Students should regularly practice West Bengal Board Class 10 Hindi Book Solutions कहानी Chapter 4 नमक to reinforce their learning.
WBBSE Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 Question Answer – नमक
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
लाहौर से लौटते समय सफ़िया ने क्या निश्चय किया?
उत्तर :
मुहब्बत का तोहफा वह चोरी से नहीं ले जाएगी।
प्रश्न 2.
सफ़िया का भाई क्या था ?
उत्तर :
सफिया का भाई पुलिस अफसर था।
प्रश्न 3.
सिख बीबी को देखकर साफिया क्यों हैरान रह गई थी ?
उत्तर :
सिख बीबी की शक्ल-सूरत साफिया की माँ से बहुत मिलती-जुलती थी इसलिए वह उन्हें देखकर हैरान रह गई थी।
प्रश्न 4.
‘नमक’ के रचनाकार कौन हैं ?
उत्तर :
रज़िया सज्जाद ज़हीर।
प्रश्न 5.
सफ़िया किस कहानी की पात्र है ?
उत्तर :
‘नमक’।
प्रश्न 6.
किसकी सूरत सिख बीबी से मिलती थी ?
उत्तर :
सफिया की माँ से।
प्रश्न 7.
सिख बीबी का चेहरा कैसा था ?
उत्तर :
खुली किताब की तरह।
प्रश्न 8.
सिख बीबी ने कैसा दुपट्टा ओढ़ा था?
उत्तर :
सिख बीबी ने सफेद मलमल का वैसा दुप्टा ओढ़ा था जैसा उसकी अम्मा मुहर्रम में ओढ़ा करती थी।
प्रश्न 9.
सफ़िया कहाँ जा रही थी ?
उत्तर :
पाकिस्तान।
प्रश्न 10.
सफ़िया किससे मिलने पाकिस्तान जा रही थी ?
उत्तर :
सफ़िया अपने भाई-भाभी तथा उनके बच्चों से मिलने पाकिस्तान जा रही थी।
प्रश्न 11.
सिख बीबी ने किसे प्यारा शहर कहा ?
उत्तर :
लाहौर को।
प्रश्न 12.
कहाँ के लोग खूबसूरत, उम्दा खाने, नफीस कपड़ों के शौकीन, सैर-सपाटे के रसिया तथा जिंदादिली की तस्वीर होते हैं ?
उत्तर :
लाहौर (पाकिस्तान) के।
प्रश्न 13.
सफिया ने सिख बीबी से क्या पूछा?
उत्तर :
माता जी, आपको तो यहाँ आए बहुत साल हो गए होंगे ।
प्रश्न 14.
आपको तो यहाँ आए बहुत साल हो गए होंगे – ‘आपको’ से कौन संकेतित है ?
उत्तर :
सिख बीबी।
प्रश्न 15.
सिख बीबी हिंदुस्तान कब आई थी ?
उत्तर :
हिंदुस्तान बनने के समय आई थी।
प्रश्न 16.
सिख बीबी मूलतः कहाँ की रहने वाली थी ?
उत्तर :
पाकिस्तान के लाहौर की।
प्रश्न 17.
सिख बीबी को किसकी बहुत याद् आती थी?
उत्तर :
लाहौर की।
प्रश्न 18.
सफ़िया सिख बीबी से कहाँ मिली थी ?
उत्तर :
कीर्तन में।
प्रश्न 19.
कीर्तन कितने बजे खत्म हुआ।
उत्तर :
ग्यारह बजे।
प्रश्न 20.
सफ़िया ने सिख बीबी से थीमे से क्या पूछा ?
उत्तर :
“आप लाहौर से कोई सौगात मँगाना चाहें तो मुझे हुक्म दीजिए।”
प्रश्न 21.
सिख बीबी किस कपड़े का दुपट्टा ओढ़े थी ?
उत्तर :
सफेद बारीक मलमल का।
प्रश्न 22.
किसकी आँखों में नेकी, मुहब्बत और रहमदिली की रोशनी जगमगाया करती थी?
उत्तर :
सफ़िया की माँ की आँखों में।
प्रश्न 23.
सफ़िया की अम्मा मुहर्रम में कैसा दुपट्वा ओढ़ा करती थी ?
उत्तर :
सफेद बारीक मलमल का दुप्टा।
प्रश्न 24.
किसने, कई बार, किसे मुहब्बत से देखा?
उत्तर :
सफ़िया ने सिख बीबी को कई बार मुहल्यत से देखा।
प्रश्न 25.
कीर्तन के दौरान सफ़िया और सिख बीबी क्या करते रहे?
उत्तर :
आहिस्ता-आहिस्ता बातें।
प्रश्न 26.
सिख बीबी ने सफ़िया से लाहौर से क्या लाने को कहा ?
उत्तर :
लाहौरी नमक।
प्रश्न 27.
सफ़िया पाकिस्तान/लाहौर में कितने दिन रही ?
उत्तर :
पंद्रह दिन।
प्रश्न 28.
लाहौर से लौटते समय सफ़िया के सापने बड़ी समस्या क्या थी?
उत्तर :
दामी कागज में लिपटे सेर भर लाहौरी नमक को छिपाने की।
प्रश्न 29.
सिख बीबी ने किससे सफिया के बारे में पूछा?
उत्तर :
सफिया के घर की बहू से।
प्रश्न 30.
सफ़िया ने बड़े भाई से क्या पूछा?
उत्तर :
क्यों भैया, नमक ले जा सकते हैं?
प्रश्न 31.
नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के बड़े भाई ने क्या कहा?
उत्तर :
लाहौर से नमक हिन्दुस्तान ले जाना गैरकानूनी है।
प्रश्न 32.
कौन-सी बात सफ़िया के बड़े भाई की समझ में नहीं आई और क्यों?
उत्तर :
जब नमक ले जाने के बारे में सफिया ने माँ का जिक्र किया तो यह बात सफ़िया के बड़े भाई की समझ़नें नें नहीं आई क्योंकि माँ तो बँटवारे के पहले ही मर चुकी थी।
प्रश्न 33.
सफ़िया कितने बजे लाहौर से हिन्दुस्तान के लिए रवाना हुई?
उत्तर :
दिन में दो बजे।
प्रश्न 34.
कौन अपने-आप को सैयद कहता है ?
उत्तर :
सफ़िया।
प्रश्न 35.
सफ़िया ने सिख बीबी से क्या वादा किया था?
उत्तर :
लाहौरी नमक लाने का वादा।
प्रश्न 36.
सफ़िया जान देकर भी कौन-सा वादा पूरा करना चाहती है?
उत्तर :
लाहौरी नमक लाने का वादा।
प्रश्न 37.
सफ़िया ने नमक को कहाँ छुपाने के बारे में सोचा?
उत्तर :
कीनुओं को टोकरी में।
प्रश्न 38.
हिन्दुस्तान से सब लोग कौन-सा फल लाहौर ले जा रहे थे ?
उत्तर :
केला।
प्रश्न 39.
लाहौर से हिन्दुस्तान आने वाले कौन-सा फल ला रहे थे?
उत्तर :
कीनू।
प्रश्न 40.
सफ़िया किस कहानी को याद कर रही थी?
उत्तर :
उस शहजादे की कहानी को जिसमें वह रान चौर कर , हीरा छिपाकर देवों, भूतों तथा राक्षसी के सरहदो को पार कर जाता था।
प्रश्न 41.
लाहौर में सफ़िया के कितने भाई थे ?
उत्तर :
तोन भाई थे।
प्रश्न 42.
सफ़िया के बाप की कब कहाँ थी?
उत्तर :
पांकिस्तान के लाहौर में।
प्रश्न 43.
सफ़िया के भतीजे-भतीजियाँ उससे क्या पूछते थे?
उत्तर :
फूफी जान, आप हिंदुस्तान में क्यों रहती हैं, जाएँ हमलोग नहीं आ सकते।
प्रश्न 44.
सफ़िया कितने समय बाद दुबारा लाहौर आ सकती थी?
उत्तर :
एक साल के बाद।
प्रश्न 45.
सफ़िया सपने में किन चीजों को देख रही थी ?
उत्तर :
इकबाल का मकबरा, लाहौर का किला, हवा मे रची-बसी मौलसिरी की खुशबू।
प्रश्न 46.
सफ़िया हिन्दुस्तान में कहाँ रहती थी?
उत्तर :
लखनऊ में।
प्रश्न 47.
पहले कस्टम अफसर ने सफ़िया को अपने बारे में क्या बताया?
उत्तर :
मेरा वतन देहली है जब पाकिस्तान बना था तभी आए चे, मगर हमारा वतन तो देहली ही हैं।
प्रश्न 48.
लाहौर से देहली (दिल्ली) तक का किराया सफिया को किसने दिया?
उत्तर :
सफ़िया के बड़े भाई ने।
प्रश्न 49.
सफिया लाहौर से दिल्ली किससे लौटी?
उत्तर :
रेलगाड़ी से ।
प्रश्न 50.
बहू ने सफ़िया के बारे में सिख बीबी को क्या बताया ?
उत्तर :
बहू ने सफ़िया के बारे में सिख बोबी को बताया कि ये मुसलमान हैं और कल ही अपने भाइयों से मिलने पाकिस्तान जा रही है।
प्रश्न 51.
सफ़िया ने कस्टमवालों को क्या दिखाने का निश्चय किया?
उत्तर :
लाहौरी नमक।
प्रश्न 52.
कस्टम ऑफिसर ने नमक को सफिया के बैग में देते हुए क्या कहा?
उत्तर :
“मुहब्यत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।”
प्रश्न 53.
सफ़िया को स्टेशन तक कौन विदा करने आए थे?
उत्तर :
सफ़िया के बहुत से दोस्त, भाई तथा रिश्तेदार।
प्रश्न 54.
पाकिस्तानी पुलिस किस स्टेशन पर उतर गई।
उत्तर :
अटारी।
प्रश्न 55.
हिन्दुस्तानी पुलिस किस स्टेशन पर सवार हुई?
उत्तर :
अटारी।
प्रश्न 56.
बंगाली दिखने वाले कस्टम ऑफिसर से सफिया ने क्या कहा ?
उत्तर :
‘देखिए, मेरे पास नमक है थोड़ा-सा।’
प्रश्न 57.
बंगाली दिखनेवाले कस्टम ऑंफिसर किस वतन का था?
उत्तर :
द्वाका का।
प्रश्न 58.
“हमारी जमीन, हमारे पानी का मजा ही कुछ और है'” – किसने, किससे कहा?
उत्तर :
बंगाली कस्टम ऑफिसर ने सफ़िया से कहा।
प्रश्न 59.
अमृतसर के पुल पर चढ़ती हुई सफ़िया क्या सोच रही थी?
उत्तर :
किसका वतन कहाँ है – वह कस्टम के इस तरफ से या उस तरफ।
प्रश्न 60.
सिख बीबी ने सफ़िया को लाहौर के बारे में क्या बताया?
उत्तर :
लाहौर बड़ा ही प्यारा शहर है। वहाँ के लोग कैसे खूबसूरत होते हैं, उम्दा खाने और नफीस कपड़ों के शौकीन, सैर-सपाटे के रसिया, जिंदादिली की तस्वीर।
प्रश्न 61.
लाहौर से सौगात मंगवाने के बारे में पूछने पर सिख बीबी ने क्या कहा?
उत्तर :
“अगर ला सको तो थोड़ा-सा लाहौरी नमक लाना।”
प्रश्न 62.
लाहौर से नमक ले जाने के बारे में सफिया ने किससे पूछने को सोचा ?
उत्तर :
अपने बड़े भाई से।
प्रश्न 63.
किस पर भावना के स्थान पर बुद्धि थीरे-धीरे हावी हो रही थी?
उत्तर :
सफिया पर।
प्रश्न 64.
भावना के स्थान पर बुद्धि के हावी होने का क्या अर्थ है?
उत्तर :
हरेक काम केवल भावनाओं में बहकर नहीं किया जा सकता। कभी-कभी भावना के स्थान पर बुद्धि से काम लेना अच्छा होता है।
प्रश्न 65.
कानून कब हैरान रह जाता है?
उत्तर :
मुहब्बत के आगे जब कस्टमवाले भी हार जाते हैं तब कानून हैरान रह जाता है।
प्रश्न 66.
सिख बीबी सफिया की ओर क्यों आकर्षित हुई?
उत्तर :
सिख बीबी भी लाहौर की थी और सफिया भी – इसलिए वह सफिया की ओर आकर्षित हुई।
प्रश्न 67.
कब सफिया के पैर तले की जमीन खिसकने लगी? क्यों?
उत्तर :
जब अमृतसर के कस्टम ऑफिसर ने सफिया को कुर्सी पर बिठाकर एक पुलिसवाले को ईशारा किया तब उसके पैर तले की जमीन खिसकने लगी। उसे लगा कि कस्टम औंकिसर उसे गिरफ्तार करवा देगा।
प्रश्न 68.
‘नमक’ कहानी में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किस कवि का जिक्र है?
उत्तर :
रवीन्द्रनाध टैगोर का।
प्रश्न 69.
‘नमक’ कहानी में किन तीन कवियों का जिक्र है?
उत्तर :
इकबाल, रवीन्द्रनाथ टैगोर तथा नजरूल इस्लाम।
प्रश्न 70.
अमृतसर में जाँच करने वाले कस्टम अधिकारी का नाम क्या है?
उत्तर :
सुनील दासगुप्त।
प्रश्न 71.
सुनील दासगुप्त को उसके किस मित्र ने कौन-सी किताब, कब दी थी?
उत्तर :
शमसुल इस्लाम ने सुनौल दास गुप्त के जन्मदिन पर सन् 1946 में।
प्रश्न 72.
सुनील दास गुप्त सफ़िया के किस प्रश्न का थोड़ा बुरा मान गए।
उत्तर :
वतन के बारे में पूछ्छे पर वे थोड़ा बुरा मान गए।
प्रश्न 73.
“हमारी जमीन, हमारे पानी का मजा ही कुछ और है” – हमारी जमीन का आशय किससे है?
उत्तर :
ढाका से।
प्रश्न 74.
जब सफ़िया अमृतसर के पुल पर चढ़ रही थी तब कस्टम अधिकारी सुनील दास गुप्त क्या कर रहे थे?
उत्तर :
पुल की सबसे निचली सीढ़ी के पास सिर झुकुकाए चुपचाप खड़े थे।
प्रश्न 75.
कस्टम अधिकारी सुनील दासगुप्त की उपहार स्वरूप प्राप्त पुस्तक के पहले सफ़े (पन्ना) पर क्या लिखा था?
उत्तर :
“शमसुल इस्लाम की तरफ से सुनील दासगुप्त को प्यार के साथ, ढाका 1961 ।”
प्रश्न 76.
सबसे पहले सफ़िया ने कहाँ नमक छिपाने का निश्चय किया?
उत्तर :
कीनुओं की टोकरी में।
प्रश्न 77.
“बाकी सब रफ्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा”‘ – किसके ठीक होने की बात कही जा रही है?
उत्तर :
हिंदुस्तान और पाकिस्तान के आपसी संबंधों के ठीक होने की बात कही जा रही है।
प्रश्न 78.
पुलिसवाला सफ़िया को क्यों घूरता चला गया?
उत्तर :
कस्टमवाले सामान्य यात्री के लिए चाय नहीं मंगाते और न ही उनकी खातिरदारी करते हैं इसलिए पुलिसवाला सफ़्रिया को घूरता चला गया।
प्रश्न 79.
“इनके सामान का ध्यान रखिएगा” – कौन, किसके समान का ध्यान रखने को कह रहा है?
उत्तर :
अमृतसर के दो कस्टम अधिकारी एक-दूसरे से सफ़िया के सामान का ध्यान रखने को कह रहे हैं।
प्रश्न 80.
सफ़िया को बचपन में सुनी कौन-सी कहानी याद आने लगी?
उत्तर :
शहजादों की कहानी।
प्रश्न 81.
किन दोनो के हाथों में भरी हुई बंदूके थीं?
उत्तर :
हिन्दुस्तानी तथा पाकिस्तानी पुलिस के हाथों में।
प्रश्न 82.
नमक की पुड़िया को कीनू की टोकरी की तह में रखने के बाद सफ़िया को कैसा महसूस हुआ?
उत्तर :
उसे ऐसा महसूस हुआ मानो उसने अपने किसी प्यारे को कझ की गहराई में उतार दिया हो।
प्रश्न 83.
सफ़िया किसे देखकर हैरान रह गई थी ?
उत्तर :
सफ़िया सिख बीबी (औरत) को देखकर हैरान रह गई थी।
प्रश्न 84.
नमक कहानी किस भारतीय-ऐतिहासिक घटना को आधार बनाकर लिखी गई है ?
उत्तर :
भारत-विभाजन की ऐतिहासिक घटना को आधार बनाकर लिखी गई हैं।
प्रश्न 85.
‘जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा”‘ – कौन किससे कहता है ?
उत्तर :
पाकिस्तानी कस्टम ऑंफिसर ने सफ्रिया से कहा ।
प्रश्न 86.
सफ़िया नमक क्यों ले जाना चाहती थी?
उत्तर :
सफ़िया ने सिख बीबी से लाहौरी नमक लाने का वायदा किया था इसलिए वह नमक ले जाना चाहती थी।
प्रश्न 87.
‘अदीब’ किसे कहते हैं ?
उत्तर :
लेखक/लेखिका को ही ‘अदीब’ कहते हैं।
प्रश्न 88.
सफ़िया ने नमक को कहाँ छुपाने के बारे में सोचा ?
उत्तर :
सफिया ने नमक को कीनू की टोकरी में हुपाने के बारे में सोचा ।
प्रश्न 89.
सिख बीबी अपना मूल वतन किसे मानती है ?
उत्तर :
लाहौर को ।
प्रश्न 90.
सफ़िया को लाहौर और अमृतसर में अंतर क्यों नहीं प्रतीत हुआ ?
उत्तर :
जिमखाना की शामें, दोस्तों की मुहब्बत, भाइयों की खातिरदारियाँ और सुहाने मौसम के कारण सफ़िया को लाहौर और अमृतसर में अंतर नही प्रतीत हुआ ।
प्रश्न 91.
सिख बीबी ने कौन-सी सौगात मँगाई थी ?
उत्तर :
लाहौरी नमक।
प्रश्न 92.
सफ़िया के भाई ने अदीबों पर व्यंग्य क्यों किया ?
उत्तर :
अदीब दिमाग की बजाय दिल से सोचते हैं इसालिए सफ़िया के भाई ने अदीबों पर व्यग्य किया ?
प्रश्न 93.
सफ़िया को बचपन में सुनी कहानियाँ क्यों याद आने लगी ?
उत्तर :
सफ़िया को बचपन में सुनी कहानियाँ इसलिए याद आने लगी क्योंकि उसमें शहजादा अपनी रानों (जांघ) को चीर कर हीरे छिपा लेता था – और उसके सामने भी लाहौरी नमक छिपाने की समस्या थी।
प्रश्न 94.
‘हाँ, मेरा वतन ढाका है’ – यह कौन किससे कहता है ?
उत्तर :
सुनौल दास गुप्त, कस्टम ऑंफिसर सफ़िया से कहता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. ‘नमक’ कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
अथवा
प्रश्न 2. ‘नमक’ कहानी का मूल भाव अपने शब्दों में लिखें।
अथवा
प्रश्न 3. नमक कहानी के माध्यम से लेखिका ने हमें क्या संदेश देना चाहा है?
अथवा
प्रश्न 4. नमक’ कहानी को सारांश लिखते हुए उसके उद्केश्य पर प्रकाश डालें।
अथवा
प्रश्न 5. ‘नयक’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालें।
अथवा
प्रश्न 6. ‘नमक’ कहानी हिन्दुस्तान-पाकिस्तान की एकता का पाठ पडाने वाली कहानी है । अपने विचार लिखें।
अथवा
प्रश्न 7. “मुहष्बत को कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है”, के आधार पर ‘चमक’ कहानी की विशेषताओं तथा उदेश्य को लिखें।
अथवा
प्रश्न 8. नमक कहानी में व्यक्त लेखिका के विचारों को अपने शब्दों में लिखें।
आथवा
प्रश्न 9. नमक’ भारत-पाक विभाजन के बाद विस्थापित लोगों के दिलों को टटोलती मार्मिक कहानी है – समीक्षा करें।
अथवा
प्रश्न 10. ‘क्या सब कानून हुकूमत के ही होते है” के आधार पर ‘नमक’ कहानी में व्यक्त लेखिका के विचारों की लिखें।
अथवा
प्रश्न 11. “पेरी तरफ से कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा’- पंक्ति के आधार पर ‘नमक’ कहानी में व्यक्त लेखिका के संदेश को लिखें।
अशवा
प्रश्न 12. “एक जमीन थी, एक जबान थी, एक-सी सूरतें और लिबास, एकरस लबोलहजा और अंदाज” पैक्ति के आशार पर हिन्दुस्तान-पाकिस्तान के आपसी संबंधों पर प्रकाश डालें।
अभवा
प्रश्न 13.
नमके कहानी की मार्मिकता पर अपने विवार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
रज़िया सज्ज़ाद ज़हीर की कहानी ‘नमक’ भारत-पाकिस्तान के आम लोगों के संबंधों पर आधारित मर्मस्पर्शी कहानी है।
कहानी के प्रारंभ में सफ़िया सिख बीवी से एक कीर्तन में मिलती है। वह उसकी ओर सहज ही आकर्षित हो जाती है क्योकि उसका चेहरा बिल्कुल सफिया की माँ से मिलता है। वह भारत-विभाजन के पहले ही इस दुनिया से विदा हो चुकी है। सफिया के मुसलमान होने तथा उसके लाहौर जाने के बारे में घर की बहू से पता चलता है। सिख बीवी का वतन भी
बँटवारे के पहले लाहौर ही था लेकिन वे आज भी उसे वतन मानती है। लाहौर की वह जी भर प्रशंसा करती है। सफिया के यह पूछने पर कि क्या वह लाहौर से कुछ सौगात मँगवाना चाहेगी, सिख बीवी उसे लाहौरी नमक लाने को कहती है।
पंद्रह दिन लाहौर में अपने भाइयों तथा अपने पुरानों अजीजों के साथ वह हिन्दुस्तान आने की तैयारी करती है। समस्या एक ही है कि लाहौरी नमक को कैसे ले जाया जाय क्योंकि उसे पाकिस्तान से हिन्दुस्तान ले जाना कानूनन जुर्म है। वह तय करती है कि कीनुओं की टोकरी में उसे छिपाकर ले जएगी। लेकिन अंत में वह निश्चय करती है कि मुहब्बत के इस सौगात को छिपाकर नहीं कस्टम ऑफिसर को बताकर ले जाएगी।
लाहौर तथा अमृतसर-दोनों के ही कस्टम ऑफिसर सारी बातें जानने के बाद सफ़िया के साथ नरमी से पेश आते हैं तथा नमक ले जाने की इजाजत दे देते हैं। लाहौर के कस्टम ऑफिसर ने चलते वक्त कहा भी – “मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है। “बहुत कुछ यही हाल अमृतसर के कस्टम ऑंकिसर सुनील दास गुप्त का भी है।
सफ़िया अमृतसर के रेलवे प्लेटफार्म के पुल पर चढ़ती हुई सोचती है कि हमारे रहनुमाओं ने भले ही हिन्दुस्तानपाकिस्तान और बांग्लादेश को सरहदों में बाँट रखा हो लेकिन लोगों के दिल नहीं बैटे। लोगों के दिलों के बीच कोई सरहद नहीं है।
यह सही है कि बँटवारे के बाद पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। आज भी अच्छे नहीं हैं लेकिन आप लोगों के दिलों में कहीं कोई भेदभाव नहीं है। लोग आज भी अपने वतन की यादों की खुशबू में खोए रहते हैं। हमारा हिन्दुस्तान कभी भी धर्म या मजहब के खाने में नहीं बँटा था। भक्तिकाल के कवि तुलसीदास, जो वर्ण-व्यवस्था को मानने वाले तथा परम्मरा के अनुयायी थे, ने भी कहा था –
“माँगी के खाइबो, मसीत (मस्जिद) : में सोइबो।”
जहाँ तक दोनों देशों के आपसी संबंधों के रफ्ता-रफ्ता सुधरने की बात है, उसके आसार नजर नहीं आते। शिक्षा में भी साप्रदायिक घुसपैठ शुरू कर दी गई है। पाकिस्तान में इतिहास को भी तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। आए दिन उसकी आतंकबादी गतिविधियों के कारण हमें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में चाहे वह हिंदुस्तान हो या पाकिस्तान या फिर बांग्लादेश- विभाजन का दर्द उन्हें ही झेलना पड़ रहा है क्योंकि आम आदमी आजाद होकर भी सरहदों का गुलाम है –
सत्ता – परिवर्तन में सौदा करने पर कत्लेआम हुआ
हिसा – नफरत पर रखी गई आज़ादी की आधारशिला आज़ाद हुआ बस लाल किला।
लेखिका सफ़िया की इस कहानी के माध्यम से राष्ट्रीय एकता का संदेश देना ही मुख्य उद्देश्य है। उन्हें अपने उद्देश्य में पूरी-पूरी सफलता मिली। कहानी का शीर्षक ‘नमक’ भी अपने-आप में सार्थक है क्योंकि कहानी के केंद्रबिंदु में नमक हो है।
प्रश्न 14. नमक कहानी के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण करें।
अथवा
प्रश्न 15. ‘गमक’ कहानी के जिस पात्र ने आपको सबसे अधिक प्रभावित किया है उसका चरित्र-धित्रण करें।
अथवा
प्रश्न 16. ‘नमक’ कहानी के आधार पर सफ़िया का चरित्र-चित्रण करें।
अथवा
प्रश्न 17. सफ़िया की चारित्रिक विशेषताओं को लिखें।
अथवा
प्रश्न 18.
‘नमक’ कहानी के आधार पर लिखें कि सफ़िया के चरित्र की किन विशेषताओं ने आपको आकर्षित किया है।
उत्तर :
सफ़िया ‘नमक’ कहानी की मुख्य पात्र है। कहानी की लेखिका रजिया सज्जाद जहीर ने इस चरित्र की सृष्टि ही इस उद्देश्य से किया है कि पाठकों को भारत-पाकिस्तान एकता व धार्मिक एकता का पाठ पढ़ाया जा सके। इसीलिए सफिया के चरित्र ने हमें सबसे अधिक प्रभावित किया है। सफ़िया की चारित्रिक विशेषताओं को निम्नांकित शीर्षकों के अंतर्गत देखा जा सकता है-
(क) सभी धर्मों के प्रति समान भाव-सफिया के दिल में सभी धर्मों के प्रति समान आदर की भावना है। इसकी इस विशेषता का पता हमें उसके कीर्तन में शामिल होने से चलता है। वह वहाँ के माहौल में इस प्रकार घुल-मिल ज्ञाती है कि सिख बीवी उसे भी सिख ही समझ लेती है। घर की बहू के बताने पर वह यह जान पाती है कि सफ़िया मुसलमान है।
(ख) बड़ों के प्रति आदर की भावना – सफ़िया के दिल में अपनों से बड़ों के प्रति आदर की भावना है। सिख बीवी में अपनी माँ की छवि पाकर वह उनके साथ वैसा ही व्यवहार करती है जैसे वह उसकी अपनी माँ हो। इतना ही नहीं जब उसे पता चलता है कि सिख बीवी भी लाहौर से हैं तो उनसे निवेदन करती है कि – ” आप लाहौर से कोई सौगात मँगाना चाहें तो मुक्षे हुक्म दीजिए।”
(ग) वायदे को निभानेवाली – सफ़िया ने सिख बीवी से यह वायदा किया था कि वह सौगात के तौर पर पाकिस्तान से उनके लिए लाहौरी नमक लेकर आएगी। वहाँ जाकर उसे पता चलता है कि ऐसा करना कानून जुर्म है फिर भी वह काफी परेशानी झेलकर भी उनके लिए नमक लाती है। अपने किए गए वायदे को पूरा करने के लिए वह कोई भी जोखिम उठाने को तैयार हो जाती है – “लेकिन फिर उस वायदे को क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था? … फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने? जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा।
(घ) मुहब्यत के कानून को सबसे ऊपर मानने वाली – जब सफ़िया को अपने पुलिस अफसर भाई से यह पता चलता है कि वह अपने साथ लाहौरी नमक लेकर हिन्दुस्तान नहीं ले जा सकती तो उसका दिल बगावत कर उठता है। जब भाई उसे बार-बार इस बात को समझने की कोशिश करता है तो उसी पर बिगड़ पड़ती है- “अरे, फिर वही कानून-कानून कहे जाते हो! वया सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौन्यत, आदमियत, इसानियत के नहीं होते?”
(ङ) सचचाई का साथ लेने वाली – सफ़िया बुरे वक्त में भी सच्चाई का साथ छोड़ने वाली नहीं है। नमक ले जाने के कानूनी अड़चन जानने के बाद भी वह निश्चय करती है कि वह नमक छिपाकर नहीं कस्टम वालों को बताकर ले जाएगी। वह नमक के बारे में पाकिस्तान तथा हिन्दुस्तान-दोनों के कस्टम आंफिसर को सच-सच बता देती है। दोनों उसकी सच्चाई से प्रभावित होकर कानून को नजर अदाज कर नमक ले जाने की इजाजत दे देते हैं।
कानून मुहब्बत से हार जाता है। पाकिस्तानी कस्टम ऑंफिसर तो यह कहता है – “‘मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।” इस प्रकार हम पाते हैं कि सफिया के चरित्र के माध्यम से लेखिका ने दोनों देशों के दिलों को टटोला है। अपने-पराए, देस-परदेश की प्रचलित धारणाओं पर सवाल खड़े किए हैं कि – ‘किसका वतन कहाँ है- वह कस्टम के इस तरफ है या उस तरफ।”
प्रश्न 19. नमक ले जाने के बारे में सफिया के मन में उत्पन्न द्वन्दू का वर्णन कीजिए।
अथवा
प्रश्न 20. “मुझे तो लाहौर का नमक चाहिए, मेरी माँ ने यही मेंगवाया है” – के आधार पर सफ़िया के मन में उत्पन्न द्वन्द्य का वर्णन कीजिए।
अथवा
प्रश्न 21. “तो मजबूरी है, छोड़ देंगे।”- पंक्ति के आधार पर सफिया के मानसिक द्वन्द्व के बारे में लिखें।
अथवा
प्रश्न 22. ‘लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था” – के आधार पर सफ़िया के मन में उत्पन्न द्वन्दू के बारे में लिखें।
अथवा
प्रश्न 23. “यही ठीक है, फिर देखा जाएगग” – के आधार पर सफ़िया के मानसिक दूंद का वर्णन करें। अथवा
प्रश्न 24. “वह अपना दिल चीरकर उसमें यह नमक छिपा लेती” – के आधार पर सफ़िया के मानसिक द्वंद्व का वर्णन करें
अथवा
प्रश्न 25. इतने कीनुओं के ढेर में भला कौन इसे देखेगा- के आधार पर सफिया के मानसिक द्वंद्व का वर्णन करें।
अथवा
प्रश्न 26. मानो उसने अपने किसी प्यारे को कब्र की गहराई में उतार दिया हो – पंक्ति के आधार पर सफ़िया के मानसिक दूंद्व का वर्णन करें।
अथवा
प्रश्न 27. छुपा के जाऊंगी? मैं तो दिखा के, जता के ले जाऊँगी – पंक्ति के आधार पर सफ़िया के मानसिक द्वंद्व का वर्णन करें।
अथवा
प्रश्न 28. मुहब्बत का यह तोहफा चोरी से नहीं जाएगा – प्रस्तुत कथन के आधार पर सफ़िया के मानसिक द्वंद्ध का वर्णन करें।
अथवा
प्रश्न 29.
“जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा” – पंक्ति के आधार पर लाहौरी नमक के बारे में सफ़िया के मानसिक दूंद्व का वर्णन करें।
उत्तर :
सफ़िया ने लाहौर आने से एक दिन पहले सिख बीवी से सौगात के तौर पर लाहौरी नमक लाने का वायदा किया था। लाहौर से लौटते समय उसके सामने सबसे बड़ी समस्या यह पैदा हो गई कि इस नमक को वह हिन्दुस्तान कैसे ले जाए। ऐसा करना कानूनन जुर्म था। सफिया के पुलिस ऑफिसर भाई ने उसे इसके बारे में समझाते हुए कहा कि, ‘ देखिए बाजी! आपको कस्टम से गुजरना होगा और अगर एक भी चीज ऐसी-वैसी निकल आई तो आपके सामान की चिंदी-चिंदी बिखेर देंगे कस्टमवाले।”
सफ़िया इस कानून को मानने को तैयार न थी। उसका तर्क था कि “क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौव्वत, आदमियत, इंसायनित के नहीं होते ?’
फिर उसके मन में भय पैदा होता है तथा वह सोचती है कि अगर ऐसा है तो वह नमक छोड़ देगी। लेकिन दूसरे ही पल उसे अपने किए वायदे का ख्याल आता है। वह निश्चय करती है कि नमक को वह कीनुओं की टोकरी में छिपाकर ले जाएगी। उसने देखा था कि कस्टमवाले फलों की टोकरी की तलाशी नहीं लेते।
सोफिया जैसे ही कस्टम पर जाँच के लिए पहुँची उसने अचानक अपना फैसला बदल दिया- “मुहब्बत का यह तोहफा चोरी से नहीं जाएगा, नमक कस्टमवालों को दिखाएगी वह।” और वह ऐसा ही करती है। पाकिस्तान तथा हिन्दुस्तान दोनों के ही कस्टम ऑफिसर सफिया की पूरी कहानी सुनने के बाद उसे नमक ले जाने की इजाजत दे देते हैं। हुकूमत के कानून के ऊपर मुहब्बत, इंसानियत के कानून की जीत होती है तथा अमृतसर आते-आते उसका यह दूंद्व एक प्रश्न में बदल जाता है- ‘किसका वतन कहाँ है – वह कस्टम के इस तरफ है या उस तरफ।”
नमक को लेकर सफिया का द्वंद हिन्दुस्तान-पाकिस्तान के आपसी संबंधों तथा दोनों देशों के हार्दिक पहलू को परतदर-परत उघाड़ देता है और एक सवाल भी छोड़ जाता है कि क्या अब रफ्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा?
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
सिख बीबी ने सफिया को लाहौर से क्या लाने के लिए कहा था?
(क) सेब
(ख) नमक
(ग) संतरा
(घ) पैसा
उत्तर :
(ख) नमक
प्रश्न 2.
‘मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।’ यह अंश किस कहानी से लिया गया है?
(क) धावक
(ख) उसने कहा था
(ग) नमक
(घ) सिरी उपमा जोग
उत्तर :
(ग) नमक।
प्रश्न 3.
सफिया लाहौर ____ महीने में गई थी।
(क) मार्च
(ख) अप्रैल
(ग) फरवरी
(घ) अगस्त
उत्तर :
(क) मार्च।
प्रश्न 4.
‘नमक’ कहानी के रचनाकार कौन हैं ?
(क) गुलेरी
(ख) शिवमूर्ति
(ग) रजिया सज्जाद जहीर
(घ) कृष्णा सोबती
उत्तर :
(ग) रजजिया सज्जाद जहीर।
प्रश्न 5.
‘जर्द गुलाब’ (उर्दू कहानी-संग्रह) किसकी रचना है?
(क) कृष्णा सोबती की
(ख) रजजिया सज्जाद जहीर की
(ग) प्रेमचंद की
(घ) जयशंकर प्रसाद की
उत्तर :
(ख) रज़िया सज्जाद जहीर की।
प्रश्न 6.
किसे देखकर सफ़िया हैरान रह गई थी?
(क) लाहौर को
(ख) सिख बीबी को
(ग) कस्टम आंफिसर को
(घ) इकबाल को
उत्तर :
(ख) सिख बीबी को।
प्रश्न 7.
सिख बीबी की शक्ल किससे मिलती थी?
(क) सफिया की माँ से
(ख) सफ़िया की बहन से
(ग) सफिया की भाभी से
(घ) सफिया की बहू से
उत्तर :
(क) साफिया की माँ से।
प्रश्न 8.
भारी-भरकम जिस्म किसका था?
(क) कस्टम ऑंफिसर का
(ख) सफ़िया के भाई का
(ग) सिख बीबी का
(घ) सफ़िया की बहू का
उत्तर :
(ग) सिख बीबी का।
प्रश्न 9.
“चेहरा जैसे कोई खुली हुई किताब”‘ – यहाँ किसके चेहरे के बारे में कहा गया है?
(क) सफ़िया
(ख) सुनील दास गुप्त
(ग) इकवाल
(घ) सिख बीबी
उत्तर :
(घ) सिख बीबी।
प्रश्न 10.
सफ़िया ने कई बार किसकी ओर मुहब्बत से देखा?
(क) सिख बीबी की ओर
(ख) भतीजे- भतीजी की ओर
(ग) भाई की ओर
(घ) कस्टम ऑफिसर की और
उत्तर :
(क) सिख बीबी की ओर ।
प्रश्न 11.
“जब हिन्दुस्तान बना था तभी आए थे” – वक्ता कौन है?
(क) सफिया
(ख) सुनील दासगुप्त
(ग) सिख बीबी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) सिख बीबी।
प्रश्न 12.
कीर्तन कितने बजे खत्म हुआ?
(क) दस बजे
(ख) बारह बजे
(ग) नौ बजे
(घ) ग्यारह बजे
उत्तर :
(घ) ग्यारह बजे।
प्रश्न 13.
“साडा लाहौर” – वक्ता कौन है?
(क) सक्रिया
(ख) सिख बीबी
(ग) कस्टम ऑफिसर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) सिख बीबी।
प्रश्न 14.
“लाहौर बहुत याद आता है” – किसे लाहौर बहुत याद आता है?
(क) सफिया
(ख) सुनील दासगुप्त
(ग) बहू
(घ) सिख बौबी
उत्तर :
(घ) सिख बीबी।
प्रश्न 15.
सिख बीबी ने किस रंग का दुपट्टा ओढ़ा था?
(क) लाल
(ख) नौला
(ग) पीला
(घ) सफेद
उत्तर :
(घ) सफेद्।
प्रश्न 16.
सफ़िया कहाँ जा रही थी?
(क) पाकिस्तान
(ख) अफगानिस्तान
(ग) डाका
(घ) हिन्दुस्तान
उत्तर :
(क) पाकिस्तान।
प्रश्न 17.
‘सफ़िया’ किस कहानी की पात्र है?
(क) चपल
(ख) नमक
(ग) ढाका
(घ) नन्हा संगीतकार
उत्तर :
(ख) नमक।
प्रश्न 18.
‘जिंदादिली की तस्वीर’ किसे कहा गया है?
(क) सिख्ब बीबी को
(ख) सफ़िया को
(ग) लाहौर वालों को
(घ) अमृतसर वालों को
उत्तर :
(ग) लाहौर वालों को।
प्रश्न 19.
“सब ठीक ही है” – वक्ता कौन है ?
(क) सफ़िया
(ख) सफ्रिया का भाई
(ग) कस्टम ऑफिसर
(घ) सिख बीबी
उत्तर :
(घ) सिख बीबी।
प्रश्न 20.
सफ़िया पाकिस्तान में कितने दिन रही?
(क) दस
(ख) पन्द्रह
(ग) बीस
(घ) पचीस
उत्तर :
(ख) पन्द्रह।
प्रश्न 21.
मेरी माँ ने यही मँगवाया है – वक्ता कौन है?
(क) सफ़िया का भाई
(ख) सुनील दासगुप्त
(ग) सिख बीबी
(घ) सफ़िया
उत्तर :
(घ) सफिया।
प्रश्न 22.
“मुझे तो लाहौर का नमक चाहिए” – वक्ता कौन है ?
(क) सिख बीबी
(ख) सफ्रिया
(ग) कस्टम ऑफिसर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) सफ़िया।
प्रश्न 23.
“आपको कस्टम से गुज़रना होगा” – वक्ता कौन है?
(क) कस्टम ऑफिसर
(ख) सिपाही
(ग) सफ़िया का भाई
(घ) सिख बीबी
उत्तर :
(ग) सफ़िया का भाई।
प्रश्न 24.
‘वे तो बँटवारे से पहले ही मर चुकी थीं – ‘वे’ कौन हैं ?
(क) सिख बीबी
(ख) सफ्रिया की माँ
(ग) सफ़िया की बहन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) सफ़िया की माँ 1
प्रश्न 25.
“आपलोगों के हिस्से में तो हमसे बहुत ज्यादा नमक आया है” – वक्ता कौन है ?
(क) कस्टम ऑफिसर
(ख) सफ्रिया
(ग) सफ़िया का भाई
(घ) पुलिस
उत्तर :
(ग) सफिया का भाई।
प्रश्न 26.
“सिर्फ दो चीजें रह गई” – कौन-सी दो चीजें रह गई?
(क) टी० वी० और नमक
(ख) कीनू और नमक
(ग) संतरा और नमक
(घ) सूटकेस और बिस्तरबंद
उत्तर :
(ख) कीनू और नमक ।
प्रश्न 27.
माल्टे की तरह रंगीन और मीठा, संतरे की तरह नाजुक किसे कहा गया है?
(क) कीनू को
(ख) सिख बीबी को
(ग) सफ़िया को
(घ) लाहौरवालों को
उत्तर :
(क) कीनू को
प्रश्न 28.
‘हम अपने को सैयद कहते हैं” – वक्ता कौन है ?
(क) सफ्रिया का भाई
(ख) संफ्रिया
(ग) लाहौरवाले
(घ) अमृतसरवाले
उत्तर :
(ख) सफ़िया।
प्रश्न 29.
“एक समस्या थी” – समस्या क्या थी?
(क) कस्टमवालों को समझ्षाना
(ख) सिख बीबी को समझाना
(ग) सफ़िया को समझाना
(घ) लाहौरी नमक ले जाना
उत्तर :
(घ) लाहौरी नमक ले जाना।
प्रश्न 30.
बिछुड़ी हुई परदेसी बहन कौन है?
(क) सिख बीबी
(ख) संफ़िया
(ग) लेखिका
(घ) लाहौर की स्त्वियाँ
उत्तर :
(ख) सफ़िया।
प्रश्न 31.
“फिर वायदा करके झुठलाने के क्या फायदे'” – किसने कहा?
(क) सफ्रिया ने
(ख) सिख बीबी ने
(ग) भतीजियों ने
(घ) बहुओं ने
उत्तर :
(क) सफ़िया ने।
प्रश्न 32.
सब लाहौर/पाकिस्तान से कौन-सा फल हिंदुस्तान ला रहे थे?
(क) आम
(ख) केला
(ग) लीची
(घ) कीनू
उत्तर :
(घ) कीनू।
प्रश्न 33.
हिन्दुस्तान से लोग पाकिस्तान कौन-सा फल सौगात के रूप में ले जा रहे थे?
(क) केले
(ख) कीनू
(ब) चीक्
(घ) नारंगी
उत्तर :
(क) केले।
प्रश्न 34.
रज़िया सज्जाद जहीर का जन्म कहाँ हुआ था?
(क) अमृतसर
(ख) लाहौर
(ग) अजमेर
(घ) अटारी
उत्तर :
(ग) अजमेर।
प्रश्न 35.
सफ़िया के बाप की कब्न कहाँ थी?
(क) अमृतसर में
(ख) अजमेर में
(ग) लखनऊ में
(घ) लाहौर में
उत्तर :
(घ) लाहौर में।
प्रश्न 36.
आप हिन्दुस्तान में क्यों रही हैं – वक्ता कौन है ?
(क) कस्टम ऑफिसर
(ख) सिख बीबी
(ग) भतीजा-भतीजी
(घ) बहू.
उत्तर :
(ग) भतीजा-भतीजी।
प्रश्न 37.
सपने में सफिया ने किसका मकबरा देखा?
(क) पीर का
(ख) इकबाल का
(ग) मिर्जा गालिब का
(घ) नजरूल इस्लाम का
उत्तर :
(ख) इकबाल का।
प्रश्न 38.
‘यह हिन्दुस्तान-पाकिस्तान की एकता का मेवा है”-वक्ता कौन है ?
(क) कस्टम ऑफिसर
(ख) भाई
(ग) सफिया का दोस्त
(घ) सिख बीबी
उत्तर :
(ग) सफ़िया का दोस्त।
प्रश्न 39.
किसे हिन्दुस्तान-पाकिस्तान की एकता का मेवा कहा गया है?
(क) काजू को
(ख) किशमिश को
(ग) छुहारा को
(घ) कीनू को
उत्तर :
(घ) कीनू को।
प्रश्न 40.
लाहौरी नमक के बारे में सफ़िया ने क्या फैसला किया?
(क) वह नमक नहीं ले जाएगी
(ख) मुहब्बत का यह तोहफा चोरी से नहीं जाएगा
(ग) मुहब्बत का यह तोहफा चोरी से ही जाएगा
(ब) वह सिख बीबी को दिया वचन वापस ले लेगी।
उत्तर :
(ख) मुहब्बत का यह तोहफा चोरी से नहीं जाएगा।
प्रश्न 41.
“मैं आपसे कुछ पूछना चाहती हूँ ?” – वक्ता कौन है?
(क) सफ़िया
(ख) सिख बीबी
(ग) बहू
(घ) भतीजी
उत्तर :
(क) सफ़िया।
प्रश्न 42.
‘आप कहाँ के रहनेवाले हैं ?’ – ‘आप’ से कौन संकेतित है ?
(क) सफ़िया
(ख) सिख बीबी
(ग) कस्टम ऑफिसर
(घ) सुनील दासगुप्त
डत्तर :
(ग) कस्टम ऑफिसर।
प्रश्न 43.
“मैं लखनऊ की हूँ” – कौन लखनऊ की है?
(क) सिख बीबी
(ख) सफ़िया
(ग) पोली
(घ) बहू
उत्तर :
(ख) सफ़िया।
प्रश्न 44.
‘वे लोग इधर आ गए हैं’ – ‘वे’ से कौन संकेतित है?
(क) सफिया के भाई
(ख) सफिया की बहन
(ग) सफ्रिया के पति
(घ) सफ़िया के ससुरालवाले
उत्तर :
(क) सफ़िया के भाई।
प्रश्न 45.
‘मगर हमारा वतन तो देहली ही है” – वक्ता कौन है?
(क) सिख बीबी
(ख) सफ़िया
(ग) कस्टम ऑफिसर
(घ) सफिया का बड़ा भाई
उत्तर :
(ग) कस्टम ऑफिसर।
प्रश्न 46.
“जब पाकिस्तान बना था तभी आए थे” – वक्ता कौन है?
(क) बह
(ख) सफ्रिया
(ग) सिख बीबी
(घ) कस्टम ऑफिसर
उत्तर :
(घ) कस्टम ऑंकिसर।
प्रश्न 47.
कस्टम ऑफिसर ने सफ़िया से किसे अपना सलाम कहने को कहा?
(क) अब्बाजान को
(ख) इकबाल को
(ग) जामा मस्जिद्न की सीढ़ियों को
(घ) सिख बीबी को
उत्तर :
(ग) जामा मस्जिद् की सीढ़ियों को।
प्रश्न 48.
‘लाहौर अभी तक उनका वतन है”‘ – ‘उनका’ से कौन संकेतित है?
(क) सिख बीबी
(ख) जो बंटवारे के बाद भारत में रह गए
(ग) सफ़िया का भाई
(घ) इकबाल
उत्तर :
(क) सिख बीबी।
प्रश्न 49.
“इधर आइए ज़रा।” – वक्ता कौन है?
(क) सफ्रिया
(ख) सिख बीबी
(ग) पुलिस
(घ) सुनील दास गुप्त
उत्तर :
(घ) सुनील दास गुप्त।
प्रश्न 50.
किसके पैर तले की जमीन खिसकने लगी?
(क) सिख बीबी की
(ख) कस्टम ऑफिसर की
(ग) सफ़िया की
(घ) पुलिस की
उत्तर :
(ग) सफिया की
प्रश्न 51.
सुनील दास गुप्त को उपहार में मिली पुस्तक के बाईं ओर किसकी तस्वीर थी?
(क) नजरूल इस्लाम की
(ख) इकबाल की
(ग) टैगोर की
(घ) मिर्जा गालिब की
उत्तर :
(क) नजरूल इस्लाम की।
प्रश्न 52.
“अब उधर भी कुछ गोलमाल हो गया है” – ‘उधर’ से किसके बारे में कहा गया है?
(क) पाकिस्तान
(ख) हिन्दुस्तान
(ग) ढाका
(घ) लाहौर
उत्तर :
(ग) ढाका।
प्रश्न 53.
‘हमारे यहाँ डाभ की क्या बात है’ – ‘हमारे यहाँ’ से अर्थ है?
(क) पाकिस्तान
(ख) हिन्दुस्तान
(ग) दाका
(घ) लाहौर
उत्तर :
(ग) ढाका।
प्रश्न 54.
“हमारी जमीन, हमारे पानी का मजा ही कुछ और है’ – ‘हमारी जमीन’ किसे कहा गया है?
(क) ढाका को
(ख) लाहौर को
(ग) लखनऊ को
(घ) श्रोलंका को
उत्तर :
(क) दाका को।
प्रश्न 55.
अमृतसर के पुल पर चढ़ते समय सफ़िया क्या सोच रही थी?
(क) अद वह कभी पाकिस्तान नहीं जाएगी
(ख) वह कभी नमक नहीं लाएगी
(ग) किसका वतन कहाँ है
(घ) लाहौर कहाँ खत्म हुआ
उत्तर :
(ग) किसका वतन कहाँ है?
प्रश्न 56.
‘नमक’ कहानी में किस महीने की सुहानी हवा के बारे में कहा गया है?
(क) मार्च
(ख) अप्रैल
(ग) मई
(घ) जून
उत्तर :
(क) मार्च।
प्रश्न 57.
सफ़िया का भाई क्या था?
(क) व्यापारी
(ख) वकील
(ग) पुलिस ऑफिसर
(घ) डॉक्टर
उत्तर :
(ग) पुलिस ऑंफिसर।
प्रश्न 58.
‘नमक’ कहानी का मुख्य विषय क्या है?
(क) लहौरी नमक की कहानी
(ख) हिन्दुस्तान-पाकिस्तान की कहानी
(ग) हिन्दुस्तान-पाकिस्तान के लोगों के आपसी संबंध की कहानी
(घ) पाकिस्तान से लाहौरी नमक लाना कठिन है
उत्तर :
(ग) हिन्दुस्तान-पाकिस्तान के लोगों के आपसी संबंध की कहानी।
प्रश्न 59.
भारतीय कस्टम ऑफिसर कहाँ का था?
(क) भारत का
(ख) लाहौर का
(ग) दाका का
(घ) नेपाल का
उत्तर :
(ग) ढाका का ।
प्रश्न 60.
भाई और बहन के बीच कौन-सा मुद्दा कानूनी मुद्दा था?
(क) लाहौरी नमक का मुद्दा
(ख) पाकिस्तान के बंटवारे का मुद्धा
(ग) पाकिस्तान से लौटने का मुद्दा
(घ) कीनू ले जाने का मुद्दा
उत्तर :
(क) लाहौरी नमक का मुद्दा।
प्रश्न 61.
सफ़िया ने पहले नमक को कहाँ छिपाने का निश्चय किया?
(क) सूटकेस में
(ख) बिस्तर बंद में
(ग) कीनू की टोकरी में
(घ) हैंडबैग में
उत्तर :
(ग) कीनू की टोकरी में।
प्रश्न 62.
सफ़िया बचपन में किससे कहानियाँ सुना करती थी ?
(क) माँ से
(ख) बहन से
(ग) नानी से
(घ) दादी से
उत्तर :
(क) माँ से।
प्रश्न 63.
जामा मस्जिद कहाँ है?
(क) दिल्ली में
(ख) अज़मेर में
(ग) लखनऊ में
(घ) अमृतसर में
उत्तर :
(क) दिल्ली में ।
प्रश्न 64.
किसका नाम सुनकर सिख बीबी सफिया के पास आ बैठी ?
(क) कीर्तन का
(ख) प्रसाद का
(ग) नमक का
(घ) लाहौर का
उत्तर :
(घ) लाहौर का।
प्रश्न 65.
“देखिए बाजी”‘ – बाजी कौन है?
(क) सिख बीबो
(ख) सफ़िया
(ग) बहू
(घ) भतीजी
उत्तर :
(ख) सफ़िया।
प्रश्न 66.
‘वह हैरान होकर बोला” – ‘वह’ कौन है?
(क) पुलिस
(ख) कस्टम ऑफिसर
(ग) सुनील दासगुप्त
(घ) सफ़िया का भाई
उत्तर :
(घ) सफ़िया का भाई।
प्रश्न 67.
“सिर्फ दो चीजें रह गई” – दो चीजें कौन थीं?
(क) संतरे और माल्टे
(ख) सूटकेस और बिस्तरबंद
(ग) कीनू और नमक की पुड़िया
(घ) कीनू और मेवे
उत्तर :
(ग) कीनू और नमक की पुड़िया।
प्रश्न 68.
“तो आप यहाँ कब आए?” – वक्ता कौन है?
(क) सफ़िया
(ख) सिख बीबी
(ग) भाई
(घ) कस्टम ऑंफिसर
उत्तर :
(क) सफ्रिया।
प्रश्न 69.
यही ठीक है फिर देखा जाएगा – वक्ता कौन है ?
(क) सिख बीबी
(ख) कस्टम ऑफिसर
(ग) सफ़िया
(घ) सुनील दासगुप्त
उत्तर :
(ग) सफ़िया।
प्रश्न 70.
“उसने एक आह भारी” – किसने आह भरी?
(क) सिख बीबी
(ख) सफ़िया
(ग) बहू
(घ) भतीजी
उत्तर :
(ख) सफ़िया।
प्रश्न 71.
“उसने सोचा कि वह ठीक राय दे सकेगा” – ‘वह’ से कौन संकेतित है?
(क) कस्टम ऑफिसर
(ख) सुनील दासगुप्त
(ग) सफ़िया का भाई
(घ) शमसुल इस्लाम
उत्तर :
(ग) सफ़िया का भाई।
प्रश्न 72.
“हो सकता है, साल भर बाद फिर आए” – पंक्ति किस पाठ से उद्धात है?
(क) चण्यल
(ख) नमक
(ग) धावक
(घ) नौबतखाने में इबादत
उत्तर :
(ख) नमक।
प्रश्न 73.
“हमें वहाँ से आए तो बहुत दिन हो गए” – वक्ता कौन है?
(क) सफ्रिया
(ख) सुनील दासगुप्त
(ग) सिख बीबी
(घ) शमसुल इस्लाम
उत्तर :
(ग) सिख बीबी।
प्रश्न 74.
“तो तुम कल चली जाओगी?” – वक्ता कौन है?
(क) सिख बीबी
(ख) भतौजी
(ग) सफ़िया का भाई
(घ) कस्टम ऑफिसर
उत्तर :
(ग) सफिया का भाई।
प्रश्न 75.
“अब कब आओगी?” – वक्ता कौन है?
(क) सफ़िया का भाई
(ख) सिख बीबी
(ग) कस्टम ऑफिसर
(घ) सुनील दासगुप्त
उत्तर :
(क) सफ़िया का भाई।
प्रश्न 76.
”वह कुछ जाँच नहीं रही थी’ – वह कौन है?
(क) सफ़िया
(ख) वर्दी
(ग) सिख बीबी
(घ) नमक की पुड़िया
उत्तर :
(ख) वर्दी।
प्रश्न 77.
“लेकिन सिर्फ वही जानती है” – प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
(क) चप्पल
(ख) नन्हा संगीतकार
(ग) नमक
(घ) धावक
उत्तर :
(ग) नमक।
प्रश्न 78.
“हीं, मेरा ढाका है।” – वक्ता कौन है?
(क) सुनील दास गुप्त
(ख) सफ़िया
(ग) सिख बीबी
(घ) कस्टम ऑफिसर
उत्तर :
(क) सुनील दास गुप्त।
प्रश्न 79.
“सफ़िया ने उसके पीछे चलना शुरू किया” – सफ़िया ने किसके पीछे चलना शुरू किया?
(क) भाई
(ख) सिख बीबी
(ग) सुनील दास गुप्त
(घ) भतीजी
उत्तर :
(ग) सुनील दास गुप्त।
प्रश्न 80.
‘वह कस्टम के इस तरफ है या उस तरफ” – ‘वह’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(क) सफिया
(ख) सिख बीबी
(ग) वतन
(घ) जामा मस्जिद
उत्तर :
(ग) वतन।
प्रश्न 81.
‘”दो चाय लाओ, अच्छी वाली'” – प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
(क) चणल
(ख) नमक
(ग) नौबतखाने में इबादत
(घ) नन्हा संगीतकार
उत्तर :
(ख) नमक।
प्रश्न 82.
“अब क्या होगा” – प्रस्तुत पंक्ति किस पाठ से ली गई है?
(क) नमक
(ख) धावक
(ग) चपल
(घ) उसने कहा था
उत्तर :
(क) नमक।
प्रश्न 83.
“जब डिवीजन हुआ तभी आए” – वक्ता कौन है?
(क) सिख बीबी
(ख) सफिया
(ग) सुनील दास गुप्त
(घ) सफिया का भाई
उत्तर :
(ग) सुनील दास गुप्त।
प्रश्न 84.
‘मगर हमारा वतन ढाका है'” – वक्ता कौन है?
(क) सुनोल दास गुप्त
(ख) सफ़िया
(ग) सिख बीबी
(घ) सफ़िया का भाई
उत्तर :
(क) सुनील दास गुप्त।
प्रश्न 85.
“मैं तो कोई बारह-तेरह साल का था” – वक्ता कौन है?
(क) सिख बीबी
(ख) सफ़िया का भाई
(ग) सफ़िया का दोस्त
(घ) सुनील दास गुप्त
उत्तर :
(घ) सुनील दास गुप्त।
प्रश्न 86.
सफ़िया और सिख बीबी की पहली मुलाकात कहाँ हुई ?
(क) रेलगाड़ी में
(ख) सिनेमा हॉल में
(ग) कीर्त्तन में
(घ) लाहौर में
उत्तर :
(ग) कीर्त्तन में।
प्रश्न 87.
बंगाली-सा लगनेवाले कस्टम अधिकारी का नाम था ?
(क) अनिल कुमार गुप्ता
(ख) सुनील कुमार गुप्ता
(ग) सुनील दास गुप्ता
(घ) अनिल दास गुप्ता
उत्तर :
(ग) सुनील दास गुप्ता।
प्रश्न 88.
कीनू की टोकरी में क्या छिपाया गया ?
(क) नमक
(ख) चीनी
(ग) मोती
(घ) माला
उत्तर :
(क) नमक।
प्रश्न 89.
अटारी क्या है ?
(क) एक स्टेशन
(ख) एक शहर
(ग) सामान रखने की जगह
(घ) एक औजार
उत्तर :
(क) एक स्टेशन।
प्रश्न 90.
पाकिस्तानी कस्टम ऑफिसर का वतन कहाँ था ?
(क) लाहौर में
(ख) सिंध में
(ग) अमृतसर में
(घ) दिल्ली में
उत्तर :
(घ) दिल्ली में।
प्रश्न 91.
भारतीय कस्टम ऑफिसर का वतन कहाँ था ?
(क) अमृतसर
(ख) लाहौर
(ग) द्वाका
(घ) दिल्ली
उत्तर :
(ग) द्वाका ।
प्रश्न 92.
‘नमक’ कहानी में किस नमक की चर्चा की गई है ?
(क) साधारण नमक
(ख) काला नमक
(ग) लाहौरी नमक
(घ) सेंधा नमक
उत्तर :
(ग) लाहौरी नमक ।
प्रश्न 93.
सफ़िया सौगात के तौर पर लाहौर से लाना चाहती थी –
(क) छुहारे
(ख) सेव
(ग) कीनू
(घ) लाहौरी नमक
उत्तर :
(घ) लाहौरी नमक।
प्रश्न 94.
‘मुहब्बत का यह तोहफा चोरी से नहीं जाएगा’ यहाँ किस तोहफे की बात हो रही है ?
(क) कीमती कपड़ों की
(ख) लाहौरी नमक की
(ग) कीनू की
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) लाहौरी नमक की।
प्रश्न 95.
“हमारी जमीन, हमारे पानी का मज़ा ही कुछ और ही है” – ‘हमारी जमीन’ किसे कहा गया है ?
(क) लाहौर को
(ख) अमृतसर को
(ग) ढाका को
(घ) श्रीलंका को
उत्तर :
(ग) दाका को ।
प्रश्न 96.
सफ़िया किसको देख कर हैरान रह गई थी ?
(क) सिख बीबी को
(ख) सुनील दास गुप्त को
(ग) मशहूर शायर इकबाल को
(घ) अपने भाई को
उत्तर :
(क) सिख बीबी को।
प्रश्न 97.
इकबाल का मकबरा किस शहर में है ?
(क) ढाका
(ख) लाहौर
(ग) दिल्ली
(घ) अमृतसर
उत्तर :
(ख) लाहौर।
प्रश्न 98.
“बे मुसलमान हैं” – किसके बारे में कहा गया है?
(क) सफ़िया
(ख) सफ़िया का भाई
(ग) कस्टम ऑफिसर
(घ) सफिया के दोस्त
उत्तर :
(क) सफ़िया।
प्रश्न 99.
“लाहौर कितना प्यारा शहर है” – किसने कहा?
(क) संफ़िया
(ख) सिख बीबी
(ग) कस्टम ऑफिसर
(घ) सुनील दासगुप्त
उत्तर :
(ख) सिख बीब्री।
वस्तुनिष्ठ सह व्याख्यामूलक प्रश्नोत्तर
1. “आप अदीब ठहरीं और सभी अदीबों का दिमाग थोड़ा-सा तो जरूर घूमा हुआ होता है।”
प्रश्न :
बह किसका कथन है?
उत्तर :
यह कथन सफ़िया के पुलिस अफसर भाई का है।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति की प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर :
जब सफ़िया कानून की बात दरकिनार कर अपने भाई से कहती है कि ” क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इसानियत के नहीं होते ?” तो इसी के जवाब में भाई कहता है कि आप अदीब (लेखिका) ठहरीं और सभी अदीबों का दिमाग थोड़ा-सा तो जरूर घूमा हुआ होता है। कारण यह है कि अदीब दिमाग की बजाए दिल से ज्यादा काम लेते हैं।
2. उन सिख बीबी को देखकर सफ़िया हैरान रह गई थी।
अथवा
3. वही भारी भरकम जिस्म, छोटी-छोटी चमकदार आँखें।
अथवा
4. चेहरा जैसे कोई खुली हुई किताब।
प्रश्न :
रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रज़िया सज्जाद ज़हीर।
प्रश्न :
कौन, किसकी माँ से मिलती थी ?
उत्तर :
सिख बीबी की सूरत सफ़िया की माँ से मिलती थी।
प्रश्न :
प्रस्तुत गद्यांश का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
जब सफ़िया ने उस सिख बीबी को कीर्तन में देखा तो हैरानी से देखती रह गई थी। उसकी शक्ल-सूरत बिल्कुल उसकी माँ से मिलती थी जो कई साल पहले ही चल बसी थी। माँ की ही तरह उसका जिस्म भी भारी-भरकम, आँखे छोटी-छोटी पर चमकदार थीं। उनका चेहरा ऐसा था मानो खुली हुई किताब हो। कहने का भाव यह है कि कोई मी भाव उनके वेहरे पर आसानी से पढ़ा जा सकता था जैसे किसी खुली-किताब को पढ़ा जा सकता है।
5. उन्हें बताया गया ये मुसलमान हैं।
अथवा
6. कल ही सुबह लाहौर जा रही है।
प्रश्न :
किसे, किसके बारे में बताया गया?
उत्तर :
सिख बीबी को सफ़िया के बारे में बताया गया।
प्रश्न :
लाहौर कौन जा रही है?
उत्तर :
सफ़्रिया लाहौर/पाकिस्तान जा रही है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
जिस तरह सफ़िया सिख यीबी की तरफ आकर्षित हुई थीं ठीक उसी प्रकार सिख बीबी भी सफ़िया की ओर आकर्षित हुई। जब सफिया ने कई बार प्रेम की नजजरों से उनकी और देखा तो सिख बीबी ने घर की बहू से पूछा। बहू ने सिख बीबी को सफ़िया के बारे में बताया कि वह सिख नहीं मुसलमान है तथा कल ही अपने भाइयों से मिलने पाकिस्तान जा रही है। कीर्तन में शामिल होने के कारण सिख बीबी अभी तक सफ़िया को मुसलमान न समझजकर सिख ही समझ रही थीं।
7. उनका लाहौर कितना प्यारा शहर है।
अथवा
8. वहाँ के लोग कैसे खूबसूरत होते हैं।
अथवा
9. उम्दा खाने और नफीस कपड़ों के शौकीन।
अथवा
10. सैर-सपाटे के रसिया, जिंदादिली की तस्वीर।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति के रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
सिख बीवी भी मूलत: लाहौर की ही थीम। भारत-विभाजन के समय उन्हें लाहौर छोड़ना पड़ा था। जब उन्हें सफिया के लाहौर जाने के बारे में पता चला तो उन्होंने वहाँ की तारीफों के पुल बाँध दिए कि लाहौर बहुत ही प्यारा शहर है और वहाँ के लोग भी उतने ही प्यारे हैं। वहाँ के लोग खूबसूरत, अच्छे खाने-कपड़े के शौकान, घूमने-फिरने के शौकीन तथा दरिया दिल होते हैं। लाहौर छोड़ने के बावजूद उनके मन में लाहौर तथा वहाँ के लोगों के बारे में कोई कड़वाहट नहीं थी।
11. वे आहिस्ता-आहिस्ता बातें करती रहीं।
अथवा
12. हाँ बेटी! जब हिन्दुस्तान बना था तभी आए थे।
अथवा
13. लाहौर बहुत याद आता है।
अध्रवा
14. हमारा वतन तो जी लाहौर ही है।
अथवा
15. फिर पलकों से कुछ सितारे दूटकर दूधिया आँचल में समा जाते हैं।
अथवा
16. बात आगे चल पड़ती, मगर घूम-फिरकर फिर उसी जगहु पर आ जाती।
अथवा
17. साडा लाहौर!
प्रश्न :
प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर :
प्रस्तुत गद्यांश ‘नमक’ पाठ से लिया गया है।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता सिख बीवी है।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
जब सिख बीवी को सफ़िया के भी लाहौर के होने का पता चला तो दोनों बातें करने में मशगूल हो गई। सिख बीवी ने बताया कि भ्रारत-विभाजन के समय उनन्हें लाहौर छोड़ना पड़ा लेकिन लाहौर आज भी उनकी यादों में बसा है। उन दिनों को याद कर आँस के कुछ कतरे उनके सफेद दुपट्टे पर टपक पड़ते हैं। इधर-उधर की बाते होतीं पर बात घूमफिर कर फिर लाहौर पर ही चली आती। वे आज भी इस बात को नहीं भूल पाती कि उनका वतन तो लाहैर ही है। लाहौर के प्रति उनके दिल में जो प्रेम है व इन शब्दों में झलक जाता है – ‘साडा लाहौर।’
18. आप लाहौर से कोई सौगात मँगाना चाहें तो पुझे हुक्म दीजिए।
अथवा
अगर ला सको तो थोड़ा-सा लाहौरी नमक लाना।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति के रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रजिया सज्जाद ज़ीर ।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
सिख बीवी का लाहौर के प्रति प्रेम देखकर साफियया के दिल में यह बात आती है कि वहाँ कोई का सौगात पाकर उन्हें बेइंतहा खुशी होगी। इसलिए वे सिख बीवी से कहती हैं कि अगर वे लाहौर से अपने लिए कोई सौगात मंगवाना चाहें तो बेहिचक कहें। लेकिन सफ़िया को आध्रर्य होता है जब सिख बेवी सफ़िया से कहती है – “अगर ला सको तो थोड़ासा लाहौरी नमक लाना।”
20. पंद्रह दिन बों गुजरे कि पता ही नहीं चला।
प्रश्न :
प्रस्तुत गय्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर :
प्रस्तुत गद्यांश ‘नमक’ पाठ से लिया गया है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
पाकिस्तान जाने के पहले सफिया ने मन ही मन यह सोचा होगा कि न जाने इतने वर्षों बाद उसके पंद्रह दिन कैसे गुजरेगे। लेकिन दोस्तों की मुहबत, जिमखाना में बिताई गई शामों, भाइयों की आवभगत में उसके पंद्रह दिन मानो कर्पूर की तरह उड़ गए। उसे पता ही न चला कि पंद्रह दिन कैसे बीत गए। भाइयों के मन में यह तमना भी थी कि बहन के लिए वे जिनता भी कर पाएँ वह करे। पता नहीं, वह फिर कब उन लोगों से मिल पाएगी।
21. एक समस्या थी।
अथवा
22. सबसे बड़ी समस्या थी – दामी कागज की एक पुड़िया।
प्रश्न :
रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रजिया सज्जाद ज़हीर।
प्रश्न :
किसके लिए क्या समस्या थी?
उत्तर :
सफिया ने लाहीर से लौटने की तैयारी कर ली। सारे सामान पैक कर लिए। लेकिन सबसे बड़ी समस्या दामी कागज में लिपटे लाहौरी नमक की पुड़िया की जिसे लाने का वादा उसने सिख बीवी से किया था। समस्या इसिलए धी क्योकि पाकिस्तान से हिन्दुस्तान में लाहौरी नमक लाने पर कानूनी रोक है। अगर वह उसे लाते समय कस्टम ऑफिसर से पकड़ी जाती तो इस जुर्म में उसकी गिरफ्तारी हो सकती थी और सज्ञा भी।
23. उसने सोचा कि वह ठीक राय दे सकेगा।
अथवा
24. चुपके से पूछने लगी
अथवा
25. क्यों भैया, नमक ले जा सकते हैं ?
प्रश्न :
रचना का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना का नाम ‘नमक’ है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
सिख बीवी के लिए सफ़िया पाकिस्तान से लाहौरी नमक ले जाना चाहती थी। उसने सिख बीवी से इसका वादा किया था। लेकिन उसे पता था कि ऐसा करना कानून जुर्म है। उसने सोचा कि इस बारे में वह अपने भाई से सलाह ले सकती है। वह पुलिस ऑफिसर तथा इस मामले में साफ़िया को सही राय दे सकता था। इसिलए उसने भाई से चुपके से पूछ्छा कि “क्यों भैया नमक ले जा सकते है?”
26. नमक तो नहीं ले जा सकते, गैरकानूनी है।
अथवा
27. यह तो आप बहुत ही गलत बात करेंगी।
प्रश्न :
प्रस्तुत गघ्यांश के रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रज़िया सज्जाद जाहीर।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
साफ़िया को यह पता था कि पाकिस्तान से लाहौरी नमक हिन्दुस्तान ले जाना कानूनी अपराध है। इस बारे में उसने अपने भाई जो पुलिस अफसर था, से पूछा। भाई ने उसे कहा कि उसका ऐसा करना गैरकानूनी है। अगर वह ऐसा करेगी तो बहुत ही गलत करेगी तथाउसे इस जुर्म के लिए कस्टम ऑफिसर उसके साथ कार्रवाई भी कर सकते हैं।
28. आप लोगों के हिस्से में तो हमसे बहुत ज्यादा नमक आया है।
अथवा
29. मैं हिस्से-बखरे की बात नहीं कर रही हूँ।
अथवा
30. मुझे तो लाहौर का नमक चाहिए।
अथवा
31. मेरी माँ ने यही मँगवाया है।
प्रश्न :
प्रस्तुत गद्यांश के रचनाकर का नाम लिखें।
उत्तर :
रज़िया सज्जाद जहीर।
प्रश्न :
गद्यांश का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
जब साफ़िया ने लाहौरी नमक ले जाने की बात कही तो उसके भाई ने कहा कि ऐसे नमक का खान तो हिन्दुस्तान के हिस्से में पाकिस्तान से ज्यादा आया है। साफ़िया ने उसकी यात काटते हुए कहा कि बँटवारे की बात से उसे कोई लेना-देना नहीं है। उसने अपनी माँ से यहाँ का लाहौरी नमक लाने का वादा किया है और उसे केवल यहीं का नमक चाहिए।
32. भाई की समझ में कुछ नहीं आया।
अथवा
33. माँ का जिक्र क्यों था ?
अथवा
34. वे तो बँटवारे से पहले ही मर चुकी थीं।
प्रश्न :
प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है ?
उत्तर :
प्रस्तुत गद्यांश ‘नमक’ पाठ से लिया गया है।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
जब साफ़िया ने कहा कि उसे अपनी माँ के लिए लाहौरी नमक ले जाना है तो यह बात उसके भाई को समझ से बाहर हो गई। माँ तो बँटवारे के पहले ही इस दुनिया से विदा ले चुकी थी। इसलिए भाई की समझ में यह नहीं आया कि वह किस माँ की बात कर रही है। फिर भी उसने बात को आगे नहीं बढ़ाया।
35. मैं क्या चोरी से ले जाऊँगी ?
अथवा
36. छुपा के ले जाऊँगी?
अथवा
37. मैं तो दिखा के, जता के लिए जाऊँगी।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता साफ़िया है।
प्रश्न :
वक्ता के कथन का भाव स्पष्ट करें।
उत्चर :
सकिया को जब पुलिस अफसर भाई ने नमक ले जाने को जुर्म बताया तो साफिया ने कहा कि जुर्म तो तब होगा जब वह छिपा कर ले जाएगी। उसने कहा कि वह लाहौरौ नमक चोरी से या छिपाकर नहीं ले जाएगी वल्कि कस्टम ऑफिसर को दिखाकर ले जाएगी। अगर वह कस्टम ऑफिसर को दिखा-बताकर ले जाएगी तो तब तो यह जुर्म नहीं होगा।
38. अरे, फिर वही कानून-कानून कहे जाते हो!
अथवा
39. क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं।
अथवा
40. कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?
अथवा
41. आखिर कस्टमवाले भी इंसान ही हैं, कोई मशीन तो नहीं होते।
प्रश्न :
वक्ता और श्रोता कौन हैं ?
उत्तर :
वक्ता सफ़िया और श्रोता उसका पुलिस अफसर भाई है।
प्रश्न :
वक्ता के कथन का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
सफ़िया के पुलिस अफसर भाई ने जब उसे बार-बार यह समझाया कि यहाँ से नमक ले जाना कानूनी जुर्म है तो वह झल्ला उठी। उसे भाई को झिड़कते हुए कहा कि क्या सारे कानून सरकार के ही बनाए होते हैं। इससे भी अलग कानू है जिसे मुहब्बत, मुरौव्वत, आदमियत तथा इसानियत बनाती है। वह कानून सरकार या हुकूमत के बनाए कानून से भी ऊपर है। इस कानून को कस्टम ऑफिसर भी मानेंगे। क्योंकि वे भी इससान हैं, कोई मशीन नहीं। आखिर उनके सीने के अंदर भी दिल धड़कता है।
42. भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी।
अथवा
43. तो मजबूरी है, छोड़ देंगे।
अथवा
44. लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था?
अथवा
45. हम अपने को सैयद कहते हैं।
अथवा
46. फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने?
अथवा
47. जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा। मगर कैसे ?
प्रश्न :
रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नमक’ तथा रचनाकार रज़िया सज्जाद ज़हीर हैं।
प्रश्न :
प्रस्तुत गद्यांश का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
सफ़िया ने पुलिस ऑंफिसर भाई द्वारा समझाने पर कि पाकिस्तान से लाहौरी नमक से जाना कानूनी जुर्म है कुछ सोचने पर विवश हो गई। अभी तक वह भावना में बहकर भाई की बातो को मानने से इंकार कर रही थी लेकिन अवि
वह बुद्ध से काम लेने की सोच रही थी। एक बार उसने नमक ले जाने के अपने फैसले को रह करना चाहा लेकिन दूसरे ही पल उसे यह भी ध्यान आया कि सिख बीवी से किए गए वायदे का क्या होगा? वह सैयद है और सैयद अपने वादे से नहीं फिरा करते, चाहे उसे पूरा करने के लिए जान की कीमत क्यों न चुकानी पड़े। वह सिख बीवी से किए गए वायदे को पूरा तो करना चाहती थी लेकिन यह बात समझ में नहीं आ रही थी कि वह यह कैसे करेगी?
48. यही ठीक है, फिर देखा जाएगा।
प्रश्न :
रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रबना ‘नमक’ है तथा रचनाकार रजियात सज्ज़ाद ज़ीर हैं।
प्रश्न :
प्रस्तुत गद्यांश का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
नमक ले जाने के बारे में साफिया ने सोच-विचार कर यह तय किया कि वह नमक को कीनू की टोकरी के नीचे छिपा कर ले जाएगी। आते समय उसने देखा था कि सब लोगों के सामानों की तो तलाशी ली जा रही थी लेकिन फलों की टांकरौ की तलाशी कोई कस्टम ऑफिसर नहीं ले रहा था। नमक को फलों की टोकरी में ही छिपाकर ले जाना अच्छा रहेगा। बाकी जो होगा सो देखा जाएगा।
49. उसे ऐसा महसूस हुआ मानो उसे अपने किसी प्यारे को कब्र की गहराई में उतार दिया हो।
प्रश्न :
पाठ का नाम लिखें।
उत्तर :
पाठ ‘नमक’ है।
प्रश्न :
पंक्ति का अशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
काफी सोच-विचार कर साफिया ने लाहौरी नमक को टोकरी में कीनू के नीचे छिपा दिया। उसे कीनुओं के नीचे नमक की पुड़िया को इस तरह छिपाकर रखना बहुत ही बुरा लग रहा था। उसे ऐसा महसूस हो रहा था मानो उसने अपने किसी अजीज को कल में दफना दिया हो।
50. उन कहानियों को याद करती रही जिन्हें वह अपने बचपन में अम्मा से सुना करती थी।
अथवा
51. शहजादा अपनी रान चीरकर हीरा छिपा लेता था।
अथवा
52. देवों, खौफनाक भूतों तथा राक्षसों के सामने से होता हुआ सरहदों से गुजर जाता था।
अथवा
53. इस माने में ऐसी कोई तरकीब नहीं हो सकती थी।
अथवा
54. वह अपना दिल चीरकर उसमें यह नमक छिपा लेती।
अथवा
55. उसने एक आह भरी।
प्रश्न :
रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नमक’ तथा रचनाकार रजिया सज्जाद ज्र है।
प्रश्न :
प्रस्तुत गद्यांश का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
सफिया अपने साथ लाहौरी नमक ले जाने के बारे में तरह-तरह के उपाय सोच रही धी लेकिन उसे कोई उपाय पसंद नहीं आ रहा था। इसी समय उसे उन कहानियों की याद आती है जिन्हें बचपन में अपनी माँ से सुना करती थी। उन कहानियों का नायक शहजादा हीरे को अपनी जाँघ चीरकर छिपा लेता था तथा देवों, भूतों तथा राक्षसों के सामने से उनकी सरहद पार कर जाता था।
उसे लग रहा था कि काश, वह भी उस शहजादे की तरह अगर दिल में नमक को छिपाकर कस्टम आंफिसर के सामने से सरहद (सीमा) पार कर जाती तो कितना अच्छा होता। लेकिन यह सब तो केवल किस्सेकहानियों में ही होता है। अपनी बेवशी पर उसने एक ठंडी आह भरी।
56. यह पाकिस्तान था।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति किस पाठ से उद्दुत है?
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति ‘नमक’ पाठ से उद्धृत है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
साफ़िया पाकिस्तान में अपने भाई के घर में थी। रात के करीब डेढ़ बजे उसकी नींद खुली। उ गने पाया कि मार्च को सुहानी हवा खिड़की की गली से कमरे में आ रही है। रात चाँदनी और उंडी थी। खिडकी के बाहर चपा का एक वृक्ष सुहानी हवा में लहरा रहा था। कभी-कभी किसी के खाँसने, कुत्ते के भौंकने या चौकीदार की सीटी का आवाज से रात का सन्नाटा भंग होता था।
सारी प्रकृति, सारा वातावरण, मस्त हवा, चाँद की चाँदनी सब कुछ वैसा ही ॥ जैसा कि हिन्दुस्तान में। उसने सोचा कि प्रकृति अपनी ओर से किसी को अपना सब कुछ लुटाने में कोई भेदभाव नही करनी। वह सरहदों की सीमा को नहीं मानती। लेकिन इसान ने अपने को सरहदों मे क्यो केद कर रखा है।
57. नन्हें-नन्हें भतीजे- भतीजियाँ थीं जो उससे वही मासूमियत से पूछते।
अथवा
58. उन सबके और सफ़िया के बीच में एक सरहद थी।
प्रश्न :
रचना का नाम लिखें।
उत्तर :
रबना ‘नमक’ है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
पाकिस्तान सें साफिया अपने परिवारवालों के बीच बहुत अच्छा समय गुजार रही थी। भतोजे जीजियाँ भी काफी खुश थे। जब उन्होंने साफिया से पूछा कि ‘फूफीजान, आप हिंदुस्तान में क्यों रहती हैं, जहाँ हमल गण नहीं आ सकते, तो यह सुनकर उसे बड़ा दु:ख होता है। अब बच्चों को वह किस प्रकार समझाए कि उन सबके औ भाफिया के बीच एक सरहद है जो दोनों को एक नहीं होने देता।”
59. हो सकता है, साल भर बाद फिर आए।
अथवा
60. यह भी हो सकता था कि अब कभी न आ सके।
प्रश्न :
यहाँ किसके बारे में कहा जा रहा है?
उत्तर :
यहाँ साफ्रिया के बारे में कहा जा रहा है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
लाहौर से हिन्दुस्तान लौटने के एक दिन पहले भाइयों तथा भतीजे भतीजियों से बिछ्युड़ने की व पना कर के साफ़िया दुखी हो जाती है। उसे लगता है कि अब एक साल के बाद ही फिर पाकिस्तान आने का वीज़ा मि ग पाएगा तो शायद वह आ सकेगी। फिर तो वक्त की बात है कि शायद वह फिर कभी दुबारा पाकिस्तान न आ सके।
61. यह हिन्दुस्तान-पाकिस्तान की एकता का मेवा है।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता साफ़िया का दोस्त है।
प्रश्न :
वक्ता के कथन का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
लाहौर से लौटने के एक दिन पहले साफिया के एक दोस्त ने उसे कीनू फल की टोकरी भंट की थी ताकि वह उसे अपने साथ हिन्दुस्तान ले जा सके। यह तोहफा देते समय उसने साफिया को यह कहा कि ‘ यह हिन्दुस्तान-पाकिस्तान की एकता का मेवा है।’ कहने का भाव यह है कि यही फल पाकिस्तान से लोग सौगात के रूप में हिन्दुस्तान ले जाते हैं। उनके रिश्तो में भी कीनू की मिठास रची-बसी है।
62. उसने फैसला किया कि मुहब्बत का यह तोहफा चोरी से नहीं जाएगा।
प्रश्न :
किसने फैसला किया ?
उत्तर :
फैसला साफिया ने लिया।
प्रश्न :
प्रस्तुत गद्यांश का आश का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
भाई के मना करने पर साफिया ने यह तय किया था कि वह लाहौरी नमक को कीनुओं की टोकरी में छिपाकर ले जाएगी। पर अंतिम समय में उसके दिल ने कहा कि मुहब्बत के इस तोहफे को वह चोरी-छिपे हिन्दुस्तान नहीं ले जाएगी। मुहब्बत तो जताने की चीजद है न कि छिपाकर रखने की। इसलिए मुहब्यत के तोहफे को चोरी से ले जाना तो इंसानियत, आदमियत के नजरिये से हुकूमत के कानून के जुर्म से भी बड़ा है। अंत में उसने अपना पक्का निश्चय कर लिया कि वह इसे छिपाकर, चोरी से नहीं ले जाने वाली है।
63. वह कुछ जाँच नहीं रही थी।
प्रश्न :
प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से उद्धत है।
उत्तर :
प्रस्तुत गद्यांश ‘नमक’ पाठ से उद्दृत है।
प्रश्न :
‘वह’ शब्द किसके लिए आया है?
उत्तर :
‘वह’ शब्द कस्टम ऑफिसर की वर्दी के लिए आया है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
लाहौर स्टेशन पर सामान की जाँच के बाद साफिया एक कस्टम आफिसर की ओर बढ़ी। वह उसे अपने हैंडबैग में रखे लाहौरी नमक के बारे में बताना चाहती थी। उस कस्टम ऑफिसर ने अपनी वर्दी पहन रखी थी लेकिन उसके दुबले-पतले शरीर, लंबा कद तथा उसकी खिचड़ी बालों के साथ वर्दी नहीं जँच रही थी। उसकी वर्दी उसके व्यक्तित्व से मेल नहीं खा रही थी।
64. मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।
प्रश्न :
रचना एवं रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नमक’ है तथा रचनाकार रज़िया सज़्जाद ज़ीर हैं।
प्रश्न :
प्रस्तु पंक्ति में निहित भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
लाहौर में साफिया ने कस्टम ऑफिसर से अपने हैंडबैग में लाहौरी नमक होने की न केवल बात कह दी। उसने नमक का पुड़िया भी निकालकर उसके सामने टेबल पर रख दिया। सफ़िया यह जानती थी कि ऐसा करना जुर्म है फिर भी ऐसा करने की उसने वजह भी बता दिया। पूरी कहानी सुनने के बाद नमक वापस उसके हैंडबैग में रख दिया और कहा कि मुहब्यत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है। कहने का भाव यह है कि जब दिल आपस में मिले हों, तो वहाँ कानून भी मुहब्बत से हार जाता है।
65. लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा।
अथवा
66. तो बाकी सब रफ्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा।
प्रश्न :
रचना का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना का नाम ‘नमक’ है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
लाहौर के रेलवे प्लेटफार्म के कस्टम आंफिसर ने सफिया से पूरी कहानी सुनने के बाद नमक वापस उसके हैंडबैग में रख दिया। जब सफिया चलने लगी तो उसने सिख बीवी के लिए संदेश दिया के वे अभी भी लौहार को अपना वतन समझें और देहली मेरा वतन है। यदि सभी पाकिस्तानी-हिन्दुस्तानी के दिलो में यही भावना आ जाय तो दोनों देशों की कटुता धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी। धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा।
67. कुछ समझ में नहीं आता था कि कहाँ से लाहौर खत्म हुआ और किस जगह से अमृतसर शुरू हो गया।
अथवा
68. एक ज़मीन थी, एक जबान थी।
अथवा
69. एक-सी सूरतें और लिबास, एक-सा लबो-लहजा और अंदाज थे।
अथवा
70. गालियाँ भी एक ही-सी थीं जिन्हें दोनों बड़े प्यार से एक-दूसरे को नवाज रहे थे।
अथवा
71. बस मुश्किल सिर्फ इतनी थी कि भरी हुई बंदूकें दोनों के हाथों में थीं।
प्रश्न :
रचना एवं रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नमक’ है तथा इसके रचनाकार रज़िया सज्जाद जहीर है।
प्रश्न :
प्रस्तु गद्यांश का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
लाहौर स्टेशन पर कस्टम ऑफिसर ने सफिया के साथ जो मुहब्बत भरा व्यवहार किया था वह उसी के बारे में सोचती जा रही थी। सोचने के क्रम में लाहौर कहाँ खत्म हुआ और कहाँ से अमृतसर शुरु हुआ- यह उसे पता ही न चला।
आखिर पता भी कैसे चलता ? दोनों देशों के लोगों की जमीन एक, भाषा एक-सी, लिबास एक-सी, सूरतें भी एक-सी थीं। हाँ तक कि गालियाँ देने का अंदाज भी एक-सा था जिसका बड़े प्रेम से एक-दूसरे को दे रहे थे। अंतर केवल इतना ही था कि हिन्दुस्तानी और पाकिस्तानी दोनों ही पुलिसवलालों के हाथों में भरी हुई बंदूके थी। यही एक अंतर था जो दोनों देशों तथा देशवासियों को एक-दूसरे से अलग कर रहा था।
72. सफ़िया के पैरों तले की जमीन खिसकने लगी – अब क्या होगा?
प्रश्न :
रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार रज़िया सज्जाद ज़ीर हैं।
प्रश्न :
सफिया के पैरों तले की जमीन क्यों खिसकने लगी?
उत्तर :
अमृतसर में सफिया ने कस्टम ऑफिसर से अपने पास नमक होने की बात कही। उसने सफिया की पूरी बात सुनी तथा उसे अपने साथ आने को कहा। प्लेटफार्म के एक सिरे पर के एक कमरे में सफिया को उसने कुर्सी पर बैठने को कहा। बाहर की तरफ देखर उसने एक पुलिसवाले को कुछ इशारा किया। सफिया ने सोचा कि उसे अवश्य ही लाहौर से नमक लाने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह सोचकर ही उसके पैरों तले की जमौन खिसकने लगो। भयभीत होकर वह मन ही मन सोचने लगी कि न जाने अब क्या होने वाला है।
73. शमसुल इस्लाम की तरफ से सुनील दास गुप्त को प्यार के साथ।
अथवा
74. बचपन के दोस्त ने मुझे यह किताब दी थी।
अथवा
75. उस दिन मेरी सालगिरह थी।
प्रश्न :
रचना एवं रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नमक’ है तथा रचनाकार रज़िया सज्जाद जहीर हैं।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उतर :
अमृतसर का कस्टम ऑफिसर सफ़िया के साथ बहुत इज्जत के साथ पेश आया। उसने सफिया को चाय भी पिलाई। उराने सफ़िया को अपने दोस्त शमसुल इस्लाम की दी हुई एक किताब भी दिखाई। यह उसने उसके जन्म दिन पर दिया था। किताब बगाल के सुप्रसिद्ध कवि नजरूल इस्लाम की थी। यह सब उसने सफ़िया को इसलिए बताया व्योंकि उसका भी भानना था कि प्रेम तथा भाईचारा किसी सरहद से नहीं बँटा होता है । धर्म कोई भी हो वह जोड़न का काम करता है। कि तो झेने का । सरहद की यह दीवार तो हमने बनाई है।
76. पर नज़रुल और टैगोर को तो हमलोग बचपन से पढ़ते थे।
प्रश्न :
वक्ता कौन है?
उत्तर :
वक्ता कस्टम ऑफिसर सुनील दास गुप्त है।
प्रश्न :
पंक्ति में निहित आशय को स्पष्ट करें।
उत्तर :
कस्टम आफिसर सुनील दास गुप्त ने सफिया को यह बताया कि भारत-विभाजन से भले ही पाकिस्तान, हिन्दुस्तान और बांग्ला देश बने हों लेकिन विभाजन से पहले सब लोग बड़े प्रेम से रहते थे। जितना सम्मान टैगोर को दिया जाता था उःना ही नजरूल इस्लाम को। बच्चों को शुरू से ही शांति, प्रेम, भाईचारा का पठा पढ़ाया जाता था। उन्हें सभी धमो का दा दर करना सिखाया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे हम चीजों को भूलते जा रहे हैं।
77. हागरी जमीन, हमारे पानी का मज़ा ही कुछ और है।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता कस्टम ऑंकिसर सुनील दास गुप्त है।
प्रश्न :
वक्ता के कथन का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
अपना वतन, अपनी मातृभूमि सबको प्यारी होती है। सुनील दास गुप्त हिन्दुस्तान मे कस्टम ऑफिसर हैं लेकिन उा वा वतन ढाका है। डाभ की चर्धा करते हुए वे कहते हैं कि वैसे तो डाभ बंगाल में भी होता है लेकिन ढाका के डाण की बात हो कुछ और है। कहने का भाव यह है कि कोई दुनिया के किसी भी हिस्से में रहे लेकिन वह अपनी मातृभूमि से कटकर ॠहीं रह सकता। इसलिए वे अपनी मातृभूमि ढाका की प्रशंसा करते नहीं थकते।
78. रुफिया सोचती जा रही थी कि किसका वतन कहां है ?
अथवा
79. वह कस्टम के इस तरफ है या उस तरफ!
प्रश्न :
रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार रज़िया सज्ज़ाद जहीर हैं।
प्रश्न :
पंक्ति में निहित भाव को स्पष्ट करें।
उत्तर :
सफिया पाकिस्तान से लौटकर जब अमृतसर स्टेशन के पुल पर चढ़ रही थी तो पाकिस्तान में बिताए अपने पद्रह दिन तथा दोनों देशों के कस्टम ऑंफिसर के अच्छे व्यवहार के बारे में ही सोच रही थी। वह साँच रही थी कि जिसे हम वतन कहते है – वह कहाँ है? वह कस्टम के इधर है या उधर। अगर कस्टम की बात छाड़ दे, सरहद की बात छोड़ दे तो फिर दानो देशों में अंतर ही क्या रह जाता है। आखिरकार आम लोग कब तक सरहदों की सीमा में कैद रहेंगे?
WBBSE Class 10 Hindi नमक Summary
लेखक – परिचय
रज़िया सज्जाद जहीर का जन्म 15 फरवरी, सन् 1917 को अज़मेर (राजस्थान) में हुआ था। ये मूल रूप से उर्दू की कहानीकार हैं। बी० ए० तक की शिक्षा घर पर प्राप्त की। इलाहाबाद से उर्दू में एम० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की। सन् 1947 से इन्होंने लखनऊ के करामत हुसैन गर्ल्स कॉलेज में पढ़ाने का कार्य शुरू किया। फिर सन् 1965 में सोवियत सूचना विभाग में इनकी नियुक्ति हुई। 18 दिसम्बर सन् 1979 को इन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
प्रमुख रचनाएँ – जर्द गुलाब (उर्दू कहानी-संग्रह)
सम्मान – सोवियतभूमि नेहरू पुरस्कार, उत्तर प्रदेश का उर्दू अकादमी पुरस्कार, अखिल भारतीय लेखिका संघ पुरस्कार।
शब्दार्थ
पृष्ठ संख्या – 126
- हैरान = आश्चर्यचकित।
- कदर = तरह ।
- जिस्म = शरीर ।
- नेकी = भलाई, उपकार।
- मुहब्बत = प्रेम ।
- रहमदिली = दयावान।
- बारीक = पतला।
- मलमल = एक प्रकार का महीन कपड़ा (ढाके का मलमल विश्वप्रसिद्ध है)।
- दुपट्टा = ओढ़नी।
- अम्मा = माँ। मुहर्रम = मुसलमानों का एक त्यौहार जिसमें इमाम हुसैन तथा उनके परिवार की शहादत की याद में शोक
- मनाया जाता है ।
- उम्दा = अच्छा, स्वादिष्ट।
- नफ़ीस = खूबसूरत।
- रसिया = प्रेमी।
- जिंदादिली = खुले दिल की।
- आहिस्ता = धीरे।
- वतन = देश।
- साडा लाहौर = हमारा लाहौर।
- दुआएँ = अर्शीवाद।
- रूखसत = विदा।
- सौगात = उपहार।
- हुक्म = आदेश।
पृष्ठ संख्या – 127
- हिचकिचाकर = असमंजस से ।
- लाहौरी = लाहौर का।
- गुजरे = बीत गए।
- जिमखाना = व्यायामशाला।
- खातिरदारियाँ = स्वागत।
- परदेसी = दूसरे देश की।
- अजीजों = चाहने वालों ।
- दामी = कीमती।
- सेर = लगभग एक किलो।
- राय = सलाह।
- गैरकानूनी = कानून के विरुद्ध।
- हिस्से = भाग।
- बखरे = बँटवारे।
- जिक्र = उल्लेख।
- नरमी = मुलायमी।
- बाजी = दीदी कस्टम = चिंदी = टुकड़े।
- जता = बतला
- हुकूमत = सरकार।
- मुरौवत = दया।
- रवाना = जाना
- कीनू = नारंगी और संतरे का मिला हुआ एक प्रकार का फल।
- सैयद = मुसलमानों की एक जाति।
पृष्ठ संख्या =128
- मायने = अर्थ।
- तह = पेंदी ।
- महसूस = अनुभव ।
- उकड्रू = पैर मोड़कर बैठना
- शहजादा = राजकुमार।
- रान = जंघा, जांघ।
- खौफनाक = भयानक।
- सरहदों = सीमा।
- तरकीब = उपाय।
- आश्वस्त = निश्चित।
- दोहर = चादर ।
- तकरीबन = लगभग।
- करीब = निकट।
- घनाखत = घना पेड़।
- अक्स = चेहरा।
- दरख्त = पेड़।
- आहट = आवाज।
- लहका = हिला।
- सगे = अपने।
- बेशुमार = बेहद, बहुत अधिक ।
- मासूमियत = भोलेपन।
- इकबाल = उर्दू के प्रसिद्ध शायर, कवि।
- मौलसिरी = एक खुशबूदार फूल का नाम।
- बेजान = बिना प्राण के।
पृष्ठ संख्या – 129
- दूब = घास।
- रसीले = रस से भरे ।
- मेवा = फल।
- झिरझिरी = कंपकपाहट।
- मेजें = टेबुलें।
- इक्का-दुक्का = एकाष।
- खिचड़ी बाल = सफेद और काले बाल मिले हुए।
- ऐनक = चश्मा।
- फरमाइए = कहिए।
- लहजे = तरीके।
- अजीजों = प्रिय लोगों।
पृष्ठ संख्या – 130
- खातून = स्वी।
- रफ्ता-रफ्ता = धीरे-धीरे ।
- हसरत = चाहत, उम्मीद।
- भिचे = किसे।
- अटारी = हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच का एक स्थान/स्टेशन।
- जबान = बोली। सूरतें = चेहरे ।
- लिबास = वस्त्र।
- लबोलहजा = बोलने का अंदाज।
- नवाज रहे थे = आदान-प्रदान कर रहे थे/ले-दे रहे थे।
पृष्ठ संख्या – 131
- सिरे = छोर ।
- दाखिल = प्रवेश।
- सफे = पन्ने।
- फख = गर्व ।
- डिवीजन = बंटवारा।
- सालगिरह = जन्मदिन।
- डाभ = हरा नारियल जिसका पानी पिया जाता है।