WBBSE Class 7 History Solutions Chapter 2 भारतीय राजनैतिक इतिहास की विभिन्न धाराएँ (700-1200)

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WBBSE Class 7 History Chapter 2 Question Answer – भारतीय राजनैतिक इतिहास की विभिन्न धाराएँ (700-1200)

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK

प्रश्न 1.
हम लोग किस राज्य में रहते हैं?
उत्तर :
पश्चिम बंगाल।

प्रश्न 2.
पश्चिम बंगाल किस देश का भाग है?
उत्तर :
भारत।

प्रश्न 3.
भारत किस महादेश में पड़ता है?
उत्तर :
एशिया महादेश।

प्रश्न 4.
बंग नाम का उल्लेख पहली बार कहाँ मिलता है?
उत्तर :
ॠग्वेद के तैत्तरीय आरण्यक में।

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प्रश्न 5.
अर्थशास्त्र को किसने लिखा?
उत्तर :
कौटिल्य ने।

प्रश्न 6.
कालिदास की एक रचना का नाम बताइए।
उत्तर :
रघुवंशम।

प्रश्न 7.
तेरहवीं शताब्दी के एक इतिहासकार का नाम बताइए।
उत्तर :
मिनहास-उस-सिराज।

प्रश्न 8.
आईने-ए-अकबरी का लेखक कौन था?
उत्तर :
अबुल फजल।

प्रश्न 9.
सुबा का अर्थ लिखिए।
उत्तर :
प्रदेश या राज्य।

प्रश्न 10.
कौन-सी नदी उत्तरार्द्ध और दक्षिणार्द्ध को विभाजित करती हैं?
उत्तर :
अजय नदी।

प्रश्न 11.
कंसाई का ऐतिहासिक नाम क्या है?
उत्तर :
कंसावती नदी।

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प्रश्न 12.
गौड़ शब्द से क्या सम्बोधित होता है?
उत्तर :
जन जाति।

प्रश्न 13.
शशांक की राजधानी कहाँ थी?
उत्तर :
कर्ण सुवर्ण।

प्रश्न 14.
गौड़ प्रदेश कहने से क्या सम्बोधित होता है?
उत्तर :
पाल साम्राज्य।

प्रश्न 15.
शशांक कौन था?
उत्तर :
शशांक गुप्त सम्राट के एक महासामंत थे।

प्रश्न 16.
ह्नेनसांग कौन था?
उत्तर :
चीनी यात्री।

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प्रश्न 17.
ह्वेनसांग कहाँ से कर्ण सुवर्ण आये थे?
उत्तर :
ताग्रलिप्त जिसका आधुनिक नाम तमलुक है।

प्रश्न 18.
गौड़वहो काव्य की रचना किसने की थी?
उत्तर :
वाक्पतिराज।

प्रश्न 19.
हर्षचरित की रचना किसने की थी?
उत्तर :
वाणभट्ट।

प्रश्न 20.
पाल वंश का संस्थापक किसे माना जाता है?
उत्तर :
गोपाल को।

प्रश्न 21.
रामचरित किसने लिखी थी?
उत्तर :
संध्याकर नन्दी।

प्रश्न 22.
तंजौर किस राज्य की राजधानी बनी थी?
उत्तर :
चोल राज्य का।

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प्रश्न 23.
लक्ष्मण सेन की राजधानी कहाँ थी?
उत्तर :
पूर्व बंगाल का विक्रमपुर।

प्रश्न 24.
मेघना नदी का पूर्वी क्षेत्र क्या कहलाता था ?
उत्तर :
समतट।

प्रश्न 25.
पाल वंश के प्रतिष्ठापक कौन थे ?
उत्तर :
गोपाल।

प्रश्न 26.
शशांक के शासनकाल में गौड़ में कौन-सी व्यवस्था लागू थी ?
उत्तर :
गौणतंत्र|

प्रश्न 27.
पाल शासकों का जन्म स्थल कहाँ था ?
उत्तर :
वरेन्द्र।

प्रश्न 28.
‘मत्स्यन्याय’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
मत्स्यन्याय का अर्थ है देश की अराजकता या स्थाई राजा का अभाव।

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प्रश्न 29.
सेन शासकों का जन्म-स्थान कहाँ है ?
उत्तर :
सेन शासको का जन्म स्थान दक्षिण-भारत एवं उसके आसपास का क्षेत्र था।

प्रश्न 30.
प्राचीन बंगाल के क्षेत्रों में सबसे वृहत्तम क्षेत्र कौन-सा था?
उत्तर :
पुंड्रवर्धन।

प्रश्न 31.
बंगाल में सेन वंश का शासनकाल कब आरंभ हुआ था ?
उत्तर :
1100 ई० में।

प्रश्न 32.
कैवर्त विद्रोह के नेता कौन थे ?
उत्तर :
भीम।

संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARK

प्रश्न 1.
पश्चिम बंगाल के मानचित्र को देखिए, उसमें आदि मध्य युग के बंगाल की कौन-सी नदी देखने को मिलती है?
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उत्तर :
पद्मा एवं भागीरथी

प्रश्न 2.
शशांक के शासन काल में बंगाल की आर्थिक व्यवस्था कैसी थी? उसके बारे में लिखिए।
उत्तर :
शशांक के शासन काल में बंगाल की आर्थिक व्यवस्था अच्छी नहीं थी। वाणिज्य में मुद्रा के रूप में सोने के मुद्रा का प्रचलन था। अन्तराष्ट्रीय बाजार में सोने के मूल्य में गिरावट की वजह से पूरी की पूरी अर्थ व्यवस्था कृषि पर निर्भर थी। समाज में स्थानीय प्रधान को कृषक की वजह से माँग बढ़ गई और वही व्यापारियों की मात्रा में पिछले समय की तुलना में कमी आ गयी।

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प्रश्न 3.
मत्स्यन्याय से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
मत्स्यन्याय का अर्थ अराजकता होता है। इस न्याय में शक्तिशाली लोग कमजोर लोगों पर अत्याचार करते थे। जैसे तालाब की बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है।

प्रश्न 4.
700 एवं 800 ई० में क्षेत्रीय राज्यों का गठन कैसे हुआ था ?
उत्तर :
700 एवं 800 ई० के बीच प्रादेशिक शक्तियों का आधिपत्य हुआ और धीरे- धीरे ये सब शक्तियाँ जब मजबूत होती गयीं तब ये जिस राज्य का भाग होते उससे अलग हो जाते और धीरे-धीरे उस पूरे राज्य पर अपना अधिकार जमा लेते थे।

प्रश्न 5.
सेन शासकों का जन्म स्थान कहाँ है? किस प्रकार से उन्होंने बंगाल में अपना शासन किया?
उत्तर :
सेन शासकों का जन्म स्थान दक्षिण भारत का मैसूर और उसके आस-पास का क्षेत्र बंगाल में पाल वंश की समाप्ति के बाद सेन वंश का शासन आया, सामन्त सेन हेमन्त सेन, बल्लाल सेन व लक्ष्मण सेन पाल वंश के शासकों के दुर्बलता को अपना हथियार बनाकर शासन कर लिए।

प्रश्न 6.
सूबा बांग्ला से आप क्या समझते हो?
उत्तर :
मुगल काल के इतिहासकार अबुल फज़ल के प्रसिद्ध पुस्तक आइने-ए-अकबरी में बंग राज्य को सुबा बांग्ला कह कर उल्लेखित किया गया। सुबा का अर्थ होता है प्रदेश या राज्य।

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प्रश्न 7.
बांग्लादेश कैसे बना?
उत्तर :
1947 ई० में भारत के विभाजन के समय बंगाल के पश्चिमी हिस्से का नाम पश्चिम बंगाल और बंगाल के पूर्वी हिस्से का नाम पूर्व बंगाल पड़ा। यह पूर्व बंगाल नवीन पाकिस्तान में शामिल हो गया और इसके पूर्व 1971 ई० के युद्ध के बाद पूर्व बंगाल एक स्वाधीन देश बन गया, और उसका नाम बांग्लादेश पड़ा।

प्रश्न 8.
बंग किसे कहा जाता था?
उत्तर :
प्राचीन काल में पद्मा और भागीरथी नदी के बीच के त्रिभुज आकार का क्षेत्र तथा द्वीप को बंग कहा जाता था।

प्रश्न 9.
बंगाल कहने से क्या सम्बोधित किया जाता था?
उत्तर :
बंगाल कहने से बंग के दक्षिण सीमावर्ती बंगोपसागर के तटीय क्षेत्र को सम्बोधित किया जाता था।

प्रश्न 10.
उत्तर-राढ़ कहने से क्या समझते हो?
उत्तर :
वर्तमान मुर्शिदाबाद जिले का पश्चिमी भाग बीरभूम जिला, संथाल परगना का एक अंश एवं बर्दवान जिला के कटवा का उत्तरी भाग उत्तर राढ़ के अन्तर्गत सम्मिलित था।

प्रश्न 11.
दक्षिण-राढ़ कहने से क्या समझते हो।
उत्तर :
दक्षिणराढ़ कहने से वर्तमान हावड़ा, हुगली एवं बर्दमान जिले का बाकी हिस्सा तथा अजय और दामोदर नदी का मध्यवर्ती विस्तृत क्षेत्र समझा जाता था। यह बंगोप सागर का निकटवर्ती क्षेत्र था।

प्रश्न 12.
गौड़ प्रदेश का निर्माण-कैसे हुआ?
उत्तर :
प्रांचीन और मध्य युग में बंगाल का गौड़ एक महत्वपूर्ण क्षेत्र था बराहमिहिर (600 ई०) के अनुसार मुर्शिदाबाद, बीरभूम एवं बर्दमान जिला के पश्चिमी भाग को लेकर गौड़ प्रदेश का निर्माण हुआ था।

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प्रश्न 13.
कर्ण सुवर्ण के बारे में एक संक्षिप्त ऐतिहासिक परिचय दीजिए।
उत्तर :
637-638 ई० में शशांक की मृत्यु के पहले तक गौड़ प्रदेश की राजधानी कर्ण सुवर्ण थी। यह एक बौद्ध विहार था जंहाँ चीनी यात्री ह्रेनसांग आये थे। चीनी भाषा में इस बौद्ध विहार का नाम लो-टो-मो-चिह् था। स्थानीय तौर पर कर्ण सुवर्ण राजा के महल के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 14.
शशांक को बौद्ध विरोधी क्यों कहा गया है?
उत्तर :
शशांक पर ऐसा आरोप लगाया जाता है कि उन्होंने बौद्ध भिक्षुओं की हत्याकी थी। और बौद्धों के पवित्र धार्मिक स्मारक को ध्वस्त किए थे। इसलिए शशांक को आर्य मंजू श्री मूलकल्प नामक बौद्ध ग्रन्थ में बौद्ध विरोधी कहा गया है।

प्रश्न 15.
गौड़ तंत्र से क्या समझते हो? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर :
शशांक के शासन काल में गौड़ में जो व्यवस्था लागू की गयी, उसे गौड़ तन्त्र कहा जाता है। इस व्यवस्था में राज्य के लिए एक निर्दिष्ट शासन प्रणाली का निर्माण किया गया। गौड़ राज्य में केन्द्रीय रूप से शासन का संचालन होता था।

प्रश्न 16.
मत्स्थन्याय के युग से क्या समझते हो?
उत्तर :
शशांक की मृत्यु के दस साल बाद हर्षवर्द्धन की मृत्यु हो गयी। बंगाल के विभिन्न भागों को पहले कामरूप के राजा एवं बाद में नाग सम्पदाय के जयनाग तथा तिब्यत के शासक अपने अधिकार में कर लिए। 800 ई० में कन्नौज एवं कश्मीर के शासकों ने बंगाल पर आक्रमण किया। बंगाल के इतिहास में इस अराजकता के समय को मत्स्यन्याय का युग कहा जाता है।

प्रश्न 17.
मत्स्यन्याय के अर्थ को उदाहरण देकर समझाओ।
उत्तर :
मत्स्यन्याय का अर्थ अराजकता होता है। इस स्थिति में शक्तिशाली लोग कमजोर लोगों पर अत्याचार करते थे। ठीक वैसे ही जिस तरह तालाब में अराजकता होता है। तालाब की बड़ी मछली छोटी मछलियों को खा जाती है।

प्रश्न 18.
बंगाल में परिवर्तन का युग कब से कब तक माना जाता है? संक्षिप्त में बताइए।
उत्तर :
शशांक की मृत्यु के बाद 700 ई० के मध्य भाग से 800 ई० के मध्य भाग तक का समय प्राय: 100 वर्ष बंगाल के इतिहास में परिवर्तन का युग माना जाता है।

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प्रश्न 19.
त्रिशक्ति संघर्ष से क्या समझते है?
उत्तर :
हर्षवर्द्धन के समय से ही कन्नौज उत्तरी मार्ग के स्थान की दृष्टि से महत्वपूर्ण बन गया। यह माना जाता था कि जिसका कन्नौज पर नियंत्रण रहेगा वही गंगा के तराई क्षेत्रों को अपने अधिकार में रख पायेगा। नदी आधारित वाणिज्य एवं खनिज पदार्थों से समृद्ध होने के कारण यह अंचल आर्थिक दृष्टि से लाभदायक था। कन्नोज का अन्त तक कान अपने अधिकार में रख पायेगा? इसे लेकर आठवीं शताब्दी से पाल, गुर्जर, प्रतिहार एवं राष्ट्रकुट वंशों के मध्य लगातार युद्ध होता रहा। इसी को त्रि-शक्ति संघर्ष या त्रिगुट संघर्ष कहा जाता है।

विस्तृत उत्तर वालें प्रश्न (Detailed Answer Questions) : 5 MARK

प्रश्न 1.
प्राचीन बंगाल के राढ़, सुहन एवं गौड़ क्षेत्र का भौगोलिक परिचय लिखिए।
उत्तर :
प्राचीन बंगाल के वर्तमान मुर्शिदाबाद जिले का पश्चिमी भाग बीरभूम जिला, संथाल परगना का एक अंश एवं बर्दवान जिला के कटवा के उत्तरी भाग और दक्षिण में वर्तमान हावड़ा, हुगली और दामोदर नदी का मध्यवर्ती भाग प्राचीन और मध्य युग में बंगाल का गौड़ महत्वपूर्ण क्षेत्र था। मुर्शिदाबाद बीरभूम एवं बर्दवान जिला के पश्चिमी भाग को लेकर गौड़ प्रदेश, मगध बौद्ध गया क्षेत्र एवं ओडिशा का एक हिस्सा बंगाल के अन्दर आता है।

प्रश्न 2.
शशांक के साथ बौद्धों का सम्बन्ध कैसा था?
उत्तर :
शशांक पर बौद्ध भिक्षुओं की हत्या का आरोप लगाया गया था साथ ही बौद्धों के पवित्र धार्मिक स्मारक को ध्वस्त किया था ऐसा जिक्र आर्य मंजू श्री मूलकल्प नामक बौद्ध प्रन्थ में किया गया है।

प्रश्न 3.
त्रि-शक्ति संघर्ष किन-किन के बीच हुआ था और इसका कारण क्या था?
उत्तर :
त्रिशक्ति संघर्ष हर्षवर्द्धन के समय से ही कन्नौज के उत्तरी मार्ग के स्थान की दृष्टि से महत्वपूर्ण बन गया था। यह मान्यता थी कि जिसका कन्नौज पर अधिकार रहेगा।, वही गंगा के क्षेत्र पर अपना अधिकार रख पायेगा। उसका वाणिज्य और खनिज पदार्थों में समृद्धि होगी। इसके लिए पाल, गुर्जर, प्रतिहार एवं राष्ट्रकूट के वंशों में लगातार युद्ध होता रहा। इसी को त्रि-शक्ति संघर्ष कहा जाता है।

प्रश्न 4.
पाल व सेन वंश के शासन का संक्षेप में तुलना कीजिए।
उत्तर :
बंगाल में पाल वंश का प्रतिष्ठापक गोपाल था।
गोपाल ने बंगाल के अधिकांश क्षेत्रों को अपने शासन के अधीन में लाया। गोपाल के उत्तराधिकारी धर्मपाल के समय उत्तर भारत के कन्नौज को केन्द्र करके जो त्रिशक्ति संघर्ष चला था उसमें उन्होंने हिस्सा लिया था। देवपाल के बाद पाल शासकों की शक्ति घटने लगी। इसका कारण उनमें आपसी मतभेद था। बगाल में पालों की शक्ति कमजोर पड़ने लगी। उनका राज्य मगध क्षेत्र में सम्मिलित हो गया। पुन: शासक महीपाल प्रथम के समय में पाल शासन लौट आया। 1100 ई० के अंतिम समय में रामपाल एक पाल शासक बने। कैवर्त विद्रोह के कारण वरेन्द्र क्षेत्र पालों के हाथ से निकल गया। रामपाल की मृत्यु के पचास वर्षों के मध्य में ही पाल शासकों का शासन समाप्त हो गया।

बंगाल में सेन शासकों का शासन काल 1100 ई० में शुरू हुआ। राढ़ क्षेत्रों में सेनों का आधिपत्य स्थापित हुआ। हेमन्त सेन के पुत्र विजय सेने राढ़, गौड़ पूर्व बंगाल एवं मिथिला पर विजय प्राप्त कर अपने राज्य की सीमा को आगे बढ़ाया। आगे चलकर बल्लार सेन के पुत्र एवं उत्तराधिकारी लक्ष्मण सेन प्रयाग, वाराणसी एवं पुरी में अपना साम्राज्य स्थापित किया। लक्ष्मण सेन की राजधानी पूर्व बंगाल का विक्रमपुर था। लक्ष्मणावती उनके शासनकाल का एक महत्वपूर्ण शहर था।

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प्रश्न 5.
दक्षिण भारत में चोल साप्राज्य के उत्थान की पृष्ठभूमि का विश्लेषण करें।
उत्तर :
कावेरी एवं उसकी शाखा नदियों तथा द्वीप को केन्द्रित कर चोल राज्य काग्गुन हुआ। वहाँ के शासक मेट्रो बाई को हटाकर विजयालय में चोल राज्य की स्थापना की।
खांजाबूर या तैंजौर नामक नये शहर का निर्माण हुआ। यही शहर चोल राज्य की राजधानी बनी। दक्षिण में पांड्य और उत्तर में पल्लव क्षेत्र का राज्य चोलों के अधिकारों में आ गया। 945 ई० में राजराज प्रथम ने वर्तमान केरल, तमिलनाडु एवं कर्नाटक के विस्तृत क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ायी। राजराज प्रथम का पुत्र राजेन्द्र प्रथम था। यह और भी कुशल प्रशासक सिद्ध हुआ। भारतीय वाणिज्य पर भी इसका नियंत्रण रहा।
दक्षिण का पाण्ड्य, उत्तर का पल्लव, वर्तमान केरल, तमिलनाडु एवं कर्नाटक का विस्तृत क्षेत्र चोल राज्य के अंतर्गत सम्मिलित था।

प्रश्न 6.
प्राचीन बंगाल के प्रमुख क्षेत्र बताओ और किन्हीं तीन क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
प्राचीन बंगाल के प्रमुख क्षेत्र थे पुण्ड्रवर्धन, सबसे समतट-राढ सुह्य, गौड़ व हरिकेल।
पुण्ड्रवर्धन : प्राचीन बंगाल के क्षेत्रों में यह सबसे बड़ा क्षेत्र था। इस क्षेत्र में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश केदिनाजपुर, बाँकुड़ा, राजशाही तथा वना आदि सम्मिलित था, किसी समय श्री हट्ट (सिलेट) भी इसमें सम्मिलित था।
बरेन्द्र : भागीरथ तथा करहोय नदी के मध्य का क्षेत्र वरेन्द्र नाम से जाना जाता था।
बंग-प्राचीन काल में पद्मा और भागीरथी नदी के मध्य का त्रिभुज के आकार का क्षेत्र तथा द्वीप क्षेत्र को बंग कहने से वर्तमान के बांग्लादेश का ढाका, विक्रमपुर, फरीदपुर व वरीशाल क्षेत्र जाना जाता था।

प्रश्न 7.
गौड़ प्रदेश का वर्णन करो।
उत्तर :
प्राचीन एवं मध्ययुग में बंगाल का गौड़ प्रदेश एक महत्वपूर्ण क्षेत्र था। गौड़ शब्द से एक जनजाति को भी सम्बोधित किया जाता था। वाराहमिहिर के सूचना के अनुसार मुर्शिदाबाद, बीरभूम एवं बर्दवान जिला के पश्चिम भाग के लेकर गौड़ प्रदेश बनाया गया।
700 ई० में शशांक के शासन काल में गौड़ प्रदेश के सीमा का विस्तार हुआ। 800-900 ई० में गौड़ प्रदेश कहने से समग्र पाल सम्नाज्य को सम्बोधित किया जाता था।

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प्रश्न 8.
शशांक कौन था? उसके राज्य विस्तार के बारे में लिखिए।
उत्तर :
शशांक गौड़ राज्य का शासक था। शशांक के समय गौड़ प्रदेश, मगध, बोध गया क्षेत्र एवं ओडिशा के एक हिस्सा अपने अधिकार में कर लिया था। युद्ध करके शशांक ने गौड़ देश के सम्मान की वृद्धि की थी। शशांक के शासन काल में गौड़ की शक्ति और बढ़ी। 637-638 ई० में मरने के पहले तक शाशांक गौड़ के स्वाधीन शासक रहे।

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प्रश्न 9.
भीम कौन था? कैवर्त विद्रोह के बारे में लिखिए।
उत्तर :
भीम कैवर्त का एक लोकप्रिय शासक था। पाल शासन के समय 1100 ई० में बगाल में कैवर्त विद्रोह हुआ था। कैवर्त के लोग मछुआरा थे। उस समय बंगाल के उत्तरी हिस्से में इन लोगों का प्रभाव था। इस विद्रोह के तीन नेता थे- दिव्य, रुदोक एवं भीम। इन तीनों ने पाल शासको की दुर्बलता का लाभ उठाकर विद्रोह कर दिया। इसका दमन करने में वे विफल हो ए। कैवर्त विद्रोह की घटना का जिक्र संध्याकार नन्दी द्वारा रचित ‘रामचरित’ नाम के काव्य में किया गया है।

प्रश्न 10.
सोचिए कि आप शशांक के शासन काल के एक पर्यटक हैं। आप ताप्रलिप्त से कर्ण सुवर्ण जा रहे हैं। रास्ते में आपको कौन-कौन सा क्षेत्र और नदी दिखाई देगी। कर्ण सुवर्ण जाकर आप क्या देखेंगे?
उत्तर :
मुर्शिदाबाद के बरहमपुर से छः मील दक्षिण-पश्चिम में रागामारी नामक जगह जाना जाता है। रूपनारायण नदी के किनारे तमलुक शहर स्थित है। यह राढ़ क्षेत्र का एक वाणिज्य केन्द्र था। वहाँ से कर्ण सुवर्ण के रास्ते जाने पर दक्षिण राढ़ के आक क्षेत्र दिखाई पड़ने पर कांसाई सुवर्ण रेखा नदी है। इसके एकदम दक्षिण में बंगोपसागर स्थित है। यहाँ बौद्ध विहार का अवशेष भी मिलता है। वहाँ के स्थानीय आदिवासी लोग कर्णसुवर्ण को राजा कर्ण का प्रसाद कहते हैं। यहाँ पर बहुत से वाणिज्यिक केन्द्र होने के संकेत भी मिलते है।

प्रश्न 11.
सोचिए कि देश में मत्स्यन्याय लागू है। आप और आपके वर्ग के लोग अपने देश के राजा को निर्वाचित करना चाहते हो। अपने मित्रों के बीच एक काल्पनिक संवाद की रचना कीजिए।
उत्तर :
समय – 649 ई०
स्थान – गौड़
राहुल : देश में मत्स्यन्याय का युग आ गया है। देश में कोई राजा नहीं है। कोई शासन व्यवस्था नहीं है। इस तरह इस देश में जीवन-यापन करना सम्भव नहीं है।
रोहित : मुझे तो हमेशा भय लगा रहता है। कब डकैती हो जायेगी, कब कोई जान से मार देगा, कोई ठीक नहीं है।
सौरभ : भय से मैं तो अपने गणित के अध्यापक के पास पढ़ने भी नहीं जा रहा हूँ।
ललित : यदि कोई राजा या शासक जनता द्वारा चुना जाए तो हो सकता है देश एक अच्छे शासन व्यवस्था के तहत चले। सुमन : लेकिन सबका समर्थन मिलनेवाला आदमी कैसे मिलेगा। चलो हम सब श्री दशरथ जी से कहते हैं। शायद कोई हल निकल जाए।

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प्रश्न 12.
सोचिए कि आप कैवर्त के नेता दिव्य हो। पाल शासकों के विरुद्ध आपका आरोप क्या-क्या रहेगा। किस तरह आप अपने विद्रोही सैन्य दल का गठन एवं परिचालन करेंगे। इसे लिखें।
उत्तर :
मैं दिव्य हूँ, मैं पाल राजा के खिलाफ विद्रोह की घोषणा करता हूँ। इसके निम्न कारण है :-

  1. पाल राजा लोग विलासी हो गये है।
  2. वे लोग अपने कर्मचारी पर ही पूर्णत: निर्भर हो गये हैं।
  3. वे लोग कैवर्तों का कभी सम्मान नहीं करते हैं।
  4. पहले मैं सभी विचारकों, सभ्य लोगों की टुकड़ी बनाऊँगा। वह जरूर हमरी सुविचार युक्त लड़ाई से पराजित होगा। काल इतिहास की प्रमुख घटनाएँ

1947 ई० – भारत एवं पाकिस्तान आपस में बंटकर दो स्वाधीन देश बने। बंगाल का पश्चिमी भाग पश्चिम बंगाल बना और पूर्वी भाग मूर्वी पाकिस्तान।
1971 ई० – मुक्ति युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान से स्वतंत्र होकर नया देश ‘बांग्लादेश’ बना।
606 ई० – शशांक गौड़ प्रदेश का राजा बना।
637 ई० – शशांक की मृत्यु हुई।
750 ई० – गोपाल ने बंगाल में पाल वंश की स्थापना की।
647 ई० – हर्षवर्द्धन की मृत्यु हुई।
774-806 ई० – धर्मपाल का शासन काल।
846 ई० – विजयालय ने दक्षिण में चोल वंश की स्थापना की।
836-882 ई० – राजा भोज का शासन काल।
927-1027 ई० – महीपाल का शासन काल।
535-566 ई० – दक्षिण में प्रथम पुलकेशिन द्वारा चालुक्य वंश की स्थापना।
753-793 ई० – राष्ट्रूक वंश का शासन काल।
400-891 ई० – पल्लव वंश का शासन काल।
1016-1144 ई० – प्रथम राजेन्द्र चोल का शासन काल।
1070-1171 ई० – द्वितीय महिपाल का शासन काल।
1072-1126 ई० – राजा रामपाल का शासन काल।
1096-1159 ई० – राजा विजय सेन का शासन काल।
1159-1179 ई० – राजा बल्लाल सेन का शासन काल।
1179-1205 ई० – राजा लक्ष्मण सेन का शासन काल।
1204-1205 ई० – बख्जियार खिलजी का बंगाल पर आक्रमण एवं सेन वंश का पतन।

रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (Fill in the blanks) : (1 Mark)

1. ‘बंग’ शब्द का पहले उल्लेख मिलता है _______ (तैत्तरीय आरण्यक/आईन-ए-अकबरी/अर्थशास्त्र)
उत्तर : तैत्तरीय आरण्यक।

2. प्राचीन बंगाल की सीमा _______, _______ एवं _______ (भागीरथी, पद्मा, मेघना/गंगा, ब्रह्मपुत्र, सिंधु, कुष्णा, कावेरी, गोदावरी) नदी को लेकर निर्मित हुई थी।
उत्तर : भागीरथी, पद्या, मेघना।

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3. सकलोत्तर पथनाथ उपाधि था _______ (शशांक/हर्षवर्द्धन/धर्मपाल)
उत्तर : हर्षवर्द्धन।

4. कैवर्त विद्रोह के एक नेता थे _______ (भीम/रामपाल/महीपाल प्रथम)
उत्तर : भीम।

5. सेन राजा _______ (विजय सेन/बल्लाल सेन/लक्ष्मण सेन) के शासन-काल में तुर्की आक्रमण हुआ था।
उत्तर : लक्ष्मण सेन।

6. _______ ने कल्याणी के चालुक्य शासक को पराजित किया था।
उत्तर : राजेन्द्र प्रथम

7. राजराज प्रथम और राजेन्द्र प्रथम दोनों चोल शासकों ने _______ का गठन किया था।
उत्तर : निपुण नौवाहिनी

8. बल्लाल सेन के पुत्र एवं उत्तराधिकारी _______ ने प्रयाग, वाराणझी एवं पुरी में अपना साम्राज्य स्थापित किया था।
उत्तर : लक्ष्मण सेन

9. बंगाल के सेन शासक _______ में शासन आरंभ किये थे।
उत्तर : 1100 ई०

10. सामंत सेन और उसके पुत्र _______ के शासन काल में राढ़ क्षेत्र में सेन लोगों का कुछ आधिपत्य स्थापित हुआ।
उत्तर : हेमन्त सेन

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11. पाल शासन के 1100 ई० उत्तरार्द्ध में बंगाल में _______ हुआ था।
उत्तर : कैवर्त विद्रोह

12. संध्याकर नन्दी द्वारा रचित _______ में कैवर्त विद्रोह का वर्णन है।
उत्तर : रामचरित

13. कैवर्त के सबसे लोकप्रिय शासक _______ थे।
उत्तर : भीम

14. हर्षवर्द्धन के समय _______ उत्तरी मार्ग के स्थान की दृष्टि से महत्वपूर्ण बन गया था।
उत्तर : कन्नौज

15. कावेरी एवं उसकी शाखा नदियों तथा द्वीप को केन्द्रित कर _______ का गठन हुआ था।
उत्तर : चोल राज्य

16. शशांक के शासन काल में गौड़ में जो व्यवस्था लागू की गयी उसे _______ कहा जाता है।
उत्तर : गौड़तन्त्र

17. शशांक के शासन काल में _______ का सिक्का प्रचलित था।
उत्तर : सोने

18. 600 ई० एवं 700 ई० में बहुत समय तक _______ बंगाल के राजाओं का समर्थन नहीं पा सका।
उत्तर : बौद्ध धर्म

19. _______ का अर्थ देश की अराजकता या स्थायी राजा के अभाव से है।
उत्तर : मत्स्यन्याय

20. बंग शब्द का प्रथम उल्लेख _______ में मिलता है।
उत्तर : तैत्तरीय आरण्यक

21. प्राचीन बंगाल की सीमा _______ को लेकर निर्मित हुई थी।
उत्तर : भागीरथी, पद्मा एवं मेघना नदी

WBBSE Class 7 History Solutions Chapter 2 भारतीय राजनैतिक इतिहास की विभिन्न धाराएँ (700-1200)

22. सेन राजा _______ के शासनकाल में तुर्की आक्रमण हुआ था।
उत्तर : लक्ष्मण सेन

23. चोल राज्य की स्थापना _______ ने किया था।
उत्तर : विजयालय।

24. सुबा का अर्थ है _______ ।
उत्तर : प्रदेश।

25. चोल राज्य की राजधानी _______ थी।
उत्तर : तंजौर।

26. ‘अर्थशास्त्र’ के लेखक _______ हैं।
उत्तर : कौटिल्य।

27. ‘आईन-ए-अकबरी’ के लेखक _______ है।
उत्तर : अबुल फज़ल।

28. बांग्लादेश का नामकरण _______ ई० में हुआ।
उत्तर : सन् 1971

29. कर्ण सुवर्ण _______ की राजधानी थी।
उत्तर : शशांक।

30. भीम _______ विद्रोह के नेता थे।
उत्तर : कैवर्त।

31. _______ के शासनकाल में गौड़ में ‘गौणतंत्र’ व्यवस्था लागू थी।
उत्तर : शशांक।

बेमेल शब्द छाँटकर लिखो :-

1. भागीरथी, पद्मा, मेघना, कावेरी।
उत्तर : कावेरी।

2. कौटिल्य, कालिदास, अबुल-फजल, कैवर्त विद्रोह।
उत्तर : कैवर्त विद्रोह।

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3. रामचरित, रघुवंशम, कौटिल्य, अर्थशास्त्र।
उत्तर : कौटिल्य।

4. राजराज प्रथम, बल्लाल सेन, कालिदास, पालशासक
उत्तर : कालिदास।

5. बंग, बंगाल, गौड़, कोलकाता।
उत्तर : कोलकाता।

सही मिलान करो Match the following : (1 Mark)

प्रश्न 1.

स्तम्भ ‘क’ स्तम्भ ‘ख’
i) ब्रज भूमि a) बौद्ध विहार
ii) लो-टो-मो-चिह् b) आधुनिक चट्टग्राम
iii) गंगाईकोंड चोल c) वाक्पतिराज
iv) गोड़ वहा d) उत्तराढ़
v) हरिकेल e) राजेन्द्र प्रथम

उत्तर :

स्तम्भ ‘क’ स्तम्भ ‘ख’
i) ब्रज भूमि d) उत्तराढ़
ii) लो-टो-मो-चिह् a) बौद्ध विहार
iii) गंगाईकोंड चोल e) राजेन्द्र प्रथम
iv) गोड़ वहा c) वाक्पतिराज
v) हरिकेल b) आधुनिक चट्टग्राम

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प्रश्न 2.

स्तम्भ ‘क’ स्तम्भ ‘ख’
i) ऋग्वेद के तैत्तरीय आरण्यक a) कौटिल्य
ii) अर्थशास्त्र b) समतट
iii) रघुवंशम c) अबुल-फज़ल
iv) आईन-ए-अकबरी d) बंग नाम
v) मेघना नदी का पूर्वी क्षेत्र e) कालिदास

उत्तर :

स्तम्भ ‘क’ स्तम्भ ‘ख’
i) ऋग्वेद के तैत्तरीय आरण्यक d) बंग नाम
ii) अर्थशास्त्र a) कौटिल्य
iii) रघुवंशम e) कालिदास
iv) आईन-ए-अकबरी c) अबुल-फज़ल
v) मेघना नदी का पूर्वी क्षेत्र b) समतट

प्रश्न 3.

स्तम्भ ‘क’ स्तम्भ ‘ख’
i) शशांक के शासनकाल a) प्रदेश
ii) रामचरित b) भीम
iii) शशांक की राजधानी c) संध्याकर नंदी
iv) सूबा का अर्थ d) कर्ण सुवर्ण
v) कैवर्त विद्रोह के नेता e) गौणतंत्र

उत्तर :

स्तम्भ ‘क’ स्तम्भ ‘ख’
i) शशांक के शासनकाल e) गौणतंत्र
ii) रामचरित c) संध्याकर नंदी
iii) शशांक की राजधानी d) कर्ण सुवर्ण
iv) सूबा का अर्थ a) प्रदेश
v) कैवर्त विद्रोह के नेता b) भीम

पाठ सारांश :

हमलोग भारत के नागरिक हैं। हम भारत के जिस भाग में रहते हैं उस क्षेत्र का नाम पश्चिम बंगाल है और प्राचीन बंगाल की सीमाएँ प्रमुख रूप से तीन नदियों से घिरी हुई थी। ये नदियाँ भागीरथी, पद्मा और मेघना हैं।
1947 ई०में देश विभाजन के समय बंगाल के पश्चिमी हिस्से का नाम पश्चिम बंगाल तथा पूर्वी बंगाल नया देश पाकिस्तान में शामिल हो गया। 1971 ई० में मुक्ति संग्राम के बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वाधीन देश बन गया और वह बांग्लादेश के नाम से जाना जाने लगा।

शशांक का शासन काल 700 ई० में गौड़ प्रदेश में था और उसका शासन अच्छा था। उसने सीमा का विस्तार किया और उसकी राजधानी कर्ण सुवर्ण थी। उसकी सीमा भागीरथी के पश्चिम तरफ का वर्तमान मुर्शिदाबाद ही समस्त गौड़ प्रदेश का प्रमुख क्षेत्र था। शशांक गुप्त सम्राट के एक महासामंत थे। ह्रेनसांग ने लिखा है कि यह देश जनसंख्या बहुल क्षेत्र है। यहाँ के लोग काफी धनी थे। यहाँ की भूमि नीची एवं आर्द्र थी जिससे यहाँ पर नियमित रूप से खेती-बारी होती थी। यहाँ भारी मात्रा में फल-फूल मिलता है। यहाँ की जलवायु समशीतोष्ण थी। यहाँ के लोगों का चरित्र अच्छा था। ये लोग शिक्षा-दीक्षा के समर्थक थे। कर्ण सुवर्ण में बौद्ध और शैव दोनों सम्प्रदाय के लोग निवास करते थे। शशांक के जीवन का एक महत्वपूर्ण घटना है।

स्थानीश्वर के पुष्यभूति वश के शासक हर्षवर्द्धन के साथ युद्ध कर एकलोतर पथनाम की उपाधि धारण करने वाले हर्षवर्द्धन शशांक को पराजित नहीं कर पाये थे। धार्मिक दृष्टि से शशांक शिव के उपासक थे। शशांक के शासन काल में गौड़ में जो व्यवस्था लागू की गयी उसे गौड़ तंत्र कहा जाता है। इस व्यवस्था में राज्य के लिए एक निर्दिष्ट शासन प्रणाली का निर्माण किया गया। शशांक कोई स्थायी राजवंश का निर्माण नहीं कर पाये।

परिणाम स्वरूप शशांक की मृत्यु के बाद गौड़ की शक्ति नष्ट हो गयी। पाल शासकों का जन्मस्थल संभवतः वरेन्द्र क्षेत्र था। पालवंश के प्रतिष्ठापक गोपाल थे। इनके बाद धर्मपाल फिर देवपाल शासक बने। देवपाल के बाद पाल शासकों की शक्ति घटने लगी। इसका कारण था आपस में मतभेद। पाल शासन काल में शासन व्यवस्था में सामन्तों की उपस्थिति का पता चलता है। ये राजन सामंत, महा सामंत इत्यादि नाम से जाने जाते थे। बंगाल के सेन शासक 1100 ई० में शासन आरंभ किये थे। 1300 ई० के कुछ ही वर्षो के बीच सेन वंश का शासन काल समाप्त हो गया।

बंगाल के पाल वंश के विरुद्ध एक संघर्ष में गंगा नदी के किनारे पाल शासक को हटाकर गंगाईकोड चोल की उपाधि ग्रहण करते हैं। राजराज प्रथम एवं राजेन्द्र प्रथम दोनों चोल शासकों ने निपुण नो-वाहिनी का गठन किया। जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ भारतीय वाणिज्य को पूरी तरह अपने नियंत्रण में रखना चोल शासकों के लिए संभव हो सका।

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