Detailed explanations in West Bengal Board Class 10 Physical Science Book Solutions Chapter 7 परमाणु नाभिक offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 10 Physical Science Chapter 7 Question Answer – परमाणु नाभिक
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
नाभिकीय विखण्डन क्रिया के एक दुरुपयोग का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
परमाणु नाभिकीय विखण्डन की देन है लेकिन आजकल इसका दुरुपयोग हो रहा है।
प्रश्न 2.
नाभिकीय संलयन में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा के उत्सर्जन को किस नियम से व्याख्या की जाती है ?
उत्तर :
आइन्सटाइन के नियम E = mc2 के अनुसार ऊर्जा का उत्सर्जन होता है।
प्रश्न 3.
α, β और γ किरणों को भेदन शक्ति के आधार पर बढ़ते क्रम में सजाओ।
उत्तर :
α < β < γ
प्रश्न 4.
सूर्य की ऊर्जा का स्रोत किस प्रकार की नाभिकीय क्रिया है ?
उत्तर :
नाभिकीय संलयन (Nuclear fusion)
प्रश्न 5.
रेडियो एक्टिव परमाणु के किस भाग से β-कण निकलता है ?
उत्तर :
रेडियो ऐक्टिव परमाणु के नाभिक (Nucleus) से β-कण निकलता है।
प्रश्न 6.
\({ }_{92}^{238} \mathrm{U}\) से एक α-निकलने से जिस तत्व का निर्माण होगा उसकी परमाणु संख्या कितनी होगी ?
उत्तर :
\({ }_{92}^{238} \cup\) से एक α-निकलने से जिस तत्व का निर्माण होगा उसकी परमाणु संख्या 90 होगी।
प्रश्न 7.
परमाणु के किस भाग से रेडियो एक्टिव (रेडियोधर्मी) तरंगें निकलती हैं ?
उत्तर :
केन्द्रक (Nucleous) से।
प्रश्न 8.
किसी रेडियो सक्रिय तत्व से एक अल्फा कण के उत्सर्जित होने पर उसकी द्रव्यमान संख्या एवं परमाणु संख्या में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर :
द्रव्यमान संख्या 4 और परमाणु संख्या 2, कम होती है।
प्रश्न 9.
\({ }_{92} \mathrm{U}^{235}\) परमाणु से एक α कण और एक β कण के उत्सर्जित होने से उत्पन्न नये परमाणु का संकेत लिखिए।
उत्तर :
प्रश्न 10.
नाभिकीय संलयन (Nuclear fusion) किसे कहते हैं ?
उत्तर :
जब दो कम भार के नाभिक संयोग कर एक भारी तत्व के नाभिक का निर्माण करते हैं, तो उसे नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) कहते हैं।
प्रश्न 11.
नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission) से क्या आशय है ?
उत्तर :
किसी भारी परमाणु के नाभिक का कम द्रव्यमान वाले परमाणुओं के नाभिकों में टूट जाने की घटना को नाभिकीय विखण्डन कहते हैं।
प्रश्न 12.
α और β कण में कौन अधिक विक्षेपित होता है और क्यों ?
उत्तर :
α कण की अपेक्षा β कण अधिक विक्षेपित होता है क्योंक β कण, α कण की अपेक्षा हल्के होते हैं।
प्रश्न 13.
यूरेनियम के अयस्क का नाम लिखो।
उत्तर :
पिच ब्लेंड।
प्रश्न 14.
विद्युत या चुम्बकीय क्षेत्र में किन किरणों का विक्षेपण नहीं होता है ?
उत्तर :
γ किरण का विक्षेपण नहीं होता है।
प्रश्न 15.
α, β और γ किरणों में किस किरण का मुनष्य पर सबसे अधिक बुरा प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :
γ किरण का मनुष्य पर सबसे अधिक बुरा प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 16.
किस प्रकार के आवेश कणों का स्रोत α किरण है ?
उत्तर :
धन आवेश कणों का सोत α किरण है।
प्रश्न 17.
एक प्राकृत्तिक घटना का नाम लिखें जिसमें एक तत्व दूसरे तत्व में परिवर्तित हो जाते हैं ?
उत्तर :
रेडियो सक्रियता (Radioactivity)।
प्रश्न 18.
अल्फा कण किसके समान होता है ?
उत्तर :
हीलियम (\({ }_2 \mathrm{He}^4\)) परमाणु के समान।
प्रश्न 19.
परमाणु बम किस नामकीय प्रतिक्रिया पर आधारित है ?
उत्तर :
नाभिकीय विखण्डन (Nuclear fission)।
प्रश्न 20.
किस रेडियो सक्रिय किरण का वेग प्रकाश के वेग के समान होता है ?
उत्तर :
गामा किरणों का।
प्रश्न 21.
सही है या गलत अल्फा किरणें फोटोग्राफिक प्लेट को प्रभावित करती हैं ?
उत्तर :
सही।
प्रश्न 22.
सही है या गलत गामा किरणें विद्युतीय क्षेत्र में विचलित होती हैं ?
उत्तर :
गलत।
प्रश्न 23.
रेडियो सक्रियता की S.I. इकाई क्या है ?
उत्तर :
रेडियो सक्रियता की S.I. इकाई क्यूरी (Curie) है।
प्रश्न 24.
नाभिकीय रिएक्टर का ईंधन क्या है ?
उत्तर :
यूरेनियम।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type) : 2 MARKS
प्रश्न 1.
रेडिंया सक्रिय तत्व (Radio active element) और रेडियो सक्रियता (Radio activity) से क्या समझते हो ?
उत्तर :
प्रकृति में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते है, जो स्वतः विखण्डित होकर कुछ अदृश्य किरणों का लगातार उत्सर्जन करते रहते हैं, ऐसे तत्व को रेडियो सक्रिय तत्व कहते हैं तथा इस घटना को रेडियो सक्रियता कहते हैं।
प्रश्न 2.
सूर्य और तारों में ऊर्जा का स्रोत क्या है ?
उत्तर :
सूर्य और तारों में ऊर्जा का सोत नाभिकीय संलयन (Nuclear fusion) क्रिया है। इस क्रिया में हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यूटेरियम के नाभिक संलयित होकर हीलियम के नाभिक का निर्माण करते हैं जिससे उष्मा और प्रकाश ऊर्जा उत्पन्न होती है।
प्रश्न 3.
नाभिकीय संलयन (Nuclear fusion) किसे कहते हैं ?
उत्तर :
जब दो हल्के नाभिक परस्पर संयुक्त होकर एक भारी नाभिक की रचना करते हैं तो इस प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन कहते हैं।
इस अभिक्रिया में द्रव्यमान में बहुत अधिक कमी होती है जिसके फलस्वरूप बहुत अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है। हाइड्रोजन बम और सूर्य की ऊर्जा नाभिकीय संलयन के सिद्धान्त पर ही आधारित हैं।
प्रश्न 4.
नाभिकीय विखण्डन (Nuclear Fission) किसे कहते हैं ?
उत्तर :
नाभिकीय विखण्डन : वह अभिक्रिया जिसमें एक भारी परमाणु का नाभिक दो या दो से अधिक नाभिकों में टूटता है तथा इसके साथ दो या तीन न्यूट्रॉन उत्सर्जित होते हैं, तो वह नाभिकीय विखण्डन कहलाता है।
इस विखण्डन के फलस्वरूप उत्सर्जित कणों से गतिज ऊर्जा के रूप में बड़ी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है।
प्रश्न 5.
रेडियो सक्रियता को एक नाभिकीय घटना क्यों कहा जाता है ?
उत्तर :
रेडियो सक्रियता में उद्गार के समय α – कण निकलते हैं। यह α – कण धन आवेशित होता है। हम जानते हैं कि परमाणु की मात्रा और धन आवेश उसके केन्द्रक में ही अवस्थित होते हैं। अतः रेडियो सक्रियता द्वारा α कण का उद्गार एक नाभिकीय घटना है।
प्रश्न 6.
रेडियो – धर्मी प्रदूषण के कारणों से बचाव का तरीका बताइए।
उत्तर :
परमाणु ऊर्जा संस्थान या रेडियोग्राफर के रूप में कार्य कर रहे व्यक्तियों को सुरक्षा के रूप में शीशा (Lead) का अस्तर दिया हुआ पूरे शरीर को ढँकने वाला (Over coat) तथा हाथों में इसी कपड़े का दास्ताना पहनना चाहिए तथा रेडियो पदार्थ को शीशा (Lead) से बनी चिमटा आदि से स्पर्श करना चाहिए।
रेडियो सक्रिय पदार्थ को बहुत ही सावधानीपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। इसे अति सूक्ष्म छिद्र वाले मोटे शीशे (Lead) के बरतन में रखना चाहिए।
प्रश्न 7.
श्रृंखला अभिक्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर :
नाभिकीय विखण्डन की क्रिया में उत्पन्न न्यूट्रॉनों में से कुछ न्यूट्रॉन अन्य यूरेनियम नाभिकों पर प्रहार करते हैं, जिससे प्रांरभिक क्रिया की पुनरावृत्ति होती है। इस प्रकार एक श्रृंखला अभिक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। परमाणु बम के विस्फोट में यही भृंखला अभिक्रिया होती है।
प्रश्न 8.
परमाणु ऊर्जा का शक्ति कार्यों में उपयोग का वर्णन करें।
उत्तर :
परमाणु ऊर्जा द्वारा शक्ति का उत्पादन किया जाता है। इस शक्ति का उपयोग वायुयान, जहाज, पनडुब्धी और ट्रेन चलने में होता है। इसके अतिरिक्त इसका उपयोग रॉकेट उड़ाने में तथा रेडियोएक्टिव समस्थानिकों के उत्पादन में होता हैं।
प्रश्न 9.
नाभिकीय ऊर्जा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमें परमाणु की संरचना में परिवर्तन होने से अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित होती है तथा वह नये तत्व के परमाणु में बदल जाता है, उसे नाभिकीय अभिक्रियाएँ (Nuclear Reactions) कहते हैं तथा इस प्रतिक्रिया में उत्सर्जित ऊर्जा को नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy) कहते हैं।
प्रश्न 10.
प्राकृतिक रेडियों सक्रियता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
यूरेनियम, रेडियम, थोरियम आदि तत्वों से कुछ अदृश्य किरणें स्वतः निकलती रहती हैं, जो अपारदर्शी पदार्थों में प्रवेश करने की क्षमता रखती हैं तथा फोटोग्राफिक प्लेट को प्रभावित करती हैं। इन किरणों को रेडियो सक्रिय किरणें कहते हैं। जिन तत्वों से ऐसी किरणें निकलती हैं उसे रेडियों सक्रिय तत्व कहते हैं और ऐसी घटना प्राकृतिक रेडियो सक्रियता कहलाती है।
प्रश्न 11.
जब रेडियो सक्रिय किरणें किसी विद्युतीय क्षेत्र से होकर गुजरती हैं, तो क्या होता है ?
उत्तर :
अल्फा (α), बीटा (β) और गामा (γ) किरणें रेडियो सक्रिय किरणें हैं। जब ये किरणें किसी विद्युतीय क्षेत्र से होकर गुजरती हैं, तो α किरणें विद्युतीय क्षेत्र के ॠण ध्रुव की तरफ और β किरणें विद्युतीय क्षेत्र के घन ध्रुव की तरफ मुड़ती हैं लेकिन γ (गामा) किरणें सीधी चली जाती हैं, इनपर विद्युतीय क्षेत्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इससे पता चलता है कि α किरणें धन आवेश युक्त, β किरणें ऋण की आवेश युक्त हैं लेकिन गामा (γ) किरणें अनावेशित होती हैं।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS
प्रश्न 1.
किसी रेडियोसक्रिय तत्त्व से α-कण निकलने पर नया तत्व उत्पन्न होता है किन्तु γ-किरण निर्गत होने से नया तत्व नहीं बनता है, कारण बताइये।
उत्तर :
जब α कण गैसों में से होकर गुजरते हैं तो गैसों के अणुओं में से इलेक्ट्रॉन निकाल देते हैं जिससे उनका आयनीकरण हो जाता है।
γ कणों की भेदन क्षमता α-कणों से 10,000 गुनी अधिक होती है। लोहे की 30 cm} मोटी चादर को भेदकर पार निकल जाती है। ये गैसों को आयनीकरण करती हैं, परन्तु इनकी आयनीकरण क्षमता α-कणों की तुलना में बहुत कम है।
प्रश्न 2.
भार त्रुटि से क्या समझते हो ? नाभिकीय संलयन में उत्पन्न ऊर्जा का स्रोत क्या है ?
उत्तर :
भार त्रुटि (Mass defect) : यदि किसी परमाणु के केन्द्रक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन हो, तो केन्द्रक का कुल द्रव्यमान इन केन्द्रीय कणों के द्रव्यमानों के योग के बराबर होना चाहिए। केन्द्रीय कणों के द्रव्यमान और केन्द्रक के कुल द्रव्यमान के बीच के अन्तर को भार त्रुटि कहते हैं।
नाभिकीय संलयन में ऊर्जा का स्रोत हाइड्रोजन परमाणु है। जिनके आपसी संयोग से हिलियम का गठन होता है और प्रचुर मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है।
प्रश्न 3.
रेडियो सक्रियता के उपयोग क्या हैं ?
उत्तर :
रेडियो सक्रियता के निम्नलिखित उपयोग हैं :
- कई रोग जैसे ल्यूकेमिया, कैंसर इत्यादि रेडियो थेरापी के द्वारा ठीक किए जाते हैं।
- पतले रेडियो सक्रिय समस्थानिक जैसे : रेडियो सोडियम क्लोराइड, रेडियो आयरन, रेडियो आयोडीन का प्रयोग डायग्नोसिस के लिए किया जाता है।
- इसका उपयोग अनाज तथा बीजों के संरक्षण में होता है।
- इसका उपयोग नाभिकीय प्रतिक्रिया में किया जाता है।
- इसका उपयोग इंजीनियरिंग तथा वैज्ञानिक अनुसंधान में होता है।
प्रश्न 4.
नाभिकीय विखण्डन और नाभिकीय संलयन में क्या अन्तर है ?
उत्तर :
1. नाभिकीय विखण्डन में एक भारी नाभिक टूटकर हल्के नाभिकों में परिवर्तित हो जाता है जबकि नाभिकीय संलयन में दो हल्के नाभिक परस्पर संयुक्त होकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं।
2. नाभकीय विखण्डन न्यूट्रॉन द्वारा प्रेरित होता है जबकि नाभिकीय संलयन प्रोटानो द्वारा प्रेरित होता है।
प्रश्न 5.
नाभिकीय रिएक्टर किसे कहते हैं ? इससे होने वाली दुर्घटनाओं के क्या दुष्परिणाम होते हैं ?
उत्तर :
वह संयंत्र जिसमें नाभिकीय प्रतिक्रिया में उत्पन्न उष्मा ऊर्जा को विद्युतीय ऊर्जा में परिणत किया जाता है, उसे नाभिकीय रिएक्टर कहते हैं। यह नाभिकीय विखण्डन के नियंत्रित शृंखला प्रतिक्रिया पर आधारित है।
नाभिकीय (न्यूक्लियर) रिएक्टर में होने वाली दुर्घटनाएँ बहुत ही विध्वंशकारी होती हैं। इसमें प्रचण्ड विस्फोट होता है, जिसके कारण उत्पन्न होने वाली अत्यधिक उष्मा एवं ध्वनि से धन-जन की क्षति होती है। इसके अतिरिक्त इसमें रेडियोधर्मी पदार्थ भी बाहर आ जाते हैं जिसका विकिरण मानव स्वास्थ के लिए हानिकारक होता है।
प्रश्न 6.
नाभिकीय रिएक्टर के उपयोग का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
नाभिकीय रिएक्टर के निम्नलिखित उपयोग हैं :
(i) ऊर्जा उत्पादन (Energy Production) : नाभिकीय रिएक्टर की ऊर्जा के रूपान्तरण से विद्युत ऊर्जा के उत्पादन में होता है।
(ii) पुनरुत्पादक रिएक्टर (Breeder reacter) : इसका उपयोग एक प्रकार के विखण्डनीय ईंधन से दूसरे प्रकार के विखण्डन ईंधन प्राप्त करने में किया जाता है।
(iii) कृत्रिम रेडियो सक्रिय समस्थानिकों का उत्पादन (Prooluction of Artificial Radioactive isotopes) : कार्बन, सोडियम, फास्फोरस, कैल्शियम आदि के कृत्रिम रेडियो एक्टिव समस्थानिकों का वैज्ञानिक अनुसंधान, चिकित्सा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, कृषि एवं उद्योग में व्यापक उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 7.
α किरणों की प्रकृति का उल्लेख करें।
उत्तर :
α किरणों की प्रकृति निम्नलिखित हैं।
- अल्फा किरणें धनावेशित कणों की प्रवाह होती है।
- α-कण पदार्थ को भेद सकते हैं। लेकिन इनकी भेदन क्षमता कम है।
- ये फोटोग्राफिक प्लेट को भी प्रभावित कर देती हैं।
- जब α कण गैसों में से होकर गुजरते हैं तो गैसों के अणुओं में से इलेक्ट्रॉन निकाल देते हैं जिससे उनका आयनीकरण हो जाता है।
- इनका वेग प्रकाश के वेग के 1 / 10 वें भाग से भी कम होता है।
प्रश्न 8.
β किरणों की प्रकृति का उल्लेख करें।
उत्तर :
β किरणों की प्रकृति निम्नलिखित हैं।
- बीटा किरणें ऋणावेशित कणों की प्रवाह होती हैं।
- इसकी भेदन क्षमता α कणों की अपेक्षा लगभग 100 गुना अधिक होती है।
- ये फोटोग्राफिक प्लेटों को α-कणों की अपेक्षा अधिक प्रभावित करती हैं।
- ये कण गैसों का आयनीकरण करते हैं। किन्तु इनकी आयनीकरण क्षमता α-कणों की अपेक्षा कम होती है।
- इन कणों का वेग प्रकाश के वेग का प्राय: 9 / 10 वाँ भाग होता है।
प्रश्न 9.
γ किरणों की प्रकृति का उल्लेख करें।
उत्तर :
γ किरणों की प्रकृति निम्नलिखित हैं।
- गामा किरणें आवेश रहित होती हैं। अतः इन पर चुंबकीय या विद्युतीय क्षेत्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- इनकी भेदन क्षमता α और β-किरणों की अपेक्षा बहुत अधिक होती है। γ कणों की भेदन क्षमता α-कणों से 10,000 गुनी तथा β-कणों से 100 गुनी अधिक होती है। लोहे की 30 cm मोटी चादर को भेदकर पार निकल जाती है।
- ये फोटोग्राफिक प्लेटों को β-कणों की अपेक्षा अधिक प्रभावित करती है।
- ये गैसों को आयनीकरण करती हैं, परन्तु इनकी आयनीकरण क्षमता α-कणों और β-कणों की तुलना में बहुत कम है।
- इनका वेग प्रकाश के वेग के लगभग बराबर होता है।