Students should regularly practice West Bengal Board Class 7 Hindi Book Solutions Chapter 2 सरदार वल्लभभाई पटेल to reinforce their learning.
WBBSE Class 7 Hindi Solutions Chapter 2 Question Answer – सरदार वल्लभभाई पटेल
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प का चयन कीजिए।
प्रश्न 1.
सरदार वल्लभ भाई पटेल पाठ के लेखक हैं :
(क) डॉ० जाकिर हुसैन
(ख) डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद
(ग) डॉ॰ राधा कृष्णन
(घ) डॉ॰ अवुल कलाम
उत्तर :
(ग) डॉ॰ राधा कृष्णन
प्रश्न 2.
आज चारों ओर किसकी काफी चर्चा रहती है?
(क) दुराचार की
(ख) भ्रष्टाचार की
(ग) अत्याचार की
(घ) व्यभिचार की
उत्तर :
(ख) भषष्टाचार की
प्रश्न 3.
स्वतंत्रा के दिनों में महात्मा गांधी के विश्वसनीय लेफ्टिनेंट थे :
(क) पं० जवाहरलाल नेहरू
(ख) सरदार वल्लभ भाई पटेल
(ग) मदन मोहन मालवीय
(घ) राजेन्र्र पसाद
उत्तर :
(ख) सरदार वल्लभ भाई पटेल
प्रश्न 4.
हमें अपने मतभेदों को क्या करके देश में पूर्ण संगठन और एकता लानी होगी?
(क) जगाकर
(ख) भुलाकर
(ग) फैलाकर
(घ) सुलाकर
उत्तर :
(ख) भुलाकर
प्रश्न 5.
‘सरदार वल्लभ भाई पटेल’ पाठ के लेखक हैं –
(क) डों० जाकिर हुसैन
(ख) डॉ० राजेन्द्र प्रसाद
(ग) डॉ० राधाकृष्णन
(घ) डॉ० अकुल कलाम आजाद
उत्तर :
(ग) डॉं० राधाकृष्णन
प्रश्न 6.
डॉ० राधाकृष्णन् का जन्म कब हुआ ?
(क) 5 सितंबर 1888 ई०
(ख) 5 अक्टूबर 1888 ई०
(ग) 5 नवंबर 1888 ई०
(घ) 5 दिसंबर 1888 ई०
उत्तर :
(क) 5 सितंबर 1888 ई०
प्रश्न 7.
डॉ० राधाकृष्णान् का जन्म दिवस किस रूप में मनाया जाता है ?
(क) बाल दिवस
(ख) विद्यार्थी दिवस
(ग) शिक्षक दिवस
(घ) युवा दिवस
उत्तर :
(ग) शिक्षक दिवस
प्रश्न 8.
डॉ० राधाकृष्णन् के अनुसार पटेल के जीवन को निम्नलिखित किस रूप में नहीं देखा जा सकता ?
(क) क्रांतिकारी
(ख) राजनेता
(ग) प्रशासन
(घ) व्यवसायी
उत्तर :
(घ) व्यवसायी
प्रश्न 9.
लेखक ने पटेल को स्वाधीनता-पूर्व किस रूप में परिभाषित किया है ?
(क) राजनेता
(ख) प्रशासन
(ग) अनुशासित सिपाही
(घ) शिक्षाविद्
उत्तर :
(ग) अनुशासित सिपाही
प्रश्न 10.
सरदार पटेल किस परिवार से संबंध रखते थे ?
(क) मजदूर
(ख) व्यवसायी
(ग) कृषक
(घ) राज परिवार
उत्तर :
(ग) कृषक
प्रश्न 11.
लेखक ने पटेल जी के जीवन को कितने भागों में बाँटा है ?
(क) दो.
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच
उत्तर :
(ख) तीन
प्रश्न 12.
पटेल जी किस परिवार से थे ?
(क) राज परिवार
(ख) कृषक परिवार
(ग) गरीब परिवार
(घ) धनी परिवार
उत्तर :
(ख) कृषक परिवार
प्रश्न 13.
पूर्व में किन देशों ने सबसे अधिक प्रगति की है ?
(क) चौन-जापान
(ख) ब्रिटेन-फ्रांस
(ग) उत्तर कोरिया एवं दक्षिण कोरिया
(घ) अमेरिका-नीदरलैण्ड
उत्तर :
(क) चीन-जापान
प्रश्न 14.
राजेन्द्र बाबू कौन-सी नगरपालिका के अध्यक्ष थे ?
(क) इलाहाबाद
(ख) पटना
(ग) अहमदाबाद
(घ) बनारस
उत्तर :
(ख) पटना
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1.
सरदार वल्लभ भाई पटेल कौन थे?
उत्तर :
सरदार वल्लभ भाई पटेल स्वतंत्रता के निर्माताओं में से एक थे। भारत स्वतंत्र होने पर वे भारत के गृहमंत्री बने।
प्रश्न 2.
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने कैसे परिवार में जन्म लिया था?
उत्तर :
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने कृषक परिवार में जन्म लिया था।
प्रश्न 3.
पटेल किसके आदेशों का पालन करते थे?
उत्तर :
पटेल अपने नेता महात्मा गांधी के आदेशों का पालन करते थे।
प्रश्न 4.
सबसे पहले और सबसे ऊपर हमें अपने आपको क्या मानना चाहिए।
उत्तर :
सबसे पहले और सबसे ऊपर हमें अपने आपको भारतीय मानना चाहिए।
प्रश्न 5.
पटेल के जीवन को हम कितने भागों में देख सकते हैं?
उत्तर :
पटेल के जीवन को हम तीन भागों में देख सकते हैं- एक क्रांतिकारी, एक राजनेता और एक प्रशासक।
प्रश्न 6.
पटेल के कार्यों का सबसे महत्वपूर्ण भाग किस रूप में था?
उत्तर :
पटैल के कार्यों का सबसे महत्वपूर्ण भाग राजनेता के रूप में था।
प्रश्न 7.
नेहरू जी ने पटेल जी के बारे में क्या कहा था?
उत्तर :
नेहरूजी ने पटेल जी के बारे में कहा था – पटेल भारतीय एकता के संस्थापक थे। समझाने की अपनी शक्ति, राजनयिक दक्षता और राजनैतिक चातुर्य से वह देश में प्रशासनिक एकता लाने में सफल हुए, जो सबल भारत के निर्माण के लिए आवश्यक आधार है।
प्रश्न 8.
डॉ० राधाकृष्णन् का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर :
डॉ० राधाकृष्णन् का जन्म 5 सितंबर 1888 ई० को तमिलनाडू के तिरुत्तणी नामक स्थान पर हुआ था।
प्रश्न 9.
पंडित नेहरू ने सरदार पटेल के विषय में क्या कहा था ?
उत्तर :
पंडित नेहरू ने सरदार पटेल को भारतीय एकता का संस्थापक कहा था।
प्रश्न 10.
आज भी हमारे सार्वजनिक जीवन पर क्या छाए हुए है ?
उत्तर :
साम्प्रदायिक भेदभाव और जातिगत तीव्र घृणा अब भी हमारे सार्वजनिक जीवन पर छाए हुए हैं।
प्रश्न 11.
आज देश को किस बात की सबसे अधिक आवश्यकता है ?
उत्तर :
आज देश के पूर्ण एकीकरण करने की सबसे अधिक आवश्यकता है।
प्रश्न 12.
लंदन टाइम्स ने पटेल जी के बारे में क्या कहा ?
उत्तर :
“यह सरदार पटेल की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है जिसकी तुलना अधिक नहीं तो कम से कम बिस्मार्क से की जा सकती है।”
प्रश्न 13.
हमारा देश निरंतर कैसे प्रगति करेगा ?
उत्तर :
यदि हम सरदार वल्लभ भाई पटेल के गुणों को याद रखें तो देश निरंतर प्रगति करेगा।
बोधमूलक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
राज्यों के एकीकरण के लिए पटेल ने क्या किया?
उत्तर :
राज्यों के एकीकरण के लिए पटेल स्वतंत्रता की प्राप्ति के तत्काल बाद दो वर्षो में अपनी सूझबूझ और लोगों को समझाने की शक्ति से 500 छोटे-छोटे राज्यों को भारत के संघ में मिला दिया। यह प्राशसनिक एकता भारत के निर्माण के लिए आवश्यक आधार है।
प्रश्न 2.
एक प्रशासक के रूप में पटेल के कार्यों का परिचय दीजिए।
उत्तर :
प्रशासक रूप में जब गुजरात में बाढ़ आई, पटेलजी ने बारदौली आन्दोलन संगठित किया। उन्होंने उन सभी क्षेत्रों में जहाँ-जहाँ कार्य किया अपनी संगठन क्षमता दिखलाई। वे अहमदाबाद नगरपालिका के अध्यक्ष थे और उन्होंने उसे आधुनिक बनाया।
प्रश्न 3.
सरदार पटेल के चरित्र की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
सरदार पटेल ने सदा अनुशासन में कार्यं किया। राष्ट्र के हितों को अपने हितों से ऊपर रखा। वे बहुत कम बोलते थे। उनमें स्पष्टवादिता, दृढ़ता और दूरदर्शिता थी। किसानों के हित में उनकी गहरी रचि थी। वे साहसी, देशभक्त तथा कुशल प्रशासक थे। उनमें समझाने की अपनी शक्ति, राजनयिक दक्षता तथा राजनैतिक चातुर्य था। उनमें कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन, आज्ञापालन, साहस तथा अपने प्राण उत्सर्ग करने की तत्परता थी। उनमें जनसेवा और त्याग की भावना थी।
प्रश्न 4.
एक राजनेता के रूप में पटेल के महत्त्व का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
पटेल के कार्य का सबसे महत्वपूर्ण भाग राजनेता के रूप में था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उन्होने अपनी सूझबूझ और लोगों को समझाने की शक्ति से 500 छोटे-छोटे राज्यों को भारतीय संघ में मिला दिया। वे भरतीय एकता के संस्थापक थे। वे देश में प्रशासनिक एकता लाने में सफल हुए। यह कार्य भारत के निर्माण के लिए आवश्यक था। अपनी राजनैतिक दक्षता से वे पशासनिक एकता लाने में सफल हुए। यह एकीकरण आज भी हमारा उद्देश्य है। पटेल की यह उपलब्चि ऐतिहासिक उपलब्धि है।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार उत्तर दीजिए –
(क) यह वह कार्य है जो आज भी किया जाना शेष है।
प्रश्न 1.
प्रस्तुत पंक्ति के लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर :
प्स्तुत पंक्ति के लेखक का नाम डा॰ राधाकृष्णन है।
प्रश्न 2.
कौन-सा कार्य किया जाना शेष है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
सरदार पटेल ने महात्मा गाँधी के नेतृत्व में जो आन्दोलन चलाया वे संबंधित स्थानीय लोगों को एकत्र करने के उद्देश्य से चलाए जाते थे ताकि वे संगठित हो सके और उनका उद्देश्य एक हो सके, जिससे वे जाति और संपदाय के मतभेदों को भुलाकर एक होकर कार्य करें। यही कार्य है जो आज भी किया जाना शेष है।
(ख) ‘यह एक ऐसा एकीकरण है जो आज भी हमारा उद्देश्य है।’
प्रश्न 1.
यह पंक्ति किस पाठ से उद्दृत है?
उत्तर :
यह पंक्ति सरदार वल्लभ भाई पटेल पाठ से उद्धूत है।
प्रश्न 2.
एकीकरण का क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
एकीकरण का तात्वर्य है भारत के सभी राज्यों को एक में मिलाकर भारतीय संघ में सम्मिलित करना। पटेल ने 500 राज्यों का एकीकरण कर उन्हें भारतीय संघ में सम्मिलित किया।
प्रश्न 3.
हमारा उद्देश्य क्या है ? उद्देश्य कैसे पूर्ण होगा?
उत्तर :
हमारा उद्देश्य है कि राज्यों का जो एकीकरण सरदार पटेल ने आरंभ क्रिया था वह तब तक जारी रहना चाहिए जब तक हम सब अनुभव न करें कि हम एक राष्ट्र हैं। सार्वजनिक जीवन में जाति या धर्म को नहीं आने देना चाहिए। देश की हित के लिए समझना चाहिए कि हम सब भारतीय हैं।
(ग) ‘वह हमारी हार्दिक आशा है कि देश को इस प्रकार की दिशा मिले।’
प्रश्न 1.
यह किसका कथन है?
उत्तर :
यह कथन डॉ॰ राधाकृष्णन का है।
प्रश्न 2.
वक्ता देश को कैसी दिशा मिलने की आशा प्रकट करता है?
उत्तर :
भारत के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना और अपने देश के युवक-युवतियों को सही दृष्टिकोण प्रदान करना साथ ही अपने पड़ोसियों से गहरा संबंध बनाना वक्ता का उद्देश्य है और इसी प्रकार की दिशा मिलने की आशा वह प्रकट करता है।
भाषा-बोध
1. निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग एवं मूल शब्द पृथक् कीजिए :
- अनुशासित — अनु + शासित
- सबल — स + बल
- अपव्यय — अप + व्यय
- सुनिश्चित — सु + निश्चित
2. निम्नलिखित शब्दों से प्रत्यय पृथक कीजिए :
- क्रांतिकारी — क्रांति + कारी
- साम्पदायिक — सम्पद्राय + इक
- आध्यात्मिक — आध्यात्म + इक
- मानसिक — मन (मानस) + इक
- इच्छाओं — इच्छा + ओं
3. विलोम शब्द लिखिए :
- भिन्न – अभिन्न
- अनुकूल – प्रतिकूल
- एकता- अनेकता
- धर्म – अधर्म
- उत्थान – पतन
- नैतिक-अनैतिक
WBBSE Class 7 Hindi सरदार वल्लभभाई पटेल Summary
जीवन-परिचाय
डॉ० राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 ई० को तिरुत्तणी (तमिलनाडु) नामक स्थान में हुआ था। आप 21 वर्ष की आयु में चेन्नई के प्रेसीडेन्सी कालेज में अध्यापक नियुक्त हुए थे। आपने कलकत्ता विश्वविद्यालय में भी दर्शन साहित्य का अध्यापन किया था। आप उच्चकोटि के चिन्तक, विचारक एवं लेखक थे। ‘द हिन्दू व्यू ऑफ’, ‘कल्की,’ गौतम दी बुद्ध’, ‘पूर्वी एवं पश्चिमी विचार’ आदि आपकी प्रसिद्ध पुस्तके हैं। आप महान शिक्षाविद एवं राष्ट्र नेता थे। आपको देशरत्न की उपाधि से विभूषित किया गया। आपका निधन चेन्नई में 17 अप्रैल 1975 ई० में हुआ।
पाठ का सारांश :
सरदार पटेल स्वतंत्रता के निर्माताओं में से एक थे। प्रस्तुत लेख में डॉ० राधा कृष्णन ने उनके व्यक्तित्त्व एवं कृतित्त्व का सटीक चित्रांकन किया है। पटेल के जीवन को हम तीन भागों में देख सकते हैं। एक क्रांतिकारी, एक राजनेता और एक प्रशासक। स्वतंत्रता से पूर्व वे एक अनुशासित सिपाही थे जो अपने नेता महात्मा गाँधी के आदेश का पालन करते थे। जो भी कार्य उन्होंने किया महात्मा गाँधी की इच्छाओं के अनुकूल किया। बोरसद, बारदोली और स्वतंग्रता की अनेक लड़ाइयों में उन्होंने अपने को सबसे आगे रखा। वे बहुत कम बोलते थे, उनमें स्पष्टवादिता, दृढ़ता और दूरदर्शिता थी, वे कृषक परिवार के थे और उन्होंने किसानों के हितों में गहरी रुचि ली।
उनके कार्य का सबसे महत्वपूर्ण भाग राजनेता के रूप में था। स्वतंत्रता की प्राप्ति के तत्काल बाद दो वर्षों में उन्होंने अपनी सूझबूझ और लोगों को समझाने की शक्ति से 500 छोटे-छोटे राज्यों को भारतीय संघ में मिला दिया।
जैसा कि प्रधानमंत्री नेहरू ने कहा था- पटेल भारतीय एकता के संस्थापक थे। समझाने की अपनी शक्ति, राजनयिक दक्षता और राजनैतिक चातुर्य से वह देश में प्रशासनिक एकता लाने में सफल हुए। जो सबल भारत के निर्माण के लिए आवश्यक आधार है। देश के विभिन्न भागों को देखिए – जहाँ साम्पदायिक भेदभाव और जातिगत तीव घृणा अब भी हमारे सार्वजनिक जीवन पर छाई हुई है। सबसे पहले और सबसे ऊपर हमें अपने को भारतीय मानना चाहिए।
सरदार पटेल की उपलब्धि के बारे में लंदन के एक दैनिक की टिप्पणी याद आती है- ‘.यह सरदार पटेल की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है जिसकी तुलना अधिक नहीं तो कम से कम बिस्मार्क से की जा सकती है, जब उनकी मृत्यु हुई तो लंदन टाइम्स ने यही उनके बारे में कहा।
वे एक साहसी देशभक्त और प्रशासन में महान सूझूूझ वाले व्यक्ति थे, मुझे याद है कि उस समय हमारे तीन महान नेता तीन विभिन्न नगरपालिकाओं के एक ही समय में अध्यक्ष थे। राजेन्द्र बाबू पटना नगरपालिका के अध्यक्ष थे। हमारे प्रधानमंत्री इलाहाबाद नगरपालिका के और सरदार पटेल अहमदाबाद नगरपालिका के अध्यक्ष थे। इनका कहना था कि हमें अपने मतभेदों को भुलाकर, देश में पूर्ण संगठन और एकता लानी होगी। हमें अपने सामने मानवता के जीवन अंश के रूप में महान भारत के विचार को रखना होगा।
प्रशासक के रूप में जब गुजरात में बाढ़ आयी, उन्होंने बारदौली आंदोलन संगठित किया। उन्होंने उन सभी क्षेत्रों में जहाँ-जहाँ कार्य किया, अपनी संगठन क्षमता दिखलाई । वे अहमदाबाद नगरपालिका के अध्यक्ष थे और उन्होंने उसे आधुनिकतम बनाया। जब तक हम गरीबी के राक्षस को, जो अंतत: जातिगत और संपदायगत मतभेदों के कारण नहीं मिटाते और जब तक हम भूख, बेरोजगारी और बीमारी को नहीं कम कर पाते, तब तक अपने लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा नहीं उठा पायेंगे।
सरदार पटेल का जीवन हमें आधुनिक भारत के महान निर्माताओं के आत्मत्याग की याद दिलाता है। उनकी कर्त्तव्यनिष्ठा, अनुशासन, आज्ञापालन, उनका साहस और अपने प्राण उत्सर्ग करने और कुछ उनके गुण हैं , जिनको आदर्श मानकर हमें सीखना चाहिए स्वतंत्रता के लिए संघर्ष के दिनों में वे महात्मा गाँधी के विश्वसनीय लेफ्टिनेंट थे। गाँधीजी का प्रत्येक शब्द उनके लिए कानून था और उनके मार्ग दर्शन में उन्होंने बोरसद और बारदौली में सिविल असहयोग आन्दोलन चलाया।
महाराजा ग्वालियर ने जो उनके पुनर्गठन के निर्णय से प्रभावित हुए थे – स्वयं सरदार पटेल की दूरदर्शिता और कार्य की सराहना की थी। वे क्रोधित होते थे लेकिन उन्होंने शायद ही कभी अपना मानसिक संतुलन खोया हो। वे दंभी नंहीं थे। उनमें अतीत से अटूट लगाव था। जीवन को अतीत के परिवेश में समझना चाहिए और भविष्य की ओर जीना चाहिए। हमें अतीत से चिपके नहीं रहना चाहिए। राजनीति में और जीवन में भी हमें अतीत को लेकर दु:खी नहीं होना चाहिए।
आवश्यक यह है कि आदर्शों से हम जुड़े रहें और क्रांति के मूल सिद्धांतों को न छोड़ें।
अनुशासित आज्ञाकारिता के माध्यम से सरदार पटेल ने स्वतंत्रता का उदाहरण सामने रखा।
सरदार पटेल के रूप में हमारे पास एक साहसी क्रांतिकारी, विद्वान, राजनेता और आदर्श प्रशासक था। यदि हम सरदार वल्लभ भाई पटेल के इन गुणों को याद रखें तो देश निरतंतर प्रगति करेगा। मुझे आशा है कि उनके ये गुण हमें भविष्य में प्रेरणा देते रहेंगे।
शब्दार्थ :
- उत्थान – उन्नति
- उपलब्धि – प्राप्ति
- प्रगति – उत्थान, विकास
- आर्थिक – धन संबंधी
- तबाही – बरबादी, नाश
- धुरी – मुख्य, प्रधान
- प्रेरणा – चेष्टा, सक्रियता
- सामान्यत: – साधारण तौर पर
- दृष्टिकोण – विचार, नजरिया
- कृषक – किसान
- दक्षता – कुशलता
- अपनत्व – अपनापन
- सराहना – प्रशंसा
- निरतर – लगातार, सदा