WBBSE Class 9 Geography Solutions Chapter 3 धरातल पर किसी स्थान की स्थिति का निर्धारण

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WBBSE Class 9 Geography Chapter 3 Question Answer – धरातल पर किसी स्थान की स्थिति का निर्धारण

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK

प्रश्न 1.
कोणिक दूरी को कैसे मापा जाता है?
उत्तर :
भूमध्य रेखीय तल एवं प्रधान मध्याह्न तल द्वारा।

प्रश्न 2.
अक्षांश का मान बढ़ने पर अक्षांश रेखाओं की परिधि छोटी या बड़ी होती है?
उत्तर :
छोटी होती है।

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प्रश्न 3.
सबसे बड़ी अक्षांश रेखा कौन-सी है?
उत्तर :
भूमध्य रेखा।

प्रश्न 4.
किस अक्षांश रेखा को महान वृत्त कहते हैं?
उत्तर :
0° अक्षांश रेखा या भू-मध्य रेखा को।

प्रश्न 5.
भूमध्य रेखा का अक्षांश कितना है?
उत्तर :
भूमध्य रेखा का अक्षांश 0° है।

प्रश्न 6.
किसी स्थान और उसके प्रतिपाद स्थान में कितने समय का अन्तर होता है?
उत्तर :
किसी स्थान एवं उसके प्रतिपाद स्थान के स्थानीय समय में 12 घण्टे का अन्तर होता है।

प्रश्न 7.
किसे महानवृत्त कहा जाता है?
उत्तर :
भूमध्यरेखा या विषुवत रेखा।

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प्रश्न 8.
मुख्य मध्यान्ह रेखा का देशानतर कितना है?
उत्तर :

प्रश्न 9.
अक्षांश रेखाओं का महत्व सबसे अधिक क्यों है?
उत्तर :
अक्षांश रेखाओं की सहायता से जलवायु की जानकारी मिलती है।

प्रश्न 10.
ग्रीनविच मध्याह्न रेखा का मान क्या है?
उत्तर :
0° देशान्तर रेखा।

प्रश्न 11.
किन रेखाओं को मध्याह्न रेखा कहते हैं?
उत्तर :
उत्तर से दक्षिण खींची गयी कल्पित रेखा को।

प्रश्न 12.
किस देशान्तर रेखा को ग्रीनविच रेखा भी कहते हैं।
उत्तर :
प्रधान मध्याह्न रेखा को।

प्रश्न 13.
भारत का प्रमाणिक देशानतर कितना है?
उत्तर :
82 \(\frac{1}{2}\)° पूरव

प्रश्न 14.
मुख्य मध्यान्ह रेखा कहाँ से होकर गुजरती है।
उत्तर :
ग्रीनवीच।

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प्रश्न 15.
कर्क रेखा से क्या समझते हैं?
उत्तर :
कर्क रेखा पृथ्वी की उत्तरम अक्षांश रेखा है।

प्रश्न 16.
किस तारीख को मकर रेखा पर सूर्य की किरणें चमकती हैं?
उत्तर :
21 जून।

प्रश्न 17.
किस अक्षांश पर जब सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में रहता है 24 घण्टे का दिन होता है?
उत्तर :
66 \(\frac{1}{2}\)° उत्तर

प्रश्न 18.
A.M. (Ante-meridian) का क्या अर्थ है?
उत्तर :
दोपहर के पहले का समय।

प्रश्न 19.
P.M. (Post-meridian) का क्या अर्थ है?
उत्तर :
दोपहर के बाद का समय।

प्रश्न 20.
एक डिग्री देशान्तर के परिवर्तन से समय में कितना अन्तर होता है?
उत्तर :
4 मिनट ।

प्रश्न 21.
भारतीय प्रमाणिक समय और ग्रीनविच समय में कितना अन्तर है?
उत्तर :
5 घं० 30 मिनट।

प्रश्न 22.
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहाँ से होकर गुजरती है?
उत्तर :
प्रशान्त महासागर से होकर ।

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प्रश्न 23.
कोलकाता का अक्षांश और देशान्तर बताओ।
उत्तर :
22° 30′ उत्तर और 88° 30° पूरब।

प्रश्न 24.
उत्तरी गोलार्द्ध के किस स्थान से धुवतारा की ऊँचाई 90° होती है?
उत्तर :
उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तरी धुव (90° उत्तरी अक्षांश) पर घुवतारे की ऊँचाई 90° होती है।

प्रश्न 25.
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा किस जलडमरूमध्य से होकर खींची गयी है?
उत्तर :
बेरिंग जलडमरूमध्य से।

प्रश्न 26.
पृथ्वी पर किन्हीं दो स्थानों के बीच लघुतम दूरी के लिए किस पथ का अनुसरण किया जाता है?
उत्तर :
महान वृत्त पथ।

प्रश्न 27.
शीत कटिबन्ध किन अक्षांशों के बीच स्थित है?
उत्तर :
66\(\frac{1}{2}\)° अक्षांश रेखाओं के बीच।

प्रश्न 28.
कोलकाता के प्रतिपाद स्थान का देशान्तर कितना है?
उत्तर :
180° – 88° 30′ पूरव = 91° 30′ पश्चिम।

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प्रश्न 29.
भारतीय प्रमाणिक देशान्तर रेखा कहाँ से होकर गुजरती है?
उत्तर :
प्रयागराज (82° 30′ पूरब)।

प्रश्न 30.
मुख्य मध्यान्ह रेखा का प्रतिपाद क्या होगा?
उत्तर :
180° – 0° = 180°

प्रश्न 31.
कौन सी अक्षांश रेखा पृथ्वी को दो समान भागों में बाँट देती है?
उत्तर :
भूमध्य रेखा।

प्रश्न 32.
उत्तरी ध्रुव से ध्रुव तारे की ऊँचाई कितनी है?
उत्तर :
90°

प्रश्न 33.
180° देशान्तर को किस रूप में जाना जाता है?
उत्तर :
180° देशान्तर रेखा को अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के रूप में जाना जाता है।

प्रश्न 34.
प्रतिपाद बिन्दु क्या है?
उत्तर :
पृथ्वी के ग्लोब पर स्थित किसी स्थान के ठीक ज्यामितीय विपरीत स्थित स्थान को प्रतिपाद बिन्दु कहते हैं।

प्रश्न 35.
रूस में कुल कितने समय जोन हैं?
उत्तर :
रूस में कुल 11 समय जोन हैं।

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प्रश्न 36.
कोई व्यक्ति अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार करते समय कब एक दिन बढ़ाता है?
उत्तर :
जब कोई व्यक्ति अन्तरराष्ट्रीय तिथि रेखा को पश्चिम से पूर्व को पार करता है तो वह एक दिन बढ़ा लेता है।

प्रश्न 37.
उच्च अक्षांश क्या है?
उत्तर :
60° से 90° उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांशों को उच्च अक्षांश कहते हैं।

प्रश्न 38.
किस देशान्तर को भारतीय प्रमाणिक देशान्तर माना जाता है?
उत्तर :
80° 30′ E देशान्तर को भारतीय प्रमाणिक देशान्तर माना गया है।

प्रश्न 39.
प्रधान मध्याह्न रेखा का प्रतिपाद क्या है?
उत्तर :
प्रधान मध्याह्न रेखा (0° देशान्तर) का प्रतिपाद 180° देशान्तर है।

प्रश्न 40.
किसी स्थान की स्थिति का अन्दाजा किस रेखा की सहायता से लगाया जा सकता है?
उत्तर :
भूमध्य रेखा की सहायता से।

प्रश्न 41.
एक वृत्त में कितने (°) डिग्री होते हैं?
उत्तर :
360° होते हैं।

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प्रश्न 42.
भूमध्य रेखा से उत्तरी धुव या दक्षिणी धुव के बीच कितने (°) डिग्री की दूरी होती है?
उत्तर :
90° की दूरी होती है।

प्रश्न 43.
सर्वोच्च अक्षांश किसे कहते हैं?
उत्तर :
90° उत्तर तथा 90° दक्षिण अक्षांश को सर्वोच्च अक्षांश कहते हैं।

प्रश्न 44.
किस अक्षांश रेखा को महान वृत्त कहते हैं?
उत्तर :
भूमध्य रेखा (Equator) को महान वृत्त (Great Circle) कहते हैं।

प्रश्न 45.
दोनों गोलार्द्धों में कर्क और मकर रेखा के बीच कौन सा कटिबन्ध पड़ता है?
उत्तर :
उष्ण कटिबन्ध (Torrid or Tropical Zone)।

प्रश्न 46.
दोनों गोलार्द्धों में 23 \(\frac{1}{2}\) ° तथा 66 \(\frac{1}{2}\)°, अक्षांश रेखाओं के मध्य कौन सा कटिबन्ध स्थित है?
उत्तर
शीतोष्ण कटिबन्य।

प्रश्न 47.
शीतोष्ण कटिबन्ध (Temperate Zone) को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर :
दो भागों में-उष्ण-शीतोष्ण कटिबन्ध और शीत-शीतोष्ण कटिबन्ध।

प्रश्न 48.
विषुवत् रेखा से मुम्बई की दूरी कितनी है?
उत्तर :
2109 किमी० उत्तर।

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प्रश्न 49.
विषुवत रेखा से दिल्ली की दूरी कितनी है?
उत्तर :
3330 किमी० उत्तर।

प्रश्न 50.
मध्याह्न रेखा कहाँ से गुजरती है?
उत्तर :
लन्दन के ग्रीनविच प्रयोगशाला से।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type) : 2 MARKS

प्रश्न 1.
प्रतिपाद स्थान क्या है?
उत्तर :
पृथ्वी के ग्लोब पर स्थित किसी स्थान को ठीक ज्यामितिक विपरीत स्थित स्थान को प्रतिपाद बिन्दु या स्थान कहते हैं।

प्रश्न 2.
पृथ्वी का ग्रिड क्या है?
उत्तर :
ग्लोब पर देशान्तर और अक्षांश रेखाओं का पूर्ण नेटवर्क (Complete Network) जो एक-दूसरे को क्रिसक्रॉस (Criss-Cross) करते हुए खींचा गया है, इसे पृथ्वी का ग्रिड कहते हैं।

प्रश्न 3.
अक्षांश से क्या समझते हैं?
उत्तर :
भूमध्य रेखा से उत्तर तथा दक्षिण किसी स्थान विशेष की कोणात्मक दूरी को अक्षांश कहते हैं।

प्रश्न 4.
अक्षांश रेखाओं की विशेषताएँ बताओ।
उत्तर :

  1. अक्षांश रेखा विषुवत रेखा के समानान्तर होती है।
  2. अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या 180 होती है ।
  3. अक्षांश रेखा पश्चिम से पूर्व खिंची गई है ।

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प्रश्न 5.
अक्षांश किसे कहते हैं?
उत्तर :
अक्षांश (Latitude) :- भूमध्य रेखा से उत्तर तथा दक्षिण किसी स्थान विशेष की कोणात्मक दूरी को अक्षांश कहते हैं।

प्रश्न 6.
अक्षांश रेखाएँ क्या हैं?
उत्तर :
अक्षांश रेखा (Parallel of Latitude) :- समान अक्षांश वाले सभी स्थानों को मिलाती हुई पूर्व से पथ्चिम खींची गयी कल्पित रेखा को अक्षांश रेखा कहते हैं।

प्रश्न 7.
देशान्तर किसे कहते हैं?
उत्तर :
देशान्तर (Longitude) :- प्रधान मध्याह्न रेखा से पूर्व या पश्चिम की ओर स्थित किसी स्थान की कोणात्मक दूरी को देशान्तर कहा जाता है।

प्रश्न 8.
महान वृत्त किसे कहते हैं?
उत्तर :
(0° अक्षांश) भूमध्यरेखा ही एक काल्पनिक महान वृत्त है।

प्रश्न 9.
180° देशान्तर को किस रूप में जाना जाता है?
उत्तर :
180° देशान्तर को अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा के रूप में जाना जाता है।

प्रश्न 10.
रूस में कुल कितने समय कटिबंध है?
उत्तर :
रूस में कुल 11 समय कटिबंध है।

प्रश्न 11.
उच्च अक्षांश से क्या समझते हैं?
उत्तर :
60° से 90° उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांशों को उच्च अक्षांश कहते हैं।

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प्रश्न 12.
कर्क रेखा को परिभाषित कीजिए।
उत्तर :
भूमध्य रेखीय वृत्त से 23 \(\frac{1}{2}\)°, उत्तरी अक्षांश पर खींचे गये वृत्त ही कर्क रेखा कहलाते हैं।

प्रश्न 13.
मकर रेखा से क्या समझते हैं?
उत्तर :
भूमध्य रेखा वृत्त से 23 \(\frac{1}{2}\)° दक्षिणी अक्षांश पर खींचे गये वृत्त को मकर रेखा कहते हैं।

प्रश्न 14.
अक्षांश रेखाओं का दो उपयोग लिखें।
उत्तर :
(i) इन रेखाओं से पृथ्वी के गोले पर स्थित किसी स्थान की स्थिति का निर्धारण आसानी से किया जा सकता है। अक्षाश एवं देशान्तर रेखाओं के कटाव बिन्दु द्वारा किसी स्थान की स्थिति की जानकारी होती है।
(ii) अक्षांश रेखाओं से जलवायु की जानकारी होती है। भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण जाने पर तापक्रम कम होता जाता है।

प्रश्न 15.
अक्षांश एवं देशान्तर रेखाओं के क्या उपयोग हैं?
उत्तर :
अक्षांश रेखा की सहायता से किसी देश की स्थिति की जानकारी प्राप्त होती है ।
देशान्तर रेखा की सहायता से किसी देश की स्थिति और समय की जानकारी प्राप्त होती है ।

प्रश्न 16.
देशान्तर रेखाओं की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :

  1. देशान्तर रेखा प्रधान मध्याह्न रेखा के समानान्तर होती है।
  2. देशान्तर रेखाओं की कुल संख्या 360 होती है।
  3. देशान्तर रेखा उत्तर से दक्षिर खिंची गई है ।

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प्रश्न 17.
उष्ण कटिबंध से क्या समझते हैं?
उत्तर :
भूमध्य रेखा के उत्तर एवं दक्षिण स्थित 30° अक्षांश तक के क्षेत्र को निम्न अक्षांश कहा जाता है। यह भाग सूर्य से अधिक उष्मा प्राप्त करता है, अत: यह गर्म भाग है और इस कटिबंध को उष्ण कटिबंध (Tropical Zone) कहते हैं।

प्रश्न 18.
देशान्तर से क्या समझते हैं?
उत्तर :
प्रधान मध्याह्ल रेखा से पूर्व या पध्चिम की ओर स्थित किसी स्थान की कोणात्मक दूरी को देशान्तर कहा जाता है।

प्रश्न 19.
देशान्तर रेखाओं की पारस्परिक दूरी से क्या समझते हैं?
उत्तर :
देशान्तर रेखायें परस्पर समानान्तर नहीं होते, अत: दो समानान्तर रेखाओं के बीच की दूरी सर्वत्र समान नहीं होती है। साधारणतया 1° के अन्तर पर दो देशान्तर रेखाओं के बीच विषुवत रेखा पर सर्वाधिक दूरी 111.1 किमी०, कर्क रेखा एवं मकर रेखा (23 \(\frac{1}{2}\)° अक्षांश) पर 102.4 किमी० तथा उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव वृत्तों पर 44.8 किमी० और धुवीय बिन्दुओं पर वे आपस में मिल जाती हैं।

प्रश्न 20.
प्रधान मध्याह्न रेखा क्या है?
उत्तर :
जिस प्रकार अक्षांश रेखाओं की गणना के लिए एक संदर्भ बिन्दु के रूप में भूमध्य रेखा (0°) की परिकल्पना की गयी है, उसी प्रकार देशान्तर रेखाओं की गणना के लिए प्रधान मध्याह्न (0° देशान्तर) की कल्पना की गयी है। 1884 ई० में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान यह निर्णय लिया गया कि लंदन के निकट अवस्थित ग्रीनविच के रॉयल ऑब्जर्वेटरी (Royal Observatory) से गुजरने वाली रेखा प्रधान मध्याह्न रेखा होगी। इस देशान्तर का मान 0° है। इस रेखा को ग्रीनविच मध्याह्न रेखा भी कहते हैं।

प्रश्न 21.
पृथ्वी जाल से क्या समझते हैं?
उत्तर :
ग्लोब पर अक्षांश और देशान्तर रेखाओं की एक जाल (Net) सदृश्य रचना होती है। इससे पृथ्वी के धरातल पर स्थित स्थान की स्थिति ठीक-ठीक ज्ञात होती है। अक्षाश व देशान्तर रेखाओं के जाल की रचना को पृथ्वी का जाल (Earth Grid) कहते हैं।

प्रश्न 22.
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
(i) फिजी तथा न्यूजीलैण्ड आदि द्वीपों को दूर रखने के लिए यह दक्षिणी प्रशान्त महासागर में पूरब की ओर मुड़ जाती है।
(ii) एलूशियन द्वीप समूह के पथ्विमी किनारे से होकर यह जाती है।

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प्रश्न 23.
देशान्तर रेखाएँ क्या हैं ?
उत्तर :
देशान्तर रेखा (Meridian of Longitude) :- मुख्य मध्याह्न रेखा के समान कोणिक दूरी या समान देशान्तर के स्थानों को मिलाने वाली कल्पित रेखा को देशान्तर रेखा कहते हैं।

प्रश्न 24.
ग्रीनविच मीन टाइम (G.M.T.) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
दोनों धुवों को मिलाते हुए तथा भूमध्य रेखा को समकोण पर काटते हुए उत्तर से दक्षिण खींची गयी कल्पित रेखा को मध्याह्न रेखा (Meridian) कहते है, क्योंकि इस रेखा के सभी स्थानों पर मध्याह्न काल एक ही साथ होता है। इसमें (26 जून 1884 ई० में हुए अन्तर्राष्ट्रीय सहमति के आधार पर) एक रेखा को, जो लन्दन के निकट स्थित ग्रिनविच प्रयोगशाला से होकर गुजरती है, मुख्य या प्रधान मध्याह्न रेखा कहते हैं। इस रेखा को ग्रीनविच मध्याह्न रेखा भी कहते हैं।

प्रश्न 25.
क्रोनोमीटर क्या है?
उत्तर :
क्रोनोमीटर :- यह एक प्रकार की घड़ी है, जो ग्रीनविच के समय के अनुसार चलती है। यह सदेव ग्रीनविच का समय बताती है। ग्रीनविच का समय और किसी अन्य स्थान का समय ज्ञात रहने पर उस स्थान का देशान्तर ज्ञात किया जाता है।

प्रश्न 26.
सेक्सटेण्ट क्या है?
उत्तर :
सेक्सटेण्ट :- यह एक यंत्र है जिसकी सहायता से सूर्य, चन्द्रमा और तारों की क्षितिज रेखा से कोंणिक ऊँचाई ज्ञात की जाती है।

प्रश्न 27.
किसी स्थान एवं उसके प्रतिपाद स्थान के बीच समय का अन्तर 12 घण्टे क्यों होता है?
उत्तर :
किसी स्थान तथा उसके प्रतिपाद के बीच 12 घण्टे का अन्तर इसलिए होता है, क्योंकि प्रतिपाद (Antipode) किसी स्थान के ठीक विपरीत स्थित स्थान को कहते हैं।

प्रश्न 28.
10° उत्तरी अक्षांश एवं 60° पूर्वी देशान्तर पर स्थित किसी स्थान का प्रतिपाद स्थान ज्ञात कीजिए।
उत्तर :
निश्चित स्थान का प्रतिपाद स्थान 10° 5 अक्षांश तथा 180° – 60° = 120° W देशान्तर परं होगा।

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प्रश्न 29.
अक्षांश रेखाओं को समानान्तर अक्षांश रेखा क्यों कहते हैं?
उत्तर :
भूमध्य रेखा से समान कोणिक दूरी अर्थात समान अक्षांश के स्थानों को मिलाने वाली पश्चिम से पूर्व खींची गयी कल्पित रेखा को अक्षांश रेखा कहते हैं। ये रेखाएँ भूमध्य रेखा के समानान्तर होते हैं, अतः इन्हें समानान्तर अक्षाश या समानान्तर रेखाएँ (Parallels) भी कहते हैं।

प्रश्न 30.
मुख्य मध्याह्न रेखा किसे कहते हैं?
उत्तर :
प्रधान मध्याह्न (Prime Meridian) :- दोनों धुवों को मिलाते हुए उत्तर से दक्षिण खींची गयी कल्पित रेखा को मध्याह्न रेखा कहते हैं क्योंकि इन रेखाओं पर मध्याह्न काल या दोपहर एक साथ ही होता है। मध्याह्न रेखाओं की कुल संख्या 360 है। इनमें से बिटेन के लन्दन शहर में स्थित ग्रीनविच प्रयोगशाला से होकर गुजरने वाली मध्याह्ल रेखा को मुख्य मध्याह्न रेखा या ग्रीनविच रेखा कहते हैं, इसका देशान्तर 0° है।

प्रश्न 31.
10° उत्तरी अक्षांश तथा 82° 30″ पूर्व देशान्तर के प्रतिपाद स्थान का निर्धारण करो।
उत्तर :
10° उत्तरी अक्षांश का प्रतिपाद – 10° दक्षिण अक्षांश तथा 82° 30″ पूर्व देशान्तर के प्रतिपाद 180°- 82° 30″ पूर्व = 97° .30″ पश्चिम ।

प्रश्न 32.
क्रोनो मीटर क्या है?
उत्तर :
क्रोनोमीटर एक घड़ी है जो हमेशा ग्रीनविच समय (G.M.T.) या 0° देशान्तर रेखा का स्थानीय समय बताती है। अन्तर्राष्ट्रीय कार्यो में इस घड़ी का प्रयोग किया जाता है। क्रोनोमीटर हर जहाजी अपने पास रखता है। अगर किसी स्थान का स्थानीय समय और ग्रीनविच का समय मालूम कर लें तो दोनों के अन्तर में 4 का भाग देने से (क्योंकि 1° पर 4 मिनट का अन्तर पड़ता है) उस स्थान का देशान्तर मालूम हो जायेगा।

प्रश्न 33.
किसी स्थान और उसके प्रतिपाद स्थान के समय में 12 घण्टे का अन्तर क्यों होता है?
उत्तर :
किसी स्थान एवं उसके प्रतिपाद स्थानों के देशान्तरों में 180° का अन्तर होता है। चूंकि 1° देशान्तर के अन्तर पर 4 मिनट समय का अन्तर पड़ता है। अत: 180° देशान्तर के अन्तर पर 180 × 4 = 720 मिनट 12 घण्टे समय का अन्तर पड़ता है। यही कारण है कि किसी स्थान एवं उसके प्रतिपाद स्थान के समयों में 12 घण्टे समय का अन्तर होता है।

प्रश्न 34.
भारत का प्रामाणिक समय क्या है?
उत्तर :
सम्पूर्ण भारत देश में घड़ियाँ 82 \(\frac{1}{2}\)° पूर्वी देशान्तर रेखा के स्थानीय समय के अनुसार चलती है। अत: 82 \(\frac{1}{2}\)° पूर्वी देशान्तर रेखा के स्थानीय समय को भारत का प्रमाणिक समय (Indian Standard Time या I.S.T.) कहते है।

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प्रश्न 35.
कौन-सी रेखा पूर्ण गोलार्द्ध को उत्तरी और दक्षिणी दो बराबर गोलार्द्धो में बाँटती है? इसका अक्षांश कितना है?
उत्तर :
भू-मध्य रेखा पृथ्वी को उत्तरी गोलार्द्ध तथा दक्षिणी गोलार्द्ध नामक दो समान अर्द्ध भागों में विभाजित करती है। इसकी अक्षांश संख्या 0° है।

प्रश्न 36.
55° उत्तरी अक्षांश और 23° पश्रिम देशान्तर स्थान का प्रतिपाद स्थान क्या होगा?
उत्तर :
55° N अक्षांश के प्रतिपाद स्थान का अक्षांश 55° S होगा। 23° W देशान्तर के प्रतिपाद स्थान का देशान्तर = 180° – 23° W = 157° E देशान्तर होगा।

प्रश्न 37.
सन् 1900 ई० अधिवर्ष क्यों नहीं है?
उत्तर :
सन् 1900 शताब्दी है, पर यह 400 से विभाजित नहीं होता है। इसलिए यह अधिवर्ष (Leap Year) नहीं है।

प्रश्न 38.
भारत किस मध्याह्न से प्रमाणिक समय निकालता है?
उत्तर :
भारत का प्रमाणिक समय 88\(\frac{1}{2}\)° (इलाहाबाद के समीप नैनी, कड़ा) देशान्तर रेखा से ज्ञात किया ज़ाता है।

प्रश्न 39.
एक यात्री भूमध्यरेखा के सहारे यात्रा करने पर कब समय के परिवर्तन का अनुभव करता है?
उत्तर :
पृथ्वी के अपनी कीली पर पश्चिम से पूरब घूमने के कारण ही देशान्तर में परिवर्तन के साथ स्थानीय समय में अन्तर मिलता है। प्रति 1° देशान्तर पार करने पर 4 मिनट स्थानीय समय में अन्तर मिलता है। अत: भूमध्य रेखा के सहारे यात्रा करने पर देशान्तर परिवर्तन होता रहता है।

प्रश्न 40.
भूमध्य रेखा से तुम क्या समझते हो?
उत्तर :
भूमध्य रेखा (Equator) :- वह कल्पित रेखा जो 0° पर पृथ्वी के बीचों-बीच पथ्चिम से पूर्व खींची गयी है। यह पृथ्वी को दो बराबर भागों में विभाजित करती है। यह पृथ्वी का सबसे बड़ा अक्षांशीय वृत्त है। इस पर वर्ष में दो बार सूर्य की किरणें लम्बवत् चमकती है। इसे प्रधान अक्षांश रेखा भी कहते हैं।

प्रश्न 41.
उच्च, मध्य और निम्न अक्षांश से क्या समझते हो?
उत्तर :
उच्च अक्षांश (High Latitude) :- विषुवत रेखा के उत्तर व दक्षिण 60° से ध्रुवों के बीच के अक्षांशों को उच्च अक्षांश कहते हैं।
मध्य अक्षांश (Mid Latitude) :- भूमध्य रेखा के उत्तर व दक्षिण 30° अक्षांश से 60° अक्षांश के बीच के अक्षांशों को मध्य अक्षांश कहते हैं।
निम्न अक्षांश (Low Latitude) :- भूमध्य रेखा के उत्तर एवं दक्षिण में 30° अक्षांशों के बीच के क्षेत्र को निम्न अक्षांश कहते हैं।

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प्रश्न 42.
गोलार्द्ध से क्या समझते हो?
उत्तर :
गोलार्द्ध (Hemisphere) :- पृथ्वी के मध्य में विषुवत रेखा पश्चिम से पूर्व खींची गयी है। इस रेखा के उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्द्ध और दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्द्ध कहते हैं। इसी प्रकार प्रधान देशान्तर या ग्रीनविच रेखा भी पृथ्वी को दो बराबर भागों में बॉटती है। इसके पथ्विमी एवं पूर्वी भाग को क्रमशः पथ्चिमी गोलार्द्ध और पूर्वी गोलार्द्ध कहते हैं।

प्रश्न 43.
समय कटिबंध क्या है?
उत्तर :
समय कटिबंध (Time Zone) :- बड़े देशों के देशान्तर से प्रमाणिक समय ज्ञात करने में अनेक असुविधाएँ उत्पन्न हो जाती है; जैसे- सयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और रूस के विभित्र स्थानों के समय में चार-पाँच घण्टे का अन्तर हो जाता है। इन असुविधाओं को ध्यान मे रखकर भूमण्डल को 24 समय कटिबन्धों में बाँटा गया है। इसका एक मानक समय होता है। इस समय कटिबंध में एक-एक घण्टे का अन्तर रहता है। पृथ्वी पर प्रत्येक काल क्षेत्र में 15° देशान्तर का विस्तार रहता है। कनाडा में 5 काल क्षेत्र है। वहाँ 60,75,90,105 तथा 120 देशान्तर रेखाओं के स्थानीय समय को प्रमाणिक समय माना जाता है। यूरोप में तीन समय कटिबन्ध हैं।

प्रश्न 44.
कोणात्मक दूरी किसे कहते हैं?
उत्तर :
पृथ्वी के वक्राकार सतह पर स्थित किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच जो कोण भूमध्यरेखीय व्यास के सहारे भू-केन्द्र पर बनता है, उस कोण को कोणात्मक दूरी (Angular Distance) कहते हैं।

प्रश्न 45.
भूमध्य रेखा को अन्य किन नामों से पुकारते हैं और क्यों?
उत्तर :
भूमध्य रेखा का अन्य नाम विषुव रेखा या समदिवा रात भी है। विषुवत (Equinox) का तात्पर्य दिन और रात की समान अवधि से है। भूमध्य रेखा पर सूर्य वर्ष भर लम्बवत् चमकता है। अत: यह समदिवा रात्रि या विषुवत रेखा (Line of Equinox) भी कहलाती है।

संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS

प्रश्न 1.
अक्षांश और अक्षांश रेखायें क्या हैं?
उत्तर :
अक्षांश (Latitude) :- पृथ्वी के केन्द्र से भू-पृष्ठ पर भू-मध्य रेखा (Equator) के उत्तर और दक्षिण में स्थित एक स्थान पर किसी भी बिन्दु की कोणिक स्थिति जिसे अंशों, मिनटों और सेकेण्डों में व्यक्त की जाती है उसे अक्षांश (Latitude) कहते है।

अक्षांश रेखायें (Parallels of Latitude) :- विषुवत रेखा के दोनों ओर जो रेखायें विषुवत रेखा के समानान्तर खींची हुई (कल्पित रेखायें) दिखाई देती है उन्हें अक्षांश रेखायें कहते हैं। अक्षांश रेखायें छोटे-छोटे वृत्त हैं जो विषुवत रेखा के समानान्तर दोनों धुवों के बीच खींचे जाते हैं। इसे अक्षांश वृत्त भी कहते हैं। ग्लोब पर उत्तरी या दक्षिणी धुव को केन्द्र मानकर खींची हुई समानान्तर रेखायें जो भू-मध्य रेखा के समानान्तर केन्द्रीय वृत्त बनाती है। भू-मध्य रेखा वृहत्तम अक्षांश वृत्त है जिसके दोनों ओर अक्षांश वृत्त क्रमशः छोटे होते जाते हैं और धुव बिन्दु मात्रा से प्रदर्शित होता है।

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प्रश्न 2.
अक्षांश रेखाओं की विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर :
अक्षांश रेखाओं की विशेषताएँ (Features of lines of latitude) :-

  1. अक्षांश रेखायें 0° से 90° दक्षिण तथा 0° से 90° उत्तर तक खींची जाती है। इनकी कुल संख्या 180 है।
  2. ये सभी रेखायें भू-मध्य रेखा के समानान्तर होती हैं।
  3. दो करीब के अक्षांशों के बीच की दूरी लगभग 111 कि॰मी० होती है।
  4. ये रेखायें पूरब-पःचिम दिशा में खींची जाती हैं।
  5. ये रेखायें पूर्ण वृत्त होती हैं।
  6. भू-मध्य रेखा एक अक्षांश रेखा है और सभी अक्षांश रेखायें इसके उत्तर एवं दक्षिण समानान्तर खींची जाती हैं।

प्रश्न 3.
अक्षांश रेखाओं की उपयोगिता लिखिए।
उत्तर :
अक्षांश रेखाओं की उपयोगिताएँ (Uses of lines of latitude) :-

  1. दूरी का ज्ञान :- दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी 111 कि॰मी॰ होती है। अक्षांश रेखाओं की सहायता से किसी स्थान की भू-मध्य रेखा से उत्तर तथा दक्षिण की दूरी मालूम की जाती है।
  2. किसी स्थान की स्थिति का ज्ञान :- किसी स्थान की स्थिति की जानकारी में अक्षांश रेखा सहायक होती है।
  3. तापमान का ज्ञान :- विषुवत रेखा पर गर्मी अधिक पड़ती है। भू-मध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण जाने पर तापमान कम होता जाता है। अक्षांश रेखाओं की सहायता से ताप कटिबन्धों का ज्ञान होता है।
  4. जलवायु का ज्ञान :- अक्षांश रेखाओं द्वारा किसी स्थान की जलवायु की जानकारी मिलती है। इन्हीं के द्वारा पृथ्वी को वायुभार एवं स्थायी हवाओं की पेटियों में बाँटा गया है।

प्रश्न 4.
देशान्तर और देशान्तर रेखा की परिभाषा लिखिए।
उत्तर :
देशान्तर (Longitude) :- भू-तल के किसी बिन्दु से गुजरने वाली मध्याह्न (Meridian) तथा प्रधान मध्याह्न (Prime Meridian) रेखा के मध्य की कोणिक दूरी उक्त बिन्दु की देशान्तर (Longitude) होती है। ग्रीनविच (लन्दन) से गुजरनेवाली मध्याह्न रेखा को प्रधान मध्याह्न रेखा माना गया है। मुख्य मध्याह्न रेखा के पूरब या पश्चिम किसी स्थान विशेष की कोणात्मक दूरी को देशान्तर कहते हैं। यह कोण मुख्य मध्याह्न रेखा एवं निश्चित स्थान से गुजरने वाली मध्याह्ल रेखाओं को भू-मध्य रेखा से मिलाने वाली बिन्दुओं को भू-केन्द्र से मिलाने पर बनता है। पूरब की कोणात्मक दूरी पूर्वी देशान्तर और पश्चिम की कोणात्मक दूरी पथिमी देशान्तर कहलाती है।

देशानतर रेखायें (Meridians of Longitude) :- मुख्य मध्याह्न रेखा के समान कोणिक दूरी या समान देशान्तर के स्थानों को मिलाते हुए उत्तर से दक्षिण खींची गयी कल्पित रेखा को देशान्तर रेखा कहते हैं। देशान्तर रेखायें प्रधान मध्याह्न रेखा से 180° पूर्व और 180° पथिम तक होती है। ग्लोब पर 1° के अन्तर पर खोंची हुई देशान्तर रेखाओं की कुल संख्या 360 हैं जिनमें 180 पूर्व और 180 पक्चिम तक होती है। देशान्तर रेखायें दोनों धुवों (उत्तर एव दक्षिण) को मिलाती है।

अत: सभी देशान्तर रेखाओ की लम्बाई बराबर होती है। 1° के अन्तर पर दो क्रमिक देशान्तर रेखाओ के बीच की सर्वाधिक दूरी 111.32 कि०मी० भू-मध्य रेखा पर होती है और वहाँ से धुवों के ओर इनक बीच की दूरी क्रमशः कम होती जाती है तथा धुवों पर ये एक बिन्दु पर मिल जाती हैं। एक दूसरे के ठीक विपरीत भाग में स्थित दो देशान्तर रेखाओ को मिलाने से वृहद् वृत्त का निर्माण होता है, जैसे 0° और 180° देशान्तर अथवा 10° पूर्वी और 170° पध्धिमी देशान्तर।

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प्रश्न 5.
देशान्तर रेखाओं की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
देशान्तर रेखाओं की विशेषताएँ (Features of Meridians of Longitude) :-

  1. देशान्तर रेखाओं के बीच की दूरी धुवों पर कम होती जाती है।
  2. प्रत्येक देशान्तर रेखा अक्षांश रेखा पर लम्ब होती है।
  3. एक देशान्तर रेखा पर स्थित सभी स्थानों का देशान्तर समान होता है।
  4. पूर्वी और पथ्धिमी दोनो गोलार्द्धो की देशान्तर रेखायें मिलकर पूर्ण और वृहद् वृत्त बनाती हैं।
  5. देशान्तर रेखायें अर्द्ध-वृत्त होती हैं।
  6. 180° पूर्वी तथा पथिमी देशान्तर एक ही है।
  7. देशान्तर रेखाओं की कुल संख्या 360 है तथा ये समान लम्बाई की होती है ।
  8. देशान्तर रेखायें उत्तर-दक्षिण दिशा में खींची जाती है।
  9. देशान्तर रेखायें आपस में समानान्तर नहीं होती।

प्रश्न 6.
देशान्तर रेखाओं की उपयोगिता लिखिए।
उत्तर :
देशान्तर रेखाओं की उपयोगिताएँ (Uses of Meridian of Longitude) :-

  1. समय कटिबन्ध निश्चित करने में ये रेखायें सहायक होती हैं।
  2. किसी स्थान की स्थिति का पता लगाने में सहायक होती है।
  3. इनके द्वारा किसी स्थान का समय मालूम किया जा सकता है।
  4. इनके द्वारा स्थानीय समय का निर्धारण होता है।

प्रत्येक देश की सरकार अपने देश के लगभग मध्य भाग से होकर गुजरे वाली किसी देशान्तर रेखा को प्रमाणिक देशान्तर मानती है और उसका स्थानीय समय ही उस देश का प्रमाणिक समय होता है।

प्रश्न 7.
धरातल पर किसी स्थान की स्थिति का निर्धारण कैसे होता है?
उत्तर :
अक्षांश तथा देशान्तर रेखाओं के द्वारा हम किसी स्थान की स्थिति का निर्धारण कर सकते हैं। उत्तरी-दक्षिणी स्थिति का ज्ञान हमें अक्षांश रेखा से तथा पूर्वी-पध्धिमी स्थिति का ज्ञान देशान्तर रेखा से आसानी से हो जाता है। देशान्तर रेखा अक्षांश रेखा को लम्ब रूप से काटती है। इनका कटान बिन्दु किसी स्थान की स्थिति को बतलाता है। अक्षांश रेखा की सहायता से उत्तरी तथा दक्षिणी एवं देशान्तर रेखा की सहायता से पूर्वी तथा पंचिमी स्थिति का निर्धारण किया जा सकता है। उदाहरण के लिए हमें असम राज्य के धुबरी नगर की स्थिति का पता करना है। धुबरी का अक्षांश 20° उत्तरी अक्षांश है।

इसका देशान्तर 90° पूर्वी देशान्तर है। मानचित्र पर धुबरी नगर की स्थिति वही होगी जहाँ पर ये दोनों रेखायें एक दूसरे को काटती हैं। इसी तरह यदि हमें कोट्टायम की स्थिति का पता करना है और कहा जाय कि वह 9° 36′ N अक्षांश रेखा पर है तो हम उसकी स्थिति का ठीक निर्णय नहीं कर सकते। इसी प्रकार यदि इलाहाबाद शहर की स्थिति जानने के लिए कहा जाय कि यह 25° 30′ N अक्षांश रेखा पर है तो हमें असुविधा होगी। 25° 30′ N अक्षांश रेखा पर कई अन्य नगर भी हो सकते हैं। अत: किसी स्थान की सही स्थिति जानने के लिए अक्षांश रेखा के साथ ही देशान्तर रेखा को जानना जरूरी है।

इसी प्रकार अगर किसी स्थान का सिर्फ देशान्तर कहा जाय तो हम आसानी से उस स्थान की स्थिति नही जान सकते। अलीपुरद्वार को सिर्फ 89° 30′ E कहा जाय तो हम सही स्थिति नहीं जान सकते। अगर देशान्तर के साथ ही अक्षांश भी दिया जाय तो स्थिति जानने में सुविधा होगी। इलाहाबाद की स्थिति जानने के लिए हमें इसका 25° 30′ उत्तरी अक्षांश तथा 81° 54′ पूर्वी देशान्तर जानना होगा। इन दोनों के कटान बिन्दु पर हम इलाहाबाद की स्थिति आसानी से जान सकते हैं। अक्षांश तथा देशान्तर रेखाओं का कटान बिन्दु ही किसी स्थान की वास्तविक स्थिति होती है।

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प्रश्न 8.
अक्षांश रेखाएँ और देशान्तर रेखाओं में क्या अन्तर है?
उत्तर :

अक्षांश रेखाएँ देशान्तर रेखाएँ
1. इनकी संख्या 180 हैं। 1. इनकी कुल संख्या 360 हैं।
2. ये पूर्ण वृत्त होती हैं। 2. ये अर्द्ध वृत्त होते हैं।
3. एक ही अक्षांश रेखा पर स्थित स्थानों के सूर्योदय, सूर्यास्त एक साथ नहीं होते हैं। 3. एक ही देशान्तर पर स्थित स्थानों पर सूर्योदय, सूर्यास्त, दोपहर एक साथ होते हैं।
4. 1°अक्षांश में 111 कि०मी० की दूरी होती है। 4. 1°देशान्तर में 4 मिनट का अन्तर होता है।
5. ये भूमध्यरेखा के समानान्तर पूरब से पश्चिम खींची जाती हैं। 5. ये प्रधान मध्याह्न रेखा के दोनों ओर उत्तर से दक्षिण खींची जाती हैं।

प्रश्न 9.
स्थानीय समय (Local Time) और प्रामाणिक समय (Standard Time) में क्या अन्तर है?
उत्तर :

स्थानीय समय (Local Time) प्रामाणिक समय (Standard Time)
1. किसी स्थान के मध्यकालीन सूर्य द्वारा स्थानीय समय का निर्धारण होता है। 1. किसी देश के लगभग मध्य में स्थित प्रामाणिक मध्याह्न रेखा के मध्यकालीन सूर्य द्वारा प्रामाणिक समय का निर्धारण किया जाता है।
2. किसी की जन्मपत्री बनाने तथा कार्यालय सम्बन्धी कार्य में स्थानीय समय का प्रयोग होता है। 2. मानक समय का व्यवहार सम्पूर्ण देश में किया जाता है।
3. एक ही देश के भिन्न-भिन्न देशान्तरों पर स्थित स्थानों का स्थानीय समय भिन्न-भिन्न होता है। 3. प्रामाणिक समय सम्पूर्ण देश में एक समान होता है।

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प्रश्न 10.
स्थानीय समय से आप क्या समझते हो?
उत्तर :
स्थानीय समय (Local Time) :- किसी स्थान का स्थानीय समय मध्याह्नकालीन सूर्य की सहायता से निर्धारित किया जाता है। इसी से स्थानीय समय को सौर समय (Solar Time) भी कहते हैं। दिन में जब किसी स्थान पर सूर्य की ऊँचाई सबसे अधिक होती है और किसी वस्तु की छाया सबसे छोटी होती है, तो उस समय उस स्थान पर मध्याह्नकाल (12 बजे दोपहर) होता है। एक ही देशान्तर रेखा के सभी स्थानों पर मध्याह्नकाल एक ही साथ होता है। पुथ्वी की दैनिक गति के कारण 1° देशान्तर पार करने में 4 मिनट समय का अन्तर पड़ता है। पृथ्वी अपनी कीली पर पथ्चिम से पूर्व घूमती है, अत: पूर्व के स्थानों का समय पथ्रिम के स्थानों के समय से अधिक होता है। देशान्तरीय स्थिति के अनुसार मध्याह्लकाल को दोपहर (12.00 Noon) मानकर निर्धारित किये गये किसी स्थान विशेष के समय को वहाँ का स्थानीय समय कहते हैं।

प्रश्न 11.
प्रामाणिक समय क्या है?
उत्तर :
प्रामाणिक समय (Standard Time) :- पृथ्वी के विभित्र स्थानों का स्थानीय समय भित्न-भित्र होता है। अत: यदि किसी देश के भीतर प्रत्येक स्थान पर उसका स्थानीय समय व्यवहार में लाया जाय तो रेल, डाक, तार आदि सरकारी कार्य में काफी कठिनाईयाँ होगी। साथ ही यात्रा-काल में यात्रियों को बार-बार घड़ी का समय बदलना पड़ेगा। इसी कठिनाई को दूर करने के लिए प्रत्येक देश की सरकार अपने देश के लगभग बीच में स्थित किसी देशान्तर रेखा को प्रामाणिक देशान्तर रेखा (Standard Meridian) मान लेती है और उसका स्थानीय समय ही सम्पूर्ण देश का प्रामाणिक समय (Standard Time) माना जाता है।

प्राय: 15° या 7\(\frac{1}{2}\)° से विभाजित होने वाली देशान्तरों को ही प्रामाणिक देशान्तर रेखा माना जाता है ताकि किसी देश के प्रामाणिक समय एवं ग्रीनविच समय में अन्तर एक या आधे घण्टे का अपवर्त्य (Multiple) हो। 0° देशान्तर या ग्रीनविच रेखा का स्थानीय समय सम्पूर्ण ग्रेट ब्रिटेन का प्रामाणिक समय माना जाता है। 0° देशान्तर रेखा को विश्व की प्रामाणिक मध्याह्न रेखा (World’s Standard Meridian) माना गया है।

इस रेखा के समय को ग्रीनविच समय या अन्तराष्ट्रीय समय कहा जाता है। भारत में इलाहाबाद के समीप स्थित कड़ा स्थान से जाने वाली 82 \(\frac{1}{2}\)° E देशान्तर रेखा को भारत की प्रामाणिक देशान्तर रेखा मानकर उसके स्थानीय समय को भारत का प्रामाणिक समय (Indian Standard Time or I.S.T.) माना जाता है। भारत का प्रामाणिक समय ग्रीनविच के समय से 5\(\frac{1}{2}\)° – घण्टा आगे है।

प्रश्न 12.
समय कटिबन्ध से आप क्या समझते हो?
उत्तर :
समय कटिबन्ध (Time Zone) :- बड़े देशों का एक प्रामाणिक समय ज्ञात करने में अनेक असुविधायें उत्पन्न हो जाती हैं, जैसे- संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और रूस के विर्भिन्न स्थानों के समय में चार-पाँच घण्टे का अन्तर हो जाता है। इन असुविधाओं को ध्यान में रंखकर भूमण्डल को 24 समय कटिबन्धों में बाँटा गया है। इनका एक मानक समय होता है। इस समय कटिबन्ध में एक-एक घण्टे का अन्तर रहता है। पृथ्वी पर प्रत्येक काल क्षेत्र में 150° देशान्तर का विस्तार रहता है। कनाडा में 5 काल क्षेत्र हैं। वहाँ 60,75,90,105 तथा 120 देशान्तर रेखाओं के स्थानीय समय को प्रामाणिक समय माना जाता है। यूरोप में तीन समय कटिबन्ध हैं।

प्रश्न 13.
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा केवल महासागरों से होकर क्यों खींची गयी हैं?
अथवा
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा सदैव 180° से मेल क्यों नहीं खाती है?
उत्तर :
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (180°) को पार करने पर तिथि में परिवर्तन कर दिया जाता है। यह रेखा प्रशान्त महासागर के मध्य से होकर गुजरती है। यदि इस रेखा को ज्यों का त्यों अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा मान लिया जाये तो एक ही देश में इस रेखा के दोनों तरफ दो तिथियाँ हो जायेगी। इससे व्यवहारिक कठिनाईयाँ आयेगी। यही कारण है कि इस रेखा को टेढ़ीमेढ़ी कर केवल महासागर पर ही खींचा हुआ मान लिया जाता है।

प्रश्न 14.
महान वृत्त क्या है? इनका उपयोग लिखिए।
उत्तर :
महान वृत्त (Great Circle) :- पृथ्वी के धरातल पर खींचे गये वे सबसे बड़े वृत्त जिनका केन्द्र पृथ्वी का केन्द्र हो तथा जो पृथ्वी को दो समान भागों में बाँट सकते हैं, महान वृत्त कहलाते हैं।
महान वृत्त का उपयोग :- गोल पृथ्वी पर किन्हीं दो स्थानों के बीच की लघुत्तम दूरी तय करने के लिए महान वृत्त पथ का अनुसरण किया जा सकता है। इसीलिए जलयान तथा वायुयान समय एवं ईंचन की बचत के लिए जहाँ तक सम्भव होता है, महान वृत्त के पथ का ही अनुसरण करते हैं। ग्लोब पर एक दूसरे के विपरीत स्थित स्थानों के लिए महान वृत्त पथ का विशेष महत्व है।

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प्रश्न 15.
प्रतिपाद स्थान से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
प्रतिपाद, वितल, प्रतिलोम, प्रतिधुव, व्यासात (Antipode) :- जब पृथ्वी की सतह पर के दो स्थान ठीक एक-दूसरे के विपरीत पड़ते हैं अर्थात् जब ये पृथ्वी के व्यास के दोनों छोर पर एक-दूसरे के आमने-सामने पड़ते हैं तो उन्हें एक-दूसरे का वितल (Antipode) कहते हैं।
पृथ्वी की सतह पर एक-दूसरे के विपरीत भाग में स्थित दो बिन्दु जो पृथ्वी के केन्द्र से होकर जाने वाले व्यास के दो छोर होते हैं। यथार्थ प्रतिघ्रुवों के मध्य 180° देशान्तरीय अंतर होता है। दोनों प्रतिधुवों का अक्षांशीय मान समान होता है, किन्तु वे विपरीत गोलार्द्ध में स्थित होते हैं। यदि भू-तल पर कोई बिन्दु 20° पथिमी देशान्तर तथा 25° उत्तरी अक्षांश पर स्थित हो तो उसका प्रतिधुव 160° पूर्वी देशान्तर एवं 25° दक्षिणी अक्षांश पर स्थित होगा। भू-तल पर किसी प्रदेश के विपरीत भाग में स्थित दूसरे प्रदेश के लिए भी प्रतिधुव शब्द का प्रयोग होता है। प्रतिध्रुव की स्थितियों में मौसम तथा दिन या रात के समय एक-दूसरे के विपरीत होते हैं।

प्रश्न 16.
हम अपने दैनिक जीवन में स्थानीय समय का उपयोग क्यों नहीं करते हैं?
उत्तर :
किसी स्थान पर जब सूर्य आकाश में सबसे अधिक ऊँचाई पर होती है तब दिन के 12 बजते है । इस समय को वहाँ का स्थानीय समय कहते है। एक देशान्तर पर स्थित सभी स्थानों का स्थानीय समय एक होता है। विभिन्न देशान्तर रेखाओं पर स्थित स्थानों के स्थानीय समय में अवश्य अंतर होगा। स्थानीय समय के इस अन्तर के कारण लोग इसका अपने दैनिक जीवन में उपयोग नहीं करते हैं।

प्रश्न 17.
ग्रीनविच मीन समय एवं भारतीय प्रामाणिक समय में तुलना करो।
उत्तर :

ग्रीनविच मीन टाइम (G.M.T.) भारत का प्रामाणिक समय (I.S.T.)
1. 0° देशान्तर रेखा या मुख्य मध्याह्न का स्थानीय समय ग्रीनविच समय (Greenwich Mean Time) कहलाता है। 1. 82 1/2° पूर्वी देशान्तर रेखा के स्थानीय समय को भारत का प्रामाणिक समय (Indian Standard Time) कहते हैं।
2. यह ग्रेट ब्रिटेन का प्रामाणिक समय है, साथ ही यह सम्पूर्ण विश्व का प्रमाणिक समय भी है। 2. यह भारत का प्रामाणिक समय है। सम्पूर्ण भारत की घड़ियाँ इसी के समय के अनुसार चलती है।

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प्रश्न 18.
1 घण्टा 15° देशान्तर के बराबर क्यों होता है? व्याख्या करो।
उत्तर :
चूँकि पृथ्वी अपनी काल्पनिक अक्ष पर पथिम से पूर्व की ओर घूमती है, इसीलिए ग्रीनविच से पूर्व के स्थानों का समय ग्रीनविच समय से आगे होगा और ग्रीनविच से पथिम के स्थानों का पीछे होगा । समय के अन्तर की इस दर से गणना ठीक-ठाक की जा सकती है। पृथ्वी 24 घंटे में 360° देशान्तर घूम जाती है, इसीलिए पृथ्वी की घूर्णन की गति 15° देशान्तर प्रति घंटा या प्रति चार मिनट में 1° देशान्तर है। दूसरे शब्दों में –
∵ 15° घूमने में 60 मिनट समय लगते हैं।
∴ 1° घूमने में \(\frac{60}{15}\) = 4 मिनट समय लगेंगे।
इस प्रकार जब ग्रीनविच में दोपहर के बारह बजते है उस समय ग्रीनविच के पूर्व में 15° देशान्तर पर एक घण्टा समय आगे होगा। अर्थात् वहाँ दिन का एक बजा होगा। किन्तु ग्रीनविच के पधिम में 15° देशान्तर पर समय 15 × 4 = 60 मिनट अर्थात् 1 घण्टा पीछे होगा। अर्थात् वहाँ सुबह के 11 बजे होंगे। इसी प्रकार 180° देशान्तर पर उस समय आधी रात होगी जब ग्रीनविच में दोपहर 12 बजे का समय होगा।

प्रश्न 19.
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा 180° देशान्तर के समानान्तर खींची नहीं जाती क्यों ?
उत्तर :
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा 180° देशान्तर तिथि विभाजक का कार्य करती है। इस रेखा से ठीक पूरब और पध्चिम 24 घण्टे का अन्तर होता है। यदि यह किसी देश या द्वीप से होकर गुजरती है, तो उस देश या द्वीप में एक ही समय में दो दिन और दिनांक होंगे। अत: इस समस्या को सुलझाने के लिए 1884 ई० में वाशिंगटन में एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाया गया। वहाँ यह तय किया गया कि अन्तरांट्रीय तिथि रेखा इस प्रकार से निर्धारित की जाय कि यह किसी देश से होकर न पार करे। अत: यह कहीं कुछ पथिम और कहीं कुछ पूर्व की ओर मुड़ गयी है।

प्रश्न 21.
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि-रेखा की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि-रेखा की विशेषताएँ :-

  1. यह पूर्ण रूप से प्रशान्त महासागर में 180° देशान्तर का अनुसरण नहीं करती।
  2. यह आर्कटिक महासागर में 75° उत्तरी अक्षांश पर महाद्वीप से बचने के लिए पूरब की ओर मुड़ जाती है और बेरिंग समुद्र से निकलती गयी है।
  3. बेरिंग समुद्र में यह पथिम की ओर मुड़ जाती है।
  4. यह एलूशियन द्वीप-समूह के पश्चिमी किनारे से होकर जाती है।
  5. फिजी तथा न्यूजीलैण्ड टापुओं को दूर रखने के लिए यह दक्षिणी प्रशान्त महासागर में पूरब की ओर मुड़ जाती है।
  6. इस रेखा को स्थल भाग से दूर रखा गया है। यह रेखा यदि किसी देश के बीच से होकर गुजरती है तो उसके दोनों दिशाओं की एक ही दिशा में अलग-अलग तिथियाँ माननी पड़ती है।

प्रश्न 22.
अन्तर्राष्ट्रीय तिथि-रेखा से क्या समझते हो ?
उत्तर :
180° देशान्तर से मेल खाती हुई टेढ़ी- मेढ़ी काल्पनिक (Imaginary) रेखा को अन्तर्राष्ट्रीय तिथि-रेखा कहते हैं। भू-मण्डल पर 180° देशान्तर के लगभग साथ-साथ निर्धारित एक काल्पनिक रेखा प्रशांत महासागर के जलीय भाग से गुजरती है। इस तिथि रेखा के दोनों ओर एक तिथि या दिन का अन्तर पाया जाता है। अत: इस रेखा को पार करते समय तिथि-परिवर्तन किया जाता है। यदि इस रेखा के पूरब में सोमवार है तो इसके पथ्विम में मंगलवार होगा। अत: जब कोई जलयान अन्तर्राष्ट्रीय तिथि-रेखा को पार करके पध्चिम की ओर जाती है तो वर्तमान तिथि में एक तिथि जोड़ दी जाती है। इसके विपरीत पूरब की ओर जाने पर एक तिथि घटा दी जाती है।

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इस तिथि-परिवर्तन का मूल कारण यह है कि शून्य देशान्तर या ग्रीनविच रेखा से पूरब की ओर यात्रा करने पर स्थानीय समय क्रमश: बढ़ता है जो 180° पूर्वी देशान्तर तक ग्रीनविच माध्य समय से 12 घंटे तक बढ़ जाता है। इसी प्रकार ग्रीनविच देशान्तर से पथ्थिम की ओर जाने पर स्थानीय समय क्रमश: घटता है और 180° पथिम देशान्तर तक ग्रीनविच माध्य समय से 12 घंटे कम हो जाती है। अत: 180° देशान्तर के दोनों ओर इसके निकट स्थित दो स्थानों के बीच एक दिन (लगभग 24 घंटे) का अन्तर हो जाता है। इस अन्तर के व्यावहारिक समाधान के उद्देश्य से 180° देशान्तर को अन्तर्राष्ट्रीय तिथिपरिवर्तन के लिए चुना गया है।
जलयान सागर से गुजरते हैं। अत: जहाँ 180° देशान्तर रेखा स्थल से गुजरती है वहाँ अन्तर्राष्ट्रीय तिथि-रेखा 180° देशान्तर से मुड़कर सागर में मुड़ती हुई मान ली गयी है।

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प्रश्न 23.
देशान्तर और स्थानीय समय में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर :
देशान्तर एवं स्थानीय समय में सम्बन्ध :- देशान्तर एवं स्थानीय समय के बीच एक निध्चित सम्बन्ध है। पृथ्वी अपनी धूरी पर सूर्य के सामने प्रत्येक 24 घण्टे में एक पूरा चक्कर लगाती है। पृथ्वी पर कुल 360 देशान्तर रेखायें हैं। अत: 360 देशान्तर रेखाओं को पार करने पर 24 घण्टे समय का अन्तर पड़ता है। इस प्रकार 1° देशान्तर पार करने पर \(\frac{24}{360}\) घण्टा = \(\frac{1}{15}\) = 4 मिनट समय का अन्तर पड़ता है।

चूंकि पूथ्वी अपनी धूरी पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है, अतः सूर्य प्रति घण्टे 15° या प्रति 4 मिनट में 1° की दर से पूर्व से पथिम घुमता हुआ दिखाई पड़ता है। पूर्व के स्थानों में सूर्योदय व सूर्यास्त पश्चिम के स्थानों से पहले होता है। अन्य शब्दों में पूर्व के स्थानों के स्थानीय समय पश्चिम के स्थानों के स्थानीय समय की अपेक्षा अधिक रहता है। ग्रीनविच या 0° देशान्तर रेखा पर यदि प्रातःकाल 6 बजा है तो 1° पूर्वी देशान्तर रेखा पर स्थित स्थान का स्थानीय समय प्रात: 6 बजकर 4 मिनट तथा 1° पश्चिमी देशान्तर पर स्थित स्थान का स्थानीय समय प्रात: 5 बजकर 56 मिनट होगा।

प्रश्न 24.
ग्लोब पर किसी स्थान की स्थिति का निर्धारण कैसे किया जाता है?
अथवा
भू-पृष्ठ के किसी स्थान की स्थिति किस प्रकार से निर्णीत किया जाता है?
उत्तर :
अक्षांश रेखायें पृथ्वी के पूर्वी-पथ्चिमी भाग को वेष्टित की है एवं विषुवत रेखाओं का अक्षांश 0° है। दूसरी ओर देशान्तर रेखाएँ पृथ्वी के उत्तरी धुव से लेकर दक्षिणी धुव तक विस्तृत है। इंग्लैण्ड के अन्तर्गत ग्रीनविच शहर के ऊपरी भाग से जो देशान्तर रेखा गुजरती है उस देशान्तर रेखा को प्रमुख मध्याह्न रेखा या 0° देशान्तर रेखा कहा जाता है।

प्रत्येक देशान्तर रेखा प्रत्येक अक्षांश रेखा को लम्बवत् रूप से भेदन करती है, एव इसी भेदन बिन्दु की सहायता से पृथ्वी के जिस किसी भी स्थान की स्थिति को निक्वित किया जाता है। अक्षांश रेखा की सहायता से उत्तर-दक्षिण एवं देशान्तर रेखा की सहायता से पूर्वी-पध्चिमी स्थिति का निर्धारण किया जाता है। अर्थात् भू-पृष्ठ पर के किसी स्थान की स्थिति का निर्णय करते समय अक्षांश रेखा एवं देशान्तर रेखा समान रूप से आवश्यक है।

उदाहरण – कलकत्ता का अक्षांश 22° 34′ उत्तर एवं देशान्तर 88° 34′ पूर्व माना गया है। इसका अर्थ यह है कि 22° 34′ उत्तरी अक्षांश रेखा एवं 88° 30′ पूर्वी देशान्तर रेखा के भेदन बिन्दु पर अवस्थित है।

विवरणात्मक प्रश्नोत्तर (Descriptive Type) : 5 MARKS

प्रश्न 1.
किसी स्थान के प्रतिपाद स्थान का ज्ञान कैसे कीजिएगा?
उत्तर :
प्रतिपाद स्थान के अक्षांश का निर्णय :-

  1. प्रतिपाद स्थान का अक्षांश उतनी ही डिग्री होता है जितनी डिग्री अक्षांश का स्थान ज्ञात करना है। उसके डिग्री और अक्षांश में कोई अन्तर नहीं होता।
  2. प्रतिपाद स्थान हमेशा विपरीत गोलार्द्ध में होते हैं। यदि कोई स्थान उत्तरी गोलार्द्ध में है तो उसका प्रतिपाद स्थान दक्षिणी गोलार्द्ध में होगा।
  3. प्रतिपाद अक्षांश की स्थिति भू-मध्य रेखा के उत्तर तथा दूसरे स्थान की स्थिति भू-मध्य रेखा के दक्षिण होती है।
  4. प्रतिपाद स्थान का निर्धारण भू-मध्य रेखा को प्रारम्भ मानकर किया जाता है। भू-मध्य रेखा का कोई प्रतिपाद स्थान नहीं होता। भू-मध्य रेखा पर स्थित प्रतिपाद स्थान का गणना संभव नहीं है।

प्रतिपाद स्थान के देशान्तर का निर्णय :-

  1. यदि 180° में से किसी स्थान का देशान्तर घटा दें तो उसके प्रतिपाद स्थान का देशान्तर मिल जाता है।
  2. यदि कोई स्थान 180° देशान्तर रेखा से जितना पूर्व है तो उसका प्रतिपाद स्थान प्रधान मध्याह्न रेखा (0° देशान्तर रेखा) से उतना ही पश्चिम होगा।
  3. यदि कोई स्थान 180° देशान्तर रेखा से जितना पथिम है तो उसका प्रतिपाद स्थान प्रधान मध्याह्न रेखा से उतना ही पूर्व होगा।
  4. जिस स्थान का प्रतिपाद ज्ञात करना हो तो ध्यान रखना होगा कि यदि उसकी दिशा पूर्व में है तो प्रतिपाद स्थान की दिशा पश्चिम में होगी। यदि वह स्थान पश्चिम में है तो उसका प्रतिपाद स्थान पूर्व में होगा।
  5. किसी स्थान एवं प्रतिपाद स्थान के स्थानीय समय का अन्तर 12 घण्टा का होता है। कोलकाता में दिन का 12 बंजा है तो इसके प्रतिपाद स्थान पर रात का 12 बजा होगा।

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प्रश्न 2.
किसी स्थान के अक्षांश का निर्धारण कैसे कीजिएगा?
उत्तर :
किसी स्थान के अक्षांश का निर्घारण निम्नलिखित तरीके से होता है-
लम्बवत् लड्ठा गाड़कर :- एक सीधा लट्ठा को लम्बवत् गाड़ने पर लट्ठा के शीर्ष एवं उसकी छाया को मिलाने पर घरातल के साथ जो कोण बनता है वह सूर्य की ऊँचाई होता है। किसी स्थान के ठीक ऊपर स्थित बिन्दु के उस स्थान के शिरो बिन्दु (Zenith) कहते हैं। लम्बवत् लटुके स्थान के साथ सूर्य की किरणों से बनने वाले कोण को सूर्य की शिरो बिन्दु से दूरी कहते हैं। सूर्य की कोणिक ऊँचाई एवं सूर्य के शिरो बिन्दु से दूरी का योग 90° होता है। अत: सूर्य की शिरो बिन्दु की दूरी = 90° – सूर्य की ऊँचाई।

दक्षिणी तारा (Cross Star) :- दक्षिणी गोलार्द्ध में धुवतारा दिखाई नहीं पड़ता है । दक्षिणी गोलार्द्ध में ध्रुवतारे की तरह ही दक्षिणी तारा दक्षिणी ध्रुव पर लम्बवत् चमकता है। अतः गोलार्द्ध के किसी स्थान का अक्षांश उतना ही होता है जितना वहाँ दक्षिणी तारा की कोणिंक ऊँचाई होती है।

धुवतारा (Pole Star) :- रात में उत्तरी गोलार्द्ध में किसी स्थान का अक्षांश धुवतारा से मालूम किया जाता है। उत्तरी धुव पर धुवतारा लम्बवत् चमकता है। 90° उत्तरी अक्षांश पर धुवतारे की कोणिक ऊँचाई 90° होती है। विषुवत् रेखा पर (जिसका अक्षांश 0° है) इस तारे की कोणिक ऊचाई 0° होती है। इस प्रकार किसी स्थान पर ध्रुवतारे की कोणिक ऊँचाई जितनी होती है वहाँ का अक्षांश उतने ही अंश का होता है।

सेक्सटेन्ट यन्त्र :- दूरबीन लगा हुआ यह एक प्रकार का यन्त्र है। इसकी सहायता से किसी स्थान का अक्षांश ज्ञात किया जाता है।

मध्याह्नकालीन सूर्य :- किसी स्थान का अक्षांश दिन में मध्याह्लकालीन सूर्य द्वारा ज्ञात किया जाता है, यदि यह मालूम हो कि सूर्य किस अक्षांश रेखा पर लम्बवत् चमकता है। इस विधि के द्वारा निम्नलिखित ढंग से अक्षांश मालूम किया जाता है-

(क) 21 मार्च एवं 23 सितम्बर के दिन :- इन दोनों दिनों में सूर्य की किरणें विषुवत रेखा पर लम्बवत् पड़ती है। 0° अक्षांश विषुवत रेखा का है, अत: वहाँ 0° अक्षांश रेखा पर सूर्य की ऊँचाई 90° की होती है। 90° अक्षांशों पर सूर्य की ऊँचाई 0° होती है। अत: इन दोनों दिनों में किसी स्थान का अक्षांश 90° में से सूर्य की ऊँचाई घटाने से प्राप्त होता है। यदि किसी स्थान पर मध्याह्लकालीन सूर्य की कोणिक ऊँचाई 60° हो तो वहाँ का अक्षांश = 90° – 60° = 30° उत्तर या 30° दक्षिण होगा।

(ख) 21 जून तथा 22 दिसम्बर :- इन दोनों दिनों में सूर्य विषुवत रेखा पर लम्बवत् पड़कर 21 जून को कर्क रेखा (23 \(\frac{1}{2}\)° N) पर तथा 22 दिसम्बर को (मकर रेखा पर) लम्बवत् चमकता है। अत: इन दो दिनों में किसी का अक्षांश ज्ञात करने का सूत्र है-

अक्षांश = 23\(\frac{1}{2}\)° शिरो बिन्दु से मध्याह्नकालीन सूर्य की दूरी। परिणाम धनात्मक (+) होने पर स्थान उसी गोलार्द्ध में होगा जिस गोलार्द्ध में मध्याह्लकालीन सूर्य लम्बवत् चमकता है। परिणाम ऋणात्मक (-) होने पर स्थान विपरीत गोलार्द्ध में होगा।

(ग) अन्य तिथियों पर :- अन्य तिथियों पर अक्षांश ज्ञात करने के लिए नाविक पंचांग (Nautical Almanac) की सहायता लिया जाता है कि उस दिन मध्याह्नकालीन सूर्य किस अक्षांश रेखा पर लम्बवत् पड़ता है। इसके बाद ऊपर की विधि से निम्नलिखित सूत्र द्वारा अक्षांश ज्ञात किया जाता है-
अक्षांश = मध्याह्लकालीन सूर्य की लम्बवत् पड़ने का अक्षांश + शिरो बिन्दु से मध्याह्लकालीन सूर्य की दूरी।

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प्रश्न 3.
अक्षांश रेखायें और देशान्तर रेखाओं में अन्तर लिखिए।
उत्तर :

अक्षांश रेखायें देशान्तर रेखायें
i. ये रेखायें विषुवत रेखा के उत्तर या दक्षिण कोण के हिसाब से खींची गई है। i. प्रधान मध्याह्न रेखा के पूर्व तथा पश्चिम समान कोण की दूरी पर ये रेखायें खींची हुई हैं।
ii. अक्षांश रेखायें कल्पित वृत्त हैं। ii. ये रेखायें अर्द्ध-कल्पित वृत्त हैं।
iii. अक्षांश रेखायें समानान्तर होती हैं। iii. ये रेखायें समानान्तर नहीं हैं। विषुवत रेखा से दूर जाने पर इन रेखाओं के बीच की दूरी कम होती जाती है।
iv. अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या 180 है। iv. इन रेखाओं की कुल संख्या 360 है।
v. अक्षांश रेखायें आपस में कभी नहीं मिलती हैं। v. सभी देशान्तर रेखायें भुवों पर आपस में मिल जाती हैं।
vi. ये रेखायें विषुवत से 90° उत्तर तथा 90° दक्षिण खींची गई हैं। vi. ये रेखायें ग्रीनविच रेखा से 180° पूर्व तथा 180° पश्चिम खींची गई हैं।
vii. विषुवत रेखा का अक्षांश 0° है। ध्रुव का अक्षांश 90° उत्तर तथा 90° दक्षिण है। अक्षांश की माप विषुवत रेखा से की जाती है। vii. कोई भी देशान्तर रेखा ऐसी नहीं है जहाँ से माप शुरू की जाय। किसी भी देशान्तर रेखा से अन्य देशान्तर की गणना की जा सकती है। विषुवत रेखीय वृत्त की तरह कोई भी देशान्तर रेखा स्वाभाविक नहीं है।
viii. भू-मध्य रेखीय व्यास की लम्बाई सबसे अधिक है। अत: विषुवत वृत्त पृथ्वी का सबसे बड़ा अक्षांश वृत्त है। viii. विषुवत वृत्त से सभी देशान्तर रेखायें छोटी होती हैं। देशान्तर रेखायें लम्बाई में आपस में बराबर होती हैं। पृथ्वी का दोनों धुव चपटा है। इसी कारण देशान्तर रेखायें विषुवत वृत्त से होती है।
ix. अक्षांश रेखाओं से जलवायु तथा दिन-रात की लम्बाई की जानकारी होती है। ix. देशान्तर रेखाओं से स्थानीय समय की जानकारी होती है।

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प्रश्न 4.
किसी स्थान के देशान्तर का निर्धारण कैसे कीजिएगा?
उत्तर :
किसी स्थान के देशान्तर को जानने के तरीके निम्नलिखित हैं-
स्थानीय समय द्वारा :- किसी स्थान का देशान्तर मालूम करने के लिए उस स्थान के स्थानीय समय एवं ग्रीनविच के समय का अन्तर निकाला जाता है। उस अन्तर को मिनट में बदलकर फिर 4 से भाग दिया जाता है। भागफल उस स्थान के देशान्तर को बतलाता है। यदि किसी स्थान पर दिन के 6 बजे हैं और ग्रीनविच में दोपहर है तो उस स्थान का देशान्तर = \(\frac{(12-6) \times 60}{4}\) = 90° होगा। यदि किसी स्थान का समय ग्रीनविच के समय से अधिक है तो वह स्थान ग्रीनविच से पूर्व और यदि कम है तो वह स्थान ग्रीनविच से पध्चिम होगा, क्योकि सूर्योदय एवं सूर्यास्त ग्रीनविच से पूर्व और पश्चिम के स्थानों की अपेक्षा पहले होगा।

क्रोनोमीटर तथा मध्यकालीन सूर्य द्वारा :- ग्रीनविच के समय को बताने वाली घड़ी क्रोनोमीटर है। किसी स्थान पर जब सूर्य की कोणिक ऊँचाई सबसे अधिक होती है तो उस समय वहाँ दोर्पहर 12 बजे का समय होता है। क्रोनोमीटर की सहायता से ठीक उसी समय ग्रीनविच के समय का पता चल जाता है। फिर प्रथम विधि द्वारा गणना करके दूसरे स्थान का देशान्तर आसानी से मालूम किया जा सकता है।

सूर्य घड़ी द्वारा :- ग्रीनविच का समय ज्ञात करने पर धूप घड़ी की सहायता से किसी स्थान का देशान्तर मालूम किया जा सकता है। माना ‘क’ स्थान का देशान्तर मालूम करना है। अतः उस स्थान पर एक लट्ठा गाड़ दिया गया। दोपहर के कुछ पहले यह देखा गया कि उसकी छाया ‘ख’ बिन्दु तक जाती है। ‘क’, ‘ख’ को मिला दिया गया, ‘क’ को केन्द्र मानकर ‘क’, ‘ख’ की दूरी लेकर एक अर्द्धवृत्त खींचा। फिर दोपहर के बाद यह देखा गया कि किस स्थान पर लट्ठे की छाया अर्द्धवृत्त को छूती है। मान लिया कि वह छाया ‘ग’ बिन्दु पर स्पर्श करती है।

अत: ‘क’, ‘ख’ को मिलाया और इसी तरह ∠क ख ग गना। ∠क, ख, ग के क घ रेखा सम-द्विभाग करती है। ‘घ’ बिन्दु उत्तर तथा ‘क’ बिन्दु दक्षिण दिशा को प्रकट कर रही है। जब इस रेखा पर लट्ठे की छाया पड़ेगी तो 12 बजेगा। अब ग्रीनविच का समय ज्ञात किया जा सकता है। माना कि ग्रीनाविच में 5 बजे प्रातःकाल का समय है तथा अभिष्ट स्थान पर 12 बजे दिन है तो उस स्थान का देशान्तर = \(\frac{(12-6) \times 60}{4}\) = \(\frac{420}{4}\) = 105° हुआ। चूँकि ग्रीनविच का समय कम है इसलिए अभिष्ट स्थान पूर्व की तरफ होगा, अत: उसका देशान्तर 105°E हुआ।

प्रश्न 5.
प्रमुख अक्षांश वृत्तों का वर्णन करो।
उत्तर :
विघुवत वृत अथवा विषुवत रेखा (Equator) :- उत्तरी तथा दक्षिणी धुवों के बीचोबीच पृथ्वी के ठीक मध्य स्थान पर पूर्व से पश्चिम की ओर खींची गई काल्पनिक वृत्ताकार रेखा को विषुवत रेखा कहते हैं। विषुवत रेखा प्रथान अक्षांश रेखा है जिसे 0° अक्षांश लिखकर व्यक्त किया जाता है। इसे भूमध्य रेखा, महान वृत्त (Great Circle) अथवा विषुवतीय समक्षेत्र (Equatorial Plane) भी कहते हैं। यह पृथ्वी को उत्तरी तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में विभाजित करती है।

कर्क रेखा अथवा कर्क वृत्त (Tropic of Cancer) :- कर्क रेखा अथवा कर्क वृत्त उत्तरी गोलार्द्ध में एक महत्वपूर्ण अक्षांश वृत्त है। यह विषुवत वृत्त से 23°30′ उत्तर कोणीय दूरी पर है। कर्क रेखा हमारे देश भारत के लगभग बीचोबीच से होकर गुजरती है।

मकर रेखा अथवा मकर वृत्त (Tropic of Capricorn) :- मकर रेखा अथवा मकर वृत्त दक्षिणी गोलार्द्ध का प्रमुख अक्षांश वृत्त है। यह कर्क वृत्त के समान ही दक्षिणी गोलार्द्ध में विषुवत वृत्त से 23.30 दक्षिण कोणीय दूरी पर स्थित है।

आर्कटिक रेखा अथवा आर्कटिक वृत्त (Arctic Circle) :- आर्कटिक रेखा अथवा आर्कटिक वृत्त उत्तरी गोलार्द्ध का दूसरा महत्वपूर्ण अक्षांश वृत्त है । यह विषुवत वृत्त के उत्तर में 66°30′ उत्तर की कोणिक दूरी पर स्थित है। इसे उत्तर-ध्रुवीय वृत्त भी कहा जाता है।

अंटार्कटिक रेखा अथवा अंटार्कटिक वृत्त (Antarctic Circle):- अंटार्कटिक रेखा अथवा अंटार्कटिक वृत्त दक्षिणी गोलार्द्ध का दूसरा महत्वपूर्ण अक्षांश वृत्त है। आर्कटिक वृत्त की तरह ही विषुवत वृत्त के दक्षिण में 66°30′ दक्षिण की कोणीय दूरी पर स्थित है। इसे दक्षिण-धुवीय वृत्त भी कहते हैं।

उत्तरी धुव (North Pole) :- उत्तरी धुव उत्तरी गोलार्द्ध की सबसे छोटी अक्षांश रेखा (बिन्दु) है जो विषुवत वृत्त से 90° उत्तर की दूरी पर स्थित है। इसे आधारभूत उत्तरी संदर्भ बिन्दु भी कहा जाता है।

दक्षिणी धुव (South Pole) :- दक्षिणी ध्रुव दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित सबसे छोटी अक्षांश रेखा (बिन्दु) है। उत्तरी धुव के समान ही यह भी विषुवत रेखा से 90° दक्षिण की दूरी पर स्थित है। इसे भी आधारभूत दक्षिणी संदर्भ बिन्दु कहा जाता है।

प्रश्न 6.
विश्ण के ताप कटिबंधों का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर :
विश्ष को निम्नलिखित तीन ताप कटिबन्धों अथवा पेटियों में बाँटा गया है –
उष्ण कटिबंध (Torrid Tropical Zone) :- कर्क तथा मकर रेखा (23 \(\frac{1}{2}\)°N. और .23 \(\frac{1}{2}\)°S) के सभी अक्षांशों पर सूर्य वर्ष में दो बार (कर्क रेखा पर 21 जून तथा मकर रेखा पर 22 दिसम्बर को) ठीक सिर के ऊपर होता है। इस स्थिति में सूर्य को किरणें लम्बवत् पड़ती हैं। फलस्वरूप यह क्षेत्र अत्यधिक गर्मी प्राप्त करता है। अत: उष्णकटिबंध की सीमा बनती है। इस कटिबंध में किसी भी स्थान का वार्षिक औसत तापमान 27°C से अधिक होता है।

शीतोष्ण कटिबंध (Temperate Zone) :- यह उष्णकटिबंध के पार 66 \(\frac{1}{2}\)°, अक्षांश का क्षेत्र है। कर्क रेखा के उत्तर तथा मकर रेखा के दक्षिण सूर्य कभी भी ठीक ऊपर नहीं रहता है। इस स्थिति में इस क्षेत्र में सूर्य की किरणें सदैव तिरछी पड़ती है। परिणामस्वरूप उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क वृत्त और आर्कटिक वृत्त के बीच तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर वृत्त तथा अंटार्कटिक वृत्त के बीच सामान्य तापमान रहता है। यहाँ न अधिक सर्दी होती है और न अधिक गर्मी। अत: इसे शीतोष्ण कटिबन्ध कहते हैं। यहाँ वार्षिक औसत तापमान 20°C से कम होता है।

शीत कटिबंध (Cold Zone) :- यह 66 \(\frac{1}{2}\)° अक्षांशो से धुवों तक का क्षेत्र है। उत्तरी गोलार्द्ध के आर्कटिक वृत्त और उत्तरी धुव तथा दक्षिण गोलार्द्र में अंटार्कटिक वृत्त और दक्षिणी धुव के बीच के क्षेत्र में सूर्य कभी क्षितिज के ऊपर नहीं जाता। सूर्य की किरणें यहाँ बहुत ही तिरछी पड़ती हैं। फलस्वरूप इन क्षेत्रों में बहुत अधिक ठण्ड पड़ती है। इसलिए इसे शीत कटिबंध कहा जाता है। यहाँ दिन और रात की लम्बाई छ: महीने तक हुआ करती है। पृथ्वी के ये सबसे सर्द भाग हैं।

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प्रश्न 7.
भौगोलिक ग्रिड द्वारा किस प्रकार किसी भी स्थान की स्थिति का निर्धारण किया जाता है? वर्णन करो।
उत्तर :
भौगोलिक ग्रिड (Geographical Grid) :- ग्लोब पर देशान्तर और अक्षांश रेखाओं का पूर्ण नेटवर्क (Complete Network) जो एक दूसरे को क्रिस-क्रॉस (Criss-Cross) करते हुए खींचा गया है, इसे भौगोलिक ग्रिड कहते हैं। इससे पृथ्वी के सतह पर किसी भी स्थान की स्थिति का निर्धरण किया जाता है।

मंहान वृत्त की अवधारणा (Concept of Great Circle) :- भूमध्य रेखा (0° अक्षांश) एक काल्पनिक महान वृत्त है जिसका व्यास 40,077 किमी० है। इसे भूमध्यरेखीय तल कहा जाता है। विषुवतीय तल पृथ्वी के अक्ष से 90° पर है। इस पर सभी बिन्दु 0° द्वारा परिभाषित किये जाते हैं।

भूमध्यरेखा पूरे पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध दो भागों में बाँटती है। अत: यह महान वृत्त है। भू-मध्यरेखा (0° अक्षांश) को महान वृत्त कहा जाता है, क्योंकि इसकी निम्न विशेषताएँ हैं:-

  1. इसका तल पृथ्वी के केन्द्र से होकर गुजरता है, अतः महान वृत्त बनाता है।
  2. विषुवत रेखा पृथ्वी की परिधि है। कोई भी लघु वृत्त (Small Circle) पृथ्वी की परिधि नहीं हो सकता।
  3. विषुवत रेखा का केन्द्र पृथ्वी के केन्द्र के अनुरूप (Coincides) है।
  4. भूमध्यरेखा (0° अक्षांश) पूरे पृथ्वी को दो बराबर भागों-उत्तरी गोलार्द्ध एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में बाँटती है। कोई भी महान वृत्त ही पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाँट सकती है।

उपर्युक्त विशेषताओं के कारण ही भूमध्यरेखा (0° अक्षांश) को महान वृत्त (Great Circle) कहा जाता है।

प्रश्न 8.
अक्षांश रेखा को ज्ञात करने के तरीके क्या हैं?
अथवा
आप किसी स्थान के अक्षांश का निर्धारण कैसे करेंगे?
उत्तर :
अक्षांश रेखाएँ पृथ्वी के धरातल पर भूमध्यरेखा से उत्तर या दक्षिण किसी भी स्थान की कोणात्मक दूरी होती है। इन्हें निम्न विधियों से ज्ञात किया जाता है-
ध्रुवतारा द्वारा (By polar star) :- धुवतारा उत्तरी गोलार्द्ध में 90°N पर लम्बवत् चमकता है। इस प्रकार उत्तरी गोलार्द्ध में धुवतारे की सहायता से किसी भी स्थान के अक्षांश का निर्धारण किया जा सकता है।

सेक्सटैण्ट द्वारा (By sextant) :- सेक्सटैण्ट की सहायता से किसी भी स्थान के अक्षांश का निर्धारण किया जाता है।

खम्भा द्वारा (By pole) :- किसी भी स्थान पर खम्भा सीधा गाड़ने पर सूर्य के प्रकाश द्वारा जो छाया बनता है, उस छाया से धरातल के साथ जितने डिग्री का कोण बनता है वह उस स्थान पर उस समय सूर्य की ऊँचाई होती है। इस प्रकार यह कोण सूर्य का शिरो बिन्दु (Zenith) से दूरी होती है।

हेडले ओक्टेण्ट द्वारा (By Hadley’s Octant) :- दक्षिणी गोलार्द्ध में 90°S पर धुवतारा की भाँति एक तारा चमकता है। इस तारे की सहायता से दक्षिणी गोलार्द्ध में किसी स्थान के स्थिति का अक्षांश निर्धारित किया जा सकता है।

सूर्य के विभिन्न स्थितियों द्वारा (By different positions of sun) :- सूर्य के विभित्र स्थितियों जैसे मध्याह्नकालीन सूर्य, 21 मार्च और 23 सितम्बर को भूमध्यरेखा पर लम्बवत् चमकता सूर्य, 21 जून को कर्क रेखा पर लम्बवत् चमकता सूर्य, 22 दिसम्बर को मकर रेखा पर लम्बवत् चमकता सूर्य आदि द्वारा गणितीय गणना के आधार पर अक्षांश रेखाओं को ज्ञात किया जात है।

प्रश्न 9.
किसी भी स्थान के देशान्तर को ज्ञात करने का तरीका क्या है?
अथवा
किसी स्थान के देशान्तर का निर्धारण किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर :
किसी भी स्थान का स्थानीय समय और ग्रीनविच के स्थानीय समय में अन्तर को निकाल कर फिर उसे मिनट में बदल दिया जाता है। तत्पश्चात् 4 से भाग देने पर जो परिणाम आता है वह उस स्थान का देशान्तर होता है। यदि उस स्थान का समय G.M.T. से आगे है तो उस स्थान का देशान्तर E होगा तथा यदि उस स्थान का समय G.M.T. से पीछे है तो देशान्तर W होगा।
उदाहरण – किसी स्थान का समय 6 P.M. है एवं G.M.T. पर दिन के 12 बजे हैं तो उस स्थान का देशान्तर-

= 6.00 hrs. – 12.00 hrs.
= (6.00+12.00 hrs.) – 12.00 hrs.
= 18.00 hrs.-12.00 hrs.
= 6.00 hrs.
= 6 × 60 mins
= 360 mins
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= 90°

चूंकि स्थान का समय G.M.T. से आगे है अत: देशान्तर 90°E होगा।

धूप घड़ी द्वारा (By Solar Watch) : यदि ग्रीनविच का समय ज्ञात हो तो धूप घड़ी की सहायता से किसी स्थान के समय का निर्धारण किया जा सकता है। धूप घड़ी द्वारा किसी स्थान के दिन के 12 बजे की स्थिति ज्ञात की जाती है। अब मान लिया जाय कि ग्रीनविच पर शाम के 4 बजे हैं तो उस स्थान का देशान्तर की गणना निम्न विधि द्वारा होगी –
समय में अन्तर –
4.00 hrs.-12.00 hrs.
= (4 + 12.00 hrs) – 12.00 hrs.
= 16.00 hrs-12.00 hrs.
= 4.00 hrs.
= 4 × 60 mins-240 mins
= \(\frac{240}{4}\) = 60°
= 60°

चूँकि स्थान का समय ग्रीनविच से पीछे है अत: देशान्तर = 60°W होगा।

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प्रश्न 10.
कोलकाता और सिओल के देशान्तर क्रमश: 88°30’E और 127°06’E हैं। सिओल का स्थानीय समय क्या होगा जबकि कोलकाता में दिन के 12 बजे हैं? (The longitude of Kolkata and Seoul are 88°30’E and 27°06’E respectively. What is the local time of Seoul when it is 12 noon at Kolkata?)
उत्तर :

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= 154 \(\frac{2}{5}\) × 60 = 154 मि० 24 सेकेण्ड =154 ÷ 60 घं० 24 से० = 2 घं० 34 मि० 24 से०
= 2 घं० 34 मि० 24 सेकेण्ड, सिउल कोलकाता से पूरब है।
अत: वहाँ का समय आगे होगा
अत: सिउल का समय =12 दोपहर + 2 घं० 34 मि० 24 सेकेण्ड
= 2 बजकर 34 मि॰ 24 सेकेण्ड P.M.

प्रश्न 11.
ग्रीनविच का स्थानीय समय क्या होगा जबकि भारत (I.S.T.) में दिन के 12.00 बज़े है?
(What is the Greenwich mean time when it is 12 noon as per Indian Standard Time?)
उत्तर :
भारत का प्रामाणिक समय निकालने के लिये इलाहाबाद के कड़ा नामक स्थान के देशान्तर का प्रयोग होता है, जो 82° .30′ है।

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भारत एवं ग्रीनविच के देशान्तरों में अन्तर = 82° .30′ E – 0°
= 82°.30′ = 82 \(\frac{1}{2}\)° = \(\frac{165}{2}\)°

∵ 1° देशान्तर पार करने में समय लगता है 4 मिनट।
∴ \(\frac{165}{2}\) ,, ,, ,, लगेगा = \(\frac{165}{2}\) × 4 = 330 मिनट
= 330 ÷ 60 = 5 घं० 30 मि०
ग्रीनविच भारत से पश्चिम में है। अत: भारत के समय से ग्रीनविच का समय कम होगा।
अत: ग्रीनविच का समय = 12 दोपहर -5 घं० 30 मि०
= 6 बजकर 30 मि० A.M.

प्रश्न 12.
न्यूयार्क (74° W) का स्थानीय समय और दिन क्या होगा जबकि कोलकाता (88° 30′ E) में 1 जनवरी 2004 को सुबह का 9 बजा है?
[What would be the local time and date of New York (74° W) when it is 9 A.M. in Kolkata (88° .30′ E) on 1st January 2004 ?]
उत्तर :

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= 10 घं० 50 मिनट
न्यूयार्क कोलकाता से पंक्चिम है, अत: वहाँ का समय कोलकाता से पीछे होगा। अर्थात् कोलकाता का समय = 9-10 घं० 50 मि०
= (9 + 12) = 10 घं० 50 मि०
= 21 – 10 घं० 50 मि० = 10 घंटा 10 मि० = 10 बजकर 10 मि० P.M. 31st दिसम्बर सन् 2003

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प्रश्न 13.
भारतीय प्रामाणिक समय (IST) क्या होगा जबकि कोनोमीटर पर दिन के 12.00 बजे हैं?
(What will be the Indian Standard Time when it is 12 noon in Chronometer?)
उत्तर :
क्रोनोमीटर ग्रीनविच का समय बताने वाली घड़ी है। अत: ग्रीनविच का देशान्तर 0° है।

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भारत ग्रीनविच से पूरब में है। अत: भारत का समय आगे होगा। अर्थात् भारत का समय =12 दोपहर +5 घं० 30 मि० =17 घं० 30 मिनट अर्थात् = 5 बजकर 30 मि० P.M.

प्रश्न 14.
न्यूयार्क (74° W) और मुम्बई (73° E) का स्थानीय क्या होगा जबकि ग्रीनविच (0°) पर दिन के 12.00 बजे हैं?
[What would be the local time at New York (74° W}) and at Mumbai (73° E) when it is 12 noon at Greenwich?]
उत्तर :
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ग्रीनविच एवं न्यूयार्क के देशान्तर में अन्तर = 74° W-0°=74°
∵ 1° देशान्तर पार करने में समय लगता है 4 मिनट।
∴ 74° देशान्तर पार करने में समय लगेगा = 74 W × 4 = 296 मि०
= 296 ÷ 60 = 4 घं० 56 मिनट
न्यूयार्क ग्रीनविच से पथिम में स्थित है। अतः वहाँ का समय ग्रीनविच से पीछे होगा। अर्थात न्यूयार्क का समय 12 दोपहर -4 घं० 56 मि० = 7 घं० 04 मि० =7 बजकर 04 मि० A.M.
अब मुम्बई ग्रीनविच से पूरब में स्थित है।
ग्रीनविच तथा मुम्बई के देशान्तर में अन्तर = 73° E-0° = 73°
∵ 1° देशान्तर पार करने में समय लगता है 4 मिनट।
∴ 73°, ., ,. ,” ., लगेगा 73 × 4 = 292 मि०
= 292 = 292 ÷ 60 = 4 घं० 52 मि०
मुम्बई का समय आगे होगा क्योंकि
मुम्बई का समय =12 दोपहर +4 घं० 52 मि०
=16 घं० 52 मि० =4 बजकर 52 मि० P.M.

प्रश्न 15.
1 जनवरी 2006, रविवार को कलकत्ता (88° 30′ E / 22° 30′ N) का स्थानीय समय 10 a.m. है तो इसके प्रतिपाद स्थान का स्थानीय समय, दिन एवं तारीख क्या होगी?
[When the local time at Kolkata (88° 30′ E / 22° 30′ N) was 10 a.m. on Sunday, the 1st January, 2006 then what would be the local time, day and date at its antipode?]
उत्तर :
किसी स्थान एवं उसके प्रतिपाद स्थान के देशान्तरों में 180° का अन्तर पड़ता है। अक्षांश के अन्तर का स्थानीय समय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
कोलकाता के प्रतिपाद स्थान का देशान्तर = 180° – 88° 30′ = 91° 30′ W}
∵ 1° देशान्तर के अन्तर पर 4 मिनट समय का अन्तर पड़ता है।

∴ 180°,, ,, ,,  4 × 180 = 720 मिनट = 12 घण्टे

कोलकाता का प्रतिपाद स्थान
चूँकि कोलकाता का प्रतिपाद स्थान कोलकाता से पश्चिम में है, अत: वहाँ का स्थानीय समय कोलकाता के स्थानीय समय से कम (पीछे) होगा।
कोलकाता के प्रतिपाद स्थान का समय =10 A.M. -12 घण्टा
= (10 + 12 – 12) P.M. = 10 P.M. रविवार, 31 दिसम्बर, 2005

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प्रश्न 16.
जब इलाहाबाद (82 \(\frac{1}{2}\)° E) में शाम के 4 बजे हों तो जम्पू (75° E) तथा डिब्रूगढ़ (95° E) का स्थानीय समय ज्ञात कीजिए।
उत्तर :
जम्मू एवं इलाहाबाद के बीच देशान्तरों में अन्तर = 82 \(\frac{1}{2}\)° E – 75° E = 7 \(\frac{1}{2}\)° = \(\frac{15}{2}\)°

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∵ 1° देशान्तर को पार करने में 4 मिनट समय का अन्तर पड़ता है।
∴ \(\frac{15}{2}\)° देशान्तर पार करने में 4 × \(\frac{15}{2}\)° = 30 मिनट
चूँकि जम्मू इलाहाबाद से पथ्चिम में स्थित है; अत: वहाँ का समय इलाहाबाद के समय से पीछे (कम) होगा। जम्मू का समय =4 P.M. -30 मिनट = 3.30 P.M.
इसी प्रकार, इलाहाबाद एवं डिबूगढ़ के बीच देशान्तरों में अन्तर =95° E – 82 \(\frac{1}{2}\)° E = 12 \(\frac{1}{2}\) = \(\frac{25}{2}\)°
∵ 1° देशान्तर को पार करने में 4 मिनट समय का अन्तर पड़ता है।
∴ \(\frac{25}{2} देशान्तर पार करने में = [latex]\frac{425}{2}\) = 50 मिनट
चूँकि डिब्रूगढ़ इलाहाबाद से पूर्व में स्थित है, अत: वहाँ का समय इलाहाबाद के समय से अधिक होगा।
डिबूगढ़ का स्थानीय समय = 4 P.M. + 50 मिनट = 4.50 P.M.
जम्मू का स्थानीय समय = 3.30 P.M.
डिबूगढ़ का स्थानीय समय = 4.50 P.M.

प्रश्न 17.
जब कोलकाता (88° 30′ E) में 1 जनवरी 2006 रविवार को स्थानीय समयानुसार सुबह के 10 बजे हो तो इसके प्रतिपाद स्थान का समय, दिनांक एवं दिन क्या होगा?
उत्तर :
किसी स्थान एवं उसके प्रतिपाद स्थान के देशान्तरों में 180° का अन्तर होता है। अक्षांश के अन्तर का स्थानीय समय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
कोलकाता के प्रतिपाद स्थान के देशान्तर में अन्तर 180° – 88° 30′ = 91° 30′ W
∵ 1° देशान्तर को पार करने में 4 मिनट समय का अन्तर पड़ता है।
∴ 180°,, ,, 4 × 180 = 720 मिनट = 12 घण्टे

WBBSE Class 9 Geography Solutions Chapter 3 धरातल पर किसी स्थान की स्थिति का निर्धारण 9

चूँकि (चित्र के अनुसार) कोलकाता का प्रतिपाद स्थान कोलकाता से पथ्चिम में है, अत: वहाँ का स्थानीय समय कोलकाता के स्थानीय समय से कम (पीछे) होगा।
कोलकाता के प्रतिपाद स्थान का समय = 10 A.M. – 12 घण्टा
= (10 + 12 – 12) P.M. = 10 P.M. रविवार 31 दिसम्बर, 2005

प्रश्न 18.
जब चेन्नई (80° 15′ E) में सुबह के 6 बज रहे हों (6 A.M.) तो न्यूरॉर्क में पिछले दिन के शाम के 8 बजकर 13 मिनट (8.30 P.M.) का समय होगा। न्यूयॉर्क का देशान्तर ज्ञात कीजिए।
उत्तर :
चेन्नई तथा न्यूयॉर्क के स्थानीय समयों में अन्तर = 6.30 A.M. – 8.13 P.M.
= (6.30 + 12)-8.13 = 18.30-8.13 = 10 घण्टे 17 मिनट = 617 मिनट

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चूँकि न्यूयॉर्क का समय चेत्रई के समय से पीछे (कम) है, अत: वहाँ का देशान्तर चेत्रई के देशान्तर से 154° 15′ पश्चिम में होगा। न्यूयॉर्क का देशान्तर =154° 15′-80° 15′ = 74° W

प्रश्न 19.
जब किसी निश्चित स्थान पर सूर्य की कोणिक ऊँचाई सर्वाधिक (90°) हो तथा उसी समय ग्रीनविच मीन टाईम 5.40 P.M. हो तो उस निश्चित स्थान का देशान्तर ज्ञात कीजिए।
उत्तर :
जिस समय किसी स्थान पर सूर्य की कोणिक ऊँचाई सबसे अधिक (90°) होती है, उस समय वहाँ दोपहर के 12 बजे का समय होता है।
इसी समय ग्रीनविच का समय = 5.40 P.M. है।
∴ दोनों स्थानों के स्थानीय समयों में अन्तर = 5.40 P.M. -12.00 दोपहर

= 5 घण्टे 40 मिनट = 5 × 60 + 40 मिनट = 340 मिनट

दोनों स्थानों के देशान्तरों में अन्तर = 340 ÷ 4 = 85°
चूँकि निश्चित स्थान का समय ग्रीनविच के समय से पीछे है,
अत: वहाँ का देशान्तर ग्रीनविच (0° देशान्तर) से 85° पध्धिम में होगा।
निध्चित स्थान का देशान्तर = 85° W

प्रश्न 20.
ग्रीनविच में दिन के 12 बजे हैं तो कोलकाता में (जिसका देशान्तर 82 \(\frac{1}{2}\)° पूर्व है।) स्थानीय समय क्या होगा?

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ग्रीनविच का देशान्तर 0° है।
∴ ग्रीनविच और कोलकाता के देशान्तर में 88 \(\frac{1}{2}\) का अन्तर हुआ।
∵ 1° देशान्तर में 4 मिनट समय का अन्तर होता है।
∴ 88 \(\frac{1}{2}\)° देशान्तर में 88 \(\frac{1}{2}\)° × 4 = 354 मिनट समय का अन्तर होगा।
∵ कोलकाता ग्रीनविच से पूर्व में है अत: यहाँ समय अधिक (+) होगा।
∴ 12 बजे दिन (ग्रीनविच का समय) + 5 घण्टा 54 मिनट = 5 बजकर 54 मिनट शाम (P.M.)
यही कोलकाता का स्थानीय समय हुआ।

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प्रश्न 21.
दोपहर में ग्रीनविच से भेजा गया एक सिग्नल किसी स्थान पर 4.32 P.M. (ग्रीनविच समय) पर प्राप्त किया गया। यदि सिग्नल उस जगह पर पहुँचने में 2 मिनट का समय लेता है तो उस समय का देशान्तर क्या होगा?
उत्तर :
ग्रीनविच में दोपहर है और उस निर्दिष्ट स्थान में समय 4.32 P.M. हो, अर्थात् वह निर्दिष्ट स्थान के स्थानीय समय में अन्तर = 4.32-2 मिनट = 4.30 मिनट = 270 मिनट
चूँकि 4 मिनट का अंतर होता है 1° देशान्तर में
इसलिए 270 मिनट का अन्तर होगा = \(\frac{270}{4}\) = 67° 30′
अत: उस समय का देशान्तर होगा 67° 30′ E

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