Detailed explanations in West Bengal Board Class 9 Physical Science Book Solutions Chapter 5 कार्य, शक्ति एवं ऊर्जा offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 9 Physical Science Chapter 5 Question Answer – कार्य, शक्ति एवं ऊर्जा
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
विज्ञान के दृष्टिकोण से हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है ?
उत्तर :
जब बल लगाने पर वस्तु में बल की दिशा में विस्थापन हो।
प्रश्न 2.
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखें।
उत्तर :
बल की दिशा में विस्थापन होने पर किया गया कार्य = बल x विस्थापन या, F = F. . .
प्रश्न 3.
किसी वस्तु का त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप इससे सहमत हैं ? बताइये क्यों ?
उत्तर :
हाँ, त्वरण शून्य हो सकता है क्योंकि विभिन्न दिशाओं से लगने वाले बल एक दूसरे को निष्क्रिय कर देते हैं।
प्रश्न 4.
कार्य की व्यावहारिक इकाई क्या है ?
उत्तर :
जूल।
प्रश्न 5.
ऊर्जा दैशिक राशि है या अदैशिक ?
उत्तर :
ऊर्जा अदैशिक राशि है।
प्रश्न 6.
जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन सी ऊर्जा रूपांतरित होती है ?
उत्तर :
साइकिल चलाते समय मांसपेशीय ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रूपान्तरित होती है।
प्रश्न 7.
ऊपर की ओर फेंकी गई कोई वस्तु जैसे-जैसे ऊपर जाती है, उसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि होती है या कमी ?
उत्तर :
जब किसी वस्तु को ऊपर फेंका जाता है, तो इसकी गतिज ऊर्जा धीरे-धीरे कम होती है।
प्रश्न 8.
समान द्रव्यमान की दो वस्तुओं को h तथा 2h ऊँचाइयों पर रखा गया है। उनकी स्थितिज ऊर्जाओं का अनुपात क्या होगा ?
उत्तर :
स्थितिज ऊर्जा का अभीष्ट अनुपात = mgh : mg(2h) = 1 : 21
प्रश्न 9.
कार्य क्या है ?
उत्तर :
किसी वस्तु पर बल लगाने पर यदि वस्तु में बल की दिशा में विस्थापन हो, तो कार्य का होना कहा जाता है।
प्रश्न 10.
न्यूटन और डाइन में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर :
1 N = 310° dyne
प्रश्न 11.
कार्य की C.G.S. और M.K.S. पद्धति में गुरुत्वीय इकाई क्या-क्या है ?
उत्तर :
C.G.S. में अर्ग, M.K.S. में जूल।
प्रश्न 12.
शक्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर :
कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं।
प्रश्न 13.
ऊर्जा किसे कहते हैं ?
उत्तर :
कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं।
प्रश्न 14.
C.G.S. पद्धति में कार्य की इकाई क्या है ?
उत्तर :
अर्ग।
प्रश्न 15.
1 वाट शक्ति को परिभाषित करें।
उत्तर :
जब 1 जूल कार्य 1 सेकेण्ड में किया जाता है, तो शक्ति 1 वाट कहलाती है।
प्रश्न 16.
1 किलोवाट घंटा (1 kWh) की परिभाषा दें।
उत्तर :
जब एक किलोवाट क्षमता वाली मशीन एक घंटे तक उपयोग में लायी जाती है, तो पयुक्त ऊर्जा का मान एक किलोवाट घण्टा (1 kwh) होता है।
प्रश्न 17.
ऊर्जा रूपांतरण की दर को क्या कहते हैं ?
उत्तर :
ऊर्जा रूपांतरण की दर को शक्ति कहते हैं।
प्रश्न 18.
शक्ति की SI unit क्या होती है ?
उत्तर :
वाट
प्रश्न 19.
1 किलो वाट का मान कितने वाट के बराबर होता है?
उत्तर :
1 किलो वाट का मान 1000 वाट के बराबर होता है।
प्रश्न 20.
गतिज ऊर्जा का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर :
गतिज ऊर्जा गतिशील वाय में विद्यमान रहती है।
प्रश्न 21.
धनुप की प्रत्यंचा खींचने पर उसमें कौन-सी ऊर्जा उत्पन्न होता है।
उत्तर :
स्थितिज ऊर्जा।
प्रश्न 22.
बन्दूक से निकली गोली में कौन-सी ऊर्जा होती है ?
उत्तर :
गतिज ऊर्जा
प्रश्न 23.
कार्य का होना कब कहा जाता है ?
उत्तर :
जब किसी वस्तु पर बल लगाने से वस्तु में बल की दिशा में विस्थापन हो, तो कार्य का होना कहा जाता है।
प्रश्न 24.
कार्यविहीन बल क्या है ?
उत्तर :
जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाने से वस्तु में विस्थापन बल के लम्बवत कार्य करता है, उस बल को कार्यविहीन बल कहते हैं।
प्रश्न 25.
गतिज ऊर्जा की माप कैसे की जाती है ?
उत्तर :
KE = \(\frac{1}{2}\) mv2।
प्रश्न 26.
गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा में कौन ‘g’ पर निर्भर करता है ?
उत्तर :
स्थितिज ऊर्जा।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type) : 2 MARKS
प्रश्न 1.
क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है ? अपने उत्तर की व्याख्या करें।
उत्तर :
किसी पिण्ड पर लगने वाले बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन नहीं हो सकता है क्योंकि वस्तु में विस्थापन के लिए उस पर वल लगाना आवश्यक है। वस्तु पर आरोपित बल स्थितिज जड़ता को निष्क्रिय करके उसमे गति उत्पत्न करता है।
प्रश्न 2.
कार्य किसे कहते हैं ? कार्य की माप कैसे की जाती है ?
उत्तर :
कार्य (Work) : किसी वस्तु पर बल लगाने से यदि वस्तु बल की दिशा में अपने स्थान से स्थानान्तरित हो जाय, तो बल द्वारा कार्य का होना कहा जाता है।
कार्य की माप (Measurement of work) : कार्य की माप वस्तु पर लगाये गये बल और बल की दिशा में वस्तु द्वारा तय की गयी दूरी का गुणनफल से की जाती है।
माना कि किसी वस्तु पर F बल लगाने से वस्तु बल की दिशा में d दूरी तक विस्थापित हो जाती है तो किया गया कार्य W = F × d.
अत: किया गया कार्य = बल x बल की दिशा में विस्थापन।
प्रश्न 3.
CGS तथा SI पद्धति में शक्ति की इकाई लिखो।
उत्तर :
शक्ति की इकाइयाँ (Units of Power) : शक्ति की इकाई को दो भागों में बाँटा गया है।
(A) परम इकाइयाँ (Absolute Units) : (i) C.G.S. पद्धति में कार्य की इकाई Erg (अर्ग) होती है।
(ii) M.K.S. गा S.I. पद्धति में कार्य की इकाई जूल या न्यूटन मीटर होती है।
(B) गुरुत्वीय इकाइयाँ (Gravitational units) : (i) C.G.S. पद्धति में शक्ति की गुरुत्वीय इकाई ग्रामसेन्टीमीटर/सेकेण्ड (Gram cmisec) है।
(ii) M.K.S. या S.I. पद्धति में शक्ति की गुरुत्वीय इकाई किलोग्राम मीटर/सेकेण्ड (Kg.m / sec) है।
प्रश्न 4.
जूल तथा अर्ग में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर :
जूल तथा अर्ग में सम्बन्ध (Relation between Joule and Erg.) :
1 Joule = 1 Newton × 1 m
= 105 dyne × 102 cm.
= 107 dyne × cm
∴ 1 Joule = 107 Erg.
प्रश्न 5.
कोई मनुष्य किसी बोझ को अपने सिर पर आधे घंटे तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कोई कार्य किया या नहीं ?
उत्तर :
जब कोई मनुष्य अपने सिर पर कोई बोझ रखता है, तो उसके द्वारा कोई कार्य नहीं किया जाता, क्योंकि जब वह खड़ा रहता है, तो बोझ को उठाने पर उसके द्वारा लगाए गए बल से बोझ में कोई विस्थापन नहीं होता। यदि वह चलता है, तो बोड में विस्थापन उसके द्वारा लगाए गए बल को दिशा के लम्बवत विस्थापन होता है। इस स्थिति में भी कार्य नहीं होता है।
प्रश्न 6.
किसी वस्तु का द्रव्यमान दुगुना करने पर या उसका वेग दुगुना करने पर उसकी गतिज ऊर्जा किस स्थिति में अधिक प्रभावित होगी ?
उत्तर :
मान लिया वस्तु का द्रव्यमान m एवं वेग v है।
अत: वस्तु की गतिज ऊर्जा = \(\frac{1}{2}\) mv2
अत: वेग को दो गुना कर देने पर गतिज ऊर्जा अधिक प्रभावित होगी।
प्रश्न 7.
जब कोई चालक किसी पहाड़ी पर अपना वाहन चढ़ाता है तब उसकी चाल को क्यों बढ़ा देता है ?
उत्तर :
समतल सड़क पर वाहन चलाने की तुलना में पहाड़ी पर वाहन चलाने के लिए वाहन को ऊँचाई पर चढ़ना पड़ता है, जिससे वाहन की स्थितिज ऊर्जा mgh बढ़ती जाती है। अत: वाहन को पहाड़ी पर ऊपर चढ़ाने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। वाहंन का द्रव्यमान स्थिर रहते हुए इसकी गति को बढ़ाना पड़ता है।
प्रश्न 8.
मुक्त रूप से गिरते हुए एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जासंरक्षण नियम का उल्लंघन करता है ? कारण बताएँ।
उत्तर :
स्वतंत्रता पूर्वक पृथ्वी की ओर गिरती हुई किसी वस्तु में ऊर्जा का कुल परिमाण सदैव, स्थिर रहता है। अत: गिरती हुई वस्तु की स्थितिज ऊर्जा में लगातार ह्रास होने पर ऊर्जा की अविनाशिता के नियम का उल्लघन नही होता है।
प्रश्न 9.
कार्य, शक्ति और ऊर्जा में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर :
कार्य, शक्ति एवं ऊर्जा में अन्तर (Difference between work, power and energy) :
कार्य | शक्ति | ऊर्जा |
i. किसी वस्तु पर बल लगाने पर वस्तु में बल की दिशा में विस्थापन होने की क्रिया को कार्य कहते हैं। | i. किसी कर्ता के कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। | i. किसी कर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते है। |
ii. कार्य का मान समय पर निर्भर नहीं करता है। | ii. शक्ति का मान समय पर निर्भर करता है। | ii. ऊर्जा का मान समय पर निर्भग नहीं करता है। |
iii. कार्य की S.I. इकाई जूल है। | iii. शक्ति की S.I. इकाई जूल/सें॰या वाट है। | iii. ऊर्जा की S.I. इकाई जूल है। |
प्रश्न 10.
बल के द्वारा किया गया कार्य तथा बल के विपरीत कार्य की सोदाहरण परिभाषा दो।
उत्तर :
बल द्वारा किया गया कार्य (Work done by the force) : किसी वस्तु पर बल लगाने से यदि वस्तु में विस्थापन लगाये गये बल की दिशा में हो तो इसे बल के द्वारा किया गया कार्य कहा जाता है। जैसे – जब कोई व्यक्ति ठेला गाड़ी पर बल लगाता है और ठेला उसी दिशा में गतिशील हो जाता है।
बल के विपरीत कार्य (Work done against the force) : किसी वस्तु पर बल लगाने से यदि वस्तु में विस्थापन लगाये गए बल की दिशा के विपरीत हो तो इसे बल के विपरीत किया गया कार्य कहा जायेगा। जैसे – सीढ़ी पर कोई व्यक्ति ऊपर की ओर चढ़ता है तो किया गया कार्य पृथ्वी के आकर्षण बल के विपरीत होगा। अतः विस्थापन ॠणात्मक कहलाता है।
प्रश्न 11.
CGS तथा SI पद्धति में कार्य की परम इकाई लिखो तथा परिभाषा दो।
उत्तर :
C.G.S. पद्धति में कार्य की इकाई Erg (अर्ग) होती है।
M.K.S. या S.I. पद्धति में कार्य की इकाई जूल या न्यूटन मीटर होती है।
प्रश्न 12.
शक्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर :
शक्ति (Power) : कार्य करने की दर को शक्ति (Power) कहते हैं।
प्रश्न 13.
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखें।
उत्तर :
\(\frac{1}{2}\) mv2, यहाँ m वस्तु का द्रव्यमान एवं v वस्तु का वेग है।
प्रश्न 14.
आप एक हाथ में भारी सूटकेश लेकर टहल रहे हैं क्या यह कार्य है ? क़ारण दीजिए।
उत्तर :
एक हाथ में भारी सूटकेश लेकर टहलने पर कोई कार्य नहीं होता क्योंकि इस स्थिति में सूटकेस में लगाए जाने वाले बल की लम्बवत् दिशा में सूट केस में विस्थापन होता है।
प्रश्न 15.
एक वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर :
एक वाट शक्ति (1 watt powers) : जब 1 जूल कार्य 1 सेकेण्ड में किया जाता है, तो शक्ति 1 वाट कहलाती है।
प्रश्न 16.
ऊर्जा की अविनाशिता का नियम क्या है ?
उत्तर :
ऊर्जा की अविनाशिता का नियम : ऊर्जा की अविनाशिता के नियम के अनुसार ऊर्जा को न तो उत्पत्र किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। बल्कि इसे एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। ब्राण्ड की कुल ऊर्जा सदैव स्थिर रहती है।
प्रश्न 17.
कार्यहीन बल क्या है ?
उत्तर :
कार्यहीन बल (Workless force) : जब किसी वस्तु पर बल लगाने पर उसमें विस्थापन न हो या बल की दिशा के लम्बवत् विस्थापन हो, तो इसे कार्यहीन बल कहते हैं।
उदाहरण : कुली द्वारा सिर पर बोझ उठाना कार्यहीन बल का उदाहरण है।
प्रश्न 18.
कार्य तथा शक्ति में अन्तर लिखो।
उत्तर :
कार्य तथा शक्ति में अन्तर :
प्रश्न 19.
गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा में अन्तर लिखो।
उत्तर :
गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा में अन्तर :
स्थितिज ऊर्जा | गतिज ऊर्जा |
i. यह किसी वस्तु में उसकी स्थिति या दशा के कारण होती है | i. यह किसी वस्तु में उसकी गति के कारण होती है। |
ii. इसकी माप वस्तु के प्रारम्भिक स्थिति या दशा में आने तक किये गये कार्य द्वारा होती है। | ii. इसकी माप गति की अवस्था से स्थिर अवस्था तक आने में वस्तु द्वारा अवरोधक बल के विरुद्ध किये गये कार्य के द्वारा की जाती है। |
प्रश्न 20.
गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा की परिभाषा लिखो। प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दो।
उत्तर :
गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) : किसी वस्तु की गति अवस्था के कारण उसमें जो कार्य करने की क्षमता उत्पन्न होती है उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा (Kinetic energy) कहते हैं।
उदाहरण : बंदूक से छोड़ी गयी गोली, धनुष से छोड़ा गया तीर।
स्थितिज ऊर्जा (Potential energy) : किसी वस्तु की स्थिति या अवस्था के कारण उसमें जो कार्य करने की क्षमता उत्पन्न होती है उसे उस वस्तु की स्थितिज ऊर्जा (Potential energy) कहते हैं।
उदाहरण : यदि किसी स्प्रिंग के एक सिरे को दृढ़ आधार से बाँधकर इसके दूसरे सिरे पर कोई पिण्ड लटकाया जाय, तो सन्तुलन की अवस्था में यह स्थिर हो जाता है। अब यदि पिण्ड को इस स्थिर अवस्था से थोड़ा नीचे खींचकर छोड़ दिया जाये तो यह ऊपर-नीचे दोलन करने लगता है।
प्रश्न 21.
ऊर्जा के संरक्षण का सिद्धान्त क्या है ?
उत्तर :
ऊर्जा के संरक्षण का सिद्धान्त : ऊर्जा न तो उत्पन्न और न तो नष्ट की जा सकती है किन्तु एक रूप से दूसरे रूप में रूपान्तरण हो सकती है।
प्रश्न 22.
कार्य का होना कब कहा जाता है ?
उत्तर :
किसी कार्य के सम्पन्न होने के लिए निम्नलिखित दो कारको का होना आवश्यक है –
(i) किसी वस्तु पर लगाया जाने वाला बल-वाह्म कारक तथा
(ii) लगाये गये बल की दिशा में वस्तु का विस्थापन।
प्रश्न 23.
कार्य की माप कैसे की जाती है ?
उत्तर :
कार्य का मापन (Measurement of work) : किसी वस्तु पर लगाये गये बल से होने वाले कार्य की माप उस वस्तु पर लगाये गये बल तथा लगाव बिन्दु से विस्थापन के गुणनफल से की जाती है।
कार्य (Work) = बल (force) × विस्थापन (displacement)
प्रश्न 24.
कार्य की इकाई C.G.S. तथा M.K.S. पद्धति में क्या है ?
उत्तर :
(i) C.G.S. system में कार्य की परम इकाई अर्ग या डाइन x से॰मी॰ है।
(ii) S.I. या M.K.S. पद्धति में कार्य की परम इकाई जूल या न्यूटन मीटर है।
प्रश्न 25.
कार्य की व्यावहारिक इकाई क्या है ?
उत्तर :
(i) कार्य की व्यावहारिक इकाई जूल है।
(ii) जूल के अतिरिक्त कार्य की बड़ी व्यावहारिक इकाइयाँ :
(a) किलो जूल एवं
(b) मेगाजूल एवं जूल में सम्बन्ध : 1 मेगा जूल (M.J.) = 1 × 103 जूल।
प्रश्न 26.
ऊर्जा किसे कहते हैं ? यह कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर :
ऊर्जा (Energy) : किसी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा कहने का तात्पर्य कार्य के परिणाम से है इसलिए ऊर्जा को कार्य की इकाइयों में ही व्यक्त किया जाता है। ऊर्जा एक अदैशिक राशि है।
ऊर्जा दो प्रकार की होती है – (i) स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy), (ii) गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)।
प्रश्न 27.
गतिज ऊर्जा की माप कैसे की जाती है ?
उत्तर :
कोई गतिशील वस्तु गति अवस्था से स्थिर अवस्था तक आने के पहले तक वह किसी अवरोध बल के विरुद्ध कार्य करती है वही उस वस्तु की गतिज ऊर्जा की माप है।
यदि किसी वस्तु की मात्रा m हो तथा वह v वेग से गतिमान हो तो उस वस्तु की गतिज ऊर्जा का मान होगा।
गतिज ऊर्जा Ek = \(\frac{1}{2}\) × मात्रा × (वेग)2 = \(\frac{1}{2}\) mv2।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 5 MARKS
प्रश्न 1.
कार्य की परिभाषा लिखें। धनात्मक कार्य, ऋणात्मक कार्य और शून्य कार्य की सोदाहरण व्याख्या करें।
उत्तर :
कार्य की परिभाषा : किसी वस्तु पर बल लगाने पर उसमें बल की दिशा में विस्थापन होने की क्रिया को कार्य कहते हैं।
धनात्मक कार्य या बल द्वारा किया गया कार्य (Positive work or Work done by force) : जब. विस्थापन लगाये गये बल की दिशा में होता है, तब θ = 0 अर्थात cos θ = +1
अत: W = F × S × (+1) = + FS
धनात्मक कार्य का एक उदाहरण : किसी वस्तु को ऊपर से छोड़ देने पर वह पृथ्वी के गुरुत्वबल के अधीन नीचे की तरफ गिरती है। यह वस्तु का विस्थापन गुरुत्वबल की दिशा में हुआ है। यह विस्थापन धनात्मक कहलाता है। अतः इस तरह का कार्य धनात्मक या बल द्वारा किया गया कार्य है।
ॠणात्मक कार्य या बल के विरुद्ध कार्य (Negative work or work done against the force) : जब विस्थापन लगाये गए बल की विपरीत दिशा में होता है, तब θ = 180° cos 180° = -1
अत: W = F × S × (-1) = -FS
ॠणात्मक कार्य का एक उदाहरण : कुएँ से जल से भरी बाल्टी खींचने में पृथ्वी के गुरुत्वबल के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है।
शून्य कार्य (Zero work) : जब वस्तु का विस्थापन और लगने वाले बल के बीच समकोण बनता है, तो θ = 90° अर्थांत cos 90° = 0
अत: W = F × S × 0 या, W = 0
अर्थात किये गये कार्य का परिमाण शुन्य होगा।
प्रश्न 2.
गतिज ऊर्जा की परिभाषा दें। v वेग से गतिशील m द्रव्यमान के पिंड की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक प्राप्त करें।
उत्तर :
गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) : किसी वस्तु की गति अवंस्था के कारण उसमें जो कार्य करने की क्षमता उत्पन्न होती है उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा (Kinetic energy) कहते हैं।
गतिज ऊर्जा का गणितीय स्वरूप (Mathematical Expression) : माना ‘m’ द्रव्यमान की एक वस्तु को u वेग से पृथ्वी की सतह के ऊपर लम्बक्त् प्रक्षेपित किया जाता है तथा वस्तु h ऊँचाई ऊपर जाने के बाद विरामावस्था में आ जाती है। पुन: गुरुत्वीय बल के अधीन गिरते हुए पृथ्वी की सतह पर लौट आती है।
गति के समीकरण v2-u2 = 2 as
यहाँ s = h
u = um / s
a = -g
v = 0
∴ o – u2 = 2gh
∴ h = \(\frac{u^2}{2 g}\)
गति के दौरान वस्तु की गति द्वारा गुरुत्वीय बल के विरुद्ध किया कार्य = mgh
= mg × \(\frac{u^2}{2 g}\)
= \(\frac{1}{2}\) mu2
∴ Ek = \(\frac{1}{2}\) मात्रा × (वेग)2
यह स्पष्ट है कि किया गया कार्य वस्तु की गतिज ऊर्जा में परिवर्तन के बराबर है।
अत: Ek = \(\frac{1}{2}\) mv2 T
प्रश्न 3.
स्थितिज ऊर्जा की परिभाषा दें। पृथ्वी-तल से h ऊँचाई पर m द्रव्यमान के किसी पिंड की स्थितिज ऊर्जा के लिए व्यंजनाक प्राप्त करें।
उत्तर :
स्थितिज ऊर्जा (Potential energy) : किसी वस्तु की स्थिति या अवस्था के कारण उसमें जो कार्य करने की क्षमता उत्पन्न होती है उसे उस वस्तु की स्थितिज ऊर्जा (Potential energy) कहते हैं।
किसी वस्तु का विन्यास (configeration) या स्थिति (position) के कारण, वस्तु में जो कार्य करने की क्षमता होती है, उसे उस वस्तु की स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) कहते हैं। जैसे चाबी देने के बाद स्पिंग में (विन्यास के कारण), छत पर रखी टंकी के जल में (स्थिति के कारण) स्थितिज ऊर्जा होती है।
पृथ्वी की सतह से h ऊँचाई पर स्थित m मात्रा की वस्तु में स्थितिज ऊर्जा (Ep) : जब भी किसी वस्तु को पृथ्वी की सतह से ऊपर उठाया जाता है, तो वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है। वस्तु पर किया गया कार्य ही वस्तु की स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है। अर्थात् यदि उस वस्तु को स्वतंत्र छोड़ दिया जाय तो वस्तु स्वत: पृथ्वी की सतह पर लौट आती है और उसमें जमा स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है। इस प्रकार h ऊँचाई पर स्थित वस्तु की स्थितिज ऊर्जा = गुरुत्वीय बल (वस्तु का भार) x विस्थापन (ऊँचाई)
Ep = mg × h = mgh
यहाँ m = वस्तु की मात्रा
g = गुरुत्वीय त्वरण है।
[∴ बल = मात्रा × त्वरण]
गणितीय स्वरूप (Mathematical Expression) : माना ‘m’ द्रव्यमान की वस्तु को धरती से ‘h’ ऊँचाई तक ऊपर उठाया जाता है। वस्तु को उठाने के लिए आवश्यक न्यूनतम बल वस्तु के भार के बराबर अर्थात् mg लगता है।
माना वस्तु पर गुरुत्वीय बल के विरुद्ध किया गया कार्य W है। तब, कार्य (W) = बल x विस्थापन
= mg × h
= mgh
चूँकि वस्तु पर किया गया कार्य mgh के बराबर है, इसलिए वस्तु में mgh इकाई के बराबर ऊर्जा उत्पन्न होगी। यह वस्तु की स्थितिज ऊर्जा (Ep) है।
∴ Ep = mgh.
प्रश्न 4.
दिखाएँ कि मुक्त रूप से गिरते हुए पिंड की कुल ऊर्जा नियत रहती है।
उत्तर :
यांत्रिक ऊर्जा का संरक्षण (Conservation of Mechanial Energy) : हम जानते हैं कि ऊर्जा केवल एक रूप से दूसरे रूप में रूपान्तरित हो सकती है, न तो इसकी उत्पत्ति की जा सकती है और न ही विनाश। इसे ऊर्जा संरक्षण का नियम कहते हैं।
माना कि m मात्रा की वस्तु किसी h ऊँचाई की छत से विरामावस्था से गिरायी जाती है।
यदि प्रथम स्थिति (h ऊँचाई पर) बीच की स्थिति (h-x ऊँचाई पर) तथा पृथ्वी को ठीक स्पर्श करने से पहले अंतिम स्थिति (h = 0) पर यांत्रिक ऊर्जा का मान बराबर रहता हो, तो यहाँ सिद्ध हो जाता है कि गुरुत्वाकर्षण बल के अधीन स्वतंत्र रूप से गिरती वस्तु की यांत्रिक ऊर्जा अचर/संरक्षित (Constant/conserved) रहती है।
प्रथम स्थिति में –
∴ यांत्रिक ऊर्जा (Ep) + गतिज ऊर्जा (Ek)
(A) E = PE + KE
= mgh + 0 [वेग u = 0]
= mgh
मध्य रास्ते पर, E = PE + KE
(B) = mg(h-x) + \(\frac{1}{2}\) mv2 [∴ ऊँचाई = h – x]
= mgh – mgx + \(\frac{1}{2}\) m(√2gx)2\left[v2 – u2 = 2 gh से u = 0, h = x]
= mgh-m g x + m g x
= mgh ……. – (ii)
अंतिम स्थिति में, E = PE + KE से
(C) = 0 + (√2 gh)2[∴ ऊँचाई = 0 और h ऊँचाई से गिरने पर वेग = √2 gh]
= \(\frac{1}{2}\) m × 2gh
= mgh
तीनों ही स्थितियों में (i), (ii) तथा (iii) समीकरण से स्पष्ट है कि यांत्रिक ऊर्जा (E) का मान एक समान (mgh) स्थिर रहता है।
इससे सिद्ध होता है कि गुरुत्वीय बल के अधीन गतिशील वस्तु की यांत्रिक ऊर्जा संरक्षित रहती है।
ऊपर के उदाहरण से हमें ऊपर से नीचे की गति में यह भी पता चलता है कि गति के दौरान स्थितिज ऊर्जा-गतिज ऊर्जा में (नीचे से ऊपर या ऊपर से नीचे की गति) और गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा (नीचे से ऊपर की गति) परस्पर बदलती रहती हैं। आगे हम सब यह भी समझ पायेंगे कि कोई भी एक प्रकार की ऊर्जा दूसरे प्रकार की ऊर्जा में रूपान्तरित की जा सकती है।
प्रश्न 5.
बल के विरुद्ध कार्य से क्या समझा जाता है ? उदाहरण सहित लिखिए। S.I. प्रणाली में कार्य की इकाई क्या है ?
उत्तर :
बल के विरुद्ध कार्य (Work done against the force) : किसी वस्तु पर बल लगाने से यदि वस्तु में विस्थापन लगाये गए बल की दिशा के विपरीत हो तो इसे बल के विपरीत किया गया कार्य कहा जायेगा। जैसे –
(a) किसी पत्यर के टुकड़े को नीचे से ऊपर फेंका जाता है तो पत्थर का स्थानान्तरण गुरुत्व बल के विपरीत होता है। अत: यहाँ पर कार्य गुरुत्व बल के विपरीत कहा जायेगा। कुएँ से जल से भरी बाल्टी को ऊपर खींचना गुरुत्व बल के विपरीत कार्य होता है तथा विस्थापन ऋणात्मक होता है।
(b) सीढ़ी पर कोई व्यक्ति ऊपर की ओर चढ़ता है तो किया गया कार्य पृथ्वी के आकर्षण बल के विपरीत होगा। अतः विस्थापन ऋणात्मक कहलाता है।
S.I. प्रणाली में कार्य की इकाई : M.K.S. या S.I. पद्धति में कार्य की इकाई जूल या न्यूटन मीटर होती है।
प्रश्न 6.
ऊर्जा अदैशिक राशि है या दैशिक राशि ? यांत्रिक ऊर्जा कितने प्रकार की होती है ? स्पष्ट करें। उत्तर : ऊर्जा अदैशिक राशि है।
यांत्रिक ऊर्जा के प्रकार : यांत्रिक ऊर्जा दो प्रकार की होती है –
(i) स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy), (ii) गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)।
(i) स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) : किसी वस्तु की स्थिति या अवस्था के कारण उसमें जो कार्य करने की क्षमता उत्पन्न होती है उसे उस वस्तु की स्थितिज ऊर्जा (Potential energy) कहते हैं।
(ii) गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) : किसी वस्तु की गति अवस्था के कारण उसमें जो कार्य करने की क्षमता उत्पत्र होती है उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा (Kinetic energy) कहते हैं।
प्रश्न 7.
स्थितिज ऊर्जा का मापन कैसे किया जाता है ? किसी वस्तु में स्थितिज ऊर्जा को मापने का सूत्र ज्ञात करो।
उत्तर :
किसी वस्तु की मूल स्थिति बदलने के लिए जो कार्य किया जाता है, वह उस वस्तु में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है। अब बदली हुई अवस्था से मूल अवस्था में वापस आते समय वस्तु जितना कार्य करती है, वही स्थितिज ऊर्जा की माप होती है।
यदि m मात्रा वाली वस्तु को पृथ्वी तल से h ऊँचाई पर ले जाएँ तथा गुरुत्वीय त्वरण g हो, तो वस्तु में स्थितिज ऊर्जा (P.E. = मात्रा × गुरुत्वीय त्वरण × ऊँचाई;
∴ P.E. = mgh
अथवा, स्थितिज ऊर्जा = द्रव्यमान × गुरुत्वीय त्वरण × ऊँचाई
चूँकि यह स्थितिज ऊर्जा, गुरुत्व के विरुद्ध कार्य करने के कारण है, इसलिए इसे गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
सूत्र से स्पष्ट है कि यदि वस्तु h ऊँचाई से पृथ्वी पर गिरती है, तो उसकी स्थितिज ऊर्जा mgh के रूप में घटने लगती है। अर्थात् वस्तु की स्थितिज ऊर्जा से mgh परिमाण का कार्य प्राप्त किया जा सकेगा। वस्तु में एक ही समय में स्थितिज तथा गतिज दोनों प्रकार की ऊर्जा हो सकती है। इन दोनों प्रकार की ऊर्जा के योग को यांत्रिक ऊर्जा कहते हैं।
प्रश्न 8.
गतिज ऊर्जा का मापन किस प्रकार होता है ? m मात्रा वाली वस्तु का वेग v हो तो उसमें उत्पन्न गतिज ऊर्जा का सूत्र ज्ञात करो।
उत्तर :
कोई गतिशील वस्तु गति अवस्था से स्थिर अवस्था तक आने के पहले तक वह किसी अवरोध बल के विरुद्ध कार्य करती है वही उस वस्तु की गतिज ऊर्जा की माप है।
यदि किसी वस्तु की मात्रा m हो तथा वह v वेग से गतिमान हो तो उस वस्तु की गतिज ऊर्जा का मान होगा।
गतिज ऊर्जा Ek = \(\frac{1}{2}\) × मात्रा × (वेग)2= mv2।
माना कि भारी वस्तु की मात्रा M एवं वेग V है।
तथा हल्की वस्तु की मात्रा m और वेग v है।
यहाँ दोनों वस्तुओं का संवेग समान है।
∴ MV = mv या, \(\frac{M}{m}\)= \(\frac{v}{V}\)
यहाँ ∵ M > m, ∴ v > V
पुन: ∵ mv = MV
∴ mv × V >MV × V [∵ v > V]
या, mv2 > MV2
या, \(\frac{1}{2}\) mv2 > \(\frac{1}{2}\) Mv2
अर्थात् हल्की वस्तु की गतिज ऊर्जा, भारी वस्तु की गतिज ऊर्जा की तुलना में अधिक होगी।
प्रश्न 9.
एक स्वतंत्रतापूर्वक गिरती हुई वस्तु ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत का पालन करती है-सिद्ध करो।
उत्तर :
गुरुत्व बल के अधीन स्वतंत्रतापूर्वक गिरती हुई वस्तु में ऊर्जा का संरक्षण : माना कि पृथ्वी से ‘h’ ऊँचाई पर स्थित छत ‘m’ मात्रा वाला एक पत्थर रखा हुआ है। चूंकि वस्तु विराम में है अत: गतिज ऊर्जा शून्य (0) है और उसकी स्थितिज ऊर्जा mgh है।
∴ उस पत्थर में कुल ऊर्जा = 0 + mgh = mgh.
यदि अब उस वस्तु को गुरुत्व बल के अधीन मूल रूप नीचे गिरने दिया जाता है तो कुछ दूर तक गिरने के पश्चात् P.E. के मान में कमी तथा K.E. के मान में वृद्धि होती है। जब वस्तु A से S दूरी तय करके B स्थिति पर जाती है तो तब पृथ्वी तल से वस्तु की ऊँचाई (h-s) है। इस स्थिति में स्थितिज ऊर्जा = m g(h-s) है। वस्तु का प्रारंभिक वेग शून्य था इसलिए B बिन्दु पर वस्तु का वेग V है।
∴ V2 = U2 + 2 gs
या V2 = 0 + 2 gs
∴ V2 = 2 gs
∴ B बिन्दु पर गतिज ऊर्जा (K.E.) = \(\frac{1}{2}\) mv2
गतिज ऊर्जा = \(\frac{1}{2}\) m.2gs.
∴ गतिज ऊर्जा =mgs होगी।
∴ कुल ऊर्जा का योग = mg(h-s) + mgs = mgh – mgs + mgs = mgh.
अत: गुरुत्व के अधीन किसी ऊँचाई से गिरती हुई वस्तु की कुल ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है। पृथ्वी तुल से टकराने के ठीक पहले वस्तु में गतिज ऊर्जा का मान सर्वोच्च होगा तथा स्थितिज ऊर्जा का मान शून्य होने के कारण गतिज ऊर्जा का परिमाण =mgh होगा।
पृथ्वी से टकराने के पश्चात् h = 0, ∴ P.E. = 0 तथा V = 0, ∴ K.E. = \(\frac{1}{2}\) mv2 = 0
∴ P.E. तथा K.E. दोनों शून्य हो जाने पर कुल ऊर्जा का रूपान्तरण ध्वनि ऊर्जा, उष्मा ऊर्जा आदि में हो जाता है।
आंकिक प्रश्नोत्तर (Numrical Answer Type) : 5 MARKS
प्रश्न 1.
10 N का बल लगाने पर कोई वस्तु 50 cm से विस्थापित होती है, तों संपादित कार्य की गणना करें।
हल :
यहाँ बल (F) = 10 N
विस्थापित दूरी (d) = 50 cm = \(\frac{50}{100}\) मी०
संपादित कार्य (w) = F × d
= 10 × \(\frac{50}{100}\) = 5 J
प्रश्न 2.
कुतुबमीनार की ऊँचाई 72 m है। 50 kg का मनुष्य ऊपर तक चढ़ने में कितना कार्य करता है ?
g = 10 m / s2
हल :
यहाँ मनुष्य की मात्रा: = 50 kg
मीनार की ऊँचाई = 72 m
g = 10 m / s2
मनुष्य द्वारा किया गया कार्य = mgh
= 50 × 10 × 72 = 36000 जूल
= 36 kilo jule
प्रश्न 3.
600 kg का कोई पिंड 30 m / s के वेग से चल रहा है। यदि प्रतिरोधी बल लगाकर इसे 150 m की दूरी पर रोक लिए जाए, तो बल का मान क्या होगा? इस अवधि में किए गए कार्य की भी गणना करें।
हल :
v = 0, μ = 30 m / s, s =150 m
v2 = u2 – 2 s
(0)2 = (30)2 – 2 × f × 150
0 =900 – 300 f mf
300 f = 900 = 600 × 3
f = 3 m / s2 = 1800 N
प्रतिरोध बल = 1.8 × 103
किया गया कार्य (w) = F. S.
= 1800 × 150
= 270000
= 27 × 104 J
प्रश्न 4.
60 g द्रव्यमान वाली कोई गेंद 3 m की ऊँचाई से गिरती है। पृथ्वी की सतह पर पहुँचने के समय उसकी गतिज ऊर्जा की गणना करें। g = 10 m / s 2
हल :
g = 10 m / s2
v = अन्तिम वेग, μ = प्रारम्भिक वेग = 0
v2 = μ2 + 2 gs
= (0)2 + 2 × 10 × 3 m
= 60 m / s
गतिज ऊर्जा = \(\frac{1}{2}\) m v2
= \(\frac{1}{2}\) × 60 × 60
= 1800 जूल / sec
= 1800 वाट
= 1.8 kw
प्रश्न 5.
यदि किसी कार का द्रव्यमान 1500 kg है तो उसके वेग को 30 km h-1 से 60 km h-1 तक 5 सेकेण्ड में बढ़ाने में कितना बल लगाना पड़ेगा ?
प्रश्न 6.
किसी वस्तु पर 7 N का बल लगता है। मान लीजिए बल की दिशा में विस्थापन 8 m है। मान लीजिए वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?
हल :
W = F × S
= 7 × 8
= 56 न्यूटन मी०
= 56 जूल
प्रश्न 7.
5 m s-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 J है। यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी ? यदि इसके वेग को तीनगुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी ?
हल :
= \(\frac{1}{2}\) × 2 ×(15)2
= 225 जूल
प्रश्न 8.
12 kg द्रव्यमान की एक वस्तु धरती से एक निश्चित ऊँचाई पर स्थित है। यदि वस्तु की स्थितिज ऊर्जा 480 J है तो वस्तु की धरती के सापेक्ष ऊँचाई ज्ञात कीजिए। दिया है, परिकलन में सरलता के लिए g का मान 10 ms-2 लें।
हल : यहाँ m = 12 kg, g = 10 ms-2
mgh = स्थितिज ऊर्जा
12 × 10 × h = 480
∴ h = 4 मीटर
प्रश्न 9.
एक लैंप 1000 J विद्युत ऊर्जा 10 s} में व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी है ?
हल :
किया गया कार्य = 1000 J
समय = 10 S
= \(\frac{1000}{10}\)
= 100 जूल/sec
= 100 वाट
प्रश्न 10.
10 न्यूटन का बल लगाने पर कोई वस्तु 50 मीटर विस्थापित होती है तो किये गये कार्य का मान निकालो।
हल :
बल (f) = 10 न्यूटन ; विस्थापन (d) = 50 m = 0.5 m
कार्य = F × d
= 10 × 0.5
= 5.0 = 5 जूल
प्रश्न 11.
5 न्यूटन के बल से कोई वस्तु 75 cm विस्थापित होती है तो बल द्वारा संपादित कार्य कितना होगा?
हल :
बल (f) = 5 न्यूटन, विस्थापन (d) = 75 cm = 0.75 m
किया गया कार्य = F × d
= 5 × 9.75
= 3.75 जूल
प्रश्न 12.
कोई पम्प 100 kg पानी 10 सेकेण्ड में 18 मीटर की ऊँचाई तक पहुँचता है तो पम्प की शक्ति कितनी है ?
हल :
यहाँ, मात्रा (m) = 100 kg
ऊँचाई (h) = 18 मीटर
g = 9.8
समय (t) = 10 sec
= \(\frac{100 \times 9.8 \times 15}{10}\)
= 10 × 9.8 × 15
= 1764.0 जूल/Sec
= 1764 वाट
प्रश्न 13.
6 kg मात्रा वाला एक पत्थर का टुकड़ा विराम अवस्था में गिरता है जहाँ g का मान 9.8 m / sec2 है। 5 सेकेण्ड के बाद गतिज ऊर्जा कितनी होगी ?
हल :
5 सेकेण्ड बाद वस्तु का वेग (v) u = 0, f = 9.8
v = 4 + ft
=0 + 9.8 × 5
= 49.0
∴ v = 49 m / sec
m = 6 kg
वस्तु में गतिज ऊर्जा = \(\frac{1}{2}\) mv2
= \(\frac{1}{2}\) × 63 × (49)2
= 3 × 2401
= 7203 वाट
प्रश्न 14.
25 kg मात्रा वाले पत्थर को जमीन से 40 मीटर की ऊँचाई तक ले जाया जाता है तो स्थितिज ऊर्जा कितनी होगी ?
हल :
वस्तु की मात्रा (m) = 25 kg
ऊँचाई (h) = 40 मीटर
g = 9.8
बस्तु में स्थितिज ऊर्जा = mgh
= 25 × 9.8 × 40
= 9800.0
= 9800 जूल
प्रश्न 15.
यदि कोई 5 Newton का बल वस्तु के विस्थापन के 45° का कोण बनाते हुए लगता है और वस्तु का 2 m का विस्थापन होता है तो किया गया कार्य बताइए।
हल :
F = 5 न्यूटन
D = 2 m
θ = 45°
किया गया कार्य (w) = F × D Cos
= 5 × 2 cos 45
प्रश्न 16.
यदि 3 J का कार्य 0.3 Sec. में किया जाता है तो शक्ति का निर्धारण कीजिए।
हल :
यहाँ w = 3 J
प्रश्न 17.
यदि 10 kg की वस्तु को 10 metre ऊपर उठाया गया तो वस्तु में संचित स्थितिज ऊर्जा बताइए।
हल : यहाँ वस्तु की मात्रा (m) = 10 kg, ऊँचाई (h) = 10 m
वस्तु में संचित स्थितिज ऊर्जा =mgh}
= 10 × 9.8 × 10
= 980 J
प्रश्न 18.
यदि किसी वस्तु की मात्रा 5 ग्राम है और उसका वेग 4 cm / sec है तो वस्तु की गतिज ऊर्जा निकालिए।
हल :
यहाँ वस्तु की मात्रा (m) = 5 gm
वस्तु का वेग (v) = 4 cm / sec
वस्तु की गतिज ऊर्जा = \(\frac{1}{2}\) mv 2
= \(\frac{1}{2}\) × 5 × (4)2
= \(\frac{1}{2}\) × 5 × 16
= 40 erg
प्रश्न 19.
एक पम्प 15 मिनट में 500 लीटर जल 15 मी० की ऊँचाई तक उठठा सकता है तो पम्प की शक्ति ज्ञात करो (1Lit जल की मात्रा)
हल :
यहाँ m = 500 ली० = 500 kg
h = 15 मी०
g = 9.8
समय (t) = 15 मिनट = 15 × 60 सेकेण्ड ।
प्रश्न 20.
10 kg मात्रा वाली वस्तु को 10 मी० की ऊँचाई तक उठाया गया तो उस उच्चतम अवस्था में उसकी स्थितिज ऊर्जा ज्ञात करो ?
हल :
वस्तु की मात्रा (m)=10 kg
ऊँचाई (h) = 10 मीटर
g = 9.8
स्थितिज ऊर्जा = mgh
= 10 × 9.8 × 10
= 980 जूल।
प्रश्न 21.
एक मशीन की शक्ति 6 वाट है। यह 1 मिनट में कितना कार्य कर सकती है।
हल :
मशीन की शक्ति (p)=6 वाट
समय (t) = 1 मिनट =60 सेकेण्ड
कार्य = शक्ति × समय
= 6 × 60 = 360 जूल
प्रश्न 22.
3 किलोवाट शक्ति वाली मशीन 15 मिनट में कितना कार्य कर सकती है।
हल :
शक्ति (p) = 3 किलोवाट =3000 वाट
समय (t) = 15 मिनट =15 × 60 सेकेण्ड
कार्य = शक्ति x समय
= 3000 × 15 × 60
= 2700000
= 2.7 × 106 जूल
प्रश्न 23.
20 N बल लगाने से कोई वस्तु बल की दिशा में 10 मीटर विस्थापित होती है। किये गये का परिमाण बताओ।
हल :
यहाँ F = 20 N, S = 10 M
किया गया कार्य = F × S
= 20 × 10
= 200 जूल
प्रश्न 24.
1 \(\frac{1}{2}\) घण्टे में 40 वाट शक्ति की मशीन द्वारा कितना कार्य संपादित होगा ?
हल :
समय = 1 \(\frac{1}{2}\) घण्टे = \(\frac{3}{2}\) × 60 × 60 s = 5400 s
शक्ति =40 वाट
किया गया कार्य = शक्ति x समय
= 40 × 5400
= 216000 जूल
प्रश्न 25.
50 किग्रा. का एक व्यक्ति 15 सेकेण्ड में 30 सीढ़ी ऊपर चढ़ता है। यदि प्रत्येक सीढ़ी की ऊँचाई 20 सेमी. हो, तो मनुष्य की शक्ति बताओ। (g = 9.8 m / s2)
हल :
h = 30 × 20
= 600 cm
= 6 m .
मनुष्य द्वारा किया गया कार्य = mgh
= 50 × 9.8 × 6 जूल
प्रश्न 26.
20,000 न्यूटन भार का एक मोटरवाहन 8 मीटर/से. की समान चाल से 100 से. में 120 मी. ऊँची पहाड़ी पर चढ़ जाता है, तो बताओ-(i) मोटरवाहन के द्वारा किया गया कार्य, (ii) मोटरवाहन के ईंधन की शक्ति।
हल :
F = 20,000 न्यूटन भार
S = 120 मी॰
मोटरवाहन द्वारा किया गया कार्य = F x S
= 20,000 × 120
= 2400000
= 24 × 105 जूल
प्रश्न 27.
एक थैले में 75 किग्रा. गेहूँ है। कितनी ऊँचाई तक इस थैले को उठाया जाय कि इसकी स्थितिज ऊर्जा 7350 जूल हो ?
हल :
यहाँ m=75 kg
g = 98 m / sec
mgh = स्थितिज ऊर्जा
75 × 9.8 × h = 7350
735 × h = 7350
h = \(\frac{7350}{735}\)
h = 10 m
प्रश्न 28.
10 किग्रा. मात्रा की एक गतिशील वस्तु की गतिज ऊर्जा 20 जूल है। वस्तु की चाल बताओ। हल :
वस्तु की मात्रा (m) = 10 किग्रा, वस्तु की चाल = v
गतिज ऊर्जा = 20
\(\frac{1}{2}\) mv2 = 20
\(\frac{1}{2}\) × 10 × v2 = 20
v2 = 4
v = 2 m / sec
प्रश्न 29.
50 किग्रा. मात्रा की वस्तु जमीन से 4 मीटर ऊपर स्थित है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा बताओ। यदि गुरुत्वाकर्षण बल के कारण वस्तु स्वतंत्रतापूर्वक नीचे गिरती है तो जमीन को स्पर्श करने के समय इसका वेग कितना होगा ?
हल :
v2 = μ2 + 2 f s
μ= प्रारम्भिक वेग = 0
v2 = 02 + 2 × 9.8 × 4
v2 = 78.4
यहाँ v = अन्तिम वेग
S = दूरी = 4 मीटर
v = √78.4
गतिज ऊर्जा = \(\frac{1}{2}\) mv2
v’ = 8.9 m / s
= \(\frac{1}{2}\) × 51 × 78.4 = 1960 जूल
प्रश्न 30.
50 ग्राम मात्रा की कोई वस्तु 10 cm / s के वेग से गतिशील है तो वस्तु की गतिज ऊर्जा ज्ञात करो। हल :
मात्रा (m) = 50 gm
वर्ग (v) = 10 cm / sec
वस्तु की गतिज ऊर्जा = \(\frac{1}{2}\) mv2= \(\frac{1}{2}\) × 50 × (10)2
= \(\frac{1}{2}\) × 50 × 100 = 2500 अर्ग