Students should regularly practice West Bengal Board Class 10 Hindi Book Solutions निबंध Chapter 1 धूमकेतु to reinforce their learning.
WBBSE Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 Question Answer – धूमकेतु
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. ‘धूमकेतु’ का शाब्दिक परिचय दें।
अथवा
प्रश्न 2. ‘धूमकेतु’ का अर्थ स्पष्ट करें।
अथवा
प्रश्न 3. ‘धूमकेतु’ का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसके अन्य नामों की भी चर्चा करें।
अथवा
प्रश्न 4. ‘घूमकेतु’ शब्द की उत्पत्ति के बारे में लिखें।
अथवा
प्रश्न 5. ‘धूमकेतु’ का अर्थ स्पष्ट करते हुए बताइए कि इसका उल्लेख कहाँ और किस प्रकार किया गया है?
उत्तर:
धूमकेतु दो शब्दों के मिलने से बना है ‘धूम’ अर्थात् धुंआ तथा ‘केतु’ अर्थात् पताका। पताका (तिकोना) की तरह दिखाई पड़ने के कारण ही इसे धूमकेतु कहा जाता है। धूमकेतु को लोग ‘पुच्छल तारे’ (पूँछवाला तारा) के नाम से भी जानते हैं। पश्चिमी देशों में धूमकेतु को ‘कॉमेट’ के नाम से जाना जाता है। कॉमेट शब्द यूनानी भाषा के ‘कोमते’ शब्द से बना है। ‘कोमते’ का अर्थ होता है – ‘लंबे बालों वाला’। धूमकेतु का यह नामकरण उसके झाडू जैसे आकार के कारण ही पड़ा है।
प्रश्न 6. ‘शूमकेतु’ शब्द की ऐतिहासिकता के बारे में लिखें।
अथवा
प्रश्न 7. प्राचीन ग्रंथों में धूमकेतु के बारे में क्या कहा गया है?
अथवा
प्रश्न 8. हमारे प्राचीन साहित्य में धूमकेतु का वर्णन किस रूप में हुआ है?
अथवा
प्रश्न 9. प्राचीन काल में लोगों की धूमकेतु के बारे में क्या धारणा थी?
अथवा
प्रश्न 10. धूमकेतुओं के बारे में प्राचीन काल में कैसी अवधारणा थी?
अथवा
प्रश्न 11. प्राचीन काल में लोग घूमकेतु के बारे में क्या सोचते थे?
अथवा
प्रश्न 12. धूमकेतु के विषय में क्या जानते हो ? पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
हमारे पौराणिक ग्रंथों में धूमकेतु का वर्णन कई स्थानों पर मिलता है। अथर्ववेद, महाभारत तथा ‘वृहत्संहिता’ में धूमकेतु का उल्लेख किया गया है। इसी से धूमकेतु शब्द की प्राचीनता का पता चल जाता है। ‘महाभारत’ में कहा गया है –
“महाभयंकर धूमकेतु जब पुष्य नक्ष्त्र के पार पहुँचेगा तो भयंकर युद्ध होगा।”
छठी शताब्दी के प्रख्यात ज्योतिषी वराह मिहिर ने ‘वृहत्संहिता’ में धूमकेतु के दिखाई पड़ने पर उसके शुभ तथा अशुभ फल के बारे में विस्तार से लिखा है। कुल मिलाकर लोग धूमकेतु को भयंकर खतरे का सूचक मानते थे।
प्रश्न 13. दूसरे देश के लोग धूमकेतु के बारे में क्या सोचते थे?
अथवा
प्रश्न 14. यूरोपीय ग्रंध में सन् 1528 ई० के धूमकेतु के बारे में क्या कहा गया है?
अथवा
प्रश्न 15. सन् 1528 ई० में यूरोप के आकाश में धूमकेतु दिखाई पड़ने पर लोगों पर उसका क्या प्रभाव पड़ा?
अथवा
प्रश्न 16. अब लोगों में धूमकेतु का भय क्यों नहीं रह गया है?
उत्तर :
भारत की तरह दूसरे देशों के लोग भी धूमकेतु का प्रकट होना अशुभ का सूचक समझते थे। जब 1528 ई० में यूरोप में धूमकेतु प्रकट हुआ तो वहाँ के लोगों में भय की लहर दौड़ गई। ‘आकाश के राक्षस’ नामक पुस्तक में उसके लेखक आमोई पेरी ने लिखा है –
“यह धूमकेतु इतना भयंकर था कि डर के मारे कई लोग मर गए और बहुत-से बीमार पड़ गए।”
लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। धूमकेतु के बारे में जानकारी प्राप्त होने के कारण लोगों को अब धूमकेतु से भय नहीं लगता है।
प्रश्न 17. धूमकेतुओं के विषय में हेली ने अपने अध्ययन से क्या निष्कर्ष प्रस्तुत किया?
अथवा
प्रश्न 18. एडमंड हेली कौन थे? उन्होने धूमकेतु के बारे में अपने क्या विचार प्रस्तुत किए?
अथवा
प्रश्न 19. एडमंड हेली ने धूमकेतुओं के अध्ययन के बाद क्या भविष्यवाणी की? क्या वह भविष्यवापी सच निकली ?
अथवा
प्रश्न 20. एडमंड हेली ने धूमकेतु के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी?
अथवा
प्रश्न 21.
आज धूमकेतु को ‘हेली का धूमकेतु’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
एडमंड हेली प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइजेक न्यूटन के मित्र थे। हेली ने अपने अध्ययन से यह जाना कि 1531 ई० तथा 1607 ई० में धूमकेतु दिखाई पड़े थे। इन दोनों के प्रकट होने में 75-76 वर्ष का अंतर था। उन्हे यह लगा कि धूमकेतु भी अन्य महों की तरह एक निश्चित समय में सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
यदि यह अंदाजा ठीक है तो 1758 ई० में यह धूमकेतु फिर प्रकट होगा। हेली की यह भविष्यवाणी सच निकली लेकिन वे स्वयं इस भविष्यवाणी को सच होते नहीं देख सके क्योंकि 1742 में ही वे इस दुनिया से चल बसे। धूमकेतु के बारे में ऐसी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए ही आज धूमकेतु को ‘हेली का धूमकेतु’ कहा जाता है।
प्रश्न 22.
हेली का घूमकेतु 1742 ई० के बाद कब प्रकट हुआ और क्यों?
उत्तर :
हेली का धूमकेतु 1742 ई॰ के बाद 1910 ई० में प्रकट हुआ था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 75-76 वर्ष में धूमकेतु एक बार सूर्य की परिक्रमा कर लेता है। यह नेपच्यून की कक्षा से अलग होकर करीब 76 साल के बाद फिर सूर्य के निकट पहुँचता है। इसीलिए 1986 ई० में यह धूमकेतु फिर से प्रकट हुआ।
प्रश्न 23. खगोलविदों ने अब तक धूमकेतुओं के बारे में क्या-क्या जानकारियाँ प्राप्त की है?
अथवा
प्रश्न 24. धूमकेतुओं के बारे में क्या-क्या नई जानकारियाँ प्राप्त हुई हैं?
अथवा
प्रश्न 25. धूमकेतुओं की बनावट का संक्षिप्त वर्णन करें।
अथवा
प्रश्न 26.
थूमकेतुओं के कितने भाग होते हैं ? प्रत्येक भाग का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर :
हाल के अनुसंधान के बाद हमारे वैज्ञानिकों तथा खगोलविदों ने धूमकेतुओं के बारे में अनेक नई जानकारी प्राप्त की है। जहाँ तक धूमकेतु के बनावट की बात है, धूमकेतु के तीन प्रमुख भाग होते हैं –
(क) नाभिक : धूमकेतु का अधिकांश द्रव्य इसके नाभिक में होता है। नाभिक का व्यास आधा किलोमीटर से 50 किलोमीटर तक हो सकता है। इसके नाभिक बर्फ से बनी हुई गैसों तथा अन्य पदार्थो के टुकड़ों के मेल से बने होते हैं।
(ख) सिर : धूमकेतु के सूर्य के सामने वाला भाग का गैस ताप से गर्म होकर फैल जाती है तथा चमकने लगती है। इसे ही ‘धूमकेतु का सिर’ कहते हैं। धूमकेतु के सिर का घेरा हजारों-लाखों किलोमीटर हो सकता है। धूमकेतु के सिर का छोटा-बड़ा होना सूर्य से इसकी दूरी पर निर्भर करता है। यह सूर्य से जितना दूर होगा-सिर छोटा होगा तथा सूर्य के जितना निकट होगा, सिर उतना ही बड़ा होगा।
(ग) पूँछ : धूमकेतु के नाभिक से प्रति सेकेंड 10 टन धूल और 30 टन गैसें निकलती रहती है और यही इसकी पूँछ का निर्माण करता है। कुछ धूमकेतुओं की पूँछ 20 करोड़ किलोमीटर तक की होती है।
प्रश्न 27.
थूमकेतु सूर्य की परिक्रमा किस प्रकार करते हैं?
अथवा
प्रयन 28.
धूमकेतुओं के परिक्रमा-पथ का वर्णन करें। क्या कोई धूमकेतु इस नियम का अपवाद भी है?
उत्तर :
धूमकेतु भी अन्य ग्रहों की तरह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। उसकी परिक्रमा की कक्षा अन्य गहों की अपेक्षा काफी बड़ी होती है। उसे एक बार सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 75-76 वर्ष लगते हैं। ग्रहों की अपेक्षा धूमकेतु समतल के साथ-साथ कई अंशों का कोण बनाते हुए परिक्रमा करते हैं। सभी धूमकेतु नजदीक से सूर्य की परिक्रमा नहीं करते।
बहुत सारे धूमकेतु वृहसति, शानि, यूरेनस, नेपच्यून तथा प्लूटो ग्रहों के काफी दूर से चक्कर लगाकर लौटते हैं। कुछ धूमकेतु का यह परिक्रमा-पथ इतना बड़ा होता है कि इनको एक बार सूर्य की परिक्रमा करने में हजारों साल लग जाते हैं। हाँ परिक्रमा-पथ के बारे में एक बात सामान्य है कि सारे धूमकेतु अण्डाकार कक्ष में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। कुछ धूमकेतुओं का परिक्रमा-पथ छोटा होता है तथा ये लगभग 3 से 10 साल में अपनी परिक्रमा पूरी कर लेते हैं।
प्रश्न 29. वायुमंडल में उल्काओं की वर्षा क्यों होती है?
अथवा
प्रश्न 30. उल्का क्या होती है? वायुमंडल में उल्काओं की वर्षा का क्या कारण है?
अथवा
प्रश्न 31. कुछ धूमकेतुओं के नष्ट होने के पीछे क्या कारण होता है? ऐसी स्थिति में क्या होता है?
अथवा
प्रश्न 32.
1872 ई० में खगोलविदों को घूमकेतुओं के बारे में कौन-सी नई जानकारी मिली?
उत्तर :
1872 ई० में खगोलविदों को एक नई बात का पता चला कि वायुमंडल में उल्काओं की वर्षा होने के पीछे क्या कारण है । दरअसल जो धूमकेतु निकट से सूर्य की परिक्रमा करते हैं, वे जल्द ही नष्ट हो जाते हैं। पृथ्वी जब उनके पास से गुजरती है तो धूमकेतु के अवशेष उल्का के रूप में बरसते हैं। वायुमंडल में उल्का की वर्षा का यही कारण है।
प्रश्न 33.
धूमकेतु की पूँछ हमेशा सूर्य की उल्टी दिशा में क्यों रहती है?
उत्तर :
धूमकेतु के नाभिक वाले भाग का गैस सूर्य के ताप में फैल जाता है तथा इसके नाभिक से धूली तथा गैस पीछे की और निकलती है जिससे पूँछ का निर्माण होता है। यही कारण है कि धूमकेतु की पूँछ हमेशा सूर्य की उल्टी दिशा में ही रहती है।
प्रश्न 34.
धूमकेतुओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है, यह कैसे सिद्ध हुआ ?
उत्तर :
अधिकांश धूमकेतु बहुत दूर से ही सूर्य की परिक्रमा करते हैं इसलिए उनकी परिक्रमा में 75-76 वर्ष का समय लगता है। लेकिन कुछ धूमकेतु बहुत छोटी अंडाकार कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इसमें उन्हें 3 से 10 साल लगते हैं। सूर्य के अधिक निकट होने के कारण ऐसे धूमकेतु सूर्य के ताप से जल्दी ही नष्ट हो जाते हैं। उदाहरण के लिए बिएला के धूमकेतु का नाम लिया जा सकता है।
प्रश्न 35.
धूमकेतुओं से डरने की कोई बात क्यों नहीं है ?
उत्तर :
धूमकेतु केवल पृथ्वी से ही नहीं, चन्द्रमा से भी काफी दूर होते हैं। दूसरी बात यह है कि धूमकेतु की पूँछ ठोस नहीं गैसीय अवस्था में होती है। इसके अतिरिक्त धूमकेतु की पूँ्छ में कोई गुरूत्वाकर्षण शक्ति नहीं होती इसिलए इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं के बराबर है। इन कारणों से धूमकेतुओं से डरने की कोई बात नहीं है।
प्रश्न 36.
1985-86 ई० में हेली के घूमकेतु के अध्ययन के लिए विभिन्न देशों के द्वारा कौन-सी योजनाएँ बनाई गई थीं?
अथवा
प्रश्न 37. धूमकेतु के अध्ययन के लिए विभिन्न देशों द्वारा भेजे गए यानों का संक्षिप्त परिचय दें।
उत्तर :
1985-86 में हेली के धूमकेतु के अध्ययन के लिए सोवियत संघ ने ‘वीहे’ (वीनस-हेली) नामक दो यान, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘जोतो’ यान तथा जापान ने भी अपने दो यान धूमकेतु के पास भेजे। ये यान स्वचालित तथा कैमरे से युक्त थे। इन यानों ने धुमकेतु का नजदीक से अध्ययन किया तथा इससे संबंधित जानकारी व चित्र पृथ्वी पर भेजे।
प्रश्न 38.
वैज्ञानिक के रूप में गुणाकर मुले का संक्षिप्त परिचय दें।
उत्तर :
हिन्दी साहित्य में गुणाकर मुले अपने शोधपरक निबंधों के लिए जाने जाते हैं। ये राहुल सांकृत्यायन के शिष्य थे। हिन्दी में शोधपरक वैज्ञानिक लेखन की परंपरा की शुरूआत इन्होंने ही की। इन्होंने हिन्दी में करीब 3000 तथा अंग्रेजी में 250 से भी अधिक लेख लिखे हैं। इसके अलावे ये लिपिविज्ञान के भी बहुत बड़े विद्वान थे। ये NCERT के पाठ्य पुस्तक के सपादक मंडल तथा नेशनल बुक ट्रस्ट की हिन्दी प्रकाशन सलाहकार समिति के भी सदस्य थे।
इनकी प्रकाशित पुस्तकों में ‘भारतीय अंक-पद्धति की कहानी, ‘भारतीय सिक्कों की कहानी’, ‘भारतीय लिपियों की कहानी’ आदि प्रमुख हैं, जो हिन्दी जगत की अनुपम निधि हैं। इनके अविस्मरणीय शोधपूर्ण लेखन-कार्य के लिए हिन्दी अकाद्मी का साहित्यकार सम्मान, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के आत्माराम पुरस्कार, बिहार के कर्पूरी ठाकुर स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया।
प्रश्न 39.
हेली इस निष्कर्ष पर कैसे पहुँचे कि धूमकेतु सौरमण्डल के सदस्य हैं?
उत्तर :
हेली ने शोध से यह जाना कि धूमकेतु भी 75 या 76 साल में सौरमंडल की दूर की सीमाओं का चक्कर लगाकर वापस लौटते हैं । उन्होंने 1531,1607 और 1682 ई० में दिखाई दिए धूमकेतु के बारे में यह भविष्यवाणी की कि 1758 ई० में यह फिर से दिखाई देगा । हेली की भविष्यवाणी सच निकली क्योंकि 1758 में वह धूमकेतु दिखाई दिया। इस प्रकार हेली का निष्कर्ष सही निकला कि धूमकेतु सौरमण्डल के सदस्य हैं।
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
ब्राहे ने 1577 ई० में क्या सिद्ध किया?
उत्तर :
बाहे ने 1577 ई० में यह सिद्ध किया कि धूमकेतु पृथ्वी से बहुत दूर होते हैं, चंद्रमा से भी अधिक दूर।
प्रश्न 2.
न्यूटन का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर :
न्यूटन का पूरा नाम आइज़क न्यूटन है ।
प्रश्न 3.
‘कोमिट’ का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर :
‘कोमिट’ का दूसरा नाम – कोमेत, पुच्छल तारा, धूमकेतु है ।
प्रश्न 4.
धूमकेतु की पूंछ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
धूमकेतु की पूँछ से तात्पर्य धूमकेतु के नाभिक से निकलने वाली धूल एवं गैसों से है ।
प्रश्न 5.
‘कॉमेट’ किसे कहते हैं ?
उत्तर :
पाश्चात्य ज्योतिष में धूमकेतु को कॉमेट कहा जाता है ।
प्रश्न 6.
वाराहमिहिर कौन थे ?
उत्तर :
वृहत्संहिता ग्रंथ के लेखक।
प्रश्न 7.
धूमकेतु पृथ्वी के लिए भयकारी क्यों है?
उत्तर :
धूमकेतु के बारे में लोगों की यह धारणा है कि यह अशुभ का सूचक है इसलिए यह पृथ्वी के लिए भयकारी है।
प्रश्न 8.
धूमकेतु सभी ग्रहों में अपवाद क्यों है ?
उत्चर :
धूमकेतु सभी ग्रहों में इसलिए अपवाद हैं क्योंकि हमारे सौर-मंडल के म्रह तथा उपग्रह एक ही मार्ग में सूर्य की परिक्रमा करते हैं लेकिन धूमकेतु ग्रहों के समतल के साथ कई अंशों का कोण बनाते हुए परिक्रमा करते हैं।
प्रश्न 9.
प्राचीन काल में धूमकेतु को किसका सूचक समझा जाता था?
उत्तर :
प्राचीन काल में धूमकेतु को भयंकर खतरे का सूचक समझा जाता था।
प्रश्न 10.
वराहमिहिर द्वारा रचित ग्रंथ का नाम लिखें।
उत्तर :
‘वृहत्संहिता’।
प्रश्न 11.
वराहमिहिर के किस ग्रंथ में धूमकेतु के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है?
उत्तर :
वराहमिहिर के ‘वृहत्संहिता’ प्रंथ के ‘केतुचार’ नामक अध्याय में धूमकेतुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
प्रश्न 12.
वराहमिहिर ने धूमकेतुओं के दर्शन के बारे में क्या कहा है?
उत्तर :
किसी भी धूमकेतु के दर्शन होने या अस्त होने का काल गणित की किसी विधि से नहीं जाना जा सकता।
प्रश्न 13.
यूरोप में धूमकेतु कब प्रकट हुआ था?
उत्तर :
सन् 1528 ई० में।
प्रश्न 14.
‘आकाश के राक्षस’ के रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
आभोई पेरी।
प्रश्न 15.
आम्रोई पेरी ने 1528 ई० में दिखे धूमकेतु के बारे में क्या लिखा है?
उत्तर :
“यह धूमकेतु इतना भयंकर था कि डर के मारे कई लोग मर गए और बहुत से बीमार पड़ गए।
प्रश्न 16.
तीखे ब्राहे कौन थे?
उत्तर :
तीखे ब्राहे यूरोप के एक महान ज्योतिषी थे।
प्रश्न 17.
एडमंड हेली कौन थे?
उत्तर :
एडमंड हेली प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइजेक न्यूटन के मित्र थे।
प्रश्न 18.
न्यूटन के गुरूत्वाकर्षण सिद्धान्त के प्रकाशन में किसका बहुत बड़ा सहयोग था?
उत्तर :
एडमंड हेली का।
प्रश्न 19.
एडमंड हेली ने धूमकेतुओं के विषय में अपने अध्ययन से क्या निष्कर्ष प्रस्तुत किया?
उत्तर :
अन्य ग्रहों की तरह धूमकेतु भी हमारे सौर मंडल के सदस्य हैं और ये सूर्य की परिकमा करते हैं तथा यह7576 साल में सूर्य की परिक्रमा कर लेते हैं।
प्रश्न 20.
हेली के अनुसार धूमकेतु कब-कब दिखाई दिए?
उत्तर :
1531 ई०, 1607 ई० तथा 1682 ई० में।
प्रश्न 21.
धूमकेतु के दिखाई देने के बारे में हेली ने क्या भविष्यवाणी की?
उत्तर :
यदि मेरी बात ठीक है तो 76 साल बाद 1758 ई० में यह धूमकेतु पुन: प्रकट होगा।
प्रश्न 22.
धूमकेतु के बारे में हेली के द्वारा की गई भविष्यवाणी क्या सच निकली?
उत्तर :
धूमकेतु के बारे में हेली ने यह भविष्यवाणी की थी कि 1758 में यह धूमकेतु पुनः प्रकट होगा और यह भविष्यवाणी सच निकली।
प्रश्न 23.
धूमकेतु को ‘हेली का धूमकेतु’ क्यों कहते हैं?
उत्तर :
हेली ने ही सर्वप्रथम धूमकेतु के बारे में सटीक भविष्यवाणी की थी इसलिए इसे ‘हेली का धूमकेतु’ भी कहते हैं।
प्रश्न 24.
धूमकेतु पिछली बार कब प्रकट हुआ था?
उत्तर :
1910 ई० तथा 1986 ई० में।
प्रश्न 25.
खगोलविदों ने अब तक धूमकेतुओं की कितनी कक्षाएँ निर्धारित की हैं?
उत्तर :
करीब डेढ़ हजार।
प्रश्न 26.
धूमकेतु के कितने भाग होते हैं?
उत्तर :
तीन – नाभिक, सिर और पूँछ।
प्रश्न 27.
धूमकेतु का अधिकांश द्रव्य कहाँ होता है?
उत्तर :
धूमकेतु के नाभिक में धूमकेतु का अधिकांश द्रव्य होता है।
प्रश्न 28.
धूमकेतु के नाभिक का व्यास कितना हो सकता है?
उत्तर :
आधे से लेकर पचास किलोमीटर तक।
प्रश्न 29.
घूमकेतु का नाभिक किससे बना होता है?
उत्तर :
धूमकेतु का नाभिक बर्फ से बनी हुई गैसों तथा अन्य पदार्थों के टुकड़ों के मेल से बने होते हैं।
प्रश्न 30.
धूमकेतु का सिर किस प्रकार बनता है?
उत्तर :
सूर्य के निकट पहुँचकर धूमकेतु गर्म हो जाता है और इसकी बर्फीली गैसें, धूलि-कण तथा नाभिक की गैसें फैलकर चमकने लगती है – इस प्रकार धूमकेतु का सिर बनता है।
प्रश्न 31.
धूमकेतु के सिर का घेरा कितना हो सकता है?
उत्तर :
हजारों-लाखों किलोमीटर।
प्रश्न 32.
थूमकेतु की पूँछ सूर्य की विपरीत दिशा में क्यों रहती है?
उत्तर :
सौर-वायु अथवा विकिरण के प्रभाव से धूमकेतु की पूँछ फैलती और चमकती है, इसीलिए यह सूर्य की विपरीत दिशा में रहती है।
प्रश्न 33.
धूमकेतु किस प्रकार की कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं?
उत्तर :
धूमकेतु अत्यंत चपटी अण्डाकार कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
प्रश्न 34.
किन धूमकेतुओं को अक्सर अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है?
उत्तर :
जो धूमकेतु तीन से दस साल के भीतर ही सूर्य की एक परिक्रमा कर लेते हैं उन्हें सूर्य के ताप के प्रभाव से अक्सर अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।
प्रश्न 35.
कौन-सा धूमकेतु सूर्य के प्रभाव से अपनी जान से हाथ धो बैठा?
उत्तर :
बिएला का धूमकेतु।
प्रश्न 36.
बिएला का धूमकेतु कितने वर्ष में सूर्य का एक चक्कर लगाता था?
उत्तर :
करीब सात साल में।
प्रश्न 37.
बिएला का धूमकेतु अपने पूरे आकार में अंतिम बार कब देखा गया था?
उत्तर :
1939 ई० में।
प्रश्न 38.
आकाश में किसी एक स्थान से होनेवाली उल्काओं की वर्षा वास्तव में क्या होती है?
उत्तर :
विखंडित धूमकेतु के कण।
प्रश्न 39.
कब कोई घूमकेतु सौर मंडल को छोड़कर बाहरी अंतरिक्ष में निकल जाता है?
उत्तर :
जब कोई धूमकेतु किसी बाहरी पिंड के प्रभाव से अपनी कक्षा बदल लेता है तब वह सौर मंडल को छोड़कर बाहरी अंतरिक्ष में निकल जाता है।
प्रश्न 40.
धूमकेतुओं से पृथ्वी को डरने की बात क्यों नहीं है ?
उत्तर :
किसी धूमकेतु के पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं के बराबर होती है। साथ ही यह उसकी पूँछों के बीच से भी आराम से गुजर जा सकता है इसलिए पृथ्वी को इससे डरने की कोई बात नहीं है।
प्रश्न 41.
घूमकेतु के पास किस देश ने अपना कौन-सा यान भेजा?
उत्तर :
धूमकेतु के पास सोवियत संघ ने ‘वीहे’ नामक दो यान भेजे।
प्रश्न 42.
‘वीहे’ यान का नामकरण किस आधार पर किया गया है?
उत्तर :
वीनस तथा हेली के नाम के आधार पर।
प्रश्न 43.
‘वीहे’ का नामकरण वीहे क्यों किया गया ?
उत्तर :
सोवियत संघ द्वारा भेजे गए यान पहले वीनस (शुक्र ग्रह) तथा फिर हेली के धूमकेतु केपास गए, इसलिए वीनस तथा हेली के नाम के पहले अक्षर के आधार पर इसका नामकरण किया गया।
प्रश्न 44.
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा धूमकेतु के पास भेजे गए यान का नाम क्या था?
उत्तर :
जोतो।
प्रश्न 45.
सोवियत संघ तथा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अतिरिक्त किसने अपना यान थूमकेतु के पास भेजा?
उत्तर :
जापान ने।
प्रश्न 46.
नई जानकारी के अनुसार हेली के धूमकेतु का नाभिक कितना है?
उत्तर :
16×9 किलोमीटर।
प्रश्न 47.
हेली के धूमकेतु का चक्रण-काल कितने घंटे है?
उत्तर :
करीब 54 घंटे।
प्रश्न 48.
हेली का धूमकेतु पुनः कब दिखाई देगा?
उत्तर :
सन् 2062 ई० में।
प्रश्न 49.
धूमकेतु के पास मानव को भेजना कब संभव होगा?
उत्तर :
जब धूमकेतु 2062 ई० में पुन: सूर्य और पृथ्वी के निकट आएगा तब उसके पास मानव को भेजना संभव होगा।
प्रश्न 50.
‘धूमकेतु’ पाठ के रचनाकार कौन हैं?
उत्तर :
गुणाकर मुले।
प्रश्न 51.
घूमकेतु किसे कहते हैं?
उत्तर :
लगभग प्रत्येक 75 या 76 वर्ष के बाद अंतरिक्ष में जो पुच्छल तारा अर्थांत् झाडूनुमा तारा दिखता है उसे ही ‘धूमकेतु’ कहते हैं।
प्रश्न 52.
दूसरे देशों के लोगों की धूमकेतु के बारे में क्या धारणा थी?
उत्तर :
दूसरे देशों के लोगों की धूमकेतु के बारे में यह धारणा थी कि धूमकेतु का दिखाई देना भयंकर युद्ध तथा खतरे का सूचक है।
प्रश्न 53.
जब 1528 ई० में यूरोप के आकाश में धूमकेतु दिखाई पड़ा तो से लोगों पर उसका क्या असर हुआ?
उत्तर :
जब 1528 ई० में यूरोपीय आकाश में धूमकेतु दिखाई पड़ा तो उसका विशाल आकार देखकर बहुत से लोग बीमार पड़ गए तथा कई तो डर के कारण मर गए।
प्रश्न 54.
पाश्चात्य ज्योतिष में धूमकेतु को क्या कहते हैं?
उत्तर :
पाश्चात्य ज्योतिष में धूमकेतु को ‘कॉमेट’ कहते हैं।
प्रश्न 55.
प्राचीन काल में धूमकेतु को क्या समझा गया ?
उत्तर :
प्राचीन काल में धूमकेतु को विनाशक, युद्ध तथा खतरे का सूचक माना गया।
प्रश्न 56.
हेली ने धूमकेतु के बारे में क्या सोचा?
उत्तर :
हेली ने धूमकेतु के बारे में यह सोचा कि जिस प्रकार आकाश के अन्य ग्रह सूर्य की परिक्रमा एक निश्चित समय में करते हैं, ठीक उसी प्रकार धूमकेतुओं को भी एक निश्चित समय में सूर्य का एक चक्कर लगा लेना चाहिए।
प्रश्न 57.
हेली धूमकेतु के बारे में किस निष्कर्ष पर पहुँचे?
उत्तर :
हेली धूमकेतु के बारे में इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि वास्तव में एक ही धूमकेतु है और वहसौर-मंडल की दूर की सीमाओं का चक्कर लगाकर 75 या 76 साल में फिर सूर्य के पास पहुँचता है।
प्रश्न 58.
हेली की भविष्यवाणी से धूमकेतु के बारे में क्या सिद्ध हुआ?
उत्तर :
हेली की भविष्यवाणी से धूमकेतु के बारे में यह सिद्ध हुआ कि धूमकेतु भी सौर-मंडल के अन्य ग्महों की तरह सौर-मंडल के सदस्य हैं तथा सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
प्रश्न 59.
धूमकेतु की बनावट का वर्णन करें।
उत्तर :
धूमकेतु अंतरिक्ष में एक झाडू की तरह दिखाई देता है। इसके तीन भाग होते हैं- नाभिक (केन्द्र), सिर और पूँछ। नाभिक 50 किलोमीटर तक के व्यास का हो सकता है तथा इसका सिर का व्यास (घेरा) हजारों लाखों किलोमीटर हो सकता है। कुछ धूमकेतु की पूँछ तो 20 करोड़ किलोमीटर तक फैल जाती है।
प्रश्न 60.
धूमकेतु कहाँ तक जाते हैं?
उत्तर :
धूमकेतु वहाँ तक जाते हैं जहाँ तक सौर-मंडल का विस्तार है।
प्रश्न 61.
धूमकेतु के निकट जाने वाले यानों की क्या विशेषताएँ थी?
उत्तर :
धूमकेतु के निकट जाने वाले यान स्वचालित तथा कैमरे से युक्त थे तथा पृथ्वी पर धूमकेतु से जुड़ी जानकारी तथा वित्र भेजने में सक्षम थे।
प्रश्न 62.
हेली के धूमकेतु के बारे में क्या नई जानकारी प्राप्त हुई है?
उत्तर :
प्राप्त नई जानकारी के अनुसार हेली के धूमकेतु का नाभिक 16×9 किलोमीटर है। इससे प्रति सेकेंड 10 टन घूल और 30 टन गैसे निकलती रहती हैं। जिससे इसकी लंबी पूँछ का निर्माण होता है। इसका चक्रण-काल करीब 54 घंटे है। यह पुनः 2062 में पृथ्वी और सूर्य के करीब आएगा।
प्रश्न 63.
धूमकेतु के निकट मानव को भेजना कब संभव होगा?
उत्तर :
जब सन् 2062 में धूमकेतु पुथ्वी और सूर्य के निकट आएगा तब इसके निकट मानव को भेजना संभव होगा।
प्रश्न 64.
‘धूमकेतु’ का क्या अर्थ है?
उत्तर :
घूमकेतु दो शब्दों के मिलने से बना है – धूम तथा केतु। । घू का अर्थ ‘धुंआ’ तथा केतु का अर्थ ‘पताका’ होता है।
प्रश्न 65.
धूमकेतु के पूँछ से यदि पृथ्वी गुजरे तो क्या होगा ?
उत्तर :
धूमकेतु के पूँछ से पृथ्वी गुजरे तो कुछ नहीं होगा क्योंकि इसकी पूँछ गैस से बनी होती है।
प्रश्न 66.
धूमकेतुओं से पृथ्वी को डरने की बात क्यों नहीं है ?
उत्तर :
धूमकेतु पृथ्वी से बहुत दूर होते हैं इसलिए इससे पृथ्वी को डरने की बात नहीं है।
प्रश्न 67.
हेली की भविष्यवाणी से धूमकेतु के बारे में क्या सिद्ध हुआ ?
उत्तर :
हेली की भविष्यवाणी से धूमकेतु के बारे में यह सिद्ध हुआ कि सौरमंडल की सीमाओं का चक्कर लगाकर 75 या 76 साल में फिर सूर्य के पास लौटता है।
प्रश्न 68.
एडमंड हेली ने घूमकेतु के बारे में क्या निर्णय दिया ?
उत्तर :
एडमंड हेली ने धूमकेतु के बारे में निर्णयय लिया कि धूमकेतु भी हमारे सौरमंडल के सदस्य हैं और ये भी पृथ्वो की तरह सूर्य की परिकमा करते हैं।
प्रश्न 69.
कौन-सा घूमकेतु सूर्य के प्रभाव से अपनी जान से हाथ थो बैठा ?
उत्तर :
बिएला का धूमकेतु।
प्रश्न 70.
बिएला का धूमकेतु अपने पूरे आकार में अंतिम बार कब देखा गया ?
उत्तर :
1939 ई० में अंतिम बार देखा गया।
प्रश्न 71.
धूमकेतु किसकी परिक्रमा करते हैं ?
उत्तर :
धूरमकेतु सूर्य की परिक्कमा करते हैं।
प्रश्न 72.
पाश्चात्य ज्योतिष में ‘घूमकेतु’ को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर :
कॉमेट।
प्रश्न 73.
यूरोपीय अन्तरिक्ष एजेन्सी ने हेली के घूमकेतु के पास किस यान को भेजा ?
उत्तर :
जोतो।
प्रश्न 74.
धूमकेतु का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर :
पुच्छल तारा।
प्रश्न 75.
कुछ छोटे धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा कैसे करते हैं ?
उत्तर :
छोटे अंडाकार कक्ष में सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
प्रश्न 76.
प्राचीनकाल में घूमकेतु को किसका सूचक माना जाता था ?
उत्तर :
भयंकर खतरे का सूचक माना जाता था।
प्रश्न 77.
धूमकेतु सभी ग्रहों में अपवाद क्यों है ?
उत्तर :
धूम।
प्रश्न 78.
आप्रोई पेरी ने धूमकेतु के बारे में क्या लिखा था ?
उत्तर :
आमोई पेरी ने धूमकेतु के बारे में लिखा धा कि धूमकेतु के भय से कई लोग मर गए और बहुत से बीमार पड़ गए।
प्रश्न 79.
यूरोप के महान ज्योतिषी तीखे ब्राहे ने क्या सिद्ध किया है ?
उत्तर :
तीखे ब्राहे ने यह सिद्ध किया कि धूमकेतु पृथ्वी से बहुत दूर होते हैं, चंद्रमा से भी दूर।
प्रश्न 80.
‘ब्राहे यान’ द्वारा क्या नई जानकारी प्राप्त हुई ?
उत्तर :
बाहे यान द्वारा यह नई जानकारी प्राप्त हुई कि धूमकेतु का नाभिक 16×9 किलोमौटर है। इससे 10 टन धूलि और 30 टन गैसें उत्सर्जित होती है जिससे इसकी पूँछ बनती है।
प्रश्न 81.
धूमकेतु को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर :
धूमकेतु को अन्य ‘पुच्छल तारे’ के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 82.
आइजेक न्यूटन के मित्र का नाम क्या था ?
उत्तर :
आइजेक न्यूटन के मित्र का नाम एडमंड हेली था।
प्रश्न 83.
‘कॉमेट’ का क्या अर्थ होता है?
उत्तर :
कॉमेट शब्द यूनानी भाषा के ‘कोमते’ शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है – ‘लंबे बालोंवाला।’
प्रश्न 84.
‘धूमकेतु’ का शाब्दिक अर्थ क्या है?
उत्तर :
धुएँ से बना पताका।
प्रश्न 85.
‘धूम’ का क्या अर्थ होता है ?
उत्तर :
धुआँ।
प्रश्न 86.
घूमकेतु के तीन भाग कौन-कौन होते हैं ?
उत्तर :
नाभिक, सिर और पूँछ।
प्रश्न 87.
सभी धूमकेतु किस तरह सूर्य की परिक्रमा करते हैं ?
उत्तर :
सभी धूमकेतु बहुत छोटी अंडाकार कक्ष मे सूर्य की परिक्रमा करते है।
प्रश्न 88.
धूमकेतु की पूँछ कहाँ रहती है ?
उत्तर :
पिछले हिस्से में।
प्रश्न 89.
किसने अपने यान घूमकेतु के पास भेजे हैं ?
उत्तर :
सोवियत संघ, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी तथा जापान ने।
प्रश्न 90.
किस महाकाव्य में धूमकेतु का उल्लेख मिलता है ?
उत्तर :
‘वृहत्संहिता’ में।
प्रश्न 91.
किस वेद में धूमकेतु का उल्लेख हुआ है ?
उत्तर :
‘अथर्ववेद’ में धूमकेतु का उल्लेख हुआ है।
प्रश्न 92.
भारत के किस पौराणिक ग्रंथ में धूमकेतु का उल्लेख है?
उत्तर :
‘महाभारत’ में।
प्रश्न 93.
‘महाभारत’ में घूमकेतु के बारे में क्या कहा गया है?
उत्तर :
“महाभयंकर धूमकेतु जब पुष्य नक्षत्र के पार पहुँचेगा तो भयंकर युद्ध होगा।”
वस्तुनिष्ठ सह व्याख्यामूलक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
रोजनामचे में बालाजी का मंदिर सबसे ऊपर आता है।
(क) रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नौबतखाने में इबादत’ है तथा इसके रचनाकार यतींद्र मिश्र हैं।
(ख) कथन का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
बिस्मिल्ला खाँ के दोनों मामू भी शहनाईवादक थे। वे विभिन्न रियासतों के दरबार में शहनाई बजाने जाया करते थे। लेकिन काशी में रहने पर उनके दिन की शुरूआत बालाजी के मंदिर में शइनाई बजाने से होती थी।
प्रश्न 2.
ये खानदानी पेशा है अलीबखश के घर का।
(क) अलीबख़ा कौन हैं ?
उत्तर :
अलीबख़ बिस्मिल्ला खाँ के मामा हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
बिस्मिल्ला खाँ के ननिहाल में शहनाई बजाना खानदानी पेशा है। उनके नाना तथा दोनों मामा भी अच्छे शहनाईवादक थे।
प्रश्न 3.
शहनाई और डुमराँव एक-दूसरे के लिए उपयोगी हैं।
(क) रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार यतौंद्र मिश्र हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
शहनाई में जो रीड लगती है वह डुमराँव में सोन नदी के किनारे पाई जाती है। रीड के बिना शहनाई नहीं बज सकती। इसीलिए शहनाई और हुमराँव एक-दूसरे के लिए उपयोगी हैं।
प्रश्न 4.
उनका जन्म-स्थान भी डुमराँव ही है।
(क) रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नौबतखाने में इबादत’ है तथा इसके रचनाकार यतीद्र मिश्र हैं।
(ख) किसका जन्म-स्थान डुमराँव है ? उस व्यक्ति की विशेषता लिखें।
उत्तर :
बिस्मिल्ला खाँ का जन्म-स्थान हुमराँव है। वे विश्व-प्रसिद्ध शहनाईवादक थे। संगीतमेमी होने के साथ-साथ वे मानवताप्रेमी भी थे। जितनी आस्था उन्हें अपने धर्म में थी उतनी ही आस्था बालाजी के मंदिर पर भी। अपने संगती के माध्यम से बिस्मिल्ला खाँ ने भाईचारे का संदेश दिया। विश्वपसिद्ध होने के बावजूद उनका व्यक्तित्व सादगी भरा था।
प्रश्न 5.
मगर एक रास्ता है बालाजी मंदिर तक जाने का।
(क) पाठ का नाम लिखें।
उत्तर :
पाठ का नाम है – ‘नौबतखाने में इबादत’।
(ख) पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
बालाजी के मंदिर तक जाने का एक दूसरा रास्ता भी था जो रसूलनबाई और बतूलनबाई के यहाँ से होकर जाता था। जब बिस्मिल्ला खाँ रियाज के लिए बालाजी मंदिर जाते थे तो इस रास्ते से जाना इन्हें अच्छा लगता था क्योंकि न जाने कितने ही तरह के बोल-बनाव, ठुमरी-ठपे तो कभी दादरा उनकी कानों तक पहुँचते रहते थे।
प्रश्न 6.
इसे संगीत शास्त्रांतर्गत ‘सुषिर-वाद्यों’ में गिना जाता है।
(क) ‘इसे’ से कौन संकेतित है ?
उत्तर :
‘इसे’ से शहनाई संकेतित है।
(ख) पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
फूंक कर बजाए जाने वाले वाद्य को सुषिर वाद्य कहते हैं। शहनाई को भी फूंक कर बजाया जाता है इसलिए इसकी गिनती संगीत शास्त्रों में सुषिर वाद्य में की जाती है।
प्रश्न 7.
दक्षिण भारत के मंगलवाद्य ‘नागस्वरम्’ की तरह शहनाई, प्रभाती की मंगलध्वनि का सूचक है।
(क) पाठ के रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
पाठ के रचनाकार यतीद्र मिश्र हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
दक्षिण भारत में मांगलिक अवसरों पर नागस्वरम् बजाया जाता है। यह शुभ का सूयक है। इसी तरह उत्तरी भारत में शहनाई का स्थान है। यह मंगल ध्वनि का सूचक है तथा इसे शुभ अवसरों पर बजाया जाता है।
प्रश्न 8.
वे नमाज के बाद सजदे में गिड़गिड़ाते हैं।
(क) ‘वे’ से कौन संकेतित हैं ?
उत्तर :
‘वे’ से बिस्मिल्ला खाँ संकेतित हैं।
(ख) वे नमाज के बाद सजदे में क्या गिड़गिड़ाते हैं ?
उत्तर :
बिस्मिल्ला खाँ नमाज के बाद सजदे में गिड़गिड़ाते हैं कि ” मेरे मालिक एक सुर बख्रा दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।”
प्रश्न 9. आठवीं तारीख इनके लिए खास महत्व की है।
अथवा
प्रश्न 10. इस दिन खाँ साहब खड़े होकर शहनाई बजाते हैं।
अथवा
प्रश्न 11. इस दिन कोई राग नहीं बजता।
अथवा
प्रश्न 12.
राग-रागनियों की अदायगी का निषेध है इस दिन।
(क) रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नौबतखाने में इबादत’ है तथा इसके रचनाकार यत्तीद्र मिश्र हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
मुहर्रम के दिनों का बिस्मिल्ला खाँ के लिए विशेष महत्व था। इसके आठवें दिन ये खड़े होकर शहनाई बजाते थे तथा दालमंडी में फातमान के करीब आठ किलोमीटर की दूरी तक पैदल ही रोते हुए नौहा बजाते हुए जाते थे। इस दिन कोई राग नहीं बजाया जाता था क्योंकि इस दिन राग-रागनियों का पूर्ण निषेध है। इतना ही नहीं, मुहर्रम के दिनों इनके खानदान का कोई व्यक्ति किसी कार्यक्रम में भी शिरकत नहीं करता था।
प्रश्न 13.
हजार बरस की परंपरा पुनर्जीवित।
(क) पाठ का नाम लिखें।
उत्तर :
पाठ का नाम है – ‘नौबतखाने में इबादत’।
(ख) पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
मुहर्रम में हजार वर्ष की परंपरा फिर से जीवित हो उठती है। लोगों की आँखें इमाम हुसैन तथा इसके परिवार के लोगों की शहादत की याद में नम हो उठती है। हजारों नम आँखों से अजादारी की जाती है। बिस्मिल्ला खाँ जैसे महान कलाकार का भी सहज मानवीय रूप ऐसे अवसर पर आसानी से देखा जा सकता है।
प्रश्न 14. अमीरूद्दीन तब सिर्फ चार साल का रहा होगा।
अथवा
प्रश्न 15. वह छिपकर नाना को शहनाई बजाते हुए देखते थे।
अथवा
प्रश्न 16.
लगता है मीठीवाली शहनाई नाना कहीं और रखते हैं।
(क) रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार यतींद्र मिश्र हैं।
(ख) इस कथन का प्रसंग स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
जब बिस्मिल्ला खाँ केवल चार वर्ष के थे तब से शहनाई उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती थी। वे छुपकर अपने नाना को शहनाई बजाते हुए देखते थे। जब नाना उठकर चले जाते तो वह उनकी शहनाइयों में से एक-एक शहनाई को उठाकर बजाते और वैसे मीठी धुन न निकलने पर उसे यह कह कर खारिज कर देते कि लगता है कि मीठी वाली शहनाई नाना कहीं और छिपाकर रखते हैं।
प्रश्न 17.
यह आयोजन पिछले कई वर्षों से संकटमोचन मंदिर में होता आया है ।
अथवा
प्रश्न 18.
काशी में संगीत-आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा है।
(क) रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार यर्तीद्र मिश्र हैं।
(ख) इस कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
काशी में हुनमान जंयती बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है । हनुमान जयंती का मुख्य आयोजन संकटमोचन मंदिर से होता है। यह मंदिर काशी शहर के दक्षिण लंका में स्थित है। जयंती के अवसर पर पाँच दिनों तक शास्वीय तथा उपशास्वीय गायन-वादन का आयोजन होता है। इस आयोजन में काशी के उत्कृष्ट कलाकार भाग लेते हैं।
प्रश्न 19.
काशी संस्कृति की पाठशाला है।
अथवा
प्रश्न 20.
शास्त्रों में आनंदकानन के नाम से प्रतिष्ठित।
अथवा
प्रश्न 21.
यह एक अलग काशी है।
(क) रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नौबतखाने में इबादत’ है तथा इसके रचनाकार यतींद्र मिश्र हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
काशी को भारतीय संस्कृति का पाठशाला कहा गया है क्योंकि यहाँ विभिन्न कलाओ का अद्भुत संगम है। इसी विशेषता के कारण शास्वों में काशी को आनंदकानन नाम से प्रतिष्ठित किया गया है। काशी में एक से बढ़कर एक संगीत के कलाकार हैं, इनके संगीत से आनंद उठानेवाला रसिक अपार लोगों का समूह है। यहाँ की अपनी संस्कृति है, अपनी बोली है, अपना उत्सव है, अपना गम है, अपनी खुशियाँ हैं। यहाँ संगीत और भक्ति, मंदिर और मस्जिद, कजरी और चैती, बिस्मिल्ला खाँ और बालाजी का मंदिर – सब आपस में इस प्रकार घुलमिल गए हैं कि उन्हें अलग करके देखना संभव नहीं है।
प्रश्न 22.
उस फकीर की दुआ लगी जिसने अमीरूद्रीन से कहा था – “बजा, बजा।”
(क) यह पंक्ति किस पाठ से उद्धुत है ?
उत्तर :
यह पंक्ति ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ से उद्दृत है।
(ख) इस वाक्य का प्रसंग स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
एक बार रात्रि के समय बिस्मिल्ला खाँ काशी में मंदिर के अहाते के अंदर शहनाई का रियाज कर रहे थे। मंदिर में प्रवेश करने के सभी दरवाजे बंद थे। तभी उनके सामने एक फकीर आकर खड़े हो गए। भय से बिस्मिल्ला खाँ ने शहनाई बजाना बंद कर दिया कि ये फकीर अचानक यहाँ कैसे प्रकट हो गए। तभी उस फकीर ने मुस्कुराते हुए कहा ‘बजा बजा।’ इतना कहकर वो गायब हो गए।
भय से बदहवास बिस्मिल्ला खाँ ने तुरंत घर लौटकर इस घटना का उल्लेख नाना से किया। नाना ने पूरी घटना सुनी और एक जोर का तमाचा बिस्मिल्ला खाँ के गाल पर मारा। साथ ही उन्होंने यह हिदायत दी कि आगे कभी कोई घटना घटे तो किसी से मत कहना और बिस्मिल्ला खाँ ने ऐसा ही किया।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
‘अंतहिली का धूमकेतु पृख्वी और सूर्य के समीप कब आएगा?
(क) 2045 ई० में
(ख) 3062 ई० में
(ग) 2062 ई० में
(घ) 2030 ई० में
उत्तर :
(ग) 2062 ई० में
प्रश्न 2.
न्यूटन ने क्या आविष्कार किया था ?
(क) उत्तकर्षण
(ख) गुरुत्वाकर्षण
(ग) विकर्षण
(घ) महत्वाकर्षण
उत्तर :
(ख) गुरुत्वाकर्षण
प्रश्न 3.
धूमकेतु को कैसा तारा कहते हैं?
(क) गुच्छल तारा
(ख) उज्ज्वल तारा
(ग) पुच्छल तारा
(घ) निश्छल तारा
उत्तर :
(ग) पुच्छल तारा
प्रश्न 4.
‘आकाश के राक्षस’ क्या हैं ?
(क) कविता
(ख) उपन्यास
(ग) धूमकेतु
(घ) पुस्तक
उत्तर :
(घ) पुस्तक
प्रश्न 5.
‘अंतरिक्ष-यात्रा’ के लेखक हैं ?
(क) रामकुमार वर्मा
(ख) जयशंकर प्रसाद
(ग) गुणाकर मुले
(घ) न्यूटन
उत्तर :
(ग) गुणाकर मुले।
प्रश्न 6.
‘नक्षत्रलोक’ के रचनाकार हैं ?
(क) वराहमिहिर
(ख) गुणाकर मुले
(ग) न्यूटन
(घ) शिवमूर्ति
उत्तर :
(ख) गुणाकर मुले।
प्रश्न 7.
‘संसार के महान गणितज्ञ’ पुस्तक के लेखक हैं ?
(क) गुणाकर मुले
(ख) शैल रस्तोगी
(ग) बच्चन
(घ) प्रसाद
उत्तर :
(क) गुणाकर मुले।
प्रश्न 8.
‘महान वैज्ञानिक’ के रचनाकार का नाम है ?
(क) अनामिका
(ख) रघुवीर सहाय
(ग) कैलाश गौतम
(घ) गुणाकर मुले
उत्तर :
(घ) गुणाकर मुले।
प्रश्न 9.
‘अक्षरों की कहानी’ के रचनाकार हैं ?
(क) गुणाकर मुले
(ख) कन्हैयालाल नंदन
(ग) कैलाश गौतम
(घ) रघुवीर सहाय
उत्तर :
(क) गुणाकर मुले।
प्रश्न 10.
‘आँखों की कहानी’ किसके द्वारा लिखी गई ?
(क) ॠतुराज
(ख) गुणाकर मुले
(ग) कैलाश गौतम
(घ) कीर्ति चौधरी
उत्तर :
(ख) गुणाकर मुले।
प्रश्न 11.
‘गणित की कहानी’ के लेखक हैं ?
(क) रामनरेश त्रिपाठी
(ख) ॠतुराज
(ग) अनामिका
(घ) गुणाकर मुले
उत्तर :
(घ) गुणाकर मुले।
प्रश्न 12.
‘ज्यामिति की कहानी’ के लेखक हैं ?
(क) गुणाकर मुले
(ख) कन्हैयालाल नंदन
(ग) राजेश जोशी
(घ) अनामिका
उत्तर :
(क) गुणाकर मुले।
प्रश्न 13.
‘लिपियों की कहानी’ किसके द्वारा लिखी गई ?
(क) दिनकर
(ख) गुणाकर मुले
(ग) पंत
(घ) बच्चन
उत्तर :
(ख) गुणाकर मुले।
प्रश्न 14.
गुणाकर मुले को बिहार के किस सम्मान से सम्मानित किया गया ?
(क) कर्पूरी ठाकुर स्मृति सम्मान
(ख) स्मृति सम्मान
(ग) कर्पूरी सम्मान
(घ) ठाकुर स्मृति सम्मान
उत्तर :
(क) कर्पूरी ठाकुर स्मृति सम्मान।
प्रश्न 15.
गुणाकर मुले को केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा कौन-सा पुरस्कार दिया गया ?
(क) साहित्य रत्न
(ख) भारत रल
(ग) आत्माराम पुरस्कार
(घ) मंगला प्रसाद पारितोषिक
उत्तर :
(ग) आत्माराम पुरस्कार।
प्रश्न 16.
गुणाकर मुले को हिन्दी अकादमी के किस सम्मान से सम्मानित किया गया?
(क) साहित्यकार सम्मान
(ख) सरस्वती सम्मान
(ग) पुलित्जर सम्मान
(घ) नेहरू शांति सम्मान
उत्तर :
(क) साहित्यकार सम्मान।
प्रश्न 17.
गुणाकर मुले की कितनी पुस्तकें छपी हैं ?
(क) 25
(ख) 30
(ग) 35
(घ) 40
उत्तर :
(ग) 35
प्रश्न 18.
गुणाकर मुले के कितने निबंध हिन्दी में छपे हैं ?
(क) 35
(ख) 300
(ग) 300
(घ) 4000
उत्तर :
(ख) 300
प्रश्न 19.
गुणाकर मुले के कितने निबंध अंग्रेजी में छपे हैं ?
(क) 250 से अधिक
(ख) 300 से अधिक
(ग) 350 से अधिक
(घ) 400 से अधिक
उत्तर :
(क) 250 से अधिक।
प्रश्न 20.
‘भारतीय अंक-पद्धति की कहानी’ के लेखक कौन हैं ?
(क) जहीर
(ख) ग्रेजिया डेलेडा
(ग) गुणाकर मुले
(घ) संजीव
उत्तर :
(ग) गुणाकर मुले।
प्रश्न 21.
‘भारतीय सिक्कों की कहानी’ के लेखक कौन हैं ?
(क) प्रेमवंद
(ख) गुणाकर मुले
(ग) जैनेनेन्द्र
(घ) प्रसाद
उत्तर :
(ख) गुणाकर मुले।
प्रश्न 22.
‘भारतीय लिपियों की कहानी’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) शैल रस्तोगी
(ख) शिवमूर्ति
(ग) गुणाकर मुले
(घ) संजीव
उत्तर :
(ग) गुणाकर मुले।
प्रश्न 23.
गुणाकर मुले का जन्म कब हुआ था?
(क) 3 जनवरी 1935
(ख) 4 जनवरी 1936
(ग) 5 जनवरी 1937
(घ) 6 जनवरी 1938
उत्तर :
(क) 3 जनवरी 1935 ।
प्रश्न 24.
गुणाकर मुले का जन्म कहाँ हुआ था?
(क) पटना
(ख) लखनऊ
(ग) अमरावती
(घ) हैदराबाद
उत्तर :
(ग) अमरावती।
प्रश्न 25.
गुणाकर मुले किस संग्रहालय से वर्षों जुड़े रहे ?
(क) प्रेमचंद संम्महालय
(ख) गाँधी संग्रहालय
(ग) राहुल संमहालय
(घ) निराला संग्रहालय
उत्तर :
(ग) राहुल संप्रहालय।
प्रश्न 26.
गुणाकर मुले किनके शिष्य थे ?
(क) निराला के
(ख) राहुल सांकृत्यायन के
(ग) जयशंकर प्रसाद के
(घ) अझेय के
उत्तर :
(ख) राहुल सांकृत्यायन के।
प्रश्न 27.
‘धूम’ का अर्थ है :
(क) कण
(ख) गैस
(ग) धुआँ
(घ) पानी
उत्तर :
(ग) धुआं।
प्रश्न 28.
‘केतु’ का अर्थ है :
(क) पटाखा
(ख) पत्ताका
(ग) पूँछ
(घ) सिर
उत्तर :
(ख) पताका।
प्रश्न 29.
‘ब्रह्यांड परिचय’ के रचनाकार हैं ?
(क) आइजक न्यूटन
(ख) गुणाकर मुले
(ग) तौखे ब्राहे
(घ) हेली
उत्तर :
(ख) गुणाकर मुले।
प्रश्न 30.
किस पौराणिक ग्रंथ में धूमकेतु का उल्लेख है?
(क) रामायण
(ख) महाभारत
(ग) गीता
(घ) रामचरितमानस
उत्तर :
(ख) महाभारत।
प्रश्न 31.
प्राचीन काल में धूमकेतु को किसका सूचक माना जाता था?
(क) सौभाग्य का
(ख) समृद्धि का
(ग) भयकर खतरे का
(घ) सुख का
उत्तर :
(ग) भयकर खतरे का।
प्रश्न 32.
वराहमिहिर थे :
(क) ज्योतिषी
(ख) वैज्ञानिक
(ग) शिक्षक
(घ) कुशल कारीगर
उत्तर :
(क) ज्योतिषी।
प्रश्न 33.
‘वृहत्संहिता’ के रचनाकार हैं :
(क) वराहमिहिर
(ख) हेली
(ग) वाल्मीकि
(घ) पाणिनी
उत्तर :
(क) वराहमिहिर।
प्रश्न 34.
पाश्चात्य ज्योतिष में घूमकेतु को कहते हैं :
(क) लॉकेट
(ख) कॉमेट
(ग) पॉंकेट
(घ) सॉकेट
उत्तर :
(ख) कॉमेट।
प्रश्न 35.
‘कोमते’ शब्द किस भाषा का है :
(क) यूनानी
(ख) पुर्तगाली
(ग) यूरोपीय
(घ) फ्रांसीसी
उत्तर :
(क) यूनानी।
प्रश्न 36.
‘कोमते’ शब्द का अर्थ होता है :
(क) लंबी गर्दन वाला
(ख) बड़ा सिर वाला
(ग) लंबे बालों वाला
(घ) लंबी पूँछ वाला
उत्तर :
(ग) लंबे बालों वाला।
प्रश्न 37.
यूरोप के आकाश में धूमकेतु कब प्रकट हुआ?
(क) 1528 ई० में
(ख) 1529 ई० में
(ग) 1530 ई० में
(घ) 1531 ई० में
उत्तर :
(क) 1528 ई० में।
प्रश्न 38.
तीखे ज्राहे कौन थे?
(क) यूरोप के महान साहित्यकार
(ख) यूरोप के महान वैज्ञानिक
(ग) यूरोप के महान नाटककार
(घ) यूरोप के महान ज्योतिष
उत्तर :
(घ) यूरोप के महान ज्योतिष।
प्रश्न 39.
तीखे क्राहे कहाँ के थे?
(क) भारत के
(ख) यूरोप के
(ग) अमेरिका के
(घ) अफीका के
उत्तर :
(ख) यूरोप के।
प्रश्न 40.
‘आकाश के राक्षस’ के रचनाकार कौन हैं?
(क) आमोई पेरी
(ख) न्यूटन
(ग) प्रेमचंद्व
(घ) गुणाकर मुले
उत्तर :
(क) आमोई पेरी।
प्रश्न 41.
धूमकेतु पृथ्वी से होते हैं :
(क) बहुत निकट
(ख) बहुत दूर
(ग) अदृश्य
(घ) जुड़े हुए
उत्तर :
(ख) बहुत दूर।
प्रश्न 42.
आइजेक न्यूटन के मित्र थे :
(क) शेक्सपियर
(ख) गुणाकर मुले
(ग) एडमंड हेली
(घ) एडमंड हिलेरी
उत्तर :
(ग) एडमंड हेली।
प्रश्न 43.
न्यूटन के गुरूत्वाकर्षण सिद्धांत के प्रकाशन में किसका बड़ा योगदान था?
(क) एडमंड हिलेरी का
(ख) एडमंड हेली का
(ग) वराहमिहिर का
(घ) तौखे ब्वाहे का
उत्तर :
(ख) एडमंड हेली का।
प्रश्न 44.
हेली ने धूमकेतु कब देखा था?
(क) 1680 ई० में
(ख) 1682 ई० में
(ग) 1582 ई० में
(घ) 1782 ई० में
उत्तर :
(ख) 1682 ई० में।
प्रश्न 45.
न्यूटन का कौन-सा सिद्धांत विश्वप्रसिद्ध है?
(क) गुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत
(ख) पूँजीवाद का सिद्धान्त
(ग) मार्क्सवाद का सिद्धांत
(घ) समाजवाद का सिद्धान्त
उत्तर :
(क) गुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत।
प्रश्न 46.
धूमकेतु किसकी परिक्रमा करते हैं?
(क) पृथ्वी की
(ख) वृहस्पति की
(ग) चन्द्रमा की
(घ) सूर्य की
उत्तर :
(घ) सूर्य की।
प्रश्न 47.
धूमकेतु प्राय: कितने साल में सूर्य का एक चक्कर लगा लेता है?
(क) 75-76 साल
(ख) 50-51 साल
(ग) 30-35 साल
(घ) 700-800 साल
उत्तर :
(क) 75-76 साल।
प्रश्न 48.
हेली ने धूमकेतु के कब प्रकट होने की ब्ञात कही?
(क) 1902 ई० में
(ख) 1758 ई० में
(ग) 1896 ई० में
(घ) 2012 ई० में
उत्तर :
(ख) 1758 ई० में।
प्रश्न 49.
प्रश्नहेली की मृत्यु कब हुई ?
(क) 1542 ई० में
(ख) 1642 ई० में
(ग) 1842 ई० में
(घ) 1742 ई० में
उत्तर :
(घ) 1742 ई० में।
प्रश्न 50.
हेली का धूमकेतु पिछली बार कब प्रकट हुआ था ?
(क) 1910 ई० में
(ख) 1911 ई० में
(ग) 1912 ई० में
(घ) 1913 ई० में
उत्तर :
(क) 1910 ई० में।
प्रश्न 51.
1910 के बाद धूमकेतु फिर कब प्रकट हुआ?
(क) 1700 ई० में
(ख) 1800 ई० में
(ग) 1986 ई॰ में
(घ) 1900 ई० में
उत्तर :
(ग) 1986 ई० में।
प्रश्न 52.
घूमकेतु के कितने भाग होते हैं?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तौन
(घ) चार
उत्तर :
(ग) तीन।
प्रश्न 53.
धूमकेतु का अधिकांश द्रव्य कहाँ होता है?
(क) पूँछ में
(ख) नाभिक में
(ग) सिर में
(घ) कहीं नहीं
उत्तर :
(ख) नाभिक में।
प्रश्न 54.
धूमकेतु के नाभिक का व्यास कितना हो सकता है?
(क) आधे से पचास किलोमीटर
(ख) आधे से सौ किलोमीटर
(ग) आधे से डेढ़ सौ किलोमीटर
(घ) आधे से दो सौ किलोमीटर
उत्तर :
(ग) आधे से डेढ़ सौ किलोमौटर।
प्रश्न 55.
धूमकेतु के सिर का घेरा कितना हो सकता है?
(क) 50 कि॰मी०
(ख) 100 कि०मी०
(ग) 25 कि॰मी०
(घ) 5 कि०मी०
उत्तर :
(क) 50 कि०मी०।
प्रश्न 56.
धूमकेतु के सिर का आकार घटता-बढता है ?
(क) पृथ्वी से धूमकेतु की दूरी के अनुसार
(ख) वृहस्पति से धूमकेतु की दूरी के अनुसार
(ग) सूर्य से धूमकेतु की दूरी के अनुसार
(घ) चन्द्रमा से धूमकेतु की दूरी के अनुसार
उत्तर :
(ग) सूर्य से धूमकेतु की दूरी के अनुसार।
प्रश्न 57.
कुछ धूमकेतु की पूँछ फैल जाती है ?
(क) 20 करोड़ किलोमीटर
(ख) 15 करोड़ किलोमीटर
(ग) 10 करोड़ किलोमीटर
(घ) 5 करोड़ किलोमीटर
उत्तर :
(क) 20 करोड़ किलोमीटर।
प्रश्न 58.
धूमकेतु की पूँछ रहती है?
(क) पृथ्वी के विपरीत
(ख) सूर्य के विपरीत
(ग) चन्द्रमा के विपरीत
(घ) शनि के विपरीत
उत्तर :
(ख) सूर्य के विपरीत।
प्रश्न 59.
सभी धूमकेतु कैसी कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं?
(क) अण्डाकार
(ख) गोल
(ग) षटकोण
(घ) अष्टकोण
उत्तर :
(क) अण्डाकार।
प्रश्न 60.
कुछ धूमकेतु कितने वर्षों में सूर्य की एक परिक्रमा कर लेते हैं?
(क) तीन से बीस साल
(ख) तीन से पंद्रह साल
(ग) तीन से दस साल
(घ) तीन से पाँच साल
उत्तर :
(ग) तीन से दस साल।
प्रश्न 61.
सूर्य के प्रभाव से जल्द नष्ट हो जाने वाला धूमकेतु था ?
(क) बिएला
(ख) सिएला
(ग) रिएला
(घ) जोतो
उत्तर :
(क) बिएला।
प्रश्न 62.
जल्द नष्ट हो जाने वाले धूमकेतु किसकी परिक्रमा नजदीक से करते हैं?
(क) पृथ्वी की
(ख) वृहस्तपति की
(ग) नेपच्यून की
(घ) सूर्य की
उत्तर :
(घ) सूर्य की।
प्रश्न 63.
उल्काओं की वर्षा वास्तव में होती है ?
(क) धूमकेतु के कण
(ख) सूर्य के कण
(ग) गैस के कण
(घ) खनिज के कण
उत्तर :
(क) धूमकेतु के कण।
प्रश्न 64.
कुछ धूमकेतु कितने साल बाद लौटते हैं?
(क) साठ साल
(ख) पाँच सौ साल
(ग) हजारों साल
(घ) लाखों साल
उत्तर :
(ग) हजारों साल।
प्रश्न 65.
कभी-कभी कोई धूमकेतु अपनी कक्षा बादल लेता है?
(क) सूर्य के प्रभाव से
(ख) बाहरी पिंड के प्रभाव से
(ग) नाभिक के प्रभाव से
(घ) पूँछ के प्रभाव से
उत्तर :
(ख) बाहरी पिंड के प्रभाव से
प्रश्न 66.
धूमकेतु के पृथ्वी से टकरा जाने की संभावना है ?
(क) हाँ
(ख) नहीं
(ग) साल में एक बार
(घ) हजार साल में एक बार
उत्तर :
(ख) नहीं।
प्रश्न 67.
1985-86 में हेली का धूमकेतु किसके नजदीक आया?
(क) चन्द्रमा के
(ख) यूरेनस के
(ग) प्लूटो के
(घ) पृथ्वी के
उत्तर :
(घ) पृथ्वी के।
प्रश्न 68.
सोवियत संघ द्वारा धूमकेतु के निकट भेजे गए यान का नाम था?
(क) वीहे
(ख) जीतो
(ग) हीवे
(घ) तोहे
उत्तर :
(क) वीहे।
प्रश्न 69.
हेली के धूमकेतु का नाभिक है?
(क) 16 x 8 कि०मी०
(ख) 16 x 9 कि०मी०
(ग) 18 x 9 कि०मी०
(घ) 19 x 8 कि०मी०
उत्तर :
(ख) 16 x 9 कि॰मी०
प्रश्न 70.
‘भारतीय अंक-पद्धति की कहानी’ के रचयिता हैं ?
(क) गुणाकर मुले
(ख) शैल रस्तोगी
(ग) शिवमूर्ति
(घ) वराहमिहिर
उत्तर :
(क) गुणाकर मुले।
प्रश्न 71.
हेली के धूमकेतु से प्रति सेकेंड कितनी घूल निकलती है?
(क) 10 टन
(ख) 20 टन
(ग) 30 टन
(घ) 40 टन
उत्तर :
(क) 10 टन।
प्रश्न 72.
हेली के धूमकेतु से प्रति सेकेंड कितनी गैस निकलती है?
(क) 20 टन
(ख) 30 टन
(ग) 40 टन
(घ) 50 टन
उत्तर :
(ख) 30 टन।
प्रश्न 73.
किसकी सहायता से ‘जोतो’ को धूमकेतु के नजदीक पहुँचाया गया?
(क) वीहे यानों की सहायता से
(ख) हवाई जहाज को सहायता से
(ग) ‘नासा’ की सहायता से
(घ) विश्व बैंक की सहायता से
उत्तर :
(क) वीहे यानों की सहायता से।
प्रश्न 74.
गुणाकर मुले किस क्षेत्र के जाने-माने हस्ताक्षर थे ?
(क) लिपि विज्ञान
(ख) अभिलेख विज्ञान
(ग) रसायन विज्ञान
(घ) भौतिक विज्ञान
उत्तर :
(क) लिपि विज्ञान।
प्रश्न 75.
‘वीहे’ यान का नामकरण किसके नाम पर किया गया है?
(क) वीनस तथा हेली
(ख) वीनस तथा हिलेरी के नाम पर
(ग) वौनस तथा हीले हर्क्यूलस के नाम पर
(घ) वीनस तथा सूर्य के नाम पर
उत्तर :
(क) वीनस तथा हेली।
प्रश्न 76.
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा धूमकेतु के पास भेजे गए यान का नाम था?
(क) जोतो
(ख) सोतो
(ग) कावासाकी
(घ) जोजो
उत्तर :
(क) जोतो।
प्रश्न 77.
सारे धूमकेतु किसके सदस्य हैं?
(क) अन्य सौर मंडल के
(ख) हमारे सौर-मंडल के
(ग) चन्द्रमा के
(घ) पृथ्वी के
उत्तर :
(ख) हमारे सौर-मंडल के।
प्रश्न 78.
जापान ने कितने यान धूमकेतु के पास भेजे?
(क) एक भी नहीं
(ख) एक
(ग) तौन
(घ) दो
उत्तर :
(घ) दो।
प्रश्न 79.
आकाश के ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं ?
(क) सूर्य के गुरूत्वाकर्षण के कारण
(ख) सौर ऊर्जा के कारण
(ग) गति के कारण
(घ) घूर्णन के कारण
उत्तर :
(क) सूर्य के गुरूत्वाकर्षण के कारण।
प्रश्न 80.
1682 में हेली ने स्वयं क्या देखा था ?
(क) एक सूर्य
(ख) एक धूमकेतु
(ग) एक पृथ्वी
(घ) एक वृहस्पति
उत्तर :
(ख) एक धूमकेतु।
प्रश्न 81.
कौन अपनी भविष्यवाणी सच होते नहीं देख पाए ?
(क) हेली
(ख) वराहमिहिर
(ग) न्यूटन
(घ) तीखे ब्राहे
उत्तर :
(क) हेली।
प्रश्न 82.
थूमकेतु को इस नाम से भी जाना जाता है :
(क) पुच्छल तारा
(ख) ग्रह
(ग) उपग्रह
(घ) सूर्य
उत्तर :
(क) पुच्छल तारा।
प्रश्न 83.
हेली का धूमकेतु पृथ्वी और सूर्य के समीप कब आएगा ?
(क) सन् 2045 में
(ख) सन् 3026 में
(ग) सन् 2062 में
(घ) सन् 2020 में
उत्तर :
(ग) सन् 2062 में।
प्रश्न 84.
‘कम्यूटर क्या है ?’ – के लेखक हैं ?
(क) संजीव
(ख) कृष्णा सोबती
(ग) गुणाकर मुले
(घ) प्रसाद
उत्तर :
(ग) गुणाकर मुले।
प्रश्न 85.
किसकी सहायता से ‘जोतो’ को धूमकेतु के नजदीक पहुँचाया गया ?
(क) वीहे यानों की सहायता से
(ख) हवाई जहाज की सहायता से
(ग) नासा की सहायता से
(घ) विश्वब्बैंक की सहायता से
उत्तर :
(क) वीहे यानों की सहायता से।
प्रश्न 86.
धूमकेतुओं के उदय में कितने वर्षों का अंतराल होता है ?
(क) 50-60 वर्ष
(ख) 75-80 वर्ष
(ग) 80-90 वर्ष
(घ) 90-95 वर्ष
उत्तर :
(ख) 75-80 वर्ष।
प्रश्न 87.
‘आकाश दर्शन’ के लेखक हैं ?
(क) गुणाकर मुले
(ख) वराहमिहिर
(ग) हेली
(घ) गुलेरी
उत्तर :
(क) गुणाकर मुले।
प्रश्न 88.
‘धूमकेतु’ शब्द यूनानी भाषा के ‘कोमते’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है ?
(क) भयंकर पिंड
(ख) लंबी पूँछ्वाला
(ग) लंबे बालों वाला
(घ) दिशाहीन पिंड
उत्तर :
(ग) लंबे बालों वाला।
प्रश्न 89.
पाश्चात्य ज्योतिष में धूमकेत को कहते हैं ?
(क) सॉनेट
(ख) कॉमेट
(ग) रॉंकेट
(घ) सॉकेट
उत्तर :
(ख) कॉमेट।
प्रश्न 90.
सभी धूमकेतु अंडाकार कक्ष में परिक्रमा करते हैं ?
(क) पृथ्वौ की
(ख) चन्द्रमा की
(ग) सूर्य की
(घ) वृहस्पति की
उत्तर :
(ग) सूर्य की।
प्रश्न 91.
धूमकेतुओं के शुभ-अशुभ फलों का जिक्र किया है ?
(क) पाणिनी ने
(ख) गुणाकर मुले ने
(ग) बराहमिहिर ने
(घ) विष्युगुप्त ने
उत्तर :
(ग) बराहमिहिर ने।
प्रश्न 92.
धूमकेतु से प्रति सेकेण्ड कितने टन धूलि उत्सर्जित होती है ?
(क) 5 टन
(ख) 10 टन
(ग) 2 टन
(घ) 15 टन
उत्तर :
(ख) 10 टन।
प्रश्न 93.
‘महाभारत’ में महाभंकर धूमकेतु के किस नक्षत्र के पार पहुँचने पर भयंकर युद्ध होने की बात कही गई है?
(क) मृगसिरा
(ख) रोहिणी
(ग) पुष्य
(घ) केतु
उत्तर :
(ग) पुष्य।
प्रश्न 94.
न्यूटन का कौन-सा सिद्धांत विश्व प्रसिद्ध है ?
(क) गुरूत्चाकर्षण का सिद्धांत
(ख) समाजवाद का सिद्धांत
(ग) मार्स्सवाद का सिद्धांत
(घ) समाजवाद का सिद्धांत
उत्तर :
(क) गुरूत्वाकर्षण का सिद्धां।
प्रश्न 95.
धूमकतुओं की पूँछ होती है –
(क) सफेद
(ख) मटमैली
(ग) नोली
(घ) चमकीली
उत्तर :
(घ) चमकीली।
प्रश्न 96.
‘धूमकेतु’ को अंग्रेजी में क्या कहते हैं ?
(क) कोमते
(ख) पुच्छल तारा
(ग) कॉमेट
(घ) पोल स्टार
उत्तर :
(ग) कॉमेट।
प्रश्न 97.
‘कॉमेट’ का यूनानी में क्या अर्थ है ?
(क) छोटे बालों वाला
(ख) भूरे बालों वाला
(ग) लंबे यालों वाला
(घ) घुंघराले बालों वाला
उत्तर :
(ग) लंबे बालों वाला।
प्रश्न 98.
आज हम धूमकेतु को किसका यूमकेतु कहते हैं ?
(क) न्यूटन का
(ख) हेली का
(ग) पृथ्वो का
(घ) सूर्य का
उत्तर :
(ख) हेली का।
प्रश्न 99.
‘उल्का’ शब्द किस वेद मे प्रयुक्त हुआ है ?
(क) ॠग्वेद
(ख) सामवेद
(ग) यजुर्वेद
(घ) अथर्वंवेद
उत्तर :
(घ) अथर्ववेद।
प्रश्न 100.
‘वृहत्संहिता’ के रचनाकार’ हैं ?
(क) पाणिनी
(ख) वराहमिहिर
(ग) गुणाकर मुले
(घ) विष्यु गुप्त
उत्तर :
(ख) वराहूमिहिर।
WBBSE Class 10 Hindi धूमकेतु Summary
लेखक – परिचय
हिन्दी साहित्य में वैज्ञानिक शोधपूर्ण निबंधों के लिए विख्यात गुणाकर मुले का जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले के सिंधु वुजुर्ग गाँव में 3 जनवरी सन् 1935 को हुआ था। मराठी मूल के तथा मराठी भाषा-भाषी होने के बावजूद इन्होंने लेखन के लिए हिन्दी तथा अंग्रेजी को ही अपना माध्यम बनाया। राहुल सांकृत्यायन के शिष्य होने कारण उनकी विद्वता तथा जिज्ञासु प्रवृत्ति का पूरा-पूरा असर इनकी लेखनी में दिखाई पड़ता है।
गुणाकर मुले ने 3000 से अधिक निबंध हिन्दी में तथा 250 से अधिक लेख अंग्रेजी में लिखे हैं। वैज्ञानिक साहित्य-लेखन जैसे कठिन कार्य को गुणाकर मुले ने बड़ी सहजता से किया है। केवल इतना ही नहीं, हिन्दी में वैज्ञानिक-लेखन प्रारंभ करने का श्रेय भी गुणाकर मुले को ही जाता है। सहज, सरल तथा रोचकता से पूर्ण होने के कारण इनकी रचनाएँ छात्रों को आकर्षित करती है।
गुणाकर मुले एन० सी० ई० आर० टी० के संपादक-मंडल तथा नेशनल बुक ट्रस्ट की हिन्दी प्रकाशन सलाहकार समिति के भी सदस्य रह चुके है। ऐसे प्रतिभावान व्यक्तित्व का निधन 16 अक्टूबर, सन् 2009 को एक गंभीर बीमारी से पांडव नगर में हो गया।
गुणाकर मुले द्वारा लिखित कुछ प्रमुख पुस्तकों के नाम इस प्रकार हैं-
भारतीय अंक-पद्धति की कहानी, भारतीय सिक्कों की कहानी, भारतीय लिपियों की कहानी, ब्रह्माण्ड परिचय, आकाश-दर्शन, अंतरिक्ष-यात्रा, नक्षत्रलोक, कम्यूटर क्या है? भारतीय अंक-पद्धति की कहानी, संसार के महान गणितज्ञ, महान वैज्ञानिक, अक्षरों की कहानी, आँखों की कहानी, गणित की कहानी, ज्यामिति की कहानी, आदि।
पुरस्कार व सम्मान :
हिन्दी अकादमी का साहित्यकार सम्मान, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान का आत्माराम पुरस्कार, बिहार का कर्पूरी ठाकुर स्मृति सम्मान।
शब्दार्थ
पृष्ठ संख्या 51.
- पुच्छल = पूँछ वाला।
- पाश्चात्य = पश्चिमी, यूरोपीय।
- यूनानी = यूनान का।
- उल्लेख = जिक।
- पुष्य = पूस, पौष।
- सूचक = सूचना देने वाला।
- विनाशक = विनाश करनेवाला।
पृष्ठ संख्या – 52
- शुभाशुभ = शुभ और अशुभ।
- स्पष्ट = साफ-साफ।
- विधि = तरीके, उपाय।
- गुरूत्वाकर्षण = गुरुत्व के कारण आकर्षण-शक्ति, पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति।
- सौर-मंडल = सूर्य और उसके नौ ग्रह तथा उन ग्रहों के उपग्रह।
- परिकमा = चारों ओर गोलाकार या अण्डाकार घूमना।
- नतीजे= परिणाम।
- पुन: = फिर।
- भविष्यवाणी = भविष्य के बारे में की गई बातें।
पृष्ठ संख्या – 53
- परे = दूर ।
- समीप = निकट ।
- निर्धारित = तय।
- नाभिक = केन्द्र।
- व्यास = गोल घेरा।
- मेल = मिलने।
- विपरीत = उल्टी।
- अंडाकार = अंडे के आकार का ।
- समतल = बराबर सतह ।
- खलोगविद = ब्रह्मांड की बाते जानने वाले विद्वान ।
- उल्का = आग के कण।
- विखंडित = टूटे हुए।
पृष्ठ संख्या – 54
- रचना = बनावट।
- अजेय = अज्ञात।
- तदनतर = बाद में।
- स्वचालित = अपने-आप चलने वाले।
- सहयोग = मदद।
- उत्सर्जित = निकलती।
- सृजन = निर्माण।