WBBSE Class 6 Hindi Solutions Poem 4 भगवान के डाकिए

Students should regularly practice West Bengal Board Class 6 Hindi Book Solutions Poem 4 भगवान के डाकिए to reinforce their learning.

WBBSE Class 6 Hindi Solutions Poem 4 Question Answer – भगवान के डाकिए

वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

प्रश्न 1.
पक्षी और बादल किसके डाकिए हैं ?
(क) मनुष्य के
(ख) भगवान के
(ग) धरती के
(घ) पक्षियों के
उत्तर :
(ख) भगवान के।

प्रश्न 2.
एक देश की धरती दूसरे देश को क्या भेजती है?
(क) धन
(ख) अन्न
(ग) सुगंध
(घ) स्नेह
उत्तर :
(ग) सुगंग।

प्रश्न 3.
भगवान के डाकिए की चिट्ठी कौन बाँचता है ?
(क) पेड़
(ख) पौधे
(ग) पानी और पहाड़
(घ) ये सभी
उत्तर :
(घ) ये सभी।

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प्रश्न 4.
‘भगवान के डाकिए’ कविता के रचयिता कौन हैं ?
(क) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(ख) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(ग) सुमित्रानंदन पंत
(घ) महादेवी वर्मा
उत्तर :
(क) रामधारी सिंह ‘दिनकर’।

प्रश्न 5.
‘भगवान के डाकिए’ कविता में डाकिए किन्हे कहा गया है?
(क) मनुष्यों को
(ख) पक्षी तथा बादलों को
(ग) बच्चों को
(घ) उपर्युक्त सभी को
उत्तर :
(ख) पक्षी तथा बादलों को।

प्रश्न 6.
भगवान के द्वारा भेजे गए संदेश कौन पढ़ पाते हैं ?
(क) मनुष्य
(ख) अध्यापक
(ग) पेड़-पौधे, पानी, पहाड़
(घ) केवल भगवान के दूत
उत्तर :
(ग) पेड़-पौधे, पानी, पहाड़।

प्रश्न 7.
एक देश की धरती दूसरे देश की धरती को क्या भेजती हैं ?
(क) संदेश
(ख) चट्टान
(ग) पेड़-पौधे
(घ) सुगंध
उत्तर :
(घ) सुगंध।

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प्रश्न 8.
इनमें ‘पंक्षी’ शब्द का पर्यायवाची है –
(क) खग
(ख) पंख
(ग) पर
(घ) प्रकाश
उत्तर :
(क) खग।

प्रश्न 9.
एक देश की भाप दूसरे देश तक किस रूप में जाती हैं ?
(क) फूल के रूप में
(ख) पानी के रूप में
(ग) हवा के रूप में
(घ) चट्टान के रूप में
उत्तर :
(ख) पानी के रूप में।

लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 1.
भगवान के डकिए कौन हैं ?
उत्तर :
पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं।

प्रश्न 2.
भगवान के डाकिए कहाँ जाते हैं ?
उत्तर :
भगवान के डाकिए एक महादेश से दूसरे महादेश को जाते हैं।

प्रश्न 3.
एक देश की धरती दूसरे देश को क्या भेजती है ?
उत्तर :
एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है ?

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प्रश्न 4.
सौरभ कहा तैरता है?
उत्तर :
सौरभ हवा में और पक्षियों के पंखों पर तैरता है।

प्रश्न 5.
एक देश का भाप दूसरे देश में क्या बनकर गिरता है ?
उत्तर :
एक देश का भाप दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है।

प्रश्न 6.
कवि ने डाकिए किन्हें और क्यों कहा ?
उत्तर :
कवि ने पक्षी और बादलों को डाकिए कहा है क्योंकि ये भगवान का संदेश पृथ्वी पर लाते हैं।

प्रश्न 7.
पक्षी और बादलों द्वारा लाए गए संदेश कौन पढ़ पाते हैं ?
उत्तर :
पक्षी और बादलों द्वारा लाए गए संदेश पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं।

प्रश्न 8.
‘पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ में कौन-सा अलंकार’ है ?
उत्तर :
‘पेड़, पौधे, पानी तथा पहाड़’ में अनुप्रास अलंकार है।

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प्रश्न 9.
काव्यांश में किस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया है ?
उत्तर :
काव्यांश की भाषा सरल तथा सहज है, जिसमें आम बोलचाल के शब्दों का प्रयोग किया गया है।

प्रश्न 10.
कवि और कविता का नाम लिखिए ।
उत्तर :
कवि का नाम रामधारी सिंह ‘ दिनकर’ तथा कविता का नाम ‘भगवान के डाकिए’ है।

प्रश्न 11.
‘पक्षियों की पंखों पर’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है ?
उत्तर :
‘पक्षियों की पंखों पर’ पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है।

प्रश्न 12.
‘सौरभ’ शब्द के दो पर्यायवाची लिखिए।
उत्तर :
‘सौरभ’ शब्द के पर्यायवाची हैं – सुगंध, खुशबू।

बोधमूलक प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 1.
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए बताया है क्योंकि ये हमेशा एक देश से दूसरे देश में जाते रहते हैं और एक दूसरे की चिट्ठियाँ दूसरी जगह ले जाते हैं।

प्रश्न 2.
प्रस्तुत कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
कवि ने पक्षी और बादल के महत्त्व को बतलाया है। ये दोनों एक देश के समाचार दूसरे देश में ले जाते हैं। वहाँ के पेड़-पौधों तथा पहाड़ पर इनका प्रभाव पड़ता है। इनके माध्यम से एक देश की धरती दूसरे देश को अपनी खुशबू भेजती है। बादल के द्वारा एक देश का भाप दूसरे देश में जल की वर्षा करता है।

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प्रश्न 3.
ये डाकिए परंपरागत डाकियों से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर:
परंपरागत डाकिए मनुष्य द्वारा मनुष्यों को भेजे गए संदेश लाते हैं जिन्हें मनुष्य स्वयं पढ़ लेता है, जबकि पक्षी और बादल भगवान के संदेश पृथ्वी पर लाते हैं, जिन्हें मनुष्य नहीं पढ़ पाता है, बल्कि पृथ्वी पर पाए जाने वाले पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ ही पढ़ पाते हैं।

प्रश्न 4.
पद्यांश में पक्षियों तथा बादलों की किस क्रिया का वर्णन किया गया है ?
उत्तर :
इस प्यांश में कवि का कहना है कि पृथ्वी पर एक देश के फूलों की सुगंध बिना किसी बाधा के दूसरे देश को जाती है। यह सुगंध पक्षियों के उड़ते पंखों के सहारे चारों ओर फैल जाती है और बादलों के द्वारा एक देश का पानी भाप बनकर दूसरे देश में बरस जाता है।

निर्देशानुसार उत्तर दीजिए :-

प्रश्न 1.
हम तो केवल यह आँकते हैं कि एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है ?
(i) पाठ और कवि का नाम बताइये।
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘भगवान के डाकिए’ पाठ से ली गई हैं। इसके कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।

(ii) उपर्युक्त अंश का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इस अंश में कवि ने यह अनुमान व्यक्त किया है कि पक्षी और बादल के माध्यम से एक देश की पृथ्वी दूसरे देश को अपनी खुशबू भेज देती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर :

प्रश्न 1.
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए के रूप में किस प्रकार स्पष्ट किया है ? पक्षी और बादल डाकिए की भूमिका किस प्रकार निभाते हैं?
उत्तर :
आधुनिक जीवन में डाकिए का महत्व बढ़ गया है। यों तो आधुनिक युग में संचार माध्यमों के द्वारा डाकिए की भूमिका का निर्वाह किया जा रहां है। प्रस्तुत कविता में दिनकर जी ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए के रूप में चित्रित किया है। पक्षी और डाकिए दोनों ही भगवान के डाकिए माने जाते हैं। पक्षी भी एक देश से दूसरे देश उड़कर जाते हैं। बादलों की भी कोई सीमा नहीं होती, वे एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में विचरण करते रहते हैं। मनुष्य भले ही उन्हें न समझ सके, मगर पेड़-पौधे, पानी और पर्वत उनके पत्रों को पढ़ते और समझते हैं। बादल भाप भरी हवाओं को लेकर जहाँ जाते हैं, वहाँ जल की वर्षा कर देते हैं। इस समाचार से पेड़-पौधे हरे-भरे और प्रफुल्ल बन जाते हैं। जलते हुए वीरान पर्वत प्रदेश भी जल प्राप्त कर तृप्त हो जाते हैं।

हम सब भी यही समझते हैं और अनुमान लगाते हैं कि एक देश की पृथ्वी, वहाँ के वातावरण और फूलों की सुगंधि दूसरे देशों में तैरने लगती है। पक्षी अपने पंखों को फैलाए हुए पवन के सहारे दूसरे देशों में जाते हैं। एक देश की सुगंधि दूसरे देश में इस प्रकार पहुँच जाती है। एक देश का भाप दूसरे देश में पानी बन कर गिरता है । इस प्रकार पक्षी और बादल दोनों ही एक दूसरे देश की प्रकृति का, वातवरण का प्रचार-प्रसार करते हैं। अतः पक्षी और बादल सचमुच ईश्वर के डाकिए हैं, वे मनुष्य की चिट्ठियाँ नहीं ले जाते पर देशों व महादेशों को संदेशवाहक बनकर जोड़ते हैं।

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भाषा-बोध :

(क) महा + देश = महादेश ।
महा + पुरुष = महापुरुष ।

(ख) निम्नलिखित शब्दों का लिंग बताइए :-
चिट्ठी – स्त्रीलिंग
पहाड़ – पुलिंग
पेड़ – पुलिंग
सुगंध – स्त्रीलिंग
पक्षी – पुलिंग

(ग) निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :-
पहाड़ – पर्वत, गिरि, अचल।
सौरभ – सुगंध, खुशबू, महक।
पंख – पर, डैना।
पानी – जल, नीर, वारि।
धरती – पृथ्वी, धरा, भू।

WBBSE Class 6 Hindi भगवान के डाकिए Summary

जीवन-परिचय :

रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (1908-1974) का जन्म सन् 1908 में बिहार के मुंगेर जनपद के सिमरिया गाँव में हुआ था। दिनकर जी राष्ट्रीय धारा के नवीन कवियों में सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। इनके विचार राष्ट्रीय जन जागरण में बहुत सहायक हुए हैं। इन्होंने बी.ए, तक की शिक्षा प्राप्त की। ये हाई स्कूल के प्र,धानाध्यापक से लेकर विभिन्न पदों से होते हुए भारत सरकार के हिन्दी के सलाहकार भी रहे। भारत सरकार ने इन्हें पद्मभूषण की उपाधि से अलंकृत किया। इनकी मृत्यु सन् 1974 में हुई। इनकी प्रमुख रचनाएँ – कुरुक्षेत्र, रशिमरथी, हुंकार, उर्वशी आदि हैं। इनके काव्य ‘उर्वशी’ पर इन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार भी प्रदान किया गया।

पक्षी और बादल

पद – 1

ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते है
मगर उनकी लाई चिद्ठियाँ,
पेड़, पौघे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।

शब्दार्थ :

  • डाकिए – डाक, चिट्ठी बाँटने वाले कर्मचारी ।
  • महादेश – महाद्वीप, चिट्ठियाँ – पत्र ।
  • बाँचना – पढ़ना।

संदर्भ – प्रस्तुत कविता हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य मेला’ के ‘भगवान के डाकिए’ पाठ से उद्धृत है। इसके कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हैं।
इस कविता में कवि ने पक्षी और बादल को भगवान का डाकिया बतलाया है क्योंक ये विभिन्न देशों में विचरण करते हैं।

व्याख्या – कवि ने बतलाया है कि पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं। ये हमेशा एक देश से दूसरे देश में भ्रमण करते हैं। इनके द्वारा लाए गए समाचार को हम समझ नहीं पाते। लेकिन पेड़, पौधे, जल और पर्वत इनके द्वारा लाई गई चिट्ठियों को पढ़ते हैं। पक्षी और बादल जहाँ भी जाते हैं वहाँ के पेड़-पौधों, जल तथा पहाड़ों पर इनका प्रभाव पड़ता है।

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पद – 2

हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।

शब्दार्थ :

  • आँकना – अनुमान करना ।
  • सुगंध – महक ।
  • सौरभ – सुगंध।
  • पाँखों – पंखों ।
  • भाप – वाष।

व्याख्या :- इन पंक्तियों में कवि ने बतलाया है कि डाकियों – पक्षी और बादल का दूसरे देशों पर क्या ग्रभाव पड़ता है। पक्षी और बादल एक देश से दूसरे देश में जाते हैं और उस देश के वातावरण को प्रभावित करते हैं। हमारा तो केवल यही अनुमान है कि इनके माध्यम से एक देश की पृथ्वी दूसरे देश को अपनी खुशबू भेजती है। वह सुगंध हवा में तिरता रहता है और पक्षियों के पंखों पर तैरने लगता है। बादल के द्वारा एक देश का वाष्य दूसरे देश में जल की वर्षा करता है।

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