Detailed explanations in West Bengal Board Class 6 History Book Solutions Chapter 3 भारतीय उपमहादेश के प्राचीन इतिहास की धारा (प्रथम पर्याय : लगभग ईसा पूर्व 7000-1500) offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 6 Geography Chapter 3 Question Answer – भारतीय उपमहादेश के प्राचीन इतिहास की धारा (प्रथम पर्याय : लगभग ईसा पूर्व 7000-1500)
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
मेहरगढ़ सभ्यता का विकास कब हुआ था?
उत्तर :
6000 ई० पू॰ के आसपास।
प्रश्न 2.
विश्व की प्राचीनतम सभ्यता कौन-सी थी?
उत्तर :
मेहरगढ़ की सभ्यता।
प्रश्न 3.
मेहरगढ़ सभ्यता की खोज कब हुई थी?
उत्तर :
1974 ई० में।
प्रश्न 4.
मेहरगढ़ सभ्यता की खोज किसने की थी?
उत्तर :
फ्रांसीसी पुरातत्वविद् जॉ फांसोया जारिज ने की थी।
प्रश्न 5.
मेहरगढ़ सभ्यता के लोग किस धातु से परिचित थे ?
उत्तर :
ताम्बा।
प्रश्न 6.
गोमाल घाटी के खुदाई से प्राप्त अवशेष कौन-कौन से थे?
उत्तर :
गोमाल घाटी की खुदाई में प्राप्त अवशेष मिट्टी के लिपे-पुते गड्दे, जानवरों की हड्डियाँ आदि थीं।
प्रश्न 7.
मेहरगढ़ की सभ्यता कितनी वर्ष पुरानी है?
उत्तर :
मेहरगढ़ की सभ्यता हड़प्पा सभ्यता से भी लगभग 4000 वर्ष पूर्व की सभ्यता है।
प्रश्न 8.
मेहरगढ़ की सभ्यता कैसी सभ्यता थी?
उत्तर :
ग्रामीण सभ्यता थी।
प्रश्न 9.
भारत की सबसे प्राचीनतम सभ्यता का नाम बताओ।
उत्तर :
सिन्धु घाटी की सभ्यता।
प्रश्न 10.
सिन्धुघाटी सभ्यता की खोज कब हुई थी?
उत्तर :
सिन्धु घाटी सभ्यता की खोज 1922 ई० में हुई थी ।
प्रश्न 11.
सिन्धु घाटी सभ्यता की खोज किसके नेतृत्व में हुई?
उत्तर :
सर जॉन मार्शल के नेतृत्व में।
प्रश्न 12.
सिन्धु घाटी सभ्यता की खोज किसने की थी?
उत्तर :
सिन्धुघाटी सभ्यता की खोज राखालदास बनर्जी और दयाराम साहनी ने की।
प्रश्न 13.
हड़प्पा की खोज किसने की?
उत्तर :
हड़प्पा की खोज दयाराम साहनी ने की।
प्रश्न 14.
हड़प्पा कहाँ स्थित है?
उत्तर :
पंजाब के माण्टगोमरी जिले में (पाकिस्तान) स्थित है।
प्रश्न 15.
हड़प्पा सभ्यता का विकास कब हुआ?
उत्तर :
3500 ई० पू॰ से लेकर 1500 ई० पूर्व के बीच।
प्रश्न 16.
सिन्धु घाटी सभ्यता किस प्रकार की थी?
उत्तर :
नगरीय सभ्यता थी।
प्रश्न 17.
सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग किसकी पूजा करते थे?
उत्तर :
पशुपति शिव तथा शक्ति की।
प्रश्न 18.
सिन्धु घाटी की सभ्यता के लोग किस धातु का प्रयोग करते थे?
उत्तर :
ताम्बा एवं कांसा का।
प्रश्न 19.
सिन्धु घाटी सभ्यता में प्रयुक्त लिपि का नाम क्या था?
उत्तर :
सिन्धु लिपि या द्रविड़ लिपि।
प्रश्न 20.
उन पशुओं का नाम बताइए जिनकी आकृतियाँ सिन्धु घाटी की सभ्यताकी मोहरों पर खुदी हुई हैं?
उत्तर :
हाथी, बैल, भैस, बाघ, घड़ियाल, कुत्ता आदि।
प्रश्न 21.
सिन्धु सभ्यता का विनाश कैसे हुआ?
उत्तर :
मोहनजोदड़ो का विनाश प्राकृतिक प्रकोप (बाढ़, भूकम्प) से हुआ तथा हड़प्पा का विनाश आर्यो ने किया।
प्रश्न 22.
मेहरगढ़ सभ्यता के प्रमुख केन्द्र कौन-कौन थे?
उत्तर :
मेहरगढ़ सभ्यता के कुल 6 प्रमुख केन्द्र थे।
- अंजीरा
- कीली-गुल-मुहम्मद
- सियादामव
- बुरजाहोम
- सराईखोला
- गुमला
प्रश्न 23.
मेहरगढ़ सभ्यता की कला के बारे में क्या जानते हो?
उत्तर :
मेहरगढ़ के निवासी अनेक प्रकार की कला में पारंगत होते थे। जैसे :-
- मृदाशिल्प कला :- यहाँ सभ्यता के द्वितीय भाग में लोग मिट्टी की तरह-तरह की वस्तुएँ तैयार करना जानते थे।
- धातुशिल्प कला :- सभ्यता के प्रथम एवं द्वितीय भाग में ताँबा आदि गलाकर अंगूठी, आभूषण, छुरी, बरछी आदि तैयार करने में भी वे निपूण थे।
- आभूषण कला :- सिर्फ ताँबा ही नहीं वरन ये लोग पत्थर को काटकर भी तरह-तरह के आभूषण बनाना जानते थे।
- बुनाई कला :- इस सभ्यता के लोग पशुओं के बाल एवं ऊन से तरह-तरह के कपड़ा बनना जानते थे।
प्रश्न 24.
हड़प्पा सभ्यता में नगरी जीवन कैसा था?
उत्तर :
इस सभ्यता के नगर जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू शौचागार एवं स्नानागार था जिससे पता चलता है कि नगर प्रायः स्वच्छ होते थे। इस सभ्यता में कुएँ कम देखने को मिले किन्तु शौचालय प्रत्येक घरों में मिला है। नाली की निकासी की पक्की व्यवस्था थी। मुख्य नाला को ढँका गया था। उन्नत नगर शासन की व्यवस्था का नमूना जल निकासी की व्यवस्था ही था।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS
प्रश्न 1.
मेहरगरढ़ सभ्यता की खोज के विषय में क्या जानते हो?
उत्तर :
फ्रांसींसी पुरातत्वविद् जॉ फ्रांसोया जारिज ने पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग के प्रधान रिचार्ड मेडो को साथ लेकर बलूचिस्तान तथा उसके निकटवर्ती क्षेत्रों में खनन कार्य प्रारंभ किया था। उनके इस प्रयास के फलस्वरूप कच्ची समभूमि (बलूचिस्तान के पथ्चिम में सिन्धु नदी के तटवर्ती) क्षेत्र में मेहरगढ़ सभ्यता के अवशेष की खोज हुई।
प्रश्न 2.
मेहरगढ़ की सभ्यता का विकास कब और किस क्षेत्र में हुआ था?
उत्तर :
मेहरगढ़ की सभ्यता का विकास लगभग 7000 ई० पू॰ सिन्ध प्रदेश के उत्तर-पथ्थिम सीमान्त में स्थित बलूचिस्तान के सीबी जिले में बोलन नदी के किनारे हुआ था।
प्रश्न 3.
मेहरगढ़ सभ्यता क्या है? इस सभ्यता के चिह्न कहाँ मिलते है?
उत्तर :
(i) मेहरगढ़ सभ्यता एक ग्रामीण सभ्यता थी।
(ii) इस सभ्यता के चिह्न सिन्धु घाटी, गोमाल घाटी, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा आदि स्थानों पर मिलते हैं।
प्रश्न 4.
मेहरगढ़ सभ्यता के प्रमुख केन्द्रों का नाम बताओ।
उत्तर :
- बुरजाहीम
- सराईखोला
- गुमला
- कीली-गुल-मुहम्मद
- सियादामव एवं
- अजीर।
प्रश्न 5.
मेहरगढ़ सभ्यता की समय-सीमा का उल्लेख कीजिए :-
उत्तर :
पुरातत्ववेत्ता जॉ फ्रांसीसी जारिज ने मेहरगढ़ की सभ्यता को तीन चरणों में बाँटा है।
(i) प्रथम चरण – (i) 7000 ई० पू० से 6000 ई० पू०
(ii) दूसरा चरण – (iii) 5000 ई० पूर्व से 4000 ई॰ पूर्व
(iii) तीसरा चरण – (iii) 4300 ई० पू० से 3800 ई०पू०तक।
प्रश्न 6.
मेहरगढ़ सभ्यता के मकान कैसे होते थे?
उत्तर :
मेहरगढ़ सभ्यता के मकान में कच्ची ईंटों को धूप में सुखा कर प्रयोग किया जाता था। उन मकानों में एक से अधिक घर होते थे। कुछ इमारत साधारण घर से काफी बड़ी होती थी। पुरातत्वकार ऐसा अनुमान लगाते हैं कि उनमें खाद्य सुरक्षित रखा जाता था। उपमहादेश में सबसे पुराना खाद्य रखने का घर मेहरगढ़ में पाया गया है।
प्रश्न 7.
मेहरगढ़ निवासियों की जीविका कैसी थी?
उत्तर :
मेहरगढ़ निवासियों की जीविका के प्रधान साधन कृषि कार्य, पशुपालन, शिकार, व्यापार-वाणिज्य इत्यादि था।
- कृषि कार्य : मेहरगढ़ निवासी उन्नत व्यवस्था के द्वारा जौ, गेहूँ, कपास, खजूर इत्यादि फसलों का उत्पादन करते थे।
- पशुपालन : गाय, भेंड़, बकरी, भैंस इत्यादि को पालना ही मेहरगढ़ निवासियों का महत्वपूर्ण कार्य था।
- शिकार : निकटवर्ती नदी एवं तालाब से मछली पकड़ना, जंगली जानवरों का शिकार करना मेहरगढ़ निवासियों की प्रधान जीविका थी।
- व्यापार-वाणिज्य : मेहरगढ़ निवासी देश के अन्दर व्यापार के साथ बाहर के देशों के साथ भी वाणिज्य किया करते थे।
प्रश्न 8.
मेहरगढ़ की सभ्यता के पतन के क्या कारण थे?
उत्तर :
मेहरगढ़ की सभ्यता के पतन के निम्नलिखित कारण थे।
प्राकृतिक आपदा : पुरातात्विक वैज्ञानिकों का मानना है कि मेहरगढ़ सभ्यता का पतन बाढ़ या भूकम्प का आना था।
जलवायु में परिवर्त्तन : बहुत दिनों तक वर्षा न होने के कारण सम्पूर्ण क्षेत्र रेगिस्तान (मरूभूमि) में बदलने से मेहरगढ़ निवासी दूसरी जगह चले गये। जिसके कारण यह क्षेत्र क्रमशः जनहीन होने लगा तथा खंडहर में बदल गया।
निवास भूमि का परिवर्तन : मेहरगढ़ निवासी उन्नत जीवन-यापन व निश्चित भोजन की खोज में हड़प्पा, मोहनजोदड़ो की तरफ बढ़ने लगे तथा उसी स्थान पर रहना आरंभ किया, ऐसा अनुमान लगाया जाता है।
प्रश्न 9.
हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो की खोज किसने की थी ?
उत्तर :
सिन्धु घाटी की सभ्यता पूर्णत: विकसित एवं नगरीय सभ्यता थी। 1921-22 की खुदाइयों के परिणामस्वरूप हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका जॉन मार्शल, राखालदास बनर्जी एवं दयाराम साहनी की रही। राखालदास बनर्जी ने सिन्ध के लरकाना जिले में मोहनजोदड़ो एवं दयाराम साहनी ने पंजाब के मांटगोमरी जिले में हड़प्पा की खोज की थी।
प्रश्न 10.
सिन्धु घाटी की सभ्यता को हड़प्पा की सभ्यता क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
सिन्धु घाटी की सभ्यता सिन्धु घाटी के बाहरी क्षेत्रों में भी फैली थी और हड़प्पा इस सभ्यता का प्रमुख केन्द्र था, इसलिए विद्वानों ने इस सभ्यता को हड़प्पा की सभ्यता कहा।
प्रश्न 11.
हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर :
हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालिबंगाल, चानूहोदड़ो, बनाउयाली लोथाल, सुरकोटाडा, डोलबिया कुनेतासी इत्यादि स्थानों पर योजनाकृत नगर के ध्वंसावशेष पाये गये थे।
- नगर : नगर क्षेत्र को दो भागों में बाँटा गया था। (क) पूर्वी क्षेत्र का निम्न क्षेत्र (ख) पथ्चिम के ऊंचे दुर्ग का क्षेत्र।
- मकान : हड़प्पा सभ्यता में मकान पक्की ईंटों के बने होते थे। हड़प्पा सभ्यता में एक तरफ दो मंजिला मकान था तो दूसरी तरफ छोटे-छोटे मकान भी पाये गये हैं।
- रास्ते : हड़प्पा सभ्यता के रास्ते 9 से 34 फुट चौड़े होते थे। ये रास्ते नगर के बीचों-बीच उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम समान रूप से विस्तृत होते थे।
- निकासी व्यवस्था : हड़प्पा सभ्यता के अन्तर्गत राजमार्ग के दोनों तरफ ढंकी हुई नाली की व्यवस्था की गयी थी।
प्रश्न 12.
हड़प्पा सभ्यता के स्नानागार के विषय में तुम क्या जानते हो?
उत्तर :
हड़प्पा सभ्यता के अवशेषों में मोहनजोदड़ो से प्राप्त विशाल स्नानागार विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इसकी लम्बाई 54 मी०, चौड़ाई 30 मीटर तथा बाहरी दीवारों की मोटाई 3 मीटर है।
आँगन के मध्य में 11.88 मीटर लम्बा, 7.01 मीटर चौड़ा और 2.43 मीटर गहरा एक स्नानागार है जिसमें जल की सतह तक सीढ़ियाँ हैं। चारों ओर बरामदे, गैलरियाँ और कमरे हैं। इसके समीप ही कुण्ड में जल भरने के लिए एक कुआँ बना हुआ था। स्री और पुरुष दोनों के नहाने के लिए अलग-अलग घाट बने हुए थे।
प्रश्न 13.
सिन्धु घाटी सभ्यता के निवासियों के सामाजिक जीवन का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :
सिन्धु घाटी का समाज मुख्यत: चार वर्गों में बंटा हुआ था – (i) शासक वर्ग (ii) योद्ध-वर्ग, (iii) व्यापारी और शिल्पी वर्ग (iv) श्रमिक एवं दासवर्ग। सिन्धु घटटी के लोग भेड़, बकड़ी, मछली, अण्डा, गेहूँ, जौ, शाक-सब्जियाँ आदि खाते थे। पुरुष एवं स्रियों के पोशाक सामान्यतः एक सी ही थी। वस्रों में ऊनी तथा सूती दोनों का प्रयोग होता था। ख्रीपुरुष दोनों ही आभूषण धारण करते थे। हार, अंगूठी एवं कंगन स्त्री-पुरुष दोनों ही धररण किया करते थे। सिन्धु घाटी के लोग नृत्य, गायन, आखेट, नौका दौड़, शतरंज-पासा आदि के द्वारा अपना मनोरंजन करते थे। शव, के अन्तिम संस्कार में जलाना एवं दफनाना दोनों ही प्रकार के तरीके प्रचलित थे।
प्रश्न 14.
सिन्धु घाटी सभ्यता के आर्थिक जीवन का वर्णन कीजिए :-
उत्तर :
सिन्धु घाटी की सभ्यता के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं पशुपालन था। वे लोग गेहूँ, जौ, कपास, खजूर आदि की खेती करते थे। गाय, बैल, भैंस, सूअर, बकरी, कुत्ता आदि उनके पालतू पशु थे। कृषि एवं पशुपालन के अतिरिक्त अन्य लघु उद्योग एवं व्यवसाय भी प्रचलित थे जिसमें बढ़ई, जुलाहा, कुम्हार, सुनार आदि थे। सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान व्यापार उपमहाद्वीप के उत्तरी तथा दक्षिणी क्षेत्रों के अतिरिक्त मेसोपोटामिया, मिस्स, सुमेरिया, अफगानिस्तान तथा फारस की खाड़ी से भी जल एवं स्थल दोनों ही माध्यम से होता था।
प्रश्न 15.
हड़प्पा सभ्यता के धार्मिक जीवन के विषय में क्या जानते हो?
उत्तर :
सिंधु नदी के किनारे किसी देवालय की खोज नहीं हुई थी लेकिन यहाँ विभिन्न प्रकार के देवी-देवताओं की मूर्तियाँ मिली हैं।
मातुपूजा की अधिकता : हड़प्पा सभ्यता से प्राप्त असंख्य नारी मूर्तियों को देखकर यह अनुमान लगाया जाता है कि यहाँ मातृ देवी की पूजा अधिक की जाती थी।
शिव की मूर्ति : हड़प्पा सभ्यता में पशुपति या शिव की तरह की मूर्ति पाई गई है। अत: यह अनुमान लगाया जाता है कि वे शिव मूर्ति की पूजा भी किया करते थे।
परलोक में विश्वास : हड़प्पा के विभिन्न स्थानों पर मनुष्यों की कब्र पाई गई हैं। कब्र देने की रीति को देखते हुए यह अनुमान लगाया जाता है कि हड़प्यावासी परलोक में विभास करते थे।
प्रश्न 16.
हड़प्पा सभ्यता में व्यापार-वाणिज्य कैसा था?
उत्तर :
हड़प्पा सभ्यता में देश के अन्दर एवं देश के बाहर भी व्यापार-वाणिज्य हुआ करता था।
आन्तरिक व्यापार : हड़प्पा सभ्यता के अन्तर्गत लोथक रोपड़ कोटदिजी इत्यादि केन्द्रों के साथ व्यापारिक लेनदेन होता था।
बाहरी व्यापार : बाहरी व्यापार के अन्तर्गत हड़पा सभ्यता के निवासियों के साथ पश्चिम एशिया, बलूचिस्तान, मेसोपोटामिया, मिस्र, फारस, अफगानिस्तान इत्यादि देशों का व्यापारिक सम्पर्क स्थापित था।
आयात-निर्यात की वस्तुएँ : हड़प्पा सभ्यता में सोना, चाँदी, ताम्र, मूल्यवान पत्थर, हांथी दाँत से बनी वस्तुएँ आयात की जाती थी। जौ, मैदा, कपड़ा इत्यादि निर्यात किए जाते थे ।
व्यापारिक मार्ग : हड़प्पा सभ्यता का व्यापार बाहरी देशों के साथ नदी मार्ग से जुड़ा हुआ था। दूसरी तरफ स्थल मार्ग के द्वारा मैसूर, गुजरात, कश्मीर इत्यादि स्थानों में देश का व्यापार चलता था।
प्रश्न 17.
हड़प्पा सभ्यता के पतन के क्या कारण थे ?
उत्तर :
हड़प्पा और मोहनजोदड़ो के पतन के निम्न कारण बताये जाते हैं :-
प्राकृतिक आपदा :- इतिहासकारों का अनुमान है कि मोहनजोदड़ो का विनाश प्राकृतिक आपदा जैसे – बाढ़, भूकम्प से हुआ और हड़प्पा का विनाश बाहरी शत्रु (आर्यो) के आक्रमण से हुआ।
सिन्धु नदी का पथ परिवर्तन :- सिन्धु नदी द्वारा अपना मार्ग परिवर्तन करने के कारण व्यापार एवं कृषि व्यवस्था क्षतिग्रस्त हो गई थी। आर्थिक अवस्था खराब होने के कारण हड़प्पावासी इस क्षेत्र को छोड़कर भारत उपमहादेश के दक्षिणी भाग कावेरी, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा आदि नदियों के बेसिन में बसकर द्रविड़ सभ्यता का विकास कर लिए।
प्रश्न 18.
मेहरगढ़ सभ्यता की कुछ विशेषताओं का उल्लेख करो।
उत्तर :
मेहरगढ़ सभ्यता की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
नव प्रस्तर युग की सभ्यता : भारत में नव प्रस्तर युग की सूचना लगभग ई० पूर्व 8000 वर्ष पहले हुई थी। तीन भागों में विभक्त मेहरगढ़ सभ्यता की समय सीमाई० पूर्व 7000 से ई० पूर्व 3800 तक थी। इसीलिए इतिहासकारों ने साधारण रूप में मेहरगढ़ सभ्यता को नव प्रस्तर युग की सभ्यता कहा है।
प्रागैतिहासिक सभ्यता : जिस प्राचीन सभ्यता में कोई लिखित विवरण नहीं पाया जाता बल्कि केवल मात्र पुरातात्विक अवशेषों के ऊपर निर्भर रह करके ही सभ्यता के विषय में जानकारी प्राप्त की जाती है, उसी सभ्यता को प्रागैतिहासिक सभ्यता कहा जाता है। मेहरगढ़ में विभिन्न पुरातात्विक अवशेषों के आधार पर ही सभ्यता का अध्ययन चरणबद्ध तरीके से किया गया है। अत: मेहरगढ़ सभ्यता को प्रागैतिहासिक सभ्यता कहा गया है।
प्रश्न 19.
मेहरगढ़ सभ्यता की कला से तुम क्या समझते हो?
उत्तर :
मेहरगढ़ सभ्यता के निवासी विभिन्न प्रकार की कला में पारंगत हुआ करते थे। वे निम्न कलाओं के ज्ञाता थे :
- मृदाशिल्प कला : मेहरगढ़ सभ्यता के लोगों ने द्वितीय भाग में मिट्टी की तरह-तरह की वस्तुएँ तैयार करना शुरू किया था।
- धातुशिल्प कला : मेहरगढ़ सभ्यता के प्रथम एवं द्वितीय भाग में तांबा गलाकर अंगूठी, छुरी, बरछी सह विभिन्न प्रकार के वस्तु तैयार करते थे।
- आभूषण कला : मेहरगढ़ वासी पत्थर को काटकर आभूषण बनाने की कला से परिचित थे तथा इसका प्रयोग भी करते थे।
- बुनाई कला : मेहरगढ़ सभ्यता के निवासी पशु के बाल एवं ऊन से कपड़े बनाने की कला को जानते थे।
प्रश्न 20.
सिन्धु लिपि के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर :
सिन्धु सभ्यता की लिषि एक चित्रात्मक लिपि थी। यह लिपि सुमेर, मिस्र और चीन की लिपियों से मिलती-जुलती थी। इस काल की अनेक मुहरें लिपियुक्त पाई गयी हैं, इनमें कुल 400 चिह्न हैं।
प्रश्न 21.
सिन्धु घाटी सभ्यता के निर्माता के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर :
सिन्धु घाटी सभ्यता के निर्माता के सम्बन्ध में इतिहासकारों में मतभेद है। सिन्धु घाटी की सभ्यता में भूमध्यसागरीय आष्टेलायन, अल्पाइन के अस्थिपंजर प्राप्त हुए हैं। इनमें आष्टेलायन वर्ग के अस्थिपंजर की अधिकता है। इसी के आधार पर विद्वान लोग सिन्धु-सभ्यता के निर्माताओं को द्रविड़ मानते हैं।
प्रश्न 22.
आर्य सभ्यता किसे कहते हैं?
उत्तर :
विद्वानों का मानना है कि सिन्धु घाटी की सभ्यता के पतन के बाद भारत में एक महान सभ्यता का विकास हुआ। इस सभ्यता के संस्थापक ‘आर्य’ थे। अतः इस सभ्यता को आर्य सभ्यता कहा जाता है।
प्रश्न 23.
आर्य सभ्यता को वैदिक सभ्यता क्यों कहते हैं?
उत्तर :
आर्यों की सभ्यता वैदिक साहित्य की रचना करने वाले मनीषियों द्वारा निर्दिष्ट नियमों के अनुसार विकसित हुई थी। इसी कारण आर्य सभ्यता को वैदिक सभ्यता भी कहते हैं।
प्रश्न 24.
मेहरगढ़ की समाधि के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर :
मेहरगढ़ सभ्यता की महत्वपूर्ण विशेषता समाधि स्थल है। समाधि में मृतदेह को सीधा अथवा घुमाकर सुला दिया जाता था। मृतक के साथ विभिन्न प्रकार की वस्तु दी जाती थी जैसे : शंख अथवा पत्थर का गहना, कुदुल इत्यादि। इसके अलावा समाधि में विभिन्न प्रकार के पालतू पशुओं को भी दिया जाता था। समाधि में बहुमूल्य पत्थर भी मिले हैं। मृतको को लाल कपड़े में लपेटकर एवं लाल रंग लगाकर समाधि में दिया जाता था।
प्रश्न 25.
भारतीय उपमहादेश हड़प्पा को प्रथम नगरायण क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
भारतीय उपमहादेश में हड़प्पा में ही प्रथम नगर तैयार हुआ था। इसलिए इसे प्रथम नगरायण कहा जाता है। मोहनजोदड़ो और हड़ष्पा दोनों सबसे बड़े नगर थे। उस तुलना में लोथाल और कालिबंगान छोटा था।
प्रश्न 26.
सिंघु नदी के किनारे हड़प्पा सभ्यता के शहर क्यों विकसित हुए थे ?
उत्तर :
हड़प्पा सभ्यता के नगर सिंधु नदी के किनारे ही निर्मित हुए थे, इसके निम्नलिखित कारण हैं –
कृषि : नदी के किनारे की जमीन बहुत उर्वर थी एवं यहाँ सिचाई की सुविधा भी थी। अर्थात कृषि की सरलता के कारण सिंधु निवासी नदी के किनारे निवास करने लगे।
यातायात एवं वाणिज्य : हड़प्पा के निवासी नदी मार्ग से वाणिज्य एवं अन्य कारणों से देश के अंदर-बाहर विभिन्न अंचलों में आते-जाते थे। इस प्रकार की सुविधा के कारण हड़प्पा वसियों ने नदी के किनारे निवास करना आरंभ किया।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (Multiple Choice Question & Answer) : (1 Mark)
प्रश्न 1.
हड़प्पा सभ्यता में गृह __________ से निर्मित थे।
(क) पत्थर
(ख) पक्की ईंटों
(ग) लकड़ी
(घ) मिट्टी
उत्तर :
(ख) पक्की ईंटों
प्रश्न 2.
हड़प्पा सभ्यता __________ की सभ्यता थी।
(क) पत्थर युग
(ख) ताम्र एवं कांस्य युग
(ग) लकड़ी युग
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) ताम्र एवं कांस्य युग
प्रश्न 3.
भारतीय उपमहादेश की हड़प्पा सभ्यता में ही __________ देखा गया है।
(क) प्रथम नगर
(ख) प्रथम ग्राम
(ग) द्वितीय नगर
(घ) द्वितीय ग्राग
उत्तर :
(क) प्रथम नगर
प्रश्न 4.
मेहरगढ़ सभ्यता की खोज __________ ई० में हुई थी ।
(क) 1964
(ख) 1974
(ग) 1984
(घ) 1940
उत्तर :
(ख) 1974
प्रश्न 5.
हड़प्पा सभ्यता में __________
(क) सोना की एक नारी की मूर्ति पाई गई है।
(ग) कांस्य
(ख) ताप्र
(घ) चांदी
उत्तर :
(ग) कांस्य
प्रश्न 6.
हड़प्पा के नगरों के ऊँचे क्षेत्रों का नाम __________ है।
(क) सिराडेल
(ख) जिगुरात
(ग) कुनताशा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) सिराडेल
प्रश्न 7.
प्राय: __________ लाख वर्ग कि०मी॰ के क्षेत्र में हड़प्पा की सभ्यता फैली हुई थी।
(क) 7
(ख) 9
(ग) 10
(घ) 12
उत्तर :
(क) 7
प्रश्न 8.
ताप्र एवं पत्थर के प्रयोग का काल __________ के नाम से परिचित है।
(क) प्राचीन युग
(ख) ताम्र – पत्थर युग
(ग) लौह युग
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) ताम्र – पत्थर युग
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (Fill in the blanks) : (1 Mark)
1. ________ सभ्यता के गृह पक्की ईंटों से निर्मित होते थे।
उत्तर : हड़प्पा।
2. समय के साथ __________ सभ्य होते चले गए।
उत्तर : आदि मानव।
3. 1974 ई० में __________ सभ्यता की खोज हुई।
उत्तर : मेहरगढ़।
4. ऊँचे क्षेत्रों को हड़प्पा सभ्यता में __________ कहते थे।
उत्तर : सिरडेल।
5. __________ सभ्यता में कांस्य की एक नारी की मूर्ति पाई गई है।
उत्तर : हड़प्पा।
6. आर्य सभ्यता का दूसरा नाम __________ भी था।
उत्तर : सिंधु घाटी सभ्यता।
7. हड़प्पा सभ्यता __________ में फैली हुई थी।
उत्तर : 7 लाख वर्ग कि० मी०।
8. ताप्र पत्थर युग में __________ एवं __________ का प्रयोग हुआ करता था।
उत्तर : ताप्र एवं पत्थर
9. बुरजाहोम __________ का प्रमुख केन्द्र था।
उत्तर : मेहरगढ़ सभ्यता।
सही एवं गलत का निर्णय करो : True or False (1 mark)
1. लिपि का व्यवहार सभ्यता का एक वैथिक रूप है।
उत्तर : (सही)
2. मेहरगढ़ सभ्यता का आविष्कार दयाराम साहनी ने किया था।
उत्तर : (गलत)
3. हड़प्पा सभ्यता प्राक-ऐतिहासिक युग की सभ्यता है।
उत्तर : (सही)
4. हड़प्पा के लोग लिखना जानते थे।
उत्तर : (सही)
5. हड़प्पा के लोग मूर्ति पूजा नहीं करते थे।
उत्तर : (गलत)
6. हड़प्पा के लोगों का व्यापार संपर्क विदेश तक था।
उत्तर : (सही)
7. हड़प्पा के नगर को प्रथम नगरायण कहा जाता है।
उत्तर : (गलत)
8. हड़प्पा के लोग लोहे का प्रयोग नहीं जानते थे।
उत्तर : (सही)
9. हड़प्पा की सभ्यता 6 लाख वर्ग कि० मी० तक फैली थी।
उत्तर : गलत।
10. हड़प्पा सभ्यता के लोग मूर्ति पूजा के विरोधी थे।
उत्तर : गलत।
11. हड़प्पा सभ्यता में पशुपालन का प्रचलन था।
उत्तर : सही।
12. हड़प्पा के लोग विदेशों में व्यापर नहीं करते थे।
उत्तर : गलत।
13. हड़प्पा सभ्यता के लोगों में लिखने का प्रचलन नहीं था।
उत्तर : गलत।
14. हड़प्पा सभ्यता की खोज “जाँ फ्रांसोया जारिम” ने की थी।
उत्तर : गलत।
बेमेल शब्द को छाँटकर लिखो :-
1. धान, गेहूँ, मटर, जौ
उत्तर : मटर।
2. गाय, बकरी, कुत्ता, हाथी
उत्तर : हाथी।
3. इन्द्र, सूर्य, गणेश, शिव
उत्तर : गणेश।
4. ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, धोबी
उत्तर : धोबी।
5. कुम्हार, सोनार, लोहार, तांत्रिक
उत्तर : तांत्रिक।
6. बुरजाहोम, अंजीरा, सियादाभव, पटना
उत्तर : पटना।
7. मृदाशिल्प, धातुशिल्प, आभूषण, कला,
उत्तर : आभूषण।
बेमेल शब्दों को ढूंढकर बाहर निकालिए :-
- ताँम, काँसा, पत्थर, लोहा।
- घोड़ा, हाथी, गेंडा, साँढ़
- कालिबागान, मेहरगढ़, वनवाली, ढोलाबिरा।
- इन्द्र, सूर्य, शिव, गणेश।
- कुम्हार, सोनार, तांती, श्रेष्ठी।
- बाह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, मछुआरा।
- लिपि, मुद्रा, स्थापत्य, सभ्यता।
- जौ, गेहूँ, धान, कपास।
उत्तर :
- पत्थर
- साँढ़
- मेहरगढ़
- सूर्य
- श्रेष्ठी
- मछुआरा
- सभ्यता
- कपास।
सही मिलान करो Match the following : (1 Mark)
प्रश्न 1.
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) हड़प्पा सभ्यता का केन्द्र | a) यानहूढाड़ो |
ii) मेहरगढ़ सभ्यता का केन्द्र | b) गुमला |
iii) मेहरगढ़ सभ्यता का पालतू पशु | c) कुत्ता |
iv) हड़ण्पा सभ्यता का पालतू पशु | d) बकरी |
उत्तर :
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) हड़प्पा सभ्यता का केन्द्र | a) यानहूढाड़ो |
ii) मेहरगढ़ सभ्यता का केन्द्र | b) गुमला |
iii) मेहरगढ़ सभ्यता का पालतू पशु | d) बकरी |
iv) हड़ण्पा सभ्यता का पालतू पशु | c) कुत्ता |
प्रश्न 2.
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
(i) वर्ण | (a) यज्ञ |
(ii) कला | (b) लिपि |
(iii) याम | (c) शहर |
(iv) नगर | (d) स्थापत्य |
उत्तर :
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
(i) वर्ण | (b) लिपि |
(ii) कला | (d) स्थापत्य |
(iii) याम | (a) यज्ञ |
(iv) नगर | (c) शहर |
प्रश्न 3.
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
(i) याम | (a) शहर |
(ii) नगर | (b) यज्ञ |
(iii) हड़प्पा सभ्यता | (c) चेम्पर वारियाल |
(iv) कष्ट समाधि | (d) नगर सभ्यता |
उत्तर :
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
(i) याम | (b) यज्ञ |
(ii) नगर | (a) शहर |
(iii) हड़प्पा सभ्यता | (d) नगर सभ्यता |
(iv) कष्ट समाधि | (c) चेम्पर वारियाल |
प्रश्न 4.
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
(i) वर्ण | (a) स्थापत्य |
(ii) कला | (b) लिपि |
(iii) मेहरगढ़ सभ्यता | (c) चाहनुदाड़ो |
(iv) हड़प्पा सभ्यता | (d) पिटवारिस्थल |
(v) गधे की समाधि | (e) ग्रामीण सभ्यता |
उत्तर :
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
(i) वर्ण | (a) स्थापत्य |
(ii) कला | (b) लिपि |
(iii) मेहरगढ़ सभ्यता | (c) चाहनुदाड़ो |
(iv) हड़प्पा सभ्यता | (d) पिटवारिस्थल |
(v) गधे की समाधि | (e) ग्रामीण सभ्यता |
प्रश्न 5.
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
(i) समाधि प्रथा | (a) लापिसलजुप्लि |
(ii) नील कान्तमणि | (b) मेगालिथ |
(iii) वैदुर्यमणि | (c) टार्कोयाण |
(iv) मेहरगढ़ सभ्यता का केन्द्र | (d) हड़प्पा का पालतू पशु |
(v) कुत्ता | (e) गुमला |
(vi) बकरी | (f) लोथल |
(vii) रावी | (g) मेहरगढ़ सभ्यता का पशुपालन |
(viii) चिनाय | (h) आसिक्ति |
(ix) शिव | (i) इरावत |
(x) मृतकों का स्थान | (j) पशुपति |
उत्तर :
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
(i) समाधि प्रथा | (b) मेगालिथ |
(ii) नील कान्तमणि | (c) टार्कोयाण |
(iii) वैदुर्यमणि | (a) लापिसलजुप्लि |
(iv) मेहरगढ़ सभ्यता का केन्द्र | (e) गुमला |
(v) कुत्ता | (d) हड़प्पा का पालतू पशु |
(vi) बकरी | (f) लोथल |
(vii) रावी | (g) मेहरगढ़ सभ्यता का पशुपालन |
(viii) चिनाय | (h) आसिक्ति |
(ix) शिव | (j) पशुपति |
(x) मृतकों का स्थान | (i) इरावत |