Students should regularly practice West Bengal Board Class 6 Hindi Book Solutions Chapter 2 कश्मीर to reinforce their learning.
WBBSE Class 6 Hindi Solutions Chapter 2 Question Answer – कश्मीर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
प्रश्न 1.
कश्मीर हमारे देश का क्या है ?
(क) संकट
(ख) मुकुट
(ग) राजधानी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(ख) मुकुट।
प्रश्न 2.
कश्मीर की घाटी में बहने वाली नदी है –
(क) गंगा
(ख) यमुना
(ग) झेलम
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(ग) झेलम।
प्रश्न 3.
अछबल क्या है।
(क) नदी
(ख) तालाब
(ग) झरना
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(ग) झरना।
प्रश्न 4.
अवन्ति वर्मा ने किस मंदिर का निर्माण करवाया था ?
(क) शिव
(ख) गणेश
(ग) विष्णु
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(ग) विष्णु।
प्रश्न 5.
मुगल सम्राटों ने किसे अपना विश्राम शिविर बनाया था ?
(क) नैनीताल
(ख) मंसूरी
(ग) कश्मीर
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(ग) कश्मीर।
प्रश्न 6.
राजतरंगिणी के लेखक हैं –
(क) कालिदास
(ख) कल्हण
(ग) मुद्राराक्षस
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(ख) कल्हण।
प्रश्न 7.
‘कश्मीर’ निबंध के लेखक हैं –
(क) रामचंद्र शुक्ल
(ख) रामकुमार वर्मा
(ग) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(घ) रामविलास शर्मा
उत्तर :
(ख) रामकुमार वर्मा।
प्रश्न 8.
डॉ० रामकुमार वर्मा का जन्म कहाँ हुआ था ?
(क) ग्वालियर
(ख) सागर
(ग) नागपुर
(घ) भोपाल
उत्तर :
(ख) सागर।
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर :
प्रश्न 1.
कश्मीर को हमारे कवियों ने क्या कहा है?
उत्तर :
कश्मीर को हमारे कवियों ने स्वर्ग का एक कोना कहा है।
प्रश्न 2.
जम्मू और कश्मीर राज्य का क्षेत्रफल कितना है ?
उत्तर :
जम्मू और कश्मीर राज्य का क्षेत्रफल लग भग पचास हजार वर्गमील है।
प्रश्न 3.
राजतरंगिणी के लेखक कौन हैं ?
उत्तर :
राजतरंगिणी के लेखक महाकवि कल्हण हैं।
प्रश्न 4.
पहलगाँव किस घाटी में स्थित है ?
उत्तर :
पहलगाँव लिदर की घाटी में स्थित है ।
प्रश्न 5.
झेलम के उत्तरी भाग में स्थित झरने का क्या नाम है ?
उत्तर :
झेलम के उत्तरी भाग में स्थित झरने का नाम अछबल झरना है।
प्रश्न 6.
डॉ० रामकुमार वर्मा का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर :
डॉ॰ रामकुमार वर्मा का जन्म 15 सितंबर, 1905 ई० में मध्यपद्रदेश के सागर जिला में हुआ था।
प्रश्न 7.
कश्मीर का वरदान किसे कहा जाता है ?
उत्तर :
झेलम नदी को कश्मीर का वरदान कहा जाता है।
प्रश्न 8.
कश्मीर के कुछ प्रसिद्ध झीलों के नाम लिखें।
उत्तर :
कश्मीर के कुछ प्रसिद्ध झीलों में वुलर झील एवं मानसबल झील प्रमुख हैं।
प्रश्न 9.
मेवों का देश किसे कहा जाता है ?
उत्तर :
कश्मीर को मेवों का देश कहा जाता है ।
बोधमूलक प्रश्नोत्तर :
प्रश्न 1.
मुगल बादशाह जहाँगीर ने कश्मीर के संबंध में क्या कहा है ?
उत्तर :
मुगल बादशाह जहाँगीर ने कश्मीर के संबंध में कहा है कि यदि जमीन पर बहिश्त (स्वर्ग) है तो यहीं है, यहीं है, यहीं है।
प्रश्न 2.
राजतरंगिणी में क्या वर्णित है ?
उत्तर :
राजतरंगिणी में कश्मीर के इतिहास का वर्णन है। कश्मीर के ऐतिहासिक वैभव का खंडहर इसमें दृष्टिगत होता है।
प्रश्न 3.
मार्तण्ड मंदिर का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
मार्तण्ड मंदिर के नीचे से सरोवरों के छोटे-बड़े आकार की बड़ी कलात्मक कृतियाँ बनी हैं। ऐसा प्रतीत होता है मानों एक बड़े थाल में कलाकंद के छोटे-बड़े टुकड़े तराशे गए हैं। इन कुंडों में मछलियाँ स्वच्छंदता से विचरण करती हैं। इन्हें देख कर मन मुग्ध हो जाता है।
प्रश्न 4.
अछबल झरने की सुंदरता का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
अछबल झरने को देखकर ऐसा लगता है मानों सौन्दर्य और संगीत तरल होकर निर्झर रूप से बह रहे हैं। इस झरने की सुंदरता पर मुग्ध होक़र सम्राट जहाँगीर ने यहाँ एक सुंदर बगीचा बनवाया था। भूमि के कोड़ से तीन धाराएँ ऊपर उभरती हैं, मानों ये जलधाराएँ भूमि की नाभि से ऊपर तक जाने वाली त्रिवली रेखाएँ हैं।
प्रश्न 5.
कोकड़ नाग के बारे में आपको क्या ज्ञात हुआ है?
उत्तर :
कुक्कुट शब्द का कश्मीरी रूप कोकड़ है। यहाँ भूमि के अनेक स्थानों से जल-धारा प्रवाहित होती है। लगता है जल आँख-मिचौनी खेल रहा है। कितने स्थानों से जल की पतली-पतली धाराएँ निकल कर स्थूल बन जाती है। अत्यंत शीतल निर्मल जल तीव्र गति से बहता है।
प्रश्न 6.
कश्मीर को धरती का स्वर्ग क्यों कहा गया है ? समझाकर लिखिए।
उत्तर :
कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा गया है। यहाँ के लहलहाते खेत, कल-कल की ध्वनि करते झरने, गाती हुई नदियाँ, मनोरम प्राकृतिक दृश्य मन को मुग्ध कर देते हैं। इस मधुर प्रदेश में जीवन मुस्कान से भर उठता है। ईश्वर ने प्रकृति के सौन्दर्य से इसे अनेक प्रकार से सँवारा है। उपत्यकाएँ, हिमशैल, बादल, पुष्पराशि और वृक्ष-राशि ने कश्मीर की सुषमा को सौन्दर्य के एक नवीन स्वर्ग में आसीन कर दिया है। कवियों ने इसे स्वर्ग का एक कोना कहा है।
प्रश्न 7.
जब यात्री गण्र उस मार्ग पर चलते हैं तो ऐसा लगता है जैसे किसी विश्वामित्र की शक्ति से अनेक त्रिशंकु स्वर्ग पर चढ़ रहे हैं – इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर :
चन्दनबाड़ी जाते समय दूर तक रास्ता साफ-सुथरा और सीधा है फिर पहाड़ों के निकट चढ़ाई है। लेखक ने पहाड़ी पर चढ़ते यात्रियों की तुलना स्वर्ग की चढ़ाई करने वाले त्रिशंकु से की है। विश्वामित्र ॠषि ने अपने तपोबल की शक्ति से त्रिशंकु को स्वर्ग भेजने का प्रयल् किया था। इस पहाड़ी पर चढ़ने वाले यात्री ऐसे लगते थे मानों विशंकु स्वर्ग पर चढ़ रहे हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर :
प्रश्न 1.
कश्मीर के प्राकृतिक सौन्दर्य तथा धरती की रमणीयता का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
कश्मीर की नैसर्गिक सुषमा निराली है। ईश्वर ने प्रकृति के सौदर्य से इसे अनेक प्रकार से सजाया है। उपत्यकाएँ, हिमशैल, पुष्पराशि, वृक्षराशि ने कश्मीर की सुषमा को सौन्दर्य के एक नवीन स्वर्ग में आसीन कर दिया है। शीतल, मंद और सुगंधित समीर हर समय और हर स्थान पर बहती रहती है। वृक्षों के हरे-हरे पत्ते, वाटिकाओं में रंगबिरंगे पुष्ष, उन पर भ्रमरों की गुंजार चित्त को मोहित करती हैं।
सम्राट जहाँगीर ने कहा था यदि धरती पर स्वर्ग है तो यहीं है। वसन्त ॠतु में सारा पठार फूलों का एक विशाल साप्राज्य प्रतीत होता है, झेलम नदी के कारण सारे भू भाग के झरनों, लहरों तथा झीलों का जाल बिछा हुआ है। कश्मीर की घाटी के बीच बहने वाली झेलम नदी तुलर झील, मान सबल झील तथा चन्दनबाड़ी इस प्रदेश की शोभा है। हरे -भरे खेत केसर की क्यारियाँ, सेव, अंगूर, सुबार्नी आदि मेवे इस घाटी के उपज की विशेषताएँ हैं। इसीलिए कश्मीर को मेवों का देश कहा जाता है ।
सफेद वृक्षों की घनी छाया, चिनार वृक्ष वनउपवन की शोभा बढ़ाते हैं। झेलम के उत्तरी भाग में अछबल का झरना है। मटन स्थान में मार्तण्ड का मंदिर है। यहाँ नीचे सरोवरों के छोटे-बड़े आकार की कलात्मक आकृतियाँ हैं। अछबल में संगीत और सौन्दर्य का रूप साकार हो उठता है। यहाँ सम्माट जहाँगीर ने एक बगीचा बनवाया था। विशाल वृक्ष यहाँ सौन्दर्य के प्रहरी प्रतीत होते हैं। कोकड़ानाग में अनेक स्थानों से जलधारा प्रवाहित होती है। कितने स्थानों से जल की पतली-पतली धाराएँ निकलकर स्थूल बन जाती हैं। बहता हुआ जल पत्थरों से अठखेलियाँ करता हुआ हँस पड़ता है।
लिदर की घाटी में पहाड़ियों के नीचे छोटी सी बस्ती पहलगाँव है । दाहिनी ओर हटकर लिदर नदी है। यह अपने अनवरत नाद में प्रकृति के सौन्दर्य का जयघोष करती है । तीनों ओर गौरव से मस्तक उठाए हुए गिरि-भृृर हैं। इनके कोने में कभी-कभी हिम राशि स्थिर हो जाती है। चन्दनबाड़ी यहाँ से दस मील दूर है। पहाड़ों के निकट चढ़ाई पर चढ़ते हुए यात्री गण ऐसे लगते हैं मानों अनेक त्रिशंकु स्वर्ग पर चढ़ रहे हैं। पहाड़ियों के बीच की समतल भूमि पर बर्फ के बड़े-बड़े मैदान बन गए हैं। ऊँची पहाड़ियों पर भूर्ज-पत्र के अनेक वृक्ष हैं। कश्मीर हमारे देश का मुकुट है। कश्मीर की नैसर्गिक सुषमा मन में आनंद की धारा बहा देती है।
भाषा-बोध :
1. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए : –
सौन्दर्य – कश्मीर का सौन्दर्य मन को मोह लेता है।
कश्मीर – कश्मीर हमारे देश का मुकुट है।
झेलम – झेलम के उत्तरी भाग में अछबल झरना है।
राजतरंगिणी – कवि कल्हण ने राजतरंगिणी की रचना की है।
कलात्मक – मंदिर में अनेक कलात्मक आकृतियाँ हैं।
2. विलोम शब्द लिखें –
मानव – दानव
महान – तुच्छ
स्वर्ग – नरक
समाट – प्रजा
आयात – निर्यात
WBBSE Class 6 Hindi कश्मीर Summary
जीवन-परिचय :
रामकुमार वर्मा का जन्म सन् 1905 ई。 में मध्य प्रदेश के सागर जनपद में हुआ था। वर्मा बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार हैं। वे कवि, कथाकार, आलोचक तथा निबंधकार के रूप में प्रसिद्ध हैं। इनकी प्रसिद्ध काव्य रचनाएँएकलव्य, चित्तौड़ की चिता, निशीथ आदि हैं। इनके प्रसिद्ध एकांकी संग्रह-पृथ्वीराज की आँखें, रेशमी टाई आदि हैं। वर्मा प्रयाग विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग में प्रध्यापक तथा विभागाध्यक्ष रह चुके हैं।
पाठ का सारांश – प्रस्तुत पाठ में लेखक ने कश्मीर के प्राकृतिक सौन्दर्य का अनुपम चिर्रण किया है। फूलों से परिपूर्ण कश्मीर की धरती सौन्दर्य का आगार है। देश का मुकुट कश्मीर की सुषमा को देखकर ही कवियों ने इसे धरती का स्वर्ग कहा है। जम्मू और कश्मीर का क्षेत्रफल लगभग पचास हजार वर्ग मील है। सारा पठार फूलों से परिपूर्ण अत्यंत मोहक लगता है। झेलम नदी, वुलर झील, मानसबल झील, चंदनबाड़ी आदि कश्मीर की शेभा है। झेलम के उत्तरी भाग में अछबल का झरना है। राजतरंगिणी में कश्मीर के ऐतिहासिक वैभव के खंडहर दृष्टिगत होते हैं। अवन्ति वर्मा के द्वारा निर्मित विष्णु मंदिर के खंडहर आज बिखरे पड़े हैं। मार्तण्ड मंदिर की कलात्मक आकृतियाँ आकर्षक है। अछबल झरने की सुन्दरता पर लोग मुग्ध हो जाते हैं। कोंकड़नाग में भूमि के अनेक स्थानों से जलधारा प्रवाहित होती है।
लिदर की घाटी में पहलगाँव स्थित है। लिदर नदी अपने नाद से प्रकृति के सौन्दर्य का जयघोष करती है। चन्दनबाड़ी यहाँ से दस मील दूर है। पहाड़ों के निकट की चढ़ाई स्वर्ग की चढ़ाई के समान प्रतीत होती है।
ऊँची पहाड़ियों पर भूर्ज-पत्र के अनेक वृक्ष हैं। इन्हीं वृक्षों के छालों पर हमारे महर्षियों ने अमर साहित्य की रचना की है। वस्तुत: कश्मीर हमारे देश का मुकुट है। उसकी सुरक्षा और उसके प्रति श्रद्धा-समर्पण प्रत्येक भारतीय का कर्त्तव्य है।
शब्दार्थ :
- मुकुट – ताज।
- सँवारा – सजाया।
- सुषमा – सुंदरता।
- सर्पिल – साँप जैसा, टेढ़ा।
- मनोरम – सुंदर।
- कलकल – मधुर शब्द।
- निनाद – शब्द, आवाज।
- स्थूलकाय – पुष्ट शरीर, विशाल शरीर।
- शिविर – छावनी, डेरा।
- स्मृतियाँ – यादें।
- सर्पण – अर्पण।
- विपुलता – अधिकता।
- प्रशस्त – मजबूत।
- मेहरबान – कृपालु ।
- खुश किस्मती भाग्यशाली।
- उपत्यकाएँ – घाटी, पर्वत के पास की भूमि।
- वरदान – इष्ट वस्तु की प्राप्ति।
- खंडहर – भग्नावशेष।
- वैभव – धन-संपत्ति।
- उत्कीर्णित – खुदे हुए।
- विर्गलित – द्रवित।
- अवसाद – विषाद, दीनता।
- भंगिमा – हाव-भाव।
- अठखेलियाँ – ठिठोली, चुलबुलापन।
- अनवरत – निरंतर, लगातार।
- फेनाज्ज्वल – उज्ज्वल फेन।
- हिम-शैल – बर्फीले पहाड़।
- उत्तरीय – चादर।
- मार्तण्ड – सूर्य।