Detailed explanations in West Bengal Board Class 10 Life Science Book Solutions Chapter 5 वातावरण एवं इसके संसाधन तथा उनका संरक्षण offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 10 Life Science Chapter 5 Question Answer – वातावरण एवं इसके संसाधन तथा उनका संरक्षण
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
निम्न चारों पदों में से एक बाकी तीनों का समन्वय है, वह पद खोजके लिखो : स्थानीय जैविक संसाधनों का संपूर्ण ज्ञान, PBR, स्थानीय जैविक संसाधन का परंपरागत मान्यता, स्थानिक जैविक संसाधन का चिरस्थायी उपयोग।
उत्तर :
PBR
प्रश्न 2.
सिनगालिया नैशनल पार्क में संरक्षित एक लुप्तप्राय प्रजाति के पशु का नाम लिखो।
उत्तर :
लाल पाण्डा।
प्रश्न 3.
नीचे दिये गये चार शब्दों में से तीन एक ही विषय के अन्तर्गत हैं। उसे मालूम किजिए और लिखिए। इम्व्रोयो, मेरिस्मेटिक उतक, बीज, कायोसंरक्षण।
उत्तर :
क्रायोसंरक्षण।
प्रश्न 4.
सुन्दरवन परिवेश से सम्बन्धित आधुनिक उद्देग के कारण का नाम लिखिए।
उत्तर :
औद्योगीकरण एवं यातायात के लिए सड़कों के निर्माण के कारण सुन्दरवन के वृक्षों की कटाई से वन्य क्षेत्र का संकुचित होना।
प्रश्न 5.
सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान कहाँ है ?
उत्तर :
सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के अरवल जिले में अरावली पर्वत श्रेणी में स्थित है।
प्रश्न 6.
ताजमहल का पीलापन कौन-सा मुख्य प्राकृतिक दुर्घटना से कारण हुआ ?
उत्तर :
ताजमहल का पीलापन अम्ल वर्षा जैसी प्राकृतिक दुर्घटना के कारण हुआ है।
प्रश्न 7.
बुक्सा राष्ट्रीय उद्यान कहाँ है ?
उत्तर :
बुक्सा राष्ट्रीय उद्यान पक्चिम बंगाल की सनकोसी नदी और मानस राष्ट्रीय उद्यान के निकट है।
प्रश्न 8.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले सहजीवी बैक्टिरिया का नाम बताओ।
उत्तर :
राइजोबियम।
प्रश्न 9.
नाइट्रोजन चक्र में कौन सी बैक्टिरिया नाइट्राइट को नाइट्रेट में बदलता है?
उत्तर :
नाइट्रोबैक्टर।
प्रश्न 10.
जलाभूमि की एक लाभदायक भूमिका लिखिए।
उत्तर :
जलाभूमि जैव-विविधता एवं पर्यावरण का संरक्षक है।
प्रश्न 11.
स्लूज क्या है ?
उत्तर :
युट्रांफिकेशन के कारण जलाशयों में निक्षेपित पदार्थो के जमा होने से उत्पन्न चिकनी, दलदली मिट्टी जो जलाशय के तल में जमा होता है, उसे स्लज (Sludge) कहते हैं।
प्रश्न 12.
किस जन्तु के संरक्षण के लिए सुन्दरवन प्रसिद्ध है ?
उत्तर :
रॉयल बंगाल टाइगर।
प्रश्न 13.
पश्चिम बंगाल में स्थित एक अभ्यारण्य का नाम बताओ जहाँ एक सिंघ वाला गेंडा संरक्षित किया जाता है।
उत्तर :
जलदापाड़ा।
प्रश्न 14.
W.W.F. का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर :
World Wildlife Fund.
प्रश्न 15.
एक संकट में पड़े जंगली जन्तु का नाम बताओ।
उत्तर :
लाल पंडा।
प्रश्न 16.
पश्चिम बंगाल के एक संरक्षित वन का नाम बताओ।
उत्तर :
गोरूमारा।
प्रश्न 17.
पश्चिम बंगाल के अभ्यारण्यों के नाम बताओ।
उत्तर :
सुन्दरवन, जलदापाड़ा।
प्रश्न 18.
मगरमच्छ परियोजना किस नाम से विख्यात है ?
उत्तर :
भागवतपुर मगरमच्छ परियोजना के नाम से।
प्रश्न 19.
दाल जातीय पौधे के जड़ों की गाँठों में पाये जाने वाले सहजीवी बैक्टिरिया का नाम बताओ।
उत्तर :
राइजोबियम।
प्रश्न 20.
अमीनो अम्ल से अमोनिया बनने की क्रिया क्या कहलाती है ?
उत्तर :
अमोनीकरण।
प्रश्न 21.
मिट्टी में उपस्थित नाइट्राइट या नाइट्रेट के विघटन से स्वतंत्र नाइट्रोजन गैस उत्पत्न होने की क्रिया क्या कहलाती है ?
उत्तर :
डिनाइट्रीफिकेशन।
प्रश्न 22.
ज्वालामुखी विस्फोट से उत्पत्र राख कौन सा प्रदूषक है।
उत्तर :
प्राथमिक प्रदूषक।
प्रश्न 23.
वायु में ठोस या द्रव कणों के तैरते हुए कणों को क्या कहते हैं ?
उत्तर :
एयरोसॉल (Aerosol)।
प्रश्न 24.
आर्सेनिक प्रदूषण का लक्षण क्या है ?
उत्तर :
मेलौनोसिस।
25.
ध्वनि की तीव्रता को किस इकाई में मापा जाता है ?
उत्तर :
डेसिबल।
प्रश्न 26.
कल-कारखानों में ध्वनि की तीव्रता कितनी पायी जाती है ?
उत्तर :
100 डेसिबल।
प्रश्न 27.
वायु प्रदूषण के कारण होने वाले एक श्राँस रोग का नाम बताओ।
उत्तर :
दमा (Asthma)।
प्रश्न 28.
कैंसर उत्पत्र करने वाला कारक क्या कहलाता है ?
उत्तर :
कारसिनोजेन्स।
प्रश्न 29.
रेसरपाइन एल्कोलॉयड किस औषधिय पौधा से प्राप्त होता है ?
उत्तर :
सर्पगन्धा से।
प्रश्न 30.
भारत में कुल कितने अभ्यारण्य (Sanctuary) हैं ?
उत्तर :
515
प्रश्न 31.
भारत में राष्ट्रीय उद्यान (National park) की संख्या बताओ।
उत्तर :
90
प्रश्न 32.
असम के एक अभ्यारण्य का नाम बताओ।
उत्तर :
मानस अभ्यारण्य, बारपेटा (असम)।
प्रश्न 33.
वृक्ष बचाओ आन्दोलन कहाँ आरम्भ हुआ ?
उत्तर :
हिमालय की तलहटी में।
प्रश्न 34.
किसी जीवधारी के जननिक बदलाव या हेरफेर की जानकारी किसके द्वारा प्राप्त होती है ?
उत्तर :
जननिक अभियांत्रिकी (Genetic Engineering) से।
प्रश्न 35.
JFM का पूरा नाम बताओ।
उत्तर :
संयुक्त वन प्रबंध (Joint Forest Management).
प्रश्न 36.
PBR का पूरा नाम बताओ।
उत्तर :
People Biodiversity Register.
प्रश्न 37.
अत्यधिक संकटग्रस्त प्राणी का नाम बताओ।
उत्तर :
लाल पाण्डा।
प्रश्न 38.
भारत के बाघ संरक्षण केन्द्र का नाम लिखिए।
उत्तर :
भारत का बाघ संरक्षण केन्द्र पश्चिम बंगाल का सुन्दरवन एवं बिहार का पलामू है।
प्रश्न 39.
“माइक्रोस्फीयर” (सूक्ष्म मण्डल) शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया ?
उत्तर :
सिडनी डब्ल्यू फॉक्स (Sidney W. Fox) ने माइक्रोस्फीयर शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किया।
प्रश्न 40.
भारत में गैण्डा के संरक्षण के लिए अपनाई गई परियोजना का नाम लिखिए।
उत्तर :
भारत में गैण्डा के संरक्षण के लिए अपनाई गई परियोजना का नाम “गैण्डा पुनर्वास कार्यक्रम” है।
प्रश्न 41.
SPM का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर :
SPM = सस्पेन्डेड पार्टिकुलेट मैटर (Suspended Particulate Matter).
प्रश्न 42.
दिए गए चार शब्दों (Term) में एक सभी को इंगित करता है उसका नाम लिखिए -क्रायोप्रीजर्वेशन, वाह्य स्थानीय संरक्षण, जन्तु उद्यान, वनस्पति उद्यान।
उत्तर :
वाह्य स्थानीय संरक्षण।
प्रश्न 43.
एक नीले-हरे शैवाल का नाम लिखिए।
उत्तर :
नीला -हरा शैवाल -नॉस्टॉक (Noctoc).
प्रश्न 44.
IUCN का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर :
IUCN- इन्टरनेशनल युनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचुरल रिसोर्सेज (International Union for Conservation of Natural Resources).
प्रश्न 45.
वायु में N2 की सामान्य प्रतिशत क्या है ?
उत्तर :
वायु में N2 की सामान्य प्रतिशत 77.17 % है।
प्रश्न 46.
अम्ल वर्षा में उपस्थित एक अम्ल नाम बताइए।
उत्तर :
अम्ल वर्षा में नाइट्रस अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, सल्फ्युरिक अम्ल आदि होता है।
प्रश्न 47.
ध्वनि प्रदूषण का एक बुरा प्रभाव लिखिए।
उत्तर :
बहरापन।
प्रश्न 48.
पश्चिम बंगाल में लाल पाण्डा का संरक्षण कहाँ होता है ?
उत्तर :
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के कंचनजघा अभयारण्य में लाल पाण्डा का संरक्षण होता है।
प्रश्न 49.
बेमेल को अलग करें : NO2, DDT, डेसिबल, आर्सेनिक।
उत्तर :
डेसिबल।
प्रश्न 50.
एक अमीनोफाइंग बैक्टिरिया का नाम बताओ।
उत्तर :
बैसिलस वलगैरिस (Bacillus Volgaris)
प्रश्न 51.
एक हरित गृह गैस का नाम बताओ।
उत्तर :
नाइट्रस ऑक्साइड
प्रश्न 52.
सन् 1992 ई० में होने वाली पृथ्वी सम्मेलन कहाँ हुआ था ?
उत्तर :
राओ डी-जेनेरिओ में
प्रश्न 53.
विकसित देशों में 25 प्रतिशत ड्रग्स किन पेड़-पौधों से प्राप्त होते हैं?
उत्तर :
औषधिय पौधों से
प्रश्न 54.
किन मछलियों का उत्पादन स्वच्छ मीठे जल के संसाधनों में होता है ?
उत्तर :
श्रीम्प (Shrimp)
प्रश्न 55.
सुन्दरवन के क्षेत्रों में शहरीकरण के फलस्वरूप किसका विनाश हुआ है ?
उत्तर :
मैंग्रोव वनस्पतियों का।
प्रश्न 56.
भारत में सर्वप्रथम वनस्पतिक सर्वेक्षण विभाग की स्थापना कहाँ की गयी ?
उत्तर :
कोलकाता में
प्रश्न 57.
संजय गाँधी प्राणी उद्यान कहाँ है ?
उत्तर :
पटना (बिहार) में
प्रश्न 58.
बाघ परियोजना का आरम्भ भारत में कब हुआ ?
उत्तर :
सन् 1973 ई० में।
प्रश्न 59.
जंगली शाकाहारी पशु जैसे- सांभर तथा चीतल आदि किसका भोजन है ?
उत्तर :
शेरों का
प्रश्न 60.
अत्यधिक संकटग्रस्त प्राणी का नाम बताओ।
उत्तर :
लाल पाण्डा
प्रश्न 61.
दो डिनाइट्रोफाइंग बैक्टिरिया के नाम बताओ।
उत्तर :
दो डिनाइट्रोफाइंग बैक्टिरिया- स्यूडोमोनास तथा थायोबैसिलस डिनाइट्रिफिकेन्स(Thiobacillus denitrificans)।
प्रश्न 62.
दो नाइट्रोजन अवशोषित करने वाली अल्गी के नाम बताओ।
उत्तर :
एनाबिना (Anabena), नॉस्टाक (Nostoc)
प्रश्न 63.
जन्तुओं को नाइट्रोजन किस रूप में प्राप्त होता है ?
उत्तर :
जन्तुओं को नाइट्रोजन वनस्पति प्रोटीन के रूप में प्राप्त होता है।
प्रश्न 64.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले एक सहजीवी बैक्टिरिया का नाम लिखो।
उत्तर :
राइजोबियम लेग्युनिनोसरम (Rhizobium Leguninosarum)
प्रश्न 65.
संरक्षण में रखे गये कुछ जन्तुओं के नाम बताओ।
उत्तर :
संरक्षण में रखे गये जन्तु- बाघ, गेंडा, घड़ियाल आदि हैं।
प्रश्न 66.
प्रदूषक किसे कहते हैं ?
उत्तर :
प्रदूषण उत्पन्न करने वाले अभिकारको को प्रदूषक (Pollutants) कहते हैं।
प्रश्न 67.
भविष्य में लुप्त होने की संभावना वाले कुछ भारतीय जन्तुओं के नाम बताओ।
उत्तर :
अजगर (Python), शेर (Lion), घड़ियाल (Crocodile), हाथी (Elephant) आदि।
प्रश्न 68.
कुछ स्वतंत्र रूप में रहने वाले जीवाणुओं के नाम बताओ।
उत्तर :
स्वतंत्र रूप में रहने वाले जीवाणु- क्लासट्रिडियम (Clustridium), एजोटोबैक्टर (Azotobacter), स्यूडोमोनास (Pseudomonas) आदि हैं।
प्रश्न 69.
भारत के दो विलुप्त जन्तुओं के नाम बताओ।
उत्तर :
डायनोसार (Dinosaurs), वूली मैमोथ (Wooly Mammoth) आदि।
प्रश्न 70.
नाइट्रोजन चक्र में कौन सी बैक्टेरिया नाइट्राइट को नाइट्रेट में बदलता है ?
उत्तर :
N2 Cycle में नाइट्रोबैक्टर नामक जीवाणु नाइट्राइट को नाइट्रेट में बदलता है।
प्रश्न 71.
अमोनीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर :
जटिल नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिकों के विघटन से अमोनिया बनने की विधि को अमोनीकरण कहते हैं।
प्रश्न 72.
नाइट्रोजन चक्र की क्रिया कितने पदों में पूर्ण होती है ?
उत्तर :
नाइट्रोजन चक्र की क्रिया चार पदों में पूर्ण होती है – नाइट्रोजन स्थिरीकरण, अमोनिफिकेशन, नाइट्रिफिकेशन तथा डिनाइट्रफिकेशन।
प्रश्न 73.
नाइट्रिफिकेशन (Nitrification) क्या है ?
उत्तर :
अमोनिया से नाइट्रेट तथा नाइट्राइट से नाइट्रेट बनने की क्रिया को नाइट्रिफिकेशन कहते हैं।
प्रश्न 74.
डिनाइट्रिफिकेशन क्या है ?
उत्तर :
मिट्टी में उपस्थित घुलनशील नाइट्राइट तथा नाइट्रेट के विघटन से स्वतंत्र नाइट्रोजन गैस उत्पन्न होने की क्रिया को डिनाट्रिफिकेश कहते हैं।
प्रश्न 75.
भारत में मगरमच्छ परियोजना कब शुरू की गयी ?
उत्तर :
भारत में सर्वप्रथम मगरमच्छ परियोजना सन् 1975 ई० में शुरू की गई।
प्रश्न 76.
गैंडा परियोजना क्षेत्र कहाँ बनाया गया ?
उत्तर :
शिवसागर (असम) काजीरंगा उद्यान में “गैंडा परियोजना क्षेत्र” बनाया गया है।
प्रश्न 77.
सरीसुप वर्ग के विलुप्त होने के कगार पर के कुछ जन्तुओं के नाम बताओ।
उत्तर :
घड़ियाल, कछुआ, अजगर आदि कुछ सरीसृप वर्ग के प्राणी विलुप्त होने के कगार पर हैं।
प्रश्न 78.
JFM की स्थापना कब हुई ?
उत्तर :
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने राष्ट्रीय वन नीति 1998 बनाई, जिसमें वनों के संयुक्त प्रबंधन को पर्याप्त भहत्व दिया गया।
प्रश्न 79.
दमा क्या है ?
उत्तर :
दमा श्रसन से संबंधित एक रोग है जिसमें मनुष्य को साँस लेने में अत्यधिक बाधा पहुँचता है।
प्रश्न 80.
क्रायोप्रिजरवेशन तकनीक क्या है ?
उत्तर :
क्रायोप्रिजरवेशन तकनीक द्वारा संकटग्रस्त जीवों के युग्मकों को जीवित व जननक्षम रखने के लिए संरक्षण किया जाता है।
प्रश्न 81.
पश्चिम बंगाल में गेंडा के अभ्यारण्य का नाम बताओ।
उत्तर :
गोरूमारा (Gorumara), जलदापाड़ा (Jaldapara)।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type) : 2 MARKS
प्रश्न 1.
मनुष्य के क्रियाओं द्वारा नाइट्रोजन चक्र प्रभावित हुआ है। दो घटनाओं को उल्लेख कर के उपर्युक्त वाक्य को सत्यापित करो।
अथवा
‘मानवीय क्रियाकलापों से नाइट्रोजन चक्र प्रभावित होती है’- इसके पक्ष में दो तर्क उपस्थित करो।
उत्तर :
मानवीय क्रिया कलापों का नाइट्रोजन चक्र पर प्रभाव
(i) अधिक भोज्य पदार्थो के उत्पादन के लिए किसान अपने खेतों में रासायनिक उर्वरक का उपयोग अधिक करते हैं। इससे मिट्टी में नाइट्रोजन की भात्रा में वृद्धि होती है। इससे वातावरण में N2O गैस की सान्द्रता बढ़ जाती है। यह एक ग्रीन हाउस गैस है।इससे वायु प्रदूषण होता है।
(ii) नाइट्रोजन के आक्साइड नाइट्रिक अम्ल बनाते हैं। यह वर्षा के जल से मिलकर अम्ल वर्षा के साथ धरती पर गिरते हैं। इस अम्ल वर्षा से मिट्टी, पौधे, जन्तु और जल के साथ ही साथ मानव सम्पदा भी प्रभावित होती है।
प्रश्न 2.
आर्द्रभूमि के विनाश तथा कृषिभूमि के मात्रा के निरंतर समाप्त होने की क्रिया पर्यावरण को किस प्रकार प्रभावित करेगा ?
उत्तर :
आर्द्रभूमि के विनाश का पर्यावरण पर प्रभाव : (i) पीने के लिए पानी की कमी। (ii) जैवविविधता की क्षति। कृषिभूमि के विनाश के पर्यावरण पर प्रभाव : कृषिभूमि के नष्ट होने से खाद्य उत्पादन में कमी आयोगी जिसके फलस्वरूप जीवों के बीच संघर्ष बढ़ेगा और लोग भूखमरी के शिकार होंगे।
प्रश्न 3.
मनुष्य के कानों तथा हृदय पर ध्वनि प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को लिखो।
उत्तर :
ध्वनि प्रदूषण के कारण कानों की सुनने की क्षमता कम हो जाती है। आदमी पूर्ण रूप से बहरा भी हो सकता है। ध्वनि प्रदूषण से हृदय गति बढ़ जाती है। रक्तचाप बढ़ जाता है जिससे हृदय आघात होने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रश्न 4.
मानव सभ्यता में जैव-विविधता का निम्न दो आधार के अनुसार क्या योगदान है उल्लेख करें ?
(i) खाद्य उत्पादन
(ii) औषधियों का उत्पादन
उत्तर :
खाद्य उत्पादन में जैव विविधता का योगदान : पौधे भोजन के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। खाद्य पौधों की कई प्रजातियों में से हम अनाज (गेहूँ, धान आदि) दाल, सब्जियाँ, फल आदि के रूप में ग्रहुण करते हैं।
औषधियों के उत्पादन में जैव विविधता का योगदान : हमें पौधों से अनेक प्रकार की औषधियाँ प्राप्त होती हैं। कुनैन नामक दवा हमें सिनकोना की छाल से प्राप्त होती है, जो मलेरिया के उपचार में उपयोग में लाई जाती है। रेसरपिन नामक दवा सर्पगंधा की जड़ से निकाली जाती है जो उच्च रक्तचाप को कम करने मेंकाम आती है।
प्रश्न 5.
जैव नाइट्रोजन स्थिरीकरण की विधि में भाग लेने वाले दो सूक्ष्म जीवों का नाम लिखिए।
उत्तर :
जैव नाइट्रोजन स्थिरीकरण में भाग लेने वाले दो सूक्ष्म जीव एजोटोबैक्टर, एवं राइजोबियम लेग्यूमिनोसैरम (Rhizobium leguminosarum) नामक जीवाणु है।
प्रश्न 6.
अम्ल वर्षा से होने वाली दो हानियों का उल्लेख करें।
उत्तर :
अम्ल वर्षा (Acid rain) :
- अम्ल वर्षा का सबसे बूरा असर फसलों पर पड़ता है। इससे फसलो की पैदावार कम हो जाती है।
- अम्ल वर्षा का जल जब झीलो और नदियों के पानी से मिलता है। तो उस जल को प्रदूषित कर देती है। जिससे उसमें मौजूद कई तरह की मछलियाँ एवं जीव मर जाती है।
- बारिश का यह पानी धरती के अन्दर स्थित जल स्रोत में मिलता है। जो उसे पीने के लायक नहीं रहने देता है।
प्रश्न 7.
वैश्विक उष्णता के कारण जैव-विविधता के नुकसान के चार कारण लिखिए।
उत्तर :
वैश्विक उष्णता के कारण जैव विविधता को भारी क्षति हो रही है।
- जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप प्रवासी पक्षीयों के साथ-साथ अनेक पशु पक्षीयों का नाश हो रहा है।
- कुछ समुद्री पक्षीयों के प्रजनन दर में अत्यधिक ह्रास हुआ है।
- वैश्विक उष्गता के कारण तापमान में वृद्धि के कारण अतिवृष्टि तथा अनावृष्टि जैसे समस्याएँ उत्पन्न हो रही है।
- तापमान के औसत वृद्धि के कारण हिम क्षेत्र पिघल रहे है। जिससे समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। परिणामस्वरूप तटवर्ती इलाके डूबने लगे है।
प्रश्न 8.
लोगों में जैव विविधता रजिस्टर में जैव विविधता सम्बन्धित जो मुख्य विषय अभिलेखयुक्त किये जाते हैं उन्हें लिखिए।
अथवा
PBR कैसे बनता है।
उत्तर :
PBR : यह स्थानीय लोगों की सहायता से तैयार किया गया विवरण पुस्तिका है।PBR को बनाने के लिए जैवविविधता प्रबंधन समिति (BMC) का गठन किया जाता है। इस समिति के सदस्य प्रश्न तालिका बनाकर स्थानीय लोगों से स्थानीय जीवों के सम्बन्ध में पूछताछ करते हैं। सदस्यों द्वारा प्राप्त डाटा का विश्लेषण कर उन्हें क्रमबद्ध रजिस्टर में लिखा जाता है।
प्रश्न 9.
“विदेशज प्रजातियों का प्रवेश स्थानीय जैव विविघता को प्रभावित करती है” – दो उदाहरणों के साथ वर्णन करो।
उत्तर :
विदेशज प्रजातियों का प्रवेश स्थानीय वातावरण को प्रभावित करता है –
(i) भारत में खाद्य जहाजों के माध्यम से अमेरिकी तिलचट्टा के प्रवेश से यहाँ का मूल निवासी प्राचीन तिलचट्टा का तेजी से विलोप हो रहा है।
(ii) जल के स्रोत में अन्य स्थान से जलकुम्भी के आ जाने से उस जल में पहले से उपस्थित जलीय जीवों का जीवन खतरे में पड़ जाता है।
प्रश्न 10.
मनुष्य के फेफड़े में कैंसर का एक कारण एवं एक लक्षण का उल्लेख करो। (Board Sample Paper)
उत्तर :
(i) कैन्सर के कारण – सिगरेट एवं गुटका का नशा करने वालों में मुँह एवं फेफड़ों का कैसर अधिक देखने को मिलता है।
(ii) लक्षण : अनियंत्रित कोशिका विभाजन द्वारा कोशिकाओं में असाधारण वृद्धि तथा गुणन द्वारा ट्यूमर का बनना इसकी पहचान है।
प्रश्न 11.
गिर जंगल में शेरों की संख्या को बढ़ाने के लिए अपनायी जानेवाली दो संरक्षण के उपायों का उल्लेख करो।
उत्तर :
गिर जंगल में सिंहों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रस्ताव :
(i) सन् 1972 में शेर परियोजना का आरम्भ गुजरात के गिर वन क्षेत्र में किया गया। इस क्षेत्र में सिंह का शिकार करना पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित है।
(ii) सिंह को प्राकृतिक रूप से भोजन मिलता रहे इसलिए यहाँ के जंगल में सांभर एवं चीतल की संख्या को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। सिंह अपनी प्रजनन क्रिया को किस प्रकार से कायम रखेंगे इसके लिए उचित कार्यवायी की जरूरत है।
प्रश्न 12.
भूमण्डलीय उष्णता (ताप) के कारण जैव विविधता में होने वाले दो क्षति का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
(i) समुद्र के जल स्तर में वृद्धि हो रही है जिससे द्वीप समुद्र के भीतर होते जा रहे हैं।
(ii) विभिन्न प्रकार के जन्तुओं एवं पौधों की जातियाँ विलुप्त हो गई हैं या होने के कगार पर हैं। जैसे – मेडागास्कर का डोडो।
प्रश्न 13.
नाइट्रोजन चक्र क्या है ?
उत्तर :
जिस चक्रिय विधि द्वारा वायुमण्डलीय नाइट्रोजन मिट्टी तथा जीवों के शरीर में प्रवेश कर पुन: मिट्टी तथा जीवों के शरीर से वापस वायुमण्डल में मुक्त होती है उसे नाइट्रोजन चक्र कहते हैं।
प्रश्न 14.
कैसे N2 मिट्टी से निकलकर वायुमण्डल में जाता है ?
उत्तर :
नाइट्रोजन का त्याग (Denitrification) : मिट्टी में उपस्थित नाइट्राइट या नाइट्रेट के विघटन से स्वतंत्र नाइट्रोजन गैस उत्पन्न होने की क्रिया को नाइट्रोजन का त्याग (denitrification) कहते हैं। यह क्रिया denitrifying bacteria; जैसे – Pseudomonas, Thiobacillus-dentrificance आदि द्वारा होती है। स्वतंत्र नाइट्रोजन गैस (N2) वायुमण्डल में मिल जाती है।
प्रश्न 15.
नाइट्रोजन के स्थिरीकरण की जैविक प्रक्रिया क्या है ?
उत्तर :
इसमें जीवाणु, यीस्ट, शैवाल जैसे सूक्ष्मजीव भाग लेते है। इसके अन्तर्गत सूक्ष्मजीव पादप कोशिकाओं के बाहर मिट्टी में उपस्थित स्वतंत्र नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करते हैं। यह निम्नलिखित तीन प्रकार के होते है-
जीवाणुओं द्वारा, नीली-हरी शैवाल द्वारा, यीस्ट द्वारा।
लेग्यूमिनोसी कुल के पौधो, जैसे-मटर, अरहर, मूँगफली आदि की जड़ों मे अनेक छोटी-छोटी गाँठे होती हैं। इनमें राइजोबियम लेग्यूमिनोसैरम नामक जीवाणु होते हैं। ये जीवाणु वायु की स्वतंत्र नाइट्रोजन का स्थिरि करण करते हैं। और नाइट्रोजन का रूपान्तरण नाइट्राइट एवं नाइट्रेट में होता है।
प्रश्न 16.
नाइट्रोजन स्वांगीकरण की क्रिया क्या कहलाती है ?
उत्तर :
नाइट्रेट, नाइट्राइट के रूप अकार्बनिक नाइट्रोजन के हरे पौधों द्वारा अवशोषित होकर नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक योगिकों में परिवर्तित होने की क्रिया को नाइट्रोजन स्वांगीकरण कहते हैं।
प्रश्न 17.
अमोनीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर :
अमोनीकरण (Ammonification) : नाइट्रोजनयुक्त कार्बनिक पदार्थों के अमोनियम आयन (NH4) में टूटने की क्रिया को अमोनीकरण कहते हैं। भूमि में यह क्रिया अमोनीकारी जीवाणुओं (ammonifying bacteria) द्वारा होती है (जैसे – बैसिलस वलगैरिस और बैसिलस मायक्कायड जीवाणु आदि।
प्रश्न 18.
परितंत्र का जैव आवर्धन उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर :
जैविक आवर्धन : जब मृदा में व्यक्तिकम आता है तो उसके पोषक और गुणकारी तत्व सूक्ष्म जीवों का विनाश हो जाता है तथा हानिकारक पदार्थ जैसे कीटनाशकों और पारा जैसे धात्विक पदार्थों की वृद्धि होती है जो पौधों के माध्यम से खाद्य श्रृंखला द्वारा एक से दूसरे प्राणियों में संचरित होते हैं। इससे प्राणियों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचता है और इसे ही जैविक आवर्धन कहते हैं।
प्रश्न 19.
जैव-विविघता का मुख्यालय (केन्द्र स्थल) समझाए।
उत्तर :
भूमण्डलीय स्तर पर संरक्षणविदों (conservationists) ने जैव विविधता की अधिकतम सुरक्षा हेतु कुछ जैव विविधता हॉट स्पॉद्स चिह्तित किये हैं। जैव विविधता हॉट स्पॉट्स ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ पर जातीय समृद्धि बहुत अधिक होती है तथा कुछ ऐसी जातियाँ भी होती हैं जो अन्य स्थानों पर नहीं होती। संसार में ऐसे जैव विविधता हॉटट स्थल (hot spots) की पहचान की गयी, इनमें से 4 हॉटट स्थल (hot spots) भारत में स्थित है। यथा- पूर्वी घाट (Eastern Ghat) तथा सुण्डालैण्ड (Sundaland) हैं।
प्रश्न 20.
यूट्रोफिकेशन क्या है ?
उत्तर :
जलाशयों में जीवधारियों के पोषण के लिए विशेष पोषक तत्व की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि की प्रक्रिया को युट्रोफिकेशन कहते हैं। युट्रोंफिकेशन की अवधि झील के आकार, गहराई, निक्षेपित पदार्थो की मात्रा तथा आन्तरिक रूप से निर्मित कार्बनिक पदार्थों की मात्रा पर निर्भर करता है।
प्रश्न 21.
PBR क्या है।
उत्तर :
PBR का पूरा नाम Public Biodiversity Register है। स्थानिय लोगों की सहायता से उस क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न प्रजातियों का विवरण रखने वाले रजिस्टर को Public Biodiversity Register कहते हैं।
प्रश्न 22.
JFM से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
JFM (Joint Forest Management) संयुक्त वन प्रबंधन।
राज्य के वन विभाग और वहाँ के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर वन की सुरक्षा की व्यवस्था को ज्वाइन्ट फारेस्ट मैंनेजमेंट कहते हैं।
प्रश्न 23.
जैव विविधता के संरक्षण की रणनीतियों को कितने श्रेणियों में बाँटा गया है ?
उत्तर :
जैव विविधता के संरक्षण की रणनीतियों को दो प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
(A) यथा स्थल संरक्षण
(B) बहि:स्थल संरक्षण।
प्रश्न 24.
वायुमंडल में नाइट्रोजन मुक्त करने में बैक्टिरिया की क्या भूमिका है ?
उत्तर :
डिनाइट्रिफाइंग जीवाणु जैसे सुडोमोनास मिट्टी के उपस्थित नाइट्राइट्र और नाइट्रेट का अवकरण कर इसे स्वतंत्र आक्सीजन में बदल देते हैं।
प्रश्न 25.
मिट्टी में रहने वाले नाइट्रोजन बंधनकारी किसी एक स्वतंत्र जीवन-निर्वाह करने वाले बैक्टीरिया का नाम लिखिए।
उत्तर :
(a) एजोटोबैक्टर
(b) क्लास्ट्रीडियम।
प्रश्न 26.
नाइट्रोजन को ग्रहण करने वाली दो शैवाल का नाम बताइए।
उत्तर :
(i) नास्टाक
(ii) एनाबीना।
प्रश्न 27.
नाइट्रीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर :
अमोनिया से नाइट्राइट एवं नाइट्राइट से नाइट्रेट बनने की क्रिया को नाइट्रीकरण कहते हैं।
प्रश्न 28.
दो नाइट्रिफाइंग जीवाणु का नाम बताइए।
उत्तर :
(i) नाइट्रोसोमोनास (Nitrosomonas)
(ii) नाइट्रोबैक्टर (Nitrobactor).
प्रश्न 29.
मिट्टी में अमोनिया को नाइट्रेट में बदलने के लिए उत्तरदायी जीवाणुओं का नाम बताइए।
उत्तर :
(i) नाइट्रोसोमोनास
(ii) नाइट्रोबैक्टर।
प्रश्न 30.
दो वायु प्रदूषक का नाम बताइए।
उत्तर :
(a) CO2 गैस
(b) SPM.
प्रश्न 31.
SPM क्या है ?
उत्तर :
वायु में उपस्थित 0.001 μm से 100 μm आकार वाले कणों को SPM (Suspended Particulate Matter) कहते हैं।
प्रश्न 32.
संरक्षित वन (Reserve forest) क्या है ?
उत्तर :
यह वह वन है जो कानूनन सुरक्षित है, जहाँ कुछ विशेष वन्य प्राणियों का संरक्षण होता है। जैसे- पध्चिम बंगाल का चपरामारी तथा गोरूमारा आरक्षित वन।
प्रश्न 33.
जैव मंडल रिजर्व (Biosphere Reserve) क्या है ?
उत्तर :
जैव मंडल रिजर्व वह निर्दिष्ट क्षेत्र है, जहाँ भूमि के बहुत उपयोग के लिए अनुमति दी जाती है। इस उद्देश्य से भूमि को कई मंडलों में बाँटा जाता है तथा एक मंडल एक विशिष्ट गतिविधि के लिए समर्पित होता है।
प्रश्न 34.
नाइट्रोजन चक्र N2 Cycle के महत्व बताओ।
उत्तर :
नाइट्रोजन चक्र के निम्नलिखित महत्व हैं –
(i) नाइट्रोजन चक्र सजीव तथा निर्जीव जगत में नाइट्रोजन की मात्रा को संतुलित रखता है।
(ii) इस चक्र के फलस्वरूप जैविक तथा अजैविक वातावरण में परस्पर सम्बन्ध बना रहता है।
प्रश्न 35.
नाइट्रोजन चक्र में जीवाणुओं की क्रियाकलापों के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
नाइट्रोजन चक्र में जीवाणुओं की भूमिका : जीवाणु, नाइट्रोजन चक्र का एक प्रमुख कारक है। इनके अभाव में नाइट्रोजन चक्र पूरी नहीं हो सकती है। नाइट्रोजन चक्र की सभी अवस्थाएँ इसके सहयोग की अपेक्षा रखती हैं। जैसा :
(a) चयापचयी यौगिकीकरण : यह किया राइजोबियम, एजोटोबैक्टर और क्लास्ट्रिडियम नामक जीवाणु द्वारा होती है। इस क्रिया में हवा की नाइट्रोजन नाइट्राइट एवं नाइट्रेट में बदल जाता है।
(b) अमोनीकरण : यह क्रिया बैसिलम रैमोसस नामक जीवाणु द्वारा होती है। इस क्रिया में अमीनो अम्ल के विघटन के फलस्वरूप अमोनिया (NH3) गैस बनती है।
प्रश्न 36.
जनसंख्या की वृद्धि दर एवं मृत्यु दर से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
जनसंख्या वृद्धि दर : प्रति हजार जनसंख्या पर जन्म दर एवं मृत्यु दर के अन्तर को ‘जनसंख्या की वृद्धि’ कहते हैं। जनगणना 2011 के अनुसार भारत में औसत वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर 2001-2011 के बीच 1.64 % रही।
जनसंख्या की मृत्यु दर :- प्रति वर्ष जनसंख्या में जितने प्रतिशत की मृत्यु होती है, उसे मृत्यु दर कहते हैं।
प्रश्न 37.
पर्यावरणीय प्रदूषण से क्या समझते हो? प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर :
पर्यावरणीय प्रदूषण : मानवीय क्रिया-कलापों के कारण पर्यावरण में वांछनीय तत्वों की उपस्थिति को ही पर्यावरणीय प्रदूषण कहते हैं। प्रदूषण निम्न चार प्रकार के होते हैं –
(a) वायु प्रदूषण (Air Pollution)
(b) जल प्रदूषण (Water Pollution)
(c) ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) तथा
(d) मिट्टी प्रदूषण (Soil Pollution)।
प्रश्न 38.
ध्वनि प्रदूषण क्या है? ध्वनि प्रदूषण के एवं प्रभाव क्या हैं ?
अथवा
मनुष्य पर ध्वनि प्रदूषण के दो दुष्परिणाम लिखिए।
उत्तर :
ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution) : ध्वनि जब हमारे कानों की सहन शक्ति से अधिक तेज हो जाती है तो हम इसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव :
(क) शारीरिक स्वास्थ्य पर
(ख) मानसिक स्वास्थ्य पर
(ग) औद्योगिक दुर्घटनाएँ तथा
(घ) अन्य प्रभाव।
दुष्परिमाण :
(i) कम सुनाई देना
(ii) कान का सुन हो पाना।
प्रश्न 39.
वायु प्रदूषण से बचाव के लिए दो उपकरणों का नाम लिखिए।
उत्तर :
वायु प्रदूषण से बचाव के लिए दो उपकरण-
(i) नाक एवं मुँह को ढँककर रखने के लिये यातायात में वायु फिल्टर का प्रयोग।
(ii) मोटर गड़ियों एवं दोपहिया वाहनों में धुआँ – फिल्टर उपकरण लगाना।
प्रश्न 40.
दमा (Asthma) क्या है ?
उत्तर :
दमा वायु प्रदूषण के कारण होने वाला क्षाँस रोग है। इसमें भाँस लेने में कठिनाई होती है। इसका प्रमुख पर्यावरणीय कारण है पशुओं के सड़े-गले मृत शरीर, पौधों के परागकण, धूलकण, फफूंद, गंधयुक्त रसायन आदि जब वायु में उपस्थित होता है तो दमा का दौरा पड़ता है।
प्रश्न 41.
राष्ट्रीय उद्यान के किन्हीं दो विशेषताएँ लिखिए।
अथवा
राष्ट्रीय उद्यान क्या है ?
उत्तर :
राष्ट्रीय उद्यान वह सुरक्षित क्षेत्र है जहाँ पर वन्य प्राणियों का उनके प्राकृतिक वातावरण के साथ संरक्षण होता है। यहाँ लोगों के आमोद-प्रमोद का भी साधन होता है। जैसे- उत्तर प्रदेश का कोरबेट नेशनल पार्क तथा झारखंड का हजारीबाग नेशनल पार्क।
प्रश्न 42.
भारत में रेड पान्डा का कितने राज्यों में संरक्षण होता है ?
उत्तर :
भारत के चार राज्यों (सिक्किम, पश्चिम बंगाल, मेघालय तथा अरुणाचल प्रदेश) में रेड पान्डा का संरक्षण होता है।
प्रश्न 43.
राष्ट्रीय उद्यान का दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
(a) कार्बेरिट राष्ट्रीय उद्यान
(b) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान।
प्रश्न 44.
भारत की दो संकटापन्न प्रजातियों का नाम बताइए।
उत्तर :
(a) घड़ियाल एवं
(b) रेड पान्डा भारत की दो संकटापन्न प्रजातियों में उल्लेखनीय हैं।
प्रश्न 45.
जनसंख्या क्या है ?
उत्तर :
किसी स्थान पर उपस्थित एक ही जाति के स्वतंत्र सदस्यों के समूह को जनसंख्या (Population) कहते हैं।
प्रश्न 46.
राष्ट्रीय उद्यान क्या है ?
उत्तर :
राष्ट्रीय उद्यान वह सुरक्षित क्षेत्र है जहाँ पर वन्य प्राणियों का उनके प्राकृतिक वातावरण के साथ संरक्षण होता है। यहाँ लोगों के आमोद-प्रमोद का भी साधन होता है। जैसे-उत्तर प्रदेश का कोरबेट नेशनल पार्क तथा झारखंड का हजारीबाग नेशनल पार्क।
प्रश्न 47.
बायोम क्या है ?
उत्तर :
स्थान विशेष में पाये जाने वाले पौधों तथा जन्तुओं के प्राकृतिक समूह को बायोम (Biome) कहते हैं।
प्रश्न 48.
बाघ योजना (Tiger Project) क्या है ?
उत्तर :
भारत सरकार ने लगातार विलुप्त हो रहे बाघों की सुरक्षा के लिए सन् 1972 ई० में एक योजना प्रस्तावित की जिसे व्याघ्र योजना कहते हैं। इस योजना के अन्तर्गत बाघों का शिकार करना एक कानूनी जुर्म माना गया है।
प्रश्न 49.
जंगली जन्तुओं का अभ्यारण्य (Wild Life Sanctuary) क्या है ?
उत्तर :
वन्य जन्तु शरणालय वन संस्थान द्वारा घोषित वन का ही वह भाग है जिसमें किसी भी जन्तु की हत्या, शिकार अथवा पकड़-धकड़ सरकार द्वारा निषेध कर दी गई है। किन्तु योग्य अधिकारी की पूर्वाज्ञा से अनुसंधान हेतु सीमित संख्या में जन्तुओं को पकड़ा भी जा सकता है।
प्रश्न 50.
प्रदूषण (Pollution) से क्या समझते हो ?
उत्तर :
वातावरण में सामान्य तत्वों के अतिरिक्त बाह्य पदार्थों की उपस्थिति तथा तत्वों का सामान्य मात्रा से अधिक मात्रा में उपस्थित होना प्रदूषण कहलाता है।
प्रश्न 51.
दृश्य पदार्थ कण (Suspended particulate matter) क्या है ?
उत्तर :
वायुमण्डलीय प्रदूषण के कारणों में अदृश्य गैसों की उपस्थिति के अतिरिक्त कुछ दृश्य कण भी वातावरण में झूलते रहते हैं, जिन्हें दृश्य पदार्थ कण (SPM) कहा जाता है। इनमें प्रमुख रूप से धूलकण, शीशा, पारा आदि के छोटेछोटे कण होते हैं।
प्रश्न 52.
दृश्य पदार्थ कण के स्रोत क्या हैं ?
उत्तर :
SPM का मुख्य स्रोत जीवाश्म ईंधनों के दहन, ज्वालामुखी एवं माइनिंग प्रक्रिया आदि हैं। इसके अतिरिक्त घरेलू उपयोग में लाये जाने वाले रंग एवं अन्य रासायनिक यौगिक भी वायुण्डल में अपने कण निष्कासित करते हैं।
प्रश्न 53.
ब्रांकाइटिस के लक्षण क्या-क्या हैं ?
उत्तर :
बांकाइटिस के निम्न लक्षण हैं –
- कफ की शिकायत
- आवाज करते हुए साँस लेना
- सीने में जलन या तकलीफ
- साँस उखड़ना आदि।
प्रश्न 54.
जैव विविधता के संरक्षण की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर :
जैव विविधता के संरक्षण से कृषि, उद्यान कृषि, फूल कृषि, पशुपालन, एपीकल्चर, रेशम उत्पादन, लाह उत्पादन, सुअर पालन, मुर्गी पालन तथा मत्स्य पालन आदि के लिए ब्रिडिंग कार्यक्रम चलाया जा सकता है।
प्रश्न 55.
पिपल्स बायोडाईभरसिटी रजिस्टर (People’s Biodiversity Register-PBR) क्या है ?
उत्तर :
पिपल्स बायोडाईभरसिटी रजिस्टर (PBR) एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें स्थानीय जीवों के सम्बन्ध में ज्ञान, उनका प्राप्ति स्थान, उनका उपयोग, उनकी ऐतिहासिकता, परम्परागत विश्चास जैसे असंख्य तथ्य मौजूद रहते हैं।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS
प्रश्न 1.
N2 Cycle के महत्व बताओ।
उत्तर :
नाइट्रोजन चक्र के निम्नलिखित महत्व हैं –
- नाइट्रोजन चक्र सजीव तथा निर्जीव जगत में नाइट्रोजन की मात्रा को संतुलित रखता है।
- इस चक्र के फलस्वरूप जैविक तथा अजैविक वातावरण में परस्पर सम्बन्ध बना रहता है।
- यह पौधों तथा जन्तुओं की कोशिकाओ, ऊत्तकों तथा अंगों के निर्माण में भाग लेता है।
प्रश्न 2.
पौधे वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को सीधा ग्रहण नहीं कर पाते हैं, क्यों ?
उत्तर :
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को पौधे सीधे ग्रहण नहीं कर पाते हैं। इसका कारण यह है कि नाइट्रोजन जल में अघुलनशील है। अत: पत्तियों के पर्णरन्थ में प्रवेश कर उसमें उपस्थित जल की सतह में घुलकर विसरित नहीं हो पाता तथा यह अघुलनशील होने के कारण मूल रोम द्वारा अवशोषित जल के साथ भी पौधों के अन्तःकोशिकाओं में नहीं पहुँच पाता। परन्तु जब यह घुलनशील नाइट्राइट या नाइट्रेट में बदल जाता है तो सरलतापूर्वक पौधों की जड़ों द्वारा अवशोषित हो जाता है।
प्रश्न 3.
प्राथमिक प्रदूषक किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित बताओ।
उत्तर :
प्राथमिक प्रदूषक (Primary Pollutant) : प्राकृतिक तरीकों से या मनुष्य के द्वारा जो हानिकारक पदार्थ. उत्पन्न होकर वायुमण्डल को प्रदूषित करते हैं, उन्हें प्राथमिक प्रदूषक कहा जाता है। जैसे- ज्वालामुखी विस्फोट से उत्पन्न राख, यानवाहनों के उत्सर्जन से निकलने वाली गैसें, औद्योगिक रसायन, कल-कारखानों की चिमनियों से उत्पन्न धुँआ।
प्रश्न 4.
द्वितीयक प्रदूषक से क्या समझते हो ?
उत्तर :
प्राथमिक प्रदूषक जो आपस में क्रिया या प्रतिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न होकर वायुमण्डल को प्रदूषित करते हैं, उन्हें द्वितीयक प्रदूषक कहा जाता है। जैसे- दलदली स्थानों से सूक्ष्म जीवों की प्रतिक्रिया द्वारा उत्पन्न फास्कीन एवं धरातलीय स्तर की ओजोन गैसें, रेडियोधर्मी पदार्थ, कीटनाशक रसायन आदि।
प्रश्न 5.
एयरोसॉल (Aerosol) कैसे उत्पन्न होते हैं ?
उत्तर :
मिट्टी के सूक्ष्म कणों को वायुमंडल में प्रवेश करने, समुद्री लहरों के थपेड़ों द्वारा, परागकणों तथा बीजाणु को वायु द्वारा उड़ाने, ज्वालामुखी क्रियाओं एवं खर-पतवार, पेड़-पौधों एवं मृत जन्तुओं को जलाने से एक्रोसॉल उत्पन्न होते हैं।
प्रश्न 6.
जल प्रदूषण (Water Pollution) क्या है ?
उत्तर :
जल प्रदूषणः जब जल में शहरों से निकलने वाला गन्दा पानी, कार्बनिक तथा अकार्बनिक पदार्थ, आवश्यकता से अधिक खनिज लवण, औद्योगिक संयंत्रों से निकले हुए रासायनिक अवशिष्ट आदि मिल जाते हैं तो जल अपनास्वाभाविक गुण खो देता है, तो यह समस्त जीवधारियों के लिए हानिकारक हो जाता है। इस क्रिया को जल प्रदूषण कहते हैं।
प्रश्न 7.
जैव-आवर्धन (Bio-magnification) क्या है ?
उत्तर :
विशेष रासायनिक यौगिक रूप में विषाक्त धातुएँ (Toxic metals) को सीधे तौर पर जलीय जीवधारियों द्वारा जल से ग्रहण कर लिया जाता है। तब इन धात्विक तत्वों की सान्द्रता खाद्य शृंखला के प्रत्येक स्तर पर बढ़ती जाती है। इस प्रकार खाद्य श्रृंखला के प्रत्येक स्तर पर विषाक्त धातुओं की सांद्रता वृद्धि को जैव आवर्धन कहते हैं।
प्रश्न 8.
मेलौनोसिस (Malanosis) क्या है ?
उत्तर :
मेलौनोसिस आर्सेनिक प्रदूषण का लक्षण है जिसमें बड़े-बड़े धब्ये पूरे शरीर पर निकल आते हैं, पैरों और तलवों में गाँठ निकल आते हैं। आर्सेनिक प्रदूषण के कारण दमा, ब्रांकाइटिस, सिरोसिस, यकृत रोग, त्वचीय कैंसर आदि भी हो जाते हैं।
प्रश्न 9.
युट्रोफिकेशन (Eutrofication) क्या है ?
उत्तर :
जलाशयों में जीवधारियों के पोषण के लिए विशेष पोषक तत्व की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि की प्रक्रिया को युट्रोंफिकेशन कहते हैं। युट्रोंफिकेशन की अवधि झील के आकार, गहराई, निक्षेपित पदार्थों की मात्रा तथा आन्तरिक रूप से निर्मित कार्बनिक पदार्थों की मात्रा पर निर्भर करता है।
प्रश्न 10.
ध्वनि प्रदूषण क्या है? ध्वनि प्रदूषण के क्या-क्या प्रभाव हैं ?
उत्तर :
ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution) : ध्वनि जब हमारे कानों की सहन शक्ति से अधिक तेज हो जाती है तो हम इसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव :
(क) शारीरिक स्वास्थ्य पर
(ख) मानसिक स्वास्थ्य पर
(ग) औद्योगिक दुर्घटनाएँ तथा
(घ) अन्य प्रभाव।
प्रश्न 11.
अस्थमा (Asthma) क्या है ?
उत्तर :
अस्थमा वायु प्रदूषण के कारण होने वाला भाँस रोग है। इसमें धाँस लेने में कठिनाई होती है। इसका प्रमुख पर्यावरणीय कारण है पशुओं के सड़े-गले मृत शरीर, पौधों के परागकण, धूलकण, फफूंद, गंधयुक्त रसायन आदि जब वायु में उपस्थित होता है तो दमा का दौरा पड़ता है।
प्रश्न 12.
बहि:स्थल संरक्षण (Ex-situ conservation) से समझते क्या हो ?
उत्तर :
बहि :स्थल संरक्षण वह संरक्षण है जिसमें पौधों के लिए वनस्पति उद्यान या प्राणियों के लिए चिड़ियाघर, जेनेटिक संशोधन केन्द्र, कल्चर संग्रह इत्यादि अथवा जीन पूल और मछलियों के युग्मकों का संग्रह, बीजों के लिए जननद्रव्य बैंक जिसमें शुक्राणु, अंडाणु, कोशिका इत्यादि का संग्रह कर उनके प्राकृतिक आवास से बाहर संरक्षित किया जाता है।
प्रश्न 13.
प्राणी उद्यान (Zoological garden) क्या है ?
उत्तर :
प्राणी उद्यान में प्राणियों का संरक्षण वैज्ञानिकों की निगरानी में किया जाता है। यह जन साधारण को भी देखने के लिए निर्देशानुसार अनुमति दी जाती है। इस उद्यान में मनोरंजन एवं पर्यटन स्थल भी होते हैं। विनाश के कगार पर आने वाले प्राणियों के प्रजनन के लिए आधुनिक कार्यक्रम चलाया जाता है।
प्रश्न 14.
कायोप्रिजर्वेशन (Cryopreservation) क्या है ?
उत्तर :
वह विधि जिसमें कोशिकाओं या सम्पूर्ण उत्तको या अन्य कोई पदार्थ जिसे किसी रासायनिक प्रतिक्रियाओं से या समय के अनुसार क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना होती है, उन्हें शून्य से कम तापक्रम पर उण्डा कर, संरक्षित किया जाता है। इसके लिए बीज बैंक, पराग भण्डारण, टीशू कल्चर, जननिक संसाधन केन्द्र एवं जननिक अभियांत्रिकी केन्द्रों की स्थापना की गई है।
प्रश्न 15.
संकटग्रस्त प्राणियों के नाम बताओ।
उत्तर :
संकटग्रस्त प्राणी निम्नलिखित हैं-
शेर (Lion), गैंडा, बर्फीले चीते (तेन्दुआ), हुलुक गिष्बन, सुनहरे लंगूर, जंगली गधा, लाल पाण्डा, चींटी खोर पैन्गोलियन, हंगुल, माउस हिरण, कस्तूरी मृग, गंगा नदी के डॉल्फिन आदि।
प्रश्न 16.
मगरमच्छ परियोजना (Crocodile Project) का संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर :
भारत में सर्वप्रथम सन् 1975 ई० में मगरमच्छ परियोजना का प्रारम्भ किया गया। सन् 1975 ई० में एक मगरमच्छ प्रजनन और संरक्षण कार्यक्रम बाकी मगरमच्छों का संरक्षण उनके प्राकृतिक आवासों में करने के लिए उनके प्रजनन केन्द्र बनाकर शुरू किया गया। यह देश की सबसे सफल बहि:स्थली संरक्षण तथा प्रजनन परियोजनाओं में से एक है।
प्रश्न 17.
टीशु-कल्चर क्या है ?
उत्तर :
टीशु बैंकों को संगठित कर सड़कर जननिक क्षरण से बचाने के लिए इस तकनीक का उपयोग अत्यधिक लाभदायक हो सकता है। रोग मुक्त प्रविभाजी ऊत्तकों का हिम सुरक्षण द्वारा यह किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कटे हुए जड़ों एवं क्षतिग्रस्त प्ररोहों को लम्बी अवधि तक अन्त: भूरीय कल्चर द्वारा पुनर्निर्माण क्षमता का ह्रास किये बिना एवं जननिक संरचना में परिवर्तन के बिना भी कैलस बनने की अवस्था को हटाते हुए यह संभव है।
दीर्घउत्तरीय प्रश्नोत्तर (Descriptive Type) : 5 MARKS
प्रश्न 1.
फ्लोचार्ट के माध्यम से नाइट्रोजन चक्र के स्तरों को समझाओ।
उत्तर :
प्रश्न 2.
“मनुष्य के बहुत सारी अंधाघुध क्रियाओं से पर्यावरण प्रदूषित होता है” -इस कथन को तीन उपयुक्त उदाहरणों के द्वारा समझाओ। एक राष्ट्रीय उद्यान तथा एक बायोस्फियर रिजर्व जो पश्चिम बंगाल में विद्यमान हो, उदाहरण दो। 3 + 2
उत्तर :
नगरीकरण और औद्योगीकरण से जल वायु मिट्टी और वातावरण प्रदूषित हुआ जो अनेक समस्यों को उत्पन्न कर रहा है। बढ़ते हुए यातायात के साधनों से निकलने वाले धुवा से हवा में प्रदूषण तीव गति से बढ़ रहा है जो स्वास्थ पर बूरा असर डाल रहा है। जल प्रदूषण से जल जनित रोग जैसे हैजा और पेट की बिमारी बढ़ रही है।
ध्वनि वादक यंत्रों से निकली उच्च डेसीबल की ध्वनि भी अनेक रोगों का कारण बन गयी। जंगलों के विनाश का भी वातावरण पर घातक प्रभाव दिख रहा है।
राष्ट्रीय उद्यान – जलदापारा
वायोस्फीय रीर्जव – सुंदरवन
प्रश्न 3.
मनुष्य में कौन से पर्यावरण के कारक कैंसर का कारण है ? भू-तापीय उष्णता के कारण समुद्र में जल का स्तर यदि अतिरिक्त बढ़ जाये तो मनुष्य तथा सुंदरवन के जैव-विविघता को कौन सी समस्याएँ होंगी ? 3 + 2
उत्तर :
वातावरण में व्याप्त अनेक विषैले रसायन शरीर में कैंसर उत्पत्न करते हैं। इन्हें कारसिनोजन कहते हैं। जैसे –
निकोटिन, कैफिन, बेंजाडाइन, डाइमिथाइल नाइट्रोसाइन, निकिल, क्रोमियम और परा बैंगनी किरणें इत्यादि। सिगरेट के धुआँ से मुहँ और फेफड़ा का कैंसर होता है। ये पदार्थ कोशिका विभाजन की क्रिया को अनियंत्रित कर देते हैं। जिससे इन अंगो में ट्यूमर बन जाता है। बाद में यही ट्यूमर कैंसर का कारण हो जाता है।
समुद्र में जल के स्तर बढ़ने से किनारे पर बसे गाँव जल निमग्न हो जायेंगें। इनकी खेती एवं जीविका के अन्य साधन नष्ट हो जायेंगें। सुंदरवन में स्थित जन्तु और वन स्थति भी नष्ट हो जायेगी।
प्रश्न 4.
गिर राष्ट्रीय उद्यान में शेर के स्वस्थान संरक्षण (इन-सिदु संरक्षण) हेतु क्या उपाय किये गये है ? उल्लेख करो। मनुष्य के जनसंख्या वृद्धि के निरंतरता से कौन से पर्यावरण के समस्याओं का समाज में जन्म होगा ? 2 + 3
उत्तर :
गिर राष्ट्रीय उद्यान में शेर के स्वस्थान संरक्षण (इन-सिदु संरक्षण) हेतु उपाय : गिर राष्ट्रीय उद्यान में शेर के स्वास्थान संरक्षण के लिए इस वन के लोगों के आने जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिये गये हैं। शेरों को अपना भोजन मिलता रहा, इसकी भी व्यवस्था की गयी है। इनकी स्वतंता में किसी प्रकार की बाधा न पड़े जिससे ये अपने प्राकृतिक रूप में रहकर अपनी वंश परम्परा को कायम रखें।
जन संख्या वृद्धि के कारण उत्पन्न पर्यावरण की समस्यायें :
(i) अत्दोह : बढ़ती हुई जन संख्या के भोजन की पूर्ति के लिए मिट्टी में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशक दवाइयों का उपयोग अत्यधिं बढ़ गया। ऐसा होने से मिट्टी की गुणता में भारी गिरावट बढ़ रही है:
(ii) प्राकृतिक संसानों का ह्वास :उद्योग के लिए जंगल का विनाश हो रहा है जो अनेक नयी समख्यों को जन्म दे रहा है।
प्रश्न 5.
श्वास रोग के क्या कारण हैं ? जैव विविधता के संरक्षण में संयुक्त वन प्रबंधन की भूमिका क्या है। 2 + 3
उत्तर :
ध्वास रोग के मुख्य कारण वायुपदूषण है। कार्बन मोनो ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन जैसी गैसों से मानव में दमा, ब्रोन्काइटिस, टान्सिल, जैसी खतरनाक, फुसफुस रोग सम्बन्धि स्वास रोग होती है।
संयुक्त वन प्रबंधन की भूमिका : राज्य के वन विभाग और वहाँ के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर वन की सुरक्षा की व्यवस्था को संयुक्त वन प्रबन्धन (Joint forest managment) कहते है। यह भारत सरकार द्वारा 1998 ई० में स्थापित किया गया। सन् 1971 में पश्चिम बंगाल में इस अग्रणी प्रजेक्ट का आरंभ साल के वनों में पश्चिम बंगाल की पश्चिम मिदनापुर जिला को पुन: बचाव और प्रबंधन के लिए, अराबरी वन के स्थानीय निवासियों के द्वारा किया गया। इसका प्रारंभ वहाँ के लोगों की माँग को पूरा करने के लिए और वन को विनाश से बचाने के लिए हुआ। वन की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए सामान्य जन की भागीदारी को साथ लिया गया। इससे सामान्य जनों में चेतना जागृत हुई और उन्हें इससे आर्थिक मदद भी मिली। अराबरी जंगल में आज भी JFM व्यवस्था चल रही है।
प्रश्न 6.
जैव विविधता के घटने के कारणों की उचित उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए। 5
उत्तर :
मनुष्य की बढ़ती आबादी प्राकृतिक सम्पदा का अत्यधिक दोहन वास स्थान का ह्रास तथा पर्यावरण का दूषित होना मुख्य कारण है। जैव विविधता के घटने के निम्नलिखित कारण है :
वास-स्थान का क्षय (Habitat destruction) : मानव की आबादी में गुणात्मक वृद्धि हो रही है। इस बढ़ती जनसंख्या की विभिन्न क्रियाओं की पूर्ति के लिए मानव वन्य जीवों के आवासो को नष्ट कर रहा है जिससे कर्ड देशों में मुख्यतः द्वीपों में कई प्रकारकी प्राणी विलुप्त हो चुके है। भारत में 80 प्रतिशत जीवों के आवास नष्ट हो चुके हैं।
वन पौधों का अवक्षय : लकड़ी, कोयला, नगर बसाने, हवाई अड्डे व कारखानों के निर्माण के लिए मनुष्य ने वन्य पौधों को काट कर नष्ट कर दिया है। वन्य पेड़-पौधों से अनेक वन्य प्राणियों को भोजन मिलता है। इनके कटने के कारण वन्य प्राणी लुप्त होते जा रहे है।
शिकार और अवैध शिकार (Hunting and Poaching) : वन्य-जंतुओं का भोजन के लिए तथा उनके बाल, खाल, दाँत (हाथी दाँत), सींग और औषधियाँ प्राप्त करने के लिए शिकार किया गया। अनेक वन्य-प्रजातियों का शिकार मनोरंजन के लिये भी किया गया। हालांकि अनेक वन्य प्रजातियों के जीवों के शिकार और उनकी हत्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, किन्तु पिर भी इन जीवों का केवल आर्थिक लाभ के लिए चोरी- छिपे शिकार किया जा रहा है।
प्रदूषण : प्रदूषण का सामान्य कारण पेस्टीसाइड, औद्योगिक रासायन और अवशिष्ट है। जो फैक्ट्रियों और ऑटोमोबायल से निकलता है। इन प्रदूषित पदार्थों के परिणामस्वरूप अम्लीय वर्षा हो रही है और वहाँ क जलवायु भी बदल रही है। इससे जीवों को काफी नुकसान हो रहा है।
विश्व तापन (Global warming) : आज संपूर्ण विश्ष तापन की समस्या से ग्रसित है। विश्व तापन आज विश्व की सबसे भयावह पर्यावरणीय संकट है। इसके कारण विश्च के तापमान में वृद्धि के कारण अतिवृष्टि तथा अनावृष्टि जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। तापमान के औसत वृद्धि के कारण जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वक्षप प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ अनेक पशु-पक्षियों का नाश हो रहा है।
प्रश्न 7.
भारतीय एक सींग वाले गैणड़े की संख्या बढ़ाने के लिए प्रस्तावों का उल्लेख कीजिए। मीठा जल किस प्रकार प्रदूषित हो हा है, अपने अनुभव के आधार पर विचार प्रस्तुत कीजिए। 2 + 3
उत्तर :
भारतीय एक सींग वाले गैण्डे की संख्या बढ़ाने के लिए प्रस्ताव:
गेंडा की संख्या को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने सन् 1987 में गेंडा परियोजना की स्वीकृति की थी और फिर इनकी समस्याओं को ध्यान में रखकर 1992-93 में पूरी योजना को असम राज्य को हस्तारित कर दिया। इस परियोजना के अन्तर्गत इनके सींग को बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनके वास स्थान को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न प्रकार के उपायों को ध्यान में रखा गया। इनके भोजन नियमित रूप से कैसे मिलेगा। इसके लिए भी उपाय सोचा गया। इनकी प्रजनन क्षमता की दर अत्यन्त ही कम है। इस लिए इनकी संख्या को बढ़ाने के लिए और क्या उपाय हों सकता है शोध किया जा रहा है।
मिठा जल प्रदूषित होने का कारण :
- शहरो के गंदे नाले सभी जल के स्रोत में खुलते हैं और गंदे जल को इनमें ढ़ालते हैं।
- औद्योगिक कचरे भी इसी में गिराते जाते हैं।
- गाय, भैंस बैल इत्यादि जानवरों को इसी जल में फेंकते है।
- कहीं कहीं मृत शरीर को इसमें फेंक देते है।
प्रश्न 8.
दो अंचलों में से एक को जैव विविधता हाटस्पाट घोषित करने के लिए तुम किन-किन शर्तों की विवेचना करोगे? एक्स-सीटू संरक्षण के दो उदाहरण दीजिए। 3 + 2
उत्तर :
(i) जैव विविधता हाटस्पाट के लिए शर्ते :
(a) इन स्थानों का क्षेत्रफल अधिक है।
(b) इनमें उपस्थित विभिन्न भ्रजातियों की संख्या सघन रही हो किन्तु अब कम हो रही हो या विलुप्त हो रही है।
(c) ये प्राकृतिक हैं।
(ii) एक्सैसीदू संरक्षण का उदाहरण :
(a) क्रोयोप्रिजरवेशन
(b) जूलाजिकल गार्डेन
प्रश्न 9.
हरितगृह गैसों एवं SPM की किसी एक स्रोत का उल्लेख करो जो वायु प्रदूषण का कारक है। पश्चिमी घाट-श्रीलंका एवं पूर्वी हिमालय के हॉट स्पॉट में पाये जाने वाले जैव विविधता का उदाहरण दो। 2 + 3
उत्तर :
- ग्रीन हाउस गैसों को स्रोत : ज्वालामुखी का बिस्फोट और विभिन्न प्रकार के वाहन।
- SPM का स्रोत : कल कारखानों के चिमनियों से निकलने वाला धुँवा।
- हॉट स्पॉट : भारत के पश्चिमी घाट, श्रीलंका तथा पूर्वी हिमालय है।
भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों और पश्चिमी घाट की पहाड़ियों में स्थित घने जंगल विश्व के अत्यधिक समृद्ध जैव विविधता वाले क्षेत्र हैं। पौधों और जंतुओं की विविध प्रजातियों के संदर्भ में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह अत्यधिक समृद्ध क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में बहुत से पक्षियों सहित जीव-जन्तुओं की अनेक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
भारत में पाये जाने वाले स्थानीय जंतुओं के 135 वंश (जीन्स) में से अकेले पूर्वोत्तर क्षेत्र में ही 85 वंश (जीन्स) पाये जाते हैं। इनके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में 150 स्थानिक या विशेषक्षेत्री प्रजातियाँ पाई जाती हैं। पश्चिमी घाट के वन क्षेत्र सरीसृपों के लिए, विशेषकर साँपों के लिए प्रसिद्ध हैं। इनके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में पौधों की 1500 स्थानिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह तथा गुजरात और तमिलनाडु की खाड़ी में पाई जाने वाली मूँगे की चट्टानें कुछ्छ अत्यधिक आकर्षक विविध मछलियों और अन्य जलीय जंतुओं के वास स्थान हैं।
प्रश्न 10.
जैव विविधता के तीन महत्वों का उल्लेख करो। अति जनसंख्या के कारण जैव विविधता पर मानवीय प्रभाव का दो कारण बताओ।
उत्तर :
जैव विविधता के तीन महत्व निम्नलिखित हैं :- 3 + 2 = 5
भोजन उत्पन्न करना (Producing food) : कृषि द्वारा अनाज का उत्पादन किया जाता है। इन अनाजों (जैसे धान, गेहूँ, बाजरा, मक्का, अरहर, चना, मूँग, सरसों, नारियल इत्यादि) को ही हम भोजन के रूप में उपयोग करते हैं। फल, सब्जियाँ, दूध, माँस, मछली और अंडा का भी उत्पादन करके उसे भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है।
ड्रग्स और औषधियाँ (Drugs and medicines) : एक समय था जबकि विश्ष की शत-प्रतिशत औषधियाँ केवल पेड़-पौधों अथवा विभिन्न पशुओं और जीव-जंतुओं से ही प्राप्त होती थीं। समय के परिवर्तन के बावजूद वर्तमान समय में भी पेड़-पौधों से प्राप्त जड़ी-बूटियों का प्रयोग विभिन्न रोगों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। अनेक एलोपैथिक उपचारों में केवल नाम अंग्रेज़ी के हैं जबकि दवाई के अन्तर्गत वस्तु (content) सभी सामान्य पौधों के तत्व हैं। निक्चित ही यह प्रभावी उपचार प्रणालियाँ जैविक विविधता की पहचान कराती हैं।
परिस्थितिकी संतुलन को बनाये रखना (Maintenance of ecological balance) : किसी भी आबादी तथा प्रजाति का अस्तित्व तथा आवास विशेष में निर्जीव वस्तुओं से इनकी पारस्परिक संक्रिया से ही संभव है जिससे उनके पारिस्थितिक तंत्र की स्थिरता सुनिश्चित होती है। जैविक विविधता इन सभी पारिस्थितिक तंत्र को नियमित रूप से चलते रहने में और उनको स्थायित्व प्रदान करने में महती भूमिका निभाती है।
जैव विविधता को खतरा उत्पन्न करने वाले कारक :-
वास-स्थान का क्षय (Habitat destruction) : मानव की आबादी में गुणात्मक वृद्धि हो रही है। इस बढ़ती जनसंख्या की विभिन्न क्रियाओं की पूर्ति के लिए मानव वन्य जीवों के आवासों को नष्ट कर रहा है जिससे कई देशों में मुख्यत: द्वीपों में कई कशेरुकी प्राणी विलुप्त हो चुके हैं। भारत में 80 प्रतिशत जीवों के आवास नष्ट हो चुके हैं।
वन का विनाश : आवासीय बस्तियों की स्थापना, उद्योग-धंधो की स्थापना एवं इमारती लकड़ियों के लिए वनों का सफाया होने लगा।
प्रश्न 11.
सुन्दरवन की दो पर्यावरणीय समस्याओं का उल्लेख करो जो समुद्र तल को ऊपर उठाने एवं शिकार-शिकारी के बीच असंतुलन उत्पन्न करते है। उनके भावी परिणामों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर :
सुन्दरवन में पर्यावरण की समस्या (Environmental problem of the Sunderbans) :सुन्दरवन को समस्या कई तरह के कारणों से प्रभावित होती है जिसमें मुख्य रूप से ज्वार-भाटा और किनारों पर आने वाली लम्बी लहर से उत्पन्न धाराएँ आदि हैं जो मौसम के प्रभाव से प्रभावित होती हैं। यहाँ के लोगों का जीवन तूफान और चक्रवात के द्वारा भी प्रभावित होता है। सुन्दरवन की भौगोलिक स्थिति मृदा अपरदन और अतिवृद्धि पर निर्भर है।
गंगा के डेल्टाई भाग में मौसम बदलने के कारण हमेशा यह भविष्यवाणी होती है कि समुद्र का स्तर बढ़ रहा है जिससे यहाँ पर रहने वालों के लिए बाढ़ का खतरा बना रहता है। यहाँ के लोग पर्यावरण के प्रति काफी सचेत रहते हैं।
(i) प्रदूषण एवं प्रजातियों के विलुप्त होने के कारण शिकार एवं शिकारी जीवों के बीच का संतुलन (prey-predator balance) नष्ट हो रहा है।
(ii) पानी एवं बाढ़ से पीड़ित रहने के कारण इस इलाके में स्थित टापू समुद्र में जलमग्न हो रहे हैं। इससे उस अंचल के निवासियों की समस्या बढ़ रही है।
प्रश्न 12.
एक रेखाचित्र की सहायता से नाइट्रोजन चक्र की अवस्थाओं का वर्णन करो (Board Sample Paper)
नाइट्रोजन चक्र की व्याख्या संक्षिप्त में करें।
उत्तर :
नाइट्रोजन चक्र की विधि : नाइट्रोजन चक्र की क्रिया निम्नलिखित छ: अवस्थाओं में पूरी होती है।
नाइट्रोजन का यौगिकीकरण : वायुमंडल की स्वतंत्र नाइट्रोजन गैस को सरल एवं जल में घुलनशील यौगिकों नाइट्राइट एवं नाइट्रेट के रूप में बदलने की विधि को नाइट्रोजन का यौगिकीकरण कहते हैं। यह क्रिया तीन विधियों द्वारा होती है –
(a) प्राकृतिक/भौतिक विधि
(b) औद्योगिक/कृत्रिम विधि
(c) जैविक विधि।
यौगिकीकृत नाइट्रोजन का अवशोषण : नाइट्राइट एवं नाइट्रेट के यौगिक मिट्टी जल में घुलनशील होते हैं। पौधों के मूलरोमों द्वारा जब जल का अवशोषण होता है, उसी समय ये नाइट्रोजन युक्त यौगिक भी अवशोषित हो जाते हैं और रसारोहण (Ascent of sap) की विधि से पत्तियों में एवं परिवहन की विधि से अन्य अंग की कोशिकाओं तक पहुँच जाते हैं।
अवशोषित नाइट्रोजन का स्वांगीकरण : पौधों की कोशिकाओं में इन यौगिकों के साथ अन्य यौगिकों की क्रिया होती है और जटिल नाइट्रोजनयुक्त कार्बनिक पदार्थ (जैसे प्रोटीन) का निर्माण होता है।
अमोनीकरण : जटिल नाइट्रोजनयुक्त कार्बनिक यौगिकों के विघटन से अमोत्रिया बनने की विधि को अमोनीकरण (Ammonification) कहते हैं। इस क्रिया में भाग लेने वाले जीवाणुओं के समूह को अमोनिफाइंग जीवाणु (Ammonifying bacteria) कहते हैं। जैसे – बैसिलस रैमोसम, बैसिलस वलगैरिस और बैसिलस मायक्वायड। समीकरण : प्रोटीन → अमीनो अम्ल → अमोनिया
नाइट्रीकरण : अमोनिया से नाइट्राइट एवं नाइट्राइट के ऑक्सीकरण से नाइट्रेट बनने की क्रिया को नाइट्रीकरण कहते हैं। इस क्रिया में भाग लेने वाले जीवाणुओं के समूह को नाइट्रिफाइंग जीवाणु (Nitrifying bacteria) कहते है। जैसे – नाइट्रोसोमोनास और नाइट्रोबैक्टर।
डिनाइट्रीकरण : मिट्टी में उपस्थित नाइट्रेट एवं नाइट्राइट को अवकृत स्वतंत्र नाइट्रोजन के रूप में बदलने की क्रिया को डिनाइट्रीकरण कहते हैं। इस क्रिया में भाग लेने वाले जीवाणुओं के समूह को डिनाइट्रिफाइंग जीवाणु (Denitrifying bacteria) कहते हैं। जैसे – बैसिलस-सुलेटिलिस।
प्रश्न 13.
नाइट्रोजन चक्र क्या है ? मानव क्रिया-कलापों का नाइट्रोजन चक्र पर क्या प्रभाव पड़ता है।
उत्तर :
नाइट्रोजन चक्र : जिस चक्रिय विधि द्वारा वायुमण्डलीय नाइट्रोजन मिट्टी तथा जीवों के शरीर में प्रवेश कर पुन: मिट्टी तथा जीवों के शरीर से पुन: वापस वायुमण्डल में मुक्त होती है उसे नाइट्रोजन चक्र कहते हैं।
मानवीय क्रियाकलाप एवं नाइट्रोजन चक्र (Human activities and nitrogen cycle) : विभिन्न मानवीय क्रियाकलापों जैसे रासायनिक खादों (fertilizers) के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी, जल एवं वायुमण्डल में नाइट्रोजन (N2) गैस की मात्रा अत्यधिक बढ़ गई है। जिसके फलस्वरूप निम्नलिखित घटनाएँ हो रही है-
- नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) एक शक्तिशाली ग्रीन हाउस गैस है। सम्मूर्ण पृथ्वी सहित वायुमण्डलीय N2O की सघनता बढ़ती जा रही है।
- इसके कारण वायु प्रदुषण होता है।
- विभन्न अंचल के मृदा एवं जल म्रोतों में अम्लीकरण बढ़ता जा रहा है।
प्रश्न 14.
नाइट्रोजन स्थिर करने वाला स्वंतत्र जीवाणुओं की भूमिका का वर्णन करें। किन्हीं दो मृदा प्रदूषकों का नाम और स्रोत्र लिखिये।
अथवा
दो दलहन जाति के और दो अदलहन जाति के पौधों का नाम बताइए जो नाइट्रोजन को यौगिकीकरण कर सकते हैं। वातावरण में स्वतंत्र नाइट्रोजन को यौगिकों में बदलने में जीवाणुओं की भूमिका का व्याख्या कीजिए।
अथवा
मिट्टी में मुक्त नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में स्वतंत्र जीवन निर्वाह करने वाले सहजीवी बैक्टीरिया की भूमिका की संक्षेप में चर्चा कीजिए।
अथवा
वायुमण्डल में नाइट्रोजन के मिट्टी में स्थिरीकरण के विभिन्न पदों को लिखिए।
उत्तर :
वातावरण के स्वतंत्र नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करने में जीवाणुओं की भूमिका :
जीवाणु द्वारा नाइट्रोजन का यौगिकीकरण : नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करने वाले जीवाणु के तीन वर्ग होते हैं :
सहजीवी : राइजोबियम लेगुमिनोसारियम नामक सहजीवी जीवाणु दलहन जाति के पौधों की जड़ों में पाये जाते हैं। ये वायुमंडलीय नाइट्रोजन का नाइट्राइट के रूप में यौगिकीकरण कर देते हैं। जैसे – दलहन जाति के पौधे-मटर, चना।
अदलहन जाति के पौधें –
(i) अलनस
(ii) गिंगो।
मृतोपजीवी : मिट्टी में स्वंतत्र रहने वाले एजोटोबैक्टर एवं क्लास्ट्रिडियम जीवाणु वायुमंडल की नाइट्रोजन को ग्रहण कर अपने शरीर में इसे नाइट्राइट एवं नाइट्रेट में बदल देते हैं। जब इनकी मृत्यु होती है तो इनके शरीर में उपस्थित नाइट्रोजनयुक्त (nitrogenous) यौगिक मिट्टी में मिल जाते हैं।
स्वयंपोषी जीवाणु : रोडोमाइक्रोबियम (रंगीन) और डिसल्फ्यूरिकेन (रंगहीन) स्वयंपोषी तथा अनॉक्सी श्वसन करने वाले जीवाणु हैं। ये वायुमंडल की नाइट्रोजन को वायुमंडल से सीधे अवशोषित कर उसे नाइट्रेट में बदल देते हैं।
दो मृदा प्रदूषक के नाम :
रोग कारक जीवाणु (Pathogenic Organisms)
रसायन (Chemicals)।
प्रश्न 15.
वायु प्रदूषण क्या है ? वायु-प्रदूषण के कारणों एवं मानव जीवन पर इसके प्रभाव का संक्षिप्त में वर्णन कीजिए। 2 + 3
उत्तर :
वायु प्रदूषण : वायू प्रदूषण में प्रदूषक मुख्यतया गैसें होती हैं तथा कुछ ठोस सूक्ष्म कण होते हैं, जो घरेलू ईंधन के दहन, वाहन से निकलने वाले उत्सर्ग (Exhaust), सड़ेगले पदार्थों तथा कूड़े-करकट से निकलने वाली गैसे तथा विभिन्न प्रकार के उद्योगों के संयंत्रों की चिमनियों से निकलने वाले धुएँ के रूप में निकलते हैं। इन विभिन्न प्रदूषकों की संख्या अनगिनत है और यह अलग-अलग प्रकार से स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं।
वायु-प्रदूषण के कारण एवं मानव जीवन पर इसके प्रभाव :
ग्रीन हाउस गैंसे (Green House Gases) : मानवीय क्रिया-कलापों के द्वारा वायुमण्डल में विभिन्न ग्रीनहाउस गैसों (Green House Gases) जैसे – कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) एवं कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO) हैं। इसका प्रभाव अम्लीय वर्षा के रूप में होता है।
SPM : दूसरा प्रमुख कारण है – कारखानों की चिमनियों से निकलने वाले सस्पेन्डेड पार्टीकल्स (suspended particulate matter – SPM) इससे भी वायु प्रदूषित होती है। इसके प्रभाव के कारण फुसफुसीय रोग सम्बन्धित बीमारियाँ होती हैं।
प्रश्न 16.
ध्वनि प्रदूषण क्या है ? इसके कारणों एवं मानव जीवन पर इसके प्रभाव का संक्षिप्त वर्णन कीजिए
उत्तर :
ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution) : ध्वनि जब हमारे कानों की सहन शक्ति से अधिक तेज हो जाती तो हम इसे ध्वनि प्रदृषण कहते हैं।
ध्वनि प्रदूषण के कारण :
(क) वाहन (Vehicles) : ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में परिवहन के साधन भी आते हैं। ट्रक, कारें, स्कूटर, मोटर साईकल, मोपेड, बसें अन्य वाहन जैसे हवाई जहाज, रेलगाड़ी आदि भी ध्वनि विकार को जन्म देते हैं।
(ख) उद्योग (Industries) : मशीनें, साइरन, जेनेरेटर्स एवं अनेक यांत्रिक उपकरणों के शोर ध्वनि प्रदूषण करते हैं।
ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव :
- ध्वनि-प्रदूषण से गर्भवती खी के गर्भ की तंत्रिकाओं में दोष आ जाते हैं जिसका कुप्रभाव आगे चलकर संतान पर पड़ता है
- ध्वनि-प्रदूषण से निद्रा में बाधा पड़ती है और इसका कुम्रभाव शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य पर पडता है तथा उुदय सम्बन्धी रोग उत्पन्न होता है।
प्रश्न 17.
सुन्दरवन क्षेत्र को हानि पहुँचने वाले मुख्य तीन कारणों का वर्णन करें। इससे उत्पन्न दो समस्याओं का वर्णन करें।
उत्तर :
शहरीकरण के लिए मैंग्रोव पेड़ों का विनाश (Destruction of Mangrove due to urbanization) : सुन्दरवन के क्षेत्र में शहरीकरण का विकास काफी तीव्र गति से हो रहा है । शहरीकरण के लिए मैंग्रोव वृक्षों को काटा जा रहा है जो आर्द्र प्रदेशों की जैव विधिता के धारक हैं।
समस्या : जिसके फलस्वरूप वहाँ प्राकृतिक वातावरण को क्षति पहुँच रही है।
कृषि (Agriculture) : वनों को काटकर कृषि भूमि का निर्माण किया जा रहा है।
सम्स्या : कृषि कार्य के लिए प्रयोग किए जाने वाले हानिकारक उर्वरक भी प्रदूषण के कारकों में से एक हैं।
आवास की क्षति (Destruction of habitat) : वनांचलों को काटकर शहरीकरण करने, एवं कृषि भुमि प्राप्त करने के कारण प्राकृतिक आवास की क्षति हो रही है।
समस्या : फलस्वरूप जैव विविधता की संतुलन में ह्यस हो रहा है।
प्रश्न 18.
वन्य जीवन के संरक्षण की क्या आवश्यकता है ? बाघ परियोजना का संक्षिप्त वर्णन करो। 2 + 3
उत्तर :
वन्य जीवन के संरक्षण की आवश्यकता :
- वन्य जीवन प्रकृति का एक अभिन्न अंग होने की वजह से यह इकोसिस्टम को संतुलित, Intact तथा पूर्ण रूप से क्रियाशील बनाये रखना।
- वन्य जीवन के असामयिक विलुप्त को रोकने के लिए।
- किसी देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए।
- अनुसंधान कार्य के लिए।
बाघ परियोजना (Tiger Project) : 1 अप्रैल सन् 1973 में भारत सरकार ने अन्तर्राष्ट्रीय विश्च वन्य जीवन कोष की सहायता से बाघ परियोजना आरम्भ किया था। इसकी शुरुआत देश के विभिन्न परितंत्रों में बाघों के लिए आरक्षित नौ क्षेत्रों में किया गया। अब तक हमारे देश में 17 राज्यों में 28 बाघ संरक्षित क्षेत्र स्थापित किये गये हैं इसके अतिरिक्त 8 क्षेत्रों को भी बाघ परियोजना में शामिल करने के लिए चुना गया है। बाघों के संरक्षण के लिए उनके आवास का संरक्षण आवश्यक है।
आरम्भ में बाघ परियोजना सुन्दरवन (पश्चिम बंगाल), कोरबेट (उत्तर प्रदेश), कान्हा (मध्य प्रदेश), मानस (आसाम), मेलाघाट (महाराष्ट्र), बंदीपुर (कर्नाटक), रणथम्भौर (राजस्थान), पलामू (बिहार) तथा सिमलिपाल (उड़ीसा) में कुल नौ स्थानों पर आरम्भ किया गया था। गंगा और बह्मपुत्र के मिलन स्थल पर सुन्दरवन टाइगर रिजर्व में सबसे अधिक संख्या में बाघों का संरक्षण किया जाता है। सन् 1987-88 ई० में भारत सरकार ने दुधवा राष्ट्रीय उद्यान तथा किशनपुर पशु विहार (उत्तर प्रदेश) को बाघ परियोजना में शामिल किया है। इसका मुख्यालय दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को बनाया गया है।
प्रश्न 19.
पश्चिम बंगाल के विभित्र आभ्यारण्य तथा उसमें रहने वाले जन्तुओं के नाम लिखो।
उत्तर :
प्रश्न 20.
विभित्र राज्यों के कुछ राष्ट्रीय उद्यान तथा अभ्यारण्य के नाम तथा उनमें पाये जाने वाले जन्तुओं के नाम बताओ।
उत्तर :
प्रश्न 21.
अत्याधिक जैव विविधता से क्या समझते हैं ? भारत के ऐसे तीन क्षेत्रों का नाम लिखकर तीन जंतुओं का भी नाम लिखें, जो वहाँ पाए जाते हैं।
उत्तर : विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के पौधे और जंतु पाये जाते हैं। कुछ क्षेत्रों में बहुत अधिक जैव विविधता पाई जाती है। विश्व में पाये जाने वाले कुल पेड़-पौधों में से लगभग 50,000 पेड़-पौधे विश्व के लगभग 18 से 20 अत्यधिक जैव विविधता वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं। जिन देशों में अत्यधिक जैव विविधता वाले क्षेत्र हैं उन्हें अत्यधिक जैव विविधता वाला देश कहा जाता है।
- पूर्वी हिमालय (Eastern Himalaya) – लाल पाण्डा।
- पूर्वी घाट (Eastern Ghat) – मगरमच्छ।
- सुण्ड़ालैण्ड (Sundaland) – गेंडा।
प्रश्न 22.
जैव विविधता संरक्षण क्या है ? वर्ल्ड कन्जर्वेशन स्ट्रेटजी द्वारा जैव विविधता संरक्षण के लिए क्या-क्या सुझाव दिये गये? उल्लेख करो।
उत्तर :
जैव विविधता संरक्षण (Conservation of biodiversity) : संरक्षण वे उपाय हैं जिनके द्वारा पौधों एव जन्तुओं को लगातार जीवित रखना, उनकी उचित वृद्धि तथा विकास एवं प्रजनन को सुनिश्चित किया जाता है। पादप संरक्षण के उद्देश्य में पौधों के समुचित देखभाल, फसली पौधों की अच्छी पैदावार तथा उनका किसी भी प्रकार का दुरुपयोग रोकना भी संरक्षण कहलाता है।
जैविक विविधता संरक्षण के वर्ल्ड कनजर्वेशन स्ट्रेटजी द्वारा दिये गये सुझाव :
- संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयास करना चाहिए।
- उचित योजनाओं तथा प्रबंधनों द्वारा प्रजातियों को लुप्त होने से बचाने का प्रयास करना चाहिए।
- खाद्यान्न की किस्में, चारे सम्बन्धी पौधों की किस्में, ईमारती लकड़ी के पेड़, पशुधन व उनकी प्रजातियों की किस्मों को सुरक्षित रखनी चाहिए।
- प्रत्येक देश के वन्य जीवन के आवास को चिन्हित कर उनकी सुरक्षा का उचित व्यवस्था होना चाहिए।
- प्रजातियों के पलने-बढ़ने तथा विकसित होने के स्थान सुरक्षित तथा संरक्षित हों।
- वन्य जीवों व पौधों का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों के अनुरूप होना चाहिए।
प्रश्न 23.
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र क्या है? जैवमंडल रिजर्व के विभिन्न मंडल कौन-कौन से हैं ?
उत्तर :
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (Biosphere reserve) : जैवमंडल रिजर्व वह निर्दिष्ट क्षेत्र है, जहाँ भूमि के अधिक उपयोग हेतु अनुमति दी जाती है। इस उद्देश्य से भूमि को कई मंडलों (zone) में बाँटा जाता है तथा एक मंडल एक विशिष्ट गतिविधि के लिए समर्पित होता है।
जैवमंडल रिजर्व के विभिन्न मंडल (Zones of Biosphere reserve) : जैवमंडल रिजर्व को निम्नलिखित तीन मंडलों में बाँटा गया है-
- अभ्यन्तर मंडल (Core Zone) : इस क्षेत्र में किसी भी मानवीय गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाती है।
- मध्यवर्ती मंडल (Buffer Zone) : इस मंडल में सीमित मानवीय गतिविधियों की अनुमति दी जाती है।
- परिचालन मंडल (Manipulation Zone) : इस मंडल में कई मानवीय गतिविधियों की अनुमति दी जाती है।
प्रश्न 24.
वातावरणीय संरक्षण की आवश्यकता का कारण बताओ।
उत्तर :
सभी जीवों का वातावरण से घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। किसी भी स्थान विशेष के सजीवों के आसपास सभी सजीव तथा निर्जीव वस्तुओं के सम्मिलित रूप को वातावरण या परिवेश कहते हैं। सभी सजीवों का अस्तित्व वातावरण पर निर्भर करता है। इसलिए वातावरण के सभी जैविक तथा अजैविक घटकों का संरक्षण आवश्यक है। वातावरण के संरक्षण के निम्नलिखित कारण हैं-
धीरे-धीरे हरे पेड़-पौधों की संख्या कम होने के कारण वायुमण्डलीय प्रदूषण बढ़ता जाता है। वायुमण्डलीय प्रदूषण के कारण वायुमण्डल में O2 की मात्रा की कमी तथा CO2 की मात्रा में वृद्धि होती जा रही है, जो सजीवों के अस्तित्व के लिए खतरा है।
वन्य प्राणियों में निरन्तर कमी होती जा रही है। इससे इकोतंत्र का संतुलन बिगड़ने की अधिक संभावना है।
वर्षा, वायु आदि से मिट्टी की ऊपरी सतह नष्ट होती जा रही है। इसके फलस्वरूप मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कमी होने की संभावना है तथा इसका प्रभाव इकोतंत्र पर पड़ सकता है।
विभिन्न कल-कारखानों से लगातार विषैली गैसें, धुँआ इत्यादि के निकलते रहने के कारण वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है। सजीवों को शुद्ध वायु प्राप्त होना कठिन हो जायेगा। इससे सजीवों के अस्तित्व को खतरा उत्पन्न हो सकता है।
कल-कारखानों से निकला अवशिष्ट पदार्थ तथा शहरों का गन्दा जल नदियों में बहा दिया जाता है जिससे जल प्रदूषण बढ़ जाता है जो जलीय प्राणियों के अस्तित्व के लिए खतरा है।
गाड़ियों के चलाने, पटाखे तथा शहरों में लगातार शोर-शराबे से ध्वनि प्रदूषण होता है जिससे मनुष्य में मानसिक रोग, हृदय रोग तथा सिर दर्द आदि का खतरा बढ़ जाता है।
इस तरह उपरोक्त सभी समस्याओं का बुरा प्रभाव पड़ सकता है तथा सजीवों का अस्तित्व अंधकारमय हो सकता है। प्राकृतिक संतुलन नष्ट हो जायेगा। इसलिए हम सभी को वातावरण के संरक्षण के प्रति सचेष्ट रहना चाहिए।
प्रश्न 25.
जैव विविधता की क्षति के क्या-क्या कारण हैं ?
उत्तर :
जैव विविधता की क्षति के कारण निम्नलिखित हैं-
- आवासीय क्षेत्रफल में कमी एवं विखण्डन
- शिकार (Hunting)
- वैश्विक ताप एवं जलवायु परिवर्तन (Global warming and change of climate)
- प्रदूषण (Pollution)
- अंधाधुंध दोहन (Over exploitation)
- प्राकृतिक प्रकोप (Natural calamity)
- विदेशी प्रजातियों का प्रवेश (Introduction of Exoticspecies)
प्रश्न 26.
मृदा प्रदूषण के दुष्पभाव पर संक्षिप्त प्रकाश डालो।
उत्तर :
मृदा प्रदूषण से जीव जगत निम्न प्रकार से प्रभावित होता है –
मनुष्य पर प्रभाव : प्रदूषित मृदा में उत्पन्न उत्पादों में विषैले पदार्थ चले जाते हैं और जब मनुष्य इन उत्पादों का उपयोग करते हैं तो ये विषैले पदार्थ मनुष्य के शरीर में पहुँचकर मनुष्य को रोगी बना देते हैं। प्रदूषित मिट्टी के सम्पर्क में लगातार लम्बे समय तक रहने पर यह अनुवांशिकी रचना में परिवर्तन ला सकता है। मृदा प्रदूषको में कुछ ऐसे रासायनिक यौगिक होते हैं जो वाष्पित होते रहते हैं तथा हमारे वायुमण्डल में मिल जाते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के हाइड्रोकार्बन हैं। श्वसन क्रिया में ये प्रदूषक हमारे फेफड़ों में पहुँचकर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
जैव विस्तारन : मनुष्य द्वारा प्रयोग किये गये कीटनाशकों, उर्वरकों आदि में उपस्थित रसायन जलीय एवं मृदा खाद्य श्रृंखला को प्रभावित करते हैं। जब ये विशिष्ट रसायन खाद्य भृंखला के किसी स्तर के जीवों में अधिकता में एकत्रित हो जाते हैं तो इनका उपापचय बहुत ही अल्प अथवा बिल्कुल नहीं हो पाता है। अत: यह जीवों के वसा त्वचा आदि अंगों में स्थायी रूप में जमा हो जाता है। पोषण क्रिया के अन्तर्गत यह उच्च श्रेणी के जीवों में चला जाता है तथा पूरी खाद्य भृंखला में व्याप्त हो जाता है।
प्रश्न 27.
वन्य जीवन के संरक्षण की क्या विधियाँ हैं ?
उत्तर :
जंगली जीवन के संरक्षण की विधि : जंगली जन्तुओं के लगातार विनाश से प्राकृतिक संतुलन तथा इकोसिस्टम का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। अत: इकोसिस्टम से उत्पन्न खतरों से बचाव के लिए जंगली जन्तुओं का संरक्षण आवश्यक है।
भारत सरकार ने 1972 ई० में Wild Life Conservation Act (जंगली जन्तु संरक्षण अधिनियम) के अन्तर्गत 9 सितम्बर, 1972 में यह घोषित किया कि बड़े आकार के जन्तुओं की 41 प्रजातियाँ, उभयचर वर्ग की 2 प्रजातियाँ, सरीसृप वर्ग की 2 प्रजातियाँ तथा 18 पक्षी इस संरक्षण अधिनियम के तहत बचाये जाने चाहिए क्योंकि ये प्रजातियाँ विलुप्त के कगार पर थीं। अतः राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जंगली जीवन को बचाने के लिए कई उपाय तथा विधियाँ अपनाई जा रही हैं। वर्तमान में संसार के कई देश International Union for Conservation of Nature and Natural Resources (I.U.C.N.) की मदद से जंगली जीवन को बचाने के लिए कई उपायों को अपना रहे हैं। ये उपाय निम्नलिखित हैं –
जन प्रशिक्षण :
- साधारण जनता की सहानुभूति तथा उनकी जंगली जीवों के प्रति जागृति को सही दिशा देकर जनता का ध्यान इस मुद्दे की ओर खींचना होगा।
- रेडियो; टेलीविजन, इंटरनेट एवं छोटी-छोटी जनसभायें, समाचार पत्रों, चलचित्रों इत्यादि के द्वारा लोगों में इन प्राणियों के महत्व का प्रचार प्रारम्भ किया जाना चाहिए।
- जिला स्तर पर छोटे-छोटे पशु-बगीचे तथा पक्षी-शालाओं को खोलना चाहिए।
- शिक्षा संबंधी संस्थाओं में जंगली जीवन पर प्रसिद्ध भाषणों तथा पर्दे पर दिखाये जाने वाले चित्रों के माध्यम से जागरण फैलाया जाना चाहिए।
- स्कूल तथा कॉलेज स्तर के पाठ्यक्रम में जंगली जीवों से संबंधित लेख सम्मिलित किया जाना चाहिए।
जंगली जीवन संरक्षण के लिए शासन व्यवस्था : जंगली जीवों को मारना, पकड़ना तथा इस क्षेत्र में बिना आज़ा घुसना आदि संरक्षण कानून के तहत अपराध करार दिये गये हैं। जंगली जीवन अधिनियम (1972) के तहत जंगली जीव संरक्षित माने गये हैं, जिसका पालन प्रायः सभी देश करते हैं। इस अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के लिए दण्डनीय सजा दी जानी चाहिए।
देश के विभिन्न भागों में इन प्राणियों के संरक्षण के लिए सुरक्षित केन्द्रों की स्थापना की गई है। इन्हें राष्ट्रीय उद्यान (National park), अभ्यारण्य (Sanctuary), सुरक्षित क्षेत्र (Protected Areas) तथा सुरक्षित वन (Reserve Forest) कहते हैं।
सम्पूर्ण संसार में जंगली जीवन की उन्नति के लिए सलाह देने तथा आर्थिक मदद पहुँचाने के लिए World Wild Life Fund (W.W.F.) की स्थापना को गई है।
विभिन्न जंगली जन्तुओं तथा पक्षियों के वास स्थान का संरक्षण तथा क्षेत्रफल में वृद्धि की जानी चाहिए जिससे उनका समुचित विकास हो सके।
प्रश्न 28.
गैंडा परियोजना का संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर :
गैंडा परियोजना : भारत सरकार के वन विभाग द्वारा सन् 1987 ई० में गैंडा परियोजना का आरम्भ किया गया। गैंडा मोटी खाल वाला जंगली प्राणी है। मोटी खाल के कारण यह भयावह दिखता है। 30 मार्च, 1984 ई० को आसाम के वन्य जीवन अभ्यारण्य से पाँच गैंडे दुधवा के जंगलों में लाए गए थे। इसके बाद सन् 1985 ई० में नेपाल से चार मादा गैंडा मँगाए गए ताकि गैंडा प्रजाति में जैव विविधता बनी रहे।
वर्तमान समय में 9 नर, 13 मादा शिशु गैंडे दुधवा गैंडा परियोजना में हैं। यह पर्यटकों, पर्यावरणविदों तथा वन्य जीव प्रेमियों का आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। दुधवा गैंडा परियोजना के अतिरिक्त शिवसागर (आसाम), काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में “गैंडा परियोजना क्षेत्र” बनाया गया है। इस क्षेत्र में दुर्लभ एक सींग वाला एक गैंडा पाया जाता है। गैंडों का संरक्षण तथा विकास आसाम के “मानस” सुरक्षित वन में किया जाता है। पथिम बंगाल के गोरुमारी एवं जलदापाड़ा अभ्यारण्य सुरक्षित वन में गैंडों का प्राकृतिक आवास, प्रजनन तथा विकास की सुविधा उपलब्ध है।
प्रश्न 29.
लाल पाण्डा (Red Panda) एवं घड़ियाल के संरक्षण का वर्णन कीजिए। इनके दो संरक्षण केन्द्रों के नाम लिखें।
उत्तर :
लाल पाण्डा (Red Panda) :- लाल पाण्डा भारत में हिमालय की चोटियों पर बाँस के जंगल वाले इलाकों में पाए जाते हैं। इसकी सुंदरता के कारण इसका खूब शिकार किया गया है, जिससे यह संकटग्रस्त जीवों की श्रेणियों में आ गया है। यदि इसके संरक्षण के पर्याप्त उपाय नहीं किए गये, तो जल्दी ही यह लुप्तप्राय जीवों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा।
संरक्षण (Conservation) :- भारत में लाल पाण्डा परियोजन का शुभारम्भ सन् 1996 में किया गया। यह परियोजना विश्व वन्य जीवन कोष के सहयोग से शुरू किया गया। विश्व वन्य जीवन कोष का मूल उद्देश्य पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण की क्षति को रोकना एवं भविष्य का निर्माण करना है। इसके संरक्षण एवं सुरक्षा निम्नलिखित कार्य द्वारा किया जा सकता है।
अनुसंधान एवं इनके नवीनता वितरण का नक्शा, आवासीय नक्शा, मानव आबादी का नक्शा तथा कृषि क्षेत्रों में विस्तार के नवशों द्वारा पता लगाना।
पहचाने गए संकटों का मूल्यांकन एवं आवारा कुत्तों, शिकारियों से बचाव, प़ालतू बनाने के लिए पकड़ना, लोक जागरण आदि का प्रबन्ध करना।
सुरक्षित क्षेत्रों एवं समुदाय संरक्षित क्षेत्रों में लाल पाण्डा की सुरक्षा के लिए प्राणी प्रबंधनों का हस्तक्षेप सुनिश्चित करना। इसके साथ-साथ वन विभाग के कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि करना, जलावन की लकड़ियों की कटाई में कमी करना, संरक्षण क्षेत्रों को आधिकारिक मान्यता प्रदान करना, रख-रखाव के लिए कार्यशाला आयोजित करना, लाल पाण्डा के पुनर्वासन कार्यक्रमों को बढ़ावा देना। इनका संरक्षण पद्मजा नायडु हिमालयन उद्यान दार्जिलिंग में किया जाता है।
घड़ियाल (Crocodile) : घड़ियाल भी एक संकटापन्न सरीसृप प्राणी है। भारत में इसकी केवल तीन प्रजातियाँ मिलती हैं। इसकी प्रजाति उत्तरी भारत की नदियों में मिलती है। इनके वास-स्थानों के विनाश और निर्मम हत्या के कारण इनकी संख्या बहुत ही घट गई है। घड़ियाल केरल, तमिलनाडु, आन्भ प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल आदि प्रदेशों में पाये जाते हैं।
घड़ियाल की घटती संख्या को देखकर इनके लिए सोलह आवास केन्द्र और ग्यारह अभयवनों का निर्माण किया गया है। इनके संरक्षण के लिए अत्यन्त संरक्षित केन्द्र चम्बल और सतकोशिया जार्ज अभयरण्य हैं।