Students should regularly practice West Bengal Board Class 10 Hindi Book Solutions कहानी Chapter 1 उसने कहा था to reinforce their learning.
WBBSE Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 Question Answer – उसने कहा था
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
बोधासिंह किसका पुत्र था?
अत्तर :
बोधा सिंह सूबेदार हजारा सिंह का पुत्र था।
प्रश्न 2.
मामा के घर कौन गया था ?
उत्तर :
मामा के घर सिख लड़का और लड़की गये थे।
प्रश्न 3.
‘उसने कहा था’ – से किस की ओर संकेत हो रहा है ?
उत्तर :
सूबेदारनी की ओर संकेत हो रहा है ।
प्रश्न 4.
लड़की की कुड़माई होने की बात सुनकर लड़के पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर :
जैसे ही लड़की की कुड़माई होने की बात लड़के ने सुनी उसे बहुत बुरा लगा। उसने रास्ते में एक लड़के को चली में धकेला, एक ठेलेवाले ने दिनभर की कमाई खोई, एक कुत्ते को पत्थर मारा, एक गोभीवाले के ठेले में दूध उँड़ेल दसा और किसी वैष्णवी से टकराकर अंधे की उपाधि पाई।
प्रश्न 5.
हजारा सिंह अपने रेजिमेंट में किस पद पर थे ?
उत्तर :
सूबेदार के पद पर।
प्रश्न 6.
किस घटना को याद कर सूबेदारनी रोने लगी?
उत्तर :
सूबेदारनी ने बोधा सिंह के अलावा चार और पुत्रों को जन्म दिया था लेकिन हगमें से कोई नहीं बचा। उसी घट ना को याद कर सूबेदारनी रोने लगी।
प्रश्न 7.
वजीरा सिंह कौन है?
उत्तर :
वजीरा सिंह नं० 77 सिख राइफल्स में सैनिक था । वह अपनी पलटन का विदूषक भी था क्योंकि सबको अपनी बातों से हँसाता रहता था।
प्रश्न 8.
कीरत कौन है?
उत्तर :
कीरत सिंह लहना का भाई है ।
प्रश्न 9.
‘मेम की जरसी की कथा केवल कथा थी’ ___ जरसी की कथा क्या थी ? ___ स्पष्ट की जए।
उत्तर :
लहना नहीं चाहता था कि बोधा को मानसिक कष्ट पहुँचे इसलिए वह एक काल्पनिक कथा गढ़ता है जिसमें ओोधा को आश्वस्त करते हुए कहता है कि अंग्रेज मेमें जर्सी बुनकर मोर्चे पर सैनिकों के लिए भेज रही है, वही जर्सी मेरे चास: है।
प्रश्न 10.
वैष्णवी से टकराने पर लड़के को क्या उपाधि मिली ?
उत्तर :
अन्धे की उपाधि मिली।
प्रश्न 11.
लड़का दुकान पर क्या लेने आया था ?
उत्तर :
लड़का दुकान पर मामा के केश धोने के लिए दही लेने आया था।
प्रश्न 12.
लड़की दुकान पर रसोई के लिए क्या लेने आई थी ?
उत्तर :
लड़की दुकान पर रसोई के लिए बड़ियाँ लेने आई थी।
प्रश्न 13.
लड़का और लड़की कहाँ के थे ?
उत्तर :
लड़का नगरे का और लड़की माँझे की थी।
प्रश्न 14.
लड़की के मामा का क्या नाम था ?
उत्तर :
लड़की के मामा का नाम अतर सिंह था।
प्रश्न 15.
लड़के के मामा का घर कहाँ था ?
उत्तर :
लड़के के मामा का घर अमृतसर के गुरूबाजार में था।
प्रश्न 16.
लड़के ने लड़की से मुस्कराकर क्या पूछा ?
उत्तर :
लड़के ने लड़की से मुस्कराकर यह पूछा – “तेरी कुड़माई हो गई ?”
प्रश्न 17.
लड़का और लड़की अक्सर कहाँ मिल जाते थे ?
उत्तर :
लड़का और लड़की अक्सर सब्जीवाले या दूधवाले के यहाँ मिल जाते थे।
प्रश्न 18.
लड़की कुड़माई होने की बात पर क्या कहकर भाग जाती थी ?
उत्तर :
लड़की कुड़माई होने की बात पर ‘धत्’ कहकर दौड़ जाती थी।
प्रश्न 19.
घोड़े की पीठ को चाबुक से धुनते हुए इक्केवाले किससे अपना निकट का संबंध स्थिर करते हैं ?
उत्तर :
वे घोड़े की नानी से अपना निकट का संबंध स्थिर करते है।
प्रश्न 20.
बालक लहना सिंह ने किससे अंथे की उपाधि पाई ?
उत्तर :
नहाकर आती हुई एक वैष्गवी से टकराकर बालक लहना सिंह ने अंधे की उपाधि पाई।
प्रश्न 21.
गैबी गोले किसे कहा गया है ?
उत्तर :
जर्मनों द्वारा फेंके जाने बमों को गैबी गोले कहा गया है ?
प्रश्न 22.
कौन सैनिकों पर फल और दूष की वर्षा कर देती है ?
उत्तर :
फिरंगी मेम सैनिको पर फल और दूध की वर्षा कर देती है।
प्रश्न 23.
फिरंगी मेम ‘राजा’ किसे कहती है ?
उत्तर :
फिरंगी मेम भारतीय सैनिकों को ‘राजा’ कहती है।
प्रश्न 24.
‘पाजी कहीं के”‘ – किसे कहा गया है ?
उत्तर : यह जर्मन सैनिको को कहा गया है।
प्रश्न 25.
”कलों के घोड़े’ किसे कहा गया है ?
उत्तर :
यह जर्मन सैनिकों के लिए कहा गया है।
प्रश्न 26.
संसार भर की ग्लानि, निराशा और क्षोभ का अवतार किसे बताया गया है?
उत्तर :
इक्के गाड़ीवालों को संसार भर की ग्लानि, निराशा और क्षोभ का अवतार बताया गया है।
प्रश्न 27.
पल्टन का ‘विदूषक’ किसे कहा गया है ?
उत्तर :
वजीरा सिंह को पल्टन का विदूषक कहा गया है।
प्रश्न 28.
“निमोनियाँ से मरनेवालों को मुख्खे नहीं मिला करते” – वक्ता और श्रोता का नाम लिखें।
उत्तर :
वक्ता वज़ीरा सिंह है तथा श्रोता लहना सिंह है।
प्रश्न 29.
‘मरें जर्मन और तुरक’ – वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता वजीरा सिंह है।
प्रश्न 30.
“कँपकपी छूट रही है। रोम-रोम में तार दौड़ रहे हैं।” – वक्ता कौन है?
उत्तर :
वक्ता वजीरा सिंह है।
प्रश्न 31.
“गुरू उनका भला करें” – यहाँ किसके भले की बात कही जा रही है?
उत्तर :
यहाँ विलायत के मेमों के भले की बात कही जा रही है।
प्रश्न 32.
लहना सिंह की खाई से पूरब जर्मनों की खाई कितनी दूरी पर थी ?
उत्तर :
मील भर की दूरी पर।
प्रश्न 33.
धावे के समय बोधा सिंह को जाने से किसने रोका और क्यों ?
उत्तर :
धावे के समय बोधा सिंह्ह को जाने से लहना सिंह ने रोका क्योंकि उसे तेज बुखार था।
प्रश्न 34.
क्या देखकर लहना सिंह का माथा ठनका ?
उत्तर :
जब लहना सिंह ने लपटन साहब के चेहरे तथा बाल को देखा तो उसका माथा उनका।
प्रश्न 35.
लपटन से लहना सिंह ने किस खानसामा का जिक्र किया ?
उत्तर :
लपटन से लहना सिंह ने अब्दुला नामक खानसामा का जिक्र किया।
प्रश्न 36.
लहना सिंह अंधेरे में किस सो रहे सैनिक से टकराया ?
उत्तर :
लहना सिंह अंधेरे में सो रहे वजीरा सिंह से टकराया।
प्रश्न 37.
“अब मारे गए। थोखा है।”-वक्ता कौन है?
उत्तर :
वक्ता लहना सिंह है।
प्रश्न 38.
‘एक-एक अकालिया सिख सवा लाख के बराबर होता है” – वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता लहना सिंह है।
प्रश्न 39.
लहना सिंह ने लपटन साहब से कौन-सी बातें सीखने की बात कही ?
उत्तर :
लहना सिंह ने लपटन साहब से निम्नलिखित बातें सीखने की बात कहीं –
- कि सिख सिगरेट पीते हैं।
- कि जगाधारी के जिले मे नीलगायें होती है।
- कि नीलगाय के सींग दो फुट चार ईच के होते हैं।
- कि मुसलमान खानसामा मूर्त्तियों पर जल चढ़ाते हैं।
- कि लपटन साहब खोते पर चढ़ते हैं।
प्रश्न 40.
लहना सिंह के गाँव का नाम क्या है?
उत्तर :
लहना सिंद के गाँव का नाम माँझे हैं।
प्रश्न 41.
लहना सिंह के गाँव में तीन महीने पहले कौन आया था ?
उत्तर :
लहना सिंह के गाँव में तीन महीने पहले एक तुर्की मौलवी आया था।
प्रश्न 42.
तुर्की मौलवी क्या करता था ?
उत्तर :
तुर्की मौलवी गाँव की औरतों को बच्चे होने की ताबीज बाँटता था और बच्चों को दवाई देता था।
प्रश्न 43.
तुर्की मौलवी जर्मनों के बारे में क्या कहता था ?
उत्तर :
तुर्की मौलवी जर्मनों के बारे में कहता था कि जर्मन वाले बड़े पंडित हैं। वेद पढ़कर उन्हें विमान चलाना आ गया है। गायों को नहीं मारते। जब वे हिन्दुस्तान आ जाएंगे तो गो-हत्या बंद करवा देंगे।
प्रश्न 44.
लहना सिंह के गाँव के डाक बाबू का नाम क्या था ?
उत्तर :
लहना सिंह के गाँव के डाक बाबू का नाम पोल्हूराम था।
प्रश्न 45.
तुर्की मौलवी मण्डी के बनियों को क्या बहकता था ?
उत्तर : तुर्की मौलवी मण्डी के बनियों को बहकाते हुए कहता था कि सरकार का राज्य जाने वाला है इसलिए डाकखाने से रुपये निकाल लो।
प्रश्न 46.
लहना सिंह ने तुकी मौलवी के साथ क्या किया ?
उत्तर :
लहना सिंह ने तुर्की मौलवी की दाढ़ी मूँड़ दी थी और फिर गाँव में पाँव न रखने की शर्त पर उसे भगा दिया था।
प्रश्न 47.
लहना सिह ने लपटन की तलाशी लेते समय किसकी तलाशी नहीं ली थी ?
उत्तर :
पतलून के जेबो की।
प्रश्न 48.
लहना सिंह की खाई पर कितने जर्मन सैनिकों ने धावा किया ?
उत्तर :
सत्तर।
प्रश्न 49.
हमले में कितने जर्मन मारे गए ?
उत्तर :
तिरसठ जर्मन मारे गए।
प्रश्न 50.
जर्मनों के हमले में कितने सिक्खों के प्राण गए ?
उत्तर :
पंद्रह।
प्रश्न 51.
लहना सिंह के बारे में किसी को क्या खबर नहीं हुई ?
उत्तर :
लहना सिंह के बारे में किसी को यह खबर नहीं हुई कि उसे दूसरा घाव-भारी घाव लगा है।
प्रश्न 52.
धावे के समय जो बर्फीली हवा चल रही थी, वह बाणभय्ट की भाषा में क्या कहलाती ?
उत्तर :
धावे के समय चलने वाली बर्फीली हवा बाणभट्ट की भाषा में ‘दन्तवीणोदेशाचार्य’ कहलाती।
प्रश्न 53.
किसके न होने से सिख रेजीमेंट के सारे सैनिक मारे जाते ?
उत्तर :
लहना सिंह के न होने से सिख रेजीमेंट के सारे सैनिक मारे जाते।
प्रश्न 54.
सूबेदार हजारा सिंह किसे छोड़कर अस्पताल की गाड़ी में नहीं जाना चाहते थे ?
उत्तर :
सूबेदार हजारा सिंह लहना सिंह को छोड़कर असताल की गाड़ी में नहीं जाना चाहते थे।
प्रश्न 55.
अस्पताल की गाड़ी में जाने के लिए लहना सिंह ने सूबेदार हजारा सिंह को क्या कसम दी?
उत्तर :
“तुम्हें बोधा की कसम है और सूबेदारनी जी की सौगंध है, इस गाड़ी में चले जाओ।”
प्रश्न 56.
अस्पताल की गाड़ी पर लेटे बोधा सिंह से लहना सिंह ने क्या कहा ?
उत्तर :
लहना सिंह ने बोधा सिंह से कहा कि मुझसे जो उन्होने कहा था, वह मैने कर दिया।
प्रश्न 57.
मृत्यु के कुछ समय पहले क्या होता है ?
उत्तर :
मृत्यु के कुछ समय पहले स्मृति बहुत साफ हो जाती है । जीवन-भर की घटनाएँ एक-एक कर सामने आती है। सारे दृश्यों के रंग साफ होते हैं, समय की धुन्ध बिल्कुल उस पर से हट जाती है।
प्रश्न 58.
जिस समय लहना सिंह पहली बार लड़की से मिला, उस समय दोनों की उम्र क्या थी ?
उत्तर :
पहली बार मिलने के समय लहनासिंह की उम बारह तथा लड़की की उम्र आठ वर्ष थी।
प्रश्न 59.
लड़की की कुड़माई हो जाने के कितने वर्षों बाद लहना सिंह फिर उससे मिला ?
उत्तर :
पचीस वर्ष के बाद।
प्रश्न 60.
बचपन में मिली लड़की लहना सिंह के सामने किस रूप में आई ?
उत्तर :
बचपन में मिली लड़की लहना सिंह के सामने उसके सूबेदार की पत्ली के रूप में आई।
प्रश्न 61.
लहना सिंह कितने दिनों की छुट्टी लेकर जमीन के मुकदमे की पैरवी करने के लिए घर गया था ?
उत्तर :
सात दिनों की।
प्रश्न 62.
लहना सिंह को गाँव में किसकी चिट्ठी मिली ? उस चिट्ठी में क्या लिखा था ?
उत्तर :
लहना सिंह को गाँव में रेजीमेंट अफसर की चिट्ठी मिली। उस चिट्ठी में लिखा था कि फौज लाम (लड़ाई) पर जाती है। फौरन चले आओ।
प्रश्न 63.
लहना सिंह को रेजीमेंट अफसर की चिड्डी के साथ किसकी चिट्डी मिली ? उसमें क्या था?
उत्तर :
लहना सिंह को रेजीमेंट अफसर की चिट्ठी के साथ-साथ सूबेदार हजारा सिंह की चिट्री मिली कि मैं और बोधा सिंह भी लाम पर जाते हैं, लौटते हुए हमारे घर होते जाना। साथ चलेंगे।
प्रश्न 64.
सूबेदार हजारा सिंह किसे बहुत चाहते थे ?
उत्तर :
सूबेदार हजारा सिंह जमादार लहना सिंह को बहुत चाहते थे।
प्रश्न 65.
बोधा सिंह किसका पुत्र था ?
उत्तर :
बोधा सिंह सूबेदार हजारा सिंह का पुत्र था।
प्रश्न 66.
सूबेदारनी ने लहनासिंह को देखते ही क्या कहा ?
उत्तर :
सूबेदारनी ने लहना सिंह को देखते ही कहा कि, “मैने तेरे को आते ही पहचान लिया”।
प्रश्न 67.
‘उसने कहा था’ कहानी में किसने, किससे क्या कहा था ?
उत्तर :
‘उसने कहा था’ कहानी में सूबेदारनी ने लहना सिंह से कहा था कि, “तुम्हें याद है, एक दिन ताँगेवाले का घोड़ा दहीवाले की दुकान के पास बिगड़ गया था। तुमने उस दिन मेरेरेप्राण बचाए थे। आप घोड़ों की लातों मे चले गए थे और मुझे उठाकर दुकान के तख्षे पर खड़ा कर दिया था। ऐसे ही इन दोनों को बचाना यह मेरी भिक्षा है। तुम्हारे आगे में आँचल पसारती हूँ।’’
प्रश्न 68.
लहना सिंह के शहीद होने की खबर किस सूची में आई ?
उत्तर :
लहना सिंह के शहीद होने की खबर फ्रांस और बेल्जियम की 68 वीं सूची में आई।
प्रश्न 69.
कुछ दिन पीछे (बाद में) लोगों ने अखबार में क्या पढ़ा?
उत्तर :
“फ्रांस और बेल्जियम – 68 वीं सूची मैदान में घावों में मरा – न. 77 सिख राइफल्स जमादार लहना सिंह।
प्रश्न 70.
लहना सिंह सिख रेजीमेंट में किस पद पर था ?
उत्तर :
लहना सिंह रेजीमेंट में जमादार के पद पर था।
प्रश्न 71.
लहना सिंह किस रेजीमेंट में था ?
उत्तर :
लहना सिंह सिख रेजीमेंट में था।
प्रश्न 72.
“अब दोनों जाते हैं” – दोनों से कौन संकेतित हैं ?
उत्तर :
‘दोनो’ से सूबेदार हजारा सिंह और उसका बेटा बोधा सिंह संकेतित है।
प्रश्न 73. सरकार की ओर से सूबेदार हजारा सिंह को किसका खिताब दिया गया ?
उत्तर :
सरकार की ओर से सूबेदार हजारा सिंह को ‘बहादुर’ का खिताब दिया गया।
प्रश्न 74.
सरकार ने सूबेदार हजारा सिंह को कहाँ जमीन दी थी ?
उत्तर :
पंजाब के लायलपुर में।
प्रश्न 75.
एक बेटा है – यहाँ किसके बारे में कहा जा रहा है?
उत्तर :
यहाँ सूबेदार तथा सूबेदारनी के पुत्र बोधा सिंह के बारे में कहा जा रहा है।
प्रश्न 76.
‘ऐसे ही इन दोनों को बचाना” – ‘इन दोनों से कौन संकेतित हैं ?
उत्तर :
‘इन दोनो’ से सूबेदार हजारा सिंह तथा उसका पुत्र बोधा सिंह संकेतित है।
प्रश्न 77.
‘उसके पीछे चार और हुए’ – चार से कौन संकेतित हैं ?
उत्तर :
‘चार’ से सूबेदार तथा सूबेदारनी के चार पुत्र संकेतित हैं जो युद्ध में शहीद हो गए थे।
प्रश्न 78.
“चाचा-भतीजा यहीं बैठकर आम खाना” – चाचा – किसे कहा गया है ?
उत्तर :
चाचा कीरत सिंह को कहा गया है।
प्रश्न 79.
लुधियाने से दस गुणा जाड़ा कहाँ के जाड़े को कहा गया है ?
उत्तर :
लुधियाने से दसगुणा जाड़ा फ्रांस के जाड़े को कहा गया है।
प्रश्न 80.
बड़े शहरों के इक्के – गाड़ीवाले किस पर तरस खाते हैं ?
उत्तर :
बड़े शहरों के इक्के-गाड़ीवाले रास्ते में आँख मूंद कर पैदल चलनेवालों पर तरस खाते है।
प्रश्न 81.
‘मीठी छुरी की तरह महीन वार’ का प्रयोग किसके लिए किया गया है ?
उत्तर :
‘मीठी छुरी की तरह महीन वार’ का प्रयोग अमृतसर के इक्केवालों की बेल्ली के लिए किया गया है।
प्रश्न 82.
अमृतसर के तांगेवालों की बोलियों को किसके समान बताया गया है ?
उत्तर :
अमृतसर के तांगेवालों की बोलियों को मीठी छुरी की तरह महीन वार करनेवाले के समान बताया गया है।
प्रश्न 83.
हाँ देश क्या है, स्वर्ग है’ – किस देश के बारे में कहा गया है ?
उत्तर :
फ्रांस के बारे में कहा गया है।
प्रश्न 84.
दाँत बज रहे हैं – वक्ता कौन है?
उत्तर :
वक्ता बोधा सिंह है।
प्रश्न 85.
‘तेरी कुड़माई हो गई’ – यह किसका कथन है ?
उत्तर :
यह कथन बारह वर्षीय लहना सिंह का है।
प्रश्न 86.
लहना सिंह ने उल्टी बन्दूक से किस पर वार किया ?
उत्तर :
लहना सिंह ने उल्टी बन्दूक से नकली लपटन पर वार किया।
प्रश्न87.
लपटन साहब के जेबों की तलाशी में लहना सिंह को क्या मिला ?
उत्तर :
लपटन साहब के जेबों की तलाशी में लहना सिंह को तीन-चार लिफाफे और एक डायरी मिली।
प्रश्न 88.
लहना सिंह की जाँघ में गोली कैसे लगी ?
उत्तर :
जर्मन लपटन की रिवाल्वर से लहना सिंह को जाँघ में गोली लगी।
प्रश्न 89.
लहना सिंह को दूसरी गोली कब और कहाँ लगी ?
उत्तर :
लहना सिंह को दूसरी गोली जर्मनों के आक्रमण के समय पसली में लगी।
प्रश्न 90.
“मन-मन भर फ्रांस की भूमि मेरे बूटों से चिपक रही थी” – वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता वजीरा सिंह है।
प्रश्न 91.
सूबेदार हजारा सिंह किसकी तुरंत बुद्धि को सराह रहे थे ?
उत्तर :
सूबेदार हजारा सिंह लहना सिंह की तुरंत बुद्धि को सराह रहे थे।
प्रश्न 92.
हमले के बाद फील्ड अस्पताल से कितनी गाड़ियाँ आई ?
उत्तर :
दो गाडियाँ।
प्रश्न 93.
”आज नमकहलाली का मौका आया है” – वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता सूबेदारनी है।
प्रश्न 94.
‘फौज में भरती हुए उसे एक ही वर्ष हुआ’ – यहाँ किसके बारे में कहा जा रहा है ?
उत्तर :
वजीरा सिंह के बारे में।
प्रश्न 95.
“उसके पहरे पर आप पहरा दे आते हो” – ‘उसके’ और ‘आप’ से कौन संकेतित है?
उत्तर :
‘उसके’ से वजीरा सिंह तथा ‘आप’ से लहना सिंह संकेतित है।
प्रश्न 96.
लहना सिंह ने अपनी जान गँवाकर हजारा सिंह और बोधा सिंह की जान क्यों बचाई ?
उत्तर :
लहना सिंह ने अपनी बचपन की प्रेमिका सूबेदारनी को उसके पति और पुत्र की रक्षा का वचन दिया श्या इसलिए उसने अपनी जान गँवाकर हजारा सिंह और बोधा सिंह की जान बचाई।
प्रश्न 97.
लहना सिंह की मौत कहाँ हुई थी ?
उत्तर :
लहना सिंह की मृत्यु फ्रांस-बेलजियम के युद्ध-मैदान में हुई।
प्रश्न 98.
लहना सिंह ने अपना वचन कैसे निभाया ?
उत्तर :
हजारा सिंह और बोधा सिंह की जान बचाकर लहना सिंह ने अपना वचन निभाया।
प्रश्न 99.
कहाँ के बम्बूकार्ट वालों की बोली मीठी छुरी की तरह वार करती है ?
उत्तर :
अमृतसर के बम्बूकार्ट वालों की बोली।
प्रश्न 100.
सूबेदारनी ने लहना सिंह से आँचल पसारकर क्या माँगा ?
उत्तर :
सूबेदारनी ने लहना सिंह से आँचल पसारकर अपने पुत्र और पति के प्राणों की रक्षा की भीख माँगी धी ।
प्रश्न 101.
लाहौर और अमृतसर में अंतर क्यों नहीं प्रतीत हुआ ?
उत्तर :
लाहौर और अमृतसर में एक समान ठंड होने के कारण अंतर नहीं प्रतीत हुआ।
प्रश्न 102.
लहना सिंह ने अपने आँगन में क्या लगा रखा था ?
उत्तर :
लहना सिंह ने अपने आँगन में आम का पेड़ लगा रखा था।
प्रश्न 103.
‘उसने कहा था’ कहानी कैसी है ?
उत्तर :
आदर्श प्रेम कहानी।
प्रश्न 104.
‘उसने कहा था’ कहानी में सिख लड़की ने अपनी सगाई हो जाने के प्रमाण में लहना सिंह को क्या दिखाया ?
उत्तर :
रेशम से कढ़ा सालू।
प्रश्न 105.
वजीरा सिंह के आँसू टप-टप क्यों टपक रहे थे ?
उत्तर :
अपने मित्र को खो देने के कारण वजीरारासिंह के आँसू टप-टप टपक रहे थे।
प्रश्न 106.
लहना सिंह के भाई का नाम क्या था ?
उत्तर :
कीरत सिंह।
प्रश्न 107.
लहना सिंह मूच्छा (बेहोशी) में किसे अपना भाई समझ रहा था ?
उत्तर :
कीरत सिंह को अपना भाई समझ रहा था।
प्रश्न 108.
‘उसने कहा था’ में चाचा-भतीजा कौन है ?
उत्तर :
चाचा कीरत सिंह तथा भतीजा लहना सिंह का पुत्र है।
प्रश्न 109.
लहना सिंह के लगाए आम का पेड़ कितने वर्ष का था ?
उत्तर :
लहना सिंह के पुत्र की उम्र के बराबर।
प्रश्न 110.
रोती-रोती सूबेदारनी कहाँ चली गई ?
उत्तर :
ओवरी में।
प्रश्न 111.
“बुलाती है, जा मिल आ” – कौन, किसे बुलाती है ?
उत्तर :
सूबेदारनी लहना सिंह को बुलाती है।
प्रश्न 112.
“मुझे पहचाना ?” – किसने, किससे कहा ?
उत्तर :
सूबेदारनी ने लहना सिंह से कहा।
प्रश्न 113.
“अब दोनों जाते हैं” – दोनों कौन है ?
उत्तर :
सूबेदारनी का पति हजारा सिंह तथा पुत्र बोधा सिंह।
प्रश्न 114.
लहना सिंह कितने वर्ष में मामा के यहाँ गया था ?
उत्तर :
बारह वर्ष की उम्र में।
प्रश्न 115.
क्या सुनते ही लहना सिंह को दु:ख हुआ ?
उत्तर :
“देखते नहीं, यह रेशम के फूलोंवाला सालू।”
प्रश्न 116.
लेखक ने बड़े शहरों के इक्के-गाड़ीवालों के जबान की तुलना किससे की है ?
उत्तर :
लेखक ने बड़े शहरों के इक्के-गाड़ीवालों की जबान की तुलना कोड़ों की चोट से की है।
प्रश्न 117.
जबान के कोड़ों से घायल व्यक्ति से लेखक ने क्या प्रार्थना की है ?
उत्तर :
ऐसे व्यक्ति अमृतसर के बम्बूकार्टवालों की बोली का मरहम लगाएं।
प्रश्न 118.
‘अमृतसर में उनकी बिरादरीवाले’ से किसे संकेतित किया गया है ?
उत्तर :
अमृतसर में उनकी बिरादरीवाले से इक्के-गाड़ीवाले को संकेतित किया गया है।
प्रश्न 119.
अमृतसर के इक्केवाले लोगों को रास्ते से हटाने के लिए कहने के लिए किन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं ?
उत्तर :
अमृतसर के इक्केवाले लोगों को रास्ते से हटाने के लिए ‘बचो खालसा जी’, ‘हटो भाई जी’, ‘ठहरना भाई’, ‘आने दो लाला जी’, ‘हटो बाछा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।
प्रश्न 120.
यदि कोई बुढ़िया बार-बार चेतावनी देने पर भी रास्ते से नहीं हटती है तो तांगेवाले उन्हें क्या कहते हैं ?
उत्तर :
बार-बार चेतावनी देने पर भी यदि कोई बुढ़िया रास्ते से नहीं हटती है तो तांगेवाले कहते हैं – “हट जा जीणे जोगिए, हट जा करमा वालिए, हट जा पुत्तां प्यारिए, हट जा लम्बी उमर वालिए।”
प्रश्न 121.
‘हट जा जीणे जोगिये, हट जा करमा वालिए, हट जा पुत्तां प्यारिए, हट जा लम्बी उमर वालिए”‘ का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
तू जीने योग्य है, तू भाग्यों वाली है, पुर्तों को प्यारी है, लम्बी उमर तेरे सामने है, तू क्यों मेरे तांगे के पहिए के नीचे आना चाहती है?
प्रश्न 122.
‘उसने कहा था’ – में लड़का और लड़की कहाँ पर मिलते हैं ?
उत्तर :
अमृतसर के चौक की एक दुकान पर।
प्रश्न 123.
कैसे पता चलता था लड़का और लड़की दोनों सिख हैं ?
उत्तर :
लड़के के बालों से तथा लड़की के दीले पाजामे से यह जान पड़ता था कि दोनो सिख हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1 : ‘उसने कहा था’ कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
अथवा
प्रश्न 2 : कहानी-कला की दृष्टि से ‘उसने कहा था’ की विशेषताओं का उल्लेख करें।
अथवा
प्रश्न 3 : ‘उसने कहा था’ के शीर्षक की सार्थकता पर विचार करें।
अथवा
प्रश्न 4: ‘उसने कहा था’ में निहित संदेश को अपने शब्दों में लिखें।
अथवा
प्रश्न 5 : ‘उसने कहा था’ कहानी के उद्देश्य को लिखें।
अथवा
प्रश्न 6 : उसने कहा था कहानी की समीक्षा करें।
अथवा
प्रश्न 7 : उसने कहा था लहना सिंह के प्रेम के बलिदान की कहानी है – समीक्षा करें।
अथवा
प्रश्न 8 : ‘उसने कहा था’ जिन विशेषताओं के कारण आपको अच्छी लगती है उसका वर्णन करें।
अथवा
प्रश्न 9 : ‘उसने कहा था’ पाठ किस घटना पर आधारित है ? इस घटना को अपने शब्दों में अंकित करे।
उत्तर :
‘उसने कहा था’ कहानी सन् 1915 में ‘सरस्वती’ में प्रकाशित हुआ था। इसमें कहानी-कला का पूर्ण विकसित रूप दिखाई पड़ता है। कहानी की शुरूआत में ही अमृतसर के बाज़ार का मनोरम वातावरण पाठको का मन मोह लेता है। यही बालक लहना सिंह का मिलन उस लड़की से होता है जिससे बह मन ही मन प्रेम करने लगता है। इन दोनों की आपस की बातचीत पाठकों के हद्य में एक आकर्षण पैदा कर देती है –
“तेरी कुड़माई हो गई ?”
“धत्।”
पाठक अतृप्त भाव से कहानी की सरस और उत्तेजक घटनाओं को आगे-आगे पढ़ने के लिए ललायित हो उठता है।
नायक और नायिका का प्रारंभिक मिलन दिखलाकर कहानीकार ने लड़ाई के मैदान के जोवन का बड़ा ही सजीव चित्रण किया है। लड़ाई की क्रूर और गतिमय पृष्ठभूमि में इस नाजुक सी प्रेम-कहानी की गंभीरता और भौ निखर उठती है।
पचीस वर्षों के बाद अमृतसर के बाजार की वही लड़की लहना सिंह से मिलती है। लेकिन अब वह सूबेदार हजजारा सिंह की पत्नी है। सूबेदारनी ने पूरी कहानी में अपने संक्षिप्त परिचय के अलावे केवल दो वाक्य बोलती हैं – ‘ ‘तेरी कुड़माई हो गई ?” के जवाब में – “देखते नहीं यह रेशम से कढ़ा हुआ सालू ?” और फिर पच्चीस वर्ष बाद औपचारिक बातों के साथ सूबेदारनी के ये वाक्य – “ऐसे ही इन दोनों को बचाना” – लहना सिंह की आत्मा में गुंथ जाते है, उसकी जोवन-धारा को ही मोड़ देते हैं।
पत्नी और माँ की भारतीय मर्यादा के बीच प्यार की यह सरस्वती पघीस वर्षों तक न जाने सूबेदारनी के मन में कितनी गहराई से बहती रही होगी। तभी तो उसने निःसंकोच लहना सिह से उसका जोवन माँग लिया है। लह्हना सिंह अपने प्राण देकर सूबेदार हजारा सिंह तथा बोधा सिंह के प्राण बचाता है और बोधा सिंह से कहता है – “जब घर जाओ तो कह देना कि मुझसे जो उन्होंने कहा था, वह मैने कर दिया।”
लहना सिंह के बचपन की प्रेमिका सूबेदारनी ने न किसी को मोरी में ढ़केला, न किसी की दिनभर की कमाई खोई, लड़ाई के मैदान में जाकर गोली भी नही खाई; चुपचाप कुड़माई कराके बहू और माँ बन गई, लेकिन उसके बचपन के प्यार और विश्वास ने ही लहना सिंह को एक अपराजेय गरिमा दे दी। लहना सिंह को सूबेदारनी याद न दिलातो तो कौन जाने लड़ाई की भाग- दौड़ में इस सिपाही को कभी ‘रेशम के सालू’ वाली लड़की का ध्यान आता या नहीं ……. ?
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि ‘उसने कहा था’ की घटना साधारण है. जैसी अक्सर होती है लेकिन उसके भौतर से प्रेम का स्वर्गिक स्वरूप झांक रहा है। इसकी घटनाएं ही बोल रही हैं, पात्रों के बोलने की आवश्यकता महसूस नहीं होती। – प्रेम के इस स्वर्गिक स्वरूप को ही प्रकाशित करना ‘गुलेरी जी’ का उद्देश्य रहा है।
वातावरण की सजीवता, कहानी की लाक्षणिक भंगिमा, फ्लैश बैक (पूर्व दीप्ति) की यह शैली और कथा-शिल्य का जो संगम इस कहानी में दिखाई पड़ता है – वह दूसरी कहानियों में दुर्लभ है। भले ही देवदास का त्याग और बलिदान वर्षो तक पाठकों को रूलाता जरूर रहा, लेकिन कहानी का यह शिल्प-कौशल उसमें भी नहीं है। इन सारी विशेषताओं के कारण इस कहानी का शीर्षक भी सर्वथा उपयुक्त है क्योंकि कहानी का सार इसके शीर्षक में खुशबू की तरह रचा-बसा है।
प्रश्न 10 : ‘उसने कहा था’ कहानी के जिस पात्र ने आपको सबसे ज्यादा प्रभावित किया है उसका चरित्र-चित्रण करें।
अथवा
प्रश्न 11 : ‘उसने कहा था’ के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण करें।
अथवा
प्रश्न 12 : ‘उसने कहा था’ के लहना सिंह का चरित्र-चित्रण करें।
अथवा
प्रश्न 13 : लहना सिंह का प्रेम आदर्श प्रेम है – के आधार पर उसका चरित्र-चित्रण करें।
अथवा
प्रश्न 14 : लहना सिंह का चरित्र-चित्रण अपने शब्दों में करें।
अधवा
प्रश्न 15 : ‘उसने कहा था’ कहानी के आधार पर लहना सिंह का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर :
लहना सिह ‘उसने कहा था’ के प्रमुख पात्र होने के साथ-साथ इस कहानी का नायक भी है। कहानी के प्रारंभ से अंत तक उसकी उपस्थिति अत्यत प्रभावशाली है – यही कारण है कि मैं लहना सिंह के चरित्र से सबसे ज्यादा प्रभावित हूँ। लहना सिंह आम प्रेम-कहानी के नायकों से बिल्कुल भिन्न है। भिन्न इस अर्थ में कि वह एकसाथ व्यक्तिगत प्रेम और कर्त्तव्य-प्रेम को बखूबी निभाता है। लहना सिंह के चरित्र की जितनी भी खूबियों को गिनाया जाय, कम है। फिर भी उसके चरित्र की कुछ खास विशेषताओं को हम इन शीर्षको के अंर्गत देख सकते हैं –
(क) चंचल व शरारती बालक : जब बारह वर्षीय लहना सिंह आठ वर्षीया लड़की से दुकान में मिलता है तो अनायास ही उसकी और आकर्षित हो जाता है। बाल-सुलभ चपलता से वह उसे यह कहकर – “तेरी कुड़माई हो गई ?” छेड़ता है और लड़की ‘धत’ कहकर आँखें चढ़ाकर भाग जाती है। एक दिन जब वह जबाव में कहती है – ‘”हाँ, हो गई।’ – तब इसकी जो प्रतिक्रिया लहना सिंह पर होती है उससे यह पता चलता है कि वह मन ही मन चाहने लगा था “लड़के ने घर की राह ली। रास्ते में एक लड़के को मोरी में ढकेल दिया, एक छाबड़ी वाले की दिनभर की कमाई खोई, एक कुत्ते पर पत्थर मारा — किसी वैष्णवी से टकराकर अन्धे की उपाधि पाई,
(ख) सच्चा सिख :- फौज में रहने तथा लड़ाई के मैदान में रहने पर भी लहना सिंह धर्म से विमुख नहीं होता। इस बात का पता फिरंगी मेम के प्रसंग से चलता है, जब वह कहता है – ” आज तक मैं उसे समझा न सका कि सिख तम्बाकू नहीं पीते। वह सिगरेट पीने में हठ करती है, ओठों में लगाना चाहती है, और मैं पीछे हटता हूं, तो समझती है कि राजा बुरा मान गया
(ग) वीर और कुशाग्र-बुद्धि : लहना सिंह वीर है। वह युद्ध से छुटकारा नहीं चाहता बल्कि चाहता है कि बीचबीच में मार्च करने का हुक्म मिलता रहे क्योंकि “बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता है और बिना लड़े सिपाही।”
यह लहनासिंह की कुशाग्र-बुद्धि का ही फल है कि वह नकली लपटन साहब को पहचान कर अपने साथी सैनिकों की जान बचाता है अन्यथा सब के सब मारे जाते।
(घ) मानवीय संवेदना से भरपूर : लहना सिंह कठोर सैनिक होने के साथ-साथमानवौय संवेदना से भी भरपूर है। यही कारण है कि वह बुखार में तप रहे बोधा सिंह को अपनी जर्सी तक पहना देता है तथा उसके बदले पहरा भी देता है। इतना ही नहीं वह अपने घाव की परवाह न कर पहले बोधा सिंह को उपचार के लिए अस्पताल की गाड़ी में भेज देता है।
(ङ) आदर्श त्यागी प्रेमी : लहना सिंह न केवल आदर्श प्रेमी है बल्कि प्रेम के लिए वह अपने प्राणों तक को न्योछावर कर देता है। सूबेदारनी बचपन के प्रेम की याद दिलाते हुए उससे पति तथा पुत्र के प्राणों की रक्षा का जो वचन लेती है, वह उसे अपनी जान देकर चुकाता है –
“फ्रांस और बेलजियम – 68 वीं सूची – मैदान में घावों से मरा – नं. 77 सिख राईफल्स जमादार लहनासिंह।”
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि लहना सिंह ‘उसने कहा था’ का आदर्श चरित्र है। पूरी की पूरी कहानी उसके त्याग और प्रेम में बलिदान होने की कहानी है। लहना सिंह अपनी इन्हीं चारित्रिक विशेषताओं के कारण हिन्दी कहानी का अमर पात्र बन गया है।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
किसके पहले स्मृति बहुत साफ हो जाती है?
(क) हमले के पहले
(ख) जीत के पहले
(ग) मृत्यु के पहले
(घ) बेहोशी के पहले
उत्तर :
(ग) मृत्यु के पहले
प्रश्न 2.
‘तेरी कुड़माई हो गई ?’ से क्या तात्पर्य है ?
(क) भाग जाना
(ख) शादी होना
(ग) पूजा होना
(घ) रक्षा होना
उत्तर :
(ख) शादी होना
प्रश्न 3.
लपटन साहब की राष्ट्रीयता थी –
(क) भारतीय
(ख) जर्मन
(ग) अंग्रेज
(घ) सिक्ख
उत्तर :
(ख) जर्मन
प्रश्न 4.
कौन-सा बहाना बनाकर लहनासिंह खंदक में घुसा?
(क) खाना लाने का
(ख) दियासलाई लाने का
(ग) राइफल लाने का
(घ) पानी लाने का
उत्तर :
(ख) दियासलाई लाने का
प्रश्न 5.
गुलेरी जी का पूरा नाम क्या है ?
(क) चन्द्रधर गुलेरी
(ख) पं० चन्द्रधर शर्मा गुलेरी
(ग) चन्द्रधर पंडित गुलेरी
(घ) पं० चन्द्रशर्मा गुलेरी
उत्तर :
(ख) प०० चन्द्रधर शर्मा गुलेरी।
प्रश्न 6.
गुलेरी जी का जन्म कहाँ हुआ था ?
(क) जयपुर में
(ख) कोलकाता में
(ग) पटना में
(घ) बनारस में
उत्तर :
(क) जयपुर में।
प्रश्न 7.
गुलेरी जी कहाँ के प्रधानाध्यापक थे ?
(क) काशी संस्कृत महाविद्यालय
(ख) अंग्रेजी विद्यालय
(ग) गुजराती पाठशाला
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) काशी संस्कृत महाविद्यालय।
प्रश्न 8.
गुलेरी जी द्वारा प्रकाशित पत्र का नाम क्या था ?
(क) मतवाला
(ख) माधुरी
(ग) समालोचक
(घ) आलोचक
उत्तर :
(ग) समालोचक।
प्रश्न 9
गुलेरी जी की पहली कहानी कौन-सी है ?
(क) उसने कहा था
(ख) सुखमय जीवन
(ग) बुदु का काँटा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) सुखमय जीवन।
प्रश्न 10.
गुलेरी जी की पहली कहानी किस पत्रिका में प्रकाशित हुई थी ?
(क) चाँद में
(ख) सरस्वती में
(ग) भारत मित्र में
(घ) समालोचक में
उत्तर :
(ग) भारत मित्र में।
प्रश्न 11.
गुलेरी जी की दूसरी कहानी कौन-सी है ?
(क) उसने कहा था
(ख) बुद्ध का काँटा
(ग) सुखमय जीवन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) बुद्ध का काँटा।
प्रश्न 12.
गुलेरी जी की तीसरी कहानी कौन-सी है ?
(क) उसने कहा था
(ख) सुखमय जीवन
(ग) बुद्धु का काँटा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) उसने कहा था।
प्रश्न 13.
‘उसने कहा था’ सर्वप्रथम किस पत्रिका में प्रकाशित हुई ?
(क) माधुरी
(ख) चाँद
(ग) सरस्वती
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर :
(ग) सरस्वती।
प्रश्न 14.
गुलेरी जी ने कुल कितनी कहानियाँ लिखीं ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच
उत्तर :
(ख) तीन।
प्रश्न 15.
‘उसने कहा था’ कहानी सर्वप्रथम कब प्रकाशित हुई ?
(क) सन् 1915 में
(ख) सन् 1916 में
(ग) सन् 1917 में
(घ) सन् 1918 में
उत्तर :
(क) सन् 1915 में ।
प्रश्न 16.
‘मारेसि मोहि कुठाऊँ’ (निबंध) किसकी रचना है ?
(क) प्रेमचंद की
(ख) रामचंद्र शुक्ल की
(ग) गुलेरी जी की
(घ) इनमें से किसी की नहीं
उत्तर :
(ग) गुलेरी जी।
प्रश्न 17.
गुलेरी जी की सर्वश्रेष्ठ कहानी कौन-सी है ?
(क) सुखमय जीवन
(ख) उसने कहा था
(ग) बुद्धू का काँटा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) उसने कहा था।
प्रश्न 18.
गुलेरी जी मुख्य रूप से क्या थे ?
(क) कहानीकार और निबंधकार
(ख) पुरातत्व शास्वी एवं दार्शनिक
(ग) ज्योतिषी एवं साहित्यकार
(घ) साहित्यकार एवं भाषा विज्ञानी
उत्तर :
(क) कहानीकार और निबंधकार।
प्रश्न 19.
गुलेरी जी की कहानी-कला की प्रौढ़ता उनकी किस कहानी में झलकती है ?
(क) सुखमय जीवन
(ख) बुद्धु का काँटा
(ग) उसने कहा था
(घ) इनमें से किसी में नहीं
उत्तर :
(ग) उसने कहा था।
प्रश्न 20.
गुलेरी जी की किस कहानी की गिनती हिन्दी की श्रेष्ठतम कहानियों में की जाती है ?
(क) उसने कहा था
(ख) बुद्धु का काँटा
(ग) सुखमय जीवन
(घ) इनमें से किसी की नहीं
उत्तर :
(क) उसने कहा था।
प्रश्न 21.
‘उसने कहा था’ किस विधा की रचना है ?
(क) निवंध
(ख) संस्मरण
(ग) रिपोर्ताज
(घ) कहानी
उत्तर :
(घ) कहानी।
प्रश्न 22.
“मीठी छुरी की तरह” किसे कहा गया है ?
(क) तांगेवाले को
(ख) तांगे को
(ग) तागेवाले की जबान को
(घ) लोगों को
उत्तर :
(ग) तांगेवाले की जबान को।
प्रश्न 23.
“हट जा जीणे जोगिये” – का अर्थ है :
(क) तू हट जा
(ख) तू जीने योग्य है
(ग) तू भाग जा
(घ) तू जीने लायक नहीं है
उत्तर :
(ख) तू जीने योग्य है।
प्रश्न 24.
“हट जा करमा वालिए” – का अर्थ है :
(क) तू काम से हट जा
(ख) तू कर्महीन है
(ग) तू कर्मों वाली है
(घ) तू भाग्योंबाली है
उत्तर :
(घ) तू भाग्योंवाली है।
प्रश्न 25.
“हट जा पुत्तां प्यारिये” – का अर्थ है :
(क) पुत्रों को लेकर हट जा
(ख) तू पुत्रों को प्यारी है
(ग) पति को प्यारी है
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) तू पुत्रों को प्यारी है।
प्रश्न 26.
लड़का और लड़की पहली बार कहाँ मिले ?
(क) घर में
(ख) बाग में
(ग) चौक की दुकान में
(घ) बैठक में
उत्तर :
(ग) चौक की दुकान में।
प्रश्न 27.
लड़के की उम्र क्या थी ?
(क) दस साल
(ख) ग्यारह साल
(ग) अद्ठारह साल
(घ) बारह साल
उत्तर :
(घ) बारह साल।
प्रश्न 28.
लड़की की उम्र थी ?
(क) आठ साल
(ख) नौ साल
(ग) दस साल
(घ) सोलह साल
उत्तर :
(क) आठ साल।
प्रश्न 29.
लड़की क्या लेने दुकान पर आयी थी ?
(क) दही
(ख) आटा
(ग) बड़ियाँ
(घ) बेसन
उत्तर :
(ग) बड़ियाँ।
प्रश्न 30.
लड़का क्या लेने दुकान पर आया क्या था ?
(क) दही
(ख) मिठाई
(ग) चावल
(घ) सब्जी
उत्तर :
(क) दही।
प्रश्न 31.
लड़की के मामा का नाम है ?
(क) बलजीत सिंह
(ख) वजीरा सिंह
(ग) अतर सिंह
(घ) मांझे सिंह
उत्तर :
(ग) अतर सिंह।
प्रश्न 32.
लड़के के मामा का घर कहाँ है ?
(क) गोरखा बाजार में
(ख) गुरूनानक बाजार में
(ग) गुरूबाजार में
(घ) गौर बाजार में
उत्तर :
(ग) गुरूबाजार में।
प्रश्न 33.
लड़के ने लड़की से मुस्कराकर क्या पूछा ?
(क) मेरे तो भाग फूट गए
(ख) सरकार ने बहादुर का खिताब दिया है
(ग) तेरी कुड़माई हो गई
(घ) पानी पिला दे
उत्तर :
(ग) तेरी कुड़माई हो गई।
प्रश्न 34.
लड़के ने मोरी में किसे घकेला ?
(क) कुत्ते को
(ख) लड़के को
(ग) वैष्णवी को
(घ) लड़की को
उत्तर :
(ख) लड़के को।
प्रश्न 35.
तेरी कुड़माई हो गई के जबाव में लड़की ने क्या कहा ?
(क) धत्
(ख) तुम राजा हो
(ग) मेरे मुल्क को बचाने आए हो
(घ) इनमें से कुछ नहीं
उत्तर :
(क) धत्।
प्रश्न 36.
लड़के ने किसकी दिनभर की कमाई खोई ?
(क) वैष्णावी की
(ख) लड़की को
(ग) जर्मन की
(घ) छाबड़ी वाले की
उत्तर :
(घ) छाबड़ी वाले की।
प्रश्न 37.
लड़के ने किसे पत्थर मारा ?
(क) एक लड़के को
(ख) कुत्ते को
(ग) वैष्णवी को
(घ) अतर सिंह को
उत्तर :
(ख) कुत्ते को।
प्रश्न 38.
बालक लहना सिंह ने किससे अंधे की उपाधि पाई ?
(क) लड़की से
(ख) लड़के से
(ग) छाबड़ी वाले से
(घ) वैघ्गवी से
उत्तर :
(घ) वैष्णवी से।
प्रश्न 39.
लड़के ने किसके ठेले में दूध उँड़ेल दिया ?
(क) गोल-गण् वाले के
(ख) चाट वाले के
(ग) गोभी वाले के
(घ) आलूवाले के
उत्तर :
(ग) गोभी वाले।
प्रश्न 40.
लड़की ने लड़के को संभावना के विरुद्ध क्या कहा ?
(क) हाँ, हो गई
(ख) नहीं, नहीं हुई
(ग) हाँ, होनेवाली है
(घ) शायद, नहीं होगी
उत्तर :
(क) हाँ, हो गई।
प्रश्न 41.
लुधियाने से दसगुणा जाड़े’ की बात कहाँ के लिए की गई है ?
(क) दिल्ली के लिए
(ख) बेल्जियम के लिए
(ग) फ्रांस के लिए
(घ) जापान के लिए
उत्तर :
(ग) फ्रांस के लिए।
प्रश्न 42.
‘जलजला’ का क्या अर्थ है ?
(क) जलमग्न
(ख) जलप्लावन
(ग) भूकंप
(घ) जलना
उत्तर :
(ग) भूकंप।
प्रश्न 43.
कौन भारतीय सैनिकों के लिए फल और दूध की वर्षा कर देती है ?
(क) लड़की
(ख) होरां
(ग) फिरंगी मेम
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) फिरंगी मेम।
प्रश्न 44.
“लाख कहते हैं, दाम नहीं लेती”‘ – कोई नहीं वक्ता कौन है ?
(क) लहना सिंह
(ख) वजीरा सिंद
(ग) सूबेदार हजारा सिंह
(घ) बोधा सिंह
उत्तर :
(ग) सूबेदार हजारा सिंह।
प्रश्न 45.
‘चार दिन तक पलक नहीं झँपी” – किसका कथन है ?
(क) लड़की का
(ख) सूबेदारनी का
(ग) फिरंगी मेम का
(घ) लहना सिंह का
उत्तर :
(घ) लहना सिंह का।
प्रश्न 46.
“तीन दिन और हैं” – वक्ता कौन है ?
(क) सूबेदारनी
(ख) लड़की
(ग) लहना सिंह
(घ) सूबेदार हजारा सिंह
उत्तर :
(घ) सूबेदार हजारा सिंह।
प्रश्न 47.
“पाजी कहीं के, कलों के घोड़े’ – कौन, किसे कह रहा है ?
(क) लहना सिंह सूबेदार को
(ख) लहना सिंह जर्मन सैनिको को
(ग) लहना सिंह तांगेवाले को
(घ) लप्टन – लहना सिंह को
उत्तर :
(ख) लहना सिंह जर्मन सैनिकों को।
प्रश्न 48.
वजीरा सिंह पल्टन का क्या था ?
(क) सूबेदार
(ख) जमादार
(ग) लप्टन
(घ) विदूषक
उत्तर :
(घ) विदूषक।
प्रश्न 49.
“अपनी बाड़ी के खरबूजों में पानी दो’ – कौन, किसे कह रहा है ?
(क) सूबेदार सूबेदारनी को
(ख) लहना सिंह लड़की को
(ग) लहना सिंह वजीरा सिंह को
(घ) सूबेदार लहना सिंह से
उत्तर :
(ग) लहना सिंह वजीरा सिंह को।
प्रश्न 50.
आज तक मैं उसे समझा न सका कि –
(क) सिख गाना नहीं गाते
(ख) सिख झटका नहीं करते
(ग) सिख हमला नहीं करते
(घ) सिख सिगरेट नहीं पीते
उत्तर :
(घ) सिख सिगरेट नहीं पीते।
प्रश्न 51.
“मेरा डर मत करो’ – वक्ता कौन है ?
(क) वजीरा सिंह
(ख) कीरत सिंह
(ग) लहना सिंह
(घ) सूबेदार हजारा सिंह
उत्तर :
(ग) लहना सिंह।
प्रश्न 52.
‘निमोनिया से मरने वालों को मुरब्बे नहीं मिला करते'” – वक्ता कौन है ?
(क) फील्ड अस्पताल का डॉक्टर
(ख) वजीरा सिंह
(ग) अब्दुल
(घ) सूबेदार हजार सिंह
उत्तर :
(ख) वजीरा सिंह।
प्रश्न 53.
“रोम-रोम में तार दौड़ रहे है” – किसका कथन है ?
(क) लहना सिंह का
(ख) सूबेदार सिंह का
(ग) वजीरा सिंह का
(घ) बोधा सिंह का
उत्तर :
(घ) बोधा सिंह का।
प्रश्न 54.
‘‘आज सवेरे ही आई है”‘ – किसके बारे में कहा जा रहा है ?
(क) सूबेदारनी
(ख) लड़की
(ग) अस्पताल की गाड़ी
(घ) जरसी
उत्तर :
(घ) जरसी।
प्रश्न 55.
‘गुरू उनका भला करें” – उनका से कौन संकेतित है ?
(क) जर्मन
(ख) सूबेदारनी
(ग) बोधा
(घ) विलायती मेम
उत्तर :
(घ) विलायती मेम।
प्रश्न 56.
“देखो इसी दम धावा करना होगा” – वक्ता कौन है ?
(क) लपटन
(ख) लहना सिंह
(ग) सूबेदार हजारा सिंह
(घ) बोधा सिंह
उत्तर :
(क) लपटन।
प्रश्न 57.
‘हम यहाँ रहेगा'” – वक्ता कौन है ?
(क) लहना सिंह
(ख) विलायती मेम
(ग) लपटन
(घ) बोधा सिंह
उत्तर :
(ग) लपटन।
प्रश्न 58.
लपटन साहब कितने वर्षों से सिख रेजीमेंट में थे ?
(क) दो वर्ष
(ख) तीन वर्ष
(ग) चार वर्ष
(घ) पाँच वर्ष
उत्तर :
(घ) पाँच वर्ष।
प्रश्न 59.
खानसामा का नाम क्या था ?
(क) रहमान
(ख) रहीम
(ग) अब्दुला
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) अब्दुला।
प्रश्न 60.
“जरा तो आँख लगने दी होती” – वक्ता कौन है?
(क) सूबेदारनी
(ख) लड़की
(ग) सूबेदार
(घ) वजीरा सिंह
उत्तर :
(घ) वजीरा सिंह।
प्रश्न 61.
“धोखा है”‘ – वक्ता कौन है ?
(क) लहना सिंन
(ख) लड़की
(ग) विलायती मेम
(घ) सूबेदारनी
उत्तर :
(क) लहना सिंह ।
प्रश्न 62.
“पत्ता तक न खड़के, देर मत करो’ – वक्ता कौन है ?
(क) वजीरा सिंह
(ख) लहना सिंह
(ग) लड़की
(घ) लपटन
उत्तर :
(ख) लहना सिंह।
प्रश्न 63.
“ऐसी-तैसी हुक्म की” — वक्ता कौन है ?
(क) लहना सिंह
(ख) वजीरा सिंह
(ग) बोधा सिंह
(घ) वजीरा सिंह
उत्तर :
(क) लहना सिंह।
प्रश्न 64.
“चालाक तो बड़े हो’ — वक्ता कौन है ?
(क) सूबेदार
(ख) लपटन
(ग) लहना सिंह
(घ) लड़की
उत्तर :
(ग) लहना सिंह।
प्रश्न 65.
“सरकार का राज जाने वाला है'” – किसका कथन है ?
(क) लहना सिंद का
(ख) तुर्की मौलवी का
(ग) सूबेदार का
(घ) इनमें से किसी का नहीं
उत्तर :
(ख) तुर्की मौलवी का।
प्रश्न 66.
लहना सिंह के गाँव में कौन आया था ?
(क) सूबेदार
(ख) तुर्की मौलवी
(ग) जर्मन
(घ) लपटन साहब
उत्तर :
(ख) तुर्की मौलवी।
प्रश्न 67.
‘उसने कहा था’- में डाकबाबू का नाम क्या है ?
(क) सुखौराम
(ख) मुल्ला
(ग) पोल्हूराम
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) पोल्हूराम।
प्रश्न 68.
‘जब मैं दौड़ा-दौड़ा सूबेदार के पीछे गया था” – ‘मैं’ से कौन संकेतित है ?
(क) लपटन
(ख) वजीरा सिंह
(ग) बोधा सिंह
(घ) लहना सिंह
उत्तर :
(घ) लहना सिंह।
प्रश्न 69.
बीमार ढोने की गाड़ियाँ हमले के कितनी देर बाद खाई के पास पहुँची ?
(क) एक घंटा
(ख) डेढ़ घंटे
(ग) दो घंटे
(घ) ढ़ाई घंटे
उत्तर :
(ख) डेढ़ घंटे ।
प्रश्न 70.
सूबेदार किसे छोड़कर नहीं जाना चाहते थे ?
(क) बोधा सिंह
(ख) लपटन साहब
(ग) वजीरा सिंह
(घ) लहना सिंध
उत्तर :
(घ) लहना सिंह।
प्रश्न 71.
“मेरा हाल बुरा नहीं है”‘ – वक्ता कौन है?
(क) लहना सिंद
(ख) वजीरा सिंह
(ग) सूबेदार
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) लहना सिंह।
प्रश्न 72.
“उसने क्या कहा था ?” – वक्ता कौन है ?
(क) लहना सिंह
(ख) सूबेदार
(ग) बोधा सिंह
(घ) वजीरा सिंह
उत्तर :
(ख) सूबेदार।
प्रश्न 73.
किसके पहले स्मृति बहुत साफ हो जाती है ?
(क) हमले के पहले
(ख) जीत के पहले
(ग) मृत्यु के पहले
(घ) बेहोशी के पहले
उत्तर :
(ग) मृत्यु के पहले।
प्रश्न 74.
अमृतसर में मामा के यहाँ कौन आया हुआ है ?
(क) सूबेदार
(ख) लड़की
(ग) लहना सिंह
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) लहना सिंह।
प्रश्न 75.
“डसे एक आठ वर्ष की लड़की मिल जाती है” – ‘उसे’ से कौन संकेतित है ?
(क) सूबेदार
(ख) तांगेवाला
(ग) बुढ्विया
(घ) लहना सिंह
उत्तर :
(घ) लहना सिंह।
प्रश्न 76.
“सुनते ही लहना सिंह को दुःख हुआ” – क्या सुनकर लहना सिंह को दु:ख हुआ ?
(क) वह मैने कर दिया था
(ख) तुम्हें बोधा की कसम है
(ग) देखते नहीं, यह रेशम के फूलोंवाला सालू
(घ) सूबेदारनी जी की सौगगध है
उत्तर :
(ग) देखते नहीं, यह रेशम के फूलोंवाला सालू ।
प्रश्न 77.
लाम पर जाने के समय लहना सिंह किसके बहाँ पहुँचा ?
(क) सूबेदार हजारा सिंह के यहाँ
(ख) वजीरा सिंह के यहाँ
(ग) कीरत सिंह के यहाँ
(घ) तुर्की मौलवी के यहाँ
उत्तर :
(क) सूबेदार हजारा सिंह के यहाँ।
प्रश्न 78.
‘बुलाती है, जा मिल आ'” – वक्ता कौन है?
(क) लहना सिंह
(ख) बोधा सिंह
(ग) सूबेदार
(घ) सूबेदारनी
उत्तर :
(ग) सूबेदार।
प्रश्न 79.
‘मुझे पहचाना’ – वक्ता कौन है?
(क) लड़की
(ख) सूबेदारनी
(ग) लपटन साहब
(घ) सूबेदार हजारा सिंह
उत्तर :
(ख) सूबेदारनी।
प्रश्न 80.
“मेरे तो भाग फूट गए” – वक्ता कौन है?
(क) सूबेदारनी
(ख) लहना सिंह
(ग) बोधा सिंन
(घ) तुर्की मौलवी
उत्तर :
(क) सूबेदारनी।
प्रश्न 81.
“एक बेटा है” – वक्ता कौन है?
(क) सूबेदार
(ख) लहना सिंह
(ग) सूबेदारनी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) सूबेदारनी।
प्रश्न 82.
“तुम्हें याद है” – वक्ता कौन है?
(क) लहना सिंह
(ख) सूवेदारनी
(ग) लपटन साहब
(घ) बोधा सिंह
उत्तर :
(ख) सूबेदारनी।
प्रश्न 83.
‘ऐसे ही इन दोनों को बचाना” – ‘इन दोनों’ से कौन संकेतित हैं ?
(क) लहना सिंह और लड़की
(ख) बुदिया और तांगेवाला
(ग) सूबेदार और बोधा सिंह
(घ) बोधा और वजीरा सिंह
उत्तर :
(ग) सूबेदार और बोधा सिंह।
प्रश्न 84.
तांगेवाले का घोड़ा किस दुकान के पास बिगड़ गया था ?
(क) बड़ी वाली दुकान
(ख) दही वाले दुकान
(ग) सब्जी वाली दुकान
(घ) दूध वाली दुकान
उत्तर :
(ख) दही वाले दुकान।
प्रश्न 85.
‘जितना बड़ा तेरा भतीजा है'” – ‘तेरा’ से कौन संकेतित है ?
(क) वजीरा सिंह
(ख) सरदारनी
(ग) कीरत सिंह
(घ) बोधा सिंह
उत्तर :
(ग) कीरत सिंहै।
प्रश्न 86.
नं. 77 सिख राइफल्स का जमादार कौन था ?
(क) हजारा सिह
(ख) लहना सिंह
(ग) बोधा सिंह
(घ) वजीरा सिंह
उत्तर :
(ख) लहना सिंह।
प्रश्न 87.
नं. 77 सिख राइफल्स का सूबेदार कौन था ?
(क) हजारा सिंह
(ख) लहना सिंह
(ग) बोधा सिंह
(घ) वर्जीरा सिंह
उत्तर :
(क) हजारा सिंह।
प्रश्न 88.
“क्या कयामत आ गई” – किसने, किससे कहा ?
(क) लहना सिंह ने वजीरा सिंह से
(ख) वजीरा सिंह ने लहना सिंह से
(ग) वजीरा सिंह ने सूबेदार से
(घ) सूबेदार ने बोधा सिंह से
उत्तर :
(ख) वजीरा सिंह ने लहना सिंह से।
प्रश्न 89.
‘उसने कहा था’ कहानी का नायक है ?
(क) सूबेदार हजारा सिंद
(ख) वजीरा सिद्ध
(ग) बोधा सिंह
(घ) लहना सिंह
उत्तर :
(घ) लहना सिंह।
प्रश्न 90.
‘उसने कहा था’ कहानी कहाँ से शुरू होती है ?
(क) बेलजियम से
(ख) अमृतसर से
(ग) फ्रांस से
(घ) जर्मनी से
उत्तर :
(ख) अमृतसर से।
प्रश्न 91.
“देश क्या है, स्वर्ग है” – कथन किसका है ?
(क) विलायती मेम का
(ख) लहना सिंह का
(ग) हजारा सिद्ध का
(घ) बोधा सिंह का
उत्तर :
(ख) लहना सिंह का।
प्रश्न 92.
“देश क्या है, स्वर्ग है” – किसे स्वर्ग कहा गया है ?
(क) भारत को
(ख) बेलजियम को
(ग) फ्रांस को
(घ) जर्मनी को
उत्तर :
(ग) फ्रांस को।
प्रश्न 93.
‘यहाँ वालों को शरम नहीं’ ‘‘यहाँ वालों’ से कौन संकेतित हैं?
(क) भारतवासी
(ख) फ्रांसवासी
(ग) सिख राइफल्स के सैनिक
(घ) जर्मनवासी
उत्तर :
(ग) सिख राइफल्स के सैनिक।
प्रश्न 94.
सूबेदारनी ने लहना सिंह से क्या कहा था ?
(क) धत्
(ख) मेरी जरसी पहल लो
(ग) सच कहते हो
(घ) ऐसे ही इन दोनों को बचाना
उत्तर :
(घ) ऐसे ही इन दोनों को बचाना।
प्रश्न 95.
“अपने पट्टे पर मेरा सिर रख ले'” – वक्ता कौन है ?
(क) सूबेदारनी
(ख) लहना सिंह
(ग) बोधा सिंह
(घ) लड़की
उत्तर :
(ख) लहना सिंह।
प्रश्न 96.
“तुमने उस दिन मेरे प्राण बचाए थे'” – वक्ता कौन है ?
(क) सूबेदार
(ख) लहना सिंह
(ग) सूबेदारनी
(घ) बोधा सिंह
उत्तर :
(ग) सूबेदारनी।
प्रश्न 97.
‘‘आप घोड़ों की लातों में चले गए थे” – ‘आप’ से कौन संकेतित है ?
(क) सूबेदार
(ख) लपटन
(ग) लहना संद
(घ) बोधा सिंह
उत्तर :
(ग) लहना सिंह।
प्रश्न 98.
”यह मेरी भिक्षा है'” – प्रस्तुत वाक्य किस पाठ से है ?
(क) नन्हा संगीतकार
(ख) चण्पल
(ग) नमक
(घ) उसने कहा था
उत्तर :
(घ) उसने कहा था।
प्रश्न 99.
अपने मुर्दा भाइयों के शरीर पर चढ़कर कौन आगे घुसे आते थे ?
(क) भारतीय सैनिक
(ख) जर्मन सैनिक
(ग) फ्रांसीसी सैनिक
(घ) बेलजियम सैनिक
उत्तर :
(ख) जर्मन सैनिक।
प्रश्न 100.
जन्म भर की घटनाएँ एक-एक करके सामने कब आती हैं ?
(क) खुशी के समय
(ख) दुःख के समय
(ग) मृत्यु के समय
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) मृत्यु के समय।
प्रश्न 101.
“प्रश्न साहब की मूर्छा हटी” – साहब कौन है ?
(क) सूबेदार साहब
(ख) जमादार साहब
(ग) डॉक्टर साहब
(घ) लपटन साहब
उत्तर :
(घ) लपटन साहब।
प्रश्न 102.
“मिजाज कैसा है” – वक्ता कौन है ?
(क) सूबेदार
(ख) लहना सिंह
(ग) लपटन साहब
(घ) बोधा सिंह
उत्तर :
(ख) लहना सिंह।
प्रश्न 103.
लपटन साहब की वर्दी पहनकर कौन आया था ?
(क) फ्रांसीसी
(ख) जर्मन
(ग) पाकिस्तानी
(घ) तुक्की
उत्तर :
(ख) जर्मन।
प्रश्न 104.
‘वे मेरे मामा होते हैं’ – वे कौन हैं?
(क) लहना सिंह
(ख) बलविंदर सिंह
(ग) जोगिन्दर सिंह
(घ) अतर सिंह
उत्तर :
(घ) अतर सिंहै।
प्रश्न 105.
“उनका घर गुरूबाजार में हैं” – किनका घर गुरूबाजार में हैं ?
(क) लड़की के मामा का
(ख) लहना सिंह के मामा का
(ग) बोधा सिद्ध का
(घ) वजीरा सिंह का
उत्तर :
(ख) लहना सिंह के मामा का।
प्रश्न 106.
“लड़के ने घर की राह ली” – लड़के से कौन संकेतित है?
(क) देवरथ
(ख) जेन्को
(ग) लहना सिंह
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) लहना सिंह।
प्रश्न 107.
“सिगड़ी में कोले डाल” – किसे कहा जा रहा है ?
(क) वजीरा सिंह को
(ख) उदमी को
(ग) वोघा सिंह को
(घ) लहना सिंह को
उत्तर :
(ख) उदमी को।
प्रश्न 108.
“देस-देस की बात है”‘ – देस-देस का आशय है ?
(क) भारत और फ्रांस
(ख) फ्रांस और बेलजियम
(ग) बेलजियम और जर्मनी
(घ) जर्मनी और भारत
उत्तर :
(क) भारत और फ्रांस।
प्रश्न 109.
अंधेरा है। सन्नाटा छाया हुआ है। – पंक्ति किस पाठ की है ?
(क) नन्हा संगीतकार
(ख) धावक
(ग) धूमकेतु
(घ) उसने कहा था
उत्तर :
(घ) उसने कहा था।
प्रश्न 110.
“लो, तुम भी पियो” – वक्ता कौन है?
(क) लहना सिंह
(ख) लपटन साहब
(ग) वजीरा सिंह
(घ) सूबेदारनी
उत्तर :
(ख) लपटन साहब।
प्रश्न 111.
‘आठ नहीं द्स लाख” – किस पाठ से उद्दुत है ?
(क) धावक
(ख) नन्हा संगीतकार
(ग) उसने कहा था
(घ) धूमकेतु
उत्तर :
(ग) उसने कहा था।
प्रश्न 112.
तुर्की मौलवी किस काम के लिए ताबीज बाँटता था ?
(क) धन पाने के लिए
(ख) भूत भगाने के लिए
(ग) बच्चे होने के लिए
(घ) बिगड़े काम बनाने के लिए
उत्तर :
(ग) बच्चे होने के लिए।
प्रश्न 113.
“धड़ाका सुनकर सब दौड़े आये” – ‘धड़ाका’ का अर्थ है ;
(क) बम फटने की आवाज
(ख) जलजले की आवाज
(ग) रिवाल्वर के फायर की आवाज
(घ) पटाखे की आवाज
उत्तर :
(ग) रिवाल्वर के फायर की आवाज।
प्रश्न 114.
‘देखते नहीं, मैं खड़ा हूँ” — वक्ता कौन है?
(क) बोधा सिंह
(ख) लहना सिंह
(ग) देवरथ
(घ) जेन्को
उत्तर :
(ख) लहना सिंह।
प्रश्न 115.
“तर हो रहा है” – वाक्य किस पाठ से उद्धृत है ?
(क) देशप्रेम
(ख) नौरंगिया
(ग) चपल
(घ) उसने कहा था
उत्तर :
(घ) उसने कहा था।
प्रश्न 116.
लहना सिंह दुकान पर क्या लाने गया था ?
(क) चीनी
(ख) राशन
(ग) दही
(घ) बड़ी
उत्तर :
(ग) दही
प्रश्न 117.
लड़की दुकान पर क्या लाने गयी थी ?
(क) बड़ययाँ
(ख) दही
(ग) सज्जी
(घ) चीनी
उत्तर :
(क) बड़ियाँ।
प्रश्न 118.
कितने वर्षों बाद लहना सिंह नम्बर 77 रायफल्स में जमादार हो गया ?
(क) 5 वर्षौ में
(ख) 10 वर्षो में
(ग) बीस वर्षो में
(घ) 25 वर्षों में
उत्तर :
(घ) 25 वर्षो में
प्रश्न 119.
“मेरे लिए वहाँ पहुँचकर गाड़ी भेज देना’ – इस कथन का वक्ता है ?
(क) बोधा सिंह
(ख) लहना सिंह
(ग) वजीरा सिंह
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) लहना सिंह
प्रश्न 120.
लहना सिंह को किस पर शक हुआ ?
(क) सूबेदार
(ख) लपटन साहब पर
(ग) जमादार पर
(घ) बोधा सिंह पर
उत्तर :
(ख) लपटन साहब पर
प्रश्न 121.
किससे टकरा कर लहना सिंह ने अंधे की उपाधि पाई ?
(क) खोमचे वालों से
(ख) वैस्णवी से
(ग) लपटन से
(घ) सूबेदार से
उत्तर :
(ख) वैस्गवी से
प्रश्न 122.
“हट जा जीये जोगिये'” – का अर्थ है ?
(क) तू हट जा
(ख) तू जीने योग्य है
(ग) तू भाग जा
(घ) तू जीने लायक नहीं है
उत्तर :
(ख) तू जीने योग्य है
प्रश्न 123.
लहना सिंह के भाई का क्या नाम था ?
(क) बोधा सिंह
(ख) वजीरा सिंद
(ग) कीरत सिंह
(घ) वजीरा सिंह
उत्तर :
(ग) कीरत सिंह
प्रश्न 124.
‘उसने कहा था’ किस विधा की रचना है ?
(क) निबंध
(ख) संस्मरण
(ग) कहानी
(घ) रिपोतार्ज
उत्तर :
(ग) कहानी
प्रश्न 125.
‘उसने कहा था’ कहानी का पूर्वाद्ध घटित होता है ?
(क) अमृतसर में
(ख) जर्मनौ में
(ग) युद्ध में
(घ) फ्रांस में
उत्तर :
(क) अमृतसर में
प्रश्न 126.
‘कछुआ धर्म’ (निबंध) के रचनाकार कौन हैं ?
(क) राम कुमार वर्मा
(ख) शैल रस्तोगी
(ग) कृष्णा सोबती
(घ) गुलेरी जी
उत्तर :
(घ) गुलेरी जी।
प्रश्न 127.
गुलेरी जी का जन्म कब हुआ ?
(क) सन् 1860 में
(ख) सन् 1880 में
(ग) सन् 1885 में
(घ) सन् 1883 में
उत्तर :
(घ) सन् 1883
प्रश्न 128.
गुलेरी जी किस विषय के प्रकांड विद्वान थे ?
(क) हिन्दी
(ख) बंगला
(ग) मराठी
(घ) संस्कृत
उत्तर :
(घ) संस्कृत।
प्रश्न 129.
गुलेरी जी किस पद् पर कार्यरत् थे ?
(क) अध्यापक
(ख) प्राचार्य
(ग) इतिहासविद्
(घ) निदेशक
उत्तर :
(क) अध्यापक।
वस्तुनिष्ठ सह व्याख्यामूलक प्रश्नोत्तर
1. बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता है और बिना लड़े सिपाही।
प्रश्न :
वक्ता कौन है?
उत्तर :
वक्ता लहना सिंह है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें ।
उत्तर :
लहना सिंह चाहता है कि बीच-बीच में आक्रमण करने का मौका मिलता रहे । युद्ध न होने से ऐसा लगता है कि मानो उसके शरीर में जंग-सी लग गई हो। उदाहरण के तौर पर वह कहता है कि बिना फेरे (खरहरा करना, व्रश करना) घोड़ा बिगड़ जाता है और बिना लड़े सिपाही। यही कारण है कि वह बीच-बीच में धावा करने का अवसर चाहता है।
2. “क्या मरने-मारने की बात लगाई है ? मरे जर्मन और तुरक ।”
प्रश्न :
प्रस्तुत अंश किस पाठ का है ? इसके रचनाकार कौन है ?
उत्तर :
(क) प्रस्तुत अंश ‘उसने कहा था’ नामक पाठ का है तथा इसके रचनाकार पं० चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ हैं।
प्रश्न :
प्रस्तुत वाक्य का वक्ता कौन है ?
उत्तर :
प्रस्तुत वाक्य का वक्ता वजीरा सिंह है।
3. “भावों की टकराहट से मूच्छा खुली। कटवट बदली पसली का घाव बह निकला।”
प्रश्न :
किसको मूच्छा आ गई थी ?
उत्तर :
लहनासिंह को मूर्छ्छा आ गई थी।
प्रश्न :
सूबेदारनी ने लहना सिंह से आँचल पसारकर क्या माँगा था?
उत्तर :
सूबेदारनी ने लहना सिंह से आँचल पसारकर यह माँगा था कि जिस तरह एकबार मेरे प्राप्त बचाने के लिए अपनी जान की परवाह न की थी उसी प्रकार मेरे पति और पुत्र के प्राणों की रक्षा करना।
4. यह बात नहीं कि उनकी जीभ चलती ही नहीं, चलती है,
पर मीठी छुरी की तरह महीन वार करती है।
प्रश्न :
पंक्ति के रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
पंक्ति के रचनाकार पं० चन्द्रधर शर्मा गुलेरी हैं।
प्रश्न :
कथन का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
गुलेरी जी ने कहना चाहा है कि ऐसी बात नहीं कि अन्य बड़े शहरों के तांगेवालों की तरह अमृतसर के नांगेवाले की जबान नहीं चलती। उनकी जबान भी चलती है और खूय चलती है। फर्क केवल इतना है कि उनकी बातें सुनने वाले पर सीधे-सीधे प्रहार नहीं करती। इनकी बातें मीठी छुरी की तरह वार करती हैं कि सुनने वाला कुछ कहने की स्थिति में नहीं रहता।
5. हट जा जीणे जोगिए, हट जा करमा वालिए,
हट जा पुत्तां प्यारिए, हट जा लम्बी उमर वालिए।
प्रश्न :
यह कथन किसका है ?
उत्तर :
यह कथन अमृतसर के बम्बूकार्ट (तांगेवाले) वालों का है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
अमृतसर की भीड़-भरी चक्करदार गलियों में तांगेवाले की बात अनसुनी कर चलने वाली कोई बूढ़ी जब रास्ता नहीं छोड़ती तो तांगेवाले कुछ इस लहजे में उसे ये कहते हैं। पंक्ति का आशय है – “तू जीने योग्य है, तू भागोंवाली है, पुत्रियों को प्यारी है, लम्बी उमर तेरे सामने है, तू क्यों मेरे पहिये के नीचे आना चाहती है ? बय जा।”
6. ऐसे बम्बूकार्टवालों के बीच में होकर एक लड़का और एक लड़की चौक की एक दुकान पर आ मिले।
प्रश्न :
रचना और रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘उसने कहा था’ है तथा रचनाकार पं० चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ हैं।
प्रश्न :
लड़का और लड़की कौन हैं? वे चौक की दुकान पर किस प्रकार आ मिले ?
उत्तर :
लड़का लहना सिंह है तथा लड़की होरां है।
लड़का अपने मामा के केश धोने के लिए दही लेने आया था तथा लड़की रसोई के लिए बड़ियाँ लेने आयी थी। एक ही दुकान से सामान लेने के कारण वे चौक की एक ही दुकान पर आ मिले।
7. तेरी कुड़माई हो गई ?
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता लहना सिंह है।
प्रश्न :
वक्ता का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
लहना सिंह अक्सर उस लड़की से दूसरेन-तीसरे दिन सब्जीवाले या दूधवाले के दुकान पर मिल जाता था। उसे छेड़ने के ख्याल से ही वह उसे यह कहकर छेड़ता था कि “क्या तेरी कुड़माई हो गई।” लहना सिंह केवल उसे चिढ़ाने के लिए ही ऐसा कहता था क्योंक लड़कियाँ अपनी शादी की बात सुनते ही शरमा जाती हैं।
8. महीने भर यही हाल रहा।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति किस पाठ से ली गई है ?
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति पं० चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की कहानी ‘उसने कहा था’ से ली गई है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
बालक लहना सिंह अक्सर उस लड़की से जो अपने मामा के यहाँ आई थी, से सब्जीवाले या दूधवाले के यहाँ मिल जाया करता था। धीरे-धीरे दोनां में परिचय बढ़ा और लहना सिंह उसे ‘तेरी कुड़माई हो गई” कहकर चिढ़ा दिया करता था। लड़की जबाब में आँखें चढ़ाकर ‘धत्’ कहकर भाग जाया करती थी। यही सिलसिला महीने भर चला।
9. कल, देखते नहीं, यह रेशाम से कढ़ा हुआ सालू।
प्रश्न :
वक्ता और श्रोता कौन हैं?
उत्तर :
वक्ता लड़की है और श्रोता बालक लहना सिंह है।
प्रश्न :
वक्ता का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
बालक लहना सिंह लड़की को बार-बार ‘तेरी कुड़माई हो गई’ कहकर छेड़ता था। लड़की घत् कहकर भाग जाती थी। लेकिन आशा के विपरीत एक दिन लड़की ने उत्तर में यह कहा, हाँ उसकी कुड़माई हो गई। प्रमाण के तौर पर उसने रेशम से कढ़ा हुआ सालू दिखाया।
10. लड़के ने घर की राह ली।
प्रश्न :
लड़का कौन है ?
उत्तर :
लड़का बालक लहना सिंह है।
प्रश्न :
लड़के ने किस परिस्थिति में घर की राह ली ?
उत्तर :
संभावना के विरुद्ध जब लड़के को लड़की के कुड़माई होने का पता चला तो मानों उसका दिल ही टूट गया। उसका मन मानों बुझ-सा गया और बुझे हुए मन से तथा निराशा व खीझ के साथ उसने अपने घर की राह ली।
11. कहती है, तुम राजा हो, मेरे मुल्क को बचाने आए हो।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता लहना सिंह है।
प्रश्न :
वक्ता का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
लहना सिंह यहाँ फ्रांसीसी मेम के बारे में कहता है। वह कहता है कि मेम से मिलने पर वह फलों और दूधों की वर्षा कर देती है। इनके पैसे लेने से भी इन्कार कर देती है। कहती है कि तुम राजा हो। तुम मेरे मुल्क को बचाने आए हो। इसलिए वह भारतीय सैनिकों की सेवा करना अपना कर्त्तव्य समझती है।
12. कहीं तुम न माँदे (बीमार) पड़ जाना।
प्रश्न :
वक्ता कौन है?
उत्तर :
वक्ता वजीरा सिंह है।
प्रश्न :
वक्ता ऐसा किससे और क्यों कह रहा है ?
उत्तर :
वजीरा सिंह यह गौर करता है कि लहना सिंह अपनी सेहत तथा ठंड का ख्याल न रखकर बोधा सिंह का विशेष ध्यान रखता है। वह अपना कबल भी उसे उढ़ा देता है तथा खुद सिगड़ी के सहारे ठंड काटता है। वह बोधा सिंह के बदले खुद पहरा दे देता है तथा उसे तख पर सुलाकर खुद कीचड़ में पड़ा रहता है। वजीरा सिंह कहता है कि उसे अपने स्वास्थय का भी ध्यान रखना चाहिए, कहीं ऐसा न हो कि वह खुद बीमार पड़ जाय।
13. मैं तो बुलेल की खड्ड के किनारे मरूँगा।
प्रश्न :
रचना और रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘उसने कहा था’ है और रचनाकार गुलेरी जी हैं।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
वजीरा सिंह के यह समझने पर कि वह बोधा सिंह का ध्यान रखने के क्रम में अपना ध्यान रखना ही भूल गया है। कहीं ऐसा न हो कि खुद बीमार पड़ जाय। इतनी ठंड में लापरवाही से उसे निमोनिया हो सकता है तथा निमोनिया से मरनेवालों को स्वर्ग में मुरब्ब नहीं मिला करते हैं।
14. मेम की जरसी की कथा केवल कथा थी।
अथवा
15. गुरू उनका भला करें।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति किस पाठ से ली गई है ?
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति ‘उसने कहा था’ पाठ से ली गई है।
प्रश्न :
वक्ता कौन है?
उत्तर :
वक्ता लहना सिंह है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
सूबेदारनी ने लहना सिंह को अपने पति और पुत्र बोध सिंह की रक्षा करने की भिक्षा माँगी थी। लहना सिंह इसीलिए अपनी परवाह न कर बोधा सिंह का विशेष ध्यान रखता है। वह अपनी गरम जरसी भी बोधा सिंह को पहना देता है। मना करने पर वह बोधा सिंह को झूठी कहानी सुना देता है कि उसके पास दूसरी गरम जरसी है। विलायत से मेमें ये जरसी बुन-बुनकर भेज रही है। गुरूजी मेमों का भला करें।
16. तब उसका माथा ठनका।
प्रश्न :
रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘उसने कहा था’ तथा रचनाकार पं० चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ हैं।
प्रश्न :
कब किसका माथा ठनका और क्यों ?
उत्तर :
जमादार लहनासिंह का माथा ठनका।
जब लहना सिंह ने लपटन साहब का चेहरा और बाल सिगड़ी के उजाले में देखा तो तभी उसे शक हुआ कि हो न हो, दाल में कुछ काला है । लपटन साहब पाँच वर्षो से उसके रेजीमेंट में थे और वह उन्हें जानता था। अपने संदेह को दूर करने के लिए उसने नकली लपटन साहब की एक मनगढ़ंत कहानी सुनाई, जिससे उसका संदेह विश्वास मे बदल गया।
17. क्या कयामत आ गई ?
अथवा
18. कयामत आई है और लपटन साहब की वर्दी पहनकर आई है।
प्रश्न :
रचना और रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘उसने कहा था’ और रचनाकार पं० बन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ हैं।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
जब लहना सिंह का शक विश्वास में बदल जाता है तो वह सूबेदार तक खबर भिजवान के लिए जल्दी से खाई क अंदर आता है। तभी अंधेरे में वह सो रहे कजीरा सिंह से टकरा जाता है। नौंद में खलल पहुँचने पर वजौरा सिंह झल्लाकर कहता है कि क्या कयामत आ गई है ? उत्तर मे लहना सिंह कहता है कि हाँ कयामत ही आई है और वा भी लपटन साहब की वर्दी पहनकर।
19. अब मारे गए। घोखा है।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता लहना सिह है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
जमादार लहना सिंह देखता है कि नकली जर्मन लपटन की बातों में आकर उसके दल के सैनिक आगे जाकर हमला करने चले गए हैं तो उसे लगता है कि उसके रेजीमेंट के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है। अब उसके रेजीमेंट के सैनिकों पर दोतरफा हमला होगा और सबके सब मारे जाएँगे।
20. खन्दक की बात झूठ है।
प्रश्न :
वक्ता कौन है?
उत्तर :
वक्ता लहना सिंह है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें ।
उत्तर :
लहना सिंह वजीरा सिंह को सावधान करता हुआ कहता है कि जर्मन लपटन की यह बात कि मील भर की दूरी पर एक जर्मन खाई है – बिल्कुल झूठ है। लपटन ने ऐसा इसलिए कहा ताकि हमलोगों पर जर्मन दो तरफा हमला कर सकें। इसलिए जितनी जल्द हो सके सूबेदार हजारा सिंद्ह को वापस लौट आने को कहो।
21. एक-एक अकालिया सिख सवा लाख के बराबर होता है।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति किस पाठ से ली गई है ?
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति ‘उसने कहा था’ पाठ से ली गई है।
प्रश्न :
वक्ता कौन है?
उत्तर :
वक्ता लहना सिंह है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
जब वजीरा सिंह से लहना सिंह यह कहता है कि वह जाकर सूबेदार को वापस आने को कहो, तब तक लहना सिंह लपटन साहब की खबर लेगा। यह सुनकर वजीरा सिंह चिंता व्यक्त करते हुए कहता है कि लेकिन यहाँ तो तुम केवल आठ ही हो। इसपर लहना सिंह उसे आश्वस्त करते हुए कहता है कि आठ नहीं, सवा लाख हैं। क्योंकि एक-एक अकालिया सिख सवा लाख के बराबर होता है। उल्लेखनीय है कि अकालिया का गठन गुरू गोविंद सिंह ने सिख धर्म की रक्षा के लिए किया था और कहा था –
“सवा लाख पर एक चढ़ाऊँ, गुरु गोविंद निज नाम कहाऊँ।”
22. आज मैंने बहुत-सी बातें सीखीं।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता लहना सिंह है।
प्रश्न :
वक्ता ने किससे, कौन-सी बहुत सारी बातें सीखी ?
उत्तर :
वक्ता अर्थात् लहना सिंह जर्मन लपटन साहब ने निम्नलिखित बहुत सारी बातें सीखीं –
(क) यह कि लपटन साहब खोते (गधे) की सवारी करते हैं।
(ख) यह कि मुसलमान मंदिरों में जल चढ़ाते हैं।
(ग) यह कि नोलगायों के दो-दो फुट के सींग होते हैं।
(घ) यह कि सिख सिगरेट पीते हैं।
23. एक हड़का हुआ कुत्ता आया था, मार दिया।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ? ‘हड़का हुआ कुत्ता’ किसे कहा गया है ?
उत्तर :
वक्ता लहना सिह है। ‘हड़का हुआ कुत्ता’ जर्मन लपटन को कहा गया है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
लहना सिंह ने जर्मन लपटन की पूरो-पूरी तलाशी नहीं ली थी। मौके का फायदा उठाकर लपटन साहव ने जंब की रिवाल्वर से लहना सिंह पर फायर कर दिया। गोली लहना सिंह की जाँघ में लगी। लहना सिंह ने जबाव में अपनी बंदूक हैमरो मार्टनन से दो फायर करके लपटन साहब को हमेशा-हमेशा के लिए सुला दिया। फायर की आवाज सुनकर सब दौड़ पड़े। बोधा सिंह के पूछने पर लहना सिंह ने कहा कि “एक हड़का (भटका) हुआ कुत्ता आया था, मार दिया।”
24. और हवा ऐसी चल रही थी, जैसे कि वाणभट्ट की भाषा में ‘दन्तवीणोपदेशाचार्य’ कहलाती।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति किस पाठ से ली गई है ?
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति ‘उसने कहा था’ पाठ से ली गई है ।
प्रश्न :
वाणभद्ट कौन थे ?
उत्तर :
वाणभद्ट भारत के ज्योतिषी तथा गणित के विद्वान थे।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति में गुलेरी जी ने फ्रांस के कड़ाके का सर्दी की वर्णन किया है। सर्दों के मारे दाँत तो ऐसे बज रहे घं जैसे वीणा की तार झककृत होती है ।
25. तू न होता, तो आज सब मारे जाते।
प्रश्न :
रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रबना ‘उसने कहा था’ है तथा रचनाकार पं० चंद्रधर शर्मा गुलेरी हैं।
प्रश्न :
‘तू’ से किसे संकेतित किया गया है?
उत्तर :
‘तू’ से जमादार लहना सिंह को संकेतित किया गया है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
एक जर्मन सैनिक लपटन साहब का वेश धारणकर आया था। एक जर्मन खाई पर हमले की बात कह कर उसने अधिकांश सिख सैनिकों को खाई से बाहर भेज दिया था। यदि लहना सिंह ने अपनी कुशाम्म (तंज) बुद्धि से काम न लिया होता तो भारतीय सैनिकों पर जर्मन सैनिकों का दो तरफा हमला होता और सब के सब मारे जाते। इसीलिए सृबददार हजारा सिंह लहना सिंह के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए कहते हैं कि यदि लहना सिंह न होता तो सब के सब मारे जाते।
26. तुम्हें बोधा की कसम है और सूबेदारनी जी की सौगन्य है, इस गाड़ी में चले जाओ।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता जमादार लहना सिंह है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
जर्मन सैनिकों के हमले में कई सैनिक घायल हुए और कई मारे गए। घायल सैनिकों की गाड़ी में लहना सिंह ने बोधा सिंह को चढ़ा दिया। वह तेज बुखार में था। उसने सूबेदार हजारा सिंह को भी बोधा सिंह के साथ जाने को कहा। सूबेदार लहना सिंह को छोड़कर नहीं जाना चाहते थे क्योंकि वह भी बुरी तरह घायल था। लेकिन लहना सिंह ने सूबेदार को बोधा और सूबेदारनी की कसम देकर उन्हें जाने के लिए बाध्य कर दिया।
27. सूबेदारनी होराँ को चिट्ठी लिखो तो मेरा मत्था टेकना लिख देना।
अथवा
28. जब घर जाओ तो कह देना कि मुझसे जो उन्होंने कहा था, वह मैने कर दिया।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता जमादार लहना सिंह है।
प्रश्न :
सूबेदारनी ने किससे क्या कहा था ? उसने उसे कैसे पूरा किया ?
उत्तर :
सूबेदारनी ने लहना सिंह से कहा धा कि, ‘तुमने उस दिन मेरे प्राण बचाए थे। ……. ऐसे ही इन दोनों को बचाना, यह मेरी भिक्षा है। तुम्हारे आगे मैं आँचल पसारती हूँ।”
लहना सिंह ने अपने प्राण देकर भी सूबेदार हजारा सिंह और बोधा सिंह के प्राण बचाकर अपना वचन पूरा किया।
29. उसने क्या कहा था ?
अथवा
30. मैंने जो कहा, वह लिख देना और कह भी देना।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति किस पाठ से ली गई है ?
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति ‘गुलेरो’ जी कहानी ‘उसने कहा था’ से ली गई है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
सूबेदारनी ने लहना सिंह से लाम पर जाते समय कहा था कि उसने जिस तरह एक बार उसके प्राणों की रक्षा की थी उसी प्रकार मेरे पति और पुत्र के प्राणों की रक्षा करना। इसलिए लहना सिंह ने सूबेदार से कहा कि सूबेदारनी ने जो उससे कहा था, वह उसने कर दिया। अगर वे सूबेदारनी को चिट्ठी लिखें तो लहना सिंह की इस बात का जिक जरूर कर दें।
31. मृत्यु के कुछ समय पहले स्मृति बहुत साफ हो जाती है।
अथवा
32. सारे दृश्यों के रंग साफ होते हैं, समय की धुन्घ बिल्कुल उस पर से हट जाती है।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति के रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति के रचनाकार चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ हैं।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
लहना सिंह को दो-दो गोलियाँ लगी हैं। गोलियों के घाव के कारण वह अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। जैसेजैसे वह मृत्यु के करीब आता जाता है, उसकी स्मृतियाँ साफ हो जाती हैं। बचपन के प्रेम से लेकर अब तक की सारी घटनाएँ उसकी ऑखों के सामने चलचित (सिनेमा) की तरह गुजर रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के पहले स्मृति बहुत साफ हो जाती है। लहना सिंह भी इसी समय के दौर से गुजर रहा है।
33. सुनते ही लहना सिंह को दु:ख हुआ। कोध हुआ ! क्यों हुआ ?
प्रश्न :
रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ हैं।
प्रश्न :
क्या सुनते ही लहना सिंह को दु:ख हुआ, क्रोथ हुआ ?
उत्तर :
जब लहना सिंह ने अपने प्रश्न – “‘क्या तेरी कुड़माई हो गई” के उत्तर में संभावना के विरुद्ध यह सुना कि, “हहाँ, हो गई। देखते नहीं यह रेशम के फूलोंवाला सालू ?” तो उसे काफी दुःख हुआ। दुःख के साथ ही साथ उसे उस लड़की पर, अपने-आप पर काफी गुस्सा भौ आया क्योंकि वह मन ही मन उस लड़की से प्यार करने लगा था।
34. पचीस वर्ष बीत गए।
प्रश्न :
पाठ का नाम लिखें।
उत्तर :
पाठ का नाम ‘उसने कहा था’ है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
लहना सिंह जिस लड़की को ‘ क्या तेरी कुड़माई हो गई” कहकर चिढ़ाता था – उससे लगभग पचीस वर्ष के बाद मिला। मिला भी तो उस लड़की को उसने अपने सूबेदार की पत्नी के रूप में पाया। सूबेदारनी तो उसे देखते ही पहचान गई। घटनाओं की याद दिलाने पर लहना सिंह को वे सारी बातें याद आ गई जिसे उसने इन पचीस वर्षो में लगभग भुला-सा दिया था। लेकिन वह प्रेम कहीं न कहीं उसके मन में अय भी जिंदा था।
35. लहना सिंध सूबेदार के यहाँ पहुँचा।
प्रश्न :
रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार पं० चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ हैं।
प्रश्न :
लहना सिंह सूबेदार के यहाँ क्यों पहुँचा ?
उत्तर :
लहना सिंह सात दिन की छुट्टी लेकर जमीन के मुकदमे की पैरवी के लिए गाँव आया हुआ था। तभी उसे रेजीमेंट अफसर की चिट्ठी मिली कि फौज लड़ाई पर जा रही है। तुरंत चले आओ। साथ ही साथ सूबेदार की चिट्ठी भी मिली कि मैं और बोधा सिंह भी लाम पर जाते हैं – साथ ही चलेंगे। सूबेदार का गाँव बीच रास्ते में ही पड़ता था इसलिए लहना सिंह साथ चलने के लिए सूबेदार के यहाँ पहुँचा। वह सूबेदार की बात को अनसुनी भी नहीं कर सकता था क्योंकि वे लहना सिद्ध को बहुत चाहते थे।
36. मुझे पहचाना ?
प्रश्न :
रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें ।
उत्तर :
रचना ‘उसने कहा था’ है तथा रचनाकार गुलेरी जी हैं।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता सूबेदारनी है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
सूबेदार हजारा सिंह के घर पहुंचने पर सूबेदार ने कहा कि ‘स सेबारनी तुझको जानती है। बुलाती है! जा मिल आ।” जब लहना सिंह सूबेदारनी के पास गया तो उसने कहा- “मुझे पहचाना” ? – लहना सिंह भले ही उस लड़की को भूल गया जिसे वह ” क्या तेरी कुड़माई हो गई” – कहकर चिढ़ाता था। सूबेदारनी ही वह लड़की थी। आज भी वह लहना सिंह को भूल नहीं पाई थी। पचौस वर्ष के बाद भी उसने लहना सिंह को एक ही नज़र में पह बान लिया था।
37. स्वप्न चल रहा है।
प्रश्न :
रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें ।
उत्तर :
रचना ‘उसने कहा था’ है तथा रचनाकार पं० चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ हैं।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
दो-दो गोली के गंभौर घाव के कारण लहना सिंह मूच्छित हो गया था। अंत समय में इन पचीस वर्षों को याद चलचित्र की तरह उसके स्वप्न में चल रही थी। एसा इसलिए हो रहा था क्योंकि मृत्यु के समय व्याक्त की स्मृति बहुत साफ हो जाती है ।
38. ऐसे ही इन दोनों को बचाना, यह मेरी भिक्षा है।
अथवा
39. तुम्हारे आगे मैं आँचल पसारती हूँ।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता सूबेदारनी है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
सूबेदार के घर पहुँचने पर सूबेदारनी अपने और लहना सिह के बचपन के प्रेम का वास्ता देकर उससे यह विनती करती है कि जिस तरह एक बार मेरे प्राण बचाने के लिए अपनी जान की परवाह न की थी उसी प्रकार मेरे पति और पुत्र के प्राणों की रक्षा करना। यह मेरी भिक्षा है । तुम्हारे आगे मैं इनके प्राणो की रक्षा के लिए आँचल पसारती हूँ।
40. क्या मजाल कि ‘जी’ और ‘साहब’ बिना सुने किसी को हटना पड़े।
प्रश्न :
पाठ का नाम लिखें।
उत्तर :
पाठ का नाम ‘उसने कहा था’ है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
इस पंक्ति में राह घलते लोगों तथा उन्हें हटाने के लिए इक्केवाले की बोलियों का वर्णन किया गया है। राह में चलनेवाले लोग इक्के-तांगेवाले की आवाज को अनसुनी कर देते हैं। जब तक तांगेवाले उन्हे ‘जी’ और ‘साहब’ के संबोधन से नहीं कहते तब तक वे रास्ता छोड़ने को तैयार ही नहीं होते।
41. वजीरा सिंह पलटन का विदूषक था।
प्रश्न :
रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार पं० चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ हैं।
प्रश्न :
वजीरा सिंह किस पलटन में था ?
उत्तर :
वजीरा सिह न०० 77 सिख राइफल्स पलटन में था।
प्रश्न :
वजीरा सिंह को पलटन का विदूषक क्यों कहा गया है ?
उत्तर :
वजीरा सिह जिंदादिल इन्सान है। लड़ाई के मैदान में भी वह चिंतित नहीं होता है। वह ऐसी-ऐसी वाते करता है कि उसके सैनिक साथी चाहे-अनचाहे हँसने के लिए विवश हो जाते हैं। उदाहरण के तौर पर – “मैं पाधा बन गया हूँ। करो जर्मनी के बादशाह का तर्पण।”
WBBSE Class 10 Hindi उसने कहा था Summary
लेखक – परिचय
पंडित चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ का जन्म जयपुर के एक विद्वतासंपत्न परिवार में सन् 1883 में हुआ था। इनके पूर्वज गुलेर (काँगड़ा) के राजा के पुरोहित थे इसलिए इनके नाम के साथ ‘गुलेरी’ उपनाम जुड़ गया। गुलेरी जी मुख्यतः कहानीकार और निबंधकार थे। इसके अलावा ये पुरातत्व, दर्शन, ज्योतिष, इतिहास, साहित्य तथा भाषा विज्ञान के भी विद्वान थे।
गुलेरी जी ने केवल तौन कहानियाँ लिखी हैं –
- ‘सुखमय जीवन’
- ‘बुद्धु का काँटा’ और
- ‘उसने
कहा था’। ‘उसने कहा था’ – इनकी अमर रचना है। हिन्दी के प्राय: सभी विद्वान इस कहानी को हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ कहानी मानते है।
‘कछुआ धर्म’, ‘मारेसि मोहि कुठाऊँ’ – ये दो निबंध गुलेरी जी के लोकप्रिय निबंध हैं। कहानी हो या निबंध, गुलेरी जी की भाषा प्रौढ़ और परिमार्जित है। अपने निबंधों में इन्होंने गंभीर विषय को भी रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है।
शब्दार्थ
पृष्ठ संख्या – 72
- इक्के = ताँगे ।
- जबान = बोली।
- पोरों = किनारे ।
- चीथकर = चिथड़े कर, कुचल कर।
- ग्लानि = अफसोस ।
- क्षोभ = गुस्सा।
- नाक की सीध = बिल्कुल सीधे-सीधे।
- तंग = संकरी।
- चक्करदार = घुमावदार ।
- सब्र = संतोष।
- खालसा = सरदार।
- बाछा = बच्चा (गाय का बछड़ा)।
- खच्चरों = गधे और घोड़े के बीच का एक जानवर जिससे बोझ ढोने का काम लिया जाता है ।
- भारे = भाड़ा।
- राह खेते = रास्ता निकालते।
- चितौनी = चेतावनी।
- लीक = रास्ते।
- वचनावली = बोली।
- नमूने = उदाहरण।
- जीणे जोगिये = जीने वाली।
- करमा वालिए = भाग्यवती।
- पुत्ता प्यारिए = बेटों को प्यारी।
- बम्बू कार्ट = बाँस की बनी गाड़ी।
- सुथने = पाजामे।
- केश = बाल।
- गुँध रहा था = बहस कर रहा था।
- गड्डी = थाक, बंडल।
पृष्ठ संख्या – 73
- सौदा = सामान।
- कुड़माई = सगाई।
- अकस्मात् = अचानक।
- सालू = चादर।
- मोरी = नाली।
- छाबड़ी वाले = ठेलेवाले।
- खन्दकों = खाइयों
- मेह = वर्षा ।
- पिंडलियों = घुटनों
- कीच = कीचड़ ।
- खन्दक = खाई।
- गैबी = जलजला = भूकेष।
- साफा = पगड़ी।
- रिलीफ = झटका = जानवर को हलाल करना।
- फिरंगी = अंग्रेज मुल्क = देश।
- संगीन = राईफल के ऊपर लगा चाकू।
- पाजी = दुष्ट।
- कलों के घोड़े = मशीन की तरह काम करने वाले।
- मन = चालीस सेर ।
- धावा = हमला।
- कमान = हुक्म, आदेश।
पृष्ठ संख्या – 74
- वम्बे = बालियों = सोते = झरने सिगड़ी = मिट्टी का छोटा बर्त्रन जिसमें जाड़े से बचने के लिए आग जलायी जाती है।
- कोले = लकड़ी का कोयला।
- जने = लोग।
- विदूषक = मनोरंजन करनेवाला।
- तर्पण = जल चढ़ाना, जल अर्पित करना ।
- बूटे = पेड़।
- देस देस = देश-देश।
- चाल = चलन, परंपरा।
- गुजर = गुजारा।
- माँदे = बीमार।
- घरबारी = गृहस्थ, घर-परिवार वाले।
- लुच्चों = लफंगों।
पृष्ठ संख्या – 75
- जरसी = स्वेटर।
- गुरु = गुरूगोविंद सिंह ।
- दम = समय।
- ज्यादह = ज्यादा, अधिक।
- घुमाव = मोड़।
- हुज्जत = बखेड़ा, झमेला।
पृष्ठ संख्या – 76
- आँख मारते = इशारा करते।
- खानसामा = बाबर्ची।
- पाजी = नीच, धूर्त, दुष्ट मेस = भोजनालय, जहाँ खाना बनायाखिलाया जाता है।
- कयामत = दुनिया के खत्म होने का समय।
- आँख लगने = सोने देना। सोहरा = शुद्ध।
पृष्ठ संख्या – 77
- खड़के = हिले
- मुहाने = मुँह।
- गोले = बम ।
- गुत्थी = गुव्छा।
- बीनकर = चुनकर
- मूर्छ्छा = बेहोशी
- चकमा = धोखा,बरगद।
- मंजा = खाट।
- मण्डी = बाजार ।
पृष्ठ संख्या – 78
- हैनरी मार्टिनी = इंग्लैंड में बनी राईफल का नाम।
- हड़का = भटका।
- पिरोना = छोपना ।
- खेत रहना = युंद्ध में मारा जाना।
- पसली = सीने की हड्डु।
- पूर = भर।
- कमरबन्द = बेल्ट।
- बूटों = जूतों।
- सराह = तारीफ।
पृष्ठ संख्या – 79
- फील्ड अस्पताल = युद्ध भूमि के आसपास लगाया गया अस्थायी अस्पताल।
- ज्वर = बुखार।
- बर्रा रहा था = अनापशनाप बकना।
- मत्था टेकना = माथा टेकना।
- तर = गीला।
- स्मृति = यादाश्त।
- धुन्ध = कुहरा।
पृष्ठ संख्या – 80
- बेड़े = तम्बू।
- असीस = आशीष, आशीर्वाद।
- मूर्छा = बेहोशी।
- भाग = किस्मत।
- खिताब = सम्मान।
- नमक हलाली = नमक चुकाने का, उपकार का कर्ज उतारने का।
- तीमियों = स्त्रियों।
- ओवरी = घर।
- हाड़ = गरमी।