Students should regularly practice West Bengal Board Class 7 Hindi Book Solutions Chapter 4 संस्कृति to reinforce their learning.
WBBSE Class 7 Hindi Solutions Chapter 4 Question Answer – संस्कृति
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर :
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनिए ।
प्रश्न 1.
लेखक अपने तरीके से क्या समझाने की बात करता है ?
(क) धर्म-अधर्म को
(ख) न्याय-अन्याय को
(ग) संस्कृति और सम्यवा को
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) संस्कृति और सभ्यता को
प्रश्न 2.
मोती भरा थाल का क्या अभिप्राय है ?
(क) धाल में भरा हुआ मोती
(ख) आकाश में जगमगाते तारे
(ग) घास पर झिलामिलती ओस की बूँदें
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(ख) आकाश में जगमगाते तारे
प्रश्न 3.
मानव संस्कृति है –
(क) एक विभाज्य वस्तु
(ख) एक अविभाज्य वस्तु
(ग) अकल्याणकारी वस्तु
(घ) अस्थायी वस्तु
उत्तर :
(ख) एक अविभाज्य वस्तु
प्रश्न 4.
भदंत आंनंद कौसल्यायन का जन्म कब हुआ था ?
(क) सन् 1900
(ख) सन् 1905
(ग) सन् 1910
(घ) सन् 1915
उत्तर :
(ख) सन् 1905
प्रश्न 5.
भदंत आंनद कौसल्यायन के बचपन का क्या नाम था ?
(क) हरिदास
(ख) नामधारौ दास
(ग) हरनाम दास
(घ) नागदास
उत्तर :
(ग) हरनाम दास
प्रश्न 6.
लेखक के अनुसार ऐसे दो शब्द जो कम समझ में आते हैं –
(क) देश-विदेश
(ख) सभ्यता-संस्कृति
(ग) धर्म-अधर्म
(घ) न्याय-अन्याय
उत्तर :
(ख) सभ्यता-संस्कृति
प्रश्न 7.
जो चीज अपने या दूसरे के लिए आविष्कृत की गई है उसे कहते हैं ?
(क) सभ्यता
(ख) संस्कृति
(ग) धर्म
(घ) कर्म
उत्तर :
(क) सभ्यता
प्रश्न 8.
गुरुत्वाकर्षण की खोज किसने की ?
(क) न्यूटन
(ख) आइंस्टाइन
(ग) मैडम क्यूरी
(घ) एडिसन
उत्तर :
(क) न्यूटन
प्रश्न 9.
लेखक ने रूस का भाग्यविधाता किसे कहा है ?
(क) रूस के जार को
(ख) लेनिन को
(ग) ब्लादिमीर पूतिन को
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) लेनिन को
प्रश्न 10.
मजदूरों को सुखी करने का स्वप्न किसने देखा ?
(क) हिटलर ने
(ख) मुसोलिनी ने
(ग) नेपोलियन ने
(घ) कार्ल मार्क्स ने
उत्तर :
(घ) कार्ल मार्क्स ने
प्रश्न 11.
लेखक के अनुसार संस्कृति का परिणाम क्या है ?
(क) धर्म
(ख) सभ्यता
(ग) अपसंस्कृति
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) सभ्यता
प्रश्न 12.
किसने मजदूरों को सुखी देखने का स्वपन देखते-देखते सारा जीवन दुःख में बिता दिया ?
(क) कार्ल मार्क्स
(ख) लेखक
(ग) वैज्ञानिक
(घ) न्यूटन
उत्तर :
(क) कार्ल मार्क्स
प्रश्न 13.
लेनिन कहाँ रहता था ?
(क) अमेरिका
(ख) रूस
(ग) जापान
(घ) चीन
उत्तर :
(ख) रूस
प्रश्न 14.
मानव संस्कृति एक …………… वस्तु है।
(क) अनायस
(ख) अविभाज्य
(ग) भौतिक
(घ) संस्कृति
उत्तर :
(ख) अविभाज्य
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
प्रश्न 1.
संस्कृति क्या है?
उत्तर :
जिस योग्यता, प्रवृत्ति अथवा प्रेरणा के बल से व्यक्ति आविष्कार करता है उसे, उस व्यक्ति की संस्कृति कहते हैं, संस्कृति का शाद्धिक अर्थ है – संस्कार या परिष्कार।
प्रश्न 2.
सभ्यता का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
संस्कृति का परिणाम ही सभ्यता है। हमारे खाने-पीने के तरीके, हमारे पहनने के तरीके, हमारे गमना-गमन के साधन, हमंरे परस्पर कट मरने के तरीके सब हमारी सभ्यता है।
प्रश्न 3.
संस्कृति पाठ के लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर :
‘संस्कृति’ पाठ के लेखक का नाम भदंत आनंद कौसल्यायन है।
प्रश्न 4.
मनीषी का क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
वुद्धिमान, मेधावी विचारशील व्यक्ति को मनीषी कहते हैं।
प्रश्न 5.
भदंत आनंद कौसल्यायन का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर :
भंतंत आंद कौसल्यायन का जन्म सन् 1905 में पंजाब के अम्बाला जिला के सोहाना नामक गाँव में हुआ था।
प्रश्न 6.
लेखक के अनुसार कौन निठल्ला नहीं बैठ सकता ?
उत्तर :
लेखक के अनुसार जो वास्तव में संस्कृत व्यक्ति है, वह तमाम सुख-सुविधाओं से युक्त होने पर भी निठल्ला नहीं बैठ सकता।
प्रश्न 7.
लेखक के अनुसार संस्कृति के कारक क्या हैं ?
उत्तर :
लेखक के अनुसार ज्ञानेप्सा, भौतिक प्रेरणा और कल्याणकारी भावना संस्कृति के कारक हैं।
प्रश्न 8.
संस्कृति कैसे असंस्कृति बन जाती है ?
उत्तर :
संस्कृति से कल्याणकारी तत्व को निकाल देने पर वह असंस्कृति बन जाती है।
प्रश्न 9.
संस्कृति का यदि कल्याण की भावना से नाता टूट जाये तो क्या होगा ?
उत्तर :
संस्कृति का यदि कल्याण की भावना से नाता दूट जायेगा तो वह असंस्कृति होकर ही रहेगी।
प्रश्न 10.
मानव संस्कृति क्या है ?
उत्तर :
मानव संस्कृति एक अविभाज्य वस्तु है।
बोधमूलक प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
प्रश्न 1.
आग की खोज किन कारणों से हुई?
उत्तर :
आग की खोज में पेट की ज्वाला की प्रेरणा एक कारण रही। जब आग का आविष्कार नहीं हुआ उस समय स्वयं जिस मनुष्य ने पहले आग का आविष्कार किया होगा वह महान आविष्कर्ता होगा। उसे भी पेट की ज्वाला से ही प्रेरणा मिली होगी।
प्रश्न 2.
न्यूटन कौन थे? उन्होंने किस सिद्धांत की स्थापना की?
उत्तर :
न्यूटन एक महान वैज्ञानिक थे। वे संस्कृत मानव थे। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की स्थापना थी।
प्रश्न 3.
संस्कृत व्यक्ति किसे कहा जाता है?
उत्तर :
जिस व्यक्ति ने अपनी बुद्धि अथवा विवेक से मानव के कल्याण के लिए किसी नये तथ्य की खोज की, उसे संस्कृत व्यक्ति कहते हैं।
प्रश्न 4.
सिद्धार्थ ने अपना घर क्यों त्याग दिया?
उत्तर :
सिद्धार्थ ने अपना घर इसलिए त्याग दिया कि किसी तरह तृष्णा के वशीभूत लड़ती-कटती मानवता सुख से रह सके।
प्रश्न 5.
संस्कृति और सभ्यता में मौलिक अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
सभ्यता संस्कृति का परिणाम है। जिस योग्यता, प्रवृत्ति और प्रेरणा से कोई आविष्कार होता है, उसे सभ्यता कहते हैं।
निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-
(क) जिस व्यक्ति में पहली चीज, जितनी अधिक व जैसी परिष्कृत मात्रा में होगी, वह व्यक्ति उतना ही अधिक एवं वैसा ही परिष्कृत आविष्कर्ता होगा।
प्रश्न 1.
यह पंक्ति किस पाठ से उद्दुत है ? पहली चीज का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
यह पंक्ति ‘संस्कृति’ पाठ से उद्धुत है। पहली चीज है किसी व्यक्ति विशेष की आग का आविष्कार करने की शक्ति। पहले व्यक्ति के मन में इसकी प्रेरणा उत्पन्न हुई होगी। फिर आविष्कार हुआं होगा।
प्रश्न 2.
प्रस्तुत पंक्ति की व्याख्या कीजिए।
उत्तर :
लेखक ने स्पष्ट किया है कि जिस व्यक्ति में योग्यता होगी, तभी प्रेरणा होने पर वह आविष्कार करता है । योग्यता और प्रेरणा जितनी सुरुचिपूर्ण होगी वह उतनी ही अधिक सुन्दर खोज कर सकेगा।
(ख) ‘संस्कृति’ का यदि मानव कल्याण से नाता टूट जाएगा तो वह असंस्कृति होकर रहेगी और ऐसी संस्कृति का अवश्यंभावी परिणाम असभ्यता के अतिरिक्त दूसरा क्या होगा?
प्रश्न 1.
असंस्कृति और असभ्यता का तात्पर्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
मानव की जो योग्यता उससे आत्म विनाश के साधनों का आविष्कार कराती है उसे असंस्कृति कहते हैं। जिन साधनों के बल पर वह दिन-रात आत्म विनाश में जुटा रहता है उसे असभ्यता कहते हैं।
प्रश्न 2.
संस्कृति का कल्याण की भावना से नाता टूटने का परिणाम क्या होगा? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
संस्कृति का यदि कल्याण की भावना से नाता दूट जाएगा तो वह असंस्कृति होकर ही रहेगी और ऐसी संस्कृति का परिणाम निश्चित रूप से असभ्यता होगा।
भाषा-बोध
1. उपसर्ग एवं मूल शब्द अलग कीजिए :
- उपयोग – उप + योग
- अनेक – अन + एक
- प्रवृत्ति – प्र + वृत्ति
- अपरिचित – अ + परिचित
- महानायक – महा + नायक
- अविभाज्य – अ + विभाज्य
2. प्रत्यय पृथक कीजिए :
- शब्द मूलशब्द प्रत्यय
- सभ्यता – सभ्य + ता
- योग्यता – योग्य + ता
- पूर्वज – पूर्व + ज
- मानवता – मानव + ता
- रक्षणीय – रक्ष + अणीय
- आध्यात्क्क – अध्यात्म + इक
3. विलोम शब्द लिखिए :
- एक – अनेक
- बड़ा – छोटा
- अनायास – आयास
- अपेक्षा – उपेक्षा
- प्रथम – अन्तिम
- कल्याण-अकल्याण
4. निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग वाक्य में कीजिए :
- आविष्कर्ता – आग की खोज करने वाला महान आविष्कर्ता होगा।
- संस्कृति – भारतीय संस्कृति गौरवपूर्ण है।
- परिष्कृत – जिसका स्वभाव परिष्कृत हो वह सबका प्रिय बन जाता है।
- संसार – संसार में अनेक प्रकार के लोग रहते हैं।
WBBSE Class 7 Hindi संस्कृति Summary
जीवक्र फरिच्य
भदंत आनंद् कौसल्यायन का जन्म सन् 1895 ई० में पंजाब के अंबाला जनपद के सोहाना गाँव में हुआ था। कौसल्यायन बौद्ध भिक्षु थे। उन्होंने बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार में अपना सारा जीवन समर्पित कर दिया। सन् 1988 ई० में उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया। उनकी प्रमुख प्रकाशित रचनाएँ-भिक्षु के पात्र जो भूल न सका, यदि बाबा न होते, कहाँ क्या देखा आदि प्रमुख हैं। उन्होंने सहज, सरल भाषा में जातक कथाओं का अनुवाद किया। उन्होंने देश-विदेश में हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में स्तुत्य योगदान दिया।
शब्दार्थ :-
- भौतिक-पार्थिव
- आध्यात्मिक – ब्रह्म और जीव संबंधी
- साक्षात – प्रत्यक्ष
- आविष्कार – खोज
- आविष्कर्ता-खोज करने वाला
- ज्ञानेप्सा – ज्ञाने पाने की इच्छा
- प्रज्ञा – बुद्धि
- तथ्य-सत्य, यथार्थता
- तृष्णा – लालच
- अविभाज्य – जिसे बाँटा न जा सके।
- पूर्वज-पुरखा
- अनायास – बिना प्रयत्न के
- शीतोष्ण – ठंडा और गर्म
- स्थूल-बड़ा
- मनीषियों – मेधावी, ज्ञांनी, विचारशील
- रक्षणीय – रक्षा करने योग्य
- मैन्री – मित्रता
- कल्याण – भलाई
- परिष्कृत – संस्कार किया हुआ।
- निठल्ल – बेकार
गुरुत्वाकर्षण – वह शक्ति जिसके द्वारा कोई पिंड किसी दूसरे पिंड को अपनी ओर आकृष्ट करता है अथवा उसकी ओर आकर्षित होता है।
पाठ का सारांश –
प्रस्तुत पाठ में कौसल्यायन ने सभ्यता और संस्कृति के स्वरूप पर प्रकाश डाला है। मानव संस्कृति को अंविभाज्य बतलाया है। एक समय था जब मनुष्य आग से परिचित नहीं था। आग की खोज करने वाला महान आविष्कर्ता होगा। सुई की खोज करने वाला भी महान आविष्कार्ता रहा होगा। इन उदाहरणों से स्पष्ट हो जाता है कि एक वस्तु का आविष्कार करने की शक्ति और दूसरी वस्तु है आविष्कार। जिस योग्य प्रवृत्ति अथवा प्रेरणा से आग का, सुईधागे का आविष्कार हुआ वह व्यक्ति की संस्कृति है और संस्कृति द्वारा जो आविष्कार, हुआ, जो चीज उसने अपने तथा दूसरों के लिए आविष्कृत की, उसका नाम सभ्यता है।
संस्कृत व्यक्ति किसी नई चीज की खोज करता है। उसकी संतान सभ्य भले हों पर वह संस्कृत नहीं कहला सकता। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त का आविष्कार किया। वह संस्कृत मानव था। आज के भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी न्यूटन से अधिक सभ्य भले हो पर वे न्यूटन जैसा संस्कृत नहीं हो सकते। आग के आविष्कार में कदाचित पेट की ज्वाला की प्रेरणा एक कारण रही। सुई-धागे के आविष्कार में शायद शीतोष्ण से बचने तथा शरीर को सजाने की प्रवृत्ति रही होगी। पेट भरा और तन ढँका होने पर भी संस्कृत मानव कभी निठल्ला नहीं बैठ सकता। रात के तारों को देखकर न सो सकने वाला मनीषी आज के ज्ञान का प्रथम पुरस्कर्ता है।
भौतिक प्रेरणा, ज्ञानेप्सा ये दो ही मानव संस्कृति के माता-पिता हैं। यही कारण है कि एक व्यक्ति दूसरे के मुँह में कौर डालने के लिए अपने मुँह का कौर छोड़ देता है। रोगी बच्चे को सारी रात गोद में लिए माता बैठी रहती है। लेनिन डबल रोटी के सूखे टुकड़े स्वयं न खाकर दूसरों को खिला देते थे। संसार के मजदूरों के सुखी देखने के लिए कार्ल मार्क्स ने सारा जीवन दु:ख में बिता दिया। सिद्धार्थ ने मानवता के सुख के लिए गृह त्याग कर दिया। जो योग्यता किसी महामानव से सर्वस्व त्याग कराती है, वह भी संस्कृति है।
संस्कृति का परिणाम ही सभ्यता है। हमारे खाने-पीने के तरीके, पहनने के तरीके, गमना-गमन के साधन सब हमारी सभ्यता है। मानव की जो योग्यता उससे आत्मविनाश के साधनों का आविष्कार कराती है, हम उसे संस्कृति नहीं, बल्कि, असंस्कृति कह सकते हैं। संस्कृति का कल्याण की भावना से नाता टूट जाएगा तो असंस्कृत हो जाएगी। ऐसी संस्कृति का परिणाम असभ्यता ही होगा। संस्कृति के नाम पर जिसे कूड़े-करकट के ढेर का बोध होता है वह न संस्कृति है, न रक्षणीय वस्तु। मानव संस्कृति एक अविभाज्य वस्तु है, उसमें जितना अंश कल्याण का है, वह अकल्याण की अपेक्षा श्रेष्ठ ही नहीं स्थायी भी है।