldrum – शन्त क्षेत्र) नाम दिया।
प्रश्न 24.
पृथ्वी पर कुल कितनी वायु दाब पेटियाँ हैं? उनके नाम लिखिए।
उत्तर :
पृथ्वी पर कुल सात वायु दाब पेटियाँ हैं जो निम्नलिखित हैं-
- उत्तरी ध्रुवीय उच्च वायुदाब पेटी
- सुमेरुवृत्त प्रदेशीय (आर्कटिक वृत्त प्रदेशईय) निम्न वायुदाब पेटी
- कर्क रेखीय अंचल (उपोषअण अंचल) उच्च वायुदाब पेटी
- भूमध्यरेखीय निम्न वायुदाब पेटी
- मकर रेखीय अंचल (उपोष्ण अंचल) उच्च वायुदाब पेटी
- कुमेरु वृत्त प्रदेशीय (अण्टार्कटिक वृत्त प्रदेशीय) निम्न वायुदाब पेटी
- दक्षिणी ध्रुवीय उच्च वायुदाब पेटी ।
प्रश्न 25.
वायु प्रवाह का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर :
धरातल पर दो अंचलों के बीच वायु दबाव की स्थिति में अन्तर वायु प्रवाह का मुख्य कारण है। वायु अधिक दाब वाले अंचल से कम दाब वाले अंचल की ओर प्रवाहित होती है तथा इन दोनों अंचलों में वायु दबाव का अन्तर अधिक होने पर वायु तीव्र गति से प्रवाहित होती है तथा वायु दबाव का अन्तर कम होने से वायु मंद गति से प्रवाहित होती है।
प्रश्न 26.
वायु का नामकरण किस आधार पर किया जाता है ?
उत्तर :
वायु जिस दिशा में प्रवाहित होती है, उसी दिशा के अनुसार उसका नामकरण किया जाता है। जैसे पूरब की ओर से आने वाली वायु को पूर्वी वायु कहते हैं तथा पश्चिम की ओर से आने वाली वायु को पछुआ वायु कहते हैं।
प्रश्न 27.
भूमध्यरेखीय अभिसरण अंचल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
दोनों गोलार्द्धां की व्यापारिक वायु अर्थात् उत्तरी गोलार्द्ध की उत्तरी-पूर्वी व्यापारिक वायु तथा दक्षिणी गोलार्द्ध की दक्षिणी-पूर्वी व्यापारिक वायु भूमध्यरेखीय अंचल में मिलती हैं। दो विपरीत दिशाओं से आने वाली वायु का मिलन स्थल होने के कारण इस अंचल को भूमध्यरेखीय अभिसरण अंचल कहते हैं।
प्रश्न 28.
गरजने वाली चलीसा, क्रोधोन्मत्त पंचासा तथा चीत्कार वाली साठा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
दक्षिणी गोलार्द्ध में 40°-60° अक्षांशों के मध्य स्थल खण्ड की कमी के कारण पछुआ हवाओं के मार्ग में कोई रुकावट पैदा नहीं होती। अतः इन अक्षांशों के बीच ये हवाएँ प्रचण्ड गति से प्रवाहित होती हैं। प्रचण्ड वेग के कारण ही यहाँ इन्हें 40° अक्षांशों के पास गरजने वाली चालीसा 50° अक्षांशओं के पास क्रोधोन्मत्त पचासा तथा 60° अक्षांशों के पास चीत्कार वाली साठा के नाम से जाता है ।
प्रश्न 29.
व्यापारिक वायु के मार्ग में महादेशों के पश्चिमी क्षेत्र में उष्ण मरुस्थलों का निर्माण क्यों हुआ?
उत्तर :
दोनों गोलार्द्ध में व्यापारिक वायु की दिशा पूरब से पश्चिम की ओर है अतः समुद्री भाग से होकर आने वाली व्यापारिक हवाएँ महादेशों के पूर्वी भाग में पहले पहुँचकर पर्याप्त वर्षा करती हैं, परन्तु पश्चिम भाग तक पहुँचते-पहुँचते ये शुष्क हो जाती हैं जिसके कारण यह पश्चिमी भाग वर्षा से वंचित रह जाता है, इसीलिए व्यापारिक वायु के मार्ग में महादेशों के पश्चिमी क्षेत्र में उष्ण मरुस्थलों का निर्माण हुआ है।
प्रश्न 30.
घाटी वायु किसे कहते हैं?
उत्तर :
दिन के समय जो वायु घाटी के तल से पर्वत शिखर की ओर चलती है, उसे घाटी वायु कहते हैं। दिन के समय पर्वतीय उच्च ढाल घाटी की तुलना में जल्दी गर्म हो जाते हैं जिससे घाटी में उच्च वायु दाब तथा पर्वतीय ढालों पर निम्न वायुदाब की सृष्टि होती है जिससे घाटी की तल से ठंडी वायु पर्वतीय शिखर की ओर आने लगती है फलस्वरूप घाटी वायु की प्रादुर्भाव होता है। घाटी वायु को एनाबेटिक वायु (Anabatic wind) भी कहते हैं ।
प्रश्न 31.
भारतीय उपमहादेश में किन मानसूनी हवाओं से वर्षा होती है तथा क्यों ?
उत्तर :
भारतीय उपमहादेश में दक्षिणी पश्चिमी मानसूनी हवाओं या ग्रीष्मकालीन मानसूनी हवाओं से वर्षा होती है क्योंकि अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण इस ऋतु में भारतीय उपमहादेश में निम्न वायुदाब का गठन होता है, जबकि हिंदमहासागरीय क्षेत्र में उच्च वायुदाब रहता है अतः ग्रीष्म ऋतु में हिन्द महासागर की ओर से आने वाली भाप भरी हवाएँ भारतीय उपमहादेश में प्रवेश करती हैं तथा वर्षा करती हैं।
विस्तृत उत्तर वाले प्रश्न (Descriptive Type) : 5 MARKS
प्रश्न 1.
कर्क एवं मकर रेखीय अंचल क्या है? वर्णन करो।
उत्तर –
पृथ्वी पर उत्तरी एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में 25° से 35° अक्षांश रेखा के मध्य भाग को क्रमश: कर्क एवं मकर रेखीय क्षेत्र कहते हैं । इन दो अंचलों में दो वायु चाप वलय स्थित है। भूमध्य रेखीय शांत वलय की तरह इन्हें क्रमश: कर्क रेखीय शांत पेटी ओर मकर रेखीय शांत पेटी कहा गया है।
भूमध्य रेखीय अँचल से उष्ण आर्द्र और हल्की वायु ऊपर की तरफ उठना शुरू करती है। इन उर्ध्वगामी वायु की उष्णता क्रमशः कम होती जाती है। वायु ठंडी एवं भारी होकर ऊपर पहुंचती है जहाँ इनका घनत्व बढ़ जाता है। यह ठंडी एवं भारी वायु कर्क एवं मकर रेखीय अंचल में उतर जाती है। फिर ध्रुवीय अंचल से ठंडी एवं शुष्क वायु नीचे उतर कर इन दोनों उष्ण अँचलों में पहुँचती है। दो विपरीत धर्मी वायु के दो उष्ण अंचलों में मिलने से यहाँ की वायु का परिमाण बढ़ जाता है, और घनत्व भी बढ़ता है।
प्रश्न 2.
ध्रुव वृत्त प्रदेशीय अंचल (क्षेत्र) किसे कहते हैं? वर्णन करो ।
उत्तर –
दोनों गोलार्द्धां में 60°- 70° अक्षांश रेखा के मध्यवर्ती भाग को ध्रुव वृत्त प्रदेशीय क्षेत्र कहते हैं। अर्थात् सुमेरू वृत्त और कुमेरू वृत्त के बराबर दो वायु चाप वलय स्थित हैं। इन दो वायु चाप वलयों को उत्तरी गोलार्द्ध में सुमेरू वृत्त प्रदेशीय वायुचाप वलय और दक्षिणी गोलार्द्ध में कुमेरू प्रदेशीय वायुचाप वलय के नाम से जाना जाता है। इन गोलार्द्ध में ध्रुवीय अंचल की तुलना में पार्श्ववर्ती ध्रुववृत्त के प्रदेशीय अंचल की उष्णता अधिक होती है।
यह ऊर्ध्वगामी वायु, पृथ्वी की आवर्तन गति के कारण उत्तर और दक्षिण की तरफ विक्षिप्त हो, दोनों गोलाद्ध के उष्ण व ध्रुवीय अंचलों में उतर जाती है। अर्थात् उत्तरी गोलार्द्ध के सुमेरू वृत्त प्रदेशीय अंचल से उर्ध्वगामी वायु उत्तर में विक्षिप्त होकर उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्रों एवं दक्षिणी विक्षिप्त वायु कर्क रेखीय अंचलों में उलंब स्रोत से प्रवाहित होती है। इस कारण इन दो ध्रुवीय प्रदेशों में वायु का परिमाण कम हो जाता है। या घनत्व कम हो जाता है।
प्रश्न 3.
पृथ्वी की वायु भार एवं स्थायी हवाओं के पेटियों के स्थान परिवर्तन का क्या कारण है?
उत्तर –
पृथ्वी की वायुभार की पेटियाँ पूर्ण रूप से स्थिर न होकर उत्तर या दक्षिण खिसका करती है। वायुभार एवं स्थाई हवाओं की पेटियों के खिसकने का निम्नलिखित कारण है :-
- पृथ्वी की कीली का झुका होना ।
- पृथ्वी की क़ीली का सदा एक ही ओर झुका होना ।
- पृथ्वी की वार्षिक गति ।
यदि पृथ्वी अपनी कीली पर झुकी न होती तो सूर्य की किरणें वर्ष भर भूमध्य रेखा पर ही लम्बवत पड़ती। ऐसी दशा में स्थाई वायुभार की पेटियों के साथ-साथ स्थाई हवाओं की पेटियां भी वर्ष भर स्थिर रहती है। लेकिन पृथ्वी अपनी किली पर 23° झुकी हुई है तथा वर्ष भर में एक बार सूर्य की परिक्रमा कर लेती है जिससे सूर्य की लम्बवत् किरणों की स्थिति में परिवर्तन होता रहता है।
तापक्रम की परिवर्तन के साथ-साथ वायुभार एवं हवाओं की पेटियाँ भी सूर्य की किरणों के साथ-साथ उत्तर एवं दक्षिण खिसका करती है। सूर्य की उत्तरायण की स्थिति में (22 दिसम्बर से 21 जून) एवं दक्षिणायन की स्थिति (22 जून से 22 दिसम्बर) इन दिनों होती है।
सूर्य की उत्तरायण की स्थिति में कर्क रेखा एवं दक्षिणायन की स्थिति में मकर रेखा पर सूर्य की किरणें लम्बवत् पड़ती है। इस कारण वायुभार की पेटियाँ उत्तर व दक्षिण गोलार्द्ध में 50° से 10° अक्षाशों तक खिसक जाती है। दोनों गोलाद्ध में 30° से 45° अक्षांश मध्य स्थित स्थानों के मौसम पर विशेष प्रभाव पड़ता है। यह क्षेत्र ग्रीष्मकाल की व्यापारिक वायु और शीतकाल की पछुआ वायु द्वारा विशेष रूप से प्रवाहित होता है।
प्रश्न 4.
व्यापारिक वायु किसे कहते हैं? इस वायु की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर –
सम्पूर्ण वर्ष नियमित रूप से कर्क एवं मकर रेखीय उच्च वायुदाब पेटी से भूमध्यरेखीय निम्न वायुदाव पेटी की ओर प्रवाहित होने वाली वायु को व्यापारिक वायु कहते हैं
इस वायु की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) यह वायु दोनों गोलार्द्धां में 5°25° अक्षांशों के मध्य प्रवाहित होती है।
(ii) उत्तरी गोलार्द्ध में व्यापारिक वायु कर्करेखीय उच्च वायुदाब पेटी से भूमध्यरेखीय निम्न वायुदाब पेटी की ओर सीधे – पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर प्रवाहित प्रवाहित न होकर फेरल के नियम के अनुसार दायीं ओर मुड़ जाती है तथा उत्तर- होती है। अंत: उत्तरी गोर्लर्द्ध में इसे उत्तरी-पूर्वी व्यापारिक वायु के नाम से जाना जाता है। दक्षिणी गोलार्द्ध में व्यापारिक वायु मकररेखीय उच्च वायुदाब पेटी से भूमध्यरेखीय निम्न वायुदाब पेटी को ओर प्रवाहित होती है तथा फेरल के नियम के अनुसार बायीं ओर मुड़कर दक्षिण – पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर प्रवाहित होती है फलस्वरूप दक्षिणी गोलार्द्ध में इसे दक्षिणी-पूर्वी व्यापारिक वायु के नाम से जाना जाता है।
(iii) उत्तरी गोलार्द्ध में स्थलीय भाग के विस्तार के कारण पर्वत-पहाड़ियाँ, मानव बस्तियाँ, पेड़-पौधे आदि व्यापारिक वायु के मार्ग में बाधा उपस्थित करते हैं अतः यहाँ इन हवाओं का वेग (लगभग 16 कि०मी० प्रति घंटा) अपेक्षाकृत कम रहता है। इसके . विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध में जलीय भाग की अधिकता के कारण ये हवाएँ बिना किसी बाधा के तीव्र गति (लगभग -22-30 कि०मी० प्रति घंटा) से प्रवाहित होती हैं। व्यापारिक वायु का वेग शीत ऋतु में अधिक तथा ग्रीष्म ऋतु में कम रहता है।
प्रश्न 5.
पछुआ वायु किसे कहते हैं? इस वायु की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर –
कर्क एवं मकर रेखीय उच्च वायुदाब पेटी से सुमेरु वृत्त (आर्कटिक वृत्त) कुमेरुवृत्त (अण्टार्कटिक वृत्त० अंचल के निम्न वायुदाब पेटी की ओर प्रवाहित होने वाली वायु को पछुआ वायु कहते हैं। पश्चिम की ओर से आने के कारण उस वायु का नामकरण पछुआ वायु हुआ है।
पछुआ वायु की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) यह वायु दोनों गोलार्द्धां में 35° से 60° अक्षांशों के मध्य स्थित अंचलों में प्रवाहित होती है।
(ii) पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न कोरियोलिस बल के कारण इन हवाओं के प्रवाह की दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर है अतः उत्तरी गोलार्द्ध में इन्हें दक्षिणी-पश्चिमी पछुआ वायु कहते हैं। इसी प्रकार दक्षिणी गोलार्द्ध में ये हवाएँ उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूर्व की ओर प्रवाहित होती है अत: उन्हें यहाँ उत्तरी पश्चिमी पछुआ वायु के नाम से जाना जाता है।
(iii) दक्षिणी गोलार्द्ध में महासासागरीय भाग की अधिकता के कारण पछुआ हवाओं के मार्ग में कोई अवरोध नहीं होता अतः यहाँ इनके प्रवाह की गति तीव्र होती है। तीव्र प्रवाह के कारण ही 400 से 650 दक्षिणी अक्षांशों के बीच नाविकों ने इन्हें गरजने वाली चालीसा, क्रोधोन्मत्त पचासा तथा चीत्कार वाली साठा आदि विविध नाम दिए हैं।
प्रश्न 6.
स्थायी वायु दाब पेटियों के खिसकाव या स्थान परिवर्तन के कारण का संक्षेप में वर्णन कीजिए ।
उत्तर :
स्थायी वायु दाब पेटियों के स्थान परिवर्तन या खिसकाव के कारण (Causes):- वायुभार एवं स्थायी हवाओं की पेटियों के खिसकने के निम्नलिखित कारण हैं –
- पृथ्वी का कीली पर झुका होना,
- पृथ्वी की कीली का सदा एक ही ओर झुका होना और
- पृथ्वी की वार्षिक गति ।
यदि पृथ्वी अपनी कीली पर झुकी न होती तो सूर्य की किरणे वर्ष भर भूमध्यरेखा पर ही लम्बवत् पड़तीं। ऐशी दशा में वायुभार की पेटियों के साथ-साथ स्थायी हवाओं की पेटियाँ भी वर्ष भर स्थिर रहतीं । परन्तु पृथ्वी अपनी कीली पर 23 1/ 2. झुकी हुई है तथा वर्ष में एक बार सूर्य की परिक्रमा कर लेती है जिससे सूर्य की लम्बवत् किरणों की स्थिति में परिवर्तन होता रहता है ।
अतः तापक्रम के परिवर्तन के साथ-साथ वायुभार एवं हवाओं की पेटियाँ भी सूर्य की किरणों के साथ-साथ उत्तर एवं दक्षिण खिसका करती हैं। 21 मार्च एवं 23 सितम्बर को सूर्य की किरणें भूमध्यरेखा पर लम्बवत् पड़ती है । अतः इस दिन वायुभार एवं हवाओं की पेटियाँ अपनी वास्तविक मध्यम स्थिति में रहती हैं।
21 मार्च के बाद सूर्य उत्तरायण हो जाता है तथा 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत् चमकने लगता है। अतः तापक्रम के कटिबन्धों के साथ-साथ वायुभार एवं स्थायी हवाओं की पेटियाँ भी उत्तर की ओर खिसक जाती हैं। इसके विपरीत 23 सितम्बर के बाद सूर्य भी दक्षिणायन हो जाता है तथा 22 दिसम्बर को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत् चमकने लगता है ।
अतः तापक्रम के कटिबन्धों के साथ-साथ वायुभार एवं स्थायी हवाओं की पेटियाँ भी दक्षिण की ओर खिसक जाती हैं। समुद्र के समकारी प्रभाव के कारण वायुभर एवं हवाओं की पेटियाँ स्थल की अपेक्षा समुद्री भाग में कम खिसकती है। वायुभार एवं हवाओं की पेटियाँ 5° से 10° अक्षांशों तक ही खिसकती हैं।
प्रश्न 7.
स्थायी वायुदाब पेटियों के खिसकाव या स्थान परिवर्तन के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
स्थायी वायुदाब पेटियों के स्थान परिवर्तन या खिसकाव के प्रभाव (Effects) :- हवाओं की पेटियों के खिसकने के कारण बहुत से प्रदेश वर्ष भर में दो प्रकार की हवाओं की पेटियों के प्रभाव में आ जाते हैं जिसका उसकी जलवायु पर अधिक प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार के दोहरे प्रभाव में आने वाले तीन प्रमुख प्रदेश हैं –
(i) भूमध्य रेखा के निकट 5° से 15° अक्षांशों के बीच के भाग ग्रीष्मकाल में भूमधअय रेखीय निम्न वायुभआर की पेटी में आ जाते हैं जिससे गर्मी में वहाँ प्रतिदिन दिन के तीसरे पहर संवाहनिक वर्षा होने लगती है। शीतकाल में ये प्रदेश व्यापारिक हवाओं की पेटी में आ जाते हैं जिनसे महाद्वीपों के पूर्वी भाग में कहीं-कहीं वर्षा होती है।
(ii) दोनों गोलाद्धों में 30° से 45° अक्षांशों के मध्य के भाग ग्रीष्मकाल में व्यापारिक हवाओं की पेटी में आ जाते हैं, जबकि शीतकाल में पछुआ हवाओं के प्रभाव में। इससे इन अक्षांशों में स्थित महाद्वीपों के पश्चिम भाग में केवल जाड़े में वर्षा होती है और ग्रीष्मकाल शुष्क रहता है। इस प्रकार यहाँ भूमध्यसागरीय जलवायु पायी जाती है।
(iii) 60° से 70° अक्षांशों के बीच वाले प्रदेश गर्मी में गर्म पछुआ हवाओं के प्रभाव से गर्म रहते हैं परन्तु जाड़ों में शीत ध्रुवीय हवाओं के प्रभाव से अत्यन्त ठण्डे हो जाते हैं ।
प्रश्न 8.
स्थायी वायु का जलवायु पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :
स्थायी हवाओं का दूसरा नाम ग्रहीय हवाएं हैं एवं स्थायी हवाओं के तीन भेद होते हैं।
- पूर्वी या व्यापारिक हवाएँ
- पछुआ हवाएँ
- ध्रुवीय हवाएँ
पूर्वी या व्यापारिक वायु का जलवायु पर प्रभाव :- पूर्वी वायु का जलवायु पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है।
- उष्ण एवं शुष्क प्रायः हरितीमाविहीन मरूस्थलीय क्षेत्र में तापमान बहुत अधिक रहता है।
- धूल से भरा मरूस्थल खेती और और यातायात के लिए अनुपयुक्त है।
- इस भाग में मनुष्य का जीवन-यापन कष्टकर हो जाता है।
- पूर्व की ओर से आने के कारण इनसे महाद्वीप के पूर्वी भाग में वर्षा होती है। लेकिन पश्चिम में आते-आते ये हवाएं शुष्क हो जाती हैं जिससे पश्चिम में वर्षा नहीं होती।
- प्राचीन काल में युरोप से अमेरिका जाने वाले जहाज इन्हीं हवाओं की सहायता से व्यापार किया करते थे।
- उष्ण व्यापारिक वायु पूर्व से पश्चिम में महासागर के ऊपर से प्रवाहित होने के कारण जलवाष्प से भर जाती है।
पछुआ वायु का जलवायु पर प्रभाव पछुआ वायु का जलवायु पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है।
- गर्म भू-भाग से ठंडे भू-भआगों की ओर प्रवाहित होने वाली पश्चिमी वायु के प्रभाव से ठंडे प्रदेशों की ठंड कुछ कम
हो जाती है। - शीतकाल में जल भाग स्थल भाग की तुलना में ज्यादा गर्म रहता है। इस समय जलवाष्पयुक्त पश्चिमी वायु या पछुआ वायु पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित होते हैं एवं पर्याप्त वर्षा होता है।
- भूमध्य सागर के तटवर्ती क्षेत्रों में कृषि कार्य और यातायात व्यवस्था पर्याप्त विकसित है।
- ग्रीष्मकाल की हल्की ठंड आरामदायक होती है।
- इन भू-भागों में जीविका निर्वाह के साधन उत्तम हैं। इस कारण यहाँ जनसंख्या घनत्व अधिक है। ध्रुवीय वायु का जलवायु पर
प्रभाव:- ध्रुवीय वायु का जलवायु पर निम्नलिखित प्रभाव होता है।
- ध्रुवीय प्रदेश में बर्फ की चादर से ढँके टुण्ड्रा प्रदेश में वर्ष में 3 से 9 महीने की लम्बी शीत ऋतु होती है।
- यह भू-भाग कृषि के आयोग्य है एवं यह भाग यातायात के प्रतिकूल है।
- यहाँ रहने वाले मनुष्य प्रतिकूल परिस्थितियों से संघर्ष करके जी रहे हैं।
- दोनों गोलार्द्ध की ध्रुवीय वायुहिम शीतल अंचलों से अपेक्षाकृत उष्ण अंचलों में प्रवाहित होती है।
- यहाँ वर्षा बिल्कुल नहीं होती है जो भी वर्षा होती है वह हिम के रूप में ही होती है।
- इस भाग में जलवायु इतनी कठोर है कि यहाँ वनस्पति का उगना असम्भव है। भूमि सदा बर्फ से ढंकी रहती है। अत: यह भाग वनस्पति शून्य है ।
प्रश्न 9.
स्थानीय वायु क्या है ? कुछ प्रमुख स्थानीय हवाओं का संक्षेप में वर्णन करो ।
उत्तर :
स्थानीय हवाएँ (Local Winds) – किसी स्थान विशेष पर स्थानीय कारणों से उत्पन्न होने वाली हवाओं को स्थानीय हवाएँ कहते हैं । जिस क्षेत्र या स्थान पर ये प्रवाहित हैं उसी स्थान के नाम से इस वायु की पहचान होती है। कुछ प्रमुख स्थानीय वायु :
(i) फान (Fahn) – भूमध्य सागर से आने वाली भाप भरी हवाएँ आल्पस पर्वत से टकरा कर उसके दक्षिण भाग पर वर्षा करती हुई उत्तर में आल्पस पर्वत को पार कर यूरोप में प्रवाहित होती है। प्रभाव – इन हवाओं के प्रभाव से आल्पस पर्वत की उत्तरी घाटियों का तापक्रम 15°C से तक 20°C तक बढ़ जाता है। ये हवाएं वहाँ अंगुर की फसलों के लिए विशेष लाभदायक होती है।
(ii) चिनूक (Chinook ) – प्रशान्त महासागर से आने वाली भाषभरी हवाएँ उत्तरी अमेरिका के रॉकी पर्वत से टकरा कर पश्चिमी भाग में खूब वर्षा करती है लेकिन रॉकी पर्वत पार करने पर जब यह पूर्वी ढाल से नीचे उतरती है तो गर्म व शुष्क हो जाती है। प्रभाव – इन गर्म व शुष्क हवाओं के प्रभाव से अमेरिका के प्रेरीज की बर्फ पिघल जाती है। इसी से इस भाग में इस हवा को हिम भक्षिणी (Snowcater) कहते हैं।
(iii) हरमैटन (Harmattan)- अफ्रीका की पूर्वी तथा उत्तरी-पूर्वी भाग में स्थित सहारा मरुस्थल में उत्तर-पूर्व से दक्षिण पश्चिम में चलने वाली शुष्क तथा धूल भरी हवा को हरमेटन कहते हैं। ये इतनी गर्म व शुष्क होती है कि इससे पेड़ तने फट जाते हैं। प्रभाव – पश्चिमी अफ्रीका के गिनीतट के समीप पहुँचकर यह वायु वहाँ की आर्द्रता को समाप्त कर देती है जिससे वहाँ मौसम अचानक खुशनुमा तथा स्वास्थ्यप्रद हो जाता है ।
(iv) बोरा (Bora) – बोरा एक शुष्क व ठंडी वायु है जो जाड़े में एड्रियाटिक सागर के पूर्वी किनारे – मुख्यत: इटली के उत्तरी भाग में बहती है ।
प्रभाव – स्थल से आने के कारण ये हवाएं ठंडी व शुष्क होती है लेकिन एंड्रियाटिक सागर पार करते समय इसमें कुछ मी आ जाती है जिससे इन हवाओं से कभी-कभी वर्षा होती है।
(v) पम्पेरो (Pampero) – यह वायु गर्म एवं शुष्क होती है जो एण्डीज पर्वत को पार करके पूर्व की ओर बहती है। प्रवाह – पंपास क्षेत्र को ग्रीष्मकालीन जलवायु का तापक्रम बहुत कम कर देती है जिससे यहाँ की जलवायु सुहावनी हो जाती है ।
(vi) सिरोको (Sirocco ) – चक्रवातीय व्यवस्था के कारण भूमध्य सागर पर निम्न वायुभार तथा सहारा प्रदेश में उच्च वायुभार का क्षेत्र बन जाता है। जिस कारण सहारा मरुस्थल से भूमध्यसागर की ओर शुष्क गर्म तथा धूल भरी हवाएँ चलती हैं। प्रभाव – इन हवाओं के कारण मौसम बड़ा कष्टप्रद हो जाता है। शरीर शिथिल हो जाता है और कार्य करने की इच्छा नहीं होती है।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (Multiple Choice Question & Answer) : (1 Mark)
प्रश्न 1.
भूमध्य रेखीय क्षेत्र में निम्न वायु दाब का क्या कारण है ?
(a) तिरछी किरणों का पड़ना
(b) वर्ष भर सूर्य की लम्बवत् किरणों का पड़ना
(c) दोनों किरणों का होना
(d) सीधी किरणों का पड़ना
उत्तर :
(b) वर्ष भर सूर्य की लम्बवत् किरणों का पड़ना।
प्रश्न 2.
निम्न वायु दाब कहां पाया जाता है ?
(a) भूमध्य रेखीय क्षेत्र में
(b) धुवीय प्रदेश में
(c) टुण्ड्रा प्रदेश में
(d) धुवीय अंचल में
उत्तर :
(a) भूमध्य रेखीय क्षेत्र में।
प्रश्न 3.
किस अंचल को शांत वलय कहा जाता है ?
(a) कर्क एवं मकर रेखीय अंचल
(b) धुवीय अंघल
(c) भूमध्य रेखीय अंचल
(d) टुण्ड़ा प्रदेश
उत्तर :
(c) भूमध्य रेखीय अंचल
प्रश्न 4.
अश्व अक्षांश कहा जाता है –
(a) 0° 1° को
(b) 25°-36° को
(c) 60°-65° को
(d) 70°-75° को
उत्तर :
(b) 25°-36° को
प्रश्न 5.
पृथ्वी पर वायुभार की पेटियों की संख्या
(a) 7
(b) 6
(c) 5
(d) कोई नहीं
उत्तर :
(a) 7
प्रश्न 6.
पृथ्वी पर वायु प्रवाह का कारण है –
(a) दो स्थानों के वायुभार में अंतर
(b) दो स्थानों के वायु भार में समानाता
(c) इनमें से कोई नहीं।
(d) a और b दोनों
उत्तर :
(a) दो स्थानों के वायुभार में अंतर।
प्रश्न 7.
पृथ्वी पर वायु प्रवाह का कारण है –
(a) निम्न वायुभार से उच्च वायुभार की ओर
(c) इनमें से कोई नहीं
(b) उच्च वायु भार से निम्न वायुभार की ओर
(d) a और b दोनों
उत्तर :
(b) उच्च वायु भार से निम्न वायुभार की ओर
प्रश्न 8.
हवाएं उत्तरी गोलार्द्ध में मुड़ जाती है –
(a) ऊपर के तरफ
(b) वार्यी ओर
(c) दाहिनी ओर
(d) नीचे की ओर
उत्तर :
(c) दाहिनी ओर
प्रश्न 9.
अश्व अक्षांशों में विषुवत रेखा की ओर चलने वाली हवाओं का नाम है –
(a) धुवीय पवन
(b) व्यापारिक पवन
(c) लू
(d) संवहनीय पवन
उतर –
(b) व्यापारिक पवन
प्रश्न 10.
कर्क रेखा से भूमध्य रेखा की ओर चलने वाली पवनों का नाम है –
(a) द॰पू० व्यापारिक पवन
(b) धुवीय पवन
(c) उ० पू० व्यापारिक पवन
(d) संवहनीय पवन
उत्तर :
(c) उ० पू० व्यापारिक पवन
प्रश्न 11.
वायुदाब को कौन से यन्त्र से मापा जाता है?
(a) बैरोमीटर
(b) थर्मामीटर
(c) विन्डवेन
(d) सिस्मोग्राफ
उत्तर :
(a) बैरोमीटर।
प्रश्न 12.
भूमध्य रेखीय निम्न वायुभार क्षेत्र को कहा जाता है –
(a) अश्व अक्षांश
(b) डोलड्रम
(c) गरजने वाली चलीसा
(d) ध्रुवीय अक्षांश
उत्तर :
(b) डोलड्रम।
प्रश्न 13.
वे हवाएं जो वर्ष भर एक निश्चित दिशा की ओर प्रवाहित होती है उन्हें कहते हैं –
(a) सामयिक पवन
(b) अस्थाई हवाएँ
(c) स्थाई हवाएँ
(d) असामयिक पवन
उत्तर :
(c) स्थाई हवाएँ।
प्रश्न 14.
बोरा हवाएँ हैं –
(a) उष्ण एवं शुष्क
(b) ठंडी एवं शुष्क पवन
(c) आर्द्र
(d) उष्षार्द
उत्तर :
(b) ठंडी एवं शुष्क पवन
प्रश्न 15.
भूमध्यरेखीय अंचल में वायुमण्डल गर्म होता है –
(a) संचालन विधि से
(b) संवहनीय विधि से
(c) सम्पर्क विधि से
(d) उपरोक्त किसी भी विधि से नहीं
उत्तर :
(b) संवहनीय विधि से
प्रश्न 16.
भूमध्यरेखीय अंचल में वायु प्रवाह रहता है –
(a) क्षैतिज
(b) उर्ष्वगामी
(c) स्थल से सागर की ओर
(d) सागर से स्थल की ओर।
उत्तर :
(b) उर्ध्वगामी
प्रश्न 17.
कर्क एवं मकर रेखीय अंचलों में उच्च वायु दाब की सृष्टि का मुख्य कारण है-
(a) अत्यधिक कम तापमान का होना
(b) वायुमण्डल में अत्यधिक नमी का होना
(c) ठण्डी एवं भारी वायु का नीचे उतरना
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(c) ठण्डी एवं भारी वायु का नीचे उतरना।
प्रश्न 18.
वायु प्रवाह का मुख्य कारण है-
(a) दो अंचलों के बीच ऊँचाई में अन्तर
(b) दो अंब्लों के बीच वायु दाबाव में अन्तर
(c) दो अंचलों के बीच वर्षा में अन्तर
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(a) दो अंचलों के बीच वायु दबाव में अंतर।
प्रश्न 19.
उच्च वायुदबाव एवं निम्न वायुदबाव के मध्य अन्तर अधिक हो जाने से-
(a) वायु के प्रवाह की गति कम हो जाती है
(b) मौसम शांत रहता है
(c) वायु के प्रवाह की गति बढ़ जाती है.
(d) वायु के प्रवाह की गति सामान्य रहती है
उत्तर :
(c) वायु के प्रवाह की गति बढ़ जाती है।
प्रश्न 20.
कोरियोलिस बल के कारण उत्तरी गोलार्द्ध में हवाएँ एवं धाराएँ मुड़ती हैं –
(a) उत्तर की ओर
(b) पूरब की ओर
(c) दायीं ओर
(d) बायीं ओर
उत्तर :
(c) दायीं ओर।
प्रश्न 21.
कोरियोलिस बल का मान सर्वाधिक रहता है –
(a) धुवीय अंचल पर
(b) उपध्रुवीय अंचल पर
(c) भूमध्य रेखीय अंचल पर
(d) अयनरेखीय अंचल पर
उत्तर :
(a) ध्रुवीय अंचल पर
प्रश्न 22.
भू-पृष्ठ पर सम्पूर्ण वर्ष एक ही दिशा में प्रवाहित होने वाली वायु को कहते हैं –
(a) आकस्मिक वायु
(b) सामयिक वायु
(c) स्थायी वायु
(d) अस्थायी वायु
उत्तर :
(c) स्थायी वायु।
प्रश्न 23.
उत्तरी-पूर्वी एवं दक्षिणी-पूर्वी व्यापारिक वायु मिलती है –
(a) उपधुवीय अभिसरण अंचल में
(b) अयनरेखीय अंचल में
(c) भूमध्यरेखीय अभिसरण अंचल में
(d) ध्रुवीय अंचल में।
उत्तर :
(c) भूमध्यरेखीय अभिसरण अंचल में।
प्रश्न 24.
दक्षिणी गोलार्द्ध में पछुआ वायु के प्रवाह की गति अधिक होने का कारण है –
(a) स्थलीय भाग की अधिकता
(b) सागरीय भाग की अधिकता
(c) उच्च वायुदाब का होना
(d) निम्न वायुदाब का होना
उत्तर :
(b) सागरीय भाग की अधिकता।
प्रश्न 25.
धुवीय वायु होती है –
(a) उष्ण एव आर्द्र
(b) उष्ण एवं शुष्क
(c) शुष्क एवं शीतल
(d) आर्द्र एवं श्रितल
उत्तर :
(c) शुष्क एवं शीतल
प्रश्न 26.
सूर्य की उत्तरायण की स्थिति में वायुदाब पेटियाँ खिसकती हैं –
(a) कुछ पूरब की ओर
(b) कुछ दक्षिण की ओर
(c) कुछ पथ्धिम की ओर
(d) कुछ उत्तर की ओर
उत्तर :
(d) कुछ उत्तर की ओर।
प्रश्न 27.
सागरीय वायु (Sea Breaze) की गति सबसे अधिक रहती है –
(a) मध्याह्न के बाद
(b) मध्याह्न के पहले
(c) अर्द्धरात्रि के समय
(d) भोर में
उत्तर :
(a) मध्याह्न के बाद।
प्रश्न 28.
सागरीय एवं स्थलीय वायु का प्रभाव रहता है –
(a) महादेशों के भीतरी भागों में
(b) पर्वतीय अंचलों में
(c) तटीय अंचलों में
(d) पर्वतपदीय अंघलों में
उत्तर :
(c) तटीय अंचलों में।
प्रश्न 29.
शीतकालीन मौसमी वायु से वर्षा नहीं होती है क्योंकि –
(a) यह वायु स्थल से सागर की ओर चलती है
(b) यह वायु सागर से स्थल की ओर चलती है
(c) यह वायु पर्वत से घाटी की और चलती है
(d) यह वायु घाटी से पर्वत की ओर चलती है
उत्तर :
(a) यह वायु स्थल से सागर की ओर चलती है।
प्रश्न 30.
मध्य यूरोप में तापमान में अचानक वृद्धि के लिए उत्तरदायी स्थानीय वायु है –
(a) फॉन
(b) बोरा
(c) सिरक्को
(d) पम्पेरो
उत्तर :
(a) फॉन।
प्रश्न 31.
‘The Doctor’ के नाम से पुकारी जाने वाली स्थानीय वायु है –
(a) सिरक्को
(b) बोरा
(c) हरमटटान
(d) चिनूक
उत्तर :
(c) हंरमटटान
प्रश्न 32.
चक्रवातों के केन्द्र में रहता है –
(a) उच्च वायु दबाव
(b) निम्न वायु दबाव
(c) निम्न तापमान
(d) उच्च तापमान
उत्तर :
(c) निम्न वायु दबाव।
प्रश्न 33.
प्रतिचक्रवातों में हवाएँ चलती हैं –
(a) बाहर से केन्द्र की ओर
(b) केन्द्र से बाहर की ओर
(c) किसी भी दिशा में।
(d) सम्वहन धारा के रूप में केन्द्र से ऊपर की ओर
उत्तर :
(b) केन्द्र से बाहर की ओर।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (Fill in the blanks) : (1 Mark)
1. वायु में अपना _________ होता है।
उत्तर : भार
2. हवाएँ उच्च वायुभार से _________वायुभार की ओर चला करती है।
उत्तर : निम्न
3. भू-पृष्ठ पर वायु के समानान्तर चलने को _________कहते हैं।
उत्तर : वायु प्रवाह
4. वायु भार को _________से मापते हैं।
उत्तर : बैरोमीटर
5. तापक्रम बढ़ने पर वायुभार _________हो जाता है।
उत्तर : कम
6. पूर्वी हवाओं को _________हवाएं भी कहते हैं।
उत्तर : व्यापारिक हवाएं
7. भूमध्य रेखीय अंचल को _________कहते हैं।
उत्तर : शांत वलय
8. मौसम वैज्ञानिक फेरल के सिद्धान्त को _________कहते हैं।
उत्तर : फेरल का नियम
9. डच मौसम वैज्ञानिक वायस बैलेट के वायुचाप के _________सिद्धान्त को कहा जाता है।
उत्तर : वायश वैलेट
10. वायु जिस दिशा में प्रवाहित होती है उस दिशा के अनुसार उसका _________किया जाता है।
उत्तर : नामकरण
11. समुद्री स्थलीय वायु का प्रवाह _________होता है।
उत्तर : प्रतिदिन
12. वायु अपने वजन से पृथ्वी पर _________बनाती है।
उत्तर : दबाव
13. उर्ध्वगामी वायु की उष्णता क्रमश: _________होती जाती है ।
उत्तर : कम
14. अश्व अक्षांशों से गुजरने वाले जलयानों की गति _________हो जाती थी।
उत्तर : अवरुद्ध
15. ध्रुवीय अंचल की वायु में _________का परिमाण कम रहता है।
उत्तर :जलवाष्प
16. वायु के प्रवाहित होने वाली दिशा में कोरियोलिस बल _________पर प्रभाव ड़ालता है।
उत्तर : समकोण
17. पछुआ वायु व्यापारिक वायु की तुलना में कुछ _________होती है ।
उत्तर : अनियमित
18. ध्रुवीय वायु दोनों गोलार्द्ध में _________उच्च वायु दाब से _________ निम्न वायु दाब की ओर प्रवाहित होती है।
उत्तर : ध्रुवीय, उप-ध्रुवीय
19. 30°- 40° अक्षांशों के मध्य का अंचल ग्रीष्म काल में _________वायु से प्रभावित होती है।
उत्तर : व्यापारिक
20. व्यापारिक हवाओं के मार्ग में महादेशों के पश्चिमी भाग में _________पाए जाते हैं।
उत्तर : उष्ण मरुस्थल
21. उत्तरी गोलार्द्ध की तुलना में दक्षिणी गोलार्द्ध में ध्रुवीय वायु अधिक _________रूप से बहती है।
उत्तर : नियमित
22. तटीय अंचलों में दिन के समय सागर से स्थल की ओर चलने वाली वायु को _________कहते हैं।
उत्तर : सागरीय वायु
23. _________वायु को सागरीय और स्थलीय वायु का वृहद संस्करण कहा जाता है।
उत्तर : मानसूनी
24. चिनूक का अर्थ है _________I
उत्तर : तुषार भक्षक
25. पम्पेरो अत्यधिक _________एवं _________वायु है।
उत्तर : ठण्डी, शुष्क
26. _________यूरोप के दक्षिणी भाग में प्रवाहित होने वाली स्थानीय वायु है।
उत्तर : सिरक्को
सही कथन के आगे ‘ True ‘ एवं गलत कथन के आगे ‘ False ‘ लिखिए : (1 Mark)
1. भूमध्य रेखीय निम्न वायु भार की पेटी में किरणें वर्ष भर लम्बवत् पड़ती हैं।
उत्तर : True
2. हमारी पृथ्वी पर कुल सात वायुभार की सात पेटियाँ हैं।
उत्तर : True
3. भूमध्य रेखीय पेटी का दूसरा नाम अश्व अक्षांश है।
उत्तर : False
4. भूमध्य रेखीय पेटी को अश्व अक्षांश भी कहा जाता है।
उत्तर : False
5. ऊँचाई पर जाने पर वायु भार घटता है।
उत्तर : True
6. 25°-26° अक्षांशों को अश्व अक्षांश कहा जाता है।
उत्तर : True
7. सुमेरू और कुमेरू पर निम्न चाप वलय है।
उत्तर : False
8. एनिमोमीटर नामक यंत्र से वायु की गति मापा जाता है।
उत्तर : True
9. कोरीयालिस ने सर्वप्रथम विक्षेपकारी बल की पहचान की।
उत्तर : True
10. वायु प्रवाह का मुख्य कारण तापक्रम एवं वायुभार में अन्तर का मिलना है।
उत्तर : True
11. वायु जिस दिशा में प्रवाहित होती है उस दिशा के अनुसार उसका नामकरण होता है।
उत्तर : True
12. धुवीय वायु गर्म होती है।
उत्तर : False
13. स्थानीय वायु अर्घरात्रि में तीव्रगति से बहती है।
उत्तर : True
14. चिनूक एक शुष्क एवं उष्ण वायु है।
उत्तर : True
15. बोरा शुष्क एवं ठंडी वायु है।
उत्तर : True
16. 40° दक्षिणी अक्षांश रेखा के पास पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित होने वाली गरजती हुई वायु को गरजने वाली चालीसा कहा जाता है।
उत्तर : True
17. वायु में जलवाष्म धारण करने की क्षमता अधिक होने से वायु भारी हो जाती है।
उत्तर : False
18. भूमध्यरेखीय अंचल में हल्की वायु प्रसारित होकर ऊपर उठती है।
उत्तर : True
19. उर्ष्वगामी वायु की उष्णता क्रमशः कम होती जाती है।
उत्तर : True
20. धुव वृत्तीय प्रदेशों में उच्च वायु दबाव की सृष्टि होती है।
उत्तर : False
21. दोनों धुवीय अंचलों में लगभग सम्पूर्ण वर्ष तापमान हिमांक से नीचे रहता है।
उत्तर : True
22. व्यापारिक वायु दोनों गोलार्द्धों में 30°-60° अक्षांशों के मष्य प्रवाहित होती है।
उत्तर : True
23. वायु दबाव के ऊपर तापमान का प्रभाव सबसे अधिक पड़ता है।
उत्तर : True
24. अलग-अलग अक्षांशों पर वायु की उष्णता समान रहती है।
उत्तर : True
25. वायुदाब पेटियों का खिसकाव दोनो गोलार्द्धों में 5° से 10° अक्षांशों तक होता है।
उत्तर : True
26. भारतीय उपमहादेश में साधारणत: मानसूनी वायु प्रवाहित होती है।
उत्तर : True
27. पर्वतीय वायु को एनाबेटिक वायु कहते हैं।
उत्तर : True
28. फॉन के प्रभाव से मध्य यूरोप का तापमान बहुत कम समय में बढ़ जाता है।
उत्तर : True
29. पम्पेरो यूरोप के दक्षिणी भाग में प्रवाहित होती है।
उत्तर : False
30. शीतोष्ण अंचल का चक्रवात विष्वंसकारी होता है।
उत्तर : False