Detailed explanations in West Bengal Board Class 8 History Book Solutions Chapter 9 भारत का संविधान गणतंत्र की रूपरेखा और नागरिकों के अधिकार offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 8 History Chapter 9 Question Answer – भारत का संविधान गणतंत्र की रूपरेखा और नागरिकों के अधिकार
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARK
प्रश्न 1.
स्वाधीनता प्राप्ति के समय संविधान रचना की आवश्यकता क्यों पड़ी ?
उत्तर :
संविधान का अर्थ है कई नियमों का समूह। इन्हीं नियमों के अनुसार कोई संस्था या प्रतिष्ठान परिचालित होता है। चूंकि राष्ट्र भी एक प्रकार का प्रतिष्ठान ही है। अत: राष्ट्र के परिचालन हेतु एक संविधान की आवश्यकता होती है। लेकिन ब्रिटिश सरकार ने अलग-अलग समयों में अपनी ही शासन व्यवस्था में थोड़ी हेर-फेर, सुधार करके भारतवासियों की कुछ माँगे मानते हुए भी मूल नियन्त्रण अपने ही हाथों में रखा था। लेकिन आन्दोलन के क्रमशः बढ़ते जा रहे दबाव के आगे भारतवासियों की स्वतंत्रता और संविधान की माँग को दूर रख पाना संभव नहीं हो पाया। इसीलिए सन् 1946 ई॰ में ब्रिटिश सरकार ने एक संविधान निर्माण सभा के गठन का प्रस्ताव मान लिया। इस सभा का काम भारत के लिये एक नये संविधान की रचना करनी थी।
प्रश्न 2.
भारतीय संविधान में गणतांन्त्रिक राष्ट्र का अर्थ क्या है?
उत्तर :
गणतन्त्र कहने का अभिप्राय है कि भारत की शासन व्यवस्था में वंशागत किसी राजा या रानी का कोई स्थान नहीं है। भारत की शासन व्यवस्था के शीर्ष पर राष्ट्रपति हैं। वे (राष्ट्रपति) भी भारत के लोगों (गणों) द्वारा अपरोक्ष रुप से चुने जाते हैं। संविधान के अनुसार भारत के शासन तन्त्र का श्रोत एवं रक्षक भारतीय जन-गण है। अर्थात् भारत के साधारण नागरिक हैं। इसलिये संविधान में गणतन्त्र शब्द का प्रयोग है।
प्रश्न 3.
महात्मा गाँधी ने दलितों को अधिकार दिलाने के लिए क्या-क्या प्रयत्न किये ?
उत्तर :
गाँधी जी भारतीय समाज में व्याप्त अस्पृश्यता को दूर करना चाहते थे । गाँधी जी ने जाति-प्रथा विरोधी आन्दोलन चलाया। गाँधी जी भारतीय समाज में एकता की बात करते थे और जीवन पर्यन्त अछूतों के उद्धार में लगे रहे।
गाँधी जी के अहिंसात्मक आन्दोलन का आधार-धर्म था और वे अछूतों को हिन्दू धर्म की आत्मा मानते थे। राजनीति के क्षेत्र में देखा जाय तो गाँधी जी दलितो को विशाल हिन्दू समाज का अभिन्न अंग मानते थे गाँधी जी के प्रयास से ‘पूना समझौता’ में साधारण वर्गो में ही दलितों के लिए सीटों का आरक्षण किया गया।
गाँधी जी उच्च वर्गों द्वारा दलितों के शोषण के विरुद्ध जागरुक थे।
प्रश्न 4.
भारत के संविधान में नागरिकों के कौन से मौलिक अधिकार का जिक्र है?
उत्तर :
भारतीय संविधान में नागरिकों के 6 मौलिक अधिकार बताए गए है। ये अधिकार है-समानता का अधिकार, स्वाधीनता का अधिकार, शोषण के विरूद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, शिक्षा तथा संस्कृति का अधिकार, संविधानिक प्रतिवेदन का अधिकार । ये सभी अधिकार शासन और कानून विभाग की कार्यकारणी से बाहर है।
प्रश्न 5.
संविधान का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
संविधान का अर्थ है कई नियमों का समूह इन्हीं नियम के अनुसार कोई संस्था परिचालित होती है।
प्रश्न 6.
राष्ट्रीय नेताओं ने भारतवासियों के लिए एक नयी संविधान बनाने की माँग क्यों की ?
उत्तर :
जब भारतवर्ष ब्रिटिश के अधीन था तब ब्रिटिश सरकार के नियमों के अनुसार भारत पर शासन किया जाता था। उसमें भारत को मिले इस अधिकार का कोई प्रतिफल नहीं था इसी कारणवश भारतीय नेताओं ने नए संविधान की माँग की।
प्रश्न 7.
ब्रिटिश सरकार ने क्यों नए संविधान का गठन किया?
उत्तर :
ब्रिटिश सरकार नियम में कुछ फेरबदल करके भारतवासियों के कुछ माँग मानते हुए मूल नियंत्रण अपने हाथों में रखना चाहते थे। किन्तु आंदोलन के दबाव में सन् 1946 ई० में नए संविधान का गठन की रचना तैयार हुई।
प्रश्न 8.
गण-परिषद् के गठन के बाद क्या किया गया?
उत्तर :
गण-परिषद् का गठन सन् 1946 ई० जुलाई के माह में हुआ। इसमें डा० राजेन्द्र प्रसाद स्थायी सभापति निर्वाचित हुए। स्वतंत्र भारत की संविधान निर्माण का भार बी० आर अम्बेडकर दिया गया।
प्रश्न 9.
राज्य के राज्यपाल के कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर :
किसी भी राज्य का राज्यपाल ही मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है। मुख्यमंत्री की सहायता से वह मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों का चुनाव करता है। इसके अलावा राज्यपाल राज्य के विभिन्न उच्च तथा सम्मानित पद पर सुयोग्य व्यक्तियों की नियुक्ति करता है। यदि राज्य में विधान परिषद है तो राज्यपाल कुछ विशिष्ट व्यक्तियों को वहाँ भी नियुक्त करता है।
प्रश्न 10.
भारतवर्ष का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान कब माना गया था?
उत्तर :
26 जनवरी सन् 1950 ई० में भारत को गणतंत्र राज्य घोषित किया गया। इसलिए यह दिन हमलोग गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। इसमें अलग देशों के संविधान भी जुड़े हुए हैं। जैसे – इंग्लैण्ड
प्रश्न 11.
भारत के संविधान में कौन से अलग देश के नियम को जोड़ा गया है?
उत्तर :
भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। क्योंकि विभिन्न देशों के संविधान जैसे सयुक्त राष्ट्र अमेरिका के, इंग्लैण्ड से मंत्री-सभा द्वारा परिचालित शासन व्यवस्था, आयरलैण्ड के निर्देश मूलक नियमों को जोड़ा गया है।
प्रश्न 12.
“समाजवादी” का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
भारत के संविधान में ‘समाजवादी’ का अर्थ है कि उत्पादन के सभी स्रोतों पर राष्ट्र तथा समाज का मालिकाना तथा उत्पादित सम्पत्ति – सम्पदा पर समान अधिकार।
प्रश्न 13.
भारत के राष्ट्रपति की क्या योग्यता होनी चाहिए ?
उत्तर :
भारत के राष्ट्रपति राष्ट्र के प्रधान होते हैं। यह राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनकी अवधि सिर्फ पाँच वर्षों तक ही रहती हैं। राष्ट्रपति पद के लिए 35 वर्ष का व्यस्क भारतीय नागरिक तथा लोकसंसा में चुने जाने के योग्य होना चाहिए।
प्रश्न 14.
भारत के उपराष्ट्रपति की क्या योग्यता होनी चाहिए ?
उत्तर :
उपराष्ट्रपति का स्थान राष्ट्रपति के बाद ही होता हैं। यह भी विशेष पद्धति के द्वारा ही चुने जाते हैं। उपराष्ट्रपति का प्राथी होने के लिए 35 वर्ष का वयस्क भारतीय नागरिक एवं राजसभा में चुने जाने के योग्य होना चाहिए।
प्रश्न 15.
विधानसभा से क्या समझते हैं ?
उत्तर :
भारत के संविधान के अनुसार भारत के प्रत्येक राज्य में एक विधान सभा होती है। किसी राज्य में एक कक्षीय और कही-कही तो द्विकक्षीय होता है। जहाँ द्विकक्षीय होता है वहाँ उच्च कक्ष का नाम विधान परिषद या विधानसभा होता है।
प्रश्न 16.
बंगाल में पौरसभा किस तरह तैयार किया गया ?
उत्तर :
सन् 1882 ई० मेके लार्ड रिपन के प्रयास से पौरशासन व्यवस्था तैयार हुई। फिर सन् 1987 ई० के मुताबिक पश्चिम बंगाल में पौरसभा परिचालित होती थी। सन् 1997 ई० में पौरशासन को और भी गणतांत्रिक बनाने के लिए पश्चिम बंगाल पौरबिल तैयार किया गया।
प्रश्न 17.
नारी के उन्नयन पर किस तरह का जोर दिया गया ?
उत्तर :
नारी की शिक्षा और उनको समान अधिकार मिले इसके लिए सन् 2005 में सविधान के अंतर्गत जमीन, जायदाद, तथा सम्पति पर नारी के समानाधिकार की बात कही गई है।
प्रश्न 18.
किन्ह ‘अस्पृश्य’ माना जाता है ?
उत्तर :
भारतीय समाज का एक बड़ा अंश ओपनिवेशिक शासनकाल में ‘पिछड़ी श्रेणी’ में आता था। उन्हे ही समाज मे असृश्य माना गया है। इसके अलावा इन्हें ‘हरिजन’ दलित ‘अनुसूचित जनजाति’ आदि भी कहा जाता है।
प्रश्न 19.
हमारे भारत के संविधान का निर्माण किसने किया ?
उत्तर :
सन् 1946 ई० मे गण-परिषद् के गठन के बाद संविधान की रचना करने का दायित्व बी० आर अम्बेडकर को दिया गया। जिन्हें हम ‘फादर एफ ला’ के नाम से भी जानते हैं।
प्रश्न 20.
पौरशासन को गणतंत्र बनाने के लिए क्या प्रयास किए गए?
उत्तर :
सन् 1997 ई० में पौरशासन को गणतंत्र बनाने के लिए पौर बिल तैयार किया गया जो कि अगले वर्ष से क्रियान्वित हो गया।
प्रश्न 21.
लार्ड रिपन कौन थे ?
उत्तर :
सन् 1882 ई० में लार्ड रिपन ने ही पौरशासन व्यवस्था को तैयार किया था। इन्हीं के बताए हुए व्यवस्था से आज पौरशासन चल रहा है।
प्रश्न 22.
गाँधी जी और अम्बेडकर के बीच में कौन-सी संधि हुई?
उत्तर :
सन् 1932 ई० में दलितों के लिए अलग से निर्वाचन अधिकर दिये गए। लेकिन गांधी जी इसके प्रतिरोध में आमरण अनशन किए थे। इसे देखकर दोनों ने एक मध्य संध का सहारा लिया जिसमें दलितों की अलग चुनाव अधिकार के बदले मुख्य निर्वाचन की व्यवस्था की गई।
प्रश्न 23.
भारत को धर्मनिरपेक्ष राज्य क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
धर्मनिरपेक्ष कहने का अर्थ है भारत का राष्ट्र के रूप में अपना कोई धर्म नहीं है प्रत्येक नागरिक अपने विश्वास के अनुकूल धर्माचरण कर सकता हैं।
विस्तृत उत्तर वालें प्रश्न (Detailed Answer Questions) : 5 MARK
प्रश्न 1.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना की व्याख्या करो। प्रस्तावना में गणतांत्रिक शब्द का किस प्रकार व्यवहार हुआ है- अपनी भाषा में लिखो।
उत्तर :
भारतीय संविधान की एक प्रस्तावना है। संविधान के आदर्श और उद्देश्य की घोषणा इस प्रस्तावना में है। प्रस्तावना को “संविधान का विवेक’ अथवा ‘संविधान की आत्मा’ कहा जाता है। संविधान की पूर्व प्रस्तावना में भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व गणतान्त्रिक प्रजातन्त्र बताया गया है। 1976 में 42 वें, संशोधन द्वारा इसमे ‘समाजतान्त्रिक और धर्मनिरपेक्ष” दो आदर्श और जोड़कर भारत को संपूर्ण, प्रभुत्वसपत्न, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य” कहा गया। इन सभी शब्दों का गंभीर निहितार्थ है। संपूर्ण प्रभुत्व का आशय है कि भारत अपने अन्दर के और विदेश नीति को निर्धारण करने का पूर्ण अधिकार रखता है। किसी भी विदेशी राष्ट्र या संस्था का आदेश, निर्देश या अनुरोध मानने को भारत बाध्य नहीं हैं।
गणतन्त्र कहने का अभिप्राय है कि भारत की शासन व्यवस्था में वंशागत किसी राजा या रानी का कोई स्थान नहीं है। भारत की शासन व्यवस्था के शीर्ष पर राष्ट्रपति है। वे (राष्ट्रपति) भी भारत के लोगों (गणों) द्वारा अपरोक्ष रुप से चुने जाते हैं। संविधान के अनुसार भारत के शासन तन्त्र का श्रोत एवं रक्षक भारतीय जन-गण है। अर्थात् भारत के साधारण नागरिक हैं। इसलिये संविधान में गणतन्त्र शब्द का प्रयोग है।
प्रश्न 2.
भारत के प्रधानमंत्री एवं राज्यों के मुख्यमंत्री के कार्यों के विषय में आलोचना करो। राष्ट्र तथा राज्यों की परिचालना में उनकी क्या भूमिका है?
अथवा
भारत के राज्यों के मुख्यमंत्री की नियुक्ति कौन करता है ? मुख्यमंत्री के कार्यों के बारे में क्या जानते हो ? लिखों ?
उत्तर :
प्रधानमंत्री : भारत की संसदीय शासन व्यवस्था में प्रधानमंत्री का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद के अधिकार होते हैं। वे केन्द्रीय सरकार के प्रधान होते है। देश के संवैधानिक प्रमुख व्यक्ति राष्ट्रपति के होने के बावजूद प्रधानमंत्री ही राष्ट्र के वास्तविक परिचालक है।
लोकसभा निर्वाचन के बाद आवश्यक सदस्य संख्या प्राप्त दल या संयुक्त दल के नेता या नेत्री को राष्ट्रपति प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त करते है। यदि कोई दल या संयुक्त दल आवश्यक सदस्य संख्या नहीं जुटा पाता तब राष्ट्रपति विचार विमर्श करके लोकसभा के सदस्यों में से किसी को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री अपने तहत एकाधिक विभाग रख सकते हैं। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की राय परामर्श से दूसरे केन्द्रीय मंत्रियों को नियुक्त करते है । प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के बीच योगायोग के माध्यम होते है।
मुख्यमंत्री :केन्द्र के समान भारतीय मुख्य प्रान्तों में भी अपनी संसदीय सरकार है। इस सरकार का प्रमुख है मुख्यमंत्री। भारतीय संविधान के अनुसार राज्य को सुचारू रूप से चलाने में मुख्यमंत्री राज्यपाल की सहायता करता है। परामर्श देने के लिए एक मंत्रीसभा होती है। इस मंत्रीसभा का प्रधान मुख्यमंत्री होता है।
राज्य में विधानसभा के चुनाव के पश्चात् जिस दल के सबसे अधिक प्रत्याशी चुनाव जीतते हैं, उस दल के नेता या नेत्री को राज्यपाल मुख्यमंत्री बनाता है। मुख्यमंत्री के परामर्श से राज्यपाल दूसरे मंत्रियों को नियुक्त करता है। मुख्यमंत्री और उसके मंत्री सभा के सदस्यगण विधान सभा का कार्यकाल पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं। श्री प्रफुल्लचन्द्र घोष पश्चिम बंगाल के प्रथम मुख्यमंत्री थे।
प्रश्न 3.
पश्चिम बंगाल की स्वायत्तशासन व्यवस्था में गणतंत्र की धारणा किस प्रकार विस्तृत होती है? तुम्हारे स्थानीय अंचल के परिप्रेक्ष्य में आलोचना करो।
उत्तर :
पश्चिम बंगाल की स्थानीय स्वायत्तशासन व्यवस्था ग्राम तथा नगर दो भागों में विभक्त है। ग्राम स्वायत्तशासन व्यवस्था पंचायत व्यवस्था के नाम से जानी जाती है। पंचायत व्यवस्था के तीन स्तर हैं। सबसे नीचे है ग्राम पंचायत। उसके ऊपर हैं पंचायत समिति। सबसे ऊपर जिला परिषद् का स्थान आता है।
पश्चिम बंगाल की पंचायत व्यवस्था का सर्वनिम्न लेकिन अति महत्वपूर्ण स्तर है ग्राम पंचायत। पंचायत कानून के अनुसार कई परस्पर संलग्न ग्रामों को लेकर ग्राम पंचायत का इलाका निर्धरित किया जाता है। ग्राम पंचायत में चुनाव लड़ने के लिए किसी भी व्यक्ति का उस ग्राम पंचायत के अधीनस्थ वोटर होना आवश्यक है। केन्द्र या सरकारी नौकरी करने वाला ग्राम पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकता। पंचायत के सदस्य वोटिंग के द्वारा पाँच वर्षो के लिए निर्वाचित होते है। ग्राम पंचायत का कार्यकाल साधारणतः 5 साल का होता है। जिसे विशेष परिस्थितियों में छ: महीनों के लिए बढ़ाया जा सकता है।
पश्चिम बंगाल क पंचायत व्यवस्था का द्वितीय स्तर पंचायत समिति है। कई ग्रामों को लेकर एक ब्लाँक बनता है। उस ब्लॉक के नाम के अनुसार पंचायत समिति का नामकरण किया जाता है। ब्लॉक की उन्नति का सम्पूर्ण भार पंचायत समिति को दिया जाता है। पंचायत समिति में अनुसूचित जाति या महिला सदस्य न होने पर सरकार अधिक से अधिक दो जनों को मनोनीत कर सकती है।
पंचायत समिति के निर्वाचित सदस्य अपने मध्य से एक सभापति और एक उपसभापति का चुनाव कर लेते हैं। समिति की बैठक में सभापति की उपस्थिति आवश्यक है। सभापति के अनुपस्थित रहने पर उपसंभापति सभापतित्व ग्रहण करता है। ग्राम पंचायत के समान ग्राम समिति में भी एक तिहाई भाग महिला एवं अनुसूचित ज़नजाति के लिए सुरक्षित है।
2013 ई० की गणना के अनुसार पश्चिम बंगाल के 19 जिलों में कोलकाता तथा दार्जिलिंग को छोड़कर सभी जिलों में जिला परिषद् है। जिला परिषद् की सदस्यता के लिए चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति की योग्यता ग्राम पंचायत तथा पचायत समिति का चुनाव लड़ने वाले प्रार्थी के समान ही होनी चाहिए।
जिला परिषद् का कार्यकाल पाँच वर्ष का है। विशेष परिस्थितियों में इसका कार्यकाल कुछ समय के लिए बढ़ाया जा सकता है। जिला परिषद् के निर्वाचित सदस्य अपने मध्य से एक सभापति एवं एक उपसभापति का चुनाव करते है। सभापति तथा उपसभापति की नियुक्ति पूरे समय के लिए होती है। अपने पद पर रहते हुए वे किसी व्यवसाय, नौकरी या ऐसी संस्था जिससे कुछ लाभ हो, नहीं जुड़ सकते हैं।
प्रश्न 4.
भारत के संविधान ने नारी के अधिकारों को किस प्रकार से सुरक्षित किया है? नारी की सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए आर्थिक स्वाधीनता कितनी आवश्यक है? उदाहरण के साथ लिखो।
उत्तर :
स्त्री के प्रति घट रही इन अमानवीय घटनाओं की रोकथाम के लिए अनेक परिकल्पनाएँ बनाई गई है नारी के अधिकार की सुरक्षा के लिए अनेक कानून बनाए गए हैं। ये सब कानून भारत के संविधान के अंतर्गत है।
साथ ही नारी की शिक्षा उन्नयन पर भी जोर दिया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में स्त्री को भी पुरुषों के समान सुविधा देने की बात की जा रही है। इन सबसे समाज में नारी के स्थान वृद्धि की जमीन तैयार हुई है।2005 ई० में संविधान के अंतर्गत जमीन, जायदाद, तथा सम्पत्ति पर नारी के समानाधिकार की बात कही गई है।
परिवार तथा समाज में नारी को विभिन्न प्रकार के अत्याचार का सामना करना पड़ता है। इन सबके प्रतिकार का विधान भारतीय संविधान में है। ऐसा ही एक कानून है घरेलू हिंसा कानून- सन् 2005 । परिवार में यदि कोई स्त्री उत्पोड़न का शिकार हो तो वह इस कानून का सहारा ले सकती है।
इस कानून के अंतर्गत लड़कियाँ अत्याचार होने पर न्यायालय के न्यायाधीश को आवेदन दे सकती है। इसके अलावा जिला सुरक्षा अधिकारी (Protection officer) के पास भी आवेदन दर्ज किया जा सकता है। यहाँ पर बिना मूल्य न्यायिक सहायता प्राप्त की जा सकती है। घरेलू हिंसा कानून के अन्तर्गत मानसिक उत्पीड़न तथा अर्थनैतिक उत्पीड़न भी सम्मिलित है। लेकिन केवल मात्र कानून बनाने से इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। इसके लिए समाज में शिक्षा का विकास तथा नारी का अधिक उन्नयन आवश्यक है।
प्रश्न 5.
अनुसूचित जाति, उपजाति तथा पिछड़ी जातियों के उन्नयन में संविधान की क्या भूमिका है?
उत्तर :
भारतीय समाज का एक बड़ा अंश औपनिवेशिक शासनकाल में ‘पिछड़ी श्रेणी’ में आता था। उन्हें समाज में ‘अस्पृश्य’ माना जाता था। इसके अलावा इन्हें ‘हरिजन’, ‘दलित’, अनुसूचित जनजाति’ आदि भी कहा जाता था। वास्तव में इन सब शब्दों से इनकी सामाजिक स्थिति अवगत होती थी।
असहयोग आंदोलन के समय अम्बेडकर नें दलित समाज के राजनीतिक अधिकार की रक्षा के लिए अलग चुनाव अधिकार की माँग की। लेकिन महात्मा गाँधी ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। 1932 ई० में दलितों की अनुसूचित जाति के तहत अलग निर्वाचन अधिकार दिये गए। इसके प्रतिरोध में गांधी जी ने आमरण अनशन किया। गाँधी और अम्बेडकर के मध्य एक संधि (पुना संधि) हुई जिसमें दलितों को अलग चुनावाधिकार के बदले मुख्य निर्वाचन की व्यवस्था की गई।
1947 ई० में सत्ता हस्तांतरण के कारण अनुसूचित जन जातियों का आन्दोलन आगे नहीं बढ़ सका। दूसरी ओर कांग्रेस भी अनुसूचित जातियों के दावों पर विचार-विमर्श कर रही थी। संविधान के निर्माण के लिये गठित खसड़ा कमेटी के चेयरमैन के पद पर अम्बेडकर का चयन इसका ही प्रमाण था। अम्बेडकर के प्रयास से स्वाधीन भारत के संविधान में अस्पृश्यता को अस्वीकारा गया। साथ ही अनुसूचित जाति तथा जन जातियों के उन्नयन के लिये नीतियाँ बनायी गई।
भारत के संविधान में अनुसूचित जन-जातियों की कोई संख्या निर्धारित नहीं है परन्तु राष्ट्रपति विभिन्न राज्यों के साथ आलोचना करके अनुसूचित जन जाति एवं उपजाति की तालिका तैयार कर सकते हैं। ये तालिका या सूची केन्द्रीय न्यायपालिका द्वारा संशोधित करवाई जा सकती है। इस प्रकार राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक राज्य के साथ आलांचना करके अनुसूचित जाति एवं जनजाति की एक तालिका तैयार करके जारी की गई हैं।
इस तालिका में दलित, हरिजन आदि के अलावा अन्य पिछड़ी जातियों को भी रखा गया है। इनके लिए समय-समय पर कानून भी पारित किये गये हैं। एग्लोइंडियन को भी इस श्रेणी में रखा गया है। लेकिन पिछड़ी जाति तथा उपजाति द्वारा किन जातियों का बोध होता है, यह संविधान में स्पष्ट संख्या में उल्लेखित नहीं है। बाद में पिछड़ी जातियों के अनेक मापदंड़ सरकार द्वारा निर्धारित कर दिए गए हैं।
प्रश्न 6.
भारत के संविधान में लिपिबद्ध नागरिकों के पाँच मौलिक कर्तव्य क्या-क्या हैं?
उत्तर :
1. संविधान सहित भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करना।
2. भारतीय स्वाधीन संग्राम के आर्दशों का संरक्षण करना।
3. भारत की एकता एवं अखंडता की रक्षा करे उसे अक्षुण्ण रखे।
4. देश की रक्षा करे और आवाह्नान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे।
5. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।
प्रश्न 7.
संविधान के द्वारा नागरिकों के मौलिक अधिकार के बार मे बताए।
उत्तर :
संविधान में उल्लेख नागरिकों के मौलिक 6 अधिकार बताए गए हैं। समानता का अधिकार, स्वाधीनता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, शिक्षा तथा संस्कृति का अधिकार, संविधानिक-प्रतिवेदन का अधिकार।
यह सभी 6 अधिकार कानून विभाग की कार्यकारणी से बाहर है। इसलिए ये संविधान के द्वारा सुरक्षित हैं और मौलिक अधिकार कहलाते हैं। इन सब अधिकार का हक हर भारतीयों को है। इनका हनन कोई भी व्यक्ति नहीं कर सकता। अगर कोई भी व्यक्ति इन 6 मौलिक अधिकारों का हनन करता है तो वह भारतीय संविधान की नजर में दण्ड का भागी होगा।
प्रश्न 8.
पश्चिम बंगाल में ग्राम पंचायत की क्या भूमिका है ?
उत्तर :
पश्चिम बंगाल में ग्राम पंचायत की अहम भूमिका है। यह एक महत्वपूर्ण स्तर पर है। पंचायत कानून के अनुसार कई परस्पर संलग्न ग्रामों को लेकर ग्राम पंचायत का इलाका निर्धारित किया जाता है। ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ने के लिए वह व्यक्ति उस जगह का मतदाता होना चाहिए। लेकिन केन्द्रीय या सरकारी नौकरी वाले ग्राम पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकते। वोटिंग के द्वारा वे केवल पाँच वर्ष तक के लिए निर्वाचित होते हैं।
जो व्यक्ति निर्वाचित होते है उनमें से पंचायत प्रधान तथा एक उप प्रधान चुन लिया जाता है। वर्तमान शासन व्यवस्था में एक तिहाई भाग महिलाओं के लिए तथा अनुसूचित जातियों के लिए सुरक्षित रखा जाता है।
प्रश्न 9.
पंचायत समिति की रूप रेखा क्या होती है ?
उत्तर :
पंचायत समिति ग्राम पंचायत का द्वितीय स्तर होता है। कई ग्रामों को लेकर ब्लाक बनता है। उस ब्लाक के नाम के अनुसार पंचायत समिति का नामकरण किया जाता है। इस समिति में अनुसूचित जाति या महिला सदस्य न होने पर सरकार अधिक से अधिक दो जनो मनोनीत कर सकती है। पंचायत समिति की चुनाव लड़ने के लिए वही प्रकिया है जो ग्राम पंचायत की होती है।
लेकिन पंचायत के कानून के अनुसार प्रति तीन महीनों में समिति की सभा बुलायी जानी चाहिए।
पंचायत समिति के निर्वाचित सदस्य अपने मध्य से एक सभापति और एक उप सभापति को चुन लेते है। समिति की बैठक में सभापति की उपस्थिति आवश्यक है।
प्रश्न 10.
अनुसूचित जाति तथा जन जातियों के उन्नयन के लिये क्या नीतियाँ बनाई गई?
उत्तर :
गाँधीजी के नेतृत्व में हरिजनो के प्रति कोई उत्साह नहीं देखा गया। इसके फलस्वरूप हरिजनो के हक के लिए आंदोलन उतना शक्तिशाली नहीं हो पाया। सन् 1947 ई० में सत्ता हस्तांतरण के कारण अनुसूचित जन जातियों का आंदोलन आगे नही बढ़ सका।
उधर कांग्रेस जातियों के दावों पर विचार – विमर्श कर रही थी। संविधान के निर्माण के लिये गठित खसड़ा कमेटी के चेयरमेन पद पर अम्बेडकर का चयन इसका ही परिणाम था।
अम्बेडकर के प्रयास से भारत के संविधान में ‘अस्पृश्यता’ को अस्वीकारा गया। साथ ही अनुसूचित जाति तथा जन जातियों के उन्नयन के लिए नीतियाँ बनायी गई।
प्रश्न 11.
पश्चिम बंगाल की पौरसभा के लिए कब-कब क्या-क्या कानून बना ?
उत्तर :
पश्चिम बंगाल की पौरसभा के लिए समय-समय पर कानून मे बदलाव किए गए। सर्वप्रथम सन् 1882 ई० में लार्ड रिपन के प्रयास से भारत में पौरशासन की व्यवस्था शुरू की गई।
उसके बाद बंगीय पौर कानून तैयार किया गया जो सन् 1987 ई० के बाद बना और पश्चिम बंगाल प्रौरसभा का काम शुरू हो गया। फिर सन् 1997 ई० में पौरशासन को और भी पश्चिम बंगाल पौर बिल तैयार किया गया।
इन सब विधि के अनुसार ही पश्चिम बंगाल में पौरसभा का गणना इसी रूप से किया जाता है।
प्रश्न 12.
मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के संबंध के बारे में लिखो।
उत्तर :
मुख्यमंत्री को यह कर्तव्य सौंपा गया है कि वह राज्य के कार्यों एवं प्रशासन के संबंध में मंत्रिपरिषद् द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार कार्य करे।
ऐसे किसी विषय पर जिस पर मंत्री ने अपना निर्णय प्रदान कर दिया। लेकिन उसे मंत्रिपरिषद के समक्ष विचारार्थ नहीं प्रस्तुत किया गया है। उसके संबंध में मुख्यमंत्री पर यह दायित्व रखा गया कि ऐसे निणर्यों को राज्य की उपेक्षा करने पर मंत्रिपरिषद के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत करे।
प्रश्न 13.
भारत में प्रधानमंत्री की नियुक्ति किस प्रकार हाती हैं ?
उत्तर :
प्रधानमंत्री भारत की दूसरे नागरिक का दर्जा प्राप्त करते हैं। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। नियुक्ति के पहले उन्हें देखना पड़ता है कि किस दल को बहुमत प्राप्त है उस दल के नेता को प्रधानमंत्री पद हेतु राष्ट्रपति बुलाते हैं और वह ही प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करता है। लोकसभा का बहुमत दल का नेता ही प्रधानमंत्री बनता है परन्तु कुछ परस्थिति में राष्ट्रपति को खुद प्रधानमंत्री उमीदवार चुनना पड़ता है। पहला बहुमत प्राप्त करने वाला दल में स्पष्ट ना हो कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा। उस परिस्थिति में राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री खुद चुनना पड़ता है।
दूसरी तरफ राज्यसभा में किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति प्रधानमंत्री के पद पर की जा सकती है किन्तु 6 माह के भीतर किसी सदन का सदस्य निर्वाचित हो जाना अनिवार्य होता है।
जो भी कार्यवाही किसी भी पद में रहने वाले व्यक्ति की हो चाहे वह राष्ट्रपति क्यों ना हो सब संविधान के मुताबिक ही कर सकते हें। क्योंकि संविधान ही सब कुछ है उससे ऊपर कोई नहीं हैं।
प्रश्न 14.
जिला परिषद से क्या समझते हैं ?
उत्तर :
सन् 2013 ई० के अनुसार पश्चिम बंगाल में 19 जिले हैं जिसमें कोलकाता और दार्जिलिंग को छोड़कर सभी में जिला परिषद हैं। इसमें लड़ने की योग्यता आ्माम पंचायत के समान नियम वाले ही होते हैं। इनका कुल कार्यकाल पाँच वर्षो का होता है। कुछ कारणवश इनका कार्यकल बढ़ा दिया जाता हैं। इन्हें तीन माह में एक बार अधिवेशन बुलाना अनिर्वाय हैं।
जो जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य होते हें वह अपने समक्ष उपसभापति का चुनाव करते हैं। सभापति और उपसभापति किसी व्यवसाय, नौकरी से नहीं जुड़ सकते हैं।
जिला परिषद के अनेक कार्य हैं जैसे अर्थ, संस्था, उन्नयन कल्पना, लघु शिल्प, वन व भूमि संस्कार, जन-कल्याण आदि। प्रत्येक स्थाई समिति के सदस्य एक चेयरमेन का चुनाव करेंगे।
प्रश्न 15.
घरेलू हिंसा कानून के बारे में बताए।
उत्तर :
भारत का संविधान इस तरह से बना हुआ है जिसमें सबको समान अधिकार प्राप्त है। घरेलू हिसा कानून उन नारियों के लिए है जो समाज में अपने परिवार के द्वारा अत्याचार को झेलती हैं। यह कानून सन्2005 ई० में आया। अगर कोई स्त्री उत्पीड़न का शिकार होती है तो वह इस कानून का सहारा लेकर दोषियों को सजा दिला सकती हैं। इन सब के प्रतिकार का विधान भारतीय संविधान में हैं।
इस कानून के अंर्तगत लड़कियाँ अत्याचार होने पर सीधे न्यायलय के न्यायाधीश को आवेदन दे सकती हैं या नहीं तो जिला सुरक्षा अधिकारी को भी आवेदन दर्ज करा सकती हैं इस कानून में मानसिक उत्पीड़न के साथ-साथ अर्थनीतिक उत्पोड़न भी शामिल हैं।
किन्तु सिर्फ कानून बनाने से ही इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता। इसके लिए समाज में नारी के प्रति सोच को बदलना होगा। साथ ही साथ वह कदम उठाने होगे जिससे नारी जाति अपने आप को कमजोर ना समझे।
प्रश्न 16.
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान कैसे हैं ?
उत्तर :
भारतीय संविधांन के निर्माता बी० आर० अम्बेडकर हैं उन्होंने संविधान में हर एक को जगह दिया हैं और समय-समय पर हमारे ज्ञानी पुरुषों ने संविधान में घरेलू हिंसा के रोकथाम के लिये जो अपनाया हैं। उदाहरण के लिए घरेलू हिंसा कानून सन् 2005 ई० में।
हमारा भारतीय संविधान सिर्फ भारत के नियम से नहीं बना बल्कि इसमें अन्य देशों के नियम कानून भी मौजूद हैं बहुत तरह के देश हैं जिनके संविधान को भारत ने अपनाया हैं।
सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र अमेरिका से युक्तराष्ट्रीय व्यवस्था, इंग्लैण्ड से मंत्री – सभा द्वारा परिचालित शासन व्यवस्था, आयरलैण्ड से विदेश मूलक नियम आदि।
इन सब देशों के संविधान के मिश्रण से हमारा संविधान बना हैं। यही कारण है हमारा संविधान दुनिया में सबसे बड़ा संविधान हैं।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हमने अपने संविधान बनाने वक्त दूसरे संविधानों को महत्व दिया इसलिए हम अपने संविधान को पवित्र भी मानते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (Multiple Choice Question & Answer) : (1 Mark)
प्रश्न 1.
देश के बटँवारे के अन्त में किस स्वाधीन देश का जन्म हुआ ?
(a) भारत
(b) बिटिश
(c) तुर्की
(d) जर्मनी
उत्तर :
(a) भारत।
प्रश्न 2.
26 दिसम्बर 1940 ई० में क्या ग्रहण किया गया ?
(a) प्रार्थना
(b) संविधान
(c) नीति
(d) अधिकार
उत्तर :
(b) संविधान।
प्रश्न 3.
संविधान का अर्थ क्या है?
(a) समूह
(b) नीति
(c) प्रार्थना
(d) क्षमा
उत्तर :
(a) समूह।
प्रश्न 4.
ब्रिटिश सरकार ने कब संविधान की बात मान ली?
(a) सन् 1946 ई० में
(b) सन् 1945 ई० में
(c) सन् 1905 ई० में
(d) सन् 1906 ई० में
उत्तर :
(a) सन् 1946 ई० में ।
प्रश्न 5.
डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद जन-प्रतिनिधि सभा के क्या थे ?
(a) सम्पादक
(b) सलाहकार
(c) सभापति
(d) अध्यक्ष
उत्तर :
(c) सभापति।
प्रश्न 6.
भारत की शासन के शीर्ष पर कौन था?
(a) राष्ट्रपति
(b) प्रधानमंत्री
(c) उद्योगपति
(d) नेता
उत्तर :
(a) राष्ट्रपति।
प्रश्न 7.
भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे?
(a) डा० राजेन्द्र प्रसाद
(b) जवाहर लाल नेहरू
(c) बी आर अम्बेडकर
(d) ब्रिटिश सरकार
उत्तर :
(a) डा० राजेन्द्र प्रसाद।
प्रश्न 8.
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के प्रार्थी की उमर कितनी होनी चाहिए ?
(a) 45 वर्ष
(b) 35 वर्ष
(c) 18 वर्ष
(d) 40 वर्ष
उत्तर :
(b) 35 वर्ष।
प्रश्न 9.
पश्चिम बंगाल के प्रथम मुख्यमंत्री थे।
(a) दिलीप घोष
(b) प्रफुल्लचन्द्र घोष
(c) इनमें से कोई नहीं
(d) रवि शंकर
उत्तर :
(a) प्रफुल्लचन्द्र घोष
प्रश्न 10.
किस राज्य में पंचायत व्यवस्था सर्वनिम्न लेकिन अति महत्वपूर्ण स्तर पर है ?
(a) बिहार
(b) बंगाल
(c) दिल्ली
(d) उत्तर प्रदेश
उत्तर :
(b) बंगाल।
प्रश्न 11.
पौरसभा के सदस्यों को क्या कहा जाता है?
(a) काउन्सिलर
(b) मंत्री
(c) नेता
उत्तर :
(a) काउन्सिलर।
प्रश्न 12.
कब भारत में पौरशासन व्यवस्था शुरू हुई?
(a) सन् 1803 ई० में
(b) सन् 1881 ई० में
(c) सन् 1882 ई० में
(d) सन् 1883 ई० में
उत्तर :
(c) सन् 1882 ई०।
प्रश्न 13.
कब बंगीय पौर कानून तैयार हुआ था ?
(a) सन् 1931 ई० में
(b) सन् 1932 ई० में
(c) सन् 1935 ई० में
(d) सन् 1923 ई० में
उत्तर :
(b) सन् 1932 ई० में ।
प्रश्न 14.
कब भारत के दलित समाज में स्वयं के प्रति संचेतना का विस्तार हुआ ?
(a) सन् 1930 ई० में
(b) सन् 1935 ई० में
(c) सन् 1929 ई० में
(d) सन् 1923 ई० में
उत्तर :
(a) 1930 ई० में ।
प्रश्न 15.
भारत के संविधान के मुख्य निर्माता कौन थे ?
(a) जवाहर लाल नेहरू
(b) महात्मा गाँधी
(c) बी० आर अम्बेडकर
(d) लार्ड रिपन
उत्तर :
(c) बी० आर अम्बेडकर।
प्रश्न 16.
लोकसभा की सदस्यों की संख्या कितनी हैं?
(a) 502
(b) 522
(c) 510
(d) 532
उत्तर :
(a) 522
प्रश्न 17.
लोकसभा के सदस्य प्रार्थी होने के लिए कम से कम कितनी उम्र होनी चाहिए ?
(a) 35 वर्ष
(b) 25 वर्ष
(c) 18 वर्ष
(d) 20 वर्ष
उत्तर :
(b) 25 वर्ष।
प्रश्न 18.
अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कौन सभा का परिचालन करते हैं ?
(a) डेपूटी स्पीकर
(b) राष्ट्रपति
(c) इनमें से कोई नहीं
(d) प्रधानमंत्री
उत्तर :
(a) डेपूटी स्पीकर।
प्रश्न 19.
प्रत्येक प्रदेश में क्या होना चाहिए ?
(a) विधान सभा
(b) लोक सभा
(c) पुलिस स्टेशन
(d) प्रार्थना सभा
उत्तर :
(a) विधान सभा।
प्रश्न 20.
राज्य का शासन व्यवस्था किसके हाथ में रहता है ?
(a) उपराज्यपाल
(b) राज्यपाल
(c) राष्ट्रपति
(d) प्रधानमंत्री
उत्तर :
(b) राज्यपाल।
प्रश्न 21.
19 जिलों की गणना कब हुई थी ?
(a) सन् 2013 ई० में
(b) सन् 2010 ई० में
(c) सन् 2012 ई० में
(d) सन् 2009 ई० में
उत्तर :
(a) 2013 ई० में।
प्रश्न 22.
पंचायत समिति का कार्यकाल कितने दिनों का होता है ?
(a) 8 वर्ष
(b) 3 वर्ष
(c) 5 वर्ष
(d) 8 वर्ष
उत्तर :
(c) 5 वर्ष।
प्रश्न 23.
जिला परिषद का कार्यकाल।
(a) 3 वर्ष
(b) 2 वर्ष
(c) 5 वर्ष
(d) 6 वर्ष
उत्तर :
(c) 5 वर्ष।
प्रश्न 24.
समिति की बैठक में सभापति और उपसभापति में से किसका रहना आवश्यक है ?
(a) दोनोंका रहना आवश्यक है
(b) इनमें से कोई एक
(c) इनमें से कोई नहीं
(d) कोई दूसरा व्यक्ति
उत्तर :
(a) दोनों का रहना आवश्यक है।
प्रश्न 25.
ब्लॉक की उन्नति का सम्पूर्ण भार किस पर होता है ?
(a) ग्राम पंचायल
(b) मुख्यमंत्री
(c) पंचायत समिति
(d) प्रधानमंत्री
उत्तर :
(c) पंचायत समिति
प्रश्न 26.
किसके प्रति कांग्रेस में उत्साह नहीं देखा गया ?
(a) ब्वाह्मण
(b) दास
(c) हरिजन
(d) राजपूत
उत्तर :
(c) हरिजन।
प्रश्न 27.
कब दलितों के लिए अनुसूचित जाति के तहत अलग निर्वाचन अधिकार दिए गए ?
(a) सन् 1923 ई० में
(b) सन् 1932 ई० में
(c) सन् 1930 ई० में
(d) सन् 1934 ई० में
उत्तर :
(b) 1932 ई० में ।
प्रश्न 28.
कब अनुसूचित जन जतियों का आंदोलन नहीं बढ़ सका ?
(a) सन् 1940 ई० में
(b) सन् 1957 ई० में
(c) सन् 1947 ई० में
(d) सन् 1948 ई० में
उत्तर :
(c) 1947 ई०।
प्रश्न 29.
कब 86 वें संशोधन को जोड़ा गया ?
(a) सन् 2002 ई० में
(b) सन् 2001 ई० में
(c) सन् 2005 ई० में
(d) सन् 2006 ई० में
उत्तर :
(a) सन् 2002 ई० में ।
प्रश्न 30.
कितने मौलिक अधिकार बताए गए हैं ?
(a) 5
(b) 10
(c) 12
(d) 6
उत्तर :
(b) 6
प्रश्न 31.
नारी को समान अधिकार कब प्राप्त हुआ ?
(a) सन् 2002ई० में
(b) सन् 2012 ई० में
(c) सन् 2005 ई० में
(d) सन् 2006 ई० में
उत्तर :
(a) सन् 2002 ई०।
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (Fill in the blanks) : (1 Mark)
1. भारतीय संविधान एक _______ है।
उत्तर : प्रस्तावना।
2. संविधान में _______ शब्द का प्रयोग हुआ है।
उत्तर : गणतन्त्र।
3. भारत के राष्ट्रपति राष्ट्र के _______ नागरिक होते हैं।
उत्तर : प्रथम
4. पद की गरिमा की दृष्टि से _______ का स्थान राष्ट्रपति के बाद ही है।
उत्तर : उपराष्ट्रपति।
5. भारत के प्रथम राष्ट्रपति _______ थे।
उत्तर : डा० राजेन्द्र प्रसाद।
6. _______ बंगाल के प्रथम मुख्यमंत्री थे।
उत्तर : श्री प्रफुल्लचन्द्र घोष।
7. राज्य का _______ मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है।
उत्तर : राज्यपाल।
8. भारतीय संविधान में नागरिको को _______ मौलिक अधिकार दिए गये हैं।
उत्तर : 6
9. 26 नवम्बर 1946 ई० की गण परिषद् द्वारा _______ को ग्रहण किया गया।
उत्तर : संविधान।
10. _______ ने एक संविधान निर्माण के गठन का प्रस्ताव मान लिया।
उत्तर : ब्रिटिश सरकार।
11. सन् 2013 ई० की गणना के अनुसार _______ में 19 जिले हैं।
उत्तर : पश्चिम बंगाल।
12. जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य अपने मध्य से एक एवं _______ एक का _______ चुनाव करते हैं।
उत्तर : सभापति, उपसभापति।
13. पश्चिम बंगाल की _______ की द्वितीय स्तर पंचायत समिति हैं।
उत्तर : पंचायत व्यवस्था।
14. पंचायत व्यवस्था का सबसे पहले _______ का स्थान आता है।
उत्तर : जिला परिषद।
15. पंचायत व्यवस्था का सबसे नीचे _______ आता है।
उत्तर : ग्राम पंचायत।
16. पंचायत व्यवस्था के _______ स्तर हैं।
उत्तर : तीन।
17. घरेलू हिंसा कानून सन् _______ में बना था।
उत्तर : 2005 ई०।
18. सामाजिक अस्पृश्यता को राजनीति का हिस्सा सर्वप्रथम _______ ने बनाया था।
उत्तर : गाँधी।
19. _______ की संख्या निर्धारित नहीं है।
उत्तर : अनुसूचित जन-जातियों।
20. सन् 1882 ई० में की _______ सहायता से भारत में पौरशासन व्यवस्था तैयार हुआ।
उत्तर : लार्ड रिपन।
21. _______ पश्चिम बंगाल में तैयार किया गया था।
उत्तर : पौरबिल।
22. _______ ई० के पश्चात् बंगाल में पौरसभा परिचालित हुई।
उत्तर : सन् 1987
23. _______ और _______ घरेलू कानून के अन्तर्गत आता है।
उत्तर : मानसिक उत्पीड़न, अर्थनीतिक उत्पीड़न।
24. _______ की उन्नति समाजिक तौर पर नहीं हुई।
उत्तर : हरिजन।
25. सन् 2005 ई० में _______ को जमीन जायदाद में समान अधिकार हैं।
उत्तर : नारी।
26. भारत के संविधान में _______ और _______ को समान अधिकार हैं।
उत्तर :-पुरुष, नारी।
27. सन् _______ ई० में बंगाल राज्य में विधान परिषद् को विलुप्त करने का निर्णाय लिया गया।
उत्तर : सन् 1969
28. भारत के प्रत्येक प्रदेश में _______ हैं।
उत्तर : विधान सभा।
29. राज्य की शासन व्यवस्था में सर्वोपरि स्थान _______ का है।
उत्तर : राज्यपाल।
30. विधानसभा की सदस्यता केवल _______ के लिए ही होती है।
उत्तर : 5 वर्ष।
31. लोकसभा प्रभा की उम्र _______ होनी चाहिए।
उत्तर : 25 वर्ष।
32. लोकसभा का सभापतित्व को _______ कहते हैं।
उत्तर : स्पीकर।
33. राज्यपाल के पद की नियुक्ति के लिए आयु _______ होनी चाहिए।
उत्तर : 35 वर्ष।
34. केन्द्र के समान भारतीय मुख्य प्रान्तों में भी _______ हैं।
उत्तर : संसदीय सरकार।
35. वर्तमान समय में _______ की सदस्य संख्या 522 होनी चाहिए।
उत्तर : लोकसभा।
36. _______ भी राष्ट्रपति के समान ही एक विशेष पद्धति द्वारा चुने जाते हैं।
उत्तर : उपराष्ट्रपति।
37. भारत की _______ दुनिया का सबसे बड़ा संविधान हैं।
उत्तर : संविधान।
38. भारत के संविधान के प्रस्तावना का मुख पृष्ठ-सज्जा की थी _______ ।
उत्तर : नन्दलाल बसु।
39. संविधान किसी _______ की सार्वभौमिकता का प्रतीक है।
उत्तर : राष्ट्र।
40. विभिन्न देशों के _______ को लिया गया है।
उत्तर : संविधान।
सही एवं गलत का निर्णय करो : True or False (1 Mark)
1. भारत में राष्ट्रपति ही वास्तविक तौर पर शासक है।
उत्तर : (गलत)
2. राज्यसभा की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति करते हैं।
उत्तर : (सही)
3. पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था है।
(उत्तर : गलत)
4. राज्यसभा का सभापतित्व मुख्यमंत्री करते हैं।
उत्तर : (गलत)
5. सन् 1932 ई० में दलितों की अनुसूचित जाति की तहत अलग निवार्चन अधिकार दिए गए।
उत्तर : (सही)
6. भारत के संविधान में अनुसूचित जन-जातियों की संख्या निर्धारित है।
उत्तर : (गलत)
7. भारत का एक बड़ा अंश पिछड़ी श्रेणी से आता है।
उत्तर : (सही)
8. सन् 1932 ई० में वर्गीय पौर कानून तैयार हुआ।
उत्तर : (सही)
9. पश्चिम बंगाल में परिबल तैयार किया गया।
उत्तर : (सही)
10. किसी भी राज्य का राज्यपाल ही मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है ।
उत्तर : (सही)
11. 190 वर्षों के औपनिवेशिक शासन से भारत को मुक्ति मिली थी।
उत्तर : (सही)
12. भारतीय संविधान नागरिकों के 7 मौलिक अधिकार बताए गए है।
उत्तर : (गलत)
13. सन् 1976 ई० में संविधान में संशोधन के पश्चात् नागरिकों के देश के मौलिक कर्त्तव्य बताए गए।
उत्तर : (सही)
14. सन् 1947 ई० के बाद अनुसूचित जन जातियों का आंदोलन आगे बढ़ा।
उत्तर : (गलत)
15. भारत की संविधान बी० आर अम्बेडकर ने बनाया।
उत्तर : (सही)
16. संविधान का अर्थ है कई संस्थाओं का समूह।
उत्तर : (गलत)
17. डा० राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति थे।
उत्तर : (गलत)
18. पं० जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे।
उत्तर : (सही)
19. वी० आर० अम्बेडकर की अध्यक्षता में संविधान की रचना हुई थी।
उत्तर : (गलत)
20. संसद के उच्च कक्ष को राज्य सभा कहा जाता है।
उत्तर : (सही)
21. राज्यसभा के सदस्यों को 6 वर्ष के लिए नहीं चुना जाता है।
उत्तर : (सही)
22. राष्ट्रपति के प्रार्थी की कोई आयु सीमा नहीं निर्धारित है।
उत्तर : (गलत)
23. राज्यों की मंत्रिसभा का प्रधान राज्यपाल होता है।
उत्तर : (गलत)
24. भारत के प्रत्येक प्रदेश में दो विधान सभा होती है।
उत्तर : (गलत)
25. सन् 2005 ई० के कानून के अनुसार नारी का अधिकार सम्पत्ति और जायदाद पर बराबर है।
उत्तर : (सही)
26. पौरसभा को काउन्सिलर कहा जाता है।
उत्तर : (सही)
27. पौरसभा मद्रास की स्थानीय स्वायतशासन व्यवस्था का अभिन्न अंग है।
उत्तर : (गलत)
28. ग्राम पंचायत का कार्यालय 5 साल का होता है।
उत्तर : (सही)
29. प्रफुल्लचन्द्र घोष बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री थे।
उत्तर : (गलत)
30. राज्य की शासन व्यवस्था में सर्वोपरि स्थान राज्यपाल का है।
उत्तर : (सही)
31. सन् 1969 वर्ष से बिहार में विधान परिषद् को विलुप्त करने का निर्णय लिया गया।
उत्तर : (गलत)
32. देश की प्रथम उपराष्ट्रपति डा० सर्वपल्ली राधा कृष्णन थे।
उत्तर : (सही)
33. भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा० राजेन्द्र प्रसाद थे।
उत्तर : (सही)
34. ‘समाजवादी’ का अर्थ है राष्ट्र में बनी सभी वस्तु पर समान हक है।
उत्तर : (सही)
35. 26 जनवरी सन् 1905 ई० में भारत को गणतन्त्र राज्य घोषित किया गया।
उत्तर : (सही)
बेमेल शब्द ढूढ़कर लिखों :
1. धर्मनिरपेक्ष, सार्वभौम, धनतांत्रिक, गणतांत्रिक।
उत्तर : धनतांत्रिक।
2. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल।
उत्तर : प्रधानमंत्री।
3. पौरसभा, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा।
उत्तर : पौरसभा।
4. डा० राजेन्द्र प्रसाद, डा० सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जवाहरलाल नेहरू, वी० आर० अम्बेडकर।
उत्तर : वी० आर० अम्बेडकर।
5. 15 अगस्त, 26 जनवरी, 26 नवम्बर, 20 मार्च।
उत्तर : 20 मार्च।
6. नियम, प्रतिष्ठान, राष्ट्र, धर्म।
उत्तर : धर्म।
7. ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, पौरसभा, राज्य सभा।
उत्तर : राज्य सभा।
8. ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, राजा।
उत्तर : राजा।
9. समानता, स्वाधीनता, शिक्षा, व्यापार।.
उत्तर : व्यापार।
10. काउन्सिलर, चेयरमेन, मुख्यमंत्री, वाइस चेयरमेन।
उत्तर : मुख्यमंत्री।
11. पौरसभा / लोकसभा / राज्यसभा / विधानसभा
उत्तर : पौरसभा।
12. समानता / स्वाधीनता / शिक्षा / व्यापार
उत्तर : व्यापार।
13. नियम / प्रतिष्ठान / राष्ट्र / धर्म
उत्तर : धर्म।
14. 15 अगस्त / 26 जनवरी / 15 नवम्बर / 14 मार्च
उत्तर : 14 मार्च।
15. ब्राह्मण / क्षत्रिय / वैश्य / राजा
उत्तर : राजा।
सही मिलान करो Match the following : (1 Mark)
प्रश्न 1.
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) 15 अगस्त सन् 1947 ई० | (क) गण परिषद संविधान ग्रहण |
(b) 26 नवम्बर सन् 1949 ई० | (ख) भारत के लिए संविधान लागू |
(c) 26 जनवरी | (ग) कई नियमों का समूह |
(d) संविधान का अर्थ | (घ) प्रतिष्ठान है |
(e) राष्ट्र भी एक प्रकार की | (ङ) स्वाधीन भारत का जन्म |
उत्तर :
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) 15 अगस्त सन् 1947 ई० | (ङ) स्वाधीन भारत का जन्म |
(b) 26 नवम्बर सन् 1949 ई० | (क) गण परिषद संविधान ग्रहण |
(c) 26 जनवरी | (ख) भारत के लिए संविधान लागू |
(d) संविधान का अर्थ | (ग) कई नियमों का समूह |
(e) राष्ट्र भी एक प्रकार की | (घ) प्रतिष्ठान है |
प्रश्न 2.
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) सन् 1946 ई० | (क) गणतंत्र राज्य घोषित |
(b) 26 जनवरी सन् 1950 ई० | (ख) गण परिषद का गठन |
(c) सन् 1946 ई० | (ग) सभापति निर्वाचित |
(d) राजेन्द्र प्रसाद | (घ) बी० आर अम्बेडकर |
(e) संविधान बनाने का कार्य | (ङ) संविधान निर्माण सभा गठन |
उत्तर :
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) सन् 1946 ई० | (ङ) संविधान निर्माण सभा गठन |
(b) 26 जनवरी सन् 1950 ई० | (क) गणतंत्र राज्य घोषित |
(c) सन् 1946 ई० | (ख) गण परिषद का गठन |
(d) राजेन्द्र प्रसाद | (ग) सभापति निर्वाचित |
(e) संविधान बनाने का कार्य | (घ) बी० आर अम्बेडकर |
प्रश्न 3.
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) भारत का संविधान | (क) निर्देश और अनुरोध मानने को बाध्य नहीं |
(b) विदेशी राष्ट्र | (ख़) राष्ट्रपति |
(c) भारत का शीर्ष शासन व्यवस्था | (ग) डा० राजेन्द्र प्रसाद |
(d) प्रथम राष्ट्रपति | (घ) 35 वर्ष की आयु |
(e) राष्ट्रपति पद के प्रार्थी के लिए | (ङ) दुनिया का सबसे बड़ा संविधान |
उत्तर :
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) भारत का संविधान | (ङ) दुनिया का सबसे बड़ा संविधान |
(b) विदेशी राष्ट्र | (क) निर्देश और अनुरोध मानने को बाध्य नहीं |
(c) भारत का शीर्ष शासन व्यवस्था | (ख़) राष्ट्रपति |
(d) प्रथम राष्ट्रपति | (ग) डा० राजेन्द्र प्रसाद |
(e) राष्ट्रपति पद के प्रार्थी के लिए | (घ) 35 वर्ष की आयु |
प्रश्न 4.
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) राज्यसभा का गठन | (क) 6 वर्ष का होता है |
(b) राज्यसभा का कार्यकाल | (ख) लोक सभा |
(c) भारत संसद की निचली सभा | (ग) 522 की गयी है |
(d) लोकसभा कुल सदस्य | (घ) डा० सर्वपल्ली राधा कृष्णन |
(e) प्रथम उपराष्ट्रपति | (ङ) 250 सदस्यों के होता है |
उत्तर :
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) राज्यसभा का गठन | (ङ) 250 सदस्यों के होता है |
(b) राज्यसभा का कार्यकाल | (क) 6 वर्ष का होता है |
(c) भारत संसद की निचली सभा | (ख) लोक सभा |
(d) लोकसभा कुल सदस्य | (ग) 522 की गयी है |
(e) प्रथम उपराष्ट्रपति | (घ) डा० सर्वपल्ली राधा कृष्णन |
प्रश्न 5.
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) प्रथम प्रधानमंत्री | (क) सर्वोपरि स्थान राज्यपाल हैं |
(b) प्रत्येक प्रदेश में | (ख) मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता हैं |
(c) राज्य की शासन व्यवस्था | (ग) बंगाल राज्य में विधान परिषद हटाने का निर्णय हुआ |
(d) राज्यपाल ही | (घ) एक एक विधानसभा |
(e) 1969 में | (ङ) जवाहरलाल नेहरू |
उत्तर :
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) प्रथम प्रधानमंत्री | (ङ) जवाहरलाल नेहरू |
(b) प्रत्येक प्रदेश में | (घ) एक एक विधानसभा |
(c) राज्य की शासन व्यवस्था | (क) सर्वोपरि स्थान राज्यपाल हैं |
(d) राज्यपाल ही | (ख) मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता हैं |
(e) 1969 में | (ग) बंगाल राज्य में विधान परिषद हटाने का निर्णय हुआ |
प्रश्न 6.
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) पंचायत व्यवस्था | (क) ग्राम पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं |
(b) केन्द्र या राज्य में नौकरी करने वाले | (ख) 6 माह बढ़ा दिया जाता है |
(c) ग्राम पंचायत की विशेष परस्थितियाँ | (ग) 19 जिला था |
(d) 2013 गणना के अनुसार | (घ) पाँच वर्ष |
(e) जिला परिषद का कार्यकाल | (ङ) पश्चिम बंगाल में महत्वपूर्ण है |
उत्तर :
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) पंचायत व्यवस्था | (ङ) पश्चिम बंगाल में महत्वपूर्ण है |
(b) केन्द्र या राज्य में नौकरी करने वाले | (क) ग्राम पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं |
(c) ग्राम पंचायत की विशेष परस्थितियाँ | (ख) 6 माह बढ़ा दिया जाता है |
(d) 2013 गणना के अनुसार | (ग) 19 जिला था |
(e) जिला परिषद का कार्यकाल | (घ) पाँच वर्ष |
प्रश्न 7.
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) पौरसभा पश्चिम बंगाल की स्थानीय | (क) पौरसभा व्यवस्था शुरू हुई थी |
(b) पौरसभा के सदस्यों की | (ख) सन् 1987 ई० |
(c) सन् 1882 ई० | (ग) घरेलू हिंसा कानून |
(d) पश्चिम बंगाल में पौरसभा परिचालित | (घ) काउन्सिलर कहा जाता है |
(e) सन् 2005 ई० | (ङ) स्वायतशासन व्यवस्था का अभिन्न अंग है |
उत्तर :
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) पौरसभा पश्चिम बंगाल की स्थानीय | (ङ) स्वायतशासन व्यवस्था का अभिन्न अंग है |
(b) पौरसभा के सदस्यों की | (घ) काउन्सिलर कहा जाता है |
(c) सन् 1882 ई० | (क) पौरसभा व्यवस्था शुरू हुई थी |
(d) पश्चिम बंगाल में पौरसभा परिचालित | (ख) सन् 1987 ई० |
(e) सन् 2005 ई० | (ग) घरेलू हिंसा कानून |
प्रश्न 8.
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) सन् 1930 ई० | (क) गाँधी ने बनाया |
(b) सामाजिक अस्पृश्यता की राजनीति | (ख) दलितों के लिए अलग निर्वाचन |
(c) सन् 1932 ई० | (ग) 6 मौलिक अधिकार |
(d) नागरिकों को | (घ) नागरिकों को मौलिक कर्तव्य |
(ध) सन् 1976 ई० | (ङ) दलित समाज का विस्तार |
उत्तर :
‘क’ स्तम्भ | ‘ख’ स्तम्भ |
(a) सन् 1930 ई० | (ङ) दलित समाज का विस्तार |
(b) सामाजिक अस्पृश्यता की राजनीति | (क) गाँधी ने बनाया |
(c) सन् 1932 ई० | (ख) दलितों के लिए अलग निर्वाचन |
(d) नागरिकों को | (ग) 6 मौलिक अधिकार |
(ध) सन् 1976 ई० | (घ) नागरिकों को मौलिक कर्तव्य |