Students should regularly practice West Bengal Board Class 10 Hindi Book Solutions कहानी Chapter 2 नन्हा संगीतकार to reinforce their learning.
WBBSE Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 Question Answer – नन्हा संगीतकार
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
जेन में कौनसी अनोखी खुबी थी?
उत्तर :
जेन में यह अनोखी खूबी थी कि उसे संगीत से बहुत प्यार था और यही प्यार उसका जुनून था।
प्रश्न 2.
जेंको (जेन्को) कैसा बालक था ?
उत्तर :
जेंको दुबला पतला लेकिन होनहार बालक था।
प्रश्न 3.
जेन किस चीज़ को पाने के लिए कुछ भी कर सकता था ?
उत्तर :
जन वायलिन को पाने के लिए कुछ भी कर सकता था।
प्रश्न 4.
किसकी साँसें नाजुक डोर से लटकी हुई थीं ?
उत्तर :
जेन की सॉसें नाजुक डोर से लटकी हुई थीं।
प्रश्न 5.
‘यह मुहब्बत ही उसका जुनून थी।’ रेखांकित शब्द किसकी ओर संकेतित है। पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
संगौत के प्रति बेइंतहा प्रेम ही जेन का जुनून था। प्रकृति की हर आवाज़ में उसे संगीत ही सुनाई देता था। यह खुबी केवल जेन में ही थी क्योंक दूसरे बच्चों को यह संगीत कहीं नहीं सुनाई देता था। जहाँ कहीं भी संगीत सुनाई देता जन उसमें पूरी तरह डूब जाता था। चाहे वह शराबखाने में बजनेवाला संगीत हो या फिर फसल कटने या शादी-ब्याह के मौके पर बजाया जाने वाला संगीत हो।
प्रश्न 6.
जेन्को ललचाई नजरों से किसको ताक रहा था और क्यों ?
उत्तर :
जेन्को ललचाई नजरों से वायलिन को देख रहा था क्योंकि वह भी अपने लिए एक वायलिन चाहता था।
प्रश्न 7.
“तेरा नाम होगा जेन’ – किसने कहा ?
उत्तर :
लुह्हार की स्ती ने।
प्रश्न 8.
लुहार की पत्नी ने नवजात जेन के लिए क्या प्रार्थना की ?
उत्तर :
लुहार की पत्नी ने नवजात जेन के लिए यह प्रार्थना की – “हे ईसाई आत्मा। इस दुनिया से अब विदा ले और जहाँ से जन्म लिया है वहीं शरण लें, आमीन !’’
प्रश्न 9.
किस ईसाई आत्मा का इस दुनिया से विदा लेने का कोई इरादा नहीं था ?
उत्तर :
जेन की ईसाई आत्मा का इस दुनिया से विदा लेने का कोई इरादा नहीं था।
प्रश्न 10.
जेन के रोने की आवाज़ कैसी थी ?
उत्तर :
जेन के रोने की आवाज़ ऐसी थी मानो बिल्ली का बच्चा धीरे – धीरे मिमिया रहा हो।
प्रश्न 11.
पोलिश लोक-विश्वास के अनुसार छत पर पपीहे का बोलना क्य माना जाता है ?
उत्तर :
पोलिश लोक-विश्वास के अनुसार छत पर पपीहे का बोलना शुभ शकुन माना जाता है।
प्रश्न 12.
जाड़े से बचने के लिए जेन क्या करता था ?
उत्तर :
जाड़े से बचने के लिए जेन सिगड़ी के पीछे दुबक कर बैठ जाता था। फिर भी ठंड लगने पर वह रोने लगता था।
प्रश्न 13.
जेन अक्सर भूख से क्यों बिलखता (रोता) था ?
उत्तर :
जेन की माँ अनेक बार अलमारी या डिब्बे में उसके खाने के लिए कुछ नहीं रख पाती थी तब वह भूख से बिलखने लगता था।
प्रश्न 14.
जब कुटिया की छत पर पपीहे ने कुहु-कुहु की तान छेड़ी तब जेन की उप्र क्या थी ?
उत्तर :
चार वर्ष।
प्रश्न 15.
जेन (जेन्को) जन्म से कैसा था ?
उत्तर :
जेन जब इस संसार में आया तभी से वह बहुत कमजोर और दुर्बल था।
प्रश्न 16.
जेन का नामकरण ‘जेन’ किसने किया ?
उत्तर : लुहार की पत्नी ने।
प्रश्न 17.
किसकी निगाहें पक्षी की भांति यहाँ-वहाँ भटकती रहती थीं?
उत्तर :
जेन (जेन्को) की निगाहे पक्षी की भांति यहाँ-वहाँ भटकती रहती थीं।
प्रश्न 18.
जेन की माँ अक्सर उसे क्या कहकर पुकारती थी ?
उत्तर : चेजलिंग
प्रश्न 19.
जेन ने किस उम्र से अपने बूते पर जीना और अपनी देखभाल खुद करना शुरू कर दिया था ?
उत्तर :
आठ वर्ष की उम्र से ही जेन ने अपने बूते पर जीना और अपनी देखभाल खुद करना शुरू कर दिया था।
प्रश्न 20.
जेन घने जंगल में क्यों जाता था ?
उत्तर :
जब घर में खाने के लिए कुछ नहीं होता था तब जेन मशरूम खोजने के लिए घने जंगल में जाता था।
प्रश्न21.
जेन के साथ खुदा का क्या शुक्र था ?
उत्तर :
जेन के साथ खुदा का शुक्र यह था कि घने जंगल में किसी भेड़िये ने उसे अपना शिकार नहीं बनाया था।
प्रश्न 22.
जेन को किसकी आवाज में संगीत सुनाई देता था ?
उत्तर :
जेन को हर तरह की आवाज में संगीत सुनाई देता था।
प्रश्न 23.
जेन जैसे-जैसे बड़ा होता गया, उसकी दिलचस्पी किसमें बढ़ती गई ?
उत्तर :
जेन जैसे-जैसे बड़ा होता गया सुर और लय में उसकी दिलचस्पी बढ़ती गई।
प्रश्न 24.
जेन की पिटाई करते समय माँ उसे क्या कहती थी ?
उत्तर :
जेन की पिटाई करते समय माँ उससे यह कहती थी – ‘ चल हट बंदर कहीं का ! अब में तेरा बाजा बजाऊंगी, न काम का, न काज का।
प्रश्न 25.
जेन का मन कहाँ बसता था ?
उत्तर :
जेन का मन जंगल के संगीत में बसता था।
प्रश्न 26.
जेन जंगल के संगीत के बारे में क्या सोचता था ?
उत्तर :
जंगल के संगीत के बारे में जेन यह सोचता था कि पूरा जंगल गाता है और उसकी प्रतिध्वनि से सारा जंगल गूंज उठता है। धास की पत्तियाँ, बगिया की चिड़िया गाती है और उसके संगीत से चेरी का वृक्ष सरसराता और कँपकँपाता है।
प्रश्न 27.
पड़ोसियों ने जेन का क्या नाम रखा, क्यों ?
उत्तर :
जेन के संगीत-प्रेम के कारण पड़ोसियों ने उसका नाम संगीतकार जेन्को रख दिया।
प्रश्न 28.
जेन कब आनंद की अनुभूति से भर उठता था ?
उत्तर :
रात में जब मेढक टराते, चारागाहों पर कुक्कुट चीत्कार करते, दलदल में तितलौवे धमा-चौकड़ी मचाते और पीछे मुर्गे बाँग देते थे तब जेन आनंद की अनुभूति से भर उठता था।
प्रश्न 29.
जेन के संगी-साथी को उसके किस बात पर आश्चर्य होता था ?
उत्तर :
जेन को प्रकृति के कण-कण में संगीत सुनाई देता था लेकिन उसके संगी-साथियों को नहीं। जेन की इसी बात पर उसके संगी-साथी को आश्रर्य होता था।
प्रश्न 30.
जेन शराबखाने की दीवार से सटकर क्यों बैठता था ?
उत्तर :
शराबखाने के अंदर बजते संगीत तथा उसकी धुन पर धिरकते पैरों की आवाज का आनंद उठाने के लिए ही जेन शराबखाने की दीवार से सटकर बैठता था।
प्रश्न 31.
किसे देखकर पड़ोसी आपस में अफसोस जाहिर करने लगे ?
उत्तर :
जेन और उसकी माँ को देखकर पड़ोसी आपस में अफसोस जाहिर करने लगे।
प्रश्न 32.
जेन की किस्मत में क्या लिखा था ?
उत्तर :
जेन की किस्मत में केवल वायलिन की धुन सुनना लिखा था, उसे बजाना नहीं।
प्रश्न 33.
किन मौकों पर जेन को खूब आनंद आता था ?
उत्तर :
गाँव में जब फसल कटने या शादी-विवाह के मौके पर बाजे और सारंगी बजती तो इन मौको पर जेन को खूब आंद् आता था।
प्रश्न34.
जेन ने अपने लिए खुद से क्या बनाया ?
उत्तर :
जेन ने अपने लिए खुद से काठ के टुकड़े से एक सारंगी बनाई।
प्रश्न 35.
जेन के बनाए सारंगी की आवाज कैसी थी ?
उत्तर :
जेन के बनाए सारंगी की आवाज बेहद महीन थी। इतनी महीन मानो मक्खियाँ या कीड़े-मकोड़े भिन-भिन कर रहे हों।
प्रश्न 36.
जेन को अपनी किस लत के लिए बहुत मार खानी पड़ती थी ?
उत्तर :
जेन सुबह उठकर देर तक अपने बनाए सारंगी को बजाता रहता था। अपने इसी लत के लिए उसे माँ से बहुत मार खानी पड़ती थी।
प्रश्न 37.
जेन की फितरत (प्रकृति) में क्या था ?
उत्तर :
संगीत के प्रति असीम लगाव जेन की फितरत में था।
प्रश्न 38.
क्या छोड़ना जेन के बस में नहीं था ?
उत्तर :
संगीत के प्रति अपने लगाव को छोड़ना जेन के वश में नहीं था।
प्रश्न 39.
स्वास्थ्य की दृष्टि से जेन का क्या हाल था ?
उत्तर :
स्वास्थ की दृष्टि से जेन का वही हाल था जो गरीब सारंगी की थी।
प्रश्न 40.
फसलों की कटाई के समय जेन क्या खाकर जीवित रहता था ?
उत्तर :
फसलों की कटाई के समय जेन केवल कच्चे शलजम खाकर जीवित रहता था।
प्रश्न 41.
जेन की एकमात्र चाहत क्या थी ?
उत्तर :
जेन की एकमात्र चाहत यह थी कि किसी तरह उसे एक वायलिन मिल जाए।
प्रश्न 42.
जेन की किस चाहत ने उसकी जान ले ली ?
उत्तर :
एक वायलिन पाने की चाहत ने जेन की जान ले ली।
प्रश्न 43.
बँगले का मालिक और उसका पूरा परिवार कहाँ रहता था ?
उत्तर :
बँगले का मालिक और उसका पूरा परिवार इटली में रहता था।
प्रश्न 44.
बँगले में किसके पास वायलिन था ?
उत्तर :
बँगले में वर्दीधारी सिपाही के पास एक वायलिन था।
प्रश्न 45.
जेन पर हमेशा क्या धुन सवार रहती थी ?
उत्तर :
जेन पर हमेशा यही धुन सवार रहती थी कि वह वर्दीधारी सिपाही द्वारा बजाए जाने पर वायलिन की धुन को सुन सके या कम से कम उस वायलिन की एक झलक पा सके।
प्रश्न 46.
वर्दीधारी सिपाही किसे खुश करने के लिए वायलिन बजाता था ?
उत्तर :
वर्दीधारी सिपाही अपनी प्रेमिका या नौकरों को खुश करने के लिए वायलिन बजाता था।
प्रश्न 47.
कब जेन की समूची आत्मा उसकी आँखों में उतर आती थी ?
उत्तर :
जब दरवाजे के पास टेगी वायलिन को जेन हसरतभरी निगाहों से निहारता था तो उसकी समूची आत्मा उसकी ऑखों में उतर आती थी।
प्रश्न 48.
किस मूक चाहत ने जेन को जकड़ लिया ?
उत्तर :
वार्यलन को एक बार अपने हाथों से छूकर या बहुत नजदीक से देखने की मूक चाहत ने जेन को जकड़ लिया।
प्रश्न 49.
किसके ख्याल मात्र से जेन का दिल बल्लियों उछलने लगा ?
उत्तर :
दीवार पर टँगी वायलिन को अपने हाधों से छूने या फिर उसे बहुत नजदीक से देखेने के ख्याल मात्र से जेन का दिल बल्लियों उछलने लगा।
प्रश्न 50.
किसकी चकाचौंध से कौन बौरा गया ?
उत्तर :
घाँदनो में चमकते वायलिन की चकाचौंध से जेन बौरा गया।
प्रश्न 51.
बुलबुल के गीत के बोल क्या थे?
उत्तर :
बुलबुल के गीत के बोल थे – “आगे बढ़ो, हिम्मत करो, जाकर छू लो प्यारे !”
प्रश्न 52.
ईमानदार कौवे ने जेन से क्या कहा ?
उत्तर :
ईमानदार कौवे ने जेन से कहा – “नहीं जेन्को नहीं”।
प्रश्न 53.
लताएँ दुगुने वेग से क्या फुसफुसाने लगी ?
उत्तर :
लताएँ दुगुने वेग से फुसफुसाने लगी कि, “जाओ, वहाँ कोई नहीं है।”
प्रश्न 54.
जेन किस बात से पूरी तरह अनजान था ?
उत्तर :
जेन इस बात से पूरो तरह अनजान था कि उसे न्यायाधौश के पास क्यों और कैसे लाया गया है।
प्रश्न 55.
न्यायाधीश चोरी के जुर्म में पकड़े गए जेन के बारे में किस सोच में पड़ गए?
उत्तर :
न्यायाधीश चोरी के जुर्म में पकड़े गए जेन के बारे में इस सोच में पड़ गए कि, “इस कदर दुर्बल, महज दस वर्ष के इस अभागे को वया दंड दिया जा सकता है, जो अपने पैरों पर ढंग से खड़ा भो नहीं हों पा रहा है? क्या इसे कैदखाने भंजा जा सकता है ? यू भी बच्चों के साथ इतना बेरहम नहीं हुआ जा सकता।’
प्रश्न 56.
न्यायाधीश ने जेन को सजा देने के बारे में क्या निर्णय लिया ?
उत्तर :
न्यायाधीश ने जेन को सजा देने के बारे में यह निर्णय लिया कि चौकीदार उसे ले जाकर बेत से थोड़ी पिटाई कर दे जिससे उसे दुबारा चोरी न करने का सबक मिल जाए।
प्रश्न 57.
अपनी आखिरी साँसे गिनते हुए जेन ने माँ से क्या पूछा ?
उत्तर :
अपनी आखिरी साँसे गिनते हुए जेन ने माँ से यह पूछा कि क्या भगवान उसे स्वर्ग में असली वायलिन देंगे ?
प्रश्न 59.
पड़ोसी जेन के बारे में क्या भविष्यवाणी करते थे ?
उत्तर :
पड़ोसी जेन के बारे में यह भविष्यवाणी करते थे कि यह बच्चा ज्यादा दिन जी नहीं पाएगा।
प्रश्न 60.
जेन्को को न्यायाधीश ने जेल क्यों नहीं भेजा ?
उत्तर :
जेन्को की उम्म माप्र दस वर्ष थी, वह बालिग नहीं था इसलिए न्यायाधीश ने उसे जेल नहीं भेजा ।
प्रश्न 61.
जेन्को ने माँ से कौन-सा आखिरी सवाल किया ?
उत्तर :
‘माँ ! भगवान मुझे स्वर्ग में असली वायलिन देगा ?’
प्रश्न 62.
जेन्को को किस अपराध में सजा दी गई थी ?
उत्तर :
जेन्को को चोरी के अपराध में सजा दी गई थी।
प्रश्न 63.
न्यायाधीश ने जेन्को के अपराध के लिए क्या सजा सुनाया ?
उत्तर :
बेंत से पीटने की सजा सुनाई ।
प्रश्न 64.
जेन्को के चार बरस के होने पर क्या घटना घटी ?
उत्तर :
जेन्को के चार बरस के होने पर कुटिया की छत पर पपीहे ने तीन बार कुहु-कुहु की तान छोड़ी ।
प्रश्न 65.
माँ जेन्को को गिरजाघर क्यों नहीं ले जाती थी ?
उत्तर :
गिरजाघर में वाद्ययंत्रों एवं घंटियों की आवाज सुनकर जेन्को की आँखे मानो दूसरी दुनिया की रोशनी से चमकने लगती थी इसलिए माँ उसे गिरजाधर नहीं ले जाती थी ।
प्रश्न 66.
पादरी को क्यों बुलाया जा रहा था ?
उत्तर :
पादरी को नवजात (जेन्को) के अंतिम क्रियाकर्म के लिए बुलाया जा रहा था ।
प्रश्न 67.
जेन की संगीतप्रियता देखकर लोग उसे क्या कहते थे ?
उत्तर :
जेन की संगीतप्रियता देखकर लोग उसे ‘नन्हा संगीतकार’ कहते थे ।
प्रश्न 68.
लुहार की पत्नी ने जेन की माँ से क्या कहा ?
उत्तर :
लहुार की पत्नी ने जेन की माँ से कहा – ‘ तुम चुपचाप लेटी रहो, मैं पवित्र मोमबत्ती जलाती हूँ, तुम्हारे पास ज्यादा वक्त नहीं है, दूसरी दुनिया में जाने की तैयारी करो।
प्रश्न 69.
जेन (जेन्को) किस कहानी का पात्र है ?
उत्तर :
नन्हा संगीतकार।
प्रश्न 70.
जेन ने अपने लिए खुद से क्या बनाया ?
उत्तर :
एक वायलिन ।
प्रश्न 71.
जेन्को को कोठरी की ओर बढ़ते देखकर उसे किसने, क्या कहकर अगाह (सावधान) किया ?
उत्तर :
कौए ने काँव-काँव कर अगाह किया – ‘नहीं जेन्को नहीं’।
प्रश्न 72.
किसमें एक अनोखी खूबी थी ?
उत्तर :
जेन में एक अनोखी खूबी थी ।
प्रश्न 73.
मरणासन्न जेन्को का चेहरा क्यों चमक उठा ?
उत्तर :
स्वर्ग में भगवान द्वारा असली वायलिन पाने की बात से मरणासन्न जेन्को का चेहरा चमक उठा।
प्रश्न 74.
गाँव में पहरा देने वाला चौकीदार खुद को जगाए रखने के लिए क्या करता था ?
उत्तर :
तारे गिनता था ।
प्रश्न 75.
जेन किसे पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार था ?
उत्तर :
मधुर ध्वनिवाले वायलिन को पाने के लिए जेन कुछ भी करने को तैयार था ।
प्रश्न 76.
क्या देर तक जेन्को का पीछा नहीं छोड़ता था ?
उत्तर :
वायलिन के स्वर देर तक जेन्को का पीछा नहीं छोड़ते थे ।
प्रश्न 77.
उसका वही हाल था – किसका, क्या हाल था?
उत्तर :
जेन का वही हाल था जो बेचारी गरीब सारंगी का ।
प्रश्न 78.
पड़ोसी जेन के बारे में क्या भविष्यवाणी किया करते थे ?
उत्तर :
पड़ोसी जेन के बारे में यह भविप्यवाणी किया करते थे कि यह ज्यादा दिन जी नहीं पाएगा। अगर जीवित भी रहा तो माँ को सुख नहीं दे पाएगा क्योंकि उसका शरीर कड़ी मेहनत के लायक नहीं है।
प्रश्न 79.
एक दूसरी औरत ने नवजात जेन के बारे में क्या कहा ?
उत्तर :
एक दूसरी औरत ने जेन के बारे में कहा कि, “मेरे ख्याल से तो यह पादरी के आने तक भी नहीं बचेगा।”
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी का सारांश लिखते हुए उसके शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालें।
अथवा
प्रश्न 2 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी का मूल भाव लिखते हुए उसके उद्देश्य पर प्रकाश डालें।
अथवा
प्रश्न 3 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी की मार्मिकता को अपने शब्दों में लिखें
अथवा
प्रश्न 4 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी की मूल संवेदना पर अपना विचार लिखें।
अथवा
प्रश्न 5 : ‘नन्हा संगीतकार’ की भावनाओं को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
प्रश्न 6 : ‘नन्हा संगीतकार’ पाठ में निहित संदेश को लिखें।
अथवा
प्रश्न 7 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी में व्यक्त लेखक के संदेश को लिखें।
अथवा
प्रश्न 8 : बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को पहचानना, विकसित होने का अवसर देना तथा सराहना करना आवश्यक है – के आधार पर ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी की समीक्षा करें।
अथवा
प्रश्न 9 : बच्चों की प्रतिभा प्रतिकूल परिस्थिति में असमय ही कुम्हला जाती है – ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी के आधार पर प्रकाश डालें।
अथवा
प्रश्न 10 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी हमें क्या कुछ सोचने को मजबूर करती है ?
अथवा
प्रश्न 11 : ‘नन्हा संगीतकार’ भावी प्रतिभाओं की उपेक्षा से उपजी कहानी है – अपने विचार व्यक्त करें।
उत्तर :
‘नन्हा संगीतकार’ पोलैंड के नोबेल पुरस्कार प्राप्त रचनाकार हेनरिक सेंकेविच की एक हृदसस्पर्शी कहानी है। इस कहानी का नायक जेन नामक एक बालक है, जिसे अपने संगीत प्रेम के कारण मात्र दस वर्ष की आयु में ही अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
जेन जब पैदा हुआ तो इतना दुर्बल था कि पड़ोस के लोगों ने यह तय कर लिया कि यह कुछ ही देर का मेहमान है। पड़ोस में रहने वाले लुहार की स्त्री ने आनन-फानन में उसका नामकरण जेन कर दिया ताकि उस बेनाम आत्मा को भटकना न पड़े। लेकिन जेन जिंदा रहा। चार वर्ष का होने पर उसकी कुटिया के छत पर एक पपीहे ने कुहु-कुहु की तान छेड़ी और उसके बाद जेन की हालत सुधरने लगी। पोलिश लोक-कथा के अनुसार यह एक शुभ शकुन था।
जेन जैसे-जैसे बड़ा होता गया, उसका संगीत के प्रति प्रेम भी बढ़ता ही गया। प्रकृति की हर चीज में उसे संगीत ही सुनाई पड़ता था। अपनी इस प्रवृत्ति के कारण उसे माँ से मार भी खानी पड़ती थी। वायलिन की मधुर आवाज उसे अपनी ओर विशेष आकर्षित करती थी। अभाव-प्रस्त जीवन में भी उसका यह संगीत-प्रेम क्रमश: कम होने ही बजाय बढ़ता ही गया। अक्सर वह वायलिन की मधुर धुन सुनने के लिए देर रात तक शाराबखाने की बाहरी दीवार से सटकर बैठा रहता था।
जेन के घर के पास ही एक बंगले में वर्दीधारी सिपाही के पास एक वायलिन थी। अक्सर वह अपनी प्रेमिका या नौकरों को खुश करने के लिए उसे बजाया करता था। एक दिन जेन अकेले में दीवार से टंगे वायलिन को छूने तथा महसूस करने की कोशिश की। तभी सिपाही आ पहुँचा तथा चोरी के जुर्म में उसकी पिटाई कर न्यायाधीश के सामने पेश किया। न्यायाधीश ने उसकी उम्र तथा दुर्बलता पर दया दिखाते हुए बेंत की सजा सुनाई। लेकिन जेन इतना दुर्बल था कि इस सजा को नहीं सह पाया और तीसरे दिन ही इस दुनिया से चल बसा।
दूसरी और बंगले के परिवार वाले इटली से लौट कर प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि वाकई इटली कलाकारों का देश है। उनकी कला दर्शनीय और प्रोत्साहित करने योग्य हैं। लेकिन अपने ही स्थान के जेन की मृत्यु से सर्वथा अनभिज्ञ हैं कि उन लोगों के कारण ही असमय एक कलाकार की मृत्यु हो गई।
कहानी का अंत यह संदेश देता है कि हम स्थापित हो चुके, प्रसिद्धि पा चुके कलाकार की तो प्रशंसा करते हैं लेकिन जिनके अंदर कलाकार बनने की प्रतिभा है, उसकी कद्र नहीं करते। कद्र करना तो दूर उलटे हम उसकी उपेक्षा करते हैं जिसके कारण ऐसी प्रतिभाएं खिलने से पहले ही मुरझा जाती हैं। यही बताना लेखक का उद्देश्य है। उद्देश्य तथा कथावस्तु के आधार पर इसका शीर्षक ‘नन्हा संगीतकार’ सर्वथा उपयुक्त है तथा लेखक को अपने उद्देश्य में पूरी-पूरी सफलता मिली है।
प्रश्न 12 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी के आधार पर जेन का चरित्र-चत्रिण करें।
अथवा
प्रश्न 13 : ‘नन्हा संगीतकार’ कहानी के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण करें।
अथवा
प्रश्न 14 : बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को न पहचानने, उन्हें विकसित होने के लिए अनुकूल अवसर न मिलने पर असमय ही ऐसी प्रतिभाएँ कुम्हला जाती हैं – के आधार पर जेन का चरित्र-चत्रिण करें।
अथवा
प्रश्न 15 : ‘नन्हा संगीतकार’ के जिस पात्र ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया है उसका चरित्रचत्रिण करें।
प्रश्न 16 : ‘नन्हा संगीतकार’ के जेन की चारित्रिक विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखें।
अथवा
प्रश्न 17: ‘नन्हा संगीतकार’ के जेन की कहानी भावी प्रतिभाओं की उपेक्षा से अपनी कहानी है के आधार पर जेन का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर :
‘नन्हा संगीतकार’ हेनरिक सेंकेविच की एक हृदयस्पर्शी कहानी है। जैसा कि कहानी के शीर्षक से ही पता चलता है कि नन्हा संगीतकार, अर्थात् जेन ही इस कहानी का नायक है। उसके जन्म के साथ ही इस कहानी का जन्म होता है और उसकी मृत्यु के साथ ही कहानी का अंत भी हो जाता है। जेन की चारित्रिक विशेषताओं को निम्नांकित शीर्षकों के अंतर्गत देखा जा सकता है –
1. अत्यंत दुर्बल : जेन जन्म से ही अत्यंत दुर्बल था। इतना दुर्बल कि उसे देखते ही आस-पड़ोस की स्त्रियों को यह विश्वास हो गया कि यह कुछ ही घंटे का मेहमान है। इसीलिए एक पड़ोसन लुहार की स्त्री ने पादरी का इंतजार न कर उसका नामकरण भी कर दिया ताकि मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को भटकना न पड़े।
2. अनाकर्षक व्यक्तित्व : अत्यंत दुर्बल होने के कारण जेन का व्यक्तित्व जरा-सा भी आकर्षक नहीं था – झुकी देह और पिचके गाल। बाल धूसर रंग के थे और हमेशा उसकी चमकदार आँखों पर गिरे रहते । उसकी आँखें ऐसी थीं मानों वह दूर कहीं खोई हुई हों।
3. भूख से संघर्ष : जेन का संघर्ष सबसे अधिक भूख से था क्योंकि उसके पिता नहीं थे और माँ किसी तरह घर का बोझ उठा पाती थी। जब घर में खाने को कुछ नहीं होता तो वह भूख से बिलखने लगता। जब वह आठ वर्ष का हो गया तब अपनी भूख मिटाने के लिए मशरूम की खोज में जंगल जाना शुरू कर दिया। फसलों की कटाई के समय उसे अक्सर भूखा ही रहना पड़ता था। थोड़े-बहुत कच्चे शलजम खाकर वह अपनेआपको जीवित रखता था।
4. संगीत का दीवाना : होश संभालने के समय से ही जेन संगीत का दीवाना हो गया था। प्रकृति की एक-एक आवाज में उसे संगीत सुनाई देता था। वायलिन की धुन उसे विशेष रूप से अपनी ओर आकर्षित करती थी। शराबखाने के अंदर से आती वायलिन की मधुर ध्वनि सुनने के लिए वह घंटों शराबखाने की दीवार से चिपक कर बैठा रहता था।
5. जिंदगी की निर्ममता से अनभिज्ञ : जेन इस बात से बिल्कुल अनभिज्ञ था कि यह जिंदगी कितनी निर्ममता से भरी है। यही कारण था कि वह माँ की मदद करने की बजाय या अन्य लड़को की तरह कुछ काम करने की बजाय संगीत की दुनिया में ही खोया रहता था।
6. प्रतिभावान : जेन की प्रतिभा का इसी से पता चलता है कि जब वह वायलिन प्राप्त करने में असफल रहा तो उसने लकड़ी के एक टुकड़े से अपने लिए एक वायलिन बना ली। हलांकि इसकी आवाज बहुत धीमी था तथा इसकी आवाज भी उतनी मधुर न थी।
7. बदनसीब : यह जेन की बदनसीबी ही कही जाएगी कि केवल वायलिन को हून, उसके स्पर्श को महसूस करने की चाहत ने उसे चोरी के जुर्म में फंसा दिया। सजा के तौर पर बेंत की मार न सह पाने से ही वह इस दुनिया से चल बसा। संगीत का जुनून ने उसे मौत के मुँह में पहुँचा दिया।
8. उपेक्षा का शिकार : जेन समाज की उपेक्षा का शिकार होकर ही मर जाता है। यदि लोगों ने, वर्दीधारी सिपाही ने तथा न्यायाधीश ने जेन की वास्तविकता को समझा होता तो वह मारा नहीं जाता। यह समाज की कैसी मानसिकता है कि वह प्रतिष्ठित कलाकरों का तो सम्मान करता है लेकिन छुपी हुई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित न कर उसकी उपेक्षा करता है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जेन के अंदर किपी प्रतिभा को अगर समाज ने पहचाना होता है तो वह असमय ही मौत की नींद न सोता। उसका चरित्र हमें इस बात की सीख देता है कि जब तक बच्चों के अन्दर छिपी प्रतिभा को विकसित, प्रोत्साहित नहीं करेंगे – वे ऐसे ही असमय कुम्हलाते रहेंगे।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
किस चाहत ने बदनसीब जेन की जान ले ली?
(क) जंगल जाने की चाहत ने
(ख) वायलिन पाने की चाहत ने
(ग) घोरी करने की चाहत ने
(घ) गीत सुनने की चाहत ने
उत्तर :
(ख) वायलिन पाने की चाहत ने
प्रश्न 2.
पादरी को क्यों बुलाया गया ?
(क) देखभाल करने के लिए
(ख) पूजा-पाठ करने के लिए
(ग) यर से भगाने के लिए
(घ) दोस्ती करने के लिए
उत्तर :
(ख) पूजा-पाठ करने के लिए
प्रश्न 3.
माँ जेन्को को क्या कहकर बुलाती ?
(क) जोनिया
(ख) चेंजलिंग
(ग) जुगनू
(घ) जामिया
उत्तर :
(ख) चेंजलिंग
प्रश्न 4.
नन्हा संगीतकार कहानी के कहानीकार हैं –
(क) नन्हा संजीव रेड्डी
(ख) हेनरिक सेंकेविच
(ग) ममता कुलकर्णों
(घ) हेनरिक जागकि
उत्तर :
(ख) हेनरिक सेंकेविच
प्रश्न 5.
पवित्र मोमबत्ती किसने जलाई ?
(क) जेन ने
(ख) माँ ने
(ग) लुहार की स्वी ने
(घ) पादरी ने
उत्तर :
(ग) लुहार की स्त्री ने।
प्रश्न 6.
किसका इस दुनिया से विदा लेने का इरादा नहीं था ?
(क) जेन का
(ख) पादरी का
(ग) सिपाही का
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) जेन का।
प्रश्न 7.
किसकी साँसें नाजुक डोर से लटकी हुई थी ?
(क) माँ की
(ख) जेन की
(ग) पादरी की
(घ) न्यायाधीश की
उत्तर :
(ख) जेन की।
प्रश्न 8.
कुटिया की छत पर किस पक्षी ने तान छेड़ी ?
(क) कोयल ने
(ख) बुलबुल ने
(ग) पपीहा ने
(घ) कौआ ने
उत्तर :
(ग) पपीहा ने।
प्रश्न 9.
“झुकी देह और पिचके गाल'” – किसके लिए कहा गया है ?
(क) पादरी के लिए
(ख) जेन के लिए
(ग) माँ के लिए
(घ) पड़ोसी के लिए
उत्तर :
(ख) जेन के लिए।
प्रश्न 10.
जेन के सिर पर कौन-सी टोपी रहती थी ?
(क) पुआल की
(ख) कपड़े की
(ग) बाँस की
(घ) पत्ते की
उत्तर :
(क) पुआल की।
प्रश्न 11.
“तुम्हारे पास ज्यादा वक्त नहीं है”‘ – वक्ता कौन है ?
(क) वर्दीधारी सिपाही
(ख) न्यायाधीश
(ग) दूसरी स्वी
(घ) लुहार की स्वी
उत्तर :
(घ) लुहार की स्त्री।
प्रश्न 12.
जेन क्या खोजने घने जंगल में घुसता था ?
(क) शिकार
(ख) कंदमूल
(ग) फल
(घ) मशरूम
उत्तर :
(घ) मशरूम।
प्रश्न13.
जेन बातचीत के वक्त मुँह में क्या रख लेता था ?
(क) शवकर
(ख) मशरूूम
(ग) ऊँगली
(घ) शलजम
उत्तर :
(ग) ऊँगली।
प्रश्न 14.
पड़ोसी जेन के बारे में क्या भविष्यवाणी करते थे ?
(क) वह मेहनती निकलेगा
(ख) माँ को कभी सुख न दे पाएगा
(ग) ज्यादा दिन जिएगा
(घ) महान संगीतकार बनेगा
उत्तर :
(ख) माँ को कभी सुख न दे पाएगा।
प्रश्न 15.
मुहब्बत किसका जुनून था ?
(क) जेन का
(ख) पादरी का
(ग) पड़ोसी का
(घ) इनमें से किसी का नहीं।
उत्तर :
(क) जेन का।
प्रश्न 16.
हर किस्म की आवाज़ में किसे संगीत सुनाई देता था ?
(क) गाँव के बच्चों को
(ख) वर्दीधारी सिपाही को जो वायलिन बजाता था
(ग) जेन को
(घ) सारंगी बजानेवाले को
उत्तर :
(ग) जेन को।
प्रश्न 17.
“अब मैं तेरा बाजा बजाऊँगी” – वक्ता कौन है ?
(क) माँ
(ख) स्ती
(ग) लुहार की स्वी
(घ) गाँव की युवतियाँ
उत्तर :
(क) माँ।
प्रश्न 18.
“चल हट, बंदर कहीं का” – ‘बंदर’ किसे कहा जाता है ?
(क) लहना सिद्ध को
(ख) जेन को
(ग) पलटन साहब को
(घ) चौकीदार को
उत्तर :
(ख) जेन को।
प्रश्न 19.
पड़ोसियों ने जेन का नाम क्या रखा ?
(क) वायलिनवाला जेन
(ख) कामचोर जेन
(ग) संगीतकार जेन्को
(घ) कामचोर जेन
उत्तर :
(ग) संगीतकार जेन्को।
प्रश्न 20.
जेन की माँ उसे कहाँ नहीं ले जाती थी ?
(क) जंगल
(ख) गिरिजाधर
(ग) शराबखाने
(घ) इनमें से कहीं नहीं
उत्तर :
(ख) गिरिजाघर।
प्रश्न 21.
उसकी किस्मत में बस सुनना लिखा था – ‘उसकी’ से कौन संकेतित है ?
(क) जेन
(ख) माँ
(ग) चौकीदार
(घ) सिपाही
उत्तर :
(क) जेन।
प्रश्न 22.
जेन को अपनी किस लत के लिए बहुत मार खानी पड़ती थी ?
(क) चोरी की लत
(ख) झूठ बोलने की लत
(ग) संगीत की लत
(घ) जंगल जाने की लत
उत्तर :
(ग) संगीत की लत।
प्रश्न 23.
क्या छोड़ना जेन के वश में नहीं था ?
(क) चोरी
(ख) संगीत-प्रेम
(ग) जंगल जाना
(घ) भटकना
उत्तर :
(ख) संगीत-प्रेम।
प्रश्न 24.
यह उसकी फितरत में था – किसकी फितरत में क्या था ?
(क) जेन का संगीत – प्रेम
(ख) जेन का जंगल – प्रेम
(ग) जेन का शलजम – प्रेम
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(क) जेन का संगीत – प्रेम।
प्रश्न 25.
फसलों की कटाई के समय जेन क्या खाकर जीवित रहता था ?
(क) रोटी
(ख) कच्चे शालजम
(ग) भात
(घ) गन्ने
उत्तर :
(ख) कच्चे शलजम।
प्रश्न 26.
जेन की एक ही चाहत थी –
(क) वह शराबखाने के अंदर जाकर संगीत सुने
(ख) जंगल का संगीत सुने
(ग) किसी तरह एक वायलिन मिल जाए
(घ) पेट भर भोजन मिल जाए
उत्तर :
(ग) किसी तरह एक वायलिन मिल जाए।
प्रश्न 27.
किस चाहत ने बदनसीब जेन की जान ले ली ?
(क) जंगल जाने की चाहत ने
(ख) वायलिन पाने की चाहत ने
(ग) चोरी करने की चाहत ने
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर :
(ख) वायलिन पाने की चाहत ने।
प्रश्न 28.
फसलों की कटाई के समय जेन क्या करता था ?
(क) फांके
(ख) भर पेट भोजन
(ग) मौज-मस्ती
(घ) इनमें से कुछ नहीं
उत्तर :
(क) फांके।
प्रश्न 29.
बंगले का मालिक कौन था ?
(क) जोसेफ
(ख) सीलान्का
(ग) बैरन
(घ) वर्दीधारी सिपाही
उत्तर :
(ग) बैरन।
प्रश्न 30.
बालक जेन हसरत नहीं निगाहों से किसे निहारता था ?
(क) जंगल की खूबसूरती को
(ख) बगले के सिपाही को
(ग) चाँद को
(घ) दीवार पर टंगे वायलिन को
उत्तर :
(घ) दीवार पर टंगे वायलिन को।
प्रश्न 31.
जेन्को किसकी चकाचौंध से बौरा गया ?
(क) वायलिन की आभा से
(ख) चाँद निकल आने से
(ग) जुगनू से
(घ) लताओं की खूबसूरती से
उत्तर :
(क) वायलिन की आभा से।
प्रश्न 32.
जेन्को के सर पर क्या मंडराने लगा ?
(क) बुलबुल
(ख) लताएँ
(ग) ईमानदार कौआ
(घ) मौत
उत्तर :
(घ) मौत।
प्रश्न 33.
‘नन्हा संगीतकार’ में मोटी बुद्धि वाला पात्र कौन है ?
(क) चौकीदार
(ख) सिपाही
(ग) मकान-मालिक
(घ) पड़ोसी
उत्तर :
(घ) पड़ोसी।
प्रश्न 34.
किसने बेरहमी से बेंत से जेन की पिटाई की ?
(क) सिपाही ने
(ख) चौकीदार ने
(ग) न्यायाधीश ने
(घ) माँ ने
उत्तर :
(ख) चौकीदार ने ।
प्रश्न 35.
बेंत की सजा पाने के कितने दिन बाद जेन्को ने आखिरी साँस ली ?
(क) दो दिन
(ख) तौन दिन
(ग) चार दिन
(घ) पाँच दिन
उत्तर :
(ख) तीन दिन।
प्रश्न 36.
किस वक्त जेन्को ने आखिरी साँस ली ?
(क) सुबह में
(ख) शाम में
(ग) रात में
(घ) दोपहर में
उत्तर :
(ख) शाम में।
प्रश्न 37.
जेन्को ने आखिरी बार किस संगीत को सुना ?
(क) जंगल के संगीत को
(ख) बुलबुल के संगीत को
(ग) देहात के संगीत को
(घ) वायलिन के संगीत को
उत्तर :
(ग) देहात के संगीत को।
प्रश्न 38.
मकान-मालिक की बेटी ने किस देश को ‘कलाकारों का देश’ कहा ?
(क) इटली को
(ख) जर्मन को
(ग) फ्रांस को
(घ) रूस को
उत्तर :
(क) इटली को।
प्रश्न 39.
“वह जोर-जोर से लातें चलाना लगा'” – ‘वह’ से कौन संकेतित है ?
(क) वर्दीधारी सिपाही
(ख) मकान-मालिक
(ग) शिशु जेन
(घ) चौकीदार
उत्तर :
(ग) शिशु जेन।
प्रश्न 40.
जेन्को ने जब आखिरी साँस ली तब वह कितने वर्ष का था ?
(क) आठ
(ख) दस
(ग) बारह
(घ) चौदह
उत्तर :
(ख) दस।
प्रश्न 41.
जेन्को के संगी-साथी आश्चर्य जताते क्योंकि –
(क) उन्हें शलजम नहीं मिल पाता था
(ख) जेन्को की तरह वे गा नहीं सकते थे
(ग) जेन्को की तरह उन्हें हर चीज में संगीत नहीं सुनाई देता था
(घ) उन्हें जंगली बेर नहीं मिल पाते थे
उत्तर :
(घ) उन्हें जंगली बेर नही मिल पाते थे।
प्रश्न 42.
जेन्को की दमकती आँखें कैसी दीखती थीं?
(क) तारे की तरह
(ख) जुगनू की तरह
(ग) शेर की आँखों जैसी
(घ) बिस्लो की आँखों जैसी
उत्तर :
(घ) बिल्ली की आँखों जैसी।
प्रश्न 43.
बंगले का मालिक कहाँ रहता था ?
(क) गाँव में
(ख) शहर में
(ग) इडली में
(घ) इंग्लैण्ड में
उत्तर :
(ग) इटली में।
प्रश्न 44.
वायलिन का गज जेन्को को कैसा दीख रहा था ?
(क) छड़ी की तरह
(ख) फूल की तरह
(ग) जादू की छड़ी की तरह
(घ) सॉँप की तरह
उत्तर :
जादू की छड़ी की तरह।
प्रश्न 45.
माँ से पिटाई खाने पर जेन्को क्या वादा करता था ?
(क) अब वह संगीत नहीं सुनेगा
(ख) जंगल में नहीं जाएगा
(ग) वह कड़ी मेहनत करेगा
(घ) वह माँ की मदद करेगा
उत्तर :
(क) अब वह संगीत नहीं सुनेगा।
प्रश्न 46.
माँ किस चीज से जेन को पीटती थी ?
(क) डंडे से
(ख) हायों से
(ग) कलछी से
(घ) बेलन से
उत्तर :
(ग) कलछी से।
प्रश्न 47.
जेन्को ने अपने लिए क्या बनाया था ?
(क) बाँसुरी
(ख) सारंगी
(ग) ढोलक
(घ) वायलिन
उत्तर :
(ख) सारंगी।
प्रश्न 48.
चौकीदार से जेन्को को बेंत लगाने के लिए किसने कहा ?
(क) बंगले के मालिक ने
(ख) वर्दीघारी सिपाही ने
(ग) न्यायाधीश ने
(घ) जेन्को की माँ ने
उत्तर :
(ग) न्यायाधीश ने।
प्रश्न 49.
चौकीदार ने किस चीज से जेन्को की पिटाई की ?
(क) डडे से
(ख) चायुक से
(ग) लात-घूसों से
(घ) बेंत से
उत्तर :
(घ) बेंत से।
प्रश्न 50.
पोलिश लोक-विश्वास के अनुसार छत पर किसका बोलना शुभ माना जाता है ?
(क) पपीहे का
(ख) कोयल का
(ग) बुलबुल का
(घ) उल्लू का
उत्तर :
(क) पपीहे का।
प्रश्न 51.
जेन्को किसे पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार था ?
(क) बाँसुरी
(ख) ढोल
(ग) वायलिन
(घ) शलजम
उत्तर :
(ग) वायलिन।
प्रश्न 52.
जेन्को ने अपनी माँ से आखिरी कौन-सा सवाल किया ?
(क) क्या वह फिर से जन्म लेगा
(ख) भगवान मुझे स्वर्ग में असली वायलिन देगा
(ग) न्यायाधीश ने उसे सजा क्यों दी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) भगवान मुझे स्वर्ग में असली वायलिन देगा ।
प्रश्न 53.
जेन्को खेत में क्या काम करने जाता था ?
(क) फसल काटने
(ख) फसल बोने
(ग) जुताई करने
(घ) सूखी साफ घास काटने
उत्तर :
(घ) सूखी साफ घास काटने।
प्रश्न 54.
गिरिजाघर में किसकी झंकार गूंजती थी ?
(क) घंटियों की
(ख) प्रार्थना की
(ग) वाद्ययंज्रों और घंटियों की
(घ) वायलिन की
उत्तर :
(ग) वाद्यांन्नों और घंटियों की।
प्रश्न 55.
कब जेन्को की आँखें धुंधली और नम हो उठती थीं ?
(क) गिरिजाघर में तथा घंटियों वाद्ययंत्रों की झनकार सुनने पर
(ख) निरीक्षक द्वारा पिटाई होने पर
(ग) माँ से मार खाने पर
(घ) बेंत की सजा पाने पर
उत्तर :
(क) गिरिजाघर में वाद्ययंत्रों तथा घंटियों की झनकार सुनने पर।
प्रश्न 56.
जेन्को कब तक बुत बना शराबखाने के संगीत को सुनता रहता ?
(क) देर रात तक
(ख) सुबह होने तक
(ग) शराबखाना बंद होने तक
(घ) चौकीदार के कहने तक
उत्तर :
(घ) चौकीदार के कहने तक।
प्रश्न 57.
किसकी आँखें हर वक्त चौकत्री और आँसुओं से भरी रहती?
(क) जेन्को की
(ख) माँ की
(ग) लुहार की स्त्री की
(घ) पड़ोस की
उत्तर :
(क) जेन्को की।
प्रश्न 58.
जेन्को के हालात की तुलना किससे की गई है ?
(क) पियानो से
(ख) बिल्ली से
(ग) मेढक से
(घ) गरीब सारंगी से
उत्तर :
(घ) गरीब सारंगी से।
प्रश्न 59.
किसकी छाती और गाल घंसते जा रहे थे ?
(क) चौकीदार के
(ख) जेन्को के
(ग) माँ की
(घ) वर्दीधारी सिपाही के
उत्तर :
(ख) जेन्को के।
प्रश्न 60.
जेन्को की एक ही चाहत क्या थी ?
(क) उसे काम करने से छुटकारा मिल जाय
(ख) माँ उसे पीटे नहीं
(ग) किसी तरह एक वायलिन उसे मिल जाए
(घ) वह वर्दीधारी सिपाही से बदला ले
उत्तर :
(ग) किसी तरह एक वायलिन उसे मिल जाए।
प्रश्न 61.
‘नन्हा संगीतकार’ में बदनसीब किसे कहा गया है ?
(क) जेन्को को
(ख) जेन्को की माँ को
(ग) बँगले के मालिक को
(घ) चौकीदार को
उत्तर :
(क) जेन्को को।
प्रश्न 54.
गिरिजाघर में किसकी झंकार गूंजती थी ?
(क) घंटियों की
(ख) प्रार्थना की
(ग) वाद्ययंत्रों और घंटियों की
(घ) वार्यलिन की
उत्तर :
(ग) वाद्यंय्नों और घंटियों की।
प्रश्न 55.
कब जेन्को की आँखें घुंघली और नम हो उठती थीं ?
(क) गिरिजाघर में तथा घंटियों वाद्ययंत्रों की झनकार सुनने पर
(ख) निरोक्षक द्वारा पिटाई होने पर
(ग) माँ से मार खाने पर
(घ) बेंत की सजा पाने पर
उत्तर :
(क) गिरिजाघर में वाद्ययंन्रों तथा घंटियों की झ्ननकार सुनने पर।
प्रश्न 56.
जेन्को कब तक बुत बना शराबखाने के संगीत को सुनता रहता ?
(क) देर रात तक
(ख) सुबह होने तक
(ग) शराबखाना बंद होने तक
(घ) चौकीदार के कहने तक
उत्तर :
(घ) चौकीदार के कहने तक।
प्रश्न 57.
किसकी आँखें हर वक्त चौकत्री और आँसुओं से भरी रहती?
(क) जेन्को की
(ख) माँ की
(ग) लुहार की स्री की
(घ) पड़ोस की
उत्तर :
(क) जेन्को की।
प्रश्न 58.
जेन्को के हालात की तुलना किससे की गई है ?
(क) पियानो से
(ख) बिल्ली से
(ग) मेढक से
(घ) गरीब सारंगी से
उत्तर :
(घ) गरीब सारंगी से।
प्रश्न 59.
किसकी छाती और गाल घंसते जा रहे थे ?
(क) चौकीदार के
(ख) जेन्को के
(ग) माँ की
(घ) वर्दीधारी सिपाही के
उत्तर :
(ख) जेन्को के।
प्रश्न 60.
जेन्को की एक ही चाहत क्या थी ?
(क) उसे काम करने से छुटकारा मिल जाय
(ख) माँ उसे पीटे नहीं
(ग) किसी तरह एक वायलिन उसे मिल जाए
(घ) वह वर्दीधारी सिपाही से बदला ले
उत्तर :
(ग) किसी तरह एक वायलिन उसे मिल जाए।
प्रश्न 61.
‘नन्हा संगीतकार’ में बदनसीब किसे कहा गया है ?
(क) जेक्को को
(ख) जेन्को की माँ को
(ग) बँगले के मालिक को
(घ) चौकीदार को
उत्तर :
(क) जेन्को को।
प्रश्न 62.
शराबखाने में किसका तेज स्वर गूँजता था ?
(क) शराबियों का
(ख) पियानो का
(ग) पैरों की थाप का
(घ) युगलो का
उत्तर :
(ख) पियानो का।
प्रश्न 63.
‘चलो, अब जाओ’ – वक्ता कौन है ?
(क) चौकीदार
(ख) निरीक्षक
(ग) न्यायाधीश
(घ) माँ
उत्तर :
(क) चौकीदार।
प्रश्न 64.
कटघरे में खड़ा अपराथी कौन था ?
(क) बँगले का मालिक
(ख) जेन्को
(ग) चौकीदार
(घ) सिपाही
उत्तर :
(ख) जेन्को।
प्रश्न 65.
कितने दिन बाद अभागा जेन्को मजिस्ट्रेट के सामने था ?
(क) चार दिन
(ख) तीन दिन
(ग) दो दिन
(घ) एक दिन
उत्तर :
(ग) दो दिन।
प्रश्न 66.
जेन्को को देखकर कौन सोच में पड़ गया ?
(क) चौकीदार
(ख) बँगले का मालिक
(ग) सिपाही
(घ) न्यायाधीश
उत्तर :
(घ) न्यायाधीश।
प्रश्न 67.
किस पर गालियों, घूँसों, मुक्कों की बरसात होने लगी ?
(क) जेन्को पर
(ख) वर्दोधारी सिपाही पर
(ग) चौकीदार पर
(घ) निरीक्षक पर
उत्तर :
(क) जेन्को पर।
प्रश्न68.
‘ईश्वर के वास्ते’ – वक्ता कौन है ?
(क) न्यायाधीश
(ख) जेन्को
(ग) चौकीदार
(घ) माँ
उत्तर :
(ख) जेन्को।
प्रश्न 69.
जेन्को के मामले में न्यायाधीश ने क्या बेहतर समझा ?
(क) जेन्को को छोड़ दिया जाय
(ख) कैदखाने भेज दिया जाय
(ग) बेंत से थोड़ी पिटाई कर दी जाय
(घ) दो साल की सजा दी जाय
उत्तर :
(ग) बेंत से थोड़ी पिटाई कर दी जाय।
प्रश्न 70.
‘वहाँ के लोग भी शानदार हैं’ – ‘वहाँ के लोग’ से कौन संकेतित हैं?
(क) जर्मनी के लोग
(ख) देहात के लोग
(ग) इटली के लोग
(घ) शहर के लोग
उत्तर :
(ग) इटली के लोग।
प्रश्न 71.
मरणासन्न जेन्को के बगल में क्या रखा था ?
(क) पवित्र जल
(ख) पवित्र मोमबत्ती
(ग) पवित्र अगरबत्ती
(घ) सारंगी
उत्तर :
(घ) सारंगी।
प्रश्न 72.
मरणासत्र का चेहरा अचानक चमक उठा – मरणासन्न कौन है ?
(क) माँ
(ख) जेन्को
(ग) न्यायाधीश
(घ) सिपाही
उत्तर :
(ख) जेन्को।
प्रश्न 73.
किस देश को ‘दिलकश देश’ कहा गया है ?
(क) भारत को
(ख) अफीका को
(ग) इटली को
(घ) अमेरिका को
उत्तर :
(ग) इटली को।
प्रश्न 74.
‘नन्हा संगीतकार’ किस देश की कहानी है ?
(क) भारत की
(ख) इटली की
(ग) पोलिश की
(घ) स्वीडन की
उत्तर :
(ग) पोलिश की।
प्रश्न 75.
किसके बाद शिशु जेन की हालत सुथरने लगी?
(क) पवित्र पाठ के बाद
(ख) पविन्न मोमबत्ती जलाने के बाद
(ग) मृत्यु की प्रार्थना के बाद
(घ) छत पर पपीहे की तान के बाद
उत्तर :
(घ) छत पर पपीहे की तान के बाद।
प्रश्न 76.
जेन्को की कुटिया की छत पर पपीहे ने कुहु-कुहु की तान कितनी बार छेड़ी थी ?
(क) तीन
(ख) पाँच
(ग) सात
(घ) एक
उत्तर :
(क) तीन।
प्रश्न 77.
जेन्को की बेंत से पिटाई करनेवाला चौकीदार था ?
(क) कुशाग्र बुद्धि
(ख) मोटी बुद्धि
(ग) पागल
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) मोटी वुद्धि।
प्रश्न 78.
नन्हा संगीतकार का नामकरण किसने किया ?
(क) चर्च के पादरी ने
(ख) पड़ोसियों ने
(ग) उसकी माँ ने
(घ) लुहार की स्त्री ने
उत्तर :
(ख) पड़ोसियों ने।
प्रश्न 79.
पादरी किस धर्म के पुरोहित को कहते हैं ?
(क) बौद्ध धर्म
(ख) हिन्दू धर्म
(ग) इसाई धर्म
(घ) मुस्लिम धर्म
उत्तर :
(ग) इसाई धर्म।
प्रश्न 80.
जेन सिगड़ी के पास बैठता था ?
(क) फैलकर
(ख) रोकर
(ग) सिकुड़कर
(घ) गाकर
उत्तर :
(ग) सिकुड़कर।
प्रश्न 81.
जेन्को की मृत्युशैय्या के पास रखी हुई थी ?
(क) सारंगी
(ख) ढोलक
(ग) वायलिन
(घ) तुरही
उत्तर :
(ग) वायलिन।
प्रश्न 82.
जेन की कुटिया की छत पर बोल रहा था ?
(क) कौआ
(ख) पपीहा
(ग) तोता
(घ) मैना
उत्तर :
(ख) पपीहा।
83. जेन्को कहाँ दुबककर बैठा था ?
(क) पशुओं के बीच
(ख) लताओं के बीच
(ग) मित्रों के बीच
(घ) दीवारों के बीच
उत्तर :
(ख) लताओं के बीच।
प्रश्न 84.
इसे ले जाओ, चेतावनी के बतौर बेंत से पिटाई करो – इस कथन के वक्ता है ?
(क) न्यायाधीश
(ख) मकान मालिक
(ग) माँ
(घ) लुहार की स्त्री
उत्तर :
(क) न्यायाषीश।
प्रश्न 85.
“मेरे ख्याल से तो यह पादरी के आने तक भी नहीं बचेगा” – वक्ता कौन है ?
(क) माँ
(ख) पड़ोसी
(ग) दूसरी स्वी
(घ) लुहार की स्वी
उत्तर :
(ग) दूसरी स्त्री।
प्रश्न 86.
“तेरा नाम होगा जेन” – वक्ता कौन है ?
(क) माँ
(ख) पड़ोसी
(ग) दूसरी स्ती
(घ) लुहार की स्त्री
उत्तर :
(घ) लुहार की स्त्री।
वस्तुनिष्ठ सह व्याख्यामूलक प्रश्नोत्तर
1. माँ, भगवान मुझे स्वर्ग में असली वायलिन देगा ?
प्रश्न :
यहाँ वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता नन्हा संगीतकार जेन है।
प्रश्न :
इस कथन का संदर्भ एवं भाव लिखिए।
उत्तर :
बेंत की सजा पाने के बाद बेचारा दुर्बल जेन अपनी आखिरी सांसे गिन रहा था। इस समय भी उसके अंदर से संगीत की चाहत खत्म नहीं हुई थी। वह यह भी जानता था कि इस संसार में वह कुछ ही समय का मेहमान है। वह जल्द ही ईश्वर के पास जाने वाला है। इसलिए जेन अपनी माँ से यह प्रश्न करता है कि क्या भगवान उसे स्वर्ग में असली वायलिन देंगे ?
2. ‘तुम चुपचाप लेटी रहो, मैं पवित्र मोमबत्ती जलाती हूँ।’
प्रश्न :
प्रस्तुत अंश किस पाठ का है ? इसके रचनाकार कौन है ?
उत्तर :
प्रस्तुत अंश ‘नन्हा संगीतकार’ नामक पाठ का है तथा इसके रचनाकार हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न :
प्रस्तुत वाक्य का वक्ता कौन है ?
उत्तर :
प्रस्तुत वाक्य का वक्ता लुहार की पत्मी है ।
3. तुप्हारे पास ज्यादा वक्त नहीं है, दूसरी दुनिया में जाने की तैयारी करो।
प्रश्न :
वक्ता कौन है?
उत्तर :
वक्ता लुहार की पत्नी है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
जब जेन इस संसार में आया तो वह बहुत ही दुर्बल था। उसे जन्म देनेवाली माँ की हालत भी उससे अच्छी नहीं थी। ऐसा लग रहा था कि दोनों कुछ ही देर के मेहमान हैं। दोनों की ऐसी स्थिति देखकर पड़ोसन लुहार की पत्नी अपने ही तरीके से जेन की माँ को दिलासा देने लगी। उसने जेन की माँ से कहा कि अब उसके पास ज्यादा समय नहीं है। बस अब इस दुनिया से विदा होने ही वाली है। उसे चाहिए कि वह दूसरी दुनिया में जाने की तैयारी करे।
4. तेरा नाम होगा ‘जेन’।
प्रश्न :
वक्त कौन है ?
उत्तर :
वक्ता पड़ोस में रहनेवाली लुहार की पत्नी है।
प्रश्न :
वक्ता के कथन का अभिप्राय स्पष्ट करें।
उत्तर :
लुहार की पत्नी यह चाहती थी कि नवजात बच्चे की मृत्यु के पहले उसका नामकरण हो जाय ताकि उसकी आत्मा को शांति मिल सके। अगर नामकरण न किया गया तो उसकी आत्मा भटकती फिरेगी। लुहार की पत्नी ने समय को देखते हुए पादरी के आने का भी इंतजार नहीं किया तथा आनन-फानन में उसका नामकरण कर दिया – ‘जेन’।
5. हे इसाई आत्मा ! इन दुनिया से अब विदा ले।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता लुहार की पत्नी है।
प्रश्न :
वक्ता ऐसा किसके लिए कह रही है और क्यों ?
उत्तर :
लुहार की पत्नी ने यह मान लिया था कि जेन अब कुछ ही समय का मेहमान है। इसलिए उसने नामकरण के लिए पादरी का भी इंतजार नहीं दिया तथा उसका नाम ‘जेन’ रखा। नाम रखने के बाद वह उसकी आत्मा से प्रार्थना करती है कि जितनी जल्द हो सके, इस दुनिया से विदा ले तथा वहीं चली जाए जहाँ से वह आई है।
6. उसके बाद शिशु की हालत सुधरने लगी।
अथवा
7. पोलिश लोक-विश्वास के अनुसार यह एक शुभ शकुन माना जाता है।
प्रश्न :
रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार का नाम हेनरिक सेंकेविच है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
जेन जब चार वर्ष का हो गया तब एक दिन उसकी कुटिया के छत पर पपीहे ने तौन बार कुहु-कुहु की तान छेड़ी। तब से उसकी हालत दिन-प्रतिदिन सुधरने लगी। ऐसा होने के पीछे पपीहे का छत पर बोलना था व्योंकि पोलिश लोक-विश्वास के अनुसार ऐसा होना शुभ लक्षण है।
8. उन आँखों में सदैव एक ख्वाब अँगड़ाई लेता रहता था।
प्रश्न :
रचना का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना का नाम ‘नन्हा संगीतकार’ है।
प्रश्न :
किसी आँखों में कौन-सा ख्वाब अँगड़ाई लेता रहता था ?
उत्तर :
जेन की आँखों में वह ख्वाब अंगड़ाई लेता रहता था जो दूसरों की समझ से परे था।
जेन की आँखों में प्रकृति की सुंदरता, प्रकृति के संगीत को अनुभव करने की असाधारण शक्ति थी। शायद उसकी आँखें यह ख्वाब देखती हो कि एक दिन वह भी अपनी उंगलियों को साज पर छेड़कर उस प्राकृतिक संगोत को पैदा कर सकेगा।
9. बेचारी माँ क्या करती ?
प्रश्न :
रचना का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना का नाम है – ‘नन्हा संगीतकार’।
प्रश्न :
यहाँ किसकी माँ की किस बेचारगी के बारे में कहा जा रहा है ?
उत्तर :
जब जेन के पास जाड़े से बचने के लिए कुछ नहीं होता या जोरों की भूख लगी होती तो वह बिलखने लगता था क्योंकि न तो उसके पास गर्म कपड़े थे और न ही भोजन। गरमी के दिनों में भी उसकी हालत कुछ अच्छी नहीं रहती थो। भोजन की तलाश में उसकी आंखें किसी पक्षी की तरह यहाँ-वहाँ भटकती रहती। जेन की यह स्थिति माँ से नहीं देखी जाती थी किन्तु वह अपनी स्थिति से लाचार थी। वह बेचारी जेन के लिए चाहकर भी कुछ नहीं कर पाती थी।
10. खुदा का शुक्र था कि ऐसी दिलेरी के वक्त किसी भेड़िये ने उसे अपना शिकार नहीं बनाया था।
प्रश्न :
प्रस्तुत पंक्ति किस पाठ से ली गई है ?
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति हेनरिक सेंकेविच की कहानी ‘नन्हा संगीतकार’ से ली गई है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
जेन जब आठ वर्ष का हो गया तो उसने अपनी देखभाल खुद करना शुरू किया। जब घर मे खाने के लिए कुछ नहीं होता था तो वह मशरूम की खोज में जंगल में चला जाता था। जंगल में जंगली जानवर विशेषकर भेड़िये से उसकी जान को बहुत खतरा था। अकेला तथा दुर्बल होने के कारण वह असानी से किसी भेड़िये का भोजन बन सकता था। लेकिन यह खुदा की मेहरबानी ही थी कि वह किसी भेड़एए का शिकार नहीं बना।
11. उसमें एक अनोखी खूबी थी।
प्रश्न :
रचना का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना का नाम ‘नन्हा संगीतकार’ है।
प्रश्न :
पंक्ति में निहित आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
जेन में ईश्वर ने एक ऐसी खूवी दी थी जो दूसरों में नहीं था। संगीत-प्रेम उसका जुनून था। प्रकृति की हर आवाज में उसे संगीत सुनाई देता था। यहाँ तक कि हवा की सरसराहट और पत्तियों की केपकेपाहट में भी उसे संगीत सुनाई देता था। जब वह जगल में भेड़-बकरियाँ चराने जाता या जंगली-बेर चुनने तो भी वहाँ के संगीत में वह पूरी तरह डूब जाता और कई बार खाली हाथ ही घर लौट आता।
12. यह मुहब्बत ही उसका जुनून था।
प्रश्न :
रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है तथा इसके रघनाकार हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न :
यहाँ किसके किस मुहब्बत के जुनून के बारे में कहा गया है ?
उत्तर :
संगीत के प्रति बेइततहा प्रेम ही जेन का जुनून थी। प्रकृति की हर आवाज़ में उसे संगीत ही सुनाई देता था। यह खुवी केवल जेन में ही थी क्योक दूसरे बच्चों को यह संगीत कहीं नहीं सुनाई देता था। जहाँ कहीं भी संगीत सुनाई देता जेन उसमें पूरी तरह डूब जाता था। चाहे वह शराबखाने में बजनेवाला संगीत हो या फिर फसल कटने या शादी-ब्याह के मौके पर बजाया जाने वाला संगीत हो।
13. हर किस्म की आवाज में उसे संगीत सुनाई देता।
प्रश्न :
रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार पोलैंड के हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न :
किसकी आवाज में किसे संगीत सुनाई देता था ?
उत्तर :
प्रकृति की हर आवाज़ में जेन (जेन्को) को संगीत सुनाई देता था। काम के समय भी वह खेतों में हवा की सरसराहट में खो जाता था। देहात की हर एक आवाज़ में उसे संगीत सुनाई देता था। यहाँ तक कि मेढ़क की टराहटट, चारागाहों के कुक्कुर के चीत्कार और मुर्गे की बाँग में भी उसे संगीत सुनाई देता था।
14. चल हट बंदर कहीं का।
प्रश्न : रचना का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना का नाम ‘नन्हा संगीतकार’ है।
प्रश्न : वक्ता कौन है ? वह किसे बंदर कह रहा है और क्यों ?
उत्तर :
वक्ता जेन की माँ है ।
वह जेन को बंदर कह रही है क्योंकि वह जंगल से भी खाली हाथ लौटकर माँ को वहाँ के संगीत के बारे में ही सुनाता था। यह सुनकर माँ अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाती थी तथा कलछी से उसकी पिटाई कर डालती थी। इसी क्रम में वह जेन को डाँटती हुई कहती थी – “चल हट बंदर कहीं का। अब में तेरा बाजा बजाऊँगी, न काम का, न काज का।”
15. “उसका मन तो जंगल में ही बसता था। वह सोचता रहता था कि वहाँ कितने मधुर स्वर हैं, जो गूँजते और बजते रहते हैं ।”
प्रश्न :
यहाँ किसके मन के बारे में कहा जा रहा है ?
उत्तर :
यहाँ जेन के मन के बारे में कहा जा रहा है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
जेन पूरी तरह संगीत के प्रति समर्पित था। जंगल से खाली हाथ लौटने पर माँ कलछी से उसकी पिटाई करती थी। पिटाई के समय वह दुबारा संगीत न सुनने तथा संगीत के बारे में कोई बात न करने की कसम खाता था, लेकिन फिर उसका हाल वही हो जाता था। जंगल का संगीत उसे अपनी और खींचता और वह खिंचता चला जाता। कारण तो केवल एक ही था कि उसका मन जंगल में ही बसता था।
16. आखिरकार पड़ोसियों ने उसका नाम ही रख दिया संगीतकार जेन्को।
प्रश्न : रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है तथा इसके रचनाकार हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
जेन जब खेत पर काम करने जाता था तो काम करने की बजाय हवा की सरसराहट में खो जाता था। निरीक्षक जब उसे संगीत में खोया देखता तो उसे दो-तीन छड़ी जमा देता। छड़ी खाकर भी वह संगीत की दुनिया से बाहर नहीं निकल पाता। कोई भी उपाय उसे संगीत से अलग नहीं कर सकता था। उसके इसी गुण के कारण पड़ोसियों ने जेन का नामकरण ही ‘संगीतकार जेन्को’ कर डाला।
17. गनीमत थी कि माँ उसे गिरजाघर नहीं ले जाती थी।
प्रश्न :
रचना का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना का नाम है – ‘नन्हा संगीतकार’।
प्रश्न :
माँ किसे गिरजाघर नहीं ले जाती थी और क्यों ?
उत्तर :
माँ जेन को गिरजाघर नहीं ले जाती थी।
जब जेन गिरजाघर जाता था तो वहाँ के वाद्ययंत्रों तथा घंटियों की ज्ञनकार सुनकर उसकी आँखें धुंधली और नम हो उठती थी। उसकी आँखें ऐसे चमकने लगती थी मानो वह किसी दूसरी दुनिया की रोशनी से आभायुक्त हो उठी हां। जन की माँ उसे संगीत और इसके प्रभाव से दूर ही रखना चाहती थी, इसीलिए वह जेन को गिरजाघर नहीं ले जाती थी।
18. हालाँकि वह बालक कभी-कभी शराबखाने तक चला जाता था।
प्रश्न :
‘वह बालक’ कौन था ?
उत्तर :
‘वह बालक’ जेन था।
प्रश्न :
आखिरकार वह वहाँ क्यों जाता था ?
उत्तर :
संगीत सुनने की चाहत जेन को शराबखाने तक खींच ले जाती थी। हालॉंकि वह शराबखाने के अंदर नहीं जाता था, याहर दीवार से सटकर ही बैठ जाता था तथा अंदर से वायलिन की धुन, धिरकते ैैरों की थाप और मस्ती भरे स्वरों का आनंद उठाता था। कभी-कभी तो रात हो जाने पर चौकीदार के कहने पर ही वह वहाँ से घर के लिए रवाना होता था।
19. उसकी किस्मत में तो बस सुनना ही लिखा था।
प्रश्न :
यहाँ किसकी किस्मत के बारे में कहा गया है?
उत्तर:
यहाँ जेन की किस्मत के बारे में कहा गया है।
प्रश्न :
उसकी किस्मत में क्या सुनना लिखा था ?
उत्तर :
जेन संगीत का आनंद उठाने के लिए शराबखाने के बाहर दीवार से सटकर बैठ जाता था। अंदर से आती धिरकते पैरों की थाप, मस्ती भरी आवाज, पियानो तथा वायलिन की मधुर ध्वनि से उसे असीम आनंद की प्राप्ति होती थी। मधुर धुन वाले वायलिन को पाने के लिए उसका मन लालायित रहता था लेकिन उसकी किस्मत में केवल सुनना ही लिखा था न कि बजाना।
20. चलो, अब जाओ, सोने का वक्त हो गया है।
प्रश्न :
वक्ता कौन है ?
उत्तर :
वक्ता चौकीदार है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
शराबखाने के अंदर से आती हुई पियानो तथा वायलिन की ध्यनि का आनंद उठाने के लिए जेन शराबखाने की बाहरी दीवार से सटकर घंटों बैठा रहता था जब तक कि दूर से अधेरे को चीरती चौकीदार की यह आवाज उसे सुनाई नहीं पड़ती – “चलो, अब जाओ, सोने का वक्त हो गया है।” चौकीदार की यह आवाज सुनने के बाद ही वह अपनी कुटिया की ओर दौड़ पड़ता था।
21. यह उसकी फितरत में था।
प्रश्न : रचना का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है।
प्रश्न :
यहाँ किसकी किस फितरत के बारे में कहा गया है ?
उत्तर :
यहाँ जेन के संगीत-प्रेम के फितरत के बारे में कहा गया है। जब जेन कहीं से वार्यालन नहीं पा सका तो उसने काठ के एक टुकड़े से अपने लिए वायलिन ही बना डाला। उसमें उसने तार की जगह घोड़े के बाल का इस्तेमाल किया। उस वायलिन से मक्खी की तरह भिन-भिन आवाज निकलती थी। सुबह उठकर देर तक उसे बजाता रहता था तथा इस आदत के लिए उसे माँ से मार भी खानी पड़ती थी। फिर भी वह अपने संगीत प्रेम को नहीं छोड़ पाता था क्योकि यह संगीत-प्रेम तो जेन की फितरत में था। इसे छोड़ पाना उसके वश में नहीं था।
22. मगर अफसोस, उसकी इस चाहत ने उस बदनसीब की जान ही ले ली।
प्रश्न :
प्रस्तुत अंश कहाँ से लिया गया है ?
उत्तर :
प्रस्तुत अंश हेनरी सेंकविच की कहानी ‘नन्हा संगीतकार’ से ली गयी है।
प्रश्न :
किसकी किस चाहत ने किस बदनसीब की जान ले ली ?
उत्तर :
वायलिन पाने की चाहत ने बदनसीय जेन की जान ले ली।
जेन वगलले के सिपाही के वायलिन को केवल स्पर्श और महसूस करना चाहता था। लेकिन सिपाही को ऐसा लगा कि वह वायलिन चुराने आया था। इसी जुर्म में मजिस्ट्रेट ने उसे बेतों से मार की सजा सुनाई। जेन इतना कमजोर था कि बेतों की सजा नहीं सह पाया। बेतों की सजा पाने के तीसरे दिन ही वह वायलिन की चाहत लिए हुए दुनिया से चल बसा।
23. बालक हसरत भरी निगाहों से उसे निहारता।
अथवा
24. ऐसे वक्त उसकी समूची आत्मा आँखों में उतर आती।
प्रश्न :
रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है तथा रचनाकार हेनरी सेकेविच है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
बंगले के सिपाही का वायलिन दीवार पर दरवाजे के सामने टंगा रहता था। जेन उस वायलिन को एक बार अपनी उगलियों से स्पर्श कर लेने भर की हसरत भरी निगाहों से निहारता रहता। जब वह वायलिन को निहारता था तो ऐसे समय में मानों उसकी समूवी आत्मा उसकी आँखों में उतर आता था क्योंकि यह वायलिन जन के लिए दुनिया की सबसे कीमती चौज थी।
25. वाह ! कितना खूबसूरत है एकदम जादुई!
प्रश्न :
रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार हेनरिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
एक दिन बंगले में कोई नहीं था। दीवार पर टंगी वायलिन पर चाँद की रोशनी अपनी पूरी सुंदरता के साथ पड़ रही थी। ऐसे समय में वायलिन की आभा उसे अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। चंद्रमा की आभा से युक्त वायलिन का जादुई प्रभाव मानो क्षण प्रतिक्षण उसे अपने आगोश में लेता जा रहा था।
26. झुरमुट में वह एक जंगली जीव की भांति दिख रहा था।
प्रश्न :
‘वह’ से कौन संकेतित है ?
उत्तर :
‘वह’ से जेन संकेतित है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
सुनसान बंगले में चाँदनी रात्रि में जेन उस वायलिन को छूना और अनुभव करना चाहता था। वह असमंजस में पड़ा था कि ऐसा करे या न करे। वायलिन की चाहत उसे आगे बढ़ने के लिए लगातार उकसा रही थी। वह झुरमुट में छिपा हुआ मौंके की तलाश में था। इस समय घ्युरमुटों के बीच छिपा हुआ जेन एक जंगली जीव की तरह दिख रहा था मानं वह शिकार पर अपनी नज़रे गड़ाए बैठा हो।
27. यूँ भी बच्चों के साथ इतना बेरहम नहीं हुआ जा सकता।
प्रश्न :
प्रस्तुत अंश का वक्ता कौन है ?
उत्तर :
प्रस्तुत अंश का वक्ता न्यायाधीश है।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
यायाधीश अपने सामने खड़े दस वर्षौय, दुर्बल, गंदा तथा चोटों से भरे जेन को देख रहा का । न्यायाषीश होने के नाते उसे जेन को कोई न कोई सजा सुनानी द्री थी क्योंकि वह चोरी के जुर्म पकड़ा गया था। मगर वह इतने होटे बच्चे के साथ बेरहमी के खाथ भी पेश नहीं आ सकता चा। इसीलिए न्यायाधीश अपने मन में सोच रहा था कि इस बच्वे को कौन-सी सजा दी जाय जो उसके लिए ज्यादा भी नहीं हो तथा उसे वोरी न करने का भी खबक मिल जाए।
28. तीसरे रोज उसने आखिरी सांस ली।
प्रश्न :
रचना तथा रधनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नन्हा संगौतकार’ है तथा रचनाकार हेनरिक सेंकेबिच हैं।
प्रश्न :
पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर :
वायालिन की चोरो के नुर्म में न्यायाधीश ने न दाहते भी जेन को बेतो की सजा सुनाई। लेकिन जेन इतना दुर्बल था कि वह इस सजा को मी नहीं सह पाया। क्ठोर, निर्द्य चौकीदार ने बडी बेरहमी से जेन को बेतों से पौटा था। सजा पाने के बाद उसकी हालत इतनी बिगड़ गदौ उसकी कि माँ उसे अपनी गांद में उठाकर घर ले गयी। सजा पाने के तौसरे ही दिन जेन से इस निर्दययी संसार से हमेशा के लिए विदा ले लिया।
29. जेन्को ने आखिरी मर्तबा देहात के संगीत को सुना।
प्रश्न : रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचनाकार हेनरिक सेंकेखिच हैं।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
बेत की सजा पाने के बाद दुर्बल जेन की हालत इतनी बिगह़ गई कि उसने तौसरे दिन ही इस दुनिया से विदा से लो। जब वह अपनी आघिरी सांसें गिन रहा था तब उसने आघिरी बार देहात के संगीत को सुना। यह शाम का समय था तथा खंतों में काम करने वाली युवतियाँ काम के बाद गाते हुए अनने-अपने घरों को लौट रही थी। पास से ही बहती नदी की कलकल की आवाजें भी सुनाई दे रही़ी धी।
30. इटली वाकई कितना दिलकश देश है ?
अथवा
31. कलाकारों का देश है।
अथवा
32. वाकई उनकी कला को देखने और उसे प्रोस्साहित करने में कितना आनंद मिलता है।
अधवा
33. ज़ेन्को की कब्र पर कितने ही कीडे- घकोड़े भिनभिना रहे थे।
प्रश्न :
रचना तथ्वा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है तथा इसके रचनाकार हेनारिक सेंकेविच हैं।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उचर :
इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने हमें एक बहुत बड़ा संदेश देना चाहा है कि हम प्रतिष्ठित कसाकार की तो सराहना करते हैं लंकिन जिनमें कलाकार होने की प्रतिभा है, उसकी कद्र नहीं करते। कद्र करना तो दूर हम उनकी उदेक्षा करते है, उनका उपहास उड़ाते हैं तथा उसे प्रताइित करने से भी बाज नहीं आते।
जेन के साथ भी ऐसा ही हुआ। अगर लोगों ने उसकी छिपो प्रतिभा को पहवाना होता तो शायद वह बहुत बड़ा संगीतकार हो सकता था। लेकिन लोगों ने उसकी प्रतिभा को ख्विलने से पहले ही कुचलकर रब दिया। इतना ही नहीं, संगौत-प्रैय के कारण उसे अपनी जान भी गंवानी पडी।
34. जब वह इस दुनिया में आया तो बेहद कमजोर और दुर्बल था।
प्रश्न :
यह पंक्ति किस पाठ से उद्धुत है ?
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति ‘नन्हा संगीतकार’ पाठ से उद्धृत है।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
जब जेन पैदा हुआ तो वह इतना कमजोर था कि पड़ोस में किसी को भी उसके बचने की उम्मीद नहीं थी। उसे देखकर वे अफसोस जाहिर करने लगे कि यह कुछ ही घंटे का मेहमान है। केवल इतना ही नहीं, उसे जन्म देने वाली माँ के बारे में भी पड़ोसियों का यही ख्याल था।
35. बेहतर होगा कि जल्दी नामकरण हो जाए, वरना इसकी बेनाम आत्मा यहाँ-वहाँ भटकेगी।
प्रश्न :
रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर :
रचना ‘नन्हा संगीतकार’ है तथा इसके रचनाकार ‘हेनरिक सेंकेविच’ हैं।
प्रश्न :
पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर :
पड़ोस में रहनेवाली लुहार की पत्नी को यह पूरा-पूरा विश्वास था कि बच्चा और माँ दोनों कुछ ही देर के मेहमान हैं। इसाई धर्म की परंपरा के अनुसार वह नवजात बच्चे का नामकरण उसकी मृत्यु से पहले कर देना चाहती थी। वह ऐसा इसलिए करना चाहती थी कि अगर बेनाम बच्चे की मृत्यु हो गई तो उसकी आत्मा को शांति नहीं मिल पाएगी, वह यहाँ-वहाँ भटकती फिरेगी।
WBBSE Class 10 Hindi नन्हा संगीतकार Summary
लेखक – परिचय
हेनरिक सेंकेविच का जन्म सन् 1846 में पोलैंड में हुआ था। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करनेवाले ये पोलैंड के पहले साहित्यकार थे। इनका सर्वाधिक ख्यातिप्राप्त उपन्यास ‘को वेडिस’ है। इसे लिखने के लिए इन्होंने इटली की भी यात्रा की। यह उपव्यास इतना लोकप्रिय हुआ कि यह विश्व की साठ से अधिक भाषाओं में अनूदित हो चुका है।
सेंकेविच बेहद संवेदनशील और मानवतावादी कथाकार थे। इनकी रचनाओं में वैसी घटनाओं को विषय बनाया गया है जिसे प्राय: लोग अनदेखा कर देते हैं। सन् 1905 में इन्हे पुरस्कृत करते हुए स्वीडिश अकादमी ने यह कहा था – “महान कलाकार के अपूर्व और विलक्षण गुणों के कारण इन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है।”
हेनरिक सेंकेविच के प्रमुख उपन्यास :- विथ फायर एवं स्वोर्ड’, पैन माइकेल’, ‘विदाउट दागमा’, चिल्ड्रेन ऑफ द सायल’, ‘सीलान्का’, ‘लेट अस फालो हिम’, इन वेन’ आदि। सन् 1916 में इस महान साहित्यकार को मृत्यु ने हमसे छीन लिया।
शब्दार्थ
पृष्ठ संख्या – 97
- इर्द-गिर्द = आस-पास।
- अफसोस = दुःख।
- जाहिर = व्यक्त।
- तजुर्बेकार = अनुभवी।
- अंदाज = लहजे, शैली।
- दिलासा = ढाढस, साहस बंधाना ।
- नामकरण = नाम रखना।
- बेनाम = बिना नाम के ।
- आमीन = ऐसा ही हो।
- इरादा = इच्छा।
- क्षीण = कमजोर ।
- मंद = धीमा ।
- हौले-हौले = धीरे-धीरेर ।
- मिमिया = बिल्ली के बच्चे की तरह कमजोर आवाज।
- नाजुक = कमजोर।
- पपीहे = एक पक्षी।
- तान = संगीत।
- शकुन = तसल्ली, शांति।
- धूसर = भूरे रंग के।
- सदैव = हमेशा।
- ख्वाब = सपना।
- अनदेखा = नहीं देखा गया ।
- सिगड़ी = मिट्टी का बरतन, जिसमें जाड़े से बचने के लिए आग जलायी जाती है ।
- बिलखता = रोता।
पृष्ठ संख्या – 98
- झबले = ढीला-ढाला कपड़ा।
- सुराखों = छेदों।
- निगाहें = नज़रें।
- जून = वक्त, समय।
- बेइन्तहा = बहुत ज्यादा असीम।
- बूते = बल।
- दिलेरी = साहस, हिम्मत।
- एहतियात = सावधानी ।
- बरतने = अपनाने ।
- खूबी = विशेषता।
- कुदरत = प्रकृति।
- बख्शा = प्रदान किया, दिया।
- जुनून = चेरी = एक प्रकार का लाल फल जो मीठा होता है।
- जेहन = दिमाग।
- निठल्ला = बेकार ।
- स्वपद्रष्टा = सपने देखने वाला।
- अनुभूति = अनुभव ।
- तमाम = सारे।
पृष्ठ संख्या – 99
- प्रदीप्त = चमकीली।
- गपियाने = बात करने।
- युगल = जोड़े।
- थिरकते = नाचते।
- थाप = आवाज।
- बालाओं = युवतियों।
- हौले-हौले = धीरे-धीरे ।
- नसीब = किस्मत।
- बुत = मूर्त्रि।
- लफ्ज = शब्द।
- काठ = लकड़ी।
- फलक = टुकड़ा।
- लत = आदत।
- फितरत = स्वभाव।
- चौकन्नी = सावधान।
- आम = साधारण।
- तंदुरुस्त = स्वस्थ्य।
- फांके करना = भूखे रहना।
- चाहत = इच्छा।
- बदनसीब = अभागा, बुरी किस्मत वाला।
पृष्ठ संख्या – 100
- अरसे = काफी समय।
- धुन = सनक।
- हसरत भरी = चाहत भरी।
- मूक = गूंगी।
- जकड़ = पकड़, दबोच।
- दिल बल्लियों उछलना = काफी खुश होना।
- झिरी = छेद।
- शबाब = खूबसूरती।
- दमक = चमक।
- दूधिया = दूध के जैसा उजला।
- कदर = तरह ।
- चकाचौंध = चमक।
- बौरा = पागल।
- मानिंद = तरह ।
- जुगनू = एक कीड़ा जो रात के अंधेरे में चमकता है।
- माफिक = तरह ।
- अवाक् = बिना बोले।
- निश्चल = शांत।
- उत्कट आकांक्षा = प्रबल इच्छा।
- आभा = चमक।
पृष्ठ संख्या – 101
- धौंकनी = एक यंत्र जिससे लुहार आग को और तेज करता है।
- ओझल = गायब।
- आगाह = सावधान।
- बुलबुल = एक बिड़िया, जिसकी आवाज मीठी होती है।
- घुरमुट = झाड़ी।
- निस्तब्यता = शांति ।
- पसर = फैल।
- क्रंदन-सी = रोने जैसी ।
- उनीदी = नींद से बोझिल।
- याचना = विनती।
- भगदड़ = भागा-दौड़ी ।
- खलबली = हलचल ।
- जुर्म = अपराध।
- बेहतर = अच्छा।
पृष्ठ संख्या – 102
- कदर = तरह ।
- परिंदे = पक्षी।
- वार = चोट, प्रहार ।
- कूर = कठोर।
- आगोश = आलिंगन।
- रस्कहीन = रूखा
- मार्फत = द्वारा।
पृष्ठ संख्या – 103
- खेतिहर बालाएँ = खेतों में काम करनेवाली युवतियाँ।
- कलकल = पानी के बहने की आवाज़।
- मर्तबा = बार।
- जज्च = कैद।
- सैलाब = झरना।
- दिलकश = सुन्दर।
- वाकई = सच में, वास्तव में।
- प्रोत्साहित = उत्साह बढ़ाने।
- खेतिहर बालाएँ = खेतों में काम करनेवाली युवतियाँ।
- कलकल = पानी के बहने की आवाज़।
- मर्तबा = बार।
- जज्य = कैद।
- सैलाब = झरना।
- दिलकश = सुन्दर ।
- वाकई = सच में, वास्तव में ।
- प्रोत्साहित = उत्साह बढ़ाने।