Detailed explanations in West Bengal Board Class 10 Physical Science Book Solutions Chapter 6 धारा विद्युत offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 10 Physical Science Chapter 6 Question Answer – धारा विद्युत
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
समान लम्बाई के एक ही चालक पदार्थ के एक पतले तार एवं एक मोटे तार को समान विभवान्तर में जोड़ने पर उनमें से किस तार में अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होगी ?
उत्तर :
मोटे तार से अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होगी।
प्रश्न 2.
किसी अर्द्धचालक का प्रतिरोध तापक्रम में वृद्धि से कैसे परिवर्तित होती है ?
उत्तर :
अर्द्धचालक का प्रतिरोध तापक्रम की वृद्धि से घटता है।
प्रश्न 3.
विद्युत धारा की दिशा परिवर्तित कर देने से बार्लों के चक्के की गति में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर :
विद्युत धारा की दिशा परिवर्तित कर देने से बार्लों के चक्के की गति की दिशा भी परिवर्तित हो जाएगी।
प्रश्न 4.
1 कुलम्ब विद्युत आवेश को 1 वोल्ट विभवान्तर के विरुद्ध ले जाने पर कितना कार्य करना होगा ?
उत्तर :
1 कुलम्ब विद्युत आवेश को 1 वोल्ट विभवान्तर के विरुद्ध ले जाने पर 1 वाट (Watt) करना होगा।
प्रश्न 5.
यदि किसी बल्ब पर 220 V, 60 W लिखा हो, तो इसका अर्थ क्या होता है ?
उत्तर :
220 V, 60 W का अर्थ यह है कि जब विद्युत बल्ब को 220 वोल्ट की विद्युत परिपथ में कहीं जोड़ा जायेगा तो वह सबसे अधिक प्रकाश देगा और विद्युत बल्ब प्रति सेकेण्ड 60 जूल विद्युत ऊर्जा खर्च करेगी।
प्रश्न 6.
ओम के नियमानुसार प्रतिरोध की परिभाषा लिखो।
उत्तर :
चालक के विभवान्तर और उसमें प्रवाहित विद्युत धारा की प्रबलता के अनुपात को चालक का प्रतिरोध कहते हैं।
प्रश्न 7.
विद्युत शक्ति की S.I. इकाई क्या है ?
उत्तर :
विद्युत शक्ति की S.I. इकाई वाट (Watt) है।
प्रश्न 8.
अमीटर और वोल्टमीटर के उपयोग का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
अमीटर का उपयोग विद्युतधारा मापने के लिए और वोल्टमीटर का उपयोग विभवान्तर ज्ञात करने के लिए होता है।
प्रश्न 9.
उस मौलिक राशि का नाम बताइए जिसकी इकाई B.O.T. है।
उत्तर :
विद्युत ऊर्जा की इकाई B.O.T. है।
प्रश्न 10.
दो प्रतिरोधों (r1 और r2) को सीरीज क्रम में जोड़ने से तुल्य प्रतिरोध कितना होगा ?
उत्तर :
तुल्य प्रतिरोध (R) = r1 + r2 होगा।
प्रश्न 11.
हमारे घर में बल्ब, पंखा तथा अन्य विद्युतीय उपकरण किस क्रम में जुड़े होते हैं ?
उत्तर :
हमोर घर में बल्ब, पंखा तथा अन्य विद्युतीय उपकरण समानान्तर क्रम में जुड़े होते हैं।
प्रश्न 12.
C.G.S. तथा S. I. पद्धति में विशिष्ट प्रतिरोध की इकाई क्या है ?
उत्तर :
विशिष्ट प्रतिरोध की इकाई C.G.S. पद्धति में ओम से॰ मी॰ और S.I. पद्धति में ओम मीटर है।
प्रश्न 13.
विद्युत हीटर किस सिद्धान्त पर कार्य करता है ?
उत्तर :
विद्युत हीटर विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव पर कार्य करता है।
प्रश्न 14.
फ्यूज तार को परिपथ के किस क्रम में जोड़ा जाता है ?
उत्तर :
फ्यूज तार को परिपथ के श्रेणीं क्रम में जोड़ा जाता है।
प्रश्न 15.
धातुई चालक में कौन सा कण धारा प्रवाह का कारण होता है ?
उत्तर :
धातुई चालक में इलेक्ट्रॉन विद्युत धारा प्रवाह का कारण होता है।
प्रश्न 16.
विद्युत धारा की इकाई क्या है ?
उत्तर :
विद्युत धारा की इकाई एम्पियर है।
प्रश्न 17.
किस भौतिक राशि की इकाई वाट-घंटा है ?
उत्तर :
विद्युत ऊर्जा की इकाई वाट-घंटा (Watt-hour) है।
प्रश्न 18.
सेल या बैटरी में किस प्रकार की धारा प्रवाहित होती है?
उत्तर :
सेल या बैटरी में अपरिवर्ती धारा (Direct Current or D.C.) प्रवाहित होती है।
प्रश्न 19.
फ्यूज तार की प्रकृति क्या है ?
उत्तर :
फ्यूज तार का गलनांक बहुत कम होता है लेकिन प्रतिरोध बहुत अधिक होता है।
प्रश्न 20.
किस उपकरण में रासायनिक ऊर्जा का रूपान्तर विद्युत ऊर्जा में होता है ?
उत्तर :
विद्युत सेल या बैटरी में रासायनिक ऊर्जा का रूपान्तरण विद्युत ऊर्जा में होता है।
प्रश्न 21.
डायनेमो और विद्युत मोटर में क्या अन्तर है ?
उत्तर :
डायनेमो में यांत्रिक ऊर्जा का रूपान्तरण विद्युत ऊर्जा में होता है लेकिन विद्युत मोटर में विद्युत ऊर्जा का रूपान्तरण यांत्रिक ऊर्जा में होता है।
प्रश्न 22.
ओर्स्टेड के प्रयोग में चुम्बकीय सूई के विचलन की दिशा किस पर निर्भर करती है ?
उत्तर :
चुम्बकीय सूई के विचलन की दिशा चुम्बक के ध्रुवों की स्थिति एवं विद्युत धारा के प्रवाह की दिशा पर निर्भर करती है।
प्रश्न 23.
हमारे घरों में किस प्रकार की विद्युत धारा प्रवाहित होती है ?
उत्तर :
हमारे घरों में परिवर्ती धारा (Alternating Current or A.C.) प्रवाहित होती है।
प्रश्न 24.
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित विद्युत धारावाही चालक पर आरोपित बल कब अधिकतम होता है ?
उत्तर :
धारावाही चालक जब चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत होता है।
प्रश्न 25.
चुम्बकीय फ्लक्स किसे कहते हैं ?
उत्तर :
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत रखे किसी तल से गुजरने वाली कुल चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या का चुम्बकीय फ्लक्स (Magnetic Flux) कहते हैं।
प्रश्न 26.
विद्युत मोटर का क्या सिद्धान्त है ?
उत्तर :
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में धारावाही चालक को रखने पर उसमें गति उत्पन्न हो जाती है। यही विद्युत मोटर का कार्य सिद्धान्त है।
प्रश्न 27.
विद्युत-चुम्बकीय प्रेरण किसे कहते हैं ?
उत्तर :
जिस विद्युत वाहक बल के कारण प्रेरित धारा उत्पन्न होती है उसे प्रेरित विद्युत वाहक बल कहते हैं तथा इस क्रिया को विद्युत-चुम्बकीय प्रेरण कहते हैं।
प्रश्न 28.
LED का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर :
LED का पूरा नाम Light Emitting Diode है।
प्रश्न 29.
मोटर के आर्मेचर की कुण्डली के घूमने की दिशा किस नियम से ज्ञात की जाती है ?
उत्तर :
फ्लेमिंग के बाएँ हाथ के नियम से ज्ञात की जाती है।
प्रश्न 30.
CFL का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर :
CFL का पूरा नाम Compact Flurorescent light है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type) : 2 MARKS
प्रश्न 1.
दो प्रतिरोध r1 एवं r2 अलग-अलग को समान विभवांतर से जोड़ दिये गये हैं। ऐसा देखा गया कि r1 से प्रवाहित होने वाली विद्युतधारा r2 से प्रवाहित विद्युत धारा की 6 गुना है, तो r1 और r2 का अनुपात निर्णय कीजिए।
उत्तर :
ओम (Ohm’s) के नियम के अनुसार V = I R या R = \(\frac{V}{1}\)
प्रश्नानुसार पहला प्रतिरोध (r1)=\(\frac{v}{61}\) तथा दूसरा प्रतिरोध (r2)= \(\frac{v}{1}\)
अब r1: r2= \(\frac{\frac{v}{61}}{\frac{v}{l}}\) = \(\frac{v}{61}\) × \(\frac{1}{V}\) = \(\frac{1}{6}\) = 1 : 6
∴ r1 : r2 : 1 : 6
प्रश्न 2.
फैराडे के विद्युत-चुम्बकीय प्रेरण के नियम को लिखें।
उत्तर :
(i) प्रथम नियम : जब किसी बन्द कुण्डली में से गुजरनेवाले चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है, तो उस कुण्डली में एक प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है तथा कुण्डली में प्रेरित धारा बहने लगती है। यह विद्युत धारा तभी तक प्रवाहित होती है जब तक चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है।
(ii) द्वितीय नियम : बन्द कुण्डली में उत्पन्न प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान चुम्बकीय फ्लक्स की दर के समानुपाती होता है।
प्रश्न 3.
लेंज का नियम लिखिए। यह किस सिद्धान्त पर आधारित है ?
उत्तर :
लेंज का नियम : प्रेरित विद्युत वाहक बल की दिशा (अथवा प्रेरित धारा) हमेशा उस कारण का विरोध करती है जो उसे उत्पन्न करता है।
लेंज का नियम ऊर्जा संरक्षण के सिद्धान्त पर आधारित है।
प्रश्न 4.
विभवान्तर (Potential difference) किसे कहते हैं ? यह कौन सी भौतिक राशि है ? S.I. पद्धति में इसकी इकाई लिखिए।
उत्तर :
विभवान्तर : किसी दो बिन्दुओं के विभव में जो अन्तर होता है उसे उस बिन्दुओं के बीच का विभवान्तर कहते हैं। यह एक अदैशिक राशि है।
इसकी इकाई S.I. पद्धति में वोल्ट (Volt) है।
प्रश्न 5.
विद्युत वाहक बल (Electro Motive Force) किसे कहते हैं ?
उत्तर :
जिस वाह्य बल द्वारा चालक के मुक्त इलेक्ट्रान को एक निर्दिष्ट दिशा में चलने के लिए बाध्य किया जाता है, तो इस कार्यकारी बल को विद्युत वाहक बल (E.M.F.) कहते हैं। यह एक प्रेरक बल है जो हमेशा खुले परिपथ में होता है।
प्रश्न 6.
सेल के विद्युत वाहक बल की परिभाषा लिखो। इसकी व्यावहारिक इकाई क्या है ?
उत्तर :
धन धुव से ऋण धुव तक एक कुलम्ब आवेश को प्रवाहित करने के लिए सेल द्वारा किये गये कार्य के परिमाण को सेल का विद्युत वाहक बल कहते हैं। यह कोई बल नहीं है बल्कि प्रति इकाई आवेश को प्रवाहित करने में किया गया कार्य है।
इसकी व्यावहारिक इकाई वोल्ट (volt) है।
प्रश्न 7.
किसी चालक में विद्युत धारा एवं चालक के दोनों सिरों के बीच विभवान्तर कब परस्पर समानुपाती होता है ?
उत्तर :
जब किसी चालक का तापक्रम तथा अन्य भौतिक दशायें स्थिर हों, तो चालक में प्रवाहित वद्युत धारा की ताकत और चालक के दोनों सिरों के बीच का विभवान्तर समानुपाती होता है।
प्रश्न 8.
“किसी विद्युत सेल का विद्युत वाहक बल (e.m.f.) 1.5 वोल्ट है।” इस कथन का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
किसी विद्युत सेल का विद्युत वाहक बल 1.5 वोल्ट है, इस कथन का तात्पर्य यह है कि जब एक कुलम्ब विद्युत आवेश सेल के एक ध्रुव से दूसरे धुव तक पूरे परिपथ में प्रवाहित होगा तो 1.5 जूल कार्य होगा।
प्रश्न 9.
कुलम्ब से क्या समझते हो ?
उत्तर :
विद्युत आवेश की व्यावहारिक तथा S.I. इकाई कुलम्ब है।
कुलम्ब : बन्द परिपथ में किसी चालक से होकर प्रति सेकेण्ड जिस परिमाण में विद्युत आवेश के प्रवाहित होने से धारा की तीव्रता एक एम्पीयर हो जाती है, उसे 1 कुलम्ब कहते हैं।
∴ कुलम्ब = एम्पीयर × सेकेण्ड
प्रश्न 10.
कुछ प्रतिरोध किसी परिपथ में श्रेणी अथवा समानान्तर क्रम में संयुक्त हैं। सिर्फ देखकर ही आप निश्चित रूप से कैसे समझेंगे कि वे किस क्रम में संयुक्त हैं ?
उत्तर :
जिस संयोजन में एक प्रतिरोध का दूसरा सिरा, दूसरे के पहले सिरे से जुड़ा हो और इसी प्रकार सभी प्रतिरोध एक के बाद दूसरे से जुड़े हों, तो उस संयोजन को प्रतिरोध श्रेणी क्रम में जुड़े माने जायेंगे।
जिस संयोजन में सभी प्रतिरोधों का एक सिरा परिपथ के किसी एक बिन्दु पर तथा दूसरा सिरा परिपथ के दूसरे बिन्दु पर एक साथ जुड़ा हो, तो उस संयोजन मे प्रतिरोध समानान्तर क्रम में जुड़े हुए माने जायेंगे।
प्रश्न 11.
विशिष्ट प्रतिरोध की परिभाषा लिखो। इसकी इकाई क्या है ?
उत्तर :
विशिष्ट प्रतिरोध (Specific resistance) :- किसी पदार्थ की इकाई लम्बाई और इकाई परिच्छेद के क्षेत्रफल वाले तार के प्रतिरोध को उसका विशिष्ट प्रतिरोध कहते हैं।
विशिष्ट प्रतिरोध की इकाई :- C.G.S प्रणाली में ओम सेन्टीमीटर और S.I. प्रणाली में ओम मीटर विशिष्ट प्रतिरोध की इकाई है ।
प्रश्न 12.
“ताँबे का विशिष्ट प्रतिरोध 1.72 × 10-6 ओम से॰मी॰ है।” इस कथन का तात्पर्य क्या है ?
उत्तर :
“‘ताँबे का विशिष्ट प्रतिरोध 1.72 × 10-6 ओम से० मी॰ है।” इस कथन का तात्पर्य यह है कि 1 से० मी॰ लम्बे और 1 वर्ग से. मी. परिच्छेद के क्षेत्रफल वाले ताँबे के तार का प्रतिरोध 1.72 × 10-6 ओम है।
प्रश्न 13.
विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव से क्या समझते हो ?
उत्तर :
किसी चालक से होकर विद्युत धारा प्रवाहित करने पर चालक गर्म हो जाता है, अर्थात उष्मा की उत्पत्ति होती है। इस घटना को विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव कहते हैं।
प्रश्न 14.
एक बिजली की धारा मण्डल में किस प्रकार एक वोल्टमीटर और एमीटर से जुड़ती है ? एमीटर का क्या उपयोग है ?
उत्तर :
वोल्टमीटर को परिपथ में समानान्तर क्रम संयोजन(Parallel combination) में जोड़ते हैं।
एमीटर को परिपथ में जुड़े उपकरणों के साथ श्रेणी क्रम संयोजन (Series combination) में जोड़ते हैं।
एमीटर परिपथ में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा को मापने का कार्य करता है।
प्रश्न 15.
विद्युत-हीटर में नाइक्रोम-तार के उपयोग का क्या कारण है ?
उत्तर :
नाइक्रोम के तार का प्रतिरोध और गलनांक अधिक होता है। इसके कारण अधिक उष्मा उत्पन्न होती हैऔर तार गलकर टूटता नहीं है। इसी कारण इसका उपयोग विद्युत हीटर में होता है।
प्रश्न 16.
सभी घरेलू विद्युतीय उपकरणों को मुख्य शाखा लाइन से समानान्तर क्रम में क्यों जोड़ा जाता है ?
उत्तर :
सभी घरेलू विद्युतीय उपकरणों को मुख्य शाखा लाइन से सामानान्तर क्रम में जोड़ने के निम्नलिखित कारण हैं –
(i) सभी विद्युतीय उपकरण एक ही विभव पर कार्य करते है, जिसके कारण प्रत्येक वल्व एक समान प्रकाश देता है।
(ii) समानान्तर क्रम संयोजन में एक बल्ब या विद्युतीय उपकरण के Fuse होने या बन्द करने पर भी दूसरा विद्युतीय उपकरण काम करता रहता है।
प्रश्न 17.
स्विच से क्या समझते हो ? इसे विद्युतीय परिपथ में किस तार से जोड़ा जाता है ?
उत्तर :
स्विच (Switch) : विद्युत स्विच वह प्रबन्ध है जिसकी सहायता से किसी भी विद्युतीय उपकरण को विद्युतीय परिपथ से संबंधित किया जा सकता है या संबंध विच्छेद किया जा सकता है। विद्युत स्विच को विद्युत परिपथ में हमेशा Live wire से जोड़ा जाता है।
प्रश्न 18.
विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव को परिभाषित करें।
उत्तर :
जब किसी चालक से होकर विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो चालक के चारों ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र बन जाता है। इस घटना को विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव कहते हैं।
प्रश्न 19.
केबुल में न्यूट्रल तार और लाइव तार का रंग क्या होता है ? एम्पीयर के तैरने का नियम लिखो।
उत्तर :
अन्तर्राष्ट्रीय धारणा के अनुसार Neutral-wire का रंग हल्का-नीला तथा Live-wire का रंग Brown होता है।
एम्पीयर के तैरने का नियम (Ampere’s swimming rule) :- यदि किसी मनुष्य को विद्युत धारा की दिशा में चुम्बकीय सुई की तरफ मुँह करके तैरता हुआ माना जाय तो चुम्बकीय सुई का उत्तरी ध्रुव उस मनुष्य के बायें हाथ की तरफ विक्षेपित होगा।
प्रश्न 20.
किलोवाट आवर या B.O.T. क्या है ?
उत्तर :
किलोवाट आवर या B.O.T. : एक किलोवाट की दर से 1 घंटे में जो विद्युत ऊर्जा खर्च होती है उसे किलोवाट आवर या B.O.T. कहते हैं। यह विद्युत ऊर्जा मापने की व्यावहारिक इकाई है।
प्रश्न 21.
440 ओम प्रतिरोध वाले बल्ब को 220 वोल्ट मेन्स में 10 घंटे तक जोड़ा गया है, तो खर्च विद्युत ऊर्जा का परिमाण BOT में ज्ञात करें।
उत्तर :
प्रतिरोध = 440 ओम
विभवान्तर (V) = 220 वोल्ट
प्रश्न 22.
6 ओम प्रतिरोध वाले धातु के तार को इस प्रकार खींचा जाता है कि उसकी लम्बाई पूर्व लम्बाई की दोगुनी हो जाती है। उसका अन्तिम प्रतिरोध क्या होगा ?
उत्तर :
माना तार की प्रारम्भिक लम्बाई = x इकाई
प्रारम्भिक प्रतिरोध = 6 ओम
नयी लम्बाई = 2 x इकाई
नया प्रतिरोध = r ओम
∴ लम्बाई और प्रतिरोध एक दूसरे के समानुपाती होता है।
∴ \(\frac{x}{2 x}\) = \(\frac{6}{r}\)
या, r = 12 ओम.
प्रश्न 23.
किसी चालक का प्रतिरोध 10 ओम है। यदि इस चालक से 5 एम्पीयर की विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो उस चालक का विभवान्तर कितना होगा ?
उत्तर :
यहाँ R = 10 Ω, I = 5 एम्पीयर V = ?
ओम के नियम से,
V = RI
या, V = 10 × 5
या, V = 50 volt
प्रश्न 24.
एक चालक के सिरों के बीच का विभवान्तर 200 वोल्ट है। चालक का प्रतिरोध 20 Ω है, तो उस चालक में प्रवाहित विद्युत धारा का परिमाण क्या है ?
उत्तर :
यहाँ V = 200 वोल्ट
R = 20
I = ?
ओम के नियम से,
V = R I
या, 200 = 20 × C
या, I = \(\frac{200}{20}\) = 10 एम्पीयर
प्रश्न 25.
4 ओम और 12 ओम वाले दो प्रतिरोधों को समानान्तर क्रम में संयोजित किया जाए तो उनका तुल्य प्रतिरोध क्या होगा ?
उत्तर :
यहाँ r1 = 4 Ω, r2 = 12 Ω
प्रश्न 26.
तीन पिन वाले प्लग में एक पिन अन्य दो की तुलना में मोटी क्यों होती है ?
उत्तर :
तीन पिन वाले प्लग में एक पिन (Earth pin) के अन्य दो की तुलना में मोटी होने का कारण यह है कि वह कभी भी live या neutral socket में ग्रेवश नहीं कर सकती है। अत: एक दिया हुआ विद्युतीय उपकरण केवल विद्युतीय स्थिति में सम्बन्धित हो पाता है, अर्थात live pin, live wire से और neutral pin, neutral wire से सम्बन्धित हो पाता है।
प्रश्न 27.
200 V – 40 W बल्ब का प्रतिरोध कितना होगा ?
उत्तर :
P = VI
या, P = V . \(\frac{V}{R}\)
या, R = \(\frac{V^2}{P}\)
या, R= \(\frac{(200)^2}{40}\) Ω
या, R = \(\frac{200 \times 200}{40}\) Ω
या, R = 1000 Ω
प्रश्न 28.
एक आदर्श अमीटर तथा एक आदर्श वोल्टमीटर की क्या विशेषता होनी चाहिए ?
उत्तर :
एक आदर्श अमीटर का प्रतिरोध नगण्य तथा एक आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध अत्यधिक होना चाहिए जिससे अमीटर से सर्वाधिक और वोल्टमीटर से न्यूनतम विद्युत धारा प्रवाहित हो सके, क्योंकि अमीटर से विद्युत धारा तथा वोल्टमीटर से परिपथ का विभवान्तर ज्ञात किया जाता है।
प्रश्न 29.
अर्द्धचालक (Semi conductor) और अतिचालक (Super conductor) किसे कहते हैं ?
उत्तर :
अर्द्धचालक (Semi conductor) : ऐसे पदार्थ जिनकी चालकता चालकों और अचालकों (Insulator) के मध्य होता है, उन्हें अर्द्धचालक कहते हैं जैसे : सिलिकन, जर्मेनियम आदि।
अतिचालक (Super conductor) : अतिचालक एक ऐसा पदार्थ होता है जिसका अत्यधिक निम्न तापमान पर प्रतिरोध शून्य होता है अर्थात इनकी चालकता अनत होती है। चूँंकि इतना कम तापक्रम प्राप्त करना बहुत कठिन है, अत: अतिचालक का उपयोग सामान्यत: नहीं होता है।
प्रश्न 30.
लघुपथ (Short circuit) किसे कहते हैं ? इससे क्या हानि होती है ?
उत्तर :
जब विद्युत परिपथ में Neutral-wire और Live-wire के प्लास्टिक का आवरण किसी कारण फट जाता है तो दोनों तार एक दूसरे को स्पर्श करने लगते हैं इस प्रक्रिया को Short circuit कहते हैं। इससे अत्यधिक उष्मा उत्पन्न होती है तथा कभी-कभी आग भी लग जाती है।
इससे सभी विद्युतीय उपरण नष्ट हो जाते हैं तथा आग लगने से बहुत अधिक हानि होती है।
प्रश्न 31.
विद्युत चालकता (Electric Conductivity) किसे कहते हैं ? इसकी क्या इकाई है ?
उत्तर :
किसी चालक का वह गुण जिसके कारण वह अपने से होकर विद्युत धारा का प्रवाह होने देते हैं, उसे उस चालकीय पदार्थ की चालकता कहते हैं। यह प्रतिरोध का व्युत्क्रम (Reciprocal) होता है। यदि किसी चालक का प्रतिरोध R हो, तो विद्युत चालकता \(\frac{1}{R}\) होगा।
प्रश्न 32.
मैक्सवेल का दक्षिण – हस्त नियम लिखें।
उत्तरं:
दक्षिण हस्त नियम : धारा की दिशा और उससे संबंद्ध चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा की जानकारी मैक्सवेल के दक्षिण हस्त (या दाएँ हाथ) के नियम से मिलती है।
मैक्सवेल का दक्षिण-हस्त नियम : यदि धारावाही तार को दाएँ हाथ की मुट्ठी में इस प्रकार पकड़ा जाए कि अंगूठा विद्युत धारा की दिशा की ओर संकेत करता हो, तो हाथ की अन्य अंगुलियाँ चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा व्यक्त करेंगी।
प्रश्न 33.
आजकल बाजार में अन्य बल्ब की तुलना में CFL एवं LED बल्ब की माँग अधिक है क्यों ? कारण सहित उत्तर दें।
उत्तर :
CFL एवं LED बल्ब की माँग अधिक है इसके निम्नलिखित कारण हैं।
- CFL एवं LED बल्ब कम विद्युत खर्च करता है।
- इस प्रकार के बल्ब अधिक दिनों तक चलता है।
- इस प्रकार के बल्ब कम Voltage में भी प्रकाश देता है।
- सफेद रंग का LED बल्ब अपनी उच्च दक्षता के कारण CFL की तुलना में अधिक पसंद किया जा रहा है।
प्रश्न 34.
दिष्ट धारा (D.C.) की तुलना में प्रत्यवर्ती धारा (A.C.) के लाभ का उल्लेख करें।
उत्तर :
D.C. की तुलना में A.C. का प्रयोग लाभदायक है क्योंकि शक्ति उत्पादक केन्द्रों पर केवल ट्रान्सफार्मर की सहायता से A.C. के वोल्टेज को बढ़ाया या घटाया जा सकता है। जहाँ D.C. की आवश्यकता होती है वहाँ rectifier द्वारा A.C. को सुगमता से D.C. में बदला जा सकता है। यदि शक्ति उत्पादक केन्द्र में D.C. उत्पन्न की जाती है, तो उसके वोल्टेज को नहीं बढ़ाया जा सकता है तथा वोल्टेज को कम करने में बहुत अधिक ऊर्जा की क्षति होती है। इसके अतिरिक्त A.C. के रूप में लम्बी दूरीयाँ तक विद्युत ऊर्जा को भेजना भी अपेक्षाकृत कम खर्चीला होता है।
प्रश्न 35.
विद्युत धारा किसे कहते हैं ? विद्युत धारा की S.I. इकाई क्या है ?
उत्तर :
विद्युत धारा (Electric Current) : किसी चालक में इलेक्ट्रोनों के लगातार निश्चित दिशा में प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं।
विद्युत धारा की S.I. इकाई एम्पीयर है।
प्रश्न 36.
जब किसी चालक से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह चालक गर्म क्यों हो जाता है ?
उत्तर :
इलेक्ट्रॉनिक सिद्धान्त के अनुसार किसी चालक में इलेक्ट्रानों की गति के कारण ही विद्युत धारा उत्पन्न होती है। जब इन गतिशील इलेक्ट्रानों के पथ में चालक के परमाणु अवरोधक होते हैं तो इन्हें अवरोधक के खिलाफ कार्य करना पड़ता है। यह कार्य ही चालक में उष्मा के रूप में प्रकट हो जाता है और चालक गर्म हो जाता है।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS
प्रश्न 1.
जल विद्युत शक्ति उत्पादन के मूल सिद्धान्त का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर :
जल विद्युत शक्ति (Hydro electric power) : जल विद्युत शक्ति संयंत्र में जल का ऊँचाई से जल टरबाइन की बकेट में गिराकर जल की स्थितिज ऊर्जा को गतिज ऊजा में परिवर्तित किया जाता है। इस प्रकार टरबाइन की साफ्ट में गति उत्पन्न हो जाती है। इस साफ्ट का सम्पर्क विद्युत जनित्र से कर दिया जाता है। अत: इस प्रकार प्राप्त विद्युत शक्ति को जल विद्युत शक्ति कहते हैं।
प्रश्न 2.
एक विद्युत बल्ब को 220 V मेन्स में जोड़ने पर 1 A विद्युत धारा प्रवाहित होती है। यदि उसी बल्ब को 110 V मेन्स में जोड़ दिया जाये तो कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी ?
उत्तर :
प्रश्न 3.
220 V-60 W और 110 V-60 W के दो बल्बों के प्रतिरोधों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर :
प्रश्न 4.
विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव सम्बन्धी जूल का नियम लिखें।
अथवा
किस प्रकार किसी चालक में विद्युत धारा प्रवहित करने पर उत्पन्न उष्मा की मात्रा, उसके प्रतिरोध, विद्युत धारा की तीव्रता तथा समय पर निर्भर करती है ?
उत्तर :
विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव के सम्बन्ध में जूल ने तीन नियमों का प्रतिपादन किया, जिसे जूल का नियम कहते हैं।
i. धारा का नियम (Law of current) : यदि किसी चालक का प्रतिरोध (R) तथा विद्युत धारा प्रवाहित करने का समय (t) स्थिर हो, तो उस चालक में उत्पन्न उष्मा की मात्रा (H), चालक में प्रवाहित विद्युत धारा (l) के वर्ग के समानुपाती होता है। अर्थात् H α l2 जबकि R और t स्थिर हो।
ii. प्रतिरोध का नियम (Law of resistance) : यदि किसी चालक में प्रवाहित विद्युत धारा (I) तथा विद्युत धारा प्रवाहित करने का समय (t) स्थिर हो, तो उस चालक में उत्पन्न उष्मा की मात्रा (H) चालक के प्रतिरोध (R) के समानुपाती होता है, अर्थात् H α R जबकि। और t स्थिर हो।
iii. समय का नियम (Law of time) : यदि किसी चालक में प्रवाहित विद्युत धारा (I) तथा चालक का प्रतिरोध (R) स्थिए हो, तो उस चालक में उत्पन्न उष्मा की मात्रा (H) विद्युत धारा प्रवाहित करने के समय (t) के समानुपाती होता है, अर्थात् H α, t जबकि । और R स्थिर हो।
जूल के नियम ब. संयुक्त रूप (Combined form of Joule’s law) : H α l2 R t (जबकि I, R तथा I परिवर्तनशील है।)
या, H = \(\frac{I^2 R T}{J}\) कैलोरी (जहाँ J उष्मा का यांत्रिक तुल्यांक कहलाता है।)
या, H = \(\frac{I^2 R T}{4.2}\) कैलोरी (J = 4.2 Joule/calorie)
∴ H = 0.2412 RT कैलोरी।
प्रश्न 5.
किसी घर में 60 watt के 2 बल्ब और 80 वाट के 2 पंखे हैं। बल्ब और पंखे प्रतिदिन 5 घंटे चलते हैं तो एक माह में खर्च की गणना कीजिए। यदि प्रति यूनिट का मूल्य 4 रू० हो। (मान लें 1 माह =30 दिन)।
उत्तर :
2 बल्ब में खर्च विद्युत शक्ति = 2 × 60 = 120 वाट
2 पंखे में खर्च विद्युत शक्ति = 2 × 80 = 160 वाट बल्ब और पंखे में खर्च कुल विद्युत शक्ति =(120+160) वाट =280 वाट
बल्ब और पंखे के चलने का कुल समय = 5 × 30 घंटा =150 घंटा
1 महीना में व्यय कुल ऊर्जा = \(\frac{280 \times 150}{1000}\)
= 42 यूनिट
4 रू० प्रति यूनिट की दर से 1 माह में कुल खर्च = 42 × 4 रू० = 168 रू०
प्रश्न 6.
ओम का नियम लिखो और उसकी व्याख्या करो।
उत्तर :
ओम का नियम : यदि किसी चालक का तापकम तथा अन्य भौतिक दशायें स्थिर हों, तो उस चालक के सिरों के बीच का विभवान्तर उसमें प्रवाहित विद्युत धारा की ताकत के समानुपाती होता है।
माना AB एक चालक है जिसके A सिरे का विभव Va और B सिरे का विभव Vb है । यदि Va > Vb हो, तो विद्युत धारा A से B की तरफ प्रवाहित होगी । माना। ताकत की विद्युत धारा A से B की तरफ प्रवाहित होती है।
A और B के बीच विभवान्तर = Va – Vb = V (माना)
अत: ओम के नियम से V α । या V = R । जहाँ R एक स्थिरांक है जो चालक का प्रतिरोध कहलाता है।
प्रश्न 7.
ओम के नियम से किस प्रकार तुम प्रतिरोध की परिभाषा ज्ञात कर सकते हो ?
उत्तर :
ओम के नियमानुसार V= RI जहाँ R एक स्थिरांक है, जो चालक का प्रतिरोध(Resistance) कहलाता है।
अर्थात् R = \(\frac{V}{1}\)
अत: ओम के नियम से प्रतिरोध की परिभाषा निम्न प्रकार से प्राप्त होती है।
” यदि किसी चालक का तापमान तथा अन्य भौतिक दशायें स्थिर हों, तो उस चालक के सिरों के बीच का विभवान्तर और उसमें प्रवाहित विद्युत-धारा की ताकत का अनुपात उस चालक का प्रतिरोध कहलाता है।”
प्रश्न 8.
प्रतिरोध किसे कहते हैं। किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है।
उत्तर :
प्रतिरोध (Resistance) : प्रतिरोध किसी चालक का वह गुण है, जिसके कारण विद्युत धारा के लगातार प्रवाह में रुकावट आती है।
किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है।
i. चालक की लम्बाई का प्रभाव :- यदि किसी चालक का पदार्थ, परिच्छेद का क्षेत्रफल (A) तथा तापक्रम स्थिर हो, तो चालक का प्रतिरोध (R), उसकी लम्बाई (L) का समानुपाती होता है अर्थात R α L जबकि तापक्रम तथा A स्थिर हो।
अतः चालक की लम्बाई बढ़ाने से प्रतिरोध बढ़ जाता है।
ii. चालक के परिच्छेद के क्षेत्रफल का प्रभाव :- यदि किसी चालक का पदार्थ, उसकी लम्बाई (L) तथा तापक्रम स्थिर हो, तो चालक का प्रतिरोध (R), चालक के परिच्छेद के क्षेत्रफल (A) का विलोमानुपाती होता है, अर्थात R α \(\frac{1}{A}\) जबकि तापक्रम तथा L स्थिर हो।
अत: चालक की मोटाई बढ़ाने से प्रतिरोध घटता है तथा मोटाई कम करने से प्रतिरोध बढ़ता है।
iii. चालक के पदार्थ की प्रकृति का प्रभाव :- चालक का प्रतिरोध उसके पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है। भिन्न-भिन्न धातुओं के समान लम्बाई, समान परिच्छेद का क्षेत्रफल तथा समान तापक्रम पर प्रतिरोध भिन्न-भिन्न होता है।
iv. तापक्रम का प्रभाव :- चालक का प्रतिरोध चालक के तापक्रम पर निर्भर करता है।
(a) धातुओं का प्रतिरोध तापक्रम के बढ़ने से बढ़ता है।
(b) कार्बन, सिलीकॉन तथा Electrolyte का प्रतिरोध तापक्रम बढ़ने से घटता है।
प्रश्न 9.
कुलम्ब का नियम लिखो और उसकी व्याख्या करो।
उत्तर :
कुलम्ब का नियम : “दो आवेशों के स्थिर बिन्दु के बीच लगने वाला आकर्षण और विकर्षण बल दोनों आवेशों की मात्राओं के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के विलोमानुपाती होता है। यह बल दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा पर कार्य करता है।”
यदि दो आवेशों का परिमाण q1 और q2 तथा उनके बीच की दूरी d हो तथा उनके बीच लगने वाला आकर्षण या विकर्षण बल F हो, तो कुलम्ब के नियम के अनुसार
Fα \(\frac{q_1 q_2}{d^2}\)
या, F = k . \(\frac{q_1 q_2}{d^2}\) जहाँ k एक स्थिरांक है।
k का मान दोनों आवेशों के बीच के माध्यम, आवेश, दूरी एवं बल की इकाइयों पर निर्भर करता है।
प्रश्न 10.
तुल्य प्रतिरोध किसे कहते हैं। यदि प्रतिरोध श्रेणी क्रम में जुड़े हों, तो तुल्य प्रतिरोध ज्ञात करें।
उत्तर :
तुल्य प्रतिरोध (Equivalent resistance) : जब किसी परिपथ के द्रो बिन्दुओं के बीच दो या दो से अधिक प्रतिरोधों के समुदाय जुड़े हैं और यदि उन सभी प्रतिरोधों को हटाकर परिपथ के उन्हीं दो बिन्दुओं के बीच एक अकेला प्रतिरोध इस प्रकार जोड़ दिया जाय कि परिपथ की धारा का मान वही रहे जो पहले था, तो वह अकेला प्रतिरोध, उन सभी प्रतिरोधों के समुदाय का तुल्य प्रतिरोध कहा जाएगा।
श्रेणीक्रम संखोजन (Series Comlination) : चालकों के प्रतिरोध आपस में श्रेणीक्रम में जुड़े हुए हों तब कहे जाते हैं जबकि वे एक दूसरे से एक के बाद एक जुड़े हों, अर्थात् पहले चालक का दूसरा सिरा, दूसरा सिरा तीसरे के पहले सिरे से और इस प्रकार, इस अवस्था में सभी चालकों में एक ही धारा प्रवाहित होती है।
माना R1, R2 और R3 तीन प्रतिरोध श्रेणी क्रम में जुड़े हैं और बैटरी से। धारा प्रवाहित की जाती है तथा उनके सिरों के बीच का विभवान्तर क्रमश: V1, V2 और V3 है। अत: ओम के नियम से,
V1 = IR1, V2 = IR2 V3 = I R3
यदि बैटरी का विभवान्तर V हो, तो
V = V1 + V2 + V3 = I R1 + I R2 + IR3 = I(R1 + R2 + R3) ……….(i)
यदि तुल्य प्रतिरोध R हो, तो ओम के नियम से V = IR ………..(ii)
समीकरण (i) और (ii) को तुलना करने पर
IR = I (R1 + R2 + R3)
या, R = R1 + R2 + R3
अत: श्रेणी क्रम जुड़े हुए प्रतिरोधों के तुल्य प्रतिरोध उन सभी प्रतिरोधों के योग के समान होता है।
प्रश्न 11.
कुछ प्रतिरोध किसी परिपथ में श्रेणी अथवा समानान्तर क्रम में संयुक्त हैं। सिर्फ देखकर ही आप निश्चित रूप से कैसे समझेंगे कि वे किस क्रम में संयुक्त हैं ?
उत्तर :
जिस संयोजन में एक प्रतिरोध का दूसरा सिरा, दूसरे के पहले सिरे से जुड़ा हो और इसी प्रकार सभी प्रतिरोध एक के बाद दूसरे से जुड़े हों, तो उस संयोजन के प्रतिरोध श्रेणी क्रम में जुड़े माने जायेंगे।
जिस संयोजन में सभी प्रतिरोधों का एक सिरा परिपथ के किसी एक बिन्दु पर तथा दूसरा सिरा परिपथ के दूसरे बिन्दु पर एक साथ जुड़ा हो, तो उस संयोजन में प्रतिरोध समानान्तर क्रम में जुड़े हुए माने जायेंगे।
प्रश्न 12.
आपको 10 ओम वाले दो प्रतिरोष दिये गये हैं। इनमें सेइ ओम प्रतिरोघ कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
उत्तर :
दिया गया है : r1 = r2 = 10 Ω
∴ 5 ओम प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए दिये गये प्रतिरोधों को समानान्तर क्रम र्म जोड़ना होगा।
प्रश्न 13.
बार्लो के चक्के के घूर्णन पर क्या प्रभाव परिलक्षित होता है जब (i) विद्युत धारा की ताकत बढ़ाई जाती है (ii) चुम्बक के दोनों ध्रुवों को उल्टा कर दिया जाता है (iii) चुम्बक के ध्रुवों तथा धारा प्रवाह की दिशा दोनों को बदल दिया जाता है ?
उत्तर :
(i) विद्युत धारा की ताकत को बढ़ाने से चक्के के घूमने की गति बढ़ जाती है।
(ii) विद्युत धारा के प्रवाह की दिशा को स्थिर रखते हुए यदि चुम्बक के भुवों की स्थितियों को उल्टा कर दिया जाय तो चक्के के घूमने की दिशा बदल जाएगी।
(iii) यदि चुम्बक के धुवों की स्थिति तथा विद्युत धारा के प्रवाह की दिशा दोनों को बदल दिया जाता है तो चक्के के घूमने की दिशा अपरिवर्तित रहती है।
प्रश्न 14.
विद्युत मोटर किसे कहते हैं ? इसके सिद्धांत का वर्णन करो।
उत्तर :
विद्युत मोटर : वह उपकरण जिसके द्वारा विद्युतीय ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा में रूपान्तरित होती है, उसे विद्युत मोटर कहते हैं।
सिद्धांत : विद्युत मोटर का सिद्धान्त विद्युतवाही चालक पर एवं चुम्बक के प्रभाव पर आधारित है। इसमें शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र में एक कुण्डली स्वतंत्रतापूर्वक घूमती है। इस कुण्डली को आर्मेचर कहते हैं। कुण्डली के घूमने की दिशा फ्लेमिंग के बाँयें हाथ के नियम पर आधारित है।
प्रश्न 15.
फ्यूज तार क्या है और इसका उपयोग क्यों होता है ?
उत्तर :
फ्यूज तार (Fuse wire) : यह टीन और लेड के मिश्रधातु का बना पतला तार होता है जिसका गलनांक बहुत कम लेकिन प्रतिरोध बहुत अधिक होता है। इसको चीनी मिट्टी या प्लास्टिक के खोल के अन्दर लगाकर विद्युत परिपथ में श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है।
उपयोग : जब परिपथ में अचानक बहुत अधिक शक्ति की विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो अधिक उष्मा उत्पन्न होने के कारण फ्यूज पिघल जाता है और विद्युत परिपथ टूट जाता है जिससेबल्ब तथा अन्य विद्युतीय उपकरण नष्ट होने से बच जाते हैं।
प्रश्न 16.
केबुल में लाइव वायर, न्यूट्रल वायर और अर्थ वायर का रंग क्या होता है? इसका उपयोग क्या है ?
उत्तर :
घरेलू परिपथ में विभिन्न रंग वाले तारों का व्यवहार किया जाता है। लाइव वायर लाल या भूरे रंग का, न्यूट्रल वायर काले या नीले रंग का तथा अर्थ वायर हरा या पीले रंग का होता है।
उपयोग : विभिन्न रंग वाले तार का व्यवहार करने से परिपथ में धारा प्रवाह की उचित जानकारी प्राप्त होती है तथा प्रयोजन के अनुसार परिपथ को आगे बढ़ने में सुविधा होती है।
प्रश्न 17.
चुम्बकीय फ्लक्स (Magnetic Flux) किसे कहते हैं ? इसकी इकाई क्या है ? यह कौन सी भौतिक राशि है ?
उत्तर :
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत रखे किसी तल से गुजरने वाली कुल चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या को चुम्बकीय फ्लक्स कहते हैं। यह तल का क्षेत्रफल और चुम्बकीय क्षेत्र के गुणनफल के बराबर होता है।
इसकी इकाई वेबर (Weber) या न्यूटन-मी० / एम्पियर होता है। यह एक अदैशिक राशि है।
प्रश्न 18.
अर्थिंग (Earthing) और M.C.B. से क्या समझते हो ?
उत्तर :
अर्थिंग (Earthing) : घरेलू परिपथ को सुरक्षित रखने के लिए भू-तार का सम्बन्ध एक सुचालक तार द्वारा पृथ्वी से कर दिया जाता है। भू-तार को जमीन के अन्दर लगभग 2 मीटर. नीचे गाड़कर गड्दू में कोयला, नमक, जल और लोहे के टुकड़े भरकर उसे मिट्टी से ढक दिया जाता है। इसे ही अर्थिंग कहते हैं।
घरेलू परिपथ का सम्बन्ध अर्थिग से कर देने पर शार्ट सर्किट या Over loading के कारण विद्युत उपकरणों में अधिक धारा प्रवाहित होने लगती है जो भू-तार से होकर पृथ्वी में चली जाती है, फलस्वरूप विद्युत उपकरण नष्ट होने से बच जाता है तथा व्यक्ति भी बिजली के झटके से बच जाते हैं।
M.C.B. (Miniature Circuit Breaker) : आजकल प्राय: सभी घरों में M.C.B. का उपयोग होता है। यह मुख्य Supply से सम्बन्धित होता है। उचित परिमाण से अधिक विद्युत का प्रवाह होने पर यह, स्वत: बन्द (off) हो जाता है। यह सम्पूर्ण वायरिंग तथा उपकरणों को नष्ट होने से बचाता है।
प्रश्न 19.
विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव से क्या समझते हो ? फ्लेमिंग के बाँए हाथ का नियम लिखो।
उत्तर :
जब किसी सुचालक धातु के तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो उसके चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है और जब चुम्बकीय सुई धारावाही तार के समीप लायी जाती है, तो सुई में विक्षेप उत्पन्न हो जाता है। यही विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव है।
फ्लेमिंग के बाँये हाथ का नियम : यदि बाँये हाथ की प्रथम तीन अंगुलियाँ अर्थात् अंगूठा, तर्जनी (पहली अँगुली) और मध्य अँगुली को एक दूसरे के लम्बवत फैलाकर इस प्रकार रखा जाये कि तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा तथा मध्य अँगूली विद्युत धारा की दिशा सूचित करें, तो अँगूठा द्वारा चालक के घूमने की दिशा प्रदर्शित होती है।
प्रश्न 20.
विद्युत हीटर और विद्युत बल्ब पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर :
विद्युत हीटर (Electric Heater) : इसकी कार्य पद्धति विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव पर आधारित है। इसमें नाइक्रोम मिश्रधातु के पतले तार चीनी मिट्टी या किसी अन्य कुचालक पदार्थ की प्लेट में सजे रहते हैं। नाइक्रोम तार की प्रतिरोधकता और गलनांक अधिक होता है। प्रतिरोधकता अधिक होने के कारण अधिक उष्मा उत्पन्न होती है तथा गलनांक अधिक होने के कारण तार पिघलकर टूटता नहीं है। इस तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर तार अत्यधिक गर्म होकर उष्मा प्रदान करता है।
विद्युत बल्ब : यह काँच से बना विशेष आकार का बल्ब है। इसे वायु शून्य करके थोड़ी मात्रा निष्क्रिय गैस के साथ नाइट्रोजन का मिश्रण कम दबाव पर भर दिया जाता है। विशेष आकार के बने काँच के दण्ड से होकर निकले दो मोटे तारों की सहायता से टंगस्टन धातु की एक लम्ब और पतली तार की कुण्डली लगी होती है जिसे फिलामेन्ट कहते हैं। मोटे तार के दोनों सिरे अल्यूमिनियम की टोपी से होकर बाहर की ओर वायुरुद्ध रूप से बन्द सिरे पर स्थित सीसा के दो टुकड़ों से जुड़े रहते हैं।
अल्यूमिनियम की टोपी से जुड़े दो छोटे साकेट पिन संबंधित रहते हैं। जब बल्ब के दोनों तारों को विद्युत साकेट के द्वारा विद्युत परिपथ से जोड़ते हैं तो विद्युत धारा फिलामेन्ट से होकर प्रवाहित होने लगती है। फिलामेन्ट का प्रतिरोध बहुत अधिक होने के कारण विद्युत ऊर्जा, उष्मा ऊर्जा में परिणत होती है और फिलामेन्ट गर्म होकर उज्ज्वल प्रकाश देने लगता है।
प्रश्न 21.
L.E.D. और C.F.L. बल्बों की तुलना करें।
उत्तर :
L.E.D. और C.F.L. बल्बों में तुलना :
L.E.D. | C.F.L |
1. इसका जीवनकाल लगभग 50,000 घंटा होता है। | 1. इसका जीवनकाल लगभग 8,000 घंटा होता है |
2. इस बल्ब के स्विच को ON/OFF करने पर इसके जीवन काल पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। | 2. इस बल्ब के स्विच को ON/OFF करने पर इसका जीवन काल घट जाता है। |
3. L.E.D. बल्ब $2-17$ वाट विद्युत खर्च करते हैं। | 3. C.F.L., L.E.D. की अपेक्षा अधिक वाट खर्च करता है। |
4. L.E.D. बल्ब शीघ्र प्रकाशित हो जाते हैं। | 4. C.F.L बल्ब पूरी क्षमता से प्रकाशित होने में कुछ समय लेते हैं। |
प्रश्न 22.
जब 42 ओम प्रतिरोध वाले चालक में 5 एम्पीयर विद्युत धारा 1 मिनट तक प्रवाहित होती है, तो कितनी उष्मा उत्पन्न होगी ?
उत्तर :
यहाँ,
R = 42 ओम
I = 5 एम्पीयर
समय (t) = 1 मिनट = 60 सेकेण्ड
हम जानते हैं कि H = \(\frac{I^2 R T}{4.2}\)
या, H = \(\frac{5^2 \times 42 \times 60}{4.2}\) = 15000 कैलोरी