Detailed explanations in West Bengal Board Class 10 Life Science Book Solutions Chapter 1C जन्तुओं में होने वाले प्रतिचार और भौतिक समन्वय : तंत्रिका तंत्र offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 10 Life Science Chapter 1C Question Answer – जन्तुओं में होने वाले प्रतिचार और भौतिक समन्वय : तंत्रिका तंत्र
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
मनुष्य के नेत्रगोलक के लेंस का एक कार्य लिखो।
उत्तर :
प्रकाश के किरणों को लेन्स वर्तित कर रेटिना पर फोकास करता है।
प्रश्न 2.
माइलिन शीथ का एक कार्य लिखिए :
उत्तर :
यह तंत्रिका तंतु में संवेदना की गति की दर में बृद्धि करता है।
प्रश्न 3.
तंत्रिका तंत्र की इकाई क्या है ?
उत्तर :
न्यूरॉन
प्रश्न 4.
दो लगातार न्यूरान के बीच के क्रियात्मक जोड़ को क्या कहते हैं ?
उत्तर :
सिनैप्स
प्रश्न 5.
मनुष्य में कितनी जोड़ी कपाल तंत्रिका पायी जाती हैं ?
उत्तर :
12 जोड़े
प्रश्न 6.
मनुष्य की आँख के पश्च कक्ष में भरे द्रव का नाम लिखिए।
उत्तर :
भायट्र
प्रश्न 7.
सुनने के अलाबे कान का एक अन्य कार्य लिखिए।
उत्तर :
संतुलन
प्रश्न 8.
मानव मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग कौन है ?
उत्तर :
सेरिब्नम
प्रश्न 9.
एक मिश्रित तंत्रिका का नाम बताओ।
उत्तर :
वेगस (Vagus)
प्रश्न 10.
उस जन्तु का नाम बताओ जिसमें मस्तिष्क नहीं है।
उत्तर :
अमीबा
प्रश्न 11.
मस्तिष्क का कौन सा भाग बुद्धि से संबंधित है ?
उत्तर :
सेरिब्रम
प्रश्न 12.
मस्तिष्क से कौन सी तंत्रिका निकलती है ?
उत्तर :
क्रेनियल तंत्रिका
प्रश्न 13.
कौन सा अंग मास्टर अंग कहलाता है ?
उत्तर :
मस्तिष्क
प्रश्न 14.
चमकीले प्रकाश के लिए रेटिना का कौन सा भाग जिम्मेदार है ?
उत्तर :
कोन कोशिकाएँ
प्रश्न 15.
Blind spot में कौन सी तंत्रिका प्रवेश करती है ?
उत्तर :
दृष्टि तंत्रिका
प्रश्न 16.
मानव मस्तिष्क का वजन क्या है ?
उत्तर :
1360 ग्राम
प्रश्न 17.
आँख में प्रतिबिम्ब कहाँ बनता है ?
उत्तर :
रेटिना में
प्रश्न 18.
स्केलेरोटिक स्तर का पारदर्शक भाग कौन है ?
उत्तर :
कोर्निया
प्रश्न 19.
आइरिस में उपस्थित छिद्र का नाम बताओ।
उत्तर :
तारा (Pupil)
प्रश्न 20.
एक नेत्रिय दृष्टि वाले जन्तु का नाम बताओ।
उत्तर :
टोड
प्रश्न 21.
रौड कोशिका में उपस्थित रंगा का नाम बताओ।
उत्तर :
Rhodopsin
प्रश्न 22.
कोन कोशिका में उपस्थित रंगा का नाम बताओ।
उत्तर :
Iodopsin
प्रश्न 23.
रीढ़-रज्जु में उपस्थित कैनाल का नाम बताओ।
उत्तर :
सेन्ट्रल कैनाल
प्रश्न 24.
मस्तिष्क में उपस्थित गुहा का नाम बताओ।
उत्तर :
न्यूरोसील (Neurocoel)
प्रश्न 25.
सेरीब्रल हेमेस्फेयर में उपस्थित गुहा का नाम बताओ।
उत्तर :
पारासील (Paracoel)
प्रश्न 26.
मस्तिष्क को ढकने वाली झिल्ली का नाम बताओ।
उत्तर :
मेनिंजेज (Meninges)
प्रश्न 27.
रेटिना किस अंग में उपस्थित है ?
उत्तर :
आँख
प्रश्न 28.
सातवीं क्रेनियल तंत्रिका का नाम बताओ।
उत्तर :
फेसियल तंत्रिका (Facial nerve)
प्रश्न 29.
उदरीय भाग में उपस्थित तंत्रिका का नाम बताओ।
उत्तर :
लम्वर तंत्रिका (Lumber nerve)
प्रश्न 30.
गर्दन के भाग में उपस्थित तंत्रिका का नाम बताओ।
उत्तर :
सरभिकल तंत्रिका (Cervical nerve)
प्रश्न 31.
कौन सी तंत्रिका नेत्र गोलक की गति में सहायक है ?
उत्तर :
ऐब्डुसेन्ट तंत्रिका (Abducent nerve)
प्रश्न 32.
सभी प्रतिवर्ती क्रिया का नियंत्रण एवं संचालन कौन करता है ?
उत्तर :
रीढ़ रज्जु
प्रश्न 33.
मध्य आवरण का पिछला वाला भाग क्या कहलाता है ?
उत्तर :
रंजित पटल
प्रश्न 34.
कौन सी कोशिका रंग भेद का ज्ञान कराती है ?
उत्तर :
कोन कोशिका
प्रश्न 35.
लेंस तथा रेटिना के चैम्बर के बीच भरा द्रव क्या कहलाता है ?
उत्तर :
काचर द्रव (Vitreous humour)
प्रश्न 36.
कोर्निया एवं लेंस के बीच अग्र वेश्म में भरा द्रव क्या कहलाता है ?
उत्तर :
तेजो जल (Aquous humour)
प्रश्न 37.
रेटिना के जिस स्थान पर दृष्टि तंत्रिका जुड़ी रहती है, उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर :
अंध बिन्दु (Blind spot)
प्रश्न 38.
कौन सा न्यूरॉन आवेग को प्रतिचार के रूप में अपवाही अंगों तक पहुँचाते हैं ?
उत्तर :
चालक न्यूरॉन
प्रश्न 39.
उद्दीपनों को ग्रहण करके तंत्रिका केन्द्र की ओर प्रेषित करने का काम कौन सा न्यूरॉन करता है ?
उत्तर :
संबेदी न्यूरॉन
प्रश्न 40.
मस्तिष्क का सबसे बाहरी तथा कड़ी झिल्ली क्या है ?
उत्तर :
डयुरामेटर (Duramater)
प्रश्न 41.
रीढ़ रज्जु के मध्य भाग में उपस्थित नाल का नाम बताओ।
उत्तर :
केन्द्रीय नाल (Central Canal)
प्रश्न 42.
मध्य मस्तिष्क का सबसे छोटा भाग जो चार फूली तंत्रिकाओं द्वारा गठित होता है, क्या कहलाता है?
उत्तर :
कार्पोरा क्वाड्रीजेमिना (Corpora quadragemina)
प्रश्न 43.
तंत्रिका तंत्र की इकाई क्या है ?
उत्तर :
तंत्रिका तंत्र की क्रियात्मक तथा रचनात्मक इकाई न्यूरॉन या तंत्रिका कोशिका (Nerve cell) है।
प्रश्न 44.
प्रतिक्षेप चाप क्या है ?
उत्तर :
प्रतिक्षेप क्रिया के समय संवेदना द्वारा तप किये गये मार्ग को प्रतिक्षेप चाप कहते हैं।
प्रश्न 45.
द्विसिमेप्टिक प्रतिवर्ती चाप क्या है ?
उत्तर :
वह प्रतिवर्ती चाप जिसमें दो सिनैप्स उपस्थित रहते हैं, उसे द्विसिनेप्टिक चाप कहते हैं।
प्रश्न 46.
तंत्रिका क्या है ?
उत्तर :
विशेष संयोजी ऊत्तक द्वारा घिरे तंतुओं को ही तंत्रिका कहते हैं।
प्रश्न 47.
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का मुख्य भाग क्या है ?
उत्तर :
मस्तिष्क (Brain) तथा मेरु-रज्जु (Spinal Cord)।
प्रश्न 48.
एक्सॉन क्या है ?
उत्तर :
प्रत्येक न्यूरॉन के साइटॉन से निकलने वाले अपेक्षाकृत मोटा प्रवर्ध एक्सॉन कहलाता है।
प्रश्न 49.
क्या पौधों में कोई तंत्रिका तंत्र पाया जाता है ?
उत्तर :
नहीं, पौधों में कोई तंत्रिका तंत्र नहीं पाया जाता है।
प्रश्न 50.
न्यूरोप्लाज्मा क्या है ?
उत्तर :
साइटॉन के अन्दर पाये जाने वाले साइटोप्लाज्म को न्यूरोप्लाज्मा कहते हैं।
प्रश्न 51.
कौन सा तंत्र प्राणियों के शरीर के सभी अंगों के कार्यों में समन्वय स्थापित रखता है ?
उत्तर :
प्राणियों के शरीर के सभी अंगों के कार्यो में समन्वय स्थापित रखने वाला तंत्र तंत्रिका तंत्र है।
प्रश्न 52.
न्यूरोफाइब्रिल क्या है ?
उत्तर :
साइटॉन के कोशिका द्रव्य में पाई जाने वाली तन्तुमय रचनाओं को न्यूरोफाइबिल कहते हैं।
प्रश्न 53.
माइलिन शीथ कहाँ स्थित होती है ?
उत्तर :
एक्सॉन के ऊपर पायी जाने वाली न्यूरीलेमा झिल्ली के नीचे माइलिन शीथ(Myelin Sheath) स्थित होती है।
प्रश्न 54.
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के तीन मुलायम आवरण के नाम बताओ।
उत्तर :
मेनिंजेस- पाया मेटर, ड्यूरामेटर तथा आक्रेन्वायड।
प्रश्न 55.
गैंगलिऑन क्या है ?
उत्तर :
न्यूरॉन्स के साइटॉन के समूह को गैंगलिऑन कहते हैं।
प्रश्न 56.
मस्तिष्क कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर :
मस्तिष्क सिर में हड्डियों से बने बक्से क्रेनियम में बन्द रहता है।
प्रश्न 57.
तंत्रिका तन्तु क्या है ?
उत्तर :
दो झिल्लियों से घिरे एक्सॉन को ही तंत्रिका तन्तु कहते हैं।
प्रश्न 58.
किस अंग में स्केलेरा पाया जाता है ?
उत्तर :
स्केलेरा आँख में पाया जाता है
प्रश्न 59.
Node of Ranvier क्या है ?
उत्तर :
एक्सॉन की बाहरी सतह पर स्थित मायलीन जगह-जगह पर धँसा होता है, यह धँसा हुआ स्थान Node of Ranvier कहलाता है।
प्रश्न 60.
एक्सॉन हिलौक क्या है ?
उत्तर :
साइटॉन के जिस भाग से एक्सॉन निकलता है उस स्थान को एक्सॉन हिलौक (Axon hillock) कहते हैं।
प्रश्न 61.
सिलियरी बॉडी क्या है ?
उत्तर :
यह मध्य आवरण सामने का पेशीयुक्त भाग है जो आँख के लेंस के संसेंसरी लिगामेंट से जुड़ा रहता है।
प्रश्न 62.
Schwann Cell क्या है ?
उत्तर :
मेड्लरी तथा न्यूरीलेमा आवरण के बीच केन्द्र युक्त अण्डाकार कोशिकाओं कोSchwann Cell कहा जाता है।
प्रश्न 63.
कोरॉयड क्या है ?
उत्तर :
यह आँख के मध्य आवरण का पिछला काला भाग है।
प्रश्न 64.
रेटिना क्या है ?
उत्तर :
यह आँख के नेत्रगोलक का सबसे भीतरी आवरण है।
प्रश्न 65.
एक्सोलेमा क्या है ?
उत्तर :
यह एक्सॉन को घेरने वाली सबसे भीतरी आवरण है।
प्रश्न 66.
डेन्ड्रान का क्या कार्य है ?
उत्तर :
डेन्ड्रान संवेदनाओं को ग्रहण करके Cell body तक पहुँचाने का कार्य करते हैं।
प्रश्न 67.
कार्यकारी अंग क्या है ?
उत्तर :
नर्भ संवेदों को प्राप्त कर उसके अनुसार क्रिया करने वाले अंगों को ही कार्यकारी अंग कहते हैं।
प्रश्न 68.
मस्तिष्क को मास्टर अंग क्यों कहा जाता है ?
उत्तर :
मस्तिष्क शरीर के सभी अंगों के कार्यो को नियंत्रित करता है, इसलिए इसको मास्टर अंग कहते हैं।
प्रश्न 69.
मनुष्य में क्रेनियल तंत्रिका की संख्या बताओ।
उत्तर :
12 जोड़ी।
प्रश्न 70.
मेनिनजेज क्या है ?
उत्तर :
मस्तिष्क तथा मेरु-रज्जु को घेरने वाली तीन झिल्लियों के संयुक्त रूप को मेनिनजेज कहते हैं।
प्रश्न 71.
सेरिब्रो-स्पाइनल द्रव क्या है ?
उत्तर :
CSF एक प्रकार का परिवर्तित ऊत्तक द्रव है, जो मस्तिष्क के निलय, रीढ़-रज्जु के केन्द्रीय नाल एवं सबआर्केन्वायड स्थान में पाया जाता है।
प्रश्न 72.
शारीरिक तापमान का नियंत्रण मस्तिष्क का कौन-सा भाग करता है ?
उत्तर :
शारीरिक ताप का नियंत्रण हाइपोथैलमस करता है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type) : 2 MARKS
प्रश्न 1.
निम्न घटनायें होने से प्रतिवर्ति क्रियायें मनुष्य के जीवन में होती है। दिये हुये दो प्रतिवर्ति क्रियाओं के महत्वों को लिखो।
(i) जब खाद्य कण ट्रैकिया में प्रवेश करते है
(ii) जब बाहरी कणों का प्रवेश नाक में होता है
उत्तर :
(i) खाँसी आना : जब खाद्य कण ट्रैकिया में प्रवेश करते है तो तब खाद्य पदार्थ को बाहर निकालने के लिए खांसी आना एक प्रतिवर्ति क्रिया है।
(ii) छींकना : जब कोई उत्तेजक पदार्थ या धूलकण इत्यादि हमारे नाक की नासिका गुहा में प्रेवश करता है तब वहाँ अचानक संवेदना उत्पन्न हो जाती है जिससे हम छींकने लगते हैं। इस क्रिया के फलस्वरूप उत्तेजक पदार्थ नाक से बाहर निकल आता है।
प्रश्न 2.
आँख में दृष्टि संबंधी किन त्रुटियों को ठीक करने हेतु उत्तल तथा अवतल लेंसों का प्रयोग होता है ?
उत्तर :
उत्तल लेंस का प्रयोग : दूर दृष्टि दोष को दूर करने के लिए दूर करने के लिए उचित फोकस दूरी का उत्तल लेन्स का प्रयोग होता है।
अवतल लेंस : निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का प्रयोग होता है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित क्रियाओं में कौन प्राकृतिक तथा कौन अर्जित प्रतिवर्ती क्रिया है, उसे तालिकायुक्त कीजिए।
- नवजात की स्तनपान की इच्छा
- साइकिल चलाना
- छींक आना
- शीघ्रता से विकेट कीपर द्वारा बॉल पकड़ना
उत्तर :
- नवजात की स्तनपान की इच्छा – (क) प्राकृतिक
- साईंकिल चलाना – (ख) अर्जित
- छीक आना – (ग) अर्जित
- शीघता से विकेटकीपर द्वारा बॉल पकड़ना – (घ) अर्जित
प्रश्न 4.
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र एंव प्रान्तीय तंत्रिका तंत्र के भागों को लिखिए।
उत्तर :
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के भागों के नाम :
(i) मस्तिष्क (Brain)
(ii) मेरु-रज्जु (Spinal Cord)
प्रान्तीय तंत्रिका तंत्र के भागों के नाम :
(i) क्रेनियल तंत्रिका (Cranial Nerves)
(ii) स्पाइनल त्तित्रिका (Spinal Nerves)
प्रश्न 5.
संवेदी तंत्रिका तथा चालक तंत्रिका की एक-एक विशेषता बताओ।
उत्तर :
संवेदी तंत्रिका संवेदना को ग्राही से मस्तिष्क और मेरूरज्जा को पहुंचाती है। चालक तंत्रिका संवेदना को मस्तिष्क और मेरूरज्जा से चालक अंगों (मांसपेशियों, ग्रन्थियों) को पहुँचाती हैं।
प्रश्न 6.
अन्ध विन्दु (Blind spot) क्या है ?
उत्तर :
नेत्र गोलक के रेटिना पर उपस्थित वह स्थान जहाँ रोड सेल तथा कोन सेल का अभाव होता है एवं जहाँ सेoptic nerves जुड़ी रहती है उसे अन्ध विन्दु कहते हैं।
प्रश्न 7.
Yellow spot क्या है?
उत्तर :
रेटिना का वह भाग जो लेंस के अक्ष पर स्थित होता है उसे Yellow spot कहते हैं। इस भाग में rod तथा cone की संख्या बहुत अधिक होती है।
प्रश्न 8.
घ्राण तंत्रिका (Olfactory nerve) क्या है ?
उत्तर :
यह मस्तिष्क के घ्राण पिण्ड से उत्पन्न होकर नासिका कोष के संवेदी अंगों में बिछी रहती है तथा गन्ध के अनुभूति को मस्तिष्क में पहुँचाती है।
प्रश्न 9.
ग्राही क्या है?
उत्तर :
ज्ञानेन्द्रियों के स्थित वह स्थान जो उद्दीपनों को ग्रहण करता है उसे ग्राही कहते हैं।
प्रश्न 10.
चाप में उद्दीपन के प्रवाह दिशा के आधार पर प्रतिवर्ती चाप के विभिन्न भाग का नाम लिखिए।
उत्तर :
- ग्राही अंग या रिसेप्टर्स (Receptors)
- संवेदना मार्ग (Sensory Path)
- तंत्रिका केन्द्र (Nerve Centre)
- प्रेरक मार्ग (Motor Path)
- अभिवाही अंग (Effectors)
प्रश्न 11.
नोड ऑफ रैनवियर क्या है ? इसका कार्य बताइए।
उत्तर :
मायलिनेटेड तंत्रिका तंतु का वह स्थान जहाँ पर मायलीन शीथ का अभाव होता है उसे नोड ऑफ रैनवियर कहते हैं।
(i) यह एक्सोप्लाज्म और वाह्य कोशिकीय द्रव के बीच आयन्स के विनिमय में सहायक है। पार्श्व शाखायें भी इसी स्थान से निकलती हैं।
कार्य :
(ii) यह न्यूरॉन की रक्षा करती है और इन्हें सहारा भी देती हैं।
प्रश्न 12.
C.S.F. के दो कार्य लिखिए।
उत्तर :
(i) यह मस्तिष्क और मेरुरज्जा को पोषक तत्वो की आपूर्ति करता है।
(ii) यह इन अंगों को आघात से बचाता है।
प्रश्न 13.
एक संवेदी तंत्रिका एवं एक मिश्रित तंत्रिका का उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
संवेदी तंत्रिका – दृष्टि तंत्रिका।
मिश्रित तंत्रिका – वेगस तंत्रिका।
प्रश्न 14.
प्रतिवर्ती क्रिया किस प्रकार मानव के दैनिक जीवन में सहायक है ? – दो उदाहरणों के साथ वर्णन करो।
उत्तर :
प्रतिवर्ती क्रियाओं का दैनिक जीवन में सहायता करना :
(a) पलको का झुपकना : आँख में किसी वस्तु के अचानक पड़ जाने से उपरी पलके उपर-नीचे करने लगती हैं। इससे वह वस्तु बाहर निकल जाती है। इस अवस्था में अभग्रु ग्रंथियों से आँसू भी ग्रावित होता है। यह आँख को संक्रमण से बचाता है और वस्तु को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
(b) छींकना : जब कोई उत्तेजक पदार्थ या धूलकण इत्यादि हमारे नाक की नासिका गुहा में प्रेवश करता है तब वहाँ अचानक संवेदना उत्पन्न हो जाती है जिससे हम छीकने लगते हैं। इस क्रिया के फलस्वरूप उत्तेजक पदार्थ नाक से बाहर निकल आता है।
प्रश्न 15.
शर्त विहीन एवं शर्तयुक्त प्रतिवर्ती क्रिया में दो अन्तर लिखिए।
उत्तर :
शर्तयुक्त या उपार्जित प्रतिवर्ती | शर्तविहीन या जन्मजात प्रतिवर्ती क्रिया |
i. यह जन्म के पश्चात अभ्यास या अनुभवों के आधार पर उपार्जित होती है। | i. यह जन्मजात, स्वतः तथा आनुवांशिक होती है। |
ii. यह शर्त पर आधारित होती है। | ii. यह किसी शर्त पर आश्रित नहीं होती है। |
प्रश्न 16.
प्रतिवर्ती क्रियाओं से क्या लाभ है ?
उत्तर :
प्रतिवर्ती क्रियाओं से लाभ :-
(i) प्रतिवर्ती क्रिया रीढ़ – रज्जु द्वारा नियंत्रित होती है जिससे मस्तिष्क का कार्य भार कम हो जाता है।
(ii) इस क्रिया में अचानक होने वाली घटनाओं पर रीढ़-रज्जु द्वारा शीघ्र ही प्रतिक्रिया हो जाती है। यदि यह कार्य मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होता तो सोचने-समझने में देरी होती।
प्रश्न 17.
तेजोद्रव्य एवं काचर द्रव्य का कार्य लिखिए।
उत्तर :
काचर द्रव्य (Vitreous Humour) :- यह वर्तित माध्यम एवं नेत्र गोलक का आकार ठीक रखने का कार्य करता है।
तेज़ोजल (Aqueous Humour) :- यह लेंस का पोषण एवं वर्तित माध्यम का कार्य करता है।
प्रश्न 18.
कार्निया कहाँ स्थित है ? इसका क्या कार्य है ?
उत्तर :
(a) कार्निया आँख में स्थित है।
(b) कार्य- यह वस्तु से आने वाली प्रकाश किरणों को उचित कोण पर झुका देती है।
प्रश्न 19.
पीत बिन्दु (फोविया सेन्ट्रोलिस) क्या है ?
उत्तर :
दृध्र पटल का वह भाग जहाँ दृष्टि शंकुओं की संख्या सबसे अधिक होती है तथा किसी वस्तु का सबसे स्पष्ट प्रतिबिंब बनता है, उपे पीत विन्दु (Yellow spot) कहते हैं।
प्रश्न 20.
स्क्लेरा कहः स्थित है ? इसका क्या कार्य है ?
उत्तर :
(a) यह आँख की सबसे बाहरी परत है।
(b) यह आँख के भीतरी भागों की रक्षा करती है।
प्रश्न 21.
राडाप्सिम क्या है ?
उत्तर :
दृष्टिशलाका (Rod) कोशिका द्वारा उत्पन्न रासायनिक यौगिक को राडास्पिन (Rhodospin) कहते हैं।
प्रश्न 22.
परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral nervous system) से क्या समझते हो?
उत्तर :
इस तंत्र का निर्माण विभिन्न प्रकार की ऐसी तंत्रिकाओं द्वारा होता है जो सेरीब्रोस्पाइनल अक्ष से उत्पन्न होकर शरीर के विभिन्न अंगों तक फैली रहती है।
प्रश्न 23.
फोरामेन मैगनम क्या है ?
उत्तर :
खोपड़ी के आधार पर स्थित जिस छिद्र द्वारा मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु से आपस में संयुक्त रहते हैं उस छिद्र को फोरामेन मैगनम कहते हैं।
प्रश्न 24.
Colour blindness क्या है ?
उत्तर :
जिन व्यक्तियों के आँखों में कोन की संख्या कम होती है या कोन की कोशिकाओं में कोई वर्णक नहीं पाया जाता है तो उन्हें प्रकाश के रंग का ज्ञान नहीं हो पाता है, जिसे Colour blindness कहते हैं।
प्रश्न 25.
कार्पस कैलोसम क्या है ?
उत्तर :
सेरीब्रम के दोनों अर्द्धगोलकों को जोड़ने वाली संयोजी तन्तुओं को कार्पस कैलोसम कहते हैं।
प्रश्न 26.
एस्टीगमेटिज्म (Astigmatism) क्या है ?
उत्तर :
कोर्निया की सतह का अनियमित रूप से वक्र हो जाने के कारण व्यक्ति टेढ़ा देखने लगता है। इस रोग को एस्टीगमेटिज्म कहते हैं। इसके लिए सिलिंड्रिकल युक्त चश्मा लगाया जाता है।
प्रश्न 27.
कार्पस स्ट्रेटम क्या है ?
उत्तर :
सेरीब्रम के मेड्यूला भाग के कार्टेक्स का कुछ भाग उपस्थित रहता है, इस भाग को कार्पस स्ट्रेटम कहते हैं।
प्रश्न 28.
कैटेरेक्ट (Cataract) क्या है ?
उत्तर :
इसे मोतियाबिन्द भी कहते हैं। यह कन्जकटिवा पर एक अपारदर्शक झिल्ली के बढ़ जाने से होता है। सर्जरी द्वारा इस झिल्ली को हटा देने पर दुबारा रौशनी आ जाती है।
प्रश्न 29.
एक नेत्रीय दृष्टि से क्या समझते हो ?
उत्तर :
ऐसी दृष्टि जिसमें वस्तु के प्रतिबिम्ब निर्माण में केवल एक आँख भाग लेती है उसे एक नेत्रीय दृष्टि (Uniocular vision) कहते हैं। जैसे- टोड में।
प्रश्न 30.
द्विनेत्रीय दृष्टि से क्या समझते हो ?
उत्तर :
ऐसी दृष्टि जिसमें प्रतिबिम्ब निर्माण में दोनों आँखें भाग लेती है उसे द्विनेत्रीय दृष्टि (Binocular vision) कहते हैं। जैसे- मनुष्य में।
प्रश्न 31.
ट्राइजेमिनल तंत्रिका (Trigeminal nerve) क्या है ?
उत्तर :
तीन शाखाओं युक्त इस तंत्रिका का सम्बन्ध आँख, दाँत, जीभ तथा जबड़ा आदि अंगों में रहता है।
प्रश्न 32.
मिबोमीयन ग्रंधि (Meibomian glands) से क्या समझते हो ?
उत्तर :
मनुष्य की आँख में पलकों के भीतरी किनारे पर नन्हें-नन्हें छिद्र होते हैं जिनसे एक तरल पदार्थ निकलता है। ये छिद्र जिस ग्रन्थि के होते हैं उन्हें मिबोमीयन ग्रंथि कहते हैं।
प्रश्न 33.
रौड्स तथा कोन्स क्या है ?
उत्तर :
वे संवेदी कोशिकायें जिनके द्वारा प्रकाश तथा अंधकार के भेद का पता चलता है, rods कहलाती है तथा जिनके द्वारा रंग भेद का ज्ञान होता है, cones कहलाती है।
प्रश्न 34.
मायोसिस (Myosis) क्या है ?
उत्तर :
आँख की पुतलियों के संकुचन की क्रिया जिसके द्वारा प्रकाश की उचित मात्रा आँख में प्रवेश करती है उसे मायोसिस कहते हैं।
प्रश्न 35.
अभिवाही नर्भ (Afferent nerve) क्या है ?
उत्तर :
संवेदी न्यूरॉंन से बनी तंत्रिका जो संवेदनाओं को ज्ञानेन्द्रियों से केन्द्रित तंत्रिका तंत्र तक पहुँचाने का कार्य करता है, अभिवाही नर्भ कहते हैं।
प्रश्न 36.
सेरीब्रम में कितने पिण्ड होते हैं ?
उत्तर :
सेरीबम में निम्न पाँच पिण्ड (lobes) होते हैं –
- अग्र पिण्ड (Frontal lobe)
- श्रवण पिण्ड (Temporal lobe)
- पेराइटल पिड (Parietal lobe)
- आसिपिटल पिण्ड (Occipital lobe)!
- लिम्विक पिंड (Limbiclobe)
प्रश्न 37.
बटन (Button) क्या है ?
उत्तर :
एक्सॉन अपने अन्तिम सिरे पर छोटी-छोटी शाखाओं में विभाजित हो जाते है, जो सिरे पर फूलकर बटननुमा रचना का निर्माण कर लेते हैं, इन्हें ही बटन कहते हैं।
प्रश्न 38.
अपवाही नर्भ (Efferent nerve) क्या है ?
उत्तर :
चालक न्यूरॉन से बनी वह नर्भ जो संवेदनाओं को मस्तिष्क तथा रीढ़-रज्जु से अपवाहक अंगों तक पहुँचाने का कार्य करते हैं, अपवाही नर्भ कहलाते हैं।
प्रश्न 39.
शुक्ल पटल (स्केलेरा) का क्या कार्य है ?
उत्तर :
आँख के भीतरी भागों की रक्षा करना। आँख की मांसपेशियों को आधार प्रदान करना तथा एक निध्धित आकृति प्रदान करना।
प्रश्न 40.
मानव मस्तिष्क के मुख्य कितने भाग हैं ?
उत्तर :
मानव मस्तिष्क के तीन प्रमुख भाग होते हैं –
- अग्र मस्तिष्क (Fore brain)
- मध्य मस्तिष्क (Mid brain)
- पश्च मस्तिष्क (Hind brain)
प्रश्न 41.
डायनसेफालन (Diencephalon) क्या है ?
उत्तर :
यह अग्र मस्तिष्क का पिछ्छला भाग है जो सेरीब्रम तथा मध्य मस्तिष्क के बीच स्थित रहता है। इसकी गुहा को डायोसील (Diocoel) कहते हैं।
प्रश्न 42.
सेरेब्रोस्पाइनल गैंगलिया क्या है ?
उत्तर :
स्पाइनल नर्भ की पृष्ठ मूल तथा क्रेनियल नर्भ की संवेदी मूल में उपस्थित गुच्छक को सेरेबोस्पाइनल गैंगलिया कहते हैं।
प्रश्न 43.
मेड्यूला ऑबलंगाटा (Medulla oblongata) का कार्य क्या है ?
उत्तर :
यह हंद्य की धड़कन, भ्षसन दर तथा आहार नाल के पेशियों के संकुचन का नियंत्रण करता है। इसके अतिरिक्त खांसने तथा छिंके के केन्द्र होते हैं।
प्रश्न 44.
स्वायत गैंगलिया (Autonomous ganglia) क्या है ?
उत्तर :
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र और अपवाहक अंगों के बीच उपस्थित गैंगलिया को स्वायत गैंगलिया कहते हैं।
प्रश्न 45.
पोन्स क्या है ?
उत्तर :
यह मध्य मस्तिष्क के नीचे तथा मेडुला आँवलेंगटा के ऊपर स्थित रहता है। यह मेटासेफालन का उत्तल भाग है। यह श्वसन, हुदय की दर और रक्त दबाव का नियमन करता है।
प्रश्न 46.
अर्द्ध्रगोलक (Hemispheres) क्या है ?
उत्तर :
सेरीब्बम दो अर्द्धगोलकों से गठित होता है जिन्हें क्रमश: बाँया तथा दाँया अर्द्धगोलक (left and right hemispheres) कहते हैं।
प्रश्न 47.
अग्र मस्तिष्क कितने भागों से मिलकर बना होता है ?
उत्तर :
अग्र मस्तिष्क तीन भागों से मिलकर बना होता है।
प्रश्न 48.
डायनसेफालन का कार्य क्या है ?
उत्तर :
डायनसेफालन का मुख्य कार्य नींद, भूख, रक्त दाब, जनन सम्बन्धी क्रियाओं, ताप नियंत्रण, जल नियंत्रण आदि का नियंश्रण करता है।
प्रश्न 49.
सेरिब्रो-स्पाइनल द्रव का क्या कार्य है ?
उत्तर :
यह मस्तिष्क तथा मेरु रज्जु के सुरक्षात्मक आवरण के मध्य उपस्थित रहकर एक गद्दा का कार्य करता है, जिससे बाहरी आयातों से सुरक्षा होती है। यह इन अंगों के पोषण में भी सहायता करता है।
प्रश्न 50.
पार्श्व-निलय क्या है ?
उत्तर :
सेरिब्रम के दोनों अर्द्धगोलकों में एक-एक निलय होता है, जिसे पार्श्य-निलय कहते हैं।
प्रश्न 51.
स्वायत तंत्रिका तंत्र किन-किन भागों द्वारा गठित होता है ?
उत्तर :
यह तंत्र सिम्पैथेटिक तंत्रिका (Sympathatic nerve) तथा पारासिम्थैटिक तंत्रिका (Para sympathatic nerve) द्वारा गठित होता है।
प्रश्न 52.
न्यूरोग्लिया (Neuroglia) क्या है ?
उत्तर :
तंत्रिका तंत्र में तन्तुमय तथा कोष युक्त यौगिक के परिवर्तित रूप होते हैं जिन्हें न्यूरोग्लिया कहते हैं। न्यूरॉन के नष्ट होने पर उनका स्थान ग्रहण कर लेते हैं।
प्रश्न 53.
रेटिना क्या है ?
उत्तर :
यह नेत्रगोलक का अन्त: आवरण है जो प्रकाशग्राही कोशिकाओं द्वारा बना होता है।
प्रश्न 54.
डेन्ड्रान (Dendron) क्या है ?
उत्तर :
न्यूरान के छोटे और शाखान्वित प्रबर्ध को डेन्ड्रान कहा जाता है। ये कोशिका काय के समीप मोटे एवं ऊपर की ओर क्रमश: पतले होकर कई शाखाओं में बँट जाते हैं। इनका शाखाएँ डेन्ड्राइद्स (Dendrites) कहलाती हैं
प्रश्न 55.
नेत्र गोलक के तीन पटल कौन-कौन हैं ?
उत्तर :
- स्कलेरा
- कोरायड
- रेटिना
प्रश्न 56.
सेरिब्रो-स्पाइनल द्रव (C.S.F.) के कोई दो कार्य लिखिए।
उत्तर :
सेरिब्रो-स्पाइनल द्रव के दो कार्य –
(i) यह मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु के सुरक्षात्मक आवरण के मध्य उपस्थित रहकर एक गदे का कार्य करता है, जिससे बाहरी आघातों से सुरक्षा होती है।
(ii) यह इन अंगों के पोषण में भी सहायता करता है।
प्रश्न 57.
सेरिबेलम के दो कार्य लिखिए।
उत्तर :
(i) शरीर को संतुलित रखना।
(ii) यह प्रमंस्तिष्क द्वारा प्रेरित एच्छिक गतियों का नियमन करता है।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS
प्रश्न 1.
तंत्रिका तंत्र कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर :
तंत्रिका तंत्र तीन प्रकार का होता है –
- केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system)
- परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral nervous system)
- स्वायत तंत्रिका तंत्र (Autonomous nervous system)
प्रश्न 2.
तंत्रिका तंत्र के क्या कार्य हैं ?
उत्तर :
तंत्रिका तंत्र के निम्नलिखित कार्य है –
- शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं पर नियंत्रण तथा नियमन रखना तथा अंगों एवं तंत्रों के बीच सामंजस्य स्थापित करना।
- शरीर के बाहरी तथा आन्तरिक वातावरण से उद्दीपन ग्रहण करना तथा प्रतिचार करके अपने वातावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करना।
- बुद्धि, विवेक, स्पर्श, स्मरण, गंध, पीड़ा, दृष्टि आदि का ज्ञान करना।
प्रश्न 3.
न्यूरॉन के क्या कार्य हैं ?
उत्तर :
न्यूरॉन के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं-
- न्यूरॉन उद्दीपनों को ग्रहण करता है।
- न्यूरॉन तंत्रिका तंत्र की रचना करता है।
- संवेदनाओं के गमन में न्यूरॉन सहायता करता है।
प्रश्न 4.
संवेदनांग (receptor) क्या है ? एक दाब संवेदनांग तथा एक ताप संवेदनांग का नाम बताओ।
उत्तर :
संवेदनांग (Receptor) : वे अंग जो उद्दीपन को ग्रहण कर उत्तेजित हो जाते हैं, उन्हें संवेदनांग कहते हैं। ये संवेदी तंत्रिकाओं के अन्तिम सिरे होते हैं।
दाब संवेदनांग (Pressure receptor) : उदाहरण – पासीनियन कारपसल्स (Pacinian corpuscles)।
ताप संवेदनांग (Temperature receptor) : उदाहरण – Endorgan of Ruffni, End bulb of Krause.
प्रश्न 5.
मानव मस्तिष्क के तीन मुख्य भागों के कार्यों को लिखो।
उत्तर :
मानव मस्तिष्क के तीन प्रमुख भाग- सेरिब्रम, सेरीबेलम तथा मेड्यूला ऑब्लौंगाटा के कार्य निम्नलिखित हैंसेरिब्रम के कार्य : सभी ऐच्छिक पेशियों की गति पर नियंत्रण रखना।
सेरीबेलम के कार्य : शरीर को संतुलित रखना।
मेड्यूला ऑब्लौंगाटा के कार्य : लार, पसीना, गैस्ट्रिक रस के साव को नियंत्रित करना।
प्रश्न 6.
प्रतिवर्ती क्रियाओं से क्या लाभ है ?
उत्तर :
प्रतिवर्ती क्रियाओं से लाभ :-
- प्रतिवर्ती क्रिया रीढ़ रज्जु द्वारा नियंत्रित होती है जिससे मस्तिष्क का कार्य भार कम हो जाता है।
- इस क्रिया में अचानक होने वाली घटनाओं पर रीढ़-रज्जु द्वारा शीघ्र ही प्रतिक्रिया हो जाती है। यदि यह कार्य मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होता तो सोचने-समझने में देरी होती।
- इस क्रिया द्वारा जन्तु सोते समय अपनी रक्षा करते हैं।
प्रश्न 7.
शर्तयुक्त तथा शर्तविहीन प्रतिक्षेप क्रिया की परिभाषा उदाहरण सहित लिखो।
अथवा
शर्तयुक्त या जटिल या उपार्जित प्रतिवर्ती क्रिया (Conditioned or Complex or Acquired reflex action) की परिभाषा उदाहरण सहित दो।
उत्तर :
शर्तयुक्त या जटिल या उपार्जित प्रतिवर्ती क्रिया : प्रतिवर्ती क्रिया जो जीवन से प्राप्त अनुभवों, प्रशिक्षणों तथा किसी शर्त पर आधारित होती है, जटिल प्रतिवर्ती क्रिया कहलाती है। जैसे- भोजन देखकर मुँह में लार आना, पैर से साइकिल चलाना, प्रचलन, तैरना आदि।
सरल या जन्मजात या शर्तविहीन प्रतिवर्ती क्रिया (Simple or in born or unconditioned reflex action): वह प्रतिवर्ती क्रिया जो जन्मजात तथा आनुवांशिक होती है तथा बिना किसी शर्त के होती है उसे सरल प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं। जैसे- काँटा चुभने पर पैर का स्वतः ऊपर उठ जाना, धूल पड़ने से आँख का बन्द हो जाना, नवजात शिशु का स्तनपान करना, मलमूत्र का त्यागना आदि।
प्रश्न 8.
न्यूरोग्लिया क्या है ? इसका कार्य क्या है ?
उत्तर :
न्यूरोग्लिया : ये तंत्रिका तंत्र के तन्तुमय तथा कोषयुक्त यौगिक उत्तक का परिवर्तित रूप है जो न्यूरॉन के नष्ट होने पर उसका स्थान ग्रहण करते हैं। यह तंत्रिका तंत्र में पायी जाने वाली सम्पूर्ण कोशिकाओं का लगभग 90% होते हैं।
कार्य :
(i) तंत्रिका तंत्र को सहारा प्रदान करना।
(ii) बाहरी हानिकारक जीवाणुओं का भक्षण (Phagocytosis) करना।
प्रश्न 9.
हाइपर मेट्रोपिया तथा मायोपिया क्या है ?
उत्तर :
हाइपर मेट्रोपिया (Long sightedness) : इस रोग में व्यक्ति को दूर की वस्तु साफ परन्तु नजदीक की वस्तु धुँधली दिखाई पड़ती है। यह नेत्र गोलक के चपटा होने तथा लेन्स के पावर के बढ़ने से होता है। इस रोग को ठीक करने के लिए वाइकान्वेक्स युक्त लेंस वाला चश्मा लगाना चाहिए।
मायोपिया (Short sightedness) : इस रोग में व्यक्ति को नजदीक की वस्तुएँ साफ तथा दूर की वस्तुएँ धुँधली दिखाई देती हैं। इसमें नेत्र का पावर कम अथवा नेत्रगोलक लम्बा हो जाता है। इस रोग को ठीक करने के लिए बाइकानकेभ लेंस का चश्मा लगाया जाता है।
प्रश्न 10.
परिधीय तंत्रिका तंत्र क्या है ?
उत्तर :
ऐसा तंत्रिका तंत्र जो संवेदनाओं को ज्ञानेन्द्रियों से केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र तक पहुँचाता है तथा केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के आदेशों को चालक अंगों तक पहुँचता है, परिधीय तंत्रिका तंत्र कहलाता है। मनुष्य में इसकी संख्या 12 जोड़ी क्रेनियल नर्भ तथा 31 जोड़ी स्पाइनल नर्भ से जुड़ी हुई है।
प्रश्न 11.
स्वायत तंत्रिका तंत्र (Autonomous nervous system) क्या है ?
उत्तर :
स्वायत तंत्रिका तंत्र : यह तंत्र विसरल संवेदी तथा विसरल चालक तन्तुओं एवं उनकी कोशिकाओं का बना होता है। यह हदय, आमाशय, रक्तवाहिनियों इत्यादि अंगों की सक्रियता का नियंत्रण रखता है।
प्रश्न 12.
फोरामेन ऑर्फ मोनरो क्या है ?
उत्तर :
सेरिब्रम के अन्दर दोनों ओर लेटरल निलय आपस में जुड़ने के बाद डायनासेफालन के अन्दर स्थित तृतीय वेन्ट्रीकल की गुहा से जिस छिद्र द्वारा जुड़े रहते हैं, उसे फोरामेन ऑफ मोनरो (Foramen of Monoro) कहते हैं।
प्रश्न 13.
मायलिनेटेड तंत्रिका तन्तु तथा नन-मायलिनेटेड तंत्रिका तन्तु क्या है ?
उत्तर :
मायलिनेटेड तंत्रिका तन्तु : जिस तंत्रिका तन्तु में मायलिन शीथ होता है उसे मायलिनेटेड तंत्रिका तन्तु कहते हैं। नन-मायलिनेटेड तंत्रिका तन्तु : जिस तंत्रिका तन्तु में मायलिन शीथ अनुपस्थित रहती है, उसे नन-मायलिनेटेड नर्भ कहते हैं।
प्रश्न 14.
Knee-jerk reflex क्या है ?
उत्तर :
यह एक सरल प्रतिवर्ती क्रिया का उदाहरण है। किसी व्यक्ति को टेबुल पर बैठने से उनके नीचे लटके पैर के किसी एक घुटने पर Knee cap के नीचे नीचे Patella द्वारा लिगामेंट पर झटके से पीटने पर हम देखते हैं कि पूरी टाँग बिना इच्छा के साथ सीधा हो जाता है।
दीर्घउत्तरीय प्रश्नोत्तर (Descriptive Type) : 5 MARKS
प्रश्न 1.
प्रतिवर्ती चाप के तीन संरचनात्मक अवयवों का नाम लिखो। संवेदी तंत्रिका तथा चालक तंत्रिका के कार्यों को लिखो। 3 + 2
अथवा
प्रतिवर्ती चाप (Reflex Arc) के अवयवों के बारे में लिखिए। दैनिक जीवन में इसका क्या महत्व है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
प्रतिवर्ती चाप (Reflex Arc) के अवयव :-
- ग्राही अंग या रिसेप्टर्स (Receptors): ये त्वचा, पेशियों तथा अन्य अंगों में मौजूद रहते हैं। ग्राही अंग विभिन्न प्रकार के उद्दीपनों को ग्रहण करते हैं।
- संवेदना मार्ग (Sensory path) : ग्राही अंगों द्वारा उद्दीपनों के ग्रहण किए जाने के पश्चात् इन उद्दीपनों का संचरण संवेदी न्यूरॉनों (Sensory neurons) में होता है। ये संवेदी न्यूरॉन संवेदना मार्ग का निर्माण करते हैं।
- तंत्रिका केन्द्र (Nerve centres) : मस्तिष्क और स्माइनल कार्ड तंत्रिका केन्द्र का काम करते हैं। ये संवेदना मार्ग से आए हुए संदेशों को प्राप्त कर उचित आदेश देने का कार्य करते हैं।
- प्रेरक मार्ग (Motor path) : तंत्रिका केन्द्र आदेशों का संचरण न्यूरॉनों (Motor neurons) द्वारा होता है। प्रेरक न्यूरॉन प्रेरक मार्ग का निर्माण करते हैं।
- अभिवाही अंग (Effectors): प्रेरक मार्ग से होते हुए आदेश अभिवाही अंगों में पहुँचते हैं जहाँ पर केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से प्राप्त आदेशों के अनुसार उचित अनुक्रिया होती है। पेशियाँ अभिवाही अंग होती हैं। ये तंत्रिका केन्द्र से प्राप्त आदेशों के अनुसार कार्य करती हैं।
उदाहरण एवं महत्व – घुटने पर चोट लगने से पैर का स्वतः ऊपर उठ जाना, तीव्र प्रकाश में पलक का नीचे गिरना, भय लगने पर भाग जाना, हुय का धड़कन, श्चसन, भोजन चबाना, रक्त परिवहन, भोजन देखकर मुँह में लार आना इत्यादि स्वाभाविक क्रियायें जो हमारी दैनिक जीवन में काफी महत्व रखती हैं।
संवेदी तंत्रिका (Afferent nerves) के कार्य : ये संवेदनाओं को ग्राही अंगों से मस्तिष्क तथा मेरु-रज्जु तक ले जाता है। जैसे- 1,2 और 8 नम्बर की कपाल तंत्रिकाएँ।
चालक तंत्रिकाएँ (Efferent nerve) के कार्य : ये संवेदनाओं को केन्द्रीय तंत्रिका से अपवाहक अंगों तक ले जाती हैं। जैसे- $3,4,6,11$ और 12 नम्बर की कपाल तंत्रिकाएँ।
प्रश्न 2.
ऐक्सॉन और डेन्ड्रान का कार्य लिखिए। न्यूरॉन के एक्सॉन का संक्षिप्त विविरण लिखिए। अथवा, तंत्रिका कोशिका के एक्सान की संरचना संक्षेप में लिखिए। 2 + 3
उत्तर :
एक्सान का कार्य : यह संवदेना को कोशिकाय से प्रेरक अंग (Motor organ) में पहुँचाता है।
डेन्ड्रान का कार्य : यह संवेदना (Impulse) को ज्ञानेन्द्रिय (Sensory organ) में उपस्थित ग्राही से कोशिकाय (Cell body) में ले आता है।
न्यूरॉन के एक्सान का विविरण : यह कोशिकाय के निचले भाग से निकलता है। इस भाग को एक्सान हिल्लाक कहते हैं। इसका व्यास सभी जगहों पर समान होता है। एक्सान के कोशिका द्रव्य को एक्सोप्लाज्म कहते हैं। यह तीन परतों से घिरा रहता है : (i) एक्सोलिमा, (ii) मायलीन शीथ, (iii) न्यूरीलेम्मा। किसी-किसी न्यूरान में एक्सान से शाखायें भी निकलती हैं जिन्हें कोलैटेरल तंतु कहते हैं। ये एक्सान से समकोण बनाती हुए निकलती हैं। न्यूराऐक्सिस एवं झिल्ली को संयुक्त रूप से तंत्रिका तंतु कहते हैं। कुछ तंत्रिका तंतु में न्यूराऐक्सिस से सटी मायलीन नामक पदार्थ की एक परत पाई जाती है। किसी-किसी स्थान पर इस पदार्थ की मात्रा कम होती है या गढ़े सदृश रचना दिखाम्री देती है जिसे नोड्स ऑफ रैनावियर कहते हैं। न्यूरिलेम्मा के नीचे एक लंबा एवं चपटा केंद्रक भी स्थित रहता है जिसे श्वान केंद्रक कहते हैं।
प्रश्न 3.
न्यूरॉन तथा नर्भ में क्या सम्बन्ध है ? संवेदी तथा चालक तंत्रिका में अन्तर बताओ। 2 + 3
उत्तर :
न्यूरॉन तथा नर्भ में सम्बन्ध : न्यूरॉन तंत्रिका तंत्र की रचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई है। यह साइटॉन, एक्सॉन, डेन्ड्रान जैसे प्रर्वधनों से बना हुआ है। एक्सॉन संयोजी ऊत्तक से बने झिल्लियों से ढका होता है। यह नर्भ फाइबर (Nerve fibre) कहलाता है। इसका मुख्य कार्य उद्दीपनों को नर्भ में भेजना है।
नर्भ तंत्रिका तन्तुओं से बना होता है जिसमें एक्सॉन तथा संयोजी ऊत्तकों से बने एन्डोन्यूरियम नामक आवरण उपस्थित रहते हैं। इस प्रकार यदि नर्भ टेलीफोन का तार है तो एक्सॉन धातु का तार है। न्यूरीलेमा तथा एण्डोन्यूरियम तार के ऊपर अवरोधक का कार्य करते हैं। नर्भ केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से सम्बन्धित रहते हैं तथा संवेदी चालक उद्दीपनों को ग्रहण कर शरीर की यांत्रिक क्रियाओं पर नियंत्रण तथा नियमन करते हैं।
संवेदी तथा चालक तंत्रिकाओं में अन्तर :-
संवेदी तंत्रिका | चालक तंत्रिका |
i. यह संवेदी न्यूरॉन से बनी होती है। | i. यह चालक न्यूरॉन से बनी होती है। |
ii. यह आवेग को अपवाहक अंगों से केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र में पहुँचाता है। | ii. यह प्रतिचार को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से अपवाहक अंगों तक पहुँचाता है। |
iii. इसका एक्सॉन केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र में प्रवेश करता है। | iii. इसका एक्सॉन केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से बाहर निकलता है। |
प्रश्न 4.
तंत्रिका तंत्र तथा हार्मोन में एक समानता तथा एक असमानता बताओ। एक्सॉन तथा डेन्ड्रान में एक रचनात्मक तथा एक क्रियात्मक अंतर बताओ। 2 + 3
उत्तर :
तंत्रिका तंत्र तथा हार्मोन के कार्य में समानता : तंत्रिका तंत्र तथा हार्मोन दोनों ही नियंत्रण तथा नियमन का कार्य करता है।
तंत्रिका तंत्र तथा हार्मोन के कार्य में असमानता : तंत्रिका तंत्र की क्रिया तेज गति से होती है, जबकि हार्मोन की क्रिया धीमी गति से होती है।
एक्सॉन तथा डेन्ड्रान में अन्तर :-
रचनात्मक अन्तर :
एक्सॉन :
(i) साइटॉन से निकलने वाले शाखाविहीन प्रवर्धन को एक्सॉन कहते हैं।
(ii) इसमें निसिल ग्रेन्यूल्स नहीं पाये जाते हैं।
डेन्ड्रान :
(i) साइटॉन से निकले छोटे शाखायुक्त प्रवर्धन को डेन्ड्रान कहते हैं।
(ii) इसमें निसिल ग्रेन्यूल्स पाये जाते हैं। क्रियात्मक अन्तर :
एक्सॉन :
(i) एक्सॉन उद्दीपनों को साइटॉन से दूर ले जाते हैं।
डेन्ड्रान :
(i) ड्रेन्ड्रान उद्दीपनों को साइटोन की ओर ले जाते हैं।
प्रश्न 5.
सिनैप्स क्या है ? सिनैप्स कितने प्रकार के होते हैं ? इसका कार्य बताओ। 2 + 3
उत्तर :
सिनैप्स (Synapse) : एक न्यूरॉन के एक्सॉन दूसरे न्यूरॉन के डेन्ड्राइद्स से क्रियात्मक रूप से जुड़े रहते हैं। इस मिलाप स्थान को सिनैप्स कहते हैं।
सिनैप्स निम्नलिखित चार प्रकार के होते हैं –
(a) एक्सोडेन्ड्राइटिक सिनैप्स (Axodendritic synapse) : जब एक न्यूरॉन की शाखायें दूसरे न्यूरॉन के डेन्ड्राइट्स से सम्बन्धित रहती है, तो यह सिनैप्स एक्सोडेन्ड़ाइटिक कहलाता है।
(b) एक्सोसोमैटिक सिनैप्स (Axosomatic synapse) : इस सिनैप्स में एक एक्सॉन की शाखायें दूसरे न्यूरॉन के साइटॉन से सम्बन्धित रहती है।
(c) एक्सो ऑक्सेनिक सिनैप्स (Axo axanic synapse) : एक न्यूरॉन के एक्सॉन की टर्मिनल डेन्ड्राइद्स तथा दूसरे न्यूरॉन के एक्सॉन के मिलने के स्थान पर बने सिनैप्स को एक्सो ऑक्सेनिक सिनैप्स कहते हैं।
(d) बहु एक्सो डेन्ड्राइटिक सिनैप्स (Multi axo dendritic synapse) : इस सिनैप्स में एक एव्सॉन की शाखायें अनेक न्यूरॉन के डेन्ड्राइट्स से एक न्यूरॉन के डेन्ड्राइट्स अनेक न्यूरॉन के शाखाओं से सम्बन्धित रहते हैं।
सिनैंप्स का कार्य : यह संवेदना को एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन में भेजने का कार्य करता है।
प्रश्न 6.
तंत्रिका तंत्र क्या है? गैंग्लियान क्या है? एक्सॉन तथा डेन्ड्रान में दो अन्तर बताओ। 2 + 3
उत्तर :
तंत्रिका तंत्र (Nervous sysem) : जन्तुओं के शरीर में उपस्थित वह अंग तंत्र जो अन्य अंग तंत्रों के कार्यो का नियंत्रण और समन्वय करता है, उसे तंत्रिका तंत्र कहते हैं।
गैग्लियान (Ganglion) : न्यूरॉन्स के साइटॉन के समूह को गैग्लियान कहंते हैं।
एक्सॉन तथा डेन्ड्रान में अन्तर :-
एक्सॉन | डेन्ड्रान |
i. एक्सॉन काफी लम्बा होता है। | i. डेन्ड्रान छोटा होता है। |
ii. यह प्रत्येक न्यूरॉन में केवल एक होता है। | ii. इसकी संख्या एक या एक से अधिक भी होती है। |
प्रश्न 7.
प्रतिवर्ती क्रिया क्या है ? प्रतिवर्ती क्रिया में आवेग-गमन के पथ को दर्शाएँ। प्रतिवर्ती चाप क्या है ?
उत्तर :
प्रतिवर्ती क्रिया : संवेदी अंगों के उद्दीपनों के प्रतिचार रूप में केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित होने वाली अचानक तथा अनैच्छिक क्रियाओं को प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं।
उदाहरण – भोजन को देखकर मुँह में पानी आना, पलकों का झपकना, बिना इच्छा के किसी गर्म पदार्थ से हाथ को छु जाने पर हटा लेना इत्यादि।
प्रतिवर्ती क्रिया में आवेग-गमन का पथ निम्नवत है –
उद्दीपक → ग्राही अंग → संवेदी तंत्र → साइनल कॉर्ड → प्रेरक तंत्र → अभिवाही अंग → उद्दीपक के प्रति अनुक्रिया।
प्रतिवर्ती चाप : प्रतिवर्ती क्रिया के दौरान किसी संवेदी तंत्र द्वारा आवेग को ग्राही अंगों से स्पाइनल कॉर्ड तक तथा पुन: वहाँ से आवेग को प्रेरक तंत्र द्वारा अभिवाही अंगों तक आने के पथ को प्रतिवर्ती चाप (reflex arc) कहते हैं।
प्रश्न 8.
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के दो मुख्य भाग बताओ। इसके कार्यों को लिखो।
उत्तर :
केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के दो मुख्य भाग हैं-
(i) मस्तिष्क (Brain)
(ii) रीढ़-रज्जु (Spinal cord)
मस्तिष्क के कार्य :
- घ्राण पिण्ड गंध का ज्ञान कराता है।
- सेरिब्रम समस्त ऐच्छिक क्रियाओं का नियंत्रण करता है। यह बुद्धि, ज्ञान, स्मरण, विवेक, पीड़ा, चिन्तन, निर्णय आदि का प्रमुख केन्द्र है।
- डायनसेकालन भूख, प्यास, नींद, जल नियंत्रण, शरीर के ताप नियंत्रण, जनन क्रियाओं आदि का नियंत्रण करता है।
- दृष्टि पिण्ड देखने की क्रिया का नियंत्रण करता है। यह नेत्र गति, शारीरिक संतुलन का नियंत्रण करता है।
- मेडुला आवलांगेटा भ्षसन गति, हृदय गति तथा मूत्र त्याग आदि क्रियाओं का नियत्रण करता है।
रीढ़ रज्जु के कार्य :
- मस्तिष्क से आने वाले संवेदना को मार्ग प्रदान करना।
- प्रतिवर्ती क्रियाओं का संचालन तथा नियमन करना।
- शरीर को संतुलित रखने में सहायता करना।
- कुछ सीमा तक मस्तिष्क के कार्य को हल्का करने में मदद करना।
प्रश्न 9.
नर्भ गैग्लियान क्या है ? तंत्रिका तंत्र का महत्व बताओ।
उत्तर :
नर्भ गैग्लियान : केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के बाहर स्थित साइटॉन के समूह को, जो संयोजी ऊत्तक द्वारा घिरा रहता है, उसे नर्म गैग्लियान कहते हैं।
कार्य :
(i) इससे तंत्रिकाओं की उत्पत्ति होती है।
(ii) इससे न्यूरोसेक्रेटरी हार्मोन का स्राव होता है जो तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है।
तंत्रिका तंत्र का महत्व :
- यह जन्तुओं के शरीर में होने वाली समस्त क्रियाओं का नियंत्रण तथा नियमन करता है।
- शरीर के विभिन्न अंगों तथा तंत्रों के बीच समन्वय स्थापित करता है।
- वातावरण में होने वाले परिवर्तन की जानकारी प्राप्त कराता है।
- शरीर के विभिन्न पेशियों के संकुचन तथा ग्रन्थियों के स्राव में सहायता करता है।
प्रश्न 10.
अभिवाही तथा अपवाही तंत्रिका की विशेषता क्या है ?
उत्तर :
संवेदी या अभिवाही तंत्रिका की विशेषता :
- यह उद्दीपनों को ग्राही अंग से केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र तक पहुँचाती है।
- इसकी रचना संवेदी न्यूरॉन द्वारा होती है।
- इसके एक्सॉन की शाखायें केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र में प्रवेश करती है।
- इसके साइटॉन तथा डेन्ड्राइट केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के बाहर स्थित रहते हैं।
चालक या अपवाही तंत्रिका की विशेषता :
- प्रेरक तंत्रिका प्रतिचार को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से अपवाहक अंगों तक पहुँचाती है।
- ये चालक न्यूरॉन के बने होते हैं।
- इसके एक्सॉन की शाखायें प्रभावी अंगों में बिखरी रहती हैं।
- इसके साइटॉन तथा डेन्ड्राइट केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के ग्रे-मैटर में स्थित रहते हैं।
प्रश्न 11.
गैग्लियान क्या है ? गैग्लियान कितने प्रकार के होते हैं, परिभाषा सहित लिखो। 2 + 3
उत्तर :
गैग्लियान (Ganglion) : न्यूरॉन के साइटॉन केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के बाहर संयुक्त होकर एक ग्रन्थि का निर्माण करते हैं। यह ग्रंथि गैग्लियान कहलाती है। अर्थात न्यूरॉन के साइटॉन के समूह को गैग्लियान कहते हैं।
गैग्लियान दो प्रकार का होता है –
(i) सेरिब्रो स्पाइनल गैग्लियान (Cerebro spinal ganglion) : यह गैग्लियान कपाल तंत्रिकाओं के संवेदी तंत्रिका के मूल में तथा स्पाइनल नर्भ के पृष्ठ मूल में पाई जाती है।
(ii) स्वायत गैग्लियान (Autonomic ganglion) : यह गैग्लियान केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र तथा उद्दीप्त अंगों (Effectors) में पायी जाती है।
प्रश्न 12.
पावलव के अनुसार प्रतिवर्ती क्रिया कितने प्रकार की होती है? केन्द्रीय तंत्र में कौन सा द्रव पाया जाता है ?
उत्तर :
पावलव (Paviov) के अनुसार प्रतिवर्ती क्रिया दो प्रकार की होती है –
(i) जटिल या उपार्जित या शर्तयुक्त प्रतिवर्ती क्रिया (Complex or acquired or conditioned reflex action) : ऐसी प्रतिवर्ती क्रिया जो जीवन से प्राप्त अनुभवों, प्रशिक्षणों तथा किसी शर्त पर आधारित होती है, उपार्जित प्रतिवर्ती क्रिया कहलाती है। जैसे- भोजन देखकर मुँह में लार आना, छोटे बच्चों का चलना, साइकिल चलाना आदि।
(ii) सरल या जन्मजात या शर्तविहीन प्रतिवर्ती क्रिया (Simple or inborn or unconditioned reflex action) : ऐसी प्रतिवर्ती क्रिया जो जन्मजात, स्वत: आनुवांशिक तथा बिना किसी शर्त पर आधारित होती है, सरल या जन्मजात प्रतिवर्ती क्रिया कहलाती है। जैसे- श्वेसन, हृदय का धड़कन, भोजन का चबाना या निगलना आदि। केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र में सेरिब्रो स्पाइनल द्रव (Cerebro spinal fluid) पाया जाता है।
प्रश्न 13.
तंत्रिका क्या है ? कार्य और उत्पत्ति के स्थान के आधार पर तंत्रिका कितने प्रकार की होती है ? 2 + 3
उत्तर :
तंत्रिका (Nerve) : एक या एक से अधिक न्यूरॉन द्वारा गठित सफेद या धुसर रंग वाली पतली तन्तुमय रचना को तंत्रिका कहते हैं। कार्य के आधार पर तंत्रिका निम्न तीन प्रकार की होती हैं –
(a) अभिवाही नर्भ (Afferent nerve) : संवेदी न्यूरोंन से बनी नर्भ जो संवेदना को ज्ञानेन्द्रियों से तंत्रिका तंत्र तक पहुँचाने का कार्य करता है, उसे अभिवाही नर्भ कहते हैं।
(b) अपवाही नर्भ (Efferent nerve) : चालक न्यूरॉन से बनी नर्भ जो प्रेरणा को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से अपवाहक अंगों तक पहुँचाने का कार्य करता है, उसे अपवाही नर्भ कहते हैं।
(c) मिश्रित नर्भ (Mixed nerve) : ऐसा नर्भ जो संवेदी तथा चालक दोनों प्रकार के तन्तुओं से बनी होती है, उसे मिश्रित नर्भ कहते हैं। इनका कार्य भी मिश्रित होता है।
उत्पत्ति के स्थान के आधार पर तंत्रिका निम्न दो प्रकार की होती है –
(a) केनियल नर्भ (Cranial nerve) : मस्तिष्क से निकलने वाली नर्भ को क्रेनियल नर्भ कहते हैं। मनुष्य में इसकी संख्या 12 जोड़ी होती है।
(b) स्पाइनल नर्भ (Spinal nerve) : मेरु रज्जु से निकलने वाली नर्भ को स्पाइनल नर्भ कहते हैं। मनुष्य में इसकी संख्या 31 जोड़ी होती है।
प्रश्न 14.
तंत्रिका तंत्र के अवयवों के नाम लिखो। मानव मस्तिष्क के तीन मुख्य भागों का वर्णन करो। अथवा, मस्तिष्क के विभिन्न भागों का संक्षेप वर्णन कीजिए।
उत्तर :
तंत्रिका तंत्र के अवयव निम्न हैं –
- मस्तिष्क (Brain)
- रीढ़-रज्जु (Spinal Cord)
- तंत्रिका (Nerve)
- न्यूरॉन (Neurone)
मानव मस्तिष्क के भाग :
मनुष्य के मस्तिष्क को निम्नलिखित तीन भागों में बाँटा गया है –
- अग्र मस्तिष्क (Fore brain)
- मध्य मस्तिष्क (Mid brain)
- पश्ध मस्तिष्क (Hind brain)
अग्र मस्तिष्क (Fore brain) : यह मस्तिष्क का अग्र तथा सबसे बड़ा भाग है। यह तीन भागों से मिलकर बना है –
(a) सेरिब्रम (Cerebrum)
(b) घ्राण पिण्ड (Olfactory lobe)
(c) डायन सेफालन (Dian cephaion)।
कार्य :
- अग्र मस्तिष्क का सेरिबम सभी ऐच्छिक पेशियों की गति को नियंत्रित करता है।
- यह स्पर्श, दबाब, तापक्रम, पीड़ा आदि उद्दीपनों को ग्रहण करता है।
- यह बुद्धि, स्मरण विचार, मनःशक्ति, कल्पना, निर्णय आदि का प्रमुख केन्द्र है। घाण पिण्ड गन्ध की जानकारी कराती है।
डायनसेफालन ताप तथा जल नियंत्रण, दबाव, क्रोध, भय, लज्जा, पीड़ा आदि का प्रमुख केन्द्र है। भूख, प्यास, भोजन ग्रहण, निद्रा आदि का नियंग्रण करता है।
(ii) मध्य मस्तिष्क (Mid brain) : यह मस्तिष्क का सबसे छोटा भाग है। यह दो दृष्टि पिण्डों (optic lobes) से बना है। यह अग्र मस्तिष्क तथा पश्र मस्तिष्क को जोड़ता है।
कार्य :
(i) यह दृष्टि को नियंत्रित करता है।
(ii) यह पेशियों की गति को नियंत्रित करता है।
पश्च मस्तिष्क (Hind brain) : यह मस्तिष्क का निचला भाग है। इसके तीन भाग होते हैं –
(a) सेरीबेलम (Cerebellum)
(b) पोन्स भेरोली (Pons varoli)
(c) मेड्यूला ऑब्लौंगाटा (Meduila oblongata)
कार्य : यह हुदय गति, भसन, पाचन, नेत्रगोलक की गति, परिवहन, मूत्र त्याग, आहार नली की पेशियों का संकुचन, शारीरिक गति, रक्तवाहिनियों का सिकुड़ना तथा अनैच्छिक क्रियाओं आदि पर नियंत्रण रखता है।
प्रश्न 15.
मनुष्य के आँख की क्रिया विधि लिखो।
उत्तर :
मानव आँख के अन्दर चित्र बनने की क्रिया विधि एक कैमरा की तरह है। किसी वस्तु से परावर्तित होकर प्रकाश की किरणें सबसे पहले कंजक्टिवा (Conjuctiva) पर पड़ती है। फिर यह कार्निया से होकर Aqucous humour को पार कर तारा (pupil) से होती हुई लेंस पर आती है। फिर लेंस तथा Vitreous humour द्वारा परावर्तित होकर प्रकाश की किरणें रेटिना पर कन्भर्ज (Converge) कर जाती है, फलस्वरूप रेटिना पर उल्टा प्रतिबिम्ब बनता है। रेटिना पर उपस्थित rod तथा cone cells इस प्रतिबिम्ब को सेरिब्रल हेमिस्फेयर के occipital lobe के दृष्टि केन्द्र तक पहुँचाती है। यहाँ इसका विश्लेषण होता है और उल्टे प्रतिबिम्ब को सीधे रूप में अनुभव करता है। फलस्वरूप हमलोग वस्तु को सही रूप में देखते हैं। मनुष्य अपनी दोनों आँखों से एक ही वस्तु को देखता है इसलिए मनुष्य की दृष्टि द्विनेत्री दृष्टि(Bionucular vision) कहलाती है।
प्रश्न 16.
नेत्र के समंजन से आप क्या समझते हैं ? नेत्र के दृष्टि दोषों के बारे में लिखिए तथा उनके संसोधन के उपायों के बारे में चर्चा कीजिए।
अथव
आँख के स्वतः समायोजन के बारे में आप क्या जानते हैं ? मायोपिया किस प्रकार की आँख दोष है आँख के इस दोष के कारण या निवारण बताइएँ।
उत्तर :
समंजन क्षमता (Accomodation power) : नेत्र के लेंस की वह क्षमता जिसके द्वारा वह अपने फोकस की दूरी को कम या ज्यादा करके किसी वस्तु का प्रतिविम्ब रेटिना पर बनाता है उसे समायोजन (accomodation) कहते हैं। सड़क दुर्घटना से बचने के लिए पद यात्रियों और गाड़ियों के चालक को समंजन की आवश्यकता पड़ती है।
नेत्र के दृष्टि दोष तथा उनके संसोधन : विभिन्न कारणों से नेत्र की समंजन क्षमता कम होती जाती है जिससे व्यक्ति वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाते हैं। नेत्र में होने वाले इस प्रकार के दोष मुख्य रूप से अपवर्तन माध्यम (refraction medium) में गड़बड़ी होने की वजह से होते हैं।अपवर्तन के कारण दृष्टि के मुख्य तीन दोष हैं-
(i) निकट दृष्टि दोष (Myopia or near sightedness)
(ii) दीर्घ दृष्टि दोष (Hypermetropia) तथा जरा दूर दृष्टि दोष (Presbyopia)
निकट दृष्टिदोष : इस दोष में व्यक्ति को नजदीक की वस्तुएं साफ दिखाई पड़ती हैं। परन्तु दूर की वस्तुएँ धुँधली दिखाई देती हैं। इस दोष के कारण नेत्र गोलक का आकार बड़ा हो जाता है।
संशोधन : इस नेत्र दोष के निवारण के लिए अवतल लेंस (Concave Lense) का चशमा पहनना पड़ता है।
प्रश्न 17.
रीढ़ रज्जु, दृष्टि पिण्ड, कोर्निया, स्केलेरा, रेटिना, लेंस की स्थिति तथा कार्य बताओ।
उत्तर :
प्रश्न 18.
दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia) एवं जरा दूर दृष्टि दोष (Presbyopia), क्या हैं एवं इसे दूर करने का उपाय क्या हैं ?
अथवा
हाइपरमेट्रोपिया (दूर दृष्टि) क्या है ? इसके कारण एवं इसे दूर करने का क्या उपाय है ?
उत्तर :
दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia) : इस दोष में व्यक्ति दूर की वस्तुओं को साफ-साफ देख सकता है परन्तु नजदीक वस्तुएं धुंधली दिखाई पड़ती है।
कारण : नेत्र गोलक का आकार छोटा हो जाता है। कर्निया चप्टी हो जाती है।
निवारण : इस नेत्र दोष के निवारण के लिए अवतल लेंस (Concave Lense) का चशमा पहनना पड़ता है।
जरा दूर दृष्टि दोष (Presbyopia) : यह दोष आयु में वृद्धि होने के साथ सिलियरी पेशियों के कमजोर होने या लेंस के लचीलेपन में कमी आने के कारण उत्पन्न होता है। इस दोष में निकट दृष्टि या दूर दृष्टि दोष दोनों ही प्रकार के दोष एक साथहो सकते हैं।
कारण : सिलियरी पेसियों की लचक कम हो जाती है। लेंस की लचक घट जाती है।
निवारण या संशोधण : इस दोष के संशोधन के लिए द्विफोकली लेंसो (Bifocal Lens) का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 19.
संवेदी, चालक एवं अन्तरवर्ती तंत्रिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
- संवेदी तंत्रिका : संवेदना को ग्राहीं अंग से केंद्रीय अंग तक पहुँचाने वाली तंत्रिका को संवेदी तंत्रिका कहते हैं।
- चालक तंत्रिका : केंद्रीय अंग से संवेदना को कार्यवाही अंग तक पहुँचाने वाली तंत्रिका को चालक तंत्रिका कहते है।
- अन्तरवर्ती तंत्रिका : प्रतिवर्ती चाप में संवेदी तंत्रिका एवं चालक तंत्रिका के मध्य में स्थित तंत्रिका को अन्तरवर्ती कहते है।
प्रश्न 20.
मस्तिष्क प्रकोष्ठ (निलय) से आप क्या समझते हैं ? सेरिब्रोस्पाइनल द्रव (C.S.F.) के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर :
मस्तिष्क प्रकोष्ठ (निलय) : मस्तिष्क के अन्दर उपस्थित गुहाओं को निलय कहते हैं इनकी संख्या चार है इनमें सेरिवोस्पाइनल द्रव भरा रहता है।
सेरिब्रोस्पानल द्रव (C.S.F.) : मेनिंजेज और मस्तिष्क के बीच सेरीब्रोसाइनल द्रव्य (cerebrospinal fluid) भरा होता है। मस्तिष्क की गुहा भी इस द्रव्य से भरी होती है। सेरिबोस्पाइनल द्रव्य मस्तिष्क को बाहरी आघातों से सुरक्षित रखनें में मद्व करता है तथा यह मस्तिष्क को नम बनाए रखता है।
प्रश्न 21.
प्रतिवर्ती चाप का चित्रण करें तथा उसके निम्न भागों का नामांकन करें : 3 + 2
(क) ग्राही अंग
(ख) संवेदी तंत्रिका
(ग) तंत्रिका केन्द्र
(घ) चालक तंत्रिका
अथवा
प्रतिवर्ती चाप के सभी भागों को स्वच्छ तथा नामांकित चित्र द्वारा प्रदर्शित करो।
उत्तर :
प्रश्न 22.
मनुष्य की आँख के लम्बप्रस्थ काट का स्वच्छ तथा नामांकित चित्र बनाओ।
अथवा
मनुष्य की आँख के लम्ब काट का चित्र बनाकर इसके मुख्य भागों के नाम लिखो।
अथवा
मानव नेत्र के नेत्र गोलक के अनुप्रस्थ काट स्वच्छ चित्र बनाकर निम्नलिखित भागों का नामलिखिए।
(i) कार्निया
(ii) लेंस
(iii) विट्रियस ह्यूमर
(iv) रेटिना
उत्तर :
प्रश्न 23.
तंत्रिका तंत्र इकाई क्या है ? न्यूरॉन का चित्र बनाकर सभी भागों को अंकित करो।
उत्तर :
तंत्रिका तंत्र की कार्यत्मक एवं रचनात्मक इकाई न्यूरान है।