Detailed explanations in West Bengal Board Class 10 Life Science Book Solutions Chapter 1A पौधों में संवेदन शीलता तथा अनुक्रिया offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 10 Life Science Chapter 1A Question Answer – पौधों में संवेदन शीलता तथा अनुक्रिया
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
प्रचलन करने वाले एक पौधा का नाम बताओ।
उत्तर :
क्लेमाइडोमोनास
प्रश्न 2.
किस प्रकार की गति उद्दीपन की दिशा पर निर्भर करती है ?
उत्तर :
ट्रापिक गति
प्रश्न 3.
ॠणात्मक जिओट्रॉपिक गति करनेवाली जड़ का नाम बताइए।
उत्तर :
श्वसन जड़ या न्यूमैटोफोर
प्रश्न 4.
उस क्रिया का नाम बताओ जिसमें निम्न श्रेणी के पौधे स्थान परिवर्तन करते हैं।
उत्तर :
टैक्टिक गति
प्रश्न 5.
जीवद्रव्य की उत्तेजनशीलता के कारण कौन सी गति होती है ?
उत्तर :
रसभ्रमण (Cyclosis)
प्रश्न 6.
किस प्रकार के जड़ में ऋणात्मक गुरुत्वानुवर्ती गति होती है ?
उत्तर :
न्यूमैटोफं। (श्वसन मूल में)
प्रश्न 7.
नेस्टिक गति का एक उदाहरण दो।
उत्तर :
छुई-मुई
प्रश्न 8.
छुई मुई पत्रक को स्पर्श करते ही तुरन्त बन्द हो जाती है। यह किस प्रकार की गति है ?
उत्तर :
सिस्मोनेस्टी (Seismonasty)
प्रश्न 9.
खिलते फूलों में किस प्रकार की गति होती है ?
उत्तर :
फोटोनेस्टिक गति
प्रश्न 10.
Indian Telegraph plant के पत्रक में किस प्रकार की गति होती है ?
उत्तर :
विभिन्नता गति (Variation)
प्रश्न 11.
किस प्रकार की गति के कारण पौधे झुकते या टेढ़े हो जाते हैं ?
उत्तर :
वक्रता की गति (Movement of curvature)
प्रश्न 12.
सिमोनेस्टी गति के लिए कौन सा उद्दीपन जिम्मेदार है ?
उत्तर :
स्पर्श (Touch)
प्रश्न 13.
किस गति के कारण पौधे के तने प्रकाश की ओर मुड़ जाते हैं ?
उत्तर :
फोटोट्रॉपिक गति
प्रश्न 14.
उद्दीपन की तीव्रता से प्रभावित होकर कौन सी गति होती है ?
उत्तर :
अनुकुंचन
प्रश्न 15.
स्टोमेटा द्वारा होने वाली गति क्या कहलाती है ?
उत्तर :
विभिन्नता की गति (Movement of variation)
प्रश्न 16.
उस पौधा का नाम बताओ जिसमें Tactic गति होती है ?
उत्तर :
वॉलवावस
प्रश्न 17.
कुमुदनी के फूलों में किस प्रकार की गति होती है ?
उत्तर :
फोटोनेस्टी
प्रश्न 18.
पौधों के जड़ों का प्रकाश की दिशा के विपरीत ओर जाना कौन सी गति है ?
उत्तर :
ॠणात्मक फोटोट्रॉंपिक
प्रश्न 19.
किस हार्मोन द्वारा फोटोट्रॉपिक गति सम्पादित होती है ?
उत्तर :
ऑंक्सिन
प्रश्न 20.
प्रतिचार क्या है ?
उत्तर :
उद्दीपन के कारण सजीवों में हुई प्रतिक्रिया को प्रतिचार (Response) कहते हैं।
प्रश्न 21.
उत्तेजनशीलता क्या है ?
उत्तर :
उद्दीपन के कारण सजीव में प्रतिचार होना जीवद्रव्य का विशेष लक्षण है, जिसे उत्तेजनशीलत(I)ritability) कहते हैं।
प्रश्न 22.
उद्दीपन क्या है ?
उत्तर :
वातावरण का वह परिवर्तन जिसके कारण सजीव में गति होती है, उद्दीपन (Stimulus) कहलाता है।
प्रश्न 23.
प्रेरित गति क्या है ?
उत्तर :
बाह्य उद्दीपन के प्रभाव से पौधों के अंगों में होने वाली गति को प्रेरित गति कहते हैं।
प्रश्न 24.
W.B.C. में किस प्रकार की गति होती है ?
उत्तर :
W.B.C. में अमीबीय (Amoeboid movement) होती है।
प्रश्न 25.
Clinostat क्या है ?
उत्तर :
Clinostat एक प्रकार का यंत्र है जिसके द्वारा पौधों में गुरुत्वानुर्ती गति सम्बन्धी प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 26.
उष्मानुकुंचन क्या है ?
उत्तर :
उष्मा की तीव्रता के प्रभाव से पौधों के अंगों में जो गति उत्पन्न होती है उसे उष्मानुकुंचन (Thermonasty) कहते हैं।
प्रश्न 27.
ऐसे पौधे का नाम बताओ जिनमें प्रचलन होती है ?
उत्तर :
क्लेमाइडोमोनास, वालवॉक्स, डाएटम्स (Diatoms), डेस्मिड (Desmid) आदि पौधों में प्रचलन होता है।
प्रश्न 28.
श्रसन मूल क्या है ?
उत्तर :
ये राइजोफोरा नामक पौधों की श्शसन जड़ें होती हैं जो ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए जमीन के ऊपर निकलकर ॠणात्मक गुरुत्वानुवर्ती गति प्रदर्शित करती है।
प्रश्न 29.
लम्बवत् ट्रॉपिक गति क्या है ?
उत्तर :
जब पौधों की पत्तियाँ अधिक प्रकाश ग्रहण करने के लिए लम्बवत् गतिशील होती हैं तो यह लम्बवत् ट्रॉपिक गति कहलाती है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type) : 2 MARKS
प्रश्न 1.
प्रचलन गति से क्या समझते हो ?
उत्तर :
जब पौधों का सम्पूर्ण शरीर स्वत: या किसी वाह्य उद्दीपन के प्रभाव से एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानान्तरित होता है तो इस प्रकार की गति को प्रचलन गति कहते हैं। जैसे- क्लाइमोडोमोनास, वालवॉक्स आदि।
प्रश्न 2.
पौधों में गति से क्या समझते है ?
उत्तर :
पौधे सशरीर चल फिर नहीं सकते है, इनके शरीर के अंगों के स्थिति परिर्वतन की क्रिया को गति कहते हैं।
प्रश्न 3.
पौधों में गति के दो क्या उद्देश्य हैं ?
उत्तर : गति का उद्देश्य :
(i) जीव द्रव्य को सक्रिय रखने में सहायक है।
(ii) वृद्धि करने, जल और प्रकाश को प्राप्त करने के लिए।
प्रश्न 4.
संवेदनशीलता क्या है ?
उत्तर :
संवेदनशीलता सजीवों में होने वाली एक ऐसी प्रक्रिया है जो उन्हें बदलते हुए वातारण में जीवित रहने में सहायता करती है यह समस्त शारीरिक क्रियाओं को ठीक प्रकार से संचालित करने में सजीवों को मदद करती है।
प्रश्न 5.
सुन्दरी पौधों के श्रसन मूल में किस प्रकार की गति पायी जाती है?
उत्तर :
सुन्दरी पौधों के श्चसन मूल (Pneumatophores or breathing roots) में ऋणात्मक गुरुत्वानुवर्ती गति पायी जाती है।
प्रश्न 6.
पौधे का कौन-सा भाग सूर्य के प्रकाश की दिशा में गति करता है ? यह किस प्रकार की गति है ?
उत्तर :
(a) तना, (b) प्रकाशानुवर्तन ।
प्रश्न 7.
किस पौधे में आप न्यूमैटोफोर पाते हैं ? यह किस दिशा में गति करता है ?
उत्तर :
(a) पौधा का नाम : राइजोफोरा (Rhizophora)
(b) दिशा : यह प्रकाश की ओर गति करता है।
प्रश्न 8.
कंपानुकुंचन क्या है ?
उत्तर :
स्पर्श उद्दीपक के कारण होने वाले अनुकुंचन गति को कंपानुकुंचन गति कहते हैं। जैसे – छुईमुई के पत्रक को स्पर्श करने पर मुड़ जाना या बंद हो जाना।
प्रश्न 9.
प्रेरण वक्रण गति से क्या समझते हो ?
उत्तर :
पौधों में होने वाली ऐसी वक्रण गति जो वाह्य उद्दीपन के प्रभाव से सम्पन्न होती है उसे प्रेरण वक्रण गति कहते हैं।
प्रश्न 10.
अनुचलन गति कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर :
अनुचलन गति निम्न चार प्रकार की होती है-
- प्रकाश अनुचलन (Phototactic)
- ताप अनुचलन (Thermotactic)
- रसायन अनुचलन (Chemotatic)
- वायु अनुचलन (Aerotactic)
प्रश्न 11.
लम्बवत् प्रकाशानुवर्तन गति क्या है ?
उत्तर :
पौधों की पतियाँ प्रकाश किरणों से 90° का कोण बनाती है। पत्तियों के इस प्रकार की गति को लम्बवत् प्रकाशानुवर्तन गति कहते हैं।
प्रश्न 12.
धन गुरुत्वानुवर्ती क्या है ?
उत्तर :
जब किसी पौधे के अंग का वृद्धि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण इसकी दिशा में होती है तो इसे धन गुरुत्वानुवर्ती कहते हैं।
प्रश्न 13.
प्रकाशानुकुंचन गति क्या है ?
उत्तर :
जब पौधों के अंगों में गति प्रकाश की तीव्रता द्वारा प्रेरित होकर होती है तो इस प्रकार की गति को प्रकाशानुकुंचन गति कहते हैं। जैसे- सूर्यमुखी, कुमुदनी आदि के फूल सूर्योदय होने पर खिल जाते हैं तथा सूर्यस्त होने पर बन्द हो जाते हैं।
प्रश्न 14.
ऋणात्मक गुरुत्वानुवर्ती (Negative geotropic) क्या है ?
उत्तर :
जब पौधे का अंग पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति की विपरीत दिशा में गति करता है, तब इसे ऋणात्मक गुरुत्वानुवर्ती गति कहते हैं। जैसे- जड़ का जमीन से ऊपर की ओर बढ़ना।
प्रश्न 15.
बीजों के विकिरण को प्रचलन की संज्ञा नहीं दी जा सकती है, क्यों ?
उत्तर :
बीजों के विकिरण को प्रचलन की संज्ञा नहीं दी जा सकती है क्योंकि प्रचलन एक स्वतः होने वाली प्रक्रिया है जबकि बीज हवा द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाये जाते हैं।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS
प्रश्न 1.
उच्च श्रेणी के पौधों में प्रचलन क्रिया नहीं होती है, क्यों ?
उत्तर :
उच्च श्रेणी के पौधों में मूल तंत्र मिट्टी में फैला रहता है तथा पौधों को जकड़ कर स्थिर रखता है। जड़ें मिट्टी में फैलकर पौधों को सीधा रखने के साथ-साथ जल तथा खनिज लवणों को अवशोषित करने का भी कार्य करती है। एक स्थान पर रहते हुए भी पौधों का प्रकाशकीय ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। इसलिए उच्च श्रेणी के पौधों में प्रचलन की क्रिया नहीं होती है।
प्रश्न 2.
प्ररोह तंत्र (Shoot system) प्रकाश की ओर क्यों मुड़ता है ?
उत्तर :
ऑक्सिन का साव प्रांकुर के शीर्ष भाग पर अधिक होता है जो प्रकाश के प्रभाव से प्रांकुर के अंधकारीय भाग में जमा होता है। इसके फलस्वरूप वहाँ की कोशिकाओं में तीव्र वृद्धि होने से प्रांकुर प्रकाश की ओर मुड़ जाता है।
प्रश्न 3.
जड़ें कभी भी ऊपर नहीं जाती हैं, क्यों ?
उत्तर :
जड़ में स्रावित ऑक्सिन की सान्द्रता अधिक होने से जड़ की कोशिकाओं में विभाजन की क्रिया कम होती है। अत जड़ों में वृद्धि कम होने के कारण ये गुरुत्वाकर्षण बल को प्रभावित नहीं कर पाती, फलस्वरूप जड़ें गुरुत्वाकर्षण के अधीन होकर नीचे की ओर झुक जाती है। गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से जड़ें कभी भी ऊपर नहीं जाती हैं, बल्कि नीचे की ओर बढ़ती रहती है।
प्रश्न 4.
वातावरण में हो रहे परिवर्तन के अनुभव को पौधा कैसे प्राप्त करता है ?
उत्तर :
पौधों में तंत्रिका तंत्र नहीं होता है परन्तु वातावरण में हो रहे परिवर्तन के साथ अपने व्यवहार को वे हारमोन द्वारा समन्वित कर सकते हैं। पौधों में हारमोन उस प्रकार कार्य नहीं करते जिस प्रकार जन्तुओं में करते हैं। वे ऊतक जल अथवा कोशिका द्रव्य के साथ प्रतिक्रिया तथा समन्विन करके वृद्धि प्रभावित करते हैं। पौधों की कोशिकाओं में विभिन्न उद्दीपन जैसे प्रकाश तथा जल भी इन्हीं हारमोनों के प्रभाव के कारण हैं।
प्रश्न 5.
पौधे विभित्र उद्दीपनों के प्रति कैसे प्रतिचार करते हैं ?
उत्तर :
पौधों की कोशिकाओं में स्थित जीवंद्रव्य में किसी उद्दीपन (stimulus) को ग्रहण करने व उसके प्रति अनुक्रिया करने का गुण होता है। सभी जीवित पौधों में वातावरण में होने वाले परिवर्तनों के उद्दीपनों के प्रतिचार (response) की क्षमता होती है। पौधे भीतर और बाहर दोनों जगह उद्दीपनों की क्रिया को अभिव्यक्त करने के लिए सम्पूर्ण शरीर पर शरीर के अंगों का स्थान बदलते रहते हैं। जब यह स्थान परिवर्तन विशेष रूप से होने लगता है तब इसे उनकी आदत कहते हैं। पौधे सशरीर चल फिर नहीं सकते हैं। इनके शरीर के अंगों के स्थान परिवर्तन क्रिया को गति कहते हैं।
प्रश्न 6.
तीन मुख्य प्रकार के अनुवर्तन गति का एक-एक उदाहरण दीजिए। पौधा में गति का तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
(i) (a) प्रकाशानुवर्तन : पौधा के तना का प्रकाश की ओर मुड़ाना या वृद्धि करना।
(b) जलानुवर्तन : पौधों के जड़ का जल के स्रोत की ओर मुड़ना या वृद्धि करना।
(c) गुरुत्वानुवर्तन : पौधा के जड़ का पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण केंद्र की ओर वृद्धि करना।
(ii) पौधों में गति के उदाहरण :
(a) पुष्प का खिलना
(b) छुई मुई के पत्रकों का वंद होना
(c) तना का मुड़ना।
दीर्घउत्तरीय प्रश्नोत्तर (Descriptive Type) : 5 MARKS
प्रश्न 1.
अनुवर्तन गति या ट्रॉपिक गति (Tropic Movement) क्या है ? ट्रॉपिक गति के लिए पौधे में ऑक्सिन की क्या भूमिका है ? 2 + 3
उत्तर :
ट्रॉपिक गति : वाह्य उद्दीपन के कारण पौधों के अंगों में होने वाली उस गति को जिसकी दिशा उद्दीपन की दिशा पर निर्भर करती है, उसे ट्रॉपिक गति कहते हैं।
ट्रॉपिक गति में ऑक्सिन की भूमिका (Role of Auxin in tropic movement) : ऑक्सिन हार्मोन का प्रभाव पौधों की ट्रॉपिक गतियों पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। तना या जड़ के प्रकाशित भाग पर ऑंक्सिन की मात्रा कम होती है तथा जिस भाग पर प्रकाश नहीं पड़ता है उस भाग पर ऑक्सिन की मात्रा अधिक होती है। अप्रकाशित भाग पर वृद्धि ज्यादा होती है। इसलिए तना प्रकाश की ओर मुड़ जाता है और तना धनात्मक प्रकाश अनुवर्ती (Positively phototropic) कहलाता है। जड़ों में ऑक्सिन की मात्रा अधिक होने के कारण वृद्धि कम होती है। जड़ अप्रकाशित भाग की ओर मुड़ जाता है। इसलिए जड़ें ॠणात्मक प्रकाश अनुवर्ती (Negatively phototropic) कहलाता है।
प्रश्न 2.
अनुचलन गति या टैक्टिक गति (Tactic Movement) क्या है ? विभिन्न प्रकार के टैक्टिक गति का वर्णन करो।
Or
अनुचलन गति किसे कहते हैं ? प्रकाश प्रेरण गति के बारे में संक्षेप में लिखें। 2 + 3
उत्तर :
अनुचलन गति या टैक्टिक गति (Tactic Movement) : किसी पौधे में बाहरी उद्दीपन द्वारा उत्पन्न वह गति जिसमें उसका पूरा शरीर स्थानान्तरित होता है उसे टैक्टिक गति कहते हैं।
प्रकाश प्रेरण गति (Phototactic Movement) : जब प्रकाश उद्दीपन के प्रभाव से पौधों का सम्मूर्ण शरीर स्थान परिवर्तन करता है तो इस गति को प्रकाश प्रेरण गति(Phototactic) कहते हैं। जैसे- शैवाल द्वारा मन्द प्रकाश की ओर गति करना।
प्रश्न 3.
अनुकुंचन गति या विक्रम गति (Nastic Movement) क्या है? विभिन्न प्रकार की विक्रम गति का वर्णन करो। 2 + 3
या
पौधों की विभिन्न वक्रतागतियों का सोदाहरण वर्णन करो।
या
अनुकुंचन गति किसे कहते हैं? पौधो में होने वाली विभिन्न अनुकुंचन गतियों का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर :
अनुकंचन गति या विक्रम गतियाँ (Nastic Movements) : पौधों के अंगों में होने वाली ऐसी गति जो उद्दीपन की दिशा पर निर्भर न होकर उद्दीपन की तीव्रता द्वारा प्रभावित होती है तो इस गति को विक्रम गति कहते हैं। यह गति निम्न प्रकार की होती है –
प्रकाशानुकुंचन (Photonasty) : पौधों की ऐसी गति जो प्रकाश की तीव्रता द्वारा प्रेरित होती है उसे प्रकाश वक्रिमा (Photonasty) कहते हैं। कमल के फूल सूर्योदय के साथ खिल जाते हैं तथा सूर्यास्त होते ही बन्द हो जाते हैं। तिपतियाँ (oxalis), तम्बाकू, Evening prime rose आदि के फूल शाम को खिलते हैं तथा रात भर खिलें रहते हैं, परन्तु सुबह होते ही बन्द हो जाते हैं।
उष्मानुकुंचन (Thermonasty) : उष्मा की तीव्रता के प्रभाव से पौधों के अंगों में होने वाली गति को उष्मा वक्रिमा (Thermonasty) कहते हैं। जैसे – ट्युलिप (Tulip), केसर (Crocus) आदि में फूल का खिलना तथा बन्द होना ताप पर ही निर्भर करता है।
रसायनुकुंचन (Chemonasty) : पौधों के अंगों में होने वाली ऐसी गति जो रासायनिक पदार्थ की तीव्रता या सान्द्रता से प्रभावित होकर होती है, रसायन वक्रिमा (Chemonasty) कहलाती है। जैसे- संजनी क्लोरोफोर्म से दूर भागता है या कलश पौधा के ढक्कन कीटों के स्पर्श से बन्द हो जाते हैं।
स्पर्शानुकुंचन (Seismonasty) : स्पर्श, घर्षण, आघात आदि उद्दीपनों के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली गति को स्पर्शानुकुंचन कहते हैं। जैसे – छुई-मुई के पत्तियों को स्पर्श करते ही वह बन्द हो जाती है।
प्रश्न 4.
विभिन्न प्रकार की ट्रॉपिक या अनुवर्तन गति (Tropic Movement) का वर्णन करो। पौधों में होने वाली तीन प्रकार की अनुवर्तन गतियों का वर्णन करें। 2 + 3
उत्तर :
प्रकाश अनुवर्ती गति (Phototropic Movement) : प्रकाश उद्दीपन से प्रेरित होने वाली गति को प्रकाश अनुवर्ती गति कहते हैं। इस गति में पौधों का प्ररोह हमेशा प्रकाश की ओर जाता है। इसलिए इसे धनात्मक अनुवर्ती (Positively phototropic) कहते हैं। चूँकि जड़ प्रकाश के विपरित दिशा में जाती है, इसलिए इसे ऋणात्मक प्रकाश अनुवर्ती कहते हैं।
जल अनुवर्ती गति (Hydrotro-pic) : जल उद्दीपन के प्रभाव से होने वाली गति को जल अनुवर्ती गति कहते हैं। इस गति में पौधे की जड़ जल को ग्रहण करने के लिए मिट्टी के नीचे बढ़ता है, इसलिए जड़ को धनात्मक जल अनुवर्ती (Positively hydrotropic) कहते हैं। चूंकि तना इसके विपरीत अर्थात ऊपर की ओर बढ़ता है, इसलिए तना को ऋणात्मक जल अनुवर्ती कहते हैं।
गुरुत्वानुवर्ती गति (Geotropic): जब पौधों के अंगों की गति पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल की दिशा के प्रभाव से प्रभावित होती है तो इस गति को गुरुत्वानुवर्ती गति कहते हैं। इस गति में जड़ नीचे की ओर अर्थात गुरुत्वाकर्षण की ओर बढ़ता है, इसलिए जड़ को धनात्मक गुरुत्वानुवर्ती (Positive geotropic) कहा जाता है। चूँकि तना गुरुत्वाकर्षण के विपरीत ऊपर की ओर बढ़ता है, इसलिए तना ऋणात्मक गुरुत्वानुवर्ती (Negatively geotropic) होती है। पार्श्व जड़ें तथा इनकी शाखायें अनुप्रस्थ गुरुत्वानुवर्ती होती हैं।
प्रश्न 5.
Dia-Phototropic क्या है ? एक प्रयोग द्वारा समझाओं की तना प्रकाश की ओर गति करता है। 2 + 3
उत्तर :
जब पौधे का अंग प्रकाश की किरणों से 90° का कोण (समकोण) बनाते हुए गति करता है तो इसे Dia-phototropic कहते है; जैसे – पत्तियों की गति।
प्रयोग : एक बन्द बक्से के अन्दर गमले में लगा पौधा रखा जाता है। बक्सा चारों ओर से बन्द रहता है, परन्तु इसके एक छिद्र प्रकाश आने के लिए होता है। कुछ दिन पश्चात् पौधे के तना का अग्रस्थ भाग प्रकाश की ओर मुड़ जाता है। इससे सिद्ध होता है कि पौधे का तना प्रकाश की ओर गति करता है अर्थात् फोटोट्रॉपिक गति (Phototropic Movement) करता है।