Detailed explanations in West Bengal Board Class 10 Life Science Book Solutions Chapter 2A कोशिका विभाजन offer valuable context and analysis.
WBBSE Class 10 Life Science Chapter 2A Question Answer – कोशिका विभाजन
अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type) : 1 MARK
प्रश्न 1.
संपर्कयुक्त शब्दों का जोड़ा नीचे दिया गया है। पहले जोड़े के आधार पर, दूसरे जोड़े के खाली स्थान को उपयुक्त शब्द, से भरो : माइटोसिस : भूणमूल :: : स्पोर (जनन) मातृ कोशिका।
उत्तर :
मिओसिस
प्रश्न 2.
मनुष्य की पीढ़ी एकान्तरण में होने वाले एक परिवर्तन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
कर्णपिण्ड का संलग्न या स्वतंत्र होना।
प्रश्न 3.
सेन्ट्रोमियर का एक कार्य लिखिए।
उत्तर :
सेन्ट्रोमियर का कार्य क्रोमोजोम (गुणसूत्र) की गति का नियंत्रण एवं निर्देशन करना है।
प्रश्न 4.
जीन कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर :
गुण सूत्र पर जीन स्थित होता है।
प्रश्न 5.
DNA की इकाई क्या है ?
उत्तर :
न्यूक्लिओटाइड (Nucleotide)।
प्रश्न 6.
DNA में किस प्रकार का शर्करा पाया जाता है ?
उत्तर :
डिऑक्सी राइबोज शर्करा (Deoxy Ribose Sugar) या पेन्टोज शर्करा (Pentose sugar)।
प्रश्न 7.
अनुवांशिक लक्षणों का वाहक कौन है ?
उत्तर :
कोमोजोम (Chromosome)!
प्रश्न 8.
सेन्ट्रोसोम का केन्द्रक क्या कहलाता है ?
उत्तर :
सेन्ट्रिओल (Centriole)।
प्रश्न 9.
अनुनाभिक किसे कहते हैं ?
उत्तर :
केन्द्रिका (Nucleolus)।
प्रश्न 10.
कोशिका का मस्तिष्क कौन कहलाता है ?
उत्तर :
केन्द्रक (Nucleus) को।
प्रश्न 11.
केन्द्रक का पता सर्वप्रथम किसने लगाया ?
उत्तर :
राबर्ट बाउन (Robert Brown) ने।
प्रश्न 12.
माइटोसिस कोशिका विभाजन कहाँ होती है ?
उत्तर :
शारीरिक कोशिकाओं में (In Somatic Cells)।
प्रश्न 13.
किस कोशिका विभाजन के कारण क्रोमोजोम की संख्या पुत्री कोशिकाओं में मातु कोशिका की आधी हो जाती है ?
उत्तर :
मिओसिस (Meosis)।
प्रश्न 14.
किस प्रकार की कोशिका विभाजन में शारीरिक कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है ?
उत्तर :
माइटोसिस (Mitosis)।
प्रश्न 15.
जर्म कोशिका का प्रोटोप्लाज्म क्या कहलाता है ?
उत्तर :
जर्मप्लाज्म (Germplasm)।
प्रश्न 16.
जर्म कोशिकाएँ कहाँ पायी जाती है ?
उत्तर :
जनन अंगों में (Gonad)!
प्रश्न 17.
Cell cycle की किस अवस्था में DNA का संश्लेषण होता है ?
उत्तर :
संश्लेषण अवस्था (Synthesis Stage)।
प्रश्न 18.
अमीबा में द्विविखण्डन किस प्रकार का कोशिका विभाजन है ?
उत्तर :
एमाइटोसिस कोशिका विभाजन (Amitosis cell division)।
प्रश्न 19.
मिओटिक कोशिका विभाजन में कितनी पुत्री कोशिकाएँ पैदा होती है ?
उत्तर :
चार पुत्री कोशिकाएँ (Four daughter cells) ।
प्रश्न 20.
किस कोशिका विभाजन में केन्द्रक तथा कोशिका द्रव्य प्रत्यक्ष रूप में विभाजित होते हैं ?
उत्तर :
एमाइटोसिस (Amitosis)।
प्रश्न 21.
मानव शरीर की कोशिका में किस प्रकार का लिंग क्रोमोजोम पाया जाता है ?
उत्तर :
एलोसोम (Aliosome) or हीटेरोकोमोजोम (Heterochromosome)।
प्रश्न 22.
यदि पौधा के एक शारीरिक कोशिका में क्रोमोजोम की संख्या $2 n=24$ हो तो परागकण में क्रोमोजोम की संख्या क्या होगी ?
उत्तर :
12
प्रश्न 23.
कोशिका द्रव्य का विभाजंन क्या कहलाता है ?
उत्तर :
साइटोकाइनेसिस (Cytokinesis)।
प्रश्न 24.
केम्द्रक रहित एक परिपक्व मानव की शारीरिक कोशिका का नाम बताओ ।
उत्तर :
RBC
प्रश्न 25.
मिओसिस कोशिका विभाजन में एक केन्द्रक से कितने न्यूक्लिआई का निर्माण होता है ?
उत्तर :
चार (Four) ।
प्रश्न 26.
माइटोसिस के किस अवस्था में केन्द्रक झिल्ली दुबारा दिखाई पड़ती है ?
उत्तर :
टेलोफेज (Telophase)।
प्रश्न 27.
माइटोसिस के किस अवस्था में केन्द्रक झिल्ली गायब हो जाती है ?
उत्तर :
प्रोफेज अवस्था (Prophase stage)।
प्रश्न 28.
कोशिका विभाजन के किस अवस्था में क्रोमोसोम स्पाइण्डल के मध्य रेखीय क्षेत्र में सज जाते हैं?
उत्तर :
मेटाफेज (Metaphase)।
प्रश्न 29.
कोशिका विभाजन के किस अवस्था में क्रोमोसोम स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं ?
उत्तर :
मेटाफेज (Metaphase)।
प्रश्न 30.
किस अवस्था के बाद सइटोकाइनेसिस की क्रिया होती है ?
उत्तर :
टेलोफेज (Telophase)।
प्रश्न 31.
किस कोशिका विभाजन में प्रोफेज की अवस्था लम्बी होती है ?
उत्तर :
मिओसिस (Meiosis)।
प्रश्न 32.
परागकणों के निर्माण के समय में कौन सा कोशिका विभाजन होता है ?
उत्तर :
मिओसिस (Meiosis)।
प्रश्न 33.
कोशिका चक्र की अवधि क्या है ?
उत्तर :
16 घण्टे।
प्रश्न 34.
एक जन्तु में यदि क्रोमोजोम की संख्या $2 n=16$ है, तो प्रजनन कोशिका में क्रोमोजोम की संख्या क्या होगी ?
उत्तर :
8
प्रश्न 35.
गैमिट में क्रोमोजोम की संख्या क्या है ?
उत्तर :
एक गुणित (Haploid)।
प्रश्न 36.
किस प्रकार के कोशिका विभाजन में स्पीण्डल गठित नहीं होता है ?
उत्तर :
पादप के कोशिका विभाजन में (In cell division of plant)।
प्रश्न 37.
किस बिन्दु पर दो क्रोमैटिड्स आपस में जुड़े रहते हैं ?
उत्तर :
सेन्द्रोमियर (Centromere) नामक बिन्दु पर।
प्रश्न 38.
शारीरिक कोशिका में क्रोमोजोम की संख्या क्या है ?
उत्तर :
द्विगुणित।
प्रश्न 39.
एक बीज के इण्डोस्पर्म केन्द्रक में क्रोमोजोम की संख्या क्या है ?
उत्तर :
त्रिगुणित (Triploid [3n])
प्रश्न 40.
कोशिका विभाजन के समय तन्तु क्रोमोजोम के किस भाग से लगा रहता है ?
उत्तर :
सेन्ट्रोमियर (Centromere)।
प्रश्न 41.
किस विभाजन में केन्द्र दो बार विभाजित होता है ?
उत्तर :
मिओसिस (Meosis)।
प्रश्न 42.
मातु कोशिका से पुत्री कोशिका के निर्माण की क्रिया क्या कहलाती है ?
उत्तर :
कोशिका विभाजन (Cell division)।
प्रश्न 43.
क्रोमोसोम की खोज किसने और कब किया था ?
उत्तर :
क्रोमोसोम की सर्वप्रथम खोज स्ट्राँसबर्गर ने 1895 ई० में की थी।
प्रश्न 44.
न्यूक्लियोसोम किसे कहते हैं ?
उत्तर :
हिस्टोन की इकाइयाँ DNA द्वारा घिरी रहती है, इन्हें न्यूक्लियोसोम कहते है।
प्रश्न 45.
क्रोमैटिन कहाँ पाये जाते हैं ?
उत्तर :
क्रोमैटिन केन्द्रक के अन्दर डी एन ए में पाया जाता है।
प्रश्न 46.
जीन कहाँ स्थित रहता है ?
उत्तर :
डीएनए में।
प्रश्न 47.
किसने कहा था कि ‘जीन स्वजनन का अंतिम एकक है’?
उत्तर :
गाइडो पोण्टेकोर्वो (Guido pontecorvo)
प्रश्न 48.
RNA कहाँ पाये जाते हैं ?
उत्तर :
कोशिका द्रव्य में।
प्रश्न 49.
किस विधि द्वारा कोशिका के जीवनकाल का प्रदर्शन होता है ?
उत्तर :
कोशिका चक्र।
प्रश्न 50.
गुणसूत्र कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर :
केन्द्रक में।
प्रश्न 51.
किस कोशिका विभाजन द्वारा युग्मक का निर्माण होता है ?
उत्तर :
मिओसिस।
प्रश्न 52.
सेन्ट्रोमियर कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर :
क्रोमोसोम में।
प्रश्न 53.
किस कोशिका में कोशिका द्रव्य का विभाजन फारग्मोप्लास्ट द्वारा होता है ?
उत्तर :
पादप कोशिका।
प्रश्न 54.
लिंग गुणसुत्र (Sex Chromosome) क्या है ?
उत्तर :
वे क्रोमोजोम जिस पर लिंग निर्धारण करने वाले Genes उपस्थित रहते हैं उन्हें Sex chromosome कहते हैं।
प्रश्न 55.
जीन क्या है ? यह कहाँ स्थित रहता है ?
उत्तर :
आनुवांशिक लक्षणों की इकाई को जीन कहते हैं। जीन क्रोमोजोम पर लोकस (Locus) नामक रचना पर स्थित होता है।
प्रश्न 56.
जर्म प्लाज्म क्या है ?
उत्तर :
Germ Cell के साइटोप्लाज्म को जर्म प्लाज्म कहते हैं।
प्रश्न 57.
Centriole क्या है ?
उत्तर :
सेन्ट्रोसोम के केन्द्रक को सेन्ट्रीओल (Centriole) कहते हैं।
प्रश्न 58.
छोटी-नाभिक क्या है ?
उत्तर :
केन्द्रक में उपस्थित केन्द्रिका को छोटी-नाभिक (little nucleus) कहते हैं।
प्रश्न 59.
संतति नाभिक क्या है ?
उत्तर :
कोशिका विभाजन द्वारा निर्मित संतति कोशिकाओं की नाभिक को संतति नाभिक कहते हैं।
प्रश्न 60.
मेटाबोलिक केन्द्रक क्या है ?
उत्तर :
विभाजन के लिए तैयार केन्द्रक को metabolic nucleus कहते हैं।
प्रश्न 61.
K. P. R क्या है ?
उत्तर :
केन्द्रक तथा केन्द्रक द्रव्य के बीच स्थापित रचनात्मक सम्बन्ध को Kern Plasma Relation (KPR) कहते हैं।
प्रश्न 62.
RNA का कार्य क्या है ?
उत्तर :
RNA संदेशवाहक का कार्य करता है तथा प्रोटिन संश्लेषण में सहायता करता है।
प्रश्न 63.
क्रोमैटिड्स क्या हैं ?
उत्तर :
क्रोमोजोम दो सर्पिलाकार अक्ष तन्तुओं से मिलकर बना होता है। प्रत्येक तन्तु को कोमैटिड्स कहते हैं।
प्रश्न 64.
साइटोकाइनेसिस क्या है ?
उत्तर :
कोशिका विभाजन में साइटोप्लाज्म के विभाजन को साइटोकाइनेसिस (Cytokinesis) कहते हैं।
प्रश्न 65.
कैरियोकाइनेसिस क्या है ?
उत्तर :
कोशिका विभाजन में केन्द्रक के विभाजन को कैरियोकाइनेसिस (Karyokinesis) कहते हैं।
प्रश्न 66.
युकैरियोटिक कोशिका क्या है ?
उत्तर :
पूर्ण विकसित केन्द्रक युक्त कोशिका को यूकैरियोटिक कोशिका कहते हैं।
प्रश्न 67.
कोशिका विभाजन क्या है ?
उत्तर :
मातृ कोशिका से पुत्री कोशिकाओं के उत्पन्न होने की क्रिया को कोशिका विभाजन कहते हैं।
प्रश्न 68.
कोशिका विभाजन के समय क्रोमोजोम के किस भाग से तर्कु तन्तु जुड़ा रहता है ?
उत्तर :
कोशिका विभाजन के समय spindl fibre क्रोमोजोम के centromere से जुड़े रहते हैं।
प्रश्न 69.
माइटोसिस कोशिका विभाजन क्या है ?
उत्तर :
वह कोशिका जिसमें एक मातृ कोशिका से दो पुत्री कोशिकाओं की उत्पत्ति होती है, माइटोसिस कोशिका विभाजन कहते हैं।
प्रश्न 70.
Equatorial plate क्या है ?
उत्तर :
Spindle fibres के मध्य भाग पर क्रोमोजोम सुव्यवस्थित होकर एक प्लेटनुमा रचना का निर्माण करते हैं, इसे इक्वीटोरियल प्लेट कहते हैं।
प्रश्न 71.
माइटोसिस कोशिका विभाजन कहाँ होती है ?
उत्तर :
माइटोसिस कोशिका विभाजन पौधों के सभी वर्धी भागों में तथा जन्तुओं की शारीरिक कोशिका (Somatic cell) में होती है।
प्रश्न 72.
मिओसिस कोशिका विभाजन कहाँ होती है ?
उत्तर :
मिओसिस की क्रिया जनन अंगों (gonads) में होती है।
प्रश्न 73.
सेन्ट्रोमियर कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर :
सेन्ट्रामियर, क्रोमोजोम पर स्थित होता है।
प्रश्न 74.
मेटाफेज में क्रोमोजोम की स्थिति बताओ।
उत्तर :
मेटाफेज में क्रोमोजोम कोशिका के मध्य रेखीय क्षेत्र में पाया जाता है।
प्रश्न 75.
कोशिका विभाजन कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर :
कोशिका विभाजन तीन प्रकार की होती है –
(a) एमाइटोसिस (Amitosis)
(b) मिओसिस (Meiosis)
(c) माइटोसिस (Mitosis)।
प्रश्न 76.
कोशिका विभाजन की स्थिति में बिना सेन्ट्रोसोम वाली जन्तु कोशिका में क्या होगा ?
उत्तर :
सेन्ट्रासोम के बिना कोशिका विभाजन नहीं होगी।
प्रश्न 77.
उस क्रिया का नाम बताओ जिसमे सजीवों की शारीरिक कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है।
उत्तर :
माइटोसिस कोशिका विभाजन द्वारा सजीवों की शारीरिक कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है।
प्रश्न 78.
केन्द्रक तर्कु क्या है ?
उत्तर :
दोनों सेन्ट्रीओल के मध्य में भी एक spindle का निर्माण होता है जिसे केन्द्रक तर्कु (Central Spindle) कहते हैं।
प्रश्न 79.
दो जन्तु कोशिका का नाम बताओ जो विभाजित नहीं हो सकते हैं।
उत्तर :
तंत्रिका कोशिका (Nerve cell या Neuron) तथा पेशी कोशिका (Muscle Cell) में विभाजन नहीं होता है।
प्रश्न 80.
लैंगिक तथा अलैंगिक प्रजनन में कहाँ मिओसिस आवश्यक है ?
उत्तर :
लैंगिक प्रजनन के लिए मिओसिस आवश्यक है।
प्रश्न 81.
इन्टरकाइनेसिस क्या है ?
उत्तर :
प्रथम मिओटिक विभाजन तथा द्वितीयक मिओटिक विभाजन के बीच की अवधि को इन्टरकाइनेसिस (Interkinesis) कहते हैं।
प्रश्न 82.
क्रोमोजोम की द्विगुणित संख्या से क्या समझते हो ?
उत्तर :
सजीवों के शारीरिक कोशिकाओं में क्रोमोजोम जोड़े के रूप में मिलते है, जिसे द्वि-गुणित संख्या (Diploid number) कहते हैं।
प्रश्न 83.
मानव शरीर में माइटोसिस विभाजन कहाँ होता है ?
उत्तर :
युग्मक उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को छोड़कर शरीर के सभी अंगों की कोशिकाओं में माइटोसिस विभाजन होता है।
प्रश्न 84.
माइटोटिक उपकरण क्या है ?
उत्तर :
दोनों सेन्ट्रीओल, एस्टर किरणें तथा स्सिडल एक साथ मिलकर जिस रचना का निर्माण करते हैं, उसे माइटोटिक उपकरण कहते हैं।
प्रश्न 85.
उस निम्न श्रेणी के पौधों के नाम बताओ जिनमें एमाइटोटिक विभाजन होता है।
उत्तर :
निम्न श्रेणी के पौधे- जैसे- कारा, यीस्ट, बैक्टेरिया आदि में एमाइटोटिक विभाजन होता है।
प्रश्न 86.
यूकैरियोटिक कोशिका के दो कोशिकांग का उदाहरण दो।
उत्तर :
लाइसोसोम (Lysosome) तथा सेन्ट्रोसोम (Cetrosome)।
प्रश्न 87.
जीनोम क्या है ?
उत्तर :
क्रोमोजोम की आधी संख्या (Haploid number) को ही जीनोम कहते हैं।
प्रश्न 88.
क्रोमोनिमेटा क्या है ?
उत्तर :
केन्द्रक की क्रोमैटिन रेटिकुलम लम्बे धागों जैसी रचना में बदल जाता है, जिसे क्रोमोनिमेटा (Chromonemata) कहते हैं।
प्रश्न 89.
Triploid number क्या है ?
उत्तर :
कभी-कभी सजीवों के शारीरिक कोशिकाओं में क्रोमोजोम की संख्या तीन सेट (set) में होती है, जिसे Triploid number कहते हैं।
प्रश्न 90.
बाइवैलेन्ट क्या है ?
उत्तर :
समजात क्रोमोजोम (homologus chromosome) के जोड़े को ही बाइवैलेन्ट (Bivalent) कहते हैं।
प्रश्न 91.
Continuous Fibre क्या है ?
उत्तर :
स्पिण्डल के एक धुव से दूसरे ध्रुव तक फैले हुए spindle fibre को continuous fibre कहते हैं।
प्रश्न 92.
सेटेलिट क्या है ?
उत्तर :
द्वितीयक संकुचन के कारण क्रोमोजोम के एक सिरे पर एक गोलाकार रंचना बन जाती है, जिसे सेटेलिट (Satellite) कहते हैं।
प्रश्न 93.
टीलोमियर क्या है ?
उत्तर :
क्रोमोजोम के लम्बे क्रोमैटिड वाली भुजा के स्वतन्त्र सिरे को टीलोमियर (Tilomere) कहते हैं।
प्रश्न 94.
SAT क्रोमोजोम क्या है ?
उत्तर :
जिस क्रोमोजोम में सेटेलाइट पाया जाता है, उन्हें SAT Chromosome कहते हैं।
प्रश्न 95.
Spiralization क्या है ?
उत्तर :
क्रोमोजोम के क्रोमैटिड का स्पिंगनुमा रूप में कुण्डलित होने की दशा को Spiralization कहते हैं।
प्रश्न 96.
टेलोसेन्ट्रिक कोमोजोम क्या है ?
उत्तर :
इस क्रोमोजोम में सेन्ट्रोमियर क्रोमोजोम के एक सिरे पर स्थित रहता है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type) : 2 MARKS
प्रश्न 1.
निम्न लक्षणों के आधार पर दैहिक गुणसूत्र तथा लैंगिक गुणसूत्र के बीच अंतर लिखो :
उत्तर :
दैहिक गुणसूत्र | लैंगिक गुणसूत्र | |
प्रकृति | ये समजात क्रोमोसोम्स के जोड़े हैं। | ये असमजात क्रोमोसोम्स के जोड़े हैं। |
संख्या | इनकी संख्या 22 जोड़ी है। | इनकी संख्या 1 जोड़ी है। |
प्रश्न 2.
निम्नलिखित विशेषताओं के आधार पर DNAऔर RNA में अन्तर लखिए।
(i) पिरिमिडिन क्षार (Pyrimidine base)
(ii) 5-C युक्त शर्करा (5-C sugar)
उत्तर :
DNA | RNA |
पिरिमिडिन क्षार i. इसमें साइटोसिन और थाइमिन है। | i. इसमें साइटोसिन और यूरैसिल है। |
5-C युक्त शर्करा ii. इसमें डिआक्सीराइबोज सुगर है। | ii. इसमें राइबोज सुगर है। |
प्रश्न 3.
कोशिका चक्र के दो महत्व लिखिए।
उत्तर :
कोशिका चक्र के दो महत्व :
(i) इस अवस्था में कोशिका के अन्दर अनेक रासायनिक पदार्थों का निमार्ण होता है।
(ii) चेक पांइट के द्वारा कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन का नियंत्रण एवं संतुलन कायम रहता है।
प्रश्न 4.
माइटोसिस कोशिका विभाजन क्या है ?
उत्तर :
वह कोशिका जिसमें एक मातृ कोशिका से दो पुत्री कोशिकाओं की उत्पत्ति होती है, माइटोसिस कोशिका विभाजन कहते हैं।
प्रश्न 5.
दो जन्तु कोशिका का नाम बताओ जो विभाजित नहीं हो सकते हैं।
उत्तर :
तंत्रिका कोशिका (Nerve cell या Neuron) तथा पेशी कोशिका (Muscle Cell) में विभाजन नहीं होता है।
प्रश्न 6.
DNA क्या है ?
उत्तर :
DNA (Deoxy ribonucleic acid) : क्रोमोजोम पर स्थित वह न्यूक्लिक अम्ल जो आनुवांशिक लक्षणों को धारण तथा वाहन का कार्य करता है।
प्रश्न 7.
डीएनए शब्द का पूरा नाम लिखिए। एक कोशिका में यह कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर :
(a) डिऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड (Deoxyribo Nucleic Acid)
(b) यह केंद्रक में गुणसूत्र पर पाया जाता है।
प्रश्न 8.
विभिन्नता की परिभाषा और एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
कभी-कभी कोमोसोम की संरचना या संख्या में भी बदलाव (Alteration) होता है या डीएनए की संरचना (Composition) में परिवर्तन होने से जीन में भी बदलाव होता है। कोमोसोम या डीएनए के इस स्थायी परिवर्तन को जिसके कारण लक्षणों के प्रकट होने में अंतर होता है उसे विभिन्नता (Variation) कहते हैं।
विभिन्नता के उदाहरण : (i) स्वतंत्र और संलग्न कान पिंड (Free and attached ear lobe)
प्रश्न 9.
दैहिक कोशिका में गुणसूत्र की संख्या तथा मानव शरीर के गुणसूत्र की संख्या कितनी होती है ?
उत्तर :
दैहिक शरीर में गुणसुत्र की संख्या तथा मनुष्य के शरीर में गुणसुत्र की संख्या 23 जोड़े अर्थात 46 समजात कोमोसोम होते हैं।
प्रश्न 10.
माइटोसिक विभाजन समरूप विभाजन क्यों कहलाता है ?
उत्तर :
इस विभाजन के फलस्वरूप संतति कोशिकाओं (Daughter cells) में क्रोमोजोम की संख्या मातृकोशिका (Mother cell) के क्रोमोजोम की संख्या के बराबर होती है। अत: इस विभाजन को समरूप विभाजन (Equational division) कहते हैं।
प्रश्न 11.
माइटोसिस कोशिका विभाजन सोमैटोजेनेसिस क्यों कहलाता है ?
उत्तर :
माइटोसिस कोशिका विभाजन शरीर की कोशिकाओं में होता है। ये शरीर की रचना में सहायक होती हैं। ये कोशिकाएँ Somatic cells कहलाती हैं। माइटोसिस कोशिका विभाजन केवल somatic cells में होती है। अत: माइटोसिस कोशिका विभाजन सोमैटोजेनेसिस (Somatogenesis) कहलाती है।
प्रश्न 12.
जंतु और पादप कोशिका में किस प्रकार की साइटोकाइनेसिस की क्रिया होती है ?
उत्तर :
जंतु कोशिका : क्लीभेज (Cleavage) निर्माण की विधि।
वनस्पति कोशिका : कोशिका पट्टी निर्माण की विधि।
प्रश्न 13.
एक कोशिका में क्रोमोसोम का क्या महत्व है ?
उत्तर :
यह आनुवांशिक लक्षणों का वाहक है अर्थात् एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आनुवांशिक लक्षणों का स्थानांतरण करता है।
प्रश्न 14.
ऑटोसोम और हेटेरोसोम में दो अन्तर लिखिए।
उत्तर :
ओटोसोम तथा हेटरोसोम में अन्तर (Difference between Autosome and Heterosome)
ओटोसोम (Autosome) | हेटरोसोम (Heterosome) |
i. ये शारीरिक गठन में भाग लेते हैं लेकिन लिंग निर्धारण नहीं करते हैं। | i. ये लिंग निर्धारण में भाग लेते हैं। |
ii. नर तथा मादा दोनों में इसकी संरचना समान होती है, जैसे – xx | ii. इसकी संरचना नर तथा मादा में भिन्न-भिन्न होती है, जैसे – नर में xy तथा मादा में xx |
प्रश्न 15.
साइनेप्सिस क्या है ?
उत्तर :
मिओसिस विभाजन में होमोलोगस क्रोमोजोम के जोड़े बनने की क्रिया को साइनेप्सिस कहते हैं।
प्रश्न 16.
कायज्मा तथा कायज्माटा क्या है ?
उत्तर :
होमोलोगस क्रोमोजोम के दो क्रोमैटिड्स जिस स्थान पर x के रूप में एक दूसरे से जुड़े रहते हैं उस स्थान को कायज्मा कहते हैं। कायाज्मा को बहुवचन में कायाज्माटा कहते हैं।
प्रश्न 17.
मिओसिस की क्रिया कहाँ होती है ?
उत्तर :
मिओसिस की क्रिया गोनाड्स (gonads) की मियोसाइट्स (Meiocytes) में होती है।
प्रश्न 18.
कोमोजोम की द्वि-गुणित संख्या से क्या समझते हो ?
उत्तर :
जब क्रोमोजोम की संख्या जोड़े में होती है तो इनकी संख्या को द्वि-गुणित संख्या कहते हैं। इसे 2 n या 2 x से प्रदर्शित किया जाता है।
प्रश्न 19.
यदि साइटोकाइनेसिस की क्रिया नहीं होगी तो क्या होगा ?
उत्तर :
कोशिका विभाजन के अन्तर्गत साइटोकाइनेसिस की क्रिया न होने से मातृ कोशिका में अनेक केन्द्रको का निर्माण हो जाता है और मातृकोशिका संतति कोशिका में विभाजित नहीं होती है। ऐसी कोशिका को बहुनाभिकीय कोशिका कहते हैं।
प्रश्न 20.
क्रम विकास के लिए लैंगिक प्रजनन महत्वपूर्ण है, क्यों ?
उत्तर :
सन्तानों की उत्पत्ति तथा उनमें नये गुणों का समावेश लैंगिक प्रजनन के द्वारा होता है। इन गुणों के कारण ही सन्तानों में विभिन्नताएँ आती हैं, जो क्रम विकास में सहायक है। अत: क्रम विकास के लिए लैंगिक प्रजनन आवश्यक है।
प्रश्न 21.
प्रजनन को स्वनित्यता माना जाता है – क्यों ?
उत्तर :
प्रजनन एक ऐसी क्रिया है जिसमें सजीव अपने संतान द्वारा अस्तित्व को बनाये रखता है अर्थात मृत्यु के बाद भी सजीव अपने सन्तान के रूप में जीवित रहता है। इसलिए प्रजनन को स्वनित्यता (Self perpetuation) का एक साधन माना जाता है।
प्रश्न 22.
प्रारम्भिक केन्द्रक किसे कहते हैं ?
उत्तर :
वह केन्द्रक जो अपूर्ण होता है अर्थात् केन्द्रक में केन्द्रक झिल्ली तथा केन्द्रिका नहीं पाये जाते हैं, केवल क्रोमैटिन जालिका ही कोशिका में इधर-उधर बिखरी होती है, प्रारम्भिक केन्द्रक (Incipient nucleus) कहलाता है।
प्रश्न 23.
सेन्ट्रोमियर क्या है ?
उत्तर :
प्रत्येक क्रोमैटिड्स एक दूसरे से प्राय: क्रोमोजोम के मध्य में एक गोलाकार रचना से जुड़े रहते हैं। इस गोलाकार रचना को सेन्ट्रोमियर कहते हैं।
प्रश्न 24.
तारा रश्मियाँ क्या हैं ?
उत्तर :
सेन्ट्रीओल से उत्पन्न पतली किरणों के समान रचनाओं को जो विपरीत धुवों की ओर जाने में मार्ग प्रदर्शन का कार्य करती हैं, उन्हें तारा रश्मियाँ (astral rays) कहते हैं।
प्रश्न 25.
RNA क्या है ?
उत्तर :
RNA केन्द्रक तथा कोशिका द्रव्य दोनों में पाया जाता है। यह एक सूत्रीय होता है तथा कई न्यूक्लिओटाइड (Nucleotide) के मिलने से बना होता है। यह संदेश वहन तथा प्रोटिन संश्लेषण में सहायता करता है।
प्रश्न 26.
द्विगुणित गुणसूत्र क्या है ?
उत्तर :
द्विगुणित गुणसूत्र (Diploid chromosome) : शरीरिक कोशिका में उपस्थित गुणसूत्रों को द्विगुणित गुणसूत्र कहते हैं। इनकी संख्या को ‘ 2 n ‘ से व्यक्त करते हैं।
प्रश्न 27.
इन्टरकाइनेसिस क्या है ?
उत्तर :
कोशिका विभाजन की वह विधि जिसमें कोशिका अपने विभाजन की तैयारी करता है तथा परिपक्व होती है, उसे इन्टरफेज या इन्टरकाइनेसिस (Interphase or interkinesis) कहते हैं।
प्रश्न 28.
कोशिका चक्र क्या है ?
उत्तर :
कोशिका चक्र (Cell Cycle) : लगातार कोशिका विभाजन में प्रत्येक कोशिका दो अवस्थाओं से गुजरती है जिसे Cell cycle या Mitotic cycle कहते हैं। Cell cycle की दो अवस्थायें हैं –
(a) प्रारम्भिक अवस्था (Inter phase)
(b) कोशिका विभाजन अवस्था (Cell division phase)
प्रश्न 29.
पादप एवं जन्तु कोशिका के माइटॉसिस में दो अन्तर लिखिए।
उत्तर :
जन्तु कोशिका में माइटोसिस (Mitosis in Animal cells) | पादप कोशिका में माइटोसिस (Mitosis in Plant cells) |
i. इसमें तर्कु (spindle) का निर्माण सेण्ट्रोसोम की तारक-किरणों (astral rays) द्वारा होता है। | i. इसमें तर्कु (spindle) का निर्माण केन्द्रक द्रव्य (nucleoplasm) द्वारा होता है। |
ii. इसमें सेण्ट्रोसोम (centrosome) भाग लेता है। | ii. इसमें सेण्ट्रोसोम नहीं पाया जाता है। |
प्रश्न 30.
DNA का महत्व क्या है ?
उत्तर :
DNA का महत्व निम्न है –
- यह अनुवांशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुँचता है।
- यह समस्त जैविक क्रियाओं का नियमन करता है।
- यह RNA का संश्लेषण करता है।
प्रश्न 31.
सेंट्रोमियर कहाँ पाया जाता है ? इसका कार्य बताइए।
उत्तर :
(i) यह केंन्द्रक में गुणसूत्र में उपस्थित होती है।
(ii) कार्य : यह एक गुणसूत्र के दोनों अर्द्ध गुण सूत्रों को एक स्थान पर जोड़ने का कार्य करता है।
प्रश्न 32.
माइटोसिस की क्रिया कहाँ होती है ?
उत्तर :
माइटोसिस की क्रिया प्रायः सभी बहुकोशकीय जन्तुओं की शारीरिक कोशिकाओं (Somatic Cells) में होती है। पौधों के सभी वर्धी भागों में जैसे – जड़, तना, पत्तियों, कलिकाओं तथा पाश्र्व कलिकाओं आदि में होती है।
प्रश्न 33.
क्रोमोजोम की haploid संख्या से क्या समझते हो ?
उत्तर :
जब क्रोमोजोम की संख्या मातृकोशिका की आधी हो जाती है, तो इसे haploid कहते हैं। इसे n अक्षर से प्रदर्शित किया जाता है।
प्रश्न 34.
क्रोमोमियर्स क्या है ?
उत्तर :
क्रोमोनिमेट के ऊपर गहरे रंग के दानों के समान रचनाएँ पायी जाती हैं जिन्हें क्रोमोमियर्स कहते हैं। क्रोमोमियर पर जीन स्थित होते हैं।
प्रश्न 35.
यूकैरियोटिक कोशिका के केन्द्रक में कौन-कौन भाग होते हैं ?
उत्तर :
किसी यूकैरियोटिक कोशिका के केन्द्रक में निम्न भाग होते हैं –
- केन्द्रक झिल्ली (Nuclear membrane)
- केन्द्रक द्रव (Nucleoplasm)
- केन्द्रिका (Nucleolus)
- क्रोमैटिन रेटिकुलम (Chromatin reticulum)
प्रश्न 36.
Tetrad क्या है ?
उत्तर :
वाइवैलेन्ट क्रोमोजोम के प्रत्येक क्रोमोजोम में दो क्रोमैटिड्स होते हैं। इस प्रकार चार क्रोमैटिड्स युक्त बाइवैलेन्ट क्रोमोजोम को Tetrad कहते हैं।
प्रश्न 37.
एमाइटोसिस कोशिका विभाजन कहाँ होता है ?
उत्तर :
जन्तुओं में- अमीबा, White Blood Cell (WBC), अस्थि-कोशिकाओं (Bone Cells) आदि में तथा निम्न श्रेणी के पौधों में- बैक्टिरिया, यीस्ट (yeast), कारा (chara)।
प्रश्न 38.
मेटासेन्ट्रिक क्रोमोजोम क्या है ?
उत्तर :
मेटासेन्ट्रिक क्रोमोजोम में सेन्ट्रोमियर क्रोमोजोम के मध्य में स्थित रहता है। इसकी दोनों भुजाएँ समान होती हैं। इसका आकार ‘ V ‘ के समान होता है।
प्रश्न 39.
मिओसिस विभाजन को रिडक्शनल विभाजन क्यों कहते हैं ?
उत्तर :
मिओसिस विभाजन को ह्रास विभाजन कहते हैं; क्योंकि इस विभाजन के फलस्वरूप चार पुत्री कोशिकाएँ उत्पन्न होती हैं जिनमें क्रोमोजोम की संख्या घटकर मातृकोशिका के क्रोमोजोम के आधी हो जाती है।
प्रश्न 40.
क्रोमोजोम गति क्या है ?
उत्तर :
एनाफेज अवस्था में क्रोमोजोम के विपरीत धुवों की ओर गति करने की घटना को क्रोमोजोम गति कहते हैं।
प्रश्न 41.
Stem body क्या है ?
उत्तर :
जन्तु कोशिका के spindle fibre आपस में संयुक्त होकर क्रोमोजोम के मध्य में जिस रचना का निर्माण करते हैं, उसे stem body कहते हैं।
प्रश्न 42.
शारीरिक कोशिका क्या है ?
उत्तर :
जर्म कोशिका को छोड़कर शेष सारी कोशिकाओं को शारीरिक कोशिका कहते हैं। इसमे माइटोसिस कोशिका विभाजन होती है। ये कोशिकाएँ शरीर के सभी अंगों के निर्माण तथा अन्य कार्यों में भाग लेती है।
प्रश्न 43.
M-phase क्या है ?
उत्तर :
यह इन्टरफेज के बाद की अवस्था है। इसमें कोशिका के केन्द्रक के अवयवों और कोशिका द्रव्य के कोशिकांग में परिवर्तन होता है। यह दो अवस्थाओं में पूरी होती है –
a. साइटोकाइनेसिस (Cytokinesis)
b. कैरियोकाइनेसिस (Karyokinesis)
प्रश्न 44.
क्रॉसिंग ओवर के दो महत्व बताओ।
उत्तर :
(i) क्रॉसंग ओवर की क्रिया द्वारा सजीवों में नये-नये गुणों का विकास होता है।
(ii) इस क्रिया के कारण जैव-विकास में सहायता मिलती है।
प्रश्न 45.
न्यूक्लिओटाइड क्या है ?
उत्तर :
न्यूक्लिओटाइड वास्तव में न्यूक्लिअक अम्ल की इकाई होते हैं। प्रत्येक न्यूक्क्लिओटाइड तीन प्रकार के अणुओं का यौगिक होता है। एक अणु नाइट्रोजनीय कार्बनिक भस्म का, दूसरा अणु पैंटोज शर्करा तथा तीसरा फॉस्फेट समूह का होता है।
प्रश्न 46.
क्रोमोजोमल तन्तु क्या है ?
उत्तर :
Spindle fibre के कुछ तन्तु एक साथ एक ध्रुव के क्रोमोजोम तथा दूसरे धुव के क्रोमोजोम तक फैले रहते हैं, उन्हें chromosomal fibre कहते हैं।
प्रश्न 47.
सबमेटासेन्ट्रिक क्रोमोजोम क्या है ?
उत्तर :
इस क्रोमोजोम में सेन्ट्रोमियर मध्य से थोड़ी दूर स्थित रहता है। इसका आकार ‘ V ‘ के समान होता है।
प्रश्न 48.
टर्मिनलाइजेशन क्या है ?
उत्तर : क्रॉसिंग ओवर के पश्धात कायज्मा क्रोमैटिड के सिरों की ओर गतिशील होने लगता है, जिसे टर्मिनलाइजेशन कहते हैं।
प्रश्न 49.
केन्द्रक क्या है ?
उत्तर :
प्रत्येक कोशिका के अन्दर केन्द्र में एक गोलाकार या अण्डाकार रचना को केन्द्रक कहते हैं। इसमें केन्द्रक झिल्ली, केन्द्रक द्रव, केन्द्रिका तथा न्यूक्लिअर जालिका पाया जाता है। यह कोशिका की सम्पूर्ण जैविक क्रियाओं पर नियंत्रण करता है।
प्रश्न 50.
Phragmoplast क्या है ?
उत्तर :
पादप कोशिका में golgibodies के viscles के मिलने से बनने वाली वह तन्तुवत रचनाएँ जो साइटोकाइनेसिस के समय cell-plate के निर्माण में सहायता करता है, phragmoplast कहलाती है।
प्रश्न 51.
Karyoplasmic index क्या है ?
उत्तर :
किसी कोशिका के केन्द्रक के अन्दर पाये जाने वाले केन्द्रक द्रव (Nucleoplasm) तथा कोशिका के कोशिका द्रव (Cytoplasm) के अनुपात को Karyoplasmic index कहते हैं।
प्रश्न 52.
टीलोमियर क्या है ?
उत्तर :
क्रोमोजोम के लम्बे क्रोमैटिड वाली भुजा के स्वतन्त्र सिरे को टिलोमियर कहते हैं।
प्रश्न 53.
तंत्रिका कोशका में विभाजन नहीं होता है, क्यों ?
उत्तर :
तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन में विभाजन की क्रिया नहीं होती है, क्योंकि न्यूरॉन में सेन्ट्रोसोम नहीं पाया जाता है जिससे सेन्ट्रिओल का निर्माण नहीं होता है और न ही spindle fibre तथा तारा रशिमयों का निर्माण होता है।
प्रश्न 54.
गुणसूत्र का शाब्दिक अर्थ बताओ।
उत्तर :
गुणसूत्र (Chromosome) एक जर्मन भाषा का शब्द है। Chromo ग्रीक शब्द Khroma से बना है जिसका अर्थ रंग होता है। Some ग्रीक शब्द Soma से बना है जिसका अर्थ शरीर होता है।
प्रश्न 55.
जब कोई एक कोशिका दो समान पुत्री कोशिकाओं में विभाजित होती हैं तो क्या वह समसुत्रण के कारण होती है ?
उत्तर :
नहीं, मातृ कोशिका के क्रोमोसोम्स का लम्वबत (Longitudinal) विभाजन होने के कारण होता है।
प्रश्न 56.
क्रोमैटिन अथवा कैरियोटिन किसे कहते हैं ?
उत्तर :
क्रोमैटनि कोशिका के केन्द्रक में उपस्थित पदार्थ है जिससे क्रोमोसोम का निमार्ण होता है। कैरियोटिन और क्रोमैटिन एक ही होते हैं किन्तु अब कैरियोटिन शब्द का प्रयोग कहीं भी नहीं होता है।
प्रश्न 57.
सूक्ष्मदर्शी से देखने पर एक आदर्श गुणसूत्र में कौन-कौन से अंश पाये जाते हैं ?
उत्तर :
(i) क्रोमैटिड्स और (ii) सेन्ट्रोमियर।
प्रश्न 58.
G2 अवस्था अथवा प्री-माइटोटिक अवस्था का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर :
G2 अवस्था अथवा प्री-माइटोटिक अवस्था (G2-phase or pre-mitotic phase) : यह अंतरावस्था का तृतीय चरण हैं जिसमें DNA का संश्लेषण बंद हो जाता है, लेकिन माइटोटिक विभाजन के लिए आवश्यक प्रोटीन एवं RNA का संश्लेषण जारी रहता है। इस चरण के बाद कोशिका वास्तविक विभाजन के लिए तैयार हो जाती है।
प्रश्न 59.
हेटरोक्रोमैटिन क्या है ?
उत्तर :
यह 30 um क्रोमैटिन तंतु से बना होता है। यह आनुवांशिक रूप से निष्क्रिय होता है।
संक्षिप्त प्रश्नोत्तर (Brief Answer Type) : 3 MARKS
प्रश्न 1.
जन्तु कोशिका में साइटोकाइनेसिस की क्रिया किस प्रकार होती है ?
उत्तर :
इस क्रिया द्वारा कोशिका के मध्य में विभाजक का निर्माण होता है। कोशिका के मध्य भाग में कोशिका झिल्ली दोनों ओर से अन्दर में धँसकर एक गढ्डा (groove) बनाती है। इस गड्दुा की लम्बाई धीरे-धीरे बढ़ती जाती है और अन्त में ये मिल जाती है। इनके मिलने के फलस्वरूप कोशिका द्रव्य दो भागों में विभाजित हो जाता है तथा प्रत्येक भाग में एकएक पुत्री केन्द्रक उपस्थित रहता है। फलस्वरूप दो पुत्री कोशिकाओं का निर्माण हो जाता है।
प्रश्न 2.
G2 अवस्था अथवा प्री-माइटोसिट अवस्था का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर :
G2 अवस्था अथवा प्री-माइटोटिक अवस्था (G2 – phase or pre-mitotic phase) : यह अंतरावस्था का तृतीय चरण हैं जिसमें DNA का संश्लेषण बंद हो जाता है, लेकिन माइटोटिक विभाजन के लिए आवश्यक प्रोटीन एवं RNA का संश्लेषण जारी रहता है। इस चरण के बाद कोशिका वास्तविक विभाजन के लिए तैयार हो जाती है।
प्रश्न 3.
क्रोमोसोम तथा क्रोमैटिड में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर :
क्रोमोसोम तथा क्रोमैटिड में संबंध : कोशिका विभाजन के प्रारम्भ में ही लम्बे बेलनाकार धागे जैसी रचना बनती है, इसे क्रोमोजोम कहते हैं। प्रोफेज अवस्था में यह लम्बाई दो भागों में बँट जाती है। सेन्ट्रोमियर के स्थान पर विभाजन की क्रिया नहीं होती है। आधे क्रोमोजोम को ही अब क्रोमैटिड कहते हैं। एनाफेज की अवस्था में सेन्ट्रोमियर के विभाजन के पश्चात दोनों क्रोमैटिड एक दूसरे से अलग हो जाते हैं। बाद में प्रत्येक क्रोमैटिड क्रोमोजोम में बदल जाते हैं।
प्रश्न 4.
कोमोसोम के प्राथमिक तथा द्वितीयक संकुचन से क्या समझते हो ?
उत्तर :
प्राथमिक संकुचन (Primary constriction) : क्रोमोसोम में होने वाला वह संकुचन जो हल्के रंग के साथ होता है, उसे प्राथमिक संकुचन कहते हैं।
द्वितीयक संकुचन (Secondary constriction) : क्रोमोसोम के क्रोमैटिड जिन अन्य अंगों पर संकुचन होते है, उसे द्वितीयक संकुचन कहते हैं।
प्रश्न 5.
सेन्ट्रीओल, तारक रश्मियाँ तथा केन्द्रीय किरणें क्या हैं ?
उत्तर :
सेन्ट्रीओल (Centriole) : कोशिका के सेन्ट्रोसोम के अन्दर विन्दु के समान दो रचनाएँ पाई जाती हैं जिन्हें centrioles कहते हैं। यह कोशिका विभाजन के समय ध्रुवों का निर्माण करते हैं। Centriole से उत्पन्न पतली किरणों के समान रचनाओं को जो विपरीत ध्रुवों की ओर जाते समय रास्ता स्पष्ट करती है, उसे तारक रश्मियाँ (astral rays) कहते हैं। ये प्रोटीन की बनी होती है।
दोनों centriole को जोड़कर रखने वाली किरण को केन्द्रीय किरणें (central rays) कहते हैं।
प्रश्न 6.
सेन्ट्रोमियर की उपस्थिति के आधार पर क्रोमोजोम का वर्गीकरण करो।
उत्तर :
सेन्ट्रोमियर की उपस्थिति के आधार पर क्रोमोजोम निम्न प्रकार के होते हैं –
- एकोसेन्ट्रिक (Acrocentric) : इस तरह के क्रोमोजोम में सेन्ट्रोमियर क्रोमोजोम के सिरे से कुछ नीचे स्थित होता है। इसका आकार छड़ जैसा होता है।
- टेलोसेन्ट्रिक (Telocentric) : इस प्रकार के क्रोमोजोम का आकार छड़ जैसा होता है। इसमें सेन्ट्रोमियर क्रोमोजोम के एक सिरे पर स्थित होता है।
- सब मेटासेन्ट्रिक (Sub metacentric) : इस प्रकार के क्रोमोजोम में सेन्ट्रोमियर क्रोमोजोम के मध्य में थोड़ी दूर पर स्थित रहता है। इस क्रोमोजोम का आकार ‘J ‘ जैसा होता है।
- मेटासेन्ट्रिक (Metacentric) : इस तरह के क्रोमोजोम में सेन्ट्रोमियर क्रोमोजोम के मध्य में स्थित रहता है। क्रोमोजोम की दोनों भुजाएँ समान होती हैं। इसका आकार ‘V ‘ जैसा होता है।
प्रश्न 7.
कायज्मा निर्माण का महत्व बताओ।
उत्तर :
कायज्मा निर्माण का निम्नलिखित महत्व है –
- कायज्मा का निर्माण दो क्रोमैटिड्स के बीच genes के आदान-प्रदान के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
- कायज्मा की संख्या से chiasma frequency ज्ञात करते हैं।
- क्रोमैटिड्स जो आपस में जुड़े रहते हैं, कायज्मा पर टूटकर एक दूसरे के टुकड़ों से जुड़ जाते हैं जिससे माता-पिता के क्रोमोजोम नये सिरे से व्यवस्थित हो जाते हैं।
प्रश्न 8.
यूकैरिओटिक क्रोमोजोम की बाह्य संरचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
गुणसूत्र की संरचना (Structure of Chromosome) : प्रत्येक गुणसूत्र में दो परस्पर लिपटे हुए अक्षीय सूत्र (Axial thread) होते हैं, जिन्हे क्रोमोनिमैटा (Chromonemata) या अर्द्धगुणसूत्र (Chromatids) कहते हैं। इन पर जगह-जगह उभरी हुई कण जैसी रचनायें होती हैं, जिन्हें क्रोमोमियर्स (Chromomeres) कहते हैं।
रोबरटिस ने 1970 ई० में बतलाया कि गुणसूत्र में मैट्रक्स और पेलिकल नहीं पाये जाते हैं। प्रत्येक गुणसूत्र के दोनों क्रॉमैटिड्स एक स्थान पर आपस में जुड़े रहते हैं, इसे गुणसूत्र विन्दु (Centromere) या प्राथमिक संकुचन (Primary constriction) कहते हैं। कुछ गुणसूत्रों में एक द्वितीयक संकुचन उपस्थित होता है। इसका सम्बन्ध केन्द्रिका के निर्माण से रहता है। अर्द्धगुणसूत्रों का कुछ भाग केन्द्रिका के बाहर गोले के आकार का होता है। इसमें केन्द्रिय अम्ल नहीं पाये जाते हैं। इस भाग को सेटेलाइट (Satellite) कहते हैं।
प्रश्न 9.
क्रॉसिंग ओवर का महत्व क्या है ?
उत्तर :
क्रॉसिंग ओवर का निम्नलिखित महत्व है –
- यह सजीवों में आनुवंशिक विभिन्नताएँ स्थापित करने की एक अनिवार्य क्रिया है जिससे सजीवों में नये-नये गुणों का विकास होता है।
- यह जैव विकास में सहायक है।
- इस क्रिया के कारण क्रोमोजोम के ऊपर माता-पिता के genes एक साथ स्थापित हो जाते हैं।
- इससे सन्तानों में विभिन्नताएँ उत्पन्न होती है जो कि विकास का एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रश्न 10.
यूकैरियोटिक कोशिका में क्रोमोजोम के रासायनिक गठन पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर :
क्रमोमोजोम बहुत अधिक अणुभार वाले एवं जटिल रचना वाले कार्बनिक अम्ल है। इसका गठन मुख्यत: न्यूक्लिअक अम्ल तथा प्रोटीन द्वारा होता है। केन्द्रक में मिलने के कारण इनको न्यूक्लिक अम्ल कहा जाता है। यह सूक्ष्म कार्बनिक बहुलक का बना होता है जिन्हें न्यूक्लिओटाइड कहा जाता है। प्रत्येक न्यूक्लिओटाइड तीन प्रकार के अणुओं से बना होता है- शर्करा (Sugar), फॉस्फेट (Phosphate) और नाइट्रोजन बेस (Nitrogenous base)। न्यूक्लिक अम्ल का 45 % भाग DNA, 5 % RNA, शेष प्रोटीन होता है। इसकी कुछ मात्रा क्लोरोप्लास्ट एवं माइटोकोण्ड्रिया में मिलता है। यह दो प्रकार के होते हैं – (i) DNA (ii) RNA।
प्रश्न 11.
क्रोमोजोम के मुख्य मौलिक अवयवों का पूरा नाम लिखो।
उत्तर :
क्रोमोजोम के मुख्य मौलिक अवयव का पूरा नाम डीऑक्सी राइबोज न्यूक्लिक अम्ल (Deoxy ribose nucleic acid), राइबोन्यूक्लिक अम्ल (Ribonucleic acid), हिस्टोन, प्रोटीन तथा गैरहिस्टोन प्रोटीन है।
प्रश्न 12.
माइटोटिक विभाजन का महत्व बताओ।
उत्तर :
माइटोटिक विभाजन का महत्व निम्न है :-
- समसूत्रण कोशिका विभाजन से बहुकोशीय जीवधारियों के शरीर में वृद्धि होती है।
- इस विभाजन के द्वारा एककोशीय जीवधारियों में अलैंगिक प्रजनन की क्रिया होती है।
- इस विभाजन के फलस्वरूप क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत होती हैं।
- इसके फलस्वरूप बनी हुई संतति कोशिकाओं में क्रोमोजोम की संख्या समान होती है।
प्रश्न 13.
RNA क्या है ? RNA कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर :
यह केन्द्रक तथा कोशिका द्रव्य में पाया जाता है। यह एक सूत्रीय होता है तथा कई न्यूक्लिओटाइड के मिलने से बना होता है। इसके अन्दर राइबोज शर्करा होती है। यह संदेशवाहक का कार्य करता है तथा प्रोटीन संश्लेषण में सहायक है। RNA निम्न तीन प्रकार के होते हैं-
- राइबोसोम RNA : यह RNA राइबोसोम पर लगा रहता है तथा प्रोटीन के बनने में सहायता करता है।
- संदेशवाहक RNA : यह DNA के द्वारा बनकर कोशिका द्रव्य में आता है और केन्द्रक से आदेश लेकर विभिन्न प्रकार के प्रोटीन का निर्माण करता है।
- स्थानान्तरण RNA : यह कोशिका द्रव्य में पाया जाने वाला RNA है। यह प्रोटीन के संश्लेषण में सहायता करता है।
प्रश्न 14.
शारीरिक कोशिकाओं में मिओसिस की क्रिया क्यों नहीं होती है ?
उत्तर :
शारीरिक कोशिका में मिओसिस की क्रिया नहीं होती है, इसका कारण यह है कि मिओसिस के फलस्वरूप उत्पन्न पुत्री कोशिकाओं में क्रोमोजोम की संख्या आधी हो जाती है। यदि क्रोमोजोम के घटने का क्रम पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहे तो एक ऐसी स्थिति आ सकती है कि यह संख्या घटकर शून्य हो जाय और पूरी स्पेसिज ही समाप्त हो जाय। अतः सोमेटिक सेल में क्रोमोजोम की संख्या अपरिवर्तित रखने के लिए माइटोसिस की क्रिया होती है, मिओसिस नहीं होती है।
प्रश्न 15.
माइटोटिक विभाजन समरूप विभाजन क्यों कहलाता है ?
उत्तर :
इस विभाजन के फलस्वरूप संतति कोशिकाओं (Daughter cells) में क्रोमोजोम की संख्या मातृकोशिका (Mother cell) के क्रोमोजोम की संख्या के बराबर होती है। अतः इस विभाजन को समरूप विभाजन (Equationa! division) कहते हैं।
प्रश्न 16.
प्रथम मिओटिक विभाजन की कितनी अवस्थाएँ हैं ?
उत्तर :
प्रथम मिओटिक विभाजन (First meiotic division) : इस विभाजन में निम्नलिखित चार अवस्थाएँ होती हैं
- प्रथम प्रोफेज (First Prophase) : इसमें पाँच अवस्थाएँ होती हैं।
- लिप्टोटीन (Liptotene)
- जाइगोटीन (Zygotene)
- पकिटीन (Pachytene)
- डिप्लोटीन
- डायकाइनेसिस (Diakinesis)
- प्रथम मेटाफेज (First Metaphase)
- प्रथम एनाफेज (Anaphase-1)
- प्रथम टेलीफेज (Telophase-1)
प्रश्न 17.
जर्म कोशिकाओं में मिओसिस विभाजन होता है, क्यों ?
उत्तर :
जर्म कोशिकाओं में मिओसिस विभाजन होता है। इसका कारण यह है कि लैगिक प्रजनन में मादा तथा नर गैमिट (ovum) तथा sperm मिलकर जाइगोट बनाते हैं जिसमें नर तथा मादा गैमिट के क्रोमोजोम परस्पर संयुक्त होकर द्विगुणित (2 n) कोशिका का गठन करते हैं। नर तथा मादा गैमिट में क्रोमोजोम की संख्या एक गुणित (n) होना आवश्यक है। अत: क्रोमोजोम की संख्या एक गुणित (n) रखने के लिए germ cell में मिओसिस विभाजन होता है।
प्रश्न 18.
कोशिकाएँ क्यों विभाजित होती हैं ?
उत्तर :
कोशिका के केन्द्रक तथा कोशिका द्रव्य के बीच क्रियात्मक सम्बन्ध होता है, जिसे kern plasma relation कहते हैं। जब तक kern-plasma relation सामान्य रहता है तब तक कोशिका द्रव्य में होने वाली समस्त जैव रासायनिक क्रियाओं पर केन्द्रक का नियंत्रण रहता है। पूर्ण विकसित कोशिका में विभिन्न क्रियाएँ तीव गति से होने के कारण केन्द्रक के लिए उन पर नियंत्रण रखना सम्भव नहीं हो पता। अतः इस सम्बन्ध को सही ढंग से बनाये रखने के लिए कोशिकाएँ विभाजित होती हैं।
प्रश्न 19.
मनुष्य के R.B.C. में कोशिका विभाजन क्यों नहीं होता है ?
उत्तर :
मनुष्य की परिपक्व लाल रक्त कोशिकाओं (R.B.C.) में केन्द्रक नहीं पाया जाता है। कोशिका विभाजन दो अवस्थाओं में पूरा होता है। प्रथम अवस्था में केन्द्रक का विभाजन तथा पुन: साइटोप्लाज्म का विभाजन। केन्द्रक में क्रोमोजोम पाए जाते हैं जो विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। मनुष्य के R.B.C. में केन्द्रक की अनुपस्थिति के कारण इनका विभाजन नहीं होता है।
दीर्घउत्तरीय प्रश्नोत्तर (Descriptive Type) : 5 MARKS
प्रश्न 1.
कोशिका चक्र के इंटरफेज के विभिन्न स्तरों में संश्लेषित रासायनिक अवयवों के प्रकार क्या है ? क्या होगा यदि कोशिका चक्र के विभित्र बिंदुओं पे स्वाभाविक नियंत्रण नष्ट हो जाए ? 3 + 2
उत्तर :
कोशिका चक्र के इंटरफेज के G1 में RNA उत्पन्न होता है और प्रोटीन का संश्लेषण होता है। S अवस्था में DNA का संश्लेषण होता है।
कोशिका चक्र के इंटरफेज में दो स्थानों पर जाँच बिन्दु (Checking Point) होते हैं। पहला जाँच बिन्दु G1 के अन्त में और S अवस्था को प्रारम्भ होने के बीच होता है। यहाँ पर साइक्लीन्स (Cyclines) प्रोटीन्स और काइनेजेज (Kinases) इन्जाइम्स कोशिका चक्र की क्रिया को नियमित करते हैं। यहाँ पर खास जाँच इस बात की होती है कि कोशिका DNA के संश्लेषण के लिए सभी तरह से तैयार है या नहीं। दूसरा जाँच बिन्दु G2 के अन्त में और M Phase को प्रारम्भ होने के बीच होता है। इस जाँच बिन्दु पर इस बात की निगरानी होती है कि सभी क्रोमोसोम्स का रिप्लीकेशन पूर्ण रूप से हुआ है या नहीं। कोशिका विभाजन के लिए पूर्ण रूप से तैयार है या नहीं।
कोशिका चक्र के विभिन्न बिन्दुओं पर स्वाभाविक नियंत्रण नष्ट होने से अनियंत्रित कोशिका विभाजन होगा जिससे ट्यूमर हो जायेगा। यह ट्यूमर अन्तत: कैंसर (Cancer) में भी परिणित हो सकता है।
प्रश्न 2.
आदर्श युकैरियोटिक गुणसूत्र (क्रोमोसोम) के तीन संरचनात्मक अवयवों का नाम लिखो तथा सेन्ट्रोमियर और टेलोमियर का एक-एक कार्य लिखो।
अथवा
क्रोमोसोम से तुम क्या समझते हो? सटीक चित्र सहित इसकी बाह्य रचना का वर्णन करो। अथवा, गुणसूत्र की रासायनिक रचना का सक्षिप्त विवरण दिजिए। :-
अथवा
क्रोमोसोम्स क्या हैं और ये कैसे बनते हैं ?
उत्तर :
परिभाषा : यूकैरियोटिक कोशिका में विभाजन के समय कोशिका के केन्द्रक में स्पष्ट दिखने वाली वे सूत्रवत रचनाएँ जो समान संख्या वाली होती हैं तथा जिस पर जीन्स (genes) उपस्थित होती है, उसे क्रोमोसोम कहते हैं।
क्रोमोसोम का रासायनिक गठन (Composition of Chromosome) : इसका गठन मुख्यत: न्यूक्लिअक अम्ल तथा प्रोटीन द्वारा होता है। DNA लगभग 45 %, RNA लगभग 5 % तथा शेष प्रोटीन होता है। DNA का गठन न्यूक्लिओटाइड द्वारा होता है। Nucleotide, Pentose Sugar, फॉस्फोरिक अम्ल तथा नाइट्रोजन युक्त क्षार प्यूरीन (Purine) द्वारा निर्मित होता है। DNA के अणु दो खाँच (Helix) द्वारा युक्त होते हैं तथा दो ऐंठन युक्त तन्तु से निर्मित होते हैं। DNA के न्यूक्लिओटाइड आपस में मिलकर जीन की रचना करते हैं।
क्रोमोसोम की बाह्य संरचना (External construction of chromosome) : क्रोमोसोम में निम्नलिखित रचनाएँ पायी जाती हैं –
(a) क्रोमैटिड्स (Chromatids) : प्रत्येक क्रोमोसोम में दो परस्पर लिपटे हुए अक्षीय सूत्र (Axial thread) होते हैं जिन्हें क्रोमैटिड्स (Chromatids) कहते हैं।
(b) क्रोमोनिमेटा (Chromonemata) : प्रत्येक क्रोमैटिड अत्यन्त सूक्ष्म सर्पिलाकार तन्तुओं से बना होता है। इन तन्तुओं को क्रोमोनिमेटा (Chromonemata) कहते हैं।
(c) सेन्ट्रोमियर (Centromere) : क्रोमैटिड जिस स्थान पर जुड़े रहते हैं जिस स्थान को सेन्ट्रोमियर कहते हैं।
(d) प्राथमिक तथा द्वितीयक संकुचन (Primary and secondary constriction) : प्राय: प्रत्येक क्रोमोसोम में दो संकुचित स्थान पाया जाता है। प्राथमिक संकुचन पर सेन्ट्रोमियर (Centromere) तथा द्वितीयक संकुचन में केन्द्रिका (Nucleolus) स्थित रहता है।
(e) सेटेलाइट (Satellite) : द्वितीयक संकुचन के कारण क्रोमोसोम के एक सिरे पर एक गोलाकार रचना बन जाती है, जिसे Satellite कहते हैं।
सेन्ट्रोमियर का कार्य : यह क्रोमैटिड्स को जोड़कर रखने का कार्य करता है। टेलोमियर का कार्य : यह दो क्रोमोसोम्स को एक दूसरे से जोड़ने नहीं देता है।
प्रश्न 3.
कोमोसोम्स, DNA तथा जीन में पारस्परिक सम्बन्ध का संक्षिप्त वर्णन करें।
अथवा
क्रोमोसोम, DNA और जीन के अन्तः सम्बन्धों का वर्णण करो। यूक्रोमाटिन और हेट्रोक्रोमाटिन में निम्नलिखित दो विषयों में अन्तर लखिए : कुण्डली, सक्रियता। 3 + 2
उत्तर :
क्रोमोसोम, DNA और जीन में अत: सम्बन्ध :- क्रोमोसोम्स आनुवंशिक गुणों के वाहक हैं जो केन्द्रक में स्थित होते हैं। प्रत्येक क्रोमोसोम में DNA का अत्यन्त ही जटिलता अणु होता है। DNA के कुछ भागों को जो विभिन्न लक्षणों का नियंत्रण करते हैं उन्हें जीन्स कहते हैं।
यूक्रोमैटिन और हेट्रोक्रो मैटिन में अन्तर :-
यूक्रोमैटिन | हेट्रोक्रोमैटिन |
कुण्डली : i. यह कम कुडलित है। | i. इसमें साइटोप्लाज्म के बीच में खाँच (cavage) बनती है। |
सक्रियता : ii. यह अधिक सक्रिय है। | ii. यह क्रम सक्रिय हैं। |
प्रश्न 4.
एक वनस्पति कोशिका के अथवा माइटोसिस कोशिका विभाजन की मेटाफेज अवस्था के दो और एक प्राणी कोशिका के माइटोसिस कोशिका विभाजन की एनाफेज अवस्था की तीन विशेषताओं को लिखिए। 3 + 2
उत्तर :
वनस्पति कोशिका की मेटाफेज अवस्था :-
- कोशिका द्रव में स्पिंडल उपकरण माइक्रोटयूब्यूल्स से पूर्णतः बन जाते हैं।
- केन्द्रीय झिल्ली और केन्द्रिका अदृश्य हो जाते हैं।
प्राणि कोशिका की एनाफेज अवस्था :-
- सेन्ट्रोमियर विभाजित हो जाती है। दोनों सिस्टर क्रोमैटिडस एक दूसरे से अलग होने लगती हैं।
- स्पिंडल तंतु जो काइनेटोफोर से जुड़े होते हैं छोटे होने लगते हैं।
- सेन्ट्रोमियर की स्थिति के कारण क्रोमैटिड V, L अथवा। आकृति की दीखने लगती है।
प्रश्न 5.
एमाइटोसिस विभाजन क्या है ? एमाइटोसिस विभाजन की प्राप्ति स्थान तथा महत्व बताओ। अथवा, एमाइटोसिस को प्रत्यक्ष विभाजन क्यों कहते हैं ?
उत्तर :
असमसूत्री विभाजन (Amitosis Division) : इसको Direct cell division या प्रत्यक्ष विभाजन कहा जाता है। यह सबसे सरल प्रकार का कोशिका विभाजन है। इसमें स्पिण्डल (Spindle) का निर्माण नहीं होता है। इसमें क्रोमैटिन तन्तु भी नहीं बनता है और न ही केन्द्रिय झिल्ली गायब होती है।
प्राप्ति स्थान (Occurance) : यह विधि जीवाणु, साइनो जीवाणु, यीस्ट, अमीबा, कारा(Chara), W.B.C. आदि में –
महत्व (Significance) :
(i) यह कोशिका विभाजन की सबसे सरल विधि है। यह एक कोशिकीय सजीवों की प्रजनन विधि है।
(ii) इस विभाजन में उत्पन्न पुत्री कोशिकाएँ मातृ कोशिका के समान होती है।
प्रश्न 6.
माइटोसिस कोशिका विभाजन क्या है ? ऑटोसोम तथा सेक्स क्रोमोसोम से क्या समझते हो ?
उत्तर :
माइटोसिस (Mitosis) : यह शारीरिक कोशिका विभाजन की वह सामान्य विधि है जिसमें एक मातृ कोशिका के केन्द्रक का केवल एक बार विभाजन के फलस्वरूप समान तथा समरूप क्रोमोसोम की संख्या वाली दो पुत्री कोशिकाओं की उत्पत्ति होती है, उसे समसूत्री विभाजन (Mitosis) कहते हैं। जैसे- बहुकोशकीय पौधों तथा जन्तु की शारीरिक कोशिकाएँ।
ऑटोसोम (Autosome) : वे क्रोमोसोम जिन पर शारीरिक गठन में भाग लेने वाले जीन उपस्थित रहते हैं ऑटोसोम (Autosome) कहते हैं। मनुष्य में 23 जोड़ी क्रोमोसोम में 22 जोड़ी क्रोमोसोम ऑटोसोम होते हैं। ये केवल शारीरिक गठन में भाग लेते हैं, लिंग निर्धारण में भाग नहीं लेते हैं।
सेक्स क्रोमोसोम (Sex Chromosome) : वे क्रोमोसोम जिन पर लिंग निर्धारण करने वाले जीन उपस्थित रहते हैं, उन्हें सेक्स क्रोमोसोम या एलोसम (Allosome) कहते हैं। जैसे – मनुष्य में 23 जोड़ी में से एक जोड़ी क्रोमोसोम लिंग निर्धारण में भाग लेते हैं, इसलिए यह एक जोड़ी क्रोमोसोम लिंग क्रोमोसोम (Sex chromosome) कहलाता है।
प्रश्न 7.
माइटोसिस कोशिका विभाजन पौधों तथा जन्तुओं में कहाँ होती है? माइटोसिस का महत्व बताओ।
उत्तर :
माइट्रोसिस कोशिका विभाजन बहुकोशिकीय जन्तुओं के शारीरिक कोशिकाओं में होती है। पौधों में- माइटोसिस विभाजन पौधों के वर्धी भागों जैसे- जड़, तना, पत्तियों, कलिकाओं तथा पार्श्श कलिकाओं आदि में होती है। एक कोशिकीय प्राणियों तथा जन्तुओं में वृद्धि तथा वर्धी प्रजनन में माइटोसिस विभाजन होती है।
माइटोसिस का महत्व (Significance of mitosis) :
- माइटोसिस विभाजन के फलस्वरूप अंगों में वृद्धि तथा विकास होता है।
- इस विभाजन द्वारा कोशिका की प्रकृति तथा आयतन समान बना रहता है।
- इस विभाजन द्वारा क्षतिग्रस्त तथा टूटी-फूटी कोशिकाओं की मरम्मत होती है।
प्रश्न 8.
द्विगुणित गुणसूत्र क्या है ? समजातीय और विषमजातीय (Homotypic and Heterotypic) कोशिका विभाजन से आप क्या समझते हैं ? ऐस्ट्रल और ऐनऐस्ट्रल समसूत्रण क्या है ?
उत्तर :
द्विगुणित गुणसूत्र : शारीरिक कोशिका में उपस्थित गुणसूत्रों को द्विगुणित गुणसूत्र कहते हैं। इनकी संख्या को ‘2n’ से व्यक्त करते हैं।
समजातीय कोशिका विभाजन : एक मातृ कोशिका विभाजित होकर जब दो समान संताति कोशिकायें उत्पन्न करती हैं, तो इसे समजातीय कोशिका विभाजन कहते हैं।
विषमजातीय कोशिका विभाजन : एक मृत कोशिका विभाजित होकर जब दो असमान संतति कोशिकायें उत्पन्न करती हैं, तो इसे विषमजातीय कोशिका विभाजन कहते हैं।
प्रश्न 9.
मिओसिस कोशिका विभाजन क्या है ? मिओसिस विभाजन का प्राप्ति स्थान क्या है? मिओसिस विभाजन का महत्व बताइए।
अथवा
मियोसिस विभाजन को न्यूनकारी विभाजन क्यों कहते हैं। मिओसिस विभाजन का महत्व लिखिए। अथवा, अर्धसूत्री कोशिका विभाजन के किन्हीं तीन महत्व को लिखिए। अर्धसूत्री को न्यूनकारी विभाजन क्यों कहा जाता है ?
उत्तर :
मिओसिस कोशिका विभाजन : जर्मिनल कोशिकाओं के उस विभाजन को जिसके फलस्वरूप उत्पन्न संतति कोशिकाओं में क्रोमोसोम की संख्या मातृकोशिका के क्रोमोसोम की संख्या की आधी हो जाती है, मिओसिस कहते हैं। इसमें एक द्विगुणित (Deploid) मातृकोशिका से चार एक गुणित (Haploid) संतति कोशिकाओं का निर्माण होता है। इसे न्यूनकारी विभाजन भी कहते हैं।
मिओसिस विभाजन का प्राप्ति स्थान : यह विभाजन जनदों (Gonads) के मियोसाइट्स में होता है।
मिओसिस विभाजन का महत्व (Significance of meiosis division) :
- इस विभाजन द्वारा किसी भी सजीव समुदाय में क्रोमोसोम की संख्या स्थिर बनी रहती है।
- जन्तुओं में मिओसिस द्वारा (Gametes) अर्थात अण्डाणु तथा शुक्राणु का निर्माण होता है।
- इस विभाजन द्वारा माता-पिता तथा सन्तानों में विभिज्नताएँ उत्पन्न होती हैं।
- पौधों में इस विभाजन द्वारा परागकण तथा अण्डाणु का निर्माण होता है।
अर्धसूत्री या न्यूनकारी विभाजन (Meiosis or Reduction division) : अर्धसूत्री विभाजन में दो क्रमिक कोशिका विभाजन होते हैं किन्तु गुणसूत्रों का विभाजन केवल एक बार ही होता है। अतः अर्धसूत्री विभाजन की मुख्य विशेषता है दो क्रमिक विभाजन तथा इनसे बनने वाली चार सन्तति कोशिकाएँ। प्रथम अर्धसूत्री विभाजन में गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है। इसे न्यूनकारी विभाजन भी कहते हैं।
प्रश्न 10.
कोशिका विभाजन का महत्व बताइए। मिओसिस तथा माइटोसिस में दो अन्तर लिखिए। कोशिका विभाजन के समय सेण्ट्रोमियर का कार्य बताइए।
उत्तर :
कोशिका विभाजन का महत्व (Significance of Cell Division) : कोशिका विभाजन सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसके फलस्वरूप ही जीव देह के आकार एवं आयतन में वृद्धि होती है। कोशिका विभाजन की विभेदन क्रिया ही विभिन्न अंगों के निर्माण का कार्य करती है। जीव देह के क्षतत्रस्त स्थान भी कोशिका विभाजन के फलस्वरूप ही अपने पूर्ण रूप को प्राप्त करते हैं। कोशिका विभाजन के फलस्वरूप ही सजीवों में वंशवृद्धि होती है।
माइटोसिस तथा मिओसिस में अन्तर :-
माइटोसिस | मिओसिस |
i. यह सोमैटिक कोशिका (Somatic Cell) विभाजन की विधि है। | i. यह Germ Cell विभाजन की विधि है। |
ii. इस विभाजन के फलस्वरूप एक मातृकोशिका से दो पुत्री कोशिका उत्पन्न होती है। | ii. इस विभाजन के फलस्वरूप एक मातृ कोशिका से चार पुत्री कोशिका उत्पन्न होती है। |
कोशिका विभाजन के समय सेन्ट्रोमियर दो क्रोमैट्डि को जोड़कर रखने का कार्य करता है।
प्रश्न 11.
जीन क्या है ? ऑटोसोम तथा सेक्स क्रोमोसोम से क्या समझते हो ?
उत्तर :
जीन (Gene) : क्रोमोसोम पर स्थित वे विशिष्ट कण जो आनुवांशिक लक्षणों के वाहक होते हैं उन्हें जीन कहते है। ये DNA द्वारा गठित होते हैं। जीन को ही आनुवांशिकता की इकाई माना जाता है।
ऑटोसोम (Autosome) : वे क्रोमोसोम जिन पर शारीरिक गठन में भाग लेने वाले जीन उपस्थित रहते हैं ऑटोसोम (Autosome) कहते हैं। मनुष्य में 23 जोड़ी क्रोमोसोम में 22 जोड़ी क्रोमोसोम ऑटोसोम होते हैं। ये केवल् शारीरिक गठन में भाग लेते हैं, लिंग निर्धारण में भाग नहीं लेते हैं।
सेक्स क्रोमोसोम (Sex Chromosome) : वे क्रोमोसोम जिन पर लिंग निर्धारण करने वाले जीन उपस्थित रहते हैं, उन्हें सेक्स क्रोमोसोम या एलोसम (Allosome) कहते हैं। जैसे – मनुष्य में 23 जोड़ी में से एक जोड़ी क्रोमोसोम लिंग निर्धारण में भाग लेते हैं, इसलिए यह एक जोड़ी क्रोमोसोम लिंग क्रोमोसोम (Sex chromosome) कहलाता है।
प्रश्न 12.
अर्धसूत्री कोशिका विभाजन के किन्हीं तीन महत्व को लिखिए। मियोसिस को अर्धसूत्री या न्यूनकारी विभाजन क्यों कहा जाता है ? 2 + 3
उत्तर :
अर्धसूत्री विभाजन का महत्व (Significance of meiosis division) :
- इस विभाजन द्वारा किसी भी सजीव समुदाय में क्रोमोसोम की संख्या स्थिर बनी रहती है।
- जन्तुओं में मिओसिस द्वारा (Gametes) अर्थात अण्डाणु तथा शुक्राणु का निर्भाण होता है।
- इस विभाजन द्वारा माता-पिता तथा सन्तानों में विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं।
अर्धसूत्री या न्यूनकारी विभाजन (Meiosis or Reduction division) : अर्धसूत्री विभाजन में दो क्रमिक कोशिका विभाजन होते हैं किन्तु गुणसूत्रों का विभाजन केवल एक बार ही होता है। अतः अर्धसूत्री विभाजन की मुख्य विशेषता है दो क्रमिक विभाजन तथा इनसे बनने वाली चार सन्तति कोशिकाएँ। प्रथम अर्धसूत्री विभाजन में गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है। इसे न्यूनकारी विभाजन भी कहते हैं।
प्रश्न 13.
साइटोकाइनेसिस क्या है ? पादप तथा जन्तु साइटोकाइनेसिस में अन्तर बताइए।
उत्तर : साइटोकाइनेसिस : कोशिका में केन्द्रक के विभाजन के पश्चात् कोशिका द्रव्य के विभाजन की विधि को साइटोकाइनेसिस कहते हैं।
पादप कोशिका तथा जन्त् कोशिका के साइटोकाइनेसिस में अन्तर –
Plant Cell Cytokinesis | Animal Cell Cytokinesis |
i. इसमें साइटोकाइनेसिस की क्रिया Cell Plate निर्माण के द्वारा होती है। | i. इसमें साइटोकाइनेसिस की क्रिया furowing या Cleavage के द्वारा होती है। |
ii. पौधों में यह क्रिया टिलोफेज अवस्था से शुरू होती है। | ii. जन्तुओं में यह क्रिया Anaphase अवस्था में ही Stem body निर्माण के समय शुरू हो जाती है। |
iii. पौधों में टिलोफेज अवस्था में फ्रैग्मोप्लास्ट के बनने से कोशिका दो पुत्री कोशिकाओं में बँट जाती है। | iii. जन्तुओं में कोशिका झिल्ली equational zone पर दबने लगती है और दबते दबते बीच में मिलकर कोशिका को दो भागों में विभाजित कर देती है। |
प्रश्न 14.
माइटोसिस के प्रत्येक अवस्था का नाम और प्रत्येक अवस्था का कार्य बताओ।
उत्तर :
माइटोसिस विभाजन में कैरियोकाइनेसिस की क्रिया निम्न चार अवस्थाओं में सम्पन्न होती हैं-
प्रोफेज (Prophase) :
कार्य :
- क्रोमैटिन कणिकाओं से पूर्ण क्रोमोसोम का निर्माण
- केन्द्रक कला तथा अणुनाभिक का हास
- क्रोमोसोम का कोशिका के मध्य में एकत्रित होना।
मेटाफेज (Metaphase) :
कार्य :
- तर्क तन्तुओं (Spindle fibres) तथा तारा रश्मियों (Astral rays) का निर्माण
- क्रोमोसोम का अपने तर्क तन्तुओं से जुड़ना
- क्रोमोसोम का कोशिका के मध्य रेखा पर विन्यस्त करना।
एनाफेज (Anaphase) :
कार्य :
- सेन्ट्रोमियर का विभाजित होना
- सेन्ट्रोमियर्स तथा क्रोमैटिड्स का एक दूसरे से अलगाव
- सिस्टर क्रोमोसोम का कोशिका के विपरीत ध्रुवों की ओर गमन
- क्रोमोसोम का ‘V ‘ अथवा ‘L’ आकृति का होना।
टिलोफेज (Telophase) :
कार्य :
- क्रोमोसोम का क्रोमैटिन कणों अथवा क्रोमैट्सि जाल में परिवर्तन
- केन्द्रक कला तथा केन्द्रिका का पुन: निर्माण
- तर्क तन्तुओं तथा तारा रश्मियों का पूर्ण हास।
प्रश्न 15.
माइटोसिस क्या है ? माइटोसिस विभाजन के मेटाफेज अवस्था का वर्णन करो।
उत्तर :
माइटोसिस : समसूत्र विभाजन (Mitosis division) शारीरिक कोशिकाओं (Somatic cell) में होने वाली वह विधि है जिसमें मातृ कोशिका के क्रोमोसोम की संख्या पुत्री कोशिकाओं के क्रोमोसोर्म की संख्या के बराबर होती है।
मेटाफेज (Metaphase) : यह माइटोसिस की दूसरी अवस्था है। यह अल्प स्थायी होती है। यह अवस्था आरम्भ होने के पहले केन्द्रक झिल्ली तथा केन्द्रिका पूर्ण रूप से विलुप्त हो जाते हैं। जन्तु कोशिका में केन्द्रक में दोनों ध्रुवों पर स्थित सेन्ट्रिओल से निकलने वाली तारा रश्मियाँ विस्तृत होकर तर्क तन्तु का निर्माण करती है। तर्क तन्तु के दोनों सिरे को ध्रुव कहते हैं। पादप कोशिका में सेन्ट्रोसोम अनुपस्थित होने के बावजूद स्पिण्डल का गठन होता है। क्रोमोसोम कोशिका के मध्य में आ जाते हैं। बगल से देखने पर सेन्ट्रोमियर एक ही सरल रेखा में दिखाई देती है और एक प्लेट का निर्माण करती है जिसे मध्य रेखीय प्लेट (Equatorial plate) कहते हैं। क्रोमैटिड्स के सेन्ट्रोमियर Spindle fibre द्वारा अपनी-अपनी ओर के सेन्ट्रिओल से जुड़े रहते हैं। सभी सेन्ट्रोमियर एक ही स्तर पर रहते हैं। इस अवस्था में क्रोमोसोम अधिक स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं तथा इनकी संख्या को सरलतापूर्वक गिना जा सकता है।
प्रश्न 16.
कोशिका विभाजन और वृद्धि में सम्बन्ध बतायें।
उत्तर :
कोशिका विभाजन और वृद्धि में सम्बन्ध (Relationship between cell-division and growth): वृद्धि प्रोटोप्लाज्म द्वारा नियन्त्रित होने वाली एक जटिल प्रतिक्रिया है। जब किसी कोशिका में एनाबोलिक क्रियाओं की दर केटाबोलिक क्रियाओं की अपेक्षा अधिक होती है तो कोशिका में प्रोटोप्लाज्म की मात्रा में तेजी से वृद्धि होने लगती है। इससे कोशिका के केन्द्रक और प्रोटोप्लाज्म के सम्बन्धों में अस्थिरता अर्थात Kern plasma relation में अस्थिरता आ जाती है जिससे कोशिका दो भागों में बँट जाती है।
माइटोसिस कोशिका विभाजन द्वारा सजीवों के शरीर में कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है जिसके फलस्वरूप सजीवों के अंगों के आयतन, आकार, शुष्क भार आदि में अनुत्क्रमणीय परिवर्तन हो जाता है जिसे वृद्धि कहते हैं। इस तरह पूर्ण वृद्धि के बाद ही कोशिका विभाजन होता है जिससे वृद्धि होती है। अत: कोशिका विभाजन और वृद्धि में एक दूसरे के फलस्वरूप ही सम्पन्न होते हैं।
प्रश्न 17.
Cell cycle या माइटोटिक साइकिल से क्या समझते हो? (Cell cycle के विभिन्न अवस्थाओं का संक्षिप्त वर्णन करो।)
उत्तर :
Cell cycle or Mitotic cycle : लगातार विभाजन में प्रत्येक कोशिका दो अवस्थाओं से गुजरती है जिसे Cell cycle या Mitotic cycle कहते हैं।
माइटोटिक साइकिल की अवस्थाएँ : Cell cycle मुख्यत: दो अवस्थाओं में पूर्ण होती हैं –
(i) प्रारम्भिक अवस्था (Inter phase)
(ii) कोशिका विभाजन अवस्था (Cell division phase) या, माइटोटिक अवस्था (M-phase)
i. प्रारम्भिक अवस्था (Inter phase) : यह कोशिका विभाजन के प्रारम्भ होने के पूर्व की अवस्था है। इस अवस्था में कोशिका विभाजन विभिन्न प्रकार के पदार्थों का संश्लेषण पूर्ण रूप से विभाजन के लिए तैयार होती है। इन्टरफेज की सम्पूर्ण प्रक्रिया निम्न तीन उप-अवस्थाओं में पूरी होती है-
A. G, Phase or Post Mitotic Phase : इस अवस्था में केन्द्रक इन्टरफेज अवस्था में होता है। RNA तथा प्रोटीन का संश्लेषण होता है। साधारण कोशिका की अपेक्षा इस अवस्था में DNA दो गुना हो जाता है। इसलिए इसे Duplication of DNA कहा जाता है। क्रोमोजोम क्रोमैटिन धागे के रूप में कुण्डलित होते हैं।
B. S, Phase or Synthetic Phase : यह अवस्था G, अवस्था के बाद की अवस्था है। इस अवस्था में DNA एवं Histone Protein का निर्माण होता है। क्रोमोसोम दो क्रोमैटिड्स में विभक्त हो जाता है।
C. G2-Phase : यह अवस्था S-Phase के बाद की अवस्था है। यह विभाजन के पूर्व की अवस्था है। इस अवस्था में कोशिका विभाजन की तैयारी होती है।
ii. Mitotic Phase or Cell Division Phase : यह कोशिका चक्र की दूसरी अवस्था है। इसमें कोशिका के केन्द्रक के अवयवों और कोशिका द्रव्य के कोशिकांग में परिवर्तन होता है। यह अवस्था प्रोफिज, मेटाफेज, एनाफेज तथा टीलोफेज उप अवस्थाओं के साथ पूरी होती है। यह अवस्था प्रायः एक जीवधारी के सभी कोशिकाओं में समान होती है।
प्रश्न 18.
पौधे के किस भाग में बॉडी कोशिका मायटासिस की विधि से विभाजित होती है? इस तरह की कोशिका विभाजन में कितनी अवस्थायें होती हैं और वह क्या-क्या होती हैं ? किस अवस्था के बाद साइटोकाइनेसिस होता है ?
उत्तर :
(क) पौधों में माइटोटिस का स्थान : परागकोष (Anther) तथा अण्डाशय (Ovary) की जर्मिनल कोशिकाओं को छोड़कर शेष सभी अंगों की शारीरिक कोशिकाओ (Somatic cell) में माइटोसिस की क्रिया होती है।
(ख) माइटोसिस की अवस्थायें :
(i) प्रोफेज (Prophase) : माइटोसिस की उस अवस्था को जिसके अन्तर्गत केन्द्रक में उपस्थित क्रोमैटिन कणिकाओं से पूर्ण विकसित क्रोमोसोम का निर्माण तथा केन्द्रक कला व केन्द्रिका का ह्लास होता है उसे प्रोफेज कहते हैं।
(ii) मेटाफेज (Metaphase) : माइटोसिस की वह अवस्था जिसके अन्तर्गत क्रोमोसोम तर्क तन्तुओं से जुड़कर कोशिका की मध्य रेखा पर विन्यस्त हो जाते हैं, मेटाफेज कहलाता है।
(iii) एनाफेज (Anaphase) : माइटोसिस की उस अवस्था को जिसके अन्तर्गत सेन्ट्रोमियर्स तथा क्रोमैटिड्स एक दूसरे से अलग होकर कोशिका के विपरीत ध्रुवों की तरह अग्रसित होने लगते हैं, उसे एनाफेज कहते हैं।
(iv) टिलोफेज (Telophase) : माइटोसिस की वह अवस्था जिसके अन्तर्गत क्रोमोसोम का क्रोमैटिन जाल में सरलीकरण, केन्द्रक कला तथा केन्द्रिका का पुन: निर्माण तथा तर्क तन्तुओं का पूर्ण हास होता है, टिलोफेज कहलाता है।
(ग) साइटोकाइनेसिस का समय : माइटोसिस की अन्तिम अवस्था टिलोफेज के बाद साइटोकाइनेसिस की क्रिया होती है।
प्रश्न 19.
आदर्श यूकैरियोटिक गुणसूत्र (क्रोमोसोम) की संरचना का चित्रण करें तथा निम्न भागों का नामांकन करें: 3 + 2
(क) क्रोमैटिड
(ख) सेन्ट्रोमियर
(ग) न्युक्लियर आर्गेनाइजर
(घ) टेलोमियर
उत्तर :
प्रश्न 20.
एक वनस्पति कोशिका या एक प्राणी कोशिका के माइटोसिस कोशिका विभाजन की मेटाफेज अवस्था का स्वच्छ चित्र अंकन करके निम्नलिखित अंशों को चिह्रित कीजिए : 3 + 2
(क) क्रोमोजोम
(ख) स्पिंडल तन्तु
(ग) ध्रुव क्षेत्र
(घ) सेन्ट्रोमीटर
उत्तर :