Students should regularly practice West Bengal Board Class 7 Hindi Book Solutions Chapter 7 वारिस to reinforce their learning.
WBBSE Class 7 Hindi Solutions Chapter 7 Question Answer – वारिस
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनिए ।
प्रश्न 1.
मास्टरजी बच्चों को कितने बजे पढ़ाने पहुँचते थे?
(क) चार बजे
(ख) पाँच बजे
(ग) तीन बजे
(घ) एक बजे
उत्तर :
(ग) तीन बजे
प्रश्न 2.
मैं घड़ी की ओर किस प्रकार देखता?
(क) ऊबकर
(ख) खीझकर
(ग) चौंककर
(घ) उदास होकर
उत्तर :
(क) ऊबकर
प्रश्न 3.
मास्टर जी चार सप्ताह किस बीमारी में पड़े रहे?
(क) टायफाइड
(ख) मलेरिया
(ग) पीलिया
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) टायफाइड
प्रश्न 4.
मोहन राकेश का वास्तविक नाम क्या है ?
(क) मोहन राकेश
(ख) मदन मोहन
(ग) मदन मोहन गुगलानी
(घ) मदनमोहन मीरचंदानी
उत्तर :
(ग) मदन मोहन गुगलानी।
प्रश्न 5.
मोहन राकेश का जन्म कब हुआ था ?
(क) सन् 1920 में
(ख) सन् 1925 में
(ग) सन् 1927 में
(घ) सन् 1926 में
उत्तर :
(ख) सन् 1925 में।
प्रश्न 6.
‘लहरों के राजंहस’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) जैनेन्द्र
(ख) मोहन राकेश
(ग) निराला
(घ) अज्ञेय
उत्तर :
(ख) मोहन राकेश।
प्रश्न 7.
‘वारिस’ कहानी-संग्रह किसका है ?
(क) दुष्यंत कुमार
(ख) निराला
(ग) मोहन राकेश
(घ) भगवती चरण वर्मा
उत्तर :
(ग) मोहन राकेश।
प्रश्न 8.
वारिस किस विधा की रचना है ?
(क) कहानी
(ख) नाटक
(ग) उपन्यास
(घ) निबंध
उत्तर :
(क) कहानी
प्रश्न 9.
मास्टरजी बच्चों को कहाँ पढ़ाते थे ?
(क) शयन कक्ष में
(ख) विद्यालय में
(ग) बरामदे में
(घ) वैठकखाने में
उत्तर :
(घ) बैठकखाने में
प्रश्न 10.
मास्टरजी को कौन-सी बीमारी हुई थी ?
(क) टायफायड
(ख) मलेरिया
(ग) कालाज्वर
(घ) जुखाम
उत्तर :
(क) टायफायड
प्रश्न 11.
मैं (लेखक) घड़ी की ओर किस प्रकार देखता ?
(क) ऊबकर
(ख) खीझकर
(ग) चौंककर
(घ) उदास होकर
उत्तर :
(क) ऊबकर
प्रश्न 12.
मास्टरजी ने लेखक (लड़के) को अंत में क्या दिया ?
(क) कलम
(ख) कॉपी
(ग) किताब
(घ) घड़ी
उत्तर :
(क) कलम
प्रश्न 13.
मास्टरजी ने काँपते हाथों में क्या देखा ?
(क) परचा
(ख) अखबार
(ग) किताब
(घ) पेन्सिल
उत्तर :
(क) परचा
प्रश्न 14.
मास्टरजी ने कौन-से रंग की पेन बच्चे को दी ?
(क) लाल
(ख) भूरा
(ग) काला
(घ) नीला
उत्तर :
(ख) भूरा
प्रश्न 15.
कुछ दिन बाद लड़के से क्या टूट गया ?
(क) निब
(ख) कुर्सी
(ग) पेन्सिल
(घ) पंखा
उत्तर :
(क) निब
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रश्न 1.
मास्टर जी के आने पर सीढ़ियों पर क्या होती थी?
उत्तर :
मास्टर जी के आने पर सीढ़ियों पर खट-खट की अवाज होती थी।
प्रश्न 2.
मास्टरजी बच्चों को कहाँ पढ़ाते थे।
उत्तर :
मास्टरजी बच्चों को बैठकखाने में पढ़ाते थे।
प्रश्न 3.
बच्चों को किस कक्षा की परीक्षा देनी थी?
उत्तर :
बच्चों को मैट्रिक की परीक्षा देनी थी।
प्रश्न 4.
मास्टर जी कहाँ रहते थे?
उत्तर :
मास्टरजी बच्चों के घर से थोड़ी दूर एक गन्दी-सी गली में चार रुपये महीने की किराये पर एक कोठरी में रहते थे।
प्रश्न 5.
मास्टरजी की देखभाल के लिए किसकी ड्यूटी लगाई गई थी?
उत्तर :
मास्टरजी की देखभाल के लिए लड़की के भाई की ड्यूटी लगाई गई थी।
प्रश्न 6.
लेखक पतंग उड़ाते समय कौन-सा नारा लगाता था ?
उत्तर :
लेखक पतंग उड़ाते समय ‘आबो काटा काटा ई बो’ का नारा लगाता था।
प्रश्न 7.
मास्टरजी उत्साह के साथ क्या पढ़ाते थे ?
उत्तर :
मास्टरजी उत्साह के साथ कविता पढ़ाते थे।
प्रश्न 8.
मास्टरजी ने बच्चों को अंग्रेजी के अलावा क्या पढ़ाने का निश्चय किया था ?
उत्तर :
मास्टरजी ने बच्चों को अंग्रेजी के अलावा बंगला भाषा पढ़ाने का निश्चय किया था।
प्रश्न 9.
कुछ दिन बाद लड़के (लेखक) से पेन का क्या हुआ ?
उत्तर :
कुछ दिन बाद लेखक से निब टूट गई और फिर वह पेन जाने कहाँ खो गई।
प्रश्न 10.
बच्चे मास्टरजी के साथ कहाँ तक आये ?
उत्तर :
बच्चे उनके साथ-साथ ड्योढ़ी तक आये।
बोधमूलक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
मास्टरजी ने बच्चों को बंगला पढ़ाना क्यों छोड़ दिया?
उत्तर :
बच्चों की प्रगति से मास्टर जी बहुत निराश हुए। इसलिए उन्होंने बंगला पढ़ाना छोड़ दिया।
प्रश्न 2.
मास्टरजी का गला क्यों भर्रा गया?
उत्तर :
बच्चों के पिता ने उन्हें यह सूचित कर देने के लिए कहा कि जिस दिन अंग्रेजी ‘बी’ की परीक्षा हो जाएगी, उसके बाद मास्टरजी पढ़ाने नहीं आएँगे। बच्चों द्वारा यह खबर सुनकर मास्टजी का गला भर्रा गया।
प्रश्न 3.
मास्टरजी ने कलम देते हुए क्या कहा?
उत्तर :
मास्टरजी ने कलम देते हुए बच्चे से कहा कि मुझे तो अब इसकी जरूरत नहीं है। तुम इसे अपने पास रखना या फेंक देना।
प्रश्न 4.
मास्टरजी की आँखें क्यों भर आई?
उत्तर :
मास्टरजी बच्चों से अत्यधिक स्नेह करते थे। इसलिए जब वे बच्चे को अपनी पुरानी सी कलम देकर वहाँ से विदा होने लगे तो स्नेह के कारण उनका हददय करुणा से भर उठा। फलस्वरूप दिल की पीड़ा अंसुओं के रूप में उमड़ पड़ी।
प्रश्न 5.
मास्टरजी की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
मास्टरजी में र्नेह और त्याग की भावना भरी हुई थी। वे बड़े ही स्वाभिमानी व्यक्ति थे। अभाव में भी किसी के सामने हाथ नहीं पसार सकते थे। पास में पैसे न होने पर भी खैरात में किसी से कुछ लेना नहीं चाहते, परिश्रम करके ही अपना अभाव मिटाते थे। अपनी तंगी के कारण ही वे दोनों बच्चों को पढ़ाने लगे। वे बड़ी मेहनत से पढ़ाते थे।
विषय का भी उन्हें बोध था। वे धन संग्रह करना नहीं चाहते थे। इसलिए और कोई ट्यूशन उन्होंने स्वीकार नहीं किया। उनका खान-पान, रहन-सहन अत्यंत साधारण था। उनमें संग्रह तथा प्रदर्शन की भावना नहीं थी। संसार से निसृह थे पर बच्चों के प्रति उनमें स्नेह और ममत्व का भाव था।
यथानिर्देश उत्तर दीजिए
(क) ‘मैं आँखों ही आँखों से उसकी खुमद कर लेता’
प्रश्न 1.
प्रस्तुत पंक्ति के लेखक कौन हैं? यह पंक्ति किस पाठ से उद्धुत है।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति के लेखक श्री मोहन राकेश हैं। यह पंक्ति वारिस पाठ से उद्धृत है।
प्रश्न 2.
खुशामद का क्या अर्थ है?
उत्तर :
खुशामद का अर्थ किसी की चापलूसी करना या चाहुकारिता है।
प्रश्न 3.
कौन किसकी खुशामद करता है और क्यों?
उत्तर :
भाई बहन की खुशामद करता था। मास्टरजी पाँच बजे तक पढ़ाते रहते तो भाई ऊबकर जम्हाइयाँ लेता और घड़ी की तरफ देखता पर बहन आँख के इशारो से उसे यह सब करने से मना करती। वह इशारे से धमकी भी देती कि मास्टरजी से उसकी शिकायत कर देगी। इसी कारण भाई आँखों ही आँखों से उसकी खुशामद करता है।
(ख) ‘उनकी आँखें भर आई थी।’
प्रश्न 1.
‘उनकी’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
उत्तर :
‘उनकी’ शब्द का प्रयोग मास्टरजी के लिए किया गया है।
प्रश्न 2.
संकेतित व्यक्ति की आँखें क्यों भर आई थीं?
उत्तर :
मास्टरजी के मन में बच्चों के प्रति स्नेह तथा ममत्व की भावना थी। इसलिए जब वे उनसे विदा होने लगे तो उनका दिल दर्द से भर उठा, इसलिए उनकी आँखें भर आई थी।
भाषा-बोध
1. उपसर्ग एवं मूल शब्द अलग कीजिए :
- अनिश्चित – अ + निश्चित
- दुर्गन्ध – दु:(दुर) + गंब
2. प्रत्यय पृथक् कीजिए :
- सीढ़ियों – सीढ़ी + यों (ओ)
- किताबें – किताब + एँ
- खुशी – खुश + ई
- उत्सुकता – उत्सुक + ता
3. विलोम शब्द लिखिए :
- निश्चित – अनिश्चित
- निराशा – आशा
4. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
- आँखों ही आँखों से खुशामद करना – बिना बोले संकेत से वापलूसी करना।
भाई आँखों ही आँखों से खुशामद करने लगा। - डरी हुई नजर से देखना – भयभीत होकर देखना।
बालिका डरी हुई नजर से कुत्ते को देखने लगी। - दिल उछलना – प्रसन्न होना।
पुरस्कार पाकर उसका दिल उछलने लगा। - आँख लगना – ध्यान से विचारना।
मालिक सब ओर आँख लगाए रहते हैं। - सिर पर हाथ फेरना – प्यार से पुचकारना
मास्टरजी बच्चे के सिर पर हाथ फेरने लगे - दिमाग फटना – असुविधा महसूस करना
दुर्गन्ध के कारण वहाँ दिमाग फटने लगता है - दमसाधना – आराम करना
दिन भर परिश्रम के बाद शाम को मजदूर दम साधने लगते हैं।
5. अंग्रेजी शब्दों का अर्थ लिखिए :
- वण्डरफुल – अद्भुत
- मास्टर – शिक्षक
- मैट्रिक- दसवीं की परीक्षा
- टायफाइड – मियादी बुखार
- डेट शीट – दिनांक सूची
- पेपर – कागज
- पेन – कलम
WBBSE Class 7 Hindi वारिस Summary
मोहन राकेश का जन्म सन् 1925 ई० में पंजाब के अमृतसर में हुआ था।1972 ई० में दिल्ली में इनका निधन हो गया। मोहन राकेश बहुमुखी प्रतिभा के साहित्यकार थे। हिन्दी के प्रमुख कथाकारों तथा नाटककारों में इनकीगणना होती है। इनकी प्रमुख रचनाएँ – अँघेरे बंद कमरे, आनेवाला कल, वारिस, क्वाईए, पहचान, अषाढ़ का एक दिन, लहरों का राजहंस, आधे अधूरे आदि हैं। वैयक्तिक तथा सामजिक समस्याओं पर इन्होंने ध्यान केन्द्रित किया है।
पाठ का सारांश –
प्रस्तुत कहानी ‘वारिस’ में लेखक ने एक अध्यापक के सेह, त्याग तथा बच्चों के मनोविज्ञान का मार्मिक चित्रण किया है। मास्टर जी एक भाई और बहन को पढ़ाने आते थे। भाई को मैट्रिक की परीक्षा देनी थी। मास्टर जी उसे अंग्रेजी पढ़ाने आते थे। बहन उससे एक साल बड़ी थी। वह उसी साल से अंग्रेजी का अक्षर ज्ञान सीखी थी। मास्टरजी ठीक तीन बजे निश्चित समय पर ही आते थे। पर जाने का समय अनिश्चित था।
कभी डेढ़ कभी दो घंटा पढ़ाते थे। पाँच बज जाने पर भाई ऊबकर जम्हाइयाँ लेने लगता था। मास्टरजी के जाते ही लड़का पतंग और डोर लेकर कोठे पर पहुँच जाता था। मास्टरजी के बारे में लड़के को कुछ पता नहीं था। एक दिन वे अचानक ही पिताजी के पास आए और बोले कि बहुत तंगी में हैं। पर वे खैरात किसी से कुछ लेना नहीं चाहते। पिताजी ने उसी समय अपने लड़के और लड़की को पढ़ाने के लिए रख लिया। वे दूसरी जगह कोई द्यूशन नहीं करना चाहते थे। वे लड़के के घर से थोड़ी दूर तक गन्दी सी गली में चार रुपये महीने की एक कोठरी में रहते थे।
एक दिन मास्टरजी आए तो वे पसीने से भीगा हुआ उनका शरीर तेज ज्वर से काँप रहा था। तबीयत ठीक न होने के कारण बहन न पढ़ने की बात कही। पूरे चार सप्ताह मास्टरजी टाइफाइड में पड़े रहे। लड़का उनकी सेवा शुश्रूषा में लगा रहा। वैद्य जी के पास जाकर दवाई भी उसे लाना पड़ता था। उसका काफी समय उनकी कोठरी में बीतता। कोठरी के बाहर गली में कूड़े और गंदगी का अंबार लगा रहता है।
मास्टरजी के पास ज्यादा सामान नहीं था। थोड़ी देर के लिए मास्टरजी की आँख लग गई तो लड़के ने कोठरी के सारे सामान की जाँच कर डाली। कपड़े वही थे जो वे पहना करते थे। डंडे और कमंडल के अतिरिक्त कुछ फटी हुई पुस्तकेे थी। भववद् गीता ही लड़का पढ़ सका। शेष पुस्तकें बंगला में थी। अच्छे होकर मास्टरजी पढ़ाने आने लगे। परीक्षा के जब थोड़े दिन रह गए तो उसके पिताजी ने सूचित करा दिया कि परीक्षा तक मास्टरजी को पढ़ाना है। यह सुनकर मास्टरजी का गला भर्रा गया। दो घूँट पानी पीकर फिर पढ़ाने लगे। अगले दिन मास्टरजी आए तो बोले कि जिस दिन उसका अंग्रेजी का ‘बी’ पेपर होगा, उसी दिन वे वहाँ से चले जाएंगे।
जिस दिन पेपर हो गया, मास्टरजी आए और परचा देखकर सवालों के जवाब पूछे । संतुष्ट होकर लड़के की पीठ थपथपाई। फिर चले गए। शाम को फिर एक बार बच्चों से मिलने आए। सिर पर हाथ केरकर चल दिये। दोनों भाई-बहन उनके साथ ड्योढ़ी तक आए। वहाँ रुककर उन्होंने काँपते हुए हाथों से अपना भूरा सा पेन निकाला और बच्चे के हाथ में दे दिया, क्योंकि उन्हें अब इसकी जरूरत नहीं थी। उनकी आँखें भर आई। बच्चे का कन्धा थपथपाकर चले गए। कुछ दिन बाद कलम की निब टृट गई और कलम भी जाने कहाँ खो गई।
शब्दार्थ :
- हिज्जे – उच्चारण
- खुशामद – चापलूसी
- सबक-शिक्षा
- खैरात-मुफ्त दान
- दुर्गन्ध – खराब गंध
- त्यौरियाँ – दृष्टि
- फर्क-अन्तर, भेद
- वंडरफुल – आश्चर्यजनक
- टायफाइड – मियादी बुखार
- स्पर्धा – आगे बढ़ने की इच्छा
- हैरानी – परेशानी
- निराश – हतोत्साह