Detailed explanations in West Bengal Board Class 7 History Book Solutions Chapter 1 इतिहास की अवधारणा offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 7 History Chapter 1 Question Answer – इतिहास की अवधारणा
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
ताप्र पत्र क्या है?
उत्तर :
जो तांबे के पत्र पर लिखा जाता है उसे ही ताम पत्र कहते हैं।
प्रश्न 2.
इण्डिया शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया था?
उत्तर :
इण्डिया शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम इतिहासकार हेरोडोटस ने किया था।
प्रश्न 3.
हेरोडोटस कौन था?
उत्तर :
हेरोडोटस को इतिहास का जनक कहा जाता है।
प्रश्न 4.
किस ग्रन्थ में हिन्दुस्तान का प्रयोग समस्त भारत के लिए हुआ है?
उत्तर :
अज्ञात लेखक द्वारा रचित हूदूद अल आलम नामक ग्रन्थ में हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग पूरे भारत वर्ष के लिए हुआ है।
प्रश्न 5.
किस भाषा में हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग बार-बार किया गया है?
उत्तर :
अरबी और फारसी भाषा में हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग बार-बार हुआ है।
प्रश्न 6.
इतिहास को कितने भागों में बांटा गया है?
उत्तर :
इतिहास को तीन भागों में बांटा गया है।
1. प्राचीन काल
2. मध्य काल
3. आधुनिक काल
प्रश्न 7.
बाबर का शासनकाल कब से कब तक था ?
उत्तर :
बाबर का शासनकाल सन् 1526 ई० से लेकर सन् 1530 ई० तक था।
प्रश्न 8.
अकबर का शासनकाल कितने वर्षों का था ?
उत्तर :
अकबर का शासनकाल लगभग 49 वर्षों का था।
प्रश्न 9.
हुमायूँ का शासनकाल कब से कब तक था ?
उत्तर :
हुमायूँ का शासनकाल सन् 1530 – 40 एवं 1555-56 तक था।
प्रश्न 10.
मुगलवंश के अंतिम शासक का नाम क्या था ?
उत्तर :
मुगलवंश के अंतिम शासक का नाम औरंगजेब था।
प्रश्न 11.
औरंगजेब का शासनकाल बताओ ?
उत्तर :
औरंगजेब का शासनकाल सन् 1658-1707 ई० था।
प्रश्न 12.
शिलालेख किसे कहते हैं ?
उत्तर :
लेख यदि पत्थर पर लिखा हुआ हो तो उसे शिलालेख कहते हैं।
प्रश्न 13.
लिखित सामग्री से क्या समझते हो ?
उत्तर :
यदि लेख कागज पर लिखा हो तो वह लिखित सामग्री कहलाता है।
प्रश्न 14.
इतिहास को किसकी संज्ञा दी गई है ?
उत्तर :
इतिहास को ‘जासूस’ की संज्ञा दी गई है।
प्रश्न 15.
प्राचीनकाल में धर्म-प्रचार का माध्यम क्या था ?
उत्तर :
प्राचीनकाल में धर्म-प्रचार का माध्यम जनभाषा था।
प्रश्न 16.
भारत में आलू खाने की प्रथा की शुरुआत किसने की थी ?
उत्तर :
भारत में आलू खाने की प्रथा की शुरुआत पुर्तगालियों ने की थी ?
प्रश्न 17.
मध्ययुगीन भारतीयों के जीवन के बारे में लोगों का क्या मत था ?
उत्तर :
कई लोगों का मानना है कि मध्ययुग में भारतीय मनुष्यों का जीवन पूर्णरूपेण अंधकारमय था।
प्रश्न 18.
प्राचीन भारत के इतिहास के प्रमुख स्रोत क्या-क्या है ?
उत्तर :
प्राचीन भारत के इतिहास के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित है :-
- धार्मिक अथवा अनैतिहासिक प्रन्थ
- ऐतिहासिक प्रन्थ
- अभिलेख
- प्राचीन स्मारक
- सिक्के
- शिलालेख
- तामपत्र
- लिखित अन्य साम्रगी
- विदेशी पर्यटकों का लिखित विवरण
- इतिहासकारों का लिखित मत
प्रश्न 19.
इतिहास को कितने युगों में विभाजित किया गया है ? उनके नाम बताओ ।
उत्तर :
साधारणतः इतिहास को ‘प्राचीन’, ‘मध्य’ एवं आधुनिक तीन युगों में विभाजित किया गया है।
प्रश्न 20.
किस काल के शिलालेख में हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग किया गया है?
उत्तर :
खुदाई में प्राप्त ईरानी काल के शिलालेख में हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग हुआ है।
प्रश्न 21.
मुगल वंश के शासक शाहजहाँ का पूरा नाम बताओ।
उत्तर :
अतूल मुजफ्फर शिहाबुद्दीन साहेन-ए-किरण शाहजहाँ बादशाह गाजी।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARK
प्रश्न 1.
इतिहास क्या है ?
उत्तर :
वर्षों पहले घटित हुई घटना और अधिकांश लोगों द्वारा अलग-अलग किये गये कार्यों और उसके परिणामों को जानने की चेष्टा करना ही इतिहास है।
प्रश्न 2.
इतिहास को जानने के विभिन्न तरीकों को बताएँ या इतिहास को जानने के स्रोत क्या हैं?
उत्तर :
कोई साधन या वस्तु जिससे हम उस वस्तु के पुराने समय की जानकारी प्राप्त कर सके वह इतिहास की सामग्री होती है।
पुराने मन्दिर, मकान, मस्जिद, मूर्ति, रुपया-पैसा, चित्र, पुस्तकें आदि के माध्यम से हम उस समय के विशेष तथा वहाँ के लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ये सब इतिहास के स्रोत हैं।
प्रश्न 3.
इतिहासकार इतिहास का जासूस है कैसे?
उत्तर :
जासूस जो छोटे-छोटे टुकड़े तथा बिखरे सबूतों को खोजता है और फिर तर्क की कसौटी पर जाँच कर सोतों के सही या गलत होने का विचार करता है अत: घटने वाली घटना की झूठ या सच को पकड़ लेता है। ठीक उसी प्रकार इतिहासकार भी टुकड़े-टुकड़े में बिखरे स्रोंतों को खोज कर उस पर तर्क सहित विचार करता है। फिर सोतों को सजाकार अतीत की घटना को सामने लाता है।
प्रश्न 4.
इतिहास जानना जरूरी क्यों है ?
उत्तर :
हम एक नागरिक हैं। हमें अपने देश के इतिहास के बारे में जानना आवश्यक है, अत: हमें अपने देश की अतीत को जानने के लिए अपने वर्तमान में ही नहीं, भविष्य से भी सीख लेंगे। दूसरे देशों का इतिहास जानकर हम उनकी व्यवस्था से रू-ब-रू हो सकेंगे। किसी विचारधारा को निर्मित करने के लिए इतिहास पढ़ना जरूरी है।
प्रश्न 5.
विदेशी शब्द का अर्थ इतिहास में क्या था और आजकल उसका क्या अर्थ है?
उत्तर :
सल्तनत और मुगल काल में विदेशी शब्द का अर्थ गाँव या शहर के बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए होता था। आजकल विदेशी का अर्थ भारत से बाहर दूसरे देशों में रहने वाले लोगों से होता है।
प्रश्न 6.
अजनबी या परदेशी से क्या समझते हो?
उत्तर :
शहर से आकर कोई आदमी किसी अपरिचित गाँव में जब बस जाता था तो उसे वहाँ के लोग परदेशी या अजनबी कहते थे। आजकल परदेशी का मतलब पर + देश + वासी अर्थात् जो पराये या दूसरे देशों का रहनेवाला हो और अजनबी का अर्थ अपरिचित लोग अब वह चाहे हमारे देश के किसी गाँव या शहर का हो या किसी दूसरी जगह का।
प्रश्न 7.
देश शब्द का अर्थ इतिहास को वर्तमान में समझाओ ।
उत्तर :
इतिहास से हम अपने देश का अर्थ, अपना जन्म स्थान समझते हैं। इसका प्रभाव आज भी कहीं-कहीं देखने को मिलता है। यहाँ के लोग देश का मतलब एक ही राज्य के अनेक अंचलों से लेते हैं। जैसे कोई कहता है कि उसका देश कोलकाता है। कोलकाता पश्चिम बंगाल की राजधानी और एक विशेष अंचल है।
परन्तु वर्ममान में देश का अर्थ एक विशाल भूखण्ड होता है जो विभिन्न राज्यों का एक संयोजित रूप होता है जैसे भारत देश।
प्रश्न 8.
नये-नये शहरों का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर :
पूरी अर्थ व्यवस्था एक तरफ से कृषि पर आधारित है और दूसरी तरफ वाणिज्य व्यवस्था पर टिका हुआ है। खेती करने के लिए जंगलों को साफ किया जाता है जिससे कृषि ऊपज से पैसा कमाया जा सकें। इस तरह देखा जाय तो अर्थ व्यवस्था सुधारने के लिए कृषि युक्त जमीन तलाशी गई। दूसरी ओर वाणिज्य-व्यवसाय के लिए फैक्ट्री की जमीन खोजी गई जिससे नये नये शहरों का विकास हुआ।
विस्तृत उत्तर वालें प्रश्न (Detailed Answer Questions) : 5 MARK
प्रश्न 1.
इतिहास को पढ़ना क्यों जरूरी है? ऐतिहासिक नाम व उपनाम बताओ।
उत्तर :
पुरानी घटनाओं का संग्रह ही इतिहास कहलाता है। इतिहास हमें भूतकाल में हुई घटना से परिचय कराता है। तब हम यह जान पाते हैं कि आज से बहुत साल पहले क्या-क्या होने से वर्तमान स्वरूप प्राप्त हो पाया अर्थात् दूसरे शब्दों में कहाँ जाए तो यह कहा जायेगा कि आज का भारत या आज की टुनिया कैसे इस रूप में आ पाया। यह सब इतिहास पढ़ने से ही मालूम पड़ता है। इतिहास को पढ़ने से हमलोग वर्तमान कृषि पद्धति की शुरुआत, शहरों की शुरुआत एवं वाणिज्य व्यवसाय की शुरुआत और कई वस्तुओं के बारे में जानकारी ले पाते हैं। एक संयोजित तरीके से कहा जाय तो यही कहा जायेगा कि वर्षों पहले घटित हुई विभिन्न घटनाओं तथा अधिकांश लोगों द्वारा अलग-अलग कार्य करने के कारणों और उसके परिणामों को जानने से हमें अपने वर्तमान स्वरूप का स्पष्ट तस्वीर मिल जाती है, पुरानी बातों के ज्ञान से हम अपने देश के बारे में ही नहीं, विश्व की दशा हेतु भी ज्ञान रखते है। किसी भी विचार धारा को बताने हेतु इतिहास पढ़ना जरूरी है।
गंगाई कोड़चोल, सकलोन्तर पथनाप आदि ऐतिहासिक उपनाम है।
इखियारुद्दीन मोहम्मद तखित्तियार आदि ऐतिहासिक नाम है।
प्रश्न 2.
इतिहास को कैसे जाना जा सकता है? आलोचना कीजिए और इतिहास जानने के तरीकों को बताइए।
उत्तर :
आज हम जो कुछ भी देख रहे हैं वह हमारे अतीत से किसी न किसी रूप में जुड़ी हुई है तो यह इतिहास का एक स्रोत या इतिहास जानने का एकमात्र साधन है। इस तरह के स्रोतों से हमें अपने अतीत के बारे जानकारी प्राप्त होती है। पुराने मन्दिर, मकान, मस्जिद, मूर्ति, रुपया-पैसा, चित्र, पुस्तकों आदि के माध्यम से विशेष राज्य और लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण बहुत सारी चीज नट्ट हो गई लेकिन इतिहासकार इन्हीं अवशेषों को सजाकर अतीत का चित्र प्रस्तुत करते हैं। अनेक प्रकार की सामग्री जैसे लेख, मुद्रा, स्थापत्य मूर्तिकला, लिखित सामग्री आदि के माध्यम से इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। इतिहास को पढ़ते समय यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि कोई भी घटना किस समय विंशेष स्थान से सम्बन्धित है। इस तरह ध्यान में रखने से एवं ऐतिहासिक घटना क्रम को एक निश्चित व्यवस्था देने से याद रखने में सुविधा होती है।
प्रश्न 3.
हमारे देश का नाम हिन्दुस्तान कैसे पड़ा? इसके बारे में बताइए।
उत्तर :
हमारे देश के उत्तर-पश्चिमी भाग के सिंधु नदी एवं द्वीप के आस-पास का क्षेत्र कुछ समय के लिए पारसी साम्माज्य के अंतर्गत था, उस समय इस क्षेत्र का नाम हिंदुस था, जल ग्रीक भाषा में इस नाम का उच्चारण में दुविधा आने लगी तब यह नाम ईन्दुस हो गया। अनेक परिवर्तन के बाद इसका नाम इण्डिया हो गया और जब अरब के लोगों का आगमन हुआ तो वह इसे हिन्दुस्तान नाम से पुकारते थे। अरबी और फारसी भाषा में इसका प्रयोग काफी होता था। 262 ई० का एक शिलालेख खुदाई से प्राप्त हुआ है। शिलालेख ईरानी शासनकाल का है। इस पर हिन्दुस्तान शब्द का उल्लेख पाया गया है। हूदूद-अल-आलम नामक ग्रन्थ में हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग समस्त भारत के लिए हुआ है।
प्रश्न 4.
इतिहास की सामग्रियों से क्या समझते हो? इसका संक्षिप्त परिचय दो।
उत्तर :
वे विशेष वस्तुएँ जो बीती हुई बातों को जानने में सहायक होती है उन्हें इतिहास सामग्री कहा जाता है। इतिहास की विभिन्न सामग्रियों को निम्न भागों में बाँटा गया है :-
लेख – पत्थर या धातुओं के पत्र पर लिखी बातों से अतीत के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
ताम्रपत्र – लेख यदि ताँबे के पत्र पर लिखा होता है तो वह ताम्रपत्र कहलाता है।
शिलालेख – यही लेख यदि पत्थर पर लिखा हो तो वह शिलालेख कहलाता है।
लिखित सामग्री – लेख यदि कागज पर लिखा हो तो वह लिखित सामग्री कहलाता है।
ये सभी इतिहास की जानकारी प्राप्त करने के सोत हैं।
प्रश्न 5.
बाबार होलो आबार ज्वर सारिलो औघुधे। इस कथन में छ: मुगल शासकों के नाम खोजें।
उत्तर :
बाबार-बाबर, होलो – हुमायूँ, आबार-अकबर, ज्वर-जहाँगीर, सारिलो-शाहजहाँ, औषुधे-औरंगजेब।
प्रश्न 6.
सोचकर बताओ कि इतिहास में बहुत समय तक सामान्यजन या कलाकारों के नाम का उल्लेख कहीं भी क्यों नहीं मिलता है?
उत्तर :
शिल्य और साहित्य के अधिकांश भाग में शासक का गुणगान ही रहता था। उसी में शासक अपना आधिपत्य बना कर रखता था, अत: साधारण आदमियों का कोई उल्लेख नहीं मिलता है।
मुगल वंश का शासक, उनका पूरा नाम एवं शासन काल
बाबर (जहीरुद्दीन मोहम्मद बाबर 1526-1530 ई०)
हुमायूँ (नसीरुद्दीन मोहम्मद हुमायूँ 1530-40 एवं 1555-56 ई०)
अकबर (जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर 1556-1605 ई०)
जहाँगीर (नसीरुद्दीन मोहम्मद जहाँगीर बादशाह गाजी 1605-1627)
शाहजहाँ (अतूल मुजफ्फर शहाबुद्दीन साहेन-ए-किरण शाहजहाँ बादशाह गाजी 1627-1658 ई०)
औरंगजेब (आलमगीर बादशाह गाजी 1658-1707 ई०)
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (Fill in the blanks) : (1 Mark)
1. किसी विचारधारा को निर्मित करने के लिए _______ को पढ़ना जरूरी है।
उत्तर : इतिहास
2. _______ शब्द का अर्थ भारत से बाहर और दूसरे देशों के रहने वाले लोगों एवं वस्तुओं से है।
उत्तर : विदेशी
3. _______ का तात्पर्य एक ही राज्य के विभिन्न अंचल खण्डों से है।
उत्तर : देश
4. _______ एक इतिहासकार थे।
उत्तर : हेरोडोटस
5. _______ ग्रन्थ में हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग समस्त भारत के लिए हुआ है।
उत्तर : हूदूद-अल -आलम
6. ग्रीक इतिहासकार हेरोडोटस ने _______ शब्द का प्रयोग पहली बार किया था।
उत्तर : इण्डिया
7. _______ को इतिहास का पिता कहा जाता है।
उत्तर : हेरोडोटस।
8. _______ नामक ग्रंथ में ‘हिन्दुस्तान’ शब्द का प्रयोग पूरे भारतवर्ष के लिए हुआ है।
उत्तर : हूदूद-अल-आलम।
9. इतिहास को _______ भागों में बांटा गया है।
उत्तर : तीन।
10. _______ ईरानी शासनकाल की धरोहर है।
उत्तर : शिलालेख।
11. बाबर का शासनकाल _______ ई० से _______ ई० तक था।
उत्तर : 1526 से 1530
12. शाहजहाँ का शासनकाल _______ ई० _______ से ई० तक था।
उत्तर : 1627 से 1658
13. लेख यदि तांबे के पत्र पर लिखा हो तो उसे _______ कहते हैं।
उत्तर : ताप्रपत्र।
बेमेल शब्द छाँटकर लिखो :-
1. हिंद, हिन्दू, हिन्दुस्तान, इंडिया।
उत्तर : हिन्दु
2. लेख, ताप्रपत्र, शिलालेख, शाहजहाँ
उत्तर : शाहजहाँ
3. बाबर, हुमायूँ, अकबर, हेरोडोटस।
उत्तर : हेरोडोटस।
4. प्राचीनकाल, मध्यकाल, कलियुग, आधुनिककाल
उत्तर : कलियुग
5. पारसी, ईरानी, यूनानी, पाकिस्तानी
उत्तर : पाकिस्तानी
सही मिलान करो Match the following : (1 Mark)
प्रश्न 1.
क | ख |
i) घटनाएँ | a) विदेश |
ii) आलू खाने की प्रथा | b) इतिहास की पुस्तक |
iii) खेती की शुरुआत | c) तामपपत्र |
iv) तांबे के पत्र पर लिखा हुआ | d) पुर्तगालियों ने |
v) भारत से बाहर एवं दूसरे देश | e) जंगल की कटाई |
उत्तर :
क | ख |
i) घटनाएँ | b) इतिहास की पुस्तक |
ii) आलू खाने की प्रथा | d) पुर्तगालियों ने |
iii) खेती की शुरुआत | e) जंगल की कटाई |
iv) तांबे के पत्र पर लिखा हुआ | c) तामपपत्र |
v) भारत से बाहर एवं दूसरे देश | a) विदेश |
प्रश्न 2.
क | ख |
i) राज्य के विभिन्न अंचलखंड | a) हुदूद-अल-आलम |
ii) इतिहास का पिता | b) देश |
iii) प्राचीनकाल, मध्यकाल, आधुनिककाल | c) ग्रीक इतिहासकार |
iv) हेरोडोटस | d) हेरोडोटस |
v) “हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग | e) इतिहास के तीन भाग |
उत्तर :
क | ख |
i) राज्य के विभिन्न अंचलखंड | b) देश |
ii) इतिहास का पिता | d) हेरोडोटस |
iii) प्राचीनकाल, मध्यकाल, आधुनिककाल | e) इतिहास के तीन भाग |
iv) हेरोडोटस | c) ग्रीक इतिहासकार |
v) “हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग | a) हुदूद-अल-आलम |
पाठ सारांश :
बात कितनी भी पुरानी क्यों न हो, कहानी की तरह उसे कहा जाये तो सभी को अच्छा लगेगा। लेकिन कठिन होने पर भी कुछ महत्वपूर्ण नाम और साल को याद रखना जरूरी होता है। इतिहास को जानने के लिए पुराने मन्दिर, मकान व मस्जिद, चित्र पुस्तक आदि की सहायता से प्राचीन समय के लोगों के बारे में और उनके समाज के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। हमारे देश में पारसी के आगमन से पहले देश का नाम ईदुस था। ईरानियों के आने से ईदुस बदलकर हिंदुस हो गया और यूनानियों के आने से यह बदलकर इण्डिया हो गया और अरब के आने से यह नाम बदलकर हिन्दुस्तान हो गया।
इतिहास बहुत विस्तृत विषय है जो छोटे-छोटे खण्डों और तिथियों में बाँटा जाता है। जिससे इसको पढ़ने में सुविधा हो, जैसे प्राचीन युग, मध्य युग और आधुनिक युग। इतिहास में कृषि और धार्मिक तथ्यों की जानकारी मिलती है। इतिहास में यह कहा गया है कि ईश्वर को कर्मकाण्ड और आडम्बर से नहीं बल्कि भक्ति से ही प्राप्त किया जा सकता है इसी भावना के अनुरूप ही भारत के विभिन्न क्षेत्रों से और अनेक क्षेत्रीय भाषा और साहित्य का भरपूर विकस हुआ है।
इतिहासकार इस टुकड़े-टुकड़े और बिखरे हुए स्रोतों को खोजते हैं और इन स्रोतों के प्रयोग से एवं प्राचीन और पुरानी वस्तुओं से अनेक प्रकार की जानकारी प्राप्त करते हैं।