Detailed explanations in West Bengal Board Class 10 Life Science Book Solutions Chapter 3 आनुवांशिकता एवं सामान्य आनुवांशिक रोग offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 10 Life Science Chapter 3 Question Answer – आनुवांशिकता एवं सामान्य आनुवांशिक रोग
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
गिनीपिग के क्षेत्र में bbRR एवं bbRr दोनों जिनोटाइप के फिनोटाइप क्या समान है ?
उत्तर :
हाँ। गिनीपिग के क्षेत्र में bbRR एवं bbRr दोनों जिनोटाइप के फिनोटाइप समानहै।
प्रश्न 2.
मेंडल के द्विसंकर संकरण के प्रयोग में पाये जाने वाले फिनोटाइप अनुपात को लिखो।
उत्तर :
9: 3: 3: 1
प्रश्न 3.
बेमेल को चुनो तथा लिखो : बौनापन, घेंघा, थैलासीमिया, डायबिटीज मैलिटस।
उत्तर :
थैलासीमिया।
प्रश्न 4.
मनुष्य के पीढ़ी एकान्तरण में होने वाले एक परिवर्तन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
मनुष्य के पीढ़ी के एकान्तरण में हैपल्वॉयड (n) अवस्था शुक्राणु (नर युग्मक) एवं अण्डाणु (मादा युग्मक) के निषेचन के फलस्वरूप डिपल्वॉय अवस्था (2n) जाइगोट का निर्माण होता है।
प्रश्न 5.
थैलासीमिया रोग के लिए उत्तरदायी जीन मनुष्य का किस प्रकार का क्रोमोजोम बहन करता है ?
उत्तर :
थैलासीमिया रोग के लिए उत्तरदायी जीन मनुष्य का ऑटोसोम गुणसूत्र वहन करता है।
प्रश्न 6.
आनुवांशिकी की इकाई क्या है ?
उत्तर :
जीन (Gene)
प्रश्न 7.
आनुवांशिकता के जनक कौन कहलाते हैं ?
उत्तर :
ग्रेगर जॉन मेण्डल (Gregor John Mendel)
प्रश्न 8.
मेण्डल का प्रथम नियम क्या है ?
उत्तर :
पृथक्करण का नियम (Law of segregation)
प्रश्न 9.
जीन या DNA का पता किसने लगाया ?
उत्तर :
डॉ॰ हर गोबिन्द खुराना (Dr. Har Gobind Khurana)
प्रश्न 10.
मेण्डल का पहला प्रायोगिक पौधा क्या था ?
उत्तर :
मटर का पौधा (Pea plant)
प्रश्न 11.
उस विज्ञान का नाम बताओ जो जनक तथा माता-पिता के बीच समानता तथा असमानता के बारे में बताता है ?
उत्तर :
आनुवांशिकता (Genetics)
प्रश्न 12.
एक आनुवांशिक रोग का नाम बताओ।
उत्तर :
हिमोफिला (Haemophilla)
प्रश्न 13.
मनुष्य के शारीरिक कोशिका में क्रोमोसोम की संख्या कितनी है ?
उत्तर :
23 जोड़ी।
प्रश्न 14.
मानव शरीर की कोशिका में किस प्रकार का लिंग कोमोसोम पाया जाता है ?
उत्तर :
एलोसोम या हिटरोसोम।
प्रश्न 15.
मेण्डल के एक संकरण क्रिया में F2 पीढ़ी के जीनोटाइप का अनुपात लिखो।
उत्तर :
1 : 2 : 1
प्रश्न 16.
मेण्डल के सिद्धान्तों की पुन: खोज किस वर्ष हुआ।
उत्तर :
1900 ई० में
प्रश्न 17.
द्विसंकर अनुपात क्या है ?
उत्तर :
9 : 3 : 3 : 1
प्रश्न 18.
एक संकरण क्रिया में जीनोटाइप अनुपात क्या है ?
उत्तर :
1: 2: 1
प्रश्न 19.
मेण्डलवाद क्या है ?
उत्तर :
मेण्डल द्वारा विभिन्न प्रयोगों के आधार पर जो नियम बताए गए उन्हें मेण्डलवाद कहते हैं।
प्रश्न 20.
संकरण क्रिया से क्या समझते हो ?
उत्तर :
संकर उत्पन्न करने की क्रिया को संकरण कहते हैं।
प्रश्न 21.
Cross क्या है ?
उत्तर :
सजातीय नर तथा मादा के बीच होने वाले निषेचन को Cross कहते हैं।
प्रश्न 22.
उत्परिवर्तन क्या है ?
उत्तर :
जीन की रचना में अचानक हुए परिवर्तन को उत्परिर्वतन कहते हैं।
प्रश्न 23.
वंशागति क्या है ?
उत्तर :
आनुवांशिक लक्षणों के माता-पिता से सन्तानों में जाने की क्रिया को वंशागति कहते हैं।
प्रश्न 24.
एलील क्या है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
समजात क्रोमोसोम्स पर स्थित एक लक्षण के विरोधाभासी कारकों (Factors) को एलील (Allele) कहते हैं।
उदाहरण – T तथा t
प्रश्न 25.
जीन पूल क्या है ?
उत्तर :
किसी जीव विशेष में उपस्थित सम्पूर्ण जीन समूह को जीन पूल कहते हैं।
प्रश्न 26.
मेण्डल का प्रथम नियम क्या है ?
उत्तर :
मेण्डल का प्रथम नियम वियोजन का सिद्धान्त (Law of Segregation) है।
प्रश्न 27.
जीनोटाइप किसे कहते हैं ?
उत्तर :
जीन सम्बन्धी लक्षणों को जीनोटाइप कहते हैं।
प्रश्न 28.
अनुवांशिकता में 3 : 1 अनुपात क्या है ?
उत्तर :
यह एक संकर संकरण क्रिया की दूसरी पीढ़ी का फीनोटाइपिक अनुपात है।
प्रश्न 29.
भेट्डल का द्वितीय नियम क्या है ?
उत्तर :
मेण्डल का द्वितीय नियम स्वतंत्र अपव्युहन का सिद्धान्त (Law of independent assortment) है।
प्रश्न 30.
किस प्रकार के प्रजनन में संतान में नये लक्षण दिखाई पड़ने की सम्भावना रहती है ?
उत्तर :
लैंगिक प्रजनन की क्रिया में।
प्रश्न 31.
फीनोटाइप क्या है ?
उत्तर :
किसी सजीव के दिखाई पड़ने वाले गुण को फीनोटाइप कहते हैं।
प्रश्न 32.
मनुष्य के शरीर की कोशिकाओं में किस प्रकार के क्रोमोसोम पाये जाते हैं ?
उत्तर :
पुरुष में x y तथा स्री में x x क्रोमोसोम।
प्रश्न 33.
Gene का आविष्कार कौन किया ?
उत्तर :
डा० हरबिन्द खुराना ने जीन का आविष्कार किया।
प्रश्न 34.
44 A+XY मनुष्य में किसका लिंग निर्धारण करता है ?
उत्तर :
44 A + X Y मनुष्य में नर (पुरुष या लड़का) का लिंग निर्धारण करता है।
प्रश्न 35.
मेण्डल के द्विसंकर-संकरण में F2 पीढ़ी में उत्पन्न संतान एक जैसी (Selfed) हो, तो F2 पीढ़ी में कितने फिनोटाइप उत्पन्न होंगे ?
उत्तर :
F2 पीढ़ी में चार फिनोटाइप (दृष्ट रूप) उत्पन्न होंगे।
प्रश्न 36.
44 A+X Y : हेटरोगैमेटिक पुरुष (नर) :: 44 A+X X :
उत्तर :
44 A+X Y : हेटरोगैमेटिक पुरुष (नर) :: 44 A+X X : होमोगैमेटिक स्री (मादा)।
प्रश्न 37.
किसी जोड़े ने लगातार चार लड़कियों को जन्म दिया। इससे आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं ?
उत्तर :
इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि पिता (पुरुष) के शुकाणुओं में लड़का उत्पन्न करने वाला युग्मक (22A + y) अति दुर्बल है या इसकी संख्या पर्याप्त नहीं है।
प्रश्न 38.
9:3:3:1 किस प्रकार का अनुपात है ?
उत्तर :
द्विगुण संकरण में F2 पीढ़ी (दूसरी पीढ़ी) में फिनोटाइप अनुपात 9: 3: 3: 1 है।
प्रश्न 39.
प्रोटानोपिया से प्रस्त मनुष्य द्वारा कौन सा रंग नहीं पहचाना जा सकता ?
उत्तर :
प्रोटोनोपिया से ग्रस्त मनुष्य लाल रंग नहीं पहचान सकता।
प्रश्न 40.
मनुष्य के शारीरिक कोशिका में कितने ऑटोसोम होते हैं ?
उत्तर :
22 जोड़ी या 44 ऑटोसोम।
प्रश्न 41.
आनुवांशिक विशेषक किसे कहते हैं ?
उत्तर :
किसी लक्षण के विशिष्ट रुप को विशेषक कहते हैं। जैसे लम्बाई -लम्बाई लक्षण के लिए लम्बा विशेषक है।
प्रश्न 42.
जीन प्ररूप किस संरचना को व्यक्त करते हैं ?
उत्तर :
जीनोटाइप
प्रश्न 43.
जनक पीढ़ी के लिए मेन्डल ने किस संकेताक्षर का प्रयोग किया था ?
उत्तर :
P
प्रश्न 44.
मेन्डल को किस विषय का अच्छा ज्ञान था ?
उत्तर :
गणित
प्रश्न 45.
मनुष्य की कायिक कोशिकाओं में कितने गुणसूत्र जिम्मेवार होता है ?
उत्तर :
46
प्रश्न 46.
पौधे के नर जनन अंग का नाम क्या है ?
उत्तर :
पुमंग
प्रश्न 47.
परागकोष से वर्तिकाग्र तक परागकणों के पहुँचने की क्रिया का नाम बताइये।
उत्तर :
परागण
प्रश्न 48.
क्या भ्रूण एक गणित या द्विगुणित होता है ?
उत्तर :
द्विगुणित
प्रश्न 49.
मेण्डलवाद की स्थापना कब हुई ?
उत्तर :
सन् 1900 में
प्रश्न 50.
मेण्डल के प्रयोग में Tt से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
संकर लम्वा
प्रश्न 51.
अप्रभावी जीन्स द्वारा उत्पन्न होने वाले दो आनुवंशिक रोगों के नाम बताइए।
उत्तर :
हिमोफिलिया, वर्णान्धता
प्रश्न 52.
मनुष्य का X गुणसूत्र युक्त शुक्राणु यदि मादा के ओवम (ovum) से निषेचित हो, तो निर्मित जाइगोट द्वारा कौन सी सन्तान उत्पत्न होगी ?
उत्तर :
पुत्री
प्रश्न 53.
मटर के पौधे में संकर गोल पीले बीज (Rr Y y) से कितने प्रकार के युग्मक उत्पत्र हो सकते हैं।
उत्तर :
चार (RY, Ry, rY, ry)
प्रश्न 54.
X – गुणसूत्र से सम्बन्धित एक आनुवांशिक रोग का नाम लिखिए।
उत्तर :
हिमोफिलिया
प्रश्न 55.
आनुवंशिकता में ‘शुद्ध’ क्या है ?
उत्तर :
जो केवल एक ही प्रकार का युग्मक उत्पन्न करता है।
प्रश्न 56.
आनुवंशिकता में 1: 2: 1 कहने से तुम क्या समझते हो ?
उत्तर :
यह एक संकर संकरण के F2 पीढ़ी में जीनोटिपिक अनुपात है।
प्रश्न 57.
युंग्म विकल्पी की परिभाषा लिखो।
उत्तर :
किसी लक्षण के विरोधाभाषी कारकों के जोड़े को युग्म विकल्पी कहते हैं।
प्रश्न 58.
लक्षण प्ररूप तथा जीन प्ररूप में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर :
लक्षण प्ररूप : बाइर से दीखने वाला लक्षण है। जीन प्ररूप जीन से व्यक्तस्संरचना है।
प्रश्न 59.
विपरीत लक्षण कहने से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
एक लक्षण के दो कारक जैसे लम्बाई लक्षण के लम्बा और बौना दो कारक
प्रश्न 60.
एक माँ जो वर्णाधता वाला जीन ग्रहण करती है उसका एक बेटा है। उसके पिता साधारण दृष्टिवाले हैं। उनके बेटे में वर्णांधता की आंशका कितने प्रतिशत तक हो सकती है ?
उत्तर :
50 %.
प्रश्न 61.
हीमोग्लोबिन के बनावट में दोष के कारण उत्पन्न एक आनुवांशिक बीमारी का नाम लिखिए।
उत्तर :
थैलासीमिया।
प्रश्न 62.
ऑटोसोमीय रोग का एक नाम लिखिए।
उत्तर :
थैलासीमिया एक ऑटोसोमीय आनुवांशिक रोग है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type) : 2 MARKS
प्रश्न 1.
क्रॉस के सहायता से मनुष्य में संततियों में लिंग निर्धारण को समझाओ।
उत्तर :
प्रश्न 2.
एक दिन छात्रों ने समाचार पत्र में थैलासीमिया संबंधी एक अनुच्छेद पढ़ा, और वें थैलासीमिया रोगी के परिणती को जानकर डर गये। इस बीमारी को जनसंख्या से दूर करने के लिए किये जाने वाले उपायों को लिखें।
उत्तर :
(i) शादी करने से पूर्व लड़का एवं लड़की के रक्त का परिक्षण अवश्य करवा लेना चाहिए।
(ii) विवाह के उपरान्त भी अनुवाशिंक सलाह लेनी चाहिए और गर्भधारन के चार महीनें के अन्दर भ्रूण का परीक्षण कराना चाहिए।
प्रश्न 3.
संकरित पौधा Y y R r से F1 पीढ़ी में द्विसंकर संकरण में उपलब्ध होने वाली संभावित युग्मक क्या होंगे ?
उत्तर :
संकरित पौधा YyRr से F, पीढ़ी में द्विसंकर संकरण में उपलब्ध होने वाली संभावित युग्मक होगा। Y R, y r, yR, yr} है।
प्रश्न 4.
संकरण प्रयोग में किस प्रकार प्रभावी गुण प्रगट होते हैं उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
संकरण क्रिया के बाद उत्पन्न होने वाली पहली पीढ़ी में विपरीत गुणों में से एक लक्षण दब जाता है तथा दूसरा प्रगट होता है। प्रगट होने वाले इन्हीं गुण को प्रभावी लक्षण (Dominant Character) कहते हैं।
उदाहरण – एक संकरण क्रिया को स्पष्ट करने के लिए मेण्डल ने काले बाल वाला नर तथा सफेद बाल वाली मादा गिनीपिग का चुनाव किया। अगर काले तथा सफेद बालों वाले इन दोनों जीवों को क्राँस कराया जाय, तो इसके द्वारा बनने वाले गैमिट ही संयोग करेंगे। इस तरह दोनों नर तथा मादा जीवों के गैमिट के मिलने से प्रथम पीढ़ी (F1. generation) में उत्पन्न सभी जीव काले रंग के होंगे। इसका कारण यह है कि काला रंग प्रभावी होने के कारण सफेद रंग प्रकट नहीं हो पाता है।
प्रश्न 5.
अपूर्ण प्रभावी लक्षण के क्षेत्र में एक संकरण प्रयोग में F2 पीढ़ी में फेनोटाइप एवं जीनोटाइप का अनुपात क्या होगा ?
उत्तर :
1: 2: 1
प्रश्न 6.
क्रास की सहायता से दिखाइये कि वर्णान्धता किस प्रकार पीढ़ी दर पीढ़ी एकान्तरित होती है ?
उत्तर :
कास की सहायता से वर्णाधता का पीढ़ी-दर पीढ़ी एकान्तरण :
पिता का लिंग गुणसूत्र – X Y, माता का गुणसूत्र – X° X यह वर्णांधता का वाहक हैं
चूँकि पुत्रियाँ वर्णाधववाहक या हेटेरोजाइगस होती है, अतः यह वर्णाधता को अगली पीढ़ी में स्थानन्तरित करती हैं।
प्रश्न 7.
एक संकरण क्रिया से क्या समझते हो ?
उत्तर :
वह संकरण जिसमें केवल एक जोड़ी विरोधी लक्षण भाग लेते हैं, एक संकरण क्रिया (Monohybrid cross) कहलाती है। जैसे- लम्बा (TT) और बौना (t) पौधों के बीच का संकरण
प्रश्न 8.
द्विसंकरण क्रिया से क्या समझते हो ?
उत्तर :
जब दो जोड़ी विरोधी लक्षण के बीच संकरण की क्रिया करायी जाती है, तो यह द्विसंकरण क्रिया कहलाती है। जैसे- गोल पीला बीज और झुरीदार इस बीज के बीच का संकरण
प्रश्न 9.
Back Cross क्या है ?
उत्तर :
वह क्रॉस जो प्रथम पीढ़ी (F1 generation) की संकर और प्रभावी या अप्रभावी के बची करायी जाती है उसे Back Cross कहते हैं।
प्रश्न 10.
Test Cross क्या है ?
उत्तर :
वह क्रॉस जो संकर (F1 पीढ़ी) तथा केवल अप्रभावी जनक के बीच कराया जाता है उसे Test Cross कहते हैं।
प्रश्न 11.
Parental generation क्या है ?
उत्तर :
किसी क्रॉस को सम्पन्न करने के लिए चुने गये शुद्ध लक्षण वाले सजीव को Parental generation या P generation कहते हैं।
प्रश्न 12.
जीनोटाइप क्या है ?
उत्तर :
किसी सजीव की जीन की संरचना या जीन संरचना द्वारा निर्धारित लक्षणों को जीनोटाइप कहते हैं।
प्रश्न 13.
कारक क्या है ?
उत्तर :
किसी लक्षण को निर्धारित करने वाली रचनाओं को कारक कहते हैं। जैसे- लम्बाई के दो कारक है- लम्बा (Tall) तथा बौना (Dwarf)।
प्रश्न 14.
लोकस क्या है ?
उत्तर :
किसी विशिष्ट क्रोमोजोम के विशिष्ट जीन, क्रोमोजोम के विशिष्ट स्थानों पर उपस्थित रहते हैं। क्रोमोजोम के इस स्थान को उस जीन का लोकस (locus) कहते हैं।
प्रश्न 15.
जेनेटिक्स क्या है ?
उत्तर :
जीव विज्ञान की वह शाखा जिसमें माता-पिता से पैतृक लक्षणों का उनकी सन्तानों में जाने की क्रिया का अध्ययन किया जाता है, उसे जेनेटिक्स (Genetics) कहते हैं।
प्रश्न 16.
एलील या एलीलोमार्फिक गुण से क्या समझते हो ?
उत्तर :
जीव के शरीर में हर गुण के ऐसे जोड़े रहते है जो एक दूसरे के विपरीत होते हैं। विपरीत गुणों के इन जोड़े को एलीलोमार्फिक गुण कहा जाता है। जैसे- लम्बा या बौना होना, काला या गोरा होना।
प्रश्न 17.
फिनोटाइप क्या है ? TT क्या इंगित करता है।
उत्तर :
कुछ जीव ऐसे होते हैं जिनके जीनों की रचना भिन्न होते हुए भी उनके आकृति गुण एक समान होते हैं। ऐसे जीवों को फिनोटाइप कहा जाता है जैसे T T या Tt ये दोनो ही रूप लम्बा को व्यक्त करते है। TT शुद्ध लम्बा को इंगित करता है।
प्रश्न 18.
एकक लक्षण क्या है ?
उत्तर :
कुछ गुण ऐसे होते हैं जो कई पीढ़ियों के क्रॉस के पश्चात् उत्पन्न होने वाले संकर में भी अपना व्यक्तित्व बनाये रखते हैं। ऐसे गुण को एकक लक्षण (Unit Character) कहा जाता है।
प्रश्न 19.
प्रभावी लक्षण से क्या समझते हो ?
उत्तर :
संकरण क्रिया के बाद उत्पन्न होने वाली पहली पीढ़ी में विपरीत गुणों में से एक लक्षण दब जाता है तथा दूसरा प्रगट होता है। प्रगट होने वाले इन्हीं गुण को प्रभावी लक्षण (Dominant Character) कहते हैं।
प्रश्न 20.
अप्रभावी लक्षण क्या है ?
उत्तर :
संकरण क्रिया के बाद उत्पन्न होने वाली पहली पीढ़ी में विपरीत गुणों में से एक लक्षण उपस्थित रहते हुए भी प्रगट नहीं होता है, उसे अप्रभावी लक्षण (Recessive Character) कहा जाता है।
प्रश्न 21.
द्वितीय पुत्रीय पीढ़ी क्या है ?
उत्तर :
प्रथम पुत्रीय पीढ़ी से प्राप्त संकर में किन्हीं दो सजीवों के बीच पुनः क्रॉस करने पर जो नये संकर उत्पन्न होते हैं उसे द्वितीय पुत्रीय पीढ़ी कहते हैं।
प्रश्न 22.
मेण्डल के कार्यों की खोज किसने किया ?
उत्तर :
Hugo Devries (हॉलैण्ड), Correns (जर्मनी) और Tschermak (आस्ट्रिया) ने मेण्डल के कार्यों की पुन: खोज किया।
प्रश्न 23.
मेण्डल कौन थे ?
उत्तर :
मेण्डल आस्ट्रिया के बुन शहर में चर्च के एक पादरी थे। इन्होंने Genetics की नींव दी। अतः इन्हें Father of Genetics कहा जाता है।
प्रश्न 24.
पुत्रीय पीढ़ी क्या है ?
उत्तर :
माता-पिता से उत्पन्न सन्तानों की भृंखला पीढ़ियाँ (Generation) कहलाती हैं। प्रथम संतान की पीढ़ी First fillial generation तथा प्रथम पीढ़ी से उत्पन्न संतान की पीढ़ी को Second fillial generation कहते हैं।
प्रश्न 25.
चेकर बोर्ड क्या है ?
उत्तर :
किसी क्रॉस (Cross) को दिखलाने के लिए जिन वर्ग समूहों का प्रयोग किया जाता है उसे चेकर बोर्ड कहते हैं।
प्रश्न 26.
Lethal gene क्या है ?
उत्तर :
वे जीन जो किसी सजीव को उसकी जनन अवस्था के पहले ही मार डालते हैं उन्हें प्राणहर जी(Lethal gene) कहते हैं।
प्रश्न 27.
ऑटोसोम क्या है ?
उत्तर :
वे क्रोमोजोम जिनके द्वारा शारीरिक लक्षणों (Somatic characters) के जीन का वहन होता है, उन्हें ऑटोसोम्स (Autosomes) कहते हैं।
प्रश्न 28.
जेनेटिक्स का जनक कौन कहलाता है ?
उत्तर :
ग्रेगर जॉन मेण्डल (Gregor John Mendal) को जेनेटिक्स का जनक कहा जाता है।
प्रश्न 29.
एलील क्या है ?
उत्तर :
ऐलीलोमॉर्फ या ऐलील (Allelomorphs or Alleles) : बेटसन (Bateson, 1906) ने प्रत्येक आनुवांशिक लक्षण के तुलनात्मक रूपों के जीन (कारको) को ऐलीलोमोर्फ या ऐलील का नाम दिया। अब किसी लक्षण के तुलनात्मक रूपों को ऐलीलोमॉर्फ तथा इनके जीन्स को ऐलील कहते हैं।
प्रश्न 30.
मेण्डल के एक संकर संकरण प्रयोग की सफलता के दो कारण लिखिए।
उत्तर :
(i) मटर के पौधों में प्रजनन की प्रचूर क्षमता के कारण मेण्डल ने F1, F2 पीढ़ी तक अपने प्रयोग को सफलतापूर्वक संचालित कर निरीक्षण द्वारा गणितीय निष्कर्ष प्राप्त करते रहे।
(ii) एक प्रयोग में वे केवल एक लक्षण को ही ध्यान में रखे।
प्रश्न 31.
मनुष्यों में आनुवांशिक लक्षणों का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर :
(i) आँख का रंग – काला नीला
(ii) बाल की आकृति – सीधा- धुंधराला
प्रश्न 32.
शुद्ध एवं संकर किसे कहते हैं ?
उत्तर :
शुद्ध (Pure) : ऐसा जीव जिसके जिनोटाइप एवं फिनोटाइप में समानता होती है उसे शुद्ध (Pure) कहते हैं। जैसे -TT or tt ।
संकर (Hybrid) : जिस जीव के जिनोटाइप और फिनोटाइप में अन्तर होता है उसे संकर (hybrid) कहते हैं। जैसे Tt
प्रश्न 33.
पैत्क पीढ़ी और सन्तानीय पीढ़ी किसे कहते हैं ?
उत्तर :
पैतृक पीढ़ी : मेन्डल ने मटर के शुद्ध लम्बे तथा शुद्ध बौने पौधों का चयन किया। जिन्हें पैतृक अथवा जनक पीढ़ी (Parental generation) का नाम दिया और इसे P1(TT) तथा P1(tt}) जैसे अंग्रेजी संकेताक्षरों द्वारा प्रदर्शित किया।
सन्तानीय पीढ़ी : दो विपरीत गुणों वाले जनक सजीवों से उत्पन्न जीव अथवा पौधे को संतानीय पीढ़ी कहते हैं। इसे F1, F2, F3 द्वारा प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 34.
यदि एक शुद्ध लंबे और एक शुद्ध बौने मटर के पौधों के बीच संकरण कराया जाय तो F, पीढ़ी और F2 पीढ़ियों का परिणाम क्या होगा ?
उत्तर :
(a) F1 पीढ़ी में सभी पौधे संकर लंबे (T t) होंगे।
(b) F2 पीढ़ी में लंबे और बौने पौधों का फीनोटिपिक अनुपात 3 : 1 का होगा तथा शुद्धता के आधार पर इसका जीनोटिपिक अनुपात 1 : 2 : 1 का होगा।
प्रश्न 35.
एक पीले तथा गोल बीज वाला (NyRr) संकर मटर पौधा किस प्रकार के गैमिट उत्पन्न कर सकता है ?
उत्तर :
(a) यह संकर मटर का पौधा चार प्रकार का गैमिट उत्पन्न कर सकता है –
(a) YR (b) Y r (c) y R (d) yr.
प्रश्न 36.
अपने प्रयोग के लिए मेंडल द्वारा मटर के पौधे को चुनने के दो कारण बताइएँ।
उत्तर :
(i) मटर के पौधे में विरोधाभाषी कारको की संख्या अन्य पौधों की तुलना में अधिक है।
(ii) द्विलिंगी पौधा होने के कारण आवश्यकतानुसार इसमें पर-परागण और स्व-परागण कराना आसान है।
प्रश्न 37.
किसी जीव के शुद्ध लक्षण कहने से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :
शुद्ध लक्षण – आनुवांशिकता के अन्तर्गत उत्पन्न वह सजीव जिसका जीनोटाइप और फिनोटाइप समान होता है, उसे शुद्ध कहते हैं। जैसे शुद्ध लम्बा (TT), शुद्ध बौना (t).
प्रश्न 38.
मेंडल के स्वतंत्र अपब्यूहन नियम का उल्लेख करो।
उत्तर :
स्वतंत्र अपब्यूहन का नियम (Law of Independent Assortment) : जब किसी संकरण में दो लक्षणों के विपरीत कारक भाग लेते हैं तो एक लक्षण का पृथक्करण दूसरे लक्षण के पृथक्करण से स्वतंत्र होता है।
प्रश्न 39.
हेटरोजाइगस प्रभावी जीव में एक फीनोटाइप एवं जीनोटाइप का उदाहरण दें।
उत्तर :
संकर लम्बा का फीनोटाइप है लम्बा और जीनो टाइप है। Tt}
प्रश्न 40.
मेण्डल की सफलता के पीछे क्या कारण है।
उत्तर :
- मेंडल ने एक समय में केवल एक ही लक्षण की वंशागति का अध्ययन किया।
- इन्होंने अपने प्रयोगों का F2, F3 और आगे कई पीढ़ियों तक अध्ययन किया।
- उन्होंने आनुवंशिक रूप से केवल शुद्ध पौधों को चुना। इसकी पुष्टि उन्होंने अगली पीढ़ियों के पौधों से परागण परीक्षणों से की।
प्रश्न 41.
शुद्ध काला एवं खुरदरा रोम वाले गिनीपिग का जीनोटाइप क्या है ?
उत्तर :
BBRR
प्रश्न 42.
क्रिसमस रोग (Christmas disease) क्या है ?
उत्तर :
हिमोफीलिया A क्रिसमस रोग के नाम से जाना जाता है। यह लिंग क्रोमोसोम से संबधित एक रोग है।
प्रश्न 43.
थैलसेमिया के दो प्रकारों का नाम बताइए।
उत्तर :
(i) थैलसेमिया माइनर एवं
(ii) थैलसेमिया मेजर।
प्रश्न 44.
आदमी में लिंग-संलग्न दो रोगों का नाम बताइए।
उत्तर :
(i) हीमोफिलिया एवं (ii) वर्णान्धता।
प्रश्न 45.
स्त्रियों के अपेक्षा मर्दों में ही ज्यादातर हिमोफीलिया रोग दिखता है। क्यों ?
अथवा
‘समाज में हिमोफीलिया रोग से पुरुष अधिक प्रभावित होते हैं।’ समझाइए।
अथवा
हिमोफीलिया रोग अधिकतर पुरूषों में ही क्यों पाया जाता है ?
उत्तर :
यह रोग अधिकतर पुरुषों में पाया जाता है। तथा इसकी जीन X क्रोमोसोम पर स्थित होता है। Y क्रोमोसोम पर इसका एलील नहीं होता है। जिस औरत के X क्रोमोसोम पर यह जीन होता है तो वह औरत वाहक (Carrier) होती है। जिस औरत के दोनों X क्रोमोसोम पर यह जीन होता है उसी में यह लक्षण विकसित होता है क्योंकि हीमोफिलिया का जीन अप्रभावी (recessive) होता है तथा सामान्य लक्षण का जीन प्रभावी (dominant) होता है। अतः पुरुष कभी संकर (Hybrid) नहीं होगा जबकि औरत संकर (वाहक) हो सकती है।
प्रश्न 46.
यदि परिवार के इतिहास में थैलासीमिया है, तो जैनेटिक काउन्सिलिंग क्यों आवश्यक है ?
उत्तर :
आनुवांशिक परामर्श (Genetic counselling) आनुवंशिकी (Genetics) का एक आधुनिक व्यावहारिक उपयोग है। इसमें शादी से पहले दोनों परिवारों में लिंग संबंधित रोगों (Sex Linked Diseases) जैसे थैलसेमिया, बारे में जानकारी कर लेना आवश्यक है। उन्हें यह बता देना आवश्यक होता है कि इन रोगों की संतान में स्थानान्तरित होने की संभावना है। इन तथ्यों की जानकारी प्राप्त कर बहुत हद तक इन रोगों को रोका जा सकता है।
प्रश्न 47.
थेलेसीमिया नामक रोगे से कैसे बचा जा सकता है ?
उत्तर :
विवाह पूर्व
जीन सम्बन्धी उचित सलाह द्वारा बच्चों में थैलेसीमिया को रोका जा सकता है, थैलेसिमिया वाहक व्यक्तियों के आपसी वैवाहिक सम्बन्ध को रोका जाना चाहिए।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS
प्रश्न 1.
आनुवांशिकता में प्रभावी लक्षण से क्या समझते हो ? एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट करो।
उत्तर :
प्रभावी लक्षण (Dominant Character) : एक ही जाति के विपरीत लक्षणों वाले जनको के बीच क्रॉस के फलस्वरूप प्रथम पीढ़ी की सन्तानों ( F, generation) में जो लक्षण प्रकट होता है, उसे प्रभावी लक्षण कहते हैं।
उदाहरण – अगर एक शुद्ध लम्बे पौधे तथा शुद्ध बौने पौधे के बीच क्रॉस कराया जाता है तो प्रथम पीढ़ी की सन्तानों में सभी लम्बे पौधे (Tall) दिखाई देते हैं। अत: लम्बा (TT) गुण प्रभावी लक्षण होता है।
प्रश्न 2.
आनुवांशिकता में अप्रभावी लक्षण से क्या समझते हो ? एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट करो।
उत्तर :
अप्रभावी लक्षण (Recessive Character) : एक ही जाति के विपरीत लक्षणों वाले जनकों के बीच क्रॉस के फलस्वरूप जो लक्षण अगली पीढ़ी की सन्तानों में रहते हुए भी अपने आप को प्रकट नहीं कर पाता है, उसे अप्रभावी लक्षण कहते हैं।
उदाहरण – अगर एक शुद्ध लम्बे तथा शुद्ध बौने पौधे के बीच क्रॉस कराया जाता है तो प्रथम पीढ़ी में केवल लम्बे (T t) पौधे दिखाई देते हैं। बौना पौधा का लक्षण उपस्थित रहते हुए भी प्रकट नहीं हो पाता। इसलिए बौना(t) अप्रभावी लक्षण है।
प्रश्न 3.
सजीवो के लक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में कैसे संचरण करता है ?
उत्तर :
अधिकांशत देख जाता है कि संतति में उसके माता-पिता के कुछ लक्षण मौजूद रहते हैं। जैसे-मनुष्यों में सर के बालों का झड़ना, कुछ विशेष प्रकार के नेत्र रोग इत्यादि। ये सभी वंश परम्परा के लक्षण होते हैं। प्रकृति ने मनुष्यों को एक ही आकार में बनाया है, किन्तु उनके रूप रंग व नयन-नक्स से उन्हें अलग-अलग पहचान लिया जाता है। यह भी देखा जाता है कि मनुष्यों के रूप रंग एवं नयन नक्सों की समरुपता उनके जनकों से होती है। जनकों की यह समरुपता आनुवंशिकता द्वारा ही प्राप्त होती है। आनुवंशिकता के लक्षण केवल मात्र मनुष्यों में ही नहीं बल्किपृथ्वी जगत के समस्त जीवों, पौधों एवं जन्तुओं दोनों में भी पाई जाती है। लक्षणों का संचरण युग्मकों में उपस्थित क्रोमोसोम के द्वारा होता है।
प्रश्न 4.
मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए मटर के पौधों का चुनाव क्यों किया ?
उत्तर :
मटर के पौधों को चुनने का कारण :
- मटर एक पूर्ण तथा द्विलिंगी पौधा है, अत: स्वपरागण की क्रिया आसानी से हो जाता है।
- मटर का पौधा एक वर्षीय पौधा है जिसके कारण प्रयोग का परिणाम कम समय में प्राप्त हो जाता है।
- इन पौधों को सरलतापूर्वक उगाया जा सकता है तथा Cross कराया जा सकता है।
प्रश्न 5.
DNA आनुवांशिकता का वाहक क्यों कहलाता है ?
उत्तर :
DNA को आनुवांशिक लक्षण का वाहक कहा जाता है क्योंकिDNA आनुवांशिक पदार्थ होते हैं जिसका एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानान्तरण होता है। इस प्रकार DNA द्वारा ही माता-पिता से लक्षण सन्तानों में स्थानान्तरित होते हैं।
प्रश्न 6.
जीनोटाइप तथा फीनोटाइप में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर :
किसी जीव की बाह्य आकृति का निर्धारण भी जीन ही करता है, किन्तु फीनोटाइप के समय इसे गौण मानते हैं। इसलिए फीनोटाइप में शुद्ध तथा संकर का अन्तर नहीं हो पाता है। किन्तु जीनोटाइप तो जीन की संरचना के आधार पर व्यक्त है इसलिए इसमें शुद्ध तथा संकर का भी अन्तर होता है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि जीनोटाइप, फीनोटाइप की तुलना में अधिक मौलिक है।
प्रश्न 7.
मानव में वंशागति विभित्रताएँ क्या हैं ?
उत्तर :
मानव में वंशागति विभिन्नताएँ :-
(i) कर्ण पिण्ड : कुछ मनुष्यों के कर्ण पिण्ड स्वतंत्र और कुछ के कर्ण पिण्डबल से जुड़ रहते हैं। स्वतंत्र और जुड़ा रहने का नियंत्रण जीन द्वारा होता है। स्वतंत्र रहने का नियंत्रण करने वाला जीन प्रभावी है।
(ii) जीभ : कुछ मनुष्यों की जीभ मुँह से बाहर निकालने पर गोल नली की तरह मुड़ती है और कुछ का नहीं। जीभ का गोल नली के जैसा होना ओर नहीं होना भी जीन के द्वारा ही निर्धारित होता है। जीभ को गोल बनाने वाला जीन प्रभावी है।
प्रश्न 8.
मेण्डल ने किस प्रकार अपने प्रयोगों द्वारा वंशगति के नियमों निर्धारण किया था।
उत्तर :
मेंडल का मानना था कि पौधे के प्रत्येक युग्म विकल्पी लक्षणों के लिए विशेष आनुवांशिक इकाइयाँ होती हैं ती ये आनुवांशिक इकाइयाँ लैंगिन जनन प्रक्रिया द्वारा अगली पीढ़ी में पहुँचती है। मेंडल ने परस्पर विरोधी लक्षणों वाले पौधों के बीच संकरण हेतु कृत्रिम परागण की विधियों का सहारा लिया। आनुवांशिक इकाइयाँ या कारकों (Factors) को आगे चलकर जीन (gene) मान लिया गया। अत: ‘ “मेंडल ने आनुवांशिकता के लिए जिन कारको को उत्तरदायी बताया था वे जीन हैं जो गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं। जीन्स का ही पृथक्करण होता है और उन्हीं का स्वतंत्र अपव्यूहन होता है। स्वतंत्र अपव्यूहन की घटेना अर्धसूत्री कोशिका विभाजन के समय घटित होती है”
प्रश्न 9.
मटर के पौधों के साथ द्वि-संकरण प्रयोग में शामिल विशेषता-तना की लम्बाई में एवं बीज के आकार में F2 पीढ़ी उत्पन्न करता है-नौ लम्बे और गोलाकार बीज पौधे। उनका जीनोटाइप क्या हो सकता है? (Board Sample Paper)
उत्तर :
F2 पीढ़ों में उत्पन्न 9 पौधों का जीनोटाइप।
(a) TTRR – 1
(b) TTRr -2
(c) TtRR -2
(d) TtRr – 4
प्रश्न 10.
मानव में वंशागति विभिन्नतायें कितने प्रकार की होती हैं ?
उत्तर :
विभिन्नताओं के प्रकार (Types of variations) :- विभिन्नताएँ दो प्रकार की होती हैं – जननिक (germinal) तथा कायिका (somatic)।
जननिक विभिन्नता (Germinal variations) :- ऐसी विभिन्नताएँ जनन-कोशिकाओं (germ cell) में होने वाले परिवर्तन के कारण होती हैं। जननिक विभिन्नता आनुवांशिक (genetic) विभिन्नता भी कहलाती हैं।
कायिक विभिन्नता (Somatic variations) :- ऐसी विभिन्नताएँ कई कारणों से हो सकती हैं ; जैसे जलवायु एवं वातावरण का प्रभाव, उपलब्ध भोजन के प्रकार, अन्य उपस्थित जीवों के साथ परस्पर व्यवहार इत्यादि] ऐसी विभिन्नताएँ उपार्जित (acquired) होती हैं। इसलिए, इनका जैव विकास में महत्व नहीं होता है।
प्रश्न 11.
आनुवांशिक रोग क्या है ?
उत्तर :
ऐसा रोग जिसका स्थानान्तरण पीढ़ी-दर-पीढ़ी जनकों से उसकी संतानों में स्थानक्तरित होता है आनुवांशिक रोग (Genetic disease) अथवा आनुवांशिक संचारित रोंग (Genetically transmitted disease) कहा जाता है। बच्चों में यह लक्षण जन्म के समय से ही उपस्थित रहते हैं।
प्रश्न 12.
आनुवंशिक रोगों के उदाहरण क्या-क्या हैं ?
उत्तर :
- हीमोफिलिया (Haemophilia)
- वर्णांधता (Colour blindness)
- सिकेल-सेल एनिमिया (Sickle-cell anaemia)
- फीनाइल-कीटोन्यूरिया (Phenyl-ketonuria)
- थैलेसीमिया (Thalassemia) आदि आनुवंशिक रोगों के उदाहरण हैं।
प्रश्न 13.
मनुष्यों में आनुवांशिक लक्षणों का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर :
(i) आँख का रंग – काला नीला
(ii) बाल की आकृति – सीधा- धुंधराला
प्रश्न 14.
शुद्ध एवं संकर किसे कहते हैं ?
उत्तर :
शुद्ध (Pure) : ऐसा जीव जिसके जिनोटाइप एवं फिनोटाइप में समानता होती है उसे शुद्ध (Pure) कहते हैं। जैसे -TT or tt ।
संकर (Hybrid) : जिस जीव के जिनोटाइप और फिनोटाइप में अन्तर होता है उसे संकरhybrid) कहते हैं। जैसे T t
प्रश्न 15.
पैतृक पीढ़ी और सन्तानीय पीढ़ी किसे कहते हैं ?
उत्तर :
पैतक पीढ़ी : मेन्डल ने मटर के शुद्ध लम्बे तथा शुद्ध बौने पौधों का चयन किया। जिन्हे पैतृक अथवा जनक पीढ़ी (Parental generation) का नाम दिया और इसे P1(TT) तथा P1(t) जैसे अंग्रेजी संकेताक्षरों द्वारा प्रदर्शित किया।
सन्तानीय पीढ़ी : दो विपरीत गुणों वाले जनक सजीवों से उत्पन्न जीव अथवा पौधे को संतानीय पीढ़ी कहते हैं। इसे F1, F2, F3 द्वारा प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 16.
होमोजाइगस एवं हेटरोजाइगस जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर :
होमो जाइगस : एक लक्षण दोनो जीन समान रखने वाले जीव को होमोजागस कहते हैं। जैसे TT या tt हेटरोजाइगस एक लक्षण के दो भिन्न जीन रखने वाले जीव को हेटरो जाइगस कहते हैं। जैसे लम्वा लक्षण के लिए Tt
प्रश्न 17.
आनुवांशिक काउन्सलिंग (Genetic Counselling) क्या है ?
उत्तर :
स्वास्थ्य की देख-रेख का वह क्षेत्र जो आनुवांशिक समस्या पर सलाह देकर माता-पिता तथा उनके संतानों को अनुवांशिक अनियमितताओं (Genetic disorder) जैसे – थैलेसीमिया, वर्णांधता (Colour blindness), हिमोफीलिया (Haemophilia) इत्यादि रोगों से मुक्त करने में सहायता करता है, उसे आनुवांशिक काउन्सिलिंग कहते हैं।
प्रश्न 18.
हिमोफीलिया क्या है ?
उत्तर :
हिमोफीलिया या ब्लिडर्स रोग (Bleeder’s disease) लिंग गुणसूत्र सम्बन्धित एक प्रमुख रोग है। यह एक असाधारण रक्त शरीर से बाहर निकलने वाला आनुवांशिक रोग है, जो प्रारम्भ में पुरुषों को प्रभावित करता है, परन्तु स्रियों द्वारा संचारित होता है। हिमोफीलिया रक्त जमने के कारण एण्टिहिमोफिलिक ग्लोब्यूलिन (Antihaemophilic Globulin) की कमी के कारण होता है जो X-क्रोमोसोम के विशिष्ट जीन से सम्बन्धित रहता है।
प्रश्न 19.
आनुवांशिक रोगों के क्या-क्या प्रभाव होते हैं ?
उत्तर :
आनुवांशिक रोगों के निम्नलिखित हानिकारक प्रभाव होते हैं –
- चक्षुरोग (Eye disease) जैसे- मोतियाबिंद, ग्लॉकोमा अति निकट दृष्टि, दीर्घ दृष्टि, वर्णांधता, रतौंधी आदि।
- चर्म रोग (Skin disease) जैसे- सोरिएसिस, केराटोसिस, क्वियआसिस इत्यादि।
- रक्त दोष (Blood disease) जैसे- थैलेसीमिया, हीमोफीलिया इत्यादि।
- मानसिक रोग (Mental disease) जैसे- सनक, मिर्गी, अल्पबुद्धिता इत्यादि।
- चपापचय रोग (Metabolic disease) जैसे- मधुमेह, गठिया इत्यादि।
प्रश्न 20.
आनुवंशिक रोगों के क्या कारण हैं ?
उत्तर :
जीवों में नर के शुक्राणु तथा स्त्री की अंडकोशिका के संयोग से संतान की उत्पत्ति होती है। शुक्राणु तथा अंडकोशिका दोनों के केन्द्रक में गुण सूत्र रहते हैं। इन गुण सूत्रों में स्थित जीन के स्वाभानुसार संतान के मानसिक तथा शारीरिक गुण और दोष निक्वित होते हैं। जीन में से एक या कुछ के दोषोत्पादक होने के कारण संतान में वे ही दोष उत्पन्न हो जाते हैं। कुछ दोषों में से कोई रोग उत्पन्न नहीं होता, केवल संतान का शारीरिक संगठन ऐसा होता है कि उसमे विशेष प्रकार के रोग शीघ्र उत्पन्न होते हैं।
दीर्घउत्तरीय प्रश्नोत्तर (Descriptive Type) : 5 MARKS
प्रश्न 1.
मटर के पौधे के बीजों के आकार तथा रंग-इन दोनो लक्षणों को लेकर मेंडल ने द्विसंकर संकरण किया। इस प्रयोग के F2 पीढ़ी के मटर के पौधो में पीले और गोल बीज उत्पत्ति करने वाले मटर के पौधो के जीनोटाइप को लिखो। स्वतंत्र अपव्यूहन के मेंडल के नियम को लिखो। 2 + 3
उत्तर :
पीले और गोल बीज वाले पौधों का जीनोटाइप :
YYRR – 1
YYRr – 2
YyRr – 4
YyRR – 2
स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम : जब किसी संकरण में दो लक्षणों विपरीत कारक भाग लेते हैं, तो एक लक्षण का पृथक्करण दूसरे लक्षण के पृथक्करण से स्वतंत्र होता है।
प्रश्न 2.
मेंडेल के प्रयोग में मटर के पौधों के फूलों के लक्षणों में विपरीत लक्षणों का उल्लेख करो। “वैज्ञानिक विचारों के विकास हेतु मेंडेल का आनुवंशिकी पर मटर के पौधों पर किया गया प्रयोग युगांतकारी है’।
– उनके प्रयोगों में सफलता के तीन कारणों का उल्लेख करो। 2 + 3
उत्तर :
मेंडल ने मटर के पौधे के जिन सात लक्षणों का चुनाव किया उनके दो पुष्प से सम्बन्धित हैं –
मेंडल के सफलता के कारण :
- मेंडल ने एक समय में केवल एक ही लक्षण की वंशागति का अध्ययन किया।
- इन्होंने अपने प्रयोगों में एकत्रित किये गये आंकड़ो का पूरा रिकार्ड रखा और उनका सावधानी पूर्वक विशेलषण किया।
- उन्होंने आनुवंशिक रूप से केवल शुद्ध पौधों को चूना।
प्रश्न 3.
थैलासीमिया रोग के लक्षणों का उल्लेख कीजिए। अधिकतर परिवारों में माता को कन्याशिशु जन्म देने के लिए उत्तरदायी माना जाता है। यह धारणा यथार्थ नहीं है इसे क्रास द्वारा दिखाइये। 2+3
उत्तर :
थैलासीमिया रोग के लक्षण :
- रोगी में एनिमिया जटिल रूप में विकसित होती है।
- इसमें रोगी को थकान महसुस होता है।
- वृद्धि अत्यन्नत कम होती है।
- त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है।
- साँस लेने में भी तकलिफ होती है।
लिंग निर्धारण का चर्चाट :
प्रश्न 4.
एक संकर काला एंव एक शुद्ध सफेद गिनीपिंग के मिलन से जितने प्रकार का अपत्य गिनीपिग उत्पन्न हो सकता है उसे एक चेकर बोर्ड द्वारा दिखाइये। मेण्डल के पृथक्किरण के नियम का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
एक संकर और एक शुद्ध सफेद गिनीपिग से दो प्रकार के गिनीपिग उत्पन्न होते हैं – 3 + 2
(i) 50 % संकर गिनीपिग (Bb)
(ii) 50 % शुद्ध सफेद गिनीपिग (bb)
पृथक्करण का नियम : जब किसी संकरण में एक लक्षण के एक जोड़े विरोधी कारक भाग लेते हैं और संकर को उत्पन्न करते हैं तो अगली पीढ़ी में ये कारक एक दूसरे से अलग हो जाते हैं क्योंकि ये कारक एक दूसरे से मिश्रित कमी नहीं होते हैं।
प्रश्न 5.
विभिन्नता (Variation) क्या है ? जननिक विभिन्नता एवं कायिक विभिन्नता का वर्णन करें। 2 + 3
उत्तर :
विभिन्नता : विभिन्नता जीव के ऐसे गुण है, जो उसे अपने जनकों अथवा अपनी ही जाति के अन्य सदस्यों के उसी गुण के मूल स्वरूप से भिन्नता को दर्शाते हैं।
(i) जननिक विभिन्नता : ऐसी विभिन्नताएँ जो जनन-कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तनों के कारण उत्पन्न होती हैं, उन्हें जननिक विभिन्नता कहते हैं। ऐसी विभिन्नताएँ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत होती हैं। इसलिए इन्हें आनुवाशिक विभिन्नता भी कहते हैं, जिनकी जैव विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसी विभिन्नताओं में से कुछ जन्म से प्रकट हो जाती हैं, जैसे-आँख एवं बालों का रंग तथा कुछ बाद में प्रकट होती हैं, जैसे- शारीरिक गठन एवं शरीर की लंबाई इत्यादि।
(ii) कायिक विभिन्नता : ऐसी विभिन्नताएँ जिनकी वंशागति एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में नहीं होती है, उन्हें कायिक विभिन्नता कहते हैं। ये सामान्यत: जलवायु एवं वातावरण, उपलब्ध भोजन के प्रकार, अन्य उपस्थित जीवों के साथ परस्पर व्यवहार इत्यादि के कारण उत्पन्न होती हैं। ऐसी विभिन्नताओं की जैव विकास में कोई भूमिका नहीं होती है।
प्रश्न 6.
मानव में बच्चों के लिंग-निर्घारण की अभिक्रिया को समझाएँ। अथवा, बच्चों के लिंग निर्धारण में पिता की क्या भूमिका है ?
अथवा
मनुष्य में शुक्राणु या अण्डा में से कौन उत्तरदायी है लिंग निर्धारण में, कारण सहित उत्तर दीजिये।
उत्तर :
मैक लंग (Mc. Lung) ने सन् 1902 ई० में लिंग निर्धारण का क्रोमोसोमवाद (Chromosomal theory of sex detemination) दिया। इसके अनुसार मनुष्य में लिंग निर्धरणण क्रोमोसोम द्वारा ही होता है । मनुष्य की जनन कोशिकाओं में 23 जोड़े अर्थात् 46 समजात क्रोमोसोम (Homologus chromosome) होते हैं। इनमें से 22 जोड़े नर तथा मादा दोनों में समान होते हैं, अतः इन्हें ऑटोसोम (Autosome) कहते हैं परन्तु नर में 23 वें जोड़े गुणसूत्र असमान होते हैं, इन्हें हेटरोक्रोमोसोम या लिंग क्रोमोसोम (heterosome or sex chromosome)
कहते हैं। ऑटोसोम को ‘ x x ‘ से तथा हेटरोसोम को ‘ x y ‘ से व्यक्त करते हैं।
स्तियों में 22 जोड़े क्रोमोसोम x x प्रकार की रचना वाले होते हैं। 23 जोड़े क्रोमोसोम की रचना भी x x होती है। प्रजनन की क्रिया के लिए जब प्रजनन अंगों में युग्मक (gamete) का निर्माण होता है तो नर युग्मक x तथा y दो प्रकार के उत्पन्न होते हैं। जबकि मादा युग्मक सिर्फ x प्रकार की ही होती है। निषेचन की क्रिया में जब x शुक्राणु (sperm), x अण्डा (ovum) से मिलेगा तो संतान (xx) मादा होगी और यदि y शुक्राणु, x अण्डा से मिलेगा तो संतान (x y) नर होगी।
22 + 22 + x y = नर शिशु = लड़का
22 + 22 + x x = मादा शिशु = लड़की
उपरोक्त वर्णन के अनुसार मनुष्य में लिंग निर्धारण के लिए पुरूष अर्थात पिता का Y गुणसुत्र जिम्मेवार होता है। इसलिए संतान के लिंग निर्धारण में अहम भूमिका पिता की है। इसी के क्रोमोसोम पर यह निर्भर करेगा कि संतान लड़की होगी या लड़का होगा।
प्रश्न 7.
‘आनुवांशिक विज्ञान के जनक’ का पूरा नाम लिखिए। प्रभावी ज्रथा अप्रभावी लक्षणों से क्या समझते हो ? उदाहरण सहित समझाइए। ‘स्वतंत्र अपव्युहन सिद्धान्त’ नियम का उल्लेख कीजिए।
अथवा
‘आनुवांशिक विज्ञान के जनक’ का पूरा नाम लिखिए। मेंडल ने मटर के पौधे पर प्रभावी एवं अप्रभावी गुणों को कैसे समझाया ?
अथवा
आनुवंशिकता में प्रभावी तथा अप्रभावी लक्षणों से तुम क्या समझते हो? उदाहरण के साथ व्याख्या करो।
उत्तर :
आनुवांशिक विज्ञान के जनक का पूरा नाम ग्रेगर जॉन मेण्डल है।
प्रभावी लक्षण (Dominant Character), मेंडल ने मटर के पौधे के अनेक विकल्पी लक्षणों का अध्ययन किया, जैसे लंबे एवं बौने पौधे, गोल एवं झुर्रीदार बीज, सफेद एवं बैंगनी फूल आदि। इससे प्राप्त संतति पीढ़ी के पौधों के प्रतिशत की गणना की। उदाहरण के तौर पर, लंबे एवं बौने पौधे के बीज परागण के बाद जो बीज उत्पन्न हुए, उनसे उत्पन्न सारे पौधे लंबे एवं बौने पौधे के बीज परागण के बाद जो बीज उत्पन्न हुए, उनसे उत्पन्न सारे पौधे लंबे नस्ल के हुए। इस पीढ़ी के पौधों को मेंडल ने प्रथम संतति (F1) कहा। इससे यह पता चला कि दो लक्षणों में से केवल एक पैतृक जनकीय लक्षण F1 पीढ़ी में परिलक्षित होते हैं। यानी लंबेपनवाला गुण बौनेपन पर प्रभावी था, अतः बौनेपन का गुण मौजूद होने के बावजूद पौधे लंबे ही हुए। इसे ही प्रभावी लक्षण (Dominant Character) कहा जाता है।
अप्रभावी लक्षण (Recessive Character) : अब F1 पीढ़ी के पौधों के बीज स्व-परागण कराकर F2 पीढ़ी तैयार की गई। इस दूसरी पीढ़ी के सभी पौधे लंबे नहीं थे, वरन उनमें से एक-चौथाई संतति बौने पौधे थे। इससे यह पता चलता है कि F, पौधों द्वारा दोनों लक्षणों (लंबा एवं बौना) की वशानुगति हुई। इससे यह प्रतीत होता है कि जो लक्षण F, पीढ़ी में दिखाई नहीं पड़ते हैं वे अप्रभावी हैं, लेकिन अगली पीढ़ी में इनका पृथककरण हो जाता है।
सकरण क्रिया के बाद उत्पन्न होने वाली पहली पीढ़ी में विपरीत गुणों में से एक लक्षण उपस्थित रहते हुए भी प्रगट नहीं होता है, उसे अप्रभावी लक्षण (Recessive Character) कहा जाता है।
‘स्वतंत्र अपव्युहन सिद्धान्त’ : जब किसी क्रॉस में दो लक्षणों के विरोधी कारक भाग लेते हैं तो वियोजन के समय दोनों जोड़े एक दूसरे से पूर्ण स्वतंत्र होते हैं। यह नियम द्विगुण संकरण (Dihybrid Cross) पर आधारित है।
प्रश्न 8.
कभी-कभी पिता एवं माता दोनों सामान्य रहते हैं। किन्तु उनकी संतानें वर्णांध होती हैं। यह कैसे संभव है – वर्णन करो।
उत्तर :
वर्णाधिता (Colour blindness) : वर्णाधता x-गुणसूत्र से संबंधित रोग है। वर्णाधता सामान्य दृष्टि के प्रति अप्रभावी होता है। पिता अपने x-क्रोमोसोम को अपनी पुत्री में संचारित करता है, परन्तु पुत्र में संचारित नहीं करता है। जबकि माता x-क्रोमोसोम को पुत्र तथा पुत्री दोनों में संचारित करती है। इसके फलस्वरूप माता से उत्पन्न संताने वर्णाध होती हैं, जबकि पिता वर्णांध हो या न हो। यदि पिता सामान्य दृष्टि वाला है तो सभी लड़कियों की सामान्य दृष्टि होगी, चाहे माता को वर्णाधता क्यों न हो।
प्रश्न 9.
एक संकर संकरण क्रिया से क्या समझते हो ? मेण्डल के आनुवांशिकता के दो नियमों को लिखो।
उत्तर :
एक संकर संकरण क्रिया (Monohybrid Cross) : वह संकरण जिसमें केवल एक जोड़ी विरोधी लक्षण भाग लेते हैं, एक संकर संकरण क्रिया कहलाती है। जैसे – लम्बा (TT), बौना (tt)।
मेण्डल का आनुवांशिकता का नियम :-
प्रथम नियम :- पृथक्करण का नियम (Law of segregation) : जब किसी क्रॉस में एक जोड़ी विकल्पी लक्षण भाग लेते हैं तब ये विकल्पी लक्षण आपस में नहीं मिलते हैं बल्कि ये दोनों अगली पीढ़ी में ऐक दूसरे से अलग हो जाते हैं।
दूसरा नियम :- स्वतंत्र अपव्युहन का सिद्धान्त (Law of dependant assortment) : जब किसी क्रॉस में दो जोड़ी विरोधी लक्षणों के कारक भाग लेते हैं तो वियोजन के समय दोनों जोड़े एक दूसरे से पूर्ण स्वतंत्र होते हैं। यह नियम द्विसंकर संकरण क्रिया (Dihybrid Cross) पर आधारित है।
प्रश्न 10.
मटर के पौधे में मेण्डल के द्विसंकर संकरण के प्रयोग का वर्णन चेकर बोर्ड की सहायता से करें।
अथवा
द्विसंकरण संकरण क्रिया क्या है ? एक पीले गोल बीज वाला (Yy Rr) संकर मटर पौधा किस प्रकार के गैमिट उत्पन्न कर सकता है? मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए मटर के पौधों का चुनाव क्यों किया?
अथवा
मटर पौधे में द्विसंकर संकरण चेकर बोर्ड की सहायता से परिणाम सहित समझाइए।
उत्तर :
द्विसंकर संकरण क्रिया (Dihybrid Cross) : जब दो जोड़ी विरोधी लक्षण के बीच संकरण की क्रिया करायी जाती है तो यह द्विसंकर संकरण क्रिया कहलाती है। जैसे पीला गोल बीज और हरा झूरीदार बीज के बीच का संकरण मेण्डल ने अपने द्विसंकर संकरण क्रिया में एक शुद्ध गोल बीज और पीले बीजपत्रक युक्त मटर के पौधे (RRYY) तथा एक शुद्ध झुर्रीदार बीज और हरे बीजपत्रक युक्त (ryy) पौधे के बीच संकरण कराया। F, पीढ़ी में केवल गोल बीज तथा पीले बीजपत्रक युक्त मटर के पौधे (RrYy) प्राप्त हुए।
मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए मटर के पौधों का चुनाव किया क्योंकि –
- मटर का पौधा एकवर्षीय (Annual) पौधा है जिसके कारण प्रयोग का परिणाम कम समय में ही प्राप्त हो जाता है।
- इस पौधे में विपरीत लक्षणों के अनेक जोड़े उपस्थित होते हैं।
- इसके फूल पूर्ण तथा उभयलिंगी होते हैं।
- फूल के नर तथा मादा भाग एक ही समय पर परिपक्व होते हैं, अतः स्वपरागण आसानी से हो जाता है।
- पुष्प के जनन भाग अपेक्षाकृत काफी स्पष्ट होते हैं, अतः उन पर प्रयोग तथा परीक्षण सुविधाजनक होता है।
F2 पीढ़ी का चेक्कर बोर्ड :
फिनोटाइप और जीनोटाइप
F1 पीढ़ी के पौधों में स्वपरागण के फलस्वरूप F2 पीढ़ी में चार प्रकार के पौधे प्राप्त हुए।
(a) गोल पीले (RRYY), (b) गोल हरे (RRyy), (c) झुर्रीदार पीले (rrYY), (d) झुर्रीदार हरे (rryy) जिनका फिनोटाइप अनुपात 9 : 3 : 3 : 1 तथा जीनोटाइप अनुपात 1 : 2 : 2 : 4 : 1 : 2 : 1 : 2 : 1 था। इस प्रयोग के आधार पर मेण्डल ने अपना द्वितीय नियम स्वतंत्र अपव्युहन का सिद्धान्त प्रतिपादित किया।
प्रश्न 11.
आनुवांशिक-परामर्श क्या है ? इसके तीन महत्व लिखें। 2 + 3
उत्तर :
आनुवांशिक परामर्श (Genetic Counselling) : इस शाखा में सामाजिक स्वास्थ्य संबंधी तात्कालिक एवं व्यावहारिक निवारक कमों का अध्ययन आनुवांशिक विकृतियों के संबंध में किया जाता है। संबंधित परामर्शदाता को चिकित्सकीय आनुवांशिकीविद कहा जाता है तथा वह वशानुगत दोषों, विकिरण समस्याओं (हैजार) तथा जीव वैज्ञानिक युद्ध सामग्री के कारण उत्परिवर्ती विषाणुक प्रभेदों (म्यूटेंट वायरल स्ट्रेन्स) के संबंध में कार्य करता है। कुछ नयी औषधियाँ जिनमें कैंसर निवारक दवाएँ भी शामिल हैं, उत्परिवर्तन के कारण आनुवांशिक समस्याएँ पैदा कर सकती हैं तथा ये भी परामर्शदाता के कार्यक्षेत्र में आती हैं।
महत्व :
- विवाह के पहले लड़का और लड़की दोनों के लिंग संलग्न बिमारी की जानकारी देना।
- यदि एक में भी लिंग सम्बन्धी बिमारी है तो उन्हें विवाह करने से मना कर देना।
- यह स्पष्ट कर देना कि आपलोग यदि विवाह करेंगे और संतान होगा तो वह रोग से ग्रसित होगा जो आप लोगों और समाज के लिए एक समस्या उत्पन्न होगी।
प्रश्न 12.
अपूर्ण या आंशिक प्रभाविता किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित चेकर बोर्ड की सहायता से अपूर्ण प्रभाविता का उल्लेख कीजिए। 2 + 3
अथवा
आंशिक प्रभावित क्या है ?उदाहरण सहित समझाइए।
अथवा
अपूर्ण प्रभाविता का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर :
अपूर्ण प्रभाविता (Incomplete Dominance ) : अपूर्ण प्रभाविता की खोज कार्ल कोरेन्स (Carl Correns, 1903) ने की। जब उन्होंने मिरेबिलिस जलापा (Mirabilis Jalapa – Japanese Four O’ clock plant – गुलाबाँस) के एक लाल फूलों वाले पौधे के और सफेद फूल वाले शुद्ध नस्ली पौधे से संकरण किया तो पीढ़ी के (संकर अर्थात् विषमयुग्मजी पौधों मे लाल रंग के नहीं, वरन् गुलाबी रंग के फूल खिले। फिर F2 पीढ़ी के 25 % पौधों में लाल रंग के, 50 % में गुलाबी रंग के तथा 25 % में सफेद रंग के फूल खिले।
इस प्रकार, F2 पीढ़ी में जीनरूपों एवं दृश्यरूपों का समान अनुपात, 1 : 2 : 1, रहा। इससे सिद्ध हुआ कि इस पौधे में फूलों के लाल रंग का लक्षण सफेद रंग के लक्षण के लिए पूर्णत: प्रभावी नहीं हैं। ऐसी अपूर्ण प्रभाविता के कई अन्य दृष्टान्त अन्य वैज्ञानिकों को मिले। उदाहरणार्थ, ऐन्डैलूसियन मुर्गी (Andalusian fowls) में परों का काला रंग इसके सफेद चित्तीदार (white splashed) रंग पर प्रभावी (dominant) होता है, लेकिन F1 वर्णसंकर सदस्यों में पर नीले होते हैं। अतः काले रंग की प्रभाविता अपूर्ण होती है।
प्रश्न 13.
थैलेसीमिया बिमारी में मानव शरीर के कौन तीन अंग क्षतिग्रस्त होते हैं ? वंशानुगत बिमारियों के रोकथाम में काउन्सिलिंग की भूमिका क्या है ? 3 + 2
उत्तर :
थैलेसिमिया रोग में क्षतिग्रस्त होने वाले तीन अंगों का नाम :- (i) हदय (ii) यकृत (iii) अन्तः ख्रावी तंत्र वंशानुगत रोगों के बचाव में काउन्सिलिंग की भूमिका :-यह समाज की भलाई में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। शादी से पहले लड़का-लड़की को आंनुवाशिक सलाहकार से मिलकर यह जानकारी प्राप्त कर लेना जरूरी है कि उन्हें कोई वशानुगत रोग है या नहीं है। सलाहकार यह उन्हें बता देगा कि ये रोग यदि आप दोनो को या एक को भी है तो यह किस प्रकार से आप लोगों के संतान में स्थानान्तरित हो सकता है। इसलिए आप दोनों शादी न करके ऐसे बच्चों को न उत्पन्न करें। इस प्रकार आपलोग समाज की भलाई में योगदान कीजिए।
प्रश्न 14.
हिमोफिलिया किसे कहते हैं? वर्णान्धता के कारण का विस्तार से उल्लेख कीजिए। 2+3
अथवा
हिमोफिलिया से क्या समझते हैं ? सामान्य मनुष्य के लड़का और लड़की का जीनोंटाइप क्या होगा, यदि वो हिमोफीलिया बाहक महिला से विवाह करता है, तो वर्णाधिता से महिला के अपेक्षा पुरुष ज्यादा प्रभावीत क्यों होता है ?
अथवा
हिमोफिलिया तथा वर्णाधिता का संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर :
हिमोफिलिया (Haemophilia) : हिमोफिलिया लिंग गुणसूत्र से सम्बन्धित आनुवांशिक रोग है जिसमें मनुष्य में रक्त के जमने की क्षमता नहीं के बराबर होती है। इस रोग के कारण शरीर के किसी कटे भाग से रक्त प्रवाह लगातार होता रहता है। हिमोफिलिया आरम्भ में पुरुषों को प्रभावित करता है, परन्तु स्तियो द्वारा संचारित होता है। यह रक्त जमने के कारक एण्टिहिमोफिलिक ग्लोब्युलिन (Antihaemophilic globulin) की कमी के कारण होता है, जो x-क्रोमोसोम के विशिष्ट जीन से संबंधित रहता है। इसके फलस्वरूप रक्त जमने में बहुत देरी होती है। शरीर से यदि लगातार रक्त का प्रवाह होता है तो व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।
वर्णांधता (Colour blindness) : वर्णाधता x-गुणसूत्र से संबंधित रोग है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति लाल तथा हरे रंग की पहचान नहीं कर सकता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों की आँख के रेटिना में शंकु कोशिकाओं (Cone Cells) की संख्या कम हो जाती है। Cone Cells में वर्णक नहीं होने के कारण उन्हें रंग भेद की जानकारी नहीं हो पाती है। यह रोग वर्णाधता (Colour blindness) कहलाता है। वर्णाधता सामान्य दृष्टि के प्रत्ति अप्रभावी होता है।
पिता अपने x क्रोमोसोम को अपनी पुत्री में संचारित करती है, परन्तु पुत्र में संचारित नहीं करता है। जबकि माता x-क्रोमोसोम को पुत्र तथा पुत्री दोनों में संचारित करता है। इसके फलस्वरूप माता से उत्पन्न संताने वर्णाध होती है, जबकि पिता वर्णाध हो या न हो। यदि पिता सामान्य दृष्टि वाला है तो सभी लड़कियों को सामान्य दृष्टि होगी, चाहे माता को वर्णाधता क्यों न हो। जब सामान्य दृष्टि वाली खी का विवाह वर्णांध पुरुष के साथ होता है तो F1 पीढ़ी में सभी पुत्र सामान्य दृष्टि वाले तथा सभी पुत्रियाँ वर्णाधावक होती हैं।
प्रश्न 15.
फिनोटाइप तथा जीनोटाइप क्या हैं ? यदि एक शुद्ध गोल बीज तथा पीले बीज पत्रक युक्त मटर के पौधे के बीच संकरण कराया जाता है तो F2 पीढ़ी में पौधे का जीनोटाइप क्या होगा? इस द्विसंकर संकरण क्रिया में फिनोटाइप अनुपात क्या होगा ?
उत्तर :
फिनोटाइप (Phenotype) : किसी सजीव के दिखाई पड़ने वाले गुण को फिनोटाइप कहते हैं। जैसेलम्बा, बौना आदि।
जिनोटाइए (Genotype) : किसी सजीव के जीन की संरचना द्वारा निर्धारित लक्षणों को जीनोटाइप कहते हैं। मेण्डल ने अपने द्विसंकर संकरण क्रिया में एक शुद्ध गोल बीज तथा पीले बीजपत्रक युक्त मटर के पौधे (YYRR) तथा एक शुद्ध झुर्रीदार बीज तथा हरे बीजपत्रक युक्त मटर के पौधे (yy rr) पौधे के बीच संकरण कराया तो F, पीढ़ी में केवल गोल बीज तथा पीले बीजपत्रक युक्त मटर के पौधे (R r Y y) प्राप्त हुए। F, पीढ़ी के पौधों में स्वपरागण के फलस्वरूप F2 पीढ़ी में चार प्रकार के पौधे प्राप्त हुए।
(a) गोल पीले (RRYY)
(b) गोल हरे (RRyy)
(c) झुर्रीदार पीले (rryy)
(d) झुर्रीदार हरे (rryy)
जिनका फिनोटाइप (Phenotype) अनुपात 9 : 3 : 3 : 1 तथा जीनोटाइप अनुपात 1 : 2 : 2 : 4 : 1 : 2 : 1 : 2 1 है।
प्रश्न 16.
द्विसंकरण से क्या समझते हो ? मेण्डल के आनुवांशिकता के दो नियों को लिखो।
उत्तर :
द्विसंकरण (Dihybrid Cross) : दो जोड़े विपरीत लक्षणों के मध्य संकरण कराकर संकर उत्पन्न करने की क्रिया को द्विसकरण कहते हैं। जैसे- लम्बे तथा लाल फूल वाले पौधे तथा बौने और सफेद फूल वाले पौधों के बीच होने वाला संकरण।
मेण्डल का आनुवांशिकता का नियम :-
प्रथम नियम :- पृथक्करण का नियम (Law of segregation) : जब किसी क्रॉस में एक जोड़े विकल्पी लक्षण भाग लेते हैं तब ये विकल्पी लक्षण आपस में नहीं मिलते हैं, बल्कि अगली पीढ़ी में ये एक दूसरे से अलग हो जाते हैं।
दूसरा नियम :- स्वतंत्र अपव्युहन का सिद्धान्त (Law of independent assortment) : जब किसी क्रॉस में दो लक्षणों के विरोधी कारक भाग लेते हैं तो वियोजन के समय दोनो जोड़े एक दूसरे से पूर्ण स्वतंत्र होते हैं।
प्रश्न 17.
संकर क्या है ? यदि एक संकर काले बाल वाले गिनीपिग तथा सफेद बाल वाले गिनीपिग के बीच संकरण कराया जाता है तो पहली पीढ़ी (F1 Generation) में गिनीपिग का फिनोटाइप एवं जीनोटाइप क्या होगा- कारण सहित व्याख्या करो ?
अथवा
गिनीपिग में एक संकर संकरण का वर्णन परिणाम सहित कीजिए।
अथवा
यदि एक संकर काले बाल वाले गिनीपिग तथा सफेद बाल वाले गिनीपिग के बीच संकरण कराया जाता है तो पहली पीढ़ी (F1 Generation) में गिनीपिग का फिनोटाइप एवं जीनोटाइप क्या होगा ? चेकर बोर्ड की सहायता से लिखें।
उत्तर :
संकर (Hybrid) : एक लक्षण के दो विपरीत कारको वाले जनकों के क्रॉस से उत्पन्न होने वाली संतान को संकर (Hybrid) कहते हैं। एक संकरण क्रिया को स्पष्ट करने के लिए मेण्डल ने काले बाल वाला नर तथा सफेद् बाल वाली मादा गिनीपिग का चुनाव किया। अब अगर काले तथा सफेद बालों वाले इन दोनों जीवों को क्रॉस कराया जाय, तो इसके द्वारा बनने वाले गैमिट ही संयोग करेंगे। इस तरह दोनों नर तथा मादा जीवों के गैमिट के मिलने से प्रथम पीढ़ी ( F1 generation) में उत्पन्न सभी जीव काले रंग के होंगे।
इसका कारण यह है कि काला रंग प्रभावी होने के कारण सफेद रंग को छिपा लेता है। काला रंग ही प्रभावी लक्षण होता है।
F2 पीढ़ी का चेकर बोर्ड :
प्रश्न 18.
गीनिपिग के क्षेत्र में द्विगुण संकरण तथा मेण्डल का दूसरा नियम को कॉस चेकर बोर्ड की सहायता से लिखें। F2 पीढ़ी में फिनोटाइप और जीनोटाइप का अनुपात क्या होगा ?
उत्तर :
द्विसंकर संकरण (Dihybrid cross) : द्विसंकर संकरण (Dihybrid cross) में गिनीपिग के दो जोड़े विरोधी लक्षणों (constrasting characters) को ध्यान में रखा जाता है। इसके लिए एक काले रंग और झबरे बालों वाले नर (PPRR) तथा एक सफेद रंग और चिकने बालों वाली मादा (pprr) गिनीपिग का चुनाव किया जाता है और उनके बीच संकरण (cross) कराया जाता है। इन विरोधी लक्षणों में से काला रंग, सफेद रंग पर और झबरापन, चिकनेपन पर प्रभावी (dominant) होता है। इनके संकरण (cross) से पहली पीढ़ी (F1) में सभी काले और झबरे रंग के गिनीपिग उत्पन्न होते हैं, जबकि उनके अन्दर सफेद और चिकनेपन के जीन भी मौजूद रहते हैं। किन्तु अप्रभावी (recessive) होने के कारण ये लक्षण प्रकट नहीं हो पाते हैं। पहली पीढ़ी (F1) में उत्पन्न गिनीपिग को आपस में संकरण (cross) कराने से दूसरी पीढ़ी (F2) में 16 प्रकार के भिन्न-भिन्न गिनीपिग उत्पन्न होते हैं। इनमें काले झबरे और काले चिकने, सफेद झबरे और सफेद चिकने गिनीपिग का अनुपात 9 : 3 : 3 : 1 रहता है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि आनुवांशिक लक्षणों के जीन परस्पर स्वतंत्र होते हैं और स्वतंत्र रूप से बिना किसी निध्चित क्रम के दूसरे जीन से संयोग कर सकते हैं। यहाँ भी मेण्डल के नियम लागू होते हैं।
F2 पीढ़ी का चेक्कर बोर्ड :
F2 पीढ़ी में फिनोटाइ़प और जिनोटाइप का अनुपात :
फिनोटाइप अनुपात 9: 3: 3: 1 तथा जीनोटाइप अनुपात 1 : 2 : 2 : 4 : 1 : 2 : 1 : 2 : 1 होगा।
प्रश्न 19.
मेण्डल के एक संकरण क्रिया में प्राप्त फिनोटाइप तथा जीनोटाइप अनुपात की व्याख्या करो। मेण्डल के नियोजन के सिद्धान्त का उल्लेख करो।
उत्तर :
मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए एक शुद्ध लम्बा (TT) तथा एक शुद्ध बौना (tt) पौधों में परपरागण कराकर उनके बीजों को बोया। F1 पीढ़ी में मेण्डल ने सभी पौधों को लम्बा पाया परन्तु वे संकर लम्बे थे और उनका जीनोटाइप (T t) था। इससे मेण्डल इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि विकल्पी लक्षणों के एक जोड़े में एक लक्षण प्रभावी तथा दूसरा लक्षण अप्रभावी होता है। प्रभावी लक्षण अप्रभावी लक्षण को द्बा देता है। फलत: आप्रभावी लक्षण बौनापन प्रकट नहीं हो पाता है।
इसके बाद मेण्डल ने F1 पीढ़ी के दो पौधों के बीच संकरण कराया तो मेण्डल ने पाया कि F2 पीढ़ी में लम्बे तथा बौने पौधे क्रमशः 3 : 1 के अनुपात में थे। इसमें 25 % शुद्ध लम्बे (TT), 50 % संकर लम्बे (Tt) तथा 25 % शुद्ध बौने (tt) थे। यहाँ इसका फिनोटाइप अनुपात 3: 1 तथा जीनोटाइप अनुपात 1 : 2 : 1 था। इससे मेण्डल ने नियोजन का नियम निकाला। इसके अनुसार जब किसी क्रॉस में एक जोड़े विकल्पी लक्षण भाग लेते हैं तब ये विकल्पी लक्षण आपस में नहीं मिलते हैं। बल्कि ये दोनों अगली पीढ़ी में एक दूसरे से अलग हो जाते हैं।
प्रश्न 20.
मेण्डल का दूसरा नियम लिखिए। एक संकरण क्रिया का प्रयोग एक शुद्ध लम्बे (TT) तथा एक शुद्ध बौने (tt) मटर के पौधे के बीच कराने के पश्रात् पहली पीढ़ी (F1) में क्यों केवल लम्बे मटर पौधे उत्पत्र होते हैं ? समझाइये। उसी संकरण में दूसरी पीढ़ी (F2) का जीनोटाइप अनुपात क्या है ?
उत्तर :
मेण्डल का दूसरा नियम : मेण्डल का दूसरा नियम स्वतंत्र अपव्युहन का सिद्धान्त (Law of independant assortment) कहलाता है। जब किसी संकरण में दो लक्षणों के विपरीत कारक भाग लेते हैं तो एक लक्षण का पृथक्करण दूसरे लक्षण के पृथक्करण से स्वतंत्र होता है।
मेण्डल ने एक संकरण क्रिया में एक शुद्ध लम्बा (TT) तथा एक शुद्ध बौना (tt) पौधे के बीच क्रॉस कराया। इस क्रॉस के फलस्वरूप समान लम्बे पौधे उत्पन्न हुए। इस प्रकार प्रथम पीढ़ी (F1) में उत्पन्न सभी संकर पौधों में लम्बे तथा बौने का लक्षण उपस्थित था परन्तु लम्बे कारक द्वारा बौने कारक अर्थात् बौनेपन का गुण प्रकट नहीं हो पाता। अतः लम्बे लक्षण को प्रभावी लक्षण तथा बौने लक्षण को अप्रभावी लक्षण कहा जाता है।
दूसरी पीढ़ी का जीनोटाइप अनुपात (TT : Tt : tt) अर्थात् 1: 2: 1 है।
प्रश्न 21.
मेणडल की सफलता के पीछे क्या कारण है ?
अथवा
मेन्डल की सफलता के प्रमुख कारण क्या थे?
उत्तर :
मेण्डल की सफलता के कारण निम्नलिखित हैं –
1. मेण्डल ने विभिन्न लक्षणों के कारकों को लेकर अपना प्रयोग दोहराया तथा प्रत्येक प्रयोग में समान परिणाम प्राप्त हुआ।
2. मटर के पौधों में प्रजनन की प्रचूर क्षमता के कारण मेण्डल ने F1, F2 पीढ़ी तक अपने प्रयोग को सफलतापूर्वक संचालित कर निरीक्षण द्वारा गणितीय निष्कर्ष प्राप्त करते रहे।
3. अपने प्रयोग के लिए मटर के पौधों को ही आधार मानकर प्रयोग करते रहे।
4. विभिन्न प्रयोगों से प्राप्त सांख्कीय आँकड़ों के आधार पर निष्कर्ष की परिकल्पना कर अपने सिद्धान्तों को प्रतिपादित किया।
प्रश्न 22.
आनुवांशिकता से क्या समझते हो ? उदाहरण सहित बताओ। मेण्डल के एक संकरण क्रिया की सहायता से फिनोटाइप तथा जीनोटाइप की व्याख्या करो।
उत्तर :
आनुवांशिकता (Heredity) : सजीवों का वह गुण जिसके कारण उसकी उत्पन्न संतानें अपने माता-पिता के समान होती है उसे आनुवांशिकता कहते हैं। जैसे किसी घोड़े से उत्पन्न बच्चा घोड़े की तरह ही होता है। गदहे का बच्चा गदहे की तरह ही होता है। आम के बीज से उत्पन्न पौधा आम की तरह ही होता है।
फिनोटाइप (Phenotype) : जीन्स की रचना सम्बन्धी संरचना (Genetic constitution) भिन्न होते हुए भी जीवों की बाह्य आकृति एवं गुण समान होने पर इसे समलक्षणी या फिनोटाइप कहते हैं। जैसे- एक संकरण क्रिया में जब लाल तथा सफेद फूलों के बीच क्रॉस कराया जाता है तो F1 पीढ़ी में सारे फूल लाल रंग वाले ही होते हैं, जबकि लाल फूलों में सफेद फूलों के genes भी होते हैं।
जीनोटाइप (Genotype) : समान genes संरचना वाले जीवों को समजीवी या जीनोटाइप कहते हैं। ऐसे जीव शुद्ध नस्ल (pure breed) वाले कहलाते हैं।
जैसे – एक संकरण क्रिया में जब लाल तथा सफेद फूलों के बीच क्रॉस कराया जाता है तो F1 पीढ़ी के सारे फूल लाल रंग के होते हैं। पुन: उनमें जब स्वपरागण (Self Pollination) कराकर नये पौधे F2 पीढ़ी में उत्पन्न किये जाते हैं तो तीन पौधे लाल फूल वाले तथा एक पौधा सफेद फूल वाला होता है। अर्थात् फिनोटाइप इसका अनुपात 3: 1 होता है परन्तु gene की समानता के आधार पर यह अनुपात 1 : 2 : 1 का होता है। अर्थात् genotype ratio 1: 2: 1 होता है।
प्रश्न 23.
आनुवांशिक रोग क्या है? आनुवांशिक रोगों के कारण क्या हैं ?
उत्तर :
आनुवांशिक रोग (Genetic disease) : वह रोग जिसका स्थानान्तरण पीढ़ी-दर-पीढ़ी जनकों से उनकी संतानों में संचारित होता रहता है, उसे आनुवांशिक रोग कहा जाता है। बच्चों में यह अवस्था या इसके लक्षण जन्म के समय से ही उपस्थित रहते हैं।
आनुवांशिक रोग के कारण : जीवों में संतान की उत्पत्ति नर के शुक्राणु तथा स्त्रियों के अण्डकोशिका के संयोग से होती है। शुक्राणु तथा अण्डकोशिका दोनों में केन्द्रक सूत्र रहते हैं। इन केन्द्रक सूत्र में उपस्थित जीन के स्वभाव के आधार पर संतान के मानसिक तथा शारीरिक गुण तथा दोष निश्धित होते हैं। जीन में से एक या कुछ के दोषयुक्त होने के कारण संतानों में भी दोष होता है। कुछ दोषों में से कोई रोग नहीं होता है, केवल संतान का शारीरिक गठन इस प्रकार का होता है कि उसमें विशेष प्रकार के रोग जल्द ही पैदा हो जाते हैं।
प्रश्न 24.
मेण्डल के एक संकरण क्रिया की व्याख्या उदाहरण सहित करो।
अथवा
मेन्डल के एक संकरण प्रयोग का अति संक्षिप्त वर्णन करें।
अथवा
मटर के पौधे में एक संकर संकरण चेकर बोर्ड की सहायता से परिणाम सहित समझाइए।
अथवा
मेंडल के एक संकर संकरण का एक उदाहरण दो तथा चेकर बोर्ड की सहायता से दिखाओ।
उत्तर :
मेण्डल ने एक संकरण क्रिया के लिए मटर के एक बैंगनी फूल वाला तथा एक सफेद फूल वाला पौधे का चुनाव किया। अब उन्होंने बारी-बारी से दोनों पौधों के बीच कृत्रिम रूप से क्रॉस कराया। सर्वप्रथम उन्होंने बैंगनी फूल वाले पौधे के परागकण को सफेद फूल वाले stigma के ऊपर एवं सफेद फूल वाले पौधे के परागकण को बैंगनी फूल वाले पौधे के stigma पर छिड़ककर उसे रूई से ढक दिया। इन दोनों पौधों के बीजों को इकट्ठा करके जब उगाया गया तो पाया कि सारे के सारे पौधे के फूल बैंगनी रंग के हुए। इनको उन्होंने प्रथम पीढ़ी (F1 पीढ़ी) कहा तथा इनमें आपस में ही क्रॉस कराया।
अब इन F1 पीढ़ी से प्राप्त बीजों को पुन: उगाया तो पाया कि सारे के सारे उत्पन्न चौथाई पौधों के फूल बैंगनी रंग वाले तथा एक चौथाई पौधों के फूल सफेद रंग वाले हुए। इस generation को मेण्डल ने F2 generation कहा। अब जब F2 generation से प्राप्त बीजों को उगाया तो इन्होंने पाया कि 3 / 4 बैंगनी फूलों वाले पौधों में से 1 / 3 शुद्ध बैंगनी तथा 2 / 3 संकर बैंगनी फूलों वाले पौधे हुए तथा 1 / 4 शुद्ध सफेद रहा। मेण्डल ने 3 / 4 बैंगनी तथा 1 / 4 सफेद वाले अनुपात को फिनोटाइप तथा जीन की रचना के आधार से लिये गये अनुपात को जीनोटाइप कहा। अर्थात् phenotype ratio 3: 1 तथा genotype ratio 1: 2: 1 रहा।
इसको checker board या punnet square के रूप में भी लिखा जा सकता है।
प्रश्न 25.
थैलासिमिया क्या है ? थैलासिमिया के बचाव में आनुवांशिक काउन्सिलिंग की भूमिका क्या है ?
उत्तर :
थैलासीमिया : थैलासीमिया बच्चों को माता-पिता से आनुवांशिक तौर पर मिलने वाला रोग है। इस रोग में शरीर में बनने वाला हीमोग्लोबिन निर्माण की क्रिया में गड़बड़ी हो जाती है जिसके कारण रक्तक्षीणता के लक्षण प्रकट होते हैं। इस रोग से पीड़ित बच्चों के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है, जिसके कारण बच्चों के शरीर में बाहर से रक्त चढ़ाने की आवश्यकता हो जाती है।
आनुवांशिक काउन्सिलिंग (Genetic Counselling) : सामाजिक स्वास्थ्य समाधान संबंधी वह क्षेत्र जो आनुवांशिक समस्याओं पर सलाह देकर माता-पिता तथा उनकी संतानों को आनुवांशिक अनियमितताओं जैसे- थैलासिमिया, हिमोफीलिया, वर्णांधता इत्यादि रोगों से मुक्त होने में सहायता करता है, उसे आनुवांशिक काउन्सिलिंग (Genetic Counselling) कहते हैं।
आनुवांशिक काउन्सिलिंग में जैव रासायनिक सांख्किय, भौतिकीय आदि विभिन्न प्रकार के तकनीकों का प्रयोग करके वास्तविक रोगों का पता लगाया जाता है। इसका यह काउन्सिलिंग समाज की भलाई में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। विवाह पूर्व वर-वधू को आनुवांशिक काउन्सिलिंग करवाना चाहिए ताकि थैलासिमिया तथा अन्य आनुवांशिक रोगों की पहचान कर उचित सलाह लेना चाहिए। इससे विभिन्न प्रकार के आनुवांशिक रोगों का संचारण उनके संतानों में होने से बचा जा सकता है। थैलासिमिया से पीड़ित परिवार को शादी से बचना चाहिए अथवा आनुवांशिक काउन्सिलिंग से उचित सलाह लेना चाहिए।