Detailed explanations in West Bengal Board Class 6 History Book Solutions Chapter 1 इतिहास की अवधारणा offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 6 Geography Chapter 1 Question Answer – इतिहास की अवधारणा
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
आर्यावर्त किसे कहते हैं ?
उत्तर :
आर्य उत्तर भारत में निवास करते थे। इसलिए इस प्रदेश को आर्यावर्त कहते हैं।
प्रश्न 2.
दक्षिणात्य किसे कहते हैं ?
उत्तर :
विध्याचल पर्वत के दक्षिण के भाग को दक्षिणात्य कहते हैं।
प्रश्न 3.
जिग-स-पजल क्या है?
उत्तर :
टुकड़ों को ढूंढने और जोड़ने की क्रिया को जिग-स-पजल खेल कहते हैं।
प्रश्न 4.
प्रशस्ति किसे कहा जाता था ?
उत्तर :
अनेक शासकों की वीरता का गुणगान लेख के रूप में खुदाई किया जाता था, उसे प्रशस्ति कहा जाता था।
प्रश्न 5.
भारत को उपद्वीप क्यों कहते हैं?
उत्तर :
भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है। पथिम में अरब सागर, दक्षिण में हिन्द महासागर एवं दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ होने के कारण भारत को उपद्वीप कहा जाता है।
प्रश्न 6.
ताप्र युग किसे कहा जाता था?
उत्तर :
जब मनुष्य केवल ताँबा का प्रयोग करता था तो उस युग को ताम्र युग कहा जाता था।
प्रश्न 7.
युग शब्द का प्रयोग कब किया जाता है?
उत्तर :
युग शब्द का प्रयोग हजारों सालों को समझाने के लिए किया जाता था।
प्रश्न 8.
कुषाण सप्राटों में सबसे महान सम्राट कौन था ?
उत्तर :
कुषाण सम्राटों में सबसे महान सम्राट कनिष्क था।
प्रश्न 9.
हर्षचरित के रचयिता कौन हैं?
उत्तर :
हर्षचरित के रचयिता वाणभट्ट हैं।
प्रश्न 10.
भारत के उत्तर में कौन-सा पहाड़ स्थित है ?
उत्तर :
भारत के उत्तर में हिमालय स्थित है।
प्रश्न 11.
प्राचीन भारत के इतिहास के कौन-कौन से उपादान हैं?
उत्तर :
प्राचीन भारत के इतिहास के मुख्य दो उपादान है :
(i) साहित्यिक एवं (ii) पुरातात्विक।
प्रश्न 12.
लिपि किसे कहते हैं ?
उत्तर :
पत्थर के पटल, ताम या काँसा पर अंकित प्राचीन विषय को लिपि कहते हैं।
प्रश्न 13.
शक-कुषाणों के इतिहास के बारे में जानकारी किससे मिलती है?
उत्तर :
शक – कुषाणों के इतिहास के बारे में जानकारी मुद्राओं से मिलती है।
प्रश्न 14.
पत्थर के ऊपर खुदे लेखों को क्या कहा जाता है?
उत्तर :
पत्थर के ऊपर खुदे लेखों को शिला (पत्थर) लेख कहा जाता है।
प्रश्न 15.
जैन और बौद्ध धर्म के विभित्र लेखों से हमें क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर :
जैन और बौद्ध धर्म के विभिन्न लेखों से हमें प्राचीन इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS
प्रश्न 1.
इतिहास किसे कहते हैं ?
उत्तर :
इतिहास वह सामाजिक शास्र है जो हमें भूतकाल के लोगों के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक जीवन से परिचित कराता है।
प्रश्न 2.
हमलोग इतिहास क्यों पढ़ते हैं?
उत्तर :
इतिहास पढ़ने के निम्नलिखित कारण हैं :-
- अतीत के विभिन्न विषयों को समझने के लिए।
- अतीत से शिक्षा लेकर वर्तमान को समझने के लिए।
- वर्तमान को समझते हुए भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए।
प्रश्न 3.
भौगोलिक स्थिति के अनुसार भारत को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर :
भौगोलिक स्थिति के अनुसार भारत को निम्न सात भागों में बाँटा गया है :-
- उत्तर हिमालय के पर्वतीय अंचल : उत्तर में हिमालय से संलग्न कश्मीर, कांगड़ा, सिक्किम आदि क्षेत्र आते हैं। एवरेस्ट हिमालय की सबसे ऊँची चोटी है।
- विशाल उत्तरी मैदान : गंगा, बह्मपुत्र तथा सिन्धु नदियों के द्वारा लाई गई मिट्टी से निर्मित मैदानी क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र के अन्तर्गत पंजाब, दक्षिण बिहार, दक्षिण बंगाल, असम इत्यादि आते हैं।
- मध्य भारत के पठारी क्षेत्र : इस क्षेत्र के अन्तर्गत पूर्वी राजस्थान, छोटानागपुर का पठार, बुंदेलखण्ड और मेवाड़ आते हैं।
- उत्तर-पूर्व भारत के उच्च भूमि क्षेत्र : इस क्षेत्र के अन्तर्गत मध्य प्रदेश का बाघेरा खण्ड, छत्तीसगढ़, राँची इत्यादि पूर्व भारत एवं असम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल आदि प्रदेश आते हैं।
- दक्षिण भारत के पठार : आन्थ्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल इत्यादि आते हैं।
- पश्चिम भारत का मरुस्थल : मध्य भारत के पठारी भाग के पश्चिम में स्थित राजस्थान का जैसलमेर, बीकानेर इत्यादि आते हैं।
- तटीय क्षेत्र : इस क्षेत्र के अन्तर्गत दक्षिण के पठारी भाग का पूर्व एवं पश्चिम में विस्तृत तटवर्ती क्षेत्र आते हैं।
प्रश्न 4.
भारत के इतिहास पर विन्ध्य पर्वत का प्रभाव लिखिए ।
उत्तर :
विन्ध्य पर्वत भारत को उत्तराखण्ड और दक्षिणखण्ड नामक दो भागों में विभाजित करता है। विन्ध्य पर्वत के कारण ये दोनों भाग एक-दूसरे से हमेशा अलग रहे जिसके परिणामस्वरूप उत्तर में आर्य संस्कृति एवं दक्षिण में द्रविड़ संस्कृति का विकास हुआ।
प्रश्न 5.
भारत के इतिहास पर हिमालय का क्या प्रभाव पड़ा? लिखिए :-
उत्तर :
भारत के इतिहास पर हिमालय का निम्नलिखित प्रभाव पड़ा :-
- हिमालय अपनी उच्च श्रृंखला के कारण उत्तर की ओर से होनेवाले आक्रमणों को रोककर भारत की रक्षा करता है।
- हिमालय पर्वत साइबेरिया की ओर से आने वाली ठंडी हवाओं को रोककर भारत की जलवायु को गर्म रखता है।
- यह समुद्रों से उठने वाली मानसूनी हवाओं को रोकता है जिसे भारत में काफीमात्रा में वर्षा होती है।
- हिमालय से अनेक नदियाँ निकलती हैं जो भारत-भूमि को उपजाऊ बनाती हैं।
प्रश्न 6.
भारत को उपमहाद्वीप क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
भारत की भौगोलिक परिस्थितियाँ विभिन्न प्रकार की हैं। इसके उत्तर में हिमालय पर्वतमाला, उत्तर-पश्विम में हिन्दुकुश पर्वतमाला, उत्तर-पूर्व में अराकान पर्वतमाला, दक्षिण में हिन्द महासागहर एवं पश्विम में अरब सागर स्थित है। भारत में अनेक जातियाँ तथा उपजातियाँ निवास करती हैं। यहाँ पर विभिन्न धर्मों एव जाति के लोग निवास करते हैं। भारत का भौगोलिक परिवेश भारत को विश्च के अन्य भू-भागों से अलग करता है। भारत भौगोलिक दृष्टि से एक उपमहाद्वीप के समान है, इसलिए इसे उपमहाद्वीप कहा जाता है।
प्रश्न 7.
ऐतिहासिक स्रोत से आप क्या समझते हैं? भारतीय इतिहास के प्रधान स्रोत क्या क्या हैं?
उत्तर :
इतिहास के स्रोत से तात्पर्य प्राचीनकाल के नगरों, मूर्तियों, स्तूपों, खण्डहरों, प्राचीन लिपि, मुद्रा प्रशस्ति पत्र के अवशेषों से है जिनकी सहायता से इतिहासकार भारत के राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक जीवन का क्रमबद्ध इतिहास प्रस्तुत कर सके हैं।
प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी के लिए मुख्यतः तीन स्रोत हैं : –
- भारतीय साहित्य
- विदेशी यात्रियों का विवरण तथा
- पुरातात्विक अवशेष।
प्रश्न 8.
आर्यावर्त और दक्षिणात्य से तुम क्या समझते हो?
उत्तर :
भारतवर्ष के उत्तर और दक्षिण भाग को विध्याचल पर्वत ने बाँटा है। साधारणतः आर्य उत्तर भाग में निवास करते थे। इसलिए इस क्षेत्र को आर्यावर्त कहा जाता था।
विंध्याचल पर्वत के दक्षिण की ओर आर्यो का विशेष कोई प्रभाव नहीं था। इसी दक्षिण भाग को दक्षिणात्य कहा जाता था। विंध्याचल षर्वत से लेकर कन्या कुमारी तक इसका क्षेत्र था। द्रविड़ जातियों का निवास दक्षिणात्य में था।
प्रश्न 9.
प्राचीन भारत के इतिहास के उपादानों के विषय में क्या जानते हो ?
उत्तर :
प्राचीन भारत के इतिहास के मुख्य दो उपादान हैं :- (i) साहित्यिक एवं (ii) पुरातात्विक
साहित्यिक उपादन : साहित्यिक उपादान को दो भागों में बाँटा गया है :- पहला देशीय साहित्य तथा दूसरा विदेशी साहित्य। देशीय साहित्य के अन्तर्गत वैदिक साहित्य, पुराण, महाकाव्य, स्मृतिशास्त्र एवं राजाओं के विवरण, जीवन चरित्र इत्यादि हैं। विदेशी साहित्य के अन्तर्गत ग्रीक, रोमन, चीनी, तिब्बतीय एवं अरबी विदेशी लेखकों एवं पर्यटकों के विवरण से प्राप्त साहित्य हैं।
पुरातात्विक उपादान : पुरातात्विक उपादान को चार भागों में बाँटा गया है :-
- लिपि
- मुद्रा
- स्थापत्य
- सभ्यता के ध्वंसावशेष।
प्रश्न 10.
इतिहास के पुरातात्विक उपादानों का संक्षिप्त विवरण दो।
उत्तर :
- लिपि : पत्थर के पटल, ताम्र या काँसा पर अंकित प्राचीन विषय को लिपि कहते हैं। भारत के महत्त्वपूर्ण लिपि स्कंदगुप्त की गाँव लिपि, कलिंग राज एवं बेल की हाथी गुफा लिपि इत्यादि।
- मुद्रा : प्राचीन काल में विभिन्न राजाओं के काल में धातु निर्मित मुद्रा का प्रचलन किया गया था। जैसे- वैदिक युग के निष्क, पाल युग के नारायणी इत्यादि।
- स्थापत्य : घर-द्वार, प्रासाद, मन्दिर, विहार स्मृति, स्तंभ इत्यादि स्थापत्य ही मूल्यवान पुरातांत्विक उपादान हैं।
- सभ्यता के ध्वंसावशेष : भारत के विभिन्न स्थानों पर मिट्टी की खुदाई से विभिन्न प्राचीन सभ्यता के ध्वंसावशेष पाये गाये हैं जैसै :- चन्द्रकेतु गढ़, तक्षशिला इत्यादि।
प्रश्न 11.
भारत के ऊपर हिमालय के पड़ने वाले प्रभावों का वर्णन करो।
उत्तर :
भारत के ऊपर हिमालय का व्यापक प्रभाव पड़ा है। अत: भारत को हिमालय का वरदान कहा जाता है। हिमालय का प्रभाव निम्नलिखित है :-
- सुरक्षाकर्ता के रूप में : हिमालय भारत की उत्तरी सीमा पर खड़ा होकर प्राचीन काल से ही बाहरी आक्रमणकारियों से भारत को सुरक्षा प्रदान करता है।
- सभ्यता का विकास : हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियों के किनारे ही बहुत से ऐतिहासिक, जनपद, व्यापारिक केन्द्र और तीर्थ स्थलों का विकास हुआ है।
- जलवायु नियंत्रण : हिमालय साइबेरिया क्षेत्र से आने वाली शीतल हवाओं को रोककर भारत को बर्फीला प्रदेश होने बचाता है। दूसरी तरफ दक्षिणी-पक्विमी मौसमी जलवायु को रोककर हिमालय भारत में वर्षा करवाने में भी सहायक है।
- आर्थिक समृद्धि : हिमालय के वन-जंगल, खनिज संपदा, पर्यटन केंद्र स्थल भारत की अर्थव्यवस्था को समृद्ध करता है।
प्रश्न 12.
आर्य कौन थे ?
उत्तर :
आर्य, हिन्दू जाति में उत्तम वर्ग के लोग थे जो लम्बे, गोरे, लम्बी नाक और बड़े सिर वाले होते थे तथा उत्तर भारत की भाषाएँ बोलते थे। वे बड़े वीर, साहसी और युद्ध प्रिय होते थें।
प्रश्न 13.
द्रविड़ कौन थे ?
उत्तर :
द्रविड़ वर्ग के लोग मझले कद, लम्बे सिर और चौड़ी नाक वाले होते थे। आर्यो से पराजित होने के बाद द्रविड़ों ने दक्षिणी भारत में एक विशिष्ट सभ्यता का विकास किया। द्रविड़ तमिलनाडु, केरल, आंध प्रदेश तथा कर्नाटक में निवास करते थे।
प्रश्न 14.
मुद्रा का क्या महत्व है?
उत्तर :
मुद्रा से प्राचीन भारत की राजनीतिक एवं आर्थिक घटनाओं का विवरण मिलता है। भारत के प्राचीनतम मुद्रा छठी शताब्दी ईसा पूर्व के हैं। उत्खनन के समय यूनानियों, शकों, कुषाणों एवं गुप्तकाल की पर्याप्त मुद्राएँ प्राप्त हुई हैं। मुद्राओं से शासकों के वंश का परिचय तथा उनके समय की धार्मिक एवं आर्थिक स्थिति का पता चलता है।
प्रश्न 15.
धरती के ऊपर का इतिहास एवं धरती के नीचे का इतिहास से क्या समझते हैं ?
उत्तर :
धरती के ऊपर के इतिहास से तात्पर्य बहुत ही प्राचीन साहित्य, स्थापत्य एवं विभिन्न ध्वंसावशेष आदि से है तथा मिट्टी के नीचे दबे पुरातात्विक अवशेषों से प्राप्त जानकारी को धरती के नीचे का इतिहास कहते हैं।
प्रश्न 16.
भारत की भौगोलिक विभिन्नता एवं मौलिक एकता कैसी है? बताओ।
उत्तर :
भारत एक विशाल देश है। इसकी भू-प्रकृति, जलवायु, वनस्पति तथा खनिज पदार्थों में तो विभिन्नता है ही, साथ ही सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक आदि विभिन्नता भी यहाँ पर दिखाई देती है, किन्तु यहाँ सभी प्रकार की विषमता होते हुए भी एक मौलिक एकता है।
प्रश्न 17.
प्राचीनकाल में नदी केन्द्रित सभ्यता के विकास के क्या कारण थे ?
उत्तर :
प्राचीनकाल में नदी केन्द्रित सभ्यता के विकास के निम्नलिखित कारण थे :-
- आवास की सुविधा : नदी के किनारे आवास के आदर्श परिवेश तथा नदी के किनारे की जमीन समतल होने के कारण आवास बनाने की सुविधा थी। इसलिए नदी के किनारे सभ्यता का विकास हुआ।
- यातायात की सुविधा : नदी मार्ग से नौका द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर यातायात किया जाता था।
- पीने के लिए पानी की सुविधा : मानव को नदी किनारे विकसित होने में पीने के लिए पानी की सुविधा ने सहायता प्रदान की।
- जीवन-यापन की सुविधा :- पशुपालन, कृषि कार्य एवं व्यापार-वाणिज्य की सुविधा के कारण भी नदी किनारे सभ्यता का विकास हुआ।
प्रश्न 18.
प्राचीन और ऐतिहासिक वस्तु से क्या समझते हो?
उत्तर :
खोजकर पाए हुए वस्तुओं को प्राचीन अथवा ऐतिहासिक वस्तु कहा जाता है। बीते हुए दिनों की इन सब वस्तुओं से बहुत कुछ जानकारी प्राप्त होती है। लेकिन उनमें से प्राय: अंदाज पर निर्भर है, क्योंकिवितत दिनों को हमलोग देखे नहीं हैं। लेकिन बीते दिनों की लिखावट को पढ़ने पर सुविधा होती है। लेकिन वह सब लिखावट पढ़ी नहीं जा सकती है। उस समय की लिखावट भी पूरी तरह मिल नहीं पाती है। उन सब दिनों की बातों को जानने के लिए मिट्टी को खोदकर प्राप्त वस्तु ही काम में आती है। इस तरह घटना के ऊपर और नीचे इतिहास के विभिन्न उपादान बिखरे हुए हैं। पुरातत्व और इतिहासकार वही टुकड़े-टुकड़े उपादानों को ढूँढकर उसे जोड़ देते हैं – इससे ही बीते दिनों की बातों की जानकारी प्राप्त होती है।
प्रश्न 19.
प्राक्क ऐतिहासिक युग किसे कहते हैं ?
उत्तर :
इतिहास कितने पुराने दिनों की बात है, मनुष्य इसे लिख नहीं पाते थे। उस समय की बातों को अनुमान कर लेना पड़ता है। इस समय को प्राक्क ऐतिहासिक युग कहते हैं। प्राक्क का तात्पर्य है पहले का।
प्रश्न 20.
प्राक्क-ऐतिहासिक युग किसे कहा जाता है ?
उत्तर :
पुराने (बीते) समय का लिखावट को पढ़ा नहीं जा सकता है। उसी पुराने समय को प्राय-ऐतिहासिक युग कहा जाता है।
प्रश्न 21.
ऐतिहासिक युग किसे कहा जाता है ?
उत्तर :
जिस समय की लिखावट पढ़ी जाय उस युग को ऐतिहासिक युग कहा जाता है।
प्रश्न 22.
आद्य इतिहास का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :
आद्य युग में लिपि का आविष्कार तो हुआ था किन्तु वर्तमान समय में भी उस लिपि को पढ़ा नहीं जा सकता है। उस युग के इतिहास को आद्य इतिहास कहा गया है । उस युग का विस्तार ताम्म युग से लेकर लौह युग की सूचना काल तक माना जाता है।
प्रश्न 23.
जादू घर से क्या समझते हो?
उत्तर :
कोलकाता में स्थित इंडियन म्यूजियम जो दूसरे शब्दों में जादू घर के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी में जादू घर को (Museum) (संग्रहालय) कहा जाता है। जादू घर में धरती के नीचे से पाए गए पुराने दिनों की विभिन्न प्राचीन वस्तुओं को रखा जाता है। इसमें धरती के ऊपर पाए जाने वाली विभिन्न वस्तुएँ भी रखी जाती है। इसमें लुप्त होती हुई जन्तुओं की हड्डी, राजा-रानियों की पोशाक, अस्त्र-शस्त्र, विभिन्न प्रकार की मूर्ति, चित्र, पुस्तक आदि चीजे रखी जाती हैं।
प्रश्न 24.
नदी मातृक सभ्यता से तुम क्या समझते हो ?
उत्तर :
बहुत पहले से ही मनुष्य नदी के किनारे रहना शुरू किया था। नदी द्वारा ही उनके रोजमर्रा का अधिकांश कार्य चलता था। अधिकांश सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे ही हुआ है । उन सभी सभ्यताओं के लिए नदी माता के समान थी। इसलिए नदी को मातृक सभ्यता कहा जाता है। मातृक का मतलब माता के समान है। वहाँ के लोगों के कार्यों में नदी का महत्व सबसे ज्यादा था।
प्रश्न 25.
प्राचीन भारत का इतिहास लिखने में सिक्कों एवं अभिलेखों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
अभिलेख : प्राचीन इतिहास के सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं विश्वसनीय स्रोत अभिलेख है। ये अभिलेख मुहरों, पत्थरों, मन्दिरों की दीवारों, तामपत्र इत्यादि पर लिखे गये हैं। अनेक अभिलेखों में लिखी गयी तिथियों के आधार पर इनकी प्रमाणिकता मिलती हैं। भारत के प्राचीनतम अभिलेख हड़प्पा सभ्यता के पाये गये हैं। ये मुहरों पर अंकित किये हुए हैं। भारतीय अभिलेखों में अशोक तथा समुद्रगुप्त काल के अभिलेख अत्यन्त ही ख्याति प्राप्त हैं। अशोक के कुल अभिलेखों की संख्या चौदह हैं।
ये अभिलेख अशोक की महानता एवं तात्कालिक धार्मिक व्यवस्था से हमें परिचित कराते हैं। ऐतिहासिक काल के अभिलेखों में कनिष्क, समुद्र गुप्त, हर्षवर्धन बंगाल के पालशास, चोल एवं चालुक्य आदि के अभिलेख महत्वपूर्ण है। अभिलेखों के माध्यम से राजनितिक घटनाओं के अतिरिक्त प्रशासनिक व्यवस्था, भूमि व्यवस्था, धार्मिक, आर्थिक एवं सामाजिक जीवन का परिचय भी प्राप्त होता है।
सिक्के : सिक्कों से भी प्राचीन भारत की राजनीतिक एवं आर्थिक घटनाओं का विवरण मिलता है। भारत के प्राचीनतम सिक्के छठीं शताब्दी ईसा पूर्व के हैं। उत्तनन के समय यूनानियों, शकों, कुषाणों एवं गुप्त काल के पर्याप्त सिक्के प्राप्त हुए हैं। सिक्कों से शासकों के वंश का परिचय तथा उनके समय की धार्मिक एवं आर्थिक स्थिति का पता चलता है। सिक्कों से तात्कालिक वेश-भूष का भी परिचय मिलता है। कुजुल कदफिश द्वितीय के सिक्के उसे ‘शैव’ सिद्ध करते हैं। समुद्रगुप्त के सिक्कों से ज्ञात होता हैं कि वह वीणावादक था। सिक्कों से साम्राज्य की सीमा निर्धारित करने में भी सहायता मिलती हैं। सिक्कों पर अंकित देवी-देवताओं की आकृति से राजाओं की धार्मिक भावनाओं का भी पता चलता है।
प्रश्न 26.
प्राचीन भारत के इतिहास के ग्रोत के रूप में दो साहित्यिक स्रोतों के बारे में लिखिए।
उत्तर :
धार्मिक साहित्य : धर्मग्रंथों में चारों वेद ॠु्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अर्थववेद एवं महाकाव्यों में रामायण तथा महाभारत भारतीय इतिहास के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करने में मुख्य भूमिका का निर्वाह करते हैं। रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि तथा महाभारत की रचना वेदव्यास ने की थी। जिनसे तत्कालीन सामाजिक, धार्मिक तथा राजनीतिक जीवन का ज्ञान प्राप्त होता है।
ऐतिहासिक साहित्य : प्राचीन भारतीय इतिहास का ज्ञान हमें ऐतिहासिक साहित्यों के द्वारा भी प्राप्त होता है। बारहवीं शताब्दी में कल्हण की राजतरंगिणी से कश्मीरी इतिहास का परिचय मिलता है। कौटिल्य का अर्थशास्त्र और मेगास्थनीज की ‘इण्डिका’ से मौर्यकालीन व्यवस्था पर प्रकाश डालते हैं। धर्मसूत्र और धर्मशास्त्र विधि व्यवस्था की स्मृति ग्रंथों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। कालिदास तथा बाणभट्ट की ऐतिहासिक सामग्रियों और संगम साहित्य से दक्षिण, भारत की संस्कृति की जानकारी प्राप्त होती है। अन्य स्रोतों में पाणिनी की अध्धध्यायी, पतंजलि का महाभाष्य, दाण्डिन का दशकुमार चरित आदि साहित्यिक महाकाव्य भारतीय इतिहास के परिचय में सहायक सिद्ध होते हैं।
प्रश्न 27.
भूगोल के अनुसार प्राचीन भारत के विभिन्न क्षेत्रों का नामकरण करो –
उत्तर :
- पर्वत श्रेणी :- भारत के पर्वतीय क्षेत्रों को पर्वत श्रेणी कहा जाता था।
- दक्षिणापथ :- दक्षिण भारत के इलाका को दक्षिणापथ कहा जाता था।
- प्राच्य :- पूर्वी भारत के इलाका को ‘प्राच्य’ कहते थे।
- मध्य क्षेत्र :- यह भाग यमुना नदी से लेकर ब्रह्मपुत्र नदी तक के फैले मैदानी भाग थे।
प्रश्न 28.
भारत के विभित्र नाम एवं उसके नामकरण के कारणों को स्पष्ट करो :-
उत्तर :
भारत के विभिन्न नाम हैं –
‘इंडिया’ इस नाम की उत्पत्ति ‘इंदस’ शब्द से हुई है। रोम एवं ग्रीस के व्यापारी हिन्दुस्तान में बसे ‘हिन्दू’ शब्द का उच्चारण ‘इंदस’ किया करते थे। इसी इंदस शब्द का समय परिवर्तन के साथ इंडिया के रूप में रूपान्तरण हुआ।
हिन्दुस्तान :- व्यापार के उद्देश्य से प्राचीनकाल में फारसी व्यापारी हमारे यहाँ आया करते थे। यहाँ आकर उन लोगों ने इस देश को ‘अल-हिन्द’ पुकारा। इसी ‘अल-हिन्द’ शब्द से हिन्दू एवं हिन्दुस्तान का उद्भव माना जाता है।
आर्यावर्त : प्राचीन काल में आर्यों का यह निवास स्थल हुआ करता था। आर्यों के निवास के कारण ही इसका नाम आर्यावर्त पड़ा।
प्रश्न 29.
चन्द्रवर्ष एवं सौर वर्ष की रीति के विषय में क्या जानते हो ? स्पष्ट करो।
उत्तर :
चंद्रवर्ष रीति :- सुमेर के निवासियों के द्वारा आरंभ की गई यह रीति है। जब चन्द्रमा के पृथ्वी के चारों ओर परावर्तन के आधार पर वर्ष की गणना होती है तो यह रीति “चन्द्रवर्ष” कहलाती है। “इस्लामी हिजरी” चन्द्रवर्ष पर निर्भर करता है।
सौर-वर्षरीति :- यह रीति सर्वप्रथम मिस्न के निवासियों के द्वारा प्रारंभ की गई थी। जब सूर्य के पृथ्वी के चारों ओर परावर्तन के आधार पर वर्ष की गणना होती है तो यह रीति सौर-वर्ष कहलाती है। ईस्वी एवं बंगाब्द सौर-वर्ष पर निर्भर करता है।
प्रश्न 30.
साहित्यिक और पुरातात्विक उपादानों के विषय में क्या जानते हो?
उत्तर :
साहित्यिक उपादन :- प्राचीन काल में विभिन्न ग्रंथों में लिखित कहानियाँ ही साहित्यिक उपादन है। इन उपादानों में देशी एवं विदेशी दोनों प्रकार के साहित्य सम्मिलित हैं।
जैसे :- पुराण, महाकाव्य, स्मृतिशास्त्र, विदेशी लेखकों और पर्यटकों से प्राप्त साहित्य आदि।
पुरातात्विक उपादान :- प्राचीन काल के लिपि, मुद्रा या अन्य सोतों से प्राप्त उपादन ही पुरातात्विक उपादान हैं। जैसे :- पत्थर के पटल प्राचीन मंदिर, स्तूप, स्मृति स्तंभ, (तदाशिल) ध्वंशसावशेष आदि।
प्रश्न 31.
लिपि का क्या महत्व है?
उत्तर :
लिपि के महत्व कुछ इस प्रकार हैं –
लिपि के द्वारा प्राचीन काल के राजाओं के नाम, उनके राज्य की सीमा, उनका वंश परिचय, उनके शासनकाल की विभिन्न घटनाएँ आदि की जानकारी मिलती है।
लिपि के माध्यम से प्राचीन काल की कृषि कला एवं व्यापार-वाणिज्य जैसे अर्थनीति की जानकारी मिलती है।
लिपि की सहायता से प्राचीन काल के राजाओं के धार्मिक विश्चास, उनके फून्य देवी-देवता उनके धार्मिक विश्वास की जानकारी आदि भी मिलती है। जैसे – अशोक की लिपि से पता चलता है कि सम्राट अशोक बौद्ध धर्म के अनुयायी थे।
लिपि की सहायता से हमें विभिन्न काल में प्रचलित विभिन्न भाषाओं की जानकारी मिलती है।
प्रश्न 32.
वस्तुगत उपादान एवं लिखित उपादान से क्या समझते हो?
उत्तर :
वस्तुगत उपादान :- प्राचीनकाल के हथियार, यंत्र, अलंकार, कंकाल, चित्रकला, स्थापत्य, समाधि, मुद्रा इत्यादि से प्राप्त जानकारी वस्तुगत उपादान कहलाते हैं।
लिखित उपादान :- वस्तुगत उपादान के अलावा भी अन्य प्रकार के उपादान भी होते हैं इन्हें लिखित उपादान कहते हैं। ये वस्तुत: लिखित जानकारी होते हैं जिसकी सहातयता से हमें प्राचीनकाल की जानकारी मिलती है। जैसे :- पत्थर या ताम्र पर लिखित राजाओं के सरकारी निर्देश आदि।
यह भी करो :-
इस कैलेण्डर को अच्छी प्रकार देखो और बताओ कि यह किसबंगाब्द किस शकाब्द एवं किस ईसा का कलैलेण्डर है।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर (Multiple Choice Question & Answer) : (1 Mark)
प्रश्न 1.
उत्तर भारत में आर्यों की बस्ती को कहा गया है –
(क) हिमवर्त
(ख) आर्यावर्त
(ग) हिमालय
(घ) दक्षिणात्य
उत्तर :
(ख) आर्यावर्त।
प्रश्न 2.
वृहत्तम भारत से तात्पर्य एशिया के किस हिस्से से समझा जाता है?
(क) उत्तर – पूर्व
(ख) उत्तर – पथ्चिम
(ग) दक्षिण – पूर्व
(घ) पूरब – पश्चिम
उत्तर :
(ग) दक्षिण-पूर्व
प्रश्न 3.
दक्षिण भारत की गंगा किस नदी को कहा गया है ?
(क) सिंधु नदी
(ख) यमुना नदी
(ग) गोदावरी नदी
(घ) कावेरी नदी
उत्तर :
(ग) गोदावरी नदी।
प्रश्न 4.
दस वर्ष को एक साथ समझने के लिए किस शब्द का व्यवहार किया जाता है?
(क) दशक
(ख) एकक
(ग) शतक
(घ) दशाब्द
उत्तर :
(क) दशक
प्रश्न 5.
भारत को उत्तर एवं दक्षिण भाग में कौन पर्वत विभक्त करता है ?
(क) हिमालय
(ख) विन्ध्याचल
(ग) अरावली
(घ) नीलगिरि
उत्तर :
(ख) विन्ध्याचल।
प्रश्न 6.
पाल राजाओं की मुद्रा का क्या नाम है?
(क) निष्क
(ख) कैश
(ग) नारायणी
(घ) इसमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ग) नारायणी।
प्रश्न 7.
किस देश को नील नदी का वरदान कहा गया है?
(क) मिस्र
(ख) सुमेर
(ग) ग्रीस
(घ) चीन।
उत्तर :
(क) मिस्र।
प्रश्न 8.
इलाहाबाद प्रशस्ति में किस राजा की कृतियों का वर्णन है?
(क) कनिष्क
(ख) समुद्रगुप्त
(ग) हर्षवर्धन
(घ) चन्द्रगुप्त मौर्य
उत्तर :
(ख) समुद्रगुप्त ।
प्रश्न 9.
दक्षिण अंचल की भाषा को कौन-सी भाषा कहते हैं ?
(क) पालि भाषा
(ख) तमिल भाषा
(ग) आर्य भाषा
(घ) द्रविड़ भाषा
उत्तर :
(घ) द्रविड़ भाषा।
प्रश्न 10.
पंचवेद किसको कहा गया है ?
(क) रामायण
(ख) महाभारत
(ग) पुराण
(घ) उपनिषद्
उत्तर :
(ग) पुराण।
प्रश्न 11.
1900 ई० से 1999 ई० को कौन सा सदी कहा गया है?
(क) सत्तरहवीं
(ख) अठारहवीं
(ग) उन्नीसवीं
(घ) बीसवीं
उत्तर :
(घ) बीसवीं
प्रश्न 12.
319-320 ई० के समय किस संवत् की शुरुआत होती है?
(क) हर्ष संवत्
(ख) गुप्त संवत्
(ग) गुप्त संवत्
(घ) शक् संवत्।
उत्तर :
(ख) गुप्त संवत।
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (Fill in the blanks) : (1 Mark)
(क) ‘गोदावरी’ नदी को दक्षिण भारत की _________ कहते हैं।
उत्तर : गंगा
(ख) ‘नारायणी’ _________ राजाओं की मुद्रा का नाम था
उत्तर : पाल
(ग) पुराण को _________ भी कहा गया है।
उत्तर : पंचवेद।
(घ) उन्नीसवीं सदी का समय _________ से _________ तक माना गया है।
उत्तर : 1800 से 1899 ई०।
(ङ) ‘कैशु’ _________ राजाओं की मुद्रा का नाम था।
उत्तर : चोल।
(च) विंध्याचल भारत को _________ दो भागों में बाँटती है।
उत्तर : उत्तर एवं दक्षिण।
(छ) आर्यों की बस्ती को _________ कहते हैं।
उत्तर : आर्यावर्त।
(ज) हर्षचरित के लेखक _________ हैं।
उत्तर : वाणभट्ट।
(झ) अर्थशास्त्र के रचनाकार का नाम _________ है।
उत्तर : कौटिल्य।
(अ) _________ कल्हण की एक रचना है।
उत्तर : राजतरंगिणी।
सही मिलान करो Match the following : (1 Mark)
प्रश्न 1.
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) हिमालय से निकलने वाली पवित्र नदी | a) गोदावरी |
ii) हिमालय की सबसे ऊँची चोटी | b) विन्ध्य पर्वत |
iii) दक्षिण भारत की गंगा | c) उत्तर भारत |
iv) भारत के दो भागों में बांटने वाला पर्वत | d) दक्षिण भारत |
v) दक्षिणात्य | e) एवरेस्ट। |
vi) आर्यावर्त | f) गंगा |
उत्तर :
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) हिमालय से निकलने वाली पवित्र नदी | f) गंगा |
ii) हिमालय की सबसे ऊँची चोटी | e) एवरेस्ट। |
iii) दक्षिण भारत की गंगा | a) गोदावरी |
iv) भारत के दो भागों में बांटने वाला पर्वत | b) विन्ध्य पर्वत |
v) दक्षिणात्य | d) दक्षिण भारत |
vi) आर्यावर्त | c) उत्तर भारत |
प्रश्न 2.
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) बुद्ध चरित्र | a) अश्वघोष |
ii) राम चरित | b) वाणभट्ट |
iii) रामचरितमानस | c) संध्याकार नन्दी |
iv) हर्ष चरित | d) तुलसी दास |
उत्तर :
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) बुद्ध चरित्र | a) अश्वघोष |
ii) राम चरित | c) संध्याकार नन्दी |
iii) रामचरितमानस | d) तुलसी दास |
iv) हर्ष चरित | b) वाणभट्ट |
प्रश्न 3.
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) शकाब्द | a) 606 ई० |
ii) गुप्ताब्द | b) ई० पूर्व 58 |
iii) हर्षाब्द | c) 319 ई० |
iv) विक्रमाब्द | d) 78 ई० |
उत्तर :
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) शकाब्द | d) 78 ई० |
ii) गुप्ताब्द | c) 319 ई० |
iii) हर्षाब्द | a) 606 ई० |
iv) विक्रमाब्द | b) ई० पूर्व 58 |
प्रश्न 4.
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) दक्षिण भारत की गंगा | a) दशक |
ii) एक साथ दस वर्ष | b) गोदावरी |
iii) दक्षिण भारत की अंचल-भाषा | c) पुराण |
iv) पंचवेद | d) द्रविड़ |
उत्तर :
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) दक्षिण भारत की गंगा | b) गोदावरी |
ii) एक साथ दस वर्ष | a) दशक |
iii) दक्षिण भारत की अंचल-भाषा | d) द्रविड़ |
iv) पंचवेद | c) पुराण |
प्रश्न 5.
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) नील नदी की देन | a) गुप्तवंश |
ii) 319 – 320 ई० का समय | b) नारायणी |
iii) पाल राजा की मुद्रा | c) उन्नीसवीं |
iv) चोल राजा की मुद्रा | d) मिस्त |
v) 1800 ई० से 1899 ई० | e) कैशु |
उत्तर :
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) नील नदी की देन | d) मिस्त |
ii) 319 – 320 ई० का समय | a) गुप्तवंश |
iii) पाल राजा की मुद्रा | b) नारायणी |
iv) चोल राजा की मुद्रा | e) कैशु |
v) 1800 ई० से 1899 ई० | c) उन्नीसवीं |
प्रश्न 6.
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) गीत गोविन्द | a) पतंजलि |
ii) राजतरंगिणि | b) कौटिल्य |
iii) रामर्चरित मानस | c) जयदेव |
iv) अर्थशार्त | d) कल्हण |
v) हर्ष चरित | e) वाणभट्ट |
vi) महामात्य | f) तुलसीदास |
उत्तर :
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
i) गीत गोविन्द | c) जयदेव |
ii) राजतरंगिणि | d) कल्हण |
iii) रामर्चरित मानस | f) तुलसीदास |
iv) अर्थशार्त | b) कौटिल्य |
v) हर्ष चरित | e) वाणभट्ट |
vi) महामात्य | a) पतंजलि |